22.08.2015 Views

Videha ‘िवदेह’

Videha_15_10_2008_Tirhuta

Videha_15_10_2008_Tirhuta

SHOW MORE
SHOW LESS
  • No tags were found...

Create successful ePaper yourself

Turn your PDF publications into a flip-book with our unique Google optimized e-Paper software.

<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्िवदेह १५ अूबर २००८ वष र् १ मास १० अंक २०'िवदेह' १५ अूबर २००८ ( वष र् १ मास १० अंक २० ) एिह अंकमे अिछ:-१.संपादकीय २.संदेश३.मैिथली िरपोता र्ज- १. िजते झा / २. ीित / ३. नवेु कुमार झा४.ग४.१.कथा १.सुभाषच यादव(अपन-अपन द ुख) २.करी मा ब ुझौअल िजनगीक)िवभारानी (आऊ कक म४.२.१. िर आऽ मैिथल- ज कु. कण र् २. कोना बचत िमिथलाक िता?-ओमकाशझा४.३.१. महाकाश ी सुभाषच यादव पर, २. िजते झा सुी अंशुमालापर४.४. १.जीवन झाक नाटकक सामािजक िववतर्न- मश ंकर िसंह (आगा ँ) २.. राजकमलचौधरी पर - ड◌ॉ. देवश ंकर नवीन (आगा ँ)1


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्४.५. दैिनकी-ोित५.प५.१.ामल सुमनक-अिभयान५.२.ी गंगेश गुंजनक- राधा (पा ँचम खेप)५.३.ड◌ॉ पंकज पराशरक ४ टा किवता आऽ ोितक किवता-पतझड़क आगमन५.५.िवनीत उलक ५ गोट किवता५.६. महेश िम "िवभूितक" किवता गा-ुित६. िमिथला कला-संगीत(आगा ँ)७.पाबिन-संार-तीथ र् -फु कुमार िसंह मौन- िमिथला ंचलक श ैव / आऽ दीयाबातीपर िजतमोहन झा / न ूतन झा८. बालाना ं कृते-१.काश झा- बाल किवता २. गा ंगोदेवीक भगता- गजे ठाकुर ३.देवीजी: ोित झा चौधरी९. भाषापाक रचना लेखन (आगा ँ)10. VI DEHA FOR NON RESI DENT MAI THI LS ( Fest i val s of Mi thiladat e-l ist)-2


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्10. 1. 1.Wor n- out f i f t y pai se coi n- Mai t hi l i poem " GhasalAt hanni " by Lat e Sh. Kashi kant Mi shra Madhup 2.TheFundament al s-mai t hi l i shor t st or y “mool bhoot ” by Sh.Tar anand Vi yogi10. 2.The Comet -English translat i on of Gaj endr a Thakur ' sMai t hi l i Novel Sahasr abadhani11. VI DEHA MAI THI LI SAMSKRI T EDUCATI ON ( cont d.)िवदेह (िदना ंक १५ अूबर २००८)१.संपादकीय (वष: र् १ मास:१० अंक:२०)मावर,िवदेहक नव अंक (अंक २०, िदना ंक १५ अूबर २००८) ई पिब्लश भऽ गेल अिछ।एिह हेतु ल◌ॉग ऑन क ht t p:// wwwvi . deha. co. i n |जीन मेरी गुाव ली ािजयो (1940-)केँ एिह सालक सािहक ८ लाख १५ हजारपौ ंडक सािहक बल पुरारसँ सािनत कएल जएबाक घोषणा भेल अिछ।मानवतापर राज कए रहल सतासँ नीचा ँ आऽ आग ू जाऽ कए देखबाक वि ृ छिािजयोक। ू-िडपाच र्स ,पोएिटक र् एडवेंचर आ सेंसुअल एटेसीक लेखक छिथािजयो।ली ािजयो म ूलतः ा ंसीसी भाषाक उपासकार छिथ, ओना िहनकर िपता अंज आऽमाता ा ंसीसी छिथ, द ुन ू गोटे मारीशससँ सित। आऽ ािजयो नाइजीिरयाकसमुी याासँ नपनिहमे सािहिक जीवनक ार कएलि। १९६३ ई. मे िहनकरपिहल उपास कािशत भेल जे आधिनक ु समाजक ित एक तरहक िवोह छल।ंच लेखक सभमे ािजयो ीकृत निह भऽ सकलाह आऽ एखन ओऽ ू मेिकोमे3


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्रहैतछिथ।थडर् वल्डर्क नजिरसँ देखब िहनकर रचनाक एकटा िविशता छि। मारीशसकउपासकार अिभमु उथक आ तािह ममे रामायणक चरचा सेहो ािजयो करैतछिथ।िहनकर पिहल उपास ले-ोसेस-वब र्ल- द इनटेरोगेशन (जा ंचक प ूछताछ)१९६३ ई.मे आयल जे अिवादक बादक समयक उपास छल। िदन-ितिदनक भाषणबाजीकबदला साताकेँ देखबय बला शि ओ श सभकेँ देलि। फेर आयल हुनकर द ू टाकथा संह ला-फीवर आ ला-देूज, एिह द ुन ू संहमे पाा नगरक समा आओतुा डरक यथाथ र् िचण भेल अिछ।टेरा-अमाटामे हुनकर पारिितकी-तंसँ ज ुड़◌ाव अिछ तँ डेजटसँर् ओउपासकारक पमे ािपत होइत छिथ, एिहमे ओ उर अीकाक लु होइतसंृितक िचण करैत छिथ। ािजयो दाशिनक र् लेख सेहो िलख छिथ आऽ बालोकिनक लेल लुलाबी सेहो। अमेिरकी सािह जािह कारेँ अवादसँ द ूर आऽअपनामे म भऽ गेल अिछ सैह कारण अिछ िफिलप र◌ॉथक एिह रेसमे हाइपकपमे शािमल होएबाक बावजूद पाछू छूिट जएबाक। अथ र्शास्मे अमेिरकाकमोपोलीक िवपरीतक ई सािहक क घटनाम अिछ।एिह अंकमे:ी ग गेश गुंजन जीक ग-प िमित "राधा" जे िक मैिथली सािहक एकटा नवकीितर्मान िस होएत, केर पा ँचम खेप पढ़◌ू संगमे हुनकर िवचार-िटणी सेहो।सुभाष च यादव आऽ िवभा रानी जीक कथा, महेश िम "िवभूित"-ी पंकजपराशर- िवनीत उल- ामल जीक प आऽ मश ंकर िसंह, मौनजी, िजतमोहन,काश झा, ओमकाश जीक रचना सेहो ई-कािशत कएल गेल अिछ।ी राजकमल चौधरीक रचनाक िववेचन कए रहल छिथ ी देवश ंकर नवीन जी।सुभाषच यादव जी पर ी महाकाश िलिख रहल छिथ। िजते झा, नवेु आीितक िरपोता र्ज छि तँ युवा ितभा अंशुमालाक िवषयमे िलख छिथ िजते।ोितजी प, बालाना ंकृते केर देवीजी श ंखला, ृ बालाना ंकृते लेल िचकला आऽसहबाढ़िनक अंजी अवाद ुत कए छिथ।4


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्मध ुप जीक "घसल अठी" आऽ तारान िवयोगी जीक "म ूलभूत" केर अ जी अवादसेहो ुत कएल गेल अिछ।"िवदेह" केँ एखन धिर (१ जनवरी २००८ सँ १२ अूबर २००८) ५९ देशसँ ८५,२०१बेर देखल गेल अिछ (ग ूगल एलेिट डाटा)- धवाद पाठकगण।शेष ायी ंभ यथावत अिछ।अपक रचना आऽ ितियाक तीक्षामे।गजे ठाकुरggaj endr a@ vi deha. co. i n ggaj endr a@ yahoo. co.२.संदेश१.ी ो. उदय नारायण िसंह "निचकेता"- जे काज अहा ँ कए रहल छी तकर चरचाएक िदन मैिथली भाषाक इितहासमे होएत। आन भए रहल अिछ, ई जािन कएजे एतेक गोट मैिथल "िवदेह" ई जन र्लकेँ पढ़ि◌ रहल छिथ।२.ी ड◌ॉ. गंगेश गुंजन- "िवदेह" ई जन र्ल देखल। स ूचना ौोिगकी केर उपयोगमैिथलीक हेतु कएल ई ु यास अिछ। देवनागरीमे टाइप करबामे एिह ६५वष र्क उमिरमे क होइत अिछ, देवनागरी टाइप करबामे मदित देनाइ सादक,"िवदेह" केर सेहो दािय।३.ी रामाय झा "रामर ंग"- "अपना" िमिथलासँ संबिधत...िवषय ंवुसँभेलहु ँ।...शेष सभ कुशल अिछ।अवगत४.ी जे िपाठी, सािह अकादमी- इ ंटरट पर थम मैिथली पािक्षक पिका"िवदेह" केर लेल बाधाई आऽ शुभकामना ीकार क।5


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्५.ी फुकुमार िसंह "मौन"- थम मैिथली पािक्षक पिका "िवदेह" क काशनकसमाचार जािन कक चिकत मुदा बेसी आािदत भेलहु ँ। कालचकेँ पकड़ि◌ जािहद ूरदृ िक पिरचय देलहु ँ, ओिह लेल हमर म ंगलकामना।६.ी ड◌ॉ. िशवसाद यादव- ई जािन अपार हष र् भए रहल अिछ, जे नव स ूचना-ािक मे मैिथली पकािरताकेँ वेश िदअएबाक साहिसक कदम उठाओल अिछ।पकािरतामे एिह कारक नव योगक हम ागत करैत छी, संगिह "िवदेह"कसफलताक शुभकामना।७.ी आाचरण झा- को प-पिकाक काशन- ताहूमे मैिथली पिकाककाशनमे के कतेक सहयोग करताह- ई तऽ भिव कहत। ई हमर ८८ वष र्मे७५ वष र्क अभव रहल। एतेक पैघ महान यज्ञमे हमर ाप ूण र् आहुित ाहोयत- यावत ठीक-ठाक छी/ रहब।८.ी िवजय ठाकुर, िमिशगन िविवालय- "िवदेह" पिकाक अंक देखलहु ँ, सूण र् टीमबधाईक पा अिछ। पिकाक म ंगल भिव हेतु हमर शुभकामना ीकार कएल जाओ।९. ी सुभाषच यादव- ई-पिका ’िवदेह’ क बारेमे जािन सता भेल। ’िवदेह’िनरर पिवत-पुित हो आऽ चतुिद र्क अपन सुगंध पसारय से कामना अिछ।१०.ी मैिथलीपु दीप- ई-पिका ’िवदेह’ केर सफलताक भगवतीसँ कामना। हमरप ूण र् सहयोग रहत।११.ड◌ॉ. ी भीमनाथ झा- ’िवदेह’ इटरट पर अिछ तेँ ’िवदेह’ नाम उिचत आरकतेक पेँ एकर िववरण भए सकैत अिछ। आइ-काि मोनमे उेग रहैत अिछ,मुदा शी प ूण र् सहयोग देब।१२.ी रामभरोस कापड़ि◌ मर, जनकपुरधाम- "िवदेह" ऑनलाइन देिख रहल छी।मैिथलीकेँ अराष्ीय र् जगतमे पहु ँचेलहु ँ तकरा लेल हािद र्क बधाई। िमिथला रसभक संकलन अप ूव र्। पालोक सहयोग भेटत से िवास करी।१३. ी राजनन लालदास- ’िवदेह’ ई-पिकाक मामसँ बड़ नीक काज कए रहल छी,नाितक एिहठाम देखलहु ँ। एकर वािष र्क अ ंक जखन ि ट िनकालब तँ हमरा पठायब।6


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्कलकामे बहुत गोटेकेँ हम साइटक पता िलखाए दे िछयि। मोन तँ होइतअिछ जे िदी आिब कए आशीवा र्द दैतहु ँ, मुदा उमर आब बेशी भए गेल। शुभकामनादेश-िवदेशक मैिथलकेँ जोड़बाक लेल।१४. ड◌ॉ. ी मश ंकर िसंह- "िवदेह"क िनःाथ र् माभाषारागसँ िरत छी, एकरिनिम जे हमर सेवाक योजन हो, तँ सिचत ू करी।(c)२००८. सवािधकार र् लेखकाधीन आऽ जतय लेखकक नाम निह अिछ ततयसंपादकाधीन।िवदेह (पािक्षक) संपादक- गजे ठाकुर। एतय कािशत रचना सभक क◌ॉपीराइटलेखक लोकिनक लगमे रहति, मा एकर थम काशनक/ आका र्इवक/ अंजी-संृत अवादक ई-काशन/ आका र्इवक अिधकार एिह ई पिकाकेँ छैक। रचनाकारअपन मौिलक आऽ अकािशत रचना (जकर मौिलकताक संप ूण र् उरदािय लेखक गणकम छि) ggaj endr a@ yahoo. co. i n आिक ggaj endr a vi deha comमेल अटैचमेक पमेँ . doc, . docx, . r t f वा txt@ . केँ. फ◌ॉमे र्टमे पठा सकैतछिथ। रचनाक संग रचनाकार अपन संिक्ष पिरचय आ’ अपन ैन कएल गेल फोटोपठेताह, से आशा करैत छी। रचनाक अंतमे टाइप रहय, जे ई रचना मौिलकअिछ, आऽ पिहल काशनक हेतु िवदेह (पािक्षक) ई पिकाकेँ देल जा रहल अिछ।मेल ा होयबाक बाद यथासंभव शी ( सात िदनक भीतर) एकर काशनक अंककस ूचना देल जायत। एिह ई पिकाकेँ ीमित ली ठाकुर ारा मासक 1 आ’ 15ितिथकेँ ई कािशत कएल जाइत अिछ।महत्प ूण र् स ूचना (१):महत्प ूण र् स ूचना: ीमान ् निचकेताजीक नाटक " एंी: मा िवश"केर 'िवदेह' मे ई-कािशत प देिख कए एकर िंट पमे काशनक लेल'िवदेह' केर समक्ष "ुित काशन" केर ाव आयल छल। ी निचकेता जी एकरिंट प करबाक ीकृित दए देलि। िंट प हाडर्बाउड (I SBN NO978 . -81-907729-0-7 म ू .१२५/- य.एस. ू ड◌ॉलर ४०) आऽ पेपरबैक ( I SBNNo . 978-81-907729-1-4 म ू . ७५/- य ूएस.ड◌ॉलर २५/-) मे ुित काशन,१/७, ितीय तल, पटेल नगर (प.) नई िदी-११०००८ ारा छापल गेल अिछ। e-mai l : shr ut i . publ i cat i on@ shr ut i -publ i cat i on. com websi t e:http:// www. s hr ut i -publ i cat i on.com7


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्महत्प ूण र् स ूचना:(२) 'िवदेह' ारा कएल गेल शोधक आधार पर १.मैिथली-अंजीश कोश २.अंजी-मैिथली श कोश आऽ ३.िमिथलाक्षरसँ देवनागरी पाुिलिपिलारण-पी-ब डाटाबेश ुित पिब्लकेशन ारा िट फ◌ॉम र्मे कािशतकरबाक आह ीकार कए लेल गेल अिछ। पुक-ािक िविधक आऽ पोथीक म ूकस ूचना एिह प ृ पर शी देल जायत।महत्प ूण र् स ूचना:(३) 'िवदेह' ारा धारावािहक पे ई-कािशत कएल जा' रहलगजे ठाकुरक 'सहबाढ़िन'(उपास), 'ग-गु'(कथा संह) , 'भालसिर' (पसंह), 'बालाना ं कृते', 'एकाी संह', 'महाभारत' 'ब ु चिरत' (महाका)आऽ 'यााव ृा ंत' िवदेहमे संप ूण र् ई-काशनक बाद िंट फ◌ॉम र्मे कािशत होएत। काशकक,काशन ितिथक, पुक-ािक िविधक आऽ पोथीक म ूक स ूचना एिह प ृ पर शीदेल जायत।महत्प ूण र् स ूचना (४): "िवदेह" केर २५म अंक १ जनवरी २००९, ई-कािशत तँहोएबे करत, संगमे एकर िंट संरण सेहो िनकलत जािहमे पुरान २४ अंकक चुनलरचना सििलत कएल जाएत।महप ूण र् स ूचना (५): १५-१६ िसतर २००८ केँ इिरा गा ँधी राष्ीय कला के, मानिसंह रोड नई िदीमे होअयबला िबहार महोवक आयोजन बाढ़ि◌क कारणअिनितकाल लेल िगत कए देल गेल अिछ।मैलोर ंग अपन सा ंृितक काय र्मकेँ बाढ़ि◌केँ देखैत अिगला स ूचना धिर िगत कएदेलक अिछ।िरपोता र्ज- १. िजते झा / २. ीित / ३. नवेु कुमार झा१. िजते झा (साल भिरक लेखा-जोखा)मधेशी िमक फ़◌ोरम शु िदनसं पालमे एकमा रेलवे सिव र्सकेँ ब ंद केलक अिछ।ई रेलवे सिव र्स पालमे जनकपुरसं भारतके जयनगर तक चलइत छई। मधेशीिमक फ़◌ोरम अपन सात स ूी मा ंग प ूरा करय के ल क एिह रेलवे सिव र्स के ब ंदकरय के फैसला केलक अिछ। गौरतलब छई जे मधेशी िमक फ़◌ोरम रेलवेईकाई ारा अपन सात स ूी मा ंग के ल क पिछला 30 अूबर क मुसाफ़ि◌रखाना मेसेहो धना र् पर बैसल छलाह संगिह महा बक काया र्लय घेराव कय छलाह।8


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्प ूवांचल र् के उधोग वसायी सब वषो र् स भारतक जोगवनी धिर रेलवे पिरचालनकआवकता महस ूस करैत छलाह। हुनकर सबहक ई इा अिगला माच र् मिहनामे प ूराभऽ जायत जखन भारतक जोगवनी धिर ाडगेज रेल सेवा शु होयत।िवराटनगर सँ जोड़ि◌ जोगबिन धिर ाडगेज रेलसेवा चाल ू भेला के बाद आयात-िनया र्त ापार ढोनाई खच र् सा भेला सँ प ूवांचलक र् उधोग वसायी केँ बह ुत फ़◌ायदाहोयति।बारा के पकार बीरे साहक अपहरण लेल गिठत संसदीय छानबीन सिमित अपनितवेदन सभामुख सुभाष बा ंग के सौिप ं देलक अिछ। ितवेदनमे पकारकअपहरणमे माओवादी के िजेवार मानल गेल अिछ। सिमित अपन ितवेदनमे कान ूनकअसार दोषी पर कारवाई कराबक िसफािरश कएलक अिछ। गौरतलब छई जेव ृहितक राष्ीय मानवािधकार आयोग सेहो बते छल जे बाराक पकार िबरेसाहक अपहरण कपा माओवादी ारा कैल गेल अिछ।सरकार के कहब छैक जे माओवादी ारा अपहिरत पकार िबरे साहक अवाकबारेमे िकछु महप ूण र् स ूचना भेटल अिछ मगर ओकरा ताल साव र्जिनक निह कयलजायत। वािपका संसदक मिहला सम ूहक बैठकमे गृह म ंालयक सिचव उमेश सादमैनाली कहलिन जे पकार साह केँ ताकबा लेल सरकार हर संभव यास कऽ रहलअिछ आ अपहरणक आश ंका मे चािर गोटा के पकड़ल गेल अिछ। संगिह बैठकमेपेोिलयम पदाथ र्क म ूविक ृ बारेमे उधोग वािण आ आपुितर् म ंालयक अिधकारी केकहब छलिन जे म ूवि ृ बााक अवामे कयल गेल। गृह और उधोग द ून ूम ंालयक काय र्भार सािरिनहार कृ साद िसटौला~केँ सेहो बैठकमे बजाओल गेलछलि मुदा राजनीितक ताक चलते ओ निह आिब सकलाह।अंतिरम वािपका संसदक िवशेष अिधवेशन~केँ सकाराक ढंगसंशीष र् ताक बीच िवचार िवमश र् चिल रहल अिछ।संप करबा लेलअंतिरम वािपका संसदक िवशेष अिधवेषनकेँ सकाराक ढंगसँ संप करबा लेल शीष र्ताक बीच िवचार िवमश र् संपा भऽ गेल।मोटरसाइिकल द ुघ र्टनामे परल पकार रोशन कण र्क उपचारक म मे व ृहित िदनभोरे पटनामे िनधन भ गेल अिछ। 29 वषीर्य कण र्क काितर्क 3 गते के राितिसिस र्या मे मोटरसाइिकल द ुघ र्टना भऽ गेल छलिन। उपचारक लेल भारतक िबहारराक सीतामढीसं पटना गेल रहिथ। जनकपुरक ानीय एफ एम आ ानीय पिकामे ओ काज करैत आएल रहिथ। पकािरता िवकास ितान एकटा स िवज्ञिकािशत कऽ कय पकार कण र्क असामियक िनधन ित शोक कट कएलक अिछ।9


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्किपलवु घटनाक पीड़ि◌त सभ अपन मा ंग केँ प ूरा करवाबए लेल सरकार ारा ाननिह देबाक कार काि सँ महे राजमा ब ंद करबाक चेतावनी दे छिथ। ओसभ अइ घटनाक म ृतककेँ शहीद घोिषत करबाक. म ृतकक पिरवार केँ उिचतक्षितपितर्ू देबाक आ िवािपत केँ पुन र्ापना आ दोषीक उपर कारवाई जेहन पा ँचस ूी मा ँग रख छिथ। घटनाक पीड़ि◌त सभ असोज बारह गते~केँ सरकारकेँ पिलिख अपन मा ँग रख छलाह। गत भादव तीस गते~केँ अज्ञात सम ूह ाराकिपलवुक मोइद खा ँक हा कयलाक बाद ओतय भेल िहंसाक घटनामे द ू दजर्नआदमीक जान गेल छल। घटनामे सौओ घरमे आगजनी ल ूटपाट आ तोड़फ़◌ोड़ सँकरोड़◌ो पयाक क्षित भेल छल। एखन तक हजारो लोक सभ िवािपत भेलछिथ।बीरगंजमे व ृहितकेँ भेल बम िवोटक िजा दोो जनतािक ं तराई मुि मोचा र्लेलक अिछ। दोो मोचा र् के काय र्कता र् सभ बीरगंज कुकर बम िवोट केलक, ईजानकारी दोो मोचा र्क मुख िवोट िसंह टेलीफोनसं जानकारी देलिथ।सलाही र् बरहथवा बजारमेसा ंझमे एक आदमीक गोली मािर कय घायल कऽ देलगेल। बरहथवा बजारमे िकरानाक समान बेचए आओल बरहथवा वाडर् नंबर 8 घर रहल40 वषीर्य वीरे साह केँ बजारे~मे सा ंझ साढे 6 बजे गोली मारल गेल हरीजलक अिछ। घटनामे संल रहल आश ंकामे हरी एक गोटे के पकडबाक संगिहपेोल सेहो बरामद कएलक अिछ। एिह तरहे बरहथवामे िबतल साह तीन िदनकअंतरमे द ू गोटेक हा भऽ चुकल अिछ।भारतीय द ूतावासक सहयोगसँ पा ँच मिहना पिह िनमाण र् भेल झापाक भपुर ितसुिवधा समप सुित गृह अखन तक संचािलत निह भऽ सकल अिछ। करीब सरलाखक लागत सँ बनल ई हािटल िचिकक अभावमे निह चिल रहल अिछ।पािकानक स ूबा सरहदक ात घाटीमे चरमपंथी आ सुरक्षाबलक बीच घमासान जारीअिछ। व ृहित केँ सेना िदस सं 70 टा चरमपंथी केँ मारय के दावा करय के बादचरमपंथीक िदस सं दावा कएल गेल छई जे ओ 40 टा सैिनक केँ ब ंदी बना लेछई। चरमपंथी िकछु सुरक्षाकमीर् के मारय के बात सेहो कहलक अिछ। व ृहितकराित भिर ातक िविभ इलाकामे गोलीबारीक आवाज आबइत रहलई मुदा कोबडका कारवाई के खबिर निह अिछ। द ून ू ओर सं ई कारवाई द ू िदन पिह भेलअनािधकािरक संघष र् िवराम के बाद भेलैया।पिमी तैवानमे एकटा गैरकान ूनी तरीका सँ चिल रहल पटाखा फ़◌ैक्ीमे आिग लािगगेल जािह सँ चािर गोटे मारल गेल आर छह लोग घायल भऽ गेल। ई धमाकाहाउलोंग शहरमे भेल अिछ। धमाकाक बाद छोट-छोट कै टा िवस ्फ़◌ोट भेल।धमाका सँ आसपासक िबिल्डं गक िशशा सभ सेहो टुिट गेल। ई पटाखा फ़◌ैक्ी जतय10


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्अवित अिछ ओतय चा तरफ़ धानक खेत होय के कारण बचाव काजमे काफ़◌ीिदत भऽ रहल छल। ानीय वािसा सभ के कहब अिछ जे िवस ्फ़◌ोट सँ पिहलेई फ़◌ैक्ी मे िक बत अिछ एकर जानकारी हुनका सभ के निह छलिन। एखन तकअिह बातक जानकारी निह भेटल अिछ जे अिह िवस ्फ़◌ोटक की कारण छल। एखनतक शासन आर जा ँच आयोग सँ अिह बातक जानकारी निह भेटल अिछ जे ईिवस ्फ़◌ोट िनयोिजत तँ निह छल।ओना तँ घरमे गाए या महीषक बा भेलासं ओकर पालनकता र् ि ख ुश होइत छिथ।एनािहते भैरहवामे सेहो एकटा कृषकक घर मे महीष , एकटा निह बि ज ुडवा बादेलक मुदा द ून ू बा केँ पाडा रहबाक कार महीषक मािलक वासुदेव यादव द ुखीछिथ।भैरहवा मे '' नया बेिजग ं नया ओिपक'' नामक चीनक फ़◌ोटो दश र्नी शु भेलअिछ। चीनक राजद ूत चंग िसया ंगिलन एिह फ़◌ोटो दश र्नीक उाटन केलिन। एिहअवसर पर चीनक राजद ुत कहलिन जे आिदए काल सँ चीन पालक िहत गित आउित देखय चाहैत अिछ। िसाथ र्नगर नगरपािलकाक सभाकक्षमे आयोिजत एिहदश र्नीमे 79 टा फ़◌ोटो राखल गेल अिछ। दश र्नीमे 2008 मे चीनक बेिजंगमेआयोिजत होयवाला ओलिक खेलकूद लेल ओिह भऽ रहल िविभ गितिविधकजानकारी फ़◌ोटो ारा देबाक यास कयल गेल अिछ। ई पाल चीन मैी समाजलुिनी ारा आयोिजत ई दश र्नी शिन िदन धिर चलत।धानम ंी िगिरजा साद कोइराला गणतं आ समापाितक िनवा र्चन णाली के बारे मेसंसद सं होबय बला िनण र्य के जातािक ं हेबाक बात कहलाह। काठमा ंडूमे मिहलापकार सभहक राष्ीय सेलन के संबोिधत करैत धानम ंी कोइराला संसद केिनण र्य के जातािक ं िया ारा मजब ूत बबाक िवश्र्वास कयलाह।धानम ंी कोइराला िविभ सं स के उपर होबय बला दमनक चचा र् करैतसरकार के अई तरहक वित ृ निह सहबाक बात सेहो कहलाह। ओ कहलाह जेसंसद ारा संिवधानक ितिथक घोषणा होयत।कपा माओवादी के काय र्कता र् सब वाकोट का ँसक काय र्कता र् के व ृहित िदनअपहरण केला के बाद मािर पीट के छोड़ि◌ देलक। वाकोट का ँसक काय र्कता र्रामकुमार िधिमरे के माओवादी काय र्कता र् ानीय िवकास म ंालय सँ अपहरण कए छल।रामकुमार िधिमरेक कहब छैक जे वाकोट ओखरपौवा चािर के साव र्जिनक जमीनको खास िक्क नाम पर अिह करय देबाक द ुनी मे हुनका पर आमण कयलगेल छलि। ओिह साव र्जिनक जमीन के अपना नाम पर करय चािहिनहार राममिणिधिमरे आ माओवादी काय र्कता र् नवराज दंग◌़◌ाना ु आिद पर आरोप लगबैत ओ कहलिनजे YCL काया र्लय लऽ जा कऽ हमरा मारल -पीटल गेल। िधिमरे पर भेलमाओवादीक ादती के िवरोधमे आई बालाज ुमे दश र्न कयल गेल।11


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्राजमा आ सहायक राजमा पर ब ंद हड़ताल निह करबाक कान ूनक बादो एकरकायायन र् निह भेला सं यातायात मजद ूर नाराज छिथ। हुनका सभहक ारा राजमामे अवरोध आ यातायात साधन पर हमला आ अिगलगी जारी रहला सं जानक खतरापर ान िदयाबैत सरकार सं हप करबाक मा ंग कएल गेल अिछ।अपराधी आ भूिमगत सम ूह ारा फोनक माफ र्त चंदा के नाम पर पैसा मा ंगबा आ निहदेला पर जान सं मारबाक धमकी भेटलाक बादो शासनक लापरवाही के िवरोध मेआ ंदोलन पर उतरल बीरगंजक सोना चानी वसायी आई टायरा जरा अपन िवरोधदिश र्त केलिन। वसायी के कहब छि जे शासन के बेर बेर आह करेलाकबादो मामला के गंभीरता के ित शासन के िधयान निह देला सं हमरा सबके ईकदम उठाबई पड़ल अिछ।भरदितया ु के िदन सं शु भेल भए बिहन के ेह के पाबइन के प मे ातपावइन सामा चकेबा संप भेल। मधेशक बिहन बेटी सब ारा बड़ महक संगमाइटक मितर्ू के आई धइर प ूजा क क सामा के भंसाओल गेल। तराई के थासमाजक मिहला सब सामा पावइन के बड़ ध ूमधाम के संग मनाओल करै छइथ। अपनअपन गाम सं काठमा ंडू मे आइब क रिह रहल था मिहला समाज आ मैिथल मिहलासमाज आई हटले काय र्म के आयोलना क क सामा पव र् काठमा ंडू मे मलकअिछ।काितर्क पिण ू र्मा के िदन जनकपुर गंगासागर,अरगजा पोखिर दशरथ तलाउ लगायतकपोखिर सभ पाल आ भारतक िविभ ान सं आयल ध्दालु भजन सभ ान कजानकी मिदर, ं राम मिदर, ं जनक मिदर ं आ दश र्न आ प ूजापाठ कैलिथ। काितर्क ानकैल सं भूतत डायन जोगैिन सं होबई बला क सं मुि हेबाक िवश्र्वासअिछ। तिहना ेक साल जंका धषा आ िसरहा सीमा पर रहल कमला नदी तट परहजारो डायन आ धामी मेला लागल छल। एिह मेला के भूत मेला के नाम सं सेहोजानल जाइत अिछ। एिह बेर 10 ह.जार सं बेसी धामी सभहक सहभािगता रहलबात जनाओल गेल अिछ। मेला मे पाल के धषा, महोरी, िसरहा आ सलाहीर्लगायत के िविभ िजला एव ं भारत के मध ुबनी आ दरभंगा िजला के धामी, डायन,जोिगन आ ध्दालु भजन के सहभािगता रहल बात कमला मेला आयोजक सिमितजलक अिछ। आधिनक ु युग मे जत कान ूनी प मे डायन के आरोप लगौनाईअपराध मानल जाइत अिछ त ेक साल लागैय बला ई मेला िवज्ञान आ कान ून द ुके चुती बनल अिछ।काितर्क शु षी के िदन सं जनकपुरक जानकी मिदर ं के ा ंगन मे ीली नारायणमहायज्ञ पुणाहुित र् के बाद संप भेल अिछ। समापन के अवसर मे जनकपुर मेशोभा याा मे पाल आ भारत के िविभ ान सं आएल साध ु संत, बध्दीजीवी ु एव ंसमाजसेवी सभहक अपार सहभािगता छलै।13


