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Videha ‘िवदेह’

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<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्e-mai l :publ i cat i on.comshr ut i . publ i cat i on@ shr ut i -(िवज्ञापन)२.संदेश१.ी ो. उदय नारायण िसंह "निचकेता"- जे काज अहा ँ कए रहल छीतकर चरचा एक िदन मैिथली भाषाक इितहासमे होएत। आन भएरहल अिछ, ई जािन कए जे एतेक गोट मैिथल "िवदेह" ई जन र्लकेँपढ़ि◌ रहल छिथ।२.ी ड◌ॉ. गंगेश गुंजन- एिह िवदेह-कम र्मे लािग रहल अहा ँक सेदनशीलमन, मैिथलीक ित समिप र्त मेहनितक अम ृत र ंग, इितहास मे एक टािविश फराक अाय आर ंभ करत, हमरा िवास अिछ। अशेष शुभकामनाआ बधाइक स, सेह|३.ी रामाय झा "रामर ंग"- "अपना" िमिथलासँ संबिधत...िवषय ंवुसँअवगत भेलहु ँ।...शेष सभ कुशल अिछ।10


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्४.ी जे िपाठी, सािह अकादमी- इ ंटरट पर थम मैिथली पािक्षकपिका "िवदेह" केर लेल बाधाई आऽ शुभकामना ीकार क।५.ी फुकुमार िसंह "मौन"- थम मैिथली पािक्षक पिका "िवदेह" ककाशनक समाचार जािन कक चिकत मुदा बेसी आािदत भेलहु ँ।कालचकेँ पकड़ि◌ जािह द ूरदृ िक पिरचय देलहु ँ , ओिह लेल हमरम ंगलकामना।६.ी ड◌ॉ. िशवसाद यादव- ई जािन अपार हष र् भए रहल अिछ, जे नवस ूचना-ािक मे मैिथली पकािरताकेँ वेश िदअएबाक साहिसककदम उठाओल अिछ। पकािरतामे एिह कारक नव योगक हम ागतकरैत छी, संगिह "िवदेह"क सफलताक शुभकामना।७.ी आाचरण झा- को प-पिकाक काशन- ताहूमे मैिथलीपिकाक काशनमे के कतेक सहयोग करताह- ई तऽ भिव कहत।ई हमर ८८ वष र्मे ७५ वष र्क अभव रहल। एतेक पैघ महान यज्ञमेहमर ाप ूण र् आहुित ा होयत- यावत ठीक-ठाक छी/ रहब।८.ी िवजय ठाकुर, िमिशगन िविवालय- "िवदेह" पिकाक अंक देखलहु ँ ,सूण र् टीम बधाईक पा अिछ। पिकाक म ंगल भिव हेतु हमरशुभकामना ीकार कएल जाओ।९. ी सुभाषच यादव- ई-पिका ’िवदेह’ क बारेमे जािन सताभेल। ’िवदेह’ िनरर पिवत-पुित हो आऽ चतुिद र्क अपन सुगंधपसारय से कामना अिछ।१०.ी मैिथलीपु दीप- ई-पिका ’िवदेह’ केर सफलताक भगवतीसँकामना। हमर प ूण र् सहयोग रहत।11


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्११.ड◌ॉ. ी भीमनाथ झा- ’िवदेह’ इटरट पर अिछ तेँ ’िवदेह’ नामउिचत आर कतेक पेँ एकर िववरण भए सकैत अिछ। आइ-कािमोनमे उेग रहैत अिछ, मुदा शी प ूण र् सहयोग देब।१२.ी रामभरोस कापड़ि◌ मर, जनकपुरधाम- "िवदेह" ऑनलाइन देिखरहल छी। मैिथलीकेँ अराष्ीय र् जगतमे पहु ँचेलहु ँ तकरा लेल हािद र्कबधाई। िमिथला र सभक संकलन अप ूव र्। पालोक सहयोग भेटत सेिवास करी।१३. ी राजनन लालदास- ’िवदेह’ ई-पिकाक मामसँ बड़ नीक काजकए रहल छी, नाितक एिहठाम देखलहु ँ। एकर वािष र्क अ ंक जखन ि टिनकालब तँ हमरा पठायब। कलकामे बहुत गोटेकेँ हम साइटक पतािलखाए दे िछयि। मोन तँ होइत अिछ जे िदी आिब कए आशीवा र्ददैतहु ँ , मुदा उमर आब बेशी भए गेल। शुभकामना देश-िवदेशकमैिथलकेँ जोड़बाक लेल।१४. ड◌ॉ. ी मश ंकर िसंह- अहा ँ मैिथलीमे इ ंटरटपर पिहल पिका"िवदेह" कािशत कए अपन अुत माभाषारागक पिरचय देल अिछ,अहा ँक िनःाथ र् माभाषारागसँ िरत छी, एकर िनिम जे हमर सेवाकयोजन हो, तँ सिचत ू करी। इ ंटरटपर आोपा ंत पिका देखल, मनफुित भ' गेल।(c)२००८. सवािधकार र् लेखकाधीन आऽ जतय लेखकक नाम निह अिछ ततय संपादकाधीन।िवदेह (पािक्षक) संपादक- गजे ठाकुर। एतय कािशत रचना सभक क◌ॉपीराइट लेखक लोकिनकलगमे रहति, मा एकर थम काशनक/ आका र्इवक/ अंजी-संृत अवादक ई-काशन/आका र्इवक अिधकार एिह ई पिकाकेँ छैक। रचनाकार अपन मौिलक आऽ अकािशत रचना (जकरमौिलकताक संप ूण र् उरदािय लेखक गणक म छि) ggaj endr a@ yahoo. co. i n आिकggaj endr a@ vi deha. com केँ मेल अटैचमेक पमेँ . doc, . docx, . r t f वा . txtफ◌ॉमे र्टमे पठा सकैत छिथ। रचनाक संग रचनाकार अपन संिक्ष पिरचय आ’ अपन ैन कएल गेल12


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्फोटो पठेताह, से आशा करैत छी। रचनाक अंतमे टाइप रहय, जे ई रचना मौिलक अिछ, आऽपिहल काशनक हेतु िवदेह (पािक्षक) ई पिकाकेँ देल जा रहल अिछ। मेल ा होयबाक बादयथासंभव शी ( सात िदनक भीतर) एकर काशनक अंकक स ूचना देल जायत। एिह ई पिकाकेँीमित ली ठाकुर ारा मासक 1 आ’ 15 ितिथकेँ ई कािशत कएल जाइत अिछ।महत्प ूण र् स ूचना (१):महत्प ूण र् स ूचना: ीमान ् निचकेताजीक नाटक " एंी: मा िवश" केर 'िवदेह'मे ई-कािशत प देिख कए एकर िंट पमे काशनक लेल 'िवदेह' केर समक्ष "ुित काशन"केर ाव आयल छल। ी निचकेता जी एकर िंट प करबाक ीकृित दए देलि। िंट पहाडर्बाउड (I SBN NO978 . -81-907729-0-7 म ू .१२५/- य.एस. ू ड◌ॉलर ४०) आऽ पेपरबैक( I SBN No . 978-81-907729-1-4 म ू . ७५/- य ूएस.ड◌ॉलर २५/-) मे ुित काशन, १/७,ितीय तल, पटेल नगर (प.) नई िदी-११०००८ ारा छापल गेल अिछ। e-mai l :shr ut i . publ i cat i on@ shr ut i -publ i cat i on. com websi t e: http:// wwwshruti . -publ i cat i on.comमहत्प ूण र् स ूचना:(२) 'िवदेह' ारा कएल गेल शोधक आधार पर १.मैिथली-अंजी श कोश२.अंजी-मैिथली श कोश आऽ ३.िमिथलाक्षरसँ देवनागरी पाुिलिप िलारण-पी-ब डाटाबेशुित पिब्लकेशन ारा िट फ◌ॉम र्मे कािशत करबाक आह ीकार कए लेल गेल अिछ। पुक-ािक िविधक आऽ पोथीक म ूक स ूचना एिह प ृ पर शी देल जायत।महत्प ूण र् स ूचना:(३) 'िवदेह' ारा धारावािहक पे ई-कािशत कएल जा' रहल गजे ठाकुरक'सहबाढ़िन'(उपास), 'ग-गु'(कथा संह) , 'भालसिर' (प संह), 'बालाना ं कृते', 'एकाी संह','महाभारत' 'ब ु चिरत' (महाका)आऽ 'याा व ृा ंत' िवदेहमे संप ूण र् ई-काशनक बाद िंट फ◌ॉम र्मेकािशत होएत। काशकक, काशन ितिथक, पुक-ािक िविधक आऽ पोथीक म ूक स ूचना एिह प ृपर शी देल जायत।महत्प ूण र् स ूचना (४): "िवदेह" केर २५म अंक १ जनवरी २००९, ई-कािशत तँ होएबे करत, संगमेएकर िंट संरण सेहो िनकलत जािहमे पुरान २४ अंकक चुनल रचना सििलत कएल जाएत।महप ूण र् स ूचना (५): १५-१६ िसतर २००८ केँ इिरा गा ँधी राष्ीय कला के, मान िसंह रोड नईिदीमे होअयबला िबहार महोवक आयोजन बाढ़ि◌क कारण अिनितकाल लेल िगत कए देल गेलअिछ।मैलोर ंग अपन सा ंृितक काय र्मकेँ बाढ़ि◌केँ देखैत अिगला स ूचना धिर िगत कए देलक अिछ।२.ग२.१.कथा 1.सुभाषच यादव 2.अनलका ंत२.२.बी. पीं कोइराला कृत मोिदआइन मैिथली पारण ब ृषेश च लाल13


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्२.३.उपास- चमेली रानी- केदारनाथ चौधरी२.४. १.मैिथली भाषा आ सािह - मश ंकर िसंह २.. राजकमल चौधरीपर-ड◌ॉ. देवश ंकर नवीन (आगा ँ)२.५.1.सगर राित दीप जरय मैिथली कथा लेखनक मे शा ाि-डा.रमान झा ‘रमण‘ 2. िमिथला िवभूित पं मोदान झा-ोफेसर रेरिम२.६. 1.संिवधानसभा, संघीय संरचना आ िमिथला राक औिच-शीतल झा2.लघ ुकथा- कुमार मज कप 3. दैिनकी- ोित२.७. िरपोता र्ज- 1.अरािष्य मैिथली सेलन आ पाल रामभरोस कापिड‘मर’ 2. नवेु कुमार झा 3. पाल िचएबाक अिभयान - िजते झा .२.८. 1.िवचार-राष्मुखके उपेक्षा,अिनक संकेत,ामसुर शिश,दोहा,कतार2. िवापित-िनिमष झाकथा१. सुभाषच यादव २. ी अनलका ंतिच ी सुभाषच यादव छायाकार: ी साकेतानसुभाष च यादव, कथाकार, समीक्षक एव ं अवादक, ज ०५ माच र् १९४८, माक दीवानगंज,सुपौलमे। पैक ान: बलबा-मेनाही, सुपौल- मध ुबनी। आरिक िशक्षा दीवानगंज एव ं सुपौलमे।14


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्पटना क◌ॉलेज, पटनासँ बी.ए.। जवाहरलाल ह िविवालय, नई िदीसँ िहीमे एम.ए. तथापी.एह.डी.। १९८२ सँ अापन। सम्ित: अक्ष, ातकोर िही िवभाग, भूपे नारायण म ंडलिविवालय, पिमी पिरसर, सहरसा, िबहार। मैिथली, िही, ब ंगला, संृत, उद, ूर् अंजी, ेिनश एव ंंच भाषाक ज्ञान।ंकाशन: घरदेिखया (मैिथली कथा-संह), मैिथली अकादमी, पटना, १९८३, हाली (अंजीसँ मैिथलीअवाद), सािह अकादमी, नई िदी, १९८८, बीछल कथा (हिरमोहन झाक कथाक चयन एव भूिमका),सािह अकादमी, नई िदी, १९९९, िबहाड़ि◌ आउ (ब ंगला सँ मैिथली अवाद), िकसुन संक लोक, सुपौल,१९९५, भारत-िवभाजन और िही उपास (िही आलोचना), िबहार राष्भाषा पिरषद, ् पटना, २००१,राजकमल चौधरी का सफर (िही जीवनी) सारा ंश काशन, नई िदी, २००१, मैिथलीमे करीब सिर टाकथा, तीस टा समीक्षा आ िही, ब ंगला तथा अंजी मे अक अवाद कािशत।भूतप ूव र् सद: सािह अकादमी परामश र् म ंडल, मैिथली अकादमी काय र्-सिमित, िबहार सरकारक सा ंृितकनीित-िनधारण र् सिमित।आतंकओ किहयो हमरा संग बी. ए. मे पढ़◌ैत रहय । ओकरा सँजँ फेर भेंट निहहोइत तऽ म निह पड़ि◌तय जे ओ किहयो संग-संग पढ़◌ैत छल। हम ओकरािचबो निह कयिलऐक । वैह िचलक आ नाम लैत टोक रहय — ’िचै छी ?’ओकर आिवास आ मैीप ूण र् रसँ कक चिकत आ स होइत हम मोन पाड़यलागल रही जे ओ के अिछ ।एम. पी. क एलेन होमय बला रहैक । हम एलेन ूटीमे आयल रही। ओहोएले ूटी मे होयत । ढेरी लोक एिह काजसँ आयल रहय । ओ ेह-भाव सँमुिआइत रहय जेना िबसिर जेबाक उलहन दैत हो । ओकर मुीसँ हम अपनाकेँअसहज आ हााद अभव करऽ लागल रही । एहन िितमे ओकरा िचब आठेकनायब मुिश्कल छल ।’निह चीि सकलह ु ँ।’ - हम हािर कऽ कहिलऐक। ओकरा निह चीि सकबाक हमराठीके अफसोस भेल रहय ।’हम हिरव ंश !’ - ओ अपन पिरचय देलक ।’अरे, हिरव ंश ! ओह, एकदे निह चीि सकलहु ँ । ततेक िदन भऽ गेलै आ एिहबीच अहा ँ ततेक बदिल गेलहु ँ जे िचब किठन छल । हम किहयो अंदाजो निह कऽसकैत रही जे अहा ँ सँ एतेक िदनक बाद आ सेहो एिहठाम भेंट भऽ जायत ।कतऽ छी ?’ - अपन ूनता केँ झा ँपक लेल हम एे सा ँसमे ई सभ किह गेल15


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्रही ।हिरव ंश हमर िमक िम रहय। ओकर संग-साथमे कतेको समय बीतल होयत ।मुदा हम ओकर आीय बिन सकिलऐक वैह हमर आीय बिन सकल । हमरआ हिरव ंशक बीचक सकेँ फिरछायब किठन अिछ । ओकरा औपचािरके कहब बेसीठीक होयत । भेंट तऽ होइत रहय, िकु भेंटक आविक ृ अपातमे जे घिनताहेबाक चाही से निह भेल । िसल पर पड़त िनसान बला कहबी टा चिरताथ र् भेल ।हम एक-दोसराकेँ चीि गेलहु ँ फेर किहयो निह िबसरबाक लेल । तखन ई सभकोना घिटत भेल ? हम कोना ओकरा िबसिर गेिलऐक ? भिरसक हिरव ंश सँभीतरी लगाव निह हेबाक कार एना भेल हैत वा जीवनमे आयल अक पिरवर्नककार भेल होइ। लेिकन तखन ओ िकएक िबसरल ? ओकरा िबसरब भिरसकहमरे ृित-दोषक पिरणाम छल ।हिरव ंश जे कहलक तािहसँ पता चलल जे ओ हमरे कामत वला ब्ल◌ॉकमे बी. डीओ. अिछ आ अखन एलेनमे ा ंसपोटबला र् काज सारय आयल अिछ। ई जिनतेहमर ाथ र्-बि ु सिय भऽ उठल । कामतबला ब्ल◌ॉकमे कैक सालसँ लसकल दािखलखािरजबला काज मोन पड़ि◌ गेल आ अखन जे ा ंसपोटबला र् काजसँ आयल छी सेहिरव ंशक रह को बढ़ि◌या ँ जीप भेिट जायत । निह तऽ कोन ठेकान जेजीपक बदलामे रे दऽ िदअय। हमरा िदमागमे ईहो बात तुर ंत आिब गेल जेआब एलेनक एिह हूिलमािल आ बालु-गरदासँ जान बचत; जिए छुटकारा भेिटजायत । अपन ई सभ फायदा देिख हिरव ंशक ित जेना अितिर ेह उमड़ि◌आयल । ओिह ेह-वाहमे हम ओकरा कहिलऐक - ’अरे वाह ! अहा ँ तऽ हमरकतेको काज कऽ सकैत छी । एकटा तऽ ई जे अही ं क ब्लाक मे हमर दािखल-खािरज वला काज कैक सालसँ अटकल अिछ आ दोसर जे हमरा नीक सन जीप िदआिदअऽ।’ई सभ सुिन हिरव ंशक चेहरा पर जे ेहिस दोाना मुी रहैक से लु भऽगेलैक आ तकर बदलामे एकटा कामकाजी उबाऊ भाव आिब गेलैक । ओ बाजल —’किहयो ब्लाकआउ, भऽ जेतै ।’ आ गाड़◌ीवला कागज हमरा हाथसँ लैत एकटा टेब ुल िदस बढ़ि◌गेल । हम ओकर पछोर धऽ ले रही । हिरव ंशक मुँह-कान आ देह-दशा सलोक जका ँ गोल-ठोल आ भरल-प ूरल रहैक । ओकर फूलपै ंट-कमीज साफ झकझकआ ीजसँ तनल रहैक । जूता चमचमाइत रहैक। ओकर पिहरावा उपदपदािधकारीक अप दप र् आ भु बला भाव छोड़◌ैत रहैक । टेब ुल लग लगपहु ँिच टेब ुलक चाकात घोिदआयल लोककेँ ठेलैत आ ’हटू’ कहैत हिरव ंश कुरसी पर16


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्जा कऽ बैिस गेल । हम कुरसीक कातमे ठाढ़ भऽ गेल रही । ओिहठाम औरको कुरसी निह रहैक जे हिरव ंश हमरा बैसऽ लेल कहैत । कागजी औपचािरकताप ूरा केलाक बाद ओ हमरा जरी कागज सभ दऽ देलक । हम ओिह ान िदस िवदाभऽ गेलहु ँ जतय जेबाक लेल ओ कह रहय । गाड़ ीक ाइवर कोरो चल गेलछलै आ ओकर तीक्षा मे हमरा आध घंटा आरो िबलमय पड़ल । ओिह आध घंटामेहिरव ंश सँ एक बेर और भेंट भेल आ कक काल घरौआ गपशप होइत रहल ।बाल-बा, ओकर पढ़◌ाइ-िलखाइ आ आन दो िमक स मे ।वोटक िगनतीक समय हिरव ंश सँ देखा-देखी भेल, ग निह भऽ सकल । यिपओकरा देिखते हमरा भीतर िबजली जका ँ एकटा भावावेग चमकल , मुदा पिरचय आिमताक सुखायल स्ोतक कार ओ भावावेग िबला गेल । हिरव ंश िकछु निह बाजल। ओ मौका अपचािरक गपशप लेल रहबो निह करैक । ओ अपन विरपदािधकारी सभक बीच बैसल रहय ।एिह सुखायल भेंटक कैक मास उपरा एक िदन ओ बजारमे टकरा गेल । ओहाथमे झोरा ले तरकारी कीनय जाइत रहय । ओिह िदन ओ हमरा आअमन ब ुझायल। जी-जी म ूर-टमाटर बेसाहलक आ चिल गेल । हम ओकरासँहालचाल पिछितऐक, ूलेिकन ओकर चेहरा देिख कऽ हालचाल पुछनाइ नीरस आ फालतूब ुझायल। मुदा िनरथ र्कताक अभव किरतो जे गप हम शु कयलहु ँ सेहो िनरानंदेछल । हम ओकरा कहिलऐक - ’एिह बीच कतेको बेर सोचलहु ँ जे ब्ल◌ॉक जाइ,लेिकन सोिचए कऽ रिह गेलहु ँ।’’आउ । को सोम वा ब ुधकेँ आउ, जिहया कम र्चारी रहैत छैक ।’ – िनताावहािरक आदमी जका ँ कारोबारी अंदाजमे ई कहैत ओ चल गेल ।बहुतो िदन बीतल । हम सोिच कऽ रिह जाइ । लेिकन एक िदन ठािन लेलहु ँ जेआइ जेबाक अिछ । ब्ल◌ॉक पहु ँचैत छी तऽ हिरव ंशक पते निह । ओ रा ँची चिलगेल रहय । द ुभा र् ! बादमे जिहया किहयो ब्ल◌ॉक जाय िदआ सोची तऽ हुअयजे निह जािन हिरव ंश ओतय होयत िक निह आ एिह दिवधामे ु गेनाइ टरैत रहल ।िकु एनामे काज किहयो निह भऽ सकत, ई सोिच िवदा भेलहु ँ । भिर राामन भारी रहल । ब्ल◌ॉकक गेट पर जे पिहल ि भेटल तकरा सँ पुछिलऐकजे हिरव ंश अिछ िक निह । हिरव ंश अिछ ई जािन मन हुक भेल । हिरव ंशकेँताकय लगलहु ँ । ब्ल◌ॉक वला मकानक आग ू मैदानमे हिरव ंश कुरसी-टेब ुल लगौबैसल रहय आ करीब डेढ़ सौ आदमी ओकरा घेर रहैक । ओ व ृ लोककेँ भेटयवला पे ंशनक सापनमे लागल रहय । एहन समयमे लोककेँ ठेिल-धिकया कऽ ओकरा17


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्लग पहु ँचब किठनाह छल आ उिचतो निह ब ुझाइत रहय । पता निह ओिहठाम बैसकलेल फािजल कुरिसयो हेतैक िक निह । तेँ ती करब यर ब ुझायल ।चाह पीलहँ ु , पान खेलहु ँ आ तकर बाद भीड़ छ ँटबाक बेचैन तीक्षामे एरसँ ओरटहलैत रहलहु ँ ।हिरव ंश अपन चेरमे बैिस गेल रहय । जखन हम ओकर चेर मे वेश केरही तखन एक ि और कुरसी पर बैसल छल । हाथ िमलबऽ लेल हाथ बढ़ ाबीआ एकरा अपन हेठी ब ू िझ जँ ओ हाथ निह बढ़◌ौलक तऽ भारी अपमान होयत, ईसोिच हम एकटा हाथ उठा ओकर अिभवादन केिलऐक । जेना मोन पड़◌ैत अिछ,जवाबमे ओ भिरसक हाथ निह उठौ रहय बैसऽ लेल कह रहय । अिभवादनकरैत आ ओकर संकेतक तीक्षा के िबना हम बैिस गेल रही । ि आ कोमलिकं तु अजीवी मुी संगे ओ हमरा सँ पुछ रहय - ’कोना छी ?’’बस चिल रहल छै ।’ - हमर एिह शु औपचािरक उरसँ वाा र्लाप भंग भऽ गेल।खाद-बीज, सीमेंट, पंपसेट आ बोिरगं बला आवेदक सभ एक-एक कऽ आयब शुकऽ देलकैक ।’खाता नंबर की अिछ ?’ - बोिरगं बला एकटा आवेदकसँ हिरव ंश केलकै ।’निह मोन अिछ।’’खेसरा नंबर ?’’निह मोन अिछ ।’’कतेक रकबा अिछ?’’पता निह ।’’भाग ू एतय सँ ।’ – कहैत ओकर आवेदनकेँ हिरव ंश नीचा फेिक देलकै । ओ िहतभ भेल िकछु काल ठाढ़ रहलै आ दरखा उठा धड़फड़◌ाइत िनकिल गेलै ।लोक एिहना आबय, हिरव ंश िकछु प ूछै आ ओकर दरखा फेिक दैक। एिह समकाय र्-सादनमे ओकर आवाज अ ककर्श आ चेहरा कठोर रहैक । ई देखैत-देखैत हमरा घबराहिट होअय लागल । ब ुझायल जेना हमही ं आवेदक छी आ हिरव ंशहमरे डािट ँ आ अपमािनत कऽ रहल अिछ । हिरव ंश अज्ञात ढँगसँ भीतरे-भीतर18


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्हमरा आतंिकत कऽ दे छल ।अंत मे ई किह दी जे हिरव ंश दािखल खािरज लेल सी. ओ. सँ हमर पिरचय कराकऽ चल गेल, लेिकन ओ काज अखन धिर निह भेल अिछ । हिरव ंशक आदमी हेबाककार घ ूस निह देत, भिरसक यैह सोिच सी. ओ. काज निह कऽ रहल अिछ । हमफेर जा कऽ हिरव ंश केँ निह कहिलऐक । हिरव ंश सँ भेंट करबाक इे निह होइतअिछ । ब्ल◌ॉकक नाम लैते हिरव ंशक ओ प मोन पड़◌ैत अिछ आ घबराहिट होअयलगैत अिछ।द ूटा कथा संह कािशत।अनलका ंत(1969- ), मैिथली ैमािसक "अंितका"क सादक। िहीमेअसोथिकत-अनलकााइवेट वाडर्क िबर पर पड़ल-पड़ल ओ सामक टेब ुल पर राखल एक माखाली िगलास मे बड़◌ीकाल सँ ओझरायल छल। का ँचक ओ माम ूली सन िगलासओकरादेखैत-देखैत प बदल' लागल छलै। एक बेर ओकरा लगलै जे ओिह खाली िगलासमे नीचा ँ सँ अनायास पािनक सतह ऊपर उठ' लगलै आ अिगले क्षणिगलासक चाभरपािन खसैत सेहो ओकरा जेना ब ुझेलै! ओ झट आिख ँ मिनलेलक। ूबड़ ीकालपर आसते-आसते फेर ओ आिख ँ खोललक। िगलास प ूव र्वतखाली छलै। ओ फेर िने िगलास पर नजिर गड़◌ा देलक। कोठली मेदेबालघड़◌ीक िटक्-िटक् केर हुक-सन आभास छलै।िकछुए क्षण बीतल हैत िक ओ देखलक िगलासक आकृित एक लय-म मेपैघ होअयलगलै! एक बेर ओकरा लगलै, ई तँ कुंभकरणक पेट िथक! त फेरब ुझेलै,19


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ई िवशाल बखारी िथक!...भिर पेट भात लेल रकटल मोन-ाण मे पेटकसंग बखारीक ृित ओकरा नप सँ खेहार आिब रहल रहै। परेशान जका ँ भ'क'ओ अपन नजिर ओकहर सँ हटाब' चाहलक िक ओकरा ब ुझेलै जे माथ मे िकछु चनिकरहल छै आ देह मे तागित सन िकछुओ रिह गेल छै। ओ अपना केँ बड़असहाय-असोथिकत बिझ ु फेर आिख ँ म ून रहय िक तख एक टा सद र्-सन हाथओकरा माथ परबलबला आयल घाम पोछ' लगलै। कोठली मे तखन ओकर पीमा छिल, मुदा ओकरहाथ ओहन सद र् हेबाक अमान नइ ँ छलै ओकरा। ई फराक जे ओकर आा मेखरकटल खरखर हाथक धी-हरिद वला गमक आिख ँ नइ ँ खोल' देलकै।हठात् हुके सँ केबाड़ ठकठका क' ककरो भीतय अयबाक आभास भेलै,तँ नइ ँ चाहैतोओ आ ँ िख खोिल देलक। नस र् छिल। नस र्क आग ू-आग ू ओकर मुीछलै। ओकरा मनमे ूितर् जका ँ अयलै। नस र्क मुीक उतारा मुिए सँ देलक।एक नसे र् टा तँ छलैजकर आयब ओकरा बड़ सोहाबै छलै। डाकटरो सँ बेसी। एक टामध ुर-सन ध ुन ओकरिधरछायल मोन केँ छुबलकै। एक खास िकिसमक िनसा ँ मेआिखक ँ पल झपा गेलै।ककाल बाद 'महर कहािनया' ँ मे डुबिल पीक पा पलटबाक रओकरा ककर्श जका ँलगलै। भीतर सँ कचकचा गेल छल। पिका मे डुबिल पीिदस तकबा सँ बचैत,नइ ँ चाहैतो फेर सामक टेब ुल पर राखल खाली िगलास िदसताक' लागल।िकछुए क्षण बीतल हैत िक िगलास फेर र ंग-प बदल' लगलै। ओकराअपन िदमाग परबेस दबाव ब ुझेलै। ओ नइ ँ चाहैतो बाजल, ''टेब ुल पर सँ एिहिगलास केँ हटाउ!...''पी पिछला तीन िदन सँ बेसी खन ओकरा संग छिल। पिहल िदन तँ मारतेफजहितकरैत भिर िदन ओ बड़बड़◌ाइते रिह गेल छिल। कतेको केओ ब ुझारित िक अनय-िवनय कयलकै, ओकरा पर तकर असिर नइ ँ भेलै। एकदमे िझक जाइतरहिल,''सब हमरे घर िबलटाबै पर लागल यए। िधयापुता केँ के देखतै? अयँ! जकराकपार पर द ू-द ू टा अजि बेटी रहतै तकर ई िकरदानी?... काज-ध ंधाक िचंते! हरखन दोसे-मीत! सब िदन नाटके-सािह आ दबाजीक मोहिफल! देखौ,आइ केओ ताकहु अयतै!...'' एह-सन मारते रास बात! मुदा ओ एको बेरमुँहनइ ँ खोललक। दोसर िदन पीक बाजब ाभािवके पेँ क कम भेलै, मुदाओकर मुँह िसबले रहलै। तेसरो िदन ओकरा ओिहना गुमसुम देिख पीक भीतरआतंकजका ँ िकछु पैस' लगलै। से ओिह िदन गुकमी जका ँ लध ओ ओकराबजबाक बाटेतािक रहल छिल। एहन खन पितक आदेश ओकरा नीक लगलै। ओ उठिल आ िगलासहटा बगलक अलमारी मे रखै सँ पिह पािन लेल प ूछलक। ओमुड़◌ी डोला नासकारकयलक।20


