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दोपहर का भोजन स बह के भोजन से एक क्ततहाई कम करके खाएुं, जैसे स बह अगर आप तीन रोटी<br />

खाते हैं तो दोपहर को दो खाएुं। दोपहर का भोजन करने के त रुंत बाद बाई ुंकरवट लेट जाए, र्ाहे तो<br />

नींद भी ले सकते हैं, मगर कम से कम 20 क्तमनट अक्तिक से अक्तिक 40 क्तमनट। 40 क्तमनट से ज्यादा<br />

नहीं।<br />

इसके क्तवपरीत शाम को भोजन के त रुंत बाद नहीं सोना। भोजन के बाद कम से कम 500 कदम जरूर<br />

सैर करें । सुंभव हो तो रात का खाना सूयाचस्त से पहले खा लें। 8। भोजन बनाने में फ्रीजर, माइक्रोवेव<br />

ओवन, प्रैशर कू कर, तथा एकय क्तमक्तनयम के बतचनों का प्रयोग ना करें।<br />

खाने में ररफाइन्ड तेल का इस्तेमाल ना करें। आप क्तजस क्षेत्र में रहते हैं वहााँ जो तेल के बीज उगाये<br />

जाते हैं उसका श दॎ तेल प्रयोग करें, जैसे यक्तद आपके क्षेत्र में सरसों ज्यादा होती है तो सरसों का<br />

तेल, मूुंगफली होती है तो मूुंगफली का तेल, नाररयल है तो नाररयल का तेल। तेल सीिे सीिे घानी<br />

से क्तनकला हुआ होना र्ाक्तहए।<br />

खाने में हमेशा सेंिा नमक का ही प्रयोग करना र्ाक्तहए, ना की आयोक्तडन य ि नमक का। र्ीनी की<br />

जगह ग ड, शक्कर, देसी खाण्ड या िागे वाली क्तमस्री का प्रयोग कर सकते है।<br />

कोई भी नशा ना करें, र्ाय, काफी, माुंसाहार, मैदा, बेकरी उत्पादों का उपयोग नहीं करना र्ाक्तहए।<br />

रात को सोने से पहले हकदी वाला दूि दााँत साफ करने के बाद क्तपये।<br />

सोने के समय क्तसर पूवच क्तदशा की तरफ तथा सुंबुंि बनाते समय क्तसर दक्तक्षर् क्तदशा को तरफ करना<br />

र्ाक्तहए।<br />

खाद्य तेलों की सच्र्ाई<br />

भारत में क्तपछले हजारों सालों से सादा कोहलू का तेल खाया जाता है लेक्तकन क्तपछले क छ समय से भारत में<br />

क छ क तकच र्लने लग गए है जो क्तनम्न प्रकार है<br />

भ्रम :- जीरो कालेस्राल<br />

सच्र्ाई :- कालेस्राल के वल प्रार्ी वसा माुंस, मछ्ली, दूि एवुं दूि से बने उत्पादों में पाया जाता है क्तकसी<br />

भी वनस्पक्तत वसा में कालेस्राल नहीं होता। सोयाबीन, सूरजम खी, व सकफर आक्तद के क्तवज्ञापनों में कहा गया<br />

है की उन तेलों में जीरो कालेस्राल है। त्य यह है की सभी वनस्पक्तत तेल जीरो कालेस्राल वाले ही होते<br />

हैं। मूाँगफली, क्ततल व सरसों तेल में भी कालेस्राल नहीं होता।<br />

भ्रम :- कालेस्राल फाइटर<br />

सच्र्ाई :- मानव शरीर में कालेस्राल का स्तर वसा के प्रकार पर भी क्तनभचर करता है। वनस्पक्तत घी की सुंतृप्<br />

वसा कालेस्राल के स्तर को बढ़ाती है। PUFA (Poly Unsaturated फटती Asid) की अक्तिकता वाले<br />

तेल जैसे सोयाबीन, सन््लावर व से्लार हाक्तनकारक LDL (Low Density Lipoproteins) लाभदायक<br />

pg. 5चनरोगी रहने के चनर्म और गुंभीर रोगो की घरेलू चिचकत्सा ! WWW.RAJIVDIXITMP3.COM(09928064941, 09782705883)

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