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्झापा िजला के मिहला िजनका ईलाजक लेल भारत या धरान आ िवराटनगर जाएपड़◌ैत छलि हुनक समा के अायी समाधान भेल अिछ। भपुरक मेची अंचलअताल मे सित ू डारक वा रहलाक बादो डार उपल निह छलिथ। मुदाआब ा म ंालय एक महीना लेल डार िमिथला शमा र् के ओिहठाम पठा क अायीसमाधान केलक अिछ। अताल मे मिहला डार के एला सं सित ू मरीज केअताल मे भीड़ शु भेल अिछ। भारतीय द ूतावास ारा 2 करोड़ 74 लाखपैया के लागत सं 25 सैया के सुिवधा संप भवनक िनमाण र्क बादो डारक अभावमे ई अताल बेहाल अिछ।चूा पर भानस क अपना पिरवार के ख ुएनाइ, अपन बाल बा के पोसनाई एव ंपालनाई आ अपन घरक देखभाल करैत अपन जीवन िबतौिनहार अिधका ंश मधेश मेरिह रहल मधेशी मिहला के िदनचया र् अइछ। मुदा आब िकछु िदन सं िविभ संघ संाके यासक बाद, मधेशक मिहला सब सेहो अपन आ अपना पिरवार के बारे मेसोचबाक लेल सजग भ रहल छइथ। गाम गाम मे चलाओल जा रहल बचत सम ूह मेिनयिमत प मे उपित हेबाक एकटा मुख काज भ गेल छइ हुनका सबके।प ूवांचल र् के मुख ापािरक के झापा के िबता र्मोड़ शहर गंदगी साफ करबा लेलानीय लोक जागक निह अिछ आ निहए ानीय िनकाय सेहो ियाशील अिछ। एहनिित मे एक सामािजक संा ारा िबता र्मोड़क साफ सफाई शु कएल गेल अिछ।बारा नीजगढ़ ित प ूव र् पिम राजमा पर क मे बस ठोकर मािर देलक। जािहमे बसक ाइवर समेत आठ गोटे घायल भ गेलाह। घायल सब मे सं बस चालकिसंध ुली के तारा तामा ंग, हेर िदपेश आचाय र् आ एक टा अंजान याी के हालतगंभीर छि। हुनकर सबहक उपचार बीरगंज के नारायण ीय अताल मे भरहल छि।पसा र् के सेढ़वा सं तीन ह.जार िकलोाम गा ंजा सशस् हरी बल नब ंर पा ंचकटोली बरामद केलक अिछ। चेकजा ंच के म मे शु के राित संढ़वा जाइत समयसशस् के टोली के देखला के बाद गा ंजा लोड क रहल लोक सब भिग गेल।हरी के श ंका भेला पर जा ंचक पात भारी माा मे गा ंजा बरामद केलक। सीमासुरक्षा बल के मुख सशस् हरी उपरीक्षक कमान िसंह जानकारी देलिन जेघटनाल सं एक थान नलकटुवा ब ंद ूक सेहो पड़ल छल।भारतीय राजद ूत िशवश ंकर मुख र्जी दावी केलिन अिछ जे तराई मे भ रहलआपरािधक गितिविध मे भारतीय सम ूहक को संलता निह अिछ। धानम ंी िगिरजासाद कोइराला ारा सीमा पार सं आबई बला अपराधी सब पाली सशस् सम ूह संगिमल क तराई मे िहंसा मचेबाक अिभि देलाक तुर ंते बाद भारतीय राजद ूतमुखजीर् एिह तरहक व देलिन। द ूतावास के सहयोग सं संचािलत योजना सब के14


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्िनरीक्षण के लेल भोजपुर पंहुचल भारतीय राजद ूत तराई िहंसा मे भारतीय तकसंलता निह रहबाक बात कहलिन। ओ कहलिन जे पाल जे अखन आ ंतिरक समाके सामना क रहल अिछ, ओकर सामाधान मे सरकार के सहयोग करबाक लेल भारततर अिछ।पािकान के रावलिपंडी शहर मे भेल द ू टा िवोट मे कम सं कम 35 लोक केमारई जाए के ख◌़बर छई। द ून ू िवोट सै िठकाना के िनशाना बना क कएलगेलई। पिहल िवोट सेना के छावनी के बाहर एकटा नाका पर आघाती हमलवारकेलकै। एिह मे सेना के एकटा जवान मारल गेलई। दोसर िवोट सेना केमुालय के बाहर तखन भेलई जखन सेना के कम र्चारी के ल जा रहल एकटा बसके पाछा ं कार ल जा क ओिह मे िवोट क देल गेलई। तीन महीना मे ई तेसरबेर छई जखन सेना के मुालय पर हमला कएल गेल छई। एिह हमला के.िजेदारी िकयौ निह लेलक अिछ। अिधकारी शक .जािहर केलक अिछ जे इ हमलातालेबान समथ र्क चरमपंथी के हेतई। हुनक मानब छई जे तालेबान समथ र्क सेनाके ओिह कारवाई के बदला लेबई के कोिशश क रहल छई जे ओ उर पिमी ा ंतमे क रहल छई। हालक महीना मे पािकान मे कतेको बड़का आघाती हमलाभेलया। कराची मे एक टा बड़का िवोट मे कम सं कम 135 लोक के जान गेलरहई।प ूव र् धानम ंी नवा.ज शरीफ घोषणा केलैथ जे ओ रिववार यानी 25 नब ंबर क लाहौरवापस लौटताह। नवा.ज शरीफ के राजनीितज्ञ भाए शाहबा.ज शरीफ लंदन सं एिहख◌़बर के पुि केलैथ। द ून ू भाए एकै संग पािकान पंहुचई बला छइथ। ओनाअखन ई तय नई छई जे पािकान मुिम लीग जनवरी मे होभई वला चुनाव मेिहा लेताह िक निह। गौरतलब छई जे नवा.ज शरीफ पिछला 10 नब ंबर कपािकान लौटल छलाह मुदा हुनका सउदी अरब भेज देल गेल रहई। मु दा िकछुिदन पिह पािकान के सुीम कोट र् हुनका देश लौटई के अमित द देरहई। 1999 मे नवा.ज शरीफ के तख्ता पलिट देल गेल रहई। आ अिगला सालहुनका पािकान सं िनवािसत र् क देल गेल रहई।प ूव र् धानम ंी आ पाली का ंस के विर ता शेर बहाद ुर देउबा गणतंक मुबाधक हेबाक आरोप कपा माओवादी पर लगेलिन अिछ। ओ मिसर ं छह गते किनधािरत र् कएल गेल संिवधान सभा चुनाव निह हेबई देबाक आ माओवादी ारा गणतंके आयु बढ़◌ेबाक आरोप लगेलिन।अमेिरका के प ूव र् राष्पित िजी काटर र् के कहब छि जे अिह ठामक अिधका ंशराजनीितक दल आ समुदाय त गणतंक पक्ष मे अिछ मुदा अिह लेल वैधािनकतरीक◌़◌ा ािपत करई पडत। धानम ंी िगिरजा साद कोइराला संग भेंट मेकाटर र् हुनका जी सं जी संिवधान सभा के िनवा र्चन करबाक सुझाव देलिखन।15


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्धानम ंी के िवदेश मामला संब ंधी सलाहकार आिद बराल के असार धानम ंी काटरर्के यंम संिवधान सभा के चुनाव लेल आतुर आ चुनाव के बाद गणतं संब ंधी िनण र्यलेबाक बात कहलिखन।अमेिरकी प ूव र् रापित िजी काटर र् राजनीितक दल आ सरकार के सुझाव देलिखनअिछ जे राजनीितक गितरोध के समा क 2064 साल के भीतरे संिवधान सभा केचुनाव करा क पाल मे दीघ र् शाि के ापना करिथ। काटर र् कहलिन जे पालकमाओवादी सं संब ंध सुधारबाक लेल ओ अमेिरकी सरकार सं बात करताह।चीन के थाई जाजर्स डैम सोडर् के नजदीक भेल भूलन मे एकटा बस के चपेटमे एला सं ओिह मे सवार 31 लोकक मौत भ गेलई। भूलन के घटना म ंगलवारक भेलई आ ओिह के तीन िदन बाद इ बस भेटलई। भूलन के समय बस मे31 लोक सवार रहइथ। अिधकारी के मुतािबक द ुघटना र् के तीन िदन बीत गेलाकबाद ककरो जीबई के संभावना निह छई आ बस प ूरा तरहे क्षित छई। संगिहबोडा ंग काउं टी के हुबई ा ंत मे भेल भूस्ख्लन मे रेल िनमाण र् ल के नजदीक केसड़क के सेहो एकर चपेट मे आबई के बात कहल गेल छई।धानम ंी िगिरजा साद कोइराला 2064 साल के िभतरे संिवधान सभा चुनाव करेबाकबात कहलाह। पाल ड यिनयन ू का ंस के ितिनिध म ंडल संग बात करैतधानम ंी ई ितबध्दता केलिन। ड यिनयन ू के पदािधकारी सब धानम ंी केज्ञापन प द क आई बालुबाटार पंहुचल छलाह। एिह अवसर पर संिवधान सभािनवा र्चन के बाद पिहल बैठक सं गणतं के घोषणा करबाक लेल आ एिह सं पिहलकासहमित के असार िमित िनवा र्चन णाली लाग ू करबाक लेल धानम ंी के सुझावदेबाक बात ड यिनयन ू का ंस के अक्ष लण बेत कहलाह। ज्ञापन प मेसंिवधान सभा चुनाव के िनित ितिथ तकबाक म आयोग गठन करबाक युिनयन केएकीकरण करबाक लेल आ शाित ं बहाली करबाक लेल सरकार सं मा ंग कैल गेल अिछ।ाजील मे एकटा 15 वषीर्य िकशोरी के चोरी के आरोप मे एकटा अखा आदद र्नाक स.जा देल गेलई। 15 वषीर्य एिह लड़की के स.जा के तौर पर कतेकोहफता तक 21 लोक के संग जेल मे राखल गेलई जे ओिह िकशोरी के खाए लेलतख दई जखन िक बदला मे ओकरा संग संब ंध ािपत कएल जाए छलई। एिह कमउक लड़की के संग .जबरदी बलाार कएल जाई छलई आ अिधकारी िकछो निह कपेलैथ जाधिर िक राष्ीय िमिडया मे ई ख◌़बिर निह एलई आ ाजीलवासी एिह लड़कीके िरहाई के मा ंग निह केलकै। एिह लड़की के उं गली पर आ तलवा पर जलइतिसगरेट लगा क िकशोरी के ताड़ि◌त कएल जाई छलई आ ओकरा संग राखल गेल21 टा बलाारी लड़का जंका ओकर केस कािट दे रहई, तािक ओकर पहचान निहभ पाबई। लड़की आ ओकर पिरवारवाला के मुतािबक हुनका सबके लगातार जान सं16


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्मारई के धमकी भेटई छलई। शुवार क संघीय सरकार, मानवािधकार अिधकारी केएकटा ितिनिध म ंडल के एिह मामला के जा ंच के लेल भेजलक अिछ।पेही के कृषक सब के बीच एखन बेमौसमी ाजक खेती ख◌़◌ास लोकिय बनलअिछ। कनीके ख◌़च र् सं मोनक अप आमदनी भेला सं कृषक सब एिह िदस आकिष र्तभेल अिछ।२. ीित(ीित पाल १ टी.वी. मे दैिनक मैिथली काय र्मक हो छिथ।)१.िवयाह एकटा िरश्ता के एहन अटूट ब ंधन अिछ जकरा सामािजक माता ा छैक आएक खास अवा में सब ेा सअ अिह ब ंधन में ब ंधय चाहैत अिछ। ाचीनकाल मेंयंबर के चलन छल। यािन मिहला के य ं वर चुनवाक सामािजक आजादी छलि।काला ंतर में सामािजक िित में बदलाव आयल। बहु िववाह या दोसर िवयाह पिहहु ंा छल मुदा मिहला के निह भेटल ई आजादी। आइयो कमोवेश दोसर िवयाहपर समाज मिहला के ित ओतेक उदार शायद निह अिछ जतेक उदार ओ पुषकदोसर िवयाह पर अिछ।दोसर िवयाह के बारे में जौ ं सच पुछी त समाज पुख के संग दैत अिछ। पिहत समाज में बहु िवयाहक था छल मुदा आब यिप एकरा मानयता निह छैक तथािपसमाज सअ ई था प ूण र्त: ख निह भेल अिछ। दोसर िवयाह जौ ं िवध ुर ारा याको खास िवशेष पिरिित में कयल जाय त एकर कारण ब ुझवा में अबैत अिछपर यिद मा शौक, दहेजक लोभ या छ आधिनकता ु के होड◌़ में कयल जाय तई अक्ष अपराध अिछ। अिह मादे समाज आ यं पुष के अपन सोच बदलबाकआवकता अिछ ।समय बदलल संगिह लोक के सोच सेहो बदलल अिछ। मुदा एख निह बदलल अिछमिहला के मादे पुनिव र्वाह या दोसर िवयाह पर समाजक नजिरया। जौ ं पुष कसकैत छिथ दोसर िवयाह त िकएक निह पिरा, िवधवा मिहला के सेहो भेटबाकचाही ई अिधकार। कतेक नींक मिहला होयत जौ ं जवान के संतानहीन िवधवा केपुनिव र्वाह के अिनवाय र् बना देल जाय आ बािकयो के ेा पर छोड◌़ि◌ देल जाय।जौ ं ई भ सकय संभव त निह िसफ र् समाज सअ मिहला आ पुषक भेदभाव िकछुकम होयत अिपतु बि समाज ारा उपेिक्षत आ एक तरहे ागल मिहला पुन: समाजके मुधारा में शािमल भय अपन जीवनक रा सअ मुि पािब सकलीह।17


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्२.कोजागरा पाविन आ्ि◌वन शु पिण ू र्मा के मनाओल जाइत अिछ। नविववािहत लड़कालेल अिह पाविन के िवशेष मह अिछ या कहू त ई पाविन खासकय हुनके सभकलेल छि। नवका बरक लेल ई पाविन तिह महप ूण र् अिछ जेहन नविववािहता लेलमध ुावनी। फकर् यैह अिछ जे मध ुावनी कतेको िदन ला चलैय बला पाविन अिछ आअिह में नव का लेल बहुत रास िविध-िवधान अिछ जखनिक कोजागरा मुतःमाएक िदन होइत अिछ।जिहना मध ुावनी में किनया सासुरक अ-वस्क योग करैत छिथ तिहना कोजागरामें बर सासुर सं आयल नव वस् धारण करैत छिथ। कोजागरा के अवसर पर बरके सासुर सं कपड़◌ा-ला, भार-दोर अबैत छि। अिह भार में मखानक िवशेषमह रहैत अिछ। यैह मखान गाम-समाज में सेहो बरक सासुरक सस के प मेंदेल जाइत अिछ। सासुर सं आयल कपड़◌ा पिहरा बरक चुमाओन कयल जाइतअिछ। बरक चुमाओन पर होइत अिछ बहुत रास गीत-नाद।कोजागरा में नींक जका ं घर-आ ंगन नीपी-पोिछ दोआरी सं भगवतीक िचनवािर धिरअिरपन देल जाइत अिछ। भगवती के लोटाक जल सं घर कयल जाइत अिछ।िचनबार पर कमलक अिरपन दय एकटा लोआ में जल भिर रािख ओिह पर आमकपव रािख तामक सराई में एकटा चा ंदी के पैया रािख ली के प ूजा कयलजाइत अिछ। राित में अधपहरा दकिख बरक चुमाओन कयल जाइत अिछ। आ ंगनमें अदल अिरपन द ओिह पर डाला रािख कलशक अिरपन द तािह में धान द कलशमें आमक पव राखल जाइत अिछ। एकटा पीढ़◌ी पर अिरपन देल जाइत अिछ जेअदलक पिम राखल जाइत अिछ। चुमाओनक डाला पर मखान, पा ंच टा नािरयल,पा ंच हा केरा, दही के छा ंछ, पानक ढोली, गोटा सुपारी, मखानक माला आिद रािखपान, धान आ दिब ू सं वर के अंगोछल जाइत अिछ तहन दही सं चुमाओन कयलजाइत अिछ। चुमाओन काल में बर सासुर सं आयल कपड़◌ा पिहिर पीढ़◌ी पर प ूबमुंहे बैसैत छिथ।पुरहरक पाितल के दीप सं वर के चुमाओन सं पिह सेकल जाइत छिथ। फेरकजरौटा के काजर सं आिख ं कजराओल जाइत छि। तकर बाद पा ंच बेर अंगोछलजाइत छि। तख होइत छि चुमाओन। चुमाओनक बाद वरकें द ुवा र्क्षत म ंपढ़ि◌ कम सं कम पा ंच टा ाण द ूवा र्क्षत दैत छि। फेर पान आ मखान बा ंटलजाइत अिछ। आ अिगला िदन धिर मखान गाम घर में बा ंटल जाइत अिछ।३.नवेु कुमार झाआब वासक आश-18


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्कोसी मे आएल भीषण बाढ़ि◌सँ ई तबाह भऽ गेल अिछ। वतर्मानपिरदृ महान कथाकार फणीर नाथ रेक “परती पिरकथा” िदस लोक ान खींिच रहलअिछ। कोसीक मािर सहैत कतेको लाखक आबादीकेँ ओिह िदन राहत भेटल छल जखनिक िबहारक शोक कहल जाएवाला नदी कोसीपर तटब ंधक िनमा र्ण भेल छल। आशाजागल जे ई आब सोना उगलत। ई भेबो कएल। मुदा १८ अग २००८ केँप ूरा पिरदृ बदिल गेल। सरकारक लापरवाही चाहे ओ के सरकारक हो िक रासरकारक ई एक बेर फेरसँ बाल ूक ढेर बिन गेल। जे नदी एिह केँबसौलक ओिह नदीक कारण एक बेर फेर िवरान भऽ गेल। िवकास दौरसँ ई चिल गेल पचास वष र् पाछा ँ।एिशया मे सभसँ उपजाऊ मानल जाएबला एिह मे एखन बा ँचल अिछ तँ ओऽछिथ अपन घर-घरारी छोड़ि◌ शरणाथीर् बनल बाढ़ि◌ पीड़ि◌त आ पसिर रहल िबमारी आबा ँचल अिछ िजनगी कटबाक आशा। मलेिरया सन महामारीक लेल बदनाम एिह मेिकछु वष र्सँ जे हिरयरी देखाइत छल तािहपर पािन पसिर गेल। गहूम, मकई आधानक लहराइत खेत देखबाक िचामे लागल अिछ लोक। खेतीपर िनभर्र एिहक अथ र्वापर जे घाव भेल अिछ से कतेक िदनमे भरत से िनित निहबिझ ु पड़◌ैत अिछ।ओना तँ एिह क एकटा पैघ आबादी एख वासी छल मुदा जे एखन छलाहितनको ई बाढ़ि◌ वासी बनबापर िववश कएलक अिछ। खेतीक बाद जािहसँ एिहठामक अथ र्वा चलैत छल ओ अिछ मनीआडर्र। मनीआडर्रक भरोसे लोक कहुनािजनगी कटैत छल। आब ओकरो अपन िजनगी पहाड़ लािग रहल अिछ। राहत िशिवरआ सुरिक्षत ानपर शरण ले एकटा पैघ आबादीकेँ अपन भिव वसी बनबामेबिझ ु पड़◌ैत अिछ। ओऽ आब िबचािर ले अिछ जे घर गृहीकेँ पटरीपर आनब िबवासी बन संभव निह अिछ। कोसी क कतेको रेलवे-ेशनपर लगातार बढ़ि◌रहल भीड़ एकर माण अिछ। कतेको माय-बाप-भाइ-बिहन अपन-अपन पिरजनकेँघर-घरारीक िचा निह करबाक आशा देआ देशक लेल िबदा कऽ रहल छिथ।िकएक तँ िजनगी कटबाक एकमा राा ओकरा मनीआडर्र बिझ ु पड़◌ैत अिछ। एिह ठामतँ सभ िकछु उजड़ि◌ गेल अिछ। आब एकमा आशा वासी बिन रहल पिरजनकमनीआडर्र मा अिछ जािहसँ फेरसँ घर गृहीकेँ पटरीपर आनल जाऽ सकैत अिछ।ओकरा एिह बातक को िचा निह अिछ जे देशक कतेको भागमे िबहारी सभकिव गितिविध चलाओल जा रहल अिछ। ओऽ तँ आब ई मािन लेलक अिछ जे एिहठाम एखन कोन िजा छी जे देशमे को अनहोनी घटनाक िशकार भऽ जाएब।ई एिह बातक माण अिछ जे पेट आिगक सोझा ँ देशमे होमए वाला को तरहकअनहोनीक को मोल निह अिछ। अपन आिखसँ ँ कोसीक धारमे बहैत अपन लोक,आर-परोस आ पिरिचतक लहाससँ एिह क लोक दय पाथर भऽ गेल अिछ।बा ँचल िजनगी कटबाक लेल म ृुक सामना करएसँ आब को घबराहिट ओकरा निह छै।19


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्कोसीक तटब टुटलाक बाद आब सरकारी रपर जा ँच, कावा र्ई आ आयोगक गठनआिद खानापितर्ू भऽ रहल अिछ आ होएत एिहसँ ओकरा को मा मतलब निह रिहगेल छै। आब िचा छै तँ बस अपन घर-घरारी बसेबाक आ अपन पिरवारकभिव रक्षा करबाक। बाढ़ि◌ पीड़ि◌तक लहासपर राजनीित, राहत आ बचाव काजकनामपर सरकारी खजाना लुटाएत, वोटक लेल गोलबी होएत मुदा अिगला साल फेरकोसीक ता ंडव निह होएत आ राजता, अिधकारी आ सरकार अपन िजेदारी िनवाहर्करताह एकर को गार ंटी निह अिछ।िबहारमे िकेटभारतीय िकेट बोडर् ारा िबहारकेँ एसोिसएट सद बबाक घोषणाक बाद िकेटिखलाड़◌ी आ िकेट मीक म ख ुशीक लहिर पसरल अिछ। मुदा देशमे कतेकोवष र्सँ असली संघ होएबाक दावा करएवला िकेट संघक म वाक यु तेज भऽ गेलअिछ। िबहारमे एखन रेलम ंी लाल ू साद यादवक बला िबहार िकेटएसोिसएशन, प ूव र् भारतीय िकेटर कीितर् आजादक बला एसोिसएशन आफ िबहारिकेट तथा प ूव र् िकेट िखलाड़◌ी सभक िकेट एसोिसएशन आफ िबहार सिय भऽअपन-अपन संघक माता देएबाक यास कऽ रहल छल। झारख देश अलगभेलाक बाद िकेट एसोिसएशनक सेहो ब ँटवारा भेल। मुदा ायालयक लड़◌ाइकचरमे छह वष र्सँ िबहारक ितभाशाली कतेको िकेटरकेँ अपन ितभा देखेबाकअवसर निह भेिट सकल छल। लाल ू सादक बाला बी सी ए केँ कोल बोडर्ारा माता देबाक घोषणाक संगिह एक बेर फेर िववाद बढ़बाक संभावना देखाई दऽरहल अिछ िकएक तँ कीितर् आजादक वाला एबीसी एिह मामलाकेँ ायालयमे लऽजएबाक बात कहलक अिछ।वष र् द ू हजार एक मे बी. सी. सी. आइ. क ताािलक अक्ष ए.सी.मुथैा ारा लाल ूसादक बी.सी.ए.केँ बोडर्क प ूण र् सदता बहाल कए छल मुदा तकर बाद बी. सी. ए.क सिचव ारा जगमोहन डालिमयाक िव मतदान करबाक कारण ी डालिमया अक्षबिनते िबहारकेँ प ूण र् सदता समा कऽ देलिन आऽ तिहयासँ िकेट िखलाड़◌ी आऽिकेट मी सदताक बहाली करबाक लेल संघष र् करैत छलाह। एिह मािमलाक जीिनपटारा करबाक बदला गुटमे बटल िकेट संघ अपना-अपना केँ असली िकेट िचकजनबैत ायालयक पीचपर लड़◌ाई लड़◌ैत छलाह आ एिह बहा कोल बोडर् एिहमािमलापर म ूकदश र्क बनल रहल जािहसँ ितभाशाली िकेटरक कसान भेल।20


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्बोडर्क ७९म वािष र्क आम बैसकमे िबहारकेँ भेटल मातासँ िबहारक िकेट मीराहत महस ूस कऽ रहल छिथ। हालािक ँ जाऽ धिर प ूण र् सदक माता निह भेटतिखलाड़◌ीक संग ाय निह होएत। एखन िबहारकेँ बोडर् ारा आयोिजत १७, १९ आऽ२२ वष र्क वाला प्ितयोिगतामे भाग लेबाक अवसर भेटत। बोडर् आर महप ूण र्ितयोिगता रणजी ाफी आिदमे ओ तखनिह भाग लऽ सकत जखन िक प ूण र् सदताभेिट जाएत। बोडर्क एिह िनण र्यपर अपन ितिया करैत बी.सी.ए.क कोषाक्षअजय नारायण शमा र् कहलिन अिछ जे एिहसँ िबहारक िखलाड़◌ीकेँ ितभा देखएबाकअवसर भेटत। एखन धिर जे कसान भेल अिछ ओकरा प ूरा करबाक यास लाल ूसादक सहयोगसँ करब। दोसर िदस कीितर् आजादक तु बाला ए.बी.सी. बोडर्कएिह िनण र्यसँ असंतु अिछ। एसोिसएशनक महासिचव िमिथलेश ितवारी कहलिन अिछ जेबोडर् ारा गिठत तीन सदीय ीयिर ंग किमिट जखन ए.बी.सी.केँ देशमे िकेटगितिविधक संचालनक िजेदारी दे छल तँ बोडर् ारा पक्षपात कएल गेल ई िनण र्यअीकार अिछ आ एकर िव ायालयक शरणमे जेबाक अलावा को उपाय निहअिछ। ओ द ुगा र्प ूजाक बाद ए.बी.सी.क िवशेष आम सभा बजेबाक बात सेहो कहलिनअिछ।देरीसँ सही िबहार िकेटकेँ आधा ाय तँ भेटल अिछ। आब १९३५क िबहार िकेटएसोिसएशनक ब ँटवाराक बात सेहो होएत। जािह तरहेँ राक सभ िकछुक ब ँटवाराभेल तिहना बी.सी.ए. जकर मुालय जमशेदपुरमे छल, ब ँटवारा होबाक चाही। सभिकेट संघकेँ अपन हठधिम र्ता छोड़ि◌ देशमे िकेटक गितिविधकेँ पटरीपर अनबाकयास करबाक चाही। ोँ फेर िववाद उठल तँ एक बेर फेर िकेटपर हण लािगजाएत। आब िकेटक मठाधीश संघष र् छोड़ि◌ भारतीय टीममे िबहारक ितिनिधदेयबाक संगिठत भऽ यास करिथ जािहसँ िबहारमे िकेटक भिव बिन सकए।४.ग४.१.कथा १.सुभाषच यादव(अपन-अपन द ुख) २.करी मा ब ुझौअल िजनगीक)िवभारानी (आऊ कक म४.२.१. िर आऽ मैिथल- ज कु. कण र् २. कोना बचत िमिथलाक िता?-ओमकाशझा21


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्४.३.१. महाकाश ी सुभाषच यादव पर, २. िजते झा सुी अंशुमालापर४.४. १.जीवन झाक नाटकक सामािजक िववतर्न- मश ंकर िसंह (आगा ँ) २.. राजकमलचौधरी पर - ड◌ॉ. देवश ंकर नवीन (आगा ँ)४.५. दैिनकी-ोितकथा१. सुभाषच यादव २. िवभारानीिच ी सुभाषच यादव छायाकार: ी साकेतानसुभाष च यादव, कथाकार, समीक्षक एव ं अवादक, ज ०५ माच र् १९४८, माकदीवानगंज, सुपौलमे। पैक ान: बलबा-मेनाही, सुपौल- मध ुबनी। आरिक िशक्षादीवानगंज एव ं सुपौलमे। पटना क◌ॉलेज, पटनासँ बी.ए.। जवाहरलाल हिविवालय, नई िदीसँ िहीमे एम.ए. तथा पी.एह.डी.। १९८२ सँ अापन। सम्ित:अक्ष, ातकोर िही िवभाग, भूपे नारायण म ंडल िविवालय, पिमी पिरसर,सहरसा, िबहार। मैिथली, िही, ब ंगला, संृत, उद, ूर् अंजी, ेिनश एव ं ंच भाषाकज्ञान।काशन: घरदेिखया (मैिथली कथा-संह), मैिथली अकादमी, पटना, १९८३, हाली(अंजीसँ मैिथली अवाद), सािह अकादमी, नई िदी, १९८८, बीछल कथा (हिरमोहनझाक कथाक चयन एव ं भूिमका), सािह अकादमी, नई िदी, १९९९, िबहाड़ि◌ आउ (ब ंगलासँ मैिथली अवाद), िकसुन संक लोक, सुपौल, १९९५, भारत-िवभाजन और िहीउपास (िही आलोचना), िबहार राष्भाषा पिरषद, ् पटना, २००१, राजकमल चौधरी कासफर (िही जीवनी) सारा ंश काशन, नई िदी, २००१, मैिथलीमे करीब सिर टा कथा,22


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्तीस टा समीक्षा आ िही, ब ंगला तथा अंजी मे अक अवाद कािशत।भूतप ूव र् सद: सािह अकादमी परामश र् म ंडल, मैिथली अकादमी काय र्-सिमित, िबहारसरकारक सा ंृितक नीित-िनधारण र् सिमित।अपन-अपन द ुखओिह राित पी द ु िखत छ्लीह । पीठ मे दद र् होइत रहिन। घरक िभतिरया बर ंडापर खाट पर पड़ल छलीह। िन निह होइत छलिन। धीयाप ूता क आवाजाही, गपशप,खटख ुट िन निह होअय दिन। ओ अित िनाही छिथ। सेंिसिटव माइोफोन जका ँछोट-छोट िन-तर ंग सँ कित भs जाइत छिथ। धीयाप ूता केँ बरजैत धिथन —अरो टहल-ब ूल निह, हा-गुा निह कर, रेिडयो निह बजा। कतेको बेरअड़◌ोस-पड़◌ोस सँ अबैत टी.वी. या रेिडयोक आवाज सुिन कs पुछैत छिथन—‘अपनरेिडयो बािज रहल अिछ ?’ँर्र् र्सभक अपन-अपन संसार होइत छैक। धीयोप ूतोक अपन संसार छैक। ओ सभकख मायक बात सुत अिछ, कख निह सुत अिछ आ संसारक अपन कनाकरमणीयता मे डूबल रहैत अिछ। अवहेलना सँ पीक खौ ंझ बढ़s लगैत छिन।तनाव चरम सीमा पर पहु ँिच जाइत छिन तs िचकिर उठैत छिथ आ धीयाप ूता केँसरापS लगैत छिथ। धीयाप ूताक कोमल भाव ुक संसार आइना जका चूर भs जाइतअिछ। ओिह राित हम कक देरी सँ घर घ ूरल रही। देर सँ घ ुरब पीकेँ पिसनिह छिन। हमर ई िदनचया हुनका लेल घोर आपिजनक आ िवपितजनक। देर सँघ ुरबाक अथ अिछ देर सँ स ूतब आ देर सँ सुतबाक अथ अिछ पीकेँ देर धिरकित करैत रहब।तs ओिह राित घर पहु ँचला पर पिरिित ब ूझबा मे भा ंगठ निह रहल जे भानस –भात निह भेल अिछ, पी को कार स ूतिल छिथ। एना कतेको बेर भेलअिछ। स ूतिल रहथ ु , िव निह होिन ई चेा करैत धीयाप ूताक सहयोग सँ हमभानसक उधोग मे लािग गेल रही । मुदा पी िने निह छलीह; कलमच पड़लछलीह। एिह पिरिितक लेल जेना सफाइ दैत आ अपन जागरण तथा क केँजनबैत पी अचानक चनिक उठलीह — ‘आब अखन सँघ ुमौनाइ। हौ बाप, ई सभ कख चैन!’शु भs गेलैक गा ँड़ि◌निह दैत अिछ। भगवान, मौगित दैहएकटा सनसनाइत तीर सन शा ं ित पसिर गेल । पी उिठ कs दोसर कोठली चलगेलीह।23