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्पीक भीतर िकछु कचिक जका ँ उठलै। आ ँ िख डबडबा गेलै।...एकरा एिह अताल मे भतीर् दोसे-िम सभ करौ छलै। ओकरे सभक समाद परओ बतािह जका ँ छोटकी बेटीक संग भोरे-भोर भागिल आयिल छिल।ओकर लाखफजहित आ बड़बड़◌ाहिटक बादो इलाजक सभ टा वा वैह सभ क' रहल छल।ओकरा बेसी बजबाक साफल ई भेलै जे कैक गोटे बाहरे सँ हालचाल ल', सभ टावा बिझ-गिम, ु घिर ु जाइ छल। से थाह पािब गेिल छिल ओ।क्षण भिरक लेल तँ ओकरा अपन कड़◌ैती आ बजबाक भाव पर गौरवे जका ँभेलै। ओकरा लगलै जे एिह तरहेँ ओ अपन घरवला केँ मुीमे क' सकै अिछ।मुदापितक पीयर चेहरा देिखते ओकरा भीतर पैसल अदंक आश ंकाक झड़ ी लगादेलकै। ओ चोट्ïटे उठिल। पयर मािर आे सँ बाहर भेिल।पैघ सन गिलयारा पार क' ओ िरसशनक आग ूक गुलमोहर लग ठाढ़ भेिल।अताल ा ंगणक सामवला छोर पर बे पहरक रौद मे बैसल िकछु गोटे परओकर नजिर गेलै। ओ द ूरे सँ िचैक यास क' रहिल छिल िक ओकहर सँ द ूगोटेलपिक क' ओकरा लग अयलै, ''की, को बात?" ई द ुन ू ओकरा पितक सब सँपुरान िम छलै। ओकरा िबयाहो सँ पिहक सहमना, लंगोिटया!...जकरा सभकताधिर िकछुओ फराक नइ ँ छलै। िबयाहक बादो चौदह-पंह वष र् धिर ाय:ओिहनारहलै। शुक पा ँच साल तँ आमो संगे रहलै जावत्ï अलग-अलग ठाम चाकरीनइ ँ भेटलै। एिह मे पिहल ओ छल जे ओकरा 'किनया ँ गै' कहै छलै आ 'वर बाब'ूकहैत जकरा सँ ओ हँसी-मजाक मे सदित सा ँय-बौहुक अदला-बदली करबाक गपशपकरै छिल। मुदा तखन ओकरा मुँह सँ बहरायल वाकय संबोधनहीन छलै। दोसर,छा-जीवन मे भनसाघरक इ ंचाजर् रहबाक कारँ शुहे सँ ओकरा सौितन कहै छल।मुदा तखन तीन ूक संब ंधक को टा पिहचान नइ ँ छलै। ई िित ओकराबड़ दाणजका ँ ब ुझेलै। एक बेर ओकरा मोन मे अयलै जे वैह ओिह संबोधन सँ पुकारय,मुदा से भेलै नइ ँ। ओ अपन भावना पर कठोरता सँ लगाम लगौलक, ''की करबैआब, हमर तँ घरे िबलिट गेल। तै पर सँ ओकर गुमसुम रहब!..." सेरायलआघबड़◌ायल सन र बहरेलै। कक असम ंजसक बाद पिहल दो जे कह' चाहैत छल,से नइ ँ किहओिहना िकछु बािज देलक, ''ठीक भ' जयतै। ड◌ॉकटर सँ हमरा गपभेल यए।"21


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्''नइ ँ! ...को िचंताक बात नइ ँ!" दोसर तोस देब' चाहलक।एहन जवाब ओ नइ ँ सुन' चाह छिल। मुदा ओकरा बस मे िकछु छलै।आब ओपिहक िित मे नइ ँ घिर ु सकै छिल जकरा सँ किहयो िप छोड़बैतनीक लागलछलै। ओकरा मुँह सँ बहरेलै, ''घ ुटनाक अलावा ड◌ॉकटर तँ कहै छै,सब कुछ न◌ॉम र्ल है!''हँ, सैह तँ! ..." पिहल जी सँ जवाब ताकलक, ''रसेरस सब ठीक भ' जयतै।'''हँ! हँ!..." दोसरक चेहरा पर टार'क भाव बेसी साफ छलै।हािरक' ओ वाडर् िदस घ ुरिल, ''आउ , ककाल हुनके लग.."गाछ ओकरा लगीच अयलै। िसरमा लग। द ुन ूक नजिर िमललै। ओ िनहालभ" गेल।ओ िकछु बाज' चाहलक, तँ ओकरा अपन पीक उपिितक भान भेलै।गाछ सेहो िकछु बाज' चाहलक, मुदा कोठली मे ओकरा मीतक कयाहता छिल।गाछओकरा बेडे पर सिटक; बैिस रहल। द ुन ूक हाथ एक-दोसराक हाथ मे छलै।द ुन ूक हाथ गरम छलै।''चाह-ताह बाहर सँ एत' आिब सकै छै ?" दोसर ब ुदब ुदायल।तख ओकर पी उठिल, ''लगले अबै छी"' आ कोठली सँपाछा ँ लागल दोसर मीत सेहो बहरायल।बाहर भ'गेिल। ओकरािकछु पल बीतल िक ओ पड़ले-पड़ल फुसफुसायल, ''ककय ूर् मे ढील ब ुझाइछौ!.."''नइ ँ-नइ ँ!... अपना सब घर-पिरवार लेल सही समय पर िकछु सोचलौ ं।तकरसब टा द:ख ु एकरे सब केँ भेलै।" गाछ आब झिक ु जका ँ आयल छल।22


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ओ िकछु क्षण चुपचापे रहल। फेर एकहर-ओकहर तािक बाजल, ''रौ ब ु िड◌़!हमरा सभक लेल अप टा घर किहया घर छल? हमसभ तँ सभक घर-पिरवार केँअप ब ुझैत रहलौ ं।" बेड पर पड़ल देह जेना मोन संग उड़' चाहै छल।''जँ सैह रिह जाइत शु सँ अंत धिर तँ को द ु :ख नइ ँ छल मीत! मुदा एकएहन मोड़ पर आिब हम सभ अपन आिर बेराब' लगलौ ं जत' पिछलुको कयलधयल सभटा पर पािन िफिर गेल। घरक रहलौ ं घाटक।..." आब गाछ साक्षात मकखभ' गेल छल।''ई तो ं की कहै छें ?... हम तँ एख एकरे पाछू सब िकछु ोछावर कयछी। केअिछ आइ हमरा सँ बेसी कयनहार?'''यैह!... यैह भेलौ सीमा! दोसर केओ तोरा सँ बिढ◌़ नइ ँ िकछु करै यए तेँ तो ंआग ू िकएक बढबे ं!... आ ई ाग-ोछावर-कथा म ंचे टा सँ शोभै छै। हम-तो ंजतेक ोछावर करबाक गपशप करै छी, से सब वाव मे आब कैिरयरचमकाबैकसाधन भ' गेल यए। जेँ केओ दोसर हमरा सब सँ आग ू बिढ◌़ सिय नइ ँ अिछ, तेहमरासभक ई अधकचरा यास पैघ अिभयान कहाबै यए। मुदा ई जािन ले जेहमरासभक ई यास एक टा िबज ुका सँ बेसीक ओकाित नइ ँ रखै अिछ जकरा सँबड़◌ीकाल पर ओ आ ँ िख फोललक। सामक खाली टेब ुल पर ओकर नजिर गेलै, तँिकछुिचड़◌ै-चुनमुनी डराइत होइ तँ होइ, सुर-हिरन आिक नीलगाय पर कोओकराटेब ुलक सतह सहाराक रेिगान ब ुझेलै। टेब ुलक पार बैसल लोकक आकृित असिरनइ ँ पड़◌ै छै।' मीत आवेश मे आिब गेल छलै।रेिगानक छोर परक गाछलगलै। ओ ओिह गाछक हिरअरी पर नजिर िटकौलक। जवाब मे एख ओ बह ुतरास तकर् द' अजेय रिह सकै छल। यैह तँ ओकरआिख ँ भ' गेलै। शिकतछलै। मुदा एक तँ ओिह बातक क असिर पड़ल छलै आ दोसर, पीक घ ु िरक'आब' सँ पिह ओकरा िकछु आर जरी बात प ूछबाक छलै। से शा ंत होइतमिमर मे बाजल, ''एखन से सब बतायब जरी नइ ँ छै। कहले बात कते कहबौ?...सुन, एक टा जरी बात!..."आ फुसफुसायल, ''ओत' र ंगशालाकह◌ॉल मे हमर िकछु भेटबो कयलौ?"''की?" गाछक पात-पात िखलिखला क' हँसल।23


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्''हमर कुी?"''हँ! ...ओ कत' जायत? म ंचक काते मे छल।"''दे!..."''बाकस मे ब ंद क' रािख दे िछयौ। पिह ठीक तँ हो!"''शहर मे को चचा र्?"''हँ, कना म ंचक छौड़◌ा ं सब एक टा रीिमकस तैयार कयलक अिछ—कुी हेराय गेल भा ँगक बाड़◌ी मे..." क्षणभिर िबलिम फेर नहु ँए बाजल, ''आचाय र्क'मुसल आ मुसलमान" कथाक म ंच ुित आइ मुजकफरपुर मे िछऐ जत' सहरसा सँजनकपुर धिरक लोक जमा भ' रहल छै। एत' सँ क वला सभ गेल छै!.."ओकरा पर तनाव जका ँ बिढ◌़ गेलै। क्षभिर कोठली मे भारीपन रहलै! तखचाहक ले एक टा छौड़◌ाक ं संग ओकर पी आ दोसर मीत घिर ु अयलै।रसेरस फेर टेब ुल पर रेिगान पसिर गेलै आ गाछ तकर ओिह पार चिलगेल।ओ दोसर मीतक मदित सँ गेड़◌ुआक सहारें ओठिङ गेल छल। पीक हाथ सँकप पकड़लक। फेर एक टा िबुट लÓ नहु-नहु कुतरैत कतहु हेरा गेल छल।चाहक घोंट लैत ओतÓ शु भेल बाल-बाक पढ़◌ाइ-िलखाइ, कयाह-दान आमहँगाइकसंग-संग िकेटक गप ओकरा जोिड◌़ नइ ँ पािब रहल छलै।सा ँझक अार जखन बाहरक वातावरण केँ गाढ़ कर' लागल छलै आ सा ँझ ुकराउ पर आयल ड◌ॉकटर देिखक' जा चुकल छलै, घर सँिटिफन ब◌ॉकसवलाझोड़◌ा एक टा नवोिदत किव िम आिब गेल छलै। राित मे ओिह नवतुिरए केँकबाक छलै।24


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्िकछु काल बाद ओकरा पीक संगे ओकर द ुन ू मीत घर िवदा भेल।नवतुिरया किवसेहो पािनक बोतल आन' लेल बहरायल छल िक पिहल मीत गेटक बाहर सँ घिरक'ुओकरा लग अयलै आ एक टा क पैघ सन कुी हाथ मे दैत कहलकै, ''ले!...एकरा िबना तोरा नीन नइ ँ हेतौ!" आ झट बहराय गेल।ओ एक बेर ठीक सँ ओिह कुी केँ देखलक। बड़ पुरान होइतो सब तरहें नवछलै। पुलक सँ भिर तुर ंत जेब मे रािख लेलक। पािन ल'क' घ ुरल नवतुिरया मसँ भोजन लगौलकै। नवतुिरयाक आवेशभोजन मे िच बढ़◌ा देलकै। तेँ खाय क'पड़ल तँ नवतुिरयाक द ू गोट किवतोसुनलक। चाबसी द' सब िचंता सँ ान हटा आग ूमे जे िफ छलै तकरसफलताक कना मे िझहिर खेलाय लागल। नीन िकछु जिएआिब गेलै।ओ देखलक जे ओकर िकताब लोकसभ लाइन लगाक' कीिन रहल छै।मारते रासचैनलवला सभ घेर छै। ओ जी-जी िकछु बािज एक टा उरर ंगक कार मेबैिस जाइ अिछ। कार अज्ञात िदशा मे जा रहल छलै िक नीन टूिट गेलै।ओ फेर आ ँ िख म ू िन जी सँ जी ओिह सपना मे जयबाक चेा कर' लागल।एिह बेर ओ देखलक जे ओकरा ढाइ लाखक को पुरार भटलै। ओकरासकमान मेपुरार दाता करशाह सभक िदस सँ र ंगम ंडलक सम सदक संगिह विरपकार आ सािहकार लोकिनक बीच भ पाटीर् चिल रहल छै।...अचानक ओिह बीचठाढ़ एक टा अद्र्धिविक्षत सन युवक िचिचया लगै छै, ''अहा ँ सभ अवसरवादी छी!प ूजीपितक दलाल छी!..." िक तमसाक' ओत' जमा सभ केओ अपना-अपना िगलासकदा ओिह युवक पर फेिक दैत छै।... आ ततेक दा ओकरा पर खसै छै जे ओयुवक बगलक नाली मे बिह जाइ छै!...अचानक फेर ओकर नीन टूटलै। एिह बेर ओकर छाती जोर-जोर सँ धड़िकरहल छलै।ककाल मे ओकर मोन िर भेलै, तँ ओ नवतुिरया किव िदस ताकलक।ओओकरा बेडक दिहना कातक सोफा पर नीन छलै।ओकर बामा हाथ अनायास पेंटक जेब मे गेलै आ अिगले पल कुी ओकरा आ ँगुरकबीच छलै। बड़◌ीकाल धिर ओ ओिह कुी केँ देखैत रहल। कुीदेखैत-देखैतओकरा अपन िवयार ंगक ओ अार मोन पिड◌़ अयलै जे ओकर कुी तँ िगडऩिह छलै,ओकरा एिह बेड धिर पहु ँचा देलकै। िवयार ं ओिह िवापित याीर ंगशालाक संिक्षतनाम छलै जकर ओ अक्ष आ िनदेर्शक छल। जतÓ पिछला दससाल मे सभ सँ बेसीनाटक ओकरे िनदेर्शन मे भेल छलै। जतÓक ओ सभ सँ सकमािनत आ सवे र्सवा र्25


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्छल। जत' पिहल मिजल ं पर ओकरा एक टा पैघ सन कक्ष भेटल छलै। ओिह कक्षसँ नइ ँ मा िवयार ंक सभ टा गितिविध संचािलत करैत छलओ, ओकर सम िहत-मीतकचौपाल वैह छलै। मुदा ओिह रातुक अार!......असल मे ओइ िदन बे पहर अशोका मे बालीब ुडक एक टा पैघ ोड्ïय ूशरसंगओकर मीिट ंग सफल भेल छलै। भूिम समा आ सशस् आोलन सन िवषयपर ओ एक टा मसालेदार िफक लेल स्ीिट ंग आ सह-िनदेर्शनक एीमेंट साइनकय रहय। तकरा बाद श ैकपेनक दौर जे शु भेलै से ोड्ïय ूशरक उड़◌ान-समयक कार ं सँझ ुका आठे बजे धिर चललै। ओतÓ सँ ओ बाहर भेल तँ ऑटो मेबैसैतअपन सभ सँ करीबी क◌ॉमरेड दासक मोबाइल पर पिहल स ूचना देलक। दासनगरक सभ सँ बेसी सार संकयावला दैिनक समाचार पक कय ूरोचीफ रहय। ओतालओकरा अपन दकतर बजा लेलकै। दासक केबीन मे ओकरा पहु ँिचते तय भेलैजे एिह उपलिकध केँ खास दोसभक बीच सेिलट कयल जाय। से ओतिह सँफोन कÓ चािर-पा ँच गोट 'हमयालाÓसािहकार-पकार-र ंगकमीर् केँ साढ़◌े दस बजेधिर िवयार ं पहु ँचबाक स ूचना देल गेलै। फेर ओ दासेक खटारा एलएमएल वेा परपाछा ँ बैिस िवदा भेल छल। रा मे महाा गा ंधी चौक पर चािर-चािर लेटिचकन आ पनीर ाइ पैक करबौलक। काजू, म ँगफली ू आ दालमोटक संगे सलादकवा कÓ चािर िडकबािसगरेट सिहत द ू टा पैघ-पैघ प◌ॉिलथीन पैकेट मे लेलक।दासक िडककीक झोड़◌ा मेरमक बड़का-बड़का बोतल रखैत आधा सँ कमे बचल अाटकरेलै। ओकराबगलक जूस दोकानक पाछा ँ द ुन ू मीिल खाली करैत अमेिरकनप◌ॉिलसीक चचा र् करÓलागल छल। अपन-अपन िसगरेट जराय जखन ओतÓ सँभेल, तँ सािहअकादेमी आ मवादक ाकया शु भेल छलै।कक तेज सन चलैत बसात जाड़क भाव बढ़◌ाबÓ लागल छलै। मुदा ओ द ुन ूमौसमकेँ ठेङा देखबैत िवयार ं िदस जाइत अपना मे म छल। तेहन म जे सा ँझेसँशु िझी केँ 'इज◌ॉयÓ कÓ रहल छल।िवदातखन ओ सभ िवयार ं सँ िकछुए द ूर ह ेिडयम वला मोड़ पर छल िक द ूटा घटनाएक संग घटलै। एक, बिनआयब ु तेज हेबाक संगे बसात िबहािड◌़ जका ँ पलÓलेलकै आ दोसर, दासक जेब मे राखल मोबाइल अंजी ध ुन पर िचिचयाबÓलगलै।कात मे ूटर रोिक दास एको िमनट सँ कमे गप कयलक आ पाछा ँ घिमबाजल,ु''रौ, समान सभ लÓकÓ तो ं जो िवयार ं। एखन साढ़◌े भÓ रहल छौ। हम एकघंटा मे अयबौ। संपादकक आदेश छै, की कÓ सकै छी?... चल गेटक बाहरछोिड◌़26


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्दै िछयौ।"खराब मौसमक बादो गेट सँ द ूरे प◌ॉिलथीन पैकेट आ झोड़◌ा थमा दास ूटरमोिड◌़फुर र् भÓ गेलै। ओ िवयार ं िबिल्डं ग िदस तकलकै। सभ िकछु अार मे डूबलछलै। गेटक द ुन ू कात ित िवापित आ याी बाबाक ितमा धिर देखा नइ ँ पिड◌़रहल छलै, तँ कािलदास-श ैकसपीयर सन-सन मारते रास नाटककारक देबाल मेजड़लछोट-छोट पाषाण मितर्ू कतÓ लखा दैतै। हवा चंड भÓ गेल रहै आ ब ुीआरतेज। ओ धतपत आग ू बढ़ल। ील-गेट फोिल अार पैसेजक मुँहथिरपरठमकल। िचकिरकÓ रमुआ चौकीदार केँ द ू-तीन बेर शोर पाड़लक। मुदा कोउतारा नइ ँ भेटलै। एहन मौसम मे राित-िबराित ककरो नइ ँ अयबाक अमान कÓओसरबा साइत घर पड़◌ा गेल रहय! िबजली नइ ँ रहै आिक ीचे लग सँ कािटदेछलै ढोहरीक सार, से नइ ँ किह। ओकरा अपना हाथक प◌ॉिलथीन पैकेट धिरनइ ँ सुिझ रहल छलै। आिखर कहुनाकÓ सीढ़◌ी तकबाक साहस कÓ ओ एक टा पयरआग ू बढ़◌ौनिह रहय िक गेटक सटले कतेको युग सँ ठाढ़ बडग़◌ाछक एक टा पैघसनडािर टूिटकÓ हड़हड़◌ाइत गेट पर खसलै। ओकरा लगलै, प ृी दलमिलत भÓगेलैआिक ओिह गाछ संग प ूरा िवयार ं िबिल्डं ग भरभराकÓ खिस पड़लै! कतÓ गेलैप◌ॉिलथीन पैकेट सभ, कतÓ खसलै झोड़◌ा आ कोकहर अप ढनमनायल; तकरको ठेकान नइ ँ रहलै!...बड़◌ीकाल बाद होश अयलै, तँ ओ करािह जका ँ रहलरहय। ओकरा पयरलग भीजल सन िकछु डािर-पात ब ुझेलै आ माथ लग सद र्देबाल। देबाल टोबÓक म मे ओकर हाथ अपना माथ पर गेलै। ओतÓ लसलससन िकछु सटल जका ँभीतर सँ पातर सन दद र्हुी मारलकै।ब ुझेलै। ओ ओकरा रगिड◌़कÓ पोछबाक यास कयलक, तँतखन ओकरा ई ब ुझबा मे भा ँगठ नइ ँ रहलै जे ओकर कपार फुिट गेलै आतािह परशोिणतक थकका जिम गेल छै। मुदा तैयो ओकरा ई भान नइ ँ भÓ रहल रहैजे◌ेओ कतÓ, िकऐ आ कोन पिरिित मे पड़ल छलै।...िकछु क्षण आरो बीतलै तखन ओकरा नीचा ँ सीमेंटक सतहक भान भेलै। िक पयरमोिड◌़ हड़बड़◌ाकÓ बैसल आ घबड़◌ाकÓ चाकात हथोिडय़◌ा मारÓ लागल।अचानकेओकरा हाथ मे का ँचक एक टा चोखगर टुकड़◌ी गड़लै आ दद र् सँ िसिसया उठल। मुदाक्ष बाद ओ फेर हथोिडय़◌ा दÓ रहल छल। हथोिडय़ ा मारैत ओबदहवाश छल।िक एक ठाम फश र् पर िकछु तेजगंधवला तरल पदाथ र् ब ुझेलै। ओिह गंध केँ परखÓ27


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्मे थोड़ समय लगलै, मुदा जिहना ओकरा गंधक पिहचान भेलै िक सभ िकछु रणभÓ अयलै।आब ओ जी-सँ-जी सीढ़ ी ताकबा लेल छल। ओकराकोहालित मे शी पिहल मिजल ं पर ित अपन कक्ष मे पहु ँचबाक छलै। ओिहकक्षमे जतÓ इजोतक कैक टा वैकिक साधन रख छल ओ। ओकर कुीओकराजेब मे छलै। बामा जेब मे हाथ दÓ कुी छूिबकÓ ओ आ भेल। िकओकरा कोना क्षण अपन संगी सभक आिब जयबाक आश ंका भेलै। अार मेघड़◌ीअकाजक छलै, से झट ओ दिहना जेब मे राखल मोबाइल िनकालÓ चाहलकजािहसँ अारो मे समयक ज्ञानक संग क्षीण-सन इजोत सेहो भेिट सकै छलै।मुदा जेबसँ बहरेलै द ू-तीन भाग मे अलग-अलग भेल मोबाइलक पाट र्-पुजा र्! आबओकरघबड़◌ाहिट आरो बिढ◌़ गेल छलै। अारक सोि मे ओ तेना भुितया गेल जेिदशाक को ज्ञा रिह गेल छलै। आरो िकछु काल धिर बौअयलाक बादो जखनथाह नइ ँ लगलै, तँ अारक को अज्ञात ल पर ओ सुाबÓ लागल छल।सुाइत-सुाइत ओकरा भीतरहँसी जका ँ िकछु फुटलै। ओकरा मोन पड़लै जे एतबेटा िजनगी मे ओ कतेक िबहिड◌़धािग ँ आयल छल। लगभग एक दशक तँ अराउेरहल छल। केहन-केहन किठन ऑपरेशन सफल कय छल। कतेक मुठभेड़, कतेककाउटर मे बमगोलीक बीच सँ िनकिल आयल छल ओ!... ओकर ई इितहास आइयोकतेको युवा केँ रणा दैत छलै।अपन िण र्म अतीतक रण सँ ओकरा भीतरसाहसक संचार भेलै।उिठकÓ सावधान मुा मे ठाढ़ भेल आ दृढ़ िनय कÓ एक सीधमे थािह-थािहकÓबढ़Ó लागल। िकछुए क्षण बाद सहसा ओकरा ठेहुन सँ िकछु टकरेलै।हाथ सँ छूिबकÓ ओ परखलक—आग ू मे कुसीर् छलै। फेर हाथ बढ़◌ाय कÓ ओ एकहर-ओकहर टटोललक—कुसीर्क पितयानी लागल छलै। ताल ओकरा ब ुझबा मे आिब गेलछलै जे ओ फुजले रिह गेल द ुआिर सँमेन ह◌ॉल मे आिब गेल छल। तखनकुसीर्दर-कुसीर् पकड़◌ैत ओ बीचक रा धÓकÓ सभ सँ आग ूक कुसीर् धिर पहु ँिचगेल।एतÓ पहु ँिच ओकरा सब िकछु सुरिक्षत जका ँ ब ुझेलै। से ओ ततेक आभÓ गेलजे आराम सँ ओिह कुसीर् पर बैिस पयर पसािर देलक।आब ओकरा मेहमानिम सभ सँ पकड़◌ेबाक को िचंता नइ ँ रहलै। तेँ धीरे धीरे ओ ओकरा सभ केँिबसरय लागल छल। िक तख सेिलट करबाक अवसरक महका◌ा मोन पड़लै।मोन मे कक कचोट भेलै। मुदा एते पैघ नाट्ïय-अभव ओकरासभ िित मेतालमेल बैसायब िसखा दे छलै।आब ओ सहज भÓ जयबाक िित मे आिब रहल छल िक ठीक तख म ंचक बीचोबीचखसैत काशक एक फा ँक मे ओकर ितप ठाढ़ देखा पड़लै।क्षणभिर मुत जका ँठाढ़ रहलाक बाद ितप अचानक बाजल, ''रौ मीत, िकऐद ु :खी छें ?ÓÓ28


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्''अयँ!... तो ं के?" ओ अकचकाइत प ूछलकै।''नइ ँ िचले हमरा?... को बात ! िचंता नइ ँ करय, द ु िनया एिहना चलै छै!"ितप मुिआइत कहलकै।''मुदा छें के तो ं?" ओ फटकारैत प ूछलकै आ उिठकÓ ठाढ़ भÓ गेल।''हमरा िचि कÓ की करबे ं? द ु िनया तोरा िचै छौ! दोसर खेमाक लोक केगिरयाबैत रह! ओ सभ पतीत छै, कुपम ंडुप छै, समाज केँ पाछा ँ लÓ जायवलाछै।ओकरा ई सभ कहला मा सँ समाज बदिल जयतै आ तो ं महान भÓ जयबै!फेरअंजी बोहु-बेटी घर अयतौ। ेटस बदिल जयतौ! बेचारी बिहन िहंदीबड़अली, बाड़हिन झा ँट!...ÓÓ ितपक र संयत छलै।''तो ं हमरा पर ं करै छें ?" ओ फेर िबगड़लै।''ं?... एिह सभ पर तँ तोरा महारत छौ। बस िलखैक फुसित र् नइ ँ छौ। तँआलोचक जीक गुारा मे माथ टेिकते कोस र् मे लािग गेल रिहतौ। आचाय र्कसाद पिबते सािह अकादेमी भेिट गेल रिहतौ!"''हम कोस र्क भूखल नइ ँ छी। आचाय र् आ आलोचक जी केँ िठठ ुआ!...सािह अकादेमी चाहबे करी हमरा! हम ओिह पर थ ुको फेकÓ नइ ँ जायब।हमतँ ापक सामािजक पिरवतर्नक आका ंक्षी छी। समाताम ूलक वैज्ञािनक सोचकआही। सिदखन जनते टा हमरा नजिर मे रहै अिछ।" ओ आोश सँ भरल र मेगरजलक।ितप थपड़◌ी पाडय़ लगलै, ''वाह! वाह! कतेक कणिय र् लगैत अिछ ईसब!अदïभूत!... ्जँ सिरपहु ँ एना होइतय!...सय मे िनानबे टा मैिथली भकतद ुमुँहेबहराइतय?..."ओ छड़िप कÓ म ंच पर चिढ◌़ गेल छल, ''तोरा ब ुझल नइ ँ छौ, म ंच परडायरेकटरकइाक िव केओ एको क्षण रिह सकै अिछ! जी भाग! हमकी कÓ सकै छी से ब ुझले छौ तोरा!"''डायरेकटर छें तो ं?... ध ुर र्! अपन कोठलीक ताला तँ खोिलए सकै छें !जोतँ अपन कोठली?..." ितप ओिहना ठाढ़ रहलै।29


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ओ तामसे कँ पैत कुी िनकािल लेलक, ''देख, देख कुी हमरा हाथ मेअिछ।देख!..." िक तख ओरा हाथ सँ िछटिक क' दश र्कदीघा र् िदस गेल कुीअारक समुमे डूिब गेलै।अचानक ितप जोर-जोर सँ हँसैत ठहाका लगब' लागल।अपमान सँ माहुर होइत ओ ितप केँ मारै लेल दौड़ल। ितप अलोिपतभÓगेलै। मुदा अार म ंच पर ओ बताह जका ँ दौिड◌़ रहल छलै। िक हठात चािरफुटनीचा ँ म ंचक आग ू मे ओ अररा र् कÓ खसल—धड़◌ाम! ...अतालक बेड पर पड़ल-पड़ल ओकरा लगलै, भीतर सँ ओ ख ुकख भÓ गेल,एकदम कोिढ◌़ला!...देह पसेना-पसेना छलै! कं ठ सुखाय लागल छलै। बामा हाथक कुी दिहना जेबमे कबैत बड़ यास कÓ ओ बगलक सोफा पर स ूतल नवतिरया किव केँ आवाजदेलक।अकचकाइत जागल ओ किव ओकरा संकेत पर िगलास मे पािन भिर आनलक।ओकरेसहारा पािब माथ अलगा कÓ ओ द ू घ ूट पािन पीिब असोथिकत जका ँ पिडऱहल।नवतुिरया दया भरल नजिरएँ एकटक ओकरा देखैत रहलै। सामक िखड़कीकसाफ होइत का ँच भोरक आभास दÓ रहल छलै।बी. पीं कोइराला कृत मोिदआइन मैिथली पारण ब ृषेश च लालबात बहुत पिहक िथक , हम बे छलहु“ । बाकालक लगभग बातसभ लोकायः िबसिरये जाइत अिछ । मुदा ृितमे िकछु एकदम बैसल रिह जाइतछैक । जेना िक को द ूर ठाढ मख निह देखयलोपर ओकर कद–काठी,ला–कपडा, भाव–भिमा आ’ जािह घर–बारीमे ठाढ भ ओ अपन जन–बिनहारके“देिख रहल अिछ तैसभके“ िमलाकय हमरासभ ओिह ठाढ≥ िmके“ ठेकािन लैतिछऐक जे ओ त परमपिरिचत फलाना छिथ । तिहना िकछु ृित धोंकाएलसनदेखाइत अिछ जकरा ठेकानयलेल कनाक मदित लेबय पड≥≥◌ैत छैक ।ृितक आधारपर को पिहलुका घटनाके“ mमब तथा अथ र्युmबनाबयहेतु कनाक सहयोग आवक भ जाइत छैक से ब ुझना जाइछ ।30


