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पररव्वान के मिावीर

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टिकाऊ विकास<br />

<strong>के</strong> लिए वैश्वक लक्ष्य


आभार:<br />

चित्रकथा जो देशों को एक करें: परिवर्तन <strong>के</strong> महावीर<br />

कहानी -<br />

कला -<br />

Josh Elder, Natabara Rollosson<br />

और Sean Southey<br />

Grace Allison और Karl Kesel<br />

अभिलेख - Type One International -<br />

Amy Tookey<br />

समपादकीष्य - Josh Elder<br />

परिकलपना - Ed Roeder<br />

अनुवाद प्रबंधक Translation By Design<br />

हिन्दी अनुवाद: मोनिका अधष्ये<br />

चित्रकथा जो देशों को एक करें: परिवर्तन <strong>के</strong> महावीर © 2015 <strong>के</strong> सर्वाधिकारदी हैं Project Everyone, PCI Media Impact और Reading With Pictures.<br />

ष्यि वस्ु आरोपण-गैरवाणिज्ष्यक-अपरिवर्तनीष्य्ा ४.0<br />

अंतर्राष्ट्दीष्य रचनातमक जन अनुज्ा<br />

<strong>के</strong> तहत मुफ् बांटदी जा सकती है।.<br />

अधिक जानकारदी <strong>के</strong> लिए:<br />

https://creativecommons.org/licenses/by-nc-nd/4.0


इस चित्रकथा को कै से पढ़ें<br />

इसीलये संयुक्त राष्ट्र संघ ने १९३ देश म<br />

७० लाख लोग से बात क और उनसे साल<br />

२०३० तक सब का सब ठक करने <strong>के</strong> उन<strong>के</strong><br />

वचार मांगे।<br />

उन लाख संवाद से नकले ह टकाऊ<br />

वकास <strong>के</strong> वैिश्वक लय -<br />

अनुशीर्षकों में बहुत तर<br />

कथन होता है, पर कभी<br />

कभी संवाद ष्या कोई<br />

अनष्य जानकारदी शामिल<br />

हो सकती है।<br />

हर पैनल में है क्रिष्या<br />

का एक भाग। पैनल<br />

क्कसी भी आकार ष्या<br />

नाप <strong>के</strong> हो सकते हैं।<br />

पैनलों को बाएं से दाईं<br />

ओर और ऊपर से नीचे पढ़ें।<br />

आथर्क, सामािजक और पयार्वरक वकास<br />

क एक योजना जो भवष्य <strong>के</strong> संसाधन को<br />

जोखम म नहं डालते हुए आज क ज़रूरत<br />

को पूरा कर स<strong>के</strong> ।<br />

शबद गुबबारों में पात्रों <strong>के</strong><br />

संवाद होते हैं। गुबबारे<br />

की पू ँछ बोलने वाले की<br />

तरफ टदीपती है। कभी<br />

कभी विभिनन रंग, आकार<br />

ष्या अक्षरों दवारा पात्र का<br />

चरित्र दिखाष्या जाता है।<br />

हाशिया माने पैनेलों <strong>के</strong> बीच<br />

<strong>के</strong> अंतर। ष्यिाँ पाठक को दो<br />

पैनेलों <strong>के</strong> बीच की क्रिष्या का<br />

अनुमान करना है।<br />

धीरज रखें! कथा और चित्र दोनों पढ़ लें।<br />

दो पैनलों <strong>के</strong> बीच कष्या हो रहा है इसका अनुमान लगाष्यें।


यह पृथ्वी है। गृह म<br />

से सबसे ख़ास।<br />

...कु छ कु दरती...<br />

...कु छ मानव रची।<br />

वस्मयकार वश्व...


पृथ्वी म रहने वाले अरब पृथ्वी<br />

वासय से वस्मयकारक कु छ<br />

भी नहं है।<br />

क्यक हम सब म<br />

कु छ खास है:<br />

एक बहतर दुनया<br />

क कल्पना करने<br />

और इसे सच करने<br />

<strong>के</strong> लए कायर् योजना<br />

बनाने क मता।<br />

और क्या यह एक<br />

तरह क महाशिक्त<br />

नहं है?<br />

अगर हम दूसर क<br />

मदद <strong>के</strong> लए इस<br />

शिक्त का प्रयोग कर,<br />

तो क्या हम सब...<br />

महावीर नहं बन<br />

जाते?