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्घंटा- द ू घंटा बीतल। ओिह िदन बहुत थाकल रही। सोचलहँ ु खा कs सित ू रही।पी केँ जखन िन टुटतिन, खा लेतीह। िन मे उठा देला पर हुनका फेर िनआयब किठन होइत छिन। तेँ हुनक िभड़काओल केबाड़ केँ आे-आे ठेिल चछिरलेबा लेल भीतर गेलहु ँ। मुदा हमर पदचाप आ उपिित सँ हुनक िन टूिटगेलिन। हुनका जागल ब ू िझ हम कहिलयिन- ’खा िलयs।’ ओ करोट फेरलीह, बजलीहिकहु निह।हम दोसर कोठली मे जा कs सित ू रहलहु ँ। पता निह कतेक राित भेल हेतैक। हमरा ो जगा रहल छल । िन केँ ठेलैत हम अास करs लगलहु ँ के अिछ,की किह रहल अिछ। ठीक-ठीक मोन निह पड़◌ैत अिछ, मुदा लगैत अिछ हमर आिखँनिह ख ुजल रहय। कान मे पीक र आयल, लेिकन ब ुझायल निह ओ की किह रहलछिथ । पुछिलयिन – ‘की कहैत छी?’कहलिन— ‘की भेल अिछ? एना िकयैक करैत छी?’हम सोचय लगलहु ँ , हमरा की भेल; हम कोना करैत रही। तखन ान गेल, गलामे कफ फँसल अिछ। खखािर कs ओकरा गीड़◌ैत अाज कयलहु ँ हम घरा र्इत रहलहोयब आ पी डिर गेल हेतीह।हम फेर लगले िन पड़ि◌ गेलहु ँ। पता निह कतेक समय बीतल हेतैक। घंटािक आध घंटा । पीक आवाज कानमे आयल- ‘सु नइ ँ िछऐ ?’पुिछ्लयिन—‘की?’कहलिन—‘लोककेँ स ूतs देबैक िक निह ?’ देखिलयिन चौकी सँक हिट कsठाढ़ि◌ छलीह । हमरा भेल हम फेर घरा र्य लागल होयब। गरामे अटकल कफ केँघोंटैत ेह सँ पी केँ पुछिलयिन- ‘भोजन कयलहु ँ?’पी को जवाब निह देलिन आ चल गेलीह। भेल जे खा ले हेतीह तेँ निहबजलीह। एिह बेर िन तुरे निह आयल। िचा भेल कफ िकएक बढ़ि◌ गेल अिछ। मोन पड़ल पी कतेक डेरा गेल छलीह। फेर पता निह कखन िन पड़ि◌ गेल।भोरमे पी सँ पुछिलयिन— ‘राितमे द ू-द ू बेर िकएक जगौ छलहु ँ’, तs कहलिन-‘पारा जका ँ िडकरैत छलहु ँ तेँ ।’24


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्हमरा एिह जवाबक आशा निह रहय, तेँ एिह पर हठात िवास निह भेल । पिहएना किहयो निह भेल रहय । हमर ठड़ड़ सँ अक भs कs ओ किहयो जगौनिह छलीह । तखन हमर ओ कफ आ घरघरी को म रहय ? हमरा भीतरजेना िकछु कचकल। क चुप रिह पुछिलयिन— ‘खय छलहु ँ िक निह ?’ कहलिन—‘हँ, लोक ताला मार रहैत छैक आ हम खा लैत िछऐक।’हमरा ब ुझा गेल राितमे धीयाप ूता खा-पी कs स ू ित गेल होयत आ भनसाघर मेताला लगा दे हेतैक। पी अपन भूख आ हमर फोंफसँ कुिपत भs कs हमराउठबैत छल हेतीह। हम उिठ गेल रिहतहु ँ तs ओ खइतिथ आ खइतिथ तs िनपड़ि◌ जइतिथ । ओ तामसे भेर भेल भूखल रिह गेलीह। ठड़ड़ आघरघरीक द ू टासंसार अिछ। सभक अपन-अपन संसार होइत छैक। संसारक अपन-अपन सुखहोइत छैक, अपन-अपन द ुख होइत छैक ।२.िवभा रानी (१९५९- )लेखक- एर- सामािजक काय र्कता र्-बहुआयामीितभाक धनी िवभा रानी राष्ीय रक िही व मैिथलीक लेिखका, अवादक, िथएटरएर, पकार छिथ, िजनक दर ्ज़न भिर से बेसी िकताब कािशत छि आ कएकटारचना िही आ मैिथलीक र् कएकटा िकताबमे संकिलत छि। मैिथली के 3 सािहअकादमी पुरार िवजेता लेखकक 4 गोट िकताब "कादान" (हिरमोहन झा), "राजापोखरे में िकतनी मछिलया ं" (भास कुमार चाऊधरी), "िबल टेलर की डायरी" व"पटाप" (िलली रे) िहीमे अन ू िदत छि। समकालीन िवषय, फ़ि◌, मिहला व बालिवषय पर गंभीर लेखन िहनक कृित छि। रेिडयोक ीकृत आवाज़क संग ईफ़ि◌ल् िडिवजन लेल ड◌ॉूमेंटरी फ़ि◌, टीवी चैन लेल सीिरय िलखल व व◌ॉयसओवरक काज केलि। िमिथलाक 'लोक' पर गहराई स काज करैत 2 गोटलोककथाक पुक "िमिथला की लोक कथाएं" व "गोन ू झा के िके" के काशनकसंगिह संग िमिथलाक रीित-िरवाज, लोक गीत, खान-पान आिदक व ृहत खज़◌ाना िहनकालग अिछ। िहीमे िहनक 2 गोट कथा संह "ब कमरे का कोरस" व "चल ख ुसरोघर आप" तथा मैिथली में एक गोट कथा संह "खोह स' िनकसइत" छि।िहनक िलखल नाटक 'द ूसरा आदमी, द ूसरी औरत' राष्ीय ना िवालय, नई िदी केअराष्ीय र् ना समारोह भार ंगममे ुत कएल जा चुकल अिछ। नाटक 'पीरपराई'क म ंचन, 'िववेचना', जबलपुर ारा देश भरमे भ रहल अिछ। अ नाटक 'ऐ25


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्िये तेरे िलए' के म ंचन मुंबई व 'लाइफ़ इज न◌ॉट अ ीम' के म ंचन फ़ि◌नलै ंडमेभेलाक बाद मुंबई, रायपुरमे कएल गेल अिछ। 'आओ तिनक म करें' के 'मोहनराकेश सान' से सािनत तथा म ंचन ीराम सेंटर, नई िदीमे कएल गेल। "अगलेजनम मोहे िबिटया ना कीजो" सेहो 'मोहन राकेश सान' से सािनत अिछ। द ुनाटक पुक प में कािशत सेहो अिछ। मैिथलीमे िलखल नाटक "भाग रौ" आ"मदद क संतोषी माता" अिछ। िहनक नव मैिथली नाटक ुित छि- बलचा।िवभा 'द ुलारीबाई', 'सावधान पुरवा', 'पोर', 'कसाईबाड़◌ा', सनक नाटक के संग-संगफ़ि◌ 'धधक' व टेली -फ़ि◌ 'िची'मे अिभनय केलि अिछ। नाटक 'िम. िजा' व'लाइफ़ इज न◌ॉट अ ीम' (एकपाीय नाटक) िहनक टटका ुित छि।'एक बेहतर िवश्र्व-- कल के िलए' के पिरकनाक संगे िवभा 'अिवतोको' नामकबहुउेीय संा संग ज ुड़ल छिथ, िजनक अटूट िवश्र्वास 'िथएटर व आट र्-- सभी केिलए' पर अिछ। 'र ंग जीवन' के दश र्नक साथ कला, र ंगम ंच, सािह व संृित केमाम से समाज के 'िवशेष' व, यथा, जेल- बी, व ृद्ाम, अनाथालय, 'िवशेष'बा सभके बालगृहक संगिह संग समाजक मु धाराल लोकक बीच साथ र्क हपकरैत छिथ। एतय िहनकर िनयिमत प से िथएटर व आट र् वकर्श◌ॉप चलित छि।अिह सभक अितिर क◌ॉपो र्रेट जगत सिहत आम जीवनक सभटा लोक आओर लेलकला व र ंगम ंचक माम से िविवध िवकासाक िशक्षण काय र्म सेहो आयोिजतकरैतछिथ।ीमित िवभारानी सम्ित मुईमे रहैत छिथ।ुत अिछ िवभाजीक कथा आऊ कक म करी मा ब ुझौअल िजनगीक। एिहकथापर िहीमे िवभाजीक नाटक िलखल गेल "आओ तिनक म करें" जकरा २००५ई. मे मोहन राकेश सानसँ सािनत कएल गेल।आऊ कक म करी मा ब ुझौअल िजनगीक'हे ये..., कत' गेलहु ँ? आऊ एर।''की कहै छी? एरे त' छलहु ँ तखनी स'। कहू, की बात?''िकछु निञ! मोन होइय' जे अहा ँ अईठा ँ बैसल रही।''ध ुर जाऊ! अहूँ के त' ... एह! एतेक काज सभ पसरल छै। बरखा-ब ुीक समयछै। िदन मे अार भ' जाइ छै। तइयो अहा ँ कहलहु ँ त' बैिस गेलहु ँ आ26


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्देिखयौ जे लग मे बैसल-बैसल अरे कएक पहर िनकिल गेलै। ताबितमे त'हम कतेको काज िछनगा रिहतह।◌ँ!''आिह रे बतिहया ! सिदखन काजे-काज, काजे-काज ! यै, आब के अिछ,जकरा लेल एतेक काज करै छी। सभ िकओ त' चिल गेल हमरा-अहा ँ के छोड़ि◌के, जेना घर स' बाहर जाएत काल लोग घरक आग ू ताला लटका दै छै। हे ब ूझलअिछ ई कहबी जे सभ िकओ चिल गेल आ ब ुढ़बा लटिक गेल। तिहना हम द ुन ूलटिक गेल छी अई घर मे।''एह! छोड़◌ू आब ओ ग सभ। आ हे, अपना िधया-पुता लेल एहेन अधलाह निञबाजबाक चाही। आिखर हुनको आओरक अपना-अपना िजनगी छै। बेटी के त' अहा ंओहु निञ रोिक क' रािख सकै छी। आनक अमानित जे भेलै। बाकी बचल द ुन ूबेटा त' ब ूझले अिछ जे जामुन तडकुन खेबाक आब हुनकर उिमर निञ रहलि।एहेन-एहेन ग पर त' ओ सभ भभा क' हँिस पड़ितयैक।''निञ! से हम अधलाह कत' सोचलहु ँ आ िकयैक सोचब। एतेक ब ूड़ि◌ हम थोड़बेछी। मुदा, जे मोनक पीड़◌ा अहूँ क संगे निञ बा ँटब त' कहू, जे हम कोरजाइ।''कतहु निञ! अिह ठा ँ बैसल रहू। हम अहा ँ लेल चाय बना क' आ छी। अहा ँजाबित चाय िपयब, ताबित हम भा-भात िनबटा लेब।''ठीक छै, जाऊ! अहा ँ आओर के त' चूि-चौकी आ भा भात स' ततेक फैिसशन अिछ जे िकओ िकछु कहैत रहय, अहा ँसभ स' ओ छूिट निञ सकैय'।'से निञ कहू। आई को लड़की िक जनीजात चूि मे सियाय निञ चाहै छै।मुदा ओकरा आओर के त' जे स' पाठ पढ़◌ाओल जाइ छै जे गै बाउ, बेटी भ' क'जनमल छें त' चूि स' नाता त' िनभाबिह पड़तौ। कतबो पढ़ि◌-िलिख जेबे,ंहािकम-कलर भ' जेबे, ं मुदा भात त' उसीनही पड़तौक। आब हमरे देिखिलय'। हम की पढ़ल-िलखल निञ छी िक करी मे निञ छी। माय-बाउजी भपाइ स' क कमजोर छलाह, मुदा मोन स' बहुत सम ृ। तै ं त' पढ़◌ौलि-िलखौलि। करी लेल अाई केलहु ँ त' नीके संयोगे सेहो भेंिट गेल। आरनीक कही अपन तकदीर के जे अहा ँ सन जीवन साथी सेहो भेटल जे डेगे-डेगहमर संग रहलाह। मुदा तइयो देिखयौ जे बेिसक फकर् जे छै, से अहूँ कीिबसिर सकलहु ँ? आइ धिर किहयो कहलहँ ु जे सपना, रह' िदयऊ अहा ँ भानस-भात। हम क' लेब िक घर ठीक क' लेब िक िधया-पुता के पढ़◌ा लेब।''आब लगलहु ँ अहूँ रार ठान'। ताइ स' नीक त' सएह रिहितयैक जे अहा ँ िकचन मे27


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्जा क' अपन काज क। हँ, चाय सेहो द' िदय'।''से त' अहा ँ कहबे कहब। बात लागल जे छनाक स'। अिहना त' अहा ँ आओर हमराआओरक अबाज के ब ंद करैत एलहु ँए।''सपना, अहा ँ एना जिन ु सोचू। आई तीस बरख स' हम द ुन ू एक संगे छी। प ूण र्भरोस स', संप ूण र् आसमप र्ण, िवश्र्वास आ सहयोग स'। हमरा ब ुते जे भ' सकल,किहयो छोड़लहु ँ निञ। ठीक छै जे हम किहयो एक कप चायोटा निञ बलहु ँ, मुदाआदमी आओरक सहयोग देबाक मा की खाली भे मे घ ुसनाई होई छै? अहा ँमोन पाडू, हम किहयो को बात पर टोकारा देलहु ँ? अहा ँ जे पकाबी, जेख ुआबी, जे पिहराबी, जेना अहा ँ राखी। किहयो को आपि कएल की।''हमरा हँसी आिब रहलए अपन एहेन समिप र्त पित पर।''मुदा हमरा निञ आिब रहलए। हमरा गव र् अिछ अपन एहेन सहयोगी पी पर जेहमर का स' काा िमला क' हमरा संगे-संगे चललीह। मुदा, आई ई सभ उगटा-पुरान िकयैक?''टाइम पास कर' लेल आ अहा ँ जे कहलहु ँ, अई ठा ँ बैस' लेल, त' बैिस के अहा ँकमुंह त' निञ िनरखैत रिह सकै छी ।''िनरेख ू , िकओ रोकलकए अहा ँ के िक टोकलकए अहा ँके।''ध ुर जाऊ, अहूँ त...! आब ओ सभ संभव छै की? अरे, जिहया उिमर छल, जिहयासमय छल, तिहया त' किहयो हमर मुंह िनरेखबे निञ कएलहँ◌ु आ निहए िनरखहीदेलहु ं। चाहे हम िकछुओ पिहिर-ओढ़ि◌ ली, चाहे बाहर स' हमरा कतेको श ंसा भेिटजाए, अहा ँक मुंह स' तारीफक एकटा बोल सुन' लेल तरिस गेलहु ँ। बोल त' बोल,एकटा श ंसाक नजिरयो लेल िसहा लागले रिह गेल। आ तिहना अहा ंक पिहरलओढ.ल पर किहयो एपी्रिशएट कएलहु ँ, तइयो मुंह एकदम एके रस - श ू, भावहीन...''एह! एना जिन ु कहू। अहा ँक सज-धज देिखक' हमरा जे सता होइत छल, सेहम किहयो निञ शेयर कएलहँ ु अहा ँ स', से कोना किह सकै छी। िदनभर अहा ँकप आिखक ँ सोझा नचैत रहैत छल आ राित मे ओ सभटा श ंसा पाकार लेइतछल। तिहना अहा ंक मुंह स' अपन, श ंसाक बोल भिर िदन चानीक घंटी जका ँ मोनमे टुनटुन बाजत रहैत छल आ मोन के उु बले रहै छल। मुदा, अहा ँ किहयोओिह समय को सहयोगे निञ देलहु ँ या किहयो संग देबो केलहु ँ त' ब बेमोनसे'। हम किहयो प ूछलहु ँ जे अएं यै, एना िकयैक करै छी अहा ँ? अही ं क मजीर्28


ँ<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्मुतािबक हम ओहूठा ँ चलैत रहलहु ँ।''हे! सरासर इल्जाम निञ लगाबी। देिखयौ, हमरा लेल जेना अहा ँ महप ूण र् छी,तिहना अहा ँक ेक बात हमरा लेल महप ूण र् अिछ। हम अहा ँक संग निञ देलहुअथवा बेमोन स' देलहु ँ त' िकयैक अहा ँ प ूछलहु ँ किहयो, अथवा हम झँपले-तोपलेिकछु कहबो केलहु ँ त' िकयैक तकरा पर िबचार केलहु ँ, किहयो खिलक' ु चच र्केलहु ँ.। ... हे िलय'..., चाय िलय'... अप लेल बना लेलहु ँ। भाघर स' िचकिरिचकिर क' बाज पड़◌ै छल। िकओ सुिनितयैक त' कहितयैक जे बतिहया जका ँएकालाप क' रहल छै िक ककरो संगे झगड़ि◌ रहल छै।''चाय त' ब दीब बनलए।''एह! यािह टा ग पिहनहु ँ किहयो कह रिहतहु ँ। अई तीस बरख में आइए नीकचाय बनलैय' की?''छोड़◌ू पुरना ग सभ! आब धीया-पुताक घर मेंलागितयैक की?'ई सभ कथा-पेहानी नीक'िकयैक नीक लागितयैक? ई सभ त' जीवनदायी धारा सभ छै जािह स'जीवनपी व ृक्षक डाल-पात सभके िभ िभ ोत स' जीवनशि भेटैत रहै छै।अरे, िधया-पुताक सोझा अहा ँ किहये िदतहँ ु त' अई मे को ऐहन अधलाह कम र् त'निञ भ' जइितयैक जािह स' ओकरा आओरक आगा ँ हमरा आओर के शम र् िक झेंपमहस ूस होयितयैक!''अहा ँ बात के तूल द' रहल छी।''नञ! िितक मीमा ंसा क' रहल छी। चीज के रैशनलाइज क' रहल छी।''हमरो द ुन ूक िजनगी केहेन रहलए। ना छलहु ँ त' पढ़◌ाई, पढ़◌ाई, पढ़◌ाई!माय-बाउजी कहैत छलाह जे बाउ रौ, इएह त' समय छौक तपाक। एखिन तपाक' लेबे ं त' आगा ँ एकर मध ुर फल भेटतौ। पढ़ बाउ, ख ूब मोन लगाक' पढ़ ! आहम पढ़◌ैत गेलहु ँ - फर् अबैत गेलहु ँ। नीक करीयो लािग गेल। बाउजीसनारायण भगवानक कथा आ अयाम सेहो करौलि। हुनका ब सौख छलै जेहुनकर पुतौहु पढ.ल-िलखल, समझदार आ मैोडर् हुअए। तकदीरक बात किहयौ जेहुनकर ईहो सेहा प ूण र् भ' गेलै। हुनका अह◌ॉ◌ँ सन पुतौहु भेटलै, प आवहारक गिरमा स' पिरप ूण र्।'चाय त' सिठ गेल। आओरो ल' आबी की?'29


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्'निञ! हमरो िजनगी सोगारथ भेल अहा ँ के पािब क'। कतेको परेशानी भेल,अहा ँ सभस' िनबटैत गेलहु ँ, एकदम स' धीर िथर भ' क'।''त' की किरतहु ँ! जहन हम द ुन ू ाणी एकटा ब ंधन में ब ंधा गेलहु ँ त' तकर मानमरजाद त' िनभाबही पड़ितयैक ! आ कथा खाली हमरे आ अहा ँटाक संब ंध धिर त'सीिमत निञ रहै छै। एकर िवार अहा ँक पिरवार, हमर पिरवार आ फेर अपनबाल-बा धिर होइत छै, आ हे, एहेन निञ छै जे हम सीता-सािवी जका ँ मुंहसी सबकुछ ट◌ॉलरेट करैत गेलहु ँ। कएक बेर हम अपन टेर ल ूज केलहु ँ।मुदा अहा ँक तारीफ, अहा ँ अपन टेर किहयो निञ ल ूज केलहु ँ।''महाभारत स' बच' लेल। आह! पीक आघात स' कोन एहेन म अिछ जे बािचँसकलए।''मजाक जिन ु क! अहँ◌ू सीिरयस छी त' हमहूँ सीिरयस छी। हमर अपन इा छलनािटा स' जे पढ़ब-िलखब। पढ़ि◌ िलिखक' अपना पएर पर ठाढ़ होएब। आिथ र्कपरतंता अीकाय र् छल। हमरा अई बात पर प ूण र् संतोख अई जे हमर ई इाकप ूण र् आदर आ सान भेटल अहा ं स'। हमर करी पर हमरा स' बेसी सताअहा ँक बाउजी के भेल छल। हमर एकगोट संगी हमरा चेतौ छल जे देखब,ब ुढ़बाक ख ुशी अहा ँक पगार ओसुलबा स' त' निञ अिछ। हमरो लागल छल। मुदा धकही हुनका, निञ किहयो पुछलि जे हमरा की आ कतेक दरमाहा भेटैय' आ निञकिहयो ओकरा मादे को खोजे-पुछारी कएलि। सएह अहँ◌ू संगे भेल। अहँ◌ूकिहयो निञ प ूछलहु ँ जे हम की सभ करै छी। अपन पगार के कोना खचैर् दी॥हमरा त' कएक बेर इएह होइत रहल जे अहा ँ प ूछै छी िकयैक ? तहन हम अपन आमदनी आ आमद स' बढ़ल खचा र्क िहसाब अहा ँ के िदतहु ँ। नतीजा, आिथ र्कतंता हािसल कएलो सा किहयो आिथ र्क पे तं निहं भ' सकलहु ँ। किहयोअपना मो अपना ऊपर िकछु खच र् निञ क' सकलहँ। ु अहा ँ संगे ई निञ छल। अहा ँत' 'ईट, िं क आ बी मेरी' मे यकीन करैत एलहु ँ आ एख करै छी।''अई मे अधलाहे की छै? मक अई िजनगी मे अिछए की? खाई, पीिब, मरही।''भ ओिह मे सभ िकओ सफर करी।''से कोना? किहयो अहा ँके हम को क देलहु ँए?''िकऐक ? को समय एहेन निञ भेल जे को खास खास बेर पर हमर रनिञ खसल हुअए। किहयो को काज-परोजन भेल, िक तीज तेवहार िक ककरोबथ र् डे िक वेिडं ग, सभठा ँ त' पा झाड़ि◌ लेइत अएलहु ँ जे पाई निञ अिछ।!30


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्तहन हम की लोकक ओिहठा ँ खाली हाथे पहु ँचतहु ं आ किहतहु ं जे हमर हस्बै ंड कहैछिथ जे हुनका लग पाइ निञ छै तै ं हम आओर हाथ झ ुलबैत चिल ऐलहु ँए। िकओपितयैितयैक।''अहा ँ लग त' रहै छल ।''हँ, िकयैक कहब। ई ब ुझलहु ँ जे ई 'छल' के मेंनटेन करबा लेल हम कतेकबेर अपन मोन के मािर-मािर के राखलहु ँ।''एह छोड़◌ू ई सभ ग। खाएक लेल की बनाएब?''जे कही अहा ँ? हमरा आओर के त' ईहो किहयो तंता निञ रहल जे अपनामो, अपन पसीनक खाना बनाबी।''फेर ब्लेम! आइ अहा ँ के भ' की गेलए?''अहा ँ संग लड़ि◌याएबक खगता। िजनगी भर जकरा लेल अहा ं पलखितयो भिर समयनिञ देल।''हम अहा ँके संतु निञ क' सकलहु ँ किहयो, अहा ँ से कह' चाहै छी?''हँ, सएह कह' चाहै छी?''बाई एवरी प◌ॉिसबल वे?''यस, बाइ एवरी प◌ॉिसबल वे?''िफिजकली, मेंटली, मौटरली, सेुअली।''हँ, सभतरहें।''अहा ँ हमरा कमजोर बना रहल छी।''अहसास करा रहल छी।''अपन पिरिित पर गौर निञ क' रहल छी। हम िबजी, अहा ं िबजी। हमरअएबाक-जेबाक को िनित समय निञ। अहा ँके ऑिफसक संगे-संगे घरक, िधया-पुताक िजेवारी। बखत कत' छल जे म-मुहतक मादे सोिचतहु ँ।'31


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्'तै ं त' जीवन झरना सुखा गेल ? ता त' िजनगीक अिभ अंग िछयै। तै ं,अई ताक कार हम आओर किहयो की नहाएब-धोएब आ िक कपड़◌ा पिहरबछोड़ि◌ देिलयै, वा िबसार गेिलयै?''िधया-पुताक घर मे, आई कुंड बी सो ैंक ...''थ र् इल्जाम द' रहल छी। ैंकसक मा ई निञ जे अहा ँ हमरा कोरा मेबैसे रहू सभ समय। ैंकस मा छै फुल वहारक, फुल अोचक ैंकस।अहा ँ से ैंक निञ भेलहु ँ, नतीजा हम निञ भ' सकलहु ँ, नतीजा िधया-पुता सभ निञभ' सकल।''िधया-पुता के त' ब नीक जका ँ राखलहु ँ। बेटीयो जी आ िमनी पिहिर क' घ ूमल,ंड्स सभक संगे िसमा गेल, पाटीर् कएल, किहयो टोकारा निञ केल।''मुदा, किहयो ैंक भ' क', ख ु िलक' ग-स सेहो त' निञ कएल। एकदमफ◌ॉम र्ल फैिमली बिनक' रिह गेल अपन पिरवार। ई हमर कहबा निञ, अहा ँकबेटीयेक कहब अिछ।''अही स' सभ िकओ सभ िकछु िकयैक कहैत अिछ। हमरा स' त' आइ धिर िकओ िकछुनिञ कहलक?''अहा ँ से मोके कोर देिलयै? तै ं त' कहलह ु ँ, बेहद फ◌ॉम र्ल फैिमली।''चल ू छोड़◌ू, आब फेर स' शु करब िजनगी - सभटा शौख प ूरा क' देब।''िजनगीक ओ बीित चुकल 30 साल आ तीस वष र्क पल-पल पिह घ ुरा िदय'।''जे भ' सकै छै से कहू।''त' कहू जे भा की बनाबी? छीमीक िखचड़◌ी िक छीमीक परोठा।''आब जे अहा ँ ख ुआबी। बजला पर कहब जे हम अहा ँ के मौके निञ देइ छी।''से त' कहबे करब। अपरोक्ष प स' अहा ँक पसीन-नापसीन प ूरा घर पर हावीरहलै।''से कोना?''चल ू , भे से शु करी। अहा ँ के सौ ंफ देल मलपुआ पसीन निञ, इलाइची देल32


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्खीर, सेवई पसीन निञ। आ हमरा आओर के ओ सभ ब पसीन। हमरा िबनसौ ंफक पुआ आ िब इलाइचीक खीर सेवई बबाक आदत पार' पड़ल।''त' ई त' निञ कहलहु ँ जे अहा ँ आओर निञ खाई।''ईहो त' निञ कहल जे ठीक छै, किहयो-किहयो हमहूं सौ ंफ-इलायचीबला पुआ,खीर, सेवई खा लेब, तहन बिझतहुु ं? आ अपना ादक असारे अलग स' चीजबनाबी, ई को जनीजात स' पार लागलैये जे हमरा स' लािगितयैक।''अा, आगा ं बढू।''बढ़ब, पिह भा चढ़◌ाइए आबी।''आइ उपासे पड़ि◌ जाइ त' केहेन रहत। तखिन स' अहा ँक मुंह स' भानस-भानससुिन क' कान पथरा गेल आ पेट अफिर गेल।''उहूँ ! एखिन त' िडनर गोल क' देब आ अधरितया के हा ँक पाड़ब जे हमरा भूखलागलए। उठू, िकछु अिछ बनल त' िदय'। िकछु निञ अिछ त' ऑमलेटे ड सही।''जाऊ तहन, जे मजीर् हुअए, क।''हे, हम एख गेलहु ँ आ एख एलहु ँ। ताबित अहा ँ बउआक ई मेल पढ़ि◌क' ओकराजवाब पठा िदयऊ।''हँ, ओहो िलखलकए जे ब नीक लािग रहलए। अपन देश स' एकदम अलग, सभिकछुएकदम वित। मयािदत, र् संतुिलत। आिखर अमेिरका िछयई । ध कही आईटीब ूम के जे बा सभक रोजगारक नव अवसर भेंिट रहल छै। भारतीय कं ूटरइ ंजीिनयस र् के कतेक िडमा ंड छै फ◌ॉरेन कं ी मे। देखबै जे दस मे स' तीन टाइ ंजीिनयर अमेिरका त' आन आन देशक ख क' रहल अिछ।''ितभाक पलायन िथकै ई। इ ंपो र्टेस ऑफ टे◌ॉलाजी संगे इ ंपोटे ंसी ऑफ अवरटैलेंट छै। बाहरी टे◌ॉल◌ॉजी पर िबढ़नी जका ँ ल ूझै छी। ओ सभ रोटी देखबैतअिछ, हम सभ कुकुर जका ँ बढ़ि◌ जाइ छी।''अहा ँक बेटो बढ़ल अिछ, से ज ु िन िबसरी।''हम इन जेनरल किह रहल छी। अपन देशक त' ई भावे बिन गेल छै, घरकजोगी जोगड़◌ा, आन गामक िस। इ ंटन र्ल टैलेंट के पिहचान' लेल, िरकाइज कर'लेल पिह को ब ुकर ाइज, ऑर अव◌ॉडर्, बल ाइज चाही, निञ त' सभ33


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्िकओ ◌ॉड, धोखेबाज ...' अप ओिहठा ं त' लोक आओर एतेक तरहक एपेिरमेंटकरैत अिछ। लोक कतेक मह दइत छै।''से सभ त' छै। ई िनयित हमही आओर बनाक' राखल अिछ। तै ं त' आइअिनमेष हमरा आओर लग निञ अिछ। अमेिरका मे अिछ। पता निञ किहयाघ ुरत?'आ जौ ं निञ घ ुरलै आ ओरेक मेम ल' आनलक तहन?''तहन की? अहा ँ सासु पुतौहु रार मचाएब। हमर काज त' आशीवा र्द देबाक धिरअिछ। से भूिमका हम िनबािह लेब।''त' सभटा सासु अपना पुतौहु स' रारे मचबै छै? हमही द ुन ू सासु-पुतौहु मे ईदेखलहु ँ किहयो? आब अिनमेष जकरा स' िववाह करौ, हमरा लेल धन सन! हमराकोना आपि निञ!''भा भ' गेल त' दइए िदय'। खाअक' स ूतब।''एतेक जी?'थकान लािग रहल अिछ।''पिहल बेर एतेक बितयौलहु ँए ? हरारित त' लागबे करत। घरवाली संग एतेकबेसी गिपयेनाइ को मजाक बात छै!''हे, एके ेट मे िनकाल ू ।''आई एतेक म कथी लेल ढरिक रहल अिछ?''सभटा िपछला िहसाब रफा-दफा कर' लेल।''त' पुरनका तीस बरख पिह घ ुराऊ!''से त' निञ भ' सकैय', मुदा पुरना तीस बरख के अिगला तीस बरख मे िमलाक'िजनगीक ताग के आओर मजब ूत करबै। आऊ! बैस ू एर। हे, िलय। हमराहाथे खाऊ!''हमरा डर होइयै जे हमर हाट र् फेल निञ भ' जाए।'34


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्'निञ होएत। आ हेएबो करत त' हमहूँ संगे-संगे चिल जाएब। हे, िलय' ।खाऊ । अही ं क हाथक बनाओल त' भोजन अिछ।''हम अप हाथे खाएब। दोसराक हाथे खएला स' पेट निञ भरत।''मोन भरत। आई पेट भर' लेल निञ', मोन भर' लेल खाऊ।''तहन त' आओरो निञ खाएब। मोन जहन भिरए जाएत त' जीिब क' की करब?मोनक अि◌ त' िजनगी िजबाक बहाना होइ छै।''ई सभ िफल◌ॉसफी छोडू आ खाना खाऊ। अरे, अरे, दाित ँ िकयैक काटलहँ।'ु'भोजन मेंहमरा स'।'चटनी निञ छल ं, तै◌ै◌ं...' हे, भ' गेल। आब निञ खाएल जाइत'ठीक छै। चल ू तहन।''कत'।''चल ू त' पिह। आई चल ू , हमर का थाि क' चल ू। अइ् द ुन ू बा ँहक घेरा मेचल ू।''व्हाई हैव य ू बीकम सो रोमािटक?'ं'कहलह ु ँ जे पिछला तीस बरख के अिगला तीस बरख मे शािमल कर' जा रहलछी। हे, इमानदारी स' कहब', अहा ं के नीक लािग रहलए हमर ई श र्!''को भावना निञ उमड़ि◌ रहलए। अहा ँ ईमानदारीक उठाओल, तै ं किह रहलछी।''आब?''ऊँ हूँ ।''आब? मोनक दरवा ब ंद क' क' निञ राख ू। कक फा ँफड़ि◌ छोड़ि◌ िदयौक।भावनाक बयार के घ ुस' िदयौक।''हमरा रोआई आिब रहलए।'35