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्उदाहरणाथ, र् जेना पुरातववेालोकिन को खडहरमे उपलब्घ इर् ंट, पाथर, भूिमकबट, िकछु आकारमय काठक रचनासभ आ’ गृहिनमा र्णमे यु आवक असामीसभक आधारपर बहुत पिह ठाढ को राजासादक वण र्न क दैत छिथ ।लोकसभ प ूछत — ई कथा ठीके साचे छैक ? ... अथवा एकगोटग मा अिछ ई ? एिह सभेर् हमरा एतबा कहबाक अिछ जे ई ४० बष र् पिहहमर बाकालक भावनामय दिनया“मे ु घटल एकगोट घटना िथक आ’ एतेक िदनक बादअपन ृितक द ूरबीनस“ आई हमरा ई जेहन देखाइत अिछ तथा वतमानस“संयोजनक पात् जेहन एकर आकार बिन क भ गेल छैक, हम तकरेटा ओिहनाओही पमे वण र्न क रहल छी ।ह“, त किह रहल छलहु“, बात बह ुत पुरान िथक । हमरासभकगुमा आ’ घरक परम िहतैषी िमसरजीके“ अपन को काजस“ दिडभा जएबाकतैयारी करैत देिख हमहु“ जी करय लगिलयि — िमसरजी, हमहु“ जायब †अहा“ कतय जाएब, बौआ ? हमरा एकगोट काज अिछ । काियेत हम दौडले िफिर जाएब † बेकारे हरान होमए कथीले जाएब ? ”हम अपन जी निह छोडलहु“, कहिलयि — हम दिडभा किहयो निहगेल छी । ”ओिहठाम देखय लायकक िकछुओ छैक, बौआ ? ”कहादोन दिडभा महाराजक दरबार छि, हिथसार छि, बडकाअबल छि, कचहरी छि आ’ बडका–बडका घरसभ छैक ... निह िमसरजी, हमहु“जाएब । ”हमर जी जीतल । हमहु“ एकगोट छोटका मोटरी ल किमसरजीक संगे दिडभा अयलह ु“ । तिहयाक दिडभा ेशन ब ुझ ू त कालेजका“ छल । िनामे पातर अलकतरा िबछायल बडका ेटफारम आ’ िभतरस“ सटलएकगोट नाम टेब ुलपर बाहरक कोलाहलस“ एकदम िनद्र्व भ मुडी गोंत ुल–ुलपर बैिस अपन काज करैत ेशनक कम र्चारीसभ । दोसरकात िजाक बडका–बडका पदािधकारीसभ ( जे तख ेशनपर आयल रहैत छलाह । ) िवाम करैतछलाह जतए कोरमे लाल मगजी लागल बे ंतक गोनिरसनक बडका पंखा लटकल रहैतछल जकरा एकगोट किरकबा कुी डोरी बाहर भीतमे अडेंस लगोऔंघाइत िघचैत आ’ छोडैत रहैत छलैक । जेना–जेना डोरी तनाइत छलैक तेना–तेना भीतर कोठरीमे पंखाक डी मचमचाइत िहलैत छलैक । भीतरक लोहाकिघरनी सेहो ओही सुरमे आब खसत तब खसत होइत िखर र् करैत नचैत रहैत31


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्छलैक ... एकटा ेटफारमस“ दोसरपर जाएबला बडका पुल त िनःसेह काले सनछल, गिणतक गुणन िचक आकारमे बनाओल ओकर घेरा लाल र ंगमे रल रहैत छलैक। ... ओना भिरिदन को दै जका“ ठाढ आ’ ेशनक सूण र् वातावरणक घोरलअिके“ छप ओ पुल रेल अिबते लोकसभक अकारणक तास“ थरथराय लगैतछल । ... ओिहना ेशपर ... जखन गाडी अबैत छलैक तखन अ चहलपहल,दौडध ूप, भागमभाग, असं कक तुमुल हाहाकार आ’ तािहपर पान–िसगरेट–बीडीबेचयबलासभक कफोरबा िचकडनाईक साा भ जाइत छलैक । गाडी ेशनपरपहुिचते कतय कतयस बेिहसाब असं कुीसभ बरबराकय प ूरा ेटफाम र्पर आ’िडा–िडामे भिर जाइत छल तथा पिसंजरक मोटासभपर हाथ धरैत ब ुझ ू केकरैत कहैत छल — एे पैसामे बाहर ... पहुचा देब । ”दिडभा ेशनपर पहुचयस“ बहुत पिहनिहं पिसंजरसभ अपन–अपनमोटरी–चोटरी िमलाबय लागल छल । िडामे हलचल मिच गेल छलैक । ... िमसरजीसेहो उिठकय अपन मोटाके देखलि । सुरिक्षत छलि । बहुतो पिसंजर अपन–अपन समान गनय लागल — जा कएगोट छल, अय ... ? एिहठाम त सातेटादेखैत छी । ... हू“ भेटल, एकटा मोटरी ओर छल ।” ब ूढपुरानसभिधयापुताके“ सम्झाबय लगलिख — हे रौ, एर–ओर निह किरहे हेरा जएबे। ... दिडभामे ब भीडभाड रहैत छैक । हमरासभके“ पकड रिहहे ...निह छोिडहे ” घोघस झािप–तोिपकय अपनाके“ समेट मिहलासभ असंयत भहडबडायल दृ िये“ चाकात देखय लागिल छिल । ... हम त पिहनिहस“हडबडायले छलहु“, िडामे चलता अिबते चटपट अपन मोटरीसिहत उिठ ठाढ भतयार भ गेलहु“ । िमसरजी बजलाह — बौआ, किथलए हडबडा गेलह ु“ ? ...एखन ब देरी छैक । भल त राजदरबार देखायल अिछ । ... हे वा देिखयौक† ”ओ दिहना िखडकीलग आिबकय द ूर देखाइत ललका दरबारिदिस आङगुरदेखोलिथ । हमहु तास गदिन र् उचका–उचकाकय दरबारिदिस ताकय लगलहु“ ।रेल बेगस“ दौिड रहल छलैक िससो, बास आ’ आमक फुलबारी दरबारके छेिकदेलकैक । ... एक–द ूटा क छोटका–छोटका शहिरया सनक घरसभ देखाय लागल —ई ंटाक िदवाल मुदा उपर खर वा खपडाक एकता घरसभ । एकचारी खसाकय बनाओलकाम चलाउ दलानहेतु बरमदा िनकलल घरसभ सेहो देखाय लागल । िमसरजी हमरासम्झाबय लगलिथ — ब ुझिलऐक, ओ ललका ला दरबार िथकैक । ... लाखपैया लागल छैक बनाबयमे”गोलगला गी पिहर एखनतक एकदम िनल भ क एकगोटे ोक पाठकरैत बैसल छलाह । जेना हुनका अस भ गेल होइि ओ चट् ितकार करैतकहलिख — के कहलक जे ई ला दरबार िथकैक ? ... ओ दरबार त32


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्राजनगरमे छैक । एकरा बनाबयमे डेढ करोड पैया लागल अिछ, डेढ करोड”अपन बात समा करैत ओ एकबेर िडामे चाकात सगव र् दृ िघ ुमोलिथ, जेना ओ दरबार हुनक अपन िनजी िनवास ान होि आ’ लागत कम आ“िकिमसरजी हुनक हैिसयतक अपमान कए होइिथ । याीसभक ान अपनािदिस सहजेआकृ पािब ओ महाभाव अ कुशलताप ूव र्क खैनीक थ ूक िखडकी द िप द थ ूकैतआगा“ बढलाह — महाराजािधराज ब शौखस एिह दरबारक िनमा र्ण करोलिथ ।िहुानमे ओहन कारीगरसभ निह छलैक, तै ं इटलीस कारीगरसभ मगाओल गेल ।भीतरमे सभतिर ललका संगमरमर छाडल अिछ, ... आ’ सेहो इटलीयेस मगाकय ...बडका–बडका ऐना छैक, आदमीस दोर कदक ऐनासभ ... शीशाक सभ समानबेिल्जयमस“, पदा र् आ’ टेब ुल–कुसीर् तथा पलपरक कपडा, ओछाओन आ’ चिरसभािसी िस, मखमल आ’ सािटनक िथकैक । काठक सूण र् समान फिन र्चरसभइास“ आयल छैक, ब ुझिलऐक ? ... डेढकरोड पडल छैक, डेढ करोड ”आिख फाड सभ हुनकर ग सुिन रहल छलि िक गाडीक गित िकछुमम भ गेलैक । याीसभ फेर हडबडकय अपन मोटरी–चोटरीसभ िमलाबय लागल। हम फे ठाढ भ गेलहु“ । िमसरजी हमरा अिम चेतावनी देलि — हमरािकहु निह छोडब । ... ब हुिल रहैत छैक ेशनपर ”साचे ेशनपर ब धमध ुा रहैक । िडामे अकात् कुीसभकवेश हुिलके आओर कसमकस बनाय देलकैक । कोलाहल एहन जेना कतह ु अकात्अिगली भ गेल होइक । एकटा छोटका कुी हमरालग आयल आ’ कहलक — ईमोटा हम बाहर पहुचा देब । ... अधे पैसामे ”ब कलिप क ओ हमरा कह छल । ओकरा देहपर एकगोटिचथडीयेटा रहैक । हम िमसरजीिदिस तकलहु । ओ बडी जोडस िचकरलिख —भाग ... π ”सभस कठीन छल ेटफारमस बाहर िनकलनाई । एकटा छोटका फाटक,सेहो अधे खोलल । बीेमे ... प ूण र् अिधकारयु भंमा लय एकगोट कम र्चारी ठाढछल । ओकर ीलक उजरा पेट आ’ कोट रौदमे ख ूब चमिक रहल छलैक जेनाार लगाकय चून पोतल होइक । कपडास“ बेशी ओकर कारीझाम मुहमे लागलतेल आ’ कपारपर बाहर िनकलल माथक नाइट कैपक लोलपरक पेटेट चमडा रौदमेख ूब चमिक रहल छलैक । एकबेर त दिहना कातस िनकलल हुिल हमरा धकेलैतिमसरजीक हात छोडा देलक । हम ख ूब जोडस““ िमसरजीक माथिदिस तकैतिचिचअयलहु““ — िमसरजी... .. ”33


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्फाटकपर ठाढ िटकटचेकर एकबेर प ूण र् अिधकारयु गीर वाणीमे सभकेडटलक — एक–एक क क आउ ... ठेलमठेल निह क ”कहुना क िमसरजीके“ पकडयमे सफल भ गेल छलहु“ मुदा एकबेरफेरो बडी जोरस धमध ुा आ’ ठेलमठेल भेलैक । हमरा फेरो धिकया क अलगठेल देलक । अपन जान आ’ काख तरक मोटरी कहुना क बचबैत हम फाटकसबाहर िनकललहु“ । िमसरजी कहलि — आब मोिदयाइन ओतय चल ू । ... ओिहठामान–ान करब, ... खायब–िपअब आ’ ... फेर हम अहाके शहर देखाबय ल जायब ।”ेशनस बाहर ओतेक भीडभाड आ’ ठेलमठेल त निह मुदा नीक चहल–पहल, हा–गुा आ’ दौड–ध ूप अवे रहैक । ेशनक पछबिरया इनारपर चाकातसयो आदमी रहल हएतैक — केओ पािन िघचैत त केओ भरैत, ... केओ नहाइत तकेओ दातके दतमिनस रगडैत । ... बहुतो ओिहना बहुत जका घोलघालमेलागल िचिचया रहल छल । इनारेलगक एकगोट हलुवाईक दोकानपर पुरी छना रहलछलैक । एकटा छौ ंडा हात घ ुमाघ ुमाकय बीच–बीचमे गिहंकीसभके सोर क रहल छलैक— आउ ... आउ शु घीकेर पुरी खाउ पं◌ेडा, लू ... ” सटले हलुवाई ुलपर बैसलकराहीमे खौलैत घीस“ फटाफट ख ूब फूलल गमगम करैत पुरीसभ छािन रहल छल आ’उपर काठक चौकीपर बैसिल ायः ओकर किनया“ पुरी तौिल रहिल छलैिक ।िमसरजी शायद हमर लोभायल भावके“ तािर गेल छलाह । ओ हमरा कहलि —मोिदयाइन ओतय ख ूब ािद भोजनसभ भेटैत छैक । ... दामो कम ”(अिगला अंकमे)उपास- चमेली रानीज 3 जनवरी 1936 ई हरा, िजला दरभंगामे। 1958 ई.मे अथ र्शास्मेातकोर, 1959 ई.मे ल◌ॉ। 1969 ई.मे कैिलफोिन र्या िव.िव.सँ अथ र्ास् मे ातकोर,1971ई.मे सानािसो ं िव.िव.सँ एम.बी.ए. , 1978मे भारत आगमन। 1981-86क बीच तेहरान आैंकफुतर्मे। फेर बई पु होइत 2000सँ लहेिरयासरायमे िनवास। मैिथली िफ ममता गाबयगीतक मदनमोहन दास आ उदयभा िसंहक संग सह िनमा र्ता।तीन टा उपास 2004मे चमेली रानी,2006मे करार, 2008 मे माहुर।34


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्चमेली रानी- केदारनाथ चौधरीएक”रे हे अरज ुनमा! नकुलवा कँ संग जािह! देखै निह िछिह जे ओकरादाढ़◌ी-मा ंछ पप गेलैहें। ओ किहया बािलग हेतै?“अजर्न ु घिम ु कँ पाछा ं तकलक। ओकर बाप कमचीबला मचान पर बैसल बड़बड़◌ा रहलछैक। बाप यानी कीतर्मुख।कीतर्मुख कँ सात वष र्क भीतर पा ंचटा बेटा जनम लेलकै। तािह कार ओकर िजगरीयार कटीर िवचार देलकै जे पा ंचो पाव बला नाम बेटा सबहक रािख दहक।सुिभताहेतौ।पिहल बेटा युिधिर छलै। युिधिर मुसरी घराड़◌ी पर अा बलक आ सब ब ंदोबक’ ठीक-ठाक क’ लेलक। उड़◌ैत िचड़◌ैया पकड़ि◌ क’ िबयाहो क’ लेलक। आबमुसरी घराड़◌ी सँ जीरो माइल तक ओकर एकछा राज छैक।दोसर बेटा भीमा। िनसानक पा। एक मािणकचंद सुपारी रािख िदयौ। पाइट टूटू िपौल होइ वा एके सैंतािलस राइफल। मजाल की जे िनसान चुिक जाए।पिछला इलेन मे कान ू िसंह, जे यं पैघ अभवी डकैत रिह चुकल छल, ओकरजौहर कँ िचलक। कहलकै”मेरा बडीगाडर् बन जाओ।“ भीमा आब सरकारी करीमे सरकारी आवास मे रहैत अिछ। कान ू िसंहक मनीर बनलाक बाद भीमाक तबाबहुत बढ़ि◌ गेलैक अिछ। ओ मालदह िजलाक रतुआ धोिबके बेटी रिधया पर आिखँगरौ अिछ। एक एक िदन िबयाह हेबे करतैक। भीमाक गलमोा मे घीचुपड़ल रहैत छैक आओर देहाती लोक ओकरा देिखते डिर क’ पाथर बिन जाइतछै।तेसर बेटा अजर्न। ु देखब त’ मोन होयत िक देिखते रही। परम सुर कायाकमािलक। मजब ूत कद-काठी, ला बरछीसन ज ुल्फी आओर गरदिन मे झ ुलैत चानीकतमगा। अजर्न ु हाइवे पर डकैतीक काज करै अिछ। एखन तक को बड़का मालहाथ निह लगलै अिछ। मुदा, आस पर दिनया ु जीवै अिछ।चािरम बेटा नकुल। कद-काठी मे ठमकल। थोड़◌ेक तोतराइत सेहो अिछ।बाप के कहलकै”िचा निह करह। तोहर पा ँचो बेटा मे हमही नामबला हेब।“ हमरकाटल अहुिरया कािट क’ ाण ाग करत।पा ँचम बेटा सहदेवा। सबसँ बेसी सुर। पान सन कोमल। कीतर्मुखक आिख ँ मेिसहक र। हे परमेर! एकर जीवन कोना कटतैक। जेकाल ओकर मायशिनचरी मिर गेलैक। नीके भेलै। जािह ीड सँ ओ बेटा सबहक ज द’ रहल35


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्छल से अिधक िदन िजबैत रहैत त’ कीतर्मुख कँ बेटा सबहक नाम पाव बलाछोड़ि◌ ध ृतराष् बला राख’ पड़ि◌तैक।आब शिनचरीक िखा सुन ू। बेितया मे एकटा अंज हािकम छल डेफोडर्। ओकरएक खबािसन छलै पकुिर। साहेबक मोन, अंजक राज, शराबीक नजिर आ ताहूपर पकुिरक लहकैत जवानी। पकुिर कँ एकटा बेटी ज लेलकै। चमड़◌ीअंज सन, प िहुानी। आजादीक समय जखन डेफोडर् इ ंैंड वापस जायलागल त’ पकुिर कँ बीच बाजार मे एकटा घर कीिन देलकै। ऊपर सँ चानीवलाएक सौ पया द’ क’ ओ अपन पाप कँ हुक केलक।पकुिरक बेटी कँ बड़का-बड़का आिख। ँ ओकर नाम की हौउक? डेफोडर् गेलाकबाद बहुतो वीर पकुिरक दलान मे कुश्ती केलक। ओही मे सँ िकयो ओकरबेटीक नाम रािख देलकैसुनयना।सुनयना कक चेगर भेल, दोकान-दौरीक काज करए लागिल, तखनिह ओकरा परिवधाताक लाठी बजैर गेलैक। पकुिर डेफोडर्क िवयोग बहुत िदन तक निहसिह सकिल। चटपट िवदा भ’ गेिल।आब की होअए? मुदा सुनयनाक गात मे अंजक सोनीत। ओ कको घबड़◌ायल, ओझड़◌ायल। ओ बीच बाजारक घर बेिच, बेितया शहरक एक कात मे,एक छोट सन घर कीिन लेलक। संगिह सतुआक दोकान सेहो खोिल लेलक। आबसतुआक सोहनगर गमक आ सुनयनाक पक पसाही, दोकान नीक जका ँ चलय लगलै।समय िबतैत गेलै। सुनयना कँ एकटा बेटी भेलै। बेटी कोना भेलै से ककरोनिह ब ुझल छैक आओर अहूँ के ब ुझक काज की? बेटीक ज शिन िदन भेलैक आओकर नाम पड़लै शिनचरी। ओिह काल मे िदन-दिनया ु कं िसयाक पा ँजर मे दबकलछल। सुी पाटीर्बला कखनहँ◌ू झोपड़◌ी मे त’ कखनहँ गाछ पर कायल रहैतछल। हँ, बेितयाक सुनयनाक सातुक दोकान सुी भाइ लोकिनक अा बिन चुकलछल। आठ आनाक साउत-नक घोर पीिब ओ सब िवचार करैत छलाह, ज ुगुत लगबैछलाह जे अिगला इलेन मे कोना कं िसया कँ पछाड़ब।समय ककरो रोक कै छै। आब सुनयना पचासक धक मे आ शिनचरीक ब ुझ ूसोलहम।सुी भाइ सब ओिहना थाकल-चूरल। मुदा, ओिह िदन एकटा िवलक्षण बात भेलै।सा ँझक समय, किनएँ काल पिह िबहािर उठल छलै, फेर एक अछाड़ पािन सेहो बरसलछलै। ओहीकाल एक कम उिमरक सुी भाइ सुनयनाक दोकान पर आयल। सुनयनापिरचय-पात पुछलकै, आगत-ागत केलकै त’ पता चललै जे िहनकर नाम रामठे ंगािसंह ‘िचनगारी’ छिन।िचनगारीजीक गाम िमरचैया, बछबाड़◌ा टीसन सँ आध कोस पिम। गाम मे हुनका सातबीघा जमीन आओर द ूरा पर द ूटा महीस। िचनगारीजी पिह कुिन बनलाह। मुदाचाजामक िमिट ंग मे िसपाहीक से डा ंग हुनका पीठ पर पड़लिन जे ताल36


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्कुिन पाटीर् छोड़ि◌ िचनगारीजी सुी बिन गेलाह। ओ पाटीर्क मीिट ंग मे बेितयाआयल छलाह। एतए अिबते पता लगलिन जे बैकु भगत, मा सुीक िशरोमिण,एकटा धाकर कँ िसया ताक चािल मे फंिस क’ पाटीर् छोड़ि◌ का ँस मे िव क’गेलछिथ।आब की होअय? िचनगारीजी भुितयाित-भुितयाित सुनयनाक सातुक दोकान मे पहु ँिचगेलाह। सुनयना िचनगारीजी कँ देिखते मो-मोन िकछु िनय केलिन आपुछलकिन”औ िचनगारीजी, रौआ ठीक-ठाक बोलब। रौआक िबयाह भेल हए िक ना?“िचनगारीजी टकटकी लगाक’ शिनचरी कँ िनहािर रहल छलाह। इा भेलै जे आध-मन भारी झ ूठ बाजी। किहयैक जे हमर की, हमर बापोक िबयाह भेल रहि।मुदा सिर गेलाह। माा एक पावक झ ूठ बजलाह जे एखन तक कुमारे छिथ।सुनयना आओर शिनचरी िमिल क’ िचनगारीजीक खाितर करै लागिल। राित मे सुतै सँपिह सुनयना िचनगारीजी कँ ब ुझबैत कहलकिन”रौआ, हमर बात के िधयान से सुनलजाओ। सुीक जमाना आ गेल बा। उचा, जेबकतरा आ डकैत सब अही देशके नागिरक। सबकँ समान अिधकार। तू बड़ कािबल त’ एक भोट, हम म ूरख त’ एकभोट। रौआ भोट कँ संग-संग जात कँ िची, पा ँत कँ िची। बाध-बोन मेगोइठा िछड़ि◌आल बा। ओकरा जमा करी आ सब चैक-चैराहा पर जला दीं। सम ूचादेश मे आग अप-आप पसिर जाइ।“सुनयना थोड़◌ेक सुा क’ फेर बाजिल”रौआ, सुनली की ना? आजादीक तपतपायलएकटा बढ़बा ु ता राजधानी मे आ गेल वा। जा, जाके ओकरा गोर मे रबहाब’। ओकर आशीवा र्द पड़◌ी त’ पटना के साथ-साथ िदीक राज तोहार।“औरो सुनल जाओ। सुनयनाक िफर ंगी भूत ओकर माथ पर चढ़ि◌ के बािज रहल छल।दृ”पुरना कँ िसया मर-खप गेल। ओकर लड़ि◌कन ता बक वाे मैदान मेउतरल वा। सरौ ं सब आिख ँ मे सुरमा लगाबयबला, सोना कँ चेन मे ाक्षक मालापिहरैबला आऊर मौिगक मािफक माथक बीच मे सौ ंथ करैबला, आब राजनीित काकिरहेएँ। कँ िसयाक जमाना खे ब ुझीं आओर सुीक जमाना दमकैबला बनल बा।“िचनगारीजी सुनयना सन महान गुआिनक उपदेश सुिन नतमक भ’ गेलाह आ एकिदन सुनयनाक बेटी शिनचरीक हाथ पकड़ बछबाड़◌ा टीसन पर पहु ँिच गेलाह।बछबाड़◌ा टीसन पर पहु ँचलाक बाद िचनगारीजी कँ होश भेलिन‘अरौ बाप रौ बाप।गाम कोना जायब। घर मे किनया ँ आ तकर एकटा बेटा।’िचनगारीजी बछबाड़◌ा टीसनक उतरबिरया िसगनल लग शिनचरी संग बैसल ताकू थ ूकैछलाह आ सोचैत छलाह‘मानलहु ँ तािगरी मे थोड़◌ेक जोश हेबो करैत छैक।मुदा, ई कोन जोश भेलै? गाम जाइत देरी ब ुझ ू जे नाम गेल, जाइत-पाित मेधाख गेल आ ता बनबाक सपना चूर-चूर भऽ गेल। शिनचरी कँ अपना संग आिनबड़का आफद बेसािह लेल।’37


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्राित एक पहर बीित गेलै। िचनगारीजी कँ ओहुना चा कात अार देखाइ पड़◌ैतछलिन। कहबी छै, भगवान बेर पर सबहक मदिद करैत छिथ। खास क’ ओकरजकरा ता बक होइक, देशक बागडोर संभारक होइक। िचनगारीजी कँ एकाएकमोन पड़लिनकनही मोिदयािन।कनिह मोिदयािनक डेरा हाइवे सँ पाव भिर जमीन पा ँछा आओर रेलवे पटरी सँकिनकबे हटल, तीन बिटया राक मोहार पर बेस पा ँच-छः का जमीन मे पसरलरहैक। पा ँचटा मही ं स, सात-आठ टा गाय आओर बोतू संगे एक दजर्न बकरी। एखनतक लाइन होटलक चलती निह भेल छल। कनही मोिदयािनक ओिहठाम खेबा-िपबाकसब इजाम। सोनहाइत द ूधक खीर वा पहतिर नर बला दा। जे चाही सेभेटत। नगद सेहो, उधार सेहो। राि-िवाम, वारबला खाट, गंगाकातक पिवरछौड़◌ी, ं सब िकछु ओतए उपल छलै। क ाइवर, पनपैत छोटका बड़का ता,सबहक जमघट छल कनही मोिदयािनक लग।जखन शिनचरीक हाथ धे िचनगारीजी कनही मोिदयािनक डेरा पर पहु ँचला त’ राितएके पहर बा ँकी छलैक। इजोिरया उिग गेल रहैक। इजोिरया मे शिनचरी ओिहनाचमकैत रहअय जेना िसमा मे िहरोइन।कनही मोिदयािन मे सबसँ बेसी ख ूबी छलै ओकर धैय र् आ अकाश तक देखैक गुण।ओ िधयान लगाक’ िचनगारीजीक सब गप सुनलक। फेर बाजल”वाह! तू ँ सिरपोंिचनगारी छह। ता बक सबटा नक्षा तोहर कपार मे िलखल छह।“फेर कनही मोिदयािन शिनचरीक चतरायल जवानी कँ िनहािर मुँह मे िमसरी घोरैतबाजिल”ता ँ एकरा हमरा िजा छोड़ि◌ जा। तुर ंत पटना जा क’ ओिह बढ़वा ु ताकशरणागत हुअ’। हम शिनचरी कँ पेटार मे झािप ं क’ राखब। ता ँ जखन िवधायकबिन जेबह, त’ अिबह। शिनचरी कँ तहतजर् हम वािपस क’ देबह। तोरा कोखरचा निह लगतह। हँ, पटना जेबा लेल, ता ब लेल, एखन एक सौ टाका दैतिछअ। घट’ त’ औरो मािगंिलह’।“िचनगारीजी गदगद भ’ क’ कनही मोिदयािनक चरण धिल ू माथ मे लगौलिन आ िबदाभ’ गेलाह। कनही मोिदयािनक उधारी मे सब िदन बरत भेलैए।िचनगारीजी पटना पहु ँचलाह। ओिह बढ़बा, ु अजादीक लड़◌ाइक िवात िसपहसलारक चरणमे समिप र्त भेलाह। ओना, पिह सँ ओिह ताजीक अिपयारी मे बहुतो ब ुआरी,सौउरा आ कबई सब कुिद रहल छलै। िचनगारीजी ओही झंड ु मे सिया गेलाह।ाक राजनीित कँ के कहअय, देशक राजनीित मे भय ंकर भूक एलैक। अिहदेशक जातंा अपन असली तंा कँ गट केलक। सुी भाइ लोकिन सब िदनितरृत रहला, एलेन जीत गेलाह।कँ िसया िपछड़ि◌ गेल, ब ुझ ू रसातल मे चिल गेल। चा कात एकेटा गप। होलीबीतल गाली मे, कँ िसया खसल नाली मे।ठन मोची, चनमा ँ साफी, िकरा ंइ मुसहर, जगुआ केऔटक संगिह संग राम ठे ंगा िसंह‘िचनगारी’ सब िवधायक आ फेर मनीर। िचनगारीजी िविध म ंी बनलाह। शपथ लेबा38


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्काल हुनक ठोंठ मे बा लािग गेलिन। म ंीक कुसीर् पर बैसलाह त’ पोनक िगरिगटमाथ मे पैिस गेलिन आ िविधक अथ र् ब ुझै मे हुनका जे(अिगला अंकमे)१.मैिथली भाषा आ सािह - मश ंकर िसंह २.. राजकमल चौधरी पर-ड◌ॉ. देवश ंकरनवीन (आगा ँ)१.ोफेसर म श ंकर िसंहड◌ॉ. मश ंकर िसंह (१९४२- ) ाम+पो- जोिगयारा, थाना- जाले, िजला- दरभंगा। 24 ऋचायन,राधारानी िसा रोड, भागलपुर-812001(िबहार)। मैिथलीक विर स ृजनशील, मननशील आऽ अयनशीलितभाक धनी सािह-िचक, िदशा-बोधक, समालोचक, नाटक ओ र ंगम ंचक िनात गवेषक, मैिथली गकेँनव-प देिनहार, कुशल अवादक, वीण सादक, मैिथली, िही, संृत सािहक खर िवान ् तथाबाङला एव ं अंजी सािहक अयन-अेषणमे िनरत ोफेसर ड◌ॉ. मश ंकर िसंह ( २० जनवरी १९४२)क िवलक्षण लेखनीसँ एकपर एक अक्षय कृित भेल अिछ िनःस ृत। िहनक बहुम ू गवेषणाक, मौिलक,अनिदत ू आऽ सािदत कृित रहल अिछ अिवरल चिच र्त-अिच र्त। ओऽ अद उाह, धैय, र् लगन आऽसंघष र् कऽ तयताक संग मैिथलीक बहुम ू धरोरािदक अेषण कऽ देलिन पुकाकार प। िहनकअेषण प ूण र् आऽ बकार आलेखािद ापक, िचन, मनन, मैिथल संृितक आऽ परराक िथकधरोहर। िहनक स ृजनशीलतासँ अािणत भऽ चेतना सिमित, पटना िमिथला िवभूित सान (ता-प)एव ं िमिथला-दप र्ण, मुई विर लेखक सानसँ कयलक अिछ अलंकृत। सम्ित चािर दशक धिरभागलपुर िविवालयक ोफेसर एव ं मैिथली िवभागाक्षक गिरमाप ूण र् पदसँ अवकाशोपरा अनवरतमैिथली िवभागाक्षक गिरमाप ूण र् पदसँ अवकाशोपरा अनवरत मैिथली सािहक भारकेँ अिभविर्तकरबाक िदशामे संल छिथ, त सारत-साधनामे।कृित-मौिलक मैिथली: १.मैिथली नाटक ओ र ंगम ंच,मैिथली अकादमी, पटना, १९७८ २.मैिथली नाटक पिरचय, मैिथलीअकादमी, पटना, १९८१ ३.पुषाथ र् ओ िवापित, ऋचा काशन, भागलपुर, १९८६ ४.िमिथलाक िवभूित जीवनझा, मैिथली अकादमी, पटना, १९८७५.नाााचय, शेखर काशन, पटना २००२ ६.आधिनक ु मैिथली सािहमेहा-ं, मैिथली अकादमी, पटना, २००४ ७.पािणका, कण र्गोी, कोलकाता २००५, ८.ईक्षण, ऋचा काशनभागलपुर २००८ ९.युगसंिधक ितमान, ऋचा काशन, भागलपुर २००८ १०.चेतना सिमित ओ नाम ंच, चेतनासिमित, पटना २००८मौिलक िही: १.िवापित अशीलन और म ूा ंकन, थमख, िबहार िही अकादमी, पटना १९७१२.िवापित अशीलन और म ूा ंकन, ितीय ख, िबहार िही अकादमी, पटना १९७२, ३.िही नाटककोश, शनल पिब्लकेशन हाउस, िदी १९७६.39