अच्छ बात ह है क्यक पृथ्वी को वीर<br />

क सख्त ज़रुरत है, जो उस<strong>के</strong> पयार्वरण<br />

क रा कर, और लोग को नाइंसाफ,<br />

गरबी और असामान्यता से बचा कर,<br />

सब<strong>के</strong> मानवाधकार क रा कर.<br />

लेकन, सब मल जाएँ तो<br />

कु छ अलग ह बात है।<br />

पर कोई नहं -<br />

एकजुट होकर हम हर समस्या<br />

का हल नकाल सकते ह और हर<br />

चुनौती पर वजय पा सकते ह।<br />

महावीर भी नहं -<br />

इतना मज़बूत नहं हो<br />

सकता जो दुनया का<br />

बोज अ<strong>के</strong> ले उठा स<strong>के</strong> ।<br />

हम बस एक<br />

योजना क ज़रुरत है।


इसीलये संयुक्त राष्ट्र संघ ने १९३<br />

देश म ७० लाख लोग से बात क<br />

और उनसे साल २०३० तक सब का<br />

सब ठक करने <strong>के</strong> उन<strong>के</strong> वचार मांगे।<br />

उन लाख संवाद से नकले ह टकाऊ वकास <strong>के</strong><br />

वैिश्वक लय -<br />

आथर्क, सामािजक और पयार्वरक वकास क एक<br />

योजना जो भवष्य <strong>के</strong> संसाधन को जोखम म नहं<br />

डालते हुए आज क ज़रूरत को पूरा कर स<strong>के</strong> ।


इन १७ वैिश्वक लय को लोग और वश्व<br />

<strong>के</strong> लए एक सवर्श्रेष्ठ सूचपत्र <strong>के</strong> नज़रए<br />

से देख - एकजुट होकर काम करने का एक<br />

तरका ताक हम इस दुनया क सबसे बड़ी<br />

समस्याओं को सुलझा सक ।<br />

आसान नहं है, पर नामुमकन भी नहं।<br />

अगर लयसाधन कामयाब रहा तो यह<br />

वश्व हम सब <strong>के</strong> लए एक और भी<br />

नष्प, और भी संपन्न और और भी<br />

सुरत जगह बन जायेगी।<br />

न्यू यॉकर् म संयुक्त राष्ट्र संघ<br />

का मुख्यालय<br />

आसान नहं है, पर नामुमकन भी नहं।<br />

संयुक्त राष्ट्र संघ क महासभा जहां राष्ट्रय प्रतनध<br />

अगर लक्श्यसाधन कामयाब रहा तो यह<br />

नणर्य लेने <strong>के</strong> लए एकत्रत होते ह


<strong>के</strong> लए ैक लय<br />

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<strong>के</strong> लए ैक लय<br />

लय बनाना बस एक शुरुआत है।<br />

लय को सच्चाई म बदलने <strong>के</strong> लए<br />

सबको कायर् योजना बनानी होगी।<br />

और सब का अथर्<br />

आप भी।<br />

तो आप कसलए रु<strong>के</strong> हुए ह?<br />

पन्ना घुमाकर देख क आप क्या<br />

कर सकते ह!


१. लय <strong>के</strong> बारे<br />

म सीख<br />

लय को समझ और यह सीख<br />

क यह आप<strong>के</strong> अपने जीवन म<br />

क्य अहम ह?


२. सबको बताएं<br />

लय को कामयाब बनाने का एक ह तरका है -<br />

उन्ह मशहूर बनाना। तो सबको अपने रचनात्मक<br />

तरक से वैिश्वक लय <strong>के</strong> बारे म बताएं और<br />

उन्ह भी वहं करने म प्रोत्साहत कर!<br />

#globalgoals दुनया बदल सकते ह, पर हम<br />

एक साथ काम करना होगा! #telleveryone


३. कु छ<br />

कर<br />

जो संगठन ह िजन<strong>के</strong><br />

मामले आप<strong>के</strong> लए<br />

महत्त्वपूणर् ह, उनसे जुड़<br />

जाएँ। अपनी सरकार <strong>के</strong><br />

साथ मलकर काम कर<br />

और अपने ह समाज म<br />

परवतर्न <strong>के</strong> महावीर बन<br />

जाएँ!


क्यक बात तो यह है: हम सबम एक ख़ास<br />

बात है, एक अनोखी मता जो दुनया -<br />

और इसम अपना जीवन - बदलकर बहतर<br />

बनाने म मदद कर सकती है।<br />

तो अपनी<br />

आत्मशिक्त ढूंढ और<br />

दुनया म बाँट!<br />

एक साथ हम कु छ भी<br />

हासल कर सकते ह!


दुनया का सबसे बड़ा पाठ एक सहयोगपूणर् शा योजना है जो संयुक्त राष्ट्र संघ <strong>के</strong> टकाऊ<br />

वकास <strong>के</strong> वैिश्वक लय से जुडी हुई है। यह योजना इस बात का सबूत है क १७वा लय<br />

"लय <strong>के</strong> लए भागीदारयां" कतना अहम है और हमारे सारे भागीदार <strong>के</strong> सहयोग <strong>के</strong> बना<br />

असंभव था।<br />

हमार संस्थापक टम का धन्यवाद:<br />

यंत्रचालन: वस्तार: अनुवाद:


दुनया भर म हमारे सहकारय को हमारा बहुत बहुत धन्यवाद:<br />

Think Global www.think-global.org.uk <strong>के</strong> सहयोग से बने पाठ। नष्प और टकाऊ वश्व <strong>के</strong> लए शण प्रचार।<br />

टकाऊ वकास<br />

<strong>के</strong> लए वैिश्वक लय<br />

Hindi (हिंददी)<br />

WORLD’S<br />

LARGEST<br />

LESSON

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