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oct2015 hindi (1)

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जाफ़री अॉबज़रवर 16 अक्टूबर २०१५<br />

अहकाम<br />

आयतुल्ाह सैय्यद अली हुसैनी सीसतानी, माख़ूज़ अज़ ‘नामहरम मर्द और औरत के अहकाम’<br />

सवाल - जवाब<br />

स. कभी ऐसा देखने में आता है कि कु छ जवान आंतरिक<br />

कपडों को काफी समझ लेते हैं या वे कपडे, कालीन या<br />

मोटरकार आदि धोने के समय पैर खोलते हैं क्ा इस<br />

मामले में नामहरम उनकी ओर देख सकती है या नहीं?<br />

ज. हराम में मुब्ब्तला होने का डर हो या शहवत की दृष्टि से देखे<br />

तो जाएज़ नहीं है। बल्कि एहतियाते लाज़िम यह है कि<br />

उसके बदन के उन कहस्ों को भी न देखे, जिन्ें आमतौर<br />

पर छु पाया नहींजाता चाहे हराम में मुब्ब्तला होने का डर न<br />

हो और शहवत की दृष्टि से न देखे।<br />

स. बच्चे की माँ कितनी उम्र तक उसकी शर्मगाह को देख<br />

सकती है?<br />

ज. जब तक बचा अच्े-बुरे में भेद न कर पाए तब तक देख<br />

सकती है और जब वह अच्े-बुरे में भेद करने लगे तो<br />

एहतियाते वाजिब यह है कि शर्मगाह को न देखे।<br />

स. क्ा पिता के लिए अपने बेटों की शर्मगाह को देखना<br />

उचित है?<br />

ज. पिता के लिए बालिग़ लड़कों की शर्मगाह को देखना उचित<br />

नहीं है (चाहे वह हम्माम में हों या कहीं और) हाँ अच्े बुरे<br />

की तमीज़ रखने वाले लड़के की शर्मगाह को देखने की<br />

मनाई एहतियाते वाजिब की बिना पर है।<br />

स. अजनबी पुरुषों की सगाई के क्रम में किसी अजनबी<br />

औरत को इस तरह देखने का क्ा हुक्म है कि वह किसी<br />

मेहरम के साथ उस औरत के साथ बैठे और पसं द न आने<br />

की स्थिति में उससे सगाई न करे?<br />

ज. जो व्यक्ति किसी औरत से शादी करना चाहता है वह<br />

उसके महासिन, चेहरे, बाल और कलाई आदि को देख<br />

सकता है।<br />

स. क्ा देखने में उसकी अनुमति शर्त है?<br />

ज. देखने में उसकी इच्ा और अनुमति की शर्त नहीं है हाँ यह<br />

शर्त है कि शेहवत की नज़र से न देखे चाहे वह यह जानता<br />

हो कि उसकी ओर देखने से कहरी रूप से सुख ले रहा है<br />

लेकिन हराम में मुब्ब्तला होने की आशं का नहीं है। यह भी<br />

शर्त है कि जब उस से शादी करने में कोई रुकावट न हो<br />

जैसे इद्ा या पत्ी की बहन हो। साथ ही यह शर्त है कि उसे<br />

उसके हाल पर छोड़ नहींदिया गया हो लेकिन यह सं भावना<br />

है कि वह स्तंत्र है अन्रा जाएज़ नहीं है और एहतियात<br />

वाजिब यह है कि उसी को देखे जिससे शादी करने का<br />

इरादा है।<br />

स. जो व्यक्ति शादी करना चाहता है क्ा वह इस हेतु से<br />

किसी भी औरत को देख सकता है?<br />

ज. शादी का इरादा रखने वाला कई महिलाओं को देख कर<br />

उनमें से किसी एक का चयन नहीं कर सकता।<br />

स. क्ा उपलिखित स्थिति में फिर से देख सकता है?<br />

ज. यदि पहली बार देखने से जानकारी प्राप्त नहीं हुई हों तो<br />

फिर से देख सकता है।<br />

स. जो व्यक्ति शादी करना चाहता है क्ा उसके लिए यह<br />

वैध है कि वे विभिन्न बैठकों में कई महिलाओं को देखने<br />

और उनमें से एक का चयन करना चाहिए?<br />

ज. जाएज़ नहीं है।<br />

स. क्ा पुरुष फोटो में उस अजनबी औरत को देख सकता है<br />

जो तस्ीर में नाबालिग है और पटूरा पर्दा किए हुए नहीं है<br />

हालांकि अब वह बालिग हो चुकी है और अपने परदे का<br />

ध्ान रखती है?<br />

ज. अगर उसकी तस्ीर मौजटूदा स्थिति को दर्शाती है तो<br />

एहतियात यह है कि जाएज़ नहीं है।<br />

स. अजनबी महिला की तस्ीर देखने का क्ा हुक्म है?<br />

बाकी सफह न. ८ पर

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