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Videha ‘िवदेह’

Videha_01_12_2008

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<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्१.संपादकीय (वषर्: १ मास:१२ अंक:२३)मान्यवर,िवदेहक नव अंक (अंक २३, िदनांक १ िदसम्बर २००८) ई पिब्लश भऽ गेल अिछ। एिह हेतु लॉग ऑन कhttp://www.videha.co.in |ई अ ◌ंकक समपर्ण गवर्क-संग ओिह 16 बिलदानीक नाम जे मुम्बईमे देशक सम्मानक रक्षाथर् अपन ाणक बिलदान देलिन्ह।के सर ेत हिरत िवािणर्कमध्य नील च अिछ शोिभतचौबीस कीलक च खिचत अिछअिछ हाथ हमर पताका ई,वन्दन, भारतभूिमक पूजन,करय छी हम, लए अिरमदर्नक हम ण।अहिनर्श जािग करब हम रक्षााणक बिलदान दए देब अपनसुख पसरत दुख दूर होएत गएछी हम देशक ई देश हमरअपन अपन पथमे लागल सभकरत धन्य-धान्यक पूितर् जखनहाथ िवािणर्क च खिचत िबचबढ़त कीितर्क संग देश तखन।किर वन्दन मातृभूिमक पूजन,छी हम, बिढ़ अिरमदर्नक लए ण।समतल पवर्त तट सगरकगा गोदावरी कावेरी ताी,नमर्दाक पावन धार,सरवती,िसन्धु यमुनाक कातक हमछी गितक आकांक्षीदेशक िनमार्णक कािमर्क अिवचल,वच्छ धारक कातक बासी,3


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्कीितर् िवािणर्क हाथ लेने छी,वन्दन करैत माँ भारतीक,कीितर्क अिभलाषी,आन्धीक िबहािरक आकांक्षी।१.एन.एस.जी. मेजर सन्दीप उीकृ णन्२.ए.टी.एस.चीफ हेमंत कड़कड़े३.अशोक कामटे४.इंपेक्टर िवजय सालकर५.एन.एस.जी हवलदार गजेन् िसंह "िब"६.इंपेक्टर शशांक िशन्दे७.इंपेक्टर ए.आर.िचटले८.सब इंपेक्टर काश मोरे९.कांटेबल िवजय खांडेकर१०.ए.एस.आइ.वी.अबाले११.बाउ साब दुगु र्रे१२.नानासाहब भोसले१३.कांसटेबल जयवंत पािटल१४.कांसटेबल शेघोष पािटल१५.अम्बादास रामचन् पवार१६.एस.सी.चौधरीसंगिह "िवदेह" केँ एखन धिर (१ जनवरी २००८ सँ २९ नवम्बर २००८) ६६ देशक ६३० ठामसँ १,२७,०८० बेर देखल गेल अिछ(गूगल एनेलेिटक्स डाटा)- धन्यवाद पाठकगण।अपनेक रचना आऽ ितियाक तीक्षामे।4


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्गजेन् ठाकु र, नई िदी। फोन-09911382078ggajendra@videha.co.in ggajendra@yahoo.co.inअंितका काशन की नवीनतम पुतकेंउपन्यासकहानी-संहमोनालीसा हँस रही थी : अशोक भौिमक मू. सिजद २००.०० पे.बै. ८०.००रेल की बात : हिरमोहन झा मू. सिजद १२५.०० पे.बै. ७०.००इितहास, ी-िवमशर् और िचंतनछिछया भर छाछ : महेश ·टारे मू. सिजद २००.०० पे.बै. १००.००कोहरे में कं दील : अवधेश ीत मू. सिजद २००.०० पे.बै. १००.००शहर की आिखरी िचिडय़ा : काश कान्त मू. सिजद २००.०० पे.बै. १००.००पीले कागज़ की उजली इबारत : कै लाश बनवासी मू. सिजद २००.०० पे.बै. १००.००नाच के बाहर : गौरीनाथ मू. सिजद २००.०० पे.बै. १००.००आइस-पाइस : अशोक भौिमक मू. सिजद १८०.०० पे.बै. ९०.००भेम का भे माँगता कु हाड़ी ईमान : सत्यनारायण पटेल मू. सिजद २००.०० पे.बै.९०.००कु छ भी तो मानी नहीं : मनीषा कु ले मू. सिजद २००.०० पे.बै. १००.००बड़कू चाचा : सुनीता जैन मू. सिजद १९५.००किवता-संहया : शैलेय मू. १६०.००कु आर्न किवताएँ : मनोज कु मार ीवातव मू. १५०.००कब लौटेगा नदी के उस पार गया आदमी : भोलानाथ कु शवाहा मू. २२५.००जीना चाहता हूँ : भोलानाथ कु शवाहा मू. ३००.००िडजाटर : मीिडया एण्ड पािलिटकस : पुण्य सून वाजपेयी मू. सिजद ३००.०० पे.बै.१६०.००एंकर की नज़र से : पुण्य सून वाजपेयी मू. सिजद ३५०.०० पे.बै. १७५.००पालकालीन संकृ ित : मंजु कु मारी मू. २२५.००ी : संघषर् और सृजन : ीधरम मू. २००.००अथ िनषाद कथा : भवदेव पाण्डेय मू. १८०.००शी कायबादल सरकार : जीवन और रंगमंच : अशोक भौिमकिकसान और िकसानी : अिनल चमिडय़ामाइोकोप (उपन्यास) : राजेन् कु मार कनौिजयापृथ्वीपु (उपन्यास) : लिलत अनुवाद : महाकाशमोड़ पर (उपन्यास) : धूमके तु अनुवाद : वणार्मोलाज़ (उपन्यास) : िपयैर ला मूर अनुवाद : सुनीता जैनज्या कोई है (कहानी-संह) : शैलेयएक साथ िहन्दी, मैिथली में सिय आपका काशन5


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्लाल िरज्बबन का फु लबा : सुनीता जैन मू. १९०.००लूओं के बेहाल िदन में : सुनीता जैन मू. १९५.००फैं टेसी : सुनीता जैन मू. १९०.००दु:खमय अराकचक : याम चैतन्य मू. १९०.००अंितका काशनसी-56/यूजीएफ-4, शालीमार गाडर्न, एकसटेंशन-IIगािजयाबाद-201005 (उ..)फोन : 0120-6475212(िवापन)ुित काशनसँ१.पंचदेवोपासना-भूिम िमिथला- मौन२.मैिथली भाषा-सािहत्य (२०म शताब्दी)- ेमशंकरिसंह३.गु ंजन जीक राधा (ग-प-जबुली िमित)- गंगेशगुंजन४.बनैत-िबगड़ैत (कथा-गप संह)-सुभाषचन्यादव५.कु क्षेम्–अन्तमर्नक, खण्ड-१ आऽ २ (लेखककिछिड़आयल प, उपन्यास, गप-कथा, नाटक-एकाी,बालानां कृ ते, महाकाय, शोध-िनबन्ध आिदक समसंकलन)- गजेन् ठाकु र७.हम पुछैत छी (प-संह)- िवनीत उत्पल८. नो एण्ी: मा िवश- डॉ. उदय नारायण िसंह“निचके ता”९/१०/११ १.मैिथली-अंेजी शब्दकोश, २.अंेजी-मैिथली शब्दकोश आऽ ३.पी-बन्ध (िडिजटल इमेिजंगआऽ िमिथलाक्षरसँ देवनागरी िलप्यांतरण) (तीनू पोथीकसंकलन-सम्पादन-िलप्यांतरण गजेन् ठाकु र ,नागेन् कु मार झा एवं पीकार िवानन्द झा ारा)ुित काशन, रिजटडर् ऑिफस: एच.१/३१, ितीय तल,सेक्टर-६३, नोएडा (यू.पी.), कॉरपोरेट सह संपकर्कायार्लय- १/७, ितीय तल, पूव पटेल नगर, िदी-११०००८. दूरभाष-(०११) २५८८९६५६-५७ फै क्स-(०११)२५८८९६५८Website: http://www.shruti-publication.com6


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्६.िवलिम्बत कइक युगमे िनब (प-संह)- पंकजपराशरe-mail: shruti.publication@shruti-publication.com(िवापन)२.संदेश१.ी ो. उदय नारायण िसंह "निचके ता"- जे काज अहाँ कए रहल छी तकर चरचा एक िदन मैिथली भाषाक इितहासमेहोएत। आनन्द भए रहल अिछ, ई जािन कए जे एतेक गोट मैिथल "िवदेह" ई जनर्लकेँ पिढ़ रहल छिथ।२.ी डॉ. गंगेश गुंजन- एिह िवदेह-कमर्मे लािग रहल अहाँक सम्वेदनशील मन, मैिथलीक ित समिपर्त मेहनितक अमृत रंग,इितहास मे एक टा िविश फराक अध्याय आरंभ करत, हमरा िवास अिछ। अशेष शुभकामना आ बधाइक स, सनेह|३.ी रामाय झा "रामरंग"- "अपना" िमिथलासँ संबंिधत...िवषय वतुसँ अवगत भेलहुँ।...शेष सभ कु शल अिछ।४.ी जेन् िपाठी, सािहत्य अकादमी- इंटरनेट पर थम मैिथली पािक्षक पिका "िवदेह" के र लेल बाधाई आऽ शुभकामनावीकार क।५.ी फु कु मार िसंह "मौन"- थम मैिथली पािक्षक पिका "िवदेह" क काशनक समाचार जािन कनेक चिकत मुदा बेसीआािदत भेलहुँ। कालचकेँ पकिड़ जािह दूरिक पिरचय देलहुँ, ओिह लेल हमर मंगलकामना।7


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्६.ी डॉ. िशवसाद यादव- ई जािन अपार हषर् भए रहल अिछ, जे नव सूचना-ािन्तक क्षेमे मैिथली पकािरताकेँ वेशिदअएबाक साहिसक कदम उठाओल अिछ। पकािरतामे एिह कारक नव योगक हम वागत करैत छी, संगिह "िवदेह"कसफलताक शुभकामना।७.ी आाचरण झा- कोनो प-पिकाक काशन- ताहूमे मैिथली पिकाक काशनमे के कतेक सहयोग करताह- ई तऽभिवय कहत। ई हमर ८८ वषर्मे ७५ वषर्क अनुभव रहल। एतेक पैघ महान यमे हमर ापूणर् आहुित ा होयत- यावत ठीक-ठाक छी/ रहब।८.ी िवजय ठाकु र, िमिशगन िविवालय- "िवदेह" पिकाक अंक देखलहुँ, सम्पूणर् टीम बधाईक पा अिछ। पिकाक मंगलभिवय हेतु हमर शुभकामना वीकार कएल जाओ।९. ी सुभाषचन् यादव- ई-पिका ’िवदेह’ क बारेमे जािन सता भेल। ’िवदेह’ िनरन्तर पिवत-पुिपत हो आऽ चतुिदर्कअपन सुगंध पसारय से कामना अिछ।१०.ी मैिथलीपु दीप- ई-पिका ’िवदेह’ के र सफलताक भगवतीसँ कामना। हमर पूणर् सहयोग रहत।११.डॉ. ी भीमनाथ झा- ’िवदेह’ इन्टरनेट पर अिछ तेँ ’िवदेह’ नाम उिचत आर कतेक पेँ एकर िववरण भए सकै त अिछ। आइ-कािह मोनमे उेग रहैत अिछ, मुदा शी पूणर् सहयोग देब।१२.ी रामभरोस कापिड़ मर, जनकपुरधाम- "िवदेह" ऑनलाइन देिख रहल छी। मैिथलीकेँ अन्तरार्ीय जगतमे पहुँचेलहुँतकरा लेल हािदर्क बधाई। िमिथला रत्न सभक संकलन अपूवर्। नेपालोक सहयोग भेटत से िवास करी।१३. ी राजनन्दन लालदास- ’िवदेह’ ई-पिकाक माध्यमसँ बड़ नीक काज कए रहल छी, नाितक एिहठाम देखलहुँ। एकरवािषर्क अ ◌ंक जखन ि ट िनकालब तँ हमरा पठायब। कलकामे बहुत गोटेकेँ हम साइटक पता िलखाए देने िछयिन्ह। मोन तँ होइतअिछ जे िदी आिब कए आशीवार्द दैतहुँ, मुदा उमर आब बेशी भए गेल। शुभकामना देश-िवदेशक मैिथलकेँ जोड़बाक लेल।१४. डॉ. ी ेमशंकर िसंह- अहाँ मैिथलीमे इंटरनेटपर पिहल पिका "िवदेह" कािशत कए अपन अुत मातृभाषानुरागकपिरचय देल अिछ, अहाँक िनःवाथर् मातृभाषानुरागसँ ेिरत छी, एकर िनिम जे हमर सेवाक योजन हो, तँ सूिचत करी। इंटरनेटपरआोपांत पिका देखल, मन फु ित भ' गेल।(c)२००८. सवार्िधकार लेखकाधीन आऽ जतय लेखकक नाम निह अिछ ततय संपादकाधीन।िवदेह (पािक्षक) संपादक- गजेन् ठाकु र। एतय कािशत रचना सभक कॉपीराइट लेखक लोकिनक लगमे रहतिन्ह, मा एकर थम काशनक/ आकार्इवक/ अंेजी-संकृ तअनुवादक ई-काशन/ आकार्इवक अिधकार एिह ई पिकाकेँ छैक। रचनाकार अपन मौिलक आऽ अकािशत रचना (जकर मौिलकताक संपूणर् उरदाियत्व लेखक गणक मध्य8


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्छिन्ह) ggajendra@yahoo.co.in आिक ggajendra@videha.com केँ मेल अटैचमेण्टक पमेँ .doc, .docx, .rtf वा .txt फॉमटमे पठा सकै त छिथ।रचनाक संग रचनाकार अपन संिक्ष पिरचय आ’ अपन कै न कएल गेल फोटो पठेताह, से आशा करैत छी। रचनाक अंतमे टाइप रहय, जे ई रचना मौिलक अिछ, आऽ पिहलकाशनक हेतु िवदेह (पािक्षक) ई पिकाकेँ देल जा रहल अिछ। मेल ा होयबाक बाद यथासंभव शी ( सात िदनक भीतर) एकर काशनक अंकक सूचना देल जायत। एिह ईपिकाकेँ ीमित लमी ठाकु र ारा मासक 1 आ’ 15 ितिथकेँ ई कािशत कएल जाइत अिछ।महवपूणर् सूचना (१):महवपूणर् सूचना: ीमान् निचके ताजीक नाटक "नो एंी: मा िवश" के र 'िवदेह' मे ई-कािशत प देिख कए एकर िंट पमे काशनक लेल 'िवदेह' के रसमक्ष "ुित काशन" के र ताव आयल छल। ी निचके ता जी एकर िंट प करबाक वीकृ ित दए देलिन्ह। िंट प हाडर्बाउन्ड (ISBN NO.978-81-907729-0-7मूय .१२५/- यू.एस. डॉलर ४०) आऽ पेपरबैक (ISBN No.978-81-907729-1-4 मूय . ७५/- यूएस.डॉलर २५/-) मे ुित काशन, १/७, ितीय तल,पटेल नगर (प.) नई िदी-११०००८ ारा छापल गेल अिछ। e-mail: shruti.publication@shruti-publication.com website:http://www.shruti-publication.comमहवपूणर् सूचना:(२) 'िवदेह' ारा कएल गेल शोधक आधार पर १.मैिथली-अंेजी शब्द कोश २.अंेजी-मैिथली शब्द कोश आऽ ३.िमिथलाक्षरसँ देवनागरी पाण्डुिलिपिलप्यान्तरण-पी-बन्ध डाटाबेश ुित पिब्लके शन ारा िन्ट फॉमर्मे कािशत करबाक आह वीकार कए लेल गेल अिछ। पुतक-ािक िविधक आऽ पोथीक मूयक सूचनाएिह पृ पर शी देल जायत।महवपूणर् सूचना:(३) 'िवदेह' ारा धारावािहक पे ई-कािशत कएल जा' रहल गजेन् ठाकु रक 'सहबाढ़िन'(उपन्यास), 'गप-गुच्छ'(कथा संह) , 'भालसिर' (प संह),'बालानां कृ ते', 'एकाी संह', 'महाभारत' 'बु चिरत' (महाकाय)आऽ 'याा वृांत' िवदेहमे संपूणर् ई-काशनक बाद िंट फॉमर्मे कािशत होएत। काशकक, काशन ितिथक,पुतक-ािक िविधक आऽ पोथीक मूयक सूचना एिह पृ पर शी देल जायत।महवपूणर् सूचना (४): "िवदेह" के र २५म अंक १ जनवरी २००९, ई-कािशत तँ होएबे करत, संगमे एकर िंट संकरण सेहो िनकलत जािहमे पुरान २४ अंकक चुनल रचनासिम्मिलत कएल जाएत।महत्वपूणर् सूचना (५): १५-१६ िसतम्बर २००८ केँ इिन्दरा गाँधी राीय कला के न्, मान िसंह रोड नई िदीमे होअयबला िबहार महोत्सवक आयोजन बािढ़क कारण अिनितकाललेल थिगत कए देल गेल अिछ।मैलोरंग अपन सांकृ ितक कायर्मकेँ बािढ़केँ देखैत अिगला सूचना धिर थिगत कए देलक अिछ।२.ग२.१.कथा 1.सुभाषचन् यादव२.२.बी. पीं कोइराला कृ त मोिदआइन मैिथली पान्तरण बृषेश चन् लाल२.३.उपन्यास- चमेली रानी- के दारनाथ चौधरी२.४. १.मैिथली भाषा आ सािहत्य - ेमशंकर िसंह २.व. राजकमल चौधरी पर-डॉ. देवशंकर नवीन (आगाँ)२.५.सगर राित दीप जरय मैिथली कथा लेखनक क्षेमे शान्त ािन्त-डा.रमानन्द झा ‘रमण‘२.६. दैिनकी-ज्योित/ कथा- ेमचन् िम9


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्2000सँ लहेिरयासरायमे िनवास। मैिथली िफम ममता गाबय गीतक मदनमोहन दास आ उदयभानु िसंहक संग सह िनमार्ता।तीन टा उपन्यास 2004मे चमेली रानी, 2006मेकरार, 2008 मे माहुर।चमेली रानी- के दारनाथ चौधरीक ट भेलिन तकर हाल की कहल जाय। सुपती गाँथ बला बनिबलाड़ बनल।मुदा ओिह सभ काज मे दू वषर्क समय बीित गेलिन तखन िचनगारीजी केँ एकाएक मोन पड़लिन् हशिनचरी। शिनचरी मोन पिड़ते ओ ब् याकु लभ मोिदयािनक अाक हेतु थान के लिन।कनही मोिदयािन हुलास सँ िचनगारीजीक वागत करैत बाजल रे िचनगारी! तोहर अमानत केँ हम ओिरयाक राखल। मुदा गारल असफ केँ लेबासँ पिहने अिगला-िपछला िहसाब चुकता क दे।िचनगारीजी भावुक भ उठला आँिख सँ नोर टपकय लगलिन कं ठ अव भ गेलिन। ओ गीक गी नोट कनही मोिदयािनक पयर परपसािर देलिन। फे र एकटा पैघ सूटके श केँ आगाँ करैत बजलाह अिह मे अगेली-िपछेली सोनाक गहना आ व ा भरल अिछ।कनही मोिदयािनक आँिख फािट क बाहर िनकल लगलै। ओ आ चयर् सँ िचनगारी केँ िनहारय लागिल। िचनगारी अत् यन् त न वाणी मेबजला हम जे िकछु छी से अहाँक परसादे। अहाँ ई िकएक बुझिलयैक जे हम अहाँक वागत मे खाली हाथे आयब। हयै मोिदयािन! िचनगारी अहाँकसेवक अहाँक अाकारी।कनही मोिदयािन केँ सुइद-मूर सँ कइएक गुणा बेिस भेिट गेलै। ओ हँसैत बाजिल एकटा औरो बात जानल जाए हे मनी टर साहेब! गंगा-कात सँएकटा मनुक् ख केँ आिन जकर नाम िछयै कीतर्मुख शिनचरीक िबयाह करा देिलयैक अिछ। आिखर समाज सँ लोक-लाज सँ अहाँक रक्षा करबआव यक छल। कीतर्मुख केँ सहवास करैक लूिर निह छैक। शिनचरी सँ बच् चा अहाँ जन् माउ आओर बाप बनत कीतर्मुख।हे एकरा कहै छैक बुि। कनही मोिदयािनक सोचब भिव य केँ काया-क प बनेबा मे के सकत।िचनगारीजीक िवभागक गाड़ी बडीगाडर् आ पीए आिद सभ िकयो पटना वापस भेल। िचनगारीजी बहुतो िदन तक कनही मोिदयािनक अा मेअटकल रहलाह। मध मे घोरल शु िशलाजीतक बुकनी िमसरी देल ललका अरहुलक मोरब् बा आओर िगलासक िगलास बकरीक दूध मेबादाम के सर आ हफीम फें टल पेय केँ िचनगारीजी उदर त करैत रहलाह एवं कनही मोिदयािनक यव था मे जमकल रहलाह। पिरणामभेल युिधि ठरक आगमनक सूचना।िबदाह हेबाकाल िचनगारीजी कनही मोिदयािन केँ बुझा क कहलिन जेशिनचरीक खरचा होइबला बच् चाक खरचा कीतर्मुखक खरचा आआन सब खरचा मासे मास पटना सँ आयल करत। कोनो बातक िचन् ता जुिन करब। स्◌ो मनी टर की ने क सकै त अिछकालमे युिधि ठरक अिह भूलोक मे पदापर्ण भेलिन। मुदा हुनक जन् मक बाद िचनगारीजी फे र कनही मोिदयािनक अा पर वापस निह आिबसकलाह।पटनाक नेतागणक बीच यिप िचनगारीक कीितर्-पताखा बड़ उच् च मे फहराइत रहैन् ह मुदा ओ एकटा पैघ पाप क बैसलाह तकर ायि चतोनिह क सकलाह। सबटा नसीबक दोष।17


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्पिहल के िबनेटक मीिटंग। सीएम गुलाब िमिसरक भाषण भेल भाइ लोकिन हम जो कु छ बोलता हूँ उसको आप सभी िधयान से सुनने का क टकरें आऊरो सचेत हो जायें। हमरा एक मंा है सातू खाते रहो राज करते रहो। कँ ेिसया सातू छोड़ा खाने लगा पोलाव। नतीजा क् या हुआ सब मैटरआपके सामने है। हम िफर दोहराता हूँ सातू िजन् दाबाद! सातू िजन् दाबाद!मुदा िचनगारीजी अपन नेताक गुवाणी िबसिर गेलाह। पोलाव िबरयानी मूगर्-मोस लम किटया भरल ठरार्। पिहने हुनका ब् लड ेसर धक् कादेलकिन फे र डाइभीिटज। डाक् टर भेटलिन चाइबासाक सेडू ड ाइब् सक नम् बर दूक डा. पी. के . मूरमूर।डाक् टर मूरमूर जखन पिहल मेिडकल परीक्षा मे दािखल भेल छलाह त कु ल माक् सर् एलिन एगारह। हुनकर सहोदर ाता हे थ मनी टर छलथीन।हुनका परम आ चयर् भेलिन कु छ हो एग् गारह नम् बर तो लाया। अब मेरा भाई डाक् टर बनकर रहेगा।हैडाक् टर मूरमूर िचनगारीजीक जाँच के लिथन् ह आओर उपदेश देलिथन् ह बड़ा आदमी का िनसानी है ब् लड ेसर और डाइबीिटज। दवा िलख िदयाखाते रिहए और देश का काज करते रिहए।एलोपैथी दवाइ खाइबला केँ जँ भोका उखराहा मे मुँह मे खटिमीक वाद अबैक त सचेत भ जेबाक चाही। मुदा िचनगारीजी मनी टर।हुनका चेतबाक फु सर्ित कहाँओिह िदन िचनगारीजी रतुका खुमारी तोड़ैक लेल पिहने ललका रमक एक िगलास िपलिन। फे र िटािनया िब कु ट केँ िचके न सूप मे िभजा क मुँहमे रखलिन की पेट मे हूक उठलिन। किनएँ कालक बाद पेट मे मरोड़। पेटक व तु बाहर हेबालेल भगवान मनुक् खक शरीर मे दूटा ार देने छिथन् ह।िचनगारीक दुनू ारक पट एकिह संग खुिज गेलिन। पिछला रतुका खेलहाअखरोट छहोड़ा िकसिमस साबुत िनकलय लागल। डा. मूरमूर एलाह आिचनगारीजी केँ देिखते बजलाह इसको तुरंत अ पताल भेजो। मरीज बहुत गन् दा है।अ पतालक नाम भेल अभावक पराका ठा। िचनगारीजी अ पतालक अ यव थाक कौतुहल मे फं िस गेलाह आ मुँह-बािब दम तोिड़ देलिन। िकयोकहलक हाटर् फे ल हो गया। दोसर कहलक नही नही पेट मे भुरकी हो गया। िकयो िकछु त िकयो िकछु ।िकछु होउक मनी टर बला बात। आध दजर्न डाक् टर गहन छान-बीन के लाक बाद िनणर्य देलक िचनगारीजी मर चुके हैं। सच तो यह है िकअ पताल आने के मागर् में ही इनकी मृत् यु हो चुकी थी।संध् याकाल सीएम रेिडयो पर भाषण देलिन िचनगारीजी एक करमठ इमानदार त् यागी और ान् त के महान नेता थे। हमलोग को भवसागर मेंछोड़कर चले गए। उनके िरक् त थान की पूितर् कोई नहीं कर सकता है। हम उनके आत् मा की शािन् त का ाथर्ना करता हूँ।कनही मोिदयािन केँ जखन िचनगारीक मृत् युक समाचार भेटलै त ओ आकु ल भ क बफािर तोड़ब शु के लक। नवका नोटक फरफराइत गीओकरा आँिख मे वप् नवत घुम लगलै। मुदा बहुत ज दीए ओ अपन ध् ◌ौयर् केँ बाकु ट मे समेटलक। अरे! िवधाताक बनाओल िविध यव था सबसँऊपर।कनही मोिदयािन शिनचरी केँ बजा क कहलकै चूड़ी निह फोड़ रह दे सेनूर निह पोछ ललका-िपअरका नुआ पिहरते रह । आइ तक तूँपरतंा छलह। आब हे पवती शिनचरी! तूँ वतंा छह। ससे संसार मे उड़ । अपनो स रह आ हमरो स करैत रह ।शिनचरी केँ वतंा होइत देरी कनही मोिदयािनक आमदनी मे इजाफा भेलैक। ओम् हर आमदनी बढ़ैत गेल आ एम् हर शिनचरी मशः चािरटाआओर बेटाक जन् म देलक। मुदा अिन् तम बेटाक जन् म-काल बुझू धरती फािट गेलै आ शिनचरी ओिह मे समा गेिल।18


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्कीतर्मुख आब पाँच सन् तानक िपता छल। कनही मोिदयािन जामे तक िजअल ओकर िसनेहओकर देख-भाल मे कोनो कमी निह आयल।कीतर्मुखक नकु लवाबला गप सुिन क अजु र्न केँ चण् ड तामस भेलैक। ोधसँ ओकर आँिख लाल भ उठलै। िपछला दू अन् हिरयाक पाँच हजारटाका थानाक बाँकी छैक। कतेक नेहौरा के लाक बाद थाना भारी एक आओर अन् हिरया उधार देलक। डकै तीक काज मे की कोनो लज् जत रिह गेलैहें कबला सब पलटनक गाड़ी जकाँ कतार मे चलैत छै। इलाका ओिहना दिरर। तखन त बाहरक कोनो भुितआयल मुसािफर फँ सल त िकछु झड़ल।अजु र्न आइ एक घंटा चू हाइक महावीर मंिदर मे मनौती के लकिनदर्यी बाप ककरो ने हो।तखन डकै तीक धन् धा पर िवदा भेल छल। बीचिहं मे टोक। हे महावीर! एहनरे हे अरजुनमा! िकछु बाजै निह छएँ। टुकु र-टुकु र तकला सँ की हेतौक पोिस-पािल क सबकेँ पैघ के िलऔक। आब नकु लबा के रा ता परअननाइ तोहर फजर् बनै छौ। छोटका सहदेवा एखन चरबाही करै अिछ ठीके अिछ। आब हम बूढ़ भेिलऔ। अपन िजम् मेदारी केँ कम कर चाहैत छी।अजु र्न फे र घूिम केँ बाप िदस तकलकबाजल बेसी टेएँ-टेएँ करब ने त अखुन् ते आिब क गदर्िनक ही तोिड़ देब ।कीतर्मुख अपन गरदिन पर हाथ रखलक त ओकरा मोन पड़लै जे ओकरा गरदिन छलैहे निह। सही मे कीतर्मुखक शरीरक बनाबट अजीब रहैक।लग् गा सन नम् हर-नम् हर दुनू टांग घकचल पेट आ छाती कन् हा पर पौड़ल मूड़ी गरदिन नदारत। पीठ पर कु ब् बर। तें भीख मंगै काल िकयो ओकरा घेंचूत िकयो ढेँचू कहैक। कीतर्मुख केँ किनओ बुझल निह रहैक जे ओकर माय-बाप के गंगा-कात मे भीख मंगैत ओ पैघ भेल आ गंगा-कातक पण् डाओकर नामकरण के लकै कीतर्मुख।भगवान सबकेँ देखै छिथन् ह। सभहक इन् तजाम करैत छिथन् ह। कीतर्मुख जखन चे टगर भेल त गंगा नदीक कछेर मे माँछ पकड़ए लागल। आध-आध मनक रहु आ भाकु र ओ हाथे सँ पकिड़ िलअए। ई गुण ओकरा अपने-आप आिब गेल छलै। ओही माँछ के बेचैक म मे ओकरा कनही मोिदयािनसँ पिरचय भेलै।आ एक िदन कनही मोिदयािन कीतर्मुख केँ बुझा-सुझा क कहलकै कतेक िदन तक बौआइत रहब । आब ठेकाना पकिड़ लैह।ठेकाना भेल कमचीबला मचान पत् नी भेटलै शिनचरी आ बेटा भेलै पाँच। कोनो चीजक िमिसयो भिर कमी निह। बुझल जाउ पूवर् जन् मककमायल नीक कमर्क भोग कीतर्मुख केँ अनायास ाप् त होब लगलै।मुदा आइ अजु र्नक गरदिनक ही तोड़ै बला गप सुिन क ओकरा ब दुख भेलै। एहन ममार्हत बला दुख ओकरा किहओ ने भेल रहैक। ओचा कात नजिर िखरौलकओकर बतारीक िकयो निह छैक।अजु र्न केँ ओ िनहािर क देखलक। कीतर्मुखक आँिख मे चोन् हा-मोन् हा लािग गेलैक। साँस सेहो ठमिक गेलैक। असल मेक मुँह बािब देलक।कीतर्मुख अइँठखैर कीतर्मुख केँ की भेलैक से त सहदेवा जखन राित मे ओकर खेनाइ ल क आओत तखन पता चलतैक। सहदेवा कीतर्मुखक सबसँ छोटनेना िचनगारीजीक असिलका बेटाक ओिहठाम चरबाही करैत छल। भोरका पनिपआइ िदनका कलउ आ रतुका खेनाइ ओकरा जे भेटैक ओिह मे सँआधा ओ खाइ छल आओर आधा कीतर्मुख केँ खुआबै छल। मजाल की जे कीतर्मुख एको साँझक भूखल रिह गेल हो। सहदेवा केँ अपन बापक ित जेममता छलै से संसार मे याप् त िसनेहक उम उदाहरण छल।आब सब िकछु केँ छोड़ू । चलू अजु र्नक संग डकै तीक अिभयान पर।19


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्अजु र्न सबसँ पिहने गोिपयाक पिसखाना पहुँचल। जािह िदन सँ ताड़ी पर सँ एक् साइज हटलैअिछ। चा कात भकभक इजोत।तािह िदन सँ िडिबयाक थान पर पेोमेक् स जड़ैतअजु र्नक शािगदर् मे पिहल नम् बर पर छल भू ला। अजु र्न केँ देिखते भू ला बािज उठल आह! ओ ताद आिब गेलाह।भू ला एक िगलास मे उज् जर फफनाित ताड़ी ल क अजु र्न लग पहुँचल आ िरपोट देब लागल बेगुसराय बला उधार गोली निह देलक।कहलक िपछला उधार चुका तखन अिगला उधार ले।अजु र्नक िगरोह मे सात नौजवान छलै। मुदा तािह मे कु ल पाँच देशी िरभालवर आ तकर माा तीनटा गोली। आब अहीं कहू डकै तीक काजकोना हैत सब काज मे पूंजी चाही। पूंजीक अभाव अजु र्न केँ पनपै मे महाबाधक छल।तखनअजु र्न ताड़ीक िगलास भू लाक हाथ सँ लैत न के लकै ।तखन की। सरपट मुसरीघराड़ी पहुँचलहुँ। अहाँक भैयाक गोर छू लऊँ । दुखड़ा कहिलयै। ओ भरल एक पॉिकट गोली द िवदा के लिन आकहलिन अजु र्न से कहना उसका भतीजा पैदा हुआ है। फु सर्त िमले तो आकर देख जाय ।अजु र्नक मोन गदगद भ उठलैक। ओ भू लाक पीठ ठोकलक। ताड़ी केँ चुक मे ल आचमिन के लकथोड़ेक ताड़ी हाथमे लय सम् पूणर् देह पर िछिट लेलक।एक घट ताड़ीक कु र के लक आअजु र्न ताड़ी निह िपबैत अिछ। असल मे अजु र्न कोनो िनशा किरते ने अिछ। मुदा डकै तीक काज मे भभकै त ताड़ीक गन् ध जरी होइत छैक तेँ ईटोटमा।अजु र्न हाथ मे लागल ताड़ीक िचपिचपाहिट कात करोट मे पोछैत भू ला सँ कहलक त सब तैयार रह। हम हेड अ◌ॉिफस केँ खबिरक क तुरंत वािपस आिब रहल छी।हेड अ◌ॉिफस यानी चमेलीरानीक अा।कनही मोिदयािन अपन एकमाा सन् तान चमेली केँ बरौनी िरफाइनरीक इंगिलस कू ल मे नाम िलखा क हॉ टल मे रािख देने छलैक। ओ जखनमरल त चमेली दसमाक परीक्षा द देने छलै।कनही मोिदयािनक मृत् युक बाद चमेली पुरना डीह-डाबर केँ बेिच हाइवे पर फै ल जगह देिख नवका अा बनेलक। नवका जमाना नवकािवचार। चमेलीक पक् का दूमंिजला मकान। रहैक सूतैक खाइ-िपबैक आ गुलछड़ार् करैक अलग-अलग कमरा। सब इन् तजाम फ ट-क् लास। िकछु एमास मे हािकम हुक् काम मंा◌ी-संतरी चोर-उचक् का पंिडत-कसाइ सबहक माइ िडयर चमेली ।चमेलीक माथ पर भूखन िसंहक बरदह त। िरफाइनरी सँ हिथदह तक सबसँ खूंखार डकै त भूखन िसंह चमेलीक धमर्-िपता छल। िदआराकचन् हाई क् यूलक बच् चा भाइ आ मोकामाक धोहरलाल तोपबालासब भूखन िसंहक मातहत मानू भूखन िसंहक आगू खपटा।चमेली केँ ककरो परबािह निह। ओकर जवानी अंगार भ क दहिक रहल छलै। ऊपर सँ पढ़ल-िलखल फटाफट अँेजी बजैबाली तेज-तरार्रआ मुँहफट। परगना भिरक डकै त पिहने चमेलीक अा पर जेबे करत हरी झण् डी लेत फे र आगाँ पयर उठाओत सैह िनयम छलैक।अजु र्न जखन चमेलीक अा पर पहुँचल तखन माा सात बाजल रहैक। ओना अन् हिरयाअन् हार केँ झंपने िकछु बेिसए अन् हार भ चुकल छलै।20


