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Hindi Diwas 14 Sept 2017

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हहिंदी हमारे राष्ट्र की अभिव्यक्ति का सरलिम स्रोि है |<br />

प्रधानाचाय ा की कलम से<br />

हहिंदी हदवस के यादगार पल<br />

ननज िाषा की उन्ननि अहै , सब उन्ननि को मूल |<br />

क्जस देश में अपनी भाषा की उन्नति नहीां है ,िहाँ के लोग कभी भी उन्नति के भशिर पर नहीां पहुँच सकिे | भाषा भसर्व<br />

अभभव्यक्ति का साधन माि नहीां है बक्कक यह आपकी शक्ति है,आगे बढ़ने की प्रेरणा है|यही कारण है कक आज जबकक लोग<br />

दूसरी भाषाओँ की चकाचौंध में िोए हुए हैं ,उस िािािरण में भी हमारा विद्यालय राष्रभाषा के प्रति सम्मान और<br />

किवव्य की मशाल जलाए हुए है | विद्यालय के प्राांगण में हहांदी–हदिस भी उिने ही उत्साह से मनाया जािा है क्जिने कक<br />

अन्य आयोजन | हहांदी माि एक भाषा नहीां है िरन हमारी मािृभाषा है | आप सभी से अनुरोध है कक आगे बढ़ने के<br />

श्रीमिी आशा प्रिाकर<br />

भलए दूसरी भाषाओँ को सीिने के साथ –साथ अपनी भाषा को भी िह सम्मान दें क्जसकी यह अर्धकाररणी है |<br />

(प्रधानाचाय ा)<br />

—- श्रीमिी आशा प्रभाकर<br />

सिंपादकीय<br />

राष्ट्रिाषा के बबना राष्ट्र गूिंगा है – महात्मा गााँधी<br />

भाषा विचारों की अभभव्यक्ति का सिवश्रेष्ठ माध्यम है |विचारों की सशति अभभव्यक्ति ही मानि के स्िरूप<br />

को आकार देिी है| िैसे िो यह प्रतिभा जन्मजाि होिी है परन्िु इसको सजाने—सँिारने और पररष्कृ ि करने में विद्यालयों की<br />

अहम ् भूभमका होिी है | विद्यार्थवयों में इस योग्यिा को विकभसि करने हेिु प्राथभमक विभाग में प्रतििषव की भाांति इस िषव भी<br />

हहांदी भाषा उत्सि ‘उमांग’ का आयोजन ककया गया क्जसमें प्राथभमक कक्षाओां के नन्हें पाखियों ने भभन्न–भभन्न प्रतियोर्गिाओां<br />

में मधुर कलरि करिे हुए अपने भावषक कौशल का प्रदशवन ककया| आज के आधुतनक और िकनीकी समय के साथ कदम से<br />

कदम भमलाकर चलने की शुरुआि है यह ई-पत्रिका | इसका तनमावण विद्यालय की प्रधानाचायाव श्रीमिी आशा प्रभाकर की प्रेरणा<br />

से , उपप्रधानाचायाव श्रीमिी अनुपमा मोटिानी के प्रोत्साहन एिां प्राथभमक विभाग की मुख्याध्यावपका श्रीमिी विनया पुजारी के<br />

मागवदशवन में सांभि हुआ | नई पीढ़ी में स्िभाषा के प्रति सम्मान और प्रेम की भािना के साथ—साथ किवव्य की भािना का भी<br />

विकास करना हमारा उद्देश्य है| इस लक्ष्य की प्राक्ति में हम नई पीढ़ी के साथ एकजुट होकर आगे बढ़ें और उन्हें नई हदशा<br />

प्रदान करें तयोंकक जीिन िो तनरांिर गतिशील है | विद्यार्थवयों को इसी राह पर आगे बढ़ने की भशक्षा देना हम अध्यापकों की<br />

क्िम्मेदारी है | लक्ष्य को पाने के भलए राह में बाधाएँ िो आिी हीां हैं लेककन उनसे डर कै सा ?<br />

