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'िवदेह' ७२ म अंक १५ िदस र २०१० (वष र् ३ मास ३६ अंक ७२)

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िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAI SSN 2229-547XVI DEHA'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसर२०१० (वष र् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong>७२)िव दे ह िवदेह Vi dehaিবেদহ ht t p:// wwwvi . deha. co. i n िवदेह थम मैिथली पािक्षक ईपिका Vi deha I st Mai t hi l i For t ni ght l y eMagazi ne नव <strong>अंक</strong> देखबाक लेल प ृ सभकेँ िरश कएदेख ू। Al ways r ef r esh t he pages f or vi ewi ng newissue of VIDEHA. Read i n your own scr i ptRoman( Eng)Guj ar at i Bangl a Or i y a Gur mukhi Tel uguTami l Kannada Mal ayal am Hi ndiएिह <strong>अंक</strong>मे अिछ:-१. संपादकीय संदेश२. ग1


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA२.१. िकशन कारीगर- आब मािन जाउ ।(एकटा हा रेिडयो नाटक)२.२. रिवभूषण पाठक- नाटक ‘िरहस र्ल’२.३.१. िश वकुमार झा िट ल ्ल ू- मैिथ ली नाटककिव कासमे आनंद जीक योगदान २.गजेठाकुर- चािरटा अंजी नाटक- डार फॉस,सैमसन एगोिनेस, मडर्र इन द कैथेल आस्ाइफ2


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA२.४.काश च- योग एका ंकीक र ंगम ंचीय योग२.५.१ धीरेन ् कुमार- एका ंकी- जरैतमोमबी २ डा. शेफािलका वमा र्- एका ंकी-एकटा आर महािभिनष्मण२.६.१. ोित सुनीत चौधरी एका ंकी- केसर २.मैिथली किवियीचौधरीसँ मुाजीक ग-सीमित ोित सुनीत3


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA२.७.१. सुजीत कुमार झा- िबहारोमे मैिथली—मैिथली िमिथलाक िवधायक सभ मैिथलीमे सपथ लेलि२. रमेश- बहस- पंकज पराशरक सािहिकचोिर मैिथली सािहक कारी अाय िथक ३.उमेश म ंडल सुपौलक कथा गोष ्ठी : ४ िद सम ्बर२०१०२.८.१. िवनीत उल- दीघ र्कथा- घोड़◌ीपरचढ़ि◌ लेब हम िडी - दोसर भाग २.अकलेश म ंडल- लघ ुकथा- टीटस ३.किप लेर राउत- कथा- िक सानक प ूजी ४4


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAराम िव लास साहु- लघ ुकथा- पिर मकभीख ५.आत् मबलभारत भूषण झा- कथा-३. प३.१. डा. नरेश कुमार ‘िव कल’ द ूटा गजल5


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA३.२. पंकज झा- ३टा प३.३. ोित सुनीत चौधरी -सैाकअि३.४. राजेश मोहन झा- किव ता- उनटा-पुनटा6


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA३.५. नवीन कुमार आशा -द ूटा प३.६.१. संजय कुमार म ंडल- किव ता- मीता हमरामोन पड़◌ैए २.हाइपर लेखनीराजदेव म ंडल-किव ता-३.७.१ िश वकुमार झा िट ल ्ल ू- किव ता- सािह त् यकिव द ूषक २आज ुक तापेश कुमार झा 'ोंथ'- हम छी7


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA३.८. गंगेश गुंजन- राधा- २७ म खेप४. िमिथला कला-संगीत-१. ेता झा चौधरी२. ोित सुनीत चौधरी ३ ेता झा(िसंगापुर). बालाना ं कृते- पंकज झा (बाल किवता)मा ँ गई मा ँ8


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA. भाषापाक रचना-लेखन -[मानक मैिथली],[िवदेहक मैिथली-अंजी आ अंजी मैिथली कोष (इ ंटरटपरपिहल बेर सच र्-िडनरी) एम.एस. एस.ू.एल. सव र्र आधािरत -Based on ms-sql ser ver Maithili-Englishand Engl i sh-Mai t hi l i Di ct i onar y.].VI DEHA FOR NON RESI DENTS. 1.Original Poemin Mai t hi l i byKal i kant Jha " Buch"Tr ansl at ed i nt o Engl i sh byJyot i Jha Chaudhar yिवदेह ई-पिकाक सभटा पुरान <strong>अंक</strong> ( ल, ितरह ुता आदेवनागरी मे ) पी.डी.एफ. डाउनलोडक लेल नीचा ँक िलंकपरउपल अिछ। Al l t he ol d i ssues of Vi deha e9


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAj our nal ( i n Br ai l l e,Ti r hut a andDevanagar i ver si ons ) ar e avai l abl e f orpdf downl oad at t he f ol l owi ng l i nk.िवदेह ई-पिकाक सभटा पुरान <strong>अंक</strong> ल, ितरहुता'आ देवनागरी पमे Vi deha e j our nal sall old issues in Braille Tirhutaand Devanagar i ver si onsिवदेह ई-पिकाक पिहल ५० <strong>अंक</strong>िवदेह ई-पिकाक ५०म सँ आगा ँक <strong>अंक</strong>िवदेह आर.एस.एस.फीड।"िवदेह" ई-पिका ई-पसँ ा क।अपन िमकेँ िवदेहक िवषयमे स ू िचत क।↑ िवदेह आर.एस.एस.फीड एनीमेटरकेँ अपन साइट/ब्लॉगपर लगाऊ।10


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAब्लॉग "लेआउट" पर "एड गाडजेट" मे "फीड" सेलेकए "फीड य.आर.एल." ू मेht t p:// wwwvi . deha. co. i n/ i ndex. xml टाइप केलासँसेहो िवदेह फीड ा कए सकैत छी। ग ूगल रीडरमे पढबालेल ht t p:// r eader . googl e. com/ पर जा कऽ Add aSubscr i pt i on बटन िक क आ खाली ानमेht t p:// wwwvi . deha. co. i n/ i ndex. xml पे क आAdd बटन दबाऊ।मैिथली देवनागरी वा िमिथलाक्षरमे निह देिख/ िलिख, ( /पािब रहल छी cannot see wr i t eMai t hi l i i n Devanagar i /Mi thilakshara followlinks beloworcont act at ggaj endr a@ vi deha. com) तँएिह हेतु नीचा ँक िलंक सभ पर जाऊ। संगिहिवदेहक ंभ मैिथली भाषापाक/ रचना लेखनक नव-पुरान <strong>अंक</strong> पढ़◌ू।:// . /ht t pht t pdevanaagar i i netkaul onl i ne comuni nagar i:// . / / (एतएबॉमे ऑनलाइन देवनागरी टाइप क, बॉसँ कापीक आ वडर् डाुमेटमे पे कए वडर् फाइलकेँसेव क। िवशेष जानकारीक लेलggaj endr a@ vi deha. com पर सकर्11


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAक।)(Use Fi r ef ox 3. 0 ( f r omWWWMOZI . LLA. COM )/ Oper a/ Saf ar i /I nt er net Expl or er 8 0 Fl ock 2 0Googl e Chr ome f or best vi ew of' Vi deha' Mai t hi l i e-j our nal athttp:// wwwvidehacoin. . . / .). / . /Go t o t he l i nk bel ow f or downl oad of ol di s s ues of VI DEHA Mai t hi l i e magazi ne i n. pdf f or mat and Mai t hi l i Audi o/ Vi deo/Book/ pai nt i ngs/ phot o f i l es. िवदेहक पुरान <strong>अंक</strong>आ ऑिडयो/ वीिडयो/ पोथी/ िचकला/ फोटो सभक फाइलसभ (उारण, बड सुख सार आ द ूवा र्क्षत म ं सिहत) डाउनलोडकरबाक हेतु नीचा ँक िलंक पर जाऊ।VI DEHA ARCHI VE िवदेह आका र्इवभारतीय डाक िवभाग ारा जारी किव, नाटककार आ धम र्शास्ीिवापितक ा। भारत आ पालक मािटमे पसरल िमिथलाकधरती ाचीन कालिहसँ महान पुष ओ मिहला लोकिनक कम र्भूिम12


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAरहल अिछ। िमिथलाक महान पुष ओ मिहला लोकिनक िच'िमिथला र' मे देख ू।गौरी-श ंकरक पालव ंश कालक मिर्, ू एिहमे िमिथलाक्षरमे (१२००वष र् प ूव र्क) अिभलेख अंिकत अिछ। िमिथलाक भारत आपालक मािटमे पसरल एिह तरहक अा ाचीन आ नवाप, िच, अिभलेख आ मिर्कलाक़ ू हेतु देख ू 'िमिथलाकखोज'िमिथला, मैिथल आ मैिथलीसँ सित स ूचना, सकर्, अेषणसंगिह िवदेहक सच र्-इ ंजन आ ूज सिव र्स आ िमिथला, मैिथल आमैिथलीसँ सित वेबसाइट सभक सम संकलनक लेल देख ू"िवदेह स ूचना संपकर् अेषण"िवदेह जालव ृक िडसकसन फोरमपर जाऊ।"मैिथल आर िमिथला" (मैिथलीक सभसँ लोकियजालव ृ) पर जाऊ।13


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA१. संपादकीयमैिथली नाटकक एकटा समानार दिनया ु ँरामखेलावन म ंडार- गाम कटघरा, ख-िशवाजीनगर, िजला समीपुर। िहनके संग िबेरम ंडल सेहो छलाह। उठैत मैिथली कोरस आ - मा ँगै मा ँ तू ँ हमरा ब ंद ूक म ँगा दे िक हम तँ मा ँ िसपाहीहेबै- एख लोककेँ मोन छि। एिह म ंडली ारारेशमा-चूहड, शीत-बस, अा-ऊदल, नटुआ दयालई सभ प नािटका पुत कएल जाइत छल।मैिथली-िबदेिसया- िपआ देसा ँतरक टीम सहरसा-सुपौल-पिण ू र्या ँसँ अबैत छल।हासन-हुसन नािटका होइत छल।रामरक्षा चौधरी नाकला पिरषद, ाम- गायघाट,पंचायत किरयन, पो. वैनाथपुर, िजला- समीपुरिवापित नाटक गोरखपुर धिर जा कऽ खेलाएलछल। एिह म ंडली ारा ुत अ नाटक अिछ-लौिगया ं मेरचाइ, िवापित, चीनीक लू आ बसात।14


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAस ूचना: र ंगकमीर् िमला झा नावि ृ 2010- ोितझा- िदी, िकरण झा, कोलकाता आ िरतु कण,र्पटनाकेँ देल गेल अिछ।मैलोर ंग ारा घोिषत पिहल ोितरीर सानीमित मलता िम म केँ देबाक घोषणा भेलअिछ जे ागत यो अिछ। मुदा आगा ँसँ मैिथलीनाटकक समानार दिनया ु ँकेँ सेहो अिभलेिखत आसािनत कएल जएबाक यास होएबाक चाही।मैिथली-समीक्षा िवशेषा ंक: िवदेहक हाइकू, गजल,लघ ुकथा, बाल-िकशोर िवशेषा ंक आ नाटक-एका ंकीिवशेषा ंकक सफल आयोजनक बाद िवदेहक 15जनवरी 2011 <strong>अंक</strong> मैिथली-समीक्षाक िवशेषा ंकरहत। एिह लेल टिकत ं रचना, जकर कोशक बन छै आ िवषएक, 13 जनवरी 2011धिर लेखक ई-मेलसँ पठा सकै छिथ। रचनाकारअपन मौिलक आ अकािशत रचना (जकरमौिलकताक संप ूण र् उरदािय लेखक गणक म छि)@ . केँ मेल अटैचमेकggaj endr a vi deha comपमेँ .doc, . docx, . r t f वा .t xt फॉमे र्टमेपठा सकैत छिथ। रचनाक संग रचनाकार अपनसंिक्ष पिरचय आ अपन ैन कएल गेल फोटो15


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAपठेताह, से आशा करैत छी। रचनाक अंतमेटाइप रहय, जे ई रचना मौिलक अिछ, आ पिहलकाशनक हेतु िवदेह (पािक्षक) ई पिकाकेँ देलजा रहल अिछ।(िवदेह ई पिकाकेँ ५ ज ुलाइ २००४ सँ एखन धिर१०७ देशक १,६२७ ठामसँ ५३, १८३ गोटे ारा िविभआइ.एस.पी. सँ २,८०,०३२ बेर देखल गेल अिछ;धवाद पाठकगण। - ग ूगल एलेिट डेटा।)गजे ठाकुरggaj endr a@ vi deha.com२. ग16


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA२.१. िकशन कारीगर- आब मािन जाउ ।(एकटा हा रेिडयो नाटक)२.२. रिवभूषण पाठक- नाटक ‘िरहस र्ल’२.३.१. िश वकुमार झा िट ल ्ल ू- मैिथ ली नाटककिव कासमे आनंद जीक योगदान २.गजेठाकुर- चािरटा अंजी नाटक- डार फॉस,सैमसन एगोिनेस, मडर्र इन द कैथेल आस्ाइफ17


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA२.४.काश च- योग एका ंकीक र ंगम ंचीय योग२.५.१ धीरेन ् कुमार- एका ंकी- जरैतमोमबी २ डा. शेफािलका वमा र्- एका ंकी-एकटा आर महािभिनष्मण२.६.१. ोित सुनीत चौधरी एका ंकी- केसर २.मैिथली किवियीचौधरीसँ मुाजीक ग-सीमित ोित सुनीत18


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA२.७.१. सुजीत कुमार झा- िबहारोमे मैिथली—मैिथली िमिथलाक िवधायक सभ मैिथलीमे सपथ लेलि२. रमेश- बहस- पंकज पराशरक सािहिकचोिर मैिथली सािहक कारी अाय िथक ३.उमेश म ंडल सुपौलक कथा गोष ्ठी : ४ िद सम ्बर२०१०२.८.१. िवनीत उल- दीघ र्कथा- घोड़◌ीपरचढ़ि◌ लेब हम िडी - दोसर भाग २.अकलेश म ंडल- लघ ुकथा- टीटस ३.किप लेर राउत- कथा- िक सानक प ूजी ४19


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAराम िव लास साहु- लघ ुकथा- पिर मकभीख ५.आत् मबलभारत भूषण झा- कथा-कारीगरिकशनआब मािन जाउ । (एकटा हा रेिडयो नाटक)पिरचय पात:-20


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA1 राजेश - नायक।2 कमला - नाियका-राजेशक पी उफ र् पाहीवाली।3 महर - राजेशक लंगोिटया दो।4 िवमला - महरक पी उफ र् ठारहीवाली।5 नील ू - िवमलाक सहेली।6 सोनी - नील ूक सहेली।7 मदन - दो ।ट:-भारतीय कापीराइट अिधिनयम के तहतसवा र् िधकार लेखक कें अिधन सुरिक्षत। लेखककिलिखत अमितक िबना नाटकक को अंशक सारणव काशन निह केल जा सकैत अिछ।21


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA। थम दृ।िन संगीतकमलाः- (कक तमसाएल भाव में) मारे मुहॅ धकेएआब बाट तकैत-तकैत मोन अकछा गेल। िहनकािकछू अनबाक लेल निहं कहिलयैन िक एकटा आफदमोल लए लेलहॅ◌ू।तख राजेशक वेश।राजेश:- (दाक िनशा में बरबराइत) हे यै पाहीवाली कतए छी यै एर आउ यै पाही वाली।22


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAकमला:- (ख ूम िखिसयाएल भाव मे) लगैत अिछ जेनाप ूरा अरा बजारे खरीद आिब रहल छिथ। तिहारे अराएल छिथ।राजेशः- हे यै पाही वाली अहॉ जूनी िखिसयाउएकबेर हमर गप सुन ू ।कमलाः- हम िक खाक सुन ू अहॉ के तए हमर कोिफिकरे निह रहैए।राजेशः-( िनशा में मातल गबैत अिछ) िभजलठोर अहॉके।कमलाः- हे दैब रै दैब अहॉक एहेन अवा देिखतए हमर ठोर मुहॅ सुखा गेल आ अहॅ◌ा कहैत छीजे िभजल अिछ।23


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAराजेशः- अहॉ फुिसयाही ं के खंउजा रहल छी गीतसुन ू । ासल िदल ल..ल हमर।कमलाः-( खउं जा के) हे भगवान एतेक पीबलाकबादो अहॉके िपयास लगले अिछ तए हैए िलअ घैलामेहक ठंढा पािन।राजेशः- (हॅ◌ंसैत बरबराएत अिछ) अहॅ◌ू कमाले कएरहल छी पिह गीत सुिन िलयए ।राजेशः- िकयो हमरा संगे िभंसर तक रहतैतकरा हम करबै ख ूम ार ओ...हो...ओहो...हो...ओ..हो...हो।कमलाः- आब िक खाक ार करब । आब एकपहर बाद िभंसरो भए जेतैए।24


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAराजेशः- (गीत गबैत गबैत स ूतबाक यास) आिसटी बजा रहल अिछ।कमला:- हे महादेव एहेन गबैया के नींद दएिदऔय।राजेशः- आब हियए हम नानी गाम गेलहॅ◌ू आ अहॉअपना गाम सॅ जलखै आउ।कमला:- अा आब ब ूझन ूक बा जें का चुपेचापकले-बले सित ू रहू ।राजेश:- ठीक छै पाही वाली जॅ◌ं अहॉ◌ं कहैत छीतऽ हम स ू ित रहैत छी मुदा जलखै बेर मे हमराउठा देब।राजेश स ू ित रहैत अिछ।25


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA।दृ समा।दृ-2 ार ंभ।िचडैय चुनम ून के चू ं...चू ं कें नीकमला:- (राजेश के उठबैत) हे यै आब उिठ जाउ िभंसर भए गेलैए।राजेश:- पाही वाली अहॉ◌ं ठीके कहैत छी की?कमला:- ठीके निहं तऽ की झ ूठ कक अप ऑ◌ंिखसॅ देखू िभंसर भऽ गेलै।राजेशः- हॅ◌ं यै ठीके मे िभंसर भऽ गेलैए अातऽ आब हम मॉिनंग र् वॉक मा घिम ू िफरी कऽ अबैतछी।26


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAकमला:- अा ठीक छै त जाउ मुदा जीए घ ूमी कचली आएब। ताबैत हम चाह बना के रख रहैतछी।राजेशः- बेस तऽ आब हम घ ूम अबैत छी। ओके बाई-बाई।राजेशक घर सॅ◌ं ान।पाकर् में बातचीत करबाक नी भाव।महर:- (दौिग रहल अिछ आ हॉिफ लैत) भाईआई काि राजेश लंगोिटया देखबा मे निह आिबरहल अिछ।27


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAमदन:- (खैनी चुबाक पटपट) से तऽ ठीके मेभाई हमरा तऽ ब ूझना जाइए जे ओ तऽ सासुर मेम ंगनीक तआ तोडी रहल अिछ।महर:- से जे करैत हुए मुदा भेंट तऽ करबाकचािह।मदन:- (हरबडाइत) हई ए ए ई िलयअ नाम लैतदेरी राजेश सेहो आिबए गेल।दौगल अबैत राजेशक वेश।महर:- (राजेश के देखैत) ओई-होई हमर दोसिक हाल चाल छौ।राजेशः- हम तऽ ठीके छी भाई तू अपन कह िकसमाचार।28


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAमदन:- राम राम यौ लंगोिटया भाई।राजेशः- (हॅसैत) आहा हा हा राम राम यौिचकिटया भाई।मदन:- राजेशक हाल तऽ हमरा सॅ◌ं प ूछू बेचारािचंता सॅ◌ं सनठी जें कॉ◌ं स ूखा गेल।राजेश:- िक भेलैए एकरा से कहब को द ुखतकलीफ आफद िवपैत।मदन:- (राजेश स)ॅ हमरा सॅ त िनक जे राजेशभाई अप किहए दहक तखन इहो बकलेल छौडाबिझए ू जेतैए।महर:-( उदास भऽ कें ) भाई िक किहयौअजिहया सॅ ठारही वाली िस कें अपना हर चैलगेलैए हमरा तऽ एो कनमा िने निह लगैतअिछ।29


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAराजेश:- िकएक तू ं भाउिज के मलही निह?महर:- हं रौ भाई कतबो मिलयैए मुदा ओनिह मानलकै।राजेशः- से िकएक एहेन िक भऽ गेलैए जेभाउजी मुहॅ फूलौ ठारही चिल गेलौह।महरः- हमरा दा पीबाक िहसक छल एिह ारेहमर ठारही वाली सपत देलक मुदा हमर िहसक छूटल।राजेशः-( िकछू सोचैत) हमरो पाही वाली हमरा सॅसल रहैत अिछ िकएक तऽ ओकर फरमाईश जेप ूरा निह केिलयै।मदनः- (खैनी चूबाक पटपट अवाज) हें हें हा हाहम तऽ कहैत छी द ून ू गोटे अपना-अपना किनयॉ◌ंके मना िलयअ आ झगरे खतम।30


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAमहरः- अहॉ ठीके कहलहूॅ◌ं मदन भाई। आबहम अपना ठारही वाली के मनाएब।मदन:- हर हर महादेव तऽ झट सॅ◌ं िनकाल ू हमरसवा पैया दिक्षणा।महरः- ओकरा साम सपत खाएब जे आब हमदा के मुहॅ◌ं निह लगाएब।राजेशः- तऽ देिर िकएक? चल ठारही वालीभाउजी के मबाक लेल अंधराठारही चलैत छी।महरः- ठीके रौ भाई चल। मुदा जाइ सॅपिह तू ं अपना पाही वाली के फोन कऽ दिह ।राजेश:- तू ं ठीके किह रहल छें हम एख फोनलगबैत छी।मोबाइल सॅ◌ं फोन लगेबाक नी भाव31


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAर:- मिहलाक अवाज़ हेो ।राजेश:- हम आई घर निहं आएब। िकएक तऽ हममहर संगे ओकर सासुर जा रहल छी।रः- अहॉ◌ं के तऽ एो रित हमर फरमाईशमोन निह रहैए।राजेशः- पािह वाली अहॉ जूिन िस हम अहॉ लेलिकछू िकछू आएब।र:-ठीक छै तऽ जाउ मुदा जीए चिल आएब।बाई- बाई।राजेशः- बेस त बाई-बाई।फोन कटबाक नी।राजेशः- पाही वाली तऽ मािन गेलैए चल आबठारही वाली के मनबैत छी।महरः- हॉफैत हं हॅ◌ं हं िकएक निह? जीदौगल चल।32


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAमदनः- भ भ भाई हमर द द दिक्षणा।हॅसैत हॅसैत महर आ राजेशक ान।मदन:- (हॅिस क) ई द ून ू गोटे त सासुर चिल गेलत आब हमहू जाइत छी बाब ूबरही अपना पंिडताइनके भेंट कए आिब। हें हें हें।दृ -3लडकी के जोर सॅ◌ं हॅसबाक अवाज़(नील ू आ सोनी द ून ू गोटे गीत गािब हॅसी मजाककरै मे लागल अिछ)नील ूः- गीत गबैत आिब जाउ एके बेर आिबजाउ।33


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAसोनीः- केकरा बजा रहल छीिह गे आ आ आिबजाउ।नील ू-( मुि मारैत) केकरो निह तोरा ओझा के।सोनी:-(गीत गबैत) तऽ किह सोझहा आिब जाउएक बेर आिब जाउ।ताबैत महर आ राजेशक वेश।नील ूः- द ून ू गोटे के देखी क) द ूा बाब ू आिबजाउ एक बेर आिब जाउ।महर:- अहॉ बजेलहू◌ू ॅ◌ं आ हम हािजर। कहूसमाचार।सोनीः- ठीके मे गै बिहना देखही गे एहेनधरफिडया द ूा देखल ।नील ूः- णाम यौ पाहुन। रा मे को िदसतऽ निह भेल ?34


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAमहरः- िदस िक खर ंजा आ टूटलाहा िपच परसाइिकल चलबैत काल हार पा ंजर एक भऽ गेल।सोनी:- त आब मजा आिब रहल अिछ।राजेशः- मजा तऽ आिब रहल अिछ मुदा हमराभाउजी सॅ◌ं भेट करा िदतहॅ◌ू तए ठीे मे मजाआिब जेतैए।नील ू :- अहॉ◌ं के निहं िचलहूॅ◌ं यौ हरबिडयापाहुन।राजेशः- हॅ◌ंिस क हा हा हा हमरा निह िचलहूॅहम अहॉ पाहुनक लंगोिटया दोस राजेश छी।(सभ गोटे ठहा लगबैत)सोनीः- अहॉ◌ं कतेक नीक बजैत छी। चल ू घ ूमैए लेल।35


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAनील ूः- हॅ यौ पाहुन चल ू चल ू गाछी कलम आ खेतपथार सभ देख अबैत छी।राजेशः- हॅ◌ं हॅ◌ं िकएक निह चल ू तीन ू गोटेघ ूम अबैत छी।ठहा लगबैत तीन ू गोटेक ान।महर:- वाह रे िकत। सासुर हमर मुदा मान-दान एर। हाई रे िकत के खेल।तखन गीत गबैत िवमलाक वेश।(गीतक नी- िपया परदेश सॅ पजेब एब यौिपया)िवमलाः- आय र् भाव सॅ◌ं अ अ अहॉ◌ं।36


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAमहरः- हॅ अहॉ बजेलहूॅ आ हम हािजर छी।कहू कुशल समाचार।िवमलाः- (िस क बजैत) अहॉ◌ं के बजेलकके? जाउ हम अहॉ सॅ निह बाजब।महरः- अहूॅ◌ं त कमाले करैत छी। देखू तऽहम अहॉक लेल िक सभ अन छी।िवमलाः- (आय र् भाव सॅ) क क िक अन छी हमरालेले??महरः- (ार सॅ) ट...ट...ट टॉफी।िवमला:- अहॉ के टॉफी छोरी आरो िकछू बजार मेनिह भेटल की?महरः- िजलेबी िसंहारा तऽ िकन छलहॅ◌ू अॅिहंकलेल मुदा रे मे भूख लािग गेल तऽ अप खालेलहॅ◌ू।37


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAिवमलाः- (उदास भऽ के) अहॉ◌ं के तऽ एो रितहमर िचंते निहं रहैयए।महरः- िचंता रहैयए तिह ारे तऽ आब हम दािपअब छोिड देलहूॅ।िवमलाः-( अकचका के) ठीके मेमहरः- हॅ◌ं हॅ◌ं हम सपत खे छी की आब हमदा किहयो िपअब।िवमलाः- ई त ब िनक गप। आब हम िकछूफरमाईश करी त?महरः- (हॅसैत) अहॉ◌ं फरमाईश त क हम प ूराअंधरा बजारे घर उठौ चिल आएब।तख िनल ू सोनी आ राजेशक वेश।नील ू :- दीदी-दीदी चल आई पाहुन संगे बजारघ ूम अबैत छी।महरः- हं हं चल ू-चल ू देिर भए जाएत आईअहॉ◌ं सभ कें अंधरा बजार घ ूमा दैतछी।38


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAठहा लगबैत सभहक ान।दृ-4बजारक दृ िबता सभ के िविभ अवाज़।िबताः- घडी लऽ िलयअ, रेिडयो लऽ िलयअ।िबता:- (डूगडूगी बजबैत) हे िधया प ूता लेलडूगडूगी ल िलयअ डूग-डूग।राजेशः- भाई हमरा एकटा रेिडयो िकनबाक रहै।39


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAिबताः- हईए िलयअ एिह ठाम भेटत कम दाममे िनक रेिडयो।महरः- लगैए तोहर िदमाग कतौह हरा गेलौ।घर मे टी िव छौ तइओ?राजेशः-( अफसोस करैत) तोरा केना किहयौकी।िवमलाः- कहू तऽ सी. िड. टी. िव. के युग में कहूतऽ िकयो आब रेिडयो िकनतैए।राजेशः- (हॅिस क) इ हमरा पाही वाली के पसीनतऽ िछयै तिह ारे त िकिन रहल िछयै।महर:- तखन तऽ एख खरीद ले।राजेशः- हे भाई एकटा बिढया ािलटी के रेिडयोिदहअ।िबताः- ई िलयअ भाई साहेब।40


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAराजेश:- हईए ई िलयअ पाई। पाई देबाक नीभाव।महर:- तऽ चल आब चलैत छी अपना गाम तोरापाही वाली के मबाक लेल।नील ूः- यौ पाहुन आ हम सभ।राजेश:- अहॅ◌ू सभ चल ू हमर गाम घर देिख कआिपस चिल आएब।सोनीः- निह यौ पाहुन पिह हमरा सभ के घरतक छोिड िदयअ। फेर किहयो अहॉ गाम मेलादेखै लेल हम द ून ू बिहन आएब।महरः- ठीक छै तऽ चल ू अहॅ◌ा सभ कें गाम परदए अबैत छी तकरा बाद हम सभ अपना गाम चलजाएब।िवमला:- ई भेल ब ुझक म वला गप।ठहा लगबैत सभहक ान।41


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAदृ-5रसोई घरक दृ। कमला गीत गुनगुना रहलअिछ।तख राजेश महर िवमलाक वेश।राजेश:- सुन ू सुन ू सुन िलयअ .हमर पाहीवाली सुन ू ..।कमला:- हमरा अहॉक को गप निह स ूनबाक अिछ।राजेशः- हे यै जूिन स ू सुन ू .....सुन ू ।कमला:- कहलहूॅ तऽ निह स ूत िछयैअ।42


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAराजेशः- अिहं के सुनबाक लेल त बजार सॅ◌ंअनलहॅ◌ू। देख तऽ िलयअ।कमला:- (िखिसयाअ के) हम िक को अहॉ◌ंजं◌ेका बिहर छी??राजेश:- (अफसोस करैत) पाही वाली के हमकेना ब ुझबई जे इ को फरमाईश के रहैए।िवमला आओर महर एक दोसर सॅ कनफूसकी ं कऽगप करैत।महर - (िवमला सॅ◌ं) लगैए कमला के िकछूब ूझहेबाक चािह।िवमला - कमला बिहन एतेक िखिसयाएल िकएक छी।हमरा त कैह सकैत छी।कमला - िहनका की किहयैन बिहन। पिहल सालगीरहके िदन िहनका सॅ िकछू फरमाईश के रिहयैन मुदािहनका तऽ को िधया निहं रहैत छिन?43


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAहम त’ ब ुझलहु ॅ अहॉ संवाद यािद करित होएब ।रामवेश - आब त’ दस विरस भ’ गेल इएह सबक’ रहल छी आबहु संवादे रटाएब ?हेमच - संवाद रटनए को कुकाय र् त’ निह अिछ।रामवेश - हम सब विर कलाकार भेलहु ॅ। आबएते अभव त’ अिछए जे कतहु अटकब त मोसॅ जोड़ि◌़ सकैत छी ।(पुनः गाबैत छिथ‘‘हमर ता जीबड िनन लगै छिथकुरता आ टोपीसुरेबगर लगै अिछ ‘‘)हेमच अपन म ूडी नीचा के बैसल छिथ53


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAरामवेश - बात ई जे चुनाव नजदीक आिब गेल।एिह बेर हम िवधायक जी क’ तरफ सॅ चारकरब ।ब ूझ ू जे हम, महे , देवनाथ आ बौआझामतलब िक प ूरा म ंडली ।(स मुा़ मे गरदिन िहला िहला क’ बािज रहलछिथ )‘‘हमर ता देवद ूतओ छिथ िमिथला के प ूतहमर ता के ़़़़़़.............िजतािबयौ ओ लोक सबिजतािबयौ ओ लोक सब ........(हेमच क’ चेहरा पर ोध आिब रहल छि)हेमच - राम वेश अहॉ हमरा बेइत क’रहल छी । हम अहॅ◌ा क’ द ुआिर पर द ू घंटा सॅबैसल छी आ अहॅ◌ा तेसरे राग अलाप छी ।राित54


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAमे नाटक कोना हेतए एकर अहॅ◌ा के को िचानिह ।रामवेश - हम िचा क’ के िक करब ?जखनिचा क’ के हम अन ईा प ूरा निह क’ सकइ छीत’ दोसर के िचा क’ के िक द’ देबए ।हेमच - िक मतलब ?रामवेश क’ साथी - गायक जी असंतु छिथ ।िहनका वौिसओ ।रामवेश - अहॅ◌ा चुप रहू । देिखयौ का जीहमर िगत समा त’ िगते अिछ ,ओिह क’लेल हमरा ककरो सॅ िशकायत िकएक रहत? मुदा,जहॉ तक नाटक क’ बात छैक ,,,,, (द ू सेके चुपभ’ के बाजैत छिथ ) अहॉ त’ जात छी जे हमरकी र अिछ आ’ परमेश क’ की ? ई गलती तदेवता सॅ भेले जे ओ हमरा बीकू जाित मे जनिह देलाह ।धम र् आ समाज त’ पिहले गीिल गेलाहआब सािह आ नाटको के गीिल के बैसताह । सबमुख भूिमका त’ बीकूए सब डकािर रहल अिछ।55


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAथम <strong>अंक</strong>- तीनदृ(हेमच क’ घर, िवापित,शेपीयर ,कािलदास,जयश ंकर साद, नागा र्ज ुन क’ फोटो दीवाल परटा ंगल अिछ । दीवाले पर िकछु िविशपोशाक,मुखौटा सेहो राखल अिछ । हेमच माथपर हाथ रािख बैसल छिथ )धीरे क वेश ।धीरे - का गोड लगैत छी,बीस िकलो राहिडक दािल भेिज देलहु ॅ । खबास आनलक िक निह?हेमच -- दािल के मॉग छल ?धीरे -- मॅगबा क की योजन ?हमर घर अहॉक’ घर ।हेमच -- घर त’ ठामे अिछ । सत सत बाजूराहिड भेजलह ु ॅ ,को रोल करवा क’ अिछ की?56


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAधीरे -- हें हे ह...... देितअई त’ नीके छल ।हेमच - कोन रोल चाहैत छी ?धीरे -- हें हे हें िवापित बला रहतए रेतखन........हेमच -- लाज धरम उठा क’ पी गेलऊॅ? अपनराहिड अप संग राख ू आ भाग ू एिह ठाम सॅ उठू ़.....उठू ।धीरे -- (कत)- का जी गोड पकडैतछी । एक बेर िवापित बला रोल द िदअओ ।अहॉ क पुतहू के सेहो किह देिलए। दरभंगावाली त’ आइ राित मे देखवा क’ लेल अओतीह ।हेमच -- किनया के किह देिलए ,,,,,से ककरोसॅ पुछिलअइ?धीरे --रातु क’ बात छलइ यौ का जी ।आब जे निह देबइ रोल त नाक किट जायत ।(प सॅ मिहला आवाज - हेमच जी क पीमािनिन)57


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAमािनिन -- धीरे बाब ू छिथ । हुनका रोकब, एकटास ूइया लेवा क’ अिछ ।हेमच --कोन स ूइया क’ बात करैत छिथ(धीरै सॅ)धीरे -- काि माथ मे दद र् छलि । एकटास ूइया त कािए द’ दे छिलयइ दोसर आइदेबइ ।हेमच -- ई स ूया किहया सॅ द’ रहल छी ।धीरे -- एक हपता भ’ गेल । काकीए सॅबोिहनी कएलहु ॅ । िदन मे द ू-तीन टा स ूइया ककरो ककरो जरे घोिप दैत िछअइ।हेमच -- ( धीरे के डेिनयाबैत )हमरा किनया क तू स ूइया भोकबहक त’ तोरा हमभाला भोिक देब’ । चल’ िनकल’ एिह ठाम सॅ ।(प सॅ - हेमच जी छी अओ)हेमच -- आब ू - आब ू महेश जी ।58


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAमहेश -- नाटक क’ वा त’ सब भ’ गेल होयत।हेमच -- औखन तक िकछु निह भेल अिछ आअसंभव लािग रहल अिछ जे िकछु होयत ।महेश -- चल ू बाहर चल ू सब वा भ’ जेतइ ।(द ून ू ान करैत छिथ, रा मे िदगर सॅ भेंटभ’ जाइत छैक)हेमच -- िदगर जी हम आदमी के भेिजरहल छी तीन - चािर टा चौकी भेिज देबइ ।िदगर - एिह बेर चौकी निह देब ।हमरा ओिहठाम पाहुन आिब रहल छिथ ।हेमच -- पाहुन त’ चािर िदन बाद अओताह।िदगर - तैयो एिह बेर निह देब ।(पुनः आग ू बढैत छिट)महेश - ई िबसार जित क’ आदमी सभ नाटक िकब ूझत अस !नीच !देिखयौ को बीकू जाित59


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAक’ आदमी भेटत आ काज भ’ जायत ।देिखयौपीतार का आिब रहल छिथ (पीतार सॅ ) कासुनब..... ई - तीन टा छौरा -छपाठी जा रहल अिछचौकी द’ देबए ।पीतार - अओ बाब ू । सभ चीज त’ ब नीकमुदा चौकी टूि◌ट जायत तखन ? । एह नाटककरैत छी अहॉ सब । सब पा द ुबा र्सा आ िवािमजॅका कूदैत रहैत अिछ । पिछला बेर चौकी क’पड टूिट गेल छल।( हेमच आ महेश ान करैत छिथ)हेमच -- देखिलअइ बीकू जाित क’ िया कम र्।चौकी निह देताह । पड टूिट गेले... । राखहचौकी अपना,,,,, ओिह में ।महेश -- लागैत अिछ एिह बेर जाा खराब भ’गेल । सु ,,,,, चल ू हमान जी क’ णाम क’के पिह चा वला काज शु क’ दैत छी ।( द ून ू ान करैत छिथ )60


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA- थम<strong>अंक</strong>चािरदृमिर क’ ॉगन। ओिह मे पॉच सात आदमी बैिसके तास खेला रहल छिथ । चािर टा मु िखलाडीआ ेक के पाछू मे तीन तीन आ चािर चािर टाआदमी बैसल अिछ । भदेश एकता पी दैत अिछएिह पर द ू टा जोड सॅ हॅिस पडैत आिछ )भदेश - निह निह हम ई निह िदय’ चाहैत छलहूॅ,ई गलती सॅ िगर पडल ।कलेश -- अहॅ◌ा ब चाल ू छी । बीबी लािग गेलत’ गलती सॅ िगिर पडल ।(कु भ’ के ) एनापा उठाएब त हाथ तोिड देब।भदेश -- रौ बिह !चुप रह, काि तीन तीन बेरबीबी लगे छिलयउ।यािद छओ िक निह ,आई फेरलगेबओ।61


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA‘बीबी को लगाया जाएगा’ ।(सर)कलेश -- ‘फॅ◌ासी पर चढाया जाएगा’ । (सर )भदेस-- बीबी को लगाया जाएगा ।हेमच -- िक अओ बाब ू सब । एना जे एकदोसर बीबी लगबैत रहबए त’ शेष काज कोनाहेतए।(कलेश भदेस क’ िदिस ताकैत छिथ,द ुन ू बेशम र् जॅकामुसिकया दैत छैक )कलेश -- अओ भदेस जी ताबत एक बेर चू-तमाकू चल िदअओ । हेमच जी सेहो अएलाह,कक िहनको बात सुिन लेल जाओ ।महेश - आई नाटक अिछ । आ बात ई जेपया के वा एकदमे निह अिछ से हमसबसोचलहूॅ जे गाम सॅ िकछु चा चुटकी भ जाए ।भदेश -- एखन त हमसब एतिह छी ।62


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAखेल ब ििटकल ेज मे अिछ । औखन निहजाएब। कलेश जी के पािन छोडएवा क’ अिछ ।सॉझ मे अहॉ सॅ भेट क’ लेब ।कलेश - ई िक पिन छोडएताह? । औखन त’एके बेर लगेिलए ,,,,,,,,,,,बेस अहॉ हमरो साथी द’िदअओ । नाटक क’ बाद हम िमिल लेब ।हेमच -- ठीक छैक अहॉ सॅ हम बाद मे ल’ लेबमुदा आओर वा सब कोना हेतए । आई छोडूतास-वास । आउ चल ू म ंचे क’ पास ।कलेस - हमसब सॉझ मे ओिह ठाम पहु ॅच जायब ।अॅहा सब चलै-चल ू। ( ठोर मे ताकू राखैत छी )( हेमच आ महेश िवदा होइत छिथ । राामे एकटा शराबी - सुदश र्न सॅ भेंट होइत अिछ,सुदश र्न लट पटा क बािज रहल अिछ।सुदश र्न -- हयौ हेमच बाब ू । चिल जाउ घरबैस ू। आब के नाटक करत आ के नाटक देखत। जाउ चिल जाउ .......।सभ अपन अपन काजमे मगन अिछ आ अहॉ नाटक लेल िफिफया रहल छी। जाउ चिल जाऊ।63


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAमहेश - चल ू का जी चल ू।हेमच -- ओ एकदम स किह रहल अिछ ।(हेमच आ महेश ान करैत छिथ । िकछुआगॉ बढला पर द ू टा युवक मजीत आ मदन िमलैतअिछ । मजीत मुॅह लटके एकात भ’ गेल अिछआ मदन नजदीक भ’ जाइत अिछ।मदन -- चचा बात ई जे मजीत कहलक जे हमरोल नही करब।हेमच -- िकएक करत ओ रोल ?।मदन -- ओ कहैत अिछ जाबत एक बोतल क’वा निह हेतइ । हमर कं सेंशन निह बनत।हेमच -- बनइ वा निह बनए। बोतल त’ निहएएतए।महेश -- अरे कू चचा जी । सुनह मदन ,एमहरआब’ । मजीत कें किह दहक जे सॉझ मे वा64


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAभ जेतइ। (हेमच ओिह ठाम सॅ न करैतछिथ )महेश - आर िक िदत छैक बताबह ।मदन -- यिद द ू टा बाई जी भ’ जेतइ तखनआर बेसी आन...... । बेसी मजा..... अहॉ बिझतेूछी ।महेश -- बाई जी आब एिहखन कत’ सॅ आएत ।मदन -- अहॉ पैसा िदअ हम आ मजीत बखरी चिलजाएब । चािर घंटा क’ अर द ू टा ट ंच बाइ जीक’ वा भ’ जायत।महेश -- हमरा म ून होइत अिछ हमहॅ◌ू चली।मदन -- एकदम चल ू । आहूॅ अपन पस बताएब। (महेश,मदन आ मजीत जाइत छिथ )हेमच(गत)-ई कोन नाटक भ’ रहल अिछ हमरागाम मे । एिह नाटक सॅ द ूरे-द ूर रहल जाए।क्षमा करथ ु िवापित आ उगना । आब िितहमरा िनय ंण मे निह अिछ ।65


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAितीय<strong>अंक</strong> -थम दृ(बखरी बजार क’ रौनक । द ू टा पान वला घिमूघिम ू पान बेिच रहल अिछ तीन टा शराबी बैिस केकािन रहल अिछ।)दलाल -- कैसा चािहए बताईए ? पंजाबी, िसी,ब ंगाली िबहारी, गुजराती ,य ूपी वाली बताईए,,,,बताईए ,,,,,,,शमा र्इए नही ।महेश -रौ बिह ई िक भ’ रहल छैक ?हमरा त’ डर भ’ रहल अिछ ।मदना -- डरबा क’ कोन बात । हम सॅ◌ंग छी ,हम एिह ठाम चािर साल सॅ आिब रहल छी ।66


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAमहेश -- वाह भतीजा वाह ।दलाल -- अरे बताब’ भइ । शरम काहे लें होजेहन पैसा ओहन मजा । फुल मजा ,ी मजा ।मदन -- चल ू देखैत िछऐक ।महेश -- तू जाह । हम एतइ िछ । हमराआिब कॅ◌े बताबह।( मदन अर जाइत अिछ आ महेश अर िदसकान आ ऑिख गडइबा क यास करैत छिथ)मदन -- आर केओ निह अिछ की?दलाल -- अरे इस पीक टाइम में जो िमल रहा हैबस ब ुक कर लीिजए और िफर हमारी जा ं में ाकमी है।कमर देिखए....... देिखए(बाहर ई सुिन महेश उछिल पडै़त अिछ)मदन -- अहॉ क’ नाम ?नतर्की थम -- मेमामािलनी ।67


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA(बाहर महेश ख ूब स होइत छिव )मदन -- अहॉ क’ की नाम ?नतर्की ितीय -मेया र् राय(बाहर मे महेश उछिल पडैत अिछ)मदन -- अहॉ कनतर्की तीय-- नीना कुमारी ।मदन - अा हम बाहर जा रहल छी । प ू िछ केबताएब ।दलाल -- सुन’ एडवा ंस द’ के बाहर िनकल’ निहत’फेर हमर दोष निह ।मदन -- ठीक छैक ई िलय’ ।(मदन बाहर आवैत अिछ )महेश -- ओ सभ कत’ िक गेलीह।मदन -- तैयार भ’ रहल छिथ।68


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAमहेश - आर सभ ठीक ।मदन-मतलब ?महेश-मतलब ई जे -----(बजबा में लटपटाइतछिथ )मदन -- हॉ ठीके अिछ । मुदा मेया र् राय क’ऑिख क कमजोर छि । मेमामािलनी के बे मेलकवा मािर देलकि, तेॅ ओ नािच निह पाबैत छिथ।महेश -- आ नीना कुमारी ?मदन -- हुनका लेल ेशल माल चाही । ओ बात-बात मे कान’ लागैत छिथ । कात - कातपोटा बह’ लागैत छैक ।महेश-जखन ई नाचवे निह करतीह,तखन ओिहठामकथी ल’ जेतीह ।दलाल- अरे भाई । एतना देिखएगा तब तो होगया । हमसे◌े कोपरेट किरए हम भी आपसेकोपरे◌ेट करेंगे । जो चािहएगा हम भी पीछेनही हटे ंगें ।69


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA(तीन ू नतर्की: एकटा हारमोिनयम वला , एकटा ढोलकबला, बडकी पेटी क साथ बाहर िनकलैत अिछ)मेमामािलनी - ( महेश के कनखी मारैत )न’ न’ िनयौ।(निकयाबैत) सब का समान उठालीिजए। (तीन ू मीण तीन ू नतर्की क समान उठबैतअिछ )<strong>अंक</strong> -ितीयदृ-ितीयउोषक -- आइ ‘चीनी क ल’◌ू नाटक मिचत ं होमएवला छल। आइ लू रसगुा में बदिल गेल अिछ। आशा अिछ रस किन किन अहॉ सब के मुॅह मेजायत ।मदन - िक नाटक भैरवी गीत सॅ श ू कएल जाए?70


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAमजीत -- अरे आइ त’ तीन - तीन टा भैरवीआइल छिथ । आइ भैरवी गीत क’ कोन काज।महेश -- एना करबहक त’ गाम क’ लोक सबिबगिड जएथ ु । तखन फेर चा चुटकी कोनाहेतए ?मदन -- ठीक छैक । धीरे सॅ किहयौ जी सॅओ भैरवी गीत समा करए ।( धीरे गावैत छिथ । भैरवी गीत क’ बादमेमामािलनी मेया र् राय आ नीना कुमारी आबैत छिथआ बेतरतीब नाच आ गाना गाब’ लागैत छिथ ।नाचमे अील मुा क’ खास िविनयोग ।)हेमच -- दैिखयौ त’ महेश हमरा गाम मेकेहन नतर्की के उठा आनलक ।ताल -माा सॅएकरा किहयो भेंट निह छैक ।कलहेस -- एना निह किहयौ हेमच जी ।मेमामािलनी क’ ऑिख क’ चंचलता बेजोड अिछ ।71


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAभदेस -- मेया र् राय हमरा दय मे िवभउ क’ रहल छिथ। लागैत अिछ जे ओ हमरेलेल नािच रहल छिथ, ओ हमरा बजा रहल छिथ ।मदन -- िक का ? ठीक रहल ं ,ख ूब डोिलरहल छी ।भदेस -- हॅ बौआ म क देलहु ॅ।मदन -- िकछू ईनामो - बकसीस भ’ जाइ।भदेस -- ई िलय’ एक सौ एक ।( हेमच तमतमा क’ उिठ जाइत छिथ )डदृघोषक -एहन कुशल न ृा ंगना क न ृ देिख कलेस जीभाव - िवभोर भ’ गेल छिथ आ भदेस जी आादसॅ बेहोश । बेहोशी सॅ पिहले◌े ओ एक सौ एकटका द’ गेल छलाह । कलेस जी आ भदेस जीके न ृबोध क’ अिभनंदन - बन ।रिजश ं करो जो हमसे भी72


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAगुलाब को ना माय ूस करोहम उठते िगरते रहते हैंये दो िदन में मुरझाते है◌ै◌ं।(दश र्क में से एकटा उिठ के नीना कुमारी क’ उठाके भाग’ चाहैत अिछ ।म ं◌ाच ् पर अवा क’ माहौल ।उोषक -- दश र्क क’ उाह उफान पर अिछ आदश र्क सेंट परसेंट ितिया द’ रहल छिथ । अथ र्ई जे गुलाब के माय ूस हेबा क जरी निह छैक। मीना कुमारी कें म ंच पर सॅ बाहर ल’जाए वलाउाही दश र्क क’ पहचान भ’ गेल अिछ । घबराउजूिन, नाटक एिहना चलित रहत । )दलाल उोषक सॅ - देिखए सर हमको कोपरेटकिरए ,हम भी प ूरा - प ूरा करेंगें । आपको जोचािहए हम प ूरा देंगें ।उोषक -- हमरा अहॉ सॅ िकछु निह चाही । अहॉअपन काज क आ हम त कए रहल छी ।73


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA(तावते म ंच िदस तीन टा मोंट - डाट युवक कवेश । पीके ,खाके, जाके गाम क’ तीन टाउ युवक)मजीत -- िक माई ?पी के -- गॉव में ई नया -नया बात िवचार सभशु भ’ गेल आ हमरा जानका◌ािरये निह ।मजीत-- भाई अचानक वयवा भ’ गेल ।खाके -- ब कर ई ताम -झाम आ उतारहरमजादी सब के। गॉव के री -खाना बना केरािख देलक।मजीत -- सु जाके भाई िहनका सभ के लजाउ।काि सब बात - वा भ’ जेतई।िहनकासब के द ू िदन राखल जेतइ (तीन ू कान मे िकछुबितयाइत अिछ)(ओमहर सॅ धीरे क’ वेश)धीरे--महेश जी वाह । ब नीक वा ।74


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAहेमच जी की करताह वयवा । अहॉ क वामे जे झंकार अिछ से पिहले एिह गॉव क म ंचपर किहयो निह रहल।महेश-- अहॉ कोन रोल करब ?धीरे -- जे ख ूब टॉसगर होइ सएह देब ।अहॉ क’ भाबहु सेहो देख’ आएल छिथ । आ द ूिकलो घी हम काि भेज देब ।उोषक -- आब म ंच पर र ंग चेतना म ंच क िसगायक हिरशच जी आिब रहल छिथ ।(हिरशच जी गीत गािब रहल छिथ । हुनका सॅमनीत ,महेश आ मदन धा-मुी करैत छिथ । )<strong>अंक</strong>- ितीयदृ-तीय( नतर्की सब के ठहराबए वला घर । अवितिबछावन सब । िबछाव पर हरमुिनया ढोलकराखल अिछ । तीन ू नतर्की िनकास क’ लेल जेबा क’75