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्'त' कािन िलय' अई ठा, ँ हमर छाती पर माथ रािखक'। मोन हुक भ' जाएत।''बेर-बेर सोचना आिब रहल अिछ पुरना िदन। तखन िकयैक ... एतेक ताककी मा भेलै जहन हमही द ुन ू अपना के अपना द ुन ू स' अलग ल' गेलहु ँ।''मा छलै ? अपन िजनगी बबाक। िधया-पुताक िजनगी बबाक। ई सभल छल आ अजर्न ु जका ँ हम सभ ओिह लक ाि लेल िचड़◌ैक आिखक ँ पुतली धिरतकैत रहलहु ँ।''हमर पलक िमझा रहलए।''िमझाए िदयऊ। ब पलक, फुजल अलक। एख अहा ँक केश ओतबे नरम, आमोलायम अिछ।''आब त' सभ टा' झड़ि◌ गेलै।''जे छै से बहुत सुंदर छै। आह! मोनक कोटा मे ठेिल-ठूिल क' राखल सुषुभावना सभ... जेना छोट-छोट फूँही बिनक' रोम-रोम के िभजा रहल अिछ। रोम-रोम भुलुिक रहल अिछ। ई की अिछ?''अहसास। हमहँ◌ू अई अहसासक फूंही मे भीिज रहल छी। अहा ँक तन स' मािटकसोपिन आिब रहल अिछ। थाकल दकचाएल िजनगी मे एकगोट नव संचार आिबरहलए। नस-नस वीणाक तार जका ँ झंकृत भ' रहलए। सिक ृ ई अम ूतर् आनंदकक्षण अिछ, िद, भ, अलौिकक !''एक-एक सा ँस स' बजैत गीर्य संगीत। आइ धिर किहयो निञ अभव कएछलहु ँ। आई अभव क' रहल छी।''आऊ, अई अभव सागर मे डूिब जाइ- गहीर, आओर गहीर, कामनाक सीपी फोली!भावनाक मोती बटोरी। आसक ताग मे ओइ मोती के गँ◌ूिथ माला बनाबी आ द ुन ूएकरा पहीिर ली।''िजनगी एतेक सुंदर निञ लागल पिह किहयो।''मौ मुखर रहल सिदखन। आई श मौनक देबाल के ढािह रहल अिछ।''ढह' िदयऊ ! सभटा वजर्ना ढह' िदयऊ !''िजनगीक बदलइत प िकओ निञ ब ू िझ सकलए। अहा ँक रोम-रोम स' झरैत ओस36


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्छल। जनसंा अमािनत ५ वा ७ ितशतस◌ॅ ं ितसाले वि ृ भऽ रहल अिछ।एकटा बात महस ूस भऽ रहल अिछ जे िमिथलामे गरीबी कम भेल अिछ। यिद◌़ सन१९८० स◌ॅ◌ं पिह हरेक ग◌ॉवमे हरेक िदन ४ या ५ घरमे उपवास रहैत छलैक़पर से उपवास आब गरीबीक उपवास पुजा पाठक उपवास होइत अिछ।मुदा भौितक सुिवधाक िपछड़◌ापन त◌ॅ पारकाा पर अिछ। िजनगी भगवानकभरोसे।पा ंचो िजलाक मैिथल पर यिद ान देल जाए त◌ॅ ं एकटाक सद पिरवारमे करीकरयबाला ब◌ॉकी आित सद िकछु निह करयबाला बि गप छटय बाला आ शानबघारय वाला।पर आित भेनाए अपमे एकटा िर एहन जे भाव ुक जरतस◌ॅ◌ं ादा आकम र्ठहीन ादा बनाबैत अिछ। !!!!ट िर !!!!Dependent Class61%Profession of MaithilService Class27%Daily wagesClass10%Trader ClassEntrepreneurs Class 1.8%0.2%Service Class Daily wages Class Trader ClassEntrepreneurs Class Dependent Classजनसंाक वि ृ मा जे कक पहाड़। हर क्षण हरेक िदस िित दयनीय हेबेकड़त।िमिथलामे मैिथल िर लेताह ?िमिथलामे मैिथल त◌ॅ◌ं अपन िजनगीक िर लेबाऽमे सवो र्पिर छिथ। जेना की◌़ सोचुऩिद के ऊपर जड़ जड़ हालमे पुल ओिह पर खचाखच बस◌़ आ रेल गाड़◌ी जािहमेछत सेहो भड़ल। फोटो देखल जाए।40


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्सोचु किनऽ जे िजनगी आओर मौत के बीच केवल एकटा िर फैर अिछ।मैिथल िजनगीक िर हर क्षण।िमिथलामे िजनगीक िर बड़ आसान पऱ ापारक िर बड़ किठन अिछ।शेष म ंथन अगला अंकमे।2. कोना बचत िमिथलाक िता ?- ओमकाश झाओमकाश झा, गाम, िवजइ, िजला-मध ुबनी।41


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्कोना बचत िमिथलाक िता ?आई जहन अपना सबहक चहुतरफ़ ा िवकास भ रहल अिछ त हम सब अपन महा ंक्षाके पािब के अिधक स भ रहल छी,हेबाको चाही। मुदा िक महाका ंक्षा के रथपर सवार भ कअ हम सब कतेक मगर निह भ गेल छी जे अपन िता अपना सकोसो द ूर पाछु छुिट रहल अिछ। मुदा तकरा समेतिनहार िकयो निह अिछ। आयअपना अिहठामक युवा व अिधक िदग िमत भ रहल अिछ,ओकरा िकयो सिह मादश र्क निह भेट पािब रहल अिछ। अख ुनका समय कतेको पाबिन ितहार क मिहनाआिब गेल अिछ आ कतेको गाम मे द ुगा र् प ूजा के अवसर पर साृितक काय र्मआयोिजत कैल जायत अिछ मुदा िकछु वष र् प ूव र् मे चलु-आइ सअ आलो पिहले हरगाम मे युवक सब नाटक खेलाय छलाह,मिहतक रामिलला ले आयोहन होयत छल,ओसब आय कतह चिल गेल छिथ। िक आकेर्स्ा आ परोसी (तवायफ़) के नाच मे ओसब हरा गेल छिथ। परोसजी के काय र्म इ असर पड़◌ैत अिछ जे मिदरकंकाय र्कता र् सब सेहो एकर मजा उठाबअ लागैत अिछ। इमहर मौका पािबकुकुर,िबलाड़ि◌ मैया के ितमा के सेवा मे लािग जाइया। देख हैब जे कुकुरमुतीर् के चािट रहल अिछ। उमहर हम सब अपन तीन पुक (पुखा) संग माबाप- बेटा आ पोता समेत बाईजी पर पाई लुटाबय के अवसर के निह गवा ंबैतछी। अिधकतर गोटे अिह स अवगत होयब।दोसर कतअ जा रहल अिछ अपन संार? हयउ,आब शायदकतौ मिह तक चलैबला रामिललाक तु गाम मे देखायत होयत? हम अपन छोटसनक अभव अप संग बा ंटअ चाहब। पिहले रामलीला के टोली के िकयो माला(म एक िदनक भोजन) उठेिनहार निह होइ,मा इ जे मा पेटे पर जे टीमसबहक मर ंजनक वाे तैयार रहैत छल,ओकरा अपन समाज नकािर देलक मुदाआखन ायःहर छोट पैघ शहर अतह तक िक देशक राजधानी मे द ुगा र् प ूजा केअवसर पर लाखो आदमी रामलीलाक ख ुब लुफ्◌़त उठबैत छैथ। कतो कतो तअरामलीला देखै के लेल िटकट सेहो लागैत अिछ,िक हम झ ूठ बािज रहल छी। एनामे द ु टा ग जे हमरा भेल-पिहल जे लोक के ओिह ित ओ झान निहरहलि जे िक बाईजी के नाच मे वा कौआल-कौआली मे जे िक राित भिर सबकेगिरया क चिल जाइया आ हजारो आदमी मिदरक ं आस पास ततबाक गोत गोबरकअ दैत छिथ जे अिगला िकछु मिहना तक उमहर निहये जाय मे कुशल ब ुझैतछी। अिह स गामक कलाक ास ख ूब पैघ र पर भेल अिछ,सब गोटे बिझितुअंजान छी।42


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्तेसर आ गंभीर ग इ जे समाज मे जे भाई चारा्◌्रव मे छल िक ओ ख भ गेल अिछ। िक अपन समाज ततेक गरीब तअ निहभ गेल अिछ जे आिहठम दस गोटे के भोजन करेनाय आय किठन भ गेल अिछ।एकर एकटा छोट सनक उदाहरण हम देबअ चाहैत छी जे जौ ं अंहा सब मे स िकछुआदमी िदी-ब ंबई स कमा क मास िदनक लेल गाम जायत होय तअ अभव करैतहोयब जे गाम मे बीतल समय के संगे संग अपक मेंिट पर होय वला खच र्मे कटौित सेहो सबगोटे ीगत अभव के गहराई स देख ु। अखन बसअतेबैक।इितमहाकाश (१९४६- ), ज वनगा ँव, सहरसा। १९७२ ई. मे पिहलकिवता संकलन "किवता संभवा"।आधिनक ु मैिथली कथा-सािहमे एकटा नाम जे सवािधक र् ीकृत आ िसि पौलक अिछ,ओ िथक- सुभाष च यादव। सुभाषक कथा-याा पर दृ िपात करैत ई लगैतअिछ जे ओ कथाक अेषण कयलिन अिछ। ायः लेखनक आर किरते ओ अकान आ अक भाषाक याा शु कयलिन। ई याा वा भटकाव, जे हुनक िनयितसेहो रहल अिछ, हुनका अभव सँ लैस कयलक, तीण दृ ि देलक आ अपनसमकालीन सँ अलग िविश सा ंचामे ढािल देलक।िच ी सुभाषच यादव छायाकार: ी साकेतानओ एकटा अलग भाषा-संार, श-संार हण कयलिन जे अपन प मे ासज43


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्अिछ। लेिकन ई प कतहु सँ ओझराबैत निह अिछ, अिपतु कलाक सहजता आसहजताक कला केँ िवलक्षण ढंगेँ उािटत करैत अिछ। ओ अपन कथा मे पिरवेशकको पैघ आयोजन िक पसारमे निह फँसैत छिथ; हुनक अभविस भाषा, अिवकश सहजिह अपेिक्षत पिरवेश आ यथाथ र् केँ एकटा पैघ फलक दऽ दैत अिछ।सुभाष को राग-िवरागक उेजनामे जतेक िल छिथ, ओतबे िनिल र्ो। सुभाषकजीवन आ सािह ऊपर सँ जतेक शा ंत आ िर ब ुझाइत हो, भीतर सँ ओतबे अशा ंतआ अिर अिछ। हुनक अदृर् ि ाह आ सफेदकेँ िनम र्मता सँ उािटत करैतअिछ। हुनक रचनाकार समयक समु मे डूिब-डूिब मोती-मािणक तािक अतअिछ। एिह तरहेँ सुभाषक लेखन यथाथ र्क अम ू दावेज बिन जाइत अिछ।२.रक माला गँथती अंशु- िजते झाहम सभ अप भाषाकेँ हेय द◌ॄिसँ देखैत छी तें हमर भाषासािह, गीतसंगीत आसंृित पछुआ रहल अिछ । ई कहब छि अंशुमालाक । अंशु िदी िवश्र्विवालयमेसंगीतमे एम फ़ि◌ल कऽ रहल छिथ। मैिथली गीत संगीतकेँ गुणरीय बनएबाक लरखिनहािर अंशु मैिथलकेँ अपन भाषा-संगीत ितक दृ िकोण बदलबापर जोड दैतछिथ।अंशुमाला संगीतक िवाथीर् छिथ । िदी िवश्र्विवालयमे एम. फ़ि◌ल.मे अयनरतअंशुक माय िहनक पिहल गु छिथ। ई माय शिश िकरण झासँ मैिथली लोकसंगीतक िशक्षा ले छिथ । तिहना एखन िकछु बष र्सं ई रेिडयो कलाकार ह◌ॄदयनारायण झासँ संगीत िशक्षा ल' रहल छिथ । बाल कलाकारक पमे सीतायण एलबममेगािब चुकल अंशु िबिभ रेिडयो काय र्म आ ेज ोाममे सहभागी भ' क' मैिथलीगीत गािब अपन रसं श ंसा बटोर छिथ ।एखन िदीमे रिहकऽ संगीत साधनामे ज ुटल अंशु िदीमे आयोिजत िविभ काय र्ममेमैिथली गीत संगीत परसल करैत छिथ ।44


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्मैिथली भाषीमे अ भाषाक गीत संगीतक ित बढैत िच मैिथली गीतसंगीत लेलिहतकर निञ रहल िहनक कहब छि । िदीमे आयोिजत एकटा काय र्मकेँ यादकरैत ई कहैत छिथ जे जािह काय र्ममे लगभग ८ हजार मैिथल रहिथ तािहकाय र्ममे चािहयोकऽ मैिथली गीत निह गािब सकलहु ं । ओिह काय र्ममे भोजपुरीकिडमा पुरा करैत अंशुके मैिथली डहकन गेबाक लेल मोन मसोिसक' रह' पडलिन। मुदा अंशु ीकारैत छिथ जे गायक ोताक िचक आगु िववश होइत अिछ,'जनता जे सुनऽ' चाहत हमरा सएह गाबऽ पडत अंशु कहलिन । पटनामे मैिथलीगीत गािबक ोताक तािलक गडगडािटसं ख ुश हएबाक आदित पिड चुकल अंशुकेँ िदीमेआिबकऽ मैिथल भाषीक बदलल सा ंगीितक ादसं अक लािग गेल रहिन ।मैिथलीमे लोकिय ध ुनक अभाव रहबाक बात अंशु िकहु मान' लेल तैयार निह छिथ। ध ुन वा लयक अभाव निह, ोता एिहसं अनिभज्ञ रहल िहनक दाबी छि।मैिथली संगीतकमीर् एख आिथ र्क समासँ लिड रहल छिथ, अंशु कहैत छिथ । एिहकअभावक कारण ारोडी गीतक सहारा लेबालेल संगीतकमीर् बा बनल अिछ । मौिलकगीत,संगीतमे लगानीकता र्क अभाव रहलासं सेहो ारोडी संगीत लोकिय भऽ रहलअिछ, िहनक कहब छिन । 'सभसँ पैघ कमजोरी ोतामे छै कलाकार तँ सभ ठामहारल रहैया' ारोडी मीपर रोष कट करैत अंशु कहैत छिथ । मुदा मैिथलीमेरीय गीत संगीत ोताकेँ भेटक चाही से अंशुक िवचार छि । मैिथली लोकर ंगमचारा िदीमे आयोिजत काय र्ममे ोतासँ भेटल वाहवाहीक उदाहरण दैत अंशुकहैत छिथ जे ोताक मरजनक लेल रीय काय र्म सेहो हएबाक चाही ।मैिथली र ंगकम र्मे लगिनहारकेँ उिचत सान तक निञ भेिट सकल, अंशुमालाक अभवछि । मैिथली कलाकारकेँ आब' बला िदनमे बहुत मान सान भेटक चािह, हमइएह चाहैत छी अंशु कहैत छिथ । मैिथली संगीतकेँ एकटा ऊँ चाई पर पंहुचएबाकल रखिनहािर अंशु मैिथली र ंगकम र्मे एख लडकी लेल बहुतो किठनाई रहल बतबैतछिथ ।अंशु आगु कहलिन-मैिथल समाजसँ जाधिर कलाकारकेँ सान निञ भेटतै ताऽ धिर एिहमे लडकी अपन ितभा देखाब' लेल आगु निञ आओत।१.जीवन झाक नाटकक सामािजक िववतर्न- मश ंकर िसंह (आगा ँ) २.. राजकमल चौधरी पर-ड◌ॉ. देवश ंकर नवीन (आगा ँ)१.ोफेसर म श ंकर िसंह45


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ड◌ॉ. मश ंकर िसंह (१९४२- ) ाम+पो- जोिगयारा, थाना- जाले, िजला-दरभंगा। 24 ऋचायन, राधारानी िसा रोड, भागलपुर-812001(िबहार)। मैिथलीकविर स ृजनशील, मननशील आऽ अयनशील ितभाक धनी सािह-िचक, िदशा-बोधक,समालोचक, नाटक ओ र ंगम ंचक िनात गवेषक, मैिथली गकेँ नव-प देिनहार,कुशल अवादक, वीण सादक, मैिथली, िही, संृत सािहक खर िवान ् तथाबाङला एव ं अंजी सािहक अयन-अेषणमे िनरत ोफेसर ड◌ॉ. मश ंकर िसंह (२० जनवरी १९४२ )क िवलक्षण लेखनीसँ एकपर एक अक्षय कृित भेल अिछ िनःस ृत।िहनक बहुम ू गवेषणाक, मौिलक, अनिदत ू आऽ सािदत कृित रहल अिछ अिवरलचिच र्त-अिच र्त। ओऽ अद उाह, धैय, र् लगन आऽ संघष र् कऽ तयताक संग मैिथलीकबहुम ू धरोरािदक अेषण कऽ देलिन पुकाकार प। िहनक अेषण प ूण र् आऽबकार आलेखािद ापक, िचन, मनन, मैिथल संृितक आऽ परराक िथकधरोहर। िहनक स ृजनशीलतासँ अािणत भऽ चेतना सिमित, पटना िमिथला िवभूितसान (ता-प) एव ं िमिथला-दप र्ण, मुई विर लेखक सानसँ कयलक अिछअलंकृत। सम्ित चािर दशक धिर भागलपुर िविवालयक ोफेसर एव ं मैिथलीिवभागाक्षक गिरमाप ूण र् पदसँ अवकाशोपरा अनवरत मैिथली िवभागाक्षक गिरमाप ूण र्पदसँ अवकाशोपरा अनवरत मैिथली सािहक भारकेँ अिभविर्त करबाक िदशामेसंल छिथ, त सारत-साधनामे।कृित-मौिलक मैिथली: १.मैिथली नाटक ओ र ंगम ंच,मैिथली अकादमी, पटना, १९७८ २.मैिथलीनाटक पिरचय, मैिथली अकादमी, पटना, १९८१ ३.पुषाथ र् ओ िवापित, ऋचा काशन,भागलपुर, १९८६ ४.िमिथलाक िवभूित जीवन झा, मैिथली अकादमी, पटना,१९८७५.नाााचय, शेखर काशन, पटना २००२ ६.आधिनक ु मैिथली सािहमे हा-ं,मैिथली अकादमी, पटना, २००४ ७.पािणका, कण र्गोी, कोलकाता २००५, ८.ईक्षण, ऋचाकाशन भागलपुर २००८ ९.युगसंिधक ितमान, ऋचा काशन, भागलपुर २००८ १०.चेतनासिमित ओ नाम ंच, चेतना सिमित, पटना २००८मौिलक िही: १.िवापित अशीलन और म ूा ंकन, थमख, िबहार िही अकादमी,पटना १९७१ २.िवापित अशीलन और म ूा ंकन, ितीय ख, िबहार िही अकादमी,पटना १९७२, ३.िही नाटक कोश, शनल पिब्लकेशन हाउस, िदी १९७६.46


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्अवाद: िही एव ं मैिथली- १.ीपादकृ कोटकर, सािह अकादमी, नई िदी १९८८,२.अर फिसल, सािह अकादेमी, नई िदी २००१ ३.पागल दिनया, ु सािह अकादेमी, नईिदी २००१, ४.गोिवदास, सािह अकादेमी, नई िदी २००७ ५.रानल, ऋचा काशन,भागलपुर २००८.िलारण-१. अीयानाट, मज काशन, भागलपुर, १९६७।सादन- १. गवरी, महेश काशन, भागलपुर, १९६६, २. नव एका ंकी, महेशकाशन, भागलपुर, १९६७, ३.प-पु, महेश काशन, भागलपुर, १९७०, ४.पदलितका,महेश काशन, भागलपुर, १९८७, ५. अनिमल आखर, कण र्गोी, कोलकाता, २०००६.मिणकण, कण र्गोी, कोलकाता २००३, ७.हुनकासँ भेट भेल छल, कण र्गोी, कोलकाता२००४, ८. मैिथली लोकगाथाक इितहास, कण र्गोी, कोलकाता २००३, ९. भारतीकिबलाड़ि◌, कण र्गोी, कोलकाता २००३, १०.िचा-िविचा, कण र्गोी, कोलकाता २००३, ११.सािहकारक िदन, िमिथला सा ंृितक पिरषद, कोलकाता, २००७. १२. व ुआड़ि◌भितरिणी,ऋचा काशन, भागलपुर २००८, १३.मैिथली लोकोि कोश, भारतीय भाषा संान, मैस ूर,२००८, १४.पा सोना हीरा, कण र्गोी, कोलकाता, २००८।पिका सादन- भूिमजा २००२जीवन झाक नाटकक सामािजक िववतर्न (आगा ँ)र रस होरी हो। गाबह सब िमिल र॥रहिस-रहिस सब फागु सुहािगन गाबय मनक उम।पहु परदेश िवताओल हमरा (सिरवहे) भेल मरथ भ॥(सामवती पुनजर्, प ृ-१४)एिह नाटकक होिलकोवक दृ अ मरम अिछ। र ंग अबीरक योग होरीकहुड़दंग मचल अिछ। ओिह अवसरपर राजसभाक ेक पा र ंग अबीरसँ बोरल अिछ।लोक होरीक हुड़दंग मचयबा आ उधम मचयबामे अ- अिछ। राादेश अिछ जेएिह अवसरपर जे अुक होिथ तिनका एिहसँ फराके राखल जाय अथा र ंग-अबीरकसराबोर राािधकारी लोकिन राजभवनमे उपित छिथ। राजभवन िदस जाइतनगरक शोभा ओ होिलकोवक िवकृत प दृ िगत होइछ। सभ एक दोसराक संगहँसी-मजाकमे देखल जाइछ। एिह अवसरपर बसक राजाकेँ आशीवा र्द दैछ:महाराजक मन हरलक नटी, कहो लोक अपवाद।47


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्सयवष र्सँ जिन जीवी हारी हम दैछी आिशवा र्द।(सामवती पुनजर्, प ृ-१४)शलाका पुष जीवन झाकेँ िमिथलाक सा ंृितक परराक गीर अभव छलिन तेँ ओअपन नाटकमे एकर पालनाथ र् उपयु अवसर बहार कऽ लेलिन।कीितर् पुष जीवन झा अपन नाटकािदमे धािम र्क भावनाक िचण सेहो अमािम र्कताक संग कयलिन जे हुनक सा ंृितक प ृभूिमक प ृपोषक हैबाक माण दैछ।सामवती पुनजर्मे अथो र्पाजर्नाथ र् सामवान आ सुमेधा िवदभर्राजक ओतय दि-पमेप ूजनाथ र् िनयु होइत छिथ। सा ंृितक एव ं धािम र्क प ृभूिमक पिरमे सुर-संयोगक कथानकक ीगश वैनाथधामक ा ंगणसँ आर होइछ तथा ओकर असेहो ओतिह भऽ जाइछ। नम र्दासागर सकमे नाटककार किपलेरमे िशवाच र्नाक चचा र्कयलिन अिछ। काितर्क पिण ू र्माक अवसरपर लोक ानाथ र् गंगा-कमला जाइत अिछ जेहमर सा ंृितक एव ं धािम र्क जीवनक अिवभा अंगक पमे िचित अिछ। सा ंृितकएव ं धािम र्क दृ िएँ जखन िहनक नाटकािदक िवेषण करैत छी तँ भऽ जाइछ जेई परम िशवभ परायण रहिथ जे िहनक नाटकािदमे यु नचारी आ महेशवाणीसँभऽ जाइत अिछ।िमिथला ंचलक सा ंृितक प ृभूिममे एिह ठामक िनवासीक वैिशष् रहल अिछ जे सािकभोजनक पक्षपाती रहलाह अिछ। एतय तामसी भोजन सव र्था विजर्त मानल जाइछ।एिह परराक पालन नाटककार ल-लपर अपन नाटक मे कयलिन।२. ड◌ॉ. देवश ंकर नवीनड◌ॉ. देवश ंकर नवीन (१९६२- ), ओ ना मा सी (ग-प िमितिही-मैिथलीक ारिक सजर्ना), चानन-काजर (मैिथली किवता संह), आधिनकु(मैिथली) सािहक पिरदृ, गीितका के प में िवापित पदावली, राजकमल चौधरीका रचनाकम र् (आलोचना), जमाना बदल गया, सोना बाब ू का यार, पहचान (िहीकहानी), अिभधा (िही किवता-संह), हाथी चलए बजार (कथा-संह)।48


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्सादन: ितिनिध कहािनया: ँ राजकमल चौधरी, अिान एव ं अ उपास (राजकमलचौधरी), पर के नीचे दबे हुए हाथ (राजकमल की कहािनया ँ), िविचा (राजकमलचौधरी की अकािशत किवताएँ), सा ँझक गाछ (राजकमल चौधरी की मैिथली कहािनया ँ),राजकमल चौधरी की चुनी हुई कहािनया, ँ ब कमरे में कगाह (राजकमल कीकहािनया ँ), शवयाा के बाद देहशुि, ऑिडट िरपोट र् (राजकमल चौधरी की किवताएँ),बफ र् और सफेद क पर एक फूल, उर आधिनकता ु कुछ िवचार, साव िमशन(पिका)क िकिछ अंकक सादन, उदाहरण (मैिथली कथा संह संपादन)।सम्ित शनल ब ुक मे सादक।बटुआमे िबहाड़ि◌ आ िबर ्ड़◌ो(राजकमल चौधरीक उपास) (आगा ँ)नायक देवका सुिशिक्षत, िनिव, कमिन र् आ ज्ञानी युवक छिथ। हाइकोट र्मे काय र्रत िविश िक पुा आ तापी रईसक पौा छिथ। कलामी,कलाकार, ितित, साहसी, उदार आ परोपकारी। सुशीलाक पित अिन बाब ूकटूटल गाड़◌ी कमलदहमे फँसल छलिन, ओ लोकिन के छिथ, तकर स ूचना देवकाकें निहछलिन, तथािप हुनका सहयोग देब; सुलतानगंजमे नाहसँ डूबैत दितकें बचाएब;कुलानक संग सुशीलाक वासक जानकारी रिहतहु, हुनका आिथ र्क सहयोग देब -- ईसब आचरण देवका उदारता आ मताक पिरचायक िथक। एकर अलावा देवकाकगीर आ िजी भावक िचाण सेहो भेल अिछ। मुदा देवकाक िजदसँ हुनकरअपन जे िकछु िबगड़ि◌ गेल हो, आनक िकछु निह िबगड़लिन।पर ंच म ूल बात अिछ सुशीला आ देवकाक अरावाक मिवेषण। अइिवेषणमे उपासकार सहजिहं चमृत करै छिथ। अइ अरिक कथाकें मा ँसल आउादक बना क' पाठकक कामेा आ कुा बढ़बै लेल निह; समाज वामे चलैतअयथाथ र् आदश र् आ मया र्दाक ित पाठक/भावककें उेिलत करै लेल। एिह िचाणमेराजकमल चौधरीक मिवेषणाक िश अ भावकारी सािबत भेलिन अिछ।उपासतँ मानव जीवनक यथाथ र्क आान होइत अिछ, जािहमे घटना च आ ान-काल-पााक आय लेल जाइत अिछ। म ूल कथाक संग-संग कतोक आषिगक ं कथाअबैत अिछ आ अइ सब ियामे चिरा-िचाणक अम ू योगदान होइत अिछ।चिरा-िचाक मामे कथानकमे वाह अबैत अिछ आ ल ािक बाटसोझराइत अिछ। उपासक पााक चािरिाक फलक जतेक सोझराएल रहत, ओकरअिभिया आ आन पााक संग कथोपकथन आ गाक हैत। जें िक कोिक एक-एक आचरण ओकर मानिसक हैिसयतक पिरचायक होइत अिछ, चिरािचाणमे मिवेषणक मह सवो र्पिर होइत अिछ।49


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ातयोर कालक भारतीय सािहमे एहेन देखल गेल अिछ जे रचनाकारलोकिन अपन हरेक पााक आचरण ओकर मिवेषण करैत अंिकत केलिन अिछ,राजकमल चौधरी अइ काजमे सवािधक र् अगामी, योगधमीर् आ नवताम ूलक सािबतभेलाह अिछ। चिरा िचाणक संग मच सेहो एिह तक समथ र्न दै छिथ जेचिरा िचाण जतेक , गितशील आ िवकासमान रहत, उपास ओतबे बेसीभावकारी हैत। मच इहो ीकारलिन जे मवैज्ञािनक सक आधार पर कथाउम कोिटक हैत। राजकमल चौधरीक सूण र् कथा संसार तँ मिवेषणसँ भरलअिछ, आलो उपास ÷आिदकथा'क तँ म ूल आधारे मिवेषण अिछ। कहै लेल ईकथा सुशीला आ देवकाक म कथा िथक, मुदा द ू मेसँ एको कखनहँ ु िकनकहु मुँहफोड़ि◌ कए निह कहलिखन जे हम अहा ँसँ म करै छी। सौ ंसे समाजमे केओ ईनािह घोिषत केलिन जे द ुन ूमे म अिछ। समाज, आ िक कुलान, आ िक हिरनगरवाली (अिन बाब ूक दोसर पी, सुशीलाक मािझल ँ सौितन, महानक माइ, कुलानकसतमाइ) अइ अरिकें मो मोन िछनरपन मानलिन। मुदा, ई कथा एकटा द ुखाम-कथा िथक। सूण र् कथा सबहक मोमे बत, बढ़◌ैत रहल। पााक ि,वि, ृ िया-कलाप, रागाक मवेग आिदक िचाणसँ घटना च, पिरिित आपिरवेश सुगिठत आ भावकारी भेल अिछ। पााक इा-अिना, पिसन-नापिसन,ोध-घ ृणा-म, राग-अराग, भोगेा आिदसँ कथानकमे ाभािवकता आ िवसनीयताआएल अिछ।को म म करए, घ ृणा करए, मािर करए, समथ र्न आ िवरोध करए, प ूजाकरए, ािभचार करए--ई सबो टा आचरण ओकर जीवन दश र्नसँ िनधािरत र् होइत अिछ,जकर जानकारी ओकर मिवेषणसँ भेटैत अिछ। पिरवेश, िशक्षण, संार,ितभा, अभव आिदक समित भावमे को ि अपन जीवन दश र्न िदढ़ करैतअिछ; मुदा म जाित जें िक सामािजक पशु िथक, कतोक पिरिितमे ओकर समजीवन-दश र्न िववश भ' जाइत अिछ।मिवज्ञान कहैत अिछ जे कोनहु ँ ियाकें िनािदत करबामे का र्क धारणामहप ूण र् होइत अिछ। मक आजक संार, अतीतक सम िबसरल घटना, जीवनभिरक अभूित ओकर अवचेतनमे िवराजमान रहैत अिछ, समय पािब कए ओएह सबबात ओकर वि, ृ आचरण आ धारणाकें िनदेर्िशत करए लगैत अिछ। आिदकथाउपासक िविभ चिराक मिवेषणमे ई सम त भावी अिछ। एिह उपासकरचनाकाल धिर भारतीय ाधीनताक एक दशक बीत चुकल छल। मुदा िमिथलाक लोक--की पित, की म ूख ; र् की साम, की मजूर...आिदम सताक मानिसकतामे जी रहलछल। पुषवादी अहंकारक एहेन फोंक दश र्न तँ आिदमो युगमे निह छल, जतएस्ा◌ीकें बाक ज देब' बला मशीन; पुषक कामेा अथवा कुा शा कर' बालाया; घर-अंगना सार' वाली पिरचािरका; आ पुषक मुँहें श ंसा सिन ू पुलिकत रह'वाली पोसुआ पशुक अलावा आओर िकछु निह ब ूझल जाइत हो। आसुरी भोग-िवलास50


