BACHELOR OF ARTS (B.A.) FIRST YEAR FIRST AND ... - aisect
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2. राम नाम लै पटंतरै, देबे को कु छ नांिह3. सतगु सांचा सूरवॉ, सवद जु बाा एक।4. नां गु िमया न िसष भया, लालच खेया दाव।5. सतगु हम सु रीिझ कर, एक का संग।सुिमरन को अंगः1. कबीर कहता जात ,, सुणता है सब काइ।2. िजिह घट िित न ेम रस, पुिन रसना नह राम।3. लंबा मारग दूर घर, िवकट पंथ बटु मार।4. कबीर िनरभै राम जिप, जब लग दीवै बाित।5. कबीर सुिमरण सार है, और सकल जंजाल।िवरह कौ अंग1. चकवी िबछु टी रैिण क, आइ िमली परभाित।2. िबरह भुवंगम तन बसै, मं न लागै कोइ।3. अंषिड़यां झाई पड़ी, पंथ िनहार िनहार।4. कै िबरहिण कूं मीच दे, कै आपा दखलाए।5. सब रंग तंतर बाबतन, िवरह बजावै िन।यान िबरह कौ अंग1. दौ लागी साइर जया, पंषी बैठे आइ।2. अहेड़ी दौ लाइया,मग पुकारे रोइ।3. िहरदा भीतर दौ बलै, घूवां न गट होइ।4. पाणी मांहै जली, भई अबल आिग।कबीर के पद1. संतो भाइ आई यांन क आंधी रे।2. पंिडत बाद बदंते झूठा।3. हम न मरै मरहै संसारा, हम कूं िमया िजयावनहारा।4. हंम तौ एक एक कर जांनां।5. मन रे जागत रिहये भाई।सूरदास1. चरन-कमल बंद हर राइ।2. अिवगत-गित कछु कहत न आवै।3. भु ह सब पिततिन कौ टीकौ।4. अब म नायो बत गुपाल।7