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAतैयार छिथ । हुनका संग लोटा ल’के जेबा क’लेल तीन ू िकशोर मे संघष र् होइत छैक)अश -- हम पिह लोटा पकडलहु ॅ तें हम ल’जायब ।धरमेश -- तीन ू के हमरे पपा आनलाह तें हमहील’ जायब ।रेश -- हमर बाब ू सभ सॅ बेसी चा दे छिथतें हमर सोिलड हक ।दलाल - देिखये भाइयों आप लोग लिडए मत एक- एक ठो ती के साथ चले जाइए । आिखरआप के मॉ के उमर की है तीना ं◌े ।ती ं एक साथ - िक बाजलें रे हरामखोर (दलालिदिस झपटैत अिछ )तीन ू नतर्की तीन ू िकशोर क’ साम आिब जाइतअिछ आ गाल - केश पर हाथ दैत अिछ । तीन ूिकशोर शा ंत भ जाइत छिथ आ एक -एक टा लोटाउठा िवदा भ’ जाइत छिथ । ओिह ढाम महेशआवैत छिथ आ ता सॅ घ ू िम रहल छिथ )76


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAमहेश -- कत’ चिल गेलीह।( ओमहर सॅ मदन आ मजीत सेहो आवैत छिथ ।)महेश -- अरे मदन अहॉ िक कर’ आयल छी ।अहॉ हमर भतीजा भेलहॅ ु । जाउ एत सॅ ।जखन हम छी त अहॉ क’ कोन काज ।मदन -- अहॉ क द ू-तीन बेर देखलहु ॅ अिछ भतीजा-भतीजा करित । जी सािर क’ बाजू।महेश -- अहॉ त थे र् नाराज भ’ रहल छी रहलछी । अहॉ क बाबा हमर का लागैत छिथ ।म ंज ्◌ीत - सु महेश जी ई का -भतीजाफिरयाएब: जखन मदन कें िवयाह हेते ।औखनहम सब पाटनर र् छी , तीन - चािर िदन शा ंते रहू। एखन हम सभ एक छी ।मदन -- ब ूझ ू त बखरी में कं ठ सॅ बकार निहख ुलैत छलि एत’ का बिन बैसल छिथ ।77


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAमजीत -- अहु ॅ चुप रहू मदन । ठीक छैक अहॉके◌े◌े◌े◌े◌े जे बितयेबा क’ अिछ से बितया िलय’महेश जी । हमसब दस िमनट बाद आबैत छी ।(तीन ू नतर्की आ तीन ू िकशोर आवैत छिथ । महेशजी मुसिकयाबैत छिथ । )महेश -- ठीक रहलए । को िदक निह मेल । बौआ सब अहॉ सब जाउ ।धरमेश-- आ अहॉ िक करब ?महेश --हमरा एकटा काज अिछ ।तीन ू -- ठीक छैक अहॉ काज क, हम बाद मेकरब ।,,,,,,निह निह बाद मे आयब ।( तीन ू जाइत छिथ )महेश -- सुन ू हेमा जी । अहॉ के हमही आनछी । अिगलो बेर आनब । ई मदनबा आ मजीतक बात मे निह आयब ।,,,,, गॉव मे सबसे बेसीजमीन हमरे......तीन टा हाथी आ बारह टा घोडाअलगे.....78


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA( प सॅ - रे महेशबा, रे महेशबा केवारखोल । पीके,खाके आ जाके क’ वेश । तीनहूॅआिबते महेश पर टूिट पडैत अिछ,नतर्की भगबा क’यास करैत अिछ ) ।खाके - हमरा सॅ िबना प ूछ तू एिह ठाम िकएकबैसल छें ।पीके -- आज ुक वा जी कर ।जाके -- जी सॅ भाग निह त’ ही तोिड देबओ।महेश -- भाई िबसिर गेिलयइ ,हमहूॅ आही संगेबैनाथपुर हाईूल में पढ छिलयइ एक बेर ,,,,खाके -- चुप बेहूदा । बात सॅ तौ ं निह मानवें।मेमामािलनी -- अा महेश जी आप बाद मेंआइएगा।<strong>अंक</strong>-तीयथम -दृ79


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA(राम वेश क’ घर। ओिह ठाम हिर सेहोवैसल छिथ )राम वेश - जखन ब ूझले छल जे लुा - लफंगासब री नचा रहल अिछ तखन अहॉ क जेबा कचाही ?हिर -- अपन गॉव छल सोचलहु ॅ जे हमरा केबजाओत। अपन घर छी ,अपन म ंच छी ।राम वेश - िकएक िबसार, िहमार, बकबल,समरल सब जाित क’ संघ बना केबनाओल जाए ।एकटा संाहिर - संा िक करत ?राम वेष -- ओ सब द ुगा र् पुजा करैत छिथ, िकएक हमसब काली प ूजा करी ।हिर -- बीकू आ छीकू के एकदम छॉिट देबइ?रामवेश -- एखन बजेबइ ;तैयो निह आयत80


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA( प सॅ -- रामवेश चा छी यौ )राम वेश -- हॅ हॅ मज आवह ।मज -- गोड लागैत छी । पंजाब जा रहलछी, सोचलहॅ ु जें भेट करैत जाउ । आबमाए - बाब ू कें देखिनहार आही ं सब छीराम वेश --ाम सॅ जा रहल छी । जाउ । जे धरती पेटभरए ओएह मॉ िथक । हमसब त’ सौचैत रहीएकता संा बनबी जािह में अहॉ क’ मुख भूिमकारहए । मुदा अहॉ त जा रहल छी ।( मज ान करैत अिछ )राम वेश -- जनार क’ भजन आ कठघोडवा नाचमे मजवा क’ जोडक कलाकार एिह परोपा मेनिह छैक । मज क’ बाद रामेसर क’ ानछैक ।हिरच -- रामेसर सेहो जा रहल छिव ।81


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAरामवेश -- हे मॉ िमिथले । अपन िधया- पुताके किहया घिर िबलमाबैत रहब ।हिर -- समा त’ अिछए ।( चािर - पॉच टा युवक क’ लाठी डं डा क’ साथवेश )राम वेश -- िक हौ मुन , कथी क’ तैयारीछैक ?मुन -- हमसब चाहैत छी जे अपन सब जाितिमिल के एकटा यिनयन ू बनाबी । हमसब काली प ूजाकरी जे हमरा काली जी िदिस देखत, ओकर ऑिखिनकाल लेवए । राम वेश -- हओ मुन एखनऑिख - कान िनकलवा क’ जरी निह छैक ।(अ युवक सब मुन िजाबाद क’ नारा लगब’लागैत अिछ । रामवेश अपन मॅ◌ुह नीचा क लैतछिथ)मुन -- दीपावली िदन हमसब शोले नाटक करब। हम पा क’ चुनाव क’ रहल छी ।82


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAहिर -- शोले को नाटक भेल । िवापितनाटक राख ू ।मुन -- िवापित खेलत बीकू सब । िवापितके हमसब निह जानी ।<strong>अंक</strong>-तीयदृ -ितीय( मुन क’ घर ओिह ठाम पा - पिरचय आिरहस र्ल भ रहल अिछ )मुन -- गर िसह क’ रोल िहमेश तोरा दैतिछयओ ।रमेश -- हॅ हॅ बकवल जाित क’ लोक सब आबगबबर क’ रोल करत ।िहमेश-- मॅ◌ुह सािर क बाज । िक िबसािरजाित क औरत सब कलाकारे जनमाबैत अिछ । (रमेश आ िहमेश गुमगुी भ’ जाइत छिथ । बमुिश्कल सॅ हुनका हटाओल जाइत अिछ )83


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAपरेश -- मुन जी का एकता िची दे छिथ। ( मुन िची पिढ रहल अिछ )मुन -- तो ं कतें चा देबहक ?परेश -- बाब ू एक सौ एकावन दे छिथ ।मुन -- तौ ं यिद द ू सौ एक देबहक त’ हमतोरे गर क’ रोल देब’ । ( धीरे सॅ कान मे )परेश -- ठीक छैक हम द’ देब ।मुन -- रे मत , बसी क’ रोल तू कर ।रमेश -- हॅ हॅ िहमार जित क छोरा सब रीक’ रोल में बड िफट बैसैत दैक ।मत -- रइ रमेशबा मुॅह सािर क’ बाज तूॅ त’अप गॉया छें । िथयेटर क’ हरमुिनया मारतोरा राख रहओ । सब जत छैक ........( रमेश आ मत हाथम - हाथा क’ रहल छिथतख धीरे क’ वेश )84


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAधीरे -- बीस िकलो राहिड क’ दािल आयलछी । नीचा मे राखल अिछ ( मुन क कान मे )मुन -- कोन रोल लेब ?।धीरे -- हम जय बनब ।मुन -- जाउ जय बन ू आ िवजय क ।( एकटा और ि वेश करैत छिथ ।)ओ मुन के ईशारा सॅ बजबैत अिछ ।समरेश -- का कहलिन जे ठाकुर क’ रोल हमरािदय’ । एकटा िची भेज छिथ ।( मुन िची ल’ के पढ’ लागैत छिथ )िय मुन !शुभाशीष । समरेश के भेिज रहल छी ।आगॉ चुनाव आिब रहल अिछ ओिह मे अहॉ क लेलसमरेश ख ूब काज करताह । सब छीकू जाित क’बोट अही ं के िमलत । छीकू हजारों साल सॅयुिय जाित रहल अिछ । आशा अिछ समरेश के85


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAि क’ अकूल रोल अहॉ देबइ । हमरा िवचारसॅ ओ ठाकुर क’ रोल में िफट रहत ।अहॉ केंधेशम ्◌ु◌ान -- ठीक अिछ समरेश बाब ू अहॉ के हमठाकुर क’ रोल देलहॅ◌ु ।(अ कलाकार सॅ) -- ठीक छैक िरहस र्ल कएल जाओ।( पिह ठाकुर आ गर आबैत छिथ )अपन - अपन संवाद यािद क’ िलय’द ून ू -- संवाद त’ यादे अिछ ।गर -- हम ब ू िझते रही ,तो ं जर एबही.......तूिक तोहर बापो अइतओ ।ठाकुर-तू ब ूझैत छें हम िकएक आएल छी,हमतोरा बाप सॅ भेंट करेबओ ।86


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAगर -- फडफडा जूिन ठाकुर । सब फरफरीएके लाित मे तोरा िनकािल देबओ ।ठाकुर -- रौ बिह ! समरल जाित क’ कलाकारहमर फरफरी िनकालत ।(द ून ू एक - दोसर कें पकिड लैत छैक आ मुम- मुी शु भ’ जाइत छैक )मुख्खन -- िक भेल समरेश ?एना िक िकएकोध में आिब गेलहु ॅ ।समरेश -- ई हमरा ुले सॅ परेशान क’ रहल अिछ। ूल मे कहैत छल फडफडा जूिन ठाकुर ।मुख्खन -- ठीक छैक िरहस र्ल क’ को काज निह। हम पदा र् क’ पाछू सॅ बाजब आ अहॉ सब ओकरनकल करब ।<strong>अंक</strong> -तीयदृ- तीय( हेमच क’ घर । ओिह ठाम परमेश वैसलछिथ । तख मदन आ महेश वेश करैत छिथ )87


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAमहेश -- का गोड लगैत छी ।हेमच -- भगवान ़अॅहा के सदब ु ि देिह ।महेश -- का सुनिलयई िक नइ , काि सब ओसब िमिल के शोले खेिल रहल अिछ ।परमेश -- त’ कोन अनथ र् भेल ?मदन -- ब ूझ ू त’ एिह िवान क’ गाम मे जकराजे म ून होइत छैक से क’ रहल अिछ ।हेमच -- अहॉ क’ री सब अनथ र् नइ के छल?महेश -- मुदा नाटक त’ िवापित भेल छलए । ओ त’ बीच बीच में कक मोन बहलेवा क’ लेलछल ।परमेश -- दोसर लोक सब म ून बहला रहल अिछत’ अहॅ◌ा िकएक परेशान छी ( एिह बीच में खाके,पीक,◌े जाके आवैत छिथ )88


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAखाके -- अहॉ सब चूडी पिहर रहू ,मुदा हम ईनिह होमए देबए ।परमेश -- िक करबए अहॉ ?जेके -- हम म ंच के र रिजत ं क देबए ।हेमच -- जकरा अहॉ र रिजत ं करबए सेअहॉ के छोडत ?जाके -- चल ू भाइ ओतइ चल ू । देखैत िछयइके माई क’ लाल ेज गाडई क लेल आवैत अिछ( कलेश आ भदेस वेश करैत छिथ )कलेश -- ब ूझलहूॅ हेमच बाब ू ई बकवल सब भिरराित नाच करत आ सेर - सेर भिर म ूतत।भदेश -- ब ूझ ू जे जखन जखन प ूविरया हवा बहत, ई भिर अगहन तक महकैत रहत । हमरोइएह िवचार जे नाटक निह होई ।मेश -- अहॉ क’ िक िवचार जे कसकव्ता सॅरण ्ड़◌ी आवए?89


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAकलेस -- हॅ नजदीको सॅ काज चलत ।हेमच -- चुप रहू । बारहो महीना ताश खेिलके पखेरी - पसेरी भिर भूतैत छी केओ टोकलकअहॉ के ?भदेश -- हओ ! कलेश जी चल ू ई सब हािरमािन लेलाह । चल ू जे भ’ रहल छैक ओिहए मेिकछु ज ुगाड पानी कएल जाए।(किन द ूर हटला क’ बाद कलेश -भदेश बितयाितछैक )कलेश -- चल ू मु के कहबए ।जे करब से कर , मुदा आन तीन-चािर टाभगजोगनी के ।भदे◌ेश -- आर की ?कम सॅ कम बखरी वला त’ िनिते आबए क’ चाही।90


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAअरी ,बिहरी सब चलतय ।जतेक चा चुटकीहेतए हम सब द’ देब ।दृ-चािर<strong>अंक</strong> -तीयरामवेश क’ घर । अकेले मे िकछु गुनगुना रहलछिथ ।डूबल भॅवर मे यासा मॉकेओ नजर निह आबएसा मॉराित िवकट अिछबाट न स ूझएआब ू दीप देखाब ूसा मॉ,,,,,,,,,,,91


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA( हेमचक’ वेश )हेमच - के सारताह । जगत जननी त’िमिथला के िबसिर गेलिख । गरीबी त’ पिहनहुछल मुदा एहन सा ंृितक हैजा किहयो निह फैलल।रामवेश -- का क्षमा क । ककरा पता छलजे किन किन टा बात एते िवषबेल बनत ।हेमच अहॉ जािग गेलहु ॅ, तखन हमरा के रोकत?रामवेश -- का आब जे आदेश देबए से हमकरब ।(परमेश वेश करैत छिथ )परमेश -- रामवेश छी अओ ?रामवेश ‘-- परमेश आबह । आइ चािर सालबाद तो ं हमरा दलान पर अइलह। तोरा देिख हमफेर जबान भ’ गेलहु ॅ ।92


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAपरमेश -- पुरनका बात सब िबस । हमरो ाननिह रहल आ अमु चीज मु बनइत चिल गेलहेमच -- छोड़◌ू पिछला बात सब । आब ईबाजू जे कोन नाटक खेलल जाइ ।रामवेश -- ‘‘उदयनाचाय’’ र् नाटक खेलल जाइ ।हेमच -- अहॉ कोन रोल लेब ।रामवेश -- हमरा जे देब से हम करब , ओनाआचाय र् क’ भूिमका मे परमेश िफट छिथ, हमरासार ंग बला रोल द’ िदय । बड तेजी बौ िभक्षुअिछ ।परमेश -- आब हमरो रोल क मोह निह अिछ ।सब सॅ बेसी महप ूण र् अिछ ओकरा जीनए ।(रामवेश उिठ के परमेश के गला लगबैत छिथहेमच उिठ के द ून ू मे िमिल जाइत छिथ ।ओमहर धीरे हॉफैत आबैत छिथ ।)धीरे -- का - का मुन आ खाके मेजबरद मािरपीट भ रहल अिछ ।93


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAहेमच-- होमए िदयओ ।रामवेश -- मर’ िदयओ सब के ।परमेश-- धीरे जी जनचेतना म ंच फेिर जीिवतभ गेल अिछ । ख ूब तैयारी क ।धीरे -- हमरो तैयारी प ूरा अिछ । एिह बेरराहिड ख ूब फरल अिछ । एक म ून राहिड भेजदेब ।(तीन ू हॅिस दैत छिथ । रामवेश गीत गावैत छिथआ काश धीरे धीरे क्षीण होइत अिछ।)१. िश वकुमार झा िट ल ्ल ू- मैिथ ली नाटककिव कासमे आनंद जीक योगदान२. गजे ठाकुर- चािरटा अंजी नाटक-डार फॉस, सैमसन एगोिनेस, मडर्र इन दकैथेल आ स्ाइफ94


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA१िश वकुमार झा िट ल ्ल ूमैिथ ली नाटकक िव कासमेयोगदानआनंद जीक95


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAजखन-जखन मैि◌ थली भाषा सािह त् यमे ना िव धाकचच र् होइत अिछ तँ हठात् पंिड त जीवन झासँ लऽकऽ िझ िझ रकोना आ तालमुी सन नाटकक नाटककारअरिव न ्द कुमार अक् कू जीक िव वेचन स ्वभािव क भऽजाइछ। एिह एक सय छ: बरखक ना रचनमे बहुतरास नाटककार िव िव ध श ैलीक सािह त् िय क नाटकक संग-संग लोकि यताक लेल चलन ्त आ ओछ नाटक सेहोिल खलिन । िक छु रचनाकार तँ नाटककारेक पेँ वेसचिच र्त छिथ संग-संग हुनका सभकेँ पुरस ्कृत सेहोकएल गेल अिछ । उदाहरणस ्वप ी महेन ्मलंिग या मैिथ ली सािह त् यक ित षिठ ् त सम ्मान बोधसम ्मानसँ सम ्मािन त कएल गेल छिथ । मलंिग या जीबहुत रास नाटक िल खलिन - लक्ष् मण रेखा : खणिड ् त,ज ुअ◌ाएल कनकनी, एक कमल रमे, ओकरा अॉगनकबारहमासा, कमलाकातक राम, लक्ष् मण ओ सीता आरकाठक लोक। एिह नाटक सभमे 'एक कमल रमे'सािह त् यक सम िब न ्द ुकेँ िव मिब ् त करएबला नीक नाटकमानल जाइत अिछ । मुदा 'काठक लोक' पढ़लासँपाठक स ्वय ं ि◌ नण र्य सुनाबिथ जे कतए धिर एकरा'मैिथ ली नाटक' मानल जाए। िब म ्व लोकगाथा आिव वेचन मैिथ लीसँ बेसी िह न ्दीमे। ओना सभ96


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAसािह त् िय क कृित मे आन भाषाक योग ठाम-ठामकएल जाइत अिछ मुदा मा पाक दशा आपिर सिथ ् ित मे तारतम ्य स ्थािप त करबाक लेल।मलंिग याजी एिह पोथीमे िह न ्दीक योग कोन पेँकए छिथ ई गप ्प झारखंडक अंत:स ्थ कक्षाक(मैिथ ली भाषी जौ उपलब ्ध होिथ ) छा-छाासँ पुछलजा सकैत अिछ िक एक तँ 'काठक लोक' झारखण ्डअिध िव पिर षद्क मैि◌ थली पाठयममे समिम ् िल तअिछ ।मैि◌ थलीक संग द ुभा र्ग ्य मानल जाए वािव डम ्वना िक छु कथाकिथ त सािह त् यकार आ समीक्षककदलपुंज भाषापर अपन अिध कार चमौकिन जका ँजमौ छिथ । 'अहा ँक सोहर हम गाएब आ हमरडहकन अहा ँ िब दिब दाउ' एिह पिर पेक्ष् यमे िक छुित भा झॉपले रिह गेल, कतहु को चच र् निह ।एिह ब पातक टटका िश कार छिथ आधिन ु किपरहीक सनसनाइत युगान ्कारी नाटककार- 'ी आनंदकुमार झा' आनंद जीक एखन धिर पॉच गोट नाटककािश त भेल अिछ 'टाकाक मोल (2000), 'कलह(2001), 'बदलैत समाज (2002), धधाइत नवकी97


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAकिन या ँक लहास (2003) आ हठात् पिर वर्न2005ई.मे। एिह नाटकक संग-संग आनंदजीकअकािश त नाटकक गणना द ू <strong>अंक</strong> धिर पहु ँिच गेलअिछ ।आनंद जीक जन ्म 1977ई.मे िम िथ लाकसा ंस ्कृित क सेहंित त भूखण ्ड 'मध ुबनी िज ला'क मेंहथगाममे भेल। जौ ं समस ्तीपुर खगड़ि◌ या आबेगूसराय िज लाक लाल रिह तिथ तँ उपेक्षाक दंशस ्वाभािव क छल मुदा ठामक वासी उपेिक्ष त भेलाहकक संास जका ँ लगैछ। गाम-गामसँ लऽ कऽकोलकाता शहर धिर मिच ं त एिह नाटकक कोसमीक्षा निह भेल, ई सभ मा मैिथ ली भाषामेसंभव छैक। जौ ं िब म ्वक उपयोिग ताकेँ केन ्िब न ्द ु मानल जाए तँ मैिथ ली सािह त् यक वीण नाटककारक सम ूहमे आनंद जीक स ्थान िन शिच ् त अिछ ।टाटाक मोल : आय र् भूिम क एकटा पैघव ्यािध काटर थाक द:स ु िथ ् ित पर केनि ् त एिहनाटकमे िम िथ ला संस ्कृितक कोढ़ि◌ क िच ण नीक ढंगसँकएल गेल अिछ । कन ्याक िप ता नाओ गरीवनाथ संग-98


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAसंग दिर सेहो। अपन धम र्पी सुिम ाक आश प ूण र्करवाक लेल 'पु कामनाथ' र् पॉच गोट कन ्याकेँ जन ्मदेलिन । पिह ल बेटीक िव वाहमे डाड़ टुिट गेलिनसभटा खेत िब का गेलिन । दोसर बेटीक कन ्यादानकलेल आतुर छिथ मा बारह का जमीन बॉचलछनिह ् । बेटी भा कालेजमे पढ़◌ैत छिथ , िव वाहअपना मो निह करए चाहैत छिथ - मा समाजकहेय दृष िट ् सँ बचवाक लेल बेटीक िव आह एिह शुमेकरवाक लेल परेशान छिथ । हमरा सबहक समाजककतेक कलुष प अिछ अप ्पन टेटर निह देिख कऽलोक सभ दोसरक फुसरीपर काग-दृष िट ् लगौरहैत छिथ । कुमािर बेटी छनिह ् गरीब झाक घरमेआ परेशान छिथ समाजक लोक। एिह लेल निह जेिम िथ लाक बे◌ेटीक उार कएल जाए मा बारह काजमीन िल खएबाक लोभमे। भा अपन बिह नकदेअर भाकरसँ िस ह करैत छिथ लेिक नआ ंडबरधमीर् समाज एिह िस हक म ंजूरी निह देत तँएचुप ्प।गरीव झा दलाल काकासँ संपकर् करैत छिथ ।जेहन नाअ◌ो तेह काय र्। हुनक चेला कासँ बेसीपारखी। द ुन ूक जोड़◌ी शुभ्म िन सुम ्भ जका ँ द ुष ्ट99


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAआ ध ृष ्ठतासँ भरल। हष र्दमेहताक दलाली िह नका लगओछ पड़ि◌ जाइत। बालकक िप ता लीलाम ्बर बाब ूवास ्तवमे लीलाधारी छिथ । भाित ज सभसँ कम कैंचापुक िव आहमे कोना लेतिथ तँए पचहिर हजारसँकम टाका निह चाही। दलाल काकाक मोिह नी म ंकजाद ूमे आिब पै ंसठ हजारमे िव आह करबाक ि◌ नण र्यसुलिन । शर् छिन जे समाजमे पचहिर हजारकउोष कएल जाए। दलाल काकाक किल ज ुगी उगनाएिह उोषणक लाभ लेवाक यासमे सफल भेलिन ।दलालीक दस हजार कमीशन द ुन ू चेला गुकपेटमे। गरीब झा अपन वॉचल जमीन 50 हजारमेबेि◌ च लेलिन । िम गुणानंद जीसँ दस हजार टाकाकमदित भेटलिन , शेष श ्न ओझराएल पंह हजारआव कोना हएत? येन केन कारेन विर यातीदलान लागल। फेर धमिग ज ्जड़ि◌ । माथक पागखिस पड़लिन मुदा विर याती आिप स। अंतमेभाकरक संग भाक िव आह होइत अिछ । लीला ंवरजी काटरक टाका पचास हजार कन ्यागतकेँ आिप सकएलिन । मुदा नाटककार ई स ्पष ्ट निह कऽ सकलिनजे दलाल काका दलालीक दस हजार कन ्यागतकेँ100


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAदेलिन वा निह । कथानकक िक छु तथ ्य वास ्तिव कतानिह भऽ कऽ कल ्पना मा लागल। गरीब नाथकबेटी भा काॅलेजमे पढ़◌ैत छिथ आ छोट मा ंगल-चा ंगल भाए महीस चरबैत छनिह ् । ओना तँ पुकआका ंक्षामे पॉच गोट पुीक जन ्म देमएबला माए-बापक अथ र्व ्यवस ्था अव ्यवसिथ ् त हएव स ्वाभािव कअिछ । पर ंच मैिथ ल संस ्कृित क ामीण व ्यवस ्थामेरहिन हार माता-िप ताक जीवनमे संतानक पेँ पुसँपुीक बेसी महत् व देव कल ्पना मा छैक,वास ्तवमे तँ बेटी जन ्मिह सँ आनक धरोहिर मानलजाइत अिछ तँए बेटा महीस चराबिथ आ बेटीकालेजमे पढ़तीह, आश ्चय र् जनक लागल।कथानकक बीच-बीचमे अंजी शब ्दकयोग कऽ नाटककार आधिन ु कता लेपन करवाकयास कएलिन ई उिच त अिछ वा निह , पाठकपरछोिड देवाक चाही। एकटा अनसोहॉत अवश ्य लागलजे मैिथ लीमे 'चुकल' शब ्दक योग किह या धिररहत। िन ष ्कष र्त: ई नाटक म ंचनक योग ्य अिछ ।कलह : कलह आनंदजी िल िख त दोसर नाटक िथ क।समाजमे जीवन ्त धटना सभकेँ एक स ूमे जोड़ि◌101


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAकऽ एिह नाटकक स ृजन कएल गेल। आकाश एकटाबेरोजगार जवान छिथ । टाकाक लोभमे िप तासुरेश ्वर िह नक िव आह करा दैत छिथ न ्ह। आकाशसुरेश ्वर बाब ूक पिह ल पीक संतान छिथ तँए िव मातासुिम ाक दृष िट ् मे िह नक को स ्थान निह । सुिम ातँ अपन कोिख सँ जनमल पु राजीव आ ओकरकिन या ँ कोमलक लेल ज ्येष ्ठ पुक संग यातनाकसभटा बान ्ह लॉिध देलिन । ौढ़ िप ता म ूकप िर सिथ ् ित क मारल मा दश र्क बिन कऽ रिह गेलाह।कालक मािर सँ भटकैत-भटकैत द ुन ू परानीक ि◌ नम र्मअंत होइत अिछ । एकटा अबोध नाक जन ्म भेलजे आकाशक अंतर ंग िम योगेशक कोरमे कथाकअंत धिर .....।नाटककार एिह नाटकक रचना भऽ सकैतअिछ जे कथानकमे संास भरबाक संग-संग दश र्ककमध ्य लोकि य बनएवाक लेल के होिथ मुदा एिहसभसँ नाटकक ासंिग कतापर श ्न िच निह लगाओलजा सकैत अिछ । कतहु-कतहु िब म ्व िव श ्लेषणचलंत आ िह न ्दी भाषाक व ्यवसािय क चलिच जका ँलागल मुदा मैिथ लीमे नवल योगकेँ िक ओ झॉिप निह102


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAसकैत छिथ , जतए-जतए एिह नाटकक ि◌ चणहोएत अवश ्य छाप छोड़त।बदलैत समाज : बदलैत समाज नाटकक आर ंभएकटा ब ्लड कैंसर पीड़ि◌ त बालकक अपन पीकसंग वाता र्लापक संग होइत अिछ ।कजर्सँ मुक् ित क लेल घ ूरन जी अपन बीमार पुकिव आह करा दैत छिथ । हुनका ओना ब ूझल निह छलिनजे पु अवधेश ब ्लड-कैंसरसँ पीड़ि◌ त अिछ ।भजेन ् मुिख याक पु दीपक अवधेशक बाल संगीछिथ । ओ पिह सँ जत छलाह जे अवधेशकम ृत् युक िद वस नजदीक छनिह ् । तथाि◌ प ओ खिल ु कऽनिह बजलिन िक एक तँ घ ूरन बाब ू स ्वय ं ब ूढ़ लोकछिथ । एकटा िप ता अपन कान ्हपर पुक लाशककल ्पना मासँ िस हिर सकैत छिथ ,वास ्तिव कता.........।।िव िव ध घटनाममे अवधेशक म ृत् युक भऽगेलिन । समाज हुनक िव धवा शोभापर चिर दोषसेहो लगौलक। समाज की जािह अवलापर ओकर103


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAसासुक िव श ्वास निह हुअए ओकरापर आन के िव श ्वासकरत। नाटकक अंतमे सबहक म टुटैत अिछजखन शोभा दीपककेँ 'भैया' किह कऽ अुलापकरैत छिथ । अंतमे िव धवा शोभाक एकटा सच् चिर युवक वीजेन ्सँ पुनिव र् वाहक कल ्पना कएल गेल।ओना तँ एिह नाटकमे जात-पाित क को चच र् निहमुदा संगसँ स ्पष ्ट होइत अिछ जे सवण र् पिर वारकप ृष ्ठभूिम मे नाटक केनि ् त अिछ । नाटककारक ईकल ्पना नीक लागल जे सवण र् घरक िव धवा युवतीकपुनिव र्वाह भऽ सकैत अिछ । नाटकक संवादमे ठाम-ठाम अलंकार आ लोकोक् ित क लेपन नीक लागल।'सम ्भावनाक आधारपर मष ्य कल ्पना करैत अिछ ।मुदा कृित क शास ्वत िन यमकेँ िक ओ निह बदिलसकैत अिछ ' एिह संवादक माध ्यमसँ अवधेश अपनम ृत् युक संकेतकेँ बिझ ू रहल छिथ । हुनक दोसरसंवादमे- 'हम म ृत् युसँ भयभीत निह छी। भय अिछओइ िन स ्सहाय अवला नारीक असीम द:ख, ु पीड़◌ा आवेदनासँ। भय अिछ अनजानमे हमरासँ भेलगलतीसँ।' ं◌ृगारक वल लालसा रिह तहु ँ पिर सिथ ् ितमक् खकेँ वैरागी बना दैछ। जनतंक कुिट लव ्यवस ्थापर सेहो एिह नाटकमे कटाक्ष कएल गेल।104


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAभजेन ्जी सन कुिट ल गामक मुिख या छिथ तँ िव पक्षहुनकोसँ बेसी कुिट ल। तँए फुराइतो छनिह ् हुनका'ओ बिन या ँ ब ुड़ि◌ वक होइत अिछ जे पलड़◌ापरबटखड़◌ा रखलासँ पिह समान चढ़◌ा दैत अिछ ।''आनंदजीक चािर म नाटक धधाइत नवकी किन याॅक लहास: को काटक थाक नाटक निह । मा िक छुगहनाक खाित र िश खाक आत् महत् याक यास अजीवकहल जा सकैछ।हठात् पिर वर्न : देशभक् ित म ूलक नाटक िथ क।िन ष ्कष र्त: ई कहल जा सकैत छिथ जेआनंद जीक नाटक श ैलीमे गोिव न ्द झाक हास ्यसमागम, ईशनाथ झाक अलंकार, जगदीश साद म ंडलजीक साम ्यवाद, अूजीक आधिन ु कता, लल ्लन ठाकुरजीक म ंचन श ैली आ शेखर जीक जनभाषा कलकलअिछ ।२105


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAगजे ठाकुरचािरटा अंजी नाटक- डार फॉस, सैमसनएगोिनेस, मडर्र इन द कैथेल आ स्ाइफएिह िनबक आधार अिछ परशुराम झाक “डाइमेशऑफ पीस इन इिश ं ामा- डीज इन डारफॉस, सैमसन अगोिनेस, मडर्र इन द कैथेलए स्ाइफ”।परशुराम झा १९३८- गाम- मेंहथ (मध ुबनी), कृित-106


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAडाइमेश ऑफ पीस इन इिलश ामा,िियनपोएिटक ामा। परशुराम झा अंजी सािहकआजीवन अापन के छिथ।डार फॉस एिलजाबेथ युगक, सैमसन एगोिनेसएज ऑफ रीजनक, मडर्र इन द कैथेल आधिनकुयुगक नाटक अिछ। ई तीन ू मुतः धािम र्क नाटकअिछ। स्ाइफ आधिनक ु धमिनरपेक्ष र् नाटक अिछ, ईिस करैत अिछ जे धमिनरपेक्षता र्धम र्सँ िनकललअिछ, कमसँ कम धम र्क ितक सभर्सँ।डार फॉस (द िजकल ै िहस्ी ऑफ द लाइफए डेथ ऑफ डार फॉस) िोफर मारलोवे(१५६४-१५९३) िलिखत अिछ। िोफर मारलोवेसेिपयर(१५६४-१६१६) क समकालीन छलाह।िोफर मारलोवेकेँ को आपिजनक पाुिलिपलेल िवी काउिल ारा वारट जारी कऽ बजाओलगेल आ तकर दस िदन बाद हुनकर चू मािर हाकऽ देल गेल, जखन ओ मा २९ बख र्क छलाह। ओजँ अपन सूण र् िजनगी िजिबतिथ तँ सेिपयरसँपैघ नाटककार होइतिथ वा से इितहासकगभर्मे काएल रिह गेल। ई नाटक ब्लै ंक वस र् आ107


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAग िमित अिछ। ब्लै ंक वस र्मे मीटर रहै छै मुदालय । मारलोवेक जीवन कालमे एकर म ंचन भेलमुदा एकर काशन हुनकर म ृुक एगारह बख र्क बादभेल।सैमसन अगोिनेस (सैमसन, ितयोगी-योा)जॉनिमल्टन (१६०८-१६७४) िलिखत द ुखा ोजेट प-नाटक अिछ। ोजेट नाटक तकरा कहल जाइतछै जे म ंचन लेल वरन असगर पढबा लेल िलखलजाइ छै वा िकछु गोटे संगे जोर-जोरसँ पिढ कऽसुनबा-सुबा लेल।मडर्र इन द कैथेल टी.एस. इिलयट (१५६४-१५९३) िलिखत प-नाटक अिछ।स्ाइफ(कटु संघष) र् जॉन गावदीर् (१८६७-१९३३)िलिखत नाटक अिछ।डार फॉस - िोफर मारलोवे108


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA१५९२ ई. मे “इिश ं फाउ ब ुक”मे िकछुघटोरी-बढोरी कऽ “डार फाउस” नाटकरिचत भेल, जे ओिह युगक वािवकताकेँ देखबैतअिछ।डार फॉस “मेिडएवल िमस्ी े”, मोरेिलटी े”आ “इटरूड”सँ सित अिछ- क आ पद ुन ूमे। फेर फॉसक “असीिमत ज्ञान”, “लौिककआन” आ “शि”क लेल अद लालसा एिह नाटककेँपुनजा र्गरणक आाक िनकट लऽ जाइत अिछ।फॉसक पिहल वेश ओकरा लेल द ूटा िवक लऽअबैत अिछ। ओकरा आािक जीवन चुनबाक छैआिक लौिकक। ओकरा खतम होअएबला आनचाही आिक आािक अंधकूप आ मुु। ओकरा अपनइाक पालन करबाक छै आिक भगवानक। ओ ज्ञानीअिछ, एिरोटलक तकर् िचन ओ पढ अिछ, रोग-ािध द ूर करैबला िचिकाशास् ओ जत अिछ। ओधम र्शास्मे डारेट अिछ। मुदा ई सभ ज्ञानओकरा शाि आ आन दै छै। मुदा ओ चुएजाद ू आ लौिकक इाक िक रा।एिह जाद ूक चयन कऽ ओ “भरोस”पर भरोस छोिडदैए।109


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAफॉसक लौिकक इा छै वे इ ंडीजक आअमेिरकाक (जे मारलोवेक समएमे इिडया ं कहलजाइ छल) सोना, प ूव र्क मोती, नीक फल। ओकरइाक लेल जाद ूगर वाल्डेस आ कारिलयस छै।नाटकक बादक भागमे मेिफोिफिलसक आगमन होइछै- फॉस ओकरासँ कहैत अिछ जे ओ ल ूसीफरकेँसिचत ू करए जे फॉस अपन आाक बदलेनलौिकक भोग लेल करबाक लेल तैयार अिछ। “नीकद ूत”क फॉसकेँ सुझाव जे ओ आ गीर्य वुकिवषयमे सोचए, फॉस “खराप द ूत”क सलाह मािनधनक इा करैए।अपन आाक िनलामीक ब ंधकप अपन ख ूनसँ िलखैतअिछ फॉस। ल ूसीफरकेँ अपन आा समिप र्त कऽदैत अिछ ओ। मेिफोिफिलस ओकरा नकर्क िवषयमेकहैत अिछ मुदा ओ ओिहपर ान दऽ “सुतनाइ”,“खेनाइ” आ “चलनाइ”पर ान दैत अिछ। बहसकेनाइ, ज्ञानक संचय, खगोलशास् आ वनितशास्कज्ञान आ सौय र्शास् ई सभ मेिफोिफिलसकसहयोगसँ फॉस ा करैत अिछ।110


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAफॉसक लैिगक ं इाक पितर्क ू पिह मेिफोिफिलसओकरा ब ुझबैत अिछ मुदा फेर एकटा “खरापआा”केँ स्ी बना फॉसक पीक प दैतअिछ।“खराप आा” को म ृत िक अकरण कऽसकैए मुदा यं जीिवत भऽ सकैए। से तकरपिरणाम ई भेल जे ओकर ठोढ फॉसक आाकेँचूिस लैत छै। “खराप आा”सँ संसक पापफॉस करैए आ पिरणाम छै ओकर आािक म ृु।ओ भगवानसँ द ूर भऽ जाइए आ ओ “खराप आा”संगे चौबीस बख र् िबतेबाक लेल रस-र ंगमे डूिमजाइए।मुदा जखन ओकर म ृुक बॉडक समए िनकट अबै छै,ओ कहैए- “हम जे िजिबतौ ं एकरा सभक संग तँिर जीवन िजिबतौ ं मुदा आब मरब तँ सदा लेलमिर जाएब”।आ ओकर अिम क्षण- जखन ओकर म ृु होएबाकछैक तकर प ूव र्- बारह बजेक घडीक िटकिटक। ओद ुखी भऽ कहैए- “ओकर आा अख जीबए नकर्मेरहबाक लेल” मुदा...111


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAओ िवान ् सभकेँ कहैए- ओ सा ँप जे ईवकेँ लोिभतकेलक से बिच सकैए मुदा फॉस ।ओ पातापो कऽ सकैए, ओकरा क्षमा कएलजा सकै छै, पिव कएल जा सकै छै। ओीकार करैए जे ओ भगवानकेँ अपमािनत केअिछ।सैमसन एगोिनेस- जॉन िमल्टननाटकक ारमे सैमसनकेँ आर कऽ गाजाकजेलमे म मजद ूरी लेल होएबाक आ एक गोटेारा जेलक सोझा ँक चमकैत िकनारपर लऽ जएबाकदृ अिछ। ई एकटा छुीक िदन छल, कारण छलिफिलीनक भगवान डेगोनक, जे अदहा म आअदहा मा ँछ छिथ, भोज छै। बसात लगलासँ सैमसनअपनामे ऊजा र्क संचार पबैए। ओकरामे सँभेटल शि छै जे िफिलीनक परतंतासँइायलकेँ मुि िदएबा लेल छै। मुदा तखओकरा लगै छै जे भगवान ओकरा जतेक शिदेलि ततेक ब ु ि देलि, तँ ओ ओतेकजी अपन शिक रह डेिललाकेँ बतिबतै।112


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAमुदा भगवानक बिपर ु ओ को बहस कोना कऽसकैए, जे की इा छै ओकर।ओकर िपता मआ सैमसनकेँ जेलसँ बाहर िनकालबाकएकटा योजना लऽ अबैत अिछ। ओकर योजना जेिफिलीनक सामकेँ पाइ दऽ सैमसनकेँ छोडबाबी, ईसैमसनकेँ नीक लगै छै, मा अिछ ओ।मआ ओकरा कहै छै जे िफिलीन सभ भोजकममे डेगनक श ंसा करत आ इायलक भगवानकअपमान। ई सुिन सैमसन द ुखी भऽ जाइए। ओमआकेँ कहै अिछ जे ओकरा को आश ंका छैजे इायलक भगवान डेगोनपर िवजय करत।मआक गेलापर ओ कोरसमे मुदा ई कहैए जेमुदा ओ कोना भगवान लेल काज कऽ सकत?डेलीला अबैए आ सैमसनकेँ कहैत अिछ जे ओिफिलीनी सामकेँ किह ओकरा छोडबाओत मुदासैमसन ओकरा रहकेँ खोलैवाली कहैए।हराफा सैमसनकेँ कहैत अिछ जे भगवान सैमसनकेँछोिड दे छिथ।अिधकारी अबैत अिछ आ ओ िफिलीनक सामकआदेश अत अिछ जे सैमसनकेँ अपन करतब113


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAडेगनक भोजक अवसरपर देखेबाक छै। पिहओ मना करैए फेर िकछु सोिच कऽ मािन जाइए।िमल्टन िफिलीनीकेँ लौिकक आनमे खसल आडेगनकेँ ओिह लौिकक आनक देवताक पमेदेखबैत छिथ। सैमसन द ूटा खाक बीचमे जाइतअिछ, ाथ र्ना करैत अिछ आ भवनकेँ खसा दैतअिछ।द ूतक एिह वण र्नसँ सैमसनक िपतामे शा ितियाहोइत अिछ। ओ कहैत छिथ- द ुखी होएबाक समए अिछ। ओ अपन मुुसँ इायल लेल सान आतंता अन छिथ।मडर्र इन द कैथेल- टी.एस. इिलयटमडर्र इन द कैथेल कैंटरबरीक मिहलाक कोरसरसँ ार होइत अिछ जािहमे कृितक पकिहतकारी होएब आ सुरेब होएब विण र्तअिछ।द ूत आकर्िबशपक इ ंैंड आगमनक स ूचना दैतअिछ। बेकेट ा ंसमे सात बख र् रहलाक बादकैंटरबरी घ ुरैत छिथ। एतए हुनका लेल बाहरी आ114


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAआिरक द ुन ू रपर संघष र् छै। राक आ धम र्क,राजा आ आकर्िबशपक संघष र् तँ छैहे, आिरक संघष र्सेहो छै जे भीतरक इा छै। ओ अपनभूतकालकेँ , जािहमे बैरन सभक िमता आचालरिशप अबैत अिछ, केँ “छाह” कहै छिथ, एिहसँसेहो हुनका संघष र् करबाक छि।बेकेटक बाहरी शु चािरटा “नाइट” तआिर भँजैतअबैत छिथ। बेकेट तावत अपन आिरक शुपरिवजय ा कऽ ले छिथ आ ओ शािसँ “नाइट”सभकेँ कहै छिथ- “अहा ँ सभक ागत अिछ, चाहेअहा ँक उे जे हो”।ओ कहै छिथ जे हुनका किहयो इा भेलि जेओ राजाक पुक मुकुट छीिन लेिथ।नाइटक राजाक आदेश सुलापर जे ओ देश छोिडदेिथ, बेकेट कहै छिथ जे आब , सात साल ओअपन लोकसँ द ूर रहलाह।ओ अपन हा कएल जएबासँ प ूव र् नाइट सभसँ कहैछिथ- “हमर अहा ँ जे चाही क मुदा हमर लोकअहा ँकेँ छूबो करताह”।115


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAपुरोिहत सभ हुनका इाक िव हुनका जबरदीकैथेलक भीतर लऽ जाइ छिथ आ चच र् ब कऽदै छिथ। मुदा बेकेट कहै छिथ-“चच र् सव र्दा ख ुजल रहबाक चाही, शुक लेल सेहो”।जख चच र्क दरबा ख ुजैत अिछ मातल “नाइट”सभ बेकेटक हाक उेसँ पैिस जाइ छिथ।बेकेटक हा भऽ जाइ छि, पुरिहत सभभगवानकेँ धवाद दै छिथ जे ओ कैंटरबरीमे एकटाआर स देलि।स्ाइफ- जॉन गावदीर्नाथा र् िटन ेट वर्मे एकटा औोिगक िववादककारण अूबरसँ िमकक हडताल ार भेल।चािर मासक बाद ७ फरबरीकेँ एकटा िवशेष बोडर्मीिट ंग एिहपर भेल, मैजर ािसस ं अंडरव ुडक, जेकनीक चेयरमेन जॉन एोनीक जमाए छिथ,डाइिनंग ममे। एिह मीिट ंगमे डाइरेर डिरक116


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAएच. वाइल्डर, िविलयम ैंटलबरी, ओलीवर वै ंकिलन आएंथोनीक छोट पु एडगर सेहो छिथ।एडगर िमकक दशासँ आहत छिथ। मुदा वाइल्डरउ छिथ कनीक शेयर नीचा ँ गेलासँ आ पचासहजारसँ बेशी घाटासँ ओ िचित छिथ। ैंटलबरीअिहंसाक पिथक छिथ तँ वै ंकिलन ममागीर् छिथ।एंथोनी मुदा िमकक लेल को सहाभूितक िवछिथ।वाइल्डर सुझाव दै छिथ जे सेंल य ू िनयनकहारसकेँ िववाद द ूर करबा लेल कहल जाए मुदाएंथोनी मना करै छिथ।वकर्मेन कमेटीक आन सदक संग छिथ रॉबट्स, र् ओएंथोनीक िवरोध करै छिथ। हारसक िवपरीत ओहोउ छिथ।एंथोनीक पुी एिनड िपताक वगा र्रक िव छिथ।हुनकर खबासनी एनी रोबट्स र्सँ िबयाहल छिन, एनीकसहायता एिनड करऽ चाहै छिथ। एिनडक भेँटरॉबट्स र्सँ ओकर झोपडीपर होइ छि। ओ ओकरासमझौता लेल कहै छिथ मुदा ओ एंथोनीकेँ आततायीकहै छिथ। कहै छिथ जे एंथोनी मरैत रहत आ117


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAरॉबट्स र्क हाथ उठेलासँ जे ओकर जान बिच जेतै तँरॉबट्स र् अपन कं गुिरया आ ँगुरो उठाओत।िमक मीिट ंगमे रॉबट्स र्क समथ र्क इवा आ जॉनबलिगनमे झगडा भऽ जाइत छै। हेनरी थॉमसआग ू अबैए आ कहैए – “लाज होइए तोहर’स्ाइफ’पर”।बे पहरक मीिट ंगमे ओ ीमती रॉबट्स र्क मुुकस ूचना दैत अपन सदतासँ इीफा देबाक गपकरैत अिछ।मुदा एंथोनी कहैए- यु तँ यु होइ छै।रॉबट्स र् बोडर् मीिट ंगमे कक देरीसँ अबैए, ओकरापता लगै छै जे ओकर िमक सभ ओकरा हटादेलकै। आ एंथोनीकेँ सेहो िनदेशक सभ हटादेलकै।हारसक मे समझौताक गप आगा ँ बढैतछै। हेनरी टेक, कं पनीक सिचव संतु छिथ।118


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAकाश चयोग एका ंकीक र ंगम ंचीय योगफरवरी 2010के 14 तािरख क’दरभंगाक लिलतनारायण िमिथलािविवालयक नाटक एव ं संगीतिवभागक क्षागृहमे सा ंझक 4बजे स’ आयोिजत छल बोधसािह सान – 2010 । एिहआयोजनमे ि फाउेशन ाराकुणाल जीक िनदेर्शनमे निचकेता119


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAजीक िलखल योग एका ंकीकम ंचन सेहो राखल गेल छलैक। संयोग स’ हमहू मध ुबनीमेरही तेँ एिह स ूअवसर केँ लाभउठयबाक हेतु एिह आयोजनमेउपित भेनाइ जरी लागल। एक संग कतेको लाभ छल। एिह स’ पिह सेहोकुणालजी योग के मिचत ं क’चुकल छ्लाह । ई हुनकर दोसरुित छल, तेँ किन आरोमहप ूण र् । कहल जाइत अिछजे को नाटक बेर बेर मिचतंभेलाक बाद आरो िनखरैत अिछसंगिह ओ अपन क आ म ंचनमेपिरपता सेहो हण करैतअिछ ।120सात बजे सा ँझमे योगएका ंकीक म ंचन शु भेल ।लगभग 45 िमनटक एिह एका ंकीकशुआत अार स’ छल जािहमे


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAको मिहलाक आवाजमे कापाठ भ’ रहल छल । धीरे धीरेकाश अबैत अिछ आ म ंचपरएकटा लकडीक गेट देखाइत छै। नाटककार एकरा मकहलिथ अिछ मुदा म ंचपर हमराई गेटक अभूित देलक । ईगेट कनी उँ चाई हण के अिछआ ओिह तक पहु ँचबाक लेलतीन-चािरटा ेप बनल अिछजािह स’ ई को कोठरीकवेश ार तीत होएत छैक। मुदा, नाटककार एिह ेपकेसीढी कह छिथ । आब ईकहनाइ कनी किठन अिछ जेनाटककार निचकेता जीक सीढीआ िनदेर्शक कुणाल जीक ईेपमे कतेक समानता छिन ।मुदा नाटककारक म आिनदेर्शकक गेट त’ जरे िभअिछ । नाटकक असारे सीढीआ ममे को संब ंध निहदेखाओल गेल अिछ । मुदा,एिह ठाम ेप आ मके एना121


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAसंयोिजत कयल गेल अिछ जेई को कोठरीक वेश ारब ुझना जाइत छैक । एहीेपपर ठाढ रहैत छिथ नाटककमु कलाकार नवीन िम ।म ंचक बामा कात (दश र्क िदस स’)एकटा कुसीर् अिछ जे दश र्क िदसपीठ क’ क’ राखल रहैछ ।संगिह एकटा बा सेहो एकरबगलमे राखल गेल अिछ । हा,ँनाटकक असार ई लकडीक अिछआ उलटा राखल गेल अिछ मुदाएखन म ंचपर ई चदराक आओिहना राखल अिछ जेना कोब्लॉक राखल जाइत अिछ ।दािहना कात (दश र्क िदस स’)एकटा गाछक िकछु डािर देखारपरैत अिछ । कुसीर्क बेसीउपयोग अम ृत करैत छिथ आगाछक डािरक तरमे ाय:नाटकक एक मा मिहला पाुित रहैत छिथ । बस । हा ँ! ई किह दी जे ई म ंच122