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्आ ढोंग-पाख-अिवास-धम र्भीताक व ंचनामे सौ ंसे िमिथला डूबल छल। जखनिक सौ ंसे देशक गितशील समाजमे जीवनक जिटलता, िविचाता पर िचन-मननफैलसँ भ' रहल छल। लोक आधिनक ु भावबोधसँ जीवनकें देखए लागल छल। मानवजीवनक उज्ल आ कलुष भाव पर तुलनाक िचन होअए लागल छल। एहनासमयमे मैिथलीमे भावकारी उपास िलखबाक एकिह टा िश भ' सकै छल--से छलमिवेषणाक चिरा◌ा◌ंकनसँ वु िितकें ना ँगट करबाक कौशल। हमरामिवेषण के हिरमोहन झा ÷कादान'मे मैिथलक िवद ूषकीय आचरणक धी उड़◌ादेलिन, मुदा मैिथल लोकिनकें ओहेन हारक ं, हा ब ुझेलिन। आचाय र् वरलोकिन उदारताप ूव र्क हुनका हा साटक उपािध द' देलिखन।वुतः ÷आिदकथा'क को एह अिछ जे मिवेषणक अलावा दोसर को सिरआएलबाट ताकलो निह जा सकै छल। यौवनक अटट द ुपहिरयामे को स्ा◌ीकें िनितपे ं को सूण र् पुषक छाहिर चाही; पुवती-फलवती हेबा लेल आतुर अथवामुिदत-पुलिकत हेबा लेल उुक-उु को हिरयर लताकें को मजग ूत डािरकआसरा चाही। सुशीला एह उ स्ा◌ी आ एह अलसाएल लता छिथ; हुनकादेवका चाही छलिन मुदा अिन भेटलिखन; चाननक गाछ चाही छलिन, मुदा भािट-ँभँगरैया भेटलिखन। स्ा◌ीक जीवनमे अथ र्सँ बेसी साथ र्क बहुत िकछु होइत अिछ, सेबात मैिथल ितिनिध अिन, हुनकर स'र-कुटुम, सी-सरोकारी निह बिझ ू रहलछलिखन; एते धिर जे कुलानोकें तकर खािहस निह भेलिन।गीरताप ूव र्क देखल जाए तँ अइ उपासक अिधका ंश घटनाच चिराकमोनिहमे घिटत भेल अिछ। सभ ो अपन म संकेतिहमे केलिन अिछ,िकनकहु धारणा बोलीमे निह भेल अिद।अिन बाब ू सन अश आ व ृ जमीारक भौितक सदा, सा ंसािरक असार-पसार, सतौत सानक कार ं बेटा, पुतोह, धी, जमाइ, नाित-पोतासँ भरल-पुरलघर पािबयो कए कामदा सुशीला अ छिथ। अ कामेाक दमन हेतु हफीमकसेवन करए लगै छिथ। उेजनामे कएल आचरणक स ूचना पािब लजा जाइ छिथ,कामातुरा विक ृ होइतहु सामािजक आदश र् आ कौिलक मया र्दाक पालनमे अपनाकें करैत रहै छिथ, नहु ँ-नहु ँ जरबैत रहै छिथ। ग्ण पित संग याा◌ा करैत अचानकदेवकासँ भेंट होइ छिन। देवकाक यौवन, ा, पराम, कला म, उदारताआ सौहाद र् देिख हुनकासँ मो म करए लगै छिथ। परम िश, धीर, शासुिशिक्षत, उदार आ दृढ़ ितज्ञ देवका मोनमे सेहो मक तर ंग अिहना उठैतअिछ। आ, द ुन ूक मा ंकुर ती गितसँ पसर' लगैत अिछ। मुदा जिहना द ुन ूक51


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्मािम-भािगनक स-कथा सुिनित होइत अिछ। मक उेग भीतरे-भीतर सुनग'लगैत अिछ। िकु म होइत अिछ आिग, ओकरा पर का ँच-कोिचल जते झा ँपनदेल जाए ओ आओर तीतासँ, अिधकािधक उापसँ ज्िलत होइत अिछ। पे्रमकई ती उाप सामािजक मया र्दाक जजर्र स ूाक कार ं अतः सुखा पिरणित धिरनिहएँ पहु ँचैत अिछ। मुँह फोिर कए अइ मािभिक अवसर धिर द ुन ूकें हाथ निहअबै छिन। द ुन ू भीतरे-भीतर सुनगैत रहै छिथ। मिवेषणक आधार पर द ुन ूकआचरणमे देखल जा सकैत अिछ जे द ुन ूक मोनमे आिग कोन गितसँ धधिक रहलअिछ।सौय र्क ित आकष र्ण मक ाभािवक आचरण होइत अिछ। चािहओ क'को ि सौय र्क उपेक्षा निह क' सकैत अिछ। सौय र् बोध, आ अरि कम र्कअपन शास्ा आ िवधान होइत अिछ, जे अलग-अलग ाणीक आिरक-बाह्य पिरिितआ मदशासँ िनदेर्िशत होइत अिछ। भूखसँ ाकुल को बरदकें लहलहाइत घास,आ िक स ूखल नार-पुआरमे सौय र् भेटतै, अरि हेतै। मुदा घास अथवा नार-पुआरक घेराव, आ िक बरदक गरदिनक पगहा, आ िक मुँहमे लागल जाबी...अइभोगक बाधक बिन सकैत अिछ।...सुशीला परम सुरी छिथ। वयस, तदकूल सौय,र्यौवन, आचरण, ओज, भाव आिद भादबक बाढ़ि◌ जका, ँ उमड़◌ैत मेघ जका ँ उपरौ ंझक' रहल छिन। ा म ूहूर्मे िनि िना आ अलस मुामे हुनका स ूतल देिखदेवका िद-दश र्नक अभव केलिन। नारी-सौय र्क एहन िद-दश र्न हुनकाजीवनक पिहल अवसर छल, एकटा सुमध ुर छल। वुतः --दय को सीमा-बन निह मा'ए। किहयो निह मािन आएल अिछ।-- देवकाक मोनमे मकलहिर उमड़◌ैत रहै छिन। सुशीला मामीसँ भेंट करबाक इा होइत रहै छिन, तै ले'माक (रामपुर) जाए पड़तिन। मुदा रामपुर निह जेताह। इा होइ छिन, मुदाअपनिह इासँ भय होइ छिन। माक-पैक मया र्दा पर, अथवा सुशीला मामीक शीलपर, अथवा अपन ि पर आ ँच लािग जेबाक भय होइ छिन। मो-मोनसुनगैत रहै छिथ, मुदा माक जा क' सोझा ँ-सोझी सुशीलाकें किह निह अबै छिथ--मामी, सोना मामी, हमरा अहा ँसँ म भ' गेल अिछ। हम अहा ँ िबना निह रिह सकब।अहा ँ सन ऊव र्र ऊजर्ित, उेजनामयी, कामातुरा पवतीक वेगमय ारकें हमर व ृ,अश मामा निह थाि सकताह, हम थाि लेब। अहा ँ हमरा संग चल ू। संग-संगरहब। जीवनकें जराएब निह, ाहा निह करब, जीब...।(अिगला अंकमे)52


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्२. ोितकेँ wwwpoet . r y. comसँ संपादकक च◌ॉयस अवाडर् (अंजीपक हेतु) भेटल छि। हुनकर अंजी प िकछु िदन धिरwwwpoet . r ysoup. com केर मु प ृ पर सेहो रहल अिछ। ोित िमिथलािचकलामे सेहो पार ंगत छिथ आऽ िहनकर िचकलाक दश र्नी ईिलंग आट र् ुप केरअंतत ईिलंग ◌ॊडवे, लंडनमे दिश र्त कएल गेल अिछ।िमिथला पेिट ं ंगक िशक्षा सुी ेता झासँ बसेरा इ ंीूट, जमशेदपुर आऽ लिलतकलातूिलका, साकची, जमशेदपुरसँ। शनल एशोिसएशन फ◌ॉर ब्लाइड, जमशेदपुरमेअवैतिनक पेँ प ूव र्मे अापन।ोित झा चौधरी, ज ितिथ -३० िदसर १९७८; ज ान -बेवार, मध ुबनी ;िशक्षा- ामी िववेकान िम िडल ूल◌़ िटो साकची गर् हाई ूल◌़, िमसेज के एमपी एम इटर कालेज़, इिरा गाी ओपन यिनविस ू र्टी, आइ सी डबू ए आइ(क◌ॉ एकाउेी); िनवास ान- लन, य.के.; ू िपता- ी शुभंकर झा, ज़मशेदपुर;माता- ीमती सुधा झा, िशवीपी। ''मैिथली िलखबाक अास हम अपन दादी नानीभाई बिहन सभकेँ प िलखबामे कए छी। बेसँ मैिथलीसँ लगाव रहल अिछ। -ोितसातम िदन :३१ िदसर १९९०, सोमवार :आिह भोरे जहन हम उठलहु ं तऽ सब पिहहे उिठ गेल छल।हम जीसऽ तैयारभऽ गेलहु ं। फेर सब संगे मिदर ं पहु ंचलहु ं।िविभ देवी देवताक दश र्न भेल।तकरबाद हम इर उर घ ुमित रहु ं।तकर बाद पुनःभोजन आऽ फेर बकरेर िदसिवदा।रामे िशक्षक सब बतेला जे िवालय के संचालनमे हुनकासबके की की िदतहोएत छैन।अिह तरहे हमसब अपन अपन परेशानीक आदान दान करैतरहलहु ं।हमरा सबके तहन अभव भेलजे कख काल सामक पिरिित सऽउेिजत भऽ हम छागण िशक्षक सबदऽ गलत धारणा बना लैत छी।जे की बह ुतगलत छै।ह◌ॅ◌ं तऽ हमसब बकरेर पहंचलहुु ं।स◌ॉ◌ंझक ६ बाजल छल।आिह १९९०के आिखिर िदन छल तािह ारे हम सब अपन अपन समान सैंतकऽ सा ंृितक काय र्मकतैयारीमे लािग गेलहु ं। तािह बीचमे हमरा सबके हेडमार के तरफ सऽ ब ुलावाआयल।हमसब डेरा गेलहु ं जे हमर सबमे सऽ एकटा छौड़◌ी ककरो समान फेक देरहै तै ं सबके डपटै लेल बजायल जा रहल अिछ।अिह तरहक आश ंका सऽ डेराहमसब जहन ओतऽ पहु ंचलहु ं तऽ सब छौड़◌ा सब बहुत ख ुश छल तहान हमसब किनक53


ंं<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ख ुश भेलहं। ु लेिकन फेर मुड गड़बड़◌ा गेल ।िकयो बाजल जे छौड़◌े सबिशकायत केलक तै ं ओ सब तऽ ख ुश हेबे करत।हमसब बैसकऽ िशक्षक केप ्◌्रातीक्षा करऽ लगलहु ं।मुदा जखन ओ एला तऽ हुर हाथमे छड़◌ीके ान पर एकक◌ॉपी छलैन आ ओ मुुरा रहल छलैथ।आिबकऽ ओ घोिषत केलैथ जे म ृगा ंक नामकएक छाक आिह जिदवस अिछ तै ं हम एकटा रिचत किवता सुनायब।ई सुतदेरी हमसब ख ुशीसऽ उछिल पड़लहु ं।आब की छल हमसब किवता सुनलहु ं िमठाई खेलहुआ भोजन कऽ पुनथ नाटकके तैयारीमे लािग गेलहं। ु ठीक एगारह बजे हमसबएक कोठलीमे जमा भऽ काय र्र्म ार ंभ केलहु ं।हमहु एक नाटकमे भाग लेलहुजािहके डाइरेर आ राएटर सेहो हम रही।फेर बारह बजे राितकऽ सम ूहगानसंगे नववष र्क ागत केलहु ं।िशक्षक सब सेहो अपन काय र्म ुत केलैथ।अतःहम सब सुतै लेल जाय लगलहं। ु जाय सऽ पिह हमसब गुडनाइट' वा शुभराि'केानपर हैपी ू इयर' वा नववष र्क शुभकामना' बािज रहल छलहु ं।५.प५.१.ामल सुमनक-अिभयान५.२.ी गंगेश गुंजनक- राधा (पा ँचम खेप)५.३.महाका- ब ु चिरत५.४.ड◌ॉ पंकज पराशरक 4 टा किवता ोितक -पतझड़क आगमन५.५.िवनीत उलक ५ गोट किवता५.६. महेश िम "िवभूितक" किवता गा-ुितामल िकशोर झा, लेखकीय नाम ामल सुमन, ज १०।०१।१९६० चैनपुरिजला54


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्सहरसा िबहार। ातक िशक्षा:अथ र्शास् राजनीित शास् एव ं अंजी, िवुतअिभय ंणमे िडपलोमा। शासिनक पदािधकारी,टाटा ील, जमशेदपुर। ानीयसमाचार प सिहत देशक अक पिकामे समसामियक आलेख, किवता, गीत, गजल,हा-ं आिद कािशत, ानीय टी वी चैनल एव ं रेिडयो ेशनमे गीत गजलसारण, कैकटा किव सेलनमे सहभािगता ओ म ंच संचालन।अिभयानदेश-म के भरल भाव सँ, िनत िनमा र्ण करै छी!सहज-भाव सँ संिवधान के, हम सान करै छी!तखनहु ँ िपछड़ल िकयै हमर िमिथला, प ूछै छी हम िदी सँ!!सड़क, रेल, िबजली ज ु िन प ूछू, बाढ़ भेल सौभा हमर!िवालय िब पढ़य बा, छी बड़का द ुभा र् हमर!आजादी सँ भेटल की हमरा, सब िकछु ान धरै छी!िबना िवकासक क मे रिहतहु ँ, राष्क गान करै छी!तखनहु ँ िपछड़ल िकयै हमर िमिथला, प ूछै छी हम िदी सँ!!सब चुनाव के बेर मे प ूछिथ, बाकी सब िदन रहता कात!आिजज छी आब सुिन-सुिनकय, हमसब हुनकर मीठका बात!एक अंग िमिथला भारत के, ंक बाण सहै छी!सहनशीलता हमर एहेन जे, एखनह ु ँ मान रखै छी!तखनहु ँ िपछड़ल िकयै हमर िमिथला, प ूछै छी हम िदी सँ!!55


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्हरेक साल िमिथलावासी िमिल, जाइछी जेना बाबाधाम!तिहना चल ू एक बेर संसद, िकछु िकछु भेटत पिरणाम!उत िमिथला के खाितर हम ई अिभयान करै छी!राश्-भि मे िमिलकय ा-सुमन दान करै छी!तखनहु ँ िपछड़ल िकयै हमर िमिथला, प ूछै छी हम िदी सँ!!. ी ड◌ॉ. गंगेश गुंजन(१९४२- )। ज ान- िपलखबाड़, मध ुबनी।एम.ए. (िही), रेिडयो नाटक पर पी.एच.डी.। किव, कथाकार, नाटककार आ'उपासकार।१९६४-६५ मे पा ँच गोटे किव-लेखक “काल पुष”(कालपुष अथा र्त् आबगीर्य भास कुमार चौधरी, ी गंगेश गुजन, ी साकेतान, आब गीर्य ी बालेरतथा गौरीका चौधरीका, आब गीर्य) नामसँ सािदत करैत मैिथलीक थमनवलेखनक अिनयिमतकालीन पिका “अनामा”-जकर ई नाम साकेतानजी ारा देलगेल छल आऽ बाकी चा गोटे ारा अिभिहत भेल छल- छपल छल। ओिह समयमेई यास तािह समयक यथािितवादी मैिथलीमे पैघ द ुाहस मानल गेलैक।फणीरनाथ “रे” जी अनामाक लोकाप र्ण करैत काल कहलि, “ िकछु िछनार छौरासभक ई सािहिक यास अनामा भावी मैिथली लेखनमे युगचेतनाक जरी अभवकबाट खोलत आऽ आधिनक ु बनाओत”। “िकछु िछनार छौरा सभक” रेजीक अपनअाज छलि बजबाक, जे हुनकर समे रहल आऽ सुन अिछ, तकरा एकरना आऽ रस ब ूझल हेतैक। ओना “अनामा”क कालपुष लोकिन को पमेसािहिक मा मया र्दाक ित अवहेलना वा ितरार निह कए रहिथ। एकाधिटणीमे मैिथलीक पुरानपंथी कािचक ित कितपय मुखर आिवारक र अवरहैक, जे सभ युगमे नव-पीढ़◌ीक ाभािवक वहार होइछ। आओर जे पुरानपीढ़◌ीक लेखककेँ िय निह लगैत छिन आऽ सेहो भािवके। मुदा अनामा केर तीनअंक मा िनकिल सकलैक। सैह अनाा बादमे “कथािदशा”क नामसँ .ी भास कुमारचौधरी आऽ ी गंगेश गुंजन द ू गोटेक सादनमे -तकनीकी-वहािरक कारणसँ-छपैत रहल। कथा-िदशाक ऐितहािसक कथा िवशेषा ंक लोकक मानसमे एख ओिहनाछि। ी गंगेश गुंजन मैिथलीक थम चौबिटया नाटक बिधबिधयाक ु लेखक छिथ आऽिहनका उिचतवा (कथा संह) क लेल सािह अकादमी पुरार भेटल छि। एकरअितिरक् मैिथलीमे हम एकटा िमा पिरचय, लोक सुन ू (किवता संह), अार-इजोत (कथा संह), पिहल लोक (उपास), आइ भोर (नाटक)कािशत। िहीमे56


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्िमिथला ंचल की लोक कथाएँ, मिणपक का- बिनजाराक मैिथलीसँ िही अवाद आऽश तैयार है (किवता संह)। ुत अिछ गुनजीक मैगनम ओपस "राधा" जेमैिथली सािहकेँ आबए बला िदनमे रणा तँ देबे करत सँगिह ई ग-प-जब ुलीिमित सभ द ुःख सहए बाली- राधा श ंकरदेवक पररामे एकटा नव-परराक ारकरत, से आशा अिछ। पढ़◌ू पिहल बेर "िवदेह"मे गुनजीक "राधा"क पिहलखेप।-सादक।गुंजनजीक राधािवचार आ संवेदनाक एिह िवदाइ युग भू- म ंडलीकरणक िबहाड़ि◌मे राधा-भावपर िकछु-िकछु मेग, बड़ बेचैन कए रहल।अनवरत िकछु कहबा लेल बा करैत रहल। करिह पड़ल। आब तँ तकरो कतेकिदन भऽ गेलैक। ब ंद अिछ। मा से मन एखन छोड़ि◌ दे अिछ। जे ओकरमजीर् । मुदा तं निह कए दे अिछ। मखदेवा सवारे अिछ। करीब सए-सवासए पात किह चुकल िछयैक। मा िलखाएल छैक ।आइ-काि मैिथलीक महा ंगन (महा+आ ंगन) घटना-द ुघ र्टना सभसँ डगमगाएल-जगमगाएल अिछ। सुागतम!लोक मानसकें अिभजन-ब ु ि फेर बेदखल कऽ रहल अिछ। मजा केर बात ई जेसे सब भऽ रहल अिछ- मैिथलीयेक नाम पर शहीद बनवाक उपम दश र्न-िवाससँ। िमिथला राक माताक आ ंदोलनसँ लऽ कतोक अा लाभासकएन.जी.ओ.यी उोग मागे र् सेहो। एखन हमरा एतवे कहवाक छल । से एहन कालमेहम ई िवहास िलखवा लेल िववश छी आऽ अहा ँकेँ लोक धिर पठयवा लेल राधा किहरहल छी। िवचारी।57


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्राधा (पा ँचम खेप)अहा ं चुप छी चु अिछ संसारअहा ं निह तं सब िकछु चुपचापओना तं चिलये रहल सब िनमुदा निह ब ूझब इयेह अिछ समनिह मन लोकक िमझायल दीपराित तं राित, िदन सेहोभ' गेल छैक िनष्ाण नीरस आ58


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्उदास अार !बजैये बड़िदव चलैये-िफरैये लोकिकु निह िकछु लिस बोली मे रस करबा मे को काज,हम तं सहजिहं पड़ल छी ओछाओनतें एकर अलावे जे अहंकमानस-संग मा अवलंब ा ंसकओना सब टा ब, हमरा लेलआशा आ मरथ केर सब केबारओना तं चिलये रहले समयभोर द ुपहिर सा ंझ, राितक चािलजगतक िन केर सब कारबार !हमर सबिकछु ब अिछ,सत अधम ृत ई संसार,ाणाधार !१४/४/०५1.ड◌ॉ पंकज पराशर 2.ोित59


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ी ड◌ॉ. पंकज पराशर (१९७६- )। मोहनपुर, बलवाहाट चपरा ँव कोठी,सहरसा। ारिक िशक्षासँ ातक धिर गाम आऽ सहरसामे। फेर पटना िविवालयसँएम.ए. िहीमे थम णीमे थम ान। जे.एन.य.,िदीसँ ू एम.िफल.। जािमया िमिलयाइािमयासँ टी.वी.पकािरतामे ातकोर िडोमा। मैिथली आऽ िहीक ितितपिका सभमे किवता, समीक्षा आऽ आलोचनाक िनब ंध कािशत। अंजीसँ िहीमे◌ॉद लेवी स्◌ॉस, एबहाडर् िफशर, हकु शाह आ ूस चैटिवन आिदक शोध िनबकअवाद। ’गोवध और अंज’ नामसँ एकटा तं पोथीक अंजीसँ अवाद।जनसामे ’दिनया ु मेरे आगे’ ंभमे लेखन। रघ ुवीर सहायक सािहपर जे.एन.य.सँूपी.एच.डी.।१. बखरीगै दाइ बखरी!बखरी के तँ बकिरयो होइत छैक हिल डाइनआ ब ूझल निह छौक जे िनःशा राितमेकोना गाछ हँकैत छैक ओिहठामक मौगी!कानमे जड़◌ी दऽ कए ब ंगािलन सबरािख लैत छैक भेंड़◌ा बना कए पुख-पातकेँसे तँ ब ूझले हेतौ !एिह लोकाानक बीच हम बौआइत हम सोचैत छी60


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्जँ बखरीक बकिरयो धिर होइत छैक डाइिनतँ बखरीक अितासँ ज ुड़ल सलोनाकोना एखन धिर बा ँचल अिछ एतेक सलोना!जा हे बखरी-सलोना!अनंत कालसँ अिभशािपत बखरीक अतीत खाहे जे रहल होमुदा आज ुक बखरी तँ भाइ! एकदम अिछ खखरी!खखरी-पटभड़ भेल बखरी आइ छुछुआइत अिछबकरी-छकरी जका ँ एिह बाधसँ ओिह बाधएिह खेतसँ ओिह खेत द ू गाल अहरा लेल अपा ँतबखरीक िचा सब देसक कोन-कोनमेभूगोलमे रिहतो िमिथलाक इितहाससँ अिभशािपतमैिथल-संृितक अवैध संतान बखरीिकएक निह भऽ सकल किहयो तेहेन जेहेन अिछ सकरी?जेहेन कोइलख जेहेन रा ँटी जेहेन म ँगरौनीसलोनाक अछैतो तेहेन िकएक निह बखरी?खखरी सन आइयो िकएक फटकल अिछ बखरी61


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्िमिथलाक इितहाससँ बाहर?२. धानक खेतगरल धानक खेतमे जखन बहराइत अिछ पिहल शीशद ुधमुँह ना सन तुक-तुकआ बसातक पिहल झोंक जका ँ खसैत अिछ खेतमेलाखक-लाख भंखतँ द ू टा पुकेँ ज दइयो कऽ िनःपु भेलमुिनया मायक मुँहपर िपरी िछटिक जाइत छिनएतय हम बेटीक कादानक िचामे डूबल छीमुदा मुिनया बापक करेज देिखय बाऊजे बैसल छिथन िनि भऽ कएडेढ़ बरखसँ िडीमे को िची-पतरी गाम अयबाक गपछुे फोन टा करैत छिथपल्टी मायक ओिहठाम मासक को रिवकेँ ओंघायल जका ँगाम-घरक िचासँ उदासीन62


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्बटेदारक कृपासँ कोनहुना रोपायल एिह बेरदस का खेतजे जीबैत छी अगहनक आसमेनिह तँ िसदहा के िचामे पड़ल रिहतहु ँ बाले-बे उपास-एिह सबटा खेरहाक बीच उड़◌ैत रहलमुिनया मायक आ ँ िखमे हेंजक-हेंज भंखशीशसँ आािदत द ूध भरल धानक खेतमे३. एमहर गामएमहर कइक बरखसँ निह सुनगल अिछसोनाय कमारक भािठ किचया-ख ुरपीमे बे ंटआ हरक फाड़ िपटयबाक लेल ध ु िरयायले पएरे को हरबाहनिह आयल अिछ एमहरकहलिन बीसो बाब ू-के जोतत हर एिह ैर युगमेअट ंट द ूपहरमे िपतायल बड़दक संग सुखायल देह लेके घ ुरत आब हराठसँकापर कटही हरमे लाधल पालो केर63


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्बोझसँ यं बड़द भेलजखन हर निह तँ हरबाहक कोन बेगरताफाड़ िपटयबाक कोन िचाएिह ैर युगमे मक कोन आवकता?...से कहैत छी भाइजे एिह बेर निह मानलक ककरो बात आ चिल गेल पंजाबहमरा गामक एकघरा हाम कं तलाल ठाकुरमायपर तामसेँ बड़बड़◌ाइत-कमाय निह धमायअरो फाटय बेमायबड़की काकी केर ामे एिह बेरजखन निह आयल ो हामतँ आन गाम िवदा होइत झ ूर-झमान हमर िपीकालिब उदासीक खोहमेपानक सर ंजाम मोटरी बँ खेते-खेत बौआइतसुमिरत तमोली आब निह करैत अिछ ढोिन64


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्एमहर िवलु भेल अिछगामक भाषासँ सेहो जऽन आ बोिनथथमािरकेँ िकछु चीजकेँ जोगयबाक यासमेउपहासक पा बनल हमर बाबािलखलिन अिछ िची जे ओहो अओताह िदीिकछु काज-उदेम करताह एहू उमेरमेिकछु निह तँ पािनये भरताहककरो िचेकेँ डेबताहमुदा गाममे आब िकहु निह रहताहभकोभ देहिरपर जरैत मािटक दीप केर इजोतमेतकैत छी हम सु घरक नीरवतामेसुकरातीक ओिरयाओन ोितक्षीण आ ँ िखक ाशा केरखंड-खंड िचनगी अपन गाममेिसरपंचमीमे आब ठाढ़ निह होइत अिछ ककरो हरआ जाइत अिछ लऽ कए कमरसािर ककरो हरबाहएमहर कइक बरखसँ एिहना बीतल अिछ िसरपंचमीकहलिन बीसो बाब ू-लोथ भेल65


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्भोथ भेल कोदािर-ख ुरपीआ हर-फाड़क मादेजूड़शीतलमे आब ज ुड़◌ाइत अिछ ैरक पिहयाआ गाममे निह बा ँचल अिछ एहेन को घरजकर खेत निह लागल हो भरना आ निह बटैया४.भूतघैलक-घैलक पािन उिघ कएजे िकसुन महतो लगेलिनमालदह आमक गाछीआ एतेक टाक पिरवार-से हुनके लेलआब भऽ गेलिनिदनकेँ गाछी राितकेँ भूत।2. ोितकेँ wwwpoet . r y. comसँ संपादकक च◌ॉयस अवाडर् (अंजीपक हेतु) भेटल छि। हुनकर अंजी प िकछु िदन धिरwwwpoet . r ysoup. com केर मु प ृ पर सेहो रहल अिछ। ोित िमिथलाचकलामे सेहो पार ंगत छिथ आऽ िहनकर िमिथला िचकलाक दश र्नी ईिलंग आट र् ुपकेर अंतत ईिलंग ◌ॊडवे, लंडनमे दिश र्त कएल गेल अिछ।66


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्िमिथला पेिट ं ंगक िशक्षा सुी ेता झासँ बसेरा इ ंीूट, जमशेदपुर आऽ लिलतकलातिलका, साकची, जमशेदपुरसँ। शनल एशोिसएशन फ◌ॉर ब्लाइड, जमशेदपुरमेअवैतिनक पेँ प ूव र्मे अापन।ोित झा चौधरी, ज ितिथ -३० िदसर १९७८; ज ान -बेवार, मध ुबनी ;िशक्षा- ामी िववेकान िम िडल ूल◌़ िटो साकची गर् हाई ूल◌़, िमसेज के एमपी एम इटर कालेज़, इिरा गाी ओपन यिनविस ू र्टी, आइ सी डबू ए आइ(क◌ॉ एकाउेी); िनवास ान- लन, य.के.; ू िपता- ी शुभंकर झा, ज़मशेदपुर;माता- ीमती सुधा झा, िशवीपी। ''मैिथली िलखबाक अास हम अपन दादी नानीभाई बिहन सभकेँ प िलखबामे कए छी। बेसँ मैिथलीसँ लगाव रहल अिछ। -ोितपतझड़क आगमनपतझड़क आगमनदहैक रहल वातावरणसंतरा, पीयर, लाल, भूरार ंग सऽ भरल प ूराकृित जेना भेल जीण र्मौलाएत झड़◌ैत ण-णिविवध र ंगके ािगकऽगेवा वस् धािरकऽिवदा भेल लेबऽ सासतािह पर सुयो र्दयक आकाशधरतीपर जे आिग छल67


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्तािहमे ओहो िलपटलआिक अिछ दप र्ण जक◌ॉ◌ंप ृीक प देखाबैत जेनाअकरा शीतल करैलेलसाध ु तपामे लीन भेलजिहया िहमक बरखा हैतअता जखन द ूर हैततिहया सऽनवजीवनक ासलायत सुखद वसंतक अिभलाष।१.िवनीत उल (१९७८- )। आनंदपुरा, मधेपुरा। ारिभक ं िशक्षासँ इ ंटर धिरमुंगेर िजला अंतत रणगा ंव आs तारापुरमे। ितलकामा ंझी भागलपुर, िविवालयसँगिणतमे बीएससी (आनस)। र् गु जेर िविवालयसँ जनसंचारमे मार िडी।भारतीय िवा भवन, नई िदीसँ अंगरेजी पकािरतामे ातकोर िडोमा। जािमया68


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्िमिया इािमया, नई िदीसँ जनसंचार आऽ रचनाक लेखनमे ातकोर िडोमा।न म ंडेला सेंटर फ◌ॉर पीस एंड कनि िरजोूशन, जािमया िमिलया इािमयाकपिहल बैचक छा भs सिटिफकेट र् ा। भारतीय िवा भवनक ंच कोस र्क छा।आकाशवाणी भागलपुरसँ किवता पाठ, पिरचचा र् आिद सािरत। देशक ितित प-पिका सभमे िविभ िवषयपर तं लेखन। पकािरता कैिरयर- दैिनक भार,इ ंदौर, रायपुर, िदी स, दैिनक िहंद ुान, नई िदी, फरीदाबाद, अिकं चन भारत,आगरा, देशब ंध , ु िदी मे। एखन राष्ीय सहारा, एडा मे विर उपसंपादक .।१. इक कथायुग-युग संिलखल जारहल छैकइक कथाापर मेअिह ठामछल पा ंडवकराजधानीजकरा पावैक लेलअठाराह िदन तकभएल महाभारतमारल गेल हजारों लोक69


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्समय बदललआब निह छिथ ओ पा ंडवनिह ओ कौरवमुदा, आबो मारल जाइत अिछ लोकतिहया उजड़ि◌ गेल छलगामक-गामआई कामनवेल्थक नाम परउजड़ि◌ रहल छैक गरीबक झोपड़◌ीहम प ूछैत छीिशखंडीक आग ू कsरचल गेल छल षंसाक लेलभाई-भाई कsद ुन भेलमािर-कािट कsकरलक व ंशक नाश70


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्आब अिह इ मेवल्डर् ासक नाम पररचल जाइ अिछ षंगरीब कए भगाबैक लेल.२. करी उर ्फ़ आजीवन कारावासना मे अहा ंघोइट-घोइट कsयाद करैत रिहयैिकताबक पासोचैत रिहयैख ूब पढ़ि◌-िलख कsनीक सनकरी पाइबतिह लेलिदन-रात71


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्िघसैत रिह कलमास मे आबैत रिह थममुदा,जखन निह भेटलसरकारी करी तsाइवेट करी करै परलएिह समय मेनिह अपन लेल समयनिह पिरवारकभरण-पोषणक लेल पाईएिह ठामिवकट पिरिित मेमन परैत छैकबरटोल्ड ब्चेहुनकर कहब छ्लएक गोटा कs72


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्कम तनाह देबमा छल आजीवन कारावासहम प ूछैत छीअहा ं कहू या बताऊ कोन नीककम तनाहक करीवा आजीवन कारावासएक ठाम, अहा ं कsदिनया ु भिरक दाियमुदा, निह रहैत शाितंदोसर ठाम, अहा ं कदिनया ु भिरक शाितंमुदा,निह रहैत को दािय.३. जाइत-पाइतजाइत-पाइत धम र्-संदायक73


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्लकए जखन तािहएक-दोसर कs देखए निह चाह्बैतखन धिर आहंक काण निह होइतजखन अहा ं जनइत अिछकम र्क आधार संबा ंटल गेल रहएजितक भेदतखन अहा ंक ई भड़◌ासआओर ई तामस वा िचिचयाइबदेिख कsहंसी आबैत छी हमराजिह ज ुग मेजेकरा जे नीक लागलअिह धम र् वा संदायबउ छैकजकरा जािह सं िचत ज ुड़◌्लाह74