कवि रामधारी भसांह ‘हदनकर’ जी ने भलिा है –<br />

‘’ जीिन उसका नहीां युर्धक्ष्ठर , जो उससे डरिे हैं ,<br />

िह उसका ,जो चरण रोप तनभवय होकर बढ़िे हैं |’’<br />

भविष्य में भी विद्याथीगण ऐसे ही सहयोग देिे रहेंगे, इसी आशा के साथ ई –पत्रिका का प्रथम अांक आपको समवपवि है |<br />

सिंपादक मिंडल — मनीषा सेठी , इलाश्री जायसवाल , अलका राय एविं उवाशी भसिंह


हदवस—१<br />

टोपी ननमााण - कक्षा १<br />

‘हहांदी सतिाह:राष्रभाषा के सम्मान का सतिाह’<br />

13 भसिम्बर 2017 को हहांदी हदिस सतिाह का शुभारम्भ कक्षा एक के नन्हें विद्यार्थवयों ने टोपी तनमावण प्रतियोर्गिा में उत्साहपूिवक<br />

भाग लेकर ककया | क्जसमें उन्होंने अपने नन्हें हाथों की कलाकारी हदिलािे हुए हहांदी साहहत्य के महान कवियों द्िारा पहनी गईं विशेष<br />

प्रकार की टोवपयों की ििव पर विभभन्न प्रकार की सुन्दर टोवपयों का तनमावण ककया एिां उन्हें पहनकर उन महान साहहत्यकारों की कवििाओां का<br />

पाठ भी ककया| इस प्रतियोर्गिा में कक्षा एक–’ब’ के साक्त्िक साहू को प्रथम स्थान िथा एक – ‘द’ की आराध्या भट्ट को द्वििीय<br />

स्थान प्राति हुआ |<br />

कक्षा दूसरी के विद्यार्थवयों ने ‘बुनो कहानी’ प्रतियोर्गिा के प्रथम चक्र में भाग भलया | यह एक बहुि ही रुर्चकर िथा रोमाांचक<br />

कायवक्रम था क्जसमें विद्यार्थवयों ने ककसी भी प्रचभलि कहानी को आज के पररिेश अनुसार पररितिवि कर प्रस्िुि ककया | सिवश्रेष्ठ<br />

प्रतिभार्गयों का चुनाि अांतिम चक्र के भलए ककया गया, जोकक 15 भसिम्बर 2017 को आयोक्जि ककया गया |<br />

पोस्टर ननमााण– कक्षा ४


हदवस—२<br />

‘ववशेष सिा‘- एक झलक<br />

(वीडडयो देखने के भलए क्तलक करें)<br />

अक्षरों की परेड – कक्षा १<br />

14 भसिम्बर 2017 को ‘हहांदी-हदिस’ मनाया गया | इसके अांिगवि सभी छाि –छािाओां के भलए एक विशेष सभा का आयोजन ककया<br />

गया | कक्षा एक के छािों ने िणवमाला का प्रदशवन करिे हुए ‘अक्षरों की सुन्दर परेड’ तनकाली िथा साथ ही सम्बांर्धि कवििा भी<br />

सुनाई | कक्षा–एक के प्रत्येक िगव से सिश्रेष्ठ प्रविक्ष्ट का चुनाि ककया गया, ‘अ’ िगव से नव्या जैन ,’ब’ िगव से आराध्या शमाव ,’स’<br />

िगव से अभभनन्दन राठौड़ , ‘द’ िगव से तनत्या , ‘इ’ िगव से अगमजोि भसांह इस प्रतियोर्गिा के विजेिा रहे |<br />

कक्षा दूसरी के छािों ने सामूहहक कवििा िाचन प्रतियोर्गिा में भाग भलया , क्जसमें ‘द’ िगव के विद्याथी प्रथम स्थान पर रहे |<br />

कक्षा दूसरी के विद्यार्थवयों के भलए ‘चेहरे पर चेहरा ‘ प्रतियोर्गिा का भी आयोजन ककया गया , क्जसमें ‘द’ िगव के दैविक को प्रथम<br />

