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एकयूमीक्तनयम हमारे मक्तस्तष्क और नाड़ीयों को क्षक्ततग्रस्त करता है और अलझाइमर जैसे रोग पैदा करता है<br />
| इसी कारर् आयोडीन य ि नमक द क्तनया के कई देशो मे प्रक्ततबुंक्तित है |<br />
नमक की एक क्तवशेषता होती है क्तक वह वातावरर् की नमीं को अपने अुंदर खींर्ता है, ऐसा न हो व नमक<br />
एक्स्रा फ्री ्लो हो इसके क्तलए इस नमक मे कई प्रकार के के क्तमककस डmagnesium carbonate,<br />
calcium silicate, sodium silico-aluminate and tricalcium phosphate। ) क्तमलाये जाते है व<br />
इसको सफ़े द करने के क्तलए ब्लीक्तर्ुंग एजेंट्स क्तमलाते है जो क्तक शरीर को न कसान करते है |<br />
ररफाइुंड नमक के प्रयोग से शरीर को क्तकसी भी प्रकार के क्तमनरकस नहीं क्तमलते है | इसके सेवन से उच्र्<br />
रिर्ाप डबी पी), क्तकडनी फ़े कय र, कोलेस्रोल, ब्रेन हेमरेज़ व रि दोष, हृदय रोग, आुंतों के रोग क्तसरददच आक्तद<br />
और भी कई रोग होने के सुंभावना होती है | भारत में ये घातक रोग के क्तमकल वाले नमक के उपयोग करने<br />
के बाद ही आए है |<br />
इस नमक को यक्तद दही मे डालकर खाते है तो कई बीमाररया होती है, कारर् इससे दही में मौजूद सभी<br />
जीवार् जो क्तक शरीर के क्तलए लाभकारी है समाप् हो जाते है जबक्तक सेंिा नमक से दही में मौजूद जीवार्<br />
समाप् नहीं होते व दही शरीर को न कसान करने के बजाए फायदा करता है |<br />
सेंधा नमक व आर्ोडीन र् क्त सम न्द्री नमक के क छ अन्तर :<br />
सेंधा नमक<br />
आर्ोडीन र् क्त सम न्द्री नमक<br />
सेंधा नमक सफ़े द सोना है सम द्री नमक सफ़े द ज़हर है<br />
इसमें 84 तरह के सूक्ष्म िोषक तत्व क्तसफच 3 क्तमनरल होते है<br />
िार्े जाते है<br />
इसमें प्राकृ चतक आर्ोडीन होता है जो<br />
चक आसानी से शरीर मे घ ल जाता है |<br />
सेंधा नमक की खानें चकसी भी प्रकार<br />
के प्रदूषण से म क्त होती है<br />
इसके चनमााण में के चमकल्स का प्रर्ोग<br />
नहीं होता|<br />
आर् वेद में वणान है व सबसे अच्छा<br />
माना जाता है व कई दवाओुं में प्रर्ोग<br />
चकर्ा जाता है |<br />
र्ह वात, चित्त व कफ आचद चिदोष के<br />
चनर्ुंिण में सहार्क है<br />
इसमें के क्तमकल आयोडीन होता है, के क्तमकल आयोक्तडन शरीर<br />
मे घ लता नहीं है क्तजसके फलस्वरूप क्तकडनी व गाकब्लेडर मे<br />
स्टोन बनने की पूरी सुंभावना रहती है |<br />
सम द्र के प्रदूक्तषत पानी को श दॎ करने की प्रकृ क्तत िारा कोई<br />
व्यवस्था नहीं है | इसक्तलए इसको श दॎ करने के क्तलये<br />
रसायक्तनक प्रक्तक्रया क्तक ज़रूरत होती है |<br />
इसके क्तनमाचर् में के क्तमककस का प्रयोग होता है|<br />
आय वेद में सबसे खराब माना जाता है| यह के वल औद्योक्तगक<br />
उपयोग के क्तलए ठीक है |<br />
इससे वात, क्तपत्त व कफ क्तबगड़ता है |<br />
pg. 13चनरोगी रहने के चनर्म और गुंभीर रोगो की घरेलू चिचकत्सा ! WWW.RAJIVDIXITMP3.COM(09928064941, 09782705883)