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAिवास एिह नाटकक िनदेर्शककुणाल जीक मानल जेबाक चाही। कारण, योग नाटकमे एकरलेखक निचकेताजी य ं म ंचिवासक िनदेर्श दे छिथ,जकरा थोड बहुत बदलल गेलअिछ ।आज ुक एिह म ंचनक लेल तैयारम ंच िवास किन कं ूज करैतअिछ । कुसीर् आ बा स’ लगैतअिछ जे ई को ना संाकप ूवा र्ासक कक्ष अिछ मुदा गाछकडािर आ गेटक आग ू बनाओलगेल ेप स’ लगैत अिछ जे ईको कोठरीक आग ूक भाग िथक। तेँ एिह तरहक म ंचिवासपर गंभीरता स’ िवचारकरबाक आवकता छल नाटकककके ािपत करबाक लेल ।123


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAआब नाटकमे अिभताक वस्िवास िदस सेहो ान देलजाय । मु अिभता नवीनिमकेँ िनदेर्शक पमे टोपी,सीटी, कुता, र् पे ंट आ पैरमेजूता ठीक अिछ मुदा बाकी द ुन ूपा खाली पैरे छिथ से िकयेक? पैरक पिहरनमे िभता भ’सकैत अिछ मुदा िकयो पिहरआ िकयो खाली पैरे किन ुिटप ूण र् लगैत अिछ । ुितकेसेहो साडी स’ बेसी नीक हुनकासलबार ाक होइतिन जािह स’ओ अिभनय करबा काल म ूवमेंटकरबामे ी महस ूस किरतिथ ।नाटकमे सेहो ई निह पताचलैत अिछ जे ुित िववाहलछिथ वा कुमािर । एहना िितमेहुनका कुमािर मानल जेबाक चाहीछल । हुनका का ंख तर लटकलपस र् नीक अभूत दैत अिछ ।मुदा िय ंका नीक जेना अपनअिभनयमे पस र्क उपयोग निह124


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAक’ सकलीह । अम ृतक ससेहो को बेसी आकष र्क निहमानल जयबाक चाही । कारण,म ंच पर कतेको तरहक काशअबैत जाएत रहैत छै आ तेँाय: कारी आ उर र ंगकउपयोग को िवशेषेपिरिितमे करबाक चाही । एिहठाम अम ृत नामक कलाकार कारीपे ंट आ उर शट र् पिहर छिथ। कारी पे ंट होबाक कारणअम ृत जखन ओिह ेपपर बैसैतछिथ िक ेप पर परल सभटागदा र् हुनका पे ंटमे लािग जाइतछिन जे नीक निह लगैत अिछ। हा ँ ! एहन िितक जँ मा ँगकरैत अिछ नाटकक क तखनत’ नीक, मुदा योगक संदभर्मेई कहनाइ उिचत निह होयत। एिह तरहें मा नवीन िमजीक वस् सा नाटककतदप मानल जायत ।125


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA126एिह ुितमे काश वाकेनीक मानल जयबाक चाही ।काश पिरकना चभूषण झाकछिन आ संचाल यं क’रहलछिथ । नाटकक शुआतअारमे होइत अिछ आ धीरेधीरे काश नवीन िमपर परैतछिन । एिह क्षागृहमे कोतरहक सिनयोिजत ू काश वानिह अिछ, तैयो काशकएतेक िविभ सेड उ केनाईश ंसनीय अिछ । हा ँ !कलाकार आ काशपुँज द ुन ूक बीचतदाक अभाव देखाइत अिछ। कख कख कलाकारकाश स’ द ूर भ’ जाइत छिथत’ कख कख काश किनदेरी स’ कट होइत अिछ ।म ंच छोट हेबाक कारण काशिबमे ऑभरलेिपंग भेनाइिनित छल से भेबे कयल ।अंितम दृक काश संयोजनअित सुर बनल अिछ । एिह


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAदृमे नाटकक कक असारदृ आ ओकरा उभारैत काशसंयोजन जबरद बनल अिछ।अिभताक मु सा प ूण र्पेण यथाथ र्वादी राखल गेलछैक । को तरहक बदलावनिह । नाटकक अपे ईबेसी नीक । मेक-अप माम ंचक असार कयल गेल अिछ।िमिथलाक को एहन क्षागृहनिह अिछ जािहमे िन वार ंगम ंचक अप हो । िमिथलेिकयेक िबहारमे आरा ितरेशा ंक क्षागृह छोिड कोक्षागृह एहन निह अिछ । तेँसभ ुितकता र्के यं िनवा क’र’ पडैत छिन । एहूठाम एह वा छल । मुदा,127


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAम ंच पर ततेक नीक जेनामाइक संयोजन कयल गेल जेअिभता को कोन स’ बजिथहुनकर आवाज सूण र् क्षागृहमेनीक जेना सुनाइ पडैत छलिन।128नाटकमे संगीत सेहो पया र्राखल गेल अिछ ओहो पिह स’िरकािडर् ं गके पमे । संगीतकसंयोजन सीताराम िसंह जीकछि । संगीतक संग अकोतरह िनक योग सेहो कयलगेल अिछ । संगीत ाय: सभटाअाधिनक ु अिछ । ओना नाटकमेएिह तरहक संगीतक योगिनदेर्शकक अन छिन । ईसंगीत नाटकके भावी बबामेसहयोग करैत अिछ । संगीतसंचालन संजीव पा ंडेक’ रहलछलाह, मुदा संगीतक संचालन कनीआर प ूवा र्ास मा ँगैत अिछ ।


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAयोग एका ंकीक मु अिभताछिथ नवीन िम । एिह पाकेकुमार गगन जीव रहल छिथ ।कुमार गगन बहुत साल स’मैिथली र ंगम ंच पर छिथ ।शुए स’ भंिगमा, पटना स’ ज ुडलछिथ । कुणाल जीक िनदेर्शनमेकतेको नाटकमे अिभनय क’चुकलाह अिछ आ कुणालजी ारापिहल बेर िनदेर्िशत योगनाटकमे सेहो गगनजी एिहभूिमकाके क’ चुकल छिथ । एिहुितमे गगनजी नवीन जीकपमे अपन सोलो लॉगी संगअबैत छिथ । मुदा प ूराके प ूरावमे को िवशेष आकष र्णनिह छोिड पबैत छिथ ।म ंचपर नवीन िम कम आगगनजी बेसी देखाइत छिथ ।सूण र् ुितक अंत तक जाइतजाइत गगनजी एकटा पारसीर ंगम ंचक कलाकारक पमे अपन129


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA130भाव बना पबैत छिथ ।संवादक बीच उतार चढाव, शकसंषण ाभािवक निह बिन परलअिछ । संगिह िहनकर म ंच परगित आ बैसबाक ान सेहोउिचत निह । िकयेक त’ जखनजखन ई म ंचपर अपनअिभताके आदेश दैत छिथयोग करबाक लेल आ पाछू जाक’ बैसैत छिथ त’ ुित स’ झँपाजाइत छिथ तेँ क्षक िहनकरअिभि देखबा स’ बिचत ं रिहजाइत छिथ । अपन द ुन ूअिभताके योग करबाकआदेश देलाक बाद कखक’हुनका द ुन ू के अपन द ुन ू हाथस’एकटा म बनाक’ देखनाइअंत अनल मुा मानल जायत। कारण, ई नवीन िम एकटानाटक म ंडलीक िनदेर्शक छिथ िक को िफ कनीक िनदेर्शक। गगनजी मैिथली र ंगम ंचकवरी अिभता छिथ आ अभवी


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAसेहो तेँ िहनका स’अपेहमरा सभकेँ कनी बेसी अिछ ।कनी आरो प ूवा र्ास आ िवमश र्कयल गेल रिहतै त’ बेसी नीकपिरणाम अबैत ।ुित नामक भूिमका िनभेिनहािरिय ंका सेहो आब मैिथलीर ंगम ंचक पिरिचत अिभी भ’चुकल छिथ । िय ंका नीकअिभी छिथ तकर माण ओिपछला कतेको ुितमे द’चुकल छिथ । इहो भंिगमा,पटना स’ जूडल छिथ आ वरीर ंग िनदेर्शक कुणाल जीक संगकतेको नाटक केलीह अिछ ।एिह योग ुितमे िहनकरआिवास अित संसनीय अिछ। म ंचपर िहनकर गित आअपन ानक लेल सचेतताक संगदश र्क आ अपन सहयोगीअिभताक बीच आिखक ँ िमलान(आइ कं टे) नीक भाव131


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAदेलक अिछ । मुदा िय ंकाकेसेहो अपन मुखािभनय (फेसएिंग) पर कनी आरो काजक’र’ पडतिन । एिह नाटकमेिहनका ारा कयल गेल संवादअदायगी खासक’ जे किवताकअंश अिछ ओिहमे द ू शक बीचकाफी समय लेल गेल अिछजकरा िनदेर्शकके किन कम क’र’पडतिन । ई कहबामे किनयोसंदेह निह जे एिह तीन ूअिभतामे िय ंका सब स’ बेसीभाव छोडलीह अपन अिभनयमे।132अम ृत नामक पाके अिभनय क’रहल छलाह आशुतोष अनिभज्ञ। आशुतोष मैिथली र ंगम ंच स’अनिभज्ञ निह छिथ । मुदा,अिभनय दृ िए िहनका अखनकाफी मेहनत करबाक आवकताछिन । िहनक को अिभि


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAपाक अप निह छिन ।िहनका पर िय ंका काफी भारीपिर रहल छिथ । िहनकरअिभनयमे एखन हेिजटेशन बहुतअिधक छिन ।ुितक अित महप ूण र् अंग िथकम ंच । एिह क्षागृहक म ंचको कोण स’ एिह नाटककअप निह अिछ । अिभता,म ंच संयोजन, काश संयोजन,िन संयोजन, क्षकक बैसबाकिित आिद सभमे समझौताक’र’ पडल अिछसे ओिहना देखारहोइत छै ।क्षागृहमे दश र्क अित ब ुवक छलाह । मुदा, नाटकदेखबाक लेल जे अशासनदश र्कमे होबाक चािहयिन सेअंत कम छल । िबना मतलबेथोपडी पीटब, मोबाइल मौन133


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAकरब त’ द ूर, बीच नाटकमेमोबाइल पर ग करब,नाटकक ऑनलाइन समीक्षा देब,बीच बीचमे जोर स’ आपसी गक’ लेब, बीच बीचमे उिठक’ बाहरभीतर करब आिद काय र्कलाप स’बिचत ं निह छल क्षागृह । एिहकारण नीक क्षक के अंतपरेशानी भेल हेतिन एहन किठननाटकके देखबामे से िनित। हमर दश र्क व के ईब ूझक चािहयिन जे नाटकक दश र्कभेनाई को दोसर िवधाकदश र्क स’ अंत फराक होइतअिछ ।हम योग पढ छी । एकबेर निह कतेको बेर । एिहपर हमर आलेख “योगएका ंकीक र ंगम ंचीय दृ ि” सेहोकािशत अिछ िवदेह ई पिकाक134


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA<strong>अंक</strong> 51 (01 फरवरी 2010 ;प ृ सं. 112)मे । तेँ हमराएकर म ंचन देखब अित महप ूण र्छल । मुदा पढलाक बाद जेको िब हमरा िदमागमेउचरैत अिछ एिह ुितके ल’क’तकर लगभग पीस ितशतमा एिह ुितमे हमरा भेटल। एिह ुितक अंितम दृकअंितम भाग नीक पिरकितभेल अिछ जे बेर बेर हमरािदमागमे आिब जाइत अिछ ।कुणालजी हमर सभहक िनदेर्शक छिथ । सीतायन, कुसमासलहेस, पािरजात हरण आिदुित हुनकर नाम लैत देरीमोनमे घ ुमर’ लगैत अिछ ।हुनका स’ हमरा सभके हरदमिकछु िवशेषक अपेक्षा अिछ ।संगिह ओ अपन ुितमे नव नवयोगक लेल िवात सेहो छिथ। हुनक एिह ुितमेप ूवा र्ासक अभाव नीक जेनाखटकैत छल आ को तरहक135


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAिनदेर्शकीय कुशलताक योगसेहो निह देखायल । आदरणीयकुणालजी आज ुक समयमे हम सभर ंगकमीर्क लेल पथ दश र्कि छिथ आब हुनका स’ एहनअपिरप ोजेक आशा निहअिछ ।- काश च ; शनलूल ऑफ ामा ; भगवान दासरोड, नई िदी – 110001pr akash. pi kkoo@ gmai l . com१ धीरेन ् कुमार- एका ंकी- जरैत मोमबी२ डा. शेफािलका वमा र्- एका ंकी- एकटाआर महािभिनष्मण136


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA१धीरेन ् कुमारएका ंकीजरैत मोमबी(म ंचपर बादक नाटकक शु होएबाकप ूव र्क वा-य ं बजा रहल अिछ । ब ंठा दश र्किद िस पीिठ के गुी उड़◌ा रहल अिछ ।वादक दीघा र् िद िस हल ्ला होइत छैक।)137


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAगा ंधी :हे यौ नाटक िक एक निह शुहोइत छै।बटेसर :यौ नटिक या सभ गा ंजा पीबैतहेतै।रिज ं त :िस मा देखऽ चिल गेल हेतै।बटेसर :अच् छा, ओ सभ निह छै तँ िकभेलै, िक यो तँ शु क।गा ंधी :िप आरे गणमान ्य लोकिन । अहा ँ सभध ्यान लगा कऽ बैसल छी नाटकदेखैले। मुदा नाटक ओिह ना थोड़◌ेभऽ जाइत छैक। पिह सँ मोनबनाउ, योजना बनाऊ षडय ं क138


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAतख नाटक होइत अिछ । अहा ँ सभतँ नाटक हरेक समए देखतै रहैतछी। हालेमे िब हार िव धान सभमे नाटकभेलै अभूतप ूण र् नाटक- जूता टूटलै,चप ्पल टूटलै गमला टूटलै आ टूटलै ओित ज्ञा जे िव हार िव धान सभाकसदस ्यता हण करए लेल ले रहिथ ।आइ-काि सपक को महत् वथोड़◌े रिह गेल अिछ । िल अऽ आबहमही ं नाटक शु करैत छी आ हम बिनजाइत छी गा ंधीजी।(म ंचेपर गा ंधी आिख ँ पर चश ्मारखैत अिछ । पिह सँ पिह रघोतीकेँ गा ंधी स ्टाइलमे रािख हाथमेलाठी लऽ मितर्वत ू ठाढ़ भऽ जाइतअिछ । गुी उड़बैत-उड़बैत ब ंठा पाछूमुहेँ भगैत अिछ आ गा ंधीसँ टकरा कऽखसैत अिछ , डराइत अिछ आ मितर्वतूगा ंधी जीक स ्पश र् करैत अिछ )139


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAब ंठा :अहा ँकेँ िथ कहु ँ?गा ंधी :बच् चा हम गा ंधी जी छी। महात् मागा ंधी। मोहनदास करमचंद गा ंधी।ब ंठा :के महात् मा गा ंधी। अहा ँ सनकलोक तँ भीख म ंगैत अिछ । मुदाहमरा लग। पाइ अिछ ।गा ंधी :हम भीख म ंगैत छी। आइ तो ंजािह देशमे जीिब रहल छह ओकराआजादी देिन हार हम छी।140


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAब ंठा :आजादी की होइत छै। कोनदोकानमे भेटैत छै। हमरा तँ भेटल आजादी?गा ंधी :बच् चा आजादी को बस ्तु छै।भारत अंजक गुलाम छल ओकर अपनिन यम, कान ून रहए जािह सँ हम सभबान ्हल रही। हम अपन इच् छासँ िक छु कऽ सकैत रही। हमर सभअिध कार अंज छीिन ले रहए। ओहमरापर अत् याचार करैत रहए हमरशोषण करैत रहए।ब ंठा :िन यम, कान ून, अाचार तँ आइओभऽ रहल अिछ । इिद ं रा आवासमे पा ँचहजार टाका, व ृा पे ंशनमे द ू सएटाका, कागजपर सड़क बत अिछ ।मकान पुल तैयार होमएसँ पिह खिसपड़◌ैत अिछ । ई सभ तँ अखवारपढ़एबला लोक ब ुझैत अिछ ।141


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAगा ंधी :यएह काज अंज करैत छल।अपन मोन िन यमसँ हमर शोषण करैतछल। अंजक अज छिथ ई सभ।जनताकेँ जागक होमए पड़तै,गलतकेँ िव रोध करए पड़तै। सभकेँिश िक्ष त होमए पड़तै, सत् य बाजएपड़तै, चा◌ेिर करए पड़तै। दया-भाव-कणाकेँ अपनाबए पड़तै तखहम कृि म गुलामीसँ बॉिच सकैत छी।(द ू पा, िस ा ंत, अिध कारी आिन यमनक वेश)हम अंजक िख लाफत केलहु ँ,अिह ंसात् मक आ ंदोलन चलेलहु ँ। समस ्तभारत वष र्मे स ्वराज अलख जगेलहु ँ,सुभाष चं बोस, ख ुदीराम, भगत िस ंह,142


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAचंशेखर आजाद सन सैकड़◌ो लोकअंजसँ लड़◌ाइ लड़लाह, तखन बड़मोसिक लसँ हमरा आजादी भेटल। हमअपन देशसँ ख ुश छी। स ्व-नरकद ुन ूमे स ्वतंता िद वसपर ई खबिरधौलाइए भारतक पतन भऽ रहलअिछ । तँए एक घंटाक छुी लऽ आएलछी। आऊ हम अप संदेश एिहगीतक माध ्यमसँ सुना दैत छी- बच् चासभ अहूँ सभ हमरा संगे गाऊ“ हम लाऍ हैं तूफान से िक श ्ती िन काल केइस देश को रखना मेरे बचचे संभाल केतुम ही भिव ष ्य हो भारत िव शाल केइस देश को रखना मेरे बच् चो संभाल केदेखो कही बवा र्द न हो वाग बगीचाउसको दय के ख ून से बाप ू है सींचाजलाए हैं िच राग शहीदो बार के143


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAइस देश को रखना मेरे बच् चो संभालके।”गा ंधी :बच् चा तोहर की नाम छह।िस ंत :िस ा ंत।गा ंधी :तो ं की करैत छह।िस ा ंत :(बीड़◌ी बहार करैत) हम चोरीकरैत छी।गा ंधी :आ तो ं (िन यमनसँ)144


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAिन यमन :जतेक अपहरण होइत छै ओकरजास ूस छी। टेलीफोनसँ खबिर करैतिछ ऐक, के कतऽसँ कतेक पाइ लऽ कऽजा रहल अिछ । के कतऽ अिछ । आऑिफ सर सभकेँ दा पहु ँचबैत छी।मुि◌ खया सरपंचकेँ जी-हजूरी करैतछी।गा ंधी :हे राम। एतेक छोट बच् चा सभएहन काज करैए, पता समथ र् लोकसभ की करैत हेताह।िन यमन :बाबा, अहा ँ सनक लोककेँ पुिल सआतंकवादी, चार, उचामे पकड़ि◌ लैतछैक। अहूँ केँ पकड़ि◌ लेत। पड़◌ाजाऊ एतऽसँ।145


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAगा ंधी :बच् चा आब बिझ ू पड़◌ैए हमरासँ ईिह न ्द ुस ्तान सुनत। अंजी भगादेलहु ँ आब अप बेटा सभ ई काजकरैए। आब हमरो आरामे करऽदएह।िस ा ंत :बाबा, अहा ँ बजैत छी जे अहा ँकनाम गा ंधी अिछ । गा ंधी शब ्दक योगगाड़ि◌ पमे योग होइत अिछ ।जेना बाप बजैत छैक बेटा-बड़कागा ंधी भऽ गेलहेँ। जाऊ बाबा, पड़◌ाजाऊ।गेल, भागल बतहा।(गा ंधी नमहर डेग उठबैत अिछ ।तीन ू पा हॅसैत अिछ -)146


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAिन यमन : रौ बाप हमर िद माग गरम भऽगेलो िह नकर गप ्प सुत-सुत।िस ा ंत :हमर माथ टनटनाए लगलौ। लाएकटा ि◌ सगरेट ला।ब ंठा :ले गा ंजा भर। चऽल एकटा गानागबैत िछ ओ सभ डान ्स कऽर।मुी बदनाम हुयीडािल र्ग तेरे िल ए....।(नाच समाप ्त होइत अिछ । सभ हपसैत अिछ ।अिध कारीक वेश)अिध कारी :की रौ नािच लेलेँ । कहू तँ ईदेश कोना सुधरत। मिद ं रमे िट कटकटाऊ तँ भगवानक दश र्न होएत।147


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAअहा ँकेँ पाइ अिछ - लाइनमे लागलरहू। अहा ँकेँ उिच त काज अिछ दिक्ष णािद ओ। म ृत् यु माण चाही तँ टाकाि◌ दओ। अहा ँ जीिव ते छी सरकारीरेकडर्मे मरल छी। भोंट मागए औततँ हम सभ टाका लेबइ। ठीकेदारसड़क बनाओत तँ हम ओकरासँ र ंगदारीम ंगबै। सड़कक ई ंटासँ अपन घरजोड़ब, सड़क निह राखब। सरकारीमकानक िग ीसँ नािद बनाएब।सामुदािय क भवनकेँ मुिख याजी दलानबताह। बेटीकेँ िव आह करब तँबेटाबलाकेँ पाइ िद औ। गरीब छी, द ुखअिछ , जहर कीनब, खएब सुतब भा◌ेरेजीिव ते रहब। डाक् टर बेहोशीकसुइया देत, पेट चीरए लागत तँबाप-बाप करब। सभ ि◌ कछु नकली।कतए जएब की करब? राष ्ीयत् योहार िद न झंडा फहराएब, राष ्ीयगीत गाएब। लालिक लासँ भाषण सुनब।हमर उरदािय त् व समापित ् भऽ जाइ148


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAजाएत। दरी-जािज म झाड़ब आ िव दाभऽ जएब। अपन गाम आ लािग जएबसड़ककेँ भा◌ेकसैमे, अलकतरापीबैमे। स ्पैक् मकेँ पेटमेरखैमे। ठीके छै, हम सभ कोदेशक ठीकेदारी छी।िन यमन :रौ सारा तो ं ता भऽ गेलेँ।िस ा ंत :एकरो रोग लािग गेल छै,मलेिर या, लबेिर या, तगेिर या।िन यमन :पागलखाना जाएत।िस ा ंत :पागलक को छै, ओतहु एंीकबोडर् टा ंगल छैक।149


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAब ंठा :पकड़ सारकेँ आ लऽ चल।िन यमन :पकड़ पकड़ तँ पुिल स िग रफ्तारलऽ लेतौ।(सभ िक यो पकड़ि◌ कऽ म ंचसँबाहर लऽ जाइत अिछ । भारतमाताक वेश। हाथमे ित र ंगा।अस ्त-व ्यस ्त हालत। हँसैत पालगसदृश।हम जजर्र भऽ चूकल छी। एकसमए रहए जखन सैकड़◌ो सप ूत अपनकुवानी र् दए हमरा आजाद करौलक।आज ुक तो ं सभ कप ूत छ ँह। हमरेआ ंचरकेँ तो ं सभ कलंिक त कए रहल150


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAछ ँह। हमर जग हँसाइ भऽ रहलअिछ । की तोहर सभकेँ यएह कतर्व ्यछौह। तो ं सभ ज्ञानक लेल पढ़◌ैिल खै छ ँह तोरा धन चाही। पैयेतोहर माए-बाप भऽ गेल अिछ ।(बजैत-बजैत िह चुिक -िह चुिककत बजैत अिछ ।)की भऽ गेलह तोरा सभकेँ ।आब माइयक अिभ मानकेँ नष ्ट करऽ, करऽ।((िह ंदीक गीत हमर म ूलरचना छी। कथ ्यक संषणमे एकर151


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAआवश ्यकता छल। आज ुक पीढ़◌ीकस ्वभाव यएह अिछ , तँए गीतकरचिय तासँ आभार कट करैत छी।))२डा. शेफािलका वमा र्एका ंकीएकटा आर महािभिनष्मण(साझ ुक बेर.म ंद समीरण वातावरण के उािदत करहल छल . पलंग पर बैसल कृित चुप चापको िवृित में डूबल छलीह .ओकर चेहरा परअतीत आबी बैसी गेल छल. िकर दन स वोकरवा- सखी राखी आिब कृितक सोच के तार तारक देलक )152


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAराखी --अहा ँ की सोचैत रहैत छी ,सखी ?जािहिदन स अहा ँ दाजीर् िलंग स घ ुरल छी ,लगैत अछ अहा ँएख ओिह घाटी सब में भटिक रहल छीकृित एकटा उसा ंस भिर िनिमष मा ले राखीिदिस तकैत अछ फेर बजैत अछकृित--सा ंचे बजैत छी राखी ,हम एखनह ु ओिह घाटीसब में भोितया रहल छी . को को बाट कद ुन ू िदस कमल -कुसुम के देिख रबीनाथ टैगोरक पाती मोन पड़◌ी जायत छल'एय शरद आलोर कमल ब ,वािहर होय िवहारकरेजे िछले मोर मो मो . ..' अकास मेंजल भरल मेघ खंड देिखब ुझा पडैत छल जेना ओ सागरक लहिर होय ,राखीएिह मोहक सुषमा क संसार में हम हेरा गेल छलों( कृितक आ ं िख डबडबा जैत छैक. मुड़◌ीघरा लैत अछ .राखी बड िसह स ओकर चेहराउठ्वैत अछ )153


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAराखी--कृित , अहा ँ बड कोमल छी , बड िनल.....बीचे में बात कटैत कृित बजैत अछ --हँ हँउहो इयैह कहैत छल राखी ' िनल, कोमल '.....ओजखन हँसैत छल त शत जलतर ंग जका ं हमर मोनमानस कािप ं जायत छल ...( बजैत बजैत कृितक डबडबायल र धार बिनजायत अछ. अधीर भ राखी बजैत अछ )---कृित, हम अहा ंक वा संिगनी छी. तैयो अहा ँहमरा से कतेक बात का लैत छी . अहा ंक दयपर जे अस बोझ अछ ओकरा हमर साम फेकिदय . अहा ंक दाण थाक राज हम जा चाहैत छीकृित ( राखी आवेग आ आवेश स भिर जायतअछ )--बाज ु कृित बाज ु( तावत िकर दन स एकटा छोट ना दौडलअबैत अछ आ ध दे कृितक कोर में बैसीजायत अछ . कृित ओकरा अपन करेज स सटाईलैत छैक . )154


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAमा ँ मा ँ ,अहा ँ कत छलों ?कतेक काल स अहा ँ केखोजी रहल छलोंकी बात छैक स ून ,बाज ु बेटा ----ना केद ुलरावैत कृित बजैत अछ.मा, ँ केओ संगी आयल आय. अही ं को िखा सुनािदयराखी उािहत भ बजैत अछ ..हँ हँ स ून, हमहूँ तअहा ँक मा ँ के इयैह कहैत छलोंआब स ून क ान राखी िदिस जायत अछ ,ओ चोंिकजायत अछ --अरे मौसी ! अहा ँ एिहठाम छी. ,अहं िखा सुनब मौसी.. थपडी पडैत स ूनबजैत अछ --मा ँ , आब ते अहा ंके िखा सुनाबेपडत ..आब अहा ंक िखा सुनब ,मा ँमुदा पिर वाला िखा , राक्षस से हमराभय होयत अछ.सुनक माथ पर हाथ फेरैत कृित बजैत अछ ---बेटा, राक्षस स भय होयत ते अहा ँमद र् कोना कहायब ?155


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAमायक बात सुिन स ून बजैत अछ..--ठीक छै,तखन एहेन िखा कहू जािह में परी होई, देवताहोय ,राक्षसों होय , को बात ...स ून क गप सुिन कृित आ राखी द ुन ू हँसैत अछ.राखी िज पकड़◌ी लैत अछ --आब ते अहा ँ केअपन कथा कहये पडत सखीकृितक आिख ं सुद ूर अतीत में भटिक जायत अछ, आिखक ँ कोर में ओ िदन सबमखमली सपना जका छलक लगैत अछहँ , एकटा परी छल ,बड सुरी, सुर ? ओकर अंतर बड िनल छल , एतेक सरल छलीह जेसंसारक छल कपट आिदक नमो जत छलीह.परी के हरदम लागेक जे ओ कोआन लोकक ाणी छी जे भूलल भटकल कोाप वश एिह धरती परआिब गेल हो ....स ून एकटक माय केतकैत रहैत अछ .....ओ परी एकटा राजकुमार केदेखलक आ देिखते रही गेल..िनलिशशु सन रजत हास ओकर चेहरा पर पसरल छल.परीक अंतर से अवाज आयल ' एकरे लेल कतेक156


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAयुग स ,कतेको क स हमर आा भटिक रहलछल ' राजकुमारों क दय का ंच जका ं िनर छल.ओकर दय में िव म क अप ूव र् रािगनी बजैतछल. ओ को िद आा छल , महान चिर छलजे भोितआइत एिह ठाम आिब गेल छलमा ँ मा ँ , ओ राजकुमार बड सुर होयत --स ून मु भ सुिन रहल छल - कृितक ताभंग भ जायत अछ-हँ बेटा, सुर त अप ूव र्छल,मुदा अुद ि सेहो , ओिह परीक आिखंओकर सुरता पर ओकर िनम र्ल अंतर पर गेलछल आ कृित पुनः भावािव भ जायत अछ --बेटा , ओ परी ओिह राजकुमार स बड ार करलगलीह , राज्कुमार क िसह देिख परी के मोनमें होम लागल .इयाह राजकुमार एिह मर् भुवन सहमर उहार करत ...द ुन ू सिदखन कनाडूबी अकासक गप करैत छल . एक िदन ओिहपरी के िकछ चोट लगलैक ,ओ प ूछी बैसल ओिहराजकुमार स .' हम अहा ंक आिख ं में उपेक्षाक छाहरीदेख्लों , िकएक , आिखर िकएक ?राजकुमार बाजल - अहा ँ कतेक सरल छी , कतेकअबोध ,अहा ँ हमर आिख ं में अपन छाहरी देिखउपेक्षाक छाहरी देख्लों . आिख ं में त सबहकपरछाही ं रहैत छैक ,मुदा, अनमोल िनिध धरती में157


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAगाडी के राखल जायत छैक. अहं के हम अपनदयक अतलता में का के रख छी.आ परी ओकर मोहक गपक िल सागर में हेलैतरहल ..--अहा ँ हमरा सबिदन एिहना मानब ?बताही छी अहा, ँ यं पर अिवास क ते कमुदा, हमरा पर अिवास क नरक केर भागी बन.ू....आ परी जेना सब िकछ पािब लेलकओ राजकुमार ओस-तीतल गुलाब सन कमनीय ,सुकुमार श क िचतेरा बिन किवता करैत रहल,परीक मोन िभजैत रहल ' ओह अपन राजकुमार करणा छी हम 'एिह भाव में डूबैत रहलीह ओकरिनल अंतर अकास मेंिखलल िसंगराहारी तारा जका मुिदत होइत रहल.....िखा कहैत कहैत िितकं आिख ं सद ुई ब ु आहत भ िपयासल कपोल पर खिस पडैतअछ . रािख एतेक देर स म ूक ोता बिनचुपचाप ओकर कथा के आसात क रहलछलीह. (स ून ओकर करेज स लागल जिन कखनसुित गेल छल ओिह नाक अबोध अंतर में परी आराजकुमार गंभीर गाथा कोना समायत ? )अरे ई158


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAत सुितगेल. (चोंिक बजैत अछ कृित , आे सओकरा िबछोन पर सुता दैत अछ.)आग ू की भेलैक कृित रािख क पर कृितचौ ंकी जायत अछ ...छोड़◌ू... बाही ं पकड़◌ी लैतअछ राखी..बाज ु सखी, आय सब िकछ बजे पडत...(कतेक देर धिर कृित चुप रहैत अछ जेनावेदना अपन संगीत ओकर अधर पर रािख दे हो..राखी कतेक काल धिर ओकर ई िित देखैत रहलफेर) बजैत अछ -चुप िकएक भ गेलों कृितबाज ु ...आग ू बढ़◌ूओह हँ ...हँ हँ ते ...जेना श गर में छटपटारहल होय ---एक िदन ओकरा ज्ञात मुदा चहला सकी भेलैक जे ओिह ओस तीतल गुलाब क खेतीकआा ओ केओ आर अछ --केओ आन अछ.परीक आा कुहरय लागल , रोम रोम िससकी भरलागल ....मुदा, ओ राजकुमार िनिव र्कार रहल. ओपिहके जका रोज एकटा ओअस तीतल गुलाब ओकरासुैत छल आ परीक अंतर िससकी उठैत छल काश,एिह गुलाबक खेतीक कारन हम बिन सकतो ं !मुदामा चाहला स की .? एकिदन ओ बाजल..हम चाहैतछलों ओकरा िक्षितज क क़◌ात में ठाढ़ क दी आ159


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAबािज 'जखन अार सघन भ जाय त अहा ँआकाशदीप ल हमर पथ दश र्न करब. ' मुदाओ की जत छल जे हम पिहनही िकनार में ठाढ़भ गेल छलों ,आकाशदीप सेहो बािर छलोंमुदा ओ राजकुमार ओिह बाटे एवे निह केलक. ओगुलाब क खेती सँ भोर क पिहल िकरण तोड़◌ीओकरा िचर दी करवा लेल चाहैत छल , परीसोचैत छल भोर क ,कम से कम साझ ुकहरक को भटकैत रि रेख ओकर जीवनकसौभा बिन जाय.िकु, ओ परीक लेल रक खेतीकर लागल . परी ओिह र के िपवैत िजवैतजायत छलीह .ओ रोज ओिह राजकुमार क नाम एकटािचठ्ठी िलखैत छल आ फेर यं पढैत छल.ओकरआ ंगुर राजकुमार के आखर,श आ पंि में बािदैत छल आ फेर िनिन र्मेष ओिह में राजकुमारक प के खोजैत छलीह उषा क आ ँचर सअरािगमा झडवाक संगे ओ ओिह प के द ुई खंडक दैत छलीह , ओ परी यं अपना के द ुई खंड कदे छलीह , एकटा खंड ओ यं छलीह जे पिलखैत छलीह ,दोसर खंड ओ यं राजकुमार बिनओकरा पढैत छलीह .( एकटा नमहर सा ँस लैत कृित किन काल मौन160


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAभ जायत अछ. राखी एकटक ओकरा देखैत अछउुक आ कण नयन सँ , )..कतेक भावानहेतीह ओ जे अहा ंक रणा छिथ ...ओ की भावान हेती भावान ते अहा ँ छी --ओहमर िलिखत काक रणा िथकीह ,अहा ँ हमरअिलिखत काक रणा छी, बाज ु ते अहा ँ कतेकमहान छी.....ओ परी चुप रहैत छली .शक एिह अिभधांजनाक झाडी में ओझरा यं के िनता ंत असहायब ूझैत छलीह., हम िकछ जत छी ,िकछ ,,अही ंते कह छलों अहा ँ के हम दय क अटल गहीरमें का के रख छी ...हँ, सा ंचे बज छलों . हमरा मानव-जाित स मअछ ,अहा ँ एिह पर अपन सवािधकार र् सुरिक्षत बिझुलेलों ई ते अक्षय कोष थीक जतेक बा ंटू ओतेकबढत( कृित क आ ं िख स रक टघार िनकल लागल..)राखी--फेर की भेल. ओही पिरक ?? ओराजकुमार एतेक कठोर ,एतेक िनद र्य कोना छल?161


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAकृित- सखी , ओकरा िनद र्य कहू. मुदा,छोडू, िखा िपहानी जखन जीवनक संग घिटत होमलागैत अछ त बड वेदनामय भ जायत अछ,राखी-- सखी आय हम कहनी अनकहनी सब टासुनब ओ राजकुमार एतेक िनम र्म िकएक छल ? सखी, राजकुमार परीक आत्म्घ ुटन, एकािक मक िवषय में क क सकैत छल.कृित--ओकरा बेर बेर िनम र्म बाज ु . हमहू एकबेर ओकरा िनम र्म कहलों ते जत छी ओ हमरा कीकहलकराखीक आ ं िख में हजारो हेल लागैत अछआ कृित अपन तर ंग में ..ओ बाजल नािरयर ऊपरस कतेक कठोर होयत छैक, भीतर स कतेककोमल, कतेक सरस...हूँ हूँ ब ु िझ गेलों िकु, किहयो किहयो ओकर गपना जका होयत छल. अहा ँ एक बेर उु हंसीहंसी िदय जाही स हजारो िसंगरहार झहरी जाय, या ते एक बेर कािन िदय ,अहा ँक दन के हमआसात क लेब. ओ परी ओकर बात के ओकर गप162


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAके सुत रहैत छलीह, गुत रहैत छलीह . ओअपन वा स, अपन श स ओही परी के एतेकद ुलरावैत रहैत छल जे परी िनहाल भ जायतछलीह.एक बेर ओ बड िनल भाव स पुछलक -अहा ँहमरा स एतेक िसह िकएक करैत छी ? उरमें परीक नयन अुािवत भ उठल ओकर वाणीअवध्ह भ गेल ,ओ म ूक, िनंद ,िनवा र्क बैसलरहलीहराजकुमार बाजल छल -हमरो दय अही ं जकािनल रिहतैक , हमरो आिख ं में अही ं जका ं रआिब जेितयैकजखन ओिह परी स एतेक म करत छल तं ओ परीिकएक ब ुझलक जे ओ परी स म करैत छैक-बीचे में राखी बजैत अछ ,, राखी, ओ परी सम करैत छल दय क सूण र् गिहरता क संग,भावना क सूण र् सता क संग.मुदा, ओ बेर बेरओकरा आहत सेहो करैत छल , बेर बेर क्षतकरैत छल ..एक िदन ओ परी आकुल ाकुल सन ओिहराजकुमार लग गेल छलीह त गपे गप में एकटाएहेन बात किह गेलजे अिशलाका जका ं ओिह परीकआा के िव क गेल.'अहा ँ के हम ओिह प मेंकिहयो देखलों.परी वेदना स िवकल भ उठलीहमुदा, राजकुमार अपना में म रहल. एक दृ ि इ163


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAदेखवाक यासों केलक जे ओकर एिह एकटाबात से परी के कतेक ममा र्क पीड़◌ा भेटलैकजलकण स भरल आ ं िख आ कं िपत पैर स घ ुरीआयल.सम संसार स ओकर आा टूटी गेलैक. ओकराभगवन क अि फुिस लग लगलैक सम भावनापर अार क साा खिस पडल . केकरो भावनाके ीकार करब अपनाय त थीक. ओ कतेकडरी गेल छल .आ परीक मो एकटा ार उठल आओ राजकुमार के एकटा अिभधा द देलक, एकटासंबोधनराखी ( एकटा िनसा ंस भरैत )- मुदा एिह से कीफरक पडल ?( िनसा ंस क दद र् के भोगैत) कृित--ई अहा ँ बिझ ु सकब , राखी जखन हम ओकरा ओिह संबोधन सअिभिहत केलों त ओ एकटा तता क सा ंस लेलकजेना को म ृगछौना के ब ंधन-मु क देलों ..ओपरी ओकर ख़◌ुशी देिख ख ुश भ गेल ..अहा ँ ख ुशराज, हमहूँ ख ुश..एतवे बाद में ओ बज लागल 'हम ते अहा ँ केब ंधवा लेल कह छलों अहा ँ यं बाि देलों ..आ164


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAसखी, ओिह परीक अंतर घाह घाह भ गेल.कतेकपैघ व ंचना ओकरा छली गेल ...ओ त 'अषाढ़क एकिदन' क 'मिका' बिन जीवन क सभ सुख आसातक लेितयैक मुदा राजकुमार सब टा ऋतू के उनटापुटा देलक किहयो घाह बेसी दिखत ु छल तेकिहयो दवाय.िकु, ओ अपन भाव सुमन स परी केएतेक द ुलार करैत छल जे ओकर दद र् रिह रिहकुहर लागेक ....बिहन ! -( राखी क खोजप ूण र् दृ ि कृितकचेहरा पर पडल छल )- की संबोधन दे मा सेअहा ंक म बदली गेल..कृित--इयाह ते जेडी छैक ,यिद श मा सभाव बदिल जेितयैकम अपन प प पािबलेितयैक त संसार क सब स सुिख ाणी ओ परीरिहतैक. मुदा, ओ भीतर भीतर तीतल जारिन सन पजरैतरहल ,घ ुटैत रहल. मुदा एतवे , जखन कोशारीिरक ािध हमरा घेिर लैत छल ते बेर बेरआब कोना छी, केहेन छी आ हम सोच लगैत छलोंदेह क किनक क लेल एतेक िचंता, एतेकआकुलता मुदा, एकर भीतर जे एकटा कामना घ ुटनएव ं कुंठा स मु हेवा लेल छटपट करैत छल165


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA,था िवगिलत छल, एकर िचंता ओकरा छल , हेबो िकएक करितयैक.ओकर अपन मोनछल,अपन दय छल ,अपन भावना..मख अपन मोनके ते बिझये ू निह सकैत अछ, आन क कोन कथा..((कृितक आिख ं बिन जायत अछ , अधर ओकरभाषा)कृित--ओिह कोठरी के देखैत छी राखी, ओिह मेंआिब ओ बैसैत छल, अपन ारक भाषा स कतेकहमरा द ुलरावैत छल , ओ चिल जायत छल ते ओकरनाम के परी िनह्न बैत छल . मोन भरैतछल ते जोर स िरत बैत छल ओ नाम सखी,ओिह कोठरी में टा ंगल वरन कोन कोन में स ृतभ गेल ,ओ िवलय भेल मुदा, ओकर अगँज ू घिरुघिर ु ओिह परी के द ुलरा जायत छल ...ओकर नामक िन एतेक मीठ लागैक्जे बेर बेर अपन अधरपर ओकर नाम आिन एकटा श र्ज स ूखक अभूितओकरा होयत छल जिहना अगरबी स सम घरसुरिभत भ जायत अछ ओिहना ओकर नाम स ओकोठरी सुरिभमय भ गेल. ओिह नामक सहारे ओकरअशरीरी उपिितक आान क अपन घर के मिदरंबना लेलों166


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA( राखी बेचैन भ जायत अछ )-की राजकुमार िकछ ब ूझैत छल ओिह परीक एकािक मक िवषयमें ?कृित-- बिहन , ओ ते परीक एिह एकािकम क क क सकैत छल.ओ ते संबोधन केस बिझ ु छल.राखी--एकटा बात प ूछी सखी ? आा स आा केकाश भेटैत छैक, फेर ओिह परीक िनल मओकर दय के छुवलक?इ कोन िवडना थीक?कृित- हँ, िवडं ब त थीक जे ओकरा श र् तक केलक .राजकुमार क कोठरी में जखन ओ गेलछल ते अपन िकछ छाप छोड़◌ी गेल की ई तेपरी ब ुझलक,मुदा ,ओकर कोठरी क छाप परीकअंतर पर छिप गेल छल., अु, अपन ' िनज' केओिहठाम छोड़◌ी वरन ,कतेक कुछ ल क ओिहठामस चिल आयल छल. सखी, अपन सबहक 'चाहना'कागजक नाह थीक,जे याी लक , इा ,कामनास लदल ,आन आन लोक क कना के शाभुतीर्देवा लेल पहु ंची जायत अछ.भनिह, ओकर ितदानओकरा भेटय या निह . ओ म की जे ितदनमा ँगे ?ओकर ख़◌ुशी लेल जीवन भिर कािलदास क167


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAमिका बनल,था वेदना भोगैत रही गेलीह.( राखीअुट रे बािज उठैत अछ -सा ंचे ओ बड िनम र्मछल)बेर बेर ओकरा िनम र्म किह ओकर अपमान कसखी,ओ बड महान अछ ओकर भावना बड उदा अछओ महान िवभूित क महााण स अिभिसंिचत छैथ,ओएक िदन िव क सव र् ाण ,जन जन के दयगगन क दी आलोक रािश बनताह( राखी द ुखी रे बजैत अछ ) -छोड़◌ू,जखन ओअहा ंक म भरल दय के आलोिकत क सकलाहतखन जन जन क , हुनक म में एतेक सामर् छल....हम इ सब बड़का बात ब ूझैत छी,हमर बध्हीुक्षु अछ,मुदा एतवा अव कहब ...( बीचे में बात कटैत कृित बजैत अछ )-चुपचुप बिहन, ओ हमरा स अिगला जनम लेल वचन देछैथ,अिगला जनम में हम हुनक,रणा,सहचरी,िमकासब िकछ बनब..(कृितक आिख ं में कतेको सोहन नितर्त भ उठैत अछ.).( हा हा हा..राखी सिखक िनलता पर जोर से हँसैतबजैत अछ )..बड दीब,बड बेस,एिह जनम में हुनक168


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAमक माला जपु ,ओकर नामक संग म,िजब ू आअिगला जनम अहा ंक म के ीकार करत ,,,ओहकृित, जे अदृ अछ अर् अछ ओिह पर एतेकभरोस ,सौ ंसे िजनगी अहा ंक आग ू पडल अछ..कृित भावािव भ --अहा ँ ब ुझब सखी,िसंगरहारक झहरैत सुर मुकुल क कनाक, आे आे लयाक गित स झरनाय,शाख सिवलग हेवाक क ओकरा में वेदनाक गान भिरदैत छैक..अपन िवनियो में समि सुख कअभूित ,इ समप र्ण कतेक द ुभेर् अछ,कतेक अगम,अथाह . बस ओकरा िनहारैत रही ,एिह स हमरामुि भेट जायत .....अहा ँ बताही भ गेल छी,--बीचे में बात कटैतराखी बजैत अछ --भिर िजनगी की एिह वेदना मेंजीवन िबता देब अहा ँ --मुदा, कृित अपन सोह में बजैत रहैत अछ--जत छी,काि हम एकटा सपना देखलों..लाल लालआ में हम अपना आप के दप र्ण में देखैत छीहमर ठोर स िरतेश िनकली गेल ,ओिह नी स हमरसवांग र् िरतेशमय भ उठल ,हम िविक्ष जका िसहिरउठलों ,धीर गंभीर पैर स चिल गेलों िरतेश क घर...िरतेश हमरा अपन बािह ँ में भिर पा ँज पकड़◌ी169


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAमक अनमोल वरदान द दैत अछ..हम कतेक कालधिर बेसुध रहलों ..आह ..सखी ओ क्षण सप रहीगेल. हम आय धिर िरतेश के चीी सों ,,हमअपन दय पुक जका खोली ओकर समक्ष राखीदैत छी. मुदा, ओकर दय में कतेक तह भरलअछ,तह पर तह..हमर सपना सुिन ओ बजलछल......इ नादानी नीक ..सिरपो, हम त नादारहलों ,एिह नादािनये में त अपन मोन के गवा ंयबैसलों ..हूँ ,किहयो काल ई इा जर करोट लैतअछ..काश ! एक बेर..हमर मक िकछ ते िनशानीहमरा भेिट जेितयैक.कृित अनवरत बजैत जायत अछ -----हमरजीवन पथ क परम पाथेय भेट गेल ..हमर स ून,हमर बेटा..िरतेश िववाह केलक रैना स . ,अतीवसुरी ,नंदनवन क किलका ,जेकर परािश परकतेको रित लजा जायत छल. ओकर सल मुीपर पजेब्क नी गंज ू लगैत छल कनक सन देहपर प ूनम नहवैत छल,अलस अंगेठी स ऋतू बदलीजायत छल ...सा ँच बजैत छी सखी,िरतेश्क एिह पिसपर हमरा किनको इिष र्या निह भेल ओकर खिशकुसंसार देिख हम द ुरही स ख ुश रह लगलों,इ सा ँचअछ जे हम िरतेश के आय धरी बिझ ु लों ,केकरो जानवा लेल बि ु ,ज्ञान सभक सहारे जिन170


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAसकैत छी. ,मुदा,को चीज के ब ुझ्ेल,िचनवा लेलएकर सभक आवकता निह,,हम अिहयो ठाम धोखाखा ग्र्लों ,जकरा िचाक दावा केलों ओ माएकिदन पिहचानल मा रही गेल, मुठी स रेत जका ंससरी गेल , सा ँच किह राखी,िरतेश्क संग िबताओलसमय लगैत अछ जेना को ;मोिनंग र् वाक़; मेंिबतोल एकटा पल छल ,िकछ ूल,िकछ स ू,िकछ भाविकछ अभाव क आदानदान भेल आ फेर ओअपन बाट हम अपन बाट ......समय क अदृ पक्षीउडैत गेल.....,ओना त ेक दय में एकटा ' ब ु'रहैत अछ मुदा, िदशा भेटैत छैक तै ं सब ों'ब ु' भ सकैत अछ,( चूँिक कृित आब राजकुमार स अपना आिरतेश्क नाम परआिब गेल छलीह, तै राखी एकोबेर बीच में टोकैत छलीह ,ओकरा होयत छलआय कृित सब िकछ िनकाली दैक )......जत छी सखी एक िदन रैना कोर में स ून के,हका िपआसल भीत िहरनी जका भयभीत हमरालग एलीह--दीदी दीदी,--हम चोंिक उठल छलोंरैना..अहा ंक इ हाल..? िरतेश ?रैना भरल बसंतमें पतझार बनल छलीह--दीदी, हम एकटा सपनादेख छलों ,हमर मोन का ंपी गेल ,िरतेश केसुनाय देलों आ ओ घिटत क देलक.ओ सपनाक ात171


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAएयाह मह छल, िकछ घिटत हेवाक असंभािवतसंभावना , जन जन क कण र ओकर कण र् कुहरमें गंजी ू रहल छल.सम मानवताक था -कथा कउपकृित ओ बिन गेल..पैर पर खिस पडलों -हमरकी होयत , बजलाह,यशोधरा किहयो बाधा बनली,हूँ , एतवा अव बजलाह --ओ जे साम कुिटयादेखैत छी हमर जीवन तटी ओ थीक.किहयो हमलहिर जका ओकरा लग जायत छलों,किहयो ओअंतरीप जका ं हमरा लग आिब जायत छलीह .जीवनभिर ओ सभक द ुःख ओढ रहलीह ,ओकर द ुःखकेओ ओढ़◌ी सकल मक ओिह अखंड सािधका लगजाऊ .......राखी, हमर सम साधना के जेना फल भेिट गेल.मुदा,तुरते मानिसक म ूछा र् स आिवृत हम सजग भगेलों ---रैना क िचर कोमल िनःश काया,आिखक ँ िवलता ,िन,िनवा र्क आिख ं में कतेकोिच,,को ताड़ि◌त ना जका चुप चुप..करेजा में एकटा हुक उठल.आिखर रैना के कोनाद ुखक उपनगर में धकेली गेल ओ िनम र्महम द ुन ू हाथ पसािर देलों.. ओिह मास भिरक राहुलके हमर हाथ में द अचेत खिस पडली रैना .ओकरजीवन दीप ओिह द ु-दीप सन अचे िमझाय गेल172