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्दू टा पावरफू ल लैम् पक बीच बैसिल चमेली। कान मे झुमका नाक मे निथया गरदिन मे सोनाक हार निह िकछु निह एकोटा गहना चमेलीनिह पिहरने छल। ने पाउडर ने नो आ ने काजर। िकछु निह माा एकटा िबन् दी ललाट पर दमकै त रहैक।अजु र्न चमेलीक सपाट चेहरा पर नजिर अँटके लक। ओकर नजिर िपछिड़गेलै। मुदा ओकरा प ट भान भेलै जे एकटा हँ◌ंसीक लहिर चमेलीकआँ◌ंिख मे काँिप गेल होइक। ओना अजु र्न केँ धोखा सेहो भ सकै त छै। िकं तु चमेलीक िबन् दी सँ एकटा ज् योित पसिर रहल छलै अिह मे कोनो धोखानिह छलै।होअजु र्न िदस चमेली एकटक िनहािर रहल छलीह जािह मे कोनो िवशेष िनमंाणक अन् दाज छलै। चमेली बजलीह कौन है रेकु कु रमुा तुमकु कु रमुा सम् बोधन अजु र्नक लेल छलै। कनही मोिदयािन जीिबते रहै। चमेलीक उिमर तेरह-चौदह। अजु र्न बुझू पन् ह-सोलह। ओिह काल बदुपहिरया रहैक। चमेली कनखी मािर अजु र्न केँ इशारा के लकै । फे र पछबिरया अन् हार कोठरी मे एसगरे ल गेलैक िबलैया सेहो चढ़ा देलकै । तकराबाद भीतर कोठरी मे की भेल से त ायः देवतो केँ पता निह लगलिन। बाहर आिब चमेली िबहुँसैत अजु र्न िदस तािक क बजलीह कु कु रमुा।कु कु रमुा सम् बोधन सुिन अजु र्नक नजिर झुिक गेलैक। ओ चुपचाप ठार रहल।तुम् हारे वा ते कु कु रमुा दूसरा अ◌ॉडर है। कु छ देर पहले हुकु म आया है। आज रात को सेभेन् टी वन अप के लीपर में डकै ती का कायर्महै। तुमको उसमें जाना है। हाइवे डकै ती में कु छ माल नहीं है। थाना को भी खबर है िक दो अन् हिरया का पहुँचौआ तुमने नहीं पहुँचाया है। तुम पर बड़े साहबददू की आँख है। तुम युिधि ठर के सगे भाई हो जवान हो िदलदार हो तभी तो चान् स िमला है। इस काम में तुम् हारा टे ट है। सफल होने पर एकधाकड़ मडर्र का काम िमलेगा। समझो तुम् हारे िक मत का दरवाजा खुल गया है।चमेलीक मुँह सँ फहरी लाबा बनल शब् द िनकलय लागल। एम् हर अजु र्नक माथ मे घंटी बाजब शु भ गेल। मडर्रबला चान् स बड़ किठने भेटैतछैक। भूखन िसंहक एहन कृ पाक लेल सैकड़ लाइन मे ठारे रिह जाइत अिछ।बोलो तैयार होएकदम सँ तैयार छी। कहू त गोिपयाक पिसखाना सँ हम अपन िगरोह केँ बजा लाबी।िफर कु कु रमुा जक् ती बात बोलता है। अरे ेन डकै ती का काम अलग है जोिखम का है। सड़क डकै ती करने वाला उसमें फे ल हो जाएगा।यहाँ जथ् था तैयार है। छोकड़ा-छोकड़ी िमलाकर बीस और तुम आ गया तो एक् कीस। रात के बारह बजे रबाना होना है। अभी चार-पाँच घंटा का देरी है।तुम अन् दर जाओ औरतैयारी मे जुट जाओ।अजु र्न भीतर वेश के लक। िवशाल आंगन। साफ-सुथरा इजोत मे झलकै त। चा कात काज भ रहल छैक। एके सैंतािलस राइफलक ढेरी एककात। एक गोटे ओकर चेिकं ग मे लागल। दोसर कात छोटका-बड़का बमक नुमाइस। खेबा-िपबाक सामी िदस थोड़ेक छड़ा-छड़ी बैसल खा-पी रहलअिछ। बहुत कात मे मुदा पूणर्तः इजोत मे एक जोड़ा अपन बैटरी चाजर् कर मे म त छल।है।अजु र्नक मदिदक लेल एकटा छड़ी आयल। ओकरा अपन काज सँ मतलब। कपड़ा बदलना है हिथयार कहाँ रखना है एक् सा मैगजीन जरी21


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्सबटा काज केँ िन पादन क क वैह छड़ी एकटा मुँह झँपना आिन क अजु र्न केँ देलकै आ ताकीत के लकै इसको इस तरह टाइट बाँधो िकआँख छोड़कर पूरा चेहरा ढक जाय।ठीक बारह बजे राित। सन-सन बहैत हवा अन् हिरयाक छाती केँ िवदीणर् क रहल छल। चमेलीक टाइट पेन् ट-सटर् मेचमौटी मे िरवा बर। चमेली अजु र्नक मुआयना करैत बाजिल मेरे पीछे बैठ जाओ।पाँछा लटकल चमड़ाकअजु र्न मोटर साइिकल पर चमेलीक पाँछा बैसल। ठीक ओहीकाल वैह छड़ी जे पिछला चािर घंटा सँ अजु र्नक देहक सम त पूजार् केँ टीप-टापक क ओकरा तैयार के ने छल अजु र्नक पाँछा मे आिब मोटर साइिकल पर बैिस गेिल। चमेली अजु र्न केँ फे र टोकलक कु कु रमुा मुझे कसकरपकड़ लो।मोटर साइिकल फरफरा क टाटर् भेल। संगिह औरो मोटर साइिकल टाटर् भेल। अजु र्न कृ णा आ कावेरीक बीच फँ सल जा रहल छल।अजु र्न पिजया क चमेली के ध् ◌ोने छल आ सोचै छल। की कहिलयै अजु र्न ेन डकै ती द सोचै छल जी निह ओ एतबे सोचै छल जे जखनेचमेली अवसर देत ओ कु कु रमुा सँ छोिड़ घोड़मुा बिन क देखा देतैक। पिछला छड़ी अलगे अजु र्नक देह मे घुिसयेबाक िबयत मे छल। मुदा अजु र्नकइये की सकै त छल चुपे रहल।जमाना बदलल जा रहल छल। सब काज मे छड़ा सँ छड़ी आगू। ओ सब जखन कटवासाक गुमती लग पहुँचल त अजु र्न सबटा मोटर-साइिकलकेँ गनलककु ल दस टा।गुमती मैन रेलवेक लालटेनक ललका बी केँ तेज करैत बाजल बस पाँच िमनट। ेन आने ही वाली है। ेन आयल। आ ते भेल। फटाफटसब चिढ़ गेल।डकै ती शु भेल। तीनटा लीपर लुटल गेल। के वल कै श गहना आ दािमल असबाव। पाँच बोड़ा में सबटा पैक। कु ल बीस िमनट लागल।कोनो िबरोध निह कोनो अवरोध निह। पिसन् जर सब डेरायल नुकायल औंघायल आ चुपचाप। माा चमेलीक िरभा वरक खिलया फायरकितध् विन चाकात पसरल छल। फे र ेन आ ते भेल बहुत आ ते भेल। एकै सो यिक् त उतिर गेल। ेन लो सँ फा ट भेल आ आँिख सँ ओझलभ गेल।उतरै काल चमेलीक वामा पायर मे मोच पिड़ गेलैक। ओ नंगराए लागिल। अजु र्न केँ अपन वीरता देखेबाक सुअवसर भेटलैक। ओ चमेली केँ कन् हापर लदलक आ फू ल-सन सुकु मािर केँ नेने दुलकी चािल मे चलैत वापस कटवासा गुमती लग पहुँचल। सब जा चुकल छल।गुमती मैन अजु र्नक कन् हा पर चमेली केँ देिख िबफिर क हँिस पड़ल। ओकर अिगला दाँत में सोनाक कील ठोकल रहै। िबना िकछु कहने अजु र्नमोटर-साइिकल टाटर् के लक। चमेली पाँछा मे बैिस अजु र्न केँ पिजया क पकिड़ लेलक। ओिह मोटर-साइिकलक तेसर सवारी पिहने जा चुकल छलै।डकै तीक कानून वापसी मे िकसी के िलए को नहीं भागकर अा पर पहुँचो।चमेलीक शरीर सँ एकटा अत् यंत अजूबा मादक सुगंिध िवसिजर्त भ रहल छलैक। अजु र्न केँ ताड़ीक भभकै त गन् धक कतौ अा-पा निह रहलैक।ओ आपसी मे मोटर-साइिकल बहुत तेज चला रहल छल। चमेलीक गमर् सांस ओकर पीठक ही केँ छलनी के ने जाइत छलै।जखन अजु र्न आ चमेली अा पर आपस आयल त भोर भेल निह छलैचमेली एकटा कोठरी मे जा क टेलीफोन सँ ककरो पूरा िरपोट पहुँचौलकभोर होबिहबला छलै।फे र आदेश हण के लक आ आपस अजु र्न लग आयल।यह है दस हजार पैयातुम् हारा िह सा। साहेब यानी ददू का हुकू म है वािपस घर जाओ। अिगला आदेश का इन् तजार करो।22


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्अजु र्न पैया केँ दिहना पेन् टक जेबी मे ठुसलक आ टकटकी लगा क चमेली िदस ताकय लागल। अजु र्नक नजिर मे एकटा पैघ नजिरया साफदेख मे आिब रहल छलै।भोका समय पुरबा बसात मे िसहरन अतृप् त कामक चण् ड वेग। तािह पर सँ कामदेव देशी िप तौल सँ ताबड़तोड़ फाइिरंग क रहल छलाह।चमेली एकटकअजु र्नक आँिख मे देिख रहल छलीह। कृ ित पुष मे समपर्णक लेल आतुर भ रहल छलीह। एक क्षण त एहनो अभास भेल जे डकै तीकसरदारीन चमेली बेबस भ रहलीह अिछ।मुदा वाह रे चमेली! ओ कामक वेग केँ मूलाधर च पर बजािर एक अद्भुत िववेकक पिरचय देलिन। हुनक मुखाकृ ित पर आभाक िव तार होमयलागल। शायद भिव यक गतर् मे नुकायल कोनो पैघ कायर्क सम् पादन होयत तकर आभास सहजिहँ ि टगोचर होबय लागल। चमेली अँटकल ओ फँ सलअबाज मे बजलीह जानते हो अजु र्न मैं तीन वष से डकै ती का काम कर रही हूँ। सैकड़ डकै ती का अनुभव मुझे बतला रहा है िक यहाँ के लोग आलसीिकं तु शांितिय हैं। मैं भी इन् हीं लोग के बीच से आई हूँ। इस तरह के लोग की भलाई इन पर शासन करके ही िकया जा सकता है। और यह भी सच है िकइन पर शासन करना कु छ भी किठन नहीं है।चमेली पढ़िल-िलखिल अजु र्न मूखर्। चमेली की बािज रहल छिथ अजु र्न केँ बुझै मे िकछु निह ऐलैक। चमेली फे र बजलीह इस सपाट मैदान मेिसफर् घास ही घास है। लेिकन बहुत ज द एक िवशाल पेड़ उगने वाला है। वह पेड़ मैं बनूँगी। सभी मेरी छाया में आयेंगे। मैं सबका भाग् य िलखूँगी। सचपूछो तो मैं इस ान् त की रानी बनने वाली हूँ। िजस रा ते मैं चल रही हूँ और चलने वाली हूँ मुझे अच् छी तरह पता है िक वह कहाँ तक पहुँचता है।हाँ यह भी सच है िक मुझे एक मदर् की जरत होगी। समय आने पर मैं तुमको अपने पास बुला लूंगी। मेरी आवाज सुनकर तुम आओगे क् यिक मैं तुमसेप् यार करती हूँ। तुम ही मेरा पहला और आिखरी प् यार है समझे।एखन अजु र्न िकछु निह बुझलक। ओकर समझक आगाँ एकटा पाथर छल िपयासल ओ पसरल। ओकर कान मे चमेलीक आबाज फे रटकरेलै और अभी की बात जान लो। तुम औरत के गले का गहना नहीं छीन सका। डकै ती के उसूल के िव। इसी से तुमको मडर्रवाला काम नहीं िदयाजाएगा। तुम इस काम को करने की योग् यता नहीं रखते हो। तुमको अभी और िनडर-िन ठुर बनना पड़ेगा। तुम् हारे अंदर कोई देवता है िजसे मारपीट करभगाना पड़ेगा। सफलता के िलए जो भी काम करो उसमें इमानदारी का होना जरी है।अजु र्न के मोन पड़लैकिथक। एकराजुिन लैह।ेन मे डकै ती काल ओिह नववधुक गरदिन मे सोनाक गहना पर हाथ देलक त ओ बािज उठल छलै ई मंगल सूाफे र ओिह नववधुक आँिख सँ कणाक इनहोर नोर ओकरा हाथ पर खसलैक। ओ हाथ छीप नेने छल।अजु र्नक मोने ई बात िकयो ने देखलक आ ने बुझलक। मुदा से निह। डाकू क मुिखया चमेलीक नजिर सँ िकछु नुकायल निह रिह सकै त छलै।अजु र्न केँ अपन गलतीक एहसास भेलैक। ओकर आँिख आओर कातर भ उठलैक।अजु र्नक दयनीय दशा देिख चमेलीक दय मे कतहु सँ एक आना दयाक भाव जगलैक। ओ चुचकारी दैत बजलीह खैर जो हुआ सो हुआ। तुमदुखी मत होओ। एक बैंक लूटने का प् लान बन रहा है। अभी फाइनल नहीं हुआ है। फाइनल होते ही मै उसमें तुमको शािमल करने का यास कँ गी। अबतो खुश! अब सीध् ◌ो घर जाओ।िखिसआयल महादेव केँ परचारैत अजु र्न अपन गाम िमरचैया लेल िवदा भेल। आकाश मे चकमैत भोकवा तारा िदस तकै त ओ सोिच रहल छलजे चमेलीक अिन् तम बात जँ सत् य हेतैक तखने ओकर भाग् य जगतै। तामे बहुत रास दुख ओकरा छपने रहत।पिहल दुख जे बहुतो यास के लाक बादो ओ कु कु रमुा सँ घोड़मुा निह बिन सकल।23


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्दोसर दुख जे माा एकटा मंगलसूाक कारणें ओकरा मडर्रबला काजक चान् स हाथ अबैत-अबैत िखसिक गेलैक।आओर तेसर दुख! गाम पहुँिच क तेसर दुख पिरलिक्षत भेलैक। कमचीवाला मचानक नीचा उर मुंहें िसरमा के ने कीतर्मुख मुँह बौने मरलपड़ल छलाह। उज् जर नवका कपड़ा सँ हुनक देह झाँपल छल आ िसरमा लग गोइठाक धुआँ आकाश मे िबलीन भ रहल छल।अजु र्न केँ देिखते नकु ल आ सहदेवा भैया होउ भैया कहैत ओकरा सँ लेपटा गेलै। अजु र्नक ठोर पटपटा उठलै बापहम टुअर भ गेलहुँ।बाप मिर गेल। आइअदूरघुपित राघव राजा राम पितत पावन सीताराम। अजी ओ महाराज जी तनी हटू। हमारा अन् दर जाए िदअ।कह बला यिक् त गेआ व ाधारी ेनक फ ट-िकलास िडब् बा मे चढ़ैक यत् न क रहल छिथ। मुदा िडब् बाक दरबज् जा लग एक यिक् त हाथमे टेनगन नेने ओिह महात् मा केँ चढ़ै सँ रोिक रहल अिछ।अभागल ान् तक अित अभागल टीसन िनमर्ली। भोका करीब आठ बजेक समय। जेठक रौ सूयर् आकाश मे फनैत आिग उझील रहला अिछ।एखन एहन गम त दुपहिरया मे के हन रौद तकर माा क पना सँ देह काँिप उठैत अिछ।अठबज् जी ेन िनमर्ली सँ खुजय लेल तैयार। ेन मे लाडर् डलहौजी समयक बनल एक माा फ ट िकलासक िडब् बा। िडब् बाक एक बथर् पर एकटा माटर् करीब बीस वषर्क युवक टाइट पेन् ट-शटर् मे। हुनका संगे करीब चौदह वषर्क परम पवती एकटा नवयुवती। ओहो टाइट पेन् ट-शटर् मे मुदा शटर्कऊपरका दूटा बटन खुजल। दोसर बथर् पर एकटा के चुआयल करीब सािठ वषर्क मोटरी जकाँ तद आ लगातार तीन एसेम् बलीक इलेक् शन जीतै बलािवधायक उज् जर जाजीम पर लम् बा-लम् बी पड़ल। िवधायकजीक सम ध् यान सामने टाँग पर टाँग रखने नवयुवतीक सौन् दयर् मे के िन् त छल।िवधायकजीक बथर्क ठीक नीचा हुनक राज थानी कमानीदार जूताक बगल मे हुनकर बडीगाडर् एक हाथ मे िगलास तथा दोसर हाथ मे तौिलयामे लपटाओल कॉचक बोतल नेने बैसल छल। बडीगाडर्क हिथयार यानी टेनगन ओिह ठाम ओकर बगल मे पड़ल छलै।िवधायकजीक दोसर बडीगाडर् िडब् बाक दरबज् जा लग टेनगन तनने आगन् तुक महात् माजीक रा ता रोकने किह रहल छलै देखता नहीं है यहफ ट क् लास है दूसरे में जाओ।नवयुवतीक ध् यान महात् मा िदस गेलै। ओ मूड़ी झुका िखड़की सँ महात् मा केँदेखबाक यास के लक। मुदा अही यास मे ओकर उपरका दूटाखूजल बटनबला कमीज सँ गोल-मटोल िचक् कन िवधायकजीक करेज मे बरछी भकै बला िवापितक जुगल कु च छहिल क बाहर आिब गेलिन।नवयुवती झपिट क अपन व ा दु त के लिन आ िखड़की सँ मुँह सटा क जोर सँ बािज उठलीह वामीजी!जेना वीणाक सब तार एके बेर झंकृ त भ उठल होअयतिहना ओिह युवतीक वर-ध् विन सम् पूणर् िनमर्ली टीसनक प् लेटफामर् केँ झनझना देलक।टीसन पर लोकक भीड़ जमा भ गेलै। लोक सबहक एक िबताक गरदिन मे तुलसीक कण् ठी ठरका चानन फहराइत टीक आओर फाटलआँिख। सब िकयो ओिह फ ट िकलास िडब् बा िदस ताकय लागल। ओिह िवरान टीसन पर एहन अजगुत बात।24


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्िवधायकजीक बडीगाडर् अपन कतर् य वहन करैत ओिह वामीजी केँ िडब् बा मे चढ़ै मे पूणर् बाधा उपि थत के ने छल। युवतीक िखड़की िदसघुमलाक कारणे िवधायकजीक तंा एकाएक भंग भ गेलिन। जखन सँ ओ अिह िडब् बा मे आयल छलाह हुनक सम िचंतन सांख् यमागजकाँ ओिह युवतीक उठैत-खसैत नोकदार खूंटी मे टाँगल छलिन् ह। यवधानक कारणे ान् तक महान आ यश वी नेता केँ ोध भ उठलिन। ओिखिसयाित बजलाह काहे रोकते हो आने दो। वामीजी िडब् बाक भीतर आिब खाली तेसर बथर् पर पलथी मािर क बैिस रहलाह। गाड़ी सीटी देलक आ धकधका क धक् का दैत िवदा भेल। वामीजी कत के याा◌ा में थान किलयै अिछ न पुछैत युवती सुभ् य त भ क सोझ भेलीह। िवधायकजीक आँिखक दूरबीनठीक एंिगल मे आिब गेल। आब कोनो िचन् ता निह। ओ नीचा मे दाँत िनपोरने बैसल बडीगाडर् जे िकछु काल पूवर् िवधायकजी सँ आँिख बचा केँ कॉचक बोतल सँ पैघ दू घट उदर त क चुकल छल सँ कहलिन रहमान दवा दो।(अिगला अंकमे)१.मैिथली भाषा आ सािहत्य - ेमशंकर िसंह २.व. राजकमल चौधरी पर-डॉ. देवशंकर नवीन (आगाँ)१.ोफे सर ेम शंकर िसंहडॉ. ेमशंकर िसंह (१९४२- ) ाम+पोट- जोिगयारा, थाना- जाले, िजला- दरभंगा। 24 ऋचायन, राधारानी िसन्हा रोड, भागलपुर-812001(िबहार)। मैिथलीक विरसृजनशील, मननशील आऽ अध्ययनशील ितभाक धनी सािहत्य-िचन्तक, िदशा-बोधक, समालोचक, नाटक ओ रंगमंचक िनणात गवेषक, मैिथली गकेँ नव-वप देिनहार,कु शल अनुवादक, वीण सम्पादक, मैिथली, िहन्दी, संकृ त सािहत्यक खर िवान् तथा बाङला एवं अंेजी सािहत्यक अध्ययन-अन्वेषणमे िनरत ोफे सर डॉ. ेमशंकर िसंह ( २०जनवरी १९४२ )क िवलक्षण लेखनीसँ एकपर एक अक्षय कृ ित भेल अिछ िनःसृत। िहनक बहुमूय गवेषणात्मक, मौिलक, अनूिदत आऽ सम्पािदत कृ ित रहल अिछ अिवरल चिचर्त-अिचर्त। ओऽ अदम्य उत्साह, धैयर्, लगन आऽ संघषर् कऽ तन्मयताक संग मैिथलीक बहुमूय धरोरािदक अन्वेषण कऽ देलिन पुतकाकार प। िहनक अन्वेषण पूणर् न्थ आऽ बन्धकारआलेखािद यापक, िचन्तन, मनन, मैिथल संकृ ितक आऽ परम्पराक िथक धरोहर। िहनक सृजनशीलतासँ अनुािणत भऽ चेतना सिमित, पटना िमिथला िवभूित सम्मान (ता-प) एवंिमिथला-दपर्ण, मुम्बई विर लेखक सम्मानसँ कयलक अिछ अलंकृ त। सम्ित चािर दशक धिर भागलपुर िविवालयक ोफे सर एवं मैिथली िवभागाध्यक्षक गिरमापूणर् पदसँअवकाशोपरान्त अनवरत मैिथली िवभागाध्यक्षक गिरमापूणर् पदसँ अवकाशोपरान्त अनवरत मैिथली सािहत्यक भण्डारकेँ अिभविर्त करबाक िदशामे संल छिथ, वतन् सारवत-साधनामे।कृ ित-मौिलक मैिथली: १.मैिथली नाटक ओ रंगमंच,मैिथली अकादमी, पटना, १९७८ २.मैिथली नाटक पिरचय, मैिथली अकादमी, पटना, १९८१ ३.पुषाथर् ओ िवापित, ऋचा काशन,भागलपुर, १९८६ ४.िमिथलाक िवभूित जीवन झा, मैिथली अकादमी, पटना, १९८७५.नाान्वाचय, शेखर काशन, पटना २००२ ६.आधुिनक मैिथली सािहत्यमे हाय-यंग्य,मैिथली अकादमी, पटना, २००४ ७.पािणका, कणर्गोी, कोलकाता २००५, ८.ईक्षण, ऋचा काशन भागलपुर २००८ ९.युगसंिधक ितमान, ऋचा काशन, भागलपुर २००८१०.चेतना सिमित ओ नामंच, चेतना सिमित, पटना २००८25


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्मौिलक िहन्दी: १.िवापित अनुशीलन और मूयांकन, थमखण्ड, िबहार िहन्दी न्थ अकादमी, पटना १९७१ २.िवापित अनुशीलन और मूयांकन, ितीय खण्ड, िबहार िहन्दीन्थ अकादमी, पटना १९७२, ३.िहन्दी नाटक कोश, नेशनल पिब्लके शन हाउस, िदी १९७६.अनुवाद: िहन्दी एवं मैिथली- १.ीपादकृ ण कोहटकर, सािहत्य अकादमी, नई िदी १९८८, २.अरण्य फिसल, सािहत्य अकादेमी, नई िदी २००१ ३.पागल दुिनया, सािहत्यअकादेमी, नई िदी २००१, ४.गोिवन्ददास, सािहत्य अकादेमी, नई िदी २००७ ५.रानल, ऋचा काशन, भागलपुर २००८.िलप्यान्तरण-१. अीयानाट, मनोज काशन, भागलपुर, १९६७।सम्पादन- १. गवरी, महेश काशन, भागलपुर, १९६६, २. नव एकांकी, महेश काशन, भागलपुर, १९६७, ३.प-पुप, महेश काशन, भागलपुर, १९७०, ४.पदलितका,महेश काशन, भागलपुर, १९८७, ५. अनिमल आखर, कणर्गोी, कोलकाता, २००० ६.मिणकण, कणर्गोी, कोलकाता २००३, ७.हुनकासँ भेट भेल छल, कणर्गोी, कोलकाता२००४, ८. मैिथली लोकगाथाक इितहास, कणर्गोी, कोलकाता २००३, ९. भारतीक िबलािड़, कणर्गोी, कोलकाता २००३, १०.िचा-िविचा, कणर्गोी, कोलकाता २००३,११. सािहत्यकारक िदन, िमिथला सांकृ ितक पिरषद, कोलकाता, २००७. १२. वुआिड़भितरिणी, ऋचा काशन, भागलपुर २००८, १३.मैिथली लोकोि कोश, भारतीय भाषासंथान, मैसूर, २००८, १४.पा सोना हीरा, कणर्गोी, कोलकाता, २००८।पिका सम्पादन- भूिमजा २००२मैिथली भाषा आ सािहत्यिमिथलाक भाषा मैिथलीक एिह यापकताकेँ सवर्थम डॉ. सर जाजर् अाहम ियसर्न लय कयलिन। १८८० ई. मे अपन “िबहारी भाषा”क याकरणकभूिमका ओऽ िलखलिन जे “िनकट भूतमे िमिथलाक भाषापर पिमसँ भोजपुरी अिधकार कऽ लेलक अिछ आऽ बदलामे ई गंगा पार कऽ गेल अिछ आरउर परगना तथा मुंगेर एवं भगलपुरक ओिह भागपर अिधकार कऽ लेलक जे गंगाक दिक्षणमे पड़ैत अिछ। ई कोशीकेँ पार कऽ पूिणर्याँ धिर पसिर गेलअिछ”। ओऽ पुनः १९०३ ई. मे गंगाक दिक्षण भागलपुर एवं मुंगेरक अितिर संथाल परगनाक पिमोर भागकेँ मैिथली कहलिन।अतएव मैिथल संकृ ित आऽ मैिथली भाषा िमिथलाक भौगोिलक सीमासँ िवशेष यापक अिछ। मैिथली भाषा सम्बन्धी सीमापर जखन िवचार करब तखनपायब जे मैिथलीक पिमी, पूव, उरी तथा दिक्षणी सीमापर मशः भोजपुरी, बाङला, नेपाली आऽ मगही भाषा िथत अिछ। अपन िनजी क्षेमे मुण्डाआऽ संताली एिह दुनू अनायर् भाषासँ िमलैत अिछ। ई कहब िनरथर्क अिछ जे अपन पड़ोसक भाषासँ सीमापर ओिहसँ िमित भऽ जाइत अिछ आर ओिहक्षेमे ई कहब किठन अिछ जे बाजल गेिनहार भाषा ओिह भाषािदसँ भािवत मैिथलीक उपभाषा िथक वा निह।मैिथली मुख्यतया उर-पूवर्क िबहारक आिदवासी लोकिनक मातृभाषा िथक। िबहार ान्तक मधुबनी, दरभंगा, समतीपुर, मुजफ्फरपुर, हाजीपुर,वैशाली, सीतामढ़ी, िशवहर, पूव चम्पारण, पिमी चम्पारण, बेगुसराय, खगिड़या, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, पूिणर्याँ, िकशनगंज, किटहार, मुंगेर,भागलपुर, लखीसराय, शेखपुरा, बाँका, आर झारखण्ड देशक संथाल परगना, गोा, देवघर, जामताड़ा इत्यािद िजलामे ई भाषा बाजल जाइत अिछ।एिह भाषाकेँ ई ेय छैक जे ई अन्तरार्ीय भाषाक पमे नेपालक रोतहट, सरलाही, सरी, महोरी आऽ मोरंग आिद िजलामे बाजल जाइत अिछ। एिहभाषा-क्षेक उरमे मगही आर ओिड़या तथा पिममे िहन्दी अिछ। ाचीन कालसँ लऽ कए आधुिनक काल धिर भाषातत्विवद् लोकिन एकर बोलीउपपक तािलका तुत कएलिन अिछ। एकर िनम्नांिकत उपप अािप उपलब्ध अिछ: मानक मैिथली, दिक्षणी मैिथली, पूव मैिथली, पिमीमैिथली, छेका-छीकी मैिथली, जोलही बोली आऽ के न्ीय वार्त्मक मैिथली।(अिगला अंकमे)26


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्२. डॉ. देवशंकर नवीनडॉ. देवशंकर नवीन (१९६२- ), ओ ना मा सी (ग-प िमित िहन्दी-मैिथलीक ारिम्भक सजर्ना), चानन-काजर (मैिथली किवता संह),आधुिनक (मैिथली) सािहत्यक पिरय, गीितकाय के प में िवापित पदावली, राजकमल चौधरी का रचनाकमर् (आलोचना), जमाना बदल गया, सोना बाबू का यार, पहचान(िहन्दी कहानी), अिभधा (िहन्दी किवता-संह), हाथी चलए बजार (कथा-संह)।सम्पादन: ितिनिध कहािनयाँ: राजकमल चौधरी, अिनान एवं अन्य उपन्यास (राजकमल चौधरी), पत्थर के नीचे दबे हुए हाथ (राजकमल की कहािनयाँ), िविचा (राजकमलचौधरी की अकािशत किवताएँ), साँझक गाछ (राजकमल चौधरी की मैिथली कहािनयाँ), राजकमल चौधरी की चुनी हुई कहािनयाँ, बन्द कमरे में कगाह (राजकमल की कहािनयाँ),शवयाा के बाद देहशुि, ऑिडट िरपोटर् (राजकमल चौधरी की किवताएँ), बफर् और सफे द क पर एक फू ल, उर आधुिनकता कु छ िवचार, साव िमशन (पिका)क िकिछ अंककसम्पादन, उदाहरण (मैिथली कथा संह संपादन)।सम्ित नेशनल बुक टमे सम्पादक।बटुआमे िबहािड़ आ िबड़(राजकमल चौधरीक उपन्यास) (आगाँ)मैिथली तँ आब संिवधान वीकृ त भाषा भ' गेल अिछ, सन् १९५७मे,जिहआ ई उपन्यास िलखल गेल छल, से बात निह छलै; मैिथली भाषाक अिधकार लेल खूब-बचार् होइ छलै। वासी मैिथल लोकिन शहर-शहरमेभाषाई सिमित बनबै छलाह। ओही सिमितक माध्यमे िकछु गोटए अितत्व रक्षा करै छलाह, िकछु अिमता िनमार्ण; िकओ अपन राजनीितक उत्थान करैछलाह, िकओ अकादमीक उित; िकओ कु ण्ठा मेटबै छलाह, िकओ रास-िवलास; मुदा थोड़े लोक लेल ध सन। िकऐ तँ ओ भूखसँ याकु ल रहै छल।कहाँ दन कु क्षेामे भूख लगला पर गान्धारी अपन बेटा सभक लहासक ढेरी पर चिढ़ फल तोड़ए लागल छलीह। भूख, मनुयक िववेक आ सम्वेदनाकेंएिह तरहें आन्हर करैत अिछ। एहना िथितमे भाषाक लड़ाइ लड़' लेल के जाएत? सोलह आना सत्य वचन िथक जे हरेक एिह तरहक आन्दोलनमे मुख्यपें लोक अपन-अपन लड़ाइ लड़ैत रहल अिछ। संयोग िथक जे ई भाषाई आन्दोलन छल। जँ निहओ रिहतए तँ लोक कोनो आओर बाट तािक िलतए,जेना एखन लोक तािक रहल अिछ। भारतीय वाधीनताक बाद भारतीय नागिरकक िववेक एते बेसी आत्मके िन्त भ' गेल, जे ओ समत आन्दोलनमेअपनाकें जोिड़ कए अपन िलप्सा आ कु ण्ठामे तीन भ' गेल। अपन थान तकबामे आ सुरिक्षत करबामे लीन भ' गेल। वातन्योरकालीन भारतीयलेखक मनुय जाितक अही वृिकें उजागर करबामे लागल रहलाह अिछ।कलकाक मैिथल सिमितक भाषाई आन्दोलन, एहने आन्दोलन िथक, जािहमे भुवनजी सगरो समाजमे बेस ितित आ िनिव मानल जाइ छिथ;मैिथल, मैिथली, आ िमिथलाक िहत लेल बेस उदारतासँ काज करै छिथ; लोक सब खूब मान-आदर करै छिन। मुदा ओएह लोक सभ जिहना सभा27


