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में देने पर फौरन अपना प्रभाव उत्पन्न करती हैं र्ाहे डॉक्टर क्तकतना ही क्तर्कलाये आप क्तकसी देशी बछडी<br />

का गोमूत्र और गोबर लेकर आपस में क्तमलाइये और उसका रस क्तनकल कर मााँ को र्ार र्ार घुंटे के अुंतर में<br />

3 बार क्तपला दीक्तजये पेट के आदत उकटा बच्र्ा भी सीिा हो जाता है और क्तबना क्तकसी ददच बच्र्ा बाहर आ<br />

जाता है लेक्तकन ये दवा 9 महीना पूरा होने के बाद होने वाले प्रसव में ही काम आती है उससे पहले ये अगर<br />

बच्र्ा 7-8 महीने में होता है तो ये दवा इतना काम नही आती है ये रुकी हुई प्रसव पीडा को प नः प्रारुंभ<br />

करती हैं, क्तशश जन्म को सरल बनती हैं तथा गभच में क्तशश की क्तस्थक्तत को भी प नः सही कर देती है। गोबर<br />

रस जरुर दे<br />

दमा, अस्थमा, ब्रोक्तन्कयल अस्थमा<br />

दमा, अस्थमा, ब्रोक्तन्कयल अस्थमा छाती की क छ बीमाररयााँ जैसे दमा, अस्थमा, ब्रोक्तन्कयल अस्थमा, टीबी,<br />

इनकी सबसे अच्छा दवा है :-<br />

गाय मूत्र :- आिा कप देशी गाय का गोमूत्र स बह पीने से दमा अस्थमा, ब्रोक्तन्कयल अस्थमा सब ठीक<br />

होता है। और गोमूत्र पीने से टीबी भी ठीक हो जाता है, लगातार पाुंर् छह महीने पीना पड़ता है। ऐसा करने<br />

से गौमूत्र 1 में दमा, अस्थमा ठीक है<br />

दमा अस्थमा :- दमा अस्थमा की और एक अच्छी दवा है दालर्ीनी, इसका पाउडर रोज स बह आिे<br />

र्म्मर् खाली पेट ग ड या शहद क्तमलाकर गरम पानी के साथ लेने से दमा अस्थमा ठीक कर देती है। ऐसा<br />

करने से गौमूत्र 3 में दमा, अस्थमा ठीक है<br />

गले में कोई भी इन्फे क्शन, टौंक्तसल<br />

गले में क्तकतनी भी खराब से खराब बीमारी हो, कोई भी इन्फे क्शन हो, इसकी सबसे अच्छी दवा है<br />

हकदी । जैसे गले में ददच है, खरास है, गले में खासी है, गले में कफ जमा है, गले में टौंक्तसल हो गया, ये सब<br />

क्तबमाररओुं में आिा र्म्मर् कच्र्ी हकदी का रस लेना और म ह खोल कर गले में डाल देना, और क्तफर थोड़ी<br />

देर र् प होकर बैठ जाना तो ये हकदी गले में नीर्े उतर जाएगी लार के साथ, और एक ख राक में ही सब<br />

बीमारी ठीक होगी द बारा डालने की जरूरत नहीं । ये छोटे बच्र्ों को तो जरूर करना य बच्र्ों के टोक्तन्सल<br />

जब बहुत तकलीफ देते है ना तो हम आपरेशन करवाकर उनको कटवाते है वो करने की जरूरत नही है<br />

हकदी से सब ठीक होता है ।<br />

तपेक्तदक, क्षयरोग, टीबी<br />

टीबी के क्तलए डोट्स का जो इलाज है, गोमूत्र के साथ उसका असर 20-40 ग र्ा तक बढ जाता है ।<br />

आिा कप देशी गाय का गोमूत्र स बह पीने टीबी ठीक हो जाता है, लगातार पाुंर् छह महीने पीना पड़ता है ।<br />

pg. 44चनरोगी रहने के चनर्म और गुंभीर रोगो की घरेलू चिचकत्सा ! WWW.RAJIVDIXITMP3.COM(09928064941, 09782705883)

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