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्तिह सं ज ुड़लजकरा जािह सं िचत निह ज ुड़लसे निह ज ुड़लओिहना मे अहा ं जेदोसरा कs गाइर-फ़जीहत करैत छीआिह सं केकरो निहबस अन पहचान बताबैत अिछ.४. एक ध ुर जमीनएक ध ुर जमीनक लेलजे अहा ं िचिचया रहल छीकी सोचैत छीअहा ं संगे लs जाइबएक ध ुर जमीन संिकछु निह होइतसालों िक हजारों साल संजमीन ओिह ठाम छैक75


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्आई छी अहा ंकाइल निह रहबजे अहा ंक जमीन छेकेन छिथओ सेहो निह रहताहमरलाहक बादचािर हाथ जमीन चािहअंितम संार लेलतकरा बाद सब छी माइटतखन एक ध ुर माइट लेलकिथ ले मरैत छीकिथ ले िचिचयाइत छीकिथ लेल मन मिलन करैत छीतs सु, निह कई माइट लेल हाय-हायको एहन काज कमाइट िक सभक िदल मे बैइस जाऊ.76


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्५. चंमुखीअंगदेशक लोक निहजत अिछ चंमुखी कsसुखी अिछ जे सभ िकयोओकरा निह जत अिछद ुखी अिछ जे िकयोओकरा जत अिछजे जत अिछशरतच चोपााय कsदेवदास कs ओ जत अिछजत छैक सेहो अंगदेश कअंगदेशक िनवासी छलीह चंमुखीनगरवध ू निह मुदाओकरो सं कम निह छलीहजोगसर मे हुनकर कोठा छलाह77


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्शरतच गेलाहहुनकर संग चंमुखीक आाअंगदेश कs छोड़ि◌ देलिखनआब निह ओ ठाम, निह ओ िठकानाजे पारो व देवदास कs जत अिछचंमुखीक तकलीफ़ जत अिछजे निह जत अिछअनजान बनल अप मे रमल अिछ.महेश िम “िवभूित”महेश िम “िवभूित” (१९४३- ),पटेगना, अरिरया, िबहार। िपता .जलधर िम, िशक्षा-ातक, अवकाश ा िशक्षक।गा-ुितजय मा ँ गे, जय मा ँ गे, जय मा ँ गे।बड़ भागी नर, कवास कर, िनत िदन सुलभ िवमल तरे।। जय मा ँ गे..78


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्सिदखन दश र्न, िनत िदन मन, िनत िदन िनम र्ल काया अे।मानस िवमल वो िनम र्ल काया, िचन, मनन, भजन िनत से॥ जय मा ँ गे...कथा-वण , कीतर्न मनमोहक, पल-पल कटते अपम ढे।िचन, मनन, भजन सुखदायक, िनिशवासर लभते बहुरे॥ जय मा ँ गे...मन-मल-रेचन, भव-भय-मोचन, ििवधताप भवसागर भे।िवमल “िवभूित” मोक्षदाियनी, सादर सुलभ; होहु निहं ते॥ जय मा ँ गे...िचकार: ोित झा चौधरीोितकेँ wwwpoet . r y. comसँ संपादकक च◌ॉयस अवाडर् (अंजी पक हेतु) भेटलछि। हुनकर अंजी प िकछु िदन धिर wwwpoet r ysoup com. . केर मु प ृपर सेहो रहल अिछ। ोित िमिथला िचकलामे सेहो पार ंगत छिथ आऽ िहनकरिमिथला िचकलाक दश र्नी ईिलंग आट र् ुप केर अंतत ईिलंग ◌ॊडवे, लंडनमेदिश र्त कएल गेल अिछ।िमिथला पेिट ं ंगक िशक्षा सुी ेता झासँ बसेरा इ ंीूट, जमशेदपुर आऽ लिलतकलातूिलका, साकची, जमशेदपुरसँ। शनल एशोिसएशन फ◌ॉर ब्लाइड, जमशेदपुरमेअवैतिनक पेँ प ूव र्मे अापन।ोित झा चौधरी, ज ितिथ -३० िदसर १९७८; ज ान -बेवार, मध ुबनी ;िशक्षा- ामी िववेकान िम िडल ूल◌़ िटो साकची गर् हाई ूल◌़, िमसेज के एमपी एम इटर कालेज़, इिरा गाी ओपन यिनविस ू र्टी, आइ सी डबू ए आइ(क◌ॉ एकाउेी); िनवास ान- लन, य.के.; ू िपता- ी शुभंकर झा, ज़मशेदपुर;माता- ीमती सुधा झा, िशवीपी। ''मैिथली िलखबाक अास हम अपन दादी नानीभाई बिहन सभकेँ प िलखबामे कए छी। बेसँ मैिथलीसँ लगाव रहल अिछ। -ोित79


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्80


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्81


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ड◌ॉ फु कुमार िसंह ‘ मौन’ (१९३८- )- ाम+पो- हसनपुर,िजला-समीपुर। िपता . वीरे नारायण िसँह, माता . रामकली देवी।जितिथ- २० जनवरी १९३८. एम.ए., िडप.एड., िवा-वािरिध(िड.िलट)। सेवाम:पाल आऽ भारतमे ाापन। १.म.मो.क◌ॉलेज, िवराटनगर, पाल, १९६३-७३ ई.।२. धानाचाय, र् रा.. िसंह क◌ॉलेज, महनार (वैशाली), १९७३-९१ ई.। ३. महािवालयिनरीक्षक, बी.आर. अेडकर िबहार िविवालय, मुजफ्फरपुर, १९९१-९८.मैिथलीक अितिर पाली अंजी आऽ िहीक ज्ञाता।मैिथलीमे १.पालक मैिथली सािहक इितहास(िवराटनगर,१९७२ई.), २.ाम(िरपोता र्जदरभंगा १९७२ ई.), ३.’ मैिथली’ ैमािसकक सादन (िवराटनगर,पाल १९७०-७३ई.),४.मैिथलीक नागीत (पटना, १९८८ ई.), ५.पालक आधिनक ु मैिथली सािह (पटना,१९९८ ई.), ६. मच चयिनत कथा, भाग- १ आऽ २ (अवाद), ७. वाीिकक देशमे(महनार, २००५ ई.)।काशनाधीन: “ िवदापत” (लोकधमीर् ना) एव ं “ िमिथलाक लोकसंृित” ।भूिमका लेखन: १. पालक िशलोीण र् मैिथली गीत (ड◌ॉ रामदेव झा), २.धम र्राजयुिधिर (महाका ो. लण शास्ी), ३.अनंग कुसुमा (महाका ड◌ॉ मिणप), ४.जट-जिटन/ सामा-चकेबा/ अिनल पतंग), ५.जट-जिटन (रामभरोस कापड़ि◌ मर)।अकादिमक अवदान: परामशीर्, सािह अकादमी, िदी। काय र्कािरणी सद, भारतीय न ृकला मिर, पटना। सद, भारतीय भाषा संान, मैस ूर। भारतीय ज्ञानपीठ,िदी। काय र्कािरणी सद, जनकपुर लिलत कला ितान, जनकपुरधाम, पाल।सान: मौन जीकेँ सािह अकादमी अवाद पुरार, २००४ ई., िमिथला िवभूित सान,दरभंगा, रे सान, िवराटनगर, पाल, मैिथली इितहास सान, वीरगंज, पाल,लोक-संृित सान, जनकपुरधाम,पाल, सलहेस िशखर सान, िसरहा पाल, प ूवो र्रमैिथल सान, गौहाटी, सरहपाद िशखर सान, रानी, बेगूसराय आऽ चेतना सिमित,पटनाक सान भेटल छि।राष्ीय-अंतराष्ीय र् संगोीमे सहभािगता- इाल (मिणपुर), गोहाटी (असम),कोलकाता (प. ब ंगाल), भोपाल (मदेश), आगरा (उ..), भागलपुर, हजारीबाग,(झारख), सहरसा, मध ुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, वैशाली, पटना, काठमाू (पाल),जनकपुर(पाल)।मीिडया: भारत एव ं पालक ितित प-पिका सभमे सहािधक रचना कािशत।आकाशवाणी एव ं द ूरदश र्नसँ ायः साठ-सर वातािदर् सािरत।अकािशत कृित सभ: १. िमिथलाक लोकसंृित, २. िबहरैत बनजारा मन (िरपोता र्ज),३.मैिथलीक गाथा-नायक, ४.कथा-लघ ु-कथा, ५.शोध-बोध (असान परक आलेख)।82


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ि-कृित म ूा ंकन: ो. फु कुमार िसंह मौन: साधना और सािह, सादकड◌ॉ.रामवेश िसंह, ड◌ॉ. शेखर श ंकर (मुजफ्फरपुर, १९९८ई.)।चिच र्त िही पुक सभ: था लोकगीत (१९६८ ई.), सुनसरी (िरपोता र्ज, १९७७),िबहार के बौ संदभर् (१९९२), हमारे लोक देवी-देवता (१९९९ ई.), िबहार की जैनसंृित (२००४ ई.), मेरे रेिडयो नाटक (१९९१ ई.), सािदत- ब ु, िवदेह औरिमिथला (१९८५), ब ु और िवहार (१९८४ ई.), ब ु और अपाली (१९८७ ई.), राजासलहेस: सािह और संृित (२००२ ई.), िमिथला की लोक संृित (२००६ ई.)।वतर्मानमे मौनजी अपन गाममे सािह शोध आऽ रचनामे लीन छिथ।िमिथला ंचलक श ैव देवािधदेव िशव सव र्ापी प ूण र् छिथ। आिददेव महादेव छिथ। ाचीनतम देवतापशुपित छिथ। वैिदक सािह (यज ुवे र्द, अाय-१६)क शतिय स ू तथा पौरािणकसािह (वायुपुराण)मे िहनक प ूजोपासनाक िवृत िसा ंत िववेिचत अिछ। स ूय , र् चआओर अिक िधारी िशवकेँ णाम- चाकर्- “वैानर लोचनाय नमः िशवाय”।िशवक हाथ सभमे िश ूल, डम, मृग ओ परशु शोिभत छिन। ज्ञान, इा ओ ियाशिक ियाशील प िश ूल िथक। डम श क तीक अिछ। िशवकेँ म ृगधरकहल गेल अिछ। म ृग वुतः वेद अिछ- “अ वेदो म ृगः”। परशु संहार स ूचकअिछ। पशुपित िशवक क्ष प िथक। वेद, उपिनषद एव ं पुराण सािहमेािणमाकेँ पशु कहल गेल अिछ। अतः िशवक पशुपित नाम साथ र्क अिछ। पशुपितिशवक ाचीनतम मितर्ू (म ृ.मोहर) मोहनजोदड़◌ो-हड़ा संृितमे ा भेल अिछ।िभुजी पशुपित योगासीन छिथ। हुनक मितर्क ू चा िदस अक पशु िचित अिछ।हुनक माथपर द ू टा िसंगवला िसराभूषण शोिभत छिन। आलो पशुपितक पा ंकनएखन धिर अितीय अिछ। श ैव मे पाल उपका (काठमाू) क िवत पशुपितचतुमुर्खी िशविलंगक पमे िवात अिछ। एिह पशुपित िशविलंगक एकटा मकालीनितमितर्ू अरेराज (प.चारण)क सोमेरनाथ महादेवक मिर पिरसरमे दश र्नीयअिछ। नटराज सहनाम भा (मास १९५१ ई.) क असार िपद एव ं चतुदािणमाक देवता पशुपित छिथ।वराहपुराण एव ं िवुपुराणक अंतः साक असार िशव िहराक्षपु अकासुरक बधकाशीमे कय छलाह। ओ िपुरासुर ओ गजासुरक बध सेहो कय छलाह। ओ सभमहामोह (अिवा)क ितप छल। भारतीय मितर्कलामे ू गजासुर बधक र मितर्ूिमिथला ंचलमे ा अिछ। िशव संहारक देवता छिथ। ओ अिवनाशी सवा र्ा छिथ। िशवलीलाधर छिथ।83


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ओिह लीलाधर िशवक एकटा प नटराजक िथक।िशवक न ृ सि ृ िवधान िथक एव ंिनविकेँ ृ लय मानल जाइछ। जगतक रक्षा हेतु ओ िन साय ंकाल न ृ करैत छिथ।ओिह समय देवािद उपित रहैत छिथ। जगतक सि ृ वतर्नक लेल िशव ला ओसंहारक लेल िशव ताव करैत छिथ। “ताल”क शािक रचना “ता” ओ “ल” सँ भेलअिछ। अतः िशव ओ िशवा न ृमय छिथ, संगीत-नाािदक आिद वतर्क छिथ, डमिनसँ िननािदत माहेर स ू अथा र्त् शशास्क िनमा र्ता छिथ। िशवकेँ नटराज, नटेशन ृनाथ अथवा नटेर सेहो कहल जाइछ। िचदरमक नटराज मितर्ू सव र्िसअिछ। िमिथला ंचलसँ नटराज िशवक मकालीन रमितर्ू ा अिछ जािहमे ओअपारक कापर आढ़ भऽ नचैत छिथ।नटराजक जटामे अम ृतक तीक चमा अिछ। भावली सिहत अथवा भावली रिहतनटराजक मितर्क ू िवधान अिछ मुदा ओ ुिलंगमयी ालसँ घेरायल रहैत छिथ।िमिथला ंचलक िस िशवमिर सभमे लोक ाक्ष ओ िश ूल धारण कऽ डमक संगनचैत छिथ। मैिथलीक ाचीन नाटक सभ एिह न ृनाथक नामे समिप र्त अिछ।िमिथला ंचलमे िशवभिक लेल नचारी, महेशवाणी, हरगौरी सिर, हरगौरी िववाह आिदसंगीत-नाािद बेस लोकिय एव ं परिरत अिछ। तारालाही (दरभंगा) एव ं मखनाहा(तराई)क अभुजी नटेशक मितर् ू कणाटयुगीन र् अिछ।िशवक तीनटा प िविश अिछ- अध र्नारीर, हिरहर ओ िमितर्। ू िमितर् ू िशव वुतःा, िवु, महेशक शिक समाहार अिछ- िवुिशवा न ् धाना शयः।–िवुपुराण। एिहमे सि ृ (ा), िित (िवु) ओ िवनाश (िशव)क त सभ िनिहतअिछ। सि, ृ िित ओ लयक कारक िशवे छिथ। िमितर्क ू िवशाल गुकालीन ितमाकसाक्षात एलफेामे कय छलहु ँ। िमिथला ंचलक भी (दरभंगा)मे िमितर्कूअिभलेखािकत ं मकालीन रमितर्ूभेर महादेव मिर (बहेड़◌ी ख)मे प ू िजतअिछ। िम ू ितर् सत्, रज ओ तमोगुणक ितिनिध करैत अिछ।िसा ंततः हिर (िवु) ओ हर (िशव) अभेद छिथ अथा र्त् संयु पेँ हिरहर छिथ।िवापितक िनिलिखत पदसँ िित आर भऽ जाइछ-खन हिर खन हर भल तुअ कला।खन िपत वसन खनिह बघछला॥...एक शरीरे लेल द ुइ बास।खन बैकु खनिह कैलास॥84


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्हिरहरक मितर्क ू अांगमे र् ाचम, र् िश ूल, जटामुकुटािद एव ं अांगमे र् पीतार, श ंख-च, िकरीट मुकुटािद शोिभत छिन। हिरहरक िवशाल र ितमा गंगा-गंडक-संगमपर अवित हिरहरनाथ मिदरमे ं ािपत अिछ। हिरहरक एकटा पालकालीन भर (कसौटी पाथर) मितर्ू हम वाीिकनगर (भै ंसालोटन) मे देख छलहु ँ। ओओिहठाम अा मितर् ू सभक संगे संरिक्षत अिछ। हिरहरक दिहन भागमे िशव ओ वामभागमे िवु उीण र् छिथ।िशवक तेसर प अिछ अध र्नारीर अथा र्त् आधा देह िशवक ओ आधा पाव र्तीक।िशवक जटापर चमा ओ हाथमे िश ूल शोिभत अिछ एव ं आधांिगनी र् पाव र्तीक हाथयमेदप र्ण ओ कमल पु। अध र्नारीरक पिरकना सि ृ बोधक अिछ। िलंग ओ वेदीकएक भे अध र्नारीरक प क्ष होइछ। “िलंगवेदी समायोगादध र्नारीरोभवेत”।– िलंगपुराण.९९.८.१. िमिथला ंचलक कुसो र् निदयामी (दरभंगा)सँ अध र्नारीरकमकालीन रमितर् ू पाओल गेल अिछ। मितर् ू षटभुजी अिछ।िशव गृह देव छिथ। हुनक अांिगनी र् ओ शि िशवा एव ं गश ओ काितर्केय पुछिन। व ृषभ िशवक एव ं िसंह पाव र्तीक वाहन छिन। हुनक पिरणयक पिरकना “काणसुर” मे कयल गेल अिछ। पौरोिहक काज ा करैत छिथ एव ं साक्षी अिकछिन। ा यज्ञ ओ वेदक देवता सेहो छिथ। काणसुरक मितर्क ू पिरकनााक पमे कयल गेल अिछ। वस्ाभूषणसँ अलंकृत िशव-पाव र्ती पािणहण कयिभंगी मुामे ठाढ़ छिथ। िशव-पाव र्तीक बीचमे चतुभुर्ज ा पुरोिहत पेँ बैसलछिथ। प ूरा भावाक पिरवेश गितमय ओ म ंगलमय अिछ। काणसुरक मितर्ूिमिथला ंचलसँ अा अिछ मुदा िमिथला ंचलक कोहबर िचमे आदश र् वर-वध ूक पमे ओपररासँ िचित छिथ।िशव-पाव र्तीक दा जीवनक सुखद, रसमय एव ं कलाक पिरकना। उमा-माहेरकअिभिशनमे भेल अिछ- िशव ओ पाव र्ती लिलतासनमे आसीन छिथ। पादपीठमे िशवकवाहन व ृषभ ओ पाव र्तीक वाहन िसंह उीण र् अिछ। िशव चतुभुर्जी छिथ। तंगीपाव र्ती िशवक वाम जंघापर बैसल छिथ। िशवक दिहन हाथमे िश ूल ओ वाम हाथपाव र्तीक वक्षलपर ित अिछ। िशव वाम हाथे एव ं पाव र्ती दिहन हाथे एक दोसराकेँआिलंगब कय छिथ। पाव र्तीक दिहन हाथमे दप र्ण छिन। िशव दिहन हाथसँपाव र्तीक लावनत मुखकेँ उठा रहल छिथ। िमिथला ंचलमे उमामाहेरक पाथरकमितर्सभ ू भीठभगवानपुर, डोकहर (मध ुबनी), िसमिरया िभी, किरयन (समीपुर),नावकोठी (बेगूसराय), बाथे, राजेरान (मध ुबनी) ितरहुता, बेलामोड़, वनवारी, कोथ,र्भोजपरौल, सौराठ, म ंगरौनी, महादेवमठ, बसुदेवा, गावीकेर, परानपुर (किटहार)िसमरौनागढ़ (वारा, पाल) आिद ऐितहािसक लसभसँ ा अिछ एव ं ओिहठामकमिदरसभमे ं संरिक्षत ओ पिजत ू अिछ। एिहसँ अिछ जे िमिथला ंचलक मकालीन85


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्पिरवेशमे उमा-माहेरक लिलत म ू ितर्क पिरकना सुखद दा िदस उत्िरतकरवामे सक्षम अिछ।दाक सुखद पिरणित संतितक पेँ फिलत होइछ। िशवक पु गश काितर्केयकअपेक्षा अिधक लोकिय एव ं पंचदेवोपासकमे पिरगिणत छिथ। पाली (दरभंगा)कएकटा मिदरमे ं पाव र्तीक गोदमे िशशु गश (बाल गश) वा पिरत ू छिथ। मुदाहाजीपुर (वैशाली)क एकटा मठसँ जब्त िशव-पाव र्तीक का ं मितर्मे ू बालगश पाव र्तीकगोदमे छिथ। का ं ितमा ाक मुामे बनल अिछ। पाव र्तीपु काितर्केयक एकटातं पालकालीन पाथरक ितमा वैशालीगढ़ एव ं दोसर बसुआरा (मध ुबनी) सँ ाअिछ। पालीक पाव र्ती-गश गुकालीन िथक मुदा अा सभ पाल-पालोरकालीनिथक। पुवध र्न (पिण ू र्या ँ) मे काितर्केयक एकटा मिर छल (राजतरिगणी)।ंिलंग ओंकार क ूल प िथक। िशविलंग बोधक िथक। ओ पपीठ (वेदी) परािपत रहैत अिछ। िशविलंगक िन भाग भूिम, म भाग वेदीमे एव ं तीय भागप ू मानल जाइछ। शास्ासार िलंगक अक कार अिछ जािहमे िशव िलंगकप ूजोपासना सवािधक र् लोकिय धािम र्क कृ मानल जाइछ। ोितम र्य िशविलंगक महािविश अिछ जे भौगोिलक दृ िसँ रािष्य एकताकेँ स ूब करैत अिछ। तिहनािमिथलाक सा ंृितक िदग्स ूचक िशव (मिदर) ं छिथ। िमिथला पिरमामे एिह िशवमिदरंसभक धािम र्क मह बढ़ि◌ जाइछ। कार, जलेर, क्षीरेर एव ं सरेर।जनकपुरक उरमे अवित क्षीरेर िशवक व ृहदिवु पुराण (िमिथला माहा)मे एव ंदिक्षणमे ित जलेर िशवक पुराणमे (पाल माहा) िवृत वण र्न उपल अिछ(जनकपुरधाम, मर, जनकपुरधाम, पाल, १९९९ ई.)।िशविलंगोक अक कार अिछ- एकमुखी, चतुमुर्खी, पंचमुखी एव ं सहमुखी। एकमुखीिशविलंगक पिरकना सव र्ाचीन अिछ। चीान (अरेराज, प.चारण)सँ ाकुषाणकालीन एकमुखी िशविलंगमे िशवक मुखाकृित उीण र् अिछ। हुनक जटाजूटसँ गंगावािहत अिछ। िशविलंग अुत ओ अितीय अिछ। सवे र्क्षण ममे देख छलहु ँ।छायािच उपल अिछ। मुदा सामातः एकमुखी िशविलंगमे पाव र्तीक मुखाकृित उीण र्होइछ, जकरा गौरीश ंकर सेहो कहल जाइछ। िलंग भावनाक आधार श ैव ओ शादश र्न अिछ।एलफें टाक िमितर्क ू ममुख िशव, वाममुख पाव र्ती एव ं दिहन मुख रौ प िशवअथा र्त् भैरवक िथक। अथा र्त् िमुखी िशव (गुकालीन) िशवक िवार अिछ। मुदाचतुमुर्खी िशव िशवशिक िदग ् िदग ापकताक स ूचक िथक। पशुपितनाथ (पाल) ओअरेराजक (चारण) चतुमुर्खी िशविलंगमे कतहु ीराम, ब ु, शि (पाव र्ती), स ूय र्आिदक मुखाकृित जनपदीय मातासार उीण र् अिछ। बसाढ़ (वैशाली)क गुकालीनचतुमुर्खी िशविलंग अिभलेखािकत ं अिछ। वैशालीमे कैकटा पालकालीन चतुमुर्खी िशविलंगसेहो मिदरसभमे ंािपत अिछ, चौगामा (दरभंगा), शाहपुर (सहरसा) एव ं गढ़पुरा86


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्(बेगुसराय)क िशवमिरमे सेहो चतुमुर्खी िशविलंग ािपत अिछ। पंचमुखी िशविलंगमेएकटा आकाशत बढ़ि◌ जाइछ। िमिथला ंचलमे एकादश क प ूजन पररा म ंगरौनी(मध ुबनी) ओ बगहा (प.चारण) मे अविश अिछ। मुदा सहमुखी िशव िलंगकप ूजनक ाचीन उदाहरण वारी (समीपुर), कटहिरया (िवद ुपुर, वैशाली), हजारीनाथ(वागमती तटीय दरभंगा) आिदमे क्ष अिछ। वआरी (सहरसा), हाजीपुर (वैशाली),जमथिर (मध ुबनी) आिदक ऐितहािसक िशविलंग अिभलेखािकत ं अिछ।ंंंर्िहमालयसँ गंगाधिर पसरल िमिथला ंचल कारारसँ िशवलोक बनल अिछ। भागलपुरताप (सेलेेड इिस्पश ंस आफ िबहार, ो. आर.के.चौधरी)क असार ओिह समय(पाल युग) ितरहुतमे हजारटा िशव मिर छल। अिधका ंशिशव मिर आइ भाविशअिछ। पुरातािक उननसँ ाचीन िशवमिदर सभक भावशेष भगीरथपुर, चौगामा,किरयन आिद ऐितहािसक ल सभसँ ा भेल अिछ। ितलकेर िशवमिदरकऐितहािसकता कमािद र अिभलेखसँ भऽ जाइछ। एकर अलावा ऋिष-मुिन ाराािपत िशविलंग लोकात अिछ- ृ ंग ऋिष ारा ािपत िसंघेर िशव (सहरसा), किपलमुिन ारा ािपत किपलेर (मध ुबनी), शुकदेव मुिन ारा ािपत शुकेरनाथ(सीतामढ़◌ी), कुश ऋिष ारा ािपत कुशेर (दरभंगा) आिद। आब उठैत अिछजे िक ओ ऋिष-मुिन लोकिन िशवभ छलाह? अथवा िशव हुनक आरा छलिन?िमिथला ंचलमे एक िविश कारक घिणुर्त (घ ुमैत) िशविलंगक ाि अुत ओ अितीयअिछ। जमथिर (मध ुबनी)क िशवमिदरमे ं एकटा अिभलेखािकत ं िकु घ ुमइवला िशविलंगािपत अिछ। बाइस ई ंच नमगर िशविलंगक वामपार्मे िशवगायी ओ दिहन पार्मेरामगायी उीण र् अिछ। एिह तरहक एकटा आर घिण ू र्त िशविलंग हैठीवालीक िशवमिदरं(मध ुबनी) मे सेहो ािपत अिछ। तािक ं उपासनाक दृ िएँ ई िशविलंग ािपतअिछ। किथत अिछ जे तािक ं िविधसँ िसि ाि होइछ किलयुगमे। िशवपाव र्तीकएकटा आर तािक ं मितर्ू(कणाटकालीन) र् श ैवजगतमे िविश अिछ- सोजात। एिहमेपाव र्ती माताक पमे एव ं िशव िशशुक पमे बनल अिछ। पाव र्ती वाम करोटे लेटलछिथ। एिह तरहक मकालीन मितर्ू सभ अलौली (खगड़ि◌या), जनकपुरक राममिदरं(पाल) आिदमे क्ष उदात अिछ।िमिथला ंचलमे ऐितहािसक, पुरातािक एव ं सा ंृितक महक अक िशवालय ाचीन सािह,अिभलेख ओ लोक आामे युग-युगसँ ितािपत अिछ। िशवालय िनमा र्ण एव ं ओिहमेिशवक ापना थमतः िपरक उेसँ कयल गेल, मुदा काला ंतरमे ओ लोक काणम ूलक मािणत भेल। आइ ओ िशवालय लोक आाक आािक ऊजा र्क के बिनगेल अिछ। िशवरािक अवसर हो अथवा ावण मास ायः ेक महप ूण र् िशवालयधािम र्क लोकोवसँ ुिरत भऽ जाइछ। िशवरािक पिरकनाक कलाक अिभि“काणसुर” (िशव-पाव र्ती पिरणय) मे उीण र् भेल अिछ। मुदा मास भिर िशवकजलािभषेक एकटा धािम र्क कृ पेँ मा अिछ। एकर म ूलमे यिप देवघरक वैनाथ87


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्(ोितिलंग) र् छिथ, मुदा िमिथला ंचलोक अपन सोमेरनाथ (अरेराज), गरीबनाथ(मुजफ्फरपुर), िसंहेर (सहषा), र् किपलेर (मध ुबनी), कुशेर (दरभंगा), हलेर,शुकेर (सीतामढ़◌ी), भुवर (िशवहर), माधवेर, वध र्मार (दरभंगा) आिद श ैवतीथ र् क्ष पेँ सुलभ अिछ।िजतमोहन झा घरक नाम "िजतू" जितिथ ०२/०३/१९८५ भेल, ीबैनाथ झा आ ीमित शाित ं देवी केँ सभ स छोट (ितीय) सुप ू। .रामेर झािपतामह आ .शोभाका ंत झा मामह। गाम-बनगा ँव, सहरसा िजला। एखन मुईमेएक िलिमटेड कं पनी में पद्ािपत।िच : अयन आ लेखन खास कs मैिथली।पसंद : हर िमिथलावासी के पसंद पान, माखन, और माछ हमरो पसंद अिछ।िदवालीक साथ र्कता (ोितपव र् पर िवशेष)हमरा नीक जेका ँ याद अिछ की िदवालीसँ द ुई - चािर साह पिह पिरवारक गामसँबाहर रहए वला सभ पिरजन अपन - अपन िरजवैशन र् करबा लैत छलाह ! घरकसभ सद हर साल िदवाली गामेमे मनबैत छलाह ! ओइ समय दादाजी आरदादीजीक ख◌़◌ुशीसँ उभािसत चेहराक वण र्न निञ करल जाऽ सकैत अिछ ! घरचहल - पहलसँ भिर जाइत छल ! दादाजी आर दादीजीकेँ प ूरा साल खाली िदवालीमेसबहक ला छुिक इ ंतजार रहैत छलिन ! िदवालीक शु - अवसर पर सम पिरवारएकित होइत छलए ! मुदा पता निञ एकाएक समय बदिल गेल ! िदवालीकम छुटल तँ द ुबारा शु निञ भs सकल आगा ँ जा कए गामसँ बाहर रहै वला पिरजनदादाजी - दादीजीकेँ अंितम िवदाइ दै लs एकित भेलाह ! हम आइयो ओय िदनकs बहुत याद करैत छलहु ँ जखन लीप ूजनक समय दादाजी - दादीजी आर बाब ूजी- चाचाजी सभ एके संग प ूजा अच र्ना करैत छलाह ! आइ हर पिरवारमे ई पर ंपराप ूण र् पसँ िवखित भs गेल अिछ ! ौहार,ाहेतँ अिछ जे िरश्ताकेँ रेशमकधागासँ पास िखचैत अिछ ! िकयो माता - िपता निञ चाहैत छिथ की हुनकर लाल(िधया - पुता) हुनकासँ द ूर रहिथ ! वसाय आर िवकासकेँ ारे आइ - कािमाता - िपताकेँ अपन िधया - पुतासँ द ूर रहय कऽ आदित डालय परैत छिन !मुदा ौहार पर ओ सभक आबय केर ितक्षा करैत छिथ ! कारण एक साहकलेल िधया - पुतासँ भरल प ूरा घर हुनका साल भिर एकाकी जीवनक लेल यादकगुा हुनका हाथमे थमाऽ जाइत छिन ! मुदा द ुःखक बात ई जे एका ंकी पिरवारवला मानिसकता अपन िमिथला समाजकेँ ाथ र् कs हद तक खोखला कए दे अिछ !हमर सभक िरश्ताक ब ंधन तँ कमजोर भइये रहल अिछ संगे सामािजक जरतक88