स्थान िथा ‘अ’ िगव के प्रग्नेय श्रीिास्िि को द्वििीय स्थान भमला |<br />

कक्षा िीसरी के छािों द्िारा पांचिांि की कहातनयों का रुर्चकर मांचन ककया गया | इस प्रतियोर्गिा में कक्षा िीसरी–’स’ के विद्याथी<br />

प्रथम स्थान पर रहे | विजेिा प्रतिभार्गयों के नाम इस प्रकार हैं – आरि सैनी , अनन्ि चौहान , अक्षि झािर , अध्ययन ढौंडडयाल,<br />

प्रभसवि जैन , ररवि गुसाई, ख्याति अिाना एिां अितन िोमर |<br />

कक्षा चौथी के छािों ने जैनेन्र कु मार की विभभन्न कहातनयों की वििेचना की ,क्जसमें उन्होंने कथा िस्िु , चररि–र्चिण ,भाषा–शैली<br />

िथा कहानी के विभभन्न पक्षों की चचाव की |<br />

सामूहहक कवविा वाचन - कक्षा २<br />

पिंचििंत्र की कहाननयों का मिंचन—कक्षा ३<br />

चेहरे पर चेहरा—कक्षा २


हदवस—३<br />

जन–जन की आशा है हहिंदी, िारि की िाषा है हहिंदी |<br />

सीखो जी-िर िाषा अनेक, पर राष्ट्रिाषा न िूलो एक ||<br />

एन.बी.टी. चभलि पुस्िक प्रदशानी<br />

पुस्िक आवरण ननमााण-कक्षा ३<br />

15 भसिम्बर को कक्षा एक के छािों ने भाषा के भलखिि रूप पर ध्यान देिे हुए ‘सुभलवप ‘ लेिन प्रतियोर्गिा में हहस्सा भलया ,<br />

क्जसमें पहली –’ब’ के साक्त्िक साहू को प्रथम िथा पहली –’स’ के पाथव बरसाईं को द्वििीय स्थान भमला |<br />

कक्षा दूसरी के छािों ने बुनो कहानी प्रतियोर्गिा के अांतिम चक्र में हहस्सा भलया िथा उत्कृ ष्ट प्रदशवन ककया | इस प्रतियोर्गिा में<br />

कक्षा –दूसरी अ के छाि विजयी रहे | क्जनके नाम इस प्रकार हैं – कविन मेहरा , देिाांशु झा , आन्या गुतिा , अविरल<br />

जैन ,ररभशमा ,भानुश्रेष्ठ यांदम ,अभशवया िेद |<br />

कक्षा िीसरी के विद्यार्थवयों ने ‘पुस्िक आिरण तनमावण’ प्रतियोर्गिा में भाग भलया | क्जसमें उन्होंने अपनी पाठ्यपुस्िक के भलए<br />

ककपना िथा रचनात्मकिा के भमश्रण से नया आिरण बनाया | इसमें कक्षा िीसरी – द के ररक्त्िक एिां अयाना भसन्हा ने क्रमशः<br />

प्रथम िथा द्वििीय स्थान प्राति ककया |<br />

कक्षा चौथी के विद्यार्थवयों ने भाषा के भलखिि िथा मौखिक स्िरुप को और करीब से जानने के भलए रचनाकमी साक्षात्कार<br />

गतिविर्ध में भाग भलया | क्जसमें उन्होंने बाल पत्रिका ‘नन्दन’ की मुख्य सांिाददािा सुश्री सुनीिा तििारी ‘तनगम’ से मुलाकाि की<br />

िथा उनके व्यक्तिगि अनुभिों से प्रेरणा प्राति की |<br />

लेखक से सिंवाद – कक्षा ४<br />

(वीडडयो देखने के भलए क्तलक करें)<br />

सुभलवप लेखन – कक्षा १


शैक्षक्षक भ्रमण “भशक्षा का रहस्य के वल भलखना – पढ़ना नहीिं है , बक्कक अनुिव करके सीखना है | “<br />

