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हफसा जबीन BZC 1 st Year<br />

माता-िपता<br />

1. नद अपनी भुलाकर सुलाया हमको<br />

आँसू अपने िगरा के हँसाया हमको<br />

दद कभी न देना उन हितय को<br />

खुदा ने माँ-बाप बनाया िजनको !<br />

फू ल कभी दोबारा नह िखलते<br />

जम कभी दोबारा नह िमलते<br />

िमलते है लोग हज़ार...<br />

पर हज़ार गलितयाँ माफ़<br />

करने वाले माँ-बाप नह िमलते !<br />

2. कभी अिभमान तो कभी वािभमान है िपता<br />

कभी धरती तो कभी आसमान है िपता<br />

जम दया है अगर माँ ने<br />

जानेगा िजससे जग वो पहचान है िपता<br />

कभी कं धे पे िबठाकर मेला दखाता है<br />

कभी बनके घोडा घुमाता है िपता...<br />

माँ अगर पैर पे चलना िसखाती है<br />

तो पैर पर खड़ा होना िसखाता है िपता ..... !<br />

3. उसक हर दुआ काबुल है,<br />

वो तो ममता का एक फू ल है,<br />

शायद तभी भगवान ने भी ऊपर दरजा दया माँ,<br />

एक सी दोत कहलाती है माँ।<br />

हमको िमलता है जीवन उनके<br />

िजनके कदम म है वग बसा<br />

हमारी ख़शी म खुश हो जाती है,<br />

दुःख म हमारे आसूँ बहती<br />

कतने खुश नसीब है हम<br />

पास हमारी है माँ।<br />

4. वो खुद तय करते है मंिजल आसमान क<br />

परदो को नह दी जाती तालीम उडानो क<br />

रखते है जो हौसला आसमां छू ने का<br />

उनको नह परवाह कभी िगर जाने क।<br />

तुझे न फु सत एक पल भी उसके िलए,<br />

उसका हर पल हर लहा है तो िलए,<br />

माँ सब जानती है .....

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