िवद ेह <strong>Videha</strong> िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा <strong>Videha</strong> Ist MaithiliFortnightly e Magazine 'वदेह' १०४ म अंक १५ अैल २०१२(वष ५ मास ५२ अंक १०४) मानुषीिमह संकृताम् ISSN 2229-547XVIDEHAछल ओइमे बटेदारक घाटा लगैत छलैक। तइ संग रौदी-दाहीकभाव ओहन िक सानपर सेहो पड़ैत छल जे खेती करैत छलाह। जेबेसी खेतबला छलाह हुनकर खेती अिध कतर बटाइक माियमसँचलैत छल। तइ संग अिध क अ रहने अक महाजिन यो चलैतछलिन । महाजिन योक था गाम-गामक फुट-फुट कोनो गाममे सवाइ(एक मोनक सवा मोन, एक सीिज नक) तँ कोनो गाममे एगारही(आठ पसेरीक मोन, एक मोनक एगारह पसेरी) तँ कोनो गाममेडेिढ़ या, एक मोनक बारह पसेरी। जेकर मतलब भेल जे एकमोनक आधा मोन सूिद ये भेल। तइ संग इहो होइत छल जे जँसालक कज सालमे चुकाएल जाइत छल, आ ने तँ सूदो मूड़े बिनजाइत छलैक। जइसँ दू साल िबतैत-िबतैत कज दोबरा जाइतछलै। अखुनका जक िब आह तँ तते भारी नै छल मुदा माए-बापकसराधमे सामािज क आ जातीय एहेन चाप छल जे खेत-पथार बेिचकाज चलैत छल। खेतक िह साबसँ चािर -पच मेलक िक सानछलाह। गामक-गाम एक-एक गोटेक छलिन । जखने एकठाम जमीनसमटाएल रहत तखन दोसर-तेसरक की आ कते हेतिन ?खेतमे काज करैबला बोिन हारोक िथ ित बदसँ बदतर छल। एकतँ िद न भिर क बोिन कम तहूमे सालक गनल िद न काज होइत।िक सानोक बीच खेतीक नव वैािन क खेतीक पित क अभावछलिन । अभावोक कारण छल जे ने सरकारक िध यान खेती िद सछल आ ने खेतीक साधन उपलध छल।ेता युगक जनकक हर जक खेत जोतैक हर होइत छल! जिह ना30


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्3 दरभंगा 07.07.1990 डा.भीमनाथ झा/दीपमैिथली पु, यव था-िवजयकान् त ठाकु रगोिवन् द झा1.सामाक पौती2.मोम जकाँ बफर् जकाँगोिवन् द झाअमरनाथडा.मुनी वर झाभासकु मारचौधरी4 पटना 03.11.1990 गोिवन् द झा यव था-दमनकान् त झाउपेन् नाथ झा‘ यास'एवं राजमोहन झा- - - -5 बेगूसराय 13.01.1991 दीप िबहारी ो.रमाकान् त िम 3.हमर युक सा य मे डा.तारानन् द िवयोगी उपेन् दोषी -6 किटहार 22.04.1991 अशोक उपेन् दोषी 4.ओिह रातुक भोर5.अदहनअशोकिशवशंकर ीिनवासडा.भीमनाथ झाडा.रमानन् दझा रमण31


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহिवभूित आनन् दक कथायाा-डा.रमणhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्7 नवानी 21.07.1991 मोहन भाराज ो.सुरे वर झा 6.समाड. रमेश कु लानन् द िम -8 सकरी 22.10.1991 ो.सुरे वर झा यव था-डा.राम बाबूए.सी.दीपक 7.सािहत् यालाप डा.भीमनाथ झा गोिवन् द झा-9 नेहरा 11.10.1992 ए.सी.दीपक मन् ेश्वर झा - - - -10 िवराटनगर 14.04.1992 िजतेन् जीत डा.गणेश साद कणर्उद- गोिवन् द झा- - - नेपालमे मैिथली कथा -डा.रमण11 वाराणसी 18.07.1992 भास कु मार चौधरी मायानन् दिम/गंगेश गु ंजनउद-ठाकु र सादिसंहएवंपं.रमाकान् त िम- - - -12 पटना 18.10.1992 राजमोहन झा ◌ु◌ाभाषचन् यादव - - - -13 सुपौल 09.01.1993 के दार कानन बुिनाथ झा 8.पुननर्वा होइत ओ छड़ी िवभूित आनन् द महाकाश -14 बोकारो 24.04.1993 बुिनाथ झा गोिवन् द झा - - - -15 पैटघाट 10.07.1993 डा.रमानन् द झा‘रमण‘ ो.उमानाथ झा 9.िवापितक आत् मकथा गोिवन् द झा भासकु मारचौधरी -32


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्16 जनकपुरधाम 09.10.1993 रमेश ◌ंरंजन गोिवन् द झाउद-डा.रामावतार यादव10. वेतप11.िमिथलावाणी-पिका12.गामनिह सुतैत अिछ13.मिसर्नी-उपन् यासस.◌ंिवयोगी एवं रमेशिमलाप,जनकपुरधाममहेन् मलंिगयाडा.अणकु मार झाडा.धीरेन् धूमके तुगोिवन् द झाडा.रामावतार यादव-17 इसहपुर 06.02.1994 डा.अरिवन् द कु मार ‘अक् कू ' डा.भीमनाथ झा - - - -18 सरहद 23.04.1994 अिमयकु मार झा ेमलता िम ‘ेम' - - - -19 झंझारपुर 09.07.1994 यामानन् द चौधरी जीवकान् त - - - -20 घोघरडीहा 22.10.1994 जीवकान् त राजमोहन झा 14.कथा कु म् भ सं.बुिनाथ झा गोिवन् द झा -21 बहेरा 21.01.1995 कमलेश झा यामानन् द ठाकु रउद-चन् भानु िसंह33


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्15.सत् य एकटा का पिनकिवजयसार वत जीवकान् त -22 सुपौल,दरभंगा 08.04.1995 कमलेश झा ो.रामसुिद ट राय ‘ याधाउद-गोिवन् द झा- - - -23 काठमांडू 23.09.1995 धीरेन् ेमिषर् डा.धीरेन् 16.नख दपर्ण गोिवन् द झा डा.यादव -24 राजिवराज 24.01.1996 रामनारायण देव डा.धीरेन् उद-डा.योगेन् .यादव-मुख् य-गजेन् नारायणिसंह,मन् ी, नेपाल सरकार- - - -25 कोलकातारजत जयंती28.12.1996 भास कु मार चौधरी गोिवन् द झाउद-यमुनाधर िम17.िनवेिदता18.कथाक पसुधांशु‘शेखर' चौधरीडा.देवकान् त झागोिवन् द झा34


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्भासकु मारचौधरी-26 मिहषी 13.04.1997 डा.िवयोगी/रमेश-ायोिजतमायानन् द िम 19.अितमण20.ह तक्षेप21.िशलालेख22.पिरिचितडा.तारानन् द िवयोगीडा.तारानन् द िवयोगीडा.तारानन् द िवयोगीसुि मता पाठकगोिवन् द झाकु लानन् द िमसुभाषचन् यादवमोहन भाराज-2सगर राित दीप जरय (कथा पाठ एवं पिरचचार्)कसं. थान ितिथ संयोजक अध् यक्ष पेाथी लेाकापर्ण ◌े◌ाखक लेाकापर्णकतार् अन् य35


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহ1 2 3 4 5 6 7 8 927 तरौनी 20.06.1997याीजन् मिदनशोभाकान् त जीवकान् त - - - -http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्28 पटना 18.07.997 भास कु मार चौधरी हिरनारायणिम/रामचन् खान 23.समानान् तर रमेश भास कु मार चौधरी -29 ब् ◌े◌ागूसराय 13.09.1997 दीप िबहारी फु ल कु मार िसंह ‘मौन' 24.कु क् ककू आ कसौटी चन् देश भास कु मार चौधरी भासकु मार चौधरीकअिन् तम सहभािगता30 खजौली 04.04.1998 दीप िबहारी रमानन् द रेणु - - - -31 सहरसा 18.07.1998 रमेश डा.महेन् 25.ओना मासी डा.देवशंकर नवीन कु मारी ऋचा -उद-गोिवन् द झा 26.चानन काजर डा.देवशंकर नवीन मायानन् द िम -27.ितिया रमेश गोिवन् द झा -32 पटना 10.10.1998 याम दिरहरे राजमोहन झाउद-गोिवन् द झा28.भिर राित भोर के .डी.झा, यामदिरहरे एवं दीपिबहारीउपेन् नाथझा‘ यास'33 बलाइन, नागदह 08.01.1999 पदम सम् भव जीवकान् त - - - -34 भवानीपुर 10.04.1998 डा.िज णु द िम कािमनी 29.काि ह आ आइ डा.धीरेन् जीवकान् त -35 मधुबनी 24.07.1999 िसयाराम झा ‘सरस‘ यव था-डा.कु लधारी िसंह36


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्राजमोहन झाउद-डा.जयधारी िसंह30.काजे तोहर भगवान शैलेन् आनन् द िवभूित आनन् द -36 अन् दौली 28.10.1999 क् मलेश झा चन् भानु िसंह - - -37 जनकपुरधाम 25.03.2000 रमेश रंजन डा.धीरेन् उद-डा.राजेन् िवमल- - - -38 काठमांडू 25.06.2000 .धीरेन् ेमिषर् डा.रमानन् द झा‘रमण‘ 31.मकड़ी प् ◌ा◌्रदीप िबहारी महेन् मलंिगयाउद-महेन् कु मार िम, सांसद 32.िमिथलांचलक लोक था डा.गंगा साद अके ला डा.रमानन् दझा‘रमण‘33.िशरीषक फू ल-‘अनुवाद अके ला डा.रमानन् दझा‘रमण‘34.हम मैथल छी-कै सेट िसयाराम झा‘सरस‘ डा.रामावतार यादव35.मंडनिम अैतमीमांसा रमेश/दीनानाथ/सुरेन् नाथ डा.रामावतार यादव39 धनबाद 21.10.2000 याम दिरहरे एवं रामचन् लालदास राजमोहन झाउद-कीितर्नारायण िम36.मनक आड.नमे ठाढ़ डा.भीमनाथ झा राजमोहन झा40 िबटठो 21.01.2001 डा.अक् कू बलराम 37.मातवर अशोक डा.धीरेन् म् ◌ै◌ािथली कथाक यव था-ो.िवानन् द झा उद-कु लानन् द िम 38.ि टकोण सुरेन् नाथ डा.भीमनाथ झा सम या डा.भीमनाथ झा41 हटनी,घोघरडीहा 19.05.2001 ो.योगानन् द झा/अिजत कु मारआजादसोमदेव - - - -37


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्42 बोकरो 25.08.2001 िगिरजानन् दझा‘अधर्नारी वर दयानाथ झा 39.िन ाण वप् न दयाकान् त झा हरेकृ ष्ण िम यव था-िमिथला सां.पिरषद उद-हरेकृ ण झा,भा.आ.सेवा 40िमिथलादपर्ण(1925/2001) पुण् यानन् दझास.डारमानन् द झा ‘रमण‘फू लचन् िम ‘रमण‘43 पटनािकरण जयन् ती01.12.2001 अशोक सोमदेव 41.लाप गोिवन् द झा सोमदेवच् ◌े◌ातना सिमित, पटना 42युगान् तर िव वनाथ गोिवन् द झा43एकै सम शताब् दीकघोषणा प रमेश/ याम दिरहरे/मोहन यादव राजमोहन झा44 राँची 13.04.2002 कु मार मनीष अरिवन् द साके तानन् द 44चानन घन गिछया िववेकानन् द ठाकु र मोहन भाराजउद -परमानन् द िम 45.शुभा ते पन् थानः परमानन् द िम साके तानन् द45 भागलपुर 24.08.2002 धीरेन् मोहन झा योगीराज 45.कथा सेतु सं.शान् त डा.बेचनउद-डा.बेचन 47.प् ◌ृ◌ाथा नीता झा राजमोहन झा48.आउ, िकछु गप् प करी कु लानन् द िम डा.कणाकर झा3सगर राित दीप जरय (कथा पाठ एवं पिरचचार्)क.सं. थान ितिथ संयोजक अध् यक्ष पेाथी लेाकापर्ण ◌े◌ाखक लेाकापर्णकतार् अन् य1 2 3 4 5 6 7 8 946 िवापितभवन,पटना38


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्16.11.2002 अिजत कु मार आजाद मोहन भाराजउद.राजनन् दन लाल दास49.काठ िवभूित आनन् द डा.तारानन् द िवयोगी -50.एक फाँक रौद योगीराज गोिवन् द झा -51.तीन रंग तेरह िच डा.सुधाकर चौधरी सोमदेव -52.उदया त धूमके तु सोमदेव -53.सांझक गाछ राजकमल,सं.डा.दे.नवीनरामलोचन ठाकु र -54.सवर् वांत सके तानन् द सोमदेव -55.अिभयुक् त.. राजमोहन झा सोमदेव -56.याी सम सं.शोभाकान् त गोिवन् द झा -57.मैिथलीबाल सािहत् य डा.दमन कु मार झा गोिवन् द झा -58.ज् ◌ीम ब् वसवदपंस च् मतपचीमतलप् उंहपदह डपजीपसं ; 1875.1955डा.पंकज कु मार झा डा.हेतुकर झा -59.मैिथल समाजपिका, नेपालस.◌ंधीरेन् ेमिषर् - -47 कोलकाता 22.01.2003 कणर्गो ठी, कोलकाता डा.रमानन् द झा‘रमण‘39


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्उद-रमानन् द रेणु60.आत् मालाप गोिवन् द झा रमानन् द रेणु मैिथली कथाकवतर्मानसम या-.डा.िवयोगी48 खुटौना 07.06.2003 डा.महेन् नारायण राम सोमदेव/उद-खुशीलालझा एवं रामलोचन ठाकु र61.लाख नअनुिरत रामलोचन ठाकु र सोमदेव49 बेनीपुर 20.09.2003 कमलेश झा डा.फू लचन् िम‘रमण‘उद-ो.रामसुिद ट राय ‘ याधा‘- - - -50 दरभंगा वणर् जयन् ती21.02.2004 डा.अशोक कु मार मेहता गोिवन् द झाउद-चन् नाथ िम‘अमर‘62.िददबल भास कु मार चौधरी गोिवन् द झा -63.िचतकावर हंसराज सोमदेव -64.गंगा यन् नाथ िम गोिवन् द झा -65बाबाक िवजया उमाकान् त माकर् ण् डेय वासी -66.सिरसब मे भूत याम दिरहरे राजमोहन झा -67.गहवर डा.महेन् नारायण राम जयनारायण यादव -68.हाथी चलय बजार डा.देवशंकर नवीन राजमोहन झा -40


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्69.उगैत सूयर्क धमक िसयाराम झा‘सरस' डा.रमानन् द झा‘रमण‘ -70.आदमी के ◌ँ जोहैत कीितर्नारयण िम मोहन भाराज -71.ओना कहबा लेल बहुतिकछु हमरा लगकु लानन् द िम कीितर्नारयण िम -72.गाछ झूलझूल जीवकान् त गोिवन् द झा -73.खंजन नयन िनरंजन अनंत िब.लाल.इन् दु' चन् नाथ िम‘अमर‘ -74.हम भेटब माकर् ण् डेय वासी गोिवन् द झा75.िचन् तन वाह डा.धीरेन् दनाथ िमर् राजमोहन झा76.दुवार्सा जयनारायण यादव गोपाजी िपाठी77.पाथर पर दूिभ रमेश डा.िशवशंकर ीिनवास78.कोशी घाटी सभ् यता रमेश डा.िशवशंकर ीिनवास79जािग गेल छी डा.महेन् ना.राम डा.रामदेव झा4सगर राित दीप जरय (कथा पाठ एवं पिरचचार्)क.सं. थान ितिथ संयोजक अध् यक्ष पेाथी लेाकापर्ण ◌े◌ाखक लेाकापर्णकतार् अन् य1 2 3 4 5 6 7 8 950 दरभंगा 21.02.2004 डा.अशोक कु मार मेहता गोिवन् द झाउद-चन् नाथ िम‘अमर‘80.हमरा मोनक खंजन िचडैया फू लचन् िम वीण‘ माकर् ण् डेय वासी41


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्81.जयमाला जयानन् द िम चन् नाथ िम ‘अमर‘82.मािटक आबाज मंजर सुलेमान मोहन भाराज83.इजोिरयरक अंगैठी मोर स.◌ं माला झा अशोक84.बेसाहल डा.रमानन् द झा‘रमण माकर् ण् डेय वासी85.यदुवर रचनावली डा.रमानन् द झा‘रमण गोिवन् द झा86सगरराित दीप जरयक इितहास डा.रमानन् द झा‘रमण रमेष87.अिभा डा.फू लचन् िम‘रमण‘ डा.रमानन् द झा‘रमण88.िवमशर् डा.भीमनाथ झा डा.देवेन् झा89. मरणक संग डा.िवभूित आनन् द रतीष चन् झा90.कथा का य आ ादशी डा.अण कु मार कणर् रमानन् द रेणु91.तात् पयर् डा.अशोक कु मार मेहता अंजिल मेहता92हेमलेट प् ◌ा◌्रेा.रमाकान् त िम नीलमिण बनज93.लोिरक मिनयार चन् दे्रश गोिवन् द झा94.कनुिया अनु. याम दिरहरे यामसुन् दर िम95.मन् दािकनी भास कु मार चौधरी चन् नाथ िम ‘अमर‘96.सीता यथा कथा अनन् त िब.लाल दास‘इन् दु'डा.रामदेव झा97.नागाजु र्न के उपन् यास मोिहत ठाकु र डा.सुरे वर झा98.◌ैमसमबजमक च् वमउे िव ।उंत रमम म् ◌ु◌ारािर मधुसूदन ठाकु र .42


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्99.अंतरंग िहन् दी पिका.मैिथलीिवशेषाकस.◌ंदीप िबहारी रमानन् द रेणु51 जमशेदपुर 10.07.2004 डा.रवीन् कु मार चौधरी ◌ु◌ारेन् पाठकउद-राजनन् दनलाल दासमु.अित..सत् यनारायण लाल- - - -52 राँची 02.10.2004 िववेकानन् द ठाकु र डा.रमानन् द झा‘रमण 100. वास वास मे िव वास िववेकानन् द ठाकु र डा.रमानन् द झा‘रमणउद-राजनन् दन लाल दास 101.सम् पकर् -4 स.-िसयाराम झा ‘सरस‘ राजनन् दन लाल दास53 देवघर 08.01.2005 याम दिरहरे एवंअिवनाशदयानाथ झाउद-यन् नाथ िम- - - -54 बेगूसराय 09.04.2005 दीप िबहार रामलोचन ठाकु रउद-सत् यनारासयण लाल102.भजारल डा.रमानन् द झा‘रमण कीितर्नारयण िम103.सरोकार दीप िबहार राजमोहन झा104.औरत म् ◌े◌ानका मि लक ज् योत् सना चन् म105.अन् तरंग पिका स.◌ं दीप िबहारी डा.आनन् दनारायण शमार्55 प् ◌ू◌ािणर्याँ 24.06.2005 रमेश साके तानन् द43


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्56 पटना 03.11.2005 अजीत कु मार आजाद उद.गोिवन् द झा 106.अतीतालोक गोिवन् द झा राजमोहन झाडा.फू लचन् िम ‘रमण' 107.गामक लोक िशवशंकर ीिनवास डा.रमानन् दझा‘रमण'108.मैिथली किवता संचयन सं.डा.गंगेशगु ंजन छठज् गोिवन् द झा109.मैिथली कथासंचयन छठज् स.◌ंिशवशंकरीिनवास राजमोहन झा110.बड अजगुत देखल शरिदन् दु चौधरी फू लचन् िम ‘रमण'111.िकछ ◌ुपुरान गप् प ,िकछुनव गप् पकीितर्नाथ झा गोिवन् द झा57 जनकपुरधाम 12.08.2006 रमेश रंजन महेन् मलंिगया,उद-डा.रेवतीरमणलाल िव.अ.-डा.रमानन् दझा‘रमण‘- ' - -5सगर राित दीप जरय (कथा पाठ एवं पिरचचार्)क.सं. थान ितिथ संयोजक अध् यक्ष पेाथी लेाकापर्ण ◌े◌ाखक लेाकापर्णकतार् अन् य1 2 3 4 5 6 7 8 958 जयनगर 02.12.2006 ी नारायण यादवअध् य.-डा.कमलकान् त झाउदघाटन-रामदेव पासवानमु.अ.-भगीरथसादअवाल. . . .44


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्59 बेगूसराय 10.02.2007 दीप िबहारी नवीन चौधरी 112. नेहलता डा.योगानन् द झा डा.तारानन् द िवयोगी60 सहरसा 21.07.2007 िकसलय कृ ण उद.डा.मनोरंजन झाअध् य.डा.रमानन् द झा‘रमण‘113.अक्षर आक ा अनु-दीप िबहारी डा.रमानन् द झा ‘रमण‘61 सुपौल 01.12.2007 अरिवन् द ठाकु र उद-डा.धीरेन् द धीरअध् य. अंषुमान सत् यके तु114.अन् हारक िवरोध मे अरिवन् द ठाकु र अिजत कु मार आजाद62 जम ◌ोदपुर 03.05.2008 डा.रवीन् कु मार चौधरी उद-िवानाथ झा‘िविदत'अध् यक्ष-िववेकानन् द ठाकु र- - - -63 राँची 19.07.2008 कु मार मनीष अरिवन् द उद-.डा.िविदतअघ् य. िववेकानन् द ठाकु रएवं डा.रमानन् द झा‘रमण'115.समय िषला पर सुरेन् नाथ डािवानाथझा‘िविदत'64 रहुआ संाम 08.11.2008 डा.अषोक कु मार झा‘अिवचल'(अिगला अंकमे)45


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ज्योितकेँwww.poetry.comसँ संपादकक चॉयस अवाडर् (अंेजी पक हेतु) भेटल छिन्ह। हुनकर अंेजी प िकछु िदन धिरwww.poetrysoup.com के र मुख्य पृ पर सेहो रहल अिछ। ज्योित िमिथला िचकलामे सेहो पारंगत छिथ आऽ िहनकर िमिथला िचकलाक दशर्नी ईिलंग आटर् ुप के रअंतगर्त ईिलंग ॊडवे, लंडनमे दिशर्त कएल गेल अिछ। िमिथला पेंिटंगक िशक्षा सुी ेता झासँ बसेरा इंटीूट, जमशेदपुर आऽ लिलतकला तूिलका, साकची, जमशेदपुरसँ।ज्योित झा चौधरी, जन्म ितिथ -३० िदसम्बर १९७८; जन्म थान -बेहवार, मधुबनी ; िशक्षा- वामी िववेकानन्द िम िडल कू िटको साकची गसर् हाई कू , िमसेज के एम पी एमइन्टर कालेज़, इिन्दरा गान्धी ओपन यूिनविसर्टी, आइ सी डबयू ए आइ (कॉट एकाउण्टेन्सी); िनवास थान- लन्दन, यू.के .; िपता- ी शुभंकर झा, ज़मशेदपुर; माता- ीमती सुधाझा, िशवीपी। ''मैिथली िलखबाक अभ्यास हम अपन दादी नानी भाई बिहन सभकेँ प िलखबामे कएने छी। बेसँ मैिथलीसँ लगाव रहल अिछ। -ज्योितउपसंहार :कलका शैक्षिणक याा, १९९० - ९१:िटको कू ल सऽ जे एजूके ल टूर अथार्त् शैक्षिणक यााक यवहार छल से िकताबी ानके वातिवक पसऽ िसखाबऽमे सहायकतऽ छल। संगे अिह सऽ अपन चिरिनमार्ण मे सेहो सहायता होइत छल।सब संगे िमिलकऽ रहैमे बहुत िकछु िसखैके सेहो अवसर भेटैछल।उदाहरणाथर् िकछु िवाथ एहेनो छलैथ जे अपने मे मत रहैत छलैथ। हुनका सबके िवालय सऽ घरक रता के अितिर आर िकछुबाहरी दुिनयाक खबिर निह रहैत छलैन।एहेन लोकसब जखन ऑल राउण्डर िवाथ सबसऽ भेंट करैत छिथ तऽ हुनका सबके आन कायर्मे रिच बढ़ै छैन।िकछु िवाथ सबके अपन अिभभावक पर आित रहैके अितशय अभ्यास होएत छैन । एहेन बासबमे आत्मिनभर्ता आबैतछै।अपन कै िरयर आिदक चयन वयम् करैके क्षमता आबैत छै।तथा आकिमक आब वला िवषम पिरिथित सऽ भीड़क आत्मिवास आबै छै।ई तऽ भेल शैक्षिणक यााक िवशेषता। आब हम अपन अनुभव कहै छी।हमरा अिहबेरका टूर वातव मे शैक्षिणक याालागल।इिण्डयन म्यूिज़यम सऽ इितहासमे, बॉटेिनकल गाडन सऽ वनपित िवानमे, िचिड़याखाना सऽ जीविवानमे, िबरला म्युिज़यम सऽतकनीकमे, तथा पलैनेटोिरयम सऽ खगोलशामे जानकारी बढ़ल।हमरा सबके भोजनमे कोनो िदत निह भेल।जॅ ं कोनो छा छााके वाथ्यखराब होएत छलैन तऽ िशक्षक सब पूरा ध्यान राखै छलिखन।ओ सब कखनो अिभभावक सऽ दूर हुअ के अनुभूित निहं हुअ दैतछलैथ।िशक्षक सबके जीवनमे तऽ कतेक छा सब आबैत छैन।लेिकन हम िवाथ सब लेल ई िशक्षकसब अिवमरणीय छैथ।हुनकर सबसऽ जेमागर्दशर्न हमरासबके भेटैत अिछ से आजीवन याद रहैत अिछ आऽ काज आबैत अिछ।अनाम कथा- ेमचन्द िम46


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्पी. सी. िम गामक एकटा कम प्ढ़ल-िलखल युवक छिथ, उ करीब २४ वषर्। ६ साल पिहने गामसँ िदी आयल छलाह। संघषर्रत जीवनसँ सफर करैतआब ठीक-ठाक अवथामे छलाह यािन तािह समयमे एकटा मध्यम् वगर्क युवककेँ तनख्वाह जे हैत से तनख्वाह पावैत छलाह आ संगे गामसँ अयलाकबाद िदीमे िकछु नीक लोकक संपकर् मे रहलासँ अंेजी फरार्टेसँ बजैत छिथ यािन िक अंेजी बजैत काल िकयो निह किह सकै त छिन जे ओ पढ़ल-िलखल कम छिथ। तािह कारण लोककेँ कहैत छिथन सत्यता- जे हम पढ़ल-िलखल कम छी- तँ लोक मजाक बुझैत अिछ। एकटा ाइवेट कम्पनी, जेैवेल एजेन्टक काज करैत अिछ, मे पी.सी.िम रंजीतक, जे हुनकर िरतामे भािगन छिथन मुदा कम्पनीमे उ पदपर छिथन्ह, के र संग कज करैत छिथ।पी.सी.िम िववाह योग्य भऽ गेल छिथन, िपताजी बुढ़ापामे वेश कऽ लेने छिथन। ओऽ चाहैत छिथ जे जिहना पैघ भाई सभक िववाह भऽ गेल छिन,हुनको िववाह कऽ देल जाय। कारण एकटा छोट भाई सेहो छिन, पैय्या पाइ कमा लैत छिथ आऽ अपन आब कोन भरोस। कखन छी कखन निह छी।चु ंिक जमाना बदिल गेल छैक, तािह हेतु पी.सी.िमासँ संपकर् के लिन्ह जे लोक सभ बहुत परेशान करैत छिथ अहाँक िववाह लेल, से की कहैत छी।हुनकर जवाब छलिन, जे िपताजी हमर िकछु शतर् अिछ िववाहमे। तँ िपताजी कहलिखन- ठीक छै, राितमे भौजीसँ गप्प करायब, ठीक छै। राितमे भोजनकबाद पी.सी.िमा जी भौजीक ारा अपन शतर् पठेलिन्ह- एक िववाहमे पैय्या पैसाक आदान-दान निह, यािन िबना पैसाक िववाह-आदशर् िववाह।दोसर लड़की पढ़ल-िलखल आऽ अंेजी बजनाय अिनवायर् तािक बाक िशक्षा उ होय। तेसर िरागमन जदी होय तािक साल भिर जे अपन संकारयानी िवध-िवधानमे कम खचर् होयत। चािरम िजनका ओिहठाम िववाह होय ओ हमर तुलनामे गरीब होय तािक हुनका ओिहठाम सम्मान बेसी भेटत।ई सभ शतर् सुिन हुनकर िपताजी कहलिन- हम शतर्सँ बहुत स छी, लेिकन सभ शतर् हमरासँ भऽ सकत मुदा दोसर शतर् हमरा िवास निह अिछ कीगामक लोक पूरा करए देत वा निह। तािह हेतु कहबिन जे एहन कु नू भेट जािन तँ ओऽ हमरा किह देत। ई बात रंजीतकेँ पता लगलिन, तँ ओहो सोचलिन्हजे कोनो सम्पकर् क आदमीसँ पी.सी.िमाक िववाह करल जाय तँ उम। ई दू-चािर ठाम बजलाह जािहमे “ीमित महारानी िमा” जे रंजीतक भाभी आऽपी.सी. िमाक िरतामे भौजी छलिथन केँ सेहो पता लगलिन्ह। अपन छोट बिहन अनीता झाक ननिद छलिथन सोनी आ हुनकर उ १९ साल रहिन। ओऽअपन बाबूजी ी भरत झाकेँ कहलिथन जे ई कथा मुफ्तमे भऽ जाएत। ओऽ अपन जमाय िदलीप झाकेँ फोनसँ संपकर् के लिन्ह। िदलीप झाक बाबूजी १०साल पिहने वगर्वासी भऽ गेल छिथन, तािह हेतु बिहन सोनीक िववाह िदलीप झा आऽ िवनय झाकेँ करबाक छिन। ई सभ बात सुिन िदलीप झा अपनपत्नी अनीताकेँ कहलिथन जे ई काज बुझू मँगनीमे भऽ जाएत। ई बात सुिनते अनीता कहलिथन जे अहाँ देरी निह क आऽ जयपुर जाऊ। बुझू लमी चिलकऽ आिब गेल छिथ। ई बात ओऽ िवनय झाकेँ सेहो कहलिन्ह आऽ सोनीक दूटा नीक फोटो लऽ जयपुर आिब गेलाह। आब महारानी रंजीतक ारापी.सी.िमाकेँ जयपुर बजेलिन्ह। होलीक बहा बना कय अपन दफ्तरसँ रंजीत आऽ पी.सी.िमा जयपुर गेलाह। साँझक हवाई जहाजसँ जयपुर पहुँचलाह।पहुँचलाक उपरान्त चाय-पािनक बाद महारानी पी.सी.िमासँ बजलीह- बौआ िववाह किहया करब, आब तँ लगन आबय बला छैक आऽ िववाह योग्यभय गेल छी। हम काकासँ बात क? पी.सी.िम हँसैत कहलिन्ह- जे भौजी हमर िकछु शतर् अिछ, से जँ पूरा भय जायत तँ हम िववाह एखन कय लेब।ई गप सुिन महारानी कहलिथन बुझू बौआ जे अहाँक िववाह भऽ गेल आऽ अपन बातसँ पलटब निह। पी.सी. एकरा एकटा मजाक बुिझ ठहा लगा कऽहँसऽ लगलाह। तावत लगभग राितक ११ बािज गेलैक। महारानी कहलिथन- चलू खाना खाऽ िलअ, कू हम खाना लगावैत छी। रातुक भोजनमे दू तोरभेल, एक बेर भोजनक लेल बैसलाह पी.सी.िमा, रंजीत ठाकु र आऽ रामानन्द िमा। भोजनक उपरान्त ओऽ तीनू गोटे पिहल तलपर गेलाह सुतक लेल।दोसर बेर फे र भोजन लागल जािहमे भरत झा, िदलीप झा, राजू झा व नूनू झा – राजू आ नूनू झा महारानीक छोट भाई छिथन-, फे र सभ अपन-अपनिबतरपर सुतक लेल गेलाह। भोर भेल चायक आयोजन भेल। सातू गोटे भरत झा, िदलीप झा, रामानन्द िमा, राजू झा, नूनू झा, रंजीत ठाकु र,पी.सी.िमा व महारानी चायक पात् गप्प करए लगलाह। महारानी बजलीह-बौआ िववाह किहया तक करब। मजाकक वरमे पी.सी.िमा बजलाह-देिखयौक आब जदी करब, कारण जे बाबूजीक फोन आयल छल जे लोक सभ परेशान करैत अिछ िववाहक लेल, तँ आब जदी भऽ जाएत। ई सुिनतेभरत झा बजलाह जे कतेक पैसा लेताह। पी.सी.िमा कहलिथन जे एहन कोनो बात निह छैक। ई शब्द पूरा होइसँ पिहने बीचेमे रंजीत बजलाह- लड़कीजँ नीक भेटत तँ कोनो पाई-पैया निह। ई शब्द सुिनते पाछू सँ महारानीक माय बजलीह- जे कही तँ अनीताक ननिदसँ करा िदयौन, लड़की तँ बड़ भयछिथन, सन-भय व धािमर्क कृ ितक घरक, सभटा काज आ लूिर-यवहार जनैत छिथन्ह। ई बात पूरा भेलाक बाद महारानी बजलीह जे ओझाओतेक पाई कतएसँ देिथन्ह। तािहपर रंजीत बजलाह- पाइक कोनो निह छैक, हुनकर िकछु शतर् छिन्ह ओऽ चाटा शतर् दोहरेलिन्ह। तािहपर िदलीप47