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAजे युग युग स त आलोक पसािर रहल हो....जैत जैत ओ एिह एकाकी श ू जीवन के सुितक उरदािय सौ ंपी गेल ..आय धिर ओिह'ब ु 'के अयवाक बाट जोिह रहल छी ,ओकरसित के करेज स लगो....(कृितक स झर झर अु कण झहरी रहलछल , राखी क आिख ं सावन भादो बनल छल , कोनासमय अार इजोत बत रहल . केओ बिझुसकल )१. ोित सुनीत चौधरी एका ंकी- केसर २.मैिथली किवियीचौधरीसँ मुाजीक ग-सीमित ोित सुनीत१173


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAोित सुनीत चौधरीएका ंकीकेसरपास ूधार वा पार्िन- (ई मिहला वा पुख को रभऽ सकैए, मिहला र रहए तँ बेशी नीक)पुष पा:िपतामिहला पा :कैश (मा केसर)व ृािवदेशी म ूलक सैुएला मा सैम174


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAनवयुवती ाहक(घरक दृ, द ूटा कुसीर् लगेलासँ सेहो काज चिलजाएत। पार्सँ रेिडयो वा टी.वी.क अबाज सनअबाज कऽ िदयौ वा द ू चािरटा बासन ढनमना िदयौतँ सेहो ठीक रहत।)पार्िन:: केसर एक मम वगीर्य पिरवारक उमहाका ंक्षी। ओिह हजारक हजार वासी भारतीयिकशोरीमे सँ एक छिथ जे ब अिभलाषासँ सीमा टपैछिथ। खाली देशक निह वरन भारतीय िहूवैवािहक संाक नामपर जे हुनका सभकेँ सामािजकबन पी िपछडापन लागै छिन, तािह मानिसकताकसेहो। बहुत तीक्षाक बाद ुडे वीसा आॉलरिशप भेटलिन। माता-िपता जखन अपन िचा करै छलिखन, जखन ओ सभ अपन परामश र् दैतरहै छलिखन तखन केसर अपन क उडान भरैतरहै छली।175


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAिपता: – भारतमे एकसँ बिढकऽ एक संान छै,तखन िवदेश लेल अतेक िकएक मोन लागल अिछ?भारतक पढल लोक सभकेँ िवदेशी कनी सभाथिमकतासँ बहाली करैत छै, सेहो िचन वेतनसंगे। तखन अहॉ◌ंकेँ िवदेशमे पढै लेल एतेकिकएक मोन लागल अिछ ?कैश: हम जािह िवषयमे शोध करब तकर बिढयासंान िवदेशेमे छै आ जखन हमरा खचा र् भेिट रहलअिछ तखन अहॉ◌ं सभकेँ कोन परेशानी अिछ?मा: ँ मा खचेर् महप ूण र् निह छै।अतेक द ूर आनदेशमे असगर कोना रहबे ं?कैश: अरे मॉ◌ं, सभ साल कतेको िवाथीर् बाहरजाइ छै। बहुत भागसँ एहेन अवसर भेटैत छै।हम एिह अवसरकेँ बेकार निह होमए देब।मा: ँ तोहर तुिरया सभक िबयाहो भऽ गेलै।कतेकोकेँ बो भऽ गेलै।कैश: अरे मॉ◌ं, यएह तँ अहॉ◌ं सभ निह ब ू िझरहल िछऐ। हम अपन िजगी खेनाइ पकेनाइ,पित, सासु, ससुरक सेवा, बा पोसनाइ एिह सभमे176


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAनिह थ र् करए चाहैत छी। हमरा आिथ र्क पसँाबलन चाही। हम अपन अि बनाबए चाहैतछी।(पुन पार्िन: शु होएत। एकर उपयोग मा ँ आिपताजीक ानसँ कऽ सकैत छी। मा ँ-िपताजीकपाट र् खेिलिनहार कुसीर् सिहत ान करथ ु।)पार्िन: बेटीक एिह महाका ंक्षाक सोझा ँ माता िपतानतमक भऽ गेला। अतः िवदेशक एकमहािवालयमे शोधकाय र् लेल नामा ंकन भऽ गेलिन।एकटा सी सेहो रहिन ओिह ठाम जे आह केरहिन पेइ ंग गे बिन कऽ रहै लेल। मुदा िहनकाअपन ाधीनता बेसी िय छलिन जे ओिह सियोकेँबेसी सुिवधाजनक लगलै शाइत। केसरसँ कैश तँ ओभारतेमे भऽ गेल छलिथ, एतौ मानिसक पसँप ूण र्तः पढाइपर ान दै लेल एक िडपाट र्मेलोरक काउरपर पाट र् टाइम कैिशयरक काजपकड छलिथ। िवालयसँ भागैत-भागैत काजलेल पहु ँचैत छलीह। रामे सभ िदन एकटा व ृाभेटैत छलिखन। कनी वाता र्लाप सेहो भऽजाइन।कैश: नमार, केहेन छी?177


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAव ृा:– बिढया। धवाद अहॉ◌ं अपन कहू।कैश: हमहु ँ ठीक छी। धवाद। अहॉ◌ंकेँ बहुतिदनसँ देखैत छी। अहॉ◌ं असगर घ ुमैत रहैतछी। पिरवार कतए अिछ?व ृा:– पितक देहा भऽ गेल अिछ आ बॉ◌ंकीपिरवारमे बेटा, पुतहु, बेटी, जमाय, नाती, पोतासभ अिछ। सभ अपन-अपन घरमे रहैत अिछ।कैश: कतेक द ुःखक बात छै जे अहॉ◌ंकेँ असगररहए पडैत अिछ।व ृा:– , ई हमर अपन िनण र्य अिछ। जिहनाहुनका सभकेँ अपन िनजी िजगीक गोपनीयता पसछिन तिहना हमरा अपन ाधीनता पस अिछ। फेरजरत पडलापर सभ एक दोसरकेँ देिखते िछऐ।(केसर अपसँ आब बजतीह, तािह बीच ब ूढीक ानहोएत।एकटा दोकानक दृ आओत, मॉल सन चहल-पहल। हुअए तँ पदा र्पर एहन िच बना कऽ वाोजेर ारा ई भाव उ कऽ सकै छी।पािनसँ दोकानक दृ सेहो उ भऽ सकैतअिछ, दोकानक काउटर एकटा टेब ुल रािख भऽ178


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAसकैए जे िवदेशी म ूलक सैुएला वा सैम लऽ आिबसकै छिथ, संगमे द ूटा बार-कोड ैनर/ रीडर सेहोचाही। हुअए तँ द ूटा कारी लोहाक छोट रौडसँकाज चलाऊ। ैन करबाक ा ंग क आ पार्सँिक-िकक िन क।)केसर (गत): हमर नानी-दादी सभ तँ अपन समिजनगी पिरवारक नामे कऽ दे छली। पिरवारकपिसक खेनाइ पकौनाइ, पिरवार लेल प ूजापाठ,बा सभक ान राखनाइ, आजीवन पिरवार लेलखटैत रहनाइ यएह सभ हुनकर िजनगी छलिन।हुनका सभकेँ तँ अपन तंता एतेक िय निहछलिन। मुदा हुनकर सबहक एिह गुण लेल सभहुनकासँ एतेक ेह करैत छलिन।(दोकानक काउर पर पहु ँचैत देरी केसर अपनकाज प ूरा तरतासँ करए लगली आ संगमे अपनसहकमीर् िवदेशी म ूलक सैुएलासँ बात सेहो करैतछली।)कैश: नमार सैम, केहेन छी ?(कैश ई प ू िछ बार-कोड रीडरसँ समान ैन करएलगली।)179


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAसैम: बहुत नीक कैश, हमर बाकेँ नस र्रीमे म ंगनीमेजगह भेट गेल।कैश: वाह, एतेक िदन ब तकलीफ छल अहॉ◌ंकेँ ।बाकेँ संगी सभ लग िनहौरा कऽ राखए पडै छल।सैम: ओतबे निह, संिगयोकेँ बा सभकेँ कख कऽदेखए पडै छल हमरा। साहामे सेहो ब ुझ ु तँहम काज करैत छलहु ँ।कैश: चलु से नीक भेल, आब आगॉ◌ं की?सैम:छी।हम अपन पुष िमसँ िरश्ता तोिड रहलकैश: ओह, तँ बा ककरा लग रहत?सैम: हमरा लग।कैश: अहॉ◌ं तँ पढाइक खचेर्सँ परेशान छलहु ँ आबबाक पालन पोषण केना करब?सैम: ओहो कोन कमाइ छल, ओ तँ संगे पढ छलहु ँतै ं दोी छल। बाक नामपर सरकारी सहायता180


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAभेटत, फेर एकटा कुुर सेहो पोस छी तकरोलेल सरकारसँ मदित भेटत।(कैश कनी काल चु भऽ गेली फेर किनये देरबाद बजली।)कैश: किहया धिर अहॉ◌ंक पढाइ प ूरा भऽ जाएत?सैम: अिगला छह मासमे, तकर बाद नीक काय र्भेटत जािहमे दरमाहा सेहो भेटत।कैश: चल ू तखन ई सभ तँ सिर गेल। बसअहॉ◌ंक िनजी िजनगी कनी गडबडा गेल।सैम: निह-निह, हम एक जगह बात कऽ रहल छी।अिगला साह तक ओकर करी पा भऽ जेतै,तकर बाद डेटपर जाइक इरादा अिछ।(कैश दोसर बेर क काल लेल चुप भेलिथ।)कैश: ओह, बिढया, शुभकामना।सैम:धवाद।(तख एकटा नवयुवती ाहक अबै छिथ। कैशकान अपन नवयुवती ाहक पर गेलिन जे हुनकर181


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAसबहक बात सुत छलिन। ओ भारतीय म ूलक छलसे प र ंगसँ ब ुझाइत छल मुदा जनमल आ पढललीखल िवदेशक छल से बोलीसँ ब ुझाइत छल। ओकरसमानमे वाइनक बोतल छल।कैश: (नवयुवती ाहककेँ ऑ◌ंिख माडैत) मजाक।नवयुवती ाहक: ई हमर बॉस लेल अिछ।सैम: िकए अहॉ◌ं निह लै छी की ?नवयुवती ाहक: निह, हमर माता-िपता एकर अमितनिह दे छिथ।कैश: तँ अहॉ◌ं करी करै छी? जँ खराब निहमानी तँ हम ब ूझए चाहब जे अहॉ◌ंक पुष िमअिछ आिक अहा ँ ाहता छी?नवयुवती ाहक: पुष िम अिछ, ाहता निह छी।कैश:(मुुराइत). ओहो।182


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAनवयुवती ाहक: एिहमे आय र् की? िमता तँभारतीय संृितक सुरता अिछ। िकयो िम जेपुष अिछ से पुष िम भेल ।कैश: निह हमर इशारा एतुा चलन दऽ छल।नवयुवती ाहक: भारत को आब एिह चलनसँ द ूरअिछ की ? लागैए एतुा चलन तँ अहॉ◌ंकेँ एकदमनिह ब ूझल अिछ। एतए हम सभ द ू पीढी पिहसँबसल छी मुदा को पाबिन निह िबसरै छी।यथासव अपन पारिरक पिरधान सेहो पिहरैछी। अपन माभाषा सेहो निह िबसरल छी। िववाहसेहो माता-िपताक इासँ करबाक इा राखै छी।एतुा भारतीय समाज तँ अपन संृितकेँ जीवराखैले प ूरा यास करैत अिछ मुदा जे नवतुिरयासभ भारतसँ आबैत छिथ सएह कलंिकत करै छिथ।कैश: अहॉ◌ं एतुा बसल स पिरवारसँ छी तै ंिवदेशोमे रिह कऽ अपन रीित रेवाज माकऽ साहसअिछ आ य ंकेँ स बनाकऽ रख छी। बेसी सुिवधाककरा आकिष र्त करैत छै। जे नवतुिरया आबैछिथ से जौ ं एतुा सुिवधामे रहऽ चाहती तँ हुनकािकछु समझौता तँ करए पडतिन। जे एतुािनवासीसँ िबयाह करती, एतए अपन बाकेँ ज देतीतँ हुनका सरकारसँ सभ सुिवधा भेटतिन आ किहयो183


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAहुनका आ हुनकर बाकेँ अिशक्षा, अकुशलता आबेरोजगारीक द ुःख निह बदा र्श्त करए पडतिन।नवयुवती ाहक: सरकारी िनअम तँऽ अहॉ◌ं अपनदेशमे सेहो पिरृत कऽ सकैत छी, आिखरजात छै ओतए। हमरा सभकेँ अपन देशकउित लेल योगदान देबाक चाही, ओिहसँ पडेबाकनिह चाही। हम िशक्षण िवभागमे काय र् करैत छीआ यदा कदा समए िनकािल भारतीय संा लेल सेहोअवैतिनक काज करैत छी। आवकताक अ छै। तखन तँ िनण र्य अहॉ◌ंकेँ लेबाक अिछ जेअहॉ◌ं कैश बनए चाहैत छी आिक केसर।२िमिथलासँ द ूर आ अंजी मामे िशिक्षत मैिथलीअरागी आ जगिजयार होइत मैिथली किवियीीमित ोित सुनीत चौधरीसँ मुाजीारा भेल अंतर ंग ग-सक बानगी अहा ँ सभकसोझा ँ राखल जा रहल अिछ।184


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAमुाजी: ोितजी, अहा ँक िशक्षा-दीक्षा अंजीमामे भेल। संारगत सम्ा वा आधिनकतामेुपिल-बिढ कऽ अहा ँकेँ मैिथली भाषाक ित एतेकअराग कोना जनमल?ोित सुनीत चौधरी: सभसँ पिह नमारमुाजी। असलमे मैिथलसँ द ूर हम कख निहरहलहु ँ।जमशेदपुरमे मैिथल सबहक अपन बडकाटोली छिन आ ब शानसँ ओ सभ िवापित समारोहमनाबैत छिथ। हमर पिरवारमे जे िकयो बेसीनजदीकी छलिथ सभ मैिथल छलिथ। फेर सालमेएकबेर गाम अव जाइत छलहु ँ। ओतएिपितयौत-िपिसयौत भाइ-बिहन सबहक पुक पढैछलहु ँ। से मैिथली भाषासँ अराग बेसँ अिछ।भासँ सासुरो खॉ◌ंटी मैिथल भेटल अिछ। हँ,मैिथलक िवकासक िवचार हमरामे हमर गीर्य बाबासँआएल अिछ। हमर िपतामह जखन मरणास रहिथतखन करीब एक मास हम हुनका लग अतालमेिदनमे अटेरक पमे रहे◌ैत रही। हम अपनकािंगक तेसर ेज ओिह अतालमे पिढ कऽ185


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAपास के छी। ओिह बीच हुनकासँ बहुत बात भेलआ िमिथलाक िवकासक बात सभ मिमे आएल।मुाजी: मैिथलीमे लेखन ारक रणा कतऽसँ वाकोना भेटल। पिहलुक बेर अहा ँ की िलखलहँ ु आ की/कतऽ छपल।ोित सुनीत चौधरी: यिप हम पिहल मैिथलीकिवता िवालयकालमे भारतवष र् पर िलख रही जेबडहाराबला मामाजी (चाचीजीक भाय) केँ देरिहयिन आ िकछु कारणवश ओ कािशत निह भेल।परु म ूल पसँ मैिथलीमे लेखनक रणा सादकमहोदय गजेजी सँ भेटल। बादमे ज्ञात भेलजेगजेजी बहुतो लेखकक खोज केलि आ बहुतोसँमैिथलीमे िलखबा लेलि। हमहु ँ ओिहमे सँ एक छी।हमर पिहल किवता ‘ िहमपात’ अिछ जे िवदेह डाटकाम क पॉ◌ंचम <strong>अंक</strong>मे १ माच र् २००८ केँ कािशतभेल।मुाजी: किवता तँ लोकक ाभािवक जीवनधारासँुिटत होइत रहैत छैक आ िचनशील लोकओकरा लयव वा अक्षरव कऽ लैए। अहा ँक प-संह अिच र्स ् मे किवताक संग अहा ँक हाइकू देिख186


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAआािदत भेलहु ँ। हाइकू िलखबाक सोच कोना/कतऽसँ बहराएल।ोित सुनीत चौधरी: बहुत-बहुत धवाद जेअहॉ◌ंकेँ हमर हाइकु नीक लागल। पिह पोइीडाट काम मे सभ िदन एकटा ा◌ाकृितक दृकफोटो देल जाइत छलै आ ओिह फोटोसँ िरतभऽ हाइकू िलखक ितयोिगता होइत छल। अहुनाहमरा ाकृितक सुरतापर िलखनाइ पिसन छल सेभोरे अपन घरक काज समा कऽ जखन हम काफीलेल बैसै छलहु ँ तँ मेल चेक करैकाल हम ओिहसाइटपर जाइ छलहु ँ आ सभ िदन एकटा हाइकूिलखैत छलहु ँ। ओिह ममे चािर मासमे सएटाहाइकू जमा भऽ गेल जे िवदेहक बारहम <strong>अंक</strong> (१५जून २००८), जे हाइकू िवशेषा ंक छल, मे छपल।मुाजी: िमिथले भारतसँ द ूर लंदनमे मैिथलीपढबा-िलखबाक िजज्ञासा कोना बनल रहैए। अहा ँगृहणी रहैत- घर ार सारैत कोना रचनाशील रहैतछी?ोित सुनीत चौधरी: एक गृिहणी लेल तंलेिखकासँ बिढया आर कोन काज भऽ सकैत छै आरिवदेहमे कख हमरापर को िवषय िवशेषपरिलखए लेल वा समयक बनक दवाब निह छल। फेर187


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAई तँ सौभा अिछ जे अजा र्लपर मैिथलीकवेशसँ आब िवदेशोमे रिहकऽ अपन भाषा सािहसँनजदीकी बनल रहैत अिछ। ईरक आशीवा र्दसँ बाआब पैघ भऽ गेल अिछ आ िवालय जाइतअिछ। सासुर िदससँ को िजेदारी निह अिछ।पितदेव सेहो घरक काय र्मे सहयोग दैत छिथ तै ंगृिहणी भेनाइ लेखन काय र्मे अवरोधक निह बतअिछ।मुाजी: मैिथल संृितक तुलनामे अंजक संृितकबीच अपनाकेँ कतऽ पबै छी। द ुन ूक संृितक कीसमानता वा िविभता अभव करैत छी?ोित सुनीत चौधरी: द ुन ूमे िकछु नीक आ िकछुखराबी अिछ। िवदेशमे वहारमे बेसी ख ुलापन छैमुदा हम अकरा िवकिसत प निह मात छी। हमबामे महाा गॉ◌ंधीजी ारा रिचत एकटा िही-कथापढ रही “ जब मै ं पढता था” , गाीजी इन लनसँ िरत; बहुत स लागल ओ कथा जखन हमिवदेशी सताकेँ ब ुझैक यास केलहु ँ। अपन संृितबहुत धनी, तकर्संगत आ मौिलक -or i gi nal -अिछ। बस हम सभ आिथ र्क पेँ िपछडल छी, जकरितक समाधान िशक्षाक िवकास अिछ। हमर इाअिछ जे भ िमिथलाक िवकासमे कनी समय लागए188


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAमुदा अपन कला, संृित, पाबिन, गीतनाद आिद सभमिलन निह होअए। हँ कतहु-कतहु सामािजक कुरीितजेना दहेज, िवधवाक जीवनश ैली, स्ी-िशक्षा आिदमेबदलाव चाही। अिह सभ समामे दहेज समा बबडका कैंसर अिछ जे िशिक्षत वकेँ सेहो धेअिछ अथा बॉ◌ंिक समा िशक्षाक िवकासक संगेिवलीन भऽ रहल अिछ।मुाजी: मैिथलीसँ इतर अहा ँकेँ अंजीमे पोएीडाट काम सँ एडीटस र् चॉएस अवाडर् (अंजी प लेल)भेटल अिछ। की अंजीमे पोएी लेखनकिनररता ब छी।ोित सुनीत चौधरी: निह। हम जिहयासँ िवदेहमेिलखए लगलहँ ु तिहयासँ अंजीमे िलखबाक समय निहिनकिल रहल अिछ। इहो कहल जा सकैत छै जेहमरा मैिथलीमे बेसी िच अिछ अथा “ wher et her e i s wi l l t her e i s a way” अथा र्त्जतए चाह ततए राह।मुाजी: अहा ँक नजिरमे मैिथली प िवधा आअंजी प िवधामे की फराक त अिछ। द ुन ू एकदोसरासँ कोन िबुपर ठाढ अिछ?189


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAोित सुनीत चौधरी: अंजी प िवधा बहुत सम ृअिछ कारण ओ िवापी भाषा अिछ। मैिथली पिवधा िवशेषतः गीतक सेहो अपन अुत आ अकप अिछ जेना िक िखलौना, नचारी, सोहर,गोसाउिन, भगवित, ाण, समदाओन, होरी, चुमाउन,छिठ आिदक लेल िवशेष पित छै। मुदा एिहसभकेँ ढंगसँ पिरभािषत कऽ वित पे संिहतराखैक अभाव अिछ।मुाजी: ोितजी, अहा ँक मामे मैिथली रचनाकारकिकछु रचना सभक अंजी अवाद आ काशन भेलअिछ। िकए ापक रपर मैिथलीकेँ अंजीप-पिकाक मामसँ वैिक पटलपर अनबाक यासकरै छी?ोित सुनीत चौधरी: हमरो ई इा अिछ। हमलनक एक अंजी किव समुदायसँ ज ुडल छलहु ँ जेबाङ्ादेशी आ डच समुदायक छिथ मुदा हुनकरसबहक अाधिनक ु रहन-सहन (पबमे मीिट ंग़-िं )हमरा ओतेक नीक निह लागल। तैयो हम एकिसँ मेल आ फेसब ुकक मामसँ सकर्मे छी।जौ ं कु सुझाव अिछ तँ िदअ हम यथासव अपनयोगदान देब। ओना इ ंगलैमे बहुत मैिथलडार आ आई.टी. क लोक छिथ, ओ सभ जर190


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAपुक िकनता। आ बॉलीव ुडमे काश झा जी तँछिथये। किहयौन हुनका िकछु चलिच बनाबए िमिथलासंृित पर, िमिथला कलाकृितपर। गामक हाल चालतँ बहुत देखाओल गेल अिछ। कनी बाहरकमैिथलपर सेहो काज करिथ जािहसँ जे धनी मैिथलसभ बाहर बैसल छिथ से अपन संृित िदसआकिष र्त हेता। किहयौन जे अपन िफमे िमिथलापेिंग दिश र्त करिथ।मुाजी: अहा ँ सािहक संग िमिथला िचकला आलिलतकलामे िनात छी। अहा ँ सािह आ कला द ुन ूकबीच की फा ँट देखैत छी। द ुन ूमे केहेन ककरअि देखा पडैछ?ोित सुनीत चौधरी: धवाद। हम मार तँनिह छी, हँ हम अिभलाषी छी एकर उितक।सािहकेँ बह ुत नीक म ंच भेट गेल अिछ मुदा कलालेल अख संकिलत आ िव रीय ठोस भूिमकआवकता अिछ। हम एक िबजस ैन ब छीमुदा ओिह लेल बिढया िनवेशक आ िवपणन कता र्कआवकता अिछ। हम अहॉ◌ंके अटैचमे पठा रहलछी ओिह िबजस ैनक। कतहु गुंजाइश होअए तँकृपा कऽ उपयोग क।(नीचा ँमे देल अिछ)191


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAमुाजी: अहा ँ आइ.सी.डब्ल.ए.आइ.िडीधारी ूछी, अहा ँकनजिरमे राष्ीय आ अराष्ीय र् फलकपर िमिथलाकिवीय िित की अिछ? एकर दशा कोना सुधारलजा सकैछ, एिह हेतु को िदशा िनदेर्श?ोित सुनीत चौधरी: अकर जवाब हम बहुतिवृत पमे देब। अहॉ◌ंकेँ धैय र्सँ सुनए पडत।भारतमे िवकासशीलताक दोसर ानपर अिछ िबहाररा। आइसँ १०-१५ साल पिह बाहर रहैवलािबहारीकेँ लाज होइत छलै। एक अिशिक्षत आबेरोजगारीक बहुलतावला राकेँ िवकासक लेल एकिशिक्षत आ उत सोचबला मुम ंी चाही। चल ूिबहार तँ रा पकडलक मुदा िमिथलालक िवकासओिह पे निह देखाइत अिछ। िवबै ंकसँ जे कोसीलेल कजर् भेटल छै तकर जौ ं सद ुपयोग भऽ जाएतँ िमिथलाक पचास ितशत ा◌ाकृितक समाकसमाधान भऽ जेतै। िबहारमे िनितश जी एक िनअमबना रहल छिथ जािह अत सरकारी कम र्चारी जौ ंिनित समयमे काय र् निह करता तँ जनता हुनकरिशकाइत दजर् कऽ सकैत छिथ। अिह तरहकपारण िकछु आशाक िकरण जर दऽ रहलअिछ।192


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAिमिथलाक औोिगक िवकासक लेल सरकारीसहयोगक आवकता अिछ। िकछु बेिसकइास्रक िवकास जेना सडक िनमा र्ण, बॉ◌ंधिनमा र्ण, पुल िनमा र्ण आिद चाही जे सरकारकेँ करएपडतिन, तकर बादे बाहरी लािभुक िनवेशक सभअपन पाइ लगेता। भारी उोगक सावना कमअिछ। अिहठाम सिव र्स सेर, कृिष उोग़, वस्उोग, फैीक इस्ी, खा सामी, ोसेस्ड फुडआिदक ब सावना अिछ। अिडको ंचक िमठ पमराठी ायलक़ समोसा, कचोरी, खीर, िफरनी आिदिवदेशक बजारमे भडल अिछ, तखन िमिथलाक निकऐक निह। िकऐक निह हम सभ िमिथलाकअिडको ंचक तरकारी, मखानक खीर, अपन िदसकामाछक मसाला सभकेँ िवकिसत कऽ एपोट र् करैतछी। गुजरातक मोदक िविस अिछ, अपनसबहक बिगया िकऐक निह। तकर बाद आम, लीची,केरा, तारकून, कुिसयार, खजूर आिदक िविभ िं कबना कऽ बेचल जा सकैत अिछ।मध ुबनी पेिंगक वसाियक उपयोग क।अिह पैटन र्केँ आधिनक ु आ पारिरक द ु तरहकपिरधानमे बना कऽ फैशन शो क। घरक ॉकरी,फनीर्चरसँ लऽ कऽ कम्ूटरक वालपेपर आलैपटॉपक कवरपर िमिथला पेिंग छाप ू। घरक वाल193


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAपेपर, मोजाइक, माब र्ल सभपर िमिथला पेिंगकसमावेश क। पेिट ं ंगक िकट बनाऊ जेना सैपेिट ं ंग, इॉस पेि आिदक िकट बजारमे उपलअिछ। अन सावना छै।िमिथला ंचलक उितक पथपर एकटा बाधा छैजकरा फा लेल सरकारी कोष आ सरकारकईमानदारीक आवकता छै। एकबेर ई बाधा फनाजाइ तँ िमिथला ंचलकेँ िण र्म प पाबैसँ िकयो निहरोिक सकैत अिछ।मुाजी: अहा ँ लंदनमे रिह अपन नवका पीढी (िवशेषकऽ अपन पुकेँ ) िमिथला-मैिथलीसँ जोिड कऽरखनाइ पिस करब आिक एकरा अछूत सन ब ुझबाकिशक्षा देबै?ोित सुनीत चौधरी: हम अपन नबका पीढीकेँअपन संृितसँ जोिड कऽ राखऽ चाहब। लनमेिवाथीर् तािक रहल छी, मध ुबनी पेिट ंग िसखाबै लेल।हम अपन पुकेँ मैिथलक सभ िवशेषतासँ ज्ञातराखए चाहैत छी, संगमे ईहो चाहैत छी जे ओ अिहसताकेँ ेासँ ीकार करिथ। अछूत वहारक तँे निह छै। भ ओ अिह संृितकेँ अंगीकृतकरिथ वा निह मुदा सान तँ देबहे पडतिन।194


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAमुाजी: िमिथला-मैिथलीक ित अरागकेँ अहा ँक पितसुनीत चौधरीजी कोन पेँ देखै छिथ, अहा ँकेँ एिहकाय र्कलापक ित िरत कऽ वा बािधत कऽ?ोित सुनीत चौधरी: हमर पित हमर काजमेदखल निह दैत छिथ आ कु तरहक दवाब निहरहैत अिछ जे हम की लीख ू आ की निह। घरककाजमे बहुत योगदान दैत छिथ आ बािधत कखनिह करैत छिथ ओना हमहु ँ हुनकर इाकेँा◌ाथिमकता दैत िछयिन। रणा हम अपन मॉ◌ं,बिहन आ भौजीसँ लैत छी। हम हुनका सभसँ अपनसभ बात करैत छी।मुाजी: ोितजी अहा ँ अपन नजिरये अंजीसािहक म मैिथली सािहकेँ कतऽ पबै छी आिकएक?ोित सुनीत चौधरी: हम अंजी सािहकेँ सागरमात छी आ मैिथली सािहकेँ मानसरोवर। अंजीसािहकेँ िवभिरमे काफी पिह माता भेटल छैतै ं ओ बहुत सम ृ अिछ। सागर पी अंजी सािहअपन पिरप ूण र्तापर अिछ मुदा मैिथली सािह ा◌ाचीनरिहतो अखन उिक परमशुि िबुपर अिछ आओकर िसंचन आ संरक्षणक भार सम्ित आ भावीलेखकगणपर छिन।195


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAमुाजी: अहा ँ अपन समक्ष समकालीन नवतुिरयारचनाकारकेँ को संदेश देनाइ पिस करब?ोित सुनीत चौधरी: हम हुनका सभसँ कहएचाहबिन जे कृा साम आऊ आ लेखकक पमेसमाजक ित अपन िजेदारीकेँ िनमाहैत मैिथलीसािहकेँ सुकृितसँ स क।मुाजी: बह ुत-बहुत धवाद ोितजी।ोित सुनीत चौधरी: बहुत-बहुत धवाद हमराअिह यो ब ुझए लेल।हम एक िबजस ैन ब छी मुदा ओिहलेल बिढयािनवेशक आ िवपणन कता र्क आवकता अिछ। हमअहॉ◌ंके अटैचमे पठा रहल छी ओिह िबजसैनक। कतहु गुंजाइश होअए तँ कृपा कऽ उपयोगक।- ोित सुनीत चौधरीMi thila Painting196


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHANat ur e ofBusi nessSel l i ng pr i nt out and or i gi nalMadhubani Pai nt i ngs on paper f abr i ctiles, cerami c and ot her medi a.Pur pose:, ,Expandi ng scope ofMadhubani Pai nt i ngs wi t houti t s or i gi nal i t y.l osi ngSour ces( Pur chases):Or i gi nal ar t wor ks on paper andot her medi a and di gi t al copi esSuppl i er :Ar t i st s and medi a r esour ces f ortiles, wallpapers etc.Sal es :Onl i ne sal es.197


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHACus t omer s:Ar t l over s, Rest aur ant s, Sal oons,I nt er i or desi ghner s,f abr i cDesi gner s,book pr i nt er s f or coverpage desi gn, car d pr i nt er s,St at i onar y pr i nt er s et c.Costrequired:Web desi gni ng costSi t e subscr i pt i on costCollborationwith banks and ot herpayment modesPur chasi ng ar tar t i st swor ks f r om t hePr epar i ng good di gi t alcopi es198


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAPost age ( post sal es cost ) For webdesi gni ngMai n cat egor yMadhubani Pai nt i ngs•Myt hol ogi cal•Scenes of•Scenes of•Stories ofRamayanaMahabhar at aPuran• Gods and Goddesses• Fest i val s and Sanskar a:• Kohbar•Vivah• Chhat hi har•Mur an• Upanayan• Koj agar a199


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA•Barsait•Madhushr avani•Diwali•Holi• Bhagwaanpuj a• Akhar hi Puj a• Vi l l age Li f e : scencesof day t oday works, cattle etc.•Wi l d Li f e:Di f f er ent bi r ds andani mal s, scenes of f or est , deser t• St or y basedst or i es:Based on popul ar• Fl or a and Fauna : Di f f er entf l ower s por t r ayed i nmadhubani pai nt i ng st yl e200


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA• Cont empor ar ynew exper i ment s.: Based on ci t y l i f e,• Nat ur alscenes१. सुजीत कुमार झा- िबहारोमे मैिथली—मैिथलीिमिथलाक िवधायक सभ मैिथलीमे सपथ लेलि २.रमेश- बहस- पंकज पराशरक सािहिकचोिर मैिथली सािहक कारी अाय िथक ३.उमेश म ंडल सुपौलक कथा गोष ्ठी : ४ िद सम ्बर२०१०सुजीत कुमार झा201


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAिबहारोमे मैिथली—मैिथलीिमिथलाक िवधायक सभ मैिथलीमे सपथ लेलि१५अम िबहार िवधान सभाक पिहल िदन िमिथलाकिवधायकसभ मैिथली भाषामे सपथ लेलि अिछ ।िबहार िवधान सभामे अिह सँ पिहनहु ँ िवधायक सभसपथ ले छलिथ मुदा एतेक सं◌ंामे पिहल बेरिवधायक सभ सपथ लेलि अिछ ।ामीण िवकास मी िनितश िम , िवद नारायणझा, अणश ंकर साद , रामदेव महतो, रामलखनराम रमण सिहत मध ुवनी आ दरभंगाक अिधका ंशिवधायक मैिथलीमे सपथ लेलि ।अिहबेर िवहार िवधान सभामे मैिथलीक अितिरिही, उद ुर् आ अंजीमे सपथ लेबाक वा सेहोकएल गेल छल ।ामीण िवकास मी िनितश िम बातिचत करैतकहलि — ‘ हम सभ मैिथल छी एकर बातिवधानसभामे सेहो गुंजों अिह द ुआरे मैिथलीमे सपथलेलौ ं ।’ मैिथली भाषामे अिह सँ बहुत िवकास202


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAहेतैक से निह मुदा िमिथलाक सभ िवधायक सपथकेँमाम सँ िमिथला आ मैिथलीकेँ िवकास करब से बचनसेहो अिहमे िछपल अिछ, हुनक कथन छल ।मध ुवनी सँ िवधायक बनल भाजपा ता रामदेव महतोमैिथलीकेँ िवकासमे भारतीय जनता पाटीर् सभ िदनलागल अिछ आ रहत कहलि । मैिथलीमे सपथलेलाक बाद बातिचत करैत इहो रण कराबय निहिबसरलिथ जे भारतक अम असिचमे ू मैिथलीकेँान अटल िवहारी वाजपेयी क सरकार िदयौछल ।अिह बेर िवधायक गोपाल जी ठाकुर मैिथलीमे मासपथ निह लेलि कुता र् , धोती, गमछा, पाग पिहरिवधानसभामे पहु ँचल रहिथ ।हुनक पोशाक देख कऽ पकार सभ घो हुनकफोटो सेशन कए छल । मैिथली आोलन सँ लासमय सँ ज ुडल एव ं िवापित सेवा सिमित दरभंगाकमहासिचव बैनाथ चौधरी बैज ु कहैत छिथ– ‘ मैिथलीभाषमे एतेक संामे एतेक िवधायक सभ सपथ लेबसताक बात अिछ मुदा एतबे सँ काज निह चलत।’ओ कनी फिरछा कऽ कहैत छिथ— ‘ मैिथली भाषाकिवकासक लेल िवहार सरकारकेँ एकटा ब ृह योजनाआनय परत ओिहमे भाषा, कला, सािह, संृितकिवकास कएल जाए । अिहकेँ लेल शुए सँ दबावदेवाक लेल िवायक सभ सँ बैज ु आह कएलि203


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA।िकछ वष र् प ूव र् भारतक संसदमे दरभंगा सँ संसदरहल कृित अजाद धोती, कुता, र् पाग, दोपा पिहरकऽ पिहल िदन पहु ँचल रहिथ तऽ मैिथली भाषामेसपथ सेहो लेलि ।भारतक संसदमे भाकपा ता चतुरान िम सेहोमैिथलीमे सपथ ले रहिथ ।पालोमे सपथपालमे मैिथली दोसर सभ सँ बेशी बाजय बलाभाषा रहल अिछ । किहयो काठमाू उपकाकरा भाषा मैिथली छल । ओतयकेँ राजासभमैिथलीमे सािह लेखन सेहो करैत छलिथ । म204


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAकालमे कएटा राजा एहन भेलिथ । िजनकर एकटासािहकारक पमे एख आदरकेँ साथ नाम लेलजाइत अिछ ।मुदा सपथकेँ इितहास बहुत ला निह अिछ ।पालक संसदक ता असार डा. ब ंशीधर िमपालक संसदमे पिहल बेर मैिथली भाषामे सपथलेलि । पाल कुिन पाटीर् (एकीकृतमाक्र्सवादी लेिलनवादी)क ता रहल डा. िम २०५१सालमे सपथ ले रहिथ । जिहया ओ मैिथलीभाषामे सपथ लेलिथ तिहया मैिथलीकेँ बात करबअपराध मानल जाइत छल, एहन िितमे सपथ लेरहिथ । आब तऽ िमिथलालक अिधका ँश तामैिथलीमे सपथ लैत छिथ ।िही भाषाकेँ गुणगान करयबला मधेशी जनअिधकारफोरमक सह अक्ष जय काश साद गुा सनकि सेहो मैिथलीमे सपथ ले छलिथ ।205


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAअिह बेरक संिवधान सभाक चुनावमे एकीकृत कपामाओवादी तऽ अपन सभासदसभ केँ अपन अपन माभाषामे सपथ लेबाक लेल िप जारी कए छल ।मैिथलीक चिच र्त युवा सािहकार धीरे मिष र्कशमे मैिथली आोलन सही िदसामे जा रहल अिछ।तकर संकेत अिह बेरक संिवधानसभाक सपथ देखलाकबाद लगैत छल ।मीक पमे पिहल बेर एकीकृत कपा माओवादीकतािलन ता मािका साद यादव सपथ लेरहिथ । उपराष्पित परमान झा सेहो मैिथलीभाषामे सपथ लेलि । शुमे ओ िही भाषामेसपथ लेलि मुदा बहुत िववाद भेलाक बाद मैिथलीभाषामे सपथ ले रहिथ ।२206रमेश


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAबहस-पंकज पराशरक सािहिक चोिर मैिथली सािहक कारीअाय िथकिवदेह-सदेह २ (२००९-१०) सँ पंकज पराशरकसािहिक चोिर आ साइबर अपराधक पापक घैलकमहा-िवोट भेल अिछ। ई पैघ य पिकाकसादक ी गजे ठाकुरकेँ जाइत छिन। हुनकरअपराध पकडबाक चेतना केर जतेक श ंसा कयलजाय, कम होयत। “िवदेह”क मैिथली ब-समालोचना- <strong>अंक</strong>, अइ पोल-खोल लेल कएक युगधिर िवलित भऽ कऽ िनब रहत, से “समय केँअकात” कहब किठन अिछ।सािहोमे चौय र्कलाक उदाहरण पिहनहु ँ अबैत रहलअिछ गोटपगरा। मुदा एक बेरक चोिर पकडागेलाक बाद ायः चोिरक आरोपी सािहकार मौन-त धारण करैत रहलाह अिछ आ मािमला ठंढाइतरहल अिछ।207


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAमुदा तािह परराक िवपरीत अइ बेरक चोर’ िसा चोर’ िनकलल अिछ आ िवगत एक दशकसँिनरर चोिर करैत जा रहल अिछ- सेकािटकऽ। आ तेहेन महाचोरकेँ मैिथलीक सािहकारआ संा सभ तरहीपर उठा-उठा कऽ पुरृतकेलक अिछ आ समीक्षाक चासनीमे चोरायल किवतासबकेँ बोिर देल गेल अिछ।िवदेह-सदेह-२ माण-पुरर अिभयोगे टा निहलगौलक, अिपतु एहेन महाका ंक्षी असामािजक तकिव सािहिक द आरोिपत कऽ अपन“बोल्डस” सेहो दिश र्त केलक अिछ। एकदशकमे तीन बेर पकडायल चोर ायः “डेयरडेिभल” होइत अिछ आ अपन अिचत। सीमाहीनमहाका ंक्षाक पितर् ू लेल अपन वरीय संवगीर्य िकेँसीढीक पमे उपयोग करैत अिछ आ ाथ र्-िसिकउपरा अपन पयर सँ ओही सीढीकेँ िनचा ँ खसा दैतअिछ। फेर ओकरा अपन िटर-फेसब ुक-ट वापिकामे गािरक िनकृतम रपर उतरऽ मेकिनयों देरी निह होइत छै। ओ नाम बदिल-बदिलकऽ गािर पढैत अिछ आ अपन श ंसामे जे.एन.य.कूछा-छााक पोकाडर् िलखेबामे अपा ँत भऽजाइत अिछ। ओ िहीक को बडका सािहकारकबेटीक संग अपन नाम जोिड िववाहक वा म-208


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAसंगक िखा रस लऽ लऽ कऽ चािरत करैतअिछ। एहेन वि ृ कएटा आओर ितकडमबाजमेदेखल गेल अिछ जे िहीक पैघ-पैघ नामक मालाजिप कऽ मठोमाठ होअय चाहैत अिछ। वुतः ईिचाजनक त िथक जे मैिथलीक नव-तूरकेँिहीक पैघ-पैघ नामक वैशाखीक एतेक जरितिकऐक होइत छिन?“िवदेहक” “इनायरीक िववरण” पिढ कऽ रोइया ँठाढ भऽ जाइत अिछ। पहल-८६ आ आर-२३मे जे पोल ख ूजल छल, अइ तथाकिथतसािहकारक, तकरा बादे मैिथली सािहसँ बािर देलजेवाक चाहैत छल। मुदा िवडना देखू जे चेतनासिमित सािनत कऽ देलक। “मैिथल ाणसमाज”, रिहका (मध ुबनी) सन अँिखगर संाकेँचकचोी लािग गेल, जखनिक संामे िवातसािहकार उदयच झा “िवद” आ पढाकूोफेसरगण छिथ। ई संशयिवहीन अिछ जे पुरृतकरेबामे िवदजीक महप ूण र् भूिमका रहल हैत।“िवदेह” ारा रहोाटन केलाक बावजूद एखन धिरचेतना सिमित अथवा मैिथल ाण समाज, रिहकाकेँअपन पुरार आपस करेवाक वा आ कोटाकार र्वाई करवाक बेगरता निह ब ुझा रहल छै आ सद र्गुी लध अिछ। एहेन “जड-संा” सभ मैिथली209


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAसािहक उपकार करैत अिछ वा अपकार? ई केनामानल जाय जे पहल-८६ वा आर-२३ अइ द ुन ूसंाक को अिधकारी वा सािहकारकेँ पढल निहछलिन?ई आय र्जनक स िथक जे मैिथलीक कएटा पैघसािहकार पंकज पराशरक कृिम का आ आयािततशावलीमे फँिस गेलाह अिछ। “िवलित कएक युगमे िनब” क भूिमकामे अरो िवदेशीसािहकारगणक तीस-चािलस टा नाम ओिहना निहगनाओल गेल अिछ, अपन किवता केँ िवरीयमािणत करबाक लेल अँिखगर चोरे एना कऽ सकैतअिछ। सावना बत अिछ जे डगलस केलनरजका ँ ओहू सभ किवक रचनाक भावभूिमक वाशावलीक चोिरक माण एही का-पोथीमे भेिटजाय। अंततः िम. हाइडक कोन ठेकान?मैिथलीमे तँ लोक िव-सािह कम पढैत अिछ।तकर नाजायज फायदा को ब्लैकमेलर िकऐक निहउठाओत? आिखर टेो-पोिलिट की िथक-टेकिनकल पोिलिट िथक, सैह िक? एकराबदौलत झा ँसा दऽ कऽ पािकाक याा कयल जासकैत अिछ। “टेो-पोिलिटक” बदौलत िकरण-याी पुरार, वैदेही-माहेरी िसंह “महेश”पुरार, एतेक धिर जे िविदतजीक अकादमीयोक210


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAपुरार लेल जा सकैत अिछ। दीप िबहारीकसुपुक भाितज-कका सक मया र्दाक अितमणकयल जा सकैत अिछ। ो. अण कमलक “नयेइलाके में” सेंधमारी कऽ कऽ “समय केँ अकानल”जा सकैत अिछ। आर तँ आर, अइ टेकिनकलपॉिलिटक बदौलत जीवकाजी सन महारथीसािहकारसँ “िवलित कएक युग...” पोथीक समीक्षािलखबा कऽ “िमिथला दश र्न” (५) सन पिकामे छपवाकऽ ािपत आ अमर भेल जा सकैत चिछ।मैिथली सािहक सभसँ पैघ सफल औजार िथक “टेोपोिलिट”!ई मानल जा सकैत अिछ जे िमिथला दश र्नकसादककेँ आर-२३ आ पहल-८६ कोलकातामे निहभेटल होइि। मुदा जीवकाजी निह पढहेताह से मानबामे असौकय र् भऽ रहल अिछ।जीवका जी तँ याग शुक “चभागा मेंस ूयो र्दय” आ एही शीष र्कक नारायणजीक किवता(चभागामे स ूयो र्दय) सेहो पढ हेताह जेछपल अिछ मैिथलीमे। तखन पंकज पराशरकसमुसँ असं प ूछऽवला किवताक भावाथ र् िकऐकनिह लगलिन जे समीक्षामे कलम तोिड श ंसा करऽपडलिन वा करा गेलिन? एकरा “ायोिजत211


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAसमीक्षा” िकऐक निह मानल जाय? की याग शुवा नारायणजीक समु िवषयक किवतासँ वेशीमौिलकता पंकज पराशरक किवतामे भेटलिनजीवकाजीकेँ ? ओइ सभ किवताक किनयोँ“छाया”क श ंको निह भेलिन समीक्षककेँ ? “सताकसभटा ममा र्क पुकार”क िटस लेबऽवला समीक्षककेँसािहिक चोिर अस आ ममा र्क पीडादायक निहलगलिन? आब जीवकाजी सन समीक्षकक“पोजीशन फॉ” भऽ जेतिन से अाज तँ िमिथलादश र्नक सादककेँ निहयें रहिन, उदय च झा“िवद” केँ सेहो निह रहिन। ई अिभज्ञान तँपंकजे पराशर टाकेँ रहल हेतिन? बेचारे“पराशर” मुिनक आा मे कत हेतिन आपंकसँ जनमल जतेक कमल अिछ सब अिवसनीययथाथ र्क सामना करैत हेताह। पराशर गोी भऽकऽ तीन बेर चोिर केनाइ “पराशर” महाकाकरचियता . िकरणजीकेँ सेहो कनबैत हेतिन।आिखर जीवकाजी सािहिक चोिरक िटस िकए लेलिन, जखनिक हुनका िवचारेँ “मैिथलीक समीक्षकायः म ूख र्ता पीिबकऽ िवषवमन करैत अिछ”(िवदेह-सदेह-२-२००९-१०)/ िवनीत उल-साक्षाार आजीवकाजी यं पंकज पराशरक चोिरवला किवता-पोथीक समीक्षक छिथ, अिपतु चौय र्कला वीण किवक212


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAघोर श ंसक छिथ। तखन अइ समीक्षा-आलेखमेअिनिहत र् असीम-श ंसा साका ंक्ष-पाठककेँ “िवष-वमन”कोना लगौक? हुनका सन “पढाकू” समीक्षक-पाठककेँ “फॉ पोजीशन”मे अनिनहार “एपट र् आहैिबचुएटेड” सािह-चोरसँ श ंसा आ पुरार द ुन ूपािब जाय तँ मैिथली-काक ई उष र् िथक वाद ुभा र्? अंततः िवदेह-सदेह टा िकऐक िनाकेलक एिह घटनाक? आन को पिका िकऐक निहकेलक? डा. रमान झा “रमण” इटरटपर िनाकरैत छिथ तँ घर-बाहर पिकामे िकऐक निहजकर ओ सादक छिथ? चेतना सिमित, पटनासािनत करैत अिछ एह-एह सािहकारकेँ तखनअप पिकामे कोना िना करत, जखनिक पुरारआपसो निह लैत अिछ, जानकारी भेलाक वा साका ंक्षसािहकारक अरोध ा भेलाक बादो?निचकेताजी टपर िना करताह आ “िवदेह”मेछपत तँ “िमिथला दश र्न”मे िकऐक निह िना वास ूचना छपल? कारण अिछ- जीवकाक समीक्षापंकज पराशरक का-पोथीपर छपत, तखन ओहीपोथीक चोिर कयल किवताक िना कोना छपत?चा भाग सािहिक आदश, र् मया र्दा आ ितकताकधी उिड रहल अिछ- िपतामह आ आचाय र्गणकसमक्ष आ (अनजा मे सही) हुनको लोकिनकारा। मैिथल ाण समाज, रिहका; चेतना सिमित,213


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAपटना आ सािह अकादेमी, नई िदीमे अतः कोनअर अिछ वा रहल? एहेन नामी पुरारक संचालनआ चयनकता र् महारथी सभकेँ नव लोककेँ पढबाकबेगरता िकऐक निह ब ुझाइत छिन? िबना पढपुरारक िनण र्य वा समीक्षाक िनण र्य कतेक उिचत,जखन िक ई चोिर तेसर बेरक चोिर िथक आ सेछिप-कऽ भाफोड भेल अिछ। एकरा वरे आवरीय सािहकारगण ारा का-चोिर, आलेख-चोिरकेँय देल जायब िकऐक निह मानल जाय, जखनिकआर, मैिथल-जन, पहल आ िवदेह-सदेह पिहनिहछािप चुकल छल? की सािहिक चोिरकेँ य देब,दलाल वकेँ य देब निह िथक? एहेनसावनायु नव किवकेँ य देब मैिथली सािहलेल घातक अिछ वा काणकारी, जकरा मौिलकतापरतीन बेर चे लागल होइक? की पोथीकआकष र्क गा देिख वा िवदेशी किवगणक नामावली(भूिमकामे) पिढ कऽ समीक्षा िलखल जाइत अिछ वापुरारक िनण र्य लेल जाइत अिछ? जँ से भेलहो तँ सब िकछु “िठे छै भाइ”?अइ सबसँ तँ जीवकाजीक बात स ब ुझाइत अिछजे समीक्षकगण दा पीिब कऽ वा पैसा पीिब कऽ वाम ूख र्ता पीिब कऽ समीक्षा िलखैत छिथ। डगलसकेलनरक “टेोपोिलिट” तँ छिप गेल “पहल”मे214