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्अवाद: िही एव ं मैिथली- १.ीपादकृ कोटकर, सािह अकादमी, नई िदी १९८८, २.अर फिसल,सािह अकादेमी, नई िदी २००१ ३.पागल दिनया, ु सािह अकादेमी, नई िदी २००१, ४.गोिवदास, सािहअकादेमी, नई िदी २००७ ५.रानल, ऋचा काशन, भागलपुर २००८.िलारण-१. अीयानाट, मज काशन, भागलपुर, १९६७।सादन- १. गवरी, महेश काशन, भागलपुर, १९६६, २. नव एका ंकी, महेश काशन, भागलपुर,१९६७, ३.प-पु, महेश काशन, भागलपुर, १९७०, ४.पदलितका, महेश काशन, भागलपुर, १९८७, ५.अनिमल आखर, कण र्गोी, कोलकाता, २००० ६.मिणकण, कण र्गोी, कोलकाता २००३, ७.हुनकासँ भेट भेलछल, कण र्गोी, कोलकाता २००४, ८. मैिथली लोकगाथाक इितहास, कण र्गोी, कोलकाता २००३, ९.भारतीक िबलाड़ि◌, कण र्गोी, कोलकाता २००३, १०.िचा-िविचा, कण र्गोी, कोलकाता २००३, ११.सािहकारक िदन, िमिथला सा ंृितक पिरषद, कोलकाता, २००७. १२. व ुआड़ि◌भितरिणी, ऋचा काशन,भागलपुर २००८, १३.मैिथली लोकोि कोश, भारतीय भाषा संान, मैस ूर, २००८, १४.पा सोना हीरा,कण र्गोी, कोलकाता, २००८।पिका सादन- भूिमजा २००२मैिथली भाषा आ सािहऋगवेदक भाषाक अयन-अशीलन, िचन-मनन, िववेचन-िवेषणसँ अवबोध होइतअिछ जे वैिदक युगमे तीन उपभाषा चिलत छल- “उरक भाषा”, “मक भाषा”,आ “प ूवीर् मक भाषा”। ाण क अवगहपरा एहन तीत होइत अिछ, ओहीभाषा सभकेँ मशः “उदी”, “मदेशीय”, एव ं “ा” भाषाक नामसँ सोिधत कएलगेल। ा बोली अर् मागधी आ मागधी ाकृतक साक्षात माय छलीह। “प ूवीर् िही”आ “कौसली” क ोत अर् मागधी िथक। एखन मागधी अपंशक अाधिनक ु ितिनिधबाङ्ला, असिमया, ओद ्इया, मैिथली, मगही आ भोजपुरी कऽ रहल अिछ। उपयु र्प ृभूिममे भऽ जाइछ जे मैिथली आय र्भाषा पिरवारक एक ाचीनतम भाषािथक। एकर उि प ूवीर् ाकृतक प ूवीर् को मगध िवदेह ाकृतसँ भेल अिछ।ाचीन उपल सामीमे एकर अक नाम काशमे आयल अिछ। िवकिव िवापित(१३५०-१४५०) एकरा “अवह”, लोचन (१६५०-१७२५), “िमिथला अपंश”, बेिलगी(bel i gat t i ),”ितरहुितया”, वा “ितरहूितयन” आ सुभ झा (१९०९-२०००), “िमिथलाअपंश” नामे सोिधत कयलिन। िमिथलाक भाषाक उेख “आइ अकबरी”मे सेहोभेल अिछ जतय एकरा प ृथक भाषाक पमे ीकार कयल गेल अिछ। आधिनकुकालमे मैिथली नाम सवािधक र् चिलत अिछ। ई नाम जे लोकियता अिजर्त कएलकतकर सब य छिन हेनरी थ◌ॉमस कोलुककेँ जे सव र्थम एिशयािटक िरसचेर्ज भाग-७, प ृ १९९ पर हुनक संृत आर ाकृत सी िनबक अत भेटैत अिछ।तात् िसरामपुर िमशनरी ारा अपन सोसायटीक १८१६ ई.क छठम मेायरमे अ40


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्आय र् भाषा सभक संग तुलना करैत मैिथली शक उेख कयलिन अिछ(इियन एीेरी१९०३, प.२४५)। ृ पाछा ँ जा कऽ एस.ड्ब्ल. ू फेलन, िवशप कैबेल (१८१४-१८९१), ड◌ॉ.हा र्ले (१८४१-१९१५) आऽ केलाग आिद िवत्-व ृ ल-लपर िमिथलाक भाषामैिथलीक चचा र् कयलिन अिछ। पाा िवत्-व ृमे मैिथलीक सबसँ उेखनीय सेवाड◌ॉ. जाजर् अाहम ियस र्न (१८५१-१९४१) कयलिन। वुतः ियस र्न ारा मैथलीशक चार कयल गेल आ िमिथलाक भाषाक अथ र्मे कयल जाय लागल।(अिगला अंकमे)२. ड◌ॉ. देवश ंकर नवीनड◌ॉ. देवश ंकर नवीन (१९६२- ), ओ ना मा सी (ग-प िमित िही-मैिथलीकारिक सजर्ना), चानन-काजर (मैिथली किवता संह), आधिनक ु (मैिथली) सािहक पिरद ृ, गीितकाके प में िवापित पदावली, राजकमल चौधरी का रचनाकम र् (आलोचना), जमाना बदल गया, सोना बाब ूका यार, पहचान (िही कहानी), अिभधा (िही किवता-संह), हाथी चलए बजार (कथा-संह)।सादन: ितिनिध कहािनया: ँ राजकमल चौधरी, अिान एव ं अ उपास (राजकमल चौधरी), पर केनीचे दबे हुए हाथ (राजकमल की कहािनया ँ), िविचा (राजकमल चौधरी की अकािशत किवताएँ), सा ँझकगाछ (राजकमल चौधरी की मैिथली कहािनया ँ), राजकमल चौधरी की चुनी हुई कहािनया, ँ ब कमरे मेंकगाह (राजकमल की कहािनया ँ), शवयाा के बाद देहशुि, ऑिडट िरपोट र् (राजकमल चौधरी कीकिवताएँ), बफ र् और सफेद क पर एक फूल, उर आधिनकता ु कुछ िवचार, साव िमशन (पिका)किकिछ अंकक सादन, उदाहरण (मैिथली कथा संह संपादन)।सम्ित शनल ब ुक मे सादक।बटुआमे िबहाड़ि◌ आ िबर ्ड़◌ो(राजकमल चौधरीक उपास) (आगा ँ)सोनामामी संग देवकाक वाता र्लाप, मानवीय मवेग, मपाशमे बाल द ू ि, आसामािजक मया र्दा, पारिरक सक ख ुीमे जकड़ल मानवक मोनक उेगकें रेखािकतं41


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्करैत अिछ। वा आ मया र्दाक बन आ मवेगक -कामनामे कतहु एकआिर-खेत निह होइत अिछ। एिह दृकें ÷आिदकथा'क घटना-स ूा रेखािकत ं करैतअिछ।सुशीलाक एहेन चिरा◌ा◌ंकन िमिथलाक अयथाथ र् आदश र् आ अावहािरकमया र्दाकें ना ँगट केलक अिछ, एिहसँ ढ़ि◌-पोषक लोकिन िथत जते भेल होिथ,मुदा मैिथलीमे नव-िचन पितसँ उपास-कथा िलखबाक परराक नव स ूापात भेलआ नव पीढ़◌ीक, नव दृ िक उोगसँ िमिथलाक ई बब र्रता समा भेल--से सताकबात िथक।राजकमल चौधरीक दोसर उपास िथक -- आोलन। एिहमे नाटकीय श ैली परिवशेष जोर अिछ। मुदा उपास इहो मिवेषणाके अिछ। नाटकीय श ैलीकगमे मिवेषणक सुिवधा ताकब आसान निह होइत अिछ, मुदा राजकमल चौधरीककथा-कौशलकें ई सब सुिवधा तकबामे को तरु निह होइ छिन। सुगिठतिशमे सामािजक यथाथ र्क मौिलक िचा अंिकत करब िहनकर रचनाक म ूल भाविथक। तीत आ वर्मानक घटना-चक आयसँ सा िदश इशारा एहेन कौशलसँकरै छिथ जे ओ रचना एकदम सहज आ नागिरक जीवनक दैिनक वा जका ँ लगैतअिछ।कथानक एकटा बेरोजगार युवक ÷कमल'क कलका महानगरमे रोजगार ािहेतु वेश आ कलका वासक ममे उपित िविभ दृावलोकनक मबिनयोजन पर आधािरत अिछ। म ूल कथा भाषा-मसँ ओत-ोत मैिथली आोलनकिविवध चरणकें पाियत करैत अिछ। िववरण-िवारमे एिह आोलनक न पसोझा ँ अबैत अिछ। मैिथल जाितक मत-िभता, ईा र्-ेष, धोखाधरी इािद अप ूव र्कलाकतासँ िचिात भेल अिछ। कथा-स ूाक िवारमे पााक अवतारणा आउपकथाक समावेश परम िवसनीय आ सहज यथाथ र्क संग भेल अिछ। उपासकारककहब छिन जे आज ुक ममे तीन वि ृ मुतः देखल जाइ'ए-- क्षुधा, आरक्षाआ यौनिपपासा। एहन तीन विक ृ िचा◌ा◌ंकन लेखकक धान य रहल अिछ।-- वुतः एिह उपासमे ई तीन ू वि ृ बेस फिर भेल अिछ। उपासकपााकें जािह जीव पे ं रचनाकार एतए ठाढ़ कए छिथ, तािहमे मैिथल चिरा आिमिथलाक पिरद ृ प ूण र् िववरणक संग उपित भ' जाइत अिछ। राजकमल चौधरीकस ृजन-कम र्क ई खास िवशेषता िथक जे हुनका ओतए ि आ ि बड़◌े महत्प ूण र्भ' उठैत अिछ। िक जीवन-लीला, रहन-सहन, सोच-िवचार, आहार-वहारकेंअंिकत करैत ओ सूण र् पिरदृ गढ़ि◌ दै छिथ। तें राजकमल चौधरी ारा सिजतृचिराक मानिसक उेग आ भौितक करतब पर िववेकप ूण र् दृ ि रािख ली, तँ हुनकर42


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्सूण र् रचनाक समालोचना भ' जाएत। िहनकर सकल पााक आचरण आ मवेग,ओकर आिथ र्क, राजनीितक, सामािजक, शिक्षक, ै मानिसक हैिसयतक पिरचायक होइतअिछ। कोन पिरिितक कोन मवेगमे म कोन आचरण करै'ए--से प ूराप ूरीएतए होइत अिछ। एिह तरहें चािरिाक िवेषण करैत उपासक मम र्कें बेसीनीक जका ँ ब ूझल जा सकैत अिछ।राजकमल चौधरीक सगरो रचना-िवधानमे पााक स ृजन आ चिरा◌ा◌ंकन आ िवलक्षण अिछ, मिवेषण आधािरत िया-कलाप आ आहार-वहार तािकर्क आसमीचीन अिछ। सम पााक जीवन-िया आ रहन-सहनमे मिवेषणक सुिवधािछड़ि◌आएल रहैत अिछ, जकर आधार पर ओकर अिजर्त जीवन-दृ िक स ू अयनकएल जा सकैत अिछ। को िक िचन-वा कोन िववशता आ वामेिनिम र्त भेल; कोन िया-कलाप ओ कोन पिरिितमे प ूण र् केलक-- से जािन सकबाकसुिवधा मवैज्ञािनके धरातल पर होइत अिछ। चिरा◌ा◌ंकनक इएह उष र्आ इएह कौशल एिह उपासक भावकें वैरा दैत अिछ। भाषा, िवषय, िववरण,िश...सब िकछु मानवीय, सहज, सामािजक, जीव, ामािणक आ िवसनीय!आोलन उपासक नायक ÷कमल' िमिथलाक सुिशिक्षत, परम िववेकशील आितभावान युवक छिथ। आ-ापनक उेें कलकाक महानगरीय पिरवेशमे बौआरहल छिथ। नील ू सन अ वयस िकशोरी अथवा नवयुवतीक उािदत समप र्ण अथवाअड़ आमाण नकािर देलिन; मुदा वासनाक राक्षससँ मुि पाब' लेल अार आबदनाम गली धिर चल गेलाह।आदश र् आ सद्पााताक ितमितर्ू भुवनजी माभाषा आ माभूिमक सार-गितमे तीन छिथ, मुदा को खास कार ं हुनकह ुमे िवचलन आिब गेल छिन।िनम र्ला सन अाधिनक ु सुकामा, सुवणा र् स्ा◌ी भुवजीकें िहला दै छिन। भुवनजीकपी िनरक्षरा आ कुपा छिन। िनम र्ला जी सन सुकामा स्ा◌ीक यौवन, प लाव,आधिनक ु चटक-मटक पर हुनकर लहालोट हैब ाभािवक आ यथाथ र् िथक।मानव सताक इितहासक कहै'ए जे म अपन िवराट छिव ठाढ़ कर'मे तीनरहै'ए, िवराट भ' जाइ'ए, मुदा मानवीय कमजोरी ओकरा संग रहै छै। अइ उपासमेउपासकार भुवनजीक छिव अित िविश आ िनिव पमे ठाढ़ कए छिथ। मुदा जँसएह टा रिहतए, तँ भुवनजी को दकथाक नायक बिन जैतिथ। सम वैिशष्कअछैत मानवोिचत द ुब र्लता रेखािकत ं क' कए उपासकार वुतः भुवनजी आकमलजी--द ुन ूकें यथाथ र्सँ जोड़लिन अिछ।सुशीला बहुगािमनी स्ा◌ी छिथ, िन ित नव-नव पुखक बा ँ िहमे झ ूलए चाहैछिथ। दोसर स्ा◌ी छिथ सुशीला, ओहो अक पुखक संगें समागम करै छिथ। मुदा43


ं<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्तें , द ुन ू स्ा◌ी समान निह छिथ। पर-पुख समागम सुशीलाक िववशता छिन,अथो र्पाजर्नक आधार छिन, जीवन-यापनक ठहार छिन, माइ-बाप संग अपन भरण-पोषण हेतु अ-वस्ा चाही। देहे टा पँजी ू छिन, तकरिह भेजबै छिथ, कूिट-पीिसगुजर करै छिथ। मुदा िनम र्लाक िववशता अथा र्भाव निह छिन। ओ कामातुरा छिथ।यौन-िपपासासँ ाकुल रहै छिथ। को सूण र् पुखक सूण र् भोग लेल तर रहैछिथ। ... एकटा देह बेचै छिथ, एकटा देह िबलहै छिथ। एकटा आब ुभुक्षाकिमे को ितक-अितक काज लेल तर छिथ, दोसर यौनिपपासा शा करबालेल उताह ुल।आोलन उपासक के-िबु िथक आब ुभुक्षा, यौनिपपासा, आसुरक्षा।स िथक, आ राजकमल चौधरीक माता छिन, जे मानव जीवनकआिदम आवकता इएह तीन होइत अिछ। ओना म की, ाणी मााक आिदमवि ृ इएह तीन टा होइत अिछ। शेष सभ वि--ईा ृ , र् ेष, राग-िवराग,लोभ-लालच, पक्ष-िवपक्ष, झंझट-फसाद, ख ून-ख ुनामय... सब िकछु लोक एतए आिबकए, जीवन जीबाक ममे िवकिसत करै'ए; उििखत तीन ू वि ृ म जिहसँ संग अबैत अिछ। अही तीन ू विक ृ िनपटानमे िकओ अपन छिव कुतुबमीनार सन ऊँ चक' लैत अिछ, िकओ अपन कुतुबमीनार सन छिवकें सड़ल पािनक नाली बना लैत अिछ।आोलन उपासकें अइ आलोकमे देखब समीचीन िथक।उपास उम पुषमे िलखल गेल अिछ। कथानायक कमलजी जीवन-संाममेज ुटल छिथ, आ-ापनमे लागल छिथ; भाषाई आोलनमे अपनाकें बिलदानी घोिषतकेिनहार मैिथल लोकिनक सम छि◌कें र् ाथिमक आ मौिलक अभव जका ँ देिख-भोिगरहल छिथ। मैिथल जाितक छि◌-पाख, ं र्राग-ेष, वासना आ नपुंसकताकें , आ एिहविकें ृ छपा रखबाक मक कौशलकें िनकेना ँ चीि रहल छिथ; इएह कथानायक अइउपासक कथावाचक छिथ। कलका महानगरमे जीवन-यापन करैत िविभ आय-िवआ बि-िवक ु वासी मैिथलक िया-कलापसँ पिरिचत छिथ। िनम र्लाजी आ सुशीलाजीजािह वक मैिथल स्ा◌ीक ितिनिध छिथ, तािह द ुन ू वकें िनकटसँ देख छिथ।कमलजीक नजिरमे िनम र्लाजी छिथ योपैा, पोता, ित िनिश नव मीकेंसा ँपसँ कटबा क' मरबा दै वाली िवकटकामा। सुशीला छिथ िनल, िन, िया-श ू,सभ िकछु हेरए िबसरए रा पर ठाढ़ि◌, जे केओ पुख आबए आ िकछु टाका द'जाए! सुशीला छिथ ओ नारी, जे का-चोरा क' निह, धोखा-धड़◌ीसँसफा-सफी अपन अिकें बेिच रहल छिथ!निह, एकदमामा नयनािभरामा कुसुम-सुषमा-रिजता ं सौधामा निह, देह पर मैल, फाटलसाड़◌ी, ओछान पर पुरान, म ँहकैत चिर, आ ँ िखमे िनल र्ता, भाव-श ू, िनाम, पाथर44


ं<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्बिन गेल पुतली। िछः िछः, सुशीला आ िनम र्लाजीमे को तुलना भ' सकैछ(आोलन/प ृ०. ३९)!राजकमल चौधरीक रचना संसार पर बहुतो गोटए बहुत तरहक बात कहलिनअिछ। िहनकर औपािसक-कौशल पर कतोक गोटएकें एकस ूाताक अभावदेखेलिन।... समतामे देखी तँ भारतीय नागिरक, अथवा मैिथल नागिरकक सूण र्जीवन पिरदृ िहनका नजिरमे कौड़◌ी जका ँ जगिजआर अिछ। सामािजक जीवनतीत करबा लेल संािपत समाज-वा, भारतीय लोकता, मानवीय जीवन-पित,जीवन-यापनक बिनयादी ु सीमा-शतर्, िजजीिवषाक अपिरहाय र् वि, ृ मानवीय मवेग,मक अिभलाषा, अिक अिवचल यथाथ... र् सब िबु, पर िवरोधाभास आ िवडनाकज ुल ूस देखाइत अिछ। राजकमल चौधरी अही ज ुल ूसमे देखलिन जे िसा आवहार, वचन आ आचरण, जीवन आ लेखनमे को तरहक पारिरक स-ब,ािपत निह अिछ। लोकतािाक वामे मानवीय सेदनाक रक्षा हेतु जे आचारसंिहता घोिषत भेल अिछ; अथवा िमिथलाक ितक िशक्षामे जे पाठ पढ़◌ाओल गेलअिछ; तकर अपालन अइ भा िवधाता वक कोनहु टा आचरणमे निह भ' रहलअिछ; आ ावहािरक र पर जे भ' रहल अिछ, से मानवीय जीवन पित लेलको अथे र् उपयोगी निह अिछ। एिह िविचा िवडनाकें राजकमल चौधरी उठबैतरहलाह आ जस के तस रखैत गेलाह; अही कार ं िहनकर उपास िवडनासँ भरल,परर िवरोधाभासी आचरणसँ भरल समाज-वाक िचा-खक कोलाज लगैतअिछ। पारिरक पितसँ िशिक्षत-दीिक्षत समीक्षक लोकिनकें जें िक राजकमलचौधरीक उपास अथवा कथामे कथासार अथवा कथानक निह भेटै छिन, तें हुनकालगै छिन, जे एिह रचनामे एकस ूाताक अभाव अिछ। एहेन समीक्षक लोकिनकें ौढ़िशक्षा िनदेशालय ारा नवसाक्षर लेल कािशत कहानीक पोथी पढ़बाक चाही, जािहमेसमा, समाक कारण आ समाक समाधान खोंसैत कहानी िलखल जाइत अिछ आअमे प ूछल जाइत अिछ--त' अहा ँकें एिह कहानीसँ की िशक्षा भेटल?स िथक जे वस्ाक भीतर हरेक म ना ँगट होइत अिछ। वस्ा पिहरैतअिछ परदा लेल। ओना तँ सबहक सब बात लोककें ब ुझले रहै छै। हरेक सानकेंब ूझल रहै जे हम अइ दिनया ु ँमे कोना एलहु ँ आ हरेक माइ-बापकें ब ूझल रहै छै जेओ अपन सानक िववाह िकऐ करौलिन अिछ। मुदा एकटा मया र्दाक ख ुी छै, जािहमेसामािजक पशु बाल रहैत अिछ। ातयोर कालमे, आ एर आिब कए त'आओर बेसी, ई बात लाग ू भ' गेल अिछ। मक भौितक नता पर निह, मानिसकआ वैचािरक नता पर। सब िक स'ब बात स'ब िकयो जत अिछ, मुदा स'बि अपन ओिह सम आचरण पर, वि ृ पर परदा देबा लेल को कोितक बातक परदा देब' चाहै छिथ। किह निह, म यंकें ठकबा लेल एते बेसीिबर् िकऐ रहै छिथ! दिनया ु ँक लोक तँ सबटा बात बिझते ु रहै छै।45


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्(अिगला अंकमे)1.सगर राित दीप जरय मैिथली कथा लेखनक मे शा ाि-डा.रमान झा ‘रमण‘ 2. िमिथला िवभूित पं मोदान झा-ोफेसर रेरिमडा.रमान झा ‘रमण‘बहुत िदनक बाद िमिथलाक ामा ंचल मे सगर राित दीप जरयकआयोजन भेल अिछ। ओना एिहसँ प ूव र् हटनी (19. 05. 2001) आ ओहूसँ पिहघोघरडीआ ( 22. 10. 1994) आ’ डयैाढ ◌़(29 04 1990. . )मे आयोिजत भेल छल।शहरे शहरे बौआए सगर राित गाम िदस एक बेर आएल अिछ। एिह लेलडा. अषोककुमार झा ‘अिवचल’धवादक पा तँ छिथहे। हुनक गौ ंआ ँ लोकिन सेहो ओिहनाधवादक पा छिथ।मुजफ्फरपुरसँ रहुआ-संाम धिरक सगर राितक याामे कतेको बेर िनराशाजनकिित आएल। कतेको गोटय एिह रितजािपकनीकके ब करबाक परामश र् देल,मुदा काठमाूसँ कोलकाता, िवराटनगरसँ वनारस जनकपुरसँ रा ँची, देवघरसँ पिण ू र्या,ँसुपौलसँ जमशेदपुर धिर सगर राितक दीप जरैत रहल। नव नव कथाकार अपननवनव कथाक संग अपनाकेँ जोडै◌़त गेलाह। िविभ ानक माभाषा अरागीक ेहआ सहयोग एकरा भेटैत गेलैक। सगर राितक दीप अवािधत पे जरैत रखबालेल ओ ओलोकिन टेमी बातीक ओिरआओन सुिचप ूव र्क करैत रहलाह। जे सबएकराअजगू त ब ुझैत छलाह, सहिट लग आिब अप आ◌ॅ◌ंिखए देखल, िवास भेलिन।सगर राित दीप जरय कोन प ृभूिममे आ योजनवश शु भेल छल, आयोजन हेतुकोन कोन शतर् आवक छलैक, तकरा करबाक हेतु हम थम तीन संयोजकारा िषत आम ंण पक सारा ंश ुत करब।सगर राित दीप जरयक अवधारणाक46


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ज िकरण जयीक अवसर पर 01 िदसर, 1989के ◌ँ लोहनामे सािहकार लोकिनकबीच भेल। मुदा साकार भेल भास कुमार चैधरीक मामसँ। ओिह अवधारणा केँसाकारकरबाक उेसँ भास कुमार चैधरी सािहकार लोकिनकेँ आमित करैत छओजनवरी 1990क प ारा अरोध कए छलाह-आदरणीय, अप केँ िविदत होएतजे िकरण जयीक अवसरपर लोहनामे एकित सािहकार लोकिन िनण र्य लेलिन जेपंजाबी सािहकार लोकिन ारा आयोिजत ‘दीवा जले सारी रात‘ जका ँ भिर राितकथा पाठक आयोजन घिम-घ ू िम ू कए िविभ ान पर सािहकार लोकिनकआवास परहोअय। पिहल आयोजन 24 िदसर, 1989 के ◌ँ किटहारमेअशोकक डेरा परराखल गेल छल जेिगत भए गेल एक द ुखद घटनाक कारँ। आग ू ओ िलखैतछिथ-हमरा प ारा ई समाचार भेटल आ एिहआयोजनक ार मुजफ्फरपुरमेकरबाक आह सेहो। हम एिह िनण र्यकागत करैत िदन राित कथा पाठ आपिरचचा र्क अयामक आयोजन 21 जनवरी 1990, रिविदन राखल अिछ। सादरआमित ं छी। अपक उपिितये पर आयोजनक सफलता िनभर्र अिछ। अप 21तारीखकेँ भोरे दस बजे पहु ँिच जाए हमर काया र्लय जकर पाछा ँ हमर िनवास सेहोअिछ। ई ान मुजफ्फरपुरक िस देवी ानक साम अिछ। कोतरहकअसुिवधा निह होएत। 21 तारीखके ◌ँ िदका भोजपरा काय र्म शुहोएत, जे ातधिर चलत। कथापाठ (नव िलखल कथा ) ओ ओिहपर िवशेष चचा र्होएत।अपन अएबाक स ूचना प ारा पिहनिह दए दी तँ िवशेष सुिवधा रहत।अिगला काय र्मक ान आ ितिथक िनण र्य एहीठाम काय र्ममे लेल जाएत। डेओढ,किटहार, दरभंगा,पटना आ जनकपुरमे काय र्म करबाक िवचार अिछ। अहा ँकआगमुनक तीक्षा मे‘‘- भास कमार चैधरी।एही कारेँ सगर राितक अवधारणाकेँ भास कुमार चैधरी साकार कएल। हुनक पीोना चैधरी करतेबताक आ ंगनक गृहपी जकाआगत सािहकारक ागत करैतभिर राित टेमी उसकबैत रहलीह। पित ारा आयोिजत सािहिक काय र्ममे पीारा भिर राित टेमी उसकाएब आ अितिथक ागतमे तर रहबाक दोसर आ सेहो47


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्द ू बेर उदाहरण ुत कएलिन अिछ काठमाूक द ून ू आयोजनमे ीमती पा धी।पिहल सगर राितक आयोजनमे रमेश (थाक), िशवश ंकर ीिनवास (बसात मे बहैतलोक),िवभूित आन (अपुष), अशोक (िपशाच),िसयाराम झा ‘सरस‘ (ओिहसा ँझकनाम), भास कुमार चैधरी (ख ूनी) रवी चैधरी, आिद कथा पढल। डा.निकशोरिही कथाक पाठ कए छलाह। अक्षता कएल रमान रे। कथाकार लोकिनकअितिर कथाचचा र्मे भाग लेलिन जीवका, भीमनाथ झा, मोहन भाराज, डा. रमानझा ‘रमण‘। पिठत कथापर चचा र्क उपरा डा.रमण अपन कथा िवषयक आलेख श ैलेआनक कथा यााक पाठ कएल।सािहकारकािभमानक रक्षाक हेतु चचा र्क ममेिनण र्य भेल जेसमाद पर सगर राितक आयोजनक भार लेबाक अरोध ीकार निहकएलजाएत। आमित ं कएिनहार लेल यं उपित भए सहभागी बनब आवककए देलगेल।एकर िनवाह र् अाविध भए रहल अिछ। एक शमे किह सकैत छी, इएह शतर्सगर राितक ाण िथकैक। जीवकाक अरोध परदोसर सगर राित डेओढमे तीन मासक बाद करबाक िनण र्य भेल। एिहठाम हम दोसर(डेओढ) आ तेसर (दरभंगा)क संयोजक ारािषत पक अंश ुत करब जािहसँसगर राितक ल तँ होएबे करत प िलखबाक म कोन िितमे सम्ितअिछ, सेहो ब ुझा जाएत।डेओढ आयोजनक संयोजक जीवका िलखैत छिथ-मैिथलीभाषाककथाकार लोकिन एकठाम बैसिथ अपन नव रचना पढिथ आ ओिह पर टीकािवेषणकरिथ कथाक गित देबामे सामिहक ू य करिथ। एिह उेसँकथा रैलीक आयोजनडेओढमे कएल जाइछ-स ृजनाक उपलि लेल एकरा रणीय बबा मे अपन योगदानकरी।दोसर आयोजनमे ो.रमाका िम, कीितर्नारायण िम, डातारान िवयोगी,नवीन चैधरी आिद संग भए गेलाह। डा.भीमनाथ झा आ दीप मैिथलीपु द ून ू गोटेसंयुपेँ आयोजनक भार लेल जे ी िवजयका ठाकुरक सौजसँ िचनगी म ंच ारादरभंगामे स भए सकल। तेसर सगर राितक संयोजक डा.भीमनाथ झा िलखैतछिथ-प पिकाक एिह संाि कालमे सािहमे संवादहीनताक िित आिब गेलअिछ,कथाक िित तँ आर दयनीय। तः कथा लेखनमे गितरोध देखलजा रहलअिछ। एकरे द ूर करबाक इुक िकछु युवा सािहकमीर् कथा संवाद लेल गोीकआयोजनक िनण र्य लेलिन। दरभंगाक आयेजनमे एकटा नव अाय िलखाएल। सेिथक एिह अवसर पर पोथीक लोकाप र्ण। सगर राितक अवसर पर लोकािप र्त पोथीकनामावली िववरण मे देल गेल अिछ। तथािप ई उेखनीय अिछ जे एिहअवसर परलोकािप र्त होअए बला पिहल पोथी िथक पित ी गोिव झाक कथा संह सामाकपौती ं । भास कुमार चैधरी, जीवका आ भीमनाथ झाक पसँ सगर राितकआयोजनक, ल आ कोन पिरिितमे सगर राित दीप जरय सनकाय र्म शु भेलछल, अिछ। सगर राितक िनयमक असारदरभंगाक आयोजनमे चािरम सगरराित तीन मासक बाद जनकपुरमे डा धीरेक अरोध पर आयोिजत करबाक िनण र्यभेल। मुदा को कारणवशआयोजनमे िवल होइत देिख पित दमनका झाकपटना आवास पर पित ीगोिव झाक संयोजकमे चािरम आयोजन भेल।48