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्झा बजलाह- हम चा शतर्सँ पिरपूणर् छी। ई बात सुिन रामानन्द िम बजलाह जे जदीमे काज निह होयबाक चाही। पिहने ई शतर्पर िचन्तन कै ल जाऊ।कारण जे सवाल दू टा िजनगीक अिछ आ शतर्क कोनो जवाब निह अिछ। एहन सोच तँ बहुत कम लोकक होइत छिन, तािह हेतु पुनिवर्चार क।ई बात पूरा भेलाक बाद िदलीप झा बजलाह जे लड़कीक फोटो देख लेल जाओ आऽ हमहु पढ़ल-िलखल छी आऽ पेशासँ एकटा ाइवेट िशक्षक छीतािह हेतु िशक्षाक महत्व बुझैत छी। ई बात सुिनते भरत झा बजलाह- रंजीत ई (फोटो दैत) िलअ आऽ अहाँ सभ देख िलअ। हम भीम बाबू (समिध) सँबात कऽ लैत छी। िबेमे रंजीत फोटो लैत आऽ पी.सी.िमाक हाथ पकड़ैत पिहल तलसँ ऊपर छतपर गेलाह आऽ मजाकक तौरपर बजलाह जे देखू भाईजँ अहाँ निह करब तँ हमही दोसर िववाह कय लेब। हमरा तँ लड़की बहुत पसन्द अिछ। ई कहैत पी.सी.िमकेँ हाथ फोटो पकड़ेलिन्ह। फोटो बहुतआकषर्क छल। पी.सी.िम कहलिथन- फोटो तँ बहुत आकषर्क अिछ, हमरा िकछु सन्देह भऽ रहल अिछ। रंजीत उर देलिन्ह- भाभी झूठ निह कहतीह।संदेहक मतलब अिछ भाभीपर शक करब। तािहपर पी.सी.िमा जवाब देलिन्ह- हम शकक नजिरसँ निह देखैत छी, चलू जे छिथ, ई तँ हमर शतर्मे निहशािमल अिछ। लेिकन लड़की पढ़ल-िलखल अवय चाही। सुन्दर-खराब कोनो बात निह अिछ ई बात करैत दुनू नीचाँ अएलाह। एतबामे महारानी पुनःचाह अनलिन्ह, फे र चाहक चुकी लैत रंजीत बजलाह- देखू सभ बात बुझू भऽ गेल। आगू बात जे बिरयाती ६५-७५ तक जाएब आऽ सत्कारमे कोनोतरहक िशकायत निह। ई बात सुनैत िदलीप झा बजलाह जे सरकार हम गरीब छी, हमरासँ संभव निह अिछ ७५ टा बिरयाती, हमरा िकछु छू ट देल जाऊ!लेिकन सत्कारमे कोनो ुिट निह होएत। ई बातक िबेमे महारानी बजलीह जे लड़काकेँ एकटा अंगूठी आऽ दू भरीक सोनाक चेन (सीकरी) आऽलड़कीक नामसँ ५१,०००/-क िफक्स िडपोिजटक कागज ओझाजी दऽ देिथन, बिरयाती ५१ टाक बात फाइनल, बस आब ने बौआ। ने ई िकछु बजताहआऽ ने ओझा िकछु बजताह! आर खान-पीन िदन घरक त्येक सदयकेँ नीक आऽ ५ टूक कपड़ा। बस रंजीत आब िकछु निह बाजू आऽ ओझाजीअहूँकेँ एतेक तँ करए पड़त। रंजीत िकछु बजैक उत्सुकता देखबैत छलाह की िबचमे भरत झा बजलाह जे फे र िववाहसँ एक साल तक दुनू िदस लड़कीवलाक काज छैक, रंजीत तािह हेतु आब बुझू जे ई बहुत महग भऽ गेल।(अिगला अंकमे)१. नवेन्दु कु मार झा पटनासँ आऽ २. ज्योित लन्दनसँनवेन्दु कु मार झा (१९७४- ), गाम-सुवास, भाया-के वटसा बआरी, िजला-मुजफ्फरपुर। समाचार वाचक सह अनुवादक (मैिथली), ादेिशकसमाचार एकांश, आकाशवाणी, पटना।िशक्षा िदवस समारोह-छा-छाा आ बाल वैािनक देखौलिन अपन ितभा48


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्देशक पिहल िशक्षा मंी मौलाना अबुल कलामक १२०म जन्म िदवस िबहारमे िशक्षा िदवसक पमे मनाओल गेल। मौलाना आजादक जन्म िदवसमनेबाक लेल सरकारी तरपर कतेको कायर्म सम्प भेल। राजधानी पटनाक गाँधी मैदानमे दू िदवसीय िशक्षा िदवस सेहो सम्प भेल। दू िदनक एिहकायर्मक अन्तगर्त सरकार ारा िशक्षाक क्षेमे कएल जाऽ रहल काज आऽ सरकारक उपलिब्ध जनताक सझा आनल गेल। कू ली छा सभक कलासांकृ ितक कायर्मक माध्यमसँ आऽ हुनक ितभा एिहमे लागल िवान दशर्नीमे िगोचर भेल। आकषर्क ढंगसँ बनल कतेको पैवेिलयनमे िविभसंथान अपन काशन आऽ पामक जानकारी सेहो उपलब्ध करौलक।सरकार ारा एिह कायर्मक आयोजनक उेय पिछला तीन सालक सुशासनमे िशक्षा क्षेकेँ ाथिमकता दऽ जे सभ काज कएलक अिछ ओिहसँ िबहारजनताकेँ अवगत करा देशमे िशक्षाक नव वातावरणबनाएब छल। एिह अवसरपर िविवध क्षेमे अपन उत्कृ ितभासँ देश-िवदेशमे िबहारक नाम रौशनकएिनहार छाकेँ सम्मािनत कएल गेल जािहमे आइ.आइ.टी.क टॉपर िशित कं ठ, सी.एल.टी.क पी.जी.मे थम थान ा भावना िसंह,ए.आइ.आइ.एम.एस.मे सफल मधुकर दयाल, आइ.आइ.टी. जमशेदपुरक परीक्षामे तेसर थान ा णव कु मार िसंह, िनफ्टमे तृतीय थान ा रोिहतकु मार, यू.पी.एस.सी. सी.पी.एफ.२००८क परीक्षामे ितीय उम कयप आऽ अन्तरार्य ज्योितष ओलिम्पयाडमे वणर् पदक िवजेता शांतनु अवाल“िबहार गौरव सम्मान”सँ अलंकृ त भेलाह। एकर अितिर िबहार संयु वेश परीक्षामे एकसँ तीन रैंक ा करऽबाला छा, आइ.आइ.टीमे नामांिकततेरह टा छा आऽ माध्यिमक परीक्षामे देश आऽ िजला तरपर टॉपर नौ टा छाकेँ सेहो शित-प आऽ टाका दऽ सम्मािनत कएल गेल। एिह वषर्कमाध्यिमक परीक्षाक टॉपर कु णाल तापकेँ सरकार पचीस हजार टाका दऽ सम्मािनत कएलक। सभकेँ िशक्षा देएबाक लेल चलाओल जाऽ रहल सवर् िशक्षाअिभयानमे उत्कृ काजक लेल “थम मौलाना आजाद िशक्षा पुरकार” ीमती िक्मणी बनजकेँ देल गेल। माध्यिमक आऽ इंटरमीिडएट परीक्षाक एिहवषर्क सभ संकायक टॉपरकेँ शित प आऽ २५-२५ हजार टाका दऽ सम्मािनत कएल गेल। दू िदनक एिह कायर्मक ममे गोटेक १५० सँ बेसीआयोिजत शैिक्षक गितिविध आऽ ितयोिगता सभमे चयिनत डेढ़ दजर्न छाकेँ मृित िचन्ह आऽ शित-प दऽ पुरकृ त कएल गेल। एिह मेलामेआयोिजत राज्य तरीय िवान ितियिगताक िवजेता नीतेश, ीज ितयोिगताक िवजेता िशवानन्द िगरी आऽ अनुराधा कु मारीकेँ पुरकार वप लैपटापदान कएल गेल।एिह समारोहक अवसरपर ३६म राज्य तरीय जवाहर लाल नेह बाल िवान दशर्नीक आयोजन सेहो कएल गेल जािहमे बाल वैािनक सभ ाराबनाओल गेल गोटेक १०० मॉडलक दशर्न कएल गेल। राज्य िशक्षा शोध आऽ िशक्षण पिरषद् ारा आयोिजत एिह दशर्नीक िवषय छल “वैिकसंपोषणीयता के िलए िवान और ौोिगकी”। िवानक ित छा-छाा आऽ जनसामान्यमे सहज आऽ वाभािवक अिभिच उत्प करैत एिहदशर्नीमे बाल वैािनक सभ खूब उत्सािहत छल। एिह माध्यमसँ सवर्े तीन मॉडलक बाल वैािनकक चयन पूव भारत िवान मेला आऽ राीयिवान दशर्नी लेल कएल गेल। एिह ठाम लागल मैिथली, भोजपुरी, िहन्दी, मगही आऽ उदू र् अकादमीक टॉलपर लोक सभ भाषा अकादमी सभककाशन आऽ गितिविधक जानकारीक संग िकताबक खरीद सेहो कएलिन। चाणक्य लॉ युिनविसर्टी, चन्गु बंधन संथान, काशी साद जायसवालशोध संथान, पटना िविवालय, इू, माइोसाफ्ट, इंटेल, एडुकै म्प आिद कतेको संथान अपन पाम आऽ गितिविधक जनतब देलक। िबहारिवालय परीक्षा सिमितक टॉलपर माध्यिमक आऽ इंटरमीिडएटक कला, िवान आऽ वािणिज्यक टॉपर छाक उरपुितका सेहो पैघ संख्यामे छा सभखरीदलिन।पिछला िकछु वषर्सँ देशक िशक्षा-यवथा ध्वत भऽ गेल छल। देशमे नीतीश सरकारक साढ़ भेलाक बाद एिहमे सुधारक आश बनल छल,जािहमे गित देखल जाऽ रहल अिछ। ितभासँ भरल एिह देशक छाकेँ िशक्षा िदवसक अवसरपर सरकारक उपलिब्ध आऽ कायर्मसँ एकटा िकरणदेखाई पड़ल अिछ, मुदा ई उपलिब्ध मा कायर्मक आयोजन धिर सीिमत निह रहए एकर ईमानदारीसँ सरकारी तरपर यास चलैत रहल तँ िशक्षाकक्षेमे िबहार गौरव फे रसँ लौिट सकै त अिछ।३२म राीय पुतक मेला-पुतक ेमीमे भेल नव उत्साहक संचार49


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्िबहार सरकार आऽ पटना िजला शासनक सहयोगसँ नेशनल बुक ट ारा आयोिजत ३२म राीय पुतक मेलामे उमरल पुतक ेमी सभक भीड़सँएक बेर फे र सािबत भेल जे देशक जनतामे पढ़बाक िजासा एखनो बनल अिछ। ई पुतक मेला छा-युवा नेनासँ बुजुगर् धिर सभ पुतक ेमीमे एकटानव उत्साहक संचार कएलक। जखन िक पिहनिहसँ एकटा आन पुतक मेला एिह गाँधी मैदानमे चलैत छल तथािप एिह पुतक मेलामे जािह तरहक भीड़उमड़ल ओिहसँ लगैत छल जे पाठक कतेक िदनसँ िकताबक भूख मेटेबाक लेल बेचैन छलाह। एिह मेलामे लागल टॉल सभपर पुतक ेमीक भीड़ देिखिस किव अशोक वाजपेयीक ई िटप्पणी जे “सािहत्यक पाठक आऽ रिसक एखनो िबहारमे छिथ आऽ िबहार निह होइत तँ हमरा सभमे सँ कतेकोकेँ ईपता निह चलैत जे हमरा सभक िलखल के ओ पढ़बो करैत अिछ” प करैत अिछ जे गरीब िबहार शैक्षिणक पसँ एखनो अमीर अिछ। एिह मेलामेिविवध िवषयक पुतक काशक ारा तँ उपलब्ध कराओल गेल संगिह एन.बी.टी. िहन्दी, उदू र्, मैिथली आऽ आन भाषाक कतेको लब्ध ितितसािहत्यकारसँ सोझां-सोझी अनौपचािरक गप-सप करा पाठक आ लेखकक बीच संवाद थािपत करा लेखक सािहत्य रचना, िया आऽ हुनकसािहित्यक याा आऽ पाठकक मनक िजासाकेँ शान्त करौलक। ट अिधकारी देवशंकर नवीन जनतब देलिन जे एिह मेलामे देशक गोटेक १५०काशकक पुतक १७५ टॉलपर पुतक ेमीक लेल उपलब्ध कराओल गेल।एिह मेलामे सभक लेल हुनक मन पसन्दक पुतक उपलब्ध छल। महान् िवभूितक जीवन याा हो िक आत्म-कथा, नव-पुरान सािहत्यकारक संगकालजयी सािहत्यकारक कहानी-संह, किवता-संह, उपन्यास सभ एक संग मेलामे पुतक-ेमीकेँ अपना िदस ध्यान आकृ कएलक। पाठक सेहोएिह अवसरक पूरा लाभ उठौलिन आऽ अपन िचकर पुतकक खरीददारी कएलिन। मेलामे आधा आबादीक ितिनिधत्व सेहो पैघ संख्यामे देखल गेल।मिहला सािहत्यकार आऽ लेखकक सािहित्यक कृ ित तँ उपलब्ध छल संगिह हुनक िचवाला खान-पान, सदयर् आिदसँ संबंिधत पुतक लेनाई काशकनिह िबसरल छलाह। ितयोगी छा आऽ नेना सभक लेल सेहो पुतक पयार् उपलब्ध छल। जिहना सािहत्य ेमी एिह मेलाकेँ गंभीरतासँ लेलिन तिहनाकाशक सेहो सािहित्यक पुतकक पूरा सेटक दशर्न कएलिन। मेलामे िवान संकायक पुतकक अभाव िवशेष पसँ छा सभकेँ खटकल।मैिथली भाषीक लेल ई पुतक मेला पुतक खरीदबाक लेल नीक अवसरपर रहल। सािहत्य अकादमी ारा कािशत पुतक अकादमीक टॉलपर पचासितशत छू टक संग उपलब्ध रहल आऽ एकर लाभ उठबैत मैिथली ेमी पैघ संख्यामे पुतकक खरीद कएलिन। मैिथली अकादमीक सेहो नव प एिहमेलामे देखल गेल। एिह सभक मध्य हिरयाणा पुिलस अकादमीक टॉल आकषर्णक के न् बनल रहए जतए संवेदी पुिलस सजग समाजक नारा बुलन्द करैतअकादमीक अिधकारी पुिलस आऽ जनताक मध्य संवाद थािपत करबाक लेल कएल जाऽ रहल अभ्यास आऽ िविभ कानूनक जानकारी उपलब्धकराओल गेल।काशक सभक लेल सेहो ई पुतक मेला एकटा नव अनुभव दऽ गेल। मेलामे भेल िबीसँ उत्सािहत काशक कहलिन जे जतेक पाठक िबहारमे छिथओतेक आर कतहु निह अिछ। गरीबी आऽ अिशक्षाक बावजूद पुतकक ित भूख अपना आपमे एकटा िमशाल अिछ। ओऽ आशा जतौलिन जे अिगलासाल एिह ठाम अन्तरार्ीय पुतक मेलाक आयोजन भऽ सकै त अिछ।एिह पुतक मेलामे बंग्ला भाषाक सािहत्यकार नजल इलाम, तेलुगु किव बरबर राव, िहन्दीक अण कमल, के दारनाथ िसंह, गंगा साद िवमल,अशोक वाजपेयी, उदू र्क हुसैनुल हक, अब्दुसमद, मैिथलीक मोहन भाराज, पं गोिवन्द झाक अलावा जुबैर िरजवी, कीितर् नारायण िम, अवधेश ीत,कमन्दु िशिशर आिद कतेको सािहत्यकार पुतक ेमी सभसँ संवाद कएलिन। मेलाक समापनक अवसरपर बहुभाषी किव गोीमे िहन्दी, मैिथली उदू र् आऽभोजपुरीक कतेको किव अपन किवताक पाठ कएलिन।२. ज्योित लन्दनसँ50


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्लन्दनक िचकला दशर्नीलन्दनक एक िस आटर् गैलेरीमे ईिलंग आटर् ुपक ९३म वािषर्क िचकला एवम् हतकला दशर्नीमे माननीय सदयगण सिहत हमहुंअपन िचकला शािमल के ने रही।हम तीनटा मधुबनी िमिथला िचकला आ एकटा महाकिव वगय िवापितजीक पेिसंल के च दिशर्त के ने रही।ओतय२०० सऽ बेसी अनेको कारक उत्कृ नमूना उपलब्ध छल।अिहमे लगभग ३' बाइ ५' के िवशाल आकारक कै नवास पर बनल ऑयल पेिण्टग एििलकपेिण्टग आिद िमिडयासऽ बनल आकषर्क िच सब उपिथत छल। िकछु मा दशर्नी लेल छलै आ बेसी िवय हेतु उपिथत छलै। न्युनतम दाम £ ५०छल।देखनाहरक भीड़ सेहो खूब छल।अंेज सब सेहो िमिथला पेिण्टग लग कै छलैथ आ हमरा सऽ िकछु जानकारी ा करैके कोिशश सेहोके लैथ। िवदेशमे अिह कलाक ित लोकक िच सराहनीय अिछ।िमिथलांचलक सूयर् पूजन थलडॉ फु कु मार िसंह ‘मौन’ (१९३८- )- ाम+पोट- हसनपुर, िजला-समतीपुर। िपता व. वीरेन् नारायण िसँह, माता व. रामकली देवी।जन्मितिथ- २० जनवरी १९३८. एम.ए., िडप.एड., िवा-वािरिध(िड.िलट)। सेवाम: नेपाल आऽ भारतमे ाध्यापन। १.म.मो.कॉलेज, िवराटनगर, नेपाल, १९६३-७३ ई.। २.धानाचायर्, रा.. िसंह कॉलेज, महनार (वैशाली), १९७३-९१ ई.। ३. महािवालय िनरीक्षक, बी.आर. अम्बेडकर िबहार िविवालय, मुजफ्फरपुर, १९९१-९८.मैिथलीक अितिर नेपाली अंेजी आऽ िहन्दीक ाता।51


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्मैिथलीमे १.नेपालक मैिथली सािहत्यक इितहास(िवराटनगर,१९७२ई.), २.ाम(िरपोतार्ज दरभंगा १९७२ ई.), ३.’मैिथली’ ैमािसकक सम्पादन (िवराटनगर,नेपाल १९७०-७३ई.), ४.मैिथलीक नेनागीत (पटना, १९८८ ई.), ५.नेपालक आधुिनक मैिथली सािहत्य (पटना, १९९८ ई.), ६. ेमचन्द चयिनत कथा, भाग- १ आऽ २ (अनुवाद), ७.वामीिकक देशमे (महनार, २००५ ई.)।काशनाधीन: “िवदापत” (लोकधम ना) एवं “िमिथलाक लोकसंकृ ित”।भूिमका लेखन: १. नेपालक िशलोत्कीणर् मैिथली गीत (डॉ रामदेव झा), २.धमर्राज युिधिर (महाकाय ो. लमण शाी), ३.अनंग कु सुमा (महाकाय डॉ मिणप), ४.जट-जिटन/ सामा-चके बा/ अिनल पतंग), ५.जट-जिटन (रामभरोस कापिड़ मर)।अकादिमक अवदान: परामश, सािहत्य अकादमी, िदी। कायर्कािरणी सदय, भारतीय नृत्य कला मिन्दर, पटना। सदय, भारतीय भाषा संथान, मैसूर। भारतीय ानपीठ, िदी।कायर्कािरणी सदय, जनकपुर लिलत कला ितान, जनकपुरधाम, नेपाल।सम्मान: मौन जीकेँ सािहत्य अकादमी अनुवाद पुरकार, २००४ ई., िमिथला िवभूित सम्मान, दरभंगा, रेणु सम्मान, िवराटनगर, नेपाल, मैिथली इितहास सम्मान, वीरगंज, नेपाल,लोक-संकृ ित सम्मान, जनकपुरधाम,नेपाल, सलहेस िशखर सम्मान, िसरहा नेपाल, पूवर मैिथल सम्मान, गौहाटी, सरहपाद िशखर सम्मान, रानी, बेगूसराय आऽ चेतना सिमित,पटनाक सम्मान भेटल छिन्ह।राीय-अंतरार्ीय संगोीमे सहभािगता- इम्फाल (मिणपुर), गोहाटी (असम), कोलकाता (प. बंगाल), भोपाल (मध्यदेश), आगरा (उ..), भागलपुर, हजारीबाग, (झारखण्ड),सहरसा, मधुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, वैशाली, पटना, काठमाण्डू (नेपाल), जनकपुर (नेपाल)।मीिडया: भारत एवं नेपालक ितित प-पिका सभमे सहािधक रचना कािशत। आकाशवाणी एवं दूरदशर्नसँ ायः साठ-सर वातार्िद सािरत।अकािशत कृ ित सभ: १. िमिथलाक लोकसंकृ ित, २. िबहरैत बनजारा मन (िरपोतार्ज), ३.मैिथलीक गाथा-नायक, ४.कथा-लघु-कथा, ५.शोध-बोध (अनुसन्धान परक आलेख)।यित्व-कृ ितत्व मूयांकन: ो. फु कु मार िसंह मौन: साधना और सािहत्य, सम्पादक डॉ.रामवेश िसंह, डॉ. शेखर शंकर (मुजफ्फरपुर, १९९८ई.)।चिचर्त िहन्दी पुतक सभ: था लोकगीत (१९६८ ई.), सुनसरी (िरपोतार्ज, १९७७), िबहार के बौ संदभर् (१९९२), हमारे लोक देवी-देवता (१९९९ ई.), िबहार की जैन संकृ ित(२००४ ई.), मेरे रेिडयो नाटक (१९९१ ई.), सम्पािदत- बु, िवदेह और िमिथला (१९८५), बु और िवहार (१९८४ ई.), बु और अम्बपाली (१९८७ ई.), राजा सलहेस:सािहत्य और संकृ ित (२००२ ई.), िमिथला की लोक संकृ ित (२००६ ई.)।वतर्मानमे मौनजी अपन गाममे सािहत्य शोध आऽ रचनामे लीन छिथ।िमिथलांचलक सूयर् पूजन थलभारतीय सनातन समाजमे त्येक आनुािनक सत्कमर्क आरम्भ पंचदेवताक पूजनसँ होइछ। ओ पंचदेव छिथ- दुगार् (शि), िशव, िवणु, सूयर् एवं गणेश।पंचदेवताभ्यो नमः। पर परमात्माक त्यक्ष पूजोपासना सूयर्सँ होइछ। ुित, मृित, पुराणािद सम्मत सूयर्सँ जीव सभ उत्प होइछ। िहनके सँ य, मेघ,अ ओ आत्मा अिछ। अतः हे आिदत्य, अहाँकेँ नमकार! आिदत्ये त्यक्ष छिथ, साक्षात् िवणु छिथ, त्यक्ष छिथ। िहनके सँ भूिम, जल,ज्योित, आकाश, िदक् , देवगण एवं वेद उत्प होइछ। अतः आिदत्य छिथ (वृहदारण्यकोपिनषत् ३.७९)। “आिदत्य दय” (ोक ३६, ४४-५३)मे सूयर्केँ सवर्य वप, ऋक् , यजु एवं सामवेद, चन्-सूयर्-अि नेधारी, ओ सवर्तंमय कहल गेल अिछ।52


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्“आिदत्य दय” (ोक ५९-६१) मे ादश आिदत्यक उेख भेल अिछ- िवणु, िशव, ा, जापित, महेन्, काल, यम, वण, वायु, अि, कु बेरएवं तत्वािदक ा ओ वतः िस अधीर। उदयकालमे ओ ा, मध्यामे महेश एवं अतवेलामे िवणु वप सूयर् िमूितर् छिथ। जेना िशववपिमूितर्मे सदािशवक संगे सौम्य ओ रौ प (भैरव) उत्कीणर् होइत छिथ। िशविलंग ओ िवणुिलंग जकाँ सूयर्क पूजोपासना िलंगक पमे कयलजाइछ। सूयर्केँ गगनिलंग सेहो कहल जाइत छिन। सूयर्मण्डलमे गायीक ध्यानक िवधान अिछ।िवणु सेहो एकटा आिदत्य छिथ- भगवत आिदत। सूयर्क लाक्षण (च) िवणुक सुदशर्न च बिन गेल। ाचीन िसा (वृिण ओ गणराज्यक) परअंिकत चक अिभाय सूयर्सँ अिछ। ायः देवी-देवताक ाथिमक लक्षण तीक पेँ अिभयंिजत भेल। कालान्तरमे बोधगम्यताक िसँ हुनकवपक िवधान कयल गेल। तदनुसार सूयर् साक रथपर ठाढ़ छिथ। आगाँमे सारिथ अण बैसल छिथ। माथपर उत िकरीट (मुकु ट) शोिभत छिन। दुनूहाथमे कमल पुप अिछ। डाँरमे तआिर लटकल छिन। पार्देवीक पमे उषा ओ त्युषा उत्कीणर् छिथ। सूयर्क देह िजरह बख्तरसँ अलंकृ त अिछ। कोनोकोनो मूितर्मे पार्देवताक पमे कलम लेने िपंगल ओ दण्ड लेने दण्डी सेहो ठाढ़ छिथ। सूयर् पैरमे नमहर बूट पिहरने छिथ। ई सभ शक-ईरानी लक्षण मानलजाइछ। भारतीय सूयर् मूितर् िवानपर कु षाण कालमे इरानी भाव बिढ़ गेल छल। बोधगयाक पाथरक बेन वेिदका (रेिलंग) पर एवं कु म्हरार (पटना) कमाँिटक पी (मृण्फलक) पर सूयर्क सबसँ ाचीन ितमांकन भेल अिछ। बोधगया रेिलंगपर उत्कीणर् सूयर् चारो िदशा सभक सूचक चािरटा अक रथपरआढ़ छिथ। सूयर्क दुनूकालमे उषा ओ त्युषा हाथमे धनुष-वाण लेने अंधकारक बेधन करैत छिथ। आलोच्य सूयर्क ाचीनतम मूितर् “अंधकार पर सूयर्किवजय” सूचक अिछ। सूयर्क पाछाँ वृाकार आभामंडल बनल अिछ। एिहसँ संके त ा होइछ जे सूयर्क पूजा शकथानसँ भारतमे आयल।मुदा बोधगया रेिलंगपर उत्कीणर् उदीच्य वेषधारी सूयर् मूितर् िवदेशी परम्परासँ िभ ओ ाचीन (शु ंगकालीन) अिछ। इरानी भावसँ पिहने एिह ठाम सूयर्मूितर्क भारतीय अवधारणा सुिनित छल (भारतीय कला को िबहार की देन, बी.पी.िसन्हा, पटना, १९५८, पृ.८१-८३)। कु म्हरार (पटना) क सूयर्(मूितर्) चािरटा घोड़ाक रथपर आढ़ छिथ। मािटक गोल पीपर बनल एिह सूयर्केँ भारतीय सूयर् मूितर् परम्परामे सवर्ाचीन मानल जाऽ सकै छ। शाहाबाद एवंमुंगेरसँ ा सूयर् उदीच्य वेषधारी छिथ। पार्देवता कलमधारी िपंगल िभंग मुामे ठाढ़ मनुयक सुकृ त्य ओ कु कृ त्यक लेखन कऽ रहल छिथ एवं दिहनिदस िवधम सभकेँ दिण्डत करबाक लेल हाथमे दण्ड लेने दण्डी तत्पर छिथ। वाम भागमे सूयर्क पत्नी उषा ओ दिहनमे त्युषा अंधकारक बेधन कऽ रहलछिथ। शाहाबाद िजलासँ ा सूयर्मूितर् संभवतः गुकालीन कलाकृ ित िथक। गरामे एकावली (माला) शोिभत छिन एवं कृ पाण वाम भागमे लटकल छिन।दिक्षण िबहारमे सूयर् मिन्दर, सूयर्मूितर् ओ सूयपासनाक के न् उर िबहारक अपेक्षा अिधक अिछ।सत्याथक सवक्षणक अनुसार सांकृ ितक िमिथलांचलमे सूयपासनाक ाचीन ऐितहािसक के न्क पमे िवणु बआर (मधुबनी) क ादश आिदत्यकपेँ पूिजत पालकालीन सूयर्मूितर् अिछ। मूल सूयर्मूितर्क भावलीमे बारहटा आिदत्यक वप उत्कीणर् अिछ। िमिथलांचलक अन्यान्य सूयर्मूितर् जकाँ सूयर्कदेहपर िजरह-बख्तरािद निह छिन। ओ भारतीय भेषभूषा ओ आभूषणसँ िवन्यत छिथ। यिप थलक नाम िवणु बोधक अिछ। एिह ठाम सूयर् िवणु पेँपूिजत छिथ।सत्येन् कु मार झाक अनुशीलन (िमिथला की पाल ितमाएँ) क अनुसार मधुबनीक झंझारपुर-मधेपुर पीक कोशी-बलानक पुरान वाह क्षेक सूयर्नाहर-भगवतीपुर ओ भीठ भगवानपुरक अितिर राजनगर, पटन एवं पटलामे ा अिछ। एिह पीसँ कनेक हिटकऽ एकटा सूयर्मूितर् जगदीशपुर(मनीगाछी खण्ड, दरभंगा)सँ सेहो उपलब्ध भेल अिछ। एिह सूयर् पूजन पीक सवार्िधक आकषर्क ओ भावशाली सूयर् मूितर् (आकार ४८ इन्च गुणा २४से.मी.) परसा (झंझारपुर, मधुबनी) क अिछ। तेरहम सदीक बनल ई मूितर् सूम अलंकरणसँ भरल अिछ। एिहसँ एकटा धारणा ई बनैत अिछ जे सूयर् मूितर्कपूजन एकटा सीिमत क्षे धिर छल। मुदा िहनक अवधारणाक खंडन देवपुरा (बेनीपी खण्ड, मधुबनी), रघेपुरा (असगाँव-धरमपुर), िडलाही, कोथर्,देकु ली, अरई, रतनपुर, छरार्पी, कु स-निदयामी, हाबीडीह (दरभंगा), भोज परौल, भीठ भगवानपुर, अकौर, अन्धराठाढ़ी, रखवारी, गाण्डीवेर,झंझारपुर (मधुबनी) एवं वीरपुर, बरौनी, नौलागढ़ (बेगुसराय), सवास (मुजफ्फरपुर), कन्दाहा (सहरसा), बड़ीजान (िकशनगंज) आिद ऐितहािसक ओधािमर्क थल सभसँ सूयर् मूितर्क ािसँ भऽ जाइछ। लौिकक तरपर सूयपासनाक पिरय गाम-गाममे पसरल छठ पवर् सवार्िधक लोकियताक उदाहरणअिछ।53


