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क्तकसी भी तेल को अन्य तेल में क्तमलाने हेत ररफाईन्मेंट को बढ़ावा क्तदया जाता है। ररफाईन्ड करने में<br />

हड्क्तडयों का कोयला डANIMAL CHARCOL) अथवा प्लास्टर ऑफ पेररस क्तमलाते है, ताक्तक तेल का रुंग<br />

खत्म हो जाए तथा भाप िारा उसकी गुंि खींर् ली जाती है। क्तकन्त इससे उसके सुंघटन में क्तकसी प्रकार का<br />

पररवतचन नहीं आता यानी ररफाईन्ड तेल का रुंग बादल जाएगा, वसा व अम्लों की मात्रा वही रहेगी बक्तकक<br />

उसका रुंग जो क्तवटाक्तमन्स के कारर् होता है, क्तवटाक्तमन्स सक्तहत ल प् हो जाएगा।<br />

ररफाईन्मेंट िारा प्राकक्ततचक रूप से अखाद्य तेलों को कृ क्ततम रूप से खाद्य बनाया जाता है। यक्तद कोई<br />

रसायन, उपर्ार व क्तक्रयाओुं के दौरान तेल में रह जाए तो अत्यन्त हाक्तनकारक होता है तेल की ररफ़ाइक्तनुंग<br />

तेल को क्तटकाने के क्तलए की जाती है। ररफाईक्तनुंग मानव ककयार् के क्तलए नहीं की जाती।<br />

भ्रम :- हल्का और िारदशी<br />

सच्र्ाई :- क्तवदेशी सोया बीन की प्राकक्ततचक बीनी डमछ्ली जैसी गुंि) एवुं अन्य अखाद् तेलों की गुंि को हटाने<br />

के क्तलए ररफाईन्मेंट क्तकया जाता है, क्तजससे ये तेल हकके एवुं पारदशी बन जाते है। गाढ़े व रुंगीन तेल<br />

स्वास््यविचक होते है, क्योंक्तक उनमें प्राकृ क्ततक रूप से क्तवटाक्तमन, एन्टीआक्सीडेंट्स व नल कोसइनोलेट्स<br />

पाए जाते हैं।<br />

भ्रम :- भोजन का असली स्वाद<br />

सच्र्ाई :- सोयाबीन, सन्लावर, सेफ्लार आक्तद अन्य अखाद् तेलों का अपना प्राकृ क्ततक स्वाद एवुं गुंि तो<br />

स्वीकार करने योनय नहीं है। अतः उसे रसायनों िारा क्रक्तत्रम तरीकों से हटाया जाता है। भारतीय परम्परागत<br />

खाद्य तेलों की अपनी क्तवक्तशि महक एवुं स्वाद होता है, जो भोजन को पोक्तिक एवुं स्वाक्तदि बनाता है।<br />

भ्रम :- सेहत से भरा<br />

सच्र्ाई :- सोयाबीन, सनफ्लावर, से्लार आक्तद तेल सेहत से भरे बताए जाते है, जबक्तक अक्तिक असुंतृप्ता<br />

पूफा डPOLY UNSATURATED FATTY ACID) वाले ये तेल प्रकाश,ताप एवुं िात की मौजूदगी में<br />

वातावरर् से ऑक्सीज़न ग्रहर् करके क्तवकृ त हो जाते हैं। बाहर अथवा शरीर के अुंदर ओकसीकृ त होने वाले<br />

इन तेलों के सेवन से एथोंस्कै लरोक्तसस, एलजी, ट्यूमर एवुं हृदय सुंबुंिी क्तवकार उत्पन्न हो जाते है। भारत में<br />

तेलों का उपयोग तलने के क्तलए अक्तिक होता है। शोिों से ही यह त्य सामने आया है क्तक उच्र् ताप एवुं लुंबे<br />

समय तक रखने के क्तलए सरसों एवुं मूाँगफली का तेल भारतीय वातावरर् में सवोत्त्म है।<br />

साथ ही सोयाबीन जैव तकनीक िारा क्तवकक्तसत फसल िारा तैयार क्तकया जाता है इस प्रकार तैयार<br />

क्तकये गये उत्पाद स्वास््य के क्तलए घातक हैं। अमेररका व यूरोप के लोग जैव तकनीकी िारा खाद् पदाथों का<br />

बक्तहष्कार कर रहे हैं।<br />

वतचमान क्तकये जा रहे सारे शोि इन अखाद्य तेलों को खाद्य तेल प्रमाक्तर्त करने की क्तदशा में ही<br />

प्रयासरत है। इन तेलों को प्रोत्साहन देने की होड़ में क्तवशेषज्ञ के सभी हाक्तनकारक पहल ओुं की अनदेखी कर<br />

रहे है। क्तजसके घातक पररर्ाम सामने आने लगे हैं। जाने माने हृदय क्तवशेषज्ञों से क्तवस्तारपूवचक र्र्ाच करने पर<br />

यह त्य उजागर हुए हैं क्तक क्तपछले क छ वषों में बच्र्ों एवुं य वाओुंमें हृदय रोक्तगयों की सुंख्या में तेजी से वृक्तदॎ<br />

pg. 7चनरोगी रहने के चनर्म और गुंभीर रोगो की घरेलू चिचकत्सा ! WWW.RAJIVDIXITMP3.COM(09928064941, 09782705883)

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