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्िस कथाकार उपेनाथ झा ‘ास‘ अक्षता कएल आ कथा पाठ कएल। िनशाभाग राितमे ासजी अक्षताक भार राजमोहन झाकेँ सौिप दे छलाह। दीपिबहारी पिहल बेर एहीठाम सििलत भए अिगला आयोजन बेग ूसरायमे करबाक भारलए लेलिन । दमन बाब ू आ ासजी निह छिथ। द ून ू गोटे मोन पड़ि◌ रहल छिथ।भास कुमार चैधरीक अिम सहभािगता बेगूसरायमे स उनतीसम सगर राितमेछल। डा. धीरे अिम बेर िबो मे कथा पढ़ छलाह। वनारसमे सगर राितकउदघाटन कए छलाह िहीक ात सािहकार ठाकुर साद िसंह। एिहठाम हमरआिखक ँ समक्ष हुनका लोकिनक ृित साकार भए गेल अिछ। ओना मजफ्फरपुरसँभास कुमार चैधरीक संशेजकमे सगर राितक याा आर भेल छल । मुदाके रहल पट। पटनामे सात खेप सगर राित अयोिजत भेल अिछ। सगरराितक यााक िवृत वण र्न आ ख खमे िवेषण ुत अिछ। ओकर संिक्षउेख ुत अिछ।किटहार सगर राितमे नवानीमे आयोजनक िनण र्य भेल छल।संयोजक मोहन भाराजो. सुरेर झाकेँ कथाकार पमे ुत कएल। ओतय ामानचैधरी आ झंझारपुरकताालीन डी.एस.पी. सरदार मनमोहन िसंह सििलत भेलाह। ओ बरोबिर सििलतहोइत रहलाह। पंजाबक कलमकेँ िमिथलाक फूलबाड़◌ीमे चतरल देिख मुिदत होइतछलाह। सुरेर झा डाराम बाब ूक सौजसँ सकरीमे आयोजन कएल। सकरीमेए.सी.दीपक अएलाह। हरामे आयोजन भेल। हरामे मर झा सििलतभेलाह। िवराटनगरसँ जीते जीत अएलाह। हरामे सगर राितक अवसरपरपिठत कथाक एक ितिनिध संह कािशत करबाक िनण र्य भेल। डा.तारान िवयोगीएव ं रमेश सहष र् दािय हण कएल। कथा संह ेत प कािशत भेल। ेतपमे पैटघाट धिर पिठत कथासँ बीछल कथा संगृहीत अिछ। सगर राित दीप जरयकाय र्मकेँ जीते जीत हरासँ िवराटनगर,पाल पहु ंचाओल। िवराटनगरसँ बनारस आबनारससँ पटना। पटनामे बिनाथ ु झा, अध र्नारीर, रा.ना.सुधाकर केदार कानन,अरिव ठाकुर संग भेलाह त◌ॅ◌ं सगर राित सुपौल पहु ंिच गेल। सुपौलसँबोकारो,ओतयसँ पैटघाट आ पैटघाटसँ रमेश र ंजन जनकपुरधाम लएगेलाह।जनकपुरधामसँ इसहपुर। इसहपुरसँ ामान चैधरी झंझारपुर आनल।ओतयसँ घोघरडीहा, बहेरा सुपौल आ फेर सुपौल सँ धीरे मिष र् काठमाू लएगेलाह।काठमाूसँ रामनारायण देव राजिवराज आ ओतयसँ कोलकातामे भास कुमारचैधरी सगर राितक रजत जयी आयोिजत कएल। कहबाक ताय र् जे नव-नवलोकक अबैत रहलासँ सगर राितक आयोजन बढैत गेल । िकु जतय कतह ुअिम ावक संकट होइत छलैक भास जी आ फेर कमलेश जी ठाढ़ छलाह।िकछु आयोजकक अरोध बरोबिर अशोकजीक पाकेटमे पेिडं ं ग रहैत छलिन।बेगूसरायसँ ाम दिरहरे संग भेलाह अिछ।ओहो कौखन आ कतहु आयोजन लेलतर छिथ।जेना जेना िकछु लोक संग होइत गेलाह अिछ, ओिहना िकछु49


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्गोटेअपनाकेँ अस सेहो करैत गेलाह अिछ। एकर मुतः तीिन टा कारणअिछ-1.अा,2.पिठत कथाक ितिया पर खौझा कए असंगत हार, आ‘3.ितिया स ू िन हतोािहत होएब, एव ं4.काया र्लयीन ता।एिह बीच िनयिमत एव ं सिय पसँ सहभागी बत कतेको सािहकार अा अथवावाध र्क कारँ आब सिमिलत निह भए पािब रहल छिथ। जािह मे मुख छिथपित ी गोिव झा, रमान रे, सोमदेव, जीवका, मोहन भाराज आिद।पिठत कथा पर अपन म ंतसँ चचा र्केँ जीव बिनहार ो. रमाका िमकथाकार िशवश ंकर ीिनवासक ितियासँ आहत भेला पर सकरीक बाद अपनाकेँप ूण र्तःसमेिट लेलिन। िविवधा पर सािह अकादमीक पुरारक िवरोधमे केदार काननकमे कलमल सुपौलक सािहकारक ितियाक कारँ डा.भीमनाथ झा जाएब छोड़ि◌देलिन। जे भास जीक मअिल पर पित गोिव झाक गाम इसहपुर जएबाकलेल तैआर भेल छलाह। तकर बाद कमे ठाम गेलाह अिछ। ेतप मे अपनकपचल कथासँ आहत जीते जीत अपन बाट कािट लेलिन। िकछु गोटे एिह आशाकसंग संव भेल छलाह जे लोक श ंसाक महल ठाढ कए देत, तकर पितर् ू निह भेलापर उाह किम गेलिन। िकछु गोटेक मारी नव आगुक लेल आतंककारी एव ंअादक भए गेल अिछ। सगर राितक ाण िथक अकािशत आ अपिठत कथाकपाठ। ओिह पर ोता अपन ितिया करैत छिथ। ई ितिया ताािलकहोइछतेँ सव रहैत छैक जे पुनः सुनला वा पढला पर िभ ितिया हो। एिहसियताक तीन कारक सकाराक भाव अिछ-1.रचनाक सियतामे वि,ृ2.कथाक िशमे सुधारक अवसर आ‘3.िमे सहनशीलताक गुण बढेबाक अवसर।पिहल सगर राितमे ायः आठ टा कथाक पाठ भेल छल। कथाकसंा मशः बढैतगेल। सबसँ बेसी कथाकारक सहभिगता मिहषीमे भेल छल। एिह बीच जतेक कथासंह छपल अिछ, अिधका ंश कथा सगर राितक अवसर पर पिठत आ चिच र्त अिछ।वयोव ृ सािहकार ामान ठाकुर बहेरामे संग भेलाह।ओिहठामसँ संग छिथ। हुनक50


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्सियताक अमान एहीसँकए सकैत छी जे ओ ेक आयोजन लेल द ू टा कथा िलखैतछिथ।एमहर आिब पिठत कथाक चचा र्क प बदिल गेल अिछ। पिह पिठत कथाधिरअपन ितिया सीिमत राखल जाइत छल। मुदा आब िवचारकेँ कटबा परिवशेष ान रहैत अिछ। एिहसँ पक्ष िवपक्षक िित बिन जाइछ। कतेकोठामअीितकर िित उ भए गेल अिछ । चचाबहकय र् निह एिह लेल भासजी प ूण र्सतकर् रहैत छलाह। हुनक अभाव ख ूब खटकैत रहैत अिछ।किव सेलन मर ंजनकहेतु आयोिजत होअय लागल अिछ।रचनाक धा र् अथवा सियताक मह गाणछक। तेँ किव लोकिन गओले गीत गबैत छिथ। मुदा सगर राितक अवसर परअकािशत एव ंअपिठत कथा पढबाक वाताक कारँ रचनाक सियता बढल अिछ।एक बेर ासजी गोिव बाब ूकेँ परामश र् दैत कह छलिथ जे धिम ू घिम ू भिर राितजागब अहा ँक ा लेल ठीक निह अिछ। गोिव बाब ूक उर छल जे हमरा एिहसँउजा र् ा होइत अिछ। आ ंकडा◌़ कहैत अिछ ओ सबसँ बेसी भिर राित ओएहबैसलाह अिछ तथा सबसँ बेसी हुनके िगतपोथीक लोकाप र्ण एिह अविधमे भेलअिछ। ई िथक सगर राितक रचनाक भाव। रचनाकारकेँ उजर्ित रखबाक महानअवसर। किव सेलनमे आयोजककेँ िवदाइक वा करय पडै◌़त छिन । सगरराित एिह ािधसँ मु अिछ। सहभागी सनारायणक प ूजाक हकारजका ँ अबैत छिथ आभोर होइते घिम ू जाइत छिथ। एिहमे ावसाियकता निह अिछ, ई माभाषा मकसेश दैत अिछ।सगर राितक आयोजन िविभ ान पर भेलासँ ानीय िवतसमाज आकिष र्त होइत छिथ। एकर भाव ओिह ानक मैिथलीक सियता परपड़◌ैत अभव कएल गेल अिछ। सगर राित दीप जरय समानधमा र्केँ भिर राितएकठाम रहबाक अवसर दैत अिछ। िवचारक आदन दानक के तः मैिथली भाषाआ सािह भए जाइत अिछ। एिहसँ पिरचय आ अभवक क िवार होइछ।मैिथलीक रचनाकारमे भावाक संवता बढैत अिछ।सगर राित दीप जरयक िनररआयोजनसँ मैिथली कथा लेखनक मे शािप ूण र् ाि आिब गेल अिछ। आनभाषाभाषी आ सािकारकबीच मैिथलीक कथाकारक िता बढ़ल अिछ। िवशेषतः एिहहेतु जे मैिथलीक कथाकार द ूर-द ूरसँ अपन पाइ खच र् कए पहुचैत छिथ। कथापढैत आ सुत छिथ। अपन कथा पर लोकक ितिया धैय र्प ूव र्क सुत छिथ।आ फेर अिम आयोजनमे सििलत होएबाक संकक संग घिम ू जाइत छिथ। जेसगर राित कथाकार लेल कित भेल छल,समाजक सुधी समाजक अःकरण मे वेशकए मैिथली भाषा सािहक पक्षमे अकूल वातावरणबबामे साथ र्क भूिमकाक िनवाह र् कएरहल अिछ। जिहआ सगर राित ार भेल छल आ एखक जे िित अिछ ओिह मेगुणाक आ पिरमाणाक द ून ू कारक पिरवतर्न अिछ। िवकासक ई िदशा आगित िनिते शुभलक्षण िथक। एिह शुभ लक्षणक उदाहरण तँ इएह िथक जे51


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्दरभंगाक पिहल आयोजनमे पिहले पिहल द ू टा पोथीक लोकाप र्ण भेल छल आ ण र्जयीक अवसर पर 36 टा पोथी लोकािप र्त भेल। िवानलोकिन किह सकैत छिथकोन भाषाक म ंच पर एकबेर 36 टा पोथीक लोकाप र्ण भेल अिछ।दरभंगामे एकटाअमेिरकन नागिरक मैिथलीमे कथाक पाठ कए छलाह। सगर राित दीप जरयकदृ िसँ बोकरो उव र्र छल, एर आिब रा ँची, जमदेशपुर देवघर पिण ू र्या ं आिद ानमैिथली लेल जगरना कएलक अिछ,इहो शुभ लक्षण िथक।मुदा, सगर राितकलोकियता आ िबना वर.िवदाइक सािहकार एव ं सािहारागीक उपिितक उपयोगकतहु कतहु कथा पाठ एव ं ओिह पर चचा र्सँ िभ योजन िसि लेल सेहो भए गेलअिछ। जे सगर राितक म ूल अवधारणाक अकूल निह अिछ। ओिहसँ बचबाक चाही।सहरसामे दोसर खेप सगर राितक आयेजन 21 ज ुलाई, 2007 केँ भेल छल।सगर राित आयोजनक एक मुख आकष र्ण अिछ भेटघा ँट। ओिहसँ बाहरक सािहकारविचत ं रहलाह। उपिितक संग सिन ू जीवका जी 22 ज ुलाई, 2007क अपनपो काडर्मे िलखलिन अिछ-‘सहरसा कथा गोीक खबिर भेल। कथा गोी भूतकालक वु भेल। लेखन काजलेखक सभ छोड़ जाइत छिथ। सेिमनार, तकर चलनबढ़ल अिछ।टी.ए./डी.ए./भेटघा ँट ई सभ भए गेँब ु◌ू जे लेखकीय ल तझअिताक अहंकार पुभेल आ‘ एक दोसराकेँ बल देल। सरकारी माताक बाद भाषामे अक राजरोगउ होइत छैक।मैिथली िनरपवाद पे पिहसँ बेसी रोगािह भेल छिथ।िजबैत रहओ।‘हमरा िवास अिछ सगर राितक िनयिमत आयोजन मैिथलीकेराजरोगसँ मु रखबामे सफल होएत। सािह अकादेमी सँ वष र् 2007 लेल पुरृतहरी दीप िबहारीक कथा संह सरोकारक ायः सम कथा सगर राित दीपजरयक अवसर पर लोक सुन अिछ। आ‘ ओिह पर अपन-अपन ितिया कए अिछ। सगर राितक ई पिहल उपलि िथकैक। एिह उपलि पर मैिथली एिहशाि ािक एक ितभागीक पमे गव र् अभव करैत छी आ‘कामना करैत छीइितहास दोहराइत रहय। -(अिगला अंकमे)ोफेसर रेर िम(१९४५- ), प ूव र् अक्ष, इितहास िवभाग, ल.ना.िमिथलािविवालय,दरभंगा। अवादक, िनबकार। काशन: तिमल सािहक इितहास, भवभूित (द ुन ूअवाद)।52


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्िमिथला िवभूित पं मोदान झा-ोफेसर रेर िमपिण ू र्या ँ िजलाक पंजीकार पिरवारमे उ पं. मोदान झा आधिनकताक ु कसौटीपरअदार मुदा पारिरकताक कसौटीपर उदार, िवान आ िवाक संगित लेल आतुर,िवलक्षण ितभासँ स ुमित वाला िमिथलाक अ सािनत पंजीकार छलाह।पंजीशास् हुनका प ूण र्तः अिधगत छलिन आ ओ पंजीसँ ज ुड़ल ककरहु को िजज्ञासाकसमाधान लेल सदैव तर रहैत छलाह। ओ वुतः िमिथलाक िवभूित छलाह जिनकरृितक संरक्षणाथ र् जे िकछु कयल जायत से थोड़ होयत।पिण ू र्या ँ िजलाक रसाढ़ ामक रहिनहार पं मोदान झा पड़वे महेपुर म ूलक ाणछलाह आओर िवृत कृिष-भूिमक कार बादमे िशवनगर ाममे रहय लगलाह। रसाढ़आ िशवनगर द ुन ू धम र्पुर परगनात अवित अिछ। १९१४ ई.मे उ ओ अपनमाता-िपताक एक मा पु छलाह। पररासँ हुनकर पिरवार पंजीकारिहक छलिन आहुनक िपता िभिखया झा ई वसाय किरतो रहिथन। ओ मुदा नीक कृषक रहिथ आहुनकर बेसी समय ओिहमे लगिन। हुनका २०० एकड़सँ बेशीक जोत रहिन। ओ अपायः िशिक्षतो निहयें जका ँ रहिथ, मुदा अपन पुकेँ नीकसँ नीक िशक्षा िदआयबहुनकर अभी रहिन। मोदान झा यं ब ुझबा जोगरक भेलापर अपन कौिलकवसाय आ िताक पुनार करबा लेल कृतसंक भेलाह।अपन बाावाक संरण बजबाक ममे ओ ायः बाजिथ जे ओ बड़ए सता आआादक समय छल। ओ माता-िपताक द ुलआ त छलाहे, काका-काकी तथा आनसी आ कुटुी जनक ेह सेहो हुनका चुर ा छलिन। ओ दैिनक कृ आिवालयसँ बा ँचल समयमे माछ मारिथ आ ई बहुत िदन धिर हुनकर िय मर ंजनरहिन। ओ एक बेर बहुत गीर पेँ बीमार पड़लाह। वुतः तिहया पिण ू र्या ँिजलामे मलेिरया आ कालाजार महामारीक पमे पसरल छल। आ कहबी छलैक जे“जहर खाउ माहुर खाउ, मरैक होइ तऽ पिण ू र्या ँ जाउ”। हुनकर माता एक सकुलक मिहला रहिथन आ ओ अपन पुक ग्णताक समाि लेल िकछु करबा लेल तरछलीह। हुनकिह िजदपर २०० पया पीस दऽ कलकासँ डार म ँगाओल गेल। चािरपंिडत अहिन र्श हुनकर ग्णावामे द ुगा र् सशती आ गीताक पाठ करैत रहलाह।हुनकर माता यं ताधिर अ हण निह कयलिथन जा हुनकर पु प हण करबाजोगरक निह भेलिन। कलकासँ आयल ड◌ॉरक तऽ अ िवदाइ कैले गेलिन,पाठ केिनहार ा लोकिनक आ पुक आरो-लाभक उपलमे गाम-टोलक लोकसभकेँ भोज सेहो खोआओल गेल। मुदा िपताक आका ंक्षा छलिन पुकेँ िवान ्देखबाक आ िवाथीर्क लेल ग करक-चेा, वक ान, ान-िना तथा अाहारीआिद लक्षणसँ जतः पिरप ूण र् मोदान झा लेल समय अयलिन गृह-ागी होयबाक।53


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्(अिगला अंकमे)1.संिवधानसभा, संघीय संरचना आ िमिथला राक औिच-शीतल झा 2.लघ ुकथा- कुमारमज कप 3. दैिनकी- ोितसंिवधानसभा, संघीय संरचना आ िमिथला राक औिच-शीतल झा,जनकपुर, पालिहमालय पव र्त ऋंखलाक किरब म भागमे चीनक िततसँ दिक्षण, भारतक िबहार आउर देशसँ उर आ प ूव र् तथा पिम ब ंगालसँ पिम एकटा आयताकार देश पालअिछ । २४० वष र्प ूव र् गोराखक एकटा लडाकू राजा प ृीनारायण शाह िहंसक बलसँदिक्षण–प ूव र् आ पिमक देशसभपर आमण करैत गेल आ सुर उपकाकाठमाूसिहत एकटा नमहर देश बलक । एकर सीमा दिक्षणमे कतऽ धिर रहैक,तकर आिधकािरक पसँ कतहु उ्◌ेख निह अिछ । खस शासकारा शािसत गोरखाराक दमनप ूण र् िवाकरक वाद एकर नाम किहया पाल रहल से िनणा र्यक माण निहभेटैछ । दिक्षणमे िमिथला आ अवधसन ऐितहािसक गणरापर सेहो ई िहंसाप ूण र्ढंगसँ षडयप ूव र्क आमण कएलक । एिह ममे ििटशकालीन भारतकारा ितरोधआ यु कएल गेलाक वाद १८१६ क सुगौली सिसँ ई वतर्मान सीमाित देश, बनलजािहमे १८६० क सिसँ दानप ा पिमक ४ िजलासँ एकर वतर्मान पिनधािरत र् भेल । देशक राजनीितक शासन वा राजताक छैक आ एकर रा–संरचना एकाक। एकर शासकीय वित ृ िनर ंकुशाक छैक आ सामािजक आिथ र्क वा सामी छैक। एकर सामािजक मानवशास्ीय संरचना ९अ(बलतजचयउयियनष ्अबि◌चगअतगचभ० म ंगोलाइड केकेिशयन जाितसँ बनल अिछ, जािहमे िनोवाइड आएोाइड जाित सेहो अ संामे बसल अिछ । कैकेिरयनक आय र् शाखा तँमु रहैत अिछ । िहमालय आ पहाड मे िलु, राई, तामाङ, वार, मगर, गुङ, शेपा र्जाित तथा जनजाितक वास छैक तँ दिक्षणक समतल मैदानी भूभाग तराइृमेआय र्म ूलक जाित जनजाितसभक वास छैक । द ुन ू मे िपछड़ल जनजाित,आिदवासीसभक वास सेहो छैक, जािहमे िमित म ूलक संा उेखिनय छैक ।म ूतः कणा र्ली देशक आय र् म ूलक खस जाितक गोरखा रा वतर्मान सूण र् पालपर54


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्शासन करैत अिछ । तेँ ई राजनीितक, शासिनक, ाियक भाव िवारक मेेक जातीय मे वेश कऽ सामािजक, भािषक, जातीय संरचनाकेँ तोड–मडोरकऽ दे छैक आ पालकेँ किथत पेँ राष् किह ुत करैत छैक । वुतःसामािजक िवकासक अयनमे देखल जाए तँ पाल एकटा निह, िविभ राष्सँ बनलएक देश अिछ, जतऽ एिहटा खस जाितक एकल राशासन छैक ।२. िमिथलापालक दिक्षणी समतल भूभागकेँ तराई अथवा मधेश कहल जाइत छैक । एतऽअवध आ िमिथलासन पौरािणक मिहमामित ऐितहािसक सम ृताा गणरा छल, जकरामुगल ििटश शासन दमन करैत गेल आ अतः शाहव ंशीय राजाक स वािट ँ लेलक। १८१६ क सि िमिथलाकेँ खित कएलक । जािह िमिथलाक सीमा कोशीसँ पिम,गकसँ प ूव , र् गंगासँ उर आ िहमालसँ दिक्षण छलैक, तकर आइ इितहास छैक,भूगोल निह छैक । जेँ िक एकर भाषा, संृित, जीिवत छैक तेँ बाटल–बा ँटलशरीरक आधारपर किह सकैत छी–िसमरौनगढ़सँ प ूव , र् झापासँ पिम आ महाभारत महाड़सँउर िमिथला जीिवत अिछ–अिहाजका ँ जी र्ारक तीक्षामे अिछ, उारक बाटजोिह रहल अिछ ।३. संिवधानदेशमे शासन वा कायम करबाक लेल बनाओल गेल म ूल कान ूनकेँ संिवधान कहलजाइत छैक । सभ कान ून, ऐन, िनयम एकरे सीमाक भीतर रही बनाओल जाइतछैक । लोकतक मु आधार आ एकटा माण संिवधान होइत छैक ।पालमे २००४ सालमे पिहलबेर को संिवधान नामक चीज ुत भेल रहैक । ओनातािहसँ प ूव र् १९१० मे एकटा ऐन सेहो बनल रहैक । तात २००७ सालमे अिरमशासन िवधान आ २०१५ सालमे पाल अिधराक संिवधान आएल । २०१५ सालकसंिवधान एकदलीय पायती वा देलक आ तकर अ २०४६ सालक आोलन कएलक। २०४७ सालमे एकटा अिरम सरकार बनाकऽ तकराारा पाल अिधराक संिवधान२०४७ लाग ू कएल गेल । ई सभ संिवधान राजताक एकाक, एकाक अिछ आरा सापर, रापर, शासनपर एक धम, र् एक भाषा, एक जाितकेँ मुखता आअिधकारक माता दे छल । राजाारा द ओ संिवधानसभ राजाक अिधकारकेँसवो र्पिर मात आएल छल । मुदा ०६२÷०६३ मे भेल जनआोलन भाग–२ सँ ईमाता ढहैत गेल आ एखन देश संिवधानसभाारा अथा र्त जनताक ितिनिधारा िनिम र्तसंिवधानक िनमा र्ण करत ।४. संिवधानसभा55


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्संिवधान बनएबाक लेल जनताारा चुनल ितिनिधसभक सम ूह एव ं सभाकेँ संिवधानसभाकहल जाइत छैक । साव र्भौमसा स जनता अपनाकेँ अशािसत आ शािसतरहबाक लेल जािह तरहक शासन–वाकेँ चलएबाक लेल अप पठाओल ितिनिधाराकान ूनक तैयार करबाबैक आ घोषणा करबबैक, तािह जनितिनिधम ूलक सभाकेँसंिवधानसभा कहैत छैक ।५. संिवधानसभाक अभव(क) उर अमेिरका ◌ः िटेनारा शािसत अमेिरकाक १३ रा त भेलापर५५ सदीय संिवधानसभा िनमा र्ण कऽ तकर अमोदन अमेिरकी जनतासँ करबाकऽअिल ३०, १९८९ मे घोषणा कएलक ।(ख) ा ◌ः अपनिह देशक सामी नायक साट सोलहम लुइक िव संिवधानसभावना १७९१ मे लाग ू कएलक ।(ग) स ◌ः १९१८ मे संिवधानसभा तँ बनल मुदा संिवधान लाग ू निह भऽ सकल ।(घ) भारत ◌ः ििटस शासनसँ मुिक लेल ३८९ सदीय संिवधानसभा बनल मुदापािकानक िवभाजनक बाद रहल २९९ सदीय सभाारा आ डा.राजे सादारा ईघोिषत भेल ।(ङ) दिक्षण अिका ◌ः गोर आ कारीक बीच भेल संघष र् संिवधानसभाक माफ र्त अभेल । सव र्पक्षीय सेलनमाफ र्त ४९० सदीय संिवधानसभाक िनमाण र् भेल आ संिवधानबना जनअमोदन कराओल गेल आ घोषणा कएल गेल ।िविभ देशक अभवक आधारपर पालमे बनिनहार संिवधानसभामे िन तरहकिवशेषता होएब वानीय रिहतैक –(क) जनसंाक अपातमे िनवा र्चन िनकारण र् कएल जाइक आ ेक जाित,जनजाित, असंक, दिलत, मिहला, मधेशीक ओिह अपातमे क्ष्◌ो आरिक्षत कऽतयक्ष िनवा र्चनसँ जनितिनिधक पठा संिवधानसभाक िनमा र्ण कएल जइतैक ।(ख) अिरम संसदसँ संिवधान मौदा तैयार कऽकऽ ओकरा जनमतसंहारा िनमा र्ण कएलजइतैक, मुदा क्ष मतादान वा समापाितक णाली द ुन ू कायम कएल गेलैक ।एिहसँ अिवकिसत देशक जनतामे म आ अनावक गड़बड़◌ी उ मऽ सकैत छैक।आब प ूण र् समापाितक णाली बहुतो रािष्य दलक संगिह ेक जातीय, जनजातीय,56


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ीय सम ूहकसभक सेहो मा ंग रहलाक कारण ओकरे लाग ू कएनाइ साथ र्क संिवधानसभाकआधार तैयार कऽ सकैत अिछ ।६. समावेशीकरण तथा समापाितक समावेशीकरणसाक प, शासन, शासनमे देशक क जाित, जनजाित, अःसंखयक जाित,िविभ भािषक सम ूह, सा ंृितक सम ूह, आिदवासी, मिहला, आिद सभक वेश निहभेल तँ शासन पित जनासँ द ूर रिह जाइत अिछ आ ताहूमे लोकत तँ माकिथत सा वक खास जाितक हाथक दमनक माम बिन जाइत अिछ । तेँजातीय, भािषक संाक समापाितक समावेशीकरणसँ मा लोकताि शासन पितमजब ूत आ दीघ र्जीवी भऽ सकैत अिछ ।(क) जनसंाक समापाितक िनवा र्चन िनधारण र् कऽ ओिह सँ ओिह ठामक म ूलजाित, भाषाभाषीक मा ितिनिध कराओल जाए ।(ख) जनसंाक समापाितक पमे सरकारक ेक अंगमे अथवा ूनािधक पमें सभ, व, जाित, िलगंक उपित कराओल जाए ।(ग) सुरक्षा, हरी, शासन, राजनीित, राजनीितक संा ेकमे समा◌ुपाितक ेवेश कराओल जाए वा ूनािधक पमे ार कराओल जाए आ िकछु जाितक लेलारमे आरिक्षत कएल जाए ।एिह तरहेँ देखलापर आगामी शासन पित समापाितक होएबाक लेल संिवधानसभासमापाितक भेनाइ आवक अिछ आ तकरा लेल अिरम संसद आ अिरम सरकार,िनवा र्चन आयोगकेँ सेहो समापाितक भेनाई आवक अिछ आ ओिअ तरहक सुरक्षाकवा कएनाइ सेहो आवक अिछ ।७. एिह तरहेँ वनल संिवधानसभा पालक नव रा संरचना कऽ सकैत अिछ आ संघीयसंरचनािदस लऽ जा सकैत अिछ –(क) रा (ा, देश) ◌ः भाषा, संृित, जाित, धम र् आिदक आधारपर बनल अथवाबनाओल राजनीितक, आिथ र्क, शासिनक अिधकारस राजनीितक भूकेँ रा कहैतछैक ।(ख) संघ – एहन, रा सभस वनल राजनीितक शि स केीय सा के संध कहैछ । आिशक ं साव र्भौिमकता, तता, आ िनण र्यक अिधकार ा सभ िमल कसाव र्भौम सा केके दान करैछ आ एिह रा संरचना के संघीय संरचना कहलजाइत अिछ ।57


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्८. पाल संघीय होएबाक आवक अिछ – कारण ◌ः–(क) पाल िविभ जाित, जाित, जनजाित, धम, र् भाषा, संृित के देश छै ।एिह सभ के देशक म ूलधारमे लएवाक लेल ।(ख) लोकतािक वाके समापाितक समावेशीकृत करबाक लेल ।(ग) संघीय सरकार आ रा सरकार भेला स ेक नागिरक अपन योता वाअकूल उपयोग करबाक लेल ।(घ) रा भीतर अक शासिनक ाियक िनकाय िवकेित िवकाश रा ककाय र् सादन ओिह राक जनताके िनण र्य असार हौइछै ।(ङ) ओिह राक भीतरक ाकृितक सदा जल, जिमन, जंगल खिनज पदाथ र् पर ओिहराक जनताक अिधकार होइछ, ओकर अिधकतम योग ओतिहक जनता करैछ ।(च) उदयोग आिद िवकास काय र् पर राक िनयण रहैछ आ तािह के लेल अरा स, िवदेश स स ािपत क सकैअ ।(छ) ओिह राक मुख भाषा शासन, ाियक आिद मे िनवाध र् पमेँ योगक सकैअ जिह स राक जनता सामािजक ाय, मानवीय िवकास स विचत ं निह भसकैअ ।(ज) अपन माभाषा, त ◌ः कायम भेल सकर् भाषा, िहत िशक्षाक भाषाक सुिवधाभेल स शासिनक, शिक्षक ै वैदिशक सुरक्षा सेवा आिद मे िनक संा मे राक युवा,िशिक्षत व वेश होएत ।(झ) को खास जाितक, राष्क, जाितक, जनजाितक, भाषाभािषक, धािम र्क,सा ंृितक समुदायक इितहास, संृित, भाषा, भेष, कला , सािह, पररा केँ सरक्षणआ सध र्न कए पिहचान के सुिनत आ सुरिक्षत करबाक लेल ।(ञ) को जाितय, जातीय, धािम र्क, भािषक समुदाय के दोसर व स शोषण दमनस मुि के लेल ।(ट) प ृथकवादी आोलन के रोकवाक लेल ।(ठ) एकाक रा वा पण र् प स असफल भगेल अिछ । तै संघीय संरचना58