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAचोरा कऽ। आब जीवकाजी, ज्ञान र ंजनजी अथवािही जगतक आन सािहकार-सादकसँ प ूछथ ु जेम चोम्ीवला रचना कतय गेल, की भेल, कोननामें छपल? पंकज पराशरक नामें िक पदीपिबहारीजीक सुपुक नामेँ (अवाद पमे)। ईिरसच र् एखन निह भेल तँ भिवमे पुनः एकटासािहिक चोिरक पोल ख ूजत? अंततः एकटामा ँछकेँ कएटा पोखिरकेँ दिषत ू करए देल जाय आसे कए बेर? उदय-का बिन कऽ गािर पढवाकआदित तँ पुरान छिन डा. महाचोर केँ । ककरो“सरीस ृप” किह सकैत छिथ (मैिथल-जन) आ कोपिरवारमे घोंिसया कऽ िवष वमन कऽ सकैत छिथ।ऑोपसक सभ गुणसँ पिरप ूण र् डा. पॉल बाबाकेँचोिरक भिववाणी करवाक बडका गुण छिन तेँिहनका नामी फुटबॉल टीम ारा पोसल जाइत अिछ,जािहसँ “िव-कप”केँ दौरान अइ “अमोघ अस्क”उपयोग अपना िहसाबे ँ कयल जा सकय।सहरसा-कथागोीमे पिठत िहनकर पिहल कथाकशीष र्क छल- हम पागल निह छी। ई उोषणाकरवाक की बेगरता रहैक- से आइ लोककेँ ब ुझारहल छैक। अिवनाश आ पंकज पराशरक मामाजीतिहया िहनकर कथाकेँ “िटणीक”ममे मैिथली-कथाक “टिनंग र् ाइट” मान छलाह। आइ ओ215


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA“टिनंग र् ाइट” ठीके एक िहसाबे ँ “टिनंग र् ाइट”मािणत भेल, कारण कथाक ओिह शीष र्कमे सँ “निह”हिट गेल अिछ, िहनकर तेबारा चोिरसँ। िहनकरपिहल चोिर (अण कमलक किवता- नए इलाके में)क िना ावमे “मामाजी” आ डा. महेकेँछोिड, सहरसाक शेष सभ सािहकार हाक्षर कऽ“आर”केँ पठौ छलाह। आइ ओ हाक्षर निहकेिनहार सभ कछी कािट कऽ वाम-दिहन ताक-झा ँककरवाक लेल बा छिथ। ैध-चिर आ दोहरामानदक पिरणाम सैह होइत अिछ। अिवनाश तखनतँ देखार भऽ जाइत छिथ जखन ओ िवदेह-सदेह-२ मे िलखैत छिथ जे “एकरा साव र्जिनक निहकरबै”। का कऽ स ूचना देवाक कोन बेगरता?पंकज पराशरसँ स खराब हेवाक डर वा को“टेोपोिलिट”(?) केर िचा?िवदेह-सदेह-२ क पाठकक संदेश तँ कएटासािहकारकेँ देखार कऽ दैत अिछ। जतय राजीवकुमार वमा र् , ीधरम, सुनील मिक, ामान चौधरी,गंगेश गुंजन, पी.के.चौधरी, सुभाष च यादव, शुकुमार िसंह, िवजयदेव झा, भालच झा, अिजतिम, के.एन.झा, ो.निचकेता, ब ु िनाथ िम, िशवकुमार झा, काश च झा, कािमनी, मज पाठक216


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAआिद अपन मुखर भाषामे खरताप ूव र्क िननीयघटनाक िना केलिन अिछ, ततिह अिवनाश, डा.रमान झा “रमण”, िवभारानीक झा ँपल-तोपल शआय र्-भावक उेक करैत अिछ। मुदा संतोषकबात ई अिछ जे पाठकक “बल भाव-भंिगमा”सािहकारोक “मेंहायल आवाज”क को िचा निहकरैत अिछ। िवभारानी तँ कमाले कऽ देलिन। एिहठाम मैिथली भाषा-सािहक एक सय समा गवाकउिचत ान निह छल। ई ओनाठ काल खोनाठ आमहादेवक िववाह कालक लगनी भऽ गेल। कोचोर बेर-बेर अपन कु-कृक पिरचय दऽ रहलअिछ आ हुनका समय न करब ब ुझा रहल छिन आचोरकेँ देखार केलासँ द ुःख भऽ रहल छिन? ओअपन ितियामे कतेक आ ाघा आ हीन-भावना केलिन अिछ से अप प अप ठंढा भऽकऽ पिढ कऽ बिझ ू सकैत छिथ। िहीयोमे एिहनाभऽ रहल अिछ, तेँ मैिथलीमे माफ कऽ देलजाय? आब िहीसँ पिछ-प ू िछ ू कऽ मैिथलीमे कोकाज होयत? िवभारानी ोना चमकेँ ोनािमलन केना कहैत छिथ? हुनकर उपेक्षा कोनामानल जाय? ओ सभ सािहिक काय र्ममे तलजाइत छिथ, सान आ पुरार पबैत छिथ, पाठकारा पिठत आ चिच र्त होइत छिथ। समीक्षाकिशकाइत की उवणीर्य (?) सािहकारकेँ मैिथलीमे217


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAनिह छिन? समीक्षाक द ुःिित सभ जाितक मैिथलीसािहकार लेल एके र ंग िवषम अिछ। ओइ मेजाितगत िवभेद एना भेलए जे ाण-समीक्षक,आरक्षणक दृ िकोँ िन जाित (?)क सािहकारकिकछु बेशीए समीक्षा (सेहो सकाराक पेँ) केलिनअिछ। समीक्षा आ आलोचनाक िवषम िितक कार ंजँ राक िशकार भऽ जाय लेखक, तँ लेखकीयितबताक की अथ र् रिह जायत? िवभाजीकेँब ुझले निह छिन जे हुनका लोकिनक बाद मैिथलीमिहला लेखनमे कािमनी, न ूतन च झा, वना झा,माला झा आिद अपन तेवरक संग पदाप र्ण कऽ चुकलछिथ। हुनका कािमनीक किवता संह पढल छिनआ “इजोिडयाक अङैठी मोड”। हुनका अपनगुदेवक बात मािन िहीमे जाइसँ के किहयारोकलकिन? ओ गेलो छिथ िहीमे। माभाषाकरणा अितीय होइत छै। मैिथलीक जड संाअथवा समीक्षक सभपर हार करबामे हमरा कोआपि निह, मुदा अथा र्लाभ तँ एतय नग अिछए।सामािजक सान िवभाजीकेँ अव भेटलिन अिछ।समाजमे “जड”लोक छै तँ “चेतन” लोक सेहोछैक। हुनकासँ मैिथली भाषा-सािह आ िमिथला-समाजकेँ पैघ आशा छै, हीनभाव वा आाघासँऊपर उिठ काज करवाक बेगरता छैक। सक्षम छिथओ। हुनका य लेवाक होडसँ ब ँचवाक चाही।218


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAअथा सािह अकादेमी ितिनिध, िदवािलयापन केरिशकार जूरीगण आ मैिथलीक सक्षम सािहकारमे कीकी अर रिह जायत? िवभारानीक िवचलनक िदशाहमरा िचित आ िथत करैत अिछ। ओ दमगरलेिखका छिथ, सश रचना केलिन अिछ, आइ काि समीक्षकगण कलम उठेबापर बा हेबेकरताह। समीक्षकक कतर्हीनतासँ कतौ लेखकिनराश हो?पंकज पराशरक ृ ंखलाब सािहिक चोिरपर साथ र्कितिया देब को सािहकार लेल अिचत निहअिछ कतहुसँ। सािहकार लेल सािहिक म ूक ितओकर ितबता मु कारक होइत अिछ आहेवाको चाही आ तकरा देखार करवाक “बोल्डसो”हेवाक चाही। “चाही”वला पक्ष सािहमे बेशीएहोइत अिछ। एहेन-एहेन गीर िवषयपर सािहआ समाजक “चुी” एहेन घटनाकेँ ोािहत करैतअिछ आ जबदाह जडताकेँ बढबैत अिछ, भाषा-सािहकेँ बदनाम तँ किरते अिछ। जाधिर पंकजपराशरक चोिर-काक समीक्षा िलखल जाइत रहत,िवभारानीक म ूल-रचनाक समीक्षा के िलखत? ककराजरी ब ुझेतैक? िवभारानी अप तँ समीक्षाायोिजत निह करओती? सक्षम लेखकक वहारोक219


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAअपन र होइत छै। तेँ संगिठत भऽ चोिरकभर्ना हेवाक चाही।३उमेश म ंडलसुपौलक कथा गोष ्ठी : ४ िद सम ्बर २०१०व ्यापार संघ भवन सुपौलमे िद ना ंक ४.१२.२०१०केँसगर राित दीप जरय'क ७२म कथा गोष ्ठी ीअरिव न ्द कुमार ठाकुरक संयोजकत् वमे िब पल ्व220


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAफाउण ्डेसन आ गित शील लेखक संघ ारा आयोिज तकएल गेल। सा ंझ ६ बजे ो. सिच न ् महतोजीदीप ज ्वलन सह उाटन केलिन । म ंच संचालन ीअजीत झा आजादजी केलिन आ गोष ्ठीक अध ्यक्षताी रमानन ्द झा रमणजी केलिन । एिह अवसरपरजीवकान ्त जीक पोथी 'एकिह पच् छ इजोर'कलोकाप र्ण अजीत आजादक माध ्यमसँ अरिव न ्द ठाकुरजीक ारा भेल।कुल २१गोट नव-पुरान कथाकार अपन-अपनन ूतन कथा वा लघ ुकथाक पाठ केलिन । जे एिहतरहेँ अिछ - र ंजीत कुमार खा ँ राही- (फा◌े◌ंक),रजनीश कुमार ित वारी- (गप ्पी), अरिव न ्द कुमारठाकुर- (युटोिप या), अजीत आजाद- (रोग), पंकजसत् यम ्- (तद र्नकृवा घ ुमैत िप बैत), महाकान ्तठाकुर- (िश क्षाक योजन), चौधरी जय ंत तुलसी-(धीपल फाढ़), आशीष चमन- (िन ष ्कष), र् राजाराम िस ंहराठौर- (राखीक र ंग फीका), िव जय महापाा- (मोनिक एक पाड़लेँ), जगदीश साद म ंडल- (दोहरी मािर ),द ुगानन र् ्द म ंडल- (लबकी किन या ँ), किप लेर राउत-(िक सानक पुजी), मज कुमार म ंडल- (बेमेलिव आह), रामिब लास साहु- (गामक गाछी), बेचन221


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAठाकुर- (अित क िव आह), संजय कुमार म ंडल-(िस ह), अकलेश म ंडल- (िट टस), मुकेश म ंडल-(लोभक फल), लक्ष् मी दास- (ब ुड़ि◌ बकक ब ुड़ि◌ बक)आ उमेश म ंडल- (युगक खेल आ आधा भगवान)कपाठ केलिन ।ो. सिच न ् महतो, श ैलेन ् श ैली, महेन ्,िक शलय कृष ्ण, अरिव न ् ठाकुर पिठ त कथापर समीक्षाकेलिन । ओना तुलसी जय ंत चौधरी, राजाराम िस ंहराठौर, जगदीश साद म ंडल, महाकान ्त ठाकुर,द ुगानन र् ्द म ंडल, आशीष चमन, िव जय महापााइत् यािद सेहो िक छु कथापर अपन िट प ्पणी केलिन ।ी अजीत कुमार झा आजाद म ंच संचालनकसंग-संग पिठ त कथा सभपर आ कएल समीक्षापरअपन िक छु िव चार मा िट प ्पणी करैत रहला, तिह नासंयोजक ी अरिव न ्द ठाकुरजी सेहो िव शेष बातरखलिन जेकर कछु िव चारणीय अंश िन म ्नािक ं त अिछ -भोजनक वादक समए छल। उमेश म ंडल,किप लेर राउत, अकलेश म ंडल, द ुगान र् म ंडल,लक्ष् मी दास, रामिव लास साहु, मज कुमार म ंडल,222


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAबेचन ठाकुरक कथा पाठ भऽ गेल छल। ाय: एकसँद ू पालीमे। समीक्षक लोकिन िह नकर सबहक कथापरबािज चूकल छलाह। जािह मे उमेश म ंडलक अ◌ाधाभगवान कथापर ी श ैलेन ् श ैल, अरिव न ्द ठाकुरराजाराम िस ंह राठौर आ तुलसी जय ंत चौधरी,कम र्वादी कथाक पमे समीक्षा केलिन । जेकर पुन:एकबेर दोहरबैत संचालक ी अजीत आजाद जीबजै छिथ - “ उमेश म ंडलक कथा आधा भगवानभाग ्यवादीसँ कम र्वादी िद िश लऽ जाइत अिछ ।वास ्तवमे ई कथा िक सानी िज नगीक लेल नीक यासमानल।”अकलेश म ंडलक कथा िट टस आ द ुगानन र् ्द म ंडलककथा लबकी किन या'पर ँ ी अरिव न ्द ठाकुर बजैछिथ - “ लबकी किन या ँ कथा म ंडलजी बला सुनलहँ ु ठीकेश ैलेन ् श ैलजी कहलिथ हेँ जे ई कथा िव षए-वस ्तु किख यालसँ ओिह ना लगैत अिछ जेना राजी ोजेक् टकिस मा चिल रहल हुअए। अकलेश म ंडलक कथािट टसपर हम एतबए कहब जे ई कोना◌े हेल्थमेगिज ् नमे छपैत तँ उम। हमरा लगैए जे आइमैिथ ली सािह त् यक चौराहापर िक छु ओहन आदमीकउपसिथ ् ित भऽ रहल अिछ जे देखबा, सुनबा आ223


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAिव चार करबा यो अिछ । आइ बेरमा कथागोष ्ठीकेँ लेल जाए। जेकर संयोजक जगदीशसाद म ंडल, म ंच संचालक अशोक कुमार मेहता आअध ्यक्ष तारानन ्द िव योगी रहिथ । तँ हम कहलौ ंजे ई जे पौतीमे बन ्द मैिथ लीक द ुद र्शा छल ओआब फूिट बहराएलहेँ। एकरा अहा ँ िक किह सकैिछ ऐ? आइ सािह त् िय क म ंचपर टाल ठा◌ेिक कऽ ओसभ चुती ब ुझ ू दऽ रहला छिथ जे किह यो खबासहोइत छलाह। एकरा अन ्यथा निह लेल जाए। जेसत् य छै ओ सोझा ँ राखलौ ं अिछ । जगदीश सादम ंडल जीक कथा-उपन ्यास जखन हमरा सभ पढ़◌ै छीतँ जेना लगैए जे एकटा नव दिन ु या ँमे वेश पौलहु ँअिछ । एकदमसँ ओहेन दिन ु या ँ जै दिन ु या ँक कल ्प ब ुझ ू भेल छल। जिह ना िव षए-वस ्तु तिह नाशब ्द-संयोजन तिह ना दृष िट ् कोण....। तँ आब अहा ँसभ ई बिझ ु यौ जे जगदीश म ंडलजी एकटा एहेनरेखा िख ंिच देलिन । जेकरा िध यानमे रािख कऽ अहा ँकथा िल खी तँ उम। आइ जै वसँ अहा ँ सभआिब रहल छी ओइ वमे मा िक सानी िज नगीकअकाक िव षए-वस ्तुक चच र् म ंडलजी केलिन अिछ ।ओकरा िध यानमे रािख अहा ँ सभ आगा ँ िल खी।”224


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAअरिव न ्द ठाकुरजीक वक बाद माइक लैत अजीतआजादजी बजै छिथ - “ अरिव न ्द बाब ू िठ के कहैछिथ । िह नका बातकेँ हम समथ र्न करैत िछ अिन ।अहु ँ सभ कथा गोष ्ठीमे अबै छी पिह तँ जगदीशम ंडल एलिथ बादमे अहा ँ सभकेँ सेहो अनलाह आअबै छी। जगदीश म ंडल आ उमेश म ंडलजीकेँ आबहम सभ द ूरेसँ िच न ्है िछ अिन । लेिक न अहा ँ सभ ऐबातकेँ बिझ ु यौ जे कथा कोना िल खा रहलैहेँ। अबैछी, कथा पढ़◌ै छी, जाइ छी। बड़ नीक मुदा ईबिझ ु यौ जे जै वक अहा ँ सभ लोक छी मतलबिक सान व जे आधार भेलै। कृिष आधार िछ ऐ िकनिह िछ ऐ? तँ ओइमे जे बात सभ छै, जटीलतासभ छै ओकरा अहा ँ सभ िल खबै तँ केिल खताह...? तँ ई कहलौ ं जे एम ्हर-ओम ्हर िल िख ओ सभ िल खल जाए। जैमे एकटा बड़कारेखा, कहबे केलिथ हेँ अरिव न ्द बाब ू जे जगदीशम ंडल ारा िखिच देल गेलहेँ। जँ एकरा िध यानराखब तँ गोषिठ ् मे एनाइ-गेनाइ ब ुझ ू नीक निह ।ओना ऐ गोषिठ ् सँ बाहरो िन कालल जाइ छै।” ईगप ्प अध ्यक्ष महोदय िद िश तकैत आ मुड़◌ीडोलबैत अजीत जी अगा ँ बजै छिथ - “ आब एकटािख स ्सा सुनबै छी- य ंनाथ िम केँ गोष ्ठीसँ िन कालल225


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAगेलनिह ् , की यौ.....? आश ्चय र् लागत जे गेटआउट किह देल गेलनिह ् मा गेटसँ बाहर कऽ देलगेलनिह ् ।”वातावरणमे खटिमी ब ुझ ू पसिर गेल। एे बातबजबाक योजनपर सभकेँ सब तरहक िच न ्तन-मनन हुअए लागल। द ू-चािर िम नटक लेल शान ्त...।एकदम ्म शानित ् , साटा। िक छु लोक एक-दोसराकमुँह िद िश तकैत। आ िक छु लोक गोषिठ ् क गािजर्यनी रमानन ्द झा रमणजी िद िश गोरसपट टकिध यानलगे। मुदा जे िक छु....।आगा ँ उमेश म ंडल (मा हम) हमर नामक चच र्संचालक महोदय पिह निह उोिध त कऽ चूकल छलाहजे एिह पालीक पिठ त कथापर हमहु ँ िक छु िट प ्पणीकरबै। हम ाय: छुब ्ध रही जे ई कोन समीक्षाभेल। एिह तरहक समीक्षासँ नवाङकुरपर आिखर कीभाव पड़तिन । खएर जे से हम आग ू जा माइकहाथमे लैत बजलहु ँ- “ जिह ना पिठत पालीपरसमीक्षाक बहा अन ्या िव षए-वुपर गप-सप ्पराखल तिह ना हमहु ँ िक छु बात रािख रहल छी। सभसँपिह हम ओइ कथाकार सभकेँ किह देबऽ चाहैत226


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAिछ यिन जे पिह ल या दोसर कथा लऽ कऽ उपसिथ ् तभेलहु ँ आ कथा पाठ केलौ ं। सबहक कथामे यथाथ र्अिछ, सुर अिछ , कथ ्य, िश ल ्प, भाषा, श ैली सभ िक छुउम। एो पैसा उदास हेबाक योजन निह ।दोसर गप ्प जे अप सभ एिह बातकेँ ब ुझल जाएजे जिह ना भोजक पाित ँ मे बैसल पंचक आगा ँ पिह लखेपमे परसल व ्य ंजनपर को तरहक िट का-ित रस ्कारक व ्यवहार निह कएल जाइत हँ, दोसर-तेसर बेर मा परसन लेबाकाल ई जर िध यानराखल जाइत जे की नीक आ की बेजाए....। तेसरबात अप सभक ारा नव लोककेँ कहल गेलनिह ् हेँजे एना ओना आिक ओना एना िल ख ू। कृिषिव कासक बात िल ख ू आ से ई के िल खता अही ं सभ िल खबै। ठीक बात मुदा इिज ं िन यर डाॅक् टरकपढ़◌ाइ करैबलाक भरमार लागल अिछ आ-आनमे िज नका पढ़◌ाइ-िल खाइक सुिव धा पया र्प ्तछनिह ् नम ्बर लगौ छिथ । लेिक न कृिष- काय र्कपढ़◌ाइ हेतू िक एक ओ सभ िवमुख भेल छिथ । ईगप ्प आ समस ्याकेँ के िल खताह? ऐ पर कथािक एक िल खल जाइत अिछ । ऐ पर अहु ँ सभिव चार क।” अपन बातपर िव राम लगा हम माइकसंचालक महोदयकेँ हाथमे दैत यथास ्थान जा बैस227


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAरहलहु ँ। गोषिठ ् मे बैसल सभ कथाकार आसमीक्षकक मनमे जेना समीक्षाक नव-नव िब म ्व नॉचएलगलिन । अध ्यक्ष महोदय सेहो उिठ कऽ बैसरहला।अध ्यक्ष महोदय िद िश देखैत संचालक एक बेर पुन:अपन बात स ्पष ्ट करैत बजलाह- “ देिखयौ हमरकहब छल जे अहा ँ सभ एे द ूरसँ एलौ ं जेबा-एबामेबड़ किठ नाइ होइ छै। हमर कहबाक भाव रहएजे जिह ना जगदीश बाब ू िल खै छिथ ओ जे रेखािख चलनिह ् हेँ ओकरा िध यानमे रािख .....। अहा ँसँसािह त् यमे िक लाभ भेलै। मतलब िक देिल ऐ।से जौ ं नइ तखन तँ.....। ”ऐ बातपर हम पुन: बाजलहु ँ- “ अजीत बाब ू अपसािह त् िय क लाभक बात एिह नव लोकमे तकै छी।मुदा एकबेर अपना िद िश देखल जाए जे स ्वय ंथोड़◌ेखन पिह बजला◌ै◌ंहेँ जे सरह सालसँलगातार अहा ँ सभ कथा गोषिठ ् मे भाग लेलहु ँ।228


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAआइसँ सरह सालसँ। मुदा कएकटा कथा संहदेिल ऐहेँ ?”अजीत आजाद- “ अही ं जका ँ हमरा काशन भेट गेल जे......। अक् खैन िक यो भार लेिथ हमपरस ू तक तीनटा कथा संह थम ्हा दैत िछ यिन ।लेिक न ओहोसँ पैघ बात जे कै स ्तरक कथा सभहमर िव िभ प-पि कामे छिप चूकल अिछ आकिह यासँ तेकरो तँ देखबै।”अगल-बगलसँ पा ँच-छह गोटा एेबेर- हँ, से तँठीके बात। हँ से तँ ठीके बात। बजैत अ◌ागा ँककथा पाठ लेल असरक िव चार कट केलाह।माहौलमे पिर वर्न भेल। लगभग चािर टा कथापाठफेर भेल आ तेकर संिक्ष प ्त समीक्षा सेहो कएलगेल। तात् िभ नसर ६बािज गेल। ी रमानन ्द झारमण अपन अध ्यक्षीय उोधनमे उपरोक् त झजमझ(मता ंतर)पर एो शब ्द बजलाह।अिग ला कथा गोषिठ ् क आयोजन ी िव जय महापााजीक संयोजकत् वमे हुनके माभूिम मिहषी मे कएलजाएत तािह लेल सुपौलक संयोजक ी अरिव न ्दठाकुरजीक ारा दीप आ उपसिथ ् ित पुसित ् का भावी229


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAसंयोजककेँ समिप र्त करैत गोषिठ ् क समापन कएलगेल।१. िवनीत उल- दीघ र्कथा- घोड़◌ीपरचढ़ि◌ लेब हम िडी - दोसर भाग २.अकलेश म ंडल- लघ ुकथा- टीटस ३.किप लेर राउत- कथा- िक सानक प ूजी ४राम िव लास साहु- लघ ुकथा- पिर मकभीख ५.आत् मबलभारत भूषण झा- कथा-१230


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAिवनीत उल- दीघ र्कथा- घोड़◌ीपर चढ़ि◌लेब हम िडी - दोसर भागआलोक बाब ू ओिह सा ंझ प ूरे म ूड में छल। मुदाराित बेसी भऽ गेल छल। सभक आिख ं मे नीनआबैत छल। िकयो देवार से सिट के उं घय लागलतऽ केकरो सुत-सुत झपिकयो िलयै लागल।भुजाक संग दालमोट आओर कतेक देर चलितयै।सभक पेट मे चूहा कूदै लागल। ासो लागलछल। जतेक पैन के िबसलरी के बोतल छल, सभख भऽ गेल छल। आिब एतेक राित भऽ गेलछल जे को दोका निह ख ुजैत रहल, जािह संिकछु खाय-पीबै बला समान आबितयैथ। उमढ़,ेज पर आलोक बाब ू छल, िजनका िजा परसरती बैसल छल। हुनकर िखा सुनाबै मे ोकनिह लागल छल। हुनकी मीठ बोल आओर िखाकहैक ाइल छोड़ि◌ कऽ िकयो जाइलै निह चाहैतछल।231


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAअपन ोताक भाव-मुा जे कथाकार िच िलये, ओहोिशयार होयत अिछ। आलोक बाब ू तऽ होिशयारछेबे करल। ओ लोकक मुा के पढ़ि◌ लेलैनआओर घोषणा करलैन जे आब बेसी राित भऽ गेलअिछ, तािह से आज ुक कथा एतय ब ंद करैत छी।आब अगला बैठकी मे सम ूचे िखा अहा ं सभकऽसुनायब। ई सुत सभ सुनिह बला कऽ लागल जेपेटक भूख पेट में रिह गेल। िकयैिक पेटकभूखक आग ू मानिसक भूख भािर पिड़ जाइत अिछ।एक हफ्ता लोक सभक कोना बीतल िकयो निह किहसकैत अिछ। मुदा, एक गप भेल जे आलोकबाब ूक िफक िखा प ूरे रायपुर मे कानाफूसी जनाबाजल जायत छल। आय ओ सभागार मे शहर केआओर लोक आिब गेल छल, आलोक बाब ूक सुकलेल। ठाढ़ रहैक जगह निह छल। लोक कऽजतय जगह भेटल तािह ठा ं नीचे मे बैिस गेल।जिहला रो ब के अक्ष राजेश चौधरीबजलाह जे आब अहा ं सभ शा ंत भऽ कऽ बैिसजाऊ, आब आलोक बाब ू अपन िफ देखिह के िखासुनायैत। प ूरे हॉल मे 'िपन ाप साइलेंट" भऽगेल। आलोक बाब ू तऽ आलोक बाब ू छलाह। आवनिह देखलक ताव, शु भऽ गेल िखा सुनाबैय232


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAलेल। एकटा हाथ डा ंड़ पर धिर, दोसर हाथ सेिखा कऽ लऽ कऽ हवा मे लपटाबैत कहलाह, 'हमरसौभा अिछ जे हमरा राा देखाबै बला हमरपापा अिछ। को पाय कऽ लऽ कऽ गप होयतया दिनया ु जहानक। खेलक मैदान सं लऽ कऽ िफीदिनयाक ु गप, राजनीितक रपटीली डेगक गप सं लऽकऽ को बीमारी सं छुटकारा पाबैक ा, पापाअलराउं डर अिछ। हमरा लागैत अिछ जेना िफोकगप हम पापा से जानल छी। एखन धिर िजनगीकबेसी काल मामा लग निह रिह कऽ पापा संग रहलछी। नीक काज करैत रिह तऽ ओ ख ुश होयत छलनिह तऽ ख ूब मािर खाइत रिह। पापा के मुह सेसुनल छलौ ं◌ंह जे अिमताभ बन हीरो अिछ आओरहुनकर िपता हिरव ंशराय बन एकटा किवक संगोफेसर सेहो छल।"आलोक बाब ू अपन पापा कऽ लऽ कऽ कहै लगलाहजे ओ कहैत अिछ जे िफ देखिह मे पाय आ◌ैरटाइम बरबाद होयत अिछ। तीन घंटा मे जे नाकोस र्क पोथी पढ़ि◌ िलयै या को खेल खेलय तऽओ ास में नीक करत या ओकर देह नीक भऽजाइत। ओ पढ़◌ाई कऽ लऽ कऽ को साम ंजबैसाबैक िव खड़◌ा भऽ जाइत छल। मुदाहमरा बेर ओ आपन वस ूल बदिल लेलिखन। हमहूं233


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAिफ देखिह लेल जाइत रिह मुदा की दैखैत रिह,ब ुझैत मे निह आबैत छल। रिवक सा ंझ मेद ूरदश र्न मे फीचर िफ देखाओल जाइत छल,जकरा दैखैत लेल हम जाइ रिह दोसर के घर।मुदा एकरा लेल बड़का सा करै पड़◌ैत छल।भोिर भऽ कऽ सबसे पिहले जागैत रिह। तकरबाद िदन भिर ख ूब मन लगा कऽ पढ़◌ैत रिह।एतेक पढ़◌ैत रिह जे पापा सा ंझ तक ख ुश भऽजाय। पापा ख ुश तऽ िफ देिख सकैत रिह मुदाहुनकर को सवालक जवाब निह दऽ सकलौ ंह तऽसभटा ान धिर की धिर रिह के डर बनल रहैतछल।पापा के सीधे कहबाक रिह जे ास मे नीककरैक संग टा प ूरा होयत तख अहा ंक गप मानलजाइत। निह ते जे हम कहैत छी, ओ अहा ं मान ू। से मन मे एकटा िवोह ाभाव रहल अिछ।जे हम जे किह, से दिनया ु मा। हम िकयाकेकरो गप मानब, हमर गप िकया निह िकयोमात। से अपन सपना के हकीकत मेबदलिह लेल एके टा राा रिह जे ख ूब मन लगाकरपढ़ि◌। पापा आओर हमर बीच ई हरदमे चलैतछल जे के कखैन जीतत। कख पापा जीतैतछल तऽ कख हम। लागैत छल जे पापा अप234


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAबेटा सं हािरक ख ुश भऽ जाइत छल। हेतै िकयानिह, ई तऽ सभ बापक होबाक चािह। बेटा आग ूबढ़◌ै, एकरा सं नीक की होयत। हम जखैनजीतैत रिह तऽ पापा हंिस कऽ हमरा अपना तरहेिजनगी िजयबाक लेल छूट दैत छल। हम जखनहारैत रिह तऽ किनक काल तऽ झा जाइत रिह।मुदा, सोचैत रिह जे आग ू से जे भी हेता, हमनिह हारब। ख ूब मन लगाकऽ पढ़। अिहना तरहेहम अमर अकबर एंटोनी, नािगन, कालीचरण, शोले,रोटी कपड़◌ा आ◌ैर मकान, सीता आ◌ैर गीता, रामआ◌ैर ाम, हाथी मेरा साथी, सम िशवम सुंदरम,ाित ं एहन िफ देखलहु ं। मुदा ई सभ िफइ ंटरवल धिर।आब बाजैत-बाजैत आलोक बाब ूक कं ठ सिख ू गेलछल। ओ टेबल सं पैन के िगलास उठा कऽ द ूघं◌ूट पािन पीिब कऽ फेर सं बाजब शु करलिखन।तखन आठवा ं ास में पढ़◌ैत रिह जखन िसमाघर मे जाइकै िफ देखल रिह। घर मेदादाजीक बटुआ से साढ़◌े तीन टका चुराइल रिह।तीन टका मे द ू टा िटकट आयल छल आओर एकअठीक िसा मे झालमुढ़◌ी खायल रिह। िफ छलजंगबाज, जिह मे हीरो छल गोिव ंदा आओरराजकुमार। गेल तऽ रिह िफ देखिह लेल मुदा235


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAघरक लोकक डर सं हॉल मे िफ कम हॉलक सीनबेसी देखैत रिह। डर लागैत छल जे िकसी िचैबला एतय देिख लेत तऽ घर मे खबर भऽजाइत। फेर िबना पिछ ू के िफ देखिह कऽ सजाभेट जाइत। जकरा संगे िफ देखिह लेल आइलछलौ ंह हुनका पिह किह दे रिह जे ककरो सं ईगपक चचा र् करब तऽ हम िटकट के पाई अहा ं केनिह दे। हम अपन िमशन मे कामयाब रहलरिह।आलोक बाब ू के मुख मुा एहन रिह जे लोगहुनकर मुंह से िनकलल एक-एकटा बोल कऽ गािठंबना कऽ सुत छलाह। ओ सर आओर अी केदशक मे अपना कऽ लऽ गेलिखन। कहै लगलाह।ओिह काल रायपुर बड़ छोट शहर रहैक। एतेकगली मे हमर ना बीतल। एकेटा िसमा हॉल छल,कना टॉिकज। आब तऽ ओ छेबो निह करल।अिह टॉिकज में पंह अग आओर छीस जनवरीके िटकट ब्लैक मे िबकायत छल। जखन अहा ं एकबेर को काज कऽ लऽ सकैत छी तखन अहा ंकमन बढ़ि◌ जाइत अिछ। ये हमरा संग सेहोभेल। दोसर बेर हम 'एक फूल दो माली" देखिहलेल िसमा हॉल गेलहु ं। िफ नीक लागल। मुदा236


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAएखन धिर रायपुर मे यै टा द ू टा िफ देखछी। अगा ं के िखा तऽ अहा ं सभ जात छी।ई किह के मुंह पर आयल पसीना के आलोक बाब ूजेबी से माल िनकािल के पोछलक आओर अपनठाम पर बैस गेल। सभ लोग गदगद छल।आलोक बाब ू कऽ सभ वाहवाही करै लागल। एिहिदन एितहािसक छल रायपुरक इितहास मे। जेसभ निह जात छल आलोक बाब ू के सेहो जानयलागल। शहर के लड़की सभक बीच आलोक बाब ूख ूब पोपुलर भऽ गेल। कालेज जाई बाली लड़कीसोचैत छल जे कोना आलोक बाब ू से गप किर।मुदा, आलोक बाब ू कऽ अहा ं जात छी। निहकेकरो से बाजब, जे काज अिछ, बस कािज कऽघर आिब गेलहु ं।ओ जमाना मोबाइल के निह छल। लै ंडलाइन केछल। आलोक बाब ूक घर मे सेहो लै ंडलाइनलागलरहैक। मुदा, ओ केकरो अपन घरक नंबर निह दैतछल। िकयै िक केकरो फोन आयत आओर पापाउठा लेत, तऽ िबगैड़ लागत। आज ुक दिनया ु मेको चीज कतेक िदन धिर अहा ं का सकैत छी।सेह आलोक बाब ूक भेल। लोक-बेद के हुनकरघरक लै ंडलाइन फोनक जानकारी भऽ गेल।जेकरा जरत होयत ओ आलोक बाब ू कऽ कख237


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAफोन कऽ दैत छल। आिह काल लॉ कालेज मेपढ़◌ैत आलोक बाब ू एतेक पोपुलर भऽ गेल छलजे लड़की सभ हुनकर को-को दो कऽअन फोन नंबर दैत छल जे हुनका कहबै जे ओफोन करताह। मुदा, आलोक बाब ू किहयो कोलड़की के िकया फोन करताह।ओ िदन एक जनवरी छल। भोिर उिठ के आलोकबाब ू नहाय-नाा कऽ पढ़◌ैत छलाह। तख फोनकघंटी बाजल।मा ं फोन उठैलिखन आओर बाजलिखन, 'हैलो"'जी, आलोक बाब ू अिछ" दोसर िदस से को लड़कीके आवाज छल।'हा, ं अिछ, अहा ं के" मा ं कहलिखन।'जी, हम आलोक बाब ूक दो।" एतबै कहैत आ◌ेलड़की के सा ंस फूिल गेल आओर ओ फोन रािखदेलक।आब मा ं तऽ मा ं होयत अिछ। आन मा ं जना आलोकबाब ूक मा ं छल। ओ िचंितत भऽ गेिल जे कोन238


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAलड़कीक फोन आलोक बाब ू लेल आयल। मुदा कोआईडी कालर ते लागल निह छल जे िकयो जािनसकैितयै जे कोन नंबर से फोन आयल। फेरद ूपहिरया मे फोन आयल। तखन हुनकर बिहनफोन उठैलक। फेर ओिह घटना भेल। आबघरक सभक मन मे हुयए लागल जे की गप अिछ,जे ओ फोन करिह बला लड़की गप निह करैतअिछ। फेर सा ंझ भेल पर सै गप भेल। अिहबेर आलोक बाब ू अप सं फोन उठैलिखन। मुदासाम बला निह तऽ हुनकर आवाज िचलिखन आओरनिह ओ।जारी...२अकलेश म ंडल- लघ ुकथा-टीटस239


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAव- अन ्तर स ्नातक (थम साल)जनता महािव ालय, झंझारपुर।टीटसइजोिर या झलफलाइत रहए। कोइली कुचड़ए लगलिक ब ुधनीक नीन टूटल। इजोिर या झलफलाइत देिखब ुधनीकेँ भेल जे आइ उठैमे अबेर भऽ गेल।मुदा तैयो धरफड़◌ाएल उिठ कऽ िव छान समेिटअलगनीपर राखए लगिल आिक कपड़◌ा लािग गेिलचारमे खोंसल हॅसुआ ब ुधनीक माथेपर लटपटाइतिग रल हा ँस ू भोँका गेल। ब ुधनीक माथासँ फूूका मािरख ून बहए लगल। ब ुधनी ब ुदब ुदाएल- “ हे भगवान,कोन हमरासँ गलती भेल जे एतेक बरका द ुख240


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAब ुढ़◌ारीमे देलौ ं। मरब की जीयब आब घा जल ्दीछूटत। ”ख ूनसँ साड़◌ी िभ जए लगल। मोनमे एले जे आबिब देशर (बेटा)केँ उठा दै िछ ऐ। तँ िक नसाइतहोतसँ होता ंग भऽ जेे। ब ुधनी िब देशरकेँ हाकिद अऽ लगिल - “ रौ बौआ, िब देशर उठ। ”द ुन ू परानी एे हाकमे अकचकाइत उठल। घरेसँबाजिल - “ िक भेलौ माए? ”“ कनी एम ्हर आ हॅसुआ भोका गेल।” ब ुधनीकहलक।द ुन ू परानी क तेल लैऐ कऽ आएल सोचलक जेचोट बेसी लागल हेतै तँ ससािर देबे। मुदािब देशर देखलक ख ूनसँ ओसरा पटल। माइयक साड़◌ीसेहो भीजल। मोनमे ऐलै जे माएकेँ बेसी हालतखराव अिछ । से तँ डाक् टरकेँ बजौ अबैछी। िब देशर पीकेँ कहलक- “ ताबे अहा ँ माएकेँदेखभाल क। हम डाक् डर बजौ अबै छी। ”किह िब देशर डाक् टर लग िव दा भेल। डाक् टरबजौ आएल।241


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAब ुधनीक घाउ देख डाक् टर बजलाह- “ ब ुढ़◌ीक िद मागीजखन बेसी अिछ । कोना भेल। ”िब देशर तमसाइत बाजल- “ ब ुढ़ि◌ याकेँ भोरे उठैकआदत अिछ । िब छान समेिट अलगनीपर राखए लगलआिक हा ँस ू माथेपर खसल। ”गमैया डाक् टर मलहम-पी कऽ देलक िट टसकस ूइयो देलक। मुदा ि◌ बदेशरकेँ कहलक- “ घाछुटैमे बीस-पच् चीस िद न लागत। बॉतर-खोंतरिक छ देबिन खाइले। तँ ऊनसँ द ून भऽजाएत। ” ब ुधनी डाक् टरक बात सुिन पथ-परहेजककरए लागिल । ब ुधनीक घाउक जखम देिख िब देशरकख काल तमशाइयो जाइ आ बजै- “ कोनजरी रहै छलौ भोरे उठै कऽ।” मुदा कखकाल आिख ँ मे र चिल अबै कहुना छी तँ माए छी।तहुमे ब ुधनीक घाउ कख ब ्लड शर जका ँ ठीसमारे लगए। िब देशर माइयक तबाही देख भिर -भिर राित जगले रहै छलए। सात-आठ िद न भऽगेल। ब ुधनीक घाउ िद -िद न बढ़ले चिल गेल।द ुखेनाइ कम भेल। जिह ना मक् खक संगमक् खक चािल छोड़◌ैत तिह ना ब ुधनीक संग कख242


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAद ुखैनाइ छोड़◌ैत। ब ुधनी दसम िद नक बादखेनाइ-िप नाइ पुरा ित यािग देलक।िब देशर कलहन ्त होइत पहु ँचल डाक् टर लग।कहलक डाक् टरकेँ - “ डाॅक् टर सहाएब माएक घाउबढ़ले जा रहल अिछ । द ुखैनाइ किह यो कमे होइत छै। आब खेनाइ-िप नाइ सभटा ित यािगदेलक।”डाक् टर फेर पहु ँचलिथ ब ुधनी लग। घाउकेँ िब स ्तारभेल देख डाक् टर बाजलाह- “ भोकेलहा हा ँस ू कनीदेखाऊ। ”िब देशर दौड़ल भनसा घरसँ हा ँस ू आिन कऽ देलक।हा ँस ू देख डाक् टर बजलाह- “ ब ुढ़◌ीकेँ िट टस भऽगेलिन । ”िब देशर बाजल- “ डाक् टर सहाएब हँस ूआ देख कऽकेना बिझ ु गेिल ऐ। जे िट टस भऽ गेलै। हँस ूआको मशीन िछ ऐ। ”“ िब देशर हँस ूआ मशीन िछ ऐ मुदा एिह मे बीझलागल अिछ तँए िट टस पकड़ अिछ । ”243


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA72म सगर राित दीप जरय- सुपौल, कथा गोष ्ठीमेपिठ त।३किप लेर राउतकथािक सानक प ूजी244


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAम ंगल भोरे धान काटए गेल से द ूपहिर यामे घरपरअएल। घरपर अिव ते रौदेलहा धानक दौनी लेलखोंह िछ िट तैयारीमे मोस ्तैज भऽ गेल।जिह ना सरकार लेल माच र् मिह ना िह साव-िक ताव आआमद-खच र्क होइत छै तिह ना विन या लेल िद वाली,पंिड त-पुरोिह त लेल यज्ञ आ द ूगा र्प ूजा तिह नागृहस ्तक लेल अगहन। खन धान काटू तँ खन धानतैयार क, खन गहूमक खेत जोत-कोर क तँखन गाए-भै ंस-बरदकेँ सानी-कुी लगाऊ। चनतरहक काज रह म ंगल परेसान रहैत छला।साझ ू पहर म ंगल जोिग न ्दरक ओिह ठाम अ◌ािग तपैलेगेल। गप-सप ्प होमए लगलै। म ंगल बाजल-“ हौ जोिग न ्दर भाय गप-सप ्प िक करब, काजेततेक ऐछ जे परेशान-परेशान रहैत छी। झरोिफ रेक फुरसत रहैत अिछ । ताहूमेअगहनमे। ”जोिग न ्दर बाजल- “ एतेक परेशान होइक कोनकाज छै आब तँ धान खेतक जेाताइसँ लऽ कऽदौनी तकक लेल सर, क् टर, गहूम बाउगकरैले मशीन चन तरहक मशीन सभ भऽ गेलैहेँ।245


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAतँए परेशान हेबाक को जरत छै। एकटाकहबी छै जे प ूत परदेश गेल देव िप तर सभसँगेल। से करऽ िद मागसँ काज लएह। आसभ िद स नजिर राखह।”म ंगल बाजल- “ से तँ ठीके कहै छहक। एकटापरेशानी रहए तब । लऽ दऽ कऽ एकटा बेटाऐछ छोड़◌ा अवण ्ड भऽ गेल ऐछ। केत कहैिछ ऐ जे मन लगा कऽ पढ़-ि◌ लख जे द ू अक्षरकबोध हेतो तँ अप काज देतो से किर ते ऐछ। एकटा मोवाइल िक न लेलकहेँ आ हरदमगीत-नादक पाछा ँ अपिस यात रहैत अिछ । िक कहबगहूमक िब आ 80 िक लो एकटा कोठीमे रख रही सेकी केलक तँ कखैन कखैन सभटा बीआ बेचलेलक आ एकटा मोवाइल कीन लेलक। तुही ं कहऽआब खेती केना करब छौड़◌ा बदमास भऽ गेल। ”जोिग न ्दर बाजल- “ ई तँ बड़ खराब काज भेलै।जहन पिज ू ये चोरा कऽ बेच लेत तँ कोपिर वारकेँ गुजर-वसर आिक उत केना हेतै।एक कोठी अनाज तँ प ूजी होएत छै, प ूजीतँ बीआक लेल जे राखल जाइत छै सएह 246


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAहोइत छै। जैसँ अिध क उपजा आिक आमदनीहोइ सएह प ूजी भेल। जँ प ूजीये िक यो खागेल तँ सभटा बस ्तु खा गेल। ”म ंगल खैनी झारैत आग ू बाजल- “ एक तँ रौदीकमारल छी द ू बीघामे धान छल, उपरका खेतक धान तँमारल गेल, िन चला खेतक धान िक छु भेल। तैपरसँछोड़◌ा िब ए बेच लेलक। आब बीआ खिर द ू िक खाधखिर द ू िक खेत जोताऊ। अही सबहक सोचमे परलछी। ”जोिग न ्दर बाजल- “ खएर परेशान हेबाक जरत छै। एकटा कहबी छै जे िच न ्तासँ चतुराइ घटेशोकसँ घटे शरीर, पापसँ लक्ष्मी घटे कह गये दासकवीर। तँए हमरा लगमे गहूमक बीआ ऐछ पकेँसाल उत िक समक बीआसँ खेती के छलौ ं। एकसाल तकमे बीआ खराव होइत छै। तँएजे बीआक जरत हेतह से हम दऽ देबह। जँअपना लग टाका हूअए तँ हम कहबऽ जे उतिक समक बीआसँ खेती करह। खेतमे जँ हाल होइ तँ पटा कऽ खेती किर हह। निह तँ धाकखेती मारल गेल आ गहूमोक चिल जेतह। एकटा247


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAबात कहह जे तरकारी-फरकारीओ सबहक खेतीके छह िक ? ”“ हँ, हौ भाय तरकारीमे आल ्ल ू , मुरै आ फरकारीमेकोबी, भाटा, टमाटरो सबहक खेती के छी। ”जोिग न ्दर- “ से तँ नीक बात छ, तँ एिहबेका सन खराब समएमे लोक बौआइऐ कऽ मरैत। िक सानक तँ यएह सभ प ूजी होइतछैक। समए-साल, आगा ँ-पाछा ँ देख कऽ खेती-बारीकरक चाही। जािह सँ कख मुँह मलीन हएत।तँए जे कहिब ओ छैक मन हरिख त तँ गाबी गीत। ”४राम िव लास साहु248


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAलघ ुकथापिर मक भीखसोमना बोिन हार अपन पिर मसँ पिर वारक भरण-पोषण करैत छल। सभ िद न अपन मजदिर ू कबोिन सँ खाइत-पीबैत िज नगी िब तबैत छल। सोमनाजेतबे पिर मी ओतबे इमानदार सेहो छल।सोमनाकेँ जइ िद न काज निह भेटैत छल माबैसारी रिह जाइत छल ओिह िद न बीना भोजपत् नी आ बाल-बच् चा पािन पीिब अपन टुटली मरैयामेसुित रहै छल। एक िद न एिह ना भेल राित मे सभपरानी पाि◌ न पीिब सुि◌ त रहल। भोर भेलापरकाज खोजलक मुदा को काज निह भेटल।सेामना भुखक मारल थाि◌ क कऽ दलानपर बैिसछल। पत् नी आ बच् चाकेँ भूखसँ पेट-पीठ एक भऽगेल। सोमना सभ परानी आिख ँ सँ र बहबैतभगवानसँ याचना करैत कहलक- “ हम एे गरीब छीमुदा काजो निह भेटैत अिछ जे परा बचत।आब हम सभ भूखे परान ित यािग देब। ”249


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAसोमना माथपर हाथ रख बैसल छल।तख एकटा हा-का िभ खारी आिब कऽ भीखम ँगलक। सोमनाकेँ भीख देबाले िक छु ब ँचल निहछल। सोमना कहलक- “ भीख तँ हम निह दऽ सकैछी, हम दऽ सकै छी पिर म। ”िभ खारी म-मन सोचमे डुिब गेल ओ सोचलकजे हम शरीरसँ ठीक छी तँ िक एक हमहु ँ पिर मकरब तँ भीखारीक जीबनसँ छुटकारा पािब जाएब।भीखारी ख ुश भऽ बाजल- “ आब हमहु ँ, भीख निहमॉ◌ंगव अहा ँक बचन सुिन हमरो लागल जे आिख रपिर मसँ तँ धन भऽ सकैत अिछ । बेकार हमभीखक फेिर मे परल छी। आब हम पिर मेसँ अपनपेट भरब। ”५भारत भूषण झाकथा-250


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAआत् मबलचुनावक समीर्क चुस ्की लेलाक वाद लिल त चौकसँघरपर एलाह। घरपर हुनक पी रेण ू तामसे आिगभेल बजैत- “ अहा ँकेँ िक होइए िज नगी तँ नरकेबना देलौ ं आ वौआकेँ पढ़◌ाएब-िल खाएब। ओकरिज नगी अहा ँ जका ँ नइ हुअए देबै। दोसराक किन याजे पढ़ल-िल खल निह छै ओकर घरबला िड ी िक िनकऽ करी करबा देलकै आ एतए हम एम.ए. पासघरोमे को मोजर निह एते करै छी ककराले।वौआकेँ फाम र् भरबाएब से एकटा पाइयो निह ।”लिल त एक टकसँ रे िद स तकैत चुप भऽ ओकरबात सुत म-म सोचैत जे ई कोन पैघबात छै बाब ू जीसँ मािग ं एकर फाम र् भरबा देवइ।अप जन-मजद ूर जका ँ खटै छी खेतसँ खिर हानधिर आ पी करानी जका ँ अ◌ा◌ंगना-घरमे खटैतअिछ । बाब ूजी िक एक निह देिथ न ्ह। लिल त ध ुराएलेपएरे बाब ूजी लग पह ु ँच बाजल- “ बाब ूजी हो द ू साएटाका दहक तँ बौआकेँ काि फॉम र् भरतै। ”251


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAबाब ूजी केँ ब ्लड शर हाइ। बजलिथ - “ कतएसँकमा कऽ मिन ऑडर एलहहेँ जे म ंगै छह। हमराब ुे एकोटा पाइ निह हेतइ। ”सुनते लिल त स भऽ गेल। आिख ँ क आगा ँ अन ्हारभऽ गेलै। लिल त म-मन सोचैत- जतेक एतएखटै छी अगर दोसराक खेतमे खिट तौ ं तँमजदिरयो ू भेटताए आ हाथमे िक छु पाइयोरिह ताए। यएह बात सभ सोचैत मुँह खसल अपनघरमे आिब चुपचाप पलंगपर बैस गेल दोसर िद सरेकेँ तेवर चढ़ले बाजिल - “ िक भेल कना पढ़तअहा ँक बेटा? ”लिल तकेँ चा िद स अन ्हारे-अन ्हार लगै। रे फेरबाजिल - “ िक अए बौक भेल चुप छी, हमरा लगहौसली अए लऽ जाउ सोनरा दोकानमे बेिच कऽबौआकेँ फाॅम र् भरा िद औ। लेिक न एक शतर् हमभुखले रहब मुदा आइ िभ न होएव। ”रेक बात सुि◌ न लिल तक हालत और गंभीर भऽगेलै। जे आइ हमरा लग एकटा पाइ निह अिछ।252


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA३. प३.१. डा. नरेश कुमार ‘ िव कल’ द ूटा गजल३.२. पंकज झा- ३टा प३.३. ोित सुनीत चौधरी -सैाकअि253


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA३.४. राजेश मोहन झा- किव ता- उनटा-पुनटा३.५. नवीन कुमार आशा -द ूटा प३.६.१. संजय कुमार म ंडल- किव ता- मीता हमरामोन पड़◌ैए २.हाइपर लेखनीराजदेव म ंडल-किव ता-254