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्अजय कु मार िसन्हा (बड़ीजान का पुराताित्वक महत्व, कोशी महोत्सव २००३ ई.) िकशनगंज िजला मुख्यालयसँ ायः पचीस िक.मी.उर-पिमिदशामे अविथत बड़ीजान दुगार्पुरक िवशाल सूयर्मूितर् (५फीट ७ इन्च गुणा २ फीट ११ इन्च) क अपन शोधपमे उेख कयने छिथ। बड़ी जान दुगार्पुरपुराताित्वक भावशेषसँ भरल अिछ, जािहमे दसम शताब्दीक भय मिन्दरक थापत्य मुख अिछ- सूयर्क िवशाल दू खिण्डत पाथरक मूितर्, मिन्दरकअलंकृ त चौखट, बहुतरास िशविलंग, पाथरक एकटा सोहावटी (िलन्टेल) मध्य गणेश एवं दोसरक के न्मे उत्कीणर् िशूल। दुगार्पुर नामक संलता आिदकेँदेखैत बड़ीजान पंचदेवोपासक क्षे छल। बहुतरास मिन्दर सभ भाविश अिछ। मूितर् िवानक िसँ एिह ठामक सूयर् मूितर्केँ अजय कु मार िसन्हा एगारहमसदीक कहने छिथ। एिह क्षेमे शैवमतक धानता छल। मुदा सीमान्त क्षेमे अविथत भेलाक कारणे एिहठाम सूयर् मिन्दरक होएब वाभािवक अिछ।कोशी क्षेक (सुिवदेह, अंगुर आिदक पेँ ख्यात) दोसर सूयर् मिन्दरक साक्षात कन्दाहा (सहरसा) मे कयल जाऽ सकै छ। कन्दाहाक सूयर्मिन्दर सहरसािजला मुख्यालयसँ चौदह िक.मी. पिम वनगाँव-मिहषी क्षेमे अविथत अिछ। वनगाँव, मिहषी एवं कन्दाहाकेँ जँ िभुज बनाओल जाय तँ ओऽ सभथल समकोणपर अविथत अिछ। हवलदार िपाठी सदय (िबहार की निदयाँ)क मतेँ एिह ठामक बुक समकालीन कोिणयवाहक जिटल ाण छल।कन्दाहाक सूयर्मिन्दरक गभर्गृहमे थािपत भगवान सूयर्क मूितर्केँ भवािदत्य (ादश आिदत्यक एकटा कार) कहल गेल अिछ। सूयर्क संग उषा एवं त्युषासेहो उत्कीणर् छिथ। मिन्दरक ार तंभ (चौखट) पर उत्कीणर् िशलालेखक अनुसार (१४५३ ई.) वतर्मान सूयर्मिन्दरक िनमार्ता ओइनवार वंशीयहरिसंहदेवक पु नरिसंहदेव छलाह। िशलालेखक शितमे नरिसंहदेवकेँ भूपितलक, महादानी, धीरवीर आिद कहल गेल छिन। िवापितक पदावलीकभिणता (सुभ झा ारा सम्पािदत पदांक ४४-४५)सँ नरिसंहदेवक ऐितहािसक अविथितक सेहो पुि होइछ। सूयर्मिन्दर लगक कू पजलक सेवनसँ चमर्रोगसमा भऽ जाइछ। सूयपासनासँ चमर्रोग, कु ािद रोगसँ मुिक अनेक पौरािणक अनुुित अिछ। एिह तरहेँकन्दाहाक सूयर् मिन्दर सूयपासनाक िस के न्बनल अिछ।नाहर भगवतीपुर (मधुबनी)क िसि जतेक मिहषासुर मिदर्नी भगवतीक तेजिवताक कारणे अिछ ओतबे ख्याित पाथरक अनेक सूयर्मूितर्(मध्यकालीन)क कारणे अिछ। मूितर् सभमे धनुष धािरणी पार्देवीक अपेक्षा पैघ पार्देवक पेँ िपंगल ओ दण्डी उत्कीणर् अिछ। िसरोभूषणक थानिसमरौनगढ़ (घोड़ासाहन, चम्पारणसँ उर नेपालक तराइक सीमान्त क्षे) क सूयर्मूितर् जकाँ अलगसँ मुकु ट लगयबाक थान खाली छोड़ल गेल अिछ।नाहर भगवतीपुरक सूयर्मूितर् कणार्टकालीन िथक। िसमरौनगढ़सँ ा एवं काठमाण्डूक रािय संहालयमे संरिक्षत एकटा अिभलेखांिकत कणार्टकालीनसूयर्मूितर्क सूचना तारानन्द िम (ाचीन नेपाल -२४- काठमाण्डौ, नेपाल) देने छिथ।एिह सभसँ िकं िचत िभ ओ िविश सूयर्मूितर् सवास, गायघाट खण्ड (मुजफ्फरपुर)सँ ा अिछ। सूयर्मूितर् पाँच फीट नमहर अिछ, जे ओिहठामक एकटामिन्दरमे थािपत एवं लमीनारायणक नामे पूिजत छिथ। सूयर्क ितप िवणुकेँ मानल गेल अिछ। सूयर् साक रथपर थानुक मुामे ठाढ़ छिथ।ठेहुनधारी अधोव ओ वामकं धसँ आवक्ष बन्हैत उरीय एवं वाभूषणसँ सूयर् आच्छािदत छिथ। कान्हपर योपवीत एवं डाँरमे कटार छिन। कणार्टवंशीराजा लोकिन सूयर्वंशी क्षिय छलाह। अतः पंचदेवोपासक भूिम िमिथलाक अनेक कणार्ट शािसत क्षेसँ सूयर् मूितर्क ाि वाभािवके मानल जायत।कणार्टकालीन ितरहुतक राजधानी िसमरौनगढ़ (िसमरौनगढ़ को इितहास, मोहन साद खनाल, काठमांडौ, नेपाल, २०५६ िव.), अन्धराठाढ़ीककमलािदत्य थान (मधुबनी), भीठ भगवानपुर (मधुबनी) मूितर्या (नेपाल तराइ), कु स निदयामी (दरभंगा), कोथर् (दरभंगा) आिद ऐितहािसक ओधािमर्क थान सभसँ ा अिछ। िसमरौनगढ़क सूयर् मूितर्क िनमार्ण यािक ीपितक लेल हरिसंहदेवक मंी गणेशक आदेशपर कयल गेल छल (ाचीननेपाल-२४)। कणार्टवंशी राजालोकिन पंचदेवोपासक छलाह।िमिथलांचलक बरौनी-बेगुसराय क्षेमे सूयपासनाक ऐितहािसक अवशेष सभ उपलभ्य अिछ। वीरपुर-विरयारपुर ओ कै थसँ सूयर्क अलावा हुनक पुरेवन्तक पाथरक ाचीन मूितर् ा भेल अिछ। बरौनी ओ चकबेदौिलयाक सूयर् मिन्दर दशर्नीय अिछ। एिह भूभागक िकछु सूयर्मूितर् जी.डी.कॉलेज,बेगुसरायक संहालयमे संरिक्षत अिछ। डॉ. सत्यनारायण ठाकु र ( िमिथला में मंिदर का ादुभार्व एवं वप, िमिथला की लोकसंकृ ित िवशेषांक,दरभंगा, २००६ ई.) िमिथलांचलक अकौर, झंझारपुर, राजनगर ओ कं दपघाटक सूयर् मिन्दर सभक उेख कयने छिथ। मुदा सत्येन् कु मार झाक अनुसारनाहर भगवतीपुर सूयपासनाक पैघ के न् छल जािह ठाम चािरटा महत्वपूणर् सूयर् मूितर् उपलभ्य ओ पूिजत अिछ।54


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्उपयु र् सवक्षणात्मक अनुशीलनसँ प भऽ जाइछ जे सांकृ ितक िमिथलांचलक पूव छोड़ बड़ीजान दुगार्पुर (िकशनगंज)सँ पिममे अकौर (मधुबनी),उरमे िसमरौनागढ़ (िमिथला नेपाल सीमान्त) एवं दिक्षणमे बरौनी-बेगुसराय धिर सूयर्मिन्दर ओ सूयपासनाक क्षे िवतृत छल। ओकरा राजकीय संरक्षणएवं लोकाय ा छल। आयर् सूयर्ितब लोक छलाह। िमिथलांचलक दिक्षणी सीमान्तक गंगातटवत क्षे (जढुआ, हाजीपुर, वैशाली)क सूयपासनायदुवंशी लोकिनक सुरजाहा सम्दाय अविश अिछ। एिह जनपदक ज्योित एवं कािरख पंिजयार सन लोकदेवता सूयपासक छलाह। हुनक वप वेदिनाणक अिछ। हुनक पैरमे खराम, अधोवमे धोती, कान्हपर जनेउ, माथपर ितलक, हाथमे पोथी-पतरा एवं सोनाक चाभुक (िकरणक तीक) शोिभतछिन-पैर खरमुआ हो िदनानाथ, हाथ सटकु न।देह जनेउआ हो िदनानाथ, ितलक िललार॥– मैिथली काश, (शोध िवशेषांक, मैिथली लोकसािहत्यक भूिमका, ो. मौन, कलका, जनवरी-फरवरी१९७६)।मैिथली लोकसािहत्यक संदभर्मे सूयर् पूवर्िदशाक अिधपित छिथ।िबहारक धरतीपर सूयर्क ाचीनतम वप कु म्हरार (पटना) सँ ाप्य अिछ जािहमे सूयर् एकचीय अरथपर सवार (ई.पू. पिहल सदी) छिथ। एकरिवकास बोधगया रेिलंग (शु ंगकालीन) पर उत्कीणर् चािर घोड़ावाला रथपर आढ़ सूयर् मूितर्मे भेल अिछ, जािहमे पार्देवी उषा ओ त्युषा सेहोअिभिशिपत छिथ। कु षाणकालक सूयर् मूितर्क िविश पहचान पैरमे इरानी बूट, देहमे िजरह-बख्तर ओ माथपर िकरीट बिन गेल। एिहमे सूयर् स अ रथीछिथ। मुदा गुकालमे सूयर्क वप मशः भारतीय वाभूषणमे बदलैत गेल। िमिथलांचलक पाल, कणार्ट ओ ओइनवार कालीन शासनकालमेसमानपेँ सूयर्मूितर् ओ मिन्दरक िनमार्ण होइत रहल। सूयर् मूलतः अारोही देव छिथ, जिनक भुत्वसूचक रथक चािरटा अ िदक् िदगन्त बोधक अिछ तसा सलोकक िवतारकेँ ितिबिम्बत करैत अिछ। एतबे निह सा सरंगी िकरणक ोतक सेहो बिन गेल अिछ। सूयर् आयर् लोकिनक वैद्इक देवताछिथ। अतः िमिथलांचलमे िनिमर्त सूयर्मूितर् भारतीय परम्परा (वाभूषण) मे अिछ। ओ वैणव धम ितलक मिण्डत छिथ, अथार्त् आिदत्य ओ वेदाणक तीक बिन गेल छिथ। हुनक हाथक कमल सृि मूलक िथक। कमल फू ल सूयदयक संग फु िटत होइत अिछ एवं सूयार्तक संग सम्पुिटत होइतअिछ। दुनू हाथक कमल सूयदय एवं सूयार्तक तीक अिछ। िमिथलांचलमे नवोिदत सूयर् ओ अताचलगामी सूयर्देवकेँ अघ्यर् देल जयबाक परम्परा अिछ।एवं कारें मध्यकालीन िमिथलामे सूयर् पूजन एकटा बल धािमर्क वृि छल। कमल सभ देवी देवताक आसन बनल अिछ।भारतीय मूितर्कला परम्परामे सूयर् अपन शिय उषा एवं त्युषा, पार्देवता िपंगल एवं दण्डीक अितिर सूयर्पु रेवंतक एकटा मूितर् पचम्बा (बेगुसराय)एवं देवपुरा (मधुबनी) सँ ा भेल अिछ। िमिथलांचलमे सूयर् मूितर्क िनमार्णममे शाीयतासँ िकं िचत् िभ अिभनव योग सेहो देखना जाइछ, जकराजनपदीय आथाक अिभयि कहल जाऽ सकै छ। उदाहरणाथर् िवणु बआरक ादश आिदत्य (सूयर्)क मूितर्क पाछाँ अि िशखा सभक त्यंकनकेँदेखल जाऽ सकै छ। सूयर् अिक त्यक्ष ितप छिथ।सूयर्क गणना नवहमे होइत अिछ। िदकपालमे ओ पूवर्क िदग्पित छिथ। भारतीय मूितर्कलामे नवहक अवधारणा गुकालीन पिरवेशमे मूतर् भेल मुदािमिथलांचलक धरतीपर हुनक पूजन परम्पराक पुराताित्वक अवशेष पाल ओ सेनकालमे िवशेष देखना जाइछ। मध्यकालीन िशवमिन्दरमे ायः नवहकमूितर् अवशेष ा होइछ। वीरपुर (बेगुसराय) एवं चेचर (वैशाली)सँ नवहक पालकालीन तर पैनेल ा भेल अिछ जािहमे सूयर् थम अनुममे छिथ।हुनक दुनू हाथमे कमल पुप शोिभत छिन। मुदा लखीसरायक अह पैनेलमे सूयर् कमलासनपर ितित छिथ। िबहारशरीफ, नालन्दाक नवह पैनेलमे सूयर्दण्ड ओ िपंगलक संगे उत्कीणर् छिथ। अंतीचक (िवमिशला, भागलपुर)क नवह पैनल सबसँ पैघ (११८*६२ से.मी.) अिछ। नवह म एवं कारेँिनिमर्त होइछ- सूयर्, चन्, मंगल, बुध, बृहपित, शु, राहु एवं के तु। कोनो कोनो पैनेलक आरम्भ उलटाम (के तु, राहु...)सँ होइछ। िमिथलालोकिचकलामे नवहक तीकांकन हिरशयन एकादशीक अिरपनमे देखना जाइछ। मांगिलक अनुानमे नवहक पूजन आवयक मानल जाइछ।55


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्िशविलंगमे सूयर्: कन्दाहा (सहरसा)क चतुमु र्खी िशविलंग सूयर् मुख छिथ एवं अन्यान्यमे ा, िवणु ओ िशव छिथ। तिहना रानीघाट (पटना)क दुधेरमिन्दर (िशव) क पंचमुखी िशविलंगमे ा, सरवती, सूयर् ओ गणेशक अलावा शीषर्पर नृत्यमूितर् उत्कीणर् (नवम-दसम सदी) अिछ। अरेराज(प.चम्पारण)क सोमेर िशव मिन्दरक ांगणमे थािपत चतुमु र्खी िशविलंगमे एकटा सूयर्क मुखाकृ ित उत्कीणर् अिछ। सवक्षणात्मक अनुशीलनसँ ई पहोइछ जे त्येक िशविलंगमे देवथानक मुख्य मूितर्क अनुप एकटा देवता मुख होइछ। उदाहरणाथर् कन्दाहाक िशविलंगमे सूयर्क, भच्छीमे ाक(िमूितर्)क इत्यािद।एिह तरहेँ कन्दाहा (सहरसा), बड़ी जान दुगार्पुर (िकशनगंज), बरौनी (बेगुसराय), झंझारपुर, कं दपघाट, अकौर, चकबेदौिलया, परसा, अन्धराठाढ़ी,राजनगर (मधुबनी) आिदक सूयर् मिन्दर एवं अन्यान्य थल सभसँ ा ाचीन सूयर्मूितर् सभक उपलब्धता िमिथलांचलमे सूयपासनाक महाकेँ रेखांिकतकरैत अिछ।आयर् लोकिनक अिभजात्य संकृ ितक समानान्तर लोकक अपन सम्दाय अिछ, अपन देवी-देवता, पूजोपासना पित, पाविन-ितहार आिद छैक।आभीर लोकिनक सुरजाहा सम्दायक सूयपासक लोकदेवता ज्योित ओ कािरख, उषा-त्युषाक समानान्तर गिहल षी आिदक पूजोपासना कारान्तरसँसूयपासना िथक। सौर संकृ ितक के न्ीय देवता सूयर् छिथ। आयर्लोकिनक सूयर् ितबताक उदाहरण अिछ सूयर्क वाहन सा रथ। आयर् अिय छलाहआर अ िहनक संकृ ितक संवाहक देवी-देवताक वाहन बनल अिछ। छिठ तक परम्परा पुराणयुगसँ पिहनेक िथक। सुकन्या एिह किठन त साधनासँअपन पित च्यवन ऋिषक नेक ज्योित घुरौने छलीह। षी वा छठी मइया लोकजीवनक आंचरमे संतित, आरोग्य व सुख-समृि देइत छिथ।सूयर्क सम्बन्ध ऋतुचसँ अिछ। बारह मास (ादश आिदत्य), छह टा ऋतु (षी माता) एवं सात िदन (सा रथ) सभटा सूयर्सँ सम्ब। िहनक गितिया अयन (गित िया) मे िवभािजत अिछ- उरायण एवं दिक्षणायन। सूयर्क दुनू अयनमे अथार्त् काितर्क एवं चैमे छिठ मइयाक पूजोपासना कयलजाइछ। अारोही सूयर्केँ जलाशयक तटपर हितकलश, चौमुख दीप, मौसमी फल-फू ल, मेवा-िमा आिदसँ अघ्यर् देल जाइछ (लोकायत औरलोकदेवता, डॉ. रामवेश िसंह, मुजफ्फरपुर, १९८६ ई.)। िहनक पूजोपासनाक लेल लोक ावनत भऽ ठाढ़ रहैत अिछ- ाण बेटी जनेऊ, अहीरबेटी गायक दूध, कु म्हार बेटी हितकलश आिद, तेली बेटी तेल, माली बेटी फू ल-पात आिद लऽ कऽ उदयाचल िदस सूयन्मुख भऽ अघ्यर् देइत छिन।जापानकेँ सूयदयक देश ओ अणाचलकेँ उदयाचलक देश कहल जाइत अिछ। िमिथलांचलमे उगैत एवं डुबैत (अताचलगामी) सूयर्केँ लोकपूजनपरम्पिरत अिछ। सूयर्क छठी तानुान बहुत किठन मानल जाइछ। एिह ठामक ीगण सूयर्क अघ्यर्क के राक रक्षाक लेल ा धिर उठयबाक लेलकृ तसंकिपत रहैत अिछ- “मारवउ रे सुगवा धनुष से, ई घउर, रौना माइ के जाए”। छठी माइकेँ िमिथलांचलमे रौना माइ सेहो कहल जाइछ। षीलोकायत संकृ ितक देन िथक मुदा सूयर् वैिदक संकृ ितक। अतः रौनामाइ सूयर्क सतरंगी अरथपर सवार भऽ कऽ िमिथलांचलक धरतीपर अबैत छिथ एवंलोकजीवनक दुख-दािरयक हरण कऽ अपन “लोक”मे घुिर जाइत छिथ। एवं कारेँ सूयपासना सम्पूणर् लोकजीवनकेँ ािभभूत कयने अिछ। वैिदक एवंलोकायत संकृ ितक समाहार एिह ठाम त्यक्ष देखना जाइछ।३.प३.१.1.रामलोचन ठाकु र 2.कृ णमोहन झा३.२. बु चिरत- गजेन् ठाकु र३.३.-एक यु देशक भीतर-ज्योित३.४. १.भालचन् झा 2.िवनीत उत्पल56


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহ३.५. 1. पंकज पराशर 2.अंकु र३.६. कु मार मनोज कयपhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्३.७. पेश झा "त्यथ"1.रामलोचन ठाकु र 2.कृ णमोहन झाी रामलचन ठाकु र, जन्म १८ माचर् १९४९ ई.पिलमोहन, मधुबनीमे। विर किव, रंगकम, सम्पादक, समीक्षक। भाषाई आन्दोलनमे सिय भागीदारी।कािशत कृ ित- इितहासहन्ता, मािटपािनक गीत, देशक नाम छल सोन िचड़ैया, अपूवार् (किवता संह), बेताल कथा (यंग्य), मैिथली लोक कथा (लोककथा), ितध्विन (अनुिदतकिवता), जा सकै छी, िकन्तु िकए जाउ(अनुिदत किवता), लाख अनुिरत (किवता), जादूगर (अनुवाद), मृितक धोखरल रंग (संमरणात्मक िनबन्ध), आंिख मुनने: आंिखखोलने (िनबन्ध)।अनुजक नाम/ काज अहींक िथकखएबामे जेिकएक ने होउक तीतऔषधफल होइते छैक नीकरोगी केंबुझा देब ई बातकाज अहींक िथक57


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्कृ णमोहन झा (1968- ), जन्म मधेपुरा िजलाक जीतपुर गाममे। “िवजयदेव नारायण साही की कायानुभूित की बनावट” िवषयपर जे.एन.यू. सँएम.िफल आ ओतिहसँ “िनमर्ल वमार् के कथा सािहत्य में ेम की पिरकपना” िवषयपर पी.एच.डी.। िहन्दीमे एकटा किवता सँह “समय को चीरकर” आ मैिथलीमे “एकटा हेरायलदुिनया” कािशत। िहन्दी किवता लेल “कन्हैया मृित सम्मान”(1998) आ “हेमंत मृित किवता पुरकार”(2003)। असम िविवालय, िसचरक िहन्दी िवभागमे अध्यापन।दुनूकेँमाछकेँ देखैत अिछ ीी केँ देखैत अिछ माछअहाँ दुनू केँ देिख रहल छीबु चिरतबु चिरत- गजेन् ठाकु रमाया-शुोधनक िवलताक सताक,ाण सभसँ सुिन अपूवर् लक्षण बाक,भय दूर भेल माता-िपताक तखन जा कऽ,58


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्मनुये पु आवत दुनू गोटे पािब कए।महिषर् अिसतकेँ भेल भान शाक्य मुिन लेल जन्म,चली किपलवतु सुिन भिवयवाणी बुत्व करत ा,वायु माग अएलाह राज्य वन किपलवतुक,बैसाएल िसंहासन शुोधन तुरत,राजन् आएल छी देखए बुत्व ा करत जे बालक।बाकेँ आनल गेल च पैरमे छल जकर,देिख अिसत कहल हाऽ मृत्यु समीप अिछ हमर,बालकक िशक्षा ा किरतहुँ मुदा वृ हम अथबल,उपदेश सुनए लेल शाक्य मुिनक जीिवत कहाँ रहब।वायुमाग घुरलाह अिसत कए दशर्न शाक्य मुिनक,भािगनकेँ बुझाओल पैघ भए बौक अनुसरण करिथ।दस िदन धिर कएलिन्ह जात-संकार,फे र ढ़ेर रास होम जाप,किर गायक दान िसघ वणर्सँ छािर,घुिर नगर वेश कएल माया,हाथी-दाँतक महफा चिढ़।धन-धान्यसँ पूणर् भेल राज्य,अिर छोड़ल शुताक मागर्,59


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्िसि साधल नाम पड़ल िसाथर्।मुदा माया निह सिह सकलीह सता,मृत्यु आएल मौसी गौतमी कएल शुुषा।उपनयन संकार भेल बालकक िशक्षामे छल चतुर,अंतःपुरमे कए ढेर रास यवथा िवलासक,शुोधनकेँ छल मोन अिसतक बात बालक योगी बनबाक।सुन्दरी यशोधरासँ फे र करबाओल िसाथर्क िववाह,समय बीतल िसाथर्क पु राहुलक भेल जन्म।उत्सवक संग िबतैत रहल िदन िकछु िदन,सुनलिन्ह चचर् उानक कमल सरोवरक,िसाथर् इच्छा देखेलिन्ह घुमक,सौँसे रतामे आदेश भेल राजाक,क्यो वृ दुखी रोगी रहिथ बट ने घाट।एक यु देशक भीतर- ज्योितएक यु देशक भीतरअन्तर कीलड़ैवला सैिनक संग सामान्य जनसीमाक जनजीवनक बदलेअिहमे उवगर् भुक् तभोगी60


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्उपाय कीकिनक त् याग आ संयम सऽमाणकेँ जगजािहर कऽसमयाक समूल नाश करीअन्यथासदैव आशंिकत रहीएक एहेन शु सऽजे िनरन्तर पीठ परछु री चलाबैत रहलसीधे सामनाक जकरामेताकत निहंिचन्हो कऽ जकरा दोषीकहक हमरा सबके अिधकार निहंजान लुटाबैत सेनामान लुटाबैत राजनेताजातंक शानमे61


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्अधीर होएत जनताएहेन भयावह समयमेबनल रहै देशमे शािन्त आ एकताशब्द सऽ अित दिरकोना सान्त् वना िदअशहीद आ’ िनदष मृतकक पिरवारकेँबस इर्रक असीम कृ पा होएसैह अिछ ाथर्नाआवयक अिछसुरक्षाकेँ आर ढ़ करीहर नागिरक केँ तैयार करीअिहंसक दानवक दमन लेलकानूनकेँ कठोर करीसीमाक िनयम ठोस करीनरसंहारकेँ रोकै लेल१. भालचन् झा २.िवनीत उत्पल62


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ए.टी.डी., बी.ए., (अथर्शा), मुम्बईसँ िथएटर कलामे िडोमा। मैिथलीक अितिर िहन्दी, मराठी, अेजीआऽ गुजरातीमे िनणात। १९७४ ई.सँ मराठी आऽ िहन्दी िथएटरमे िनदेशक। महारा राज्य उपािध १९८६ आऽ १९९९ मे। िथएटरवकर् शॉप पर अितथीय भाषण आऽ नामी संथानक नाटक ितयोिगताक हेतु न्यायाधीश। आइ.एन.टी. के र लेल नाटक “सीता” के रिनदशन। “वासुदेव संगित” आइ.एन.टी.क लोक कलाक शोध आऽ दशर्नसँ जुड़ल छिथ आऽ नाशालासँ जुड़ल छिथ िवकलांगबाल लेल िथएटरसँ। िनम्न टी.वी. मीिडयामे रचनात्मक िनदेशक पेँ कायर्- आभलमया (मराठी दैिनक धारावािहक ६० एपीसोड),आकाश (िहन्दी, जी.टी.वी.), जीवन संध्या (मराठी), सफलता (रजथानी), पोिलसनामा (महारा शासनक लेल), मुन्गी उदालीआकाशी (मराठी), जय गणेश (मराठी), की-सौन्धी (िहन्दी डी.डी.), याा (मराठी), धनाजी नाना चौधरी (महारा शासनकलेल), ी पी.के अना पािटल (मराठी), वयम्बर (मराठी), िफर नहीं कभी नहीं( नशा-सुधारपर), आहट (एड्सपर), बैंगन राजा(बाक लेल कठपुतली शो), मेरा देश महान (बाक लेल कठपुतली शो), झूठा पालतू(बाक लेल कठपुतली शो),टी.वी. नाटक- बन्दी (लेखक- राजीव जोशी), शतकवली (लेखक- व. उत्पल द), िचकाठी (लेखक- व. मनोहरवाकोडे), दयची गोता (लेखक- राजीव जोशी), हापार (लेखक- एह.एम.मराठे), वालन (लेखक- अात)।लेखन-बीछल बेरायल मराठी एकांकी, िसंहावलोकन (मराठी सािहत्यक १५० वषर्), आकाश (जी.टी.वी.क धारावािहकक ३० एपीसोड),जीवन सन्ध्या( मराठी साािहक, डी.डी, मुम्बई), धनाजी नाना चौधरी (मराठी), वयम्बर (मराठी), िफर नहीं कभी नहीं( िहन्दी),आहट (िहन्दी), याा ( मराठी सीरयल), मयूरपन्ख ( मराठी बाल-धारावािहक), हेथके अर इन २०० ए.डी.) (डी.डी.)।िथएटर वकर् शॉप- कला िवभाग, महारा सरकार, अिखल भारतीय मराठी ना पिरषद, दिक्षण-मध्य क्षे कला के न्, नागपुर, व.गजानन जहागीरदारक ाध्यापकत्वमे चन्ाक िफमक लेल अिभनय कू ल, उताद अमजद अली खानक दू टा संगीत दशर्न।ी भालचन् झा एखन ी-लान्स लेखक-िनदेशकक पमे कायर्रत छिथ।दू गो किवता१.अपन अतीत्वक असली मोलबुझबाक हुअए63


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्यिद अपन अतीत्वक असली मोलत पुिछयौक सुकरातकेंदेखिबयौक ओकरािवक नक्शा परपिहने अपन “देसक” अतीत्वओिह देस मे अपन “राज्यक” अतीत्वराज्य मे अपन “िजलाक” अतीत्विजला मे अपन “गामक” अतीत्वगाम मे अपन “घरक” अतीत्वआ तहन घर महुक “अपन” अतीत्वआ ई सभ“िवक नक्शा” परसे बूिझ िलयौक...२. हमर मायगभर्गृहक सुखासन सँ बहरेलहुँत हमर जन्मदाी अपिसयाँत रहयभनिसया घर मेतीतल जारैन कें धूआँ मेकरैत रहय धधराक आवाहन64


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्देहक धकनी कऽकऽआ तिहया सँ लऽ कऽ आइ धिरओकरा आन कोनो ठाम निहं देखिलयैकदेखिलयैकत बस कोनटा घरक ऐंठार परसभक ऐंठ पखारैतकखनो अँगना बहारैतत कखनो जारैन बीछैतकखनो कपड़ा पसारैतत कखनो नेासभक पिरचयार् करैतिखन मे जाँत पर, त िखन मे ढेकी पर,चार पर, िचनमार परअँगनाक मरबा पर, घरक असोरा परिदन-दुपहर, तीनू पहर जोतलकखनो दाईक चाइन पर तेल रगड़ैतत कखनो छरी सभक जुी गूहैतराित मे पिहने दाईकेंआ तहन बाबूकें पएर दबबैतएिह तरहें ओकर जीवनक आध्यात्मभनिसया घर सँ शु भऽ कऽभनिसये घर मे समा भऽ गेलैक65


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्झुलसैत देखिलयैक चूिहक आिग मेनारीक वतंता, ओकर अिमताओकर मान आ वािभमानकेंकहाँ भेटलैक पलखितयो ओकराएिह सभ िदिस ताकहो केंआइ सोचै छी सेहो नीके भेलैकअिगलुका पीढ़ी सचेत भऽ गेलैकभलमनिसयत सँ जँ निहं भेटलैकत िछनबाक ताकित भेिट गेलैकमुदा ताँिहं की हमर मायक त्याग आ बिलदानईब्सेन कें नोरा सँ अथवा गोकक माय सँरियो भिर कम कहाओत?हमरा जिनतबे री भिर बेिसये बूझू66


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्३.िवनीत उत्पल (१९७८- )। आनंदपुरा, मधेपुरा। ारंिभक िशक्षासँ इंटर धिर मु ंगेर िजला अंतगर्त रणगांव आs तारापुरमे।ितलकामांझी भागलपुर, िविवालयसँ गिणतमे बीएससी (आनसर्)। गु जम्भेर िविवालयसँ जनसंचारमे माटर िडी। भारतीय िवा भवन, नई िदीसँ अंगरेजी पकािरतामेनातकोर िडोमा। जािमया िमिया इलािमया, नई िदीसँ जनसंचार आऽ रचनात्मक लेखनमे नातकोर िडोमा। नेसन मंडेला सेंटर फॉर पीस एंड कनिक्ट िरजोयूशन, जािमयािमिलया इलािमयाक पिहल बैचक छा भs सिटर्िफके ट ा। भारतीय िवा भवनक ें च कोसर्क छा।आकाशवाणी भागलपुरसँ किवता पाठ, पिरचचार् आिद सािरत। देशक ितित प-पिका सभमे िविभ िवषयपर वतं लेखन। पकािरता कै िरयर- दैिनक भाकर, इंदौर, रायपुर,िदी ेस, दैिनक िहंदुतान, नई िदी, फरीदाबाद, अिकं चन भारत, आगरा, देशबंधु, िदीमे। एखन राीय सहारा, नोएडामे विर उपसंपादक।सपना अधूरे रिह गेलआकाश मंडल साफ़सूयर्क तापमान मध्यम-मध्यमलोक नीक कए एक अलगेरोमांसक भाव आबैत रहैतओिह िदन जखनहम आउर अहांएक-दोसर कएआगोश मे िसमैट गेिलह67


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्सूयर्क ताप कम भए गेलवायुक वेग उी भए गेलएक-दोसर कए िनहारैत, िनखारैतदूई सांस एक भए गेलएक दोसर मेपूणर्पेण समाबईक लेलरोआं-रोआंपुलिकत छलमुदा,जना सूयर् आ चांद,आसमान आ धरतीएक निह होइततिहना हमर सपनाअधूरे रिह गेलऔर सभ लोगिचर िना मे आलीन भए गेल.68


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহसामािजक ाणीhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्पिहलुख बेरअहां सं भेल जखन भेंटनिह अहां मे िकछुएहन गुण भेटलाहजकरा याद करितयैथमुदा,धीरे-धीरे सबंधगाढ़ भेलनिह रहलहम आउर अहां अनजानकिन-किन कएएक दोसरा कए िचनलहुंसुख-दुख मे संगकाज-बेकाजक गपसेहो शेयर भेलिदन होइतया राित69


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्जखन मोन परततखने फ़ोन सं गपभए जाइत छैकजीवनक याा कखन तक साथ चलतिकयो निह जानैत छैकमुदा, एक टा गप मानैये परतजे मोन कए कोनो कोनएक-दोसरक िबना खाली छैकअरतु कहलक रहैक"मनुख एक टा सामािजक ाणी छैक"तिह सं सामािजकताक ख्याल किरहम दूर-दूर छीनिह तए किहया एक भेल गेल रहितयै.जीवनक पिथकहम जीवनक पिथक छीजिहना रेलगाड़ी चलैत कालअपन पाछं ेटफ़ामर् कएछोिड़त चलैत छैक70


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহतिहना जीवन मे पड़ाव आबैत रहैत छैकhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्अहां हमरा लेलजीवनक कोनो पड़ाव परनीक करलहुं या अदलाहहम अहांक लेलअदलाह करलहुं या नीकजखन हम वा अहांएक बेर शांत िदमागआ शांत िदल सं सोचबैया सोचब जखनिवकट पिरिथित कए सामना करै परततखन जे दोषी होइतऊ अपन चेहरा आइना मेनिह देिख सकतअपना कए किहयोमाफ़ निह कए सकतमुदा, हे पिथकओिह काल हुनकर हाथ मे71


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्िकछु निह रहतनिह ओिह ठामनिह हाथ मे समय.1.डॉ पंकज पराशरी डॉ. पंकज पराशर (१९७६- )। मोहनपुर, बलवाहाट चपराँव कोठी, सहरसा। ारिम्भक िशक्षासँ नातक धिर गाम आऽसहरसामे। फे र पटना िविवालयसँ एम.ए. िहन्दीमे थम ेणीमे थम थान। जे.एन.यू.,िदीसँ एम.िफल.। जािमया िमिलया इलािमयासँ टी.वी.पकािरतामे नातकोर िडोमा।मैिथली आऽ िहन्दीक ितित पिका सभमे किवता, समीक्षा आऽ आलोचनात्मक िनबंध कािशत। अंेजीसँ िहन्दीमे ॉद लेवी ॉस, एबहाडर् िफशर, हकु शाह आ ूस चैटिवनआिदक शोध िनबन्धक अनुवाद। ’गोवध और अंेज’ नामसँ एकटा वतं पोथीक अंेजीसँ अनुवाद। जनसामे ’दुिनया मेरे आगे’ तंभमे लेखन। रघुवीर सहायक सािहत्यपरजे.एन.यू.सँ पी.एच.डी.।खयालमशानमे फु लायल फू लक गंध िमज्झर होइतरातरानी फू लक गंधमे पसरैत अिछ दहो-िदसतीगंधी िचरायंध गंध जकांभैरवी के र तान जकां तबला िमलबैत काल क्यो हमराहाक दऽ रहल अिछ कइक युगसँ ओलतीमे ठाढ़ घोघ तानसँउत ास के र परागकण सिन्हयाइत अिछमोनक कोनमे उठैत बोल खसैत अिछ मृितक ती धारमेआ भिसयाइत चिल जाइत अिछ हमर अधज लहाससरगम के र तान जकां कपरज के र िवशेषण सुनैत-सुनैत72


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्अहाँक एिह यमन-कालमेहम निह क सकलहुँ नीक जकां संगत से ठीके भेल बहुत असंगतकहरवा बजबैत ठोह पािड़केँ कनैत एिह मभूिममेमुखड़ा के र मृगतृणाक पाछाँ बौआइत रिह जाइत छी संतािपतसंलािपत कइक योजन धिर अवरोहणक वाहमे।2. अंकु र काशीनाथ झा- गाम कोइलख, िजला मधुबनी। नेपाल-1 टेलीिवजनक मैिथली समाचार वाचकपातापअसत्यक धार मे,पापक पथ पर,अधमर्क िदशा मे,अिवरल चलैत रहल ।िकछु करबाक आश मे,आगू िनकलबाक यास मे,सैदखन लड़ैत रहल ।73


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्दोसरक दुख ददर् सऽ दूर,सफलता के नशा मे चूर,जीतबाक लेल,की - की निह के ल ।मुदा जखन हम धारक पार पहुंचल छी,असगर थाकल छी,शरीर सऽ हारल छी,अंतःवेदना सऽ िसत पड़ल छी,तऽ आत्मा पूिछ रहल अिछ,जे उपर संग की लऽ जैब,हम िनर,पातापक संग नोर बहा रहल छी॥कु मार मनोज कयप।जन्म-१९६९ ई़ मे मधुबनी िजलांतगर्त सलेमपुर गाम मे। कू ली िशक्षा गाम मे आ उ िशक्षा मधुबनी मे।बाय काले सँ लेखन मे अिभिच। कै क गोट रचना आकाशवाणी सँ सािरत आ िविभ प-पिका मे कािशत। सम्ित कें ीय सिचवालय मे अनुभागआधकारी पद पर पदथािपत।गजलआदमी छल - छक मोहरा बनल ।आब गामो पर शहरक पहरा पड़ल ।74