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्कारण पिरवार अलग - अलग भागमे बिट ँ रहल अिछ, तकर बावजूदो िकछु - िकछुपिरवारमे भावनाक ज ुराव देखल गेल अिछ ! हम सभ िमल कs अपन िमिथलाकसंृितकेँ अंितम कड़◌ीकेँ िबखरय सँ बचा सकय छी, यिद हम सभ पिरजन पव र् ौहारएक संग गाममे मनाबय के िनयम बनाऽ ली, अही कहू करी, वसायक कारणसँसात - सम ंदर पार रहै वला पिरजनकेँ पावैन ितहार खासकऽ केँ िदवाली पर बवला पकवान, तोरीक तेलसँ िलत दीपक महक हुनका िवकिलत निञ करैत हेतैन? ! सच तँ ई अिछ की गामसँ द ूर रहए वला पिरजन केँ हर पावैन ितहार परअपन के बहुत याद आबै छिन ! ऐनामे सभ पाबिन ितहार तँ निञ कम सँ कमिदवाली एक एहेंन ौहार अिछ जकरा हमरा सभ केँ अपन माता - िपता, भाई -बिहन, सभ पिरजनक संग मबाक चाही ! कारण िदवाली साल भिर ितक्षा करै वलाव ृ दादाजी - दादीजी, मा ँ - बाबिजक ू ख◌़◌ुशीक पव र् अिछ ! अलग - अलग रहएवला पिरजन सभ सँ साल भिरक बाद िमलै के पव र् अिछ ! तािह हेतु अपन तमामताक वावजूद िकछु समय िनकािलकेँ अइ पव र् कs सभ केँ संग मना कए साथ र्ककरवाक चाही ! किन सोचु व ृ दादाजी - दादीजी, मा ँ - बाबिजक ू जीवन बचबेकतेक करल छैन ?! हुनकर बा ँकी दीन सता सँ िबतैन अयसँ बेसी हुनकरममताक ऋणक बदला हम सब की दऽ सकैत छलहु ँ ! तँ आब ू एिह बेर ण करी कीजा तक कुन ू खास िववशता निञ हुअए हम सभ हर िदवाली हुनका अपना पास बजाकए या ख ुद हुनका पास जाऽ कए मनायब, आासँ आामे सताक दीप जरायब,आब ू सभ िमलकेँ ख◌़◌ुशीक ई अन ूठा पव र् केँ साथ र्क करी .....सम िवदेह पिरवार का ँ ोितक पव र् िदवाली के हािद र्क शुभकामना .....न ूतन झा; गाम : बेवार, मध ुबनी, िबहार; ज ितिथ : ५ िदसर१९७६; िशक्षा - बी एस सी, काण क◌ॉलेज, िभलाई; एम एस सी, क◌ॉपो र्रेिटवक◌ॉलेज, जमशेदपुर; फैशन िडजाइिनंग, एन.आइ.एफ.डी., जमशेदपुर।“ मैिथली भाषाआ' मैिथल संृितक ित आा आ' आदर हर मोनमे बेस◌ॅ◌ं बसल अिछ।इ ंटरट पर ितरहुताक्षर िलिपक उपयोग देिख हम मैिथल संृितक उज्ल भिवकहेतु अित आशाित छी।”दीपावली:२८अूबर२००८म ंगलिदनिदवाली िहू िस एवम ् जैन सबहक बड़ महप ूण र् पाबिन अिछ।िमिथला ंचलमे सेहोजगमगाएत दीप सऽ अिह पाबिन के मनाओल जाएत अिछ।अिह पाबिनक पाछा अक89


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्कथा अिछ।मानल गेल अिछजे िवजयादशमी िदन रावणक अक बाद आिहये िदनभगवान राम देवी सीता, भाय लण, हमान, सुीव, अंगद आिद संगे अयोा लौटलरहिथ।ह ुनक ागतमे अयोावासी िदया बातीसऽ प ूरा अयोा जगमगेरहैथ।दोसर िका अिछ जे भगवान ीकृ अिहये िदन नरकासुरके नरक धामपहु ंचे रहैथ।अकर अितिर इहो कथा चिलत अिछ जे राजा बिल अिह िदनभगवान िवुक आज्ञा पािब अपन रा िदस िवदा भेल रहिथ।अिह तरहे अिह िदनकेद ुःख आऽ अज्ञानता अार सऽ मुि भेटक एवम समिक ृ ािक अिभलाषासऽ मनाओलजाएत अिछ।कतौ-कतौ िकछु िवशेष पशुके भोजन कराबक िनयम सेहो छै जेनािककौआ, कुुर, गै आऽ बड़द।घरमे गोसाउिनक प ूजा संगे लीजी एवम गशजीक प ूजा होएत अिछ। तकर बादघरक सबसऽ ब ुज ु दीप लऽ कऽ बाहर िनकलैत छैथ। फेर सबतिर दीप लेशलजाएत अिछ।अिहवष र् िदवाली २८ अूबर, २००८, म ंगलिदन कऽ अिछ।बालाना ं कृते१.काश झा- बाल किवता २. गा ंगोदेवीक भगता- गजे ठाकुर90


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्३. देवीजी: ोित झा चौधरीकाश झा, सुपिरिचत र ंगकमीर्। राष्ीय रक सा ंृितक संासभक संग काय र्क अभव। शोध आलेख (लोकना एव ं र ंगम ंच) आऽ कथा लेखन।राष्ीय जूिनयर फेलोिशप, भारत सरकार ा। राजधानी िदीमे मैिथली लोक र ंगमहोवक शुआत। मैिथली लोककला आऽ संृितक लेखन आऽ िव फलकपरिवारक लेल ितब। अपन कम र्ठ संगीक संग मैलोर ंगक संापक, िनदेशक।मैलोर ंग पिकाक सादन। संित राष्ीय ना िवालय, नई िदीक र ंगम ंचीय शोधपिका र ंग-संगक सहयोगी संपादकक पमे काय र्रत।( िमिथलामे सभस’ उपेिक्षत अिछ िमिथलाक भिव ; यानी िमिथलाक बा । मैिथलीभाषामे बाल-ब ुदक लेल िकछु गीतमय रचना अखन तक निह भेल अिछ जकराबा रिटक’ हरदम गावे-गुनगुनावे जािहसँ बा मीमे रहै आ ओकर मानिसकिवकास दृढ़ हुऎ । एिह ठाम ुत अिछ बौआ-बाक लेल िकछु बाल किवता । )१. काश झा1. िबलाड़ि◌बाघक मौसी तू ँ िबलाड़ि◌ाऊँ ाऊँ बजै िबचािर,मुसबा के हपिस क’ खाईकुतबा देख भािग जाई ।2. बाघ91


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्मौसी तू ँ िबलाड़ि◌ केबाघ छौ तोहर नाम ,जंगल के तू ँ राजा छेँबा’ ’’ बा’ ’’ केनाइ तोहर काम ।3. गैयाबाबा यौ! अबै यै गैयाहिरयर घास चड़◌ै यै गैया ,िमठगर द ूध दै यै गैयाहमर सभहक मैया गैया ।4. कुतबािदन मे सुतै, राित मे जगै,चोर भगाबै कुतबा ।रोटी देिखक’ दौड़ल अबै,नागैड़ डोलाबै कुतबा ।अनिठया के देिखते देरी,भौ’’’ ं भौ’’’ ं भुकै कुतबा ।92


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्5. हाथीझ ूमै-झामैत अबै हाथी,ला स ूढ़ िहलाबै हाथी,स ूप सनक कान, हाथी,कारी खटखट पैघ हाथी ।२. गा ंगोदेवीक भगता- गजे ठाकुर93


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्गा ंगोदेवी मलािहन छलीह। एक िदन हुनकर सा ँय, अपन भाय आऽ िपताक संग माछमारए लेल गेलाह। साओनक मेला चिल रहल छलैक आऽ िमिथलामे साओनमे मा ँ खाइआिक बेचएपर तँ को मनाही छैक निह। गा ंगोदेवीक वर सोचलि जे आइ माछमािर हाटमे बेचब आऽ साओनक मेलासँ गा ंगो लेल चूड़◌ी-लहठी आनब।धारमे तीन ू गोटे जाल फेकलि सरैया पाथलि मुदा बे पहर धिर डोका, हराश ंखआऽ सतुआ मा हाथ अएलि। आब गा ंगोक वर किनया ँक नाम लए जाल फेिककहलि जे ई अिम बेर छी गा ंगो। एिह बेर जे मा ँछ निह आएल तँ हमरा क्षमाकरब। आब भेल ई जे एिह बेर जाल मा ँछसँ भिर गेल। जाल िघंच निहिघंचाए। सभटा मा ँछ बेिच कए गा ंगो लेल लहठी-चूड़◌ीक संग न ूआ सेहो कीनल गेल।अिगला िदन गा ंगोक वर गा ंगोक नाम लए जाल फें कलि तँ फेर हुनकर जाल मा ँछसँभिर गेलि मुदा हुनकर भाइ आऽ बाब ूक िहा वैह डोका-का ँकड़◌ु अएलि। ओऽलोकिन खोिधया कए एकर रह ब ू िझ गेलाह फेर ई रह सौ ँसे िमिथलाक मलाहलोकिनक बीच पसिर गेल। गा ंगोदेवीक भगता एख िमिथलाक मलाह भैया लोकिनमेचिलत अिछ। सभ जाल फें कबासँ पिह गा ंगोक रण करैत छिथ।३. देवीजी: ोित झा चौधरीदेवीजी :देवीजी य ूनाइटेड श डे ( २४ अूबर)94


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्देवीजी इितहासमे ितीय िवयु के िवषय मे पढ़◌ा रहल छली।तािह सआग◌ॉ◌ं बढ़ि◌ ओ युनाइटेड श के ापनाक िवषय मे बताबऽ लगली।ओ कहलिखनजे भारत सिहत पचास टा देश २४ अूबर १९४५ मे ाय आ कान ून के ितअपन आा एवम ् आदर के िसाक संग अिह संाक िनमा र्ण केलक जािहके मुउे छल जे को राष्मे ओकर सामिरक क्षमता, आिथ र्क कमजोरी वा फलअर के आधार पर िबना भेद-भाव के मषके मौिलक अिधकारके स्ी वापुषके समान पसऽ उपल कराबऽ मे सहायता करत।तािह लेल बहुत तरहकिनयम-कान ून बनल जािह के माके सब सद राष् ितज्ञा लेलक आ सब साल सेननिससको, अमेिरका मे एकित भऽ द ुहराबैत अिछ।अिह सबहक ल छल सूण र् िवमे शाि, िशक्षा आ आरोक सार।अकरझामे िवक मानिचके ऑिलव नामक गाछक पात स घेरल देखल गेल छै।ऑिलवके शािक तीक मानल गेल छै।वल्डर् हेल्थ ऑनाइजेशन सेहो अकरे शाखा अिछजे अिह वष र् अथा र्त् ७ अैल, २००८ कऽ अपन साठम वष र् प ूरा केलक। अिह वष र्ओकर ल अिछ िवके ोबल वािम ंग' र् वा पयावरणके र् बढ़◌ैत तापमान' के दष्भावसऽुपिरिचत करेनाई।युिनसेफ सेहो अकरे शाखा अिछ जे म ूलतः बा सबके व िशिक्षत एवम ्सुरिक्षत समाज दान करलेल ितब अिछ।यिनसेफ ू के ापना ११ िदसर क कैलगेल अिछ।भारतमे सेहो ओकर ऑिफस अिछ।जे ीिट ंग काडर् युिनसेफ ाराकािशत होएत अिछ तकर पाई ओ संाके जाइत अिछ तै ं ओ सबसऽ आहकेलिखन जे ईद, िदवाली, थै ं गीिव ंग डे, हैलोवीन, िसमस, नववष, र् मकरसंातीआिद के लेल ीिट ंग काडर् युिनसेफ िंट वला खरीद ू।95


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्देवीजी इहो ज्ञात करेलिखन जे अिह संाके अत कतेको काणकारीअिभयान सफल भेल अिछ।जेनािक, ◌ॉल प◌ॉ तथा पोिलयो के ायः सबदेशसऽ हटाबक काय, र् कतेको बाके ाथिमक िशक्षा उपल करेनाई, सुनामी जक◌ॉ◌ंआयल ाकृितक कोपमे सहायता आिद के अिछ। हलािक ं कतौ-कतौ ओकराअसफलता सेहो भेटल छै लेिकन ओ िनरर नवाद, र ंगभेद, आतंकवाद आिद केहटाबऽमे यरत अिछ।देवीजी िवालयमे २४ अूबर कऽ युनाइटेड श डे मनाबक िवचारबली।ओिह िदन ओना तऽ छुी रहैत छल लेिकन बा सबहक आह तथााधानाापक के सहमित सऽ देवीजी िवालयमे ओिह िदन ोर(ीज़ ), भाषण,वाद- िववाद, िनब लेखन आिद ितयोिगताक आयोजन कएली।अिह सबहक मुिवषय य ू एन संाक इितहास एवम ् काय र्णाली छल जािह सऽ सबके बहुत जानकारीबढ़ल।बा लोकिन ारा रणीय ोक१.ातः काल मुहूर् (स ूयो र्दयक एक घंटा पिह) सव र्थम अपन द ुन ू हाथ देखबाकचाही, आ’ ई ोक बजबाक चाही।करा वसते लीः करमे सरती।करम ूले ितो ा भाते करदश र्नम ्॥करक आगा ँ ली बसैत छिथ, करक ममे सरती, करक म ूलमे ा ित छिथ।भोरमे तािह ारे करक दश र्न करबाक थीक।२.संा काल दीप लेसबाक काल-दीपम ूले ितो ा दीपमे जनाद र्नः।दीपा शरः ोक्ः साोितन र्मोऽुते॥दीपक म ूल भागमे ा, दीपक मभागमे जनाद र्न (िवु) आऽ दीपक अ भागमेशर ित छिथ। हे संाोित! अहा ँकेँ नमार।३.सुतबाक काल-96


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्राम ं ं हन ूमं वैनतेय ं व ृकोदरम ्।शय यः रेिं द ुः नित॥जे सभ िदन सुतबासँ पिह राम, कुमारामी, हन ूमान, ् गड़ आऽ भीमक रण करैतछिथ, हुनकर द ुः न भऽ जाइत छि।४. नहेबाक समय-गे च यमु चैव गोदाविर सरित।नम र्दे िसु कावेिर जलेऽिन ् सििध ं कु॥हे गंगा, यमुना, गोदावरी, सरती, नम र्दा, िसु आऽ कावेरीअपन साि िदअ।धार। एिह जलमे५.उर ं यमु िहमाेैव दिक्षणम ्।वष ं र् तत् भारतं नाम भारती य सितः॥समुक उरमे आऽ िहमालयक दिक्षणमे भारत अिछ आऽ ओतुका सित भारतीकहबैत छिथ।६.अहा ौपदी सीता तारा मोदरी तथा।पकं ना रेिं महापातकनाशकम ्॥जे सभ िदन अहा, ौपदी, सीता, तारा आऽ मदोदरी, एिह पा ँच साी-स्ीक रणकरैत छिथ, हुनकर सभ पाप न भऽ जाइत छि।७.अामा बिला र्सो हन ूमा ं िवभीषणः।कृपः परशुराम सैते िचरीिवनः॥अामा, बिल, ास, हन ूमान, ् िवभीषण, कृपाचाय र् आऽ परशुराम- ई सात टा िचरीवीकहबैत छिथ।८.साते भवतु सुीता देवी िशखर वािसनीउन तपसा लो यया पशुपितः पितः।97


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्िसिः साे सतामु सादा ध ूजर्टेःजावीफेनलेखेव यूिध शिशनः कला॥९. बालोऽहं जगदान न मे बाला सरती।अप ू र् पंचमे वषे र् वण र्यािम जगत्यम ् ॥इ ं िश-मैिथली कोष मैिथली-इ ं िश कोषइिश-मैिथली ंकोषारापठाऊ।ोजेकेँ आग ू बढ़◌ाऊ, अपन सुझाव आऽ योगदान ई-मेल@ . . परggaj endr a@ yahoo. co. i n वा ggaj endr a vi deha co i nमैिथली-इिश ं कोषारापठाऊ।ोजेकेँ आग ू बढ़◌ाऊ, अपन सुझाव आऽ योगदान ई-मेल@ . . परggaj endr a@ yahoo. co. i n वा ggaj endr a vi deha co i nभारत आऽ पालक मैिथली भाषा-वैज्ञािनक लोकिन ारा बनाओल मानक श ैलीमैिथलीक मानक लेखन-श ैली१.मैिथली अकादमी, पटना आऽ २.पालक मैिथली भाषा वैज्ञािनक लोकिन ारा बनाओलमानकश ैली।१.मैिथली अकादमी, पटना ारा िनधािरत र् मैिथली लेखन-श ैली1. जे श मैिथली-सािहक ाचीन कालसँ आइ धिर जािह वर्नीमे चिलत अिछ, सेसामातः तािह वर्नीमे िलखल जाय- उदाहरणाथ र्-ाएखनठामजकर,तकरतिनकरअिछ98


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्अाअखन,अखिन,एखेन,अखनीिठमा,िठना,ठमाजेकर,तेकरितनकर।(वैकिक पेँ ा)ऐछ, अिह, ए।2. िनिलिखत तीन कारक प वैिपकतया अपनाओल जाय:भ गेल, भय गेल वाभए गेल। जा रहल अिछ, जाय रहल अिछ, जाए रहल अिछ। कर’ गेलाह, वाकरय गेलाह वा करए गेलाह।3. ाचीन मैिथलीक ‘ ’ िनक ानमे ‘ न’ िलखल जाय सकैत अिछ यथा कहलिन वाकहलि।4 . ‘ ऐ’ तथा ‘ औ’ ततय िलखल जाय जत’ तः ‘ अइ’ तथा ‘ अउ’ सदृशउारण इ हो। यथा- देखैत, छलैक, बौआ, छौक इािद।5. मैिथलीक िनिलिखत श एिह पे यु होयत:जैह,सैह,इएह,ओऐह,लैह तथादैह।6. ह्र् इकारा ंत शमे ‘ इ’ के लु करब सामातः अा िथक। यथा- ादेिख आबह, मािलिन गेिल (म मामे)।7. तं ‘ ए’ वा ‘ य’ ाचीन मैिथलीक उरण आिदमे तँ यथावत राखल जाय,िकं तु आधिनक ु योगमे वैकिक पेँ ‘ ए’ वा ‘ य’ िलखल जाय। यथा:- कयल वाकएल, अयलाह वा अएलाह, जाय वा जाए इािद।8. उारणमे द ू रक बीच जे ‘ य’ िन तः आिब जाइत अिछ तकरा लेखमे ानवैकिक पेँ देल जाय। यथा- धीआ, अढ़◌ैआ, िवआह, वा धीया, अढ़◌ैया, िबयाह।9. सानािसक तं रक ान यथासंभव ‘ ञ’ िलखल जाय वा सानािसक र।यथा:- मैञा, किनञा, िकरतिनञा वा मैआ, ँ किनआ, ँ िकरतिनआ ँ।10. कारकक िवभिक्क िनिलिखत प ा:-हाथकेँ , हाथसँ, हाथेँ, हाथक, हाथमे।’ मे’ मे अार सव र्था ा िथक। ‘ क’ क वैकिक प ‘ केर’ राखल जासकैतअिछ।99


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्11. प ूव र्कािलक ियापदक बाद ‘ कय’ वा ‘ कए’ अय वैकिक पेँ लगाओल जासकैत अिछ। यथा:- देिख कय वा देिख कए।12. मा ँग, भा ँग आिदक ानमे माङ, भाङ इािद िलखल जाय।13. अर् ‘ न’ ओ अर् ‘ म’ क बदला असार निह िलखल जाय, िकं तु छापाक सुिवधाथ र्अर् ‘ ङ’ , ‘ ञ’ , तथा ‘ ण’ क बदला अारो िलखल जा सकैत अिछ। यथा:-अ, वा अंक, अल वा अंचल, क वा कं ठ।14. हलंत िच िनयमतः लगाओल जाय, िकं तु िवभिक संग अकारा ंत योग कएलजाय। यथा:- ीमान, ्िकं तु ीमानक।15. सभ एकल कारक िच शमे सटा क’ िलखल जाय, हटा क’ निह, संयुिवभिक हेतु फराक िलखल जाय, यथा घर परक।16. अनािसककेँ चिबु ारा कयल जाय। पर ंतु मुणक सुिवधाथ र् िह समानजिटल माा पर अारक योग चिबुक बदला कयल जा सकैत अिछ। यथा-िहँ केर बदला िहं।17. प ूण र् िवराम पासीसँ ( । ) स ू िचत कयल जाय।18. सम पद सटा क’ िलखल जाय, वा हाइफेनसँ जोड़ि◌ क’ , हटा क’ निह।19. िलअ तथा िदअ शमे िबकारी (ऽ) निह लगाओल जाय।20. अंक देवनागरी पमे राखल जाय।21.िकछु िनक लेल नवीन िच बनबाओल जाय। जा' ई निह बनल अिछ ताबत एिहद ुन ू िनक बदला प ूव र्वत् अय/ आय/ अए/ आए/ आओ/ अओ िलखल जाय। आिक ऎ वाऒ सँ कएल जाय।ह./- गोिव झा ११/८/७६ ीका ठाकुर ११/८/७६ सुरे झा "सुमन" ११/०८/७६२.पालक मैिथली भाषा वैज्ञािनक लोकिन ारा बनाओल मानक श ैलीमैिथलीमे उारण तथा लेखन100


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ं्््र्र्ुर्र्१.पमाक्षर आ अार: पमाक्षरात ङ, ञ, ण, न एव म अबैत अिछ। संृतभाषाक असार शक अमे जािह वक अक्षर रहैत अिछ ओही वक पमाक्षरअबैत अिछ। जेना-अ (क वक रहबाक कार अमे ङ् आएल अिछ।)प (च वक रहबाक कार अमे ञ् आएल अिछ।)ख (ट वक रहबाक कार अमे ण आएल अिछ।)सि (त वक रहबाक कार अमे न आएल अिछ।)ख (प वक रहबाक कार अमे म आएल अिछ।)उपयु र् बात मैिथलीमे कम देखल जाइत अिछ। पमाक्षरक बदलामे अिधका ंशजगहपर अारक योग देखल जाइछ। जेना- अंक, पंच, खंड, संिध, खंभआिद। ाकरणिवद पित गोिव झाक कहब छिन जे कव, चव आ टवसँ प ूवअार िलखल जाए तथा तव आ पवसँ प ूव पमाक्षरे िलखल जाए। जेना-अंक, चंचल, अंडा, अ तथा कन। मुदा िहीक िनकट रहल आधिनक लेखक एिहबातकेँ निह मात छिथ। ओलोकिन अ आ कनक जगहपर सेहो अंत आ कं पनिलखैत देखल जाइत छिथ।नवीन पित िकछु सुिवधाजनक अव छैक। िकएक तँ एिहमे समय आ ानक बचतहोइत छैक। मुदा कतोकबेर हलेखन वा मुणमे अारक छोटसन िबु निह भेलासँ अथ र्क अनथ होइत सेहो देखल जाइत अिछ। अारक योगमेउारण-दोषक सावना सेहो ततबए देखल जाइत अिछ। एतदथ कसँ लऽकऽपवधिर पमाक्षरेक योग करब उिचत अिछ। यसँ लऽकऽ ज्ञधिरक अक्षरक सअारक योग करबामे कतहु को िववाद निह देखल जाइछ।२.ढ आ ढ़ : ढ़क उारण “ र ् ह” जका ँ होइत अिछ। अतः जतऽ “ र ् ह” क उारणहो ओतऽ मा ढ़ िलखल जाए। आनठाम खािल ढ िलखल जएबाक चाही। जेना-ढ = ढाकी, ढेकी, ढीठ, ढेउआ, ढ, ढेरी, ढाकिन, ढाठ आिद।ढ़ = पढ़◌ाइ, बढ़ब, गढ़ब, मढ़ब, ब ुढ़बा, सा ँढ़, गाढ़, रीढ़, चा ँढ़, सीढ़◌ी, पीढ़◌ी आिद।उपयु र् शसभकेँ देखलासँ ई होइत अिछ जे साधारणतया शक शुमे ढ आम तथा अमे ढ़ अबैत अिछ। इएह िनयम ड आ ड़क सभर् सेहो लाग ू होइतअिछ।३.व आ ब : मैिथलीमे “ व” क उारण ब कएल जाइत अिछ, मुदा ओकरा ब पमेनिह िलखल जएबाक चाही। जेना- उारण : बैनाथ, िबा, नब, देबता, िबु, ब ंश,बना आिद। एिहसभक ानपर मशः वैनाथ, िवा, नव, देवता, िवु, व ंश,वना िलखबाक चाही। सामातया व उारणक लेल ओ योग कएल जाइत अिछ।जेना- ओकील, ओजह आिद।४.य आ ज : कतहु-कतहु “ य” क उारण “ ज” जका ँ करैत देखल जाइत अिछ, मुदा101


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ओकरा ज निह िलखबाक चाही। उारणमे यज्ञ, जिद, जमुना, ज ुग, जाबत, जोगी,जद, ु जम आिद कहल जाएवला शसभकेँ मशः यज्ञ, यिद, यमुना, युग, याबत,योगी,यद, ुयम िलखबाक चाही।ू ५.ए आ य : मैिथलीक वतर्नीमे ए आ य द ुन िलखल जाइत अिछ।ाचीन वतर्नी- कएल, जाए, होएत, माए, भाए, गाए आिद।नवीन वतर्नी- कयल, जाय, होयत, माय, भाय, गाय आिद।सामातया शक शुमे ए मा अबैत अिछ। जेना एिह, एना, एकर, एहन आिद।एिह शसभक ानपर यिह, यना, यकर, यहन आिदक योग निह करबाक चाही।यिप मैिथलीभाषी थासिहत िकछु जाितमे शक आरोमे “ ए” केँ य किह उारणकएल जाइत अिछ।ए आ “ य” क योगक योगक सभर्मे ाची पितक असरण करब उपयुमािन एिह पुकमे ओकरे योग कएल गेल अिछ। िकएक तँ द ुन ूक लेखनमे कोसहजता आ द ुहताक बात निह अिछ। आ मैिथलीक सव र्साधारणक उारण-श ैली यकअपेक्षा एसँ बेसी िनकट छैक। खास कऽ कएल, हएब आिद कितपय शकेँ कैल, हैबआिद पमे कतहु-कतहु िलखल जाएब सेहो “ ए” क योगकेँ बेसी समीचीन मािणतकरैतअिछ।६.िह, हु तथा एकार, ओकार : मैिथलीक ाचीन लेखन-पररामे को बातपर बलदैत काल शक पाछा ँ िह, हु लगाओल जाइत छैक। जेना- हुनकिह, अपनहु, ओकरहु,तालिह, चोिह, आनहु आिद। मुदा आधिनक ु लेखनमे िहक ानपर एकार एव ं हुकानपर ओकारक योग करैत देखल जाइत अिछ। जेना- हुनके, अप, ताले,चोे, आ आिद।७.ष तथा ख : मैिथली भाषामे अिधका ंशतः षक उारण ख होइत अिछ। जेना-ष (खड़य), षोडशी (खोड़शी), षट्कोण (खटकोण), व ृषेश (व ृखेश), सोष(सोख)आिद।८.िन-लोप : िनिलिखत अवामे शसँ िन-लोप भऽ जाइत अिछ:(क)ियायी य अयमे य वा ए लु भऽ जाइत अिछ। ओिहमेसँ पिह अकउारण दीघ र् भऽ जाइत अिछ। ओकर आगा ँ लोप-स ूचक िच वा िवकारी (’ / ऽ)लगाओल जाइछ। जेना-प ूण र् प : पढ़ए (पढ़य) गेलाह, कए (कय) लेल, उठए (उठय) पड़तौक।अप ूण र् प : पढ़’ गेलाह, क’ लेल, उठ’ पड़तौक।पढ़ऽ गेलाह, कऽ लेल, उठऽ पड़तौक।(ख)प ूव र्कािलक कृत आय (आए) यमे य (ए) लु भऽ जाइछ, मुदा लोप-स ूचकिवकारी निह लगाओल जाइछ। जेना-102


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र् ँप ूण प : खाए (य) गेल, पठाय (ए) देब, नहाए (य) अएलाह।अप ूण प : खा गेल, पठा देब, नहा अएलाह।(ग)स्ी य इक उारण ियापद, संज्ञा, ओ िवशेषण तीन ूमे लु भऽ जाइतअिछ।जेना-प ूण प : दोसिर मािलिन चिल गेिल।अप ूण प : दोसर मािलन चिल गेल।(घ)वतर्मान कृदक अिम त लु भऽ जाइत अिछ। जेना-प ूण प : पढ़◌ैत अिछ, बजैत अिछ, गबैत अिछ।अप ूण प : पढ़◌ै अिछ, बजै अिछ, गबै अिछ।(ङ)ियापदक अवसान इक, उक, ऐक तथा हीकमे लु भऽ जाइत अिछ। जेना-प ूण प: िछयौक, िछयैक, छहीक, छौक, छैक, अिबतैक, होइक।अप ूण प : िछयौ, िछयै, छही, छौ, छै, अिबतै, होइ।(च)ियापदीय य , हु तथा हकारक लोप भऽ जाइछ। जेना-प ूण प : छि, कहलि, कहलहु ँ, गेलह, निह।अप ूण प : छिन, कहलिन, कहलौ, गेलऽ, नइ, निञ, ।९.िन ानारण : को-को र-िन अपना जगहसँ हिटकऽ दोसरठाम चिलजाइत अिछ। खास कऽ इ आ उक समे ई बात लाग ू होइत अिछ।मैिथलीकरण भऽ गेल शक म वा अमे जँ इ वा उ आबए तँ ओकर िनानािरत भऽ एक अक्षर आगा ँ आिब जाइत अिछ। जेना- शिन (शइन), पािन(पाइन), दािल ( दाइल), मािट (माइट), काछु (काउछ), मासु(माउस) आिद। मुदातम शसभमे ई िनयम लाग ू निह होइत अिछ। जेना- रिकेँ रइ आ सुधा ंशुकेँसुधाउं स निह कहल जा सकैत अिछ।१०.हल(◌्)क योग : मैिथली भाषामे सामातया हल (◌्)क आवकता निहहोइत अिछ। कारण जे शक अमे अ उारण निह होइत अिछ। मुदा संृतभाषासँ जिहनाक तिहना मैिथलीमे आएल (तम) शसभमे हल योग कएल जाइतअिछ। एिह पोथीमे सामातया सूण र् शकेँ मैिथली भाषासी िनयमअसारहलिवहीन राखल गेल अिछ। मुदा ाकरणसी योजनक लेल अावक ानपरकतहु-कतहु हल देल गेल अिछ। ुत पोथीमे मिथली लेखनक ाचीन आ नवीनद ुन ू श ैलीक सरल आ समीचीन पक्षसभकेँ समेिटकऽ वण र्-िवास कएल गेल अिछ। ानआ समयमे बचतक सिह ह-लेखन तथा तकिनकी दृ िसँ सेहो सरल होबऽवलािहसाबसँ वण र्-िवास िमलाओल गेल अिछ। वतर्मान समयमे मैिथली माभाषीपय र्केँआन भाषाक मामसँ मैिथलीक ज्ञान लेबऽ पड़ि◌रहल पिरमे लेखनमे सहजतातथा एकपतापर ान देल गेल अिछ। तखन मैिथली भाषाक म ूल िवशेषतासभकुित निह होइक, ताहूिदस लेखक-मल सचेत अिछ। िस भाषाशास्ी डा.रामावतार यादवक कहब छिन जे सरलताक असानमे एहन अवा िकह ु आबऽ103


ँ<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्देबाक चाही जे भाषाक िवशेषता छा ँहमे पिड जाए। हमसभ हुनक धारणाकेँ प ूण र्पसँ स लऽ चलबाक यास कएलह ु अिछ।पोथीक वणिवास र् कक्षा ९ क पोथीसँ िकछु माामे िभ अिछ। िनरर अयन,असान आ िवेषणक कार ई सुधाराक िभता आएल अिछ। भिवमे आनहुपोथीकेँ पिरमािजर्त करैत मैिथली पापुकक वणिवासमे र् प ूण र्पेण एकपताअनबाक हमरासभक य रहत।कक्षा १० मैिथली लेखन तथा पिरमाजर्न महे मलंिगया/ धीरे मिष र् संयोजन-गशसादभराईकाशक िशक्षा तथा खेलकूद मालय, पाम िवकास के,सािठमी, भपुरसवािधकार र् पाम िवकास के एव ं जनक िशक्षा सामी के, सािठमी, भपुर।पिहल संरण २०५८ बैशाख (२००२ ई.)योगदान: िशवसाद साल, जगाथ अवा, गोरखबहाद ुर िसंह, गशसाद भराई, डा.रामावतार यादव, डा. राजे िवमल, डा. रामदयाल राकेश, धमे र् िवल, पा धी,नीरजकण, र्रमेश रनभाषा सादन- नीरज कण, र्पा झाआब १.मैिथली अकादमी, पटना आऽ २.पालक मैिथली भाषा वैज्ञािनक लोकिन ाराबनाओल मानक श ैलीक अयनक उपरा िन िबु सभपर मनन कए िनण र्य क।ा/अा1. होयबला/होबयबला/होमयबला/ हेब’ बला, हेम’ बलाहोयबाक/होएबाक2. आ’ /आऽ आ3. क’ ले/कऽ ले/कए ले/कय ले/ल’ /लऽ/लय/लए4. भ’ गेल/भऽ गेल/भय गेल/भए गेल5. कर’ गेलाह/करऽ गेलह/करए गेलाह/करय गेलाह6. िलअ/िदअ िलय’ ,िदय’ ,िलअ’ ,िदय’7. कर’ बला/करऽ बला/ करय बला करै बला/क’ र’ बला8. बला वला9. आङ्ल आ ं10. ायः ायह11. द ुःख द ुख12. चिल गेल चल गेल/चैल गेल13. देलिख देलिक, देलिखन14. देखलि देखलिन/ देखलै15. छिथ/ छलि छिथन/ छलैन/ छलिन16. चलैत/दैत चलित/दैित104