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA३.७.१ िश वकुमार झा िट ल ्ल ू- किव ता- सािह त् यकिव द ूषक २आज ुक तापेश कुमार झा 'ोंथ'- हम छी३.८. गंगेश गुंजन- राधा- २७ म खेपडा. नरेश कुमार ‘ िव कल’255


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAद ूटा गजल-(1)नयन केर नी पड़◌ाएल की छीिन लेल कोमोन केर बात मोनमे रिह गेल कोउन ्हिर या राित ई गुज-गुज एना के िद नधिर रहतकम ्बल कएक काजर केर तािन देल कोका ँटक झार राखल छै चौकिठ केर द ुन ू िद सतैयो अयािच त डेग नािप देल कोछाहिर झरक लागय हमरा नीम गाछीमेबसातक संग िब रड़◌ो फेर आिन देल कोहमर खटक िस रमामे करैए नाग सभ सह-सहका ँचक घरमे पाथर रािख देल को256


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAिब हु ँसल ठोर ख ुजतै को कािम नी आगा ँीतक सींथमे भुम ्हूर रािख देल को(2)पसारल छैक परतीमे हमर पथार सन िज नगी।कहू हम लऽ कऽ की करबै एहन उधार सनिज नगी।।पड़ल छै लु-नाङर सन को मिद ं र केरचौकिठ पर।मा ँगय भीख िज नगी केर हमर लाचार सनिज नगी।।साटल छैक फाटल सन को देवालपर परचा।केओ पढ़बा लेल चाहय हमर बीमार सन िज नगी।बाटक कातमे रोपल जेना छी गाछ असगआ।257


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA फड़◌ैए-फुलाबैए हमर बेकार-सन िज नगी।।कतबा ि◌ दनसँ हैंगरमे छी को कोट-सन टा ँगल।कुहरैत कोनमे पड़ल ई ित रस ्कार-सन िज नगी।।ई ि◌ जनगीकेँ को ि◌ जनगी जका ँ हम िज निग येब ूझी। िज नगी देल िज नगीमे िज नगी सन हमरिज नगी।।..पंकज झा,३टा पिपता-ी महें मोहन झा, माता-ीमती अी देवीझा : माडर, िजतबारपुर, मध ुबनी, िबहार ८४७२११258


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAपंकज जी एच.सी.एल.मे सोफ्टवेयर इिजनीयरंछिथ।१उोधनकिहयो पिण ू र्मा सन आलोिकत,मैिथल, िमिथला आ मैिथली,आइ घोर अिरयामे हराओल अइ,िकछ द ूर िटमिटमाइत तारा सन,िकछ िमटैल पगडी,आिर-धिरमे ु ओझराएल अइ,सातक स ूय , र्किहया पिरचयकेँ बदिल देलक,िकछ आभासो भेल,मुदा !जहन-जहन पाछू तकैत छी,दयमे िकछु उथल-पुथल,बहराइ लेल ाकुल अइ,मुदा !भीतरे-भीतर घिट ु जाइत अइ,ता- तंता अइ,अपन अहंग,सैहबी डोरीमे बाएल,259


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAजाबी लगौ,बरद जका ँ ऑिफसक दाउनमे लागल छी,अपन सहजता-सरलतासँ डेराइत,जे पाछू भऽ जाइ ,अपन पिरचयसँ भगैत,नव पिरचय बनाबैमे लागल छी,मुदा !ओ िण र्म गौरव गाथा,कोना िलखब,माता-िपता आ प ूव र्जक ित ा िब,भाषाक म िसह िब,कोन र ंगसँ र ंगबअपन कैनवासकेँ …..कोन गीतसँ सजैबअपन जीवनकेँ ……मुदा !हम सुतल छी,मरल छी,जागल छी,हमर अड़ता, हमर सहजता, हमर नताहमर पिरचय अइ,सातक आलोकसँ आलोिकत,आइ आब हम समथ र्वान छी,260


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAतँ िकएक अपन समिसँ,ृअपन पिरचयकेँ सींची,अतीत तँ िण र्म छल,आब आइ आ आबैबला काि,केँ सेहो िण र्म बनाबी,सभ गोटे िमली कऽ,एक दोसरकेँ मैिथलीक रसपान कराबी.२रीढ़ िवहीन पुषपुषक पुषाथ र् कतय हेरायल अइ,नइ ब ुझना जाइत अइ,दहेजक बैशाखी पकडी,अमरली जका,ँरीढ़ िवहीन,पिरचय.....सुत छलौ,ंस्ीक रक समुमे,पुरषाथ र्क नाव हेलैत छैक,मुदा!जँ नावमे भूर भऽ गेल,तँ ओ पुष आ समाज द ुन ूकेँ डुमा दैत छैक,मुदा!261


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAरीढ़ िवहीन पुरषाथ र्क नावे की,जेकर को पतबारे अइ,िदशा हीन,ऊजा र् िवहीन,दोसरक धनसँ िसंिचत भऽ,अपन ािभमान बनाबऽमे लागल अइ,िबना सुगंध,कृिम फूल जका,ँसोझे सजाबट लेल.......स ृजनाकतासँ द ूर,कृतसँ िबमुख,िसमाक रील जका,ँअपन जीवन बीतबैत अइ,हे िबधाता !अही ं तँ रच छी,पुष पहाड़-पव र्तकेँ छाती चीिर,स्ी नदी ीजनक सुर संसार रचैत छिथ,तँ िकएक आइ ,दहेजक दाबानलमे,पुषक रीढ़ िबहीन पुरषाथ र्केँ जरा कऽ,ओकर सम ूल िबनाश कऽ,पुनः मेघक घोर गजर्नमे,िशवक ता ंडवसँ,262


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAपुषक पुरषाथ र्केँ ठाढ़ करी,आ झर-झर ब ुी बसातमे,नव कोपलक संग,मध ुर गीतक गुंजनमे,ािभमानी रीढ़यु समाजक पिरचय बनी.३सहजताज्ञान आ िवज्ञान,असंधा सँ बढै छै।सािहक स ृजन,म ंथसँ होइ छै।चाहे प गढ़◌ू,आिक र ंग घो,म क,वा र बहाऊ,मोनक उेग,संयमेसँ कै छै।पीड़◌ा दयक,सहजतेसँ कमै छै।263


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAोित सुनीत चौधरीज ितिथ -३० िदसर १९७८; ज ान -बेवार, मध ुबनी ;िशक्षा- ामी िववेकान िम िडल ूल़ िटो साकची गर् हाईूल़, िमसेज के एम पी एम इटर कालेज़, इिरा गाी ओपनयिनविस ू र्टी, आइ सी डबू ए आइ (का एकाउेी); िनवासान- लन, य.के.; ू िपता- ी शुभंकर झा, ज़मशेदपुर; माता-ीमती सुधा झा, िशवीपी। ोितकेँ wwwpoet . r y. comसँसंपादकक चॉयस अवाडर् (अंजी पक हेतु) भेटल छि।हुनकर अंजी प िकछु िदन धिर wwwpoet . r ysoup.comकेर मु प ृ पर सेहो रहल अिछ। ोित िमिथलािचकलामे सेहो पार ंगत छिथ आ िहनकर िमिथला िचकलाकदश र्नी ईिलंग आट र् ुप केर अंतत ईिलंग ॊडवे, लंडनमेदिश र्त कएल गेल अिछ। किवता संह ’ अिच र्स ’ ् कािशत।सैाक अिसैाक अि आ िमा िखासभकेँ सत मािन कऽ पैघ भेल बाजखन सक त साम आयलनव-जल युवाक मोन भेल घायलबादमे हतास करैत छल सब लोककेँ264


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAमोन भेल जे खतम क अिह लोभकेँ कु बौआ सैाक आस लगेता पैघ भऽ अिह नाटकीयतापर पछतेताफेर भेल जे कोना चाकेँ मामा कहीदेिख-देिख बामे खाना खाइत रहीफेर बादमे पढलहु ँ जे ई मा उपह िथकगोल पिरमा करैत रहैत अिछ पिकृजिहया बौआ अप ठेकनगर हेताखेलौना बॉ◌ंिट-बॉ◌ंिट यं सैा भय जेताअपना सब जकॉ◌ं निहं जे पिह बामेसुनलहु ँ सब िखा भगवानक नामेजेना-जेना बढलहु ँ बिमा ु िदसकेलहु ँ ईर पर शक़ भेलहु ँ नािक।उनटा-पुनटाराजेश मोहन झा- किव ता-कोइली काली बगुला गोर265


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAहे भगवान ई केहेन अन ्होरताड़ खजूरक मान बढ़ल छैपीपर आमक ाण उड़ल छै।कलयुग एकरे कहल जाइत छैउनटा-पुनटा सभ सटल जाइत छैसोन बनल छै टलहा चानीजा भुक् खल ता खािथ िव रयानी।266


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAछूटल सॉस टूटल आश छैसभ ठाढ़ि◌ पर उल ्ल ूक वास छैफगुआ बनल जेठक द ुपहिर याअनाहूत उपेिक्ष त मध ुमास छै।कं ठी माला माथे चाननअप आइना अप आनन267


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAहाथमे पोथी देिख रहल छीद ुहू जेबी भरल ताश छै।धम र्-अधम र्क अंतर गाएबजतेक लगाएब ओतेक पाएबिब ढौआक फाइल छै कलजातंमे कतेक िवश ्वास छै।268


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAनवीन कुमार आशा (१९८७- )द ूटा पिपता ी गंगानाथ झा, माता ीमित िवनीता झा।गाम- धारामपुर, पो- लोहना रोड, िजला-दरभंगा।१अंतरकलह आ िवचारज ु िन पुछू हमर हालहम छी भय गेल बेहालदेिख ई समाजक कुरीित269


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAमन भय जाय आिगबत ई कीडाकखािध बना कय आचार।बनल अिछ ई चचा र्छपल अिछ जगमे पचा र्भगलए यौ फेर एकटा बेटीफेर ककरो संग यौएिहमे निह िलयल मजाई तँ अिछ एकटा सजाजँ भागल दोसरक बेटीओकरो ब ु िझयौ अपन सुता।270


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAबदल ू ऐ कुरीितकेँबेटा होिथ वा बेटीिदयौ हुनका ज्ञानज ु िन ब अज्ञानआइ जँ लेब मजाफेर बनत ओ सजा।ई अिछ जगक रीितिनक काजमे निह देत संगअधला लेल आओत आगुजखन करब अहा ँ िकछु अधलाबिन जायत ओ िपछलाफेर निह देत संगभय जायत अपमे म271


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAबना लेत ओकरा चया र्कय देत अहा ँक पुजा र्-पुजा र्।कोना बदलत ई समाजजकर होइ अिछ नाशिनक ग निह करए ोअधला लेल सदैव तैयार।की भेल जाइत छै एिह समाजकेँअपन सता सब ो िबसरएपिमी होए हावीकी होएत भावी समाजकेँिचित मन सोचै अिछ।272


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAआज ुक िधया-पुता निह ब ुझएओकरा आरो िकछु निह सुझएनिह सोचए घरक मानओकरा बस अिछ अपन ानसजा कए माइ-बापक अथीर्बिन जाए ओ ाथीर्निह सोचए हुनका बारेमेजे हुनकर करिथ पालन।देिख समाजक ई कुरीितमोन भय जाइ अिछ पागलजा धिर निह िमलत समाजनिह अिछ तावए इलाज।273


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAकोना बदलत ई पिरभाषाकोना बदलत ई समाजजकर करै नव पीढी नाशलाबए पडतै हुनका सडकपरकहए पडतै हुनका बेधडकज ु िन क प ूव र्जक अपमानहुनकर तँ राख ू मान।२बैसल-बैसल सोची मनमे274


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAबैसल-बैसल सोची मनमेमुदा निह ला तनपरआिग बडैत एिह गमीर्मेबैसल हम उघार आ ंगनमेस ूय र्क तिपस न झेलल जायन अधलाह िकछु देखल जायजा धिर निह उठायब डं डानिह भेटत मनकेँ ठंढाआब ओ गेलै जमानाजािहमे होइ तरानासभ िदस अिछ द ू मुँहा राई जीवन निह अिछ सासभ िदस अिछ एकटा मोलजँ अिछ पाइ तँ अहा ँ अनमोल275


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAबदलल जाए मक पिरभाषाअिछ जँ क्षमता तँ क आशााचार अिछ पयर पसारैतिशाचार गेलै कहा ँदनआब निह अिछबेटा बापक हाथमेिकछु िदन बाद होएत ईबेटाक आगा ँ बाप झ ुकायत माथबेटा बैसत कुसीर्परबाप डोलायत पंखादेखी जे ई फडैत िवषसोची मनमे हरदमकोना होएत ऐ समाजक िवकास276


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAकतहु एकटा आससभ िदस होइक िनाएिहसँ होअय शिम र्ाबैसल बैसल सोची मनमे।१. संजय कुमार म ंडल- किव ता- मीता हमरा मोनपड़◌ैए २.लेखनीराजदेव म ंडल-किव ता- हाइपर१संजय कुमार म ंडलकिव तामीता हमरा मोन पड़◌ैए277


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAमीता हमरा मोन पड़◌ैएजखन ना रहीमाएक कोरामे काइत रहीपापा बाबाकेँ घोड़◌ा बनाघोरसवारी करैत रही।सैत रही, फुलैत रहीटॉफी िव स ्कुट निह भेटलापरभूइया ँमे ओंघराइत रही।जखन पिह ल बेर स ्कूल गेलौ ंख ूब उछल-कूद ध ूम मचेलौ ं278


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAिट िफ नक वेलामे ित तली केर पा ंछा ँदौड़ पड़लहु ँजन ्म िद वसक हर अवसरपरढेर सारा उपहार हम पएलहु ँ।ओहो िद न मोन पड़◌ैए जखनमैीक परीक्षामे फेल केलापरभािग पड़◌ा हम ि◌ दल ्ली गेलहु ँफैक् ीमे मजद ूर सबहक संगओवरटाइम कऽ ख ूब कमेलह ु ँ।गाम एलापर िव आह कएलहँुसाले भिर मे बाप बिन गेलहु ँ279


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAआब किन या ँ न तेल लैलेसिद खन हमरा गाड़ि◌ पढ़◌ैएमीता हमरा मोन मड़◌ैए।बपटुअर रहबे करी, माए सेहो िम र गेिलजािह बेटा लेल ख ूब कमेलहु ँजमीन खरीद मकान बना देलसोच रही ब ुढ़पा केर सहारा बनतसेवा सुुषा करतओहो बाप-माएकेँ छोिड िद ल ्ली चिल गेल।प ्लासिट ् क फैक् ीमे खटैत-खटैतहमरा टी.बी. बेमारी भए गेल280


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAहम मजब ूर भऽ करी छोिड देलपथो-पािन ले हमरा करजा करए पड़◌ैएछौड़◌ा िद ल ्लीमे दा मुगा र् कचरैएमीता हमरा मोन पड़◌ैए।तीन माससँ िव छौन धे छीएक घोंट पािनयोले दोसराक मुँह तकै छीरोटी-भात के पुछैए, आब दवाइयो निह ए घोटाइएमीता हमरा मोन पड़◌ैए।तकलीफ ख ूब होइए-ा निह िन कलैएद ुभा र्षा कोना किह ये- सोचैत छीआिख र तँ बेटे छी।281


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAओहो िद न यािद अबैएहम पत् नीक इ ंतजारमे छीओ हमर माएक पएर जतैएहमर बेटा-पुतोहू, सा ंझेिब लैया ठोिक समदाउन गबैएमीता हमरा मोन पड़◌ैए।जीवन भिर बाहरे िब तेलौ ंसर-समाजसँ द ूर रहलौ ंआइ वएह समाज उठा-बैसा दैएहमर द ुद र्सापर द ुखी होइए।282


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAएक िद न ाण छुिट गेलसौ ंसे टोल जमा भऽ गेलअथीर्पर हमरा सुता देल गेलसमाजक चािर गोट कान ्हा देलबिर याती सभ राम-नाम सत् बजैएबेटा कोहामे आिग लए आग ू चलैएभ ब ुढ़बा मिर गेल सोिच रहल अिछझ ुठे-फुसे घड़याली र बहबैएिन पुो समाजे बीच रहैएहँसी-ख ुशी सभ बािट ं जीबैएद:ख-सुखमे ु एक दोसराकेँ काज अबैए283


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAबेकार मक् ख अपना-अपनीलेबाप-बाप करैएमीता हमरा मोन पड़◌ैए।आब ई एहसास करै छीजीवन कतर्व ्य केर पथ छीिज म ्मेवारीक रथ छीिन रन ्तरताक सड़क छी।जौ ं फेर मक् ख जीवन पाएवसमाजक उपकार जर चुकाएबसोझहेमे हमर िच ता जरैएमीता हमरा मोन पड़◌ैए284


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAमीता हमरा मोन पड़◌ैए।।२राजदेव म ंडलकिव ताहाइपर लेखनीकापर अॅगोछा लएठमकल छी कजरी लागलएिह चब ूतरा घाटपरसम ्मुख अिछ पीड़◌ा जल सार।285


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAसहिर -सहिर जोंक जािह मेकऽ रहल अिछअन ्मुक् त जल िब हार।एिह पीड़◌ा जलसँनिह जािन किह या भेटत मुक् ितकिह या ध ुआएतगातक तिह याएल मलीनताजाधिर ई रहत जमलगन ्हाइत पीड़◌ा-जलखणिड ् त निह भऽ सकतजोंकक जल िब हारछी डेराएल286


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAअंग-अंगपरजोंक दंश अभव कएपरन ्च ई तँ अिछभीपनआत् मघाती जड़ता।तोड़ए पड़त आबभूतहा कूल ओ मोहारकेँकोड़ए पड़त आबजल िन कासबहाबऽ पड़त एिहगन ्हाइत जलकेँभरए लेल पोखिर केँनव वषा र्क जीवनसँ287


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAजोंक िव हीन अम ृतसँतखै भऽ सकत-पुण ्य-स ्नानतािह कार आइहम लेखनीकेँ रािख देलहु ँि◌ नम र्म हाइपरबनाबऽ लेलअिस , तीक्ष् ण कोदािरकाटऽ लेलभूतहा मोहारकेँकरऽ लेल स ्विक स ्नान।288


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA१ िश वकुमार झा िट ल ्ल ू- किव ता- सािह त् यकिव द ूषक २आज ुक तापेश कुमार झा 'ोंथ'- हम छी१िश वकुमार झा िट ल ्ल ूकिव ता289


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAसािह त् यक िव द ूषकिक ए हमरा कहै छी िव द ूषक।की हम केलह ु ँ अहा ँसँ खटपट।।श ैशव अप ्पन गाममे िब तएलहु ँसभ ठाम देिस ल गीत सुनएलहु ँम ूड़न हो वा महुअक।मा िव देहसँ रखलहु ँ आशासभ िद न पढ़लहु ँ मैिथ ली भाषाव ्यारव ्याता बिन भेलहु ँ चकमक।ृ ंगार पहरमे किव ता िल खै छी,छी गृहस ्थ मुदा बैराग िस खै छी290


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAहमर जीवन दरससँ ओ भेिल भक्।किह या धिर बॉटव जागरणक परचाकतहु ँ निह देखलहु ँ अप ्पन चरचादिक्ष ण नयन भेल फकफक।िद नचाय र् िल िख किव बिन गेलाआन ्हर गु संग बताह चेलाउल ्ल ू लग कोिक ल ठकमक।कतेक िद न भरत िव लाप सुनाएवफोका डबडब पिर चय स ूनक।आउ-आउ दीघ र् स ूी भेद मेटा िद अहमहूँ मैिथ ल गऽर लगा िल अबनाउ िम िथ लाकेँ सम ्यक।291


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA२पेश कुमार झा 'ोंथ'-हम छी आज ुक तापेश कुमार झा, िपता : ी नवका ंत झािपतामह : हरेकृ झा, सािहिक नाम : पेशकुमार झा 'ोंथ' (मैिथली किवता) ओ नवकृ ऐिहक(आलेख/ं)सािहिक काशन : मैिथलीक िविभ प-पिका मेदजर् किवता ओ मैिथली दैिनक िमिथला समाद मे'ख ुरचन भाइक कछ्मी' केर अंतत, तीनसय सं बेसी ं लेखन-काशन िशक्षा : ातक292


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA(कं ूटर अिकेशन) काय र् : प ूव र् मे िविभ दैिनकप मे काय र्-अभव, मैिथली साािहक झलक िमिथलाकेर संपादन,वर्मान मे कोलकाताक एक ितितउ श ैक्षिणक काशनक शोध ओ संपादन िवभाग मेकाय र्रत ायी पता: ाम+पालय : ोंथागढ़ , भाया: िखरहर, िजला: मध ुबनी (िमिथला)हम छी आज ुक ताहम छी आज ुक ता, निह नीक हमर तफूिसक खाद पंचक पािन सं, हिरयाइछ हमर खेतबेिच रहल छी िनज आदश, र् लग जोर केs लेतिनःश भेल लोक तािक रहल, छी चला रहल हमबे ंतशोिणत िपयासल शेर हम, लs िफरै छी मुंह मेघास293


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAनव-नव ख ुराफाितक ितकड़म, अिछ हमरा लग बहुतेरासिनज ाथ र्क लेल सदा अरे, खसा सकै छी लाशचाही हमरा सा मा, खाहे दशक भs जाय नाशकिरखा सन कारी मोन हमर, पिहरै छी अंगा उजराभाित-भा ं ित ं केर सुिवधा संग, चाही ंजन, दा ओमुजराछी ठािन ले निह मानब हम, मारब जन-जन केंहुकरामुदा बोल बजै छी िमठगर, जेना िजलेिबक टुकडाचािल चलय मे मािहर हम, जं खेल हो पोिलिटकनखी-मटकी संग देखा कs करतब, जीत करै छीिफ294


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAभजै छी बा आिख ं मुिन, होइए बाल पर िसमजा अबइए जखन िवरोिधयो, हमरा संग होइएिमद ूध-माछ द ुन ू खयबा मे, निह अिछ हमरा हजर् ़भाषण टा देब हम ज छी, से िथक हमर मजर्तूर-तेल धs कान मे, सुतब अिछ हमर फ़र ्ज़गिरयाबय ो वा गाबय फकरा, लगा कs कोतर ्ज़देिख अहा ंक भरल पेटी, अफरैछ हमर पेटकहू कतय कखन ककर, कत्बक अिछ घेंटचाभी हमरा हाथ मे, ब पडल िवकासक गेटजखन चाही हमरा कीनी, लगा उिचत रेट295


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAदान क मत केर अहा ँ सभ, िथक लोकक ईअिधकारसा लेल सौदा करब हमर, भs गेल अिछ ापारघपला केर मुंगरी सं एिहना, फोदैत रहब देशककारआिख ं चीर कs देखू फेरो, हमही ं पिहरब पु-हारहमर श ैतानी चािल सं, डूिब जाओ लोकतंक याहाहाकार आ ंदन सुिन, नाचब हम ता-ता-थैयाम भेल होयत अहा ँ कें िकु, हम निह छी खेवैयाकहब हमरा जखन अहा, ँ करब दैब रौ-दैयानिह को हमरा िफिकर, िहिल जाओ देशक चौही296


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAआिग लगौ खसौ बर, मुदा िहलय हमर गीआब तs बिझ ु गेल होयब अहा, ँ छी हम कतेकअहीहमर िकरदािनक पोथा निह, छल तs मा रीगंगेश गुंजनराधा- २७ म खेप"फिसलक गाछ िवकसवाक अहो िदवस ममांतकर्तीक्षा...ओर ज सँ पिहनिह कोिख कें िर करैतकाल-गित, ई एहन हमरे टा िकएक कमाहत र् हमरेटा िकएक वतर्मान ! आिक भोिग रहलए एह आयैह था आ आन ?' सोचैत राधा छोड़लिननमहर ा ँस..। जािन कखन-कोना लािग गेलरहिन राधा कें आिख। ँ निह जािन कखन बैसलेबैसिल ओंघड़◌ा गेलीह ओ पिटया पर।"297


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAदऽकऽ ....(एत' धिर अप पढ़ि◌ चुकल छी) .आबआगा ँ ---मुदा ई भेलिन बोध जेना देह भ' गेल डेंगीनाव! पिटया बिन क' यमुना मे हुनका कराब'लगलिन-िझलहिर बड़◌ी काल...एकसिर िझलहिर खेलायमे रहली म- बड़◌ी काल ! तखन होअ' लगलिनअिगले क्षण मोन िवर । आिखर य क' नाव केघाट लगौलिन , भेलीह-संतु जे पिहल बेर निहलेब' पड़ल ीकृक सहयोग, आ खेिप सकलहु ँ नाव,उतिर गेलौ ं पार ! अपन सुख लेल िकएक करीकेकरो होरा ? भ कृे िकएक निह होिथ।एकिह मोन मे तुर उपित भ गेलिन-ािन,िछया, कृ पर िनभर्रता तँ हमर िनयित आ ार।कोना आयल मोन मे एहन बात ? िधार मोन -िधार... मुदा ई की ? घाट पर साक्षात् कृमहराज ठाढ़ ! वैह खौ ंझबै वला िबहु ँसैत, बढ़◌ाचुकल नाव सँ गमग उतिर रहिल राधा िदस अपनदिहना हाथ। सेह, सा र् दैत अपन हाथ राधाभेलीह िबकल । िमला निह सकलीह हुनका सँ आिखँ। -' भिरसक मन मे हमरा िब यमुना मे नावचला लेबाक छौक मन पर भार । अपन सुखकअपनिह कम र्-िनभर्रताक सेहो छौक आ दी298


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAिवास...राधा, तो ं केहन लािग रहल छें एिह अलौिककक्षण , तोरो ब ूझल छौक। हमरो तँ िथकजीवनक ई थमिह द ुल र्भ दृ ! हम केना योगाक' राखी ई आन राधा, कोन िबिध, तो ंही देखा देउपाय।' -' जाउ-जाउ, एहु खौ ंझबैये लए हमराआएल छी अहा ँ । हम कएलए स्ीगन भ' क'अगरिजतपना आ छी ताही मो बेचैन, अहा ँ केसुझैए िवद एखन ।' राधा िकिचत ेह-ोिधतभ' कहलिखन तँ कृ भेलाह गंभीर। -' निह राधा,हम तँ छी परम हिष र्त-संतु। यैह त हमरकामना छल, तो ं बिन जाय ं-यं आ िनभर्र । निहरह' पड़◌ौ तोरा हमरा पर िनभर्र । तो ं कएलेंहेंहमरे काज। हम तँ तें छी स।' -'िकएक निह,आब आओर रहब िनि, मरओ राधा िक जीबओ, निहराख' पड़त िफिकर ।'नाव सँ उतिर क' दरबिनया द' क' पड़यबाक छलिनिवचार, मुदा ई तँ सव र्था नवे पिरिित कए छिथकृजी ठाढ़ ! जािन एतबा काल एिह बीच कीहएत आ ँगनक हाल। जे हो ... आब एिह क्षण तँमाधव-मायाजाल मे छी बाझिल हमहूँ । आगा ँ देखीकोन नाटकक केहन दृ ुत करय वला छिथ-नटवर नागर...सकल गुण आगर !बिल ू क' राधा आ ँगन अयलीह तं आये र् ठकम ूड़◌ीलािग गेलिन। बीच आ ँगन मे कृ ठाढ़, सः।299


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAहुनकर स.बोधनक को टा जबाब दैत चिलगेलीह भीतर अपना कोठली िदस। धीरे-धीरे कृसेहो लािग क' पाछा ँ राधाक पीठे पर पहु ँचलिखन।एतनी काल मे पहु ँिच जएिथन कृ तकर निह छलिनकिनयों अमान। सिरयाइयो कहा ँ सकलीह आ ँचरपय र् ...द ु केहन जे पैिस गेलाक बाद कोठली मेखखसलिन कतर्, कएलिन-राधा के साका ंक्ष ।अािशत एिह कृ-कृ पर भ' गेलीह ोिधत ।जेना तेना सिरयबैत आ ँचर, तथािप घ ुरलीह पाछा ँिदस फेरलिन मुँह..कुिटल श ंगारोदी ृ भुवन मोिहनीिबहु ँसी पसार ठाढ़-ीकृ । लग आिब क'खौ ंझाएल पोसुआ िबलाड़ि◌ जका ँ राधा ! छड़पैतसन मे ल'ग पहु ँिच कृक पीतारी झीकैत’ 'हरणकर' लगलिखन.. . –‘'ई की, ई की करैत छें राधा। हमरा िकएक करैत छें एना उघार ? देखतलोक हमर की रहत इितक हाल ! आिखरपुखोक होइत छैक इित, मया र्दा ला,पुखोक चीर हरण होइत छैक यिद निह रहैपुष...।' िकु हँसी-ठठा सँ राधा किनयों ठंढयलीह। कृो बिझ ू सकलाह, राधा बजलीह िकछुबा कनलीह..। ेहा ंक मे बबाक हुनक म ृद ु यासकें ताग जका ँ ख ुट द’ तोड़लिन। खौ ंझायिल ओएतबा जे कृक केश के पकड़ि◌ घीच' लगलीह।300


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAओ रहिथ निह ुत, राधाक हेतिन एहेन ेहाघात।केश ितराइत मन छटपटबैत कननमुँह भ' गेलाह।मुदा राधा तँ जेना छलीह बतािह भेिल अपन तामससँ। ब ूझल कृ धैय र् सँ । सत-बािह ँ ेह सँबैत ब ुझब' लगलाह- -‘ 'भेलौ िक तोरा, की बात,की भेलौए बाज त िकछुओ, हमरे सत तोरा,भेलौए की से तँ कहै बतािह !... हमरो मनधधकैये कतेक िदन, मास-बरख सँ, कहा ँ भेटैएशीतल ेहक छाहिर हमरो । तइ पर सँ तोरोयिद होउ एिहना हाल तँ हमर जीवन कोना चलत,किहया धिर, कतबा द ूर से तो ंही क'ह क।...आिखर की भेलिनहें हमर बिधयािर ु रािधका जीकें , बिझयै ु त। से दोख जे भेलय हमरे ब ुते? कोना-की। िहचुकैत रािधका कें करेज सँ सािटबड़◌ी काल कृ अपनहु ँ िहचकैत रहलाह िनररओतबा काल । द ुहुक िहचुकब मशः एकमेक बनलचिल गेलिन । राधा कें ई की भेलिन आ कृहु कें? द ुन ूक भाव आवेग एका भ' चुपचाप बिहतेगेल...जािन निह एिह कण चुी मे जीवनक कतेकयुग बीित गेल ! िित मे एक ान ाण सेहोएक।-' िन भ' गेलौ राधा, सित ू गेलें तो ं की ? 'कृ ्क एिह पुछैत र पर िचहु ँिक उठलीह राधा ।उिठतिह भान भेलिन जेना होिथ ओ ीकृक301


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAआिलंगन मे मा ँझ आ ँगन मे ठाढ़ि◌ । चा कात सँदेखैत लोक, सर-संबिक- सिख बिहनपा...। आिकलाज सँ ाकुल एकिह बेर मे ीकृक बािह ँ सँझकझोिर छोड़बैत यं कें िचकिर उठलीह,पड़यलीह- ल॓-फ॓, िनछोह...िन एतिह टुिट गेलिन । सा ँस फुलैत भेलीहबेसार। जेना लोहारक भा ँथी हो, ओिहना तापजरैत उसा ँसक भा ँथी हो ई देह। आब भ ककर' बैसलीह भादशा िवेषण। पछताइत-पछताइत मन भेलिन अम् । केहन द ुल र्भसुर क क' देिलयैक अप द ुद र्शा। िक अिछएतबो निह िलखल , केहन भा से किह निह, ोजेना सुड़◌ाह होइत अिछ, सोचिथ राधा ।मुदा जािन जखिन अबैत अिछ िकएक आधा ,सौ ंस केहन द ुल र्भ यिद हो मरथक । ओनातँ िवकट भयावह क अंत निह, थ र्क भिर- भिरराित बौआइत बन-झा ँख ुर मे बाधे बो भिर संसारिवकल भयभीत एकसर अन मे लोक जेना पाछा ँ सँखेहारले जाइत को राक्षसी सन असकर अलनारीक पाछा ँ ले बछीर्-भाला को डेग पर गािथँसकैत अिछ पीठिह िदस सँ िजजीिवषा ाणछटपट दौड़◌ैत अनवरतजािन चल जाइत अिछ कतोक योजन कतबा302


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAआगा ँ आ िक ओही अपा ंत दशा मे जत' धरैत अिछसुयबा लेल एकटा डेग िकं िचत िनि जे राक्षसीपाछा ँ बहुत पाछिह छुिट गेलए, हम पहुचल छी आिबसुरिक्षत अपन गामेक इलाका तें एक पलल' ली दम । सा ँस करी िर आ, आिक जेनाअवतार जेका ँ आगा ँ मे आिब क' ठाढ़ को भ'जाय िविच िबकराल भयावह िहंसक पशु मा एकटाओकरा काया मे समाएल हो जेना कतोक बाघ-िसंह-हाथी-ऊँ ट आिद, सभ एकिह ठाम एक संग मुँह बािबक' ठाढ़ जेना हो बड़का महलक िसंहार केर फाटकजािह मे एक संग पैसैत अिछ सहो सैिनक, अपनघोड़◌ा-हाथी रथ समेत से खंखार ु जानवर सबकेहन हँसैत लगैत अिछ, जेना िक ओ गीड़य निह,अहंक अएला पर अित स ागत करैत अिछकेहन लगैत अिछ एहन िवशाल जानवर ई कोनिथक, ई जीव, जािन पिहले पिहल देखै छी-आगा ँ एकटा डेग बढ़◌ौलक तँ सोझा ँक धरती डोलैतब ुझाएल, दोसर डेग पर देह-ाण सौ ंसे संज्ञा जेनाहेरायल, को निह बा ँचल िवक कतहु पड़यबाक,सब िदशा मे हो जेना ओकरे पसरल पंजा,हाथ-पैरओना तँ िवकट भयावह क अंत निह, थ र्क भिर-भिर राित बौआइत बन-झा ँख ुर मे बाधे बो भिरसंसार िवकल भयभीत एकसर अन मेलोक जेना पाछा ँ सँ खेहारले जाइत को राक्षसी303


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAसँ असकर अल नारीक पाछा ँ ले बछीर्-भालाको डेग पर गािथ ँ सकैत अिछ पीठिह िदस सँ िजजीिवषा ाण छटपट दौड़◌ैत अनवरतजािन चल जाइत अिछ कतोक योजन कतबाआगा ँ आ िक ओही अपा ंत दशा मे जत' धरैत अिछसुयबा लेल एकटा डेग िकं िचत िनि जे राक्षसीपाछा ँ बहुत पाछिह छुिट गेलए, हम पहुचल छी आिबसुरिक्षत अपन गामेक इलाका तें एक पल ल' लीदम सा ँस करी िर आ, आिक जेना अवतारजेका ँ आगा ँ मे आिब क' ठाढ़ को भ' जायिविच िबकराल भयावह िहंसक पशु मा एकटा ओकराकाया मे समाएल हो जेना कतोक बाघ-िसंह-हाथी-ऊँ ट आिद, सभ एकिह ठाम एक संग मुँह बािब क'ठाढ़ जेना हो बड़का महलक िसंहार केर फाटकजािह मे एक संग पैसैत अिछ सहो सैिनक, अपनघोड़◌ा-हाथी रथ समेत से खंखार ु जानवर सबकेहन हँसैत लगैत अिछ, जेना िक ओ गीड़य निह,अहंक अएला पर अित स ागत करैत अिछकेहन लगैत अिछ एहन िवशाल जानवर ई कोनिथक, ई जीव, जािन पिहले पिहल देखै छी-आगा ँ एकटा डेग बढ़◌ौलक तँ सोझा ँक धरती डोलैतब ुझाएल, दोसर डेग पर देह-ाण सौ ंसे सज्ञा जेनाहेरायल, को निह बा ँचल िवक कतहु पड़यबाक,304


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAसब िदशा मे हो जेना ओकरे पसरल पंजा, हाथ-पैराण जेना चीार क' उठय भय सँ आर् अपनरक्षाथ र् जोर ठहा पड़ल जेना ाे िबजलौका संएक संग कड़कल चमकल आ सि ृ भिरक मेघक सम ूहएकबेर गरजल, डरे भेल पसेना सं तरबतरथरथराइत सवांग र् ब ुझा रहलए जे जाइत होइजेना ओिह जुक बड़का फाटक सन ख ुजल काबाटे ओकर पोखिर सन पेटक से तख उठल कं ठमोकल िघरिघरी भरल, आर् पुकार मुदा के सुनय,सुनय के ? सुननहारक अप भय-ाकुल असकरई वर्मान यं अप ई िय एका, केहनअसुरिक्षत आ अशा ंत ! कोन जीव िथक आिखरएहन िबकराल आओर खंखार ु सपनहु ँ देखल तँ होयतैअव अि एकर पुछबिन हुनके, जँ भेटता तँ,कोन थीक ई जीव ? आइधिर देखल आ सुनलछल, माधव ! को गितमान पहाड़ िक से कोजीवे छल हुनका तँ हेबे टा करतिन एकरो ब ूझलपिरचय। की निह अिछ हुनका एिह सिक ृ जे िकछुको िवषय अिछ जािन केक ज्ञान कोना एतबिहबयसें पौ छिथ सबटा ओ ब ूझैत छिथ हुनकासबिकछुए सुझै छिन घ'न अिरया मे पय र् सबिकछुदेखाइत छिन... कोना हमर खिस पड़ल कनपासायमुना कातक घासक बन मे ओहन अिरया राित मे305


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAसे ओ ताकल एिह क्षण मे कोन आिख ँ छिन केहनतािह मे ोित िवरािजत िद जत' जत' पड़ि◌जाइछ तः भ' जाइछ ओत' इजोत ! हुनकासोझा ँ तें अितशय सार' पड़इछ आ ँचर से सबसिख केर अभव वुक भीतर वु देिख लेबकअुत कौशल छिन िब देखनहँ ु ीमान जािन कीकी देिख ल' जाइत छिथ सोिच रण करैत लजयलीएकाहु मे राधा...एखन कत' छिथ कृ ? समय यं िसरमा मे रखजलक खाली बासन, अिछ िपयास सँ िबकल मुदा सबटाइनार आ पोखिर कोना जािन िबसिर गेल अिछतकर योग आ रक्षा कृत ज भेल इाक निहक' रहलए लोक िनबाह अिच समु मे माछ जका ँ पर छैक िपयास केहन पिरिित केहन बि ु केरकी बनलिछ िबडं बना केकरो ब ुझबा मे निह आबय ईनव युग केर रचना िक सब कोना कोन कोन िविधयेंपसिर रहलए घर-घर सिललक तः धार बहइत जेछल बहैत सब जीवन ठमकल ठमकल द ुः मे भारीडेग-डेग पर क्षण-क्षण िब थकनीयें बैिस जाइतअिछ सोच मे पड़ जाइत अिछ िबलकुे पसरलजाइत ई नबका मोनक र ंग ढंग िबना यु केरितिदन ित घर भ' रहलए जे हताहत घोरअशाि भरल बेशी मन िचें अिछ उि-उन कारण306


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAतेहन काएल गोपन बिझ ू पािब रहल लोकअधबयसे मे युगक ताल देिख भोिग नचारी गबइतलोक समय बनल जाइत अिछ िदन-िदन यं मिर्ूलाचारीक सभ शरीर सँ ाण जेना स ूखल जाइत अिछपल-पल अिधक लोक जेना बिन चुकलए बौक, कतोकबहीर शेष जीवनक नब ढरा र् सँ आतंिकत आ अधीरआब परर गौआ ँ-गौआ ँक रिह गेल आता सबजेना सब सँ काएल ताकय बचबा केर रा तेंअर मे आओर अकारण पसिर रहल अिछ द ूरीककरो पर ककरो जेना बा ँचल अिछ आब िवासबहुत लोक गु, बेशी दिखया ु आरो बहुत उदास ईकोन युगक वेश भेल अिछ ओहन शा जीवन मेकम र् मखक समाज मे केहन अशुभ से होएबबेशी हाथ कपार धे िचित बड़ ाकुल-ाकुलं तँ शा जेना िकछु भेले निह हो िकछुओिकु लोक जीवनक अंतः उेिलत आिग जरैत'िछसब सिहये रहलए लेिकन था अपन कहैत'िछदेह मोन आ ाणक म मे की अिछ जीवन केरस ू् अिछ दश र्न,आा बा युग सँ कहल-सुनल अबनिह ब ूझल होइछ बेशी क्षण एखन उठाएब देहिवकलता मे अपना द' अनमन अप सन मािर ठहाहँसय ाण चिकत चुपायल मोन सभ अिछ सबमेतैयो अपना अज्ञा लाचार ज ुड़य सभक अिएकिह मे एक तं संचार बोधक िभ िित रिहतहु ँ307


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAअिछ एक िबु पर सम प ूव र् गान केर हेतु जेनार-श लयक हो िनयम िबना यासे तूितर्तओना होइछ सब िया िकु आइ काि ताहू मेहोअय लागल ितम देह-मन आ ाणक म घिटरहल जेना हो समय पिह छल सब िया बोध आिनादनक सहजता आइ जेना टुिट गेल स ू होआपसक तरता एक देह-मन-ाणक सिक ृ सुरएहन महल मे आब जेना क' रहल वास हो तीन ूएकसर एकसर तीन ू तािक ले हो जेना अनिनिष्य एका तीन ू मे बाजा भूकी निह तीन ू िनपटअशा।ई अभव िक खसल एकाएक को मेघ सँ पािनजका ँ ई अभव िक जीवन मे आएल तल कोथारी ई अभव िक आयल को बिन समिधयानकेर भार मे ई अभव िक आिब रहलए कीिन क'हाट-बजार सँ ई अपनिह देह-मन-ाण मे एतेकसमाद हीनता सोझा ँक सहज ा सुख पय र् बनलजाइत अिछ द ुल र्भ कारण िकछु क्ष कहा ँ अिछ कहा ँसाफ िकछु लक्षण मा अदृ संदेहक छाया सँअसुरिक्षत आ ँगन द ूरी बढ़ल जाइत अपना मे, िबनबातिहक परर टूटल संब ंधक िित सम आ ँगन मेघर घर चौ ंकिल राधा, द ुिर गता उठिल चलिलडगमग डग ई अभव आएल अवे.बड़ बिधयारीु308


ँिव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAबाटे। हँ ब ुझबा मे अबैत अिछ आब ई आ'लहाटे- हाटे इ आएल हाटे- हाटे। हाट बनल नबबाट जेना जीबाक सब तरहे।सभ बाट पर आब जनिम रहलए बन-झा ँख ुर। लोकलाचार । असम ंजस मे - की करी, की निह, कोनबाट चली एिह द ुःख-दिवधा ु मे जे एक तँ ओहनहुछलैक कहा ँ िकछु िवशेष हाथ आब तँ जेहो छलैकअपन अधीन, अपना यो, सभ भेल जा रहल छैकबेहाथ। िकछु तं अपनिह घरक नवताक अर-िबहाड़ि◌ मे आ िकछु भिर समाजक बदिल रहल दृ िआ वहारो मे। यिप िक सभक द ुःख-दिवधाुछैक र ंग-प एे। मुदा से निह बिझ ू पबैयेलोक एकरा एना भ' क 'एिह र ंग मे जे भ' रहलएसब िकछु अंग-भंग। जीवन यापनक पार ंपिरक बाटपर चलैत, सहैत जाइत सबटा नबका-नबका आघातजे क्ष मे तं छैक बड़ गंहीर ेहक श, र् मुदााण के थकुिच रहल छैक एक एक पल। कत' सँई कोन रोगाह वायु बहैत आयल छैक सभक बिुबौआयल सभक दय घायल छैक। ताहू मे बेशीतं बनल छैक िवडं बना ई, एिह सबक जड़ि◌ छैकआन निह, अपनिह सब ई यथा-पु,पुबध, ू आ संगी-साथी सब। बिह रहल एिह बसात संग बेश गदगदअिछ, िब ब ुझ एकर असिर। काुक भिव परअिधसं नब लोक अपन-अपन फूिक रहलए घर।309


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAके ब ुझबय ? ब ूझक सेतु पुरना लोक सबकें राखलजा रहल अिछ कितया क'। नबके लोक सािररहल अिछ नब युगक रािस। बढ़◌ा रहल गाड़◌ी केहािक ँ क' एिह तरहें जेना को द ुपिहयाक गाड़◌ीनिह, सम प ृीये होिथ गुडका रहल, अपनासामेर्,अपनिह बि-ोंत ु सँ-आगा ँ। समाज, बयसकपुरान ठकम ूड़◌ी लगौ बैसल छिथ चुपचाप, सबटादेखैत!तँ िक ई ाण जे थकुचल जाइत ब ुझाइत अिछिदन राित से निह िथक एकमा हमर?लोकोकबहुत छैक आन अपन। तँ िक छैक ाकुल हमरासँ प ृथक िकछु लोक, तँ िक ई संसार, समाज बनलछैक ओतहु आन? छोड़ि◌ सर-संबी िक ओतहुकए छै असकर अपनिह द ुःखक ाला मे िकजरैत अिछ आ घर एहन िवपि नव कारक आपिहले पिहल भावक, तँ िक अिछ ार ंभ ई अभवकेर नबका आवक-जावक? चीि पाबी हमयिप एकरा को आिखक ँ िवचार सँ ििवधे दिवधाुअिछ ित पल सोझ सार सँ अिछ एही मेशु मक कोमल संवेदन सब मौलाएब, टूिट खसबगाछ सँ पात जेना सुखायल मशः पातक संगिहडािर, ध'र आ प ूरा गाछ, सु कएल जाइत जीवनरस सँ धराशायी भ’ जाइछ गाछ तँ तथािप मिर-310


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAसुखा क' रिह जाइत अिछ उपयोगी जाड़िन बिनजिर चूि बनाबय, आबाल ब ृक भोजन, जड़काला-हाड़कं पौआ ऋतु मे धधिक क' िदअय जीवनक ताप,मुदा मख-जीवन, ई देह- सम िबलक्षण, कृितकअपम सि ृ प ृी पर अपम जीिवत सेहो एहनिनरथ र्क बनल अकाय र्क देहक जीवन हो अंत तखनपय र् िलअय फेरो समाज,पिरवार,कृित सँ का ँच-सुखायल गाछ जे होइछ काठ, देह कें अंितमपिरणित धिर पहु ँचाबय मे,शरीर-म ृत म शरीरडाहै मे करबा लैत अिछ खच र् जाइतो-जाइतो।-'हम-हम निह राधा, तो ं..की सब सोचैत छें...पुछैत राधा, कहैत राधा,सुत राधा..एखनिह केहनछल आ मुखर सिय ित ! िमझा गेलिडिबया जका ँ रहलए केना धँआइत, ु क को टाउर निह, को टा बात-संवाद मा दीघ र्िनास-दीघ र् िनास-'कोना छी अहा ँ कृ, कहा ँ छी,िकएक छी ? एहन समय हमरे जीवन मे िकएकएतेक रास जेहो निह ले ऋण तकरो भिर रहलछी सिद, ू म ूर धएल जसक तस अदृ को बिणककहमर पल, िदन, मास बख र् चुकबैत अपन एक-एकसा ँस । एहन ान िकएक बिन गेलय इएह हमर ईमन? भिर संसारक बु, ि, िक सबकाय र्कलाप, ीड़◌ा आ सब कम र्क बिन गेल अिछसुलभ आ ँगन। जेकरा जखन सुभीता आबय क'311


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAिलअय वहार। हमही आ ँगन हम मुदा ठकम ूड़◌ीले ठाढ़ । किह सकी केकरो िनजताक बोझ,एकर संताप, ब ुझा सकी अपन एिह वतर्मानककुिटल यथाथ र् , हमर अथ र् िछड़ि◌याएल जेना कृषककबीयाक िछतनी-पिथया हो, बागु कर' खेत जाइतकाल बाटे मे गेल हो हेराय, जतबा जे िबिछ-समेिट सकलौ, ं हँसोिथ-हँसोिथ, िख मन कमाहतर्देहें यथोपल बीया कयलौ ं बागु ! घ ुरल हो ओिहच रौद कें दैत ललकार घर आ बनल तथािपजीवन म मे गाम मे िर आशाित, फिसलक भावीउपलिक िदस आ, मुदा पुिन जतबो बीया छीटलगेल हो, घामे-पसे खेत जोित तैयार कएलगेल मे तकरो सब कें चुिन क' ल' चल गेल होिचड़◌ैक महा हेंज, एर एक िदस िनिता मेगबैत मनक भिवत, ओर दोसर िदस सु कएलबिन गेल हो खेतक गभर् ! एर िनरर बीयामे <strong>अंक</strong>ुरयबाक , मािट के फोड़ि◌ जबाक-बढ़बाक,बढ़ि◌ क' फिसलक गाछ िवकसवाक अहो िदवसममांतक र् तीक्षा...ओर ज सँ पिहनिह कोिख केंिर करैत काल-गित, ई एहन हमरे टा िकएककमाहत र् हमरे टा िकएक वतर्मान ! आिक बोिगरहलए एह आ यैह था आ आन ?' सोचैतराधा छोड़लिन नमहर ा ँस..। जािन कखन-कोना312


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAलािग गेल रहिन राधा कें आिख। ँ निह जािन कखनबैसले बैसिल ओंघड़◌ा गेलीह ओ पिटया पर। मुदाई भेलिन बोध जेना देह भ' गेल डेंगी नाव!पिटया बिन क' यमुना मे हुनका कराब' लगलिन-िझलहिर बड़◌ी काल...एकसिर िझलहिर खेलाय मेरहली म- बड़◌ी काल ! तखन होअ' लगलिनअिगले क्षण मोन िवर । आिखर य क' नाव केघाट लगौलिन , भेलीह-संतु जे पिहल बेर निहलेब' पड़ल ीकृक सहयोग, आ खेिप सकलहु ँ नाव,उतिर गेलौ ं पार ! अपन सुख लेल िकएक करीकेकरो होरा ? भ कृे िकएक निह होिथ।एकिह मोन मे तुर उपित भ गेलिन-ािन,िछया, कृ पर िनभर्रता तँ हमर िनयित आ ार।कोना आयल मोन मे एहन बात ? िधार मोन -िधार... मुदा ई की ? घाट पर साक्षात् कृमहराज ठाढ़ ! वैह खौ ंझबै वला िबहु ँसैत, बढ़◌ाचुकल नाव सँ गमग उतिर रहिल राधा िदस अपनदिहना हाथ। सेह, सा र् दैत अपन हाथ राधाभेलीह िबकल । िमला निह सकलीह हुनका सँ आिखँ। -' भिरसक मन मे हमरा िब यमुना मे नावचला लेबाक छौक मन पर भार । अपन सुखकअपनिह कम र्-िनभर्रताक सेहो छौक आ दीिवास...राधा, तो ं केहन लािग रहल छें एिह अलौिककक्षण , तोरो ब ूझल छौक। हमरो तँ िथक313