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्मनुक्खे रहल, मनुक्ख्ता लुिट गेलई।लट पांचाली के फे र सँ खुजले रहल ।रंग अपनहुँ के आब जदर् सन भऽ गेलई।िजनगीक महल आई खंडहर सन ढ़हल।आब ककरा सँ कहतई मोनक यथा।कान मािलको के तऽ छई पाथरे बनल।अपनो पर कोना आब कोई भरोसा करय।सांस-सांसो मे माहुर आछ भरल पड़ल।बाटक धूरा जकाँ उिड़ते रिह गेलहुँ।आँिख कानल मुदा मोन निहये भरल।पेश कु मार झा 'त्यथ',ाम+पालय-त्यथा,भाया-िखरहर, थाना-बेनीपी,िजला-मधुबनी,सम्ित कोलकाता मे नातक तर मे अध्यनरत, सािहित्यकगितिविध मे सेहो सिय, दजर्न भिर रचना प-पकािद मे कािशत।बूथ कै प्चिरगकोन पाप लागल से ने जािनघुिर अयलहुँ मोनक बात मािननोकरी सँ ने भेटैत अवकाशने किरतहुँ हम ई गाम वासअयलहुँ तऽ लागय सभटा नीकअिछ ने मुदा िकछु ओ ठीक75


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्आब गामक हवा अिछ िबगड़लअिछ वातर् जल सँ सभ भीजलतथािप रहैत छलहुँ हिषर्तभेल समाजक हेतु समिपर्तमुदा आयल बइमनमा चुनावबढ़ल लोक सभक आब भावामीण सभ िमिल कयलक बैसारभेल ओ जे छल ने आसारसभ क्यो कयलक आह गाढ़जे होऊ अहाँ एिह बेर ठाढ़सोचल दी कोना लोकक बात कािटसेवाक अवसर देलक आइ मािटबिन एिह पंचायतक हम मुिखयारहय देबै ने ककरो दुिखयासोिच बनल मुिखयाक ितिनिधकल जोिड़ पोटर छपओलहुँ सिविधचार मे जुटलहुँ िदन-राितिव मे ठाढ़ भेल कतेको पछाितभेल शु मारामारी-गड़ागड़ौवलकएक ठाम भेल लठा-लठौवलभेटल सभ केँ दू-चािर गोट नोट76


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহखसलिह दोसरेक हक मे वोटतइयो निह भेटलै संतोषछपलक बूथ िमिल सभ दोसपिरणाम सुिन भेलहुँ तब्धभऽ गेल छल हमर जमानत जब्तघर सँ िनकलैत आब होइछ लाजिकएक कयलहुँ हम एहन काजबैसब ने मुदा िनित आबहेबे करतै फे रो चुनावहोयब ठाढ़ हम फे र जापोसब गु ंडा आब कएकटाउिग गेलैछ हमरो दू गोट िसंगकरब हमहुँ आब बूथ कै प्चिरगकला आ संगीत िशक्षाhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्दय नारायण झा, आकाशवाणीक बी हाइेड कलाकार। परम्परागत योगक िशक्षा ा।लुाय मैिथली लोकगीत77


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ाती ,गोसाउिनक गीत भगवतीगीत झूमरा,सोहर,खेलउना, कु मार,पिरछन ,चुमान, डहकन ,िबषहारा गीत , झूमिर ,बटगमनी,मलार चैमासा ,लगनी,समदाउन आ एकर अितिर नदी संकृ ित मे कोशी गीत आिद कतेको मैिथली लोकगीत लुाय अिछ । जतए कतहु एखनहु लोककण्ठ मे ई गीतसभ बाचल अिछ तकरा संिहत कऽ ओिह गीतक काशन आ ओिह धुन कें सुरिक्षत रखबाक लेल ओकर आ◌ॅिडयो वीिडयो प मेदतावेजीकरण करबाक आवयकता िवचारणीय अिछ । संवैधािनक मान्यता ा भारतीय भाषा बनलाक बाद मैिथलीक संकार ,रीित िरवाज , पवर्त्योहार ओ )तु पर आधािरत गीतक समृ( परंपरा वतर्मान आ भिवयक पीढ़ी लेल कोना सुरिक्षत कएल जाय ई संपूणर् मैिथली जगतक लेल िचन्ताकिवषय बनल अिछ । िमिथला महान रहल अिछ अपन िवशेषताक कारणें। िमिथलाक शंसा में वृहिणुपुराणक उि अिछधन्याते ये यत्नेन िनवसिन्त महात्मुने । िवचरेिन्मिथला मध्ये ामे ामे िवचक्षणः ।।सदावन सम्पा नदीतीरेषु संिथता । तीरेषुभुियोगेन तैरभुि िरितमृता ।।अथार्त् हे मुनीर ! ओ धन्य छिथ जे िमिथला में यत्नपूवर्क िनवास करइ छिथ आ िमिथलाक गामे गामघूमइ छिथ । ई िमिथला सदैव आमक वन सॅ सम्प नदीक तट पर िथत अिछ आ तीर में भोगक लेल िस( अिछ । ते तीरभुि अथार्त् ितरहुत नामसॅ सेहो जानल जाइत अिछ िमिथलांचल ।पुराणो किपलेर, हिरलाखी , िपप्पलीवन , फु लहर ,िगिरजाथान , िवलावती , हिरत्वेकी , कू पेर ;कु शेरथान , िसंहेर , जनकपुर ,वनाम,िसन्दूरेर , पनायनवन , िवषहर , मंगला, मंगलवती िवरजा , पापहािरणी , सुखेलीवन आिद तीथर् सॅ पावन िमिथलाक मिहमा वृहिणुपुराणकिमिथला माहात्म्य में वणर्न कएल गेल अिछ ।िमिथलाक लोकगीत में धमर् आ लोक बेवहारक धानता अिछ । ावेलाक, पराती , मगीत;लगनी ,गोदना , भगवतीक आवाहन गीत ;गहबर मेचिलत गीत झूमरा , कोशी संकृ ित में िवकिसत गीत सिहत परंपरागत संकार गीतक कतेको कार िमिथलाक नव पीढ़ीक बीच लुाय अिछ ।ओिह लुाय गीत सभक शब्द रचना ,धुन ,वर ,लय आ भाव एखनहु◌ॅ सबकें आकिषर्त करइत अिछ । सब तरहें ान कें बढ्ऱाब बला , संकारकसंग रीित नीितक बोध कराब बला आ सुनबा मे मनोरंजक अिछ ओ गीत सभ । एखनहु◌ॅ जतए कतहु परातीक वर कान में पड़ैछ मन भाव िवभोर भजाइत अिछ । तुत अिछ साहेबदासक िलखल पराती मौिलक पारंपिरक भास में -अजहु◌ॅ भजन िचत चेत मुगुध मन अजहु भजन िचत चेत ।।बालापन तणापन बीतल , के स भये सभ सेत मुगुध मन । अजहु◌ॅ ।।जा मुख राम नाम ने आबत , मानहु सो जन ेत मुगुध मन । अजहु◌ॅ ।।हिर िवमुखी सुख लहत न कबहु◌ॅ , परए नरक के रेत मुगुध मन । अजहु◌ॅ ।।साहेबदास तोिह क्या लागत , राम नाम मुख लेत मुगुध मन अजहु◌ॅ भजन िचत चेत ।।78


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्परातीक संबंध में े जन कहइ छिथ - जखन पराती गाओल जाइ छल त एक कोस धिर ओर ध्विन पहु◌ॅचइत छल । परातीक भास आ भावलोकसभ के जगा क मंगल िवहानक आनन्द दैत छल । ओिह भासक पराती के हन होइत अिछ ,देखल जाय -ाण रहत निह मोर याम िबनु ाण रहत निह मोर ।।कािह पुछओ कोई मोिह ने बताबए , कहा◌ॅ गेल नन्द िकशोर । याम िबनु ।।छल कए गेल छिलक नन्दनन्दन , नैन झझाइछ नोर । याम िबनु ।।साध्यौ मौन कानन पशु पंछी , कतहु ने कु हुकए मोर । याम िबनु ।।हमहु◌ॅ मरब हुिन बहुिर न आएब , साहेब जीवन िद न थोर । याम िबनु ाण रहत निह मोर ।।मधुबनी में ी दुगार्थान ,कोइलख में भकाली,ी दुगार्शिपीठ , मंगरौनी में बूढ़ी माई, डोकहर मेराजराजेरी ,िजतवारपुर मे िस(काली पीठ ,ठाढ़ी मे परमेरी थान , खोजपुर में तारामंिदर , सहरसा के वनगा◌ॅव मे उतारा , िवराटपुर मेचिण्डका ,बदलाघाट मे कात्यायनी , पचगिछया मे ी कं काली , पटोरी आ गढ़बआरी मे दशमहािवा ,देवनाडीह मे वनदुगार् , दरभंगा मे यामामंिदर ,म्लेच्छमिदर्नी , गलमा मे ताराथान ,पचही मे चामुण्डा , अहयाथान ,ककरौल मे शीतला थान , पूिणर्यां मे पूरनदेवी , अरिरया मे दिक्षण कािलकामंिदर , मुजफ्फरपुर मे िपुरसुन्दरी , सखरा मे सखलेरी , उैठ मे िछमितका , चम्पारन मे वैराटी देवी , चण्डी थान , सहोदरा थान सनकतेको देवी तीथर् सॅ सम्प िमिथलाक जन जन मे देवी शिक उपासनाक परंपरा समृ( अिछ ।िमिथलाक घर घर मे कु लदेवी प मे पूिजत हेबाक कारणे◌ॅ िविवध भावक देवीगीतक परंपरा िवकिसत भेल। संपूणर् भारत वषर् मे िमिथला एकमा क्षेअिछ जतए भगवती गीतक सवार्िधक धुन पाओल जाइछ । कोनो मंगल कायर्क आरंभ में गोसाउिनक गीत गेबाक जे परंपरा अिछ ओिह मे चिलतअिधकांश गीत आ धुन लुाय अिछ । लोककं ठ में एखनहु◌ॅ कतहु◌ॅ कतहु◌ॅ सूनल जा सकै छ एहन िकछु गीत । यथा1पारंपिरकजय वर जय वर िदअ हे गोसाउिन हे मा तािरणी िभुवन देवी ।िसंह चढल मैया िफरिथ गोसाउिन हे मा अितबल भगवती चण्डी ।।कट कट कट मैया दन्त शबद कएिल हे मा गट गट िगरलिन का◌ॅचे ।घट घट घट मैया शोिणत िपबलिन हे मा मातिल योिगन संगे ।।2 म0म0मदन उपाध्याय79


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्जय जय तािरणी भव भय हािरणी दुिरत िनवािरणी वर माले ।परम विपणी उ िवभूिषणी दनुज िवदूिषणी अिहमाले । ।िपतृवन वािसिन खल खल हािसिन भूत िनवािसिन सुिवशाले ।िभुवन तािरिण िपुर िवदािरिण वदन करािलिन अिहमाले ।।शतभख फल दे िदिवशत शुभ दे अिरकु ल भय दे धनिनले ।अित धन धन दे हिर हर जय दे अनुपम वर दे वर िशले ।।मदन िवलािसनी िविदत िवकािसिन कर कृ तपािशिन जगदीशे ।हिरकर चििण हिरकर वििण हिरकर शूिलिन पिरिमशे ।।रिव शिश लोिचिन कलुष िवलोिचिन वर सुख कािरिण िशव संगे ।ुित पथ चािरिण मिहष िवदािरिन िक्षितज िवपोिथिन रण संगे ।।अितशय हािसिन कमल िवलािसिन ितिमर िवनािसिन वर सारे ।हर िद हिषर्िण िरपुकु ल घिषर्िण धन रव वरिसिन हे तारे ।।जय जय तािरिण भव भव हािरिण दुिरत िनवािरिन वर माले ।।3 पारंपिरकक भव सागर पार हे जननी क भवसागर पार ।के मोरा नैया के मोर खेबैया के मोरा उतारत पार हे जननी ।।अहीं मोर नैया अहीं मोर खेबइया अहीं उतारब पार हे जननी ।।के मोरा माता िपता मोर के छिथ के मोर सहोदर भाई हे जननी ।।अहीं मोर माता अहीं मोर िपता छी अहीं सहोदर भाई हे जननी ।।4 कािलकान्त80


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्अिखल िव के नैन तारा अहीं छी हे जगदम्ब हम्मर सहारा अहीं छी ।।अनल वायु शिश सूयर् सभ मे अहीं मा , नदी के िवमल मंजुधारा अहीं छी ।।रज सत्व तम के र उदभव अहीं मा , गट मे तदिप शंभुधारा अहीं छी ।।िवपत धार मे सुत ज डुिब रहल हो तकर हेतु िनकटक िकनारा अहीं छी ।।िवनय कािलकान्तक सुनत आन के मा दया के सकल सृि सारा अहीं छी ।।5 पारंपिरकसुर नर मुिन जन जगतक जननी हमरो पर होइयौ ने सहाय हे मा ।।जनम जनम सॅओ मुख बनल छी , आबहु देहु िकछु ान हे मा ।।के ओ ने जगत बीच अपन लिखत भेल , हमहु◌ॅ अहींक सन्तान हे मा ।।दुिखया के िजनगी माता देखलो ने जाइए , सुखमय जग क दान हे मा ।।काम ोध लोभ मोह माया जाल बाझलहु◌ॅ , मुिक देहु वरदान हे मा ।।6 पारंपिरकहे जगदम्ब जगत माता काली थम णाम करै छी हे ।।थम णाम करै छी हे जननी हम त िकछु ने जनै छी हे ।।निह जानी हम पूजा जप तप अटपट गीत गबइ छी हे ।अटपट गीत गबई छी हे जननी हम त िकछु ने जनै छी हे ।।िवपितक हाल कहू की अहा◌ॅ के सबटा अहा◌ॅ जनै छी हे ।सबटा अहा◌ॅ जनै छी हे माता ,हम त िकछु ने जनै छी हे ।।मात िपता िहत िमत कु ल पिरजन माया जाल बझल छी हे ।जगतािरणी जगदम्ब अही◌े◌ं के ◌ॅ गिह गिह चरन कहै छी हे ।।81


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्7 पारंपिरकहे अम्बे माता हमरो पर होइयौ सहाय ।। हमार जगजननी हमरो पर होइयौ सहाय ।।युग युग सॅ भटकल छी जीवन भॅवर मे आबहु◌ॅ उबा हे माय।।दुःखिह जनम बाल यौवन मे पाओल सुख के ने भेटल उपाय ।।अानी शिहीन लोभी बनल छी ,एहन ने िजनगी सोहाय ।।8 महाकिव िवापितआिद भवानी िवनय तुअ पाय ,तुअ सुिमरइत दुरत दूर जाय ।।िसंह चढ़ल देिव देल परवेश बघछाल पिहरन जोिगन भेष ।।बाम लेल खपर दिहन लेल काित , असुर के बधए चलिल िनिश राित ।।आिद भवानी िवनय तुअ पाय ,तुअ सुिमरइत दुरत दूर जाय ।।तुअ भल छाज देिव मुण्डहार , नूपूर शबद करए छनकार ।।भनई िवापित कालीके िल सदा ए रहू मैया दिहन भेिल ।। आिद भवानी9 कवीर चन्दा झातुअ िबनु आज भवन भेल रे घन िविपन समान ।।जनु िरिध िसिधक गअ गेल रे मन होइछ भान ।।परमेरी मिहमा तुअ रे जग के निह जान । मोर अपराध छेमब सब रे निह याचब आन ।।जगत जननी का◌ॅ जग कह रे जन जानिक नाम । नहर नेह िनयत िनत रे रह िमिथला धाम ।।शुभमयी शुभ शुभ सब िदन रे िथर पित अनुराग । तुअ सेिव पूरल मनोरथ रे हम सुिलत सभाग ।।इ नवो गीत नौ धुन मे अिछ । एकर अितिर कतोक गीत अिछ मुदा आबक नब पीढ़ीक बीच एकर परंपरागत िशक्षाक बेवहार निह देखल जाइछ ।पिरणामतः िफमी गीतक धुन मे भगवती गीत सभक चलन82


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्मैिथली परंपरागत गोसाउिनक गीत भगवती गीतक परंपराक समक्ष अितत्वक संकट अिछ ।एकर अितिर गाम गाम मे गहबर बीच भगतक मंडली मे झूमरा गाबक समृ( परंपरा रहल अिछ । मुदा कालमे इहो परंपरा अितत्वक संकट झेिलरहल अिछ । नौ सदयक समवेत वर मे झािल आ मा◌ॅडर के संगित मे तुत झूमरा गायन सॅ भगवतीक आवाहन होइत अिछ आ भगतक शरीर मेदेवीगट होइत छिथ । बीज प में एखनहु◌ॅ बचल अिछ ई परंपरा मुदा लुाय अिछ । बतहू यादव सनबा◌ॅचत ? हुनकिह सॅ सूनल अिछ इ झूमरा गीतभगत िचिन्तत छिथ जे हुनक बाद इ परंपरा कोनाअरही जे वन से मइया खरही कटओिलयइ हे मइया खरही कटओिलयइ हे ।मइया जी हे िबजुबन कटओिलयइ िबट बा◌ॅस जगदम्बा रिच रिच महल बनओिलयई हे ।।गोड़लागू◌ॅ पैया◌ॅ पड़ू ◌ॅ मइया जगदम्बा आइ मइया गहबर अिबयउ हे ।मइया जी हे रािख िलअउ भगत के र लाज जगदम्बा कलजोिर पैया◌ॅ पड़इ छी हे ।।जिहना बलकबा खेलइ माता के गोिदया हे , भवानी माता के गोिदया हे ।मइया जी हे तिहना खेलाबहु जग बीच जगदम्बा आब मइया गहबर अिबयउ हे ।।नामो ने जनइ छी मइया पदो ने बूझै छी हे मइया पदो ने बूझै छी हे ।मइया जी हे सेवक बीच कण्ठ िलयउ बास जगदम्बा आब मइया लाज रिखयौ हे ।।गोड़ लागू◌ॅ पइया◌ॅ प◌ॅ आा जलामुखी हे मइया अा जलामुखी हे ।मइयाजी हे रािख िलअउ अरज के र लाज जगदम्बा सेवक कलजोड़इए हे।।(अिगला अंकमे)बालानां कृ ते1.काश झा- बाल किवत 2. बालकथा- गजेन् ठाकु र 3. देवीजी: ज्योित झा चौधरी83


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्1.काश झा, सुपिरिचत रंगकम। राीय तरक सांकृ ितक संथा सभक संग कायर्क अनुभव। शोध आलेख (लोकना एवं रंगमंच) आऽ कथा लेखन। राीय जूिनयर फे लोिशप,भारत सरकार ा। राजधानी िदीमे मैिथली लोक रंग महोत्सवक शुआत। मैिथली लोककला आऽ संकृ ितक लेखन आऽ िव फलकपर िवतारक लेल ितब। अपन कमर्ठसंगीक संग मैलोरंगक संथापक, िनदेशक। मैलोरंग पिकाक सम्पादन। संित राीय ना िवालय, नई िदीक रंगमंचीय शोध पिका रंग-संगक सहयोगी संपादकक पमेकायर्रत।( िमिथलामे सभस’ उपेिक्षत अिछ िमिथलाक भिवय ; यानी िमिथलाक बा । मैिथली भाषामे बाल-बुदक लेल िकछु गीतमय रचनाअखन तक निह भेल अिछ जकरा बा रिटक’ हरदम गावे-गुनगुनावे जािहसँ बा मतीमे रहै आ ओकर मानिसक िवकास ढ़ हुऎ । एिहठाम तुत अिछ बौआ-बाक लेल िकछु बाल किवता । )१. काश झाबाल-बुदकक लेल किवताबाल किवत :1. फू लडाली में फू ल छै,पूजा हेतैन देवान के ।गेंदा, गुलाब, कनैल छै,माला बनतैन भगवान के ।2. लाल लाल गुलाब छै,अड़हुल सेहो लाल ।तीरा सेहो लाल छै ,माधुिरयो होए छै लाल ।84


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्3. सुन्दर फू ल कनैल के ,पीयर ओकर रंग ।फर तोिड़ क’ खेलै छै ,बा बुी ओकर संग ।2. बालकथा- गजेन् ठाकु र१.गरीबन बाबाकमला कातक उधरा गाममे तीनटा संगी रहिथ। पिहने गामे-गामे अखराहा रहए, ओतए ई तीनू संगी कु ती लड़िथ आऽ पहलमानी करिथ। बरहम ठाकु ररहिथ ाण, घासी रहिथ यादव आऽ गरीबन रहिथ धोिब। अखराहा लग कमला माइक पीड़ी छल। एक बेर गरीबनक पएर ओिह पीड़ीमे लािग गेलिन्ह,जािहसँ कमला मैय्या तमसा गेलीह आऽ इन्क दरबारसँ एकटा बािघन अनलिन्ह आऽ ओकरासँ अखराहामे गरीबनक यु भेल। गरीबन मारल गेलाह।गरीबनकेँ कमला धारमे फें िक देल गेलिन्ह आऽ हुनकर लहाश एकटा धोिबया घाटपर कपड़ा साफ करैत एकटा धोिब लग पहुँचल। हुनका कपड़ा साफकरएमे िदत भेलिन्ह से ओऽ लहाशकेँ सहटािर कए दोसर िदस बहा देलिन्ह।िच ज्योित झा चौधरी85


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्एम्हर गरीबनक किनयाँ गरीबनक मुइलाक समाचार सुिन दुिखत मोने आतर्नाद कए भगवानकेँ सुिमरलिन्ह। आब भगवानक कृ पासँ गरीबनक आत्मा एकगोटेक शरीरमे पैिस गेल आऽ ओऽ भगता खेलाए लागल। भगता कहलिन्ह जे एक गोटे धोिब हुनकर अपमान के लिन्ह से ओऽ शाप दैत छिथन्ह जे सभधोिब िमिल हुनकर लहाशकेँ कमला धारसँ िनकािल कए दाह-संकार करिथ निह तँ धोिब सभक भीमे कपड़ा जिर जाएत। सभ गोटे ई सुिन धारमे कू िदलहाशकेँ िनकािल दाह संकार के लिन्ह। तकर बादसँ गरीबन बाबा भीक कपड़ाक रक्षा करैत आएल छिथ।२.लालमैनबाबािच ज्योित झा चौधरीनौहामे दू टा संगी रहिथ मनसाराम आऽ लालमैन बाबा। दुनू गोटे चमार जाितक रहिथ आऽ संगे-संगे महीस चरबिथ। ओिह समयमे नौहामे ब पैघजंगल रहए, ओतिह एक िदन लालमैनक महीसकेँ बािघिनया घेिर लेलकिन्ह। लालमैन महीसकेँ बचबएमे बािघनसँ लड़ए तँ लगलाह मुदा ीजाितकबािघनपर अपन सम्पूणर् शिक योग निह के लिन्ह आऽ मारल गेलाह। मनसारामकेँ ओऽ मरैत-मरैत कहलिन्ह जे मुइलाक बाद हुनकर दाह संकारनीकसँ कएल जाइिन्ह। मुदा मनसाराम गामपर ककरो निह ई गप कहलिन्ह। एिहसँ लालमैन बाबाकेँ ब तामस चढ़लिन्ह आऽ ओऽ मनसारामकेँ बका कऽमािर देलिन्ह। फे र सभ गोटे िमिल कए लालमैन बबाक दाह संकार कएलिन्ह आऽ हुनकर भगता मानल गेल, एखनो ओऽ भगताक देहमे पैिस मनता पूराकरैत छिथ।3. देवीजी: ज्योित झा चौधरीदेवीजी :देवीजी राजेन् साद जन्मिदवस86


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्परीक्षाक समाि भेलापर सब ब सब बहुत िनिन्त छल।लेिकन देवीजी पिरणाम घोिषत हुअ तक के समय के यथर् निहं िबताबऽ चाहैतरहैथ।तािह पर सऽ िबहारके महान वतंता सेनानी एवम् देशके थम रापित वगय डॉक्टर राजेन् साद के जन्मिदवस छल ३ िदसम्बर कऽ।तैं ओबा सबके िवालय बजेली।िच ज्योित झा चौधरीदेवीजी सबके बतेलिखन जे डॉ राजेन् सादके बेसऽ धािमर्क एकताक ान भेटल छलैन।माय हुनका रामायण पिढ़कऽ सुनाबै छलिखन आिपता मौलवी लग पठा फारसी िसखाबई छलिखन।बारह साल तक गणतं भारतके थम रापितक पदके सम्मािनत के लाक बाद ओ वेच्छा सऽ २८फरवरी १९६३मे पद सऽ इितफा दऽ देलैथ।ओ अित िवलक्षण बुिक वामी छलाह आ गॉंधीजीक िवचारसऽ ेिरत भऽ अपन वकालत छोिड़ वतंतासंाममे कु िद गेलाह।धािमर्क एकताक बात उठल तऽ सब बा सब अपन-अपन धमर्क िवषेशता पर तथा अपन पाबिनके मनाबक ढ़ंग पर अपन िवचार यके लक।अिह तरहे सामुदाियक एकता पर िवचारिवमशर् कऽ सब अिह महान नेताके ांजली देलक।बा लोकिन ारा मरणीय ोक१.ातः काल मुहूर् (सूयदयक एक घंटा पिहने) सवर्थम अपन दुनू हाथ देखबाक चाही, आ’ ई ोक बजबाक चाही।कराे वसते लमीः करमध्ये सरवती।करमूले िथतो ा भाते करदशर्नम्॥करक आगाँ लमी बसैत छिथ, करक मध्यमे सरवती, करक मूलमे ा िथत छिथ। भोरमे तािह ारे करक दशर्न करबाक थीक।87


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्२.संध्या काल दीप लेसबाक काल-दीपमूले िथतो ा दीपमध्ये जनादर्नः।दीपाे शरः ोक्ः सन्ध्याज्योितनर्मोऽतुते॥दीपक मूल भागमे ा, दीपक मध्यभागमे जनादर्न (िवणु) आऽ दीपक अ भागमे शर िथत छिथ। हे संध्याज्योित! अहाँकेँ नमकार।३.सुतबाक काल-रामं कन्दं हनूमन्तं वैनतेयं वृकोदरम्।शयने यः मरेित्यं दुःवप्नतय नयित॥जे सभ िदन सुतबासँ पिहने राम, कु मारवामी, हनूमान्, गड़ आऽ भीमक मरण करैत छिथ, हुनकर दुःवप्न न भऽ जाइत छिन्ह।४. नहेबाक समय-गे च यमुने चैव गोदाविर सरवित।नमर्दे िसन्धु कावेिर जलेऽिमन् सििधं कु ॥हे गंगा, यमुना, गोदावरी, सरवती, नमर्दा, िसन्धु आऽ कावेरी धार। एिह जलमे अपन सािध्य िदअ।५.उरं यत्समुय िहमाेैव दिक्षणम्।वष तत् भारतं नाम भारती य सन्तितः॥समुक उरमे आऽ िहमालयक दिक्षणमे भारत अिछ आऽ ओतुका सन्तित भारती कहबैत छिथ।६.अहया ौपदी सीता तारा मण्डोदरी तथा।पकं ना मरेित्यं महापातकनाशकम्॥जे सभ िदन अहया, ौपदी, सीता, तारा आऽ मण्दोदरी, एिह पाँच साध्वी-ीक मरण करैत छिथ, हुनकर सभ पाप न भऽ जाइत छिन्ह।७.अत्थामा बिलयार्सो हनूमां िवभीषणः।कृ पः परशुराम सैते िचरीिवनः॥अत्थामा, बिल, यास, हनूमान्, िवभीषण, कृ पाचायर् आऽ परशुराम- ई सात टा िचरीवी कहबैत छिथ।88


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्८.साते भवतु सुीता देवी िशखर वािसनीउेन तपसा लब्धो यया पशुपितः पितः।िसिः साध्ये सतामतु सादान्तय धूजर्टेःजावीफे नलेखेव यन्यूिध शिशनः कला॥९. बालोऽहं जगदानन्द न मे बाला सरवती।अपूण पंचमे वष वणर्यािम जगत्यम् ॥पी डाटाबेस-(िडिजटल इमेिजंग / िमिथलाक्षरसँ देवनागरी िलप्यांतरण/ संकलन/ सम्पादन-गजेन् ठाकु र, नागेन् कु मार झा एवंपीकार िवानन्द झा ारा)जय गणेशाय नम:(1)थ प पन् जी िलखते: अथ सिरसब ाम: देवािदत् य रतनाकपत् य छादन जाकरापत् य बनौली रम समेत िनिवकर सन् तित के शव पत् यदनाद गंग वरा पत् य गौिर शौिर कु लपित बधवाम् मिहपािण सिन् तत खांगुड़ गयड़ा समेत हे वरापत् य जकी गणे वरा पत् य सकु री सोनेसन्तित कटमा ओ सकु री भविदत् य पत् य सतैढ़ रघुनाथापत् य उ लू कौिशक उ लू िगरी वरापत् य सतैढ़ वा तु सुत ऋिष सवेढ़ सम् ितफरकीया िशवािदत् यापत् य रवाल मतहनी हरािदत् यापत् य बिलवास ी करापत् य ननौरे शुिचकरा पत् य जगन् नाथ पूर ह लै वर पुरपैक टोल के वब बागे वसुन् धर नरघोघ रामदेवापत्य िसंडोला काम देवापत् य डीगरी गढपित सिन् तत गौर वोड़ा दाश निजबाक ामभासे सिन् त विनआ रातु िदग ध कान् ह सिन् तत गोिवन् द ाड़ाम सोय सिन् तित नाटस सुपन वालू देहिथ नारायण पुराइ हमपुर िमरामापत् य अचौही शुिचकरा पल िलया पुर छीतू पा पीलखा िशवाई महु िलया जहरौली ईव वर ना नोटड़ ी धरापत् यिदमन् दरा एते जिजवाल गान अय वान् द पल ठ हराइ सन्तित भखराइन सोमे वरा पत् य बु लन कधु ंवा समेत ठ. अनन् त हिर लखनौरभोगी वर पत् य गोपल सिन् तत बथई हरड़ी गढाघरा प टा पौराम रतनाकरापत् य हलधर ते तिरआ हिरड़ी खाडबसा ठ; इबे सन् तित भौरलाखू मिहमकित बेहर यमुगाम योगी वरापत् य सोन् दपुर सरपना कु रहनी वासी ीर प टता शुभका पत् य देशुआल झाम सिन् तत89


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्हैयाश गुरदी सोन करमे वा तु लागू िहस् देउरी गोपालपत् य गढ़ देने सिन् त चतुआरी पक्षधरा पल तेतिरआ िदन कराय प ोराग बधरीिबहारी अगय गोरदी साधु सिन् त बधयी लक्षमीमित सिन् तत सरसा गणे वरा पत् य गुलदी ह ले वर पत् य के लारी जीवे वर पत् य आलय(2) ''अ''पोमकं ठ सरपरब रिब सन् तित गौर पुर जयकर सन् तित सजनी भासे डीह देवे वरापत् य देशुआल पक्षी वरा पत् य यमुगाम िगरी वरमत् य देशुआल िवन् ध् ये वर पत् य वैकु ण् ठपुर िशितकं ठसन् तित खुली। रतने वर परन गुलदी अथ गंगोली ाम महामहो सुपट सिन् तत गोमकटमा होरे सन् तित िबसपी हा सिन् तत देशुआल हिर सिन् तत डुमरा िदवाकरापत् य िदगुन् ध गौरी वर सन् तित जगनाथा पत् य धमर्पुरकु मर गंगोली वासी कमल पािन वैगनी 93 ाम डालू सन्तित सकु री गयन सिन् त खरसौनी एते गंगोली ाम ाम पबौली ाम रिवसिन् तत िबरौिल उदयकर सिन् त सपता देशुआल मिहपित सन् तित कोशीपार डुमराही हिरयािण सिन् तत गोधनपुर ल मीदापत् य गोनोलीना सिन् त मतौनी डहुआ द सन् तित बछौनी द सुत पाठक भीम मीरगोआ जागू सन् तित रथपुरा िवशो सन् तित चणौर बासु गौिरसन्तित महरैल के शव गोिवन् दापत् य राजे दामोदरापत् य राजे िशवदा पत् य बिाना गोगे सिन् तित सहुड़ी यशोधरापत् य मेयाम दामूसन्तित सम् मा पुण् याकरपत् य पैकटोल पिनहथ उँदयी सन् तित धेनु मधुकर तनाकर जा कर िदयाकर पत् य जगित एबे पवर्मललीगा्रमअथ सोदपुर ाम:-हे वरापत् य धउल :दे्रव परापत् य िवरपुर धीरे वरापत् य सुन् दर िव व रापत् य माधव टसौली रामापत् य रमौली बाटूबड़साम िच बासुदेव कु सौली यताधरापत् य पचही गयनापत् य: रोहाड़ बहेड़ा रित हिर टाटी वा तु सन् तित तेतिरहार पे सन् तित िसमरवाड़ बसाडनापत् य कन् हौली कामे वर सुरे वर राम(3)90