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्17. एख अख18. बढ़ि बढि19. ओ’ /ओऽ(सव र्नाम) ओ20. ओ (संयोजक) ओ’ /ओऽ21. फािग/फािँफाइ ंग/फाइङ22. जे जे’ /जेऽ23. ना-कुर ना-कर24. केलि/कएलि/कयलि25. तखन तँ तखनतँ26. जा’ रहल/जाय रहल/जाए रहल27. िनकलय/िनकलए लागल बहराय/बहराए लागल िनकल’ /बहरै लागल28. ओतय/जतय जत’ /ओत’ /जतए/ओतए29. की फूड़ल जे िक फूड़ल जे30. जे जे’ /जेऽ31. कूिद/यािद(मोन पारब) कूइद/याइद/कूद/याद32. इहो/ओहो33. हँसए/हँसय हँस’34. आिक दस/ िकं वा दस/ वा दस35. सासु-ससुर सास-ससुर36. छह/सात छ/छः/सात37. की की’ /कीऽ(दीघीर्कारामे विजर्त)38. जबाब जवाब39. करएताह/करयताह करेताह40. दलान िदिश दलान िदश41. गेलाह गएलाह/गयलाह42. िकछु आर िकछु और43. जाइत छल जाित छल/जैत छल44. पहु ँिच/भेिट जाइत छल पहु ँच/भेट जाइत छल45. जबान(युवा)/जवान(फौजी)46. लय/लए क’ /कऽ47. ल’ /लऽ कय/कएं ँं ँ48. एखन/अख अखन/एख49. अहीकेँअहीकेँ50. गहीरगहीरँ ँ51. धार पार केनाइ धार पार केनाय/केनाए52. जेका जेँ का ँ/जका53. तिहना तेिहना105


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ू54. एकर अकर55. बिहनउ बहइ56. बिहन बिहिन57. बिहिन-बिहइ बिहन-बहनउ58. निह/59. करबा’ /करबाय/करबाए60. त’ /त ऽ तय/तए61. भाय भै62. भा ँय63. यावत जावत64. माय मै65. देि/दएि/दयि दि/दैि66. द’ /द ऽ/दए67. ओ (संयोजक) ओऽ (सव र्नाम)68. तका’ कए तकाय तकाए69. पैरे (on f oot ) पएरे70. ताहुमे ताहूमे71. पुीक72. बजा कय/ कए73. बननाय74. कोला75. िदका िदनका76. ततिहसँ77. गरबओलि गरबेलि78. बालु बाल79. चे िच(अशु)80. जे जे’81. से/ के से’ /के’82. एख ुनका अखका83. भुिमहार भूिमहार84. सुगर स ूगर85. झठहाक झटहाक86. छूिब87. करइयो/ओ करैयोँ88. पुबािर पुबाइ89. झगड़◌ा-झा ँटी झगड़◌ा-झािट90. पएरे-पएरे पैरे-पैरे106


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्91. खेलएबाक खेलेबाक92. खेलाएबाक93. लगा’94. होए- हो95. ब ुझल ब ूझल96. ब ूझल (संबोधन अथ र्मे)97. यैह यएह98. ताितल99. अयनाय- अयनाइ100. िन- िन101. िब िबन102. जाए जाइ103. जाइ(i n di f f er ent sense)-l ast wor d of sent ence104. छत पर आिब जाइ105. 106. खेलाए (pl ay) – खेलाइ107. िशकाइत- िशकायत108. ढप- ढ़प109. पढ़- पढ110. किनए/ किनये किन111. राकस- राकश112. होए/ होय होइ113. अउरदा- औरदा114. ब ुझेलि (di f f er ent meani ng- got under st and)115. ब ुझएलि/ ब ुझयलि (under st ood hi msel f )116. चिल- चल117. खधाइ- खधाय118. मोन पाड़लिख मोन पारलिख119. कैक- कएक- कइएक120. लग ल’ ग121. जरेनाइ122. जरओनाइ- जरएनाइ/जरयनाइ123. होइत124. गड़बेलि/ गड़बओलि125. िचखैत- (t o test)िचखइत126. करइयो(willing to do) करैयो127. जेकरा- जकरा107


ंँ<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ु128. तकरा- तेकरा129. िबदेसर ामे/ िबदेसरे ानमे130. करबयलहु ँ/ करबएलहु ँ/करबेलहर्र्131. हािरक (उारण हाइरक)132. ओजन वजन133. आधे भाग/ आध-भागे134. िपचा’ / िपचाय/िपचाए135. नञ/ 136. बा नञ () िपचा जाय137. तखन (नञ) कहैत अिछ।138. कतेक गोटे/ कताक गोटे139. कमाइ- धमाइ कमाई- धमाई140. लग ल’ ग141. खेलाइ (for playing)142. छिथ छिथन143. होइत होइ144. ो िकयो145. केश (hai r )146. केस ( cour t -case)147. बननाइ/ बननाय/ बननाए148. जरेनाइ149. कुरसी कुसीर्150. चरचा चचा151. कम करम152. डुबाबय/ डुमाबय153. एख ुनका/ अख ुनका154. लय (वाक अितम श)- ल’155. कएलक केलक156. गरमी गमीर्157. बरदी वदीर्158. सुना गेलाह सुना’ /सुनाऽ159. एनाइ-गेनाइ160. तेना घेरलि161. नञ162. डरो ड’ रो163. कतहु- कही164. उमिरगर- उमरगर108


ँ<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्165. भिरगर166. धोल/धोअल धोएल167. गप/ग168. के के’169. दरबा/ दरबजा170. ठामू171. धिर तक172. घिरलौिट173. थोरबेक174. ब175. तोँ/ तू176. तोँिह( पमे ा)177. तोँही/तोँिह178. करबाइए करबाइये179. एकेटा180. किरतिथ करतिथँिचपहु ँच181. पहु182. राखलि रखलि183. लगलि लागलि184. सुिन (उारण सुइन)185. अिछ (उारण अइछ)186. एलिथ गेलिथ187. िबतओ िबते188. करबओलि/ करेलिख189. करएलि190. आिक िकँिचपहु ँचँ ँ ँ191. पहु192. जराय/ जराए जरा’ (आिग लगा)193. से से’194. हा मे हा (हा ँमे हा िवभिक्मे हटा कए)195. फेल फैल196. फइल(spaci ous) फैल197. होयति/ होएति हेति198. हाथ मिटआयब/ हाथ मिटयाबय199. फेका फें का200. देखाए देखा’201. देखाय देखा’109


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्202. सिर सर203. साहेब साहब10. VI DEHA FOR NON RESI DENT MAI THI LS ( Fest i val s of Mi thiladat e-l ist)-10. 1. 1.Wor n- out f i f t y pai se coi n- Mai t hi l i poem " GhasalAt hanni " by Lat e Sh. Kashi kant Mi shra Madhup 2.TheFundament al s-mai t hi l i shor t st or y “ mool bhoot ” by Sh.Tar anand Vi yogi10. 2.The Comet -English transl at i on of Gaj endr a Thakur ' sMai t hi l i Novel Sahasr abadhani1. Or i gi nal Mai t hi l i song " Ghasal At hanni " Kashi kant Mi shraMadhupWor n- out f i f t y pai se coi n 2. The Fundament al s-byTar anand Vi yogi ( 1966- ) The mai t hi l i shor t st or y“mool bhoot ” by Sh.Tar anand Vi yogi110


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्Kashi kant Mishra Madhup ( 1906-87)Original Mai t hi l i song " Ghasal At hanni " t r ansl at ed i nt oEngl i s h by GAJ ENDRA THAKURWor n- out f i f t y pai se coi nNoon of Jyesht ha mont h,Wi th allhis twelve mout hs vomiting fire-bal lUp-st oopi ng The SunBur ni ng t he t hr ee wor l ds af l ami ngVi ol entwest er n wi ndThe t empestThe san-san-san sound ofi tLi ke f i r e par t i cl eAngui shed bl owi ng t he dust .The birds in nest,composed111


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्NotNotshaki ng t he wi ngsopeni ng the eyesUnder t he t r ee Ani mal s puf f i ng wi t h t ear f ul eyesThe her dsman wenthome unwi l l i ngl yPond wat erThe wat ert ur ns hotand l and habi t ant s t r embl eThe sur r ounded husk-bamboo encl osur es, door s,wi ndows ofhouses shutThi s f i r e-rain!No wayf ar ert o be seen on roadWi ll t he wor l d cr eat e t he nat ur eThi s f i r e-rain!The hi -fisHav i ng Big belliesRel axi ng suppor t ed on bi g cushi ons,Maki ng and f i l t er i ng Sher betSugar -candy,nut and i ce mi xedBeneat h t he danci ng el ect r i c-fanThey t oo peace st ar ved aski ng – Har iWhat t o t el l about t he Li vi ng! Har i !112


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्The shadow al so aski ng f orshadowThe noon of Jyesht ha-mont h!Though att hi s t i meEven t hen Buchni Lef t t he cour t yar d of houseIs di ggi ng t he f i el d ofLandownerWhatcan do t he poor -women!Havi ng been beat en by t he l ord-of -bad-f at e,t hr ough al lt he ei ght por t i ons of day-ni ghtThe wi dow wi t hout f ami l y wi t hout any st andi ngOnly child ofThe hope f orsix mont hsf ut ur eWho i s weepi ng besi de t he r oad adj acentt o t he f i el dHow can she consol e hi m?Even t he bl ood within heris in scarcityThen how t he mi lk will come out ?After fasting three times i n a r ow ( of mor ni ng-eveni ng)Became l abour er@fifty paiseFr om sunr i se t o sunsetWi lldo workWi l l not get even t he l abour er ’ s br eakf ast !113


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्Eveni ng t i meWor l d now f ear lessThe moon r ose wi t h compassi onBy col d l i ghtdi d t he uni ver se ecst at i cThe cow car i ng f or her chi l d r aced by echoi ng hukar a-soundTun-t un-t un-t un soundTan-t an-t an-t an soundThe sound ofbel lThe smoke comi ng out of housesEven t hatt i me st ar ved-t hirsty BuchniBosom dr awn cover i ng hi s son wi t h sar eeTor n f aded cl ot hesThe bones comi ng outThe beaut y bur nt,mar ked by pover t yFear i ng f or bei ng bur nt by t he f i r e of hungerThe yout h of her f l ed as soon as i t cameEven mor e t han t hat of r i ped bet el -l eafYel l owi sh and t hi n body114


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्Cracked and splitlipsEyes l i ke mango cutt o si zeIn the ditch is whose ill-fate-t hiefBi t ch-anxi et y st eppi ng t o t he t i p ofsar eeBur ni ng herbodyEver y moment oh!Hope becomi ng f i r ebal l“give some grai n-wat er ”whos e lifeSpeaki ng t hr ough t r eacher y oft earThatbecomi ng hel pl essTelling with fearsomehowWi t h f ol ded hands:That r ubbed f i f t y-pai se coi n was not accept ed ( i n mar ket )I went t o al l t he shopsComingPl ease gi ve anot herf i f t y-pai se coi nIcame am onl y f or thisHas become ni ghtLandowner , do not t ake t i meWi t h hunger and t hi r st I am dyi ngBuy wi t h t hat115


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्Wi l lt hr esh and cr ush gr ai nThe chi l d i s weepi ng si nce mor ni ngRest l ess and t aki ng out my l i f e.She agai n came disturbing my f or eheadChangi ng t he r ealf i f t y-pai se coi n somehowCl ear l y doi ng mi schi efHey!Hol d her neck and push besi deShe i s wi t chSee t he eyesHow onl ooki ngSwal l owed such per son as her mast er ( husband)Budhnawhen she cameChewed suddenl yAt t he t i me of Goddess LakShmidoi ng l endi ng busi nessNobody her e?Took besi de t hi s i l l -fated women?Mast er !I am not aski ng debt116


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्Or c ame f or beggi ngThe cul t i vat ed l abour -char ge be gi venI am your subj ect -sonMany t i mes came her eLegs cr umblingForgr ai n my body st ar vi ngThe t hi r d-cl ass-god notassi gns even deat h t o meWhatt i me has comeHa ! Di d wor k wi t h al l body-st r engt hThat good-l i ne even t hen t he l abour -char ge not comi ngThat ’ s why t hi s f ami ne i n wor l d has appear edI wi l l not be abl e t o goWhen I st ep up t he l egs i t seems dark i n-f r ontWi lldie her e onl yTo whomI will tell?Nobody i s my ownThe wr ong-doi ng i s al so t he spl endor of t he power f ulGodOh! !Hey you have no f ear ?117


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्Many mur der I have done and l i vedNot ev en my body-hai r got damagedLong l i ve t he Dar oga( pol i ce-i nchar ge)Wi ll mur der youFl ee women f l eeBy gi vi ng enough wage t o l abour erI will put a blemish to my ancest r y?This false-act i ng do bef or esomeone el seIam bl ack-cobr awi l l she go si mpl y?The l or d of deat h i s danci ng over her headO,what you ar e l ooki ng at my f aceThat much cour age t he t hi r d-cl ass peopl e wi l l show?Cat h-cat h-cat h-cat hEven mor e heavy t han t he heavi estWi t h sl ap ofMakhna she became hel pl essBot h mot her -son f el lon ear t hBecame sensel ess she118


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्Even t hen wi t h angerBy doi ng heavy-echoBhut kanbabu st ood r oar i ng:MakhnaMakhna! !She i s doi ng f al se-act i ngBr i ng my st i ckWhat wi l l you know about women’ s char act er ?My whol e l i f e deal t wi t h al l t hese.Dan-dan-dan-danSt i ck t hr ashi ng on t he sensel ess bodyOnl y once unr ecogni zabl e weepi ngWi th child left Buchni this Cr eat i on!With sorrow ami dst l aught er of MoonThat r ubbed-wor n-out fifty-pai se-coi n spoke:“ wher e shoul d I ” goTo getshel t erWho wi l lgi ve?Wor n-out i s whose f at e!119


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহ2.The Fundament al shttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्-by Tar anand Vi yogi ( 1966- ) The mai t hi l i shor tst or y “ mool bhoot ” by Sh.Tar anand Vi yogi t r ansl at ed i nt oEngl i sh by Gaj endr a Thakur .Once upon a t i me i thappened.The al mi ght y coul d not t ol er at e t he mi smanagement i n t hecount r y.He posed l i ke a Tant r i c and came bef or e t he Leader of t heNat i on. He coul d have come i n hi s real f or m but as t hi sLeader of t he Nat i on bel i eved mor e i n t he Tant r i cs so het hought it mor e appr opr i at e t o pose l i ke a Tant r i c andcame t o t he Leader of t he Nat i on.Af t er wor shi p and sacr ed-r eadi ng ( by t he Leader of t heNat i on) he ( Tant r i c) asked f or cor r upt i on i n donat i onf r om t he Leader of t he Nat i on.A uni que l i ght of cor r upt i on came out of t he body of t heLeader of t he Nat i on and went away.Af t er t he depar t ur e of Cor r upt i on t he chast i t y andchar act er of t he Leader of t he Nat i on al so depar t ed.ThenDhar ma went away. Af t er t hat good-habi t s al so came outand went on i t s way.The ef f i ci ency of t he cl er k vani shed. The heal i ng-t ouchof t he Doct or s f el l f l at . The Engi neer s became per pl exed.The pol i t i cal l eader s and mi nisters started dying.The r el i gi ous pl aces became empt y Ther e was none who.wi l l pour wat er on t o t he Gods.120


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्The pr ospect i ve and t he br i l l i ant l ef t st udy and st ar t edst r eet -r owdi sm and st ar t ed i nhal i ng cannabi s.The whol e count r y became l onel y cr emat or i um.Then agai n t he Al mi ght y coul d not see the mi sf or t une oft he nat i on.Agai n a Tant r i c came t o t he Leader of t he Nat i on.And agai n asked f or cor uupt i on f or t he wel f ar e of al lf r om t he Leader of t he Nat i on.121


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्Jyot i Jha Chaudhar y, Dat e of Bi r t h:December 301978, Pl ace of Bi r t h- Bel hvar ( Madhubani Di st r i ct ),Educat i on: Swami Vi vekananda Mi ddl e School , Ti sco SakchiGi r l s Hi gh School , Mrs KMPM Inter College, IGNOU , ICWAI( COST ACCOUNTANCY); Res i denc e- LONDON , UK ; Fat her - Sh.Shubhankar Jha, Jamshedpur ; Mot her - Smt . Sudha Jha-Shivipatti. Jyoti r ecei ved edi t or ' s choi ce awar d f r omwwwpoet . r y. com and her poems wer e f eat ur ed i n f r ont pageof wwwpoet . r ysoup. com for some per i od.She l ear nt Mi thilaPai nt i ng under Ms . Shvet a Jha, Baser a I nst i t ut e,Jamshedpur and Fi ne Ar t s f r om Tool i ka, Sakchi , Jamshedpur( I ndi a).She had been honor ar y t eacher at Nat i onalAssoci at i on For Bl i nd, Jamshedpur ( I ndi a). Her MithilaPai nt i ngs have been di spl ayed by Ealing Art Group atEal i ng Br oadway, London.Sahasr aBar hani : The CometTr ansl at ed by Jyot iJha Chaudhar yI used t o wr i t e same sequence of dai l y r out i ne l i keI got up, af t er bei ng f r esh t ook bat h t hen had br eakf ast ,t hen sat f or st udi es, had l unch, went t o school , r et ur nedf r om school , had supper , pl ayed wi t h f r i ends,r et ur ned122


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्home , cl eaned gl ass of l amp , r ead, had di nner , went t o bedet c.We had t o submi t two days diary on Monday as t her ewas hol i day on Sundays.The eager ness t o cel ebr at e 15 th August , t hei ndependence day used t o be di f f er ent i n t hose days.Weused t o cheer f or i ndependence and t he gr eat f r eedomf i ght er s.I coul dn’ t under st and why he t ol d us not t of i ght at t hat t i me however I got i t i n t he next mor ni ngwhen I hear d t he cr owd cheer i ng whi l e cr ossi ng t he bor derof t he vi l l age.Ther e was a bi g f i ght t ook pl ace whenchildren of Mahi nat hpur wer e cr ossi ng t he vi l l age.Af t era gr eat ef f or t i t was st opped.When I came t o vi l l aget hen seni or st udent s st ar t ed t el ling their story aboutt he quar r el how t hey beat ed t he chi l dr en of ot her vi llageby pushi ng t hem i nt o t he pond.They wer e l ooki ng t o t aker evenge next t i me agai n but t hi s t i me t oo................Next year , same meet i ng t o est abl i sh peace and al lbut that time t he nei ghbour vi llager had changed t hei rway .Fi ght i ng was a ki nd of f est i val . The f i ght coul dbegi n on ver y l i t t l e t hi ngs l i ke br eaki ng of bot t l e ofchocol at e i n t he shop i n Dur ga Puj a f ai r . Once an ol d manhad sl apped a youngst er but af t er t hat no one cont i nuedthe story. Ever y one st ar t ed conf i r mi ng t hat i t was t hatstory. No one was telling that story. I coul dn’ t hi de myeager ness and asked t hem what was t hat st or y t hat wasknown t o ever yone except me.VI DEHA MAI THI LISANSKRI T TUTORअहं मागे र् गािम एकः सप र्ः आगतः। हम रासँ जा रहल छलहु ँ आिक एकटासा ँप आयल।बालकः गित । बालकाः पठ ।123


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्बालक जाइत रहय। बालक सभ पढ़◌ैत रहय।गायकाः गायि । सेवका काय ं र् कुवि र् ।गायक गबैत रहिथ। सेवक सभ काय र् करैत रहिथ।िशक्षकाः पाठयि । वय ं िलखामः ।िशक्षक लोकिन पढ़◌ाबैत रहिथ। हम सभ िलखैत रही।वय ं ोकः वदामः । वय ं हसामः ।हम सभ एकटा ोक पढ़◌ैत छलहु ँ। हम सभ हसैत छलहु ँ।वय ं उपिवशामः । वय ं खादामः ।हम सभ बैसल छलहु ँ। हम सभ खाइत छलहु ँ।वय ं खादामः । वय ं पामः ।हम सभ खाइत छलहु ँ। हम सभ देखैत छलहु ँ।सुधाखः अि। सुधाखः भं अभवत्।च◌ॉक अिछ। च◌ॉक टूिट गेल।ी िवयाः हे क्षतः अभवत्। मम ानम ्/ भोजनम ्/ प ूजा/ जिदनम ् अभवत्।ी िवाक हाथसँ क्षित भऽ गेल। हमर ान/ भोजन/ प ूजा/ जिदन भेल।मम परीक्षा न अभवत्। भारतदेशः तंः अभवत्।हमर परीक्षा निह भेल। भारत देश तं भेल।मम िवालये वािष र्कोव अभवत्।हमर िवालयमे वािष र्कोव भेल।मम आनः भवित। मम आनः अभवत्।124


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्हमरा आन होइत अिछ। हमरा आन भेल।ताः द ुःखं भवित। ताः द ुःखम ् अभवत्।हुनका(स्ी.) द ुख होइत छि। हुनका द ुख भेलि।सः मम पुकं पिठतवान ्। एतत् ा अ श योगः करणीयः।गशः/ नरेशः मम पुकं पिठतवान ्। गश/ नरेश हमर पुक पढ़लि।सः िगरीश पुकं पिठतवान ्। सः क पुकं पिठतवान ्।ओ िगरीशक पुक पढ़लि। ओ ककर पुक पढ़लि।सः तव पुकं पिठतवान ्। सः त पुकं पिठतवान ्।ओ अहा ँक पुक पढ़लि। ओ ककर पुक पढ़लि।सः मम कथा ं पिठतवान। सः मम ं पिठतवान ्।ओ हमर कथा पढ़लि। ओ हमर पढलि।सः मम कादरी/ उपासं/ िटणीं/ ं पिठतवान ्।ओ हमर कादरी/ उपास/ िटणी/ पढ़लि।सः मम पुकं िलिखतवान/ दवान/ चोिरतवान/ नीतवान/ दृवान/ / ािपतवान/पािठतवान/ िषतवान/ नािशतवान/ खािदतवान।ओ हमर पुक िलखलि/ देलि/ चोरेलि/ लऽ गेलाह/ देखलि/ राखलि/पढ़◌ेलि/ पठेलि/ नाश केलि/ खेलि।छाः ंथालय ं गित, पुकं पठित। छाः ंथालय ं गा पुकं पठित।छा ालय जाइत छिथ, पुक पढ़◌ैत छिथ। छा ालय जा कय पुकपढ़◌ैत छिथ।पुकं पिठा िना ं करोित।125


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्पुक पढ़ि◌ कऽ सुतैत छिथ।ानं कृा प ूजा ं करोित। ान कऽ कय प ूजा करैत छिथ।ोकम ् उा क्षीर ं िपबित।ोक बािज कऽ द ूध िपबैत छिथ।छाः िवालय ं गित। पाठं पठित।छा िवालय जाइत छिथ। पाठ पढ़◌ैत छिथ।छाः िवालय ं गा पाठं पठित।छा िवालय जाऽ कय पाठ पढ़◌ैत छिथ।पुकं पिठा गृहपाठं िलखित।पुक पढ़ि◌ कऽ गृहपाठ िलखैत छिथ।ीिडा- पिठावदित- उाखादित- खािदाकरोित- कृाुित- ृाबालकः गृहपाठं िलिखा िना ं करोित। बालक गृहपाठ िलिख कऽ सुतैत छिथ।सं कृा महापुषः भवित। स बािज कए महापुष होइत छिथ।मिर ं गा देव ं नमित। ानं कृा प ूजा ं करोित।मिर जाऽ कय देवक ाथ र्ना करैत छिथ। ान कऽ कय प ूजा करैत छिथ।द ुगु र्णं ा सनः भवित। द ुगु र्ण ािग सन बत छिथ।126


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्चभूषणः काया र्लयंछिथ।गा काय ं र्करोित। चभूषण काया र्लय जा कऽ काज करैतवय ं इदानीम ् एकं सुभािषतं ृः-सदय ं दय ं य भािषतं सभूिषतम ्।कायः परिहते य किल करोित िकम ्॥य दय ं सदयम ् (दयाप ूण र्म ्) अि य भािषतं (वचनं) सभूिषतम ् (प ूण र्म ्) अि।य शरीर ं परिहते िनरतं कायः (शरीरम ्) अि- य शरीर ं सव र्दा पर (अ) िहतेिनरतम ् अि- तादृ पुष किलः िकं करोित- िकमिप कतुर् ं न शोित, तादृशपुष उपिर कलेः भावः न भवित।कथााप ूव र्क् ृणवु।एकः िभक्षुकः अि। िभक्षुकः ितिदनं िभक्षाटनं करोित। ितगृहं गित- िभक्षा ंदेिह भवती- इित वदित- गृिहणी िभक्षा ं ददाित। िभक्षा पे िकम ् िकम ् ददाित,अं ददाित, धनं/ पुरातन ् वस्ं ददाित- िभक्षुकः िभक्षा ं ीकरोित- आहारः अिअम ् अिप िभक्षुकः खादित, वस्म ् अि- धरित- िभक्षुक गृहं नाि। िभक्षुकःधम र्शालाया ं वासं करोित। िभक्षाटन अनर ं िभक्षुकः धम र्शाला ं गित। िभक्षुकसमीपे एकं तापाम ् अि। िभक्षाटन अनर ं िभक्षुकः धम र्शाला ं गित। धनम ्अि, िभक्षु िकं करोित- धनं तापा ापयित। िकं िचत् कालानर ं तापां प ूण ं र्भवित। तदा िभक्षुकः िवचार ं करोित- बहुधनम ् अि- िकम ् करोिम। सःिचयित- अहं काशीनगर ं गािम- िवनाथ दश र्नं करोिम। पुं सादयािम। इितिभक्षुकः िचयित। िभक्षुकः तापां ीकृ काशीनगर ं गित। तापां ूतेअि। काशी नगरे एका नदी (गा) नदी अि। वास कारणतः िभक्षुकः शरीर ं127


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्मिलनम ् अि। अहं थम ं ानं करोिम अनर ं देवदश र्नं करोिम। इित िभक्षुकःिचयित। िकु ूते तापाम ् अि। ानसमये िभक्षुकः तापा कुापयित। यिद नदी तीरे ापयित- अ हे ददाित- पिरचयः/ िवासः नाि।िभक्षुकः बहुिवचार ं करोित। नदी तीरे सव र् िसाः सि- िभक्षुकः िसाषु एकंगतर् ं करोित- त तापां ापयित- उपिर िसाम सारयित- पुनः िचयित-ानानरम ् अहं कथं जानािम- तापं कु अि- इित। िसाना ं वण र्ः सव र् समानवण र्ः पुनः िचयित- एकम ् उपायम ् करोित- िसािभः एकं िशविलंगम ् करोित।िनिितया ानाथं र् गित। नमार ं करोित। िकं िचत् कालानर ं त अ एकयाीकः आगित। सः पित। नदी तीरे एकः िशविलंगः अि। काशी नगरेएका पित अि। थम ं िशविलंग िनमा र्णम ् अनर ं गंगा ानम ्। सः अिप एकंिशविलंगं करोित ानाथं र् गित। बहु जनाः आगि- सवे र् अिप एक-एकं िशविलंगंकुवि र् ानाथं र् गि।िकं िचत् कालानर ं िभक्षुक ानं समां भवित। िभक्षुकःनदीतीरम ् आगि। अ त सव र् िशविलािन ेन कृतं िशविलं ज्ञातुम ् नशोित। त तापां नं भवित। सः कारणं िचयित। “लोकः गतागितकःअि”।गतागितकोलोकः न लोकः पारमािथ र्कःगासै िलेन नं मे ताभाजनम ्।SAMSKRI T संृतम ् मैिथलीWhen di d youcome?I came t hi smor ni ng.By which train didyou come?I came by t heHi machal -expr ess.कदा आगतवती (स्ी.)।अ ातः आगतवती।केन यान आगतवती।अहं िहमाचल-एस यानआगतवती।कखन अएलह ु ँ।आइ भोरे अएलह ु ँ।कोन गाड़◌ीसँ अएलहु ँ।हम िहमाचल एसगाड़◌ीसँ अएलहु ँ।How was t he कथम ् आसीत् वासः। वास केहेन रहल।128


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহj our ney?http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्It was fine. उमम ् आसीत्। नीक रहल।How many days di dit take?कित िदनाना ं वासःआसीत्।कतेक िदका वासरहय।Ten days. दशिदनानाम ्। दस िदका।I st ayed t her e f orthree days.Di d you goal one?No,I went wi t h myfamily.त अहं िदनय ंितवती।एकािकनी गतवती िकम ्?न, अहं मम पिरवारेण सहगतवती।हम ओऽ तीन िदनरहलहु ँ।असगरे गेल रही की?निह, हम अपन पिरवारकसंग गेल रही।I am ver y t i r ed. बहु ाः अि भोः। हम ब थाकल छी।Ther e was anacci dent on t heway .No one wasseriously injured.मागे र् द ुघ र्टना अभवत्।िवशेषतया कोऽिप निणतः।मामे द ुघ र्टना भऽ गेल।तेना भऽ कय ककरो चोटनिह लगलैक।Let us go by bus. लोकयान गामः। बससँ हमरासभ चली।Who wai t s f ort hat ?कःभोः?तदथंर्तीक्षतेके तािह लेल तीक्षाकरत?Let us t ake at hr ee wheel er .िचिकया एव गामः।हमरा सभ ितनपिहया परचली।When di d you कदा ितवान ्? कखन चलल छलहु ँ?129


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्st ar t ?I st ar t ed daybef or e yest er dayat ni ght .What pl aces di dyou see?परः राौ ितवान ्?िकं सव ं र् दृवान ्?परसुका राितमे िबदा भेलछलहु ँ।की सभटा देखलहु ँ?Gangot r i i s ver ybeaut i f ul .गाोी बहुभोः।सुरी अिगंगोी तँ ब सुरअिछ।That wat er f al l i sjust fanatic.I coul dn’ t seet hat .Due t o Deepaval ithe train was verymuch cr owded.सः जलपातः नाम महत्अुतम ्।तत् अहं ुं नशवती।दीपावलीकारणतः यामहान ् सद र्ः आसीत्।ओ जलपात तँ अुतअिछ।हम ओ निह देिख सकलहु ँ।दीपावलीक कारण गाड़ ीमेब भीड़ छल।It was a memor abl ej our ney.अिवरणीयःआसीत्।वासःअिवरणीय वास छल।(c)२००८. सवािधकार र् लेखकाधीन आ’ जतय लेखकक नाम निह अिछ ततयसंपादकाधीन। िवदेह (पािक्षक) संपादक- गजे ठाकुर। एतय कािशत रचना130


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास १० अंक २०)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्सभक क◌ॉपीराइट लेखक लोकिनक लगमे रहति, मा एकर थम काशनक/आका र्इवक/ अंजी-संृत अवादक ई-काशन/ आका र्इवक अिधकार एिह ई पिकाकेँछैक। रचनाकार अपन मौिलक आऽ अकािशत रचना (जकर मौिलकताक संप ूण र्उरदािय लेखक गणक म छि) ggaj endr a@ yahoo. co. i n आिकggaj endr a@ vi deha. com केँ मेल अटैचमेक पमेँ . doc, . docx, . r t f वा. txt फ◌ॉमे र्टमे पठा सकैत छिथ। रचनाक संग रचनाकार अपन संिक्ष पिरचय आ’अपन ैन कएल गेल फोटो पठेताह, से आशा करैत छी। रचनाक अंतमे टाइपरहय, जे ई रचना मौिलक अिछ, आऽ पिहल काशनक हेतु िवदेह (पािक्षक) ईपिकाकेँ देल जा रहल अिछ। मेल ा होयबाक बाद यथासंभव शी ( सात िदनकभीतर) एकर काशनक अंकक स ूचना देल जायत। एिह ई पिकाकेँ ीमित लीठाकुर ारा मासक 1 आ’ 15 ितिथकेँ ई कािशत कएल जाइत अिछ।(c) 2008सवािधकार र् सुरिक्षत। िवदेहमे कािशत सभटा रचना आ' आका र्इवक सवािधकारर्रचनाकार आ' संहका र्क लगमे छि। रचनाक अवाद आ' पुनः काशन िकं वाआका र्इवक उपयोगक अिधकार िकनबाक हेतु ggaj endr a@ vi deha. co. i n परसंपकर् क। एिह साइटकेँ ीित झा ठाकुर, मध ू िलका चौधरी आ' रि िया ारािडजाइन कएल गेल।िसिरु131

Hooray! Your file is uploaded and ready to be published.

Saved successfully!

Ooh no, something went wrong!