AGNISTOK 2023-24
AGNISTOK 24 is out !!!!!
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Sanskrit Poem || ा रकाराधना || (Glory of
mother India )
कं सं परं भोजकु लावतंसं
संसारपीड़ा दमेव ह वा ।
वब ुवृ दैमथुरां वहाय
समागतोऽ भुकृ णच ः ।। १ ।।
सौरा संशो भतसागर य
तीरेऽ प नीरे मरणीयशोभा ।
आभा त वेलावलया भल ना ा रकाराधना
कं संपरं भोजकु लावतंसं
संसारपीड़ा दमेव ह वा ।
वब ुवृ दैमथुरां वहाय
समागतोऽ भुकृ णच ः ।। २ ।।
सौरा संशो भतसागर य
तीरेs प नीरे मरणीयशोभा ।
आभा त वेलावलया भल ना
ा रका स त योगल ना ।। ३।।
धरातले धामसु ध यध या
लाव यपु या नगरे वन या |
का ते ! शा ते प रवेशम ये
पुन: पुन: प य वभोः व पम् ।। ४ ।।
तीथषु ध या नतरां सुपु या
करालव याकु लकालक या ।
सा ा रकाम दरमालमा या
वराजते व वभा ग या || ५ ||
.
सनातन वै दक धम एव
त य चाराथ मह स ाम्
पुर समाग य च शङ् करः सः
मठ त ां कृ तवान् महा मा ।।
६ ।।
ा रका स त यो गल ना
धरातले धामसु ध यध या
लाव यपु या नगरे वन या |
का ते ! शा ते प रवेशम ये
पुन: पुन: प य वभोः व पम्
।। ७ ।।
तीथषु ध या नतरां सुपु या
करालव याकु लकालक या ।
ा रकाम दरमा ल पाया
वराजते व वभा ग या ।।
८ ।।
सनातन वै दक धम एव
त य ह से ाम् ।
पुर समाग य न शङ् करः सः
मठ त ां कृ तवान् महा मा ।।
९ ।।
Akanksha Satpute
Electrical 3rd Year
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