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्आवक अिछ ।९. संघीय संरचनाक आधार ◌ः–संघक भीतर राक संरचना क आधार िन होइछ(क) ऐितहािसक प स िनिम र्त राष् (.....–जाित ) के आधारपर(ख) कृितक पस िनिम र्त भूखके आधार पर ।(ग) जातीय वाहुता के आधारपर(घ) धम र् अथवा धािम र्क सम्दायक अधार पर(ङ) संृित के आधार पर अथवा सा ंृितक सािमम्ता के आधार पर ।(च) भाषा क आधार पर(छ) कृितक सदाक आवन के आधार पर ।(ज) िवकिसत नया अवा, सोचक, आधारपर ।१०. एिह आधारसभ के देखैत आ पालमेँ चलैत जातीय आोलन सभ केदेखैत आओकर मा ंग सभ के देखैत पालके िन संघीय रामे िवभािजत कएनाई आवकछै ◌ः–(क) िलुवान िकरा ंत रा(ख) ख ुुवान(ग) वा रा वार रा(घ) तामाङ सािलंग(ङ) तमुवान गुङ रा(च) मगरात मगर रा(छ) खसान खस रा(ज) थहट था रा(झ) अवध अवधी रा(ञ) भोजपुरी भोजपुरी(ट) िमिथला िमिथला (िवदेह)संघीय िवधाजनक लेल नया, तप ूण र् जनगणना आवक अिछ, आ ऐितहािसक प सवसल जाित के सामुिहक िनण र्य के आधारपर राक नामाकरण कएनाई आवक अिछ।सूण र् पाल मे खस जाितक िमित अवा भेलो स को जातीय क इितहासआ ओकर भावना निहं मेटाएल अिछ ।59


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्११. िमिथला – संघीय संरचनामे िमिथला रा िकएक चािह ◌ः–(क) िमिथला ाग ्ऐितहािसक भूिम अिछ आ पुराणविण र्त देश अिछ ।(ख) िमिथला आय र्जाितक आधार आ आय र् संृितक िनमा र्ण भूिम अिछ ।(ग) कोशी गक, गंगा, िहमालय के िवचमेँ ित ई भूिम िनित भूख ा कएअिछ ।(घ) ऐितहािसक कालखमे एकरापर अक आमण होइतोमे ई आय र् जाितकवाहुताक छै ।(ङ) एकर अपन वहुत सम ृ संृित छै ।(च) एकर भाषा हजारौ ं वष र् प ूव र्क इितहास देखवैत अिछ आ वहुत समु अिछ ।(छ) िमिथला गणराक इितहासक सा अिछ ।(ज) एकर खस आिथ र्क जीवन णाली छैक ।(झ) सामुिहक, देवी देवता स ल “क” पािरवािरक देवता ित आाक संार छै ।(ञ) िमिथलामे अख लोक िनिम र्त, िनयम कान ून छै सममेँ िमिथला के एकटा सिझयामभावना छैक जािहस ई एकटा राष् छै आ एकरा संघीय संरचनामे रा होएबाकप ूण र् सिक अिधकार छै ।११.....(क) िमिथलाक सम जातीके, राजनीितमे, शासनमे समापाितक उपिित के लेल ।(ख) उोग, कृिष, पय र्टन, जंगल, जल सभ स अिधकतम ् लाभ, लेबाक लेल ।(ग) नदी िनयण, िसंचाई सडक वा ँध, िवुत आिद के लेल संघीय सरकार स आिवदेश स स ािपत कए िमिथला वासी के उान लेल ।(घ) िमिथला स उठाओल कर ... के उिचत वापन कए राक ुत िवकाश केल ।(ङ) िमिथलामे योग होइत सभ भाषा मे सरकारी तथा गैर सरकारी काया र्लयसभमेँ कामकाज करवाक लेल ।(च) सरकारी सेवामे कामकाज करबाक अवसर के लेल । अथा र्त वेरोजगारी समासमाधानमे सहयोग कएवाक लेल ।(छ) िमिथलाक पाविन ितहार मे छुि पएवाक लेल ।(ज) िमिथलाक दिलत, उीिडत, िपछडल व, जनजाित आिदवासी, मिहला, अ संककेँ लेल िवशेष अवसर के लेल ।(झ) िमिथलाक लोकगाथा (सहलेश, लोिरक) लोकन ृ लोकध ुन लोककला, लोकगीत,लोकना आिद के रक्षा आ चार ासरक लेल ।(ञ) पौरािणक िमिथलाक राजधानी जनकपुर सिहत िमिथलाक एक ख, एकर िलिप,सािह भाषा, संृित जीवन श ैली सभ जीिवत अिछ तै रक्षाक लेल आ िवर मेएकर सताके, िवशेषताके फैलावक लेल ।60


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्(ट) पाल मे भेल को लोकतािक आोलन, जातीय मुि के आोलनमेिमिथलाके अ, उ भूिमका रहलैक, सप ूत विलदान देल कै तै संघीयता के लेलअिधक र ाव रोकवाक लेल ।१२. िमिथला राक सीमा ◌ः–(क) ाचीन, िमिथलाक सीमा छलैक –उरमे िहमालय, दिक्षणमे गंगा, प ूव र्मे कोशी,पिम मे गंडक । ई िमिथला १८१६ क सुगौली सि पात् खंिडत भेल । अखनएकर जीिवत भूगोल पर जीिवत इितहास छै, जीिवत िलिप भाषा, जीिवत संृितजीव िजवन श ैली, जीव मभावनाक अिधकार असार सीौन गढ स प ूव , र् झापा सपिम महाभारत पव र्त ृ ंखला स दिक्षण आ पाल भारत वीचक सीमा स उरिमिथला छैक, आ िमिथला रा होएबाक चािह ।(ख) झापा मधेश मे रिहतो मे एत सतार, राजव ंशी जनजाितक बसोवास छैक, आओकर अपन इितहास, संृित, मा ंग आ संघष र् छै तै ओतए, नव आगुक खस भाषी केछोिड ओकर सभके आ िनण र्यके अिधकार असार िमिथलामेँ समािहत कएल जाए अथवाायता देल जाए ।(ग) वारा, पसा र् भोजपुरी भाषाक छै । मैिथली भाषा स फरक छै परुएकर संृित, आिथ र्क जीवन िमिथला के समान छै । खसवादी साके दृ िकोणवहार एकरो ित ओह छै तै एकरो आिनण र्य के आधारपर िमिथला मे समािहतकएल जाए अथवा ायता देल जाए ।१३. मधेश आ िमिथला ◌ः–(क) मेची स महाकाली तकके सूण र् समतल म ू िम – मधेश एकिह सास दिमत अिछ,दिलत अिछ, उीिडत अिछ, तािडत अिछ, उपेिक्षत अिछ । सूण र् मधेशी एकिहमिवज्ञान एकिह मदशा लक जीिवत अिछ । एकरा ितक शोषणक प समानछैक तै तकर संघष र्क िनशाना एकिहटा भाषीक व छै ।(ख) खस भुवादी सा, मैिथली , भोजपुरी अिविध किहक उपेक्षा, अवहेलना निहकरे छै समिमे मा मधेशी कहै छै ।(ग) था जाितके खस शासक पहाडी निह ब ुझै छै आ था अपना के मधेशी ब ुझ सभय महसुस करै छै । तथापी ओ संघीयता के संघष र्मे मुख शि भसकै छै ।आ इएह सोच स मधेशमे वसल ेक जनजाित, ोणवार, सतार राजव ंशी, झागडसभके देखनाइ आवक छै आ ओकरा सबके एिह संघष र्मे ािपत कएनाई आवक छै।(घ) मधेशक आोलन खस सा के िव राजनीितक आोलन छै आ िमिथलाकआोलन मािथक, सा ंृितक, जातीय आोलन िनिहत राजनीितक अोलन छै तै61


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्संघीयता के आोलन के अरवु ले छै ।(ङ) मधेश आोलन के ल िमिथला रहैत अिछ आ मानव अिधकार राजनीितकअिधकरा ािके आोलन के के सेहो िमिथला रहैत अिछ । तै मधेशआोलन के िमिथला आोलन स जोडनाई आ िमिथला आोलन के मधेश आोलन केपमेँ िवकिसत कएनाई रणनीितक सोच राखव आवक छै ।१४. िमिथला आ गणत ◌ः–िमिथला राक लेल अथवा िमिथलाक मुिके लेल पालमे संघीय शासन आवक शतर्छै । संघीय शासन के लेल गणत आ लोकत आवक शतर् छै आ अत ◌ःलोकत के ापनाके लेल, एकर सशता के लेल, एकर दीघा र्यु के लेल गणतआवक छै ।१. गणत – जक आधारपर िवशेषािधकार सिहत शासक िवना के शासन पितसाक प के गणत कहैत छै । साव र्भौिमक जनता जनितिनिध ारा राष्मुख िनमा र्णक पित के गणत कहैत छैक अथा र्त् राजा िवना के शासन पित।२. पाल गणताक देश हाएवाक चािह – कारण ?(क) किथत एिककरण वलातु सैिनक वल स िहंसा ारा भेल छै ।(ख) राजतक म ूल चिर िनर ंकुश, िनम र्म, अाचारी होइत आएल छै ।(ग) सामे ,सेनामे, शासनमे, ायलयमे दमनकानरी नीित स पकड वना क आमव केँ िनम र्म शोषण दमन करैत छै ।(घ) को कारक, नया सोच, वैज्ञािनक िचन जनअिधकार आ गित िवरोिध भेनाईराजतक म ूल ऐितहािसक िचन आ चिर छै ।(ङ) एक देश–एक रा, एक रा –एक राष्, एक राष् – एक जाित, एक जाित –एक धम, र् एक धम र् – एक संृित, एक संृित– एक भाषा, एक भाषा – एक भेष आिदकारक िनर ंकुश एकाक नीित लैत आएक छै ।(च) लोकतके ािय, मानवअिधकारक वहाली, कान ूनी राक ापना त,ायपािलका के लेले राजत उेदन आवक छै ।(छ) जनतके बलीदानी संघष र् स आएल लोकत के साथ सदा घोर षडय करैतआएल छै ।(ज) िन जाित आ व के सान द ुर रािख दानवीय वहार कएनाई के दैिवकअिधकार ब ुझै छै ।(झ) को जाित जाित , जनजाित, भाषाभाषी के पिहचान के दमन करैत आएलछै आ दमन मे सेना, शासन, अदालत, माह केँ योग करैत आएल छै ।62


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्(ञ) मधेशी के सदा िवदेशी सािवत करै मे रहै त आएल छै ।(ट) िमिथला के साथ वहुत वडका धोखा, षडय, गारी करैत आएल छै , जहनिमिथलाक सेना स सहयोग ल क भंग कए दे छै ।(ठ) जातीय अिधकार के सुिनित, सुरिक्षत रखवाक लेल आवक संघीय संरचनाकेापनाक लेल गणत आवक छै ।१५. सघीयता आ वगीर्य आोलन ◌ः–िकछु राजनीितक आ बौिधक वमे म रहैंछ आ म ृजना करैछ जे संघीयआोलन वगीर्य आोलनकेँ कमजोर करैत छै आ संघीय आोलन जातीय सम्दाियकसाव के दिषत ू छै । मुदा ई म मा अिछ । शोषण के प आ गितजतेक आ ती होइछ आ वगीर्य आोलन के गुण लैत जाइत अिछ आ सव आ “स” जाित के िभतर िनिम र्त शोषण आ शोिषतक चिर लबैत अिछ त ओमा अिधकार आोलन निहं, जाित, िहतक आोलन मा निहं मानव िवकाशकेम मे भेल वगीर्य आोलन अिछ । (आ को वगीर्य आोलनकारी के संघीयआोलनके समथ र्न करबाक चािह) िमिथला आोलन सेहो वगीर्य आोलन अिछ जतएएकटा राष्, सम ृ संृित, भाषा, सािह, शोषण आ दमनके िशकार अिछ ।१६. िमिथला आ जातीय आोलन ◌ः–जाित प, चिर, इितहास, आ ओिह जाितपर होइत शोषण दमके माा, जातीयआोलनके िदशा र प िनधारण र् करैछ । (सामािजक संरचनाके िभरके िविभजाितकै तह, िहु धमाबलीके र् िविभ जातपर होइत भेदभाव, आ शोषण सेहोआोलन के समय आ प िनधारण र् करैछ । तथािप छोट आ सामियक अर िवरोधएकर मु आोलन के असर निहं क सकैछ आ धान अर िवरोध के समाधान माओिह अर िवरोध के समाधान क सकैछ । िमिथलाके िभरकेँ िविभ मु के समाधान कर में आएल वाधा राजनीितक वैचािरक आोलन के माफ र्त माअ कएल जाए सकैछ ।१७. िमिथला आ जनजातीय आोलन ◌ः–जनजाित तः शोिषत दिमत आ अिवकिसत होइत अिछ । ओकरा पर सिदयौ ं सशोषण भ रहल अिछ । मुदा आब आहो अपना अिधकार के लेल अनवरत संघष र् करहल अिछ । पालमेँ जनजाित को िवकिसत आ को अिवकिसत अिछ । द ुके ायता चाही । िकछु जनजाित सैिनक हरी सेना स ज ुडल अिछ । मुदाअिधकारस विचत ं । ओ पहाड मे आ मे आ मधेश मे सेहो अिछ । मधेशकआोलन द ु के अिधकारके लेल कएल संघष र् मे सहयोग कएलक अिछ । िमिथला63


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम् मे जे जनजाित अिछ तकरा िमिथला रा समापाित अिधकारस विचत ं निहंकरत से ओकरा िवास निहं भैरहल छै आ पहाडके जनजाित स िमिथला तथा मधेशआोलन के िनक जका ँ निहं जोडल जा रहल अिछ । द ु ठामक जनजाित केिवास मे लेनाई आवक अिछ ।१८. मधेश, िमिथला आ था आोलन ◌ः–जनजाित में था क संा वेसी छै आ मा मधेश में लगभग प ूव र् स पिम तकअिधका ंश िजामें । ई जाित अलग पिहचानक जाित छै क एकर अपन भाषा आिकछु संृित अलग छै । जािह में ित छै तािह ठामक भाषा स ज ुडल छै। शािरिरक बट म ंगलाइड सन छै मुदा सा ंृितक स मधेश के साथ ज ुडल छै। ई त आोलन निहं क सकैअ आ मधेशी आोलन स ज ुड स डराइछै ।मधेशी आोलन के अंगा खस सा एकरा योग करै छै । किहओ आ कोआोलन के िव में उतािर दैत छै । वहुत सन जनजाित भेला के कारणई आसानी स ओिह षडय में फंिस जायत छै आ मधेश आ मधेशी कें िवमेठाढ भ जाइत छै । एकरा जनजाित आोलन स िनक जका ँ जोडनाई वहुत जरीछै, तहन एकरा िमिथला आोलन में समापाित अिधकार आ समापाित अिधकार के लेल िवास में ल एकर िवास ा केनाई आवक छै ।१९. पालक िमिथला आ भारतक िमिथला ◌ः –सुगौली सि िमिथला के द ु खमें त वािट ं देलक, मुदा राजनीितक सीमा स िमिथलाकभाषा, संृित सािहक स निह तोिड सकल । आई द ु देशमें िमिथला राकमा ंग उिठ रहन छै । अइस हु देशक शासक व के िकछु भय भरहल छै । द ुदेशक िमिथला आोलन के भावनाक स छै आ द ु के ितक समथ र्न छै जेसिक छै । द ु राजनीितक तता कायम राखए चाहैछै, द ु अखता केसान करै छै । ई वात द ु देशक सा के व ुझक चाही आ हमरा सभ के कतर्जे द ु साके ब ुझा देवक चाही । संघीय संरचनामें द ु िमिथला अलग अलगराािधकार चाहेछै, जेना व ंगाल, पंजाव इािद व ंगला देशकें आ पािकान में सेहोछै ।२०. आ िनण र्य के अिधकार आ िमिथला ◌ः–िगत, जाितगत गत, राष्गत पमें त पिहचानकें साथ राजनीितकशासिनक िनण र्य के अिधकार आिनण र्य के अिधकार अिछ । आिथ र्क जीवन अपश ैली में संचालन केनाई आिनण र्य के अिधकार छै, अशािसत तता केअिधकार आिनण र्य के अिधकारके म ूल मम र् छै । को ि दोसर ि पर,64


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्को जाित दोसर जाित पर को राष् दोसर राष् पर अनािधकार के योगकएनाई के प ूण र् िनयण आिनण र्यक अिधकार कै । ीय, जातीय, रािष्य दमन,शोषण, शासन, शासन स मुि के अिधकार मा आ िनण र्य के आ िनणा र्यकअिधकार छै ।िमिथला एकटा त ऐितहािसक राष् छलै तै एकरा आिनण र्य के अिधकार छै, जेराजनीितक सीमा मे शासिनक शासकीय दमन स मु होएक ।२१. िमिथला आ जातीय ायता ◌ः–सीिमत राजनीितक आिथ र्क अिधकार सिहत के खास में खास जाित अथा र्त राष्के ादेिशक शासन के जातीय ायता कहल जाइछै । ई आ िनण र्य केअिधकार के अध र् तथा िनयित योग छै । आ िनण र्य के अिधकार के ायतामें घेर देनाई आ ायतताके जाितगत पमें योग केनाई अवहािरक छैखासक िमित सामािजक संरचनाके देशमें आ में । िमिथला संघीय संरचनामे प ूण र्रािधकार योग करए चाहैत अिछ को केीय सा स िनधारण र् कएल सीिमतअिधकार सिहत कें किथत ायता निहं ।२२. िमिथला आ दिलत आोलन ◌ः–ई हरेक दमन आ उीडन स म ू ि के युग छै । राजनीितक आिथ र्क शोषण मानिहं, सामािजक उीडन स मुि के लेल ेक देश में, ेक राष् मे, ेकसमाज में आोलन ती भगेल छै । एकरा समयमे ीकार कएनाई ेकलोकतवादीके कतर् छै । सामािजक ाय उपल करबैत राजनीितक पमेेक अंग में सानप ूव र्क उपित कएनाई रा के कतर् छै । िमिथला यंउपेिक्षत उीिडत अिछ । तै ं एकरा कतहु के दिलत आोलनके हािद र्क समथ र्नसहयोग करैत िमिथलाक दिलत मुिके आोलन में सामेल होइत, ओकर अगुवाईकरैत िमिथला रा के ापना में गित स अगा बढत ।२३. िमिथला आ राजनीितक दल ◌ः–देशमें वतर्मान में सकृय राजनीितक दल सभ मे संघीय संरचना के िवषयमे धारणा वाहर निद आएल अिछ । संिवधानत ◌ः ीकार कएले पर एिह िवषय मेपाटीर्क संघ िवरोधी धारणा बाहर अवैत अिछ । संघीय संरचना बनाएब, तािहमेकपटप ूण र् अिभि अबैत अिछ । िकछु दल के नीित इ रिह आएल अिछ जे सूण र्मधेश के एकटा राके पमे आवक चाही । ई संघीय माता पाल मे कतेकवहािरक हेतै ? पौरािणक िमिथला के संशोधनसिहत के एकटा रा बना कएमधेश में अ रा सेहो उपयु होएत । हरेक के आोिलत कए सम65


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्मे मधेश के खसवादी भु स मु कएल जा ेक दल आ किथत व ु ििजवी संघीयसंरचना के ीकार करैत, मु मधेश के माता दैत िमिथला राके ापना मेसहयोग करैक, ईहए संघीय माता अकुल हेतै ।२४. िमिथला आ मिहला आोलन ◌ः–िमिथला सदा नारी के सान करैत आएल अिछ । तै नारी अिधकार के कुित निहंकए सकैअ । मिहला अिधकार, मिहला सशिकरण ारा मिहला आोलन के िमिथलाआोलन स जोिडक ल जेनाई जरी छै । िकछ दशक स िमिथलाके मिहला केअनावक अरमुखी वनावल गेल छै आ एिह मे पालक जिडआएल सामी सामािजकराजनीितक वाक खास भूिमका छै । तै ं िमिथला के लोकतािक रा िनमा र्ण मेअिधकार स मिहलाके भूिमका अित आवक छै ।२५. िमिथला आ किथत िपछडल आ आगा बढल व ९ बअपधबचम ◌ायच धबचम ०◌ः–िमिथलाक डोम सेहो सिशाली छल । एकरा साथ अछुत क वहार निहं छलै ।गणराक नायक जनकक कालमे समताम ूलक समाजक माण भेटछ । तथािप िमिथलाएकटा देश छल जतए सब जाित जातक बसोबास भािवक छल आ अिछ । अखनलोकतािक वा मे सभ जाित जातके समापाितक समावेशीकृत उपिित िमिथलाराके ेक अंग आ िनकाय में रहत से घोिषत नीित अिछ । िमिथला कोएकटा जाित के निहं, किथत उ जाित के कथमिप निहं । योता क्षमता असारसमापाितक पमें सहभागी केनाई आवक अिछ । इएह िमिथला िनमा र्ण के आधाररहत ।२६. िमिथला आ मानक मैिथली ◌ः –मानव शास्ी आ भाषा शास्ीक असार केव भाषा निहं बजैअ, सब बोली९मष्बिभअतक० बजैअ । समप बोली के सम प भाषा होइछ । मुदा जािहबोलीक बेसी संचार होइछ जािह बोली मे िवशेष रचना कािशत होइछ, जािह बोलीके बेसी पाठक होइछ जािह बोलीक ि सा पर िनयण करैछ जािह बोली ाराकाशन, ाय सादन होइछ, जािह बोलीके िवान ाकरणक रचना करैछ, वएहबोली भाषा बिनक समाजपर भाव पारैत अिछ । तै को बोली किथत उवके भए सकैछ, तै ओकरा मानक भाषा ब ुझनाई ओतेक उिचत निहं आ अइस कोजाित के रायपर िनयण के श ंका केनाई उिचत निह । तै िमिथला मेंवतर्मान में वाजए जाए बाला ेक बोली के सान करत, सभ भाषाके सानकरतआ वहु भािषक नीित रािख रा संचालन करत ।२७. िमिथला रा ापना के लेल नीितगत काय र्म ◌ः–66


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्(क) जनता, लोकत, मानवअिधकार के िवरोधी, जाित, भाषाक अिधकार के धानशु राजत अिछ । तै जनताके िम शि लोकतवादी, मानव अिधकारवादी,कान ूनी राक पक्षधर आिद शि आ संगठन स िमलक गणत लएवाक लेल अथकसंघष र् आवक छै ।(ख) ेक जाित, जनजाित, आिदवासी, दिलत उीिडत व िपछडल व, असंक जाित, मानव अिधकरावादी सबस िमलक, संघीय संरचना केल कठोर संघष र् आवकअिछ ।(ग) मधेशक ेक जाित, जनजाित, भाषा भाषीक समुह, मिहला मुिम सभके साथकाय र्गत एकता करैत खस सा स सूण र् मधेश के मु कएनाई बेसी आवक छै।(घ) संघीय संरचनाक मम, र् भावना असार मधेशमे आ िनणा र्यक आधार पर िमिथलाक ेक व के आोिलत कए िमिथला राके लेल सहमित ज ुटएनाय आवकअिछ ।२८. कायिदशा र् ◌ः–१. संघीय संरचना िवना मु मधेशक कना तथा मु मधेश िवना िमिथला राककना असव होएत से ब ु िझ चेतना म ूलक काय र्म सूण र् मधेशमे आवक अिछ।२. खस सा विय समुदाय के िदमाग स ई भय हटैनाई जरी छै आ चेतनादेनाई जरी छै जे को जाित, भाषा के संरक्षण, सान संघीय संरचनामे मासंभव छै । जन अिधकार स लोकत संघीय संरचनामे मा संभव छै ।३. को सा, दलीय सरकारक िनर ंकुशता के ून करवाक लेल संघीय संरचना माआधार छै ।४. संघीय शासन णाली सं देश खित निहं होइछ । अथा र्त संघीय शासन देश केिवखन स बचवैत अिछ । अथा र्त् संघीय संरचना िवखनवाद के ायी समाधान अिछ।२९. िमिथला रा िनमा र्ण वाधक िचन ◌ः–67


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्अिरक१(क) िमिथला के लेल को राजनीितक संगठन निह अिछ । आ एहके लेल कोसंघष र् निहं अिछ ।(ख) भाषा संृित करे लेल को एिककृत संगठन निह अिछ ।(ग) को ािपत निहं अिछ ।(घ) भाषा, संृित के आोलन के लोकतािक आोलन, मानव अिधकार वादीआोलन स जोडक, लएजवाक िचन या यास निहं अिछ ।(ङ) एिहके लेल िकछ भ रहल आोलन, वौिक ि सभक मा अिछ, िजनकामेािभमान कम, अहंकार वेसी, संयोजन करवाक क्षमता कम फुट करवाक क्षमता वेसीछि ।वा(क) खस जाित सम संघ के िवरोधी िचन रखैत अिछ अपना के सदा केीयसाके भागी ब ुझैछिथ आ पाल के अपन पुखा र् के अजर्न सि ब ुझै छिथ ।(ख) सम मधेश एकराक नारामे साधारी व िवखन के गंध देखैत अिछ आिमिथला तथा संघीय संरचना के िव सोचेत अिछ ।(ग) संघीय आोलन के कएिनहार, दल या ि के िही भाषा ित आसि समाभाषा मी िवचकैत छिथ आ खसवादी सेहो एिहमे िकछु रहय द ु सुंधवाकयास करैत अिछ ।िनश्कष र् ◌ः–पाल के साधारी, व संकट के घिड स गुजिर रहल अिछ । देश अखन अिधकारािकँ नया ँ मोडपर ठाढ अिछ । अिधकार स विचत ं उीिडत व, जाितआोलनमे कुद पडल अिछ । संघीय लोकतािक गणत माग एकर अचूक औषिधछेक । ेक भुसावादी सामी िचन एिह आोलन के पाछा धकेल चाहैत अिछआ आोलन ओकरा िकनार पर खसवैत आगा बिढ रहल अिछ । आउ, समाजक स भव, आोलन मे भाग िलअ आ सिक अिधकार ािपत क ।शीतल झाजनकपुर68


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्सभर् सामाी ◌ः–(क) संिवधानसभा, संघीय संरचना, िमिथला राज – अवधारण १– शीतल झा(ख) संघीय शासन ितर ...............व ृषेश च लाल(ग) संघीय शासन वाको आधारमा राको पुन ◌ः संरचना – अमरेश नारायण झा(घ) म ूा ंकन मािसक ।कुमार मज कप।ज-१९६९ ई◌़ मे मध ुबनी िजला ंतत सलेमपुर गाम मे। ूलीिशक्षा गाम मे आ उ िशक्षा मध ुबनी मे। बा काले सँ लेखन मे अिभिच। कैकगोट रचना आकाशवाणी सँ सािरत आ िविभ प-पिका मे कािशत। सम्ित कें ीयसिचवालय मे अभाग आधकारी पद पर पदािपत।नव-वष र्शहरी संृित मे नव-वष र्क बड़ महत् भऽ गेलैक आछ। चाकात उास, आनंद◌़ को पाबिन-ोहार सँ बेिसये। लोक पुरनकािबतल साल सँ िप छोड़◌ा नवका साल कें ागत करय मे बेहाल◌़एिह मे केयो ककरो सँ पाछा ँ निहं रहऽ चाहैछ । ध ूम-धड़◌् ा,नाच-गान◌़ आई जकरा जे मोन मे आबय कऽ रहल अिछ नयासालक ागत मोन सँ कऽ रहल आछ । मुदा सब केयो थोड़बे?शहरक एिह उास के निह बिझ ु पािब; सुकना के सात सालक बेटापुिछये देलकै ओकरा सँ -'' बाब, ू आई िक िछयै जे लोक एना कऽरहल आछ?''69


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्''बाऊ, पैघ लोक सभक नया साल आई सँ शु भऽ रहल छै; तै ंसभ पाबिन मना रहल आछ।''- बाल-मन कें ब ुझेबाक यास केलकसुकना ।चोिह श्र्नक झड़◌ी लगा दे छलई छौड़◌ा ं - ''हम सभ नयासाल िकयैक निहं मनबैत िछ ? हमरा सभक नया साल किहयाएतैक? हम सभ किहया मबई नया साल?''सुकना एिह अबोध कें कोना ब ुझबौक जे गरीबक को साल नयानिहं होईत छैक। बोिनहारक सभ सा ंझ नया साल आ सभ िभनसरपुरान साल जँका होईत छैक। बोिनहारी भेटलई तऽ न ू-रोटीसही, पिरवारक सभ िक पेट भरलैक ; निह तऽ भुखले रिहगेल सभ गोटे । एना मे कोन सीमा-रेखा मजूरक लेल नया आपुरानक भऽ सकैछ◌़ ज़◌ँ भऽ सकैछ तऽ एक मा मजूरी भेटब◌़भेट गेल तऽ नया सालक ख ुशी; निह भेटल तऽ पुरान साल सनद ुख◌़ तै सभ सा ंझ नया साल आ सभ िभनसर पुरान साल ।बाप-बेटा द ुन ू चुप एक दोसराक मुँह देिख रहल छल◌़ साईत आिखँआिखक ँ भाषा बिझ ू गेल छलैक।२. ोितकेँ wwwpoet . r y. comसँ संपादकक च◌ॉयस अवाडर् (अंजी पक हेतु) भेटलछि। हुनकर अंजी प िकछु िदन धिर wwwpoet . r ysoup. com केर मु प ृ पर सेहो रहलअिछ। ोित िमिथला िचकलामे सेहो पार ंगत छिथ आऽ िहनकर िचकलाक दश र्नी ईिलंग आट र् ुपकेर अंतत ईिलंग ◌ॊडवे, लंडनमे दिश र्त कएल गेल अिछ।िमिथला पेंिट ंगक िशक्षा सुी ेता झासँ बसेरा इ ंीूट, जमशेदपुर आऽ लिलतकला तूिलका, साकची,जमशेदपुरसँ। शनल एशोिसएशन फ◌ॉर ब्लाइड, जमशेदपुरमे अवैतिनक पेँ प ूव र्मे अापन।ोित झा चौधरी, ज ितिथ -३० िदसर १९७८; ज ान -बेवार, मध ुबनी ; िशक्षा- ामीिववेकान िम िडल ूल◌़ िटो साकची गर् हाई ूल◌़, िमसेज के एम पी एम इटर कालेज़, इिरागाी ओपन य ू िनविस र्टी, आइ सी डबू ए आइ (क◌ॉ एकाउेी); िनवास ान- लन, य ू .के.; िपता-70