अमर उजाला मुद्रणालय – कक्षा ४<br />

(वीडडयो देखने के भलए क्तलक करें)<br />

अर्धगम को सहज , सरल िथा स्थायी बनाने के भलए विद्यार्थवयों को शैक्षक्षक भ्रमण पर ले जाना अति आिश्यक है , इसीभलए<br />

कक्षा िीसरी एिां चौथी के विद्यार्थवयों को हहांदी भाषा को तनकट से जानने –समझने के भलए विभभन्न स्थलों पर ले जाया गया, जैसे<br />

– साहहत्य अकादमी , गाँधी स्मृति सांग्रहालय, अमर उजाला प्रेस आहद | गाँधी सांग्रहालय में छाि –छािाओां ने गाांधीजी के जीिन से<br />

सम्बांर्धि िस्िुओां को देिा | साहहत्य अकादमी में विद्यार्थवयों को विभभन्न साहहत्यकारों के जीिन के विषय में रोचक िथ्य िथा<br />

उनके रचना-सांसार के विषय में तनकट से जानने का अिसर भमला | सारी दुतनया को अपने अन्दर समेटे होिा है-अख़बार , पर यह<br />

अख़बार कै से एक ही राि में अपना कलेिर बदल कर हमारे सामने हर सुबह नए रूप में आिा है ,यह बच्चों ने हहांदी भाषा के<br />

अग्रणी समाचार–पि अमर उजाला के मुरणालय में जाकर सीिा |<br />

साहहत्य अकादमी – कक्षा ४<br />

(वीडडयो देखने के भलए क्तलक करें)<br />

राष्ट्रीय पुस्िक न्यास प्रदशानी<br />

गााँधी सिंग्रहालय – कक्षा ३<br />

(वीडडयो देखने के भलए क्तलक करें)


हदवस—४<br />

“उमिंग” हहिंदी हदवस उत्सव<br />

डॉ० श्रीमिी क्स्मिा चिुिेदी<br />

(मुख्य अतिर्थ)<br />

ववद्यार्थायों द्वारा प्रस्िुि रिंगारिंग कायाक्रम की झलककयााँ<br />

(वीडडयो देखने के भलए क्तलक करें)<br />

16 भसिम्बर को ‘उमांग’ उत्सि का समापन समारोह आयोक्जि ककया गया , क्जसमें प्रधानाचायाव श्रीमिी आशा प्रभाकर ने<br />

विद्यार्थवयों िथा अभभभािकों को सांबोर्धि ककया | मुख्य अतिर्थ के रूप में इांहदरा गाँधी मुति विश्िविद्यालय की प्रोफे सर डॉ०<br />

श्रीमिी क्स्मिा चिुिेदी उपक्स्थि थी | उन्होंने हहांदी भाषा के राष्रीय िथा अांिरावष्रीय स्िरुप पर प्रकाश डाला | प्राथभमक विभाग की<br />

मुख्याध्यावपका श्रीमिी विनया पुजारी ने धन्यिाद ज्ञापन हदया |<br />

समापन समारोह में प्रधानाचायाव जी ने सभी प्रतियोर्गिाओां के विजेिाओां को पुरस्कार वििररि ककए िथा आशीिावद हदया |<br />

साांस्कृ तिक कायवक्रम के अांिगवि हहांदी भाषा की सांस्कृ ि से लेकर ब्रज ,अिधी भाषाओां से होिे हुए अब िक की यािा को छाि<br />

छािाओां ने अपने सुरों से सजाकर गीिमाला के रूप में प्रस्िुि ककया |<br />

आजकल के व्यस्ि बच्चों के िोिे बचपन की व्यथा को नृत्य-नाहटका ‘बांधन मुति–बचपन‘ के रूप में मांर्चि ककया गया |<br />

अभभभािकों िथा अतिर्थयों का उत्साह देििे ही बनिा था |<br />

पुरस्कार वविरण समारोह

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