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAजीवनक ई थमिह द ुल र्भ दृ ! हम केना योगाक' राखी ई आन राधा, कोन िबिध, तो ंही देखा देउपाय।' -' जाउ-जाउ, एहु खौ ंझबैये लए हमराआएल छी अहा ँ । हम कएलए स्ीगन भ' क'अगरिजतपना आ छी ताही मो बेचैन, अहा ँ केसुझैए िवद एखन ।' राधा िकिचत ेह-ोिधतभ' कहलिखन तँ कृ भेलाह गंभीर। -' निह राधा,हम तँ छी परम हिष र्त-संतु। यैह त हमरकामना छल, तो ं बिन जाय ं-यं आ िनभर्र । निहरह' पड़◌ौ तोरा हमरा पर िनभर्र । तो ं कएलेंहेंहमरे काज। हम तँ तें छी स।' -'िकएक निह,आब आओर रहब िनि, मरओ राधा िक जीबओ, निहराख' पड़त िफिकर ।'नाव सँ उतिर क' दरबिनया द' क' पड़यबाक छलिनिवचार, मुदा ई तँ सव र्था नवे पिरिित कए छिथकृजी ठाढ़ ! जािन एतबा काल एिह बीच कीहएत आ ँगनक हाल। जे हो ... आब एिह क्षण तँमाधव-मायाजाल मे छी बाझिल हमहूँ । आगा ँ देखीकोन नाटकक केहन दृ ुत करय वला छिथ-नटवर नागर...सकल गुण आगर !बिल ू क' राधा आ ँगन अयलीह तं आये र् ठकम ूड़◌ीलािग गेलिन। बीच आ ँगन मे कृ ठाढ़, सः।हुनकर स.बोधनक को टा जबाब दैत चिल314


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAगेलीह भीतर अपना कोठली िदस। धीरे-धीरे कृसेहो लािग क' पाछा ँ राधाक पीठे पर पहु ँचलिखन।एतनी काल मे पहु ँिच जएिथन कृ तकर निह छलिनकिनयों अमान। सिरयाइयो कहा ँ सकलीह आ ँचरपय र् ...द ु केहन जे पैिस गेलाक बाद कोठली मेखखसलिन कतर्, कएलिन-राधा के साका ंक्ष ।अािशत एिह कृ-कृ पर भ' गेलीह ोिधत ।जेना तेना सिरयबैत आ ँचर, तथािप घ ुरलीह पाछा ँिदस फेरलिन मुँह..कुिटल श ंगारोदी ृ भुवन मोिहनीिबहु ँसी पसार ठाढ़-ीकृ । लग आिब क'खौ ंझाएल पोसुआ िबलाड़ि◌ जका ँ राधा ! छड़पैतसन मे ल'ग पहु ँिच कृक पीतारी झीकैत’ 'हरणकर' लगलिखन.. . –‘'ई की, ई की करैत छें राधा। हमरा िकएक करैत छें एना उघार ? देखतलोक हमर की रहत इितक हाल ! आिखरपुखोक होइत छैक इित, मया र्दा ला,पुखोक चीर हरण होइत छैक यिद निह रहैपुष...।' िकु हँसी-ठठा सँ राधा किनयों ठंढयलीह। कृो बिझ ू सकलाह, राधा बजलीह िकछुबा कनलीह..। ेहा ंक मे बबाक हुनक म ृद ु यासकें ताग जका ँ ख ुट द’ तोड़लिन। खौ ंझायिल ओएतबा जे कृक केश के पकड़ि◌ घीच' लगलीह।ओ रहिथ निह ुत, राधाक हेतिन एहेन ेहाघात।केश ितराइत मन छटपटबैत कननमुँह भ' गेलाह।315


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAमुदा राधा तँ जेना छलीह बतािह भेिल अपन तामससँ। ब ूझल कृ धैय र् सँ । सत-बािह ँ ेह सँबैत ब ुझब' लगलाह- -‘ 'भेलौ िक तोरा, की बात,की भेलौए बाज त िकछुओ, हमरे सत तोरा,भेलौए की से तँ कहै बतािह !... हमरो मनधधकैये कतेक िदन, मास-बरख सँ, कहा ँ भेटैएशीतल ेहक छाहिर हमरो । तइ पर सँ तोरोयिद होउ एिहना हाल तँ हमर जीवन कोना चलत,किहया धिर, कतबा द ूर से तो ंही क'ह क।...आिखर की भेलिनहें हमर बिधयािर ु रािधका जीकें , बिझयै ु त। से दोख जे भेलय हमरे ब ुते? कोना-की। िहचुकैत रािधका कें करेज सँ सािटबड़◌ी काल कृ अपनहु ँ िहचकैत रहलाह िनररओतबा काल । द ुहुक िहचुकब मशः एकमेक बनलचिल गेलिन । राधा कें ई की भेलिन आ कृहु कें? द ुन ूक भाव आवेग एका भ' चुपचाप बिहतेगेल...जािन निह एिह कण चुी मे जीवनक कतेकयुग बीित गेल ! िित मे एक ान ाण सेहोएक।-' िन भ' गेलौ राधा, सित ू गेलें तो ं की ? 'कृ ्क एिह पुछैत र पर िचहु ँिक उठलीह राधा ।उिठतिह भान भेलिन जेना होिथ ओ ीकृकआिलंगन मे मा ँझ आ ँगन मे ठाढ़ि◌ । चा कात सँदेखैत लोक, सर-संबिक- सिख बिहनपा...। आिक316


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAलाज सँ ाकुल एकिह बेर मे ीकृक बािह ँ सँझकझोिर छोड़बैत यं कें िचकिर उठलीह,पड़यलीह- ल॓-फ॓, िनछोह...िन एतिह टुिट गेलिन । सा ँस फुलैत भेलीहबेसार। जेना लोहारक भा ँथी हो, ओिहना तापजरैत उसा ँसक भा ँथी हो ई देह। आब भ ककर' बैसलीह भादशा िवेषण। पछताइत-पछताइत मन भेलिन अम् । केहन द ुल र्भसुर क क' देिलयैक अप द ुद र्शा। िक अिछएतबो निह िलखल , केहन भा से किह निह, ोजेना सुड़◌ाह होइत अिछ, सोचिथ राधा ।मुदा जािन जखिन अबैत अिछ िकएक आधा ,सौ ंस केहन द ुल र्भ यिद हो मरथक । ओनातँ िवकट भयावह क अंत निह, थ र्क भिर- भिरराित बौआइत बन-झा ँख ुर मे बाधे बो भिर संसारिवकल भयभीत एकसर अन मे लोक जेना पाछा ँ सँखेहारले जाइत को राक्षसी सन असकर अलनारीक पाछा ँ ले बछीर्-भाला को डेग पर गािथँसकैत अिछ पीठिह िदस सँ िजजीिवषा ाणछटपट दौड़◌ैत अनवरतजािन चल जाइत अिछ कतोक योजन कतबाआगा ँ आ िक ओही अपा ंत दशा मे जत' धरैत अिछसुयबा लेल एकटा डेग िकं िचत िनि जे राक्षसीपाछा ँ बहुत पाछिह छुिट गेलए, हम पहुचल छी आिब317


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAसुरिक्षत अपन गामेक इलाका तें एक पलल' ली दम । सा ँस करी िर आ, आिक जेनाअवतार जेका ँ आगा ँ मे आिब क' ठाढ़ को भ'जाय िविच िबकराल भयावह िहंसक पशु मा एकटाओकरा काया मे समाएल हो जेना कतोक बाघ-िसंह-हाथी-ऊँ ट आिद, सभ एकिह ठाम एक संग मुँह बािबक' ठाढ़ जेना हो बड़का महलक िसंहार केर फाटकजािह मे एक संग पैसैत अिछ सहो सैिनक, अपनघोड़◌ा-हाथी रथ समेत से खंखार ु जानवर सबकेहन हँसैत लगैत अिछ, जेना िक ओ गीड़य निह,अहंक अएला पर अित स ागत करैत अिछकेहन लगैत अिछ एहन िवशाल जानवर ई कोनिथक, ई जीव, जािन पिहले पिहल देखै छी-आगा ँ एकटा डेग बढ़◌ौलक तँ सोझा ँक धरती डोलैतब ुझाएल, दोसर डेग पर देह-ाण सौ ंसे संज्ञा जेनाहेरायल, को निह बा ँचल िवक कतहु पड़यबाक,सब िदशा मे हो जेना ओकरे पसरल पंजा,हाथ-पैरओना तँ िवकट भयावह क अंत निह, थ र्क भिर-भिर राित बौआइत बन-झा ँख ुर मे बाधे बो भिरसंसार िवकल भयभीत एकसर अन मेलोक जेना पाछा ँ सँ खेहारले जाइत को राक्षसीसँ असकर अल नारीक पाछा ँ ले बछीर्-भालाको डेग पर गािथ ँ सकैत अिछ पीठिह िदस सँ318


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA िजजीिवषा ाण छटपट दौड़◌ैत अनवरतजािन चल जाइत अिछ कतोक योजन कतबाआगा ँ आ िक ओही अपा ंत दशा मे जत' धरैत अिछसुयबा लेल एकटा डेग िकं िचत िनि जे राक्षसीपाछा ँ बहुत पाछिह छुिट गेलए, हम पहुचल छी आिबसुरिक्षत अपन गामेक इलाका तें एक पल ल' लीदम सा ँस करी िर आ, आिक जेना अवतारजेका ँ आगा ँ मे आिब क' ठाढ़ को भ' जायिविच िबकराल भयावह िहंसक पशु मा एकटा ओकराकाया मे समाएल हो जेना कतोक बाघ-िसंह-हाथी-ऊँ ट आिद, सभ एकिह ठाम एक संग मुँह बािब क'ठाढ़ जेना हो बड़का महलक िसंहार केर फाटकजािह मे एक संग पैसैत अिछ सहो सैिनक, अपनघोड़◌ा-हाथी रथ समेत से खंखार ु जानवर सबकेहन हँसैत लगैत अिछ, जेना िक ओ गीड़य निह,अहंक अएला पर अित स ागत करैत अिछकेहन लगैत अिछ एहन िवशाल जानवर ई कोनिथक, ई जीव, जािन पिहले पिहल देखै छी-आगा ँ एकटा डेग बढ़◌ौलक तँ सोझा ँक धरती डोलैतब ुझाएल, दोसर डेग पर देह-ाण सौ ंसे सज्ञा जेनाहेरायल, को निह बा ँचल िवक कतहु पड़यबाक,सब िदशा मे हो जेना ओकरे पसरल पंजा, हाथ-पैराण जेना चीार क' उठय भय सँ आर् अपन319


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAरक्षाथ र् जोर ठहा पड़ल जेना ाे िबजलौका संएक संग कड़कल चमकल आ सि ृ भिरक मेघक सम ूहएकबेर गरजल, डरे भेल पसेना सं तरबतरथरथराइत सवांग र् ब ुझा रहलए जे जाइत होइजेना ओिह जुक बड़का फाटक सन ख ुजल काबाटे ओकर पोखिर सन पेटक से तख उठल कं ठमोकल िघरिघरी भरल, आर् पुकार मुदा के सुनय,सुनय के ? सुननहारक अप भय-ाकुल असकरई वर्मान यं अप ई िय एका, केहनअसुरिक्षत आ अशा ंत ! कोन जीव िथक आिखरएहन िबकराल आओर खंखार ु सपनहु ँ देखल तँ होयतैअव अि एकर पुछबिन हुनके, जँ भेटता तँ,कोन थीक ई जीव ? आइधिर देखल आ सुनलछल, माधव ! को गितमान पहाड़ िक से कोजीवे छल हुनका तँ हेबे टा करतिन एकरो ब ूझलपिरचय। की निह अिछ हुनका एिह सिक ृ जे िकछुको िवषय अिछ जािन केक ज्ञान कोना एतबिहबयसें पौ छिथ सबटा ओ ब ूझैत छिथ हुनकासबिकछुए सुझै छिन घ'न अिरया मे पय र् सबिकछुदेखाइत छिन... कोना हमर खिस पड़ल कनपासायमुना कातक घासक बन मे ओहन अिरया राित मेसे ओ ताकल एिह क्षण मे कोन आिख ँ छिन केहनतािह मे ोित िवरािजत िद जत' जत' पड़ि◌320


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAजाइछ तः भ' जाइछ ओत' इजोत ! हुनकासोझा ँ तें अितशय सार' पड़इछ आ ँचर से सबसिख केर अभव वुक भीतर वु देिख लेबकअुत कौशल छिन िब देखनहँ ु ीमान जािन कीकी देिख ल' जाइत छिथ सोिच रण करैत लजयलीएकाहु मे राधा...एखन कत' छिथ कृ ?....जारीिवदेह न ूतन <strong>अंक</strong> िमिथला कलासंगीत१. ेता झा चौधरी २. ोित सुनीतचौधरी ३.ेता झा (िसंगापुर)321


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA१ेता झा चौधरीगाम सिरसव-पाही, लिलत कला आ गृहिवज्ञानमेातक। िमिथला िचकलामे सिटिफकेट र् कोस र्।कला दिश र्नी: ए.एल.आर.आइ., जमशेदपुरकसा ंृितक काय र्म, ाम-ी मेला जमशेदपुर, कलामिर जमशेदपुर ( एक्जीवीशन आ वकर्शॉप)।कला सी काय: र् एन.आइ.टी. जमशेदपुरमे कलाितयोिगतामे िनणा र्यकक पमे सहभािगता, २००२-०७ धिर बसेरा, जमशेदपुरमे कला-िशक्षक (िमिथलािचकला), व ूमेन कालेज पुकालय आ हॉटेलब ूलेवाडर् लेल वाल-पेिट ं ंग।322


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAितित ॉर: कारपोरेट कुिनकेश, िटो;टी.एस.आर.डी.एस, िटो; ए.आइ.ए.डी.ए., ेट बै ंकऑफ इिया, जमशेदपुर; िविभ ि, हॉटेल,संगठन आ िगत कला संाहक।हॉबी: िमिथला िचकला, लिलत कला, संगीत आभानस-भात।२.323


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAोित सुनीत चौधरीज ितिथ -३० िदसर १९७८; ज ान -बेवार,मध ुबनी ; िशक्षा- ामी िववेकान िम िडल ूल़ िटोसाकची गर् हाई ूल़, िमसेज के एम पी एम इटरकालेज़, इिरा गाी ओपन यिनविस ू र्टी, आइ सी डबूए आइ (का एकाउेी); िनवास ान- लन,य.के.; ू िपता- ी शुभंकर झा, ज़मशेदपुर; माता-ीमती सुधा झा, िशवीपी।ोितकेँ wwwpoet . r y. comसँ संपादकक चॉयस अवाडर्(अंजी पक हेतु) भेटल छि। हुनकर अंजीप िकछु िदन धिर wwwpoet . r ysoup. com केरमु प ृ पर सेहो रहल अिछ। ोित िमिथलािचकलामे सेहो पार ंगत छिथ आ िहनकर िमिथलािचकलाक दश र्नी ईिलंग आट र् ुप केर अंततईिलंग ॊडवे, लंडनमे दिश र्त कएल गेल अिछ।किवता संह ’अिच र्स ’ ् कािशत।324


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA३. ेता झा (िसंगापुर)325


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAबालाना ं कृते326


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAपंकज झा, िपता-ी महें मोहन झा,माता-ीमती अी देवी झा : माडर, िजतबारपुर,मध ुबनी, िबहार ८४७२११पंकज जी एच.सी.एल.मे सोफ्टवेयर इ ं िजनीयरछिथ।(बाल किवता)मा ँ गई मा ँमा ँ गै मा,ँघरक ऊपर,चारक तर,327


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAबगरा बलकऊ,एकटा घरमा ँ गै मा,ँघरक पाछू,बारीक िबच,सुगा अनलकऊ,एकटा फरमा ँ गै मा,ँगामक भीतर,टोलाक िबच,नटुआ नचलऊ,328


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAएकटा नाचमा ँ गै मा,ँगामक बाहर,पोखिरक िबच,पुरैिनक पातपर,िझलिमल जलमा ँ गै मा,ँआ ँगन कात,ढेकी लग,िबहिरमे छौ,गहुमन सा ँप329


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAमा ँ गै मा,ँबुिनया लय,हम कहिलयौ,सब हाल-चाल,जीसँ दऽ दही ं ,बुिनया हमर,हम चलिलयऊ,खेलय लेल, देबही ं ,बुिनया हमरमा ँ गई मा,ँिचकरैत रहबौ,330


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAमा ँ गै मा,ँिचकरैत रहबौ।बा लोकिन ारा रणीय ोक१.ातः काल मुहूर् (स ूयो र्दयक एक घंटा पिह) सव र्थमअपन द ुन ू हाथ देखबाक चाही, आ’ ई ोक बजबाक चाही।करा वसते लीः करमे सरती।करम ूले ितो ा भाते करदश र्नम ्॥करक आगा ँ ली बसैत छिथ, करक ममे सरती, करकम ूलमे ा ित छिथ। भोरमे तािह ारे करक दश र्नकरबाक थीक।२.संा काल दीप लेसबाक काल-दीपम ूले ितो ा दीपमे जनाद र्नः।दीपा शरः ोक्ः साोितन र्मोऽुते॥दीपक म ूल भागमे ा, दीपक मभागमे जनाद र्न (िवु) आऽदीपक अ भागमे शर ित छिथ। हे संाोित! अहा ँकेँनमार।331


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA३.सुतबाक काल-राम ं ं हन ूमं वैनतेय ं व ृकोदरम ्।शय यः रेिं द ुः नित॥जे सभ िदन सुतबासँ पिह राम, कुमारामी, हन ूमान, ् गडआऽ भीमक रण करैत छिथ, हुनकर द ुः न भऽ जाइतछि।४. नहेबाक समय-गे च यमु चैव गोदाविर सरित।नम र्दे िसु कावेिर जलेऽिन ् सििध ं कु॥हे गंगा, यमुना, गोदावरी, सरती, नम र्दा, िसु आऽकावेरी धार। एिह जलमे अपन साि िदअ।५.उर ं यमु िहमाेैव दिक्षणम ्।वष ं र् तत् भारतं नाम भारती य सितः॥समुक उरमे आऽ िहमालयक दिक्षणमे भारत अिछ आऽओतुका सित भारती कहबैत छिथ।६.अहा ौपदी सीता तारा मोदरी तथा।पकं ना रेिं महापातकनाशकम ्॥332


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAजे सभ िदन अहा, ौपदी, सीता, तारा आऽ मदोदरी, एिहपा ँच साी-स्ीक रण करैत छिथ, हुनकर सभ पाप न भऽजाइत छि।७.अामा बिला र्सो हन ूमा ं िवभीषणः।कृपः परशुराम सैते िचरीिवनः॥अामा, बिल, ास, हन ूमान, ् िवभीषण, कृपाचाय र् आऽ परशुराम-ई सात टा िचरीवी कहबैत छिथ।८.साते भवतु सुीता देवी िशखर वािसनीउन तपसा लो यया पशुपितः पितः।िसिः साे सतामु सादा ध ूजर्टेःजावीफेनलेखेव यूिध शिशनः कला॥९. बालोऽहं जगदान न मे बाला सरती।अप ू र् पंचमे वषे र् वण र्यािम जगत्यम ् ॥१०. द ूवा र्क्षत म ं(शु यज ुवे र्द अाय २२, म ं २२)आ ि जापितर ्ॠिषः। िलंभोक्ा देवताः।राड ुृितः। षड्जः रः॥आ ◌॑न ् ा◌॒ ◌॑वच र्◌॒सी जा◌॑यता◌॒मा रा◌॒ष्रा◌॑ज◌॒ः शुरे◌॑ऽइषो◌॒ऽिता◌॒धी म◌॑हार◌॒थो जा◌॑यता ं◌॒दोग्ीं धे◌॒वो र्ढा◌॑न◌॒ड्वाना◌॒शुः सिः◌॒ पुर◌॑ि◌॒यो र्वा◌॑ िज◌॒ू333


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAर◌॑थे◌॒ाः स◌॒भेयो◌॒ युवा यज◌॑मान वी◌॒रो जा◌॒यता ंिनका◌॒मे-िन◌॑कामे नः प◌॒जर्ों वष र्तु◌॒ फल◌॑वो न◌॒ऽओष◌॑धयःपा ं योगेक्ष◌॒मो नः◌॑ कताम ्॥२२॥माथा र्ः िसयः सु प ूणा र्ः सु मरथाः। शूणा ंबिनाशोऽु ुिमाणामुदयव।ॐ दीघा र्युभर्व। ॐ सौभावती भव।हे भगवान ्। अपन देशमे सुयो आ’ सव र्ज्ञ िवाथीर् उहोिथ, आ’ शुुकेँ नाश कएिनहार सैिनक उ होिथ। अपनदेशक गाय ख ूब द ूध दय बाली, बरद भार वहन करएमे सक्षमहोिथ आ’ घोडा िरत पेँ दौगय बला होए। स्ीगणनगरक करबामे सक्षम होिथ आ’ युवक सभामे ओजप ूण र्भाषण देबयबला आ’ देबामे सक्षम होिथ। अपनदेशमे जखन आवक होय वषा र् होए आ’ औषिधक-ब ूटी सव र्दापिरप होइत रहए। एव ं मे सभ तरहेँ हमरा सभककाण होए। शुक बिक ु नाश होए आ’ िमक उदयहोए॥मकें कोन वुक इा करबाक चाही तकर वण र्न एिह म ंमेकएल गेल अिछ।एिहमे वाचकलुोपमालड़◌्कार अिछ।अय-◌॑न ् - िवा आिद गुणसँ पिरप ूण र् 334


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAरा◌॒ष् - देशमे◌॑वच र्◌॒सी- िवाक तेजसँ युक्आ जा◌॑यता ं◌॒- उ होएरा◌॑ज◌॒ः-राजाशुरे◌॑ऽ–िबना डर बलाइषो◌॒- बाण चलेबामे िनपुणऽिता◌॒धी-शुकेँ तारण दय बलाम◌॑हार◌॒थो-पैघ रथ बला वीरदोग्ीं-कामना(द ूध प ूण र् करए बाली)धे◌॒वो र्ढा◌॑न◌॒ड्वाना◌॒शुः धे◌॒-गौ वा वाणी वो र्ढा◌॑न◌॒ड्वा-पैघ बरद ना◌॒शुः-आशुः-िरतसिः◌॒-घोडापुर◌॑ि◌॒यो र्वा◌॑- पुर◌॑ि◌॒- वहारकेँ धारण करए बालीयो र्वा◌॑-स्ीिज◌॒ू-शुकेँ जीतए बलार◌॑थे◌॒ाः-रथ पर िर335


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAस◌॒भेयो◌॒-उम सभामेयुवा-युवा जेहनयज◌॑मान-राजाक रामेवी◌॒रो-शुकेँ परािजत करएबलािनका◌॒मे-िन◌॑कामे-िनययुक् काय र्मेनः-हमर सभकप◌॒जर्ों-मेघवष र्तु◌॒-वषा र् होएफल◌॑वो-उम फल बलाओष◌॑धयः-औषिधःपा ं- पाकएयोगेक्ष◌॒मो-अल ल करेबाक हेतु कएल गेल योगक रक्षानः◌॑-हमरा सभक हेतुकताम ्-समथ र् होए336


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAििफथक अवाद- हे ण, हमर रामे ाण नीक धािम र्किवा बला, राज-वीर,तीर ंदाज, द ूध दए बाली गाय, दौगय बलाजु, उमी नारी होिथ। पाजर् आवकता पडला पर वषा र्देिथ, फल देय बला गाछ पाकए, हम सभ संपिअिजर्त/संरिक्षत करी।8.VI DEHA FOR NON RESI DENTS81 . .Original Poemin Mai t hi l i byKal i kant Jha " Buch"Tr ansl at ed i nt o Engl i sh byJyot i Jha Chaudhar yOr i gi nal Poem i n Maithili byKal i kant Jha " Buch"337


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHATr ansl at ed i nt o Engl i sh byJyot i Jha Chaudhar yKal i kant Jha " Buch" 1934-2009,Bi r t h pl ace- vi l l age Kar i an, Di st r i ct -Samast i pur ( Kar i an i s bi r t h pl ace offamous I ndi an Nyai yyayi k phi l osopherUdayanachar ya), Fat her Lat e Pt . Raj ki shorJha was f i r st headmast er of vi l l age mi ddleschool . Mot her Lat e Kal a Devi washousewi f e.Af t er compl et i ng I nt er medi at eeducat i on st ar t ed j ob bl ock of f i ce ofGovt . of Bi har . publ i shed i n Mi thila Mihir,Mat i -pani , Bhakha,and Mai t hi l i Akademimagazi ne.Jyot i Jha Chaudhar y, Dat e of Bi r t h:Dec ember 30 1978, Pl ace of Bi r t h- Bel hvar338


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA( Madhubani Di st r i ct ), Educat i on:SwamiVi vekananda Mi ddl e School , Ti sco SakchiGi r l s Hi gh School , Mrs KMPMInter College,I GNOU , I CWAI ( COST ACCOUNTANCY ); Resi dence-LONDON , UK ; Fat her - Sh. Shubhankar Jha,Jamshedpur ; Mot her - Smt . Sudha Jha-Shi vi pat t i . Jyot i r ecei ved edi t or ' s choi ceawar d f r om wwwpoet . r y.comand her poems weref eat ur ed i n f r ont page ofwwwpoet . r ysoup. com f or some per i od.Shel ear nt Mi t hi l a Pai nt i ng under Ms . Shvet aJha, Baser a I nst i t ut e,Jamshedpur and Fi neAr t s f r om Tool i ka, Sakchi , Jamshedpur( I ndi a). Her Mi thila Pai nt i ngs have beendi spl ayed by Eal i ng Ar t Gr oup at Eal i ngBr oadway, London.Res ul t Of Dowr yIs the money of dowr y goi ng t o l ast l ong!Var ni sh your st at us f or nowYou also have fourgirlsYou wi l ll earn l esson somehowYourson and wi f e woul dn’t help you339


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAAngr y daught er -in-l aws woul d t ake r evengeYou would have to drink tea with chilliVar ni sh your st at us f or nowYou also have fourgirlsYou wi l ll earn l esson somehowWhen you woul d be unabl e t o getbedup f r omYourgr and sons woul d scol d you act i vel yThey woul d gi ve you soi l i n pl ace of LaiVar ni sh your st at us f or nowYou also have fourgirlsYou wi l ll earn l esson somehowYou woul d be of f er ed pebbl es bei ngconsi der ed as an or phan dog340


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAYou woul d not be gi ven even oi l at bot t omand sal t at t opOh br ot her , you woul d be beggi ng t i l l youdi eVar ni sh your st at us f or nowYou also have fourgirlsYou wi l ll earn l esson somehowYour sons ar e sol d,who wi l l gi ve you pi ndAnd i f t hey woul d do t hat , you woul d notget t hatYou woul d be wander i ng as a bad spi r i tVar ni sh your st at us f or nowYou also have fourgirlsYou wi l ll earn l esson somehow341


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAOnl y your youngest son i s l ef t , wake upnowYou wi l l l oose your bot h wor l ds ot her wi seHave loving relation with son’s in-lawsVar ni sh your st at us f or nowYou al so have f ourgi rl sYou wi l ll earn l esson somehowI nput : (कोकमे देवनागरी, िमिथलाक्षर िकं वा फोिटक-रोमनमे टाइप क। I nput i n Devanagar i ,Mi t hi l akshar a or Phonet i c-Roman.)Out put : (पिरणाम देवनागरी, िमिथलाक्षरआ फोिटक-रोमन/ रोमनमे। Result in342


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHADevanagar i , Mi t hi l akshar a and Phonet i c-Roman/ Roman.)English to MaithiliMai t hi l it o Engl i shइिश-मैिथली-कोष ं/ मैिथली-इिश-कोष ंोजेकेँ आग ूबढाऊ, अपन सुझाव आ योगदान ई-मेल ाराggaj endr a@ vi deha. com पर पठाऊ।िवदेहक मैिथली-अंजी आ अंजी मैिथली कोष (इ ंटरटपरपिहल बेर सच र्-िडनरी) एम.एस. एस.ू.एल. सव र्र आधािरत -Based on ms-sql ser ver Maithili-Englishand Engl i sh-Mai t hi l i Di ct i onar y.१.भारत आ पालक मैिथली भाषा-वैज्ञािनक लोकिनारा बनाओल मानक श ैली आ २.मैिथलीमे भाषासादन पाम१.पाल आ भारतक मैिथली भाषा-वैज्ञािनक लोकिनारा बनाओल मानक श ैली343


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAअ.पालक मैिथली भाषा वैज्ञािनक लोकिन ाराबनाओल मानक उारण आ लेखन श ैली(भाषाशास्ी डा. रामावतार यादवक धारणाकेँ प ूण र्पसँ स लऽ िनधािरत)र्मैिथलीमे उारण तथा लेखन१.पमाक्षर आ अार: पमाक्षरात ङ, ञ, ण,न एव ं म अबैत अिछ। संृत भाषाक असार शकअमे जािह वक अक्षर रहैत अिछ ओही वकपमाक्षर अबैत अिछ। जेना-अ (क वक रहबाक कार अमे ङ् आएलअिछ।)प (च वक रहबाक कार अमे ञ् आएलअिछ।)ख (ट वक रहबाक कार अमे ण ् आएलअिछ।)344


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAसि (त वक रहबाक कार अमे न ् आएलअिछ।)ख (प वक रहबाक कार अमे म ् आएलअिछ।)उपयु र् बात मैिथलीमे कम देखल जाइत अिछ।पमाक्षरक बदलामे अिधका ंश जगहपर अारकयोग देखल जाइछ। जेना- <strong>अंक</strong>, पंच, खंड,संिध, खंभ आिद। ाकरणिवद पित गोिव झाककहब छिन जे कव, चव आ टवसँ प ूव र् अारिलखल जाए तथा तव आ पवसँ प ूव र् पमाक्षरेिलखल जाए। जेना- <strong>अंक</strong>, चंचल, अंडा, अ तथाकन। मुदा िहीक िनकट रहल आधिनक ु लेखकएिह बातकेँ निह मात छिथ। ओ लोकिन अ आकनक जगहपर सेहो अंत आ कं पन िलखैत देखलजाइत छिथ।नवीन पित िकछु सुिवधाजनक अव छैक। िकएकतँ एिहमे समय आ ानक बचत होइत छैक।मुदा कतोक बेर हलेखन वा मुणमे अारकछोट सन िबु निह भेलासँ अथ र्क अनथ र् होइतसेहो देखल जाइत अिछ। अारक योगमेउारण-दोषक सावना सेहो ततबए देखल जाइतअिछ। एतदथ र् कसँ लऽ कऽ पव धिर पमाक्षरेक345


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAयोग करब उिचत अिछ। यसँ लऽ कऽ ज्ञ धिरकअक्षरक स अारक योग करबामे कतहु कोिववाद निह देखल जाइछ।२.ढ आ ढ : ढक उारण “र ् ह”जका ँ होइतअिछ। अतः जतऽ “र ् ह”क उारण हो ओतऽमा ढ िलखल जाए। आन ठाम खाली ढ िलखलजएबाक चाही। जेना-ढ = ढाकी, ढेकी, ढीठ, ढेउआ, ढ, ढेरी, ढाकिन,ढाठ आिद।ढ = पढाइ, बढब, गढब, मढब, ब ुढबा, सा ँढ, गाढ,रीढ, चा ँढ, सीढी, पीढी आिद।उपयु र् श सभकेँ देखलासँ ई होइत अिछजे साधारणतया शक शुमे ढ आ म तथा अमेढ अबैत अिछ। इएह िनयम ड आ डक सभर्सेहो लाग ू होइत अिछ।346


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA३.व आ ब : मैिथलीमे “व”क उारण ब कएलजाइत अिछ, मुदा ओकरा ब पमे निह िलखलजएबाक चाही। जेना- उारण : बैनाथ, िबा,नब, देबता, िबु, ब ंश, बना आिद। एिह सभकानपर मशः वैनाथ, िवा, नव, देवता, िवु,व ंश, वना िलखबाक चाही। सामातया व उारणकलेल ओ योग कएल जाइत अिछ। जेना- ओकील,ओजह आिद।४.य आ ज : कतहु-कतहु “य”क उारण “ज”जका ँकरैत देखल जाइत अिछ, मुदा ओकरा ज निहिलखबाक चाही। उारणमे यज्ञ, जिद, जमुना, ज ुग,जाबत, जोगी, जद, ु जम आिद कहल जाएबला शसभकेँ मशः यज्ञ, यिद, यमुना, युग, यावत, योगी,यद, ु यम िलखबाक चाही।५.ए आ य : मैिथलीक वतर्नीमे ए आ य द ुन ू िलखलजाइत अिछ।ाचीन वतर्नी- कएल, जाए, होएत, माए, भाए, गाएआिद।347


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAनवीन वतर्नी- कयल, जाय, होयत, माय, भाय, गायआिद।सामातया शक शुमे ए मा अबैत अिछ। जेनाएिह, एना, एकर, एहन आिद। एिह श सभकानपर यिह, यना, यकर, यहन आिदक योग निहकरबाक चाही। यिप मैिथलीभाषी था सिहत िकछुजाितमे शक आरोमे “ए”केँ य किह उारण कएलजाइत अिछ।ए आ “य”क योगक सभर्मे ाची पितकअसरण करब उपयु मािन एिह पुकमे ओकरेयोग कएल गेल अिछ। िकएक तँ द ुन ूक लेखनमेको सहजता आ द ुहताक बात निह अिछ। आमैिथलीक सव र्साधारणक उारण-श ैली यक अपेक्षा एसँबेसी िनकट छैक। खास कऽ कएल, हएब आिदकितपय शकेँ कैल, हैब आिद पमे कतहु-कतहुिलखल जाएब सेहो “ए”क योगकेँ बेसी समीचीनमािणत करैत अिछ।६.िह, हु तथा एकार, ओकार : मैिथलीक ाचीनलेखन-पररामे को बातपर बल दैत काल शकपाछा ँ िह, हु लगाओल जाइत छैक। जेना- हुनकिह,348


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAअपनहु, ओकरहु, तालिह, चोिह, आनहु आिद।मुदा आधिनक ु लेखनमे िहक ानपर एकार एव ं हुकानपर ओकारक योग करैत देखल जाइत अिछ।जेना- हुनके, अप, ताले, चोे, आ आिद।७.ष तथा ख : मैिथली भाषामे अिधका ंशतः षकउारण ख होइत अिछ। जेना- ष (खडय),षोडशी (खोडशी), षट्कोण (खटकोण), व ृषेश(व ृखेश), सोष (सोख) आिद।८.िन-लोप : िनिलिखत अवामे शसँ िन-लोपभऽ जाइत अिछ:(क) ियायी य अयमे य वा ए लु भऽ जाइतअिछ। ओिहमे सँ पिह अक उारण दीघ र् भऽजाइत अिछ। ओकर आगा ँ लोप-स ूचक िच वािवकारी (’ / ऽ) लगाओल जाइछ। जेना-प ूण र् प : पढए (पढय) गेलाह, कए (कय) लेल,उठए (उठय) पडतौक।अप ूण र् प : पढ’ गेलाह, क’ लेल, उठ’ पडतौक।349


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAपढऽ गेलाह, कऽ लेल, उठऽ पडतौक।(ख) प ूव र्कािलक कृत आय (आए) यमे य (ए) लुभऽ जाइछ, मुदा लोप-स ूचक िवकारी निह लगाओलजाइछ। जेना-प ूण र् प : खाए (य) गेल, पठाय (ए) देब, नहाए(य) अएलाह।अप ूण र् प : खा गेल, पठा देब, नहा अएलाह।(ग) स्ी य इक उारण ियापद, संज्ञा, ओिवशेषण तीन ूमे लु भऽ जाइत अिछ। जेना-प ूण र् प : दोसिर मािलिन चिल गेिल।अप ूण र् प : दोसर मािलन चिल गेल।(घ) वतर्मान कृदक अिम त लु भऽ जाइतअिछ। जेना-प ूण र् प : पढैत अिछ, बजैत अिछ, गबैत अिछ।अप ूण र् प : पढै अिछ, बजै अिछ, गबै अिछ।350


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA(ङ) ियापदक अवसान इक, उक, ऐक तथा हीकमेलु भऽ जाइत अिछ। जेना-प ूण र् प: िछयौक, िछयैक, छहीक, छौक, छैक,अिबतैक, होइक।अप ूण र् प : िछयौ, िछयै, छही, छौ, छै, अिबतै,होइ।(च) ियापदीय य , हु तथा हकारक लोप भऽजाइछ। जेना-प ूण र् प : छि, कहलि, कहलह ु ँ, गेलह, निह।अप ूण र् प : छिन, कहलिन, कहलौ, ँ गेलऽ, नइ, निञ,।९.िन ानारण : को-को र-िन अपनाजगहसँ हिट कऽ दोसर ठाम चिल जाइत अिछ।खास कऽ इ आ उक समे ई बात लाग ूहोइत अिछ। मैिथलीकरण भऽ गेल शक म वाअमे जँ इ वा उ आबए तँ ओकर िनानािरत भऽ एक अक्षर आगा ँ आिब जाइतअिछ। जेना- शिन (शइन), पािन (पाइन), दािल (351


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAदाइल), मािट (माइट), काछु (काउछ), मासु (माउस)आिद। मुदा तम श सभमे ई िनअम लाग ू निहहोइत अिछ। जेना- रिकेँ रइ आ सुधा ंशुकेँसुधाउं स निह कहल जा सकैत अिछ।१०.हल(◌्)क योग : मैिथली भाषामे सामातयाहल (◌्)क आवकता निह होइत अिछ। कारणजे शक अमे अ उारण निह होइत अिछ।मुदा संृत भाषासँ जिहनाक तिहना मैिथलीमे आएल(तम) श सभमे हल योग कएल जाइतअिछ। एिह पोथीमे सामातया सूण र् शकेँ मैिथलीभाषा सी िनअम असार हलिवहीन राखल गेलअिछ। मुदा ाकरण सी योजनक लेलअावक ानपर कतहु-कतहु हल देल गेलअिछ। ुत पोथीमे मिथली लेखनक ाचीन आनवीन द ुन ू श ैलीक सरल आ समीचीन पक्ष सभकेँ समेिटकऽ वण र्-िवास कएल गेल अिछ। ान आ समयमेबचतक सिह ह-लेखन तथा तकनीकी दृ िसँ सेहोसरल होबऽबला िहसाबसँ वण र्-िवास िमलाओल गेलअिछ। वतर्मान समयमे मैिथली माभाषी पय र्केँआन भाषाक मामसँ मैिथलीक ज्ञान लेबऽ पिड रहलपिरमे लेखनमे सहजता तथा एकपतापर ान352


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAदेल गेल अिछ। तखन मैिथली भाषाक म ूलिवशेषता सभ कुित निह होइक, ताहू िदसलेखक-मल सचेत अिछ। िस भाषाशास्ी डा.रामावतार यादवक कहब छिन जे सरलताकअसानमे एहन अवा िकहु आबऽ देबाक चाहीजे भाषाक िवशेषता छा ँहमे पिड जाए।-(भाषाशास्ी डा. रामावतार यादवक धारणाकेँ प ूण र्पसँ स लऽ िनधािरत)र्आ. मैिथली अकादमी, पटना ारा िनधािरत र् मैिथलीलेखन-श ैली१. जे श मैिथली-सािहक ाचीन कालसँ आइ धिरजािह वर्नीमे चिलत अिछ, से सामातः तािहवर्नीमे िलखल जाय- उदाहरणाथ र्-ाएखनठामजकर, तकरतिनकर353


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAअिछअाअखन, अखिन, एखेन, अखनीिठमा, िठना, ठमाजेकर, तेकरितनकर। (वैकिक पेँ ा)ऐछ, अिह, ए।२. िनिलिखत तीन कारक प वैकिकतयाअपनाओल जाय: भऽ गेल, भय गेल वा भए गेल।जा रहल अिछ, जाय रहल अिछ, जाए रहल अिछ।कर’ गेलाह, वा करय गेलाह वा करए गेलाह।३. ाचीन मैिथलीक ‘’ िनक ानमे ‘न’ िलखलजाय सकैत अिछ यथा कहलिन वा कहलि।४. ‘ऐ’ तथा ‘औ’ ततय िलखल जाय जत’ तः‘अइ’ तथा ‘अउ’ सदृश उारण इ हो। यथा-देखैत, छलैक, बौआ, छौक इािद।५. मैिथलीक िनिलिखत श एिह पे युहोयत: जैह, सैह, इएह, ओऐह, लैह तथा दैह।354


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA६. ह्र् इकारा ंत शमे ‘इ’ के लु करबसामातः अा िथक। यथा- ा देिख आबह,मािलिन गेिल (म मामे)।७. तं ‘ए’ वा ‘य’ ाचीन मैिथलीक उरणआिदमे तँ यथावत राखल जाय, िकं तु आधिनकुयोगमे वैकिक पेँ ‘ए’ वा ‘य’ िलखल जाय।यथा:- कयल वा कएल, अयलाह वा अएलाह, जाय वाजाए इािद।८. उारणमे द ू रक बीच जे ‘य’ िन तः आिबजाइत अिछ तकरा लेखमे ान वैकिक पेँ देलजाय। यथा- धीआ, अढैआ, िवआह, वा धीया,अढैया, िबयाह।९. सानािसक तं रक ान यथासंभव ‘ञ’ िलखलजाय वा सानािसक र। यथा:- मैञा, किनञा,िकरतिनञा वा मैआ, ँ किनआ, ँ िकरतिनआ ँ।१०. कारकक िवभिक्क िनिलिखत प ा:-हाथकेँ , हाथसँ, हाथेँ, हाथक, हाथमे। ’मे’ मेअार सव र्था ा िथक। ‘क’ क वैकिक प‘केर’ राखल जा सकैत अिछ।११. प ूव र्कािलक ियापदक बाद ‘कय’ वा ‘कए’ अय355


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAवैकिक पेँ लगाओल जा सकैत अिछ। यथा:-देिख कय वा देिख कए।१२. मा ँग, भा ँग आिदक ानमे माङ, भाङ इािदिलखल जाय।१३. अर् ‘न’ ओ अर् ‘म’ क बदला असार निहिलखल जाय, िकं तु छापाक सुिवधाथ र् अर् ‘ङ’ , ‘ञ’,तथा ‘ण’ क बदला अारो िलखल जा सकैत अिछ।यथा:- अ, वा <strong>अंक</strong>, अल वा अंचल, क वाकं ठ।१४. हलंत िच िनअमतः लगाओल जाय, िकं तुिवभिक संग अकारा ंत योग कएल जाय। यथा:-ीमान, ् िकं तु ीमानक।१५. सभ एकल कारक िच शमे सटा क’ िलखलजाय, हटा क’ निह, संयु िवभिक हेतु फराकिलखल जाय, यथा घर परक।१६. अनािसककेँ चिबु ारा कयल जाय।पर ंतु मुणक सुिवधाथ र् िह समान जिटल माापरअारक योग चिबुक बदला कयल जा सकैतअिछ। यथा- िहँ केर बदला िहं।356


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA१७. प ूण र् िवराम पासीसँ ( । ) स ू िचत कयल जाय।१८. सम पद सटा क’ िलखल जाय, वा हाइफेनसँजोिड क’ , हटा क’ निह।१९. िलअ तथा िदअ शमे िबकारी (ऽ) निह लगाओलजाय।२०. <strong>अंक</strong> देवनागरी पमे राखल जाय।२१.िकछु िनक लेल नवीन िच बनबाओल जाय। जा'ई निह बनल अिछ ताबत एिह द ुन ू िनक बदलाप ूव र्वत् अय/ आय/ अए/ आए/ आओ/ अओ िलखलजाय। आिक ऎ वा ऒ सँ कएल जाय।ह./- गोिव झा ११/८/७६ ीका ठाकुर ११/८/७६सुरे झा "सुमन" ११/०८/७६२.मैिथलीमे भाषा सादन पामनीचा ँक स ूचीमे देल िवकमेसँ लै ंगुएज एडीटर ाराकोन प चुनल जएबाक चाही:357


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAवडर् फाइलमे बोल्ड कएल प:१.होयबला/ होबयबला/ होमयबला/ हेब’बला, हेम’बला/होयबाक/होबएबला /होएबाक२. आ’/आऽ आ३. क’ ले/कऽ ले/कए ले/कय ले/ल’/लऽ/लय/लए४. भ’ गेल/भऽ गेल/भय गेल/भए गेल५. कर’ गेलाह/करऽ गेलह/करए गेलाह/करय गेलाह६. िलअ/िदअ िलय’,िदय’,िलअ’,िदय’/७. कर’ बला/करऽ बला/ करय बला करै बला/क’र’ बला / करएबला८. बला वला९. आङ्ल आ ं१०. ायः ायह११. द ुःख द ुख१२. चिल गेल चल गेल/चैल गेल१३. देलिख देलिक, देलिखन१४. देखलि देखलिन/ देखलै१५. छिथ/ छलि छिथन/ छलैन/ छलिन१६. चलैत/दैत चलित/दैित१७. एख अख१८. बढ◌ि बढि१९. ओ’/ओऽ(सव र्नाम) ओ२०. ओ (संयोजक) ओ’/ओऽ२१. फािग/फाि ँ फाइ ंग/फाइङ२२. जे जे’/जेऽ२३. ना-कुर ना-कर२४. केलि/कएलि/कयलि358


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA२५. तखन तँ/ तखन तँ२६. जा’ रहल/जाय रहल/जाए रहल२७. िनकलय/िनकलए लागल बहराय/ बहराए लागल िनकल’/बहरैलागल२८. ओतय/जतय जत’/ओत’/ जतए/ ओतए२९. की फूरल जे िक फूरल जे३०. जे जे’/जेऽ३१. कूिद/यािद(मोन पारब) कूइद/याइद/कूद/याद/ यािद (मोन)३२. इहो/ ओहो३३. हँसए/ हँसय हँसऽ३४. आिक दस/ िकं वा दस/ वा दस३५. सासु-ससुर सास-ससुर३६. छह/ सात छ/छः/सात३७. की की’/कीऽ (दीघीर्कारामे ऽ विजर्त)३८. जबाब जवाब३९. करएताह/ करयताह करेताह४०. दलान िदिश दलान िदश/दलान िदस४१. गेलाह गएलाह/गयलाह४२. िकछु आर/ िकछु और४३. जाइत छल जाित छल/जैत छल४४. पहु ँिच/ भेिट जाइत छल पहँच/भेट ु जाइत छल४५. जबान (युवा)/ जवान(फौजी)४६. लय/लए क’/कऽ/लए कए/ लऽ कऽ/ लऽ कए४७. ल’/लऽ कय/ कए४८. एखन/अख अखन/एख४९. अही ं केँ अही ँ केँ५०. गही ं र गही ँ र५१. धार पार केनाइ धार पार केनाय/केनाए५२. जेका ँ जेँ का ँ/ जका ँ५३. तिहना तेिहना359


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA५४. एकर अकर५५. बिहनउ बहइ५६. बिहन बिहिन५७. बिहन-बिहइ बिहन-बहनउ५८. निह/ ५९. करबा / करबाय/ करबाए६०. तँ/ त ऽ तय/तए६१. भाय भै/भाए६२. भा ँय६३. यावत जावत६४. माय मै / माए६५. देि/दएि/ दयि दि/ दैि६६. द’/ दऽ/ दए६७. ओ (संयोजक) ओऽ (सव र्नाम)६८. तका कए तकाय तकाए६९. पैरे (on f oot ) पएरे७०. ताहुमे ताहूमे७१. पुीक७२. बजा कय/ कए७३. बननाय/बननाइ७४. कोला७५. िदका िदनका७६. ततिहसँ७७. गरबओलि गरबेलि७८. बालु बाल ू७९. चे िच(अशु)360


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA८०. जे जे’८१. से/ के से’/के’८२. एख ुनका अखका८३. भुिमहार भूिमहार८४. सुगर स ूगर८५. झठहाक झटहाक८६. छूिब८७. करइयो/ओ करैयो/किरऔ-करइयौ८८. पुबािर पुबाइ८९. झगड◌◌ा-झा ँटी झगड◌◌ा-झािटँ९०. पएरे-पएरे पैरे-पैरे९१. खेलएबाक९२. खेलेबाक९३. लगा९४. होए- हो९५. ब ुझल ब ूझल९६. ब ूझल (संबोधन अथ र्मे)९७. यैह यएह / इएह९८. ताितल९९. अयनाय- अयनाइ/ अएनाइ१००. िन- िन१०१. िब िबन१०२. जाए जाइ१०३. जाइ (i n di f f er ent sense)-l ast word ofsent ence१०४. छत पर आिब जाइ१०५. १०६. खेलाए (pl ay) –खेलाइ१०७. िशकाइत- िशकायत361


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA१०८. ढप- ढ◌प१०९. पढ◌- पढ११०. किनए/ किनये किन१११. राकस- राकश११२. होए/ होय होइ११३. अउरदा- औरदा११४. ब ुझेलि (di f f er ent meani ng- gotunder st and)११५. ब ुझएलि/ ब ुझयलि (under st ood hi msel f )११६. चिल- चल११७. खधाइ- खधाय११८. मोन पाड◌लिख मोन पारलिख११९. कैक- कएक- कइएक१२०. लग ल’ग१२१. जरेनाइ१२२. जरओनाइ- जरएनाइ/जरयनाइ१२३. होइत१२४. गरबेलि/ गरबओलि१२५. िचखैत- (t o test)िचखइत१२६. करइयो (willing to do) करैयो१२७. जेकरा- जकरा१२८. तकरा- तेकरा१२९. िबदेसर ामे/ िबदेसरे ानमे१३०. करबयलहँ/ ु करबएलहँ/ ु करबेलहँु१३१. हािरक (उारण हाइरक)१३२. ओजन वजन१३३. आधे भाग/ आध-भागे१३४. िपचा / िपचाय/िपचाए362


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA१३५. नञ/ १३६. बा नञ () िपचा जाय१३७. तखन (नञ) कहैत अिछ।१३८. कतेक गोटे/ कताक गोटे१३९. कमाइ- धमाइ कमाई- धमाई१४०. लग ल’ग१४१. खेलाइ (f or playing)१४२. छिथ छिथन१४३. होइत होइ१४४. ो िकयो / केओ१४५. केश (hai r )१४६. केस (cour t -case)१४७. बननाइ/ बननाय/ बननाए१४८. जरेनाइ१४९. कुरसी कुसीर्१५०. चरचा चचा र्१५१. कम र् करम१५२. डुबाबए/ डुमाबय/ डुमाबए१५३. एख ुनका/ अख ुनका१५४. लय (वाक अितम श)- लऽ१५५. कएलक केलक१५६. गरमी गमीर्१५७. बरदी वदीर्१५८. सुना गेलाह सुना’/सुनाऽ१५९. एनाइ-गेनाइ१६०. तेना घेरलि१६१. निञ१६२. डरो ड’रो१६३. कतहु- कही ं१६४. उमिरगर- उमरगर363