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्नाथापस: भौआल कान् हापत् य सुखैत िपुरे अकडीहा रितनाथा पत् य डालू कटका बाटू हलधर के डटगामा सुधावरा पत् य गौर म मरिवनाथ सुत मामतुर जीवानापत् य िदगुन् ध म म उठ भवनाथ अयाचीयुत ममडा शंकर मटो महादेव महो मासे महोदारी सिन् त सिरसनअपरा भवनाथ अचाचीसुत शम् भुनाथ नाथापत् य बािल महामही देवताधापत् य िदगानुन् ध महो रघुनाधापात् य रैयाम जोर सन् तितिवठौली िमसरौली गोपीनाथा पत् य मानी, जगौर म स उ जीने वर सुत गणपित हिरपित मिहया लोकनाथापत् य मािझयाम खोिर। हरदन् तमाधदापत् य राहड़ सुहगिर देवे सन् तित मिय एते साद पुर ामा जुथ गंगोराम बीनू बालू कु म भैआल के शवापत् य भुिहयारी पोनदसनाथ सन् तित िवरनी वासी भारे सन् तित मिहन् पुर िवटू फिद बेककअय प ली ाम:-हलधर सन् तित = बनाइिन।। मह यहां उँमापित समौिल, वारी, जरहिरया।। पनाथ सन् तित िगरपित = समौिल।पशुपित = समौिल।। महाबंधक।। रघुनाथापत् य: दड़मपुरा नरहिर, रघुपित सन् तित = समोिल।। देवधरापत् य = कछरा, देउरी।। गांगुसन् तित=दोउरी।। िदवाकरापत् य=देउरी, सकु री, मोहरी=कटैया घोटक रिव सन् तित=कटैया।। हे वरापत् य: कछरा।।रामकरापत् य=भालय।। िजितवरापत् य राजेसित वरापत् य=िसम् मुनाम ।। कान् हापत् य= पड़ौितन।। िवरमिमापत् य=ततैल।। रामद सुतके शव सन् तित=कान् ह=हाटी।। महाडर् सन् तित=अतयी।। वंशधरा पत् य=अलय।।गोिवन् दा पत् य=रैयम।। कीखे सन् तित राम सन् तित वाटूसन् तित=नंगवाल िममाकरापत् य= पजु र्आिर िहताई सन् तित िवपाक्षा पल कै सुता =बैकु ं ठपुर।। हा सन् तित= नैकं धा।। किवराज(4) ''आ''सिन् तत=मछैटा।। िसंह ◌ेवरापत् य=ननौर।। िमकरापत् य=ननौर-राजखड़, पाली ।। जयकरापत् य=िपण् डाघर, क रहता, रनाहास पानीकछरा।। माधका।। पत् य गौरी वरापत् य अिहयारी, दूपामारी।। गणपित गांगु सिन् तत=अिहयारी।।यशु, डग सन् तित=कु म।। बागूसन् तित=रोहाल, कटैया।। गोिवन् दा।। पत् य हचलू सुत िदवाकरा पत् य=सुदई षिनहथ।। होराइ सन् तित=अि़डयारी।। वरापत् य=भड़गामा। बाटू सिन् तत=सन् दसाही, परली पाली, िवशानन् द पत् य=हमपुर थेतिन सिन् तत= जलकौर पाली।। चन् दौत पालीदुगार्िदत् य पत् य=भड़गामा।।बाटू सन् तित=सन् दसाही, पाली पाली।। िवशानन् द पत् य हमपुर।। थेतिन सिन् तत=जलकौर पाली।। चन् दौतपाली दुगार्िदत् य पल =मिहषी देवािदत् यपत् य= िबहार मिहषी समेत।। रतनू जना िदत् य पपत् य मिहषी।। रतनाकरापल=यशी।।ततोजलकौर पाली।। चन् दौत पाली दुगार्िदत् यपल=मिहषी देवािदत् स पत् य= िबहारा मिहषी समेत।। रतनू तनािदत् य पत् =मिहषी।।रतनाकरा पत=याशी।। ततो धोधिन सन् तित=याशी।। िदशो, झीकर शुिचकए पल=पुरोठी।। जीवे सन् तित=मोनी।।बाद ऋतित आठी91


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ससुधारापत् य मागु सन् तित=मोनी भवदन् तापत् य=पुरोही (100/105) शुभकर। पत् य=जमदौली।। पौथू सन् तित=परसौनी, जरहिटयासकु री।। कसमाकर सन् तित जमदौसी ।।यहा धरा पत् य =सकु री।। जीवधर वशीधरापत् य=सकु री।। बुिघर। पत् य=ततैस।।कान् हापत् य=अलय, सकु री।। इन सन् तित सकु री।। मुरारी सन् तित समापत् य=मिहन् वाड़ िवशो सन्तित व वरपत् य कोलहा गणे वरनन् दी वर पत् य =मिहन् वाड़ गोिवन् दापत् य=हिरपुर।।िवर वर नरिसंहापत् य=रादी।। ीधरापत् य बेहउँठ राढ़ी।। गुणी वर पत् य। कोउलाव।।हे वरापत् य चहुँटा।। शोपालापत् य=समैया हिरपािण सन् तित=समैया।। बाहरे सन् तित होरे वर मित वर मंगरौनी।। बाट सन् तित=कटउना।।जसू, रातू सन् तित=अकु री।। गणपित सन् तित भगवसन् तित=पचाढ़ी।। गुणाकरा पत् य बरेहता सोन् दवाड़।। पुरिदत् या पत् य=मृग थनी एतेप ली ाम(5) हरड़ी।।धने वर-मिझयाम, कनईल, लोटना समेत।। लाखू सन् तित-कनइल।। चाण सन् तित रित वर छामू।। रामकर कृ णाकरथुगाम बाहरी।। भोड़ो सन् तित शंकर गूढ़-िदवड़ा।। इबे-जरहिटया ।।देवे सन् तित-रहड़ा।। गोढ़े-रहड़ा।। गोन् दन चाण-।। पुरोिहतगोपाल सिन् तत माह वआड़ सुपे संखवाड।। ीकर पेकटोल गौरी वर -तेकु ना।।भगव -पुरामिनहरा।। चे वर सन् तित-दुहुड़ा कटरा।देहिर ततैत।। सोम-तेतेल सािन्ह सिन् त गोधनपुर।। देवे सन् तित-कािदक पूर। (ताइ-तेव ।। ।। गोना एकराढ़ी-िथितकएपत् य-आड़ावासी-मिझयाम समेत।। बुधौरा सकरादी, दूबा-सबुराढ़ी अन् हार बरगामा समेत।। एके सेकराढ़ी ाम।। अथ ढिरहरा ाम:-िपुरािर सन् तित-िसंहाम।। हिरकर बुिकर सपनािद िवजनपुर।। यश पित सन् तित गणपित गड़ैली गुणपित सन् तित-पठोड़ी)।।िवापित = पुडरीक=मछली। के शव-अमरावती। िश-कु म सोने सन् तित औजाल।। िशव-यमुाम ।। गुणाकर पकर मधुकरपोजाकररापत् य कु सुमाक 9उगाम ।। िमकरापत् य=जरहिरआ।। साद गौरी वरपत् य-भाडड़ सन् ह समेत।। िदवाकरापत् य= असई।िदनकरापत् सोनतौला।। रितशम् मार् वस -सकु री।। इन् पित= हिरनगर। आग् नेय।। झटपाली दिरहर िसमिसक कोइलािव वनाआपत् य-मिहसान-कोइलख समेज।। िदघुपित-तैव।। होरे उराढ़ वासी।। गांगू-कघरा।। रघुपित सेठय कठरा।। कान् ह=कटैया।। जादू सरहरा वाही कृ णपित-गुणी वर=फू लमती।। सुन् दर-गांगू=तैव।। मती वरापत् य= सुन् दर असई समेत।।सुरपित=गोलहटी, अलय समेत।। िगरी वरापत् य-उिडसम।। पण् डोिल दिरहरा=हिरकर सन् तित िसहौली शंक मरनामक गोढ़े-नवहथ।।कान् हा पत् य=आसो-िचलकौिर।। भादू सन्तित=ततैल, तेतिरआ, िसमार(6) ''उ''92


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्कनसम।। गोि़ढ सन् तित=बि़ढयाम। सुपन सन् तित=गांगू िमी।। िवशो=तैव।। िहक सावे=दीघीया।। धीरेव वर सन् तित=तारडीहजलकौर=तिरहोश। िम कान् हापत् य= मतडना।। गंगे वर सन् तित िम दुगार्िदत्यापत् य=चदुआल।। देवधरापत् य।। अिहोिकमहामहोहिर सन् तित= नेतवाड़ ।। ना सुत िच=मठुआल।।िवभाकारापत् य=िसंिधया।। भाकर सुत जुधे= पटसा।। नोने-जगवाल।।ना सुत बाटू भृित=अन् दोली।। गोिढ सन् तित= धनकौिल िम हिर सुत चण् डे वर= चंटुगामा।। नारायण=उने।। िमस मितकर=बघोली।। धामू सन्तित= पोजारी।। शूलपािण=रतौली नीलकं ठ=पोखिरया पन=रतौली।।खांतर=बड़गाम।। बासू सन् तित=बाली मुिनिवर वरपत् य िदवाकर=राजनपूरा।। रिवकर=छनध राजनपुरा, सीसब समेत।। गुणाकर िसि़ढबाला।। हिरकर=जरहिटया, ततैत समेत।।समेत।। हमेश्वरपत् य रजनाकरापत् य पारी।। िव वपसन् तित=पिनहारी।। शूलपािणाता नीलकं ठ= बोथिरया।। पन सुत भोगिगरी=रतोली।। यवे वर= जरहिरया=हमे वर तैव।।एते दिरहए ाक।। 112 पथ माण् डर ाम:-गढ़ माण् डर कामे वरापत् य=बथया।।महक जोर सन् तित= बघांत।। सुइ भवािदत् या पत् य= कनैल, बुठौली समेत।।िदवाकरापत् य= जकी, मिढझमना।। हरद सन् तितसनितया।। गुणाकर, जयकर खनितया।। माधवापत् य=अरि़डया।। रित,डालू-भौखाल, दोलमान पुर।। बेगुडीहा।। खांतू। ठाकु र, सरवाइ,कउटू सन् तित=भौआल।। गदाई=दोलमानपुर=के शवापत् य=असमा।।कानहापत् य=आसमा।। सूपे, िवभू= कटमा िवभू, भानुकरिदलरवा।। किवराज शुभंकराएल = कटमा।। वागी वरापत् य=मिहषी, गांगे।।पधरा पत् य=मड़रौनी।। रिवदन् तापत् य िवशो= देउरी।।(7)हिरकर=िवजहरा।।खांत=जरहिटया।। हिर=मडरौना।। हौरे= के उंट गामा।। सुधाकर=वारी।। शुभंकर=सकु री।। पशुपित सन् तितगुणपित=ओकी।। (18/09) िशवपित इन् पित=रजौर। कृ णपित=पतौनी।।रघुपित=जगौरा।।जापित=अमरावती।। छीतर= जगौर।।आड़िन सन् तित कु लपितक कटैया।। नशपित =दहुला।। रिवपित=कटका।।महादेव=िसर खि़डया (ीखंड)।। रितपित (18/03)=िसहौिल)। दूबे=दुबौली।। पौखू= िबठुआला।। धनयात् यां =सरहद।। िवधूपित=पतनुका।। सुरपित, रतन=कनखम।। सोम=बेहद।। भवे,महेश= कटैया ।। गुणी वर=कटाई ।। पीताम् बरा पत् य= कटाई, जमुआल।। देवनाथ शी=जरहिरया, मकु री।। लक्षमीकांतापत् य=िपुरौली।। हिरकान् तापत् य दिहला।। उमाकन् ता पत् य हम् पुर सुगन् ध सन् तित=कनसी।। हमे वरात य मझौली।। गुणे िमा पत् य=थुबे,खरका ।। सोिर िमआपत् य=हमपुर।। गयन िमा पत् य, वीरिमयापत् य= वारी, सकु री।। हिरशमार्पटन सुधाकरािद= मृग थली छेदिमायटन=अन् दौली।। सुरे वरापत् श् हे वरापत् य=कटउना।।हिर िमा पत् य=कटउना।। ऋिष िमायत् म= बेलउजा।। यित िमा पत् य=क डना ।। कीितर् िमा◌ा ममी वरपत् य= गोआरी।।िगरी वर पट=िमथरौली।। हरे िमा पत् य= खपरा ।। बाढंिमथापत् य=टखौली।।हेसन, नरदेव= लेखिटया।। िशवाई सन् तित=वत्ययास, धमपुरा।।93


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्सवार्नन् द= दलवय, सकु री।। दलवय िथत=असगन् धी।। चन् करायस=के वड़ा।। कु लधर, रमरायस= िदपेती, बेतावड़ी।। चोचू मोचू=पीहारपुर गोआरी समेज गोपाल सज् जन= हमपुर, जगतपुर।। िमकरापत् य, पनापत् य= मिहषी, सकु ड़ी ।। सुधमय सन् तित=अपोरवािर, जहरौली।। रितधरशुमे= कमपोरकी तरौनी ।। ही सन् ततित= िनकासी, मुगाम।। एते माण् डर ाम:(8) ''ऊ''अथ बिलयास ाम:-।। िभखे, चुन् जी, िनितकारपत् य= चुन् नी।। दूबे सकु री ।। सुरानन् द=बैकक वासी।। रित सन् तित=खढ़का।।िशवािदत् या पत् य मुराजपुर, ओगही, यमुधिर।। शुभंरापत् य=ततैत, कमरौली 11 नन् दी सन् तित= भौजाल, अलप, सतलखा।।सुधारकरापत् य=जरहिरमा।। राम सझिपप् त=जादू धरौरा।। के शव=यमसम।। शि ीधर=सकु री मिट समेत ।। म सन् तित नारायणिसमरी, जालए, कड़का।। महन् थ सतृित माडर िश सप् तित=ािदत् यापत् य=िवसौली।। िच सप् तित उदयकरापत् य नरसाम।। एतेबिलयास ाम:।।अथ सतलखा ाम: गुणाकर=डोक् टरवासी ।। िवभूसिप् तत भा करापत् य= सतौिषा िदवाकरापत् य= सतौिल।। चन् वर पत् य=कमोली।। शंकरापत् य=सतसरवा लोहरा पत् य, नन् दी वरापत् य, यवे वरा पत् य=कछरा।। अथ एकहरा ाम:-ीकर=तोड़बय।। जादूसन् तित= सरहद ।। शुभेसन् तित= मैनी।।सोने सन् तित=मण् डनपुरा लक्षमीकरापत् य=संाम।। द सन् तिपत=आसी।।धाम=नरोध,जमालपुर।। गढकू =कसरउढ़।। बाटू= िसंधाड़ी।। िथते=खड़का ।। िमते=कन् हौली।। गणपित पतउना।। जाने= ओड़ा।।कोचे=चौिल।। शुिचकरापत् य मुराजपुर।। िच वरपत् य=नरछ।। एते एकहरा ाम।। अथ िव पचंक (बेलउँच) ाम:धमर्िदत् यापत् य=िससौनी ।। रामद हरद नोना िदत् या सन् तित= रितपाढ़।। सुधे सन् तित= सुदई।। िश=ारम।। गयािदत् यपत् य=ओगही।।महािदस कम् मर्पुर बछौनी समेत।। जीवािदत् य=उजान।। िदत्य=दीप सुदई।। सवार्िदत= ति़डयाड़ी।। देवािदल= ापुर।। तनािदत् य= काको।। िमचािदयात् मका काको वासू=देड़ािरया जािदत् य हिरगयन=कन् होली।। शुपे=कोलहा।।कमािदत् य=ओझौली।। के न् सकु री।। महथू= सकु री।। चौबे सन् तित= सतसरना94


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्(9)अथहिरअम ाम -लाख सन् तित=रखबारी।। के शव-दामू=मंगरौना।। मांगू-नरिसंह=िशवां।। हा (18/09=िशवा।। (27/05नरहिरसन् तित ज् वितरराजपुर चाण िदन कटमा।। परम लाख= आिहल।। रित गुणे=कटमा।। माधव सुत सन् तित=अच् छी ।। अते हिरजनामा अप संकर ाम किवराज ल मीपािण=नीमा।। सुरेशपल, दामोदरापत् य=पटिनया गंगोली।। रिव शमार् वंग ल मी शमार् हमापुर।।पत, शी= पटिनयॉंपोरबरौनी और सकु री ।। जागे सन् तित= रतनपुरा।। महाई सन् तित=पिरहार।। देवतन् तापत् य=पीलरवाड़ा।।इिवन् दता पत् य= बहेड़ा।। पॉंरबूसन् तित=िसरखंिडया (ी खंड) ।। सुपन, मा सन् तित= नरधोध।। हराई, शुिचकर, तीकएपल=अकु सी।। हिर न= पोराम।। दोमोदर पत् य=बेहरा।। उँमापित सनतित= ततैत।। खंड तक वाल गामा ।। अथ धोसोत ाम रितकानह=पचही।। िचकरापत् य= नगवाड़।। सन् तित=यमुथिर।। द सन् तित= गन् धराइिन।। गणपित सन् तित=धिनसमा।। कृ णपितसन् तित= खगरी।। पृथ् वी धारापत् य- सकु री।। चन् =डीह।।एते धोसोत ाम:अथ करन् वल ाम इन् नाथ पल कोई लख।। शोिर नाथा पत् य=दीघही।। रामशम् पितत् य= रनापुर।। रितकरापत् य= मिफयाना बुिकरैव।। बुि का सन् तकी क का पत् य ककरोड़।। हचलू सन् तित=कनपोखिर।। गणे वरापत् य=के डरहम।। लान् ही सन् ताते=गिढं=शैतत् लवायी।। सदु=िच अन् तिन हर तपत् य=धनकौिलिनक् त परन बछांत ।। नोनं सन् तित=बेला।। लािन्ह सन् तित मुरदी।। सादूसिन् त=ककरौड़।। मांगू तुित=सोन, कोलखू, मछेवा समेत।। मधुकरादोलमानुा िगरी वर सन् तित नरिसहं नडुआर ी वत् ससन् तित=बे ट।। सदु के शव=िसरखंि़डया (ीखंड)।। वराह सनतित=तरोजी।। रामाध् त् य= तरौनी कान् ह ीधर=तरौनी।। रघुदन् त िच तचौिल।। नदुपाध् याद(10) ''इ''95


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्माधवापत् य=सझौरा।। सटु रामापत् य= झंझारपुर।। गुणी वरपत् य=झंझारपुर।। गुणी वरपत् य=झंझापुर।। सतु भवे वरापत् य= हरवंशापात् यमुजौिनआ।। िशवशापत् य=रोहड़।। धूर्राज म प पु गोनू सन् तित=िपण् डोखि़ड।। एते करम् बहा ाम:।। अथ बूधवाल ाम:रिवकरापत् य=खड़रटन सुरसर समेत ।। सुए सन् तित=हमापुर।। राम चाण=मिझयाम।। ढोढ़े=बेलसाम।।उग= सतलखा कान् हाप=वेतसाम दूबे हिरकर=हिरना।। दामोदर= सकु री।।राम िदनू= सुन् दर पाल।। गंगािदत् य िवकम सेतरी।। सदु भानुसुत गणे वरपत् य=पिरणाम।। गुणी वरापत् य जजान।। कोने=पीलखा।।गंगे वर=मिलछाम।।िचकर रितकर=गंगौरा।। महे वर फरहरा।। गौरी वर=मिदनपुर।। िवशोसुधकर=डुमरी ।। सूयर्कर सिन् तत=िसउरी।। हे वर=मिहषी ।। भोगी वर=िचलकौिल बालू बोधाराम।। उदयकर आड़ी।। पौथे धरम=मुठौली।। कान् हापत् य=बुधवाल।। जगन् पापत् य=िसंिधया।। एके कु छ वात ाम।। अथ सकौना ाम-वाटन सन् तित िसिधयाना हिर वरपत् य=िदवड़ा।। सोमे वरापत् य=बघांत।।बाबू सन् तित डीहा।। रित गोपाल िदनयित=तरौनी।। द सिन् त=जगन् नाथपुर।। गणेमिहपित=सिररम।। शुिचनाथपत् य परसा।। गुणे मासे ततैल।। एते सकौना ाम: अथ िनसउँत ाम: पिणत सुपाइ सन् तित=तरनी तरौनी।।रघुपित=पतउना।। जीडसर सजाित कु आ।। इितितसॉंअथफनन् दह ाम: ीकरापत् य= बथैया।। कु सुमाकर, मधुकर, िकठो सन् तिन्तिवठो हनपुर।।हाठू=चाण।। बसौनी=हमपुर 11 सुखानन् द गुणे=िससजी गांगू=सकु री।।सदु गि़ढ=खनाम।। मती वर, पौखू=चोपताशंकर=शंकर=रवयरा।। महे वर=डीहा सोम गोम माधव के शव= भटगामा।। िवशे वरसहा िसंहवाड़, िसन् हुवार 11ल मी सेवे=सकु री।। भवाईद=बोरबाड़ी, भदुआल, दिरअरा, िसमरवाड़ मुजौना समेत अनन् हह राम:(11) अथ अलय ाम।। लय, उसरौली, बोड़वाड़ी, सुसैला, गोधोण् डीच।। शंकरापत् य=गोधनपुर समेत।। ीकरापत् य=उजरा।। हेतूसिन् तत=सुखेत िम (िममांशक) हिर देवधरापत् य=िसंिधया।। बासू सन् तित: जरहिटया बाढ़ वाली। रिवशम् मर्=जरहिटया।। धासन् तित=बेहरा।। िश=धमिडहा, कादेपूरा गोिवन् द सिन् त बेहद।। म. म. उ. गदाघर=उमरौली।। परम बुिकर=बैगनी।। रतनघर सन् तितभवद= भटपूरा।। िशवद=अजवन् ता।। िमा राम वाड सुधार मात् य उसरौली।। ल मीधएपत् य हलधर सन् तित यमुगम।।शिशधर, रघु,जाटू=अलयी।।यवे वर=अलयी।। गंगाधरापत् य=यमुगाम।। लाख मूड़ी गणे वर=परम गढ़।। िसधू=वाड़वन।। दो दण् ड अ पयीलोआमबाती गसाई= डीह।। द= खड़हर।। रमाई=राजे वासी िव वे वर मित वर उसरौली।। वेद सन् तित=मलंिगया नान् यपुर अलई,िसमरी, रोहुआ समेत गंगुआल बाथ राजपुर वासी।। िकिचधरापत् य=सकु री जयकरापत् य= कड़राियिन।। सुधाकरापत् य कड़राियिन,मुराजपुर।। गोनन-कटमा गंगोली बेकक समेत। कोठ कतमा।। साठ िवशाही दोलमानपूर।। =गंगोली।। कु शल गुिणया= जरगानाजालय समेत एते बभिनयाम ाम:।।96


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्अथ खौआल ाम: ीकरापत् य=महनौरा।। रितकर सुधाकरपत् य=महुआ।। चन् कर पत् य= महुआ।।िचकरपत् य=महुआ मितनुपुर।।िथितकारासं मिहन् ा िदवाकरापत् य=कोबोली।।हिरकरापत् य-महुआ।।आदावन=परसौनी।।बाधे ढोढ़े सिन् तत=सोहुआ।। वेणी सन् तितरोहुआ।। उमापित सन् तित=नाहस ।। िव वनाथस अिहत।। बुिनाथ िचनापात् य=खड़ीक।। रघुनाथापत् य=ारम।। िव णुसिन् तत=ाछगम।। नोने जगनाथापत् य=बुसवन।। राम मुरारी शु सिन् तत= पण् डोली।।(12) ''ई''बाटू सन् तित=हनपुर ितरहर मोडु।। साधुकरापत् य=दि़डमा।। हरानन् द, सन् तित=अिहयाई।। भवािदत् यापत् य=नाहस देशुआल।।पॉंखू=बेहटा।। भवे सन् तित धमर्करापत् य=देशुआल।।डालू सन् तित=दि़डमा।। दामोदरा पत् य= तरहट हमपुर।। राजनापत् य=ययुआल।।िितकरा पत् य=पचाडीह (पचाढ़ी।। पतौना खौआल िदवाकरापल = घुघुआ।। भवािदत् यापत् य=ककरोड़ वंगरैठा समेत।। बैनाथजाकारक रघुनाथ कामदेव-मौनी, परसौनी।।गोपालायह कृ णापत् य =कु मार्र, खेलई।। शिशघरापत् य नरिसंहपत् य= बोढ़वाड़ी कोकडी,छतौिनया।। दामोदरपत् य=कोकडीह ।। नयािदत् या पत् य=बेजौली।। दूिर सन् तित जयिदत् यापत् य सुखेत, सदर्सीमा।।शुिचकरापत् य=िदगुन् ध।। आड़ू सन् तित रघुनाथ पत् य= मुराजपुरहपुर।। जीव ◌ेवरपत् य= िदगुम् ध।। भवेसिन् तत= िमी, सतैढ़, बेहर।।इबे=सन् तित=हमपुर।।हेलु सन् तित =सतैढ़ रिवकर सन्तित तैव साद मधुकर सन् तित बेहदा।। िदवाकरापत् य िपथनपुरा।। गंगे वरपत् य=कु रमा, लोहपुर।। लम् बोदर सन् तित=कु रमा।। नादू सन् तित= िपथनपूा।। राजपिण्डत सह कु मा रामकर सन् तित िमी खंगरैठागनाम।। आड़िन सिन् तत=सौराठ।। मिन गहाई, के उँदू सन् तित=िसम् बरवाड़।। एते खैआल ाम:।अथ संकराढी ाम:-महामहोका सिन् त भगर गोिवन् द सकु री।। िितकर=कािदगामा।। शुमे सन् तित=अलय महाम् हो हिरहापत् य=सुन् दरे गोपालपुर।। जयािदत् या पत् स=मतुनी सरावय।। परमे वर=नेयाम।। सदु सुपे हरडी।। रामधरापत् य= अलय ।। हिरशमार्सन् तित=िसधन मुरहदीन रे कोरा संकखढ़ी-होरे-चांड़ी-परहट।। सोम-गोम=शिरायपुर।। हिर वर=सकराढ़ी वासी।। जीवे वर 1पत् य=बेला अधगाठ।। शयन इिरकािद(13)97


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्नोने िवभू िसंिधया=गढ़ बेलउँच=सुपन भकु नौली।। कौिशक=कु सौली 11 लक्षमीपािण=सुशरी।। पॉंपू=देयरही।। एते बेलउँच ाम:अ थ नरउन ाम: बेलमोहन नाउन ज् यटाधरातल=मदनपुर।। रातूसनतित=किडयन।।। गब् ब वरापत् य:िसंिधया ।। डालू सिन् त िचकर:मिलछाम।। चन् कर टुने सन् तित =सुलहनी।। िवशोसिन् त= िपुरौली।। हेनसन् ित भखरौली।। िदवाकर पता: सुरसर, कवयी।।िदनकरापत् य=पुड़े।। खांतू कोने=वत् सवाल।। शिरायपुर नाउन=दामोदरपत् य=जरहिटया। मुरारी=तेघरा।। योगी वरापत् य=अवे वरापत् य नयगामा भरवरौलीसमेत।। एते नाउन गाम:।। अथ पिनचोभ ाम:-मधुकरापत् य=तरौनी, झा◌ौआ, पदमपुर।। िशवपित,गुणे वरापत् य=सुलहनी।। िवशो हातू सन् तित= असौली भवे वरापत् य मैलाम।। जौन सिन् त=आिहता।। पशु आिदतू= डीह आिहल।।बाबू पाठकािद= मैलाम, कटउना िवसपी समेत।। कामे वरापस पौनी, सिकयाल। देहिर सन्तित= कनौती, तरौनी लान् हसन् तित=उ लू।।जगन् नाथपत् य हरद= खड़का, बगड़ा बयना समेत।। आउिनसुत पदमािदतपत् य= मंगनी, िसरि़डया, महालठी, लोही, चकर ट,कनर्मान तरकीस समेत ।। हिरनाथपत् य मखनाहा कमोली।। चण् डे वर पत् य हिरवंश सुत रतनाक रायपत् य=बथैया ।। चे वर= कु रमा।।बाटू सन् तित=चहद, िसउली बाठी।। िवरपुर पिनचोम= रातू सिन् त= सुन् दवान।। हा सन् तित किरयन।। वा तु सन् तित=िमी।।महे वरापत् य= देशुआल।। िदनकर मधुकरापत् य=जरहिरया ।। रामे वर सन् ित चन् करापत् य=अलदाश।। िवर सन्तित के शवापत् य =भरौर, शहजादपुर, विलया समेत।। वासुदेव सन् तित ददरी।। सोने सन् तित= हमौिल।। धराई सन् तित=अमरावती = रात सन् तित=करिहया, उसरौली आिदत् य डीह।। हिर वरापत् य=डीहा।।सोमे वर=बधांतडीह।। रधु: रामपुर डीटा रिव गोपाल=तरौनी।। हिरशमार्पत् य=महुआ।। बाटनापत् य=तरौनी, बैगनी।। िचशम् मार्= जगन् नाथ, मिटराम।। शुिचनाथा यत् य= ततैल ।। शीशधर= हमापुर नेहरा,भवनापापत् य पुरसौली।। देवािदत् यापत् य=पुषौली।। ऐते पिनचोभ ाम:।। अथ कु जौली ाम:-गोपाल सिन् तत= यशोधर= बेहटा।।सुपन, नाँथू ल मीकर=मरबहरौलीं।।जीवे, जोर= मलंिगया।। मेधाकर=वनकु जौली।। रातू िसम् मुनाम कन् धराइन।। सुरपित।।गणपित=िदगउन् ध।। िदगउन् ध।। ल मी पित मिहन् बाड़।। चण् डेवर हिर=िदगउन् द साने-लोड़ाक, महारनी।। िव णुकर=परसौनी।। पनकनधरािन।। सोम=लोआम।। राजूसन् तित सुधाकर= सरावय।। ल मीकर सुत जाकर अमृतकर=बजौली।(14) ''14''अथ गो पन् जी िलखाते।।:-शािण्ड ये िदघोष: सिरसन, महुआ, पवर्प ली (पबौली) खगुबला, गंगोली, समुगाम, किरयन, मोहारी,सझुआल, भंडार:।। पण् डोली जतजवाल, दिहमत, ितलई, माहब, िसम् मुनाम िसहांम, ससारव: (सोठारपुर) तिलत कड़िरया,अ लािर, होईया, समेत त हनपुर, पिरसरा, परसंड, वीर नाम, उन् तमपु कोदिरया, धितमन, बरेबा मधवाल, गंगोरय, भटौरा, बुधौरा98


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्हमपुरा कोइगार, के रिहवार, गंगुआल च, धोिसयाम, छतौनी, िमगुआल ननौती, तपनपुर वाइित शि अथ वत् स गो:-प ली(पाली) हिरअम् ब, ितसुरी, राउढ़ टंकबाल धुसौत, जजुआल, पही ज लकी (जलाय) मन् दवाल, कोइयार, के रिहवार, ननौर, उढ़ारिथ करमाहा बुधवाल, भड़ार लाही, सोइिन सकौना फनन् दह, मोहरी, बढ़वाल ितसउँत वह आली पण् डोिल, बहेरादी, बरैवा,भण् डािरसम, बमिनयाम, उिचत, तमनपुरा, िबढुआ नरवाल, िचप ली, जरहिटया, रतवाल, हमपुरा सरौनी।। एते वता गोाअपकायर्क गो-दानशौयर् तापैक्ष िस य पिथर्का ओडिनसा सवर्त: े ठा व व ध् मर् ितर्का ओइिन, खौआला संकराढ़ी,जगित, दिरहरा, माण् डर बिलयास, पचाउट, कटाई, सतलखा पण् डुआ, मािन मेरन् दी मडुआल सकल पकिलया बुधयल, िपमूया मौिरजनक मूलहरी महा काशमे छादन च थिरया, दो ती, मरेहा, कु सुमालंच, नरवाल, नगुरदहय ।। एते का यय शोा।।(15)अथ पराशरं गो:-नरउन सुरगन सकु री सुइरी िपहवाल, नदाम महेशिर सकरहोन सोइिन ितलै करेवा का का िपभाएते पशर गोाअथ कात् यायन गो: कु जली, ननोत, ज लकी, ितगामध् य।। एते कात् यायन गोा:।। अध सावणर् गो: सोन् दपुर पिनचोभ करेवानन् दोर मेरन् दी।। अय अलाम् बुकाक्ष गो:व माम् लाम् बुकाक्ष कटई हमपुरा आिद। ।।अथ कौिश गोे-िनखित अथ कृ णाय गोलोहना बुसवन सान् पोदोनी च ।। अथ गौतम गो:-हमपुरा उिचतमपुर कोइयां चािद गौतमो।। अथ भादाज गो: एक हराबेलउल (िव वपंचक) देयामयािप किलगाम मूतहरी गोढ़ार गोधोिलन् द एते भाराज गोया अथ मोड य गो: कौिश ये पुन च कोथुआ िव णुि वाल ।। एते विश ठ गोा:। अद कौण् ड य गो:-एक ययूर्पश यु पाउन पी गोाजन् य एते कौिण्ड य गो।। अथपरसातंडी गोे=कटाई।।16 ''ऐ''99


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्17िवशाद कु सुम तु टा पुण् डरी कोप िव टा धवल वसन वेषा मालती व के शा।। रािशघर कर वणार् शुजा तुड़ व जयित जीत सम ताभाखी वेणु ह ता।। सर वती महामायै िवाकमल लोिचनी। िव व प िवशालािक्ष िवधान् देिर परमे वरी।। एक दन् त महावुिसवार्जोगणनाय: सवर्िस करादेव गौरीपु िवमानन गंगोली सँ बीजी गंगाधर: ए सुतो वीर (110511040) नारायण। त नारायणसुत: (111811021) ए सुतो हाले शॉंई कौ।। थिरया संकान् ह दौ।। खण् डबला गा्रमोपायर्क: साउँक: शकषर्ण परनामा ए सुताभे वर दामोदर 1105/06।। बैकु ण् ठ नील कं ठ ी कं ठ ध् यानकं ठा ।। त 1109/010 दामोदर एकमावासी बैकु ण् ठ सन् तित पाठकवासी।। नीलकं ठ संितत संसारगुरदी वासी।। ी कं ठ संतित गुरदी, हरड़ी सरपरब, और वािसन् य:।। ी कं ठ सुता ध् यानकं ठा।। त1109/01 दामोदर एकमावासी बैकु ण् ठ सिन् तत पाठक वासी नीलकं ठ संतित संसार गुरदी वासी।। ी कं ठ संतित गुरदी, हरड़ीसरपरक और वािसन् य:।। ीकं ठ सुता यामकं ठ हिरकं ठ िनत् यान् द गंगे वर देवानन् द हरद हिरके शा: तादयो पन् चज् येष्ठ सकराढ़ी मेंडालू सुत दौपतौनाखामासॅ गणिपत छोणा। अन् यो पतऔना खौआल सँ गण पित दो।। त गंगे वर सुता ह लेंवर चे व र पक्षीवरा: सँसुत दो सँ छो त ले वर गुरदीवासी।। च वर हड़री वासी।। ए सुतो पदमनाम: डीह भण् डिरसम सँ शोिर दौ।। त पदमनाम सुतोपुषोतम: गढ़ बेल उँच अिभन् नद हौ18पुषोम सुतो ानपित: मांडबे ट स हिरकर सुत बाटू दो।। ान पित सुतो उँमापित सुरपित एकमा बिलयास सँ आडिनसुत बाढ़ दौ।।एकमा बिब्यास सँ बीजी वरणीधर। एक सुता पदमनाम ी िनिध ी (1115/0411) नाया:।।100