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ी शुभंकर झा, ज़मशेदपुर; माता- ीमती सुधा झा, िशवीपी। ''मैिथली िलखबाक अास हम अपनदादी नानी भाई बिहन सभकेँ प िलखबामे कए छी। बेसँ मैिथलीसँ लगाव रहल अिछ। -ोितनवम िदन :२ जनवरी १९९१, ब ुवार :भोरे प◌ॉ◌ंच बजे उठीकऽ िनियासऽ िनपिट हम सबसऽ पिह तैयारभेलहु ं।समान ठीक केलाक बाद सबके उठेलहु ं।तकर बाद अपन समान बसमेरािख एलहु ं।फेर जाबे सब तैयार होइत छल ताबे बगानमे खेलाइछलहु ं।किनक देर बाद सबिकयो समुतट िदस िवदा भेलहु ं।कतेक लोकपैरे चिल गेल िकु हमसब बसमे गेलहु ं। िशक्षक सब कनी पैघ रासऽ लऽ कऽ गेला उड़ि◌साके सीमामे सेहो वेश करेला।तकर बाद समुदेखैत देरी हम ओिहमे घिस ु गेलहु ं।ई हमर पिहल अवसर छल जहन हमसागरक लहर सऽ खेल रहल छलहु ं। तकर बाद हमरा सबके नाा लेलबजायल गेल।फेर हमसब लौिट गेलहु ं ल◌ॉजमे।आब हमरा सबके सामानबसमे राखक छल।अिहमे हम सबके सहायता करैमे सबसऽ आग◌ॉ◌ंरही।आधा रामे िककऽ हमसब भोजन केलहु ं।भोजपरा पुनथजमशेदपुर िदस िवदा भेलहु ं।यिप अपन अिभभावक सबस भेंट हुअकेख ुशीतऽ छल िकु सबसऽ अलग हुअके द ुथख सेहो छल।तुरत हमसब िनण र्यलेलहु ं जे एक िपकिनक करब आ तािह लेल पाई िशक्षक अिभभावक केमीिट ंगमे जमा करक छल। तुरत हमसब िशक्षक सबके सेहो आमित ं कऽदेलहु ं। जहन जमशेदपुर पहु ंचलहु ं तऽ सबहक अिभभावक पिह सऽ ओतऽपहु ंचल छलैथ।अिह तरहे हमर सबहक जीवनक ई महत्प ूण र्िदन समा भेल।नवम ्िरपोता र्ज- 1.अरािष्य मैिथली सेलन आ पाल रामभरोस कापिड ‘मर’ 2.नवेु कुमार झा 3. पाल िचएबाक अिभयान - िजते झा .71


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ी रामभरोस कापड़ि◌ “मर” (१९५१- ) ज-बघचौरा, िजला धषा(पाल)। सम्ित-जनकपुरधाम, पाल। िभुवन िविवालयसँ एम.ए.,पी.एच.डी.(मानद)।हाल: धान सादक: गामघर साािहक, जनकपुर एस दैिनक, आ ंज ुरमािसक, आ ंगन अर्वािष र्क (काशक पाल ज्ञा ितान, कमलादी)।मौिलक कृित: बकोठरी: औनाइत ध ु ँआ (किवता संह), निह, आब निह (दीघ र्किवता), तोरा संगे जएबौ रे कुजबा (कथा संह, मैिथली अकादमी पटना,१९८४), मोमक पघलैत अधर (गीत, गजल संह, १९८३), अन अनिचार(किवता संह, १९९० ई.), रानी चावती (नाटक), एकटा आओर बस(नाटक), मिहषासुर मुदाबाद र् एव ं अ नाटक (नाटक संह), अतः (कथा-संह), मैिथली संृित बीच रमाउं दा (सा ंृितक िनब सभक संह),िबसरल-िबसरल सन (किवता-संह), जनकपुर लोक िच (िमिथला पेिटस),ंलोक ना: जट-जिटन (असान)।पाली कृित: आजको धषा, जनकपुरधाम र यस का सा ंृितकसदाह (आलेख-संह), मरका उृ नाटकह (अवाद)।सादन: मैिथली प संह (पाल राजकीय ज्ञा ितान), लाबाक धान(किवता संह), माथ ुरजीक “िशुली” खका (किव . मथ ुरान चौधरी“माथ ुर”), पालमे मैिथली पकािरता, मैिथली लोक न ृ: भाव, भंिगमा एव ंप (आलेख संह)। गामघर साािहकक २६ वष र्सँ सादन-काशन,“अच र्ना” सािहिक संहक १५ वष र् धिर सादन-काशन। “आ ँज ुर” मैिथलीमािसकक सादन काशन, “अंज ुली” पाली मािसक/ पािक्षकक सादनकाशन।72


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्अवाद: भयो, अब भयो (“निह आब निह”क म ाजाकीारा कयलपालीअवाद)सान: पाल ज्ञा ितान ारा पिहल बेर १९९५ ई.मे घोिषत ५०हजार टाकाक मायादेवी ज्ञा पुरारक पिहल ाकता र्। धानम ंीाराशिप एव ं पुरार दान। िवापित सेवा संान दिरभाारासािनत, मैिथली सािह पिरषद, वीरगंजारा सािनत, “आकृित” जनकपुरारा सािनत, दीघ र् पकािरता सेवाक लेल पाल पकार महासंघधषाारा सािनत, िजा िवकास सिमित धषा ारा दीघ र् पकािरता सेवाकलेल पुरृत एव ं सािनत, पाली मैिथली सािह पिरषद ारा २०५९सालक अरािष्य र् मैिथली सेलन मुई ारा “िमिथला र” ारा सािनत,शेखर काशन “पटना” ारा “शेखर सान”, मधिरमा ु पाल (काठमाौ) ारा२०६३ सालक मधिरमा ु सान ा। काठमाूमे आयोिजत साकर्रीय किवगोीमे मैिथली भाषाक ितिनिध।सामािजक सेवा : अक्ष-तराई जनजाित अयन ितान, जनकपुर,अक्ष- जनकपुर लिलत कला ितान, जनकपुर, उपाक्ष- मैिथली ज्ञाितान, जनकपुर, उपकुलपित- मैिथली अकादमी, पाल, उपाक्ष- पालमैिथली थाई सा ंृितक पिरषद, सिचव- दीनानाथ भगवती समाज काणगुठी, जनकपुर, सद- िजा वाल काण सिमित, धषा, सद- मैिथलीिवकास कोष, धषा, राष्ीय पाष र्द- पाल पकार महासंघ, धषा।अरािष्य मैिथली सेलन आ पालरामभरोस कापिड ‘मर’73


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्चािरम वष र् हम पटना गेल रही ।चेतना सिमितमे बैजू बाब ू भेटलिथ । िवापित ृित पव र् भ’ गेल रहै । कोआ सभर्मे रही । ओ आवेशप ूव र्क िदीमे आयोजन होब बला अरािष्य मैिथलीसेलनमे अएबाक हेतु आम ंण देलिन । हमरा सभ लेखे ं पिहल आयोजन रहैक–हमआ डा. िवमलकें जएबाक रहैक, मुदा जं िक ओ बड हडबडीमे आ अ पे ंअएबाक बात बाजल रहिथ, हम सभ जा निह सकल रही । ब काठमाूसं धीरे आकमलेश झा गेल रहिथ । ‘िमिथलार’ सं सािनत होइत गेलाह आ ओिह घोषणाकएलिन–अिगला साल ई समारोह काठमाूमे हयत । तालीक गडगडाहिट भेल ।जे से हम सभ जा निह सकलहु ं । बादमे बैजू बाब ूकें भेलिन जे पाल सं िकछुआरलोकिन छुिट गेलाह, अएबाक चािहयिन । ओ जनकपुर अएलाह आ धीरे आिदसंसकर् कएलिख जे एिह वष र् काठमाूमे आयोजनक की तैयारी अिछ । जे हुनकासंग रहिन हुनक कथन असार धीरे आिद जे केओ गछ रहिन साफ पाछा ं हिटगेलिन । ओ ममाहत र् भ’ जनकपुरसं घिर ू गेलाह । तखन ओर जा मुईमेआयोजन करबाक ोंत धरौलिन ।आब मुईमे अएबालेल पुनः बैजू बाब ूक आम ंण, आह आ ेहप ूण र् दवाव आएल ।रेवती जीकें सेहो आह भ’ गेल रिहन–िवापित ृितपव र्क अवसर पर दिरभंगेमे। ई तेसर सालक गप िथक । अरािष्य मैिथली सेलन पाल–भारतक िवान,मैिथली सेवी सभक सिझआ म ंच होएबाक हमर िवास मुई चलबाले’ िरत कएलकआ तखन दिरभंगासं िटकट िरजब र्क वा चेशजी िजा देल गेल । जेना बैज ुबाब ूक मुंहकहबी काय र्म तिहना अ चेशजीक ओिरआओन । हम सभ दिरभंगापहु ंिच दोसर िदन भे मुईक हेतु ान कए रही । मुईक सूण र् काय र्मकसभर्मे पुकमे आनठाम हमर िवचार आिब चुकल अिछ ।तिहना गत वष र् कलकाक तैयारी रहैक । एिह बेर हमरा पर थप भार द’ देलिनबैजू बाब ू–‘िमिथला र’क हेतु ि चयनक । रेवती जीसं साह कएल–ओ वदरीनारायणवमा र्क नाम बतौलिन । हम डा. रामदयाल राकेशकें एकरा लेल उपयु विझूद ुन ूक नाम बैजूबाब ू लग पठा देिलयिन । डा. राकेश कें काठमाूसं बजाओल गेलिन74


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्। हम सभ िनधािरत र् ितिथकें ‘गंगासागर’ सं कलकाक हेतु िवदा भ’ गेल रही ।ओ पहु ंचलाक बाद ेशन पर ठाढ बैजू बाब ू मोनकें गदगद क’ दे रहिथ ।तकरा बाद अरािष्य मैिथली सेलनमे पालक हमरा चािर गोटकैं फूटे कोठरीमेआवास देल गेल आ सान सेहो । मैिथली सेलनक अरािष्य प दान करबालेल हमरा सभक उपिित जिहना अिनवाय र् देखल गेल तिहना डा. वैनाथ चौधरीबैजूक वहार ततबे सहज आ अपन भरल ।आब चािरम चेईमे अिछ । तैयारी चिल रहल छैक । ओहु पाल एकटा महप ूण र्सहभागी पमे उपित हयत तकर आशा करैत छी ।अभूित आ औिचहमरा ब ूझल निह अिछ बैजू बाब ू कोन उे रािख ई अरािष्य पमे एकरा शुकएलिन । ओ एकर शुभार ंभ मैिथलीकें अम असिचमे ू ान भेटलाक बाद ताहीितिथ २२ िदसरकें कएलि । जकरा अिधकार िदवसके पमे मनाओल जाइछ – २२ता.क’ अिधकार िदवस आ २३ ता.क’ अरािष्य मैिथली सेलन ।पिहल बेर िदीक हेतु आम ंण भेटला पर हमरा सभक िहचिकचाहट, आयोजनमादेश ंका ढेर सन छल । बैजू बाब ूक संघष र्शील ि भािवत त करैत छल, मुदाहरफन मौला काम काजसं आश ंका उठैत छल, पता निह जे कहैत छिथ, करबो करैतछिथ वा निह तए“ िदीक ओ सेलन छुटल तकर हमरा काफी अफशोच अिछ ।बादमे मुई आ कलकाक अभब काफी सकाराक, श ंसनीय आ अकरणीय रहल। अरािष्य मैिथली सेलनक सम गिरमाकें िनवाह र् करबाक यास ओ करैत छिथ। कतौ ानीय आयोजक अपनासं उैस व ुझाइत छिन तं कतौ वीस । तए“परेशानी त हुनके उठब’ पडैत छिन । मुदा हम सभ जे अभव कएलहु ं ओ अकाजक छल । मैिथली संसारक बहुतो सािहकार, सेवी, भाषाशास्ी, संगीत एव ंन ृकलाकार सभसं भेंटघा ंट होइत अिछ । सभक िवचारक आदान–दान होइत छैक। नव संसारक िनमा र्ण होइत छैक ।भाषा, सािह, संृितक हेतु सेहो एिह सेलनक उपादेयता अिछ । मैिथलीभाषाक उानक हेतु नव–नव योजना बत छैक । नव–नव पोथी कािशत एव ंिवमोिचत होइछ । िवान एव ं मी लोकिन सािनत होइत छिथ । सा ंृितककाय र्ममे नव–नव ितभा आगा ं अबैत छिथ । सूण र् मैिथल समाजसं ओ ितभाज ुडैत अिछ, जािहसं बादमे ओकर िवकासक अवसर दान होइछ । ‘राखी’ एकटाअपािहज लडकी एह ितभा अिछ जे सभकें भािवत कए रहए । अमताधरानाक कलाकार लोकिन मु करैत छिथ ।पाल आ भारतक िवचक सक नीक स ूपात ई सेलन करैत अिछ । पालकितिनिधके म ंचपर उपिितसं द ुन ू देशक ाचीन समे ताजापन अबैछ । मुईआ कलकामे पंि लेखकक भाषणसं हजारोंक दश र्क दीधा र्मे भेल तालीक गडगडाहिटतकर माण छैक । पालमे होइत मैिथली गितिविधसं सूण र् िमिथलालकें , खासक’ वासी मैिथलकें जानकारी करएबाक ई सुर अवसर होइत अिछ, जकर उपयोगमुई आ कलका द ुन ूठाम कएल गेल । कलकामे पालमे मैिथली, नामक व ूकलेट75


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्छपा वा ंटल गेल रहय तं राम भरोस कापिड ‘मर’क सः कािशत पुक”राजकमलक कथा सािहमे नारी’ िवमोिचत भेल । ओ गामघर साािहक िवशेष अंक,िमकानन’क अंक सभ वा ंटल व िवय लेल उपलव्ध कराओल गेल । बहुतोसािहकार िचसं पालक भाषा, सािहक वारेमे जानकारी लेलिन । जानकारीकआदान दान भेल । ज्ञान सम ृ भेल ।तखन एखन धिर सहभागी भ’ जे िकछु अभव कएल अिछ ओ एकर औिचकें तःमािणत करैत अिछ । ई सेलन िनरर जारी रहबाक चाही । वैजू बाब ू ज ुझालोक छिथ, आयोजनकें सफल बनएबा लेल अहिन र्श खटैत छिथ । हाथ, पएर, मुंहसभ धरबामे संकोच निह करैत छिथ मा ं मैिथलीक िताक हेतु । एहन िवराटदयी, समिप र्त आ लगनशील ि भे मैिथली समादृत भेलीह अिछ ।अरािष्य मैिथली सेलनक अभूित िकछु िकछु सुझाव देबाक लेल हमरा उत्िरतकरैत अिछ । जं ई भ’ जाइत त सोनमे सुग भ’ जइतैक – ई हमरा लगैतअिछ।स ूझाओ१. अरािष्य मैिथली सेलन हयबाक कार ं एकर वैनर जे बक तािहमे पालकिकछुओ तीक िच अव रहैक ।२. काय र्म सभ वित आ प ूव र् िनधािरत र् होएबाक चाही । काय र्म चलैत बेरमेवापन करब अता लबैत अिछ ।३. सभ काय र्म, सहभागी वीच एकिदन प ूवे र् िवतरीत भ’ जाए तं उम४. अिधकार िदवस िदन मा भाषण निह, काय र्प ुित आ िटणीक काय र्म राखलजाए । पालक ितिनिधकें काय र्प आ बजबाक अवसर अव देल जाइछ ।५. म ूल समारोहमे पालक ितिनिध म ंच पर अव हयबाक चाही । ओ उपिितआ वा द ुन ू पमे होए ।६. आवासक वा ित सतकर् रहल जाए ।७ ािरकाक रीय काशन हो, जािहमे िवगतक सेलन सभक सभर्मे आलेख आिचवाली अव देल जाए ।८. कलका सेलनमे एकर िनवाह र् भेल अिछ, एकरा आग ूओ एही पमे बढाओल जाए।९. अरािष्य मैिथली सेलनक सहभािग सभक स ूची १५ िदन प ूव र् अिम प द’साव र्जिनक क’ देल जाइक आ संगिह ‘िमिथला र’ पौिनहारक जीवनी फूटसं कािशतक’ औिच मािणत कएल जाए ।पालक सािहकार, मैिथली मी सभकें अरािष्य मैिथली सेलनसं बहुत िकछु आशाछैक । द ुन ू देशमे मैिथली अपन अि लेल लिड रहल अिछ । एहनमे ईभेंटघा ंट, अन–अपती, द ुख–द ुखक व ंटवारा आपसी सकें सुदृढ त करबे करैतअिछ, ल ािक हेतु मोनकें मजव ूत सेहो बनबैत अिछ ।अरािष्य मैिथली सेलनक महासिचव डा. वैनाथ चौधरी बैजू एिह सक स ूकेंगिसआ क’ पकड छिथ । हुनक इएह ेह, साव आ अपती पालीय राजनीितक76


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्इितहासमे िमिथलारा’क ापनाथ र् शि आ वातावरण िनमा र्णमे सहायक भ’ रहल अिछ। हुनक ज ुझा ि ए रणाक ोत रहलए । हमसभ एिह सकिनररताक अपेक्षा करैत छी । आ पाल–भारत िवचक आपसी आ मक तीकपमे चलैत आिब रहल एिह सेलनक सफलताक कामना करैत छी ।नवेु कुमार झा, समाचारवाचक सह अवादक (मैिथली),ादेिशक समाचार एका ंश, आकाशवाणी, पटनािवापित ृित िदवस (११ नवर २००८) पर िवशेष-यशी किव छलाह महाकिविवापितिमिथला ंचलक पावन भूिम कतेको महापुषकेँ ज देलक अिछ जकर यश अपना देशकअलावा िवदेशमे सेहो पसरल। एह महान िवभूितमे सऽ एक छलाह “महाकिविवापित” िजनक रचनामे कनाक बदला यथाथ र्क दश र्न होइत अिछ। ओ ओिहगीतकारमे सऽ एकटा छलाह िजनक रिचत गीतकेँ िमिथला ंचलेमे निह अिपतु ब ंगाल,आसाम, उर देश आिदक संगिह सूण र् िवक रिसक म ंडली सान देलक अिछ।उर भारतमे चिलत आय र्भाषा मे िवापित सनक सान ायः ककरो निहभेटल अिछ। असिमया, िही, ब ंा आ मैिथली एिह चािर टा भाषाकेँ िहनक गीतएकटा नव रणा देलक अिछ। महाकिव िवापित एकटा सुयो किव, लेखक, भ,राजनियक, समाज सुधारक, ृितकार, संगीतज्ञ आ ोितषिवद ् छलाह। एिह सभ गुणककारण आइयो हुनक नाम एिह तरहे लेल जाइत अिछ जेना ओ आईयो हमरा सभकम उपित छिथ। छह सहस्ाीक बादो आईयो हुनक िवता आ गुणक िसििमिथला ंचलक संगिह सूण र् भारत आ िवमे पसरल अिछ।महाकिवक ज दरभंगा िजलात िबी गाममे भेल छल। ओ स पिरवारकछलाह। हुनक जक समे िवान सभक म मत िभता अिछ। िविभ उपलसामीक आधारपर िवान लोकिन हुनक जक संब ंधमे अमान लगबैत छिथ। .नागेनाथ गुक असार महाकिवक ज १३५७ ई. मे भेल छल। जखन िक . हरसाद शास्ी हुनक ज १३५० ई. मात छिथ। मुदा िमिथला ंचलक िवान ् महाकिवकज असंधानक आधारपर १३६० ई. मात छिथ तथािप बहुमत अिछ जे महाकिव १३६०ई. सँ १४४८ ई. क म िवराजमान छलाह।77


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्कहल जाइत अिछ जे ओ पैघ आयु पए छलाह। कतेको राजघरानाक उतार-चढ़◌ावकेँ ओ अपना आ ँ िखसँदेख छलाह। ब ु ढ़ राजा-रानीसँलऽ कऽ राजकुमार-राजकुमारी सभक संग हुनक िनकटवतीर् संब ंध रहल। हुनक िपता गणपित ठाकुरदरभंगा राजक राज म ंी छलाह। हुनक िपतामह जयद पैघ िवान आ उ कोिटकसंत छलाह। यं िवापित सेहो जिहसँ ओइनवार व ंशक राजा सभपर आितछलाह। ओ महाराजा िशव िसंहक धान पाष र्द आ िवसनीय अमा छलाह। महाराजिशव िसंह अपन राािभषेकक समय हुनक जभूिम “िबी” गाम हुनका दानमे दऽदे छलाह। िशव िसंहक बाद सेहो िवापित, महारानी िवास देवी, महाराजा नरिसंहतथा महाराजा धीर िसंहक दरबारमे धान राज पितक पमे छलाह।अपन दीघ र्कािलक जीवनमे महाकिव कतेको क रचना कएलिन। हुनक एिह सभक अयन कएलासँ हुनक बहुमुखी ितभा होइत अिछ। हुनक समयमे आबाजाहीक अतेक सुिवधा निह छल एकर बावजूद ओिह समयक िमिथला ंचलक िस तीथ र् लसभक िववरण “भू पिरमा” नामक मे ुत कऽ आबए बाला पीढ़◌ीक लेल पैघउपकार कएलिन। संृत भाषामे सेहो हुनक लेखनी चलल जािहमे “श ैव सव र्सार”,“श ैव सव र्सार माण”, “पुराण संह”, “दान वाावली” आ “वष र्कृ” आिद मुखअिछ। संृतमे ओ “मिणमरी” नामक नाटक सेहो ओ िलखलिन। “गोरक्ष िवजय”नामक दोसर नाटक जे पालसँ भेटल अिछ, ओिहमे संृतसँ अलग मैिथली भाषामेसेहो गीत अिछ। एकर अलावा अपंशमे ओ “कीितर्लता” आ “कीितर् पताका” नामकक रचना कएलिन। कीितर्लता हुनक पिहल रचना मानल जाइत अिछ।अपंश आ संृतक अितिर हुनक काक िवशाल भार मैिथली भाषामे सेहोिवमान अिछ। हुनक यश मु रचनामे सुरिक्षत अिछ, जकर चार-सार हुनकमरलाक बाद आइयो घरे-घर अिछ। हुनक मृुक संब ंधमे सेहो िवान सभ एकमतनिह छिथ। जनुित ई अिछ जे हुनक म ृु १४५० ई. मे भेल मुदा पालक दरबारपुकालयमे उपल “ाण सव र्” नामक क आधारपर हुनक म ृु १४६० ई. मानलजाइत अिछ। ओना सूण र् िमिथला ंचलमे ई कहबी चिलत अिछ जे-“िवापितक आयु अवसानकाितर्क धवल योदशी जान”उपेिक्षत अिछ सोनपुर आ हिरहर मेलाअराष्ीय र् रपर िबहारक पहचान देएबामे सोनपुर िस हिरहर मेलाकमहप ूण र् ान अिछ। ित वष र् काितर्क पिण ू र्मासँ शु भऽ ई मेला एक मास धिर78


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्चलैत अिछ। ई मेला देशमे जानवरक सभसँ पैघ मेला अिछ। एिह ठाम जानवरकअलावा दैिनक उपयोगी वुक िबी सेहो होइत अिछ। मेलामे मर ंजनक िवशेषवा सेहो रहैत अिछ। चाकात नदी आ जलाशयसँ वेित एिह ठामक बाबा हिरहरनाथक मिदरक ं सभसँ पैघ िवशेषता ई अिछ जे हिर आ हरक एक संग पु दश र्नभ सभकेँ होइत अिछ।ई पौरािणक आ धािम र्क मह बाला होएबाक संगिह ऐितहािसक सेहो अिछ। एिहठामक मािटमे संगम आ समयक भावना सेहो अिछ। हिरहर क िण र्म इितहासआइयो प ूण र् पेण जन साधारणक सोंझा निह आिब सकल अिछ। आइयो ई शोधआ असंधानक अभावमे भूगभर्मे पड़ल अिछ। एकर उवल भिवक ृित िचआइयो एिह ठाम जमानासँ गौरव आ काश कुंजक पमे िवमान अिछ।कतेको ऋिष-महिष र्क साधनाक ई भूिम ज्ञानक तपोभूिम अिछ। एकर पौरािणकगौरव गाथा पपुराण सिहत आन मे सेहो सगौरव विण र्त अिछ। बाबाहिरहरनाथक मिर अित ाचीन अिछ जकर ापना य ं ाजी अपना हाथे हिर आहरक एकीकार िलंगक पमे एिह ठाम ािपत कए छलाह। हिर आ हरक एहनएकाकार संगम भारतवष र्मे कतहु निह भेटैत अिछ। एिह ठाम गंगा आ गंडक नदीकअभूतप ूव र् संगम सेहो अिछ।हिरहर क महातक संदभर्मे कतेको कथा िलखल गेल अिछ। पुराणक असारएक बेर ा जीक पुरोिहतीमे देवता सभ एकटा यज्ञक आयोजन कएलिन।कतेको कारणसँ ई यज्ञक िवंश भेल, तखन देवता सभ “हर”क ापना कएलिन आयज्ञकेँ सफल बलिन। तखनसँ हिरहर लोक िवुत भेल। प पुराणमेव्व्हो वण र्न अिछ जे शालामीसँ उर िहमालयसँ दिक्षण प ृी महा अिछ। एिहठाम बाबा हिरहरनाथक मिदर ं अिछ। ओिह ानपर भगवती शािलामीक पितत-पाविनगंगामे आिबकऽ िमलन भेल अिछ। संगम होएबाक कारण एिह क माहाबहुत बढ़ि◌ गेल अिछ। इहो कथा अिछ जे शािलामी तथा गंगाक संगम होएब आमहाक अंितम भाग होएबाक कारण एिह ठाम “हिर” आ “हर”क ापना भेल।सोनपुरमे एिह ानपर कतेको मठ आ मिर अिछ जे ानीय शासन आ सरकारकउफ◌ॆख्षाक िशकार बनल अिछ। गंडक नदीक िकनारपर ठीक साम अिछ गोटेकअढ़◌ाई सौ गज पिम बाबा हिरहरनाथक मु मिर। काितर्क पिण ू र्माक अवसरपरकतेको लाख ालु ित वष र् संगम ान कऽ बाबाकेँ जल चढ़◌ा ा सुमन अिप र्तकरैत छिथ। मिरक ा ंगणमे कतेको आन छोट-छोट मिर सेहो अिछ जािहमेिविभ देवी-देवता सभक मितर् ू ािपत अिछ। एिह मिरक ठीक सोझा ँ अिछ एकटामहावीर मिर जािहमे उर संगमरमरक गोटेक दस फीटक िवशाल राम भहमानक म ू ितर् ािपत अिछ। हिरहरनाथ मिरक पाछा ँ मुगल बाड़◌ी अिछ जािहमे79


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्सेहो मिर बनल अिछ। मिदरसँ ं सटल दिक्षण भागमे पुरान ठाकुरबाड़◌ी मिर अिछ,जखन िक मु मिरक सोझा ँ प ूरब िदश एकटा ऐितहािसक तालाब अिछ जकर िनमा र्णवन ऋिष कु रोगक िनवारण लेल करबैत छलाह, मुदा िकछु बाधा आिब गेलासँ एकरिनमा र्ण निह भऽ सकल। एकरा वन ऋिषक तपल अथवा वन तालाबक नामसँ जानलजाइत अिछ।मिरसँ भरल एिह मे गंडक िकनारमे अिछ िस ऐितहािसक मिरमेदिक्षणमुखी मा ँ कालीक च प वाला द ुल र्भ मितर्। ू एिह मितर्क ू ठीक सोझा ँ साइसहाथपर िशविलंग िवराजमान अिछ। मिरक दिक्षणमे सान अिछ। माता अिछ जेई काली मिर िसपीठ अिछ जतए पिह तं-म ंक िसि कएल जाइत छल। एिहकाली मिरक पाछा ँ एकटा पुरान मिर अिछ जािहमे कतेको मितर् ू िवराजमान अिछ।मिरक ा ंगणमे पाल कालक कतेको महप ूण र् अवशेष देखल जाऽ सकैत अिछ।गीता बाबाक एिह मिरमे हुनक जीवन कालमे रौनक रहैत छल, पर बाबाक म ृुकबाद सभ पररा भऽ गेल। काली मिरक उर िदस अित ाचीन गौरी श ंकरमिर अिछ जािहमे भगवान िशव आ मा ँ पाव र्तीक सुर आ ऐितहािसक दिक्षण खकमितर्ू अिछ। तं साधक सभक मानब छिन जे एिह ठाम लागल मितर्ू काम िवजयमुामे अिछ। एिह मिरक ा ंगणमे एकटा िवु मिर सेहो अिछ जकर गुदपरपाल काल आ मौय र् कालक कलाकृित उीण र् अिछ। हिरहर नाथक मु मिरसँपिम गोटे द ू सौ गजक द ूरीपर िवशालनाथ आ बालनाथक समािध ल अिछ जकरभीतरक भागमे अुत कलाकृित अंिकत अिछ। महान तपी ामी िदीजी महाराजारा गजे मोक्ष देव ानपर आकष र्ण मिरक नव िनमा र्ण कराओल गेल अिछ।भगवान िवुक ई मिर हिरहर क अुत नम ूना अिछ।ऐितहािसक हिरहर आ ओकर लगपास ित मिर आ मठ लोक सभक आाकके अिछ मुदा देखभाल उिचत रख-रखावक अभावमे जीण र्-शीण र् भऽ रहल अिछ।सभ साल हिरहर मेलाक अवसरपर िकछु साफ सफाई होइत अिछ आ ानीयशासन आ लोक सभ सेहो सिय होइत छिथ, मुदा एकर बाद ई अपेिक्षत रहैतअिछ। ितवष र् एिह मेलाक घटैत प आ लोकक घटैत आकष र्णसँ एिह कऐितहािसक आ पौरािणक प संकटमे पड़ल जाऽ रहल अिछ। एिह मेलाक िवकासकलेल सरकार ारा मेला ािधकरणक घोषणा मा बयानबाजी सािबत भेल अिछ।पिछला वष र्सँ एिह मेलामे खरीदल जानवर सभक देशक बाहर लऽ जयबासँ ितबककारण ापारपर असिर पड़ल अिछ। सभ वष र् उाटन आ समापनपर मेलाक िवकासकलेल भाषण होइत अिछ जे मेलाक समािक बाद िबसािर देल जाइत अिछ।औोिगक पसँ िपछड़ल िबहारमे आय अिजर्त करबाक लेल पय र्टन उोग संभावनासँभरल अिछ। एिह ठाम कतेको ऐितहािसक, पौरािणक आ ाकृितक ल अिछ जेपय र्टककेँ अपना िदस िखिच सकैत अिछ। एिहमेसँ सोनपुर आ हिरहर मेला80


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्सेहो एकटा अिछ। जरत अिछ जे एकर योजनाब िवकास कऽ एकरा देशकपय र्टनक मानिचपर आनल जाए आ ई भाषण आ घोषणासँ निह होएत एिह वाेसरकार, ानीय शासन आ ानीय जनताकेँ एक संग यास करक होएत।िजते झा, जनकपुरपाल िचएबाक अिभयानिमिथला नाटय कला पिरषद, जनकपुर तीनटा िजलामे िविभ ४० ानमे नव पालकिनमा र्णमे राजनीितक दल आ नागिरक समाजक िजेवारी ब ुझएबाक अिभयानमे िचियौपाल नामक सडक नाटक मचन कएलक अिछ ।धषा, महोरी आ सलाही र् िजलामे मिचत सडक नाटकमे समाजक सभ समुदाय,वके अपन उित लेल िजेवारी बोध हएब आवक रहल बताओल गेल अिछ। नवपालक लेल इएह कतर्बोधक सेश दैत िचियौ पाल नाटकके पिहल खेपस भेल नाटय िनदेर्शक रमेश र ंजन बतौलिन अिछ ।कोशीक बािढ जेना जाित आ व िबना देख अपन ास मचओलक तिहना कोरािष्य संकट सभके लेल समान पे िचाक िवषय रहल नाटकमे देखाओल गेल अिछ। महे मलंिगया िलिखत आ रमेश र ंजन िनदेर्िशत इ नाटक रािष्य भावनाकेमजब ुत बनएबा िदश केित अिछ ।िहंसा, आतंक,, आम जीवनक किठनाईके जीव नाटय ुितक मामसं युवा िपढीकमिवज्ञानके उतारबाक यास कएल गेल अिछ । युवामे पलायनवादी मनिित आम िबना सुिवधाभोगी जीवन िजबाक सपना अपराध करबालेल उारहल नाटकमेदेखाओल गेल अिछ ।81