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA१६५. भिरगर१६६. धोल/धोअल धोएल१६७. गप/ग१६८. के के’१६९. दरबा/ दरबजा१७०. ठाम१७१. धिर तक१७२. घिर ू लौिट१७३. थोरबेक१७४. ब१७५. तोँ/ तू◌ँ१७६. तोँिह( पमे ा)१७७. तोँही / तोँिह१७८. करबाइए करबाइये१७९. एकेटा१८०. किरतिथ करतिथ१८१. पहु ँिच पहँचु१८२. राखलि रखलि१८३. लगलि लागलि१८४. सुिन (उारण सुइन)१८५. अिछ (उारण अइछ)१८६. एलिथ गेलिथ१८७. िबतओ िबते१८८. करबओलि/ करेलिख१८९. करएलि१९०. आिक िक१९१. पहु ँिच पहँचु१९२. जराय/ जराए जरा (आिग लगा)364


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA१९३. से से’१९४. हा ँ मे हा ँ (हा ँमे हा ँ िवभिक्मे हटा कए)१९५. फेल फैल१९६. फइल(spaci ous) फैल१९७. होयति/ होएति हेति१९८. हाथ मिटआयब/ हाथ मिटयाबय/हाथ मिटआएब१९९. फेका फें का२००. देखाए देखा२०१. देखाबए२०२. सिर सर२०३. साहेब साहब२०४.गेलै/ गेलि२०५.हेबाक/ होएबाक२०६.केलो/ कएलहँु२०७. िकछु न िकछु/ िकछु िकछु२०८.घ ुमेलहँ/ ु घ ुमओलहँु२०९. एलाक/ अएलाक२१०. अः/ अह२११.लय/ लए (अथ र्-पिरवर्न)२१२.कनीक/ कक२१३.सबहक/ सभक२१४.िमलाऽ/ िमला२१५.कऽ/ क२१६.जाऽ/ जा२१७.आऽ/ आ२१८.भऽ/भ’ (’ फ◌ॉटक कमीक ोतक)२१९.िनअम/ िनयम२२०.हेेअर/ हेेयर365


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA२२१.पिहल अक्षर ढ/ बादक/बीचक ढ◌२२२.तिहं/तिहँ/ तिञ/ तै ं२२३.किहं/ कही ं२२४.तँइ/ तइ ँ२२५.नँइ/ नइ ँ/ निञ/ निह२२६.है/ हए२२७.छिञ/ छै/ छैक/छइ२२८.दिएँ/ ृ दियेँृ२२९.आ (come)/ आऽ(conj unct i on)२३०. आ (conj unct i on)/ आऽ(come)२३१.कु/ को२३२.गेलै-गेलि२३३.हेबाक- होएबाक२३४.केलौ ँ- कएलौ ँ- कएलहँु२३५.िकछु न िकछ- िकछु िकछु२३६.केहेन- केहन२३७.आऽ (come)-आ (conj unct i on-and)/आ२३८. हएत-हैत२३९.घ ुमेलहु ँ-घ ुमएलहँु२४०.एलाक- अएलाक366


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA२४१.होिन- होइन/होि२४२.ओ-राम ओ ामक बीच(conj unct i on), ओऽ कहलक (hesai d)/ओ२४३.की हए/ कोसी अएली हए/ की है। की हइ२४४.दिएँ/ ृ दियेँृ२४५.शािमल/ सामेल२४६.तै ँ / तँए/ तिञ/ तिहं२४७.जौ/ ँ ोँ२४८.सभ/ सब२४९.सभक/ सबहक२५०.किहं/ कही ं२५१.कु/ को२५२.फारकती भऽ गेल/ भए गेल/ भय गेल२५३.कु/ को२५४.अः/ अह२५५.ज/ जनञ367


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA२५६.गेलि/ गेलाह (अथ र् पिरवतर्न)२५७.केलि/ कएलि२५८.लय/ लए (अथ र् पिरवतर्न)२५९.कनीक/ कक२६०.पठेलि/ पठओलि२६१.िनअम/ िनयम२६२.हेेअर/ हेेयर२६३.पिहल अक्षर रह ढ/ बीचमे रह ढ२६४.आकारामे िबकारीक योग उिचत निह/ अपोस्ोफीकयोग फाटक तकनीकी ूनताक पिरचायक ओकर बदला अवह(िबकारी) क योग उिचत२६५.केर/-क/ कऽ/ के२६६.छैि- छि२६७.लगैए/ लगैये२६८.होएत/ हएत368


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA२६९.जाएत/ जएत२७०.आएत/ अएत/ आओत२७१.खाएत/ खएत/ खैत२७२.िपअएबाक/ िपएबाक२७३.शु/ शुह२७४.शुहे/ शुए२७५.अएताह/अओताह/ एताह२७६.जािह/ जाइ/ जै२७७.जाइत/ जैतए/ जइतए२७८.आएल/ अएल२७९.कैक/ कएक२८०.आयल/ अएल/ आएल२८१. जाए/ जै/ जए२८२. कएल/ काएल२८३. कठ ुआएल/ कठ ुअएल369


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA२८४. तािह/ तै२८५. गायब/ गाएब/ गएब२८६. सकै/ सकए/ सकय२८७.सेरा/सरा/ सराए (भात सेरा गेल)२८८.कहैत रही/देखैत रही/ कहैत छलहँ/ ु कहै छलहँ- ु एिहनाचलैत/ पढैत (पढै-पढैत अथ र् कख काल पिरवितर्त)-आरब ुझै/ ब ुझैत (ब ुझै/ ब ुझैत छी, मुदा ब ुझैत-ब ुझैत)/ सकैत/सकै। करैत/ करै। दै/ दैत। छैक/ छै। बचलै/बचलैक। रखबा/ रखबाक । िब/ िबन। राितक/ रातुक२८९. द ुआरे/ ारे२९०.भेिट/ भेट२९१. खन/ ख ुना (भोर खन/ भोर ख ुना)२९२.तक/ धिर२९३.गऽ/गै (meani ng different-जनबै गऽ)२९४.सऽ/ सँ (मुदा दऽ, लऽ)२९५.त्,(तीन अक्षरक मेल बदला पुनिक एक आ एकटादोसरक उपयोग) आिदक बदला आिद। महत्/ मह/370


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAकता/ र् का र् आिदमे संयुक को आवकता मैिथलीमे निहअिछ। व२९६.बेसी/ बेशी२९७.बाला/वाला बला/ वला (रहैबला)२९८.वाली/ (बदलएवाली)२९९.वाा/ र् वाता र्३००. अरािष्य/ र् अराष्ीयर्३०१. लेमए/ लेबए३०२.लमछुरका, नमछुरका३०२.लागै/ लगै (भेटैत/ भेटै)३०३.लागल/ लगल३०४.हबा/ हवा३०५.राखलक/ रखलक३०६.आ (come)/ आ (and)३०७. पाताप/ पााप३०८. ऽ केर वहार शक अमे मा, यथासंभव बीचमेनिह।371


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA३०९.कहैत/ कहै३१०. रहए (छल)/ रहै (छलै) (meani ng di f f er ent )३११.तागित/ ताकित३१२.खराप/ खराब३१३.बोइन/ बोिन/ बोइिन३१४.जािठ/ जाइठ३१५.कागज/ कागच३१६.िगरै (meani ng di f f er ent - swallow)/ िगरए(खसए)३१७.रािष्य/ राष्ीयउारण िनदेर्श:द न क उारणमे दा ँतमे जीह सटत- जेना बाजू नाम ,मुदा ण क उारणमे जीह म ूधा र्मे सटत (निह सटैए तँ उारणदोष अिछ)- जेना बाजू गश। ताल शमे जीह तालुसँ ,षमे म ूधा र्सँ आ द समे दा ँतसँ सटत। िनशा, ँ सभ आ शोषणबािज कऽ देख ू। मैिथलीमे ष केँ वैिदक संृत जेका ँ खसेहो उिरत कएल जाइत अिछ, जेना वषा, र् दोष। यअको ानपर ज जेका ँ उिरत होइत अिछ आ ण ड जेका ँ372


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA(यथा संयोग आ गश संजोग आ गडेस उिरत होइतअिछ)। मैिथलीमे व क उारण ब, श क उारण स आ य कउारण ज सेहो होइत अिछ।ओिहना इ बेशीकाल मैिथलीमे पिह बाजल जाइत अिछकारण देवनागरीमे आ िमिथलाक्षरमे इ अक्षरक पिहिलखलो जाइत आ बाजलो जएबाक चाही। कारण जे िहीमेएकर दोषप ूण र् उारण होइत अिछ (िलखल तँ पिह जाइतअिछ मुदा बाजल बादमे जाइत अिछ), से िशक्षा पितकदोषक कारण हम सभ ओकर उारण दोषप ूण र् ढंगसँ कऽ रहलछी।अिछ- अ इ छ ऐछछिथ- छ इ थ – छैथपहँिच- ु प हु ँ इ चआब अ आ इ ई ए ऐ ओ औ अं अः ऋ एिह सभ लेल माासेहो अिछ, मुदा एिहमे ई ऐ ओ औ अं अः ऋ केँ संयुाक्षरपमे गलत पमे यु आ उिरत कएल जाइत अिछ।जेना ऋ केँ री पमे उिरत करब। आ देिखयौ- एिहलेल देिखऔ क योग अिचत। मुदा देिखऐ लेल देिखयैअिचत। क् सँ ह् धिर अ सििलत भेलासँ क सँ ह बतअिछ, मुदा उारण काल हल यु शक अक उारणकवि ृ बढल अिछ, मुदा हम जखन मजमे ज ् अमे बजैतछी, तख पुरनका लोककेँ बजैत सुनबि- मजऽ, वावमेओ अ यु ज ् = ज बजै छिथ।373


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAफेर ज्ञ अिछ ज ् आ ञ क संयु मुदा गलत उारण होइतअिछ- । ओिहना क्ष अिछ क् आ ष क संयु मुदा उारणहोइत अिछ छ। फेर श ् आ र क संयु अिछ ( जेनािमक) आ स ् आ र क संयु अिछ (जेना िम)। भेलत+र ।उारणक ऑिडयो फाइल िवदेह आका र्इवht t p:// wwwvi . deha. co. i n/ पर उपल अिछ। फेर केँ/ सँ / पर प ूव र् अक्षरसँ सटा कऽ िलख ू मुदा तँ/ के/ कऽ हटाकऽ। एिहमे सँ मे पिहल सटा कऽ िलख ू आ बादबला हटाकऽ। <strong>अंक</strong>क बाद टा िलख ू सटा कऽ मुदा अ ठाम टा िलख ूहटा कऽ– जेना छहटा मुदा सभ टा। फेर ६अ म सातमिलख ू- छठम सातम निह। घरबलामे बला मुदा घरवालीमे वालीयु क।रहए- रहै मुदा सकैए (उारण सकै-ए)।मुदा कख काल रहए आ रहै मे अथ र् िभता सेहो, जेनासे को जगहमे पािकर् ं ग करबाक अास रहै ओकरा। पुछलापरपता लागल जे ढुनढुन नाा ई ाइवर कनाट ेसक पािकर् ं गमेकाज करैत रहए।छलै, छलए मे सेहो एिह तरहक भेल। छलए क उारणछल-ए सेहो।संयोग- (उारण संजोग)केँ / के / कऽ374


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAकेर- क (केर क योग निह क )क (जेना रामक) –रामक आ संगे (उारण राम के / रामकऽ सेहो)सँ- सऽचिबु आ अार- अारमे कं ठ धिरक योग होइतअिछ मुदा चिबुमे निह। चिबुमे कक एकारक सेहोउारण होइत अिछ- जेना रामसँ- (उारण राम सऽ)रामकेँ - (उारण राम कऽ/ राम के सेहो)।केँ जेना रामकेँ भेल िहीक को (राम को)- राम को= रामकेँक जेना रामक भेल िहीक का ( राम का) राम का= रामककऽ जेना जा कऽ भेल िहीक कर ( जा कर) जा कर= जाकऽसँ भेल िहीक से (राम से) राम से= रामसँसऽ तऽ त केर एिह सभक योग अवािछत।ंके दोसर अथेँ र् यु भऽ सकैए- जेना के कहलक?निञ, निह, , नइ, नँइ, नइ ँ एिह सभक उारण- 375


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAत् क बदलामे जेना महप ूण र् (महत्प ूण र् निह) जतए अथ र्बदिल जाए ओतिह मा तीन अक्षरक संयुाक्षरक योगउिचत। सित- उारण स इ त (सि निह- कारणसही उारण आसानीसँ सव निह)। मुदा सवो र्म (सवो र्तमनिह)।रािष्य (राष्ीय निह)सकैए/ सकै (अथ र् पिरवतर्न)पोछैले/पोछैए/ पोछए/ (अथ र् पिरवतर्न)पोछए/ पोछैओ लोकिन ( हटा कऽ, ओ मे िबकारी निह)ओइ/ ओिहओिहले/ ओिह लेलजएबे ँ/ बैसबे ँपँचभइया ँदेिखयौक (देिखऔक बिह- तिहना अ मे आ दीघ र्क मााकयोग अिचत)376


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAजका ँ/ जेका ँतँइ/ तै ँहोएत/ हएतनिञ/ निह/ नँइ/ नइ ँसौ ँसेबड/ बडी (झोराओल)गाए (गाइ निह)रहलेँ/ पिहरतै ँहमही ं / अही ंसब - सभसबहक - सभहकधिर - तकगप- बातब ूझब - समझबब ुझलहु ँ - समझलहँु377


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAहमरा आर - हम सभआिक- आ िकसकैछ/ करैछ (गमे योगक आवकता निह)मे केँ सँ पर (शसँ सटा कऽ) तँ कऽ धऽ दऽ (शसँ हटाकऽ) मुदा द ूटा वा बेशी िवभि संग रहलापर पिहल िवभिटाकेँ सटाऊ।एकटा द ूटा (मुदा कैक टा)िबकारीक योग शक अमे, बीचमे अनावक पेँ निह।आकारा आ अमे अ क बाद िबकारीक योग निह (जेनािदअ, आ )अपोस्ोफीक योग िबकारीक बदलामे करब अिचत आ माफ◌ॉटक तकनीकी ूनताक पिरचायक)- ओना िबकारीक संृतप ऽ अवह कहल जाइत अिछ आ वतर्नी आ उारण द ुन ूठाम एकर लोप रहैत अिछ/ रिह सकैत अिछ (उारणमे लोपरिहते अिछ)। मुदा अपोस्ोफी सेहो अंजीमे पसेिसवकेसमे होइत अिछ आ ंचमे शमे जतए एकर योगहोइत अिछ जेना raison d’etre एतए सेहो एकर उारणरैजौन डेटर होइत अिछ, मा अपोस्◌ॉफी अवकाश निहदैत अिछ वरन जोडैत अिछ, से एकर योग िबकारीक बदलादेनाइ तकनीकी पेँ सेहो अिचत)।अइमे, एिहमे378


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAजइमे, जािहमेएखन/ अखन/ अइखनकेँ (के निह) मे (अार रिहत)भऽमेदऽतँ (तऽ त निह)सँ ( सऽ स निह)गाछ तरगाछ लगसा ँझ खनजो (जो go, करै जो do)379


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAFest i val s ofMi thilaDATE-LI ST( year - 2010-11)(१४१८ साल)Mar r i age Days:Nov. 2010- 19Dec. 2010- 38 ,Januar y 2011- 17, 21, 23, 24, 26, 27,28 31Feb. 2011- 3, 4, 7, 9, 18, 20, 24, 25, 27,28Mar ch 2011- 2,7May 2011- 11, 12, 13, 18, 19, 20, 22, 23, 29,30June 2011- 1, 2, 3, 8, 9, 10, 12, 13, 19, 20,26,29Upanayana Days:Febr uar y 2011- 8380


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAMar ch 2011- 7May 2011- 12,13June 2011- 6,12Dvi r agaman Di n:Nov ember 2010- 19, 22, 25,26Dec ember 2010- 6, 8, 9, 10,12Febr uar y 2011- 20,21Mar ch 2011- 6, 7, 9,13Apr i l 2011- 17, 18,22May 2011- 5, 6, 8,13Mundan Di n:Nov ember 2010- 24,26Dec ember 2010- 10,17Febr uar y 2011- 4, 16,21Mar ch 2011- 7,9381


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAApr i l 2011- 22May 2011- 6, 9,19June 2011- 3, 6, 10,20FESTI VALS OF MITHILAMauna Panchami -31 Jul ySomavat iAmavasya Vr at - 1 AugustMadhushr avani -12 AugustNag Panchami - 14 AugustRaksha Bandhan- 24 AugKr i shnast ami - 01 Sept emberKushiAmavasya- 08 Sept emberHar t al i ka Teej - 11 Sept emberChaut hChandr a-11 Sept emberVi shwakar ma Pooj a- 17 Sept ember382


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAKar ma Dharma Ekadashi -19 Sept emberI ndr a Pooj a Aar ambh- 20 Sept emberAnantCat ur dashi - 22 SepAgast yar ghadaan- 23 SepPi t r iPaksha begi ns- 24 SepJi moot avahan Vr at a/ Ji t i a-30 SepMat r iNavami - 02 Oct oberKal ashst hapan- 08 Oct oberBel naut i - 13 Oct oberPat r i ka Pr avesh- 14 Oct oberMahast ami - 15 Oct oberMaha Navami - 16-17 Oct oberVijaya Dashami - 18 Oct oberKoj agar a- 22 OctDhant er as- 3 November383


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHADi yabat i384, shyama pooj a- 5 NovemberAnnakoot a/ Govar dhana Pooj a-07 NovemberBhr at r i dwi t i ya/ Chi t r agupt a Pooj a-08Nov emberChhat hi - -12 NovemberAkshyay Navami - 15 NovemberDevot t han Ekadashi - 17 NovemberKar t i k Poor ni ma/ Sama Bisarjan- 21 NovShaa. r avi vr at ar ambh- 21 NovemberNavanna par van- 24 -26 NovemberVi vaha Panchmi - 10 DecemberNar akni var an chat ur dashi - 01 Febr uar yMakar a/ Teel a Sankr ant i -15 JanBasant Panchami / Sar aswat i Pooj a- 08Febr uaqr yAchl a Sapt mi - 10 Febr uar y


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAMahashi var at r i -03 Mar chHol i kadahan-Fagua-19 Mar chHol i -20 MarVar uniYoga- 31 Mar chva. navar at r ar ambh- 4 Apri lvaa. Chhat hi vr at a- 9 Apri lRam Nav ami - 12 Apr i lMesha Sankr ant i -Sat uani -14 Apr i lJur i shi t al -15 Apr i lSomavat iAmavasya Vr at a- 02 MayRavi Br at Ant - 08 MayAkshaya Tr i t i ya-06 MayJanakiNavami - 12 MayVatSavi t r i -bar asai t - 01 JuneGanga Dashhar a-11 June385


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAJagannat h Rat h Yat r a- 3 Jul yHar iSayan Ekadashi - 11 JulAashadhiGur u Poor ni ma-15 JulVI DEHA ARCHI VE१.िवदेह ई-पिकाक सभटा पुरान <strong>अंक</strong> ल,ितरहुता आ देवनागरी पमे Vi deha ejournal's all old issues in BrailleTi r hut a and Devanagar i ver si onsिवदेह ई-पिकाक पिहल ५० <strong>अंक</strong>िवदेह ई-पिकाक ५०म सँ आगा ँक <strong>अंक</strong>२.मैिथली पोथी डाउनलोड Mai t hi l iDownl oad३.मैिथली ऑिडयो संकलन Mai t hi l iDownl oads४.मैिथली वीिडयोक संकलन Mai t hi l iBooksAudi oVi deos386


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA५.िमिथला िचकला/ आधिनक ु िचकला आ िच/Mi thila Painting Moder n Ar t andPhot os"िवदेह"क एिह सभ सहयोगी िलंकपर सेहो एक बेरजाऊ।६.िवदेह मैिथली िज :ht t p:// vi dehaqui z. bl ogspot . com/७.िवदेह मैिथली जालव ृ एीगेटर :ht t p:// vi deha-aggr egat or . bl ogspot . com/८.िवदेह मैिथली सािह अंजीमे अनिदतूhttp:// madhubani -ar t . bl ogspot . com/९.िवदेहक प ूव र्-प "भालसिरक गाछ" :ht t p:// gaj endr at hakur . bl ogspot . com/१०.िवदेह इ ंडे :http:// videha123. bl ogspot . com/११.िवदेह फाइल :387


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAht t p:// vi deha123. wor dpr ess. com/१२. िवदेह: सदेह : पिहल ितरह ुता (िमिथला◌क्षर) जालव ृ(ब्ल◌ॉग)ht t p:// vi deha-sadeha. bl ogspot . com/१३. िवदेह:ल: मैिथली लमे: पिहल बेर िवदेह ाराht t p:// vi deha-brailleblogspot . . com/१४.VI DEHA IST MAI THI LI FORTNI GHTLYEJ OURNAL ARCHI VEht t p:// vi deha-ar chi ve. bl ogspot . com/१५. िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका मैिथलीपोथीक आका र्इवht t p:// vi deha-pot hi . bl ogspot . com/१६. िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ऑिडयोआका र्इवht t p:// vi deha-audi o bl ogspot com388. . /


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA१७. िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका वीिडयोआका र्इवht t p:// vi deha-vi deo. bl ogspot . com/१८. िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका िमिथलािचकला, आधिनक ु कला आ िचकलाht t p:// vi deha-pai nt i ngsphotos. bl ogspot . com/१९. मैिथल आर िमिथला (मैिथलीक सभसँ लोकिय जालव ृ)http://mai t hi l aur mi t hi l a. bl ogspot . com/२०.ुित काशनhttp:// wwwshruti . -publ i cat i on. com/२१.ht t p:// gr oups. googl e. comgr / oup/vi dehaVI DEHA केर सदता िलअईमेल :???? ???389


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAएिह सम ूहपर जाऊ२२.ht t p:// gr oups. yahoo. comgr / oup/ VI DEHA /Subscri be t o VI DEHAenter email addressPower ed by us. gr oups. yahoo.com२३.गजे ठाकुर इ डेht t p:// gaj endr at hakur 123. bl ogspot . com२४.िवदेह रेिडयो:मैिथली कथा-किवता आिदक पिहल पोडकासाइटht t p:// vi deha123r adi o. wor dpr ess. com/२५. ना भुटका390


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAhttp:// mangan-khabas. bl ogspot . com/महत्प ूण र् स ूचना:(१) 'िवदेह' ारा धारावािहक पे ई-कािशत कएल गेल गजे ठाकुरक िनब-ब-समीक्षा,उपास (सहबाढिन) , प-संह (सहाीक चौपडपर),कथा-ग (ग-गु), नाटक(संकष र्ण), महाका (ाह आअसाित मन) आ बाल-िकशोर सािह िवदेहमे संप ूण र् ई-काशनक बाद िंट फ◌ॉम र्मे। कुम ्–अम र्नक ख-१ सँ७ Combi ned I SBN No . 978-81-907729-7-6 िववरणएिह प ृपर नीचा ँमे आ काशकक साइटhttp:// wwwshruti . -publ i cat i on. com/ पर ।महत्प ूण र् स ूचना (२):स ूचना: िवदेहक मैिथली-अंजी आ अंजीमैिथली कोष (इ ंटरटपर पिहल बेर सच र्-िडनरी) एम.एस.एस.ू.एल. सव र्र आधािरत -Based on ms-sql ser verMaithili-Engl i sh and Engl i sh-MaithiliDi ct i onar y. िवदेहक भाषापाक- रचनालेखन ंभमे।कुम ् अम र्नक- गजे ठाकुरगजे ठाकुरक िनब-ब-समीक्षा, उपास (सहबाढिन) ,प-संह (सहाीक चौपडपर), कथा-ग (ग गु),391


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAनाटक(संकष र्ण), महाका (ाह आ असाित मन) आबालम ंडली-िकशोरजगत िवदेहमे संप ूण र् ई-काशनक बाद िंटफ◌ॉम र्मे। कुम ्–अम र्नक, ख-१ सँ ७I st edi t i on 2009 of Gaj endr a Thakur ’sKuruKshetram-Ant ar manak ( Vol . I t o VI I )-essay-paper -cr i t i ci sm, novel , poems, st ory,pl ay, epi cs and Chi l dr en-gr own-upsl i t er at ur e i n si ngl e bi ndi ng:Language:Maithili६९२ प ृ : म ू भा. . 100/-(f or i ndi vi dualbuyer s i nsi de i ndi a)( add cour i er char ges Rs . 50/-per copy f orDel hi / NCR and Rs . 100/- per copy f or out si deDel hi )For Li br ar i es and over seas buyer s $ 40 US( i ncl udi ng post age)The book i s AVAI LABLE FOR PDF DOWNLOAD ATht t ps:// si t es. googl e. coma / / vi deha. comvi / deha/ht t p:// vi deha123. wor dpr ess. com/Det ai l s f or pur chase avai l abl e at pr i nt -ver si on publ i sher s's si t ewebsi t e: http:// wwwshruti . -publ i cat i on. com/or you may wr i t e t o392


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAe-mai l : shr ut i . publ i cat i on@ shr ut i -publ i cat i on.comिवदेह: सदेह : १: २: ३: ४ ितरह ुता : देवनागरी "िवदेह" क,िंट संरण :िवदेह-ई-पिका(ht t p:// wwwvi . deha. co. i n/) क चुनल रचना सििलत।िवदेह:सदेह:१: २: ३: ४सादक: गजे ठाकुर।Det ai l s f or pur chase avai l abl e at pr i nt -version publisherss ' site ht t p:// wwwshr . ut i -publ i cat i on. com or you may wr i t e t oshr ut i . publ i cat i on@ shr ut i -publ i cat i on.com393


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA२. संदेश-[ िवदेह ई-पिका, िवदेह:सदेह िमिथलाक्षर आ देवनागरी आ गजेठाकुरक सात खक- िनब-ब-समीक्षा,उपास(सहबाढिन) , प-संह (सहाीक चौपडपर), कथा-ग (गगु), नाटक (संकष र्ण), महाका (ाह आ असाित मन) आ बाल-म ंडली-िकशोर जगत- संह कुम ् अंतम र्नक मादेँ। ]१.ी गोिव झा- िवदेहकेँ तर ंगजालपर उतािर िवभिरमेमाभाषा मैिथलीक लहिर जगाओल, खेद जे अपक एिहमहािभयानमे हम एखन धिर संग निह दए सकलहँ। ु सुत छीअपकेँ सुझाओ आ रचनाक आलोचना िय लगैत अिछ तेँिकछु िलखक मोन भेल। हमर सहायता आ सहयोग अपकेँसदा उपल रहत।२.ी रमान रे- मैिथलीमे ई-पिका पािक्षक पेँ चला कऽजे अपन माभाषाक चार कऽ रहल छी, से धवाद । आगा ँअपक सम मैिथलीक काय र्क हेतु हम दयसँ शुभकामना दऽरहल छी।३.ी िवानाथ झा "िविदत"- संचार आ ौोिगकीक एिहितधीर् ोबल युगमे अपन मिहमामय "िवदेह"केँ अपना देहमेकट देिख जतबा सता आ संतोष भेल, तकरा कोउपल "मीटर"सँ निह नापल जा सकैछ? ..एकर ऐितहािसकम ूा ंकन आ सा ंृितक ितफलन एिह शताीक अंत धिर लोककनजिरमे आय र्जनक पसँ कट हैत।४. ो. उदय नारायण िसंह "निचकेता"- जे काज अहा ँ कएरहल छी तकर चरचा एक िदन मैिथली भाषाक इितहासमे394


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAहोएत। आन भए रहल अिछ, ई जािन कए जे एतेक गोटमैिथल "िवदेह" ई जन र्लकेँ पिढ रहल छिथ।...िवदेहक चालीसम<strong>अंक</strong> पुरबाक लेल अिभनन।५. डा. गंगेश गुंजन- एिह िवदेह-कम र्मे लािग रहल अहा ँकसेदनशील मन, मैिथलीक ित समिप र्त मेहनितक अम ृत र ंग,इितहास मे एक टा िविश फराक अाय आर ंभ करत, हमरािवास अिछ। अशेष शुभकामना आ बधाइक स, सेह...अहा ँकपोथी कुम ् अंतम र्नक थम द ृया बहुत भ तथाउपयोगी ब ुझाइछ। मैिथलीमे तँ अपना पक ायः ईपिहले एहन भ अवतारक पोथी िथक। हष र्प ूण र् हमर हािद र्कबधाई ीकार करी।६. ी रामाय झा "रामर ंग"(आब गीर्य)- "अपना" िमिथलासँसंबिधत...िवषय ंवुसँ अवगत भेलहँ।...शेष ु सभ कुशल अिछ।७. ी जे िपाठी- सािह अकादमी- इ ंटरट पर थममैिथली पािक्षक पिका "िवदेह" केर लेल बधाई आ शुभकामनाीकार क।८. ी फुकुमार िसंह "मौन"- थम मैिथली पािक्षक पिका"िवदेह" क काशनक समाचार जािन कक चिकत मुदा बेसीआािदत भेलहँ। ु कालचकेँ पकिड जािह द ूरदिक ृ पिरचयदेलहँ, ु ओिह लेल हमर म ंगलकामना।९.डा. िशवसाद यादव- ई जािन अपार हष र् भए रहल अिछ,जे नव स ूचना-ािक मे मैिथली पकािरताकेँ वेशिदअएबाक साहिसक कदम उठाओल अिछ। पकािरतामे एिहकारक नव योगक हम ागत करैत छी, संगिह "िवदेह"कसफलताक शुभकामना।395


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA१०. ी आाचरण झा- को प-पिकाक काशन- ताहूमेमैिथली पिकाक काशनमे के कतेक सहयोग करताह- ईतऽ भिव कहत। ई हमर ८८ वष र्मे ७५ वष र्क अभवरहल। एतेक पैघ महान यज्ञमे हमर ाप ूण र् आहित ु ाहोयत- यावत ठीक-ठाक छी/ रहब।११. ी िवजय ठाकुर- िमिशगन िविवालय- "िवदेह" पिकाक<strong>अंक</strong> देखलहँ, ु सूण र् टीम बधाईक पा अिछ। पिकाक म ंगलभिव हेतु हमर शुभकामना ीकार कएल जाओ।१२. ी सुभाषच यादव- ई-पिका "िवदेह" क बारेमे जािनसता भेल। ’िवदेह’ िनरर पिवत-पुित हो आचतुिद र्क अपन सुगंध पसारय से कामना अिछ।१३. ी मैिथलीपु दीप- ई-पिका "िवदेह" केर सफलताकभगवतीसँ कामना। हमर प ूण र् सहयोग रहत।१४. डा. ी भीमनाथ झा- "िवदेह" इटरट पर अिछ तेँ"िवदेह" नाम उिचत आर कतेक पेँ एकर िववरण भए सकैतअिछ। आइ-काि मोनमे उेग रहैत अिछ, मुदा शी प ूण र्सहयोग देब।कुम ् अम र्नक देिख अित सता भेल।मैिथलीक लेल ई घटना छी।१५. ी रामभरोस कापिड "मर"- जनकपुरधाम- "िवदेह"ऑनलाइन देिख रहल छी। मैिथलीकेँ अराष्ीय र् जगतमेपहँचेलह ु ँ ु तकरा लेल हािद र्क बधाई। िमिथला र सभक संकलनअप ूव र्। पालोक सहयोग भेटत, से िवास करी।396


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA१६. ी राजनन लालदास- "िवदेह" ई-पिकाक मामसँ बडनीक काज कए रहल छी, नाितक अिहठाम देखलहँ। ु एकरवािष र्क अ ंक जखन िंट िनकालब तँ हमरा पठायब। कलकामेबहुत गोटेकेँ हम साइटक पता िलखाए दे िछयि। मोनतँ होइत अिछ जे िदी आिब कए आशीवा र्द दैतहँ, ु मुदा उमरआब बेशी भए गेल। शुभकामना देश-िवदेशक मैिथलकेँजोडबाक लेल।.. उृ काशन कुम ् अंतम र्नक लेलबधाइ। अुत काज कएल अिछ, नीक ुित अिछ सातखमे। मुदा अहा ँक सेवा आ से िनःाथ र् तखन ब ूझलजाइत जँ अहा ँ ारा कािशत पोथी सभपर दाम िलखल निहरिहतैक। ओिहना सभकेँ िवलिह देल जइतैक। (ीकरण-ीमान, ् अहा ँक स ूचनाथ र् िवदेह ारा ई-कािशत कएल सभटासामी आका र्इवमेht t ps:// si t es. googl e. coma / / vi deha. comvi / deha-pot hi / पर िबना म ूक डाउनलोड लेल उपल छै आभिवमे सेहो रहतैक। एिह आका र्इवकेँ जे िकयो काशकअमित लऽ कऽ िंट पमे कािशत कए छिथ आ तकर ओदाम रख छिथ तािहपर हमर को िनय ंण निह अिछ।-गजे ठाकुर)... अहा ँक ित अशेष शुभकामनाक संग।१७. डा. मश ंकर िसंह- अहा ँ मैिथलीमे इ ंटरटपर पिहलपिका "िवदेह" कािशत कए अपन अुत माभाषारागकपिरचय देल अिछ, अहा ँक िनःाथ र् माभाषारागसँ िरत छी,एकर िनिम जे हमर सेवाक योजन हो, तँ सिचत ू करी।इ ंटरटपर आोपा ंत पिका देखल, मन फुित भऽ गेल।१८.ीमती शेफािलका वमा र्- िवदेह ई-पिका देिख मोन उाससँभिर गेल। िवज्ञान कतेक गित कऽ रहल अिछ...अहा ँ सभअन आकाशकेँ भेिद िदयौ, सम िवारक रहकेँ तार-तार397


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAकऽ िदयौक...। अपक अुत पुक कुम ् अंतम र्नकिवषयवुक दिसँ ृ गागरमे सागर अिछ। बधाई।१९.ी हेतुकर झा, पटना-जािह समप र्ण भावसँ अप िमिथला-मैिथलीक सेवामे तर छी से ु अिछ। देशक राजधानीसँभय रहल मैिथलीक श ंखनाद िमिथलाक गाम-गाममे मैिथलीचेतनाक िवकास अव करत।२०. ी योगान झा, किबलपुर, लहेिरयासराय- कुम ्अंतम र्नक पोथीकेँ िनकटसँ देखबाक अवसर भेटल अिछ आमैिथली जगतक एकटा उट ओ समसामियक दिसृहाक्षरक कलमब पिरचयसँ आािदत छी। "िवदेह"कदेवनागरी सँरण पटनामे . 80/- मे उपल भऽ सकल जेिविभ लेखक लोकिनक छायािच, पिरचय पक ओ रचनावलीकसक काशनसँ ऐितहािसक कहल जा सकैछ।२१. ी िकशोरीका िम- कोलकाता- जय मैिथली, िवदेहमेबहुत रास किवता, कथा, िरपोट र् आिदक सिच संह देिख आआर अिधक सता िमिथलाक्षर देिख- बधाई ीकार कएलजाओ।२२.ी जीवका- िवदेहक मुित <strong>अंक</strong> पढल- अुतमेहनित। चाबस-चाबस। िकछु समालोचना मरखाह..मुदा स।२३. ी भालच झा- अपक कुम ् अंतम र्नक देिखब ुझाएल जेना हम अप छपलहँ ु अिछ। एकर िवशालकायआकृित अपक सव र्समावेशताक पिरचायक अिछ। अपक रचनासामर्मे उरोर वि ृ हो, एिह शुभकामनाक संग हािद र्कबधाई।398


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA२४.ीमती डा नीता झा- अहा ँक कुम ् अंतम र्नक पढलहँ।ुोितरीर शावली, कृिष मत् शावली आ सीत बस आसभ कथा, किवता, उपास, बाल-िकशोर सािह सभ उमछल। मैिथलीक उरोर िवकासक ल दिगोचर ृ होइतअिछ।२५.ी मायान िम- कुम ् अंतम र्नक मे हमर उपासस्ीधनक जे िवरोध कएल गेल अिछ तकर हम िवरोध करैतछी।... कुम ् अंतम र्नक पोथीक लेल शुभकामना।(ीमान ्समालोचनाकेँ िवरोधक पमे निह लेल जाए।-गजे ठाकुर)२६.ी महे हजारी- सादक ीिमिथला- कुम ् अंतम र्नकपिढ मोन हिष र्त भऽ गेल..एखन प ूरा पढयमे बहुत समयलागत, मुदा जतेक पढलहँ ु से आािदत कएलक।२७.ी केदारनाथ चौधरी- कुम ् अंतम र्नक अुत लागल,मैिथली सािह लेल ई पोथी एकटा ितमान बनत।२८.ी सान पाठक- िवदेहक हम िनयिमत पाठक छी। ओकरपक श ंसक छलहँ। ु एर अहा ँक िलखल - कुम ्अंतम र्नक देखलहँ। ु मोन आािदत भऽ उठल। को रचनातरा-उपरी।२९.ीमती रमा झा-सादक िमिथला दप र्ण। कुम ्अंतम र्नक िंट फ◌ॉम र् पिढ आ एकर गुणवा देिख मोन सभऽ गेल, अुत श एकरा लेल यु कऽ रहल छी।िवदेहक उरोर गितक शुभकामना।399


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA३०.ी नरे झा, पटना- िवदेह िनयिमत देखैत रहैत छी।मैिथली लेल अुत काज कऽ रहल छी।३१.ी रामलोचन ठाकुर- कोलकाता- िमिथलाक्षर िवदेह देिखमोन सतासँ भिर उठल, <strong>अंक</strong>क िवशाल पिरद ृ आकारीअिछ।३२.ी तारान िवयोगी- िवदेह आ कुम ् अंतम र्नक देिखचकिबदोर लािग गेल। आय र्। शुभकामना आ बधाई।३३.ीमती मलता िम “म”- कुम ् अंतम र्नक पढलह ु ँ।सभ रचना उकोिटक लागल। बधाई।३४.ी कीितर्नारायण िम- बेग ूसराय- कुम ् अंतम र्नक बनीक लागल, आगा ंक सभ काज लेल बधाई।३५.ी महाकाश-सहरसा- कुम ् अंतम र्नक नीक लागल,िवशालकाय संगिह उमकोिटक।३६.ी अिपु- िमिथलाक्षर आ देवाक्षर िवदेह पढल..ई थमतँ अिछ एकरा श ंसामे मुदा हम एकरा द ुाहिसक कहब।िमिथला िचकलाक केँ मुदा अिगला <strong>अंक</strong>मे आर िवृतबनाऊ।३७.ी म ंजर सुलेमान-दरभंगा- िवदेहक जतेक श ंसा कएलजाए कम होएत। सभ चीज उम।400


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA३८.ीमती ोफेसर वीणा ठाकुर- कुम ् अंतम र्नक उम,पठनीय, िवचारनीय। जे ो देखैत छिथ पोथी ा करबाकउपाय पुछैत छिथ। शुभकामना।३९.ी छान िसंह झा- कुम ् अंतम र्नक पढलह ु ँ, ब नीकसभ तरहेँ।४०.ी ताराका झा- सादक मैिथली दैिनक िमिथला समाद-िवदेह तँ कटेट ोवाइडरक काज कऽ रहल अिछ।कुम ् अंतम र्नक अुत लागल।४१.डा रवी कुमार चौधरी- कुम ् अंतम र्नक बहुत नीक,बहुत मेहनितक पिरणाम। बधाई।४२.ी अमरनाथ- कुम ् अंतम र्नक आ िवदेह द ुन ू रणीयघटना अिछ, मैिथली सािह म।४३.ी पंचानन िम- िवदेहक वैिव आ िनररता भािवतकरैत अिछ, शुभकामना।४४.ी केदार कानन- कुम ् अम र्नक लेल अक धवाद,शुभकामना आ बधाइ ीकार करी। आ निचकेताक भूिमकापढलहँ। ु शुमे तँ लागल जेना को उपास अहा ँ ारासिजत ृ भेल अिछ मुदा पोथी उनटौला पर ज्ञात भेल जेएिहमे तँ सभ िवधा समािहत अिछ।४५.ी धनाकर ठाकुर- अहा ँ नीक काज कऽ रहल छी। फोटोगैलरीमे िच एिह शताीक जितिथक असार रहैत तऽनीक।401


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA४६.ी आशीष झा- अहा ँक पुकक संब ंधमे एतबा िलखबा सँअपना कए निह रोिक सकलहँ ु जे ई िकताब मा िकताब निहथीक, ई एकटा उीद छी जे मैिथली अहा ँ सन पुक सेवा सँिनर ंतर सम ृ होइत िचरजीवन कए ा करत।४७.ी शु कुमार िसंह- िवदेहक तरता आ ियाशीलता देिखआािदत भऽ रहल छी। िनितपेण कहल जा सकैछ जेसमकालीन मैिथली पिकाक इितहासमे िवदेहक नाम णा र्क्षरमेिलखल जाएत। ओिह कुक घटना सभ तँ अठारहे िदनमेखतम भऽ गेल रहए मुदा अहा ँक कुम ् तँ अशेष अिछ।४८.डा. अजीत िम- अपक यासक कतबो श ंसा कएल जाएकमे होएतैक। मैिथली सािहमे अहा ँ ारा कएल गेल काजयुग-युगार धिर प ूजनीय रहत।४९.ी बीरे मिक- अहा ँक कुम ् अम र्नक आिवदेह:सदेह पिढ अित सता भेल। अहा ँक ा ठीक रहएआ उाह बनल रहए से कामना।५०.ी कुमार राधारमण- अहा ँक िदशा-िनदेर्शमे िवदेह पिहलमैिथली ई-जन र्ल देिख अित सता भेल। हमर शुभकामना।५१.ी फूलच झा वीण-िवदेह:सदेह पढ रही मुदाकुम ् अम र्नक देिख बढाई देबा लेल बा भऽ गेलहु ँ।आब िवास भऽ गेल जे मैिथली निह मरत। अशेषशुभकामना।५२.ी िवभूित आन- िवदेह:सदेह देिख, ओकर िवार देिखअित सता भेल।402


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA५३.ी मार मज-कुम ् अम र्नक एकर भता देिखअित सता भेल, एतेक िवशाल मैिथलीमे आइ धिर निहदेख रही। एिहना भिवमे काज करैत रही, शुभकामना।५४.ी िवान झा- आइ.आइ.एम.कोलकाता- कुम ्अम र्नक िवार, छपाईक संग गुणवा देिख अित सताभेल।५५.ी अरिव ठाकुर-कुम ् अम र्नक मैिथली सािहमेकएल गेल एिह तरहक पिहल योग अिछ, शुभकामना।५६.ी कुमार पवन-कुम ् अम र्नक पिढ रहल छी। िकछुलघ ुकथा पढल अिछ, बहुत मािम र्क छल।५७. ी दीप िबहारी-कुम ् अम र्नक देखल, बधाई।५८.डा मिणका ठाकुर-कैिलफोिन र्या- अपन िवलक्षण िनयिमतसेवासँ हमरा लोकिनक दयमे िवदेह सदेह भऽ गेल अिछ।५९.ी धीरे मिष र्- अहा ँक सम यास सराहनीय। द ुखहोइत अिछ जखन अहा ँक यासमे अपेिक्षत सहयोग निह कऽपबैत छी।६०.ी देवश ंकर नवीन- िवदेहक िनररता आ िवशाल प-िवशाल पाठक व, एकरा ऐितहािसक बनबैत अिछ।६१.ी मोहन भाराज- अहा ँक सम काय र् देखल, बहुत नीक।एखन िकछु परेशानीमे छी, मुदा शी सहयोग देब।403


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA६२.ी फजलुर रहमान हाशमी-कुम ् अम र्नक मे एतेकमेहनतक लेल अहा ँ साध ुवादक अिधकारी छी।६३.ी लण झा "सागर"- मैिथलीमे चमािरक पेँ अहा ँकवेश आादकारी अिछ।..अहा ँकेँ एखन आर..द ूर..बहुत द ूरधिरजेबाक अिछ। आ स रही।६४.ी जगदीश साद म ंडल-कुम ् अम र्नक पढलहँ ु ।कथा सभ आ उपास सहबाढिन प ूण र्पेँ पिढ गेल छी।गाम-घरक भौगोिलक िववरणक जे स ू वण र्न सहबाढिनमेअिछ, से चिकत कएलक, एिह संहक कथा-उपास मैिथलीलेखनमे िविवधता अनलक अिछ। समालोचना शास्मे अहा ँकदि ृ वैयिक निह वरन ् सामािजक आ काणकारी अिछ, सेश ंसनीय।६५.ी अशोक झा-अक्ष िमिथला िवकास पिरषद- कुम ्अम र्नक लेल बधाई आ आगा ँ लेल शुभकामना।६६.ी ठाकुर साद मुमुर्- अुत यास। धवादक संगाथ र्ना जे अपन मािट-पािनकेँ ानमे रािख <strong>अंक</strong>क समायोजनकएल जाए। नव <strong>अंक</strong> धिर यास सराहनीय। िवदेहकेँ बहुत-बहुत धवाद जे एहेन सुर-सुर सचार (आलेख) लगा रहलछिथ। सभटा हणीय- पठनीय।६७.ब ु िनाथ िम- िय गजे जी,अहा ँक सादन मे कािशत‘िवदेह’आ ‘कुम ् अंतम र्नक’ िवलक्षण पिका आ िवलक्षणपोथी! की निह अिछ अहा ँक सादनमे? एिह य सँमैिथली क िवकास होयत,िनंदेह।404


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA६८.ी ब ृखेश च लाल- गजेजी, अपक पुककुम ् अंतम र्नक पिढ मोन गदगद भय गेल , दयसँअगृिहत छी । हािद र्क शुभकामना ।६९.ी परमेर कापिड - ी गजे जी । कुम ्अंतम र्नक पिढ गदगद आ हाल भेलह ु ँ।७०.ी रवीनाथ ठाकुर- िवदेह पढैत रहैत छी। धीरेमिष र्क मैिथली गजलपर आलेख पढलहँ। ु मैिथली गजल कऽसँ कऽ चिल गेलैक आ ओ अपन आलेखमे मा अपन जानल-पिहचानल लोकक चच र् कए छिथ। जेना मैिथलीमे मठकपररा रहल अिछ। (ीकरण- ीमान, ् मिष र् जी ओिहआलेखमे ई िलख छिथ जे िकनको नाम जे छुिट गेलछि तँ से मा आलेखक लेखकक जानकारी निह रहबाक ारे,एिहमे आन को कारण निह देखल जाय। अहा ँसँ एिहिवषयपर िवृत आलेख सादर आमित ं अिछ।-सादक)७१.ी म ंर झा- िवदेह पढल आ संगिह अहा ँक मैगनम ओपसकुम ् अंतम र्नक सेहो, अित उम। मैिथलीक लेल कएलजा रहल अहा ँक सम काय र् अतुलनीय अिछ।७२. ी हरेकृ झा- कुम ् अंतम र्नक मैिथलीमे अपनतरहक एकमा अिछ, एिहमे लेखकक सम दि ृ आ रचनाकौशल देखबामे आएल जे लेखकक फील्डवकर्सँ ज ुडल रहबाककारणसँ अिछ।७३.ी सुका सोम- कुम ् अंतम र्नक मे समाजकइितहास आ वतर्मानसँ अहा ँक ज ुडाव ब नीक लागल, अहा ँ एिहमे आर आगा ँ काज करब से आशा अिछ।405


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA७४.ोफेसर मदन िम- कुम ् अंतम र्नक सन िकताबमैिथलीमे पिहले अिछ आ एतेक िवशाल संहपर शोध कएल जासकैत अिछ। भिवक लेल शुभकामना।७५.ोफेसर कमला चौधरी- मैिथलीमे कुम ् अंतम र्नक सनपोथी आबए जे गुण आ प द ुन ूमे िनन होअए, से बहुतिदनसँ आका ंक्षा छल, ओ आब जा कऽ प ूण र् भेल। पोथी एकहाथसँ दोसर हाथ घिम ु रहल अिछ, एिहना आगा ँ सेहो अहा ँसँआशा अिछ।७६.ी उदय च झा "िवद": गजेजी, अहा ँ जतेक काजकएलहँ ु अिछ से मैिथलीमे आइ धिर िकयो निह कए छल।शुभकामना। अहा ँकेँ एखन बहुत काज आर करबाक अिछ।७७.ी कृ कुमार कप: गजे ठाकुरजी, अहा ँसँ भेँट एकटारणीय क्षण बिन गेल। अहा ँ जतेक काज एिह बएसमे कऽगेल छी तािहसँ हजार गुणा आर बेशीक आशा अिछ।७८.ी मिणका दास: अहा ँक मैिथलीक काय र्क श ंसा लेल शनिह भेटैत अिछ। अहा ँक कुम ् अम र्नक सूण र् पेँपिढ गेलहु ँ। ाह ब नीक लागल।िवदेह406


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHAमैिथली सािह आोलन( c)२००४-१०. सवािधकार र् लेखकाधीन आ जतय लेखकक नाम निहअिछ ततय संपादकाधीन। िवदेह- थम मैिथली पािक्षक ई-पिका I SSN 2229-547X VI DEHA सादक: गजेठाकुर। सह-सादक: उमेश म ंडल। सहायक सादक: िशवकुमार झा आ मुाजी (मज कुमार कण)। र् भाषा-सादन:नागे कुमार झा आ पीकार िवान झा। कला-सादन:ोित सुनीत चौधरी आ रि रेखा िसा। सादक-शोध-अेषण: डा. जया वमा र् आ डा. राजीव कुमार वमा र्।रचनाकार अपन मौिलक आ अकािशत रचना (जकरमौिलकताक संप ूण र् उरदािय लेखक गणक म छि)ggaj endr a@ vi deha. com केँ मेल अटैचमेक पमेँ.doc, . docx, . r t f वा .t xt फ◌ॉमे र्टमे पठा सकैत छिथ।रचनाक संग रचनाकार अपन संिक्ष पिरचय आ अपन ैन कएलगेल फोटो पठेताह, से आशा करैत छी। रचनाक अंतमेटाइप रहय, जे ई रचना मौिलक अिछ, आ पिहल काशनकहेतु िवदेह (पािक्षक) ई पिकाकेँ देल जा रहल अिछ। मेला होयबाक बाद यथासंभव शी ( सात िदनक भीतर) एकरकाशनक <strong>अंक</strong>क स ूचना देल जायत। ’िवदेह' थम मैिथलीपािक्षक ई पिका अिछ आ एिहमे मैिथली, संृत आ अंजीमेिमिथला आ मैिथलीसँ संबिधत ं रचना कािशत कएल जाइतअिछ। एिह ई पिकाकेँ ीमित ली ठाकुर ारा मासक ०१आ १५ ितिथकेँ ई कािशत कएल जाइत अिछ।407


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightlye Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका 'िवदेह' ७२ म <strong>अंक</strong> १५ िदसम्बर २०१०(वषर् ३ मास ३६ <strong>अंक</strong> ७२)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संकृताम्ISSN 2229-547X VIDEHA( c) 2004-10 सवािधकार र् सुरिक्षत। िवदेहमे कािशतसभटा रचना आ आका र्इवक सवािधकार र् रचनाकार आ संहका र्कलगमे छि। रचनाक अवाद आ पुनः काशन िकं वाआका र्इवक उपयोगक अिधकार िकनबाक हेतुggaj endr a@ vi deha. co. i n पर संपकर् क। एिहसाइटकेँ ीित झा ठाकुर, मधिलका ू चौधरी आ रि िया ारािडजाइन कएल गेल।िसिरु408

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