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अगर हड्डी टूट गई है तो टूटी हड्डी को प नः जोड़ने के क्तलए अगले क्तदन एक दाना गेहूाँ के बराबर र् ना दहीं<br />
में क्तमलाकर क्तदन में एक बार 15 से 20 क्तदन तक देना है<br />
मोर्<br />
सामान्य कायच के दौरान,भारी वजन उठाने से, गलत तरीके से कसरत करने से आक्तद अनेक कारर् हैं<br />
जो मोर् के क्तलए उत्तरदायी हो सकते हैं। प्रायः मोर् शरीर के लर्ीले भागों जैसे कलाई, कमर, पैर, आक्तद को<br />
प्रभाक्तवत करती है। मोर् के क्तलए होम्योपैक्तथक दवा हैं जो ना के वल मोर् के ददच को दूर कर देती हैं बक्तकक<br />
स जन को भी दूर करती हैं।<br />
हड्डी टूटने पर उसे प नः जोड़ने के क्तलए अगले क्तदन से एक दाना गेहूाँ के बराबर र् ना दहीं में क्तमलाकर<br />
क्तदन में एक बार 15 से 20 क्तदन तक देना है।<br />
शरीर के क्तकसी भी भाग में क्तबना रि क्तनकले र्ोट लगने या म ड़ जाने पर या मार लगने, क्तगरने पर<br />
अक्तनचका 200 की 2-2 बूुंद हर आिा घुंटे में तीन बार देना है।<br />
सामान्य र्ोट<br />
बच्र्ों को खेलते वि र्ोट लगना, और काम करते समय मामूली र्ोट या कट लगना अथवा वाहन<br />
से मामूली द घचटना होना । ये सभी सामान्य र्ोट के अन्तचगत आते है ऐसे समय में क छ उपयोगी होम्योपैक्तथक<br />
दवाएुं न के वल कटे हुए घाव भरने, रिस्राव रोकने में उपयोगी है बक्तकक ये ददच को भी कम कर देती है<br />
शरीर के क्तकसी भी भाग में क्तबना रि क्तनकले र्ोट लगने या म ड़ जाने पर या मार लगने, क्तगरने पर<br />
अक्तनचका 200 की 2-2 बूुंद हर आिा घुंटे में तीन बार देना है।<br />
शरीर पर र्ोट लगने से खून बहने पर होम्योपैथी की दवा हाईपेररकम 200 2-2 बूुंद हर आिे घण्टे<br />
से तीन बार, अगर र्ोट ज्यादा है और खून बह रहा है तो हाईपेररकम 1M 1-1 बूुंद हर आिे घण्टे में<br />
तीन बार देना है।<br />
साुंप के काटने पर क्तर्क्तकत्सा<br />
साुंप काटने पर नाजा-30 हर दस क्तमनट में 2-2 बूुंद तीन बार देना है। अगर ठीक हो रहा है, तो इसी<br />
को र्ाल रखना है। अगर समय ज्यादा हो गया या फकच नहीं है तो नाजा-200 2-2 बूुंद हर दस क्तमनट में तीन<br />
बार देना है। ठीक होने पर कोई भी दवा नहीं देना है।<br />
अगर नाजा-200 से भी ठीक नहीं है तो नाजा 1M की 2 को बूुंद आिा कप पानी में डालकर एक<br />
र्म्मर् हर आिा घण्टे में तीन बार क्तपलाना है। अगर इससे भी ठीक ना हो तो नाजा 10M की आिा कप<br />
पानी में एक बूुंद डाल कर एक र्म्मर् एक ही बार क्तपलाना है। जब कन्रोल में आए तो गमच पानी या मूुंगदाल<br />
का उबाला हुआ पानी देना है। खाना अगर देना है तो थोड़ी मूुंगदाल की क्तखर्ड़ी दे सकते हैं।<br />
pg. 34चनरोगी रहने के चनर्म और गुंभीर रोगो की घरेलू चिचकत्सा ! WWW.RAJIVDIXITMP3.COM(09928064941, 09782705883)