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्इंिग्लश-मैिथली कोष मैिथली-इंिग्लश कोषइंिग्लश-मैिथली कोष ोजेक्टकेँ आगू बढ़ाऊ, अपन सुझाव आऽ योगदान ई-मेल ारा ggajendra@yahoo.co.in वाggajendra@videha.co.in पर पठाऊ।मैिथली-इंिग्लश कोष ोजेक्टकेँ आगू बढ़ाऊ, अपन सुझाव आऽ योगदान ई-मेल ारा ggajendra@yahoo.co.in वाggajendra@videha.co.in पर पठाऊ।भारत आऽ नेपालक मैिथली भाषा-वैािनक लोकिन ारा बनाओल मानक शैलीमैिथलीक मानक लेखन-शैली१.मैिथली अकादमी, पटना आऽ २.नेपालक मैिथली भाषा वैािनक लोकिन ारा बनाओल मानक शैली।१.मैिथली अकादमी, पटना ारा िनधार्िरत मैिथली लेखन-शैली1. जे शब्द मैिथली-सािहत्यक ाचीन कालसँ आइ धिर जािह वर्नीमे चिलत अिछ, से सामान्यतः तािह वर्नीमे िलखल जाय-उदाहरणाथर्-ा101


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्एखनठामजकर,तकरतिनकरअिछअाअखन,अखिन,एखेन,अखनीिठमा,िठना,ठमाजेकर, तेकरितनकर।(वैकिपक पेँ ा)ऐछ, अिह, ए।2. िनम्निलिखत तीन कारक प वैिपकतया अपनाओल जाय:भ गेल, भय गेल वा भए गेल। जा रहल अिछ, जाय रहल अिछ,जाए रहल अिछ। कर’ गेलाह, वा करय गेलाह वा करए गेलाह।3. ाचीन मैिथलीक ‘न्ह’ ध्विनक थानमे ‘न’ िलखल जाय सकै त अिछ यथा कहलिन वा कहलिन्ह।102


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्4. ‘ऐ’ तथा ‘औ’ ततय िलखल जाय जत’ पतः ‘अइ’ तथा ‘अउ’ सश उारण इ हो। यथा- देखैत, छलैक, बौआ, छौकइत्यािद।5. मैिथलीक िनम्निलिखत शब्द एिह पे यु होयत:जैह,सैह,इएह,ओऐह,लैह तथा दैह।6. व इकारांत शब्दमे ‘इ’ के लु करब सामान्यतः अा िथक। यथा- ा देिख आबह, मािलिन गेिल (मनुय मामे)।7. वतं व ‘ए’ वा ‘य’ ाचीन मैिथलीक उरण आिदमे तँ यथावत राखल जाय, िकं तु आधुिनक योगमे वैकिपक पेँ ‘ए’ वा‘य’ िलखल जाय। यथा:- कयल वा कएल, अयलाह वा अएलाह, जाय वा जाए इत्यािद।8. उारणमे दू वरक बीच जे ‘य’ ध्विन वतः आिब जाइत अिछ तकरा लेखमे थान वैकिपक पेँ देल जाय। यथा- धीआ,अढ़ैआ, िवआह, वा धीया, अढ़ैया, िबयाह।9. सानुनािसक वतं वरक थान यथासंभव ‘ञ’ िलखल जाय वा सानुनािसक वर। यथा:- मैञा, किनञा, िकरतिनञा वा मैआँ,किनआँ, िकरतिनआँ।10. कारकक िवभिक्क िनम्निलिखत प ा:-हाथकेँ, हाथसँ, हाथेँ, हाथक, हाथमे। ’मे’ मे अनुवार सवर्था त्याज्य िथक। ‘क’ कवैकिपक प ‘के र’ राखल जा सकै त अिछ।11. पूवर्कािलक ियापदक बाद ‘कय’ वा ‘कए’ अयय वैकिपक पेँ लगाओल जा सकै त अिछ। यथा:- देिख कय वा देिखकए।103


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्12. माँग, भाँग आिदक थानमे माङ, भाङ इत्यािद िलखल जाय।13. अर् ‘न’ ओ अर् ‘म’ क बदला अनुसार निह िलखल जाय, िकं तु छापाक सुिवधाथर् अर् ‘ङ’ , ‘ञ’, तथा ‘ण’ क बदलाअनुवारो िलखल जा सकै त अिछ। यथा:- अ, वा अंक, अल वा अंचल, कण्ठ वा कं ठ।14. हलंत िच िनयमतः लगाओल जाय, िकं तु िवभिक संग अकारांत योग कएल जाय। यथा:- ीमान्, िकं तु ीमानक।15. सभ एकल कारक िच शब्दमे सटा क’ िलखल जाय, हटा क’ निह, संयु िवभिक हेतु फराक िलखल जाय, यथा घर परक।16. अनुनािसककेँ चन्िबन्दु ारा य कयल जाय। परंतु मुणक सुिवधाथर् िह समान जिटल माा पर अनुवारक योगचन्िबन्दुक बदला कयल जा सकै त अिछ। यथा- िहँ के र बदला िहं।17. पूणर् िवराम पासीसँ ( । ) सूिचत कयल जाय।18. समत पद सटा क’ िलखल जाय, वा हाइफे नसँ जोिड़ क’ , हटा क’ निह।19. िलअ तथा िदअ शब्दमे िबकारी (ऽ) निह लगाओल जाय।20. अंक देवनागरी पमे राखल जाय।104


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्21.िकछु ध्विनक लेल नवीन िचन्ह बनबाओल जाय। जा' ई निह बनल अिछ ताबत एिह दुनू ध्विनक बदला पूवर्वत् अय/ आय/अए/ आए/ आओ/ अओ िलखल जाय। आिक ऎ वा ऒ सँ य कएल जाय।ह./- गोिवन्द झा ११/८/७६ ीकान्त ठाकु र ११/८/७६ सुरेन् झा "सुमन" ११/०८/७६२.नेपालक मैिथली भाषा वैािनक लोकिन ारा बनाओल मानक शैलीमैिथलीमे उारण तथा लेखन१.पमाक्षर आ अनुवार: पमाक्षरान्तगर्त ङ, ञ, ण, न एवं म अबैत अिछ। संकृ त भाषाक अनुसार शब्दक अन्तमे जािह वगर्कअक्षर रहैत अिछ ओही वगर्क पमाक्षर अबैत अिछ। जेना-अ (क वगर्क रहबाक कारणे अन्तमे ङ् आएल अिछ।)प (च वगर्क रहबाक कारणे अन्तमे ञ् आएल अिछ।)खण्ड (ट वगर्क रहबाक कारणे अन्तमे ण् आएल अिछ।)सिन्ध (त वगर्क रहबाक कारणे अन्तमे न् आएल अिछ।)खम्भ (प वगर्क रहबाक कारणे अन्तमे म् आएल अिछ।)उपयु र् बात मैिथलीमे कम देखल जाइत अिछ। पमाक्षरक बदलामे अिधकांश जगहपर अनुवारक योग देखल जाइछ। जेना-अंक, पंच, खंड, संिध, खंभ आिद। याकरणिवद पिण्डत गोिवन्द झाक कहब छिन जे कवगर्, चवगर् आ टवगर्सँ पूवर् अनुवार िलखलजाए तथा तवगर् आ पवगर्सँ पूवर् पमाक्षरे िलखल जाए। जेना- अंक, चंचल, अंडा, अन्त तथा कम्पन। मुदा िहन्दीक िनकट रहलआधुिनक लेखक एिह बातकेँ निह मानैत छिथ। ओलोकिन अन्त आ कम्पनक जगहपर सेहो अंत आ कं पन िलखैत देखल जाइतछिथ।105


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्नवीन पित िकछु सुिवधाजनक अवय छैक। िकएक तँ एिहमे समय आ थानक बचत होइत छैक। मुदा कतोकबेर हतलेखन वामुणमे अनुवारक छोटसन िबन्दु प निह भेलासँ अथर्क अनथर् होइत सेहो देखल जाइत अिछ। अनुवारक योगमे उारण-दोषक सम्भावना सेहो ततबए देखल जाइत अिछ। एतदथर् कसँ लऽकऽ पवगर्धिर पमाक्षरेक योग करब उिचत अिछ। यसँ लऽकऽधिरक अक्षरक स अनुवारक योग करबामे कतहु कोनो िववाद निह देखल जाइछ।२.ढ आ ढ़ : ढ़क उारण “र् ह”जकाँ होइत अिछ। अतः जतऽ “र् ह”क उारण हो ओतऽ मा ढ़ िलखल जाए। आनठाम खािलढ िलखल जएबाक चाही। जेना-ढ = ढाकी, ढेकी, ढीठ, ढेउआ, ढ, ढेरी, ढाकिन, ढाठ आिद।ढ़ = पढ़ाइ, बढ़ब, गढ़ब, मढ़ब, बुढ़बा, साँढ़, गाढ़, रीढ़, चाँढ़, सीढ़ी, पीढ़ी आिद।उपयु र् शब्दसभकेँ देखलासँ ई प होइत अिछ जे साधारणतया शब्दक शुमे ढ आ मध्य तथा अन्तमे ढ़ अबैत अिछ। इएह िनयमड आ ड़क सन्दभर् सेहो लागू होइत अिछ।३.व आ ब : मैिथलीमे “व”क उारण ब कएल जाइत अिछ, मुदा ओकरा ब पमे निह िलखल जएबाक चाही। जेना- उारण :बैनाथ, िबा, नब, देबता, िबणु, बंश, बन्दना आिद। एिहसभक थानपर मशः वैनाथ, िवा, नव, देवता, िवणु, वंश, वन्दनािलखबाक चाही। सामान्यतया व उारणक लेल ओ योग कएल जाइत अिछ। जेना- ओकील, ओजह आिद।४.य आ ज : कतहु-कतहु “य”क उारण “ज”जकाँ करैत देखल जाइत अिछ, मुदा ओकरा ज निह िलखबाक चाही। उारणमेय, जिद, जमुना, जुग, जाबत, जोगी, जदु, जम आिद कहल जाएवला शब्दसभकेँ मशः य, यिद, यमुना, युग, याबत, योगी, यदु,यम िलखबाक चाही।५.ए आ य : मैिथलीक वतर्नीमे ए आ य दुनू िलखल जाइत अिछ।ाचीन वतर्नी- कएल, जाए, होएत, माए, भाए, गाए आिद।106


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्नवीन वतर्नी- कयल, जाय, होयत, माय, भाय, गाय आिद।सामान्यतया शब्दक शुमे ए मा अबैत अिछ। जेना एिह, एना, एकर, एहन आिद। एिह शब्दसभक थानपर यिह, यना, यकर, यहनआिदक योग निह करबाक चाही। यिप मैिथलीभाषी थासिहत िकछु जाितमे शब्दक आरम्भोमे “ए”केँ य किह उारण कएलजाइत अिछ।ए आ “य”क योगक योगक सन्दभर्मे ाचीने पितक अनुसरण करब उपयु मािन एिह पुतकमे ओकरे योग कएल गेल अिछ।िकएक तँ दुनूक लेखनमे कोनो सहजता आ दुहताक बात निह अिछ। आ मैिथलीक सवर्साधारणक उारण-शैली यक अपेक्षाएसँ बेसी िनकट छैक। खास कऽ कएल, हएब आिद कितपय शब्दकेँ कै ल, हैब आिद पमे कतहु-कतहु िलखल जाएब सेहो “ए”कयोगकेँ बेसी समीचीन मािणत करैत अिछ।६.िह, हु तथा एकार, ओकार : मैिथलीक ाचीन लेखन-परम्परामे कोनो बातपर बल दैत काल शब्दक पाछाँ िह, हु लगाओल जाइतछैक। जेना- हुनकिह, अपनहु, ओकरहु, तत्कालिह, चोिह, आनहु आिद। मुदा आधुिनक लेखनमे िहक थानपर एकार एवं हुकथानपर ओकारक योग करैत देखल जाइत अिछ। जेना- हुनके , अपनो, तत्काले, चोे, आनो आिद।७.ष तथा ख : मैिथली भाषामे अिधकांशतः षक उारण ख होइत अिछ। जेना- षन् (खड़यन्), षोडशी (खोड़शी), षट्कोण(खटकोण), वृषेश (वृखेश), सन्तोष (सन्तोख) आिद।८.ध्विन-लोप : िनम्निलिखत अवथामे शब्दसँ ध्विन-लोप भऽ जाइत अिछ:(क)ियान्वयी त्यय अयमे य वा ए लु भऽ जाइत अिछ। ओिहमेसँ पिहने अक उारण दीघर् भऽ जाइत अिछ। ओकर आगाँलोप-सूचक िच वा िवकारी (’ / ऽ) लगाओल जाइछ। जेना-पूणर् प : पढ़ए (पढ़य) गेलाह, कए (कय) लेल, उठए (उठय) पड़तौक।अपूणर् प : पढ़’ गेलाह, क’ लेल, उठ’ पड़तौक।पढ़ऽ गेलाह, कऽ लेल, उठऽ पड़तौक।107


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्(ख)पूवर्कािलक कृ त आय (आए) त्ययमे य (ए) लु भऽ जाइछ, मुदा लोप-सूचक िवकारी निह लगाओल जाइछ। जेना-पूणर् प : खाए (य) गेल, पठाय (ए) देब, नहाए (य) अएलाह।अपूणर् प : खा गेल, पठा देब, नहा अएलाह।(ग)ी त्यय इक उारण ियापद, संा, ओ िवशेषण तीनूमे लु भऽ जाइत अिछ। जेना-पूणर् प : दोसिर मािलिन चिल गेिल।अपूणर् प : दोसर मािलन चिल गेल।(घ)वतर्मान कृ दन्तक अिन्तम त लु भऽ जाइत अिछ। जेना-पूणर् प : पढ़ैत अिछ, बजैत अिछ, गबैत अिछ।अपूणर् प : पढ़ै अिछ, बजै अिछ, गबै अिछ।(ङ)ियापदक अवसान इक, उक, ऐक तथा हीकमे लु भऽ जाइत अिछ। जेना-पूणर् प: िछयौक, िछयैक, छहीक, छौक, छैक, अिबतैक, होइक।अपूणर् प : िछयौ, िछयै, छही, छौ, छै, अिबतै, होइ।(च)ियापदीय त्यय न्ह, हु तथा हकारक लोप भऽ जाइछ। जेना-पूणर् प : छिन्ह, कहलिन्ह, कहलहुँ, गेलह, निह।अपूणर् प : छिन, कहलिन, कहलौँ, गेलऽ, नइ, निञ, नै।९.ध्विन थानान्तरण : कोनो-कोनो वर-ध्विन अपना जगहसँ हिटकऽ दोसरठाम चिल जाइत अिछ। खास कऽ व इ आ उकसम्बन्धमे ई बात लागू होइत अिछ। मैिथलीकरण भऽ गेल शब्दक मध्य वा अन्तमे जँ व इ वा उ आबए तँ ओकर ध्विनथानान्तिरत भऽ एक अक्षर आगाँ आिब जाइत अिछ। जेना- शिन (शइन), पािन (पाइन), दािल ( दाइल), मािट (माइट), काछु108


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्(काउछ), मासु(माउस) आिद। मुदा तत्सम शब्दसभमे ई िनयम लागू निह होइत अिछ। जेना- रिमकेँ रइम आ सुधांशुकेँ सुधाउंसनिह कहल जा सकै त अिछ।१०.हलन्त(◌्)क योग : मैिथली भाषामे सामान्यतया हलन्त (◌्)क आवयकता निह होइत अिछ। कारण जे शब्दक अन्तमे अउारण निह होइत अिछ। मुदा संकृ त भाषासँ जिहनाक तिहना मैिथलीमे आएल (तत्सम) शब्दसभमे हलन्त योग कएल जाइतअिछ। एिह पोथीमे सामान्यतया सम्पूणर् शब्दकेँ मैिथली भाषासम्बन्धी िनयमअनुसार हलन्तिवहीन राखल गेल अिछ। मुदायाकरणसम्बन्धी योजनक लेल अत्यावयक थानपर कतहु-कतहु हलन्त देल गेल अिछ। तुत पोथीमे मिथली लेखनक ाचीनआ नवीन दुनू शैलीक सरल आ समीचीन पक्षसभकेँ समेिटकऽ वणर्-िवन्यास कएल गेल अिछ। थान आ समयमे बचतक सिहहत-लेखन तथा तकिनकी िसँ सेहो सरल होबऽवला िहसाबसँ वणर्-िवन्यास िमलाओल गेल अिछ। वतर्मान समयमे मैिथलीमातृभाषीपयर्न्तकेँ आन भाषाक माध्यमसँ मैिथलीक ान लेबऽ पिड़रहल पिरेयमे लेखनमे सहजता तथा एकपतापर ध्यान देलगेल अिछ। तखन मैिथली भाषाक मूल िवशेषतासभ कु िण्ठत निह होइक, ताहूिदस लेखक-मण्डल सचेत अिछ। िस भाषाशाीडा. रामावतार यादवक कहब छिन जे सरलताक अनुसन्धानमे एहन अवथा िकहु ने आबऽ देबाक चाही जे भाषाक िवशेषताछाँहमे पिड जाए। हमसभ हुनक धारणाकेँ पूणर् पसँ स लऽ चलबाक यास कएलहुँ अिछ।पोथीक वणर्िवन्यास कक्षा ९ क पोथीसँ िकछु माामे िभ अिछ। िनरन्तर अध्ययन, अनुसन्धान आ िवेषणक कारणे ई सुधारात्मकिभता आएल अिछ। भिवयमे आनहु पोथीकेँ पिरमािजर्त करैत मैिथली पापुतकक वणर्िवन्यासमे पूणर्पेण एकपता अनबाकहमरासभक यत्न रहत।कक्षा १० मैिथली लेखन तथा पिरमाजर्न महेन् मलंिगया/ धीरेन् ेमिषर् संयोजन- गणेशसाद भराईकाशक िशक्षा तथा खेलकू द मन्ालय, पाम िवकास के न्,सानोिठमी, भपुरसवार्िधकार पाम िवकास के न् एवं जनक िशक्षा सामी के न्, सानोिठमी, भपुर।पिहल संकरण २०५८ बैशाख (२००२ ई.)योगदान: िशवसाद सत्याल, जगाथ अवा, गोरखबहादुर िसंह, गणेशसाद भराई, डा. रामावतार यादव, डा. राजेन् िवमल, डा.रामदयाल राके श, धमन् िवल, पा धी, नीरज कणर्, रमेश रनभाषा सम्पादन- नीरज कणर्, पा झा109


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्आब १.मैिथली अकादमी, पटना आऽ २.नेपालक मैिथली भाषा वैािनक लोकिन ारा बनाओल मानक शैलीक अध्ययनकउपरान्त िनम्न िबन्दु सभपर मनन कए िनणर्य क।ा/अा1. होयबला/होबयबला/होमयबला/ हेब’बला, हेम’बलाहोयबाक/होएबाक2. आ’/आऽ आ3. क’ लेने/कऽ लेने/कए लेने/कय लेने/ल’/लऽ/लय/लए4. भ’ गेल/भऽ गेल/भय गेल/भए गेल5. कर’ गेलाह/करऽ गेलह/करए गेलाह/करय गेलाह6. िलअ/िदअ िलय’,िदय’,िलअ’,िदय’7. कर’ बला/करऽ बला/ करय बला करै बला/क’र’ बला8. बला वला9. आङ्ल आंग्ल10. ायः ायह11. दुःख दुख12. चिल गेल चल गेल/चैल गेल13. देलिखन्ह देलिकन्ह, देलिखन14. देखलिन्ह देखलिन/ देखलैन्ह110


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्15. छिथन्ह/ छलिन्ह छिथन/ छलैन/ छलिन16. चलैत/दैत चलित/दैित17. एखनो अखनो18. बढ़िन्ह बढिन्ह19. ओ’/ओऽ(सवर्नाम) ओ20. ओ (संयोजक) ओ’/ओऽ21. फाँिग/फाि फाइंग/फाइङ22. जे जे’/जेऽ23. ना-नुकु र ना-नुकर24. के लिन्ह/कएलिन्ह/कयलिन्ह25. तखन तँ तखनतँ26. जा’ रहल/जाय रहल/जाए रहल27. िनकलय/िनकलए लागल बहराय/बहराए लागल िनकल’/बहरै लागल28. ओतय/जतय जत’/ओत’/जतए/ओतए29. की फू ड़ल जे िक फू ड़ल जे30. जे जे’/जेऽ31. कू िद/यािद(मोन पारब) कू इद/याइद/कू द/याद32. इहो/ओहो111


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्33. हँसए/हँसय हँस’34. नौ आिक दस/नौ िकं वा दस/नौ वा दस35. सासु-ससुर सास-ससुर36. छह/सात छ/छः/सात37. की की’/कीऽ(दीघकारान्तमे विजर्त)38. जबाब जवाब39. करएताह/करयताह करेताह40. दलान िदिश दलान िदश41. गेलाह गएलाह/गयलाह42. िकछु आर िकछु और43. जाइत छल जाित छल/जैत छल44. पहुँिच/भेिट जाइत छल पहुँच/भेट जाइत छल45. जबान(युवा)/जवान(फौजी)46. लय/लए क’/कऽ47. ल’/लऽ कय/कए48. एखन/अखने अखन/एखने49. अहींकेँ अहीँकेँ50. गहींर गहीँर112


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्51. धार पार के नाइ धार पार के नाय/के नाए52. जेकाँ जेँकाँ/जकाँ53. तिहना तेिहना54. एकर अकर55. बिहनउ बहनोइ56. बिहन बिहिन57. बिहिन-बिहनोइ बिहन-बहनउ58. निह/नै59. करबा’/करबाय/करबाए60. त’/त ऽ तय/तए61. भाय भै62. भाँय63. यावत जावत64. माय मै65. देिन्ह/दएिन्ह/दयिन्ह दिन्ह/दैिन्ह66. द’/द ऽ/दए67. ओ (संयोजक) ओऽ (सवर्नाम)68. तका’ कए तकाय तकाए113


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्69. पैरे (on foot) पएरे70. ताहुमे ताहूमे71. पुीक72. बजा कय/ कए73. बननाय74. कोला75. िदनुका िदनका76. ततिहसँ77. गरबओलिन्ह गरबेलिन्ह78. बालु बालू79. चेन्ह िचन्ह(अशु)80. जे जे’81. से/ के से’/के ’82. एखुनका अखनुका83. भुिमहार भूिमहार84. सुगर सूगर85. झठहाक झटहाक86. छू िब114


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्87. करइयो/ओ करैयो88. पुबािर पुबाइ89. झगड़ा-झाँटी झगड़ा-झाँिट90. पएरे-पएरे पैरे-पैरे91. खेलएबाक खेलेबाक92. खेलाएबाक93. लगा’94. होए- हो95. बुझल बूझल96. बूझल (संबोधन अथर्मे)97. यैह यएह98. ताितल99. अयनाय- अयनाइ100. िन- िनन्द101. िबनु िबन102. जाए जाइ103. जाइ(in different sense)-last word of sentence104. छत पर आिब जाइ115


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्105. ने106. खेलाए (play) –खेलाइ107. िशकाइत- िशकायत108. ढप- ढ़प109. पढ़- पढ110. किनए/ किनये किनञे111. राकस- राकश112. होए/ होय होइ113. अउरदा- औरदा114. बुझेलिन्ह (different meaning- got understand)115. बुझएलिन्ह/ बुझयलिन्ह (understood himself)116. चिल- चल117. खधाइ- खधाय118. मोन पाड़लिखन्ह मोन पारलिखन्ह119. कै क- कएक- कइएक120. लग ल’ग121. जरेनाइ122. जरओनाइ- जरएनाइ/जरयनाइ116


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्123. होइत124. गड़बेलिन्ह/ गड़बओलिन्ह125. िचखैत- (to test)िचखइत126. करइयो(willing to do) करैयो127. जेकरा- जकरा128. तकरा- तेकरा129. िबदेसर थानेमे/ िबदेसरे थानमे130. करबयलहुँ/ करबएलहुँ/करबेलहुँ131. हािरक (उारण हाइरक)132. ओजन वजन133. आधे भाग/ आध-भागे134. िपचा’/ िपचाय/िपचाए135. नञ/ ने136. बा नञ (ने) िपचा जाय137. तखन ने (नञ) कहैत अिछ।138. कतेक गोटे/ कताक गोटे139. कमाइ- धमाइ कमाई- धमाई140. लग ल’ग117


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्141. खेलाइ (for playing)142. छिथन्ह छिथन143. होइत होइ144. क्यो िकयो145. के श (hair)146. के स (court-case)147. बननाइ/ बननाय/ बननाए148. जरेनाइ149. कु रसी कु स150. चरचा चचार्151. कमर् करम152. डुबाबय/ डुमाबय153. एखुनका/ अखुनका154. लय (वाक्यक अितम शब्द)- ल’155. कएलक के लक156. गरमी गम157. बरदी वद158. सुना गेलाह सुना’/सुनाऽ118


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्159. एनाइ-गेनाइ160. तेनाने घेरलिन्ह161. नञ162. डरो ड’रो163. कतहु- कहीं164. उमिरगर- उमरगर165. भिरगर166. धोल/धोअल धोएल167. गप/गप्प168. के के ’169. दरबा/ दरबजा170. ठाम171. धिर तक172. घूिर लौिट173. थोरबेक174. ब175. तोँ/ तूँ176. तोँिह( पमे ा)119


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्177. तोँही/तोँिह178. करबाइए करबाइये179. एके टा180. किरतिथ करतिथ181. पहुँिच पहुँच182. राखलिन्ह रखलिन्ह183. लगलिन्ह लागलिन्ह184. सुिन (उारण सुइन)185. अिछ (उारण अइछ)186. एलिथ गेलिथ187. िबतओने िबतेने188. करबओलिन्ह/ करेलिखन्ह189. करएलिन्ह190. आिक िक191. पहुँिच पहुँच192. जराय/ जराए जरा’ (आिग लगा)193. से से’194. हाँ मे हाँ (हाँमे हाँ िवभिक्मे हटा कए)120


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्195. फे ल फै ल196. फइल(spacious) फै ल197. होयतिन्ह/ होएतिन्ह हेतिन्ह198. हाथ मिटआयब/ हाथ मिटयाबय199. फे का फें का200. देखाए देखा’201. देखाय देखा’202. सिर सर203. साहेब साहब.VIDEHA FOR NON RESIDENTS.1.Original Maithili Poem by Sh. Ramlochan Thakur translated into English by GAJENDRA THAKUR andOriginal Maithili Poem by Sh. Krishnamohan Jha translated into English by GAJENDRA THAKUR.2.THE COMET- English translation of Gajendra Thakur's Maithili Novel Sahasrabadhani translated byJyoti.121


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्Ramlochan Thakur (1949- ) Senior Poet, theatre artist ,editor and critic of Maithili language."Itihashanta" and "Deshak nam chhal son chrai", "Apoorva", "Mati Panik Geet"(collection of poems), "BetalKatha"(Satire), "Maithili Lok Katha (Folk Literature), "Ankhi Munane Aankhi Kholane" (Essays).Gajendra Thakur (b. 1971) is the editor of Maithili ejournal “<strong>Videha</strong>” that can be viewed athttp://www.videha.co.in/ . His poem, story, novel, research articles, epic – all in Maithililanguage are lying scattered and is in print in single volume by the title “KurukShetram.” Hecan be reached at his email: ggajendra@airtelmail.inOriginal Maithili Poem by Sh. Ramlochan Thakur translated into English by GAJENDRA THAKURTo younger brother/ its your workWhile eatingMay be sour in tasteThese medicinesThe result always goodTell the diseasedExplain the factIts your work.122


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्Sh. Krishnamohan Jha (1968- ), "Ekta Herayal Duniya", collection of poems in Maithili,"Samay Ko Chirkar" collection of poems in Hindi. For Hindi poems "Kanhaiya Smriti Samman" in 1998 and "HemantSmriti Kavita Samman" in 2003.Gajendra Thakur (b. 1971) is the editor of Maithili ejournal “<strong>Videha</strong>” that can be viewed athttp://www.videha.co.in/ . His poem, story, novel, research articles, epic – all in Maithililanguage are lying scattered and is in print in single volume by the title “KurukShetram.” Hecan be reached at his email: ggajendra@airtelmail.inOriginal Maithili Poem by Sh. Krishnamohan Jha translated into English by GAJENDRA THAKURTo bothWomen see FishFish sees womenI’m watching you both.English Translation of Gajendra Thakur's (Gajendra Thakur (b. 1971) is the editor ofMaithili ejournal “<strong>Videha</strong>” that can be viewed at http://www.videha.co.in/ . His poem, story,novel, research articles, epic – all in Maithili language are lying scattered and is in print insingle volume by the title “KurukShetram.” He can be reached at his email:ggajendra@airtelmail.in )Maithili Novel Sahasrabadhani by Smt. Jyoti Jha ChaudharyJyoti Jha Chaudhary, Date of Birth: December 30 1978,Place of Birth- Belhvar(Madhubani District), Education: Swami Vivekananda Middle School, Tisco Sakchi Girls HighSchool, Mrs KMPM Inter College, IGNOU, ICWAI (COST ACCOUNTANCY); Residence- LONDON,UK; Father- Sh. Shubhankar Jha, Jamshedpur; Mother- Smt. Sudha Jha- Shivipatti. Jyoti receivededitor's choice award from www.poetry.com and her poems were featured in front page ofwww.poetrysoup.com for some period.She learnt Mithila Painting under Ms. Shveta Jha, Basera Institute,123


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्Jamshedpur and Fine Arts from Toolika, Sakchi, Jamshedpur (India). Her Mithila Paintings have beendisplayed by Ealing Art Group at Ealing Broadway, London.SahasraBarhani:The Comettranslated by JyotiThe drama of Danveer Dadhichi was started on the scheduled date. We had reached school before theopening time. On a corner of corridor a bed sheet was hung to make the screen of the stage. The ropecouldn’t be tied properly so it was decided that screen would be pulled up and down manually. Afterthat artists started dressing up. Dressing up was very easy. They put dhoti and gamacha on and putpowder on face as a make up. Additionally, some other accessories were worn too. The teacherresponsible for directing the drama had suddenly remembered some urgent work and had not attendedschool that day. The elder boys of the village came to know that artists are students of primary school sothey started teasing them by passing comments. I warned the artists that they would destroy our dramabut younger brother resisted that he would manage even if he was in drama dress he would not mindfighting when it was needed. He shouted that he would take the drama dress off and start reacting ifpeople would keep on doing so but that threatening couldn’t stop the excited boys. Then youngerbrother had declared that the drama would not be played any more on that day. To teach the lesson tothe disturbing elements he ran towards them with a stick. And very soon the environment was filledwith the noise of fighting and defending voices. By drama that was to be played by us and was to bedirected by me came to an end without completion. I was crossed with the younger brother for a whileand he used to say that he just lost my temper but he also insisted that it was not his fault but theenvironment made by those naughty boys made him to do so. Time passed and my anger was cooleddown too. I too lost the enthusiasm of doing Ramleela and other drama.I never read any subject repeatedly except Maths and Science. Nor did my teacher suggest me to do so.If any student was caught reading History and other subjects twice or thrice then he was given the nameof that subject. Whenever such students were seen reading Maths then they had to listen to thecomment passed by the teachers that Math was not History so he shouldn’t try it to learn by heart.During rainy days making umbrella from the mat and murmuring countdown while running towardshome; in holidays while playing Kabaddi if Master Saheb was seen passing by on cycle then greeting himby continuing game- Kabaddi kabaddi master sahib pranaam kabaddi kabaddi etc. are memories to betreasured. And in one of such incidents I was caught by the opposition team as I breathed in order to124


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २३) িরেদহ'পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्greet Master Sahib which was against the rule. That Mater Sahib of Koilakh was so happy that he talkedabout that incident in the school.(continued)(c)२००८. सवार्िधकार लेखकाधीन आ’ जतय लेखकक नाम निह अिछ ततय संपादकाधीन। िवदेह (पािक्षक) संपादक- गजेन् ठाकु र। एतय कािशतरचना सभक कॉपीराइट लेखक लोकिनक लगमे रहतिन्ह, मा एकर थम काशनक/ आकार्इवक/ अंेजी-संकृ त अनुवादक ई-काशन/ आकार्इवकअिधकार एिह ई पिकाकेँ छैक। रचनाकार अपन मौिलक आऽ अकािशत रचना (जकर मौिलकताक संपूणर् उरदाियत्व लेखक गणक मध्य छिन्ह)ggajendra@yahoo.co.in आिक ggajendra@videha.com केँ मेल अटैचमेण्टक पमेँ .doc, .docx, .rtf वा.txt फॉमटमे पठा सकै त छिथ। रचनाक संग रचनाकार अपन संिक्ष पिरचय आ’ अपन कै न कएल गेल फोटो पठेताह, से आशा करैत छी। रचनाकअंतमे टाइप रहय, जे ई रचना मौिलक अिछ, आऽ पिहल काशनक हेतु िवदेह (पािक्षक) ई पिकाकेँ देल जा रहल अिछ। मेल ा होयबाक बादयथासंभव शी ( सात िदनक भीतर) एकर काशनक अंकक सूचना देल जायत। एिह ई पिकाकेँ ीमित लमी ठाकु र ारा मासक 1 आ’ 15 ितिथकेँई कािशत कएल जाइत अिछ।(c) 2008 सवार्िधकार सुरिक्षत। िवदेहमे कािशत सभटा रचना आ' आकार्इवक सवार्िधकार रचनाकार आ' संहकार्कलगमे छिन्ह। रचनाक अनुवाद आ' पुनः काशन िकं वा आकार्इवक उपयोगक अिधकार िकनबाक हेतु ggajendra@videha.co.in परसंपकर् क। एिह साइटकेँ ीित झा ठाकु र, मधूिलका चौधरी आ' रिम िया ारा िडजाइन कएल गेल।िसिरतु125

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