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्नाटकमे सुिनल िम, रमेश र ंजन झा, मदन ठाकुर, राम नारायण ठाकुर, िवुकािम, परमेश झा, रिव झा, रज ु झा, िय ंका झा, गंगाका झा, राम अिशष ठाकुर,राम कैलाश ठाकुर अिभनय कए अिछ।1.िवचार-राष्मुखके उपेक्षा,अिनक संकेत,ामसुर शिश,दोहा, कतार2. िवापित-िनिमषझाामसुर शिश,दोहा, कताराम सुर शिश, जनकपुरधाम, पाल। पेशा-पकािरता। िशक्षा: िभुवन िविवालयसँ,एम.ए.मैिथली, थम णीमे थम ान। मैिथलीक ायः सभ िवधामे रचनारत। बहुत रास रचना िविभप-पिकामे कािशत। िही, पाली आऽ अंजी भाषामे सेहो रचनारत आऽ बहुतरास रचनाकािशत। सम्ित- कािपुर वासक अरब ूरोमे काय र्रत।राष्मुखकेउपेक्षा,अिनकसंकेतलोकतािक गणत पालक थम राष्पित डा.रामवरण यादव अिधर भऽ अपनमोनक िवहािड बाहर कएलिन अिछ । सवतः मनक पीडा वेसार भेलाक बाद ओअपन प ूव र् सहकमीर्सभक बीच सीधा आ सपाट शमे किह गेलाह —राजिनतीस“ बेसीडारी पेसामे ईित अिछ(छल) । असलमे ओ अपन िनजी अवाक िचण कएछलाह । यिद ईहे बात अ दोसर ताक म ूहस“ िनकलल रहैत त ओ अिभिको खास मह निह पािव सकैत कारण देशक अिधका ंश तालोकिन दश र्क र ोताक82


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्म ूड पिढक अपन भाषण िलखैत आ पढैत छिथ । मुदा िकचेनस“ लऽ कैिवटधिर ,मधेस“लऽ पहाडधिर एिह बोली बोलएवला डा.यादवक“◌े यी अिभिक भीतरवावमे गिर पीडा काएल अिछ । मया र्दाक िलहाजस“ देशक सभस“ उ“ पदकिक यी अिभि लोकतािक गणतक मुिखयाक िता उपर खाढ कएलकअिछ । जनताक बेटा राष्मुख बिन सकओ ई पिरवतर्नकामी पालीक सवो र् सपनाछल जािह सपनापर राष्पितक ई वक्त् सवाल खाढ करैत अिछ । धानमीपुकमल दाहालक“◌े लठैई आ सासाझेदार अ दलसभक उपेक्षाक िसकारराष्पित यादवक“◌े यी भाव ुक अिभि आम पालीके िचंितत बलक अिछ ।मधेसीके आओर अिधक । संगिह अकाक िजज्ञासा सेहो उौलक अिछ ।अपनाके“ राष्पितक पमे घोषणा कए संिवधानसभाक िनवा र्चनमे जाएवला लोकतािकपालक थम काय र्कारी मुख पुकमल दाहाल एह िनरास राष्पितक कना कएछलाह िक ? राक काय र्कारी मुखारा सेहो राष्मुखके मानमद र्न कएल जएवाकघटनासभ आम पालीके सोचवालेल वा क रहल अिछ — कही ं माओवादी एकतीयशासन णाली लएवाक षडय त करहल अिछ ? वा राष्पितक पदके उपेिक्षतबना सा“डामे दफन राजसंाके पुन र्ािपत कएल जएवाक अघोिषत षडय त भरहल अिछ देशमे ?मधेसवादी आोलन जहन उष र्मे छल तहन पाली कासक महामीक पमेडा.रामवरण यादव एिह महान आोलनके“ “मास िहीिरया” कह छलाह । एकिचिककके पमे हुनका एिह गािडक अथ र् नीक जका“ ब ूझल छिन । जहनवािवकता ई अिछ जे आई जािह पदपर ओ आसीन छिथ से पद हुनका ईहेिहीिरयाक रोगीसभक बिलदानस“ ा भेल छिन । देशी िवदेशीराजनियक,राजिनतीक िवष्लेशक एव ं शि केसभ एिह आोलनके आिरक उपिनवेशिवक ाभािवक िवोह किह रहल समयमे एक मधेसी ताक यी अिभिराजधानीमे वेस चचा र् पौलक आ रािष्य राजिनतीमे डार यादवके कद सेहो बढल। यिप मधेस भिर एिह वक कडा िवरोध भेल छल आ आोिशतआोलनकारीसभ जनकपुरक“◌े पुरी ित हुनकर घरमे आगजनी सेहो कए छल। मुदा महामानव िवपीक अयायी डा.यादव लोकत,समाजवाद आ मानवअिधकारकपक्षमे पहाड जका“ अिडग रहलाह । अपन घरमे अपमािनत भईयो कऽ ओरािष्य एकताक पक्षमे अिवचल रहलाह । राष्वादी राजावादीसभसंग समेत सहकाय र्करवाक साव र्जिनक ितवता करैत आएल माओवादी अक्ष दाहाल धानमीकशपथ लेबाक लेल सुट टाईमे सिज धिजक आएल छलाह मुदा राष्ामुखक“◌े पमाओ किथत रािष्यताक तीक दाउरा सुवालमे देखल गेलाह । गृहनगर जनकपुरमेसेहो ओ माथपर भादगाउ“ले टोपी आ तािह उपर िमिथलाक तीक पाग लगौदेखल गेलाह । अपन गाममे सेहो रािष्यता हुनकर माथपर छलिन । ओ हुनकरबाता छल वा पदक मया र्दा हुनके ब ूझल हएतिन । मुदा एतवाधिर साफ अिछ जे ओरािष्य एकताक म ूलमस“ को ठाम एको ितल िवचिलत निह भेलाह । वा कहलजाय त अपनाके साव र्जिनक ि मािणत करवालेल ,किथत रािष्यताक तीक83


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्टोपी धारण कएनाई कख निह छोडलाह । भादगाउ“ले टोपीउपर िमिथलाक पिवपाग लगबैत कालक हुनकर मदशा वण र्नातीत भ सकैछ । भादगाउ“ले टोपीउपरके पागक रह ख ुजए निह तािहपर खस मानिसकताक वतर्मान शासकके िवशेषसचे रहवाक चाही । कारण देशमे पुनः ववाल भ सकैत अिछ ।ईएह राष्ामुख डा.रामवरण यादव “राजिनतीस“ डारीक पेसा बेसी ईतदार ”किह अपन हारल मोनक था वखान कएलिन अिछ । कासक महािधवेशन ितिनधीस“लऽ महामीधिरक पदमे रही काज कएिनहार डा.यादव एक बेर चुनाव भलेिह हािरगेल होिथ मुदा हारल किहयो निह छलाह । एखन ओ राजिनतीक पस“ सवो र्शीखर पर छिथ । देशक सबस“ उ ओहदापर छिथ मुदा देशक थम राष्पितकमुहस“ आएल यी अिभि िचाक िवषय जर अिछ । जनआोलन २ के थमउे छल जे जनताक बेटा राष्मुख बिन सकओ । सम्ित जनताक बेटाराष्मुख बनल अिछ मुदा जनताक बेटाके उिचत िता निह द हमरालोकिन पुरराजसंाके“ त ितित क रहल छी ?राष्ामुखारा अप देशमे िताक अपेक्षा राखब अिचत निह अिछ ।राष्पितक उपेक्षाके“ माओवादी क वतर्मान सरकारक“◌े िनती मानल जाय ?आई यिद िगरीजासाद कोईराला,माधव पाल वा च राष्पित रिहतिथ तथािपईएह अवा रहतैक ? एखन ई खासक मधेसमे िवशेष चचा र्क िवषय बनल अिछ। कही डा.यादवके मधेसी होएवाक द त देल जा रहल छिन ? यिदडा.यादवके“ जातीय,ीय,भािषक वा अ को कारणस“ अपेिक्षत िता निहभेिट रहल छिन त ई देशक वाे ितउादक होएत । यिद साधारी दलसभ एव ंितपक्षी पाली कास िव अिधकारक आ िव मया र्दाक राष्पितक पिरकना कएहो त कहवाक िकछु निह अिछ यथा राष्पित आ उपराष्पित उपर महािभयोगलगाओल जाएवला कान ून बबाक तैयारीमे लागल जो सभासदलोकिन देशक सभस“पैघ राष्पित आ उपराष्पितक अिधकार आ कतर्क िवषयमे िकए िकछु बािजरहल अिछ ?डा.यादव सद ृक सा राष्वादीसभमे को कारक कुठा वा िहन भावना निह पनपएचाही कारण देशक एकताक सकर् स ू छिथ ओ लोकिन आ हुनकासभक मोनमे िहनभावना टुसाएव मा देशक एकताक वाे अिनक संकेत अिछ ।िवापित- िनिमष झाको सािहमे िकछ सािहकारसभ एहन होइत छिथ िजनकर ज को घटनाकपमे होइत अिछ आ ओिह घटनासँ सित सूण र् सािह भािवत भऽ जाइत अिछ। ओहन सािहकारक सािहिक ि ओिह सािहक सवा र्ीण िवकासमे वरदानिसहोइतअिछ । ओहन सािहिक महापुष प ूव र्वतीर् सािहिक पररा आिदक सक अशीलनपात अपन माता एवम सािहिक योजना िनिद र् करैत छिथ । अपन काय र्सभक84


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्मामसँ युगाकारी आ भावशाली रेखा िनमा र्ण कऽ अमर ा करैत छिथ ।मैिथली सािहक इितहासमे िवापित एकटा एह अतुलनीय ितभाक नाम अिछ ।सूण र् मैिथली सािह हुनकासँ भािवत अिछ । हुनकर भाव रेखाकेँ क्षीण करबाकसािहिक क्षमता भेल ि मैिथली सािहक इितहासमे अखन धिर िकओ निह अिछ ।िवापित मैिथली सािहक सव र् किव छिथ । हुनकेमे मैिथली सािहक सूण र्गौरव आधािरत अिछ ।इितहासकार द ुगानाथ र् झा ‘ीश’क शमे िवापित आधिनक ु भारतीय भाषाक थम किवछिथ । ओ संृत सािहक अभे िकलाकेँ दृढ़ताप ूव र्क तोड़ि◌ भाषामे का रचनाकरबाक साहस कयलिन । हुनकरे आदश र्सँ अिरत भऽ शरदेव, चीदास,रामान राय, कवीर, तुलसीदास, मीरावाई, सुरदास सनक महान ासभ अपन भिभावनाक मामसँ अपन मा भाषाकेँ सम ृ कयलिन ।मैिथली सािहमे िवापित युग ओतबे महप ूण र् अिछ जतबे अङ्जी सािहमेशेिपयर युग, पाली सािहमे भाभ युग, बालीमे रवी युग तथा िहीमेभारतेुयुग । िवापितक रचनासभमे िमिथला पिहल बेर अपन वैिशय भिभावना,श ृगािरक सरसता एवम ् मौिलक साीितक लय ुिटत भेल आभाष कयलक अिछ ।ओकर बाद िवापितक पदावलीसभ जनजनक र बिन सकल तऽ िमिथलामे युगोसँ ाअसमानताक अ करैत िवापितक रचनासभ समान पसँ लोकरक प हण कऽसकल।वावमे िवापित युगा रहिथ । ओ मैिथली सािहक ीविक ृ लेल अथक यासमा निह कयलिन, तालीन समयमे पतुख मैिथल समाजक पुनसंरचनाक र् लेल सेहोमत पहु ँचौलिन । िवापितक ाद ुभावक र् समयमे भारतीय उपमहाीपका ायःहरेक भागक सता आ संृित सङकटप ूण र् अवामेछल । मुसलमानी शासकसभक आतङक चरमोष र्मे रहल ओिह समयमे मैिथलसंृितक रक्षा आवक भऽ गेल छल ।ओहन अवामे िवापितक आगमन मैिथली सािह आ संृितक िवकासक लेल महप ूण र्वरदानिसभेल । एक िदस मुसलमानी शासकसभक आमण आ दोसर िदस बौ धम र्क बढ़◌ैतभावक कारण समाजमे िसिजर्त वैराक मनिितसँ आा मैिथल सता आ संृितअपन उयनक पमे सेहो िवापितकेँ ा कऽ अपन मौिलकता बचाबयमे सक्षमभेल।िवापित अपन िविवध रचनासभक मामसँ सामािजक पुनसंगठनक र् ियाकेँ बलदेलिन । ओ समाजसँ पलायन भऽ रहल मैिथल युवासभकेँ समाज िनमा र्णक म ूल धारामेभािवत करएबाक लेल अथक यास सेहो कयलिन । हुनकर एह यासक उपजअिछ श ृगािरक रचनासभ । मुसलमानसभक आमणसँ पीिडत आ पलायन भऽ रहलतालीन िमिथलाक युवासभकेँ मुसलमान िव योग कऽ िमिथलाक अि रक्षा85


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्र्ूू र््र्््र्ुकरबाक लेल िवापितक ई रचनासभ सहयोगी मािणत भेल ।तालीन समयक लेल िवापितक अिह कारक चातुय र्केँ कुटनीितक सफलताक पमेदेखल जा सकैया ।समाजमे ा असमानाता, कुरीित, अिवास सिहत िविभ िवसङगितसकेँ मानव मएवम भाषा उानक भरमे िवापित अ करबाक काजमे सफल छिथ ।िवापितक सूण रचनासभ श ृगार आ भि रससँ ओतोत अिछ । कतेकोिवानसभ िव सािहमे िवापितसँ दोसर पैघ श ृगािरक किव आन िकओ निह रहलकहैत छिथ ।महाकिव िवापित तालीन समाजमे चिलत संृत, अवहठ्ठ आ मैिथली भाषाकज्ञाता छलिथ । ई ती भाषामे ा रचनासभ अिह बातकेँ मािणत करैत अिछ।यपी िवापितक ज तथा म ृुक समे िविभ िवानसभक िविभ मत अिछ ।तथािप िमिथला महाराज िशव िसंहसँ ओ द वष र्क जे रहिथ । अिह तक आधारपर िवानसभ हुनकर ज ितिथकेँ आिधकािरक मात छिथ । किव चा झािवापितारा रिचत पुष परीक्षाक आधार पर िवापित राजा िशव िसंहसँ द वष पैघरहिथ उेख कयछिथ । जँ ई तकेँ मानल जायतऽ सन १४०२ मे राारोहणक समयमे राजा िशविसंहक उमेर ५० वष छल आ िवापित ५२ वष र्क रहिथ । अिह आधार परिवापितक ज सन १३५० मे भेल िनित अिछ ।डा.सुभ झा, ो. रमानाथ झा, पं. शिशनाथ झा आिद िवानसभ ई मतकेँ ीकारकरैत छिथ मुदा डा.उमेश िम, डा.जयम िम सिहतक िवानसभ िवापितक जसन १३६० मे भेल कहैत छिथ ।अिहना िवापितक म ृु समे सेहो एक मत निहअिछ।अपन म ृुक समे म ृु प ूव िवापित यंारा रिचत पद िवापितक आयु अवसानकािक धवल योदशी जाकेँ तुलनाक पमे अ मत सभसँ अपेक्षाकृत युिसंगत मानल गेल अिछ । मुदा अिहसँ वष र्क िनपण निह भेल अिछ ।िवापितक ज हाल भारतक िबहार राक मध ुविन िजा अत िबसफी गाममेभेल छल । ई मध ुवनी दरभा रेे लाइनक कमतौल ेसन लग अवित अिछ ।िहनक िपताक नाम गणपित ठाकुर आ माताक नाम गंगादेवी रहिन । हाल िवापितकव ंशजसभ सौराठमे रहित छिथ ।िवापित बालके कालसँ कुशा विक अलौिकक ितभाक रहिथ । अपन िवानिपताक सकर्मे ओ ारिक िशक्षा हणकयलिन । मुदा औपचािरक पमे का िवान हिर िमसँ िशक्षा हण कयलिन ।तिहना का िवान पक्षधर िम िवापितक सहपाठी रहिन ।िवापित मैिथली सािहक धरोहर मा निह भऽ संृतक सेहो का िवान रहिथ। ओ मैिथली आ अवहठ्ठक अितिर संृतमे सेहो अको रचना कय रहिथ ।86


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्र्ूर्र्र्र्ंंर्हुनकर रचनासभकेँ तीन भागमे वगीर्करण कयल जाइतअिछ।क) संृत ◌ः भू–पिरमा, पुष परीक्षा, श ैवसव र्सार, श ैवसव र्सार माणभूत,िलखनावली, गा वाावली, िवभागाि◌र, दान वाावली, गया पलक, द ुगा र्भि तरिणी,मिणमरी, वष, , ािदभि तरिणी ।ख) अवहठ्ठ ◌ः कृितलता, कृितपताकाग) मैिथली ◌ः गोरक्ष िवजयमहाकिव िवापित तीन भाषाक ज्ञाता रहिथ । ओ द दजर्नसँ बेसी सभक रचनाकयछिथ । हुनकर बहुतो कृित सभ अखन बजारमे उपल अिछ । ुत अिछिवापितक सभक संिक्ष िववरण१) गंगावाावली ◌ः अिह मे गंगा नदी आ एकर तट पर होबय बला धािम र्क कायअथा र्त कम काक िवषयमे िवृत जानकारी अिछ । गंगा वाावलीक रचना िवापितरानी िवास देवीक आज्ञासँ कय रहिथ । कृितमे गंगा नदीक रण, कीतर्न, गंगातट पर ाण िवसजर्नक महा वण र्न अिछ ।२) दानवाावली ◌ः राजा नरिसंह दपंनारायणक पी रानी धीरमतीक आज्ञासँ ई करचना भेल अिछ । अिहमे सभ कारक दान िविध िवधान िवार प ूव र्क कयल गेलअिछ।३) वष र्कृ ◌ः अिह मे वष भिर होबयबला ेक पाविन तथा शुभ काय र्क िवृतिवधान ुत अिछ । तिहना प ूजा, अच र्ना, त, दान आिद िनयमक समे सेहोचचा कयल गेल अिछ ।४) द ुगा र्भितरिगणी ◌ः द ुगा र्भितरिगणीकेँ द ुगो र्व पितक नामसँ सेहो जानलजाइत अिछ । िवापित एकर रचना राजा भैरव िसंहक आज्ञासँ कय रहिथ ।अिह मे कािलका पुराण, देवी पुराण, भिव पुराण पुराण, माकर्ेय तथा द ुगाप ूजाक पित संिहत अिछ ।५) श ैवसव र्सार ◌ः राजा पम िसंहक पी िवास देवीक आज्ञासँ रिचत अिह मेमहाकिव िवापित भगवान िशवक प ूजासँ सित सभ िविध िवधानक वण र्न कय छिथ। अिह केँ शुवाावली सेहो कहल जाइत अिछ ।६) गयापलक ◌ः गयापलक क रचना को राजा या रानीक आदेशसँ निह भेलअिछ । अिह क स सामा जनतासँ अिछ । गयामे ा एवम िप दानतथा गया जा कऽ िप ऋणसँ मु होबाक महा मे अिछ ।७) िवभागसार ◌ः िवापित िवभागसारक रचना राजा नरिसंह देव दपंनारायणकआदेशसँ कयलिन । अिहमे दायभागक संिक्ष मुदा सुर आ आकष र्क िववेचन अिछ। िमिथलामे ताालीन दायभाग आ उरािधकार सी िवधानक लेल ई मािणक मानल जाइत अिछ ।८) िलखनावली ◌ः राजा िशविसंह ितरोधान भेलाक बाद िवापित रजाबलीमे राजापुरािदक आममे अिह क रचना कयलिन । ई मे पाचार करबाक िविधकेँ87


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम् ाा कयल गेल अिछ । अपनासँ पैघ, छोट, समान तथा िनयम ावहारपयोगीसिहत चािर कारक पक उेख अिछ । सँ िमिथलाक ताालीन सामािजक आसा ंृितक अवाक पिरचय भेटैत अिछ ।९) श ैवसव र्सार माणभूत संह ◌ः श ैवसव र्सारक रचनाक बाद िवापित अिह करचना कय रहिथ । अिहमे श ैवसव र्सारक माणभूत पौरािणक वचनक संह अिछ।१०) ािडभितरिगणी ं ◌ः ई लघ ु मे सिप र्णीक प ूजाक वण र्न अिछ । िविभपौरािणक कथा सभ उेख अिछ ।११) ेतैिनण र्य ◌ः ई एक त शास्ीय लघ ु अिछ । जािहमे त शास्क गुचचा र् कयल गेल अिछ । अिह सँ िवापितकेँ तक सेहो िवशद ज्ञान रहलमािणत होइत अिछ ।१२) पुषपरीक्षा ◌ः राजा िशव िसंहक िनदेर्शन पर रिचत ई केँ िवापितकउम कोिटक मानल जाइत अिछ । पुषपरीक्षामे वीर कथा, सुवि ु कथा,सुिव कथा आ पुरषाथ र् कथा नामक चािर वक पतक िशक्षाद कथा सभसमािव अिछ । समाजशास्ी, इितहासकार, मानवशास्ी, राजनीित शास्ी सिहत दश र्नएवम सािह िवधाक िक लेल ई अप ूव र् कृित अिछ ।१३) भूपिरमा ◌ः ई िवापितक अ भावकारी अिछ । राजा देव िसंहकआज्ञासँ भूपिरमाक रचना कयल गेलअिछ । मे वलदेवजीारा कयल गेल भूपिरमाक वण र्न अिछ । तिहनािमषारसँ िमिथला धिरक सभ तीथ र् लक वण र्न सेहो अिछ ।१४) कीितर्लता ◌ः कीितर्लताक रचना िवापित अवहठ्ठमे कयलिन अिछ आ अिह मेराजा कीितर् िसंहक कीितर् कीतर्न अिछ । िमिथलाक ताालीन राजनीितक, सामािजक आसा ंृितक िितक अयनक लेल ई महप ूण र् मानल जाइत अिछ । सँिवापितक ौढ़ का कलाक माण भेटैत अिछ । तिहना िवकिसत का ितमाकदश र्न सेहो होइत अिछ ।१५) कीितर्पताका ◌ः अिह मे राजा िशविसंहक बह ुत चतुरताप ूव र्क यशोवण र्न अिछ। क रचना दोहा आ छमेअिछ । क आरमे अद्र्धनारीर, चचूड िशव आ गशक बना अिछ ।कीितर्पताका खित पमे मा उपलअिछ । एकर ९ सँ २० धिरक जा २१ टा प ृ अा अिछ । तीसम प ृमे राजािशव िसंहक यु परामक वण र्न अिछ ।१६) गोरक्षिवजय ◌ः ई एक एका ंकी नाटक अिछ । अिहमे िवापितक न ूतन योगसेहो अिछ । गोरक्षनाथ आ मत्ेनाथक कथा पर नाटक आधािरतअिछ । क रचना राजा िशव िसंहक आदेशसँ कयल गेल छल ।१७) मिणम ंजश नािटका ◌ः ई एक लघ ु नािटका अिछ । नािटकामे राजा चसेन आमिणम ंजरीक मक वण र्न अिछ ।१८) मैिथली पदावली ◌ः िवापितक मैिथलीमे रिचत पदावलीक संिहत अिछ88


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्मैिथली पदावली । िलिखत संकलनक अभावमे िवापितक गीत अपन माध ुय र्क कारणलोक कमे जीिवत छल आ बहुत बाद एकर सम पमे संकिलत करबाक यासकयल गेल । यपी अक संहसभमे िवापितक गीतक संकिलत भेल अिछ ।पदावलीमे राधा एवम कृक म संग गेय पदमे कािशत अिछ ।३.प३.१.1.रामलोचन ठाकुर 2.कृमोहन झा 3. अशोक द 4.िनिमष झा३.२.ी गंगेश गुंजनक- राधा (सातम खेप)३.३. ब ु चिरत- गजे ठाकुर३.४. टे नदीमे कािवहार-ोित३.५. १.िवान झा २.अजीत कु. झा ३.िवनीत उल३.६. १.व ृषेश च लाल २. पंकज पराशर३.७. 1.धीरे मिष र् 2. धमे र् िवल 3.िजतमोहन झा३.८. १.वैकु झा २. िहमा ंशु चौधरी1.रामलोचन ठाकुर 2.कृमोहन झा 3. अशोक द4.िनिमष झाी रामलचन ठाकुर, ज १८ माच र् १९४९ ई.पिलमोहन, मध ुबनीमे। विर किव,र ंगकमीर्, सादक, समीक्षक। भाषाई आोलनमे सिय भागीदारी। कािशत कृित- इितहासहा,मािटपािनक गीत, देशक नाम छल सोन िचड़◌ैया, अप ूवा र् (किवता संह), बेताल कथा (ं), मैिथलीलोक कथा (लोककथा), ितिन (अिदत किवता), जा सकै छी, िकु िकए जाउ(अिदत किवता), लाख89


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम् अिरत (किवता), जाद ूगर (अवाद), ृितक धोखरल र ंग (संरणाक िनब), आिख ं मुन:आिख ं खोल (िनब)।वाक नाम/ चेतौनीिबना कुन ू संकेतकसमयक तीक्षा केंस ूतल ालामुखीकखनह ु ं गरिज सकैछिगिर िशखरक आरोहीकखनह ु ं िपछड़ि◌ सकैछवाकृमोहन झा (1968- ), ज मधेपुरा िजलाक जीतपुर गाममे। “िवजयदेवनारायण साही की कााभूित की बनावट” िवषयपर जे.एन.य. ू सँ एम.िफल आ ओतिहसँ “िनम र्ल वमा र् केकथा सािह में म की पिरकना” िवषयपर पी.एच.डी.। िहीमे एकटा किवता सँह “समय कोचीरकर” आ मैिथलीमे “एकटा हेरायल दिनया” ु कािशत। िही किवता लेल “कैया ृितसान”(1998) आ “हेम ंत ृित किवता पुरार”(2003)। असम िविवालय, िसल्चरक िही िवभागमेअापन।एक िदनआइ निह तँ कािकाि निह तँ परस ू90


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহू ूूhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्परस निह तँ तरसनिह तरस निह मिहना...िकछु बरखक बादएक िदनअहा ँ घ ू िर कऽ आयब अही चौकिठ परआ बेर-बेर अपनिह सँ कहब अपना-धवाद! धवाद!!द ू टीअशोक द , जनकपुर, पालपतुिरयासन मुी मगरसन र भोरसं सा ंझधिर फ़◌ुिसएटा परसैएिगरिगट त द ु िनया ंमे थे र् बदनाम अिछिगरिगटसं बेशी म र ंग बदलैएलुीकरेजपर चोट लगै छै त लुी जनमै छैकेओ जं घात करै छै त लुी जनमै छैफ़◌ाटल चाहे जे हो देहके वस् मुदा91


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्चीर पर हाथ बढै छै त लुी जै छैरहओ केह अपन मडैया बडा नीक लगैछबास उपट' लगै छै त लुी जनमै छैल कम र्क रङकुी बनबैया अपन फ़◌ोटोओ फ़◌ोटो डहै छै त' लुी जनमै छैसोिनत या पािन धतीर् होइछै समान सभकेभेदके रङ चढ़◌ैछै त लुी जनमै छैबिझ ु छाउर सद र् चाहे जे खेल करएबात जं हकके अबैछै त लुी जनमै छैलिलतपुर, पालिनिमष झा,समाचार मुख,हेडलाइ ंस ए ूिजक एफ.एम.,97.2,वेदनाक तरिनरश आ उचाट वातावरणिवर आ िवरान दृिनम र्म साटातीतायल चेहरािविक्ष मोनभूतलायल आकृितआोशसँ पाकल आिखँउच्ाससँ जरल ठोर92


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्राधाऑगी हेराएब को तेहन द ुघ र्ट बात निह। राधा तें उदासो निहभेलीह। उदास तं ओ आ आन कए कार ंछलीह। जेना ,शरीरेदिखत ु पड़िल छलीह। को टा सिख, ो बिहना कए िदन सं देख' पय ंत र्निह अयलिन। हुलिकयो देब' निह। दिखत ु कें होइत छैक आशाआह। बि ृहा। ृहा ई जे ो आबए, आिब क' द ू क्षण लग मेबैसय, दःख प ूछय। गप करय। िकछु कहय, िकछु सुनय। मन केंबहटारय।सैह तकरे अभाव आ संबक जोर।जे अन निह तकरा पर अिधकारेकोन ? जे अप अिछ आ अिधकारो ब ुझाइत अिछ, वाव मे सेकतेक अपन ?ई अिधकार आ योजनक ाथिमकताक अपन-अपन व ृ होइत छैक।म-मनक ई लाचारी छैक। ओकरा अपन एिह सीमाक ान राख' पड़◌ैतछैक आ तिहना संपिकर्त-संब िधत ं सम समाजक ान राख' पड़◌ैत छैक।से जकरा ब ुतें एकर, एिह बिक ु संतुलन निह रहल ,तकर जीवन कनीकआर मोशिकल।अथा र्त् जीवनक मोशिकली धिर अपिरहाय र्।राधाक ई सोचब आ द ुखी हएब ाभािवके जे जीवन मोशिकलीक सवारीिथक। िचन चुनमुन बाट पर पिहया सब गुड़कैत आगा ं बढ़◌ैत रहल तंबड़ िदब। सबटा मन िवो अभव पाछा ं छुटैत गेल आ मनलूअभव अपना संग आगा ं बढ़◌ैत रहल। कतहु को ठाम पहु ंिच गेलाकबाद कए तरहें संतु कयलक आ कए तरहें अ रािख देलक।आब फेर एत' सं अभवक अ संग जे एकिह क्षण पिह मा नगब ुझाइत छल, से भ' जाइत अिछ खोंचाड़ल मध ुमाछी... खोंचाड़ल मध ुमाछीमकखोंता । िबना िबनहु ं अरे ठेहुन सं म ूड़◌ी धिर घनघ रहत बड़◌ी-बड़◌ी काल। हरदम डेरायल मन-काटत,आब काटत...। को क्षणलुधकत आ कािट लेत। यिप िक कािटयो लेत तं कोन ओ अहा ंकगदिन र् छोिप लेत ? दंश देत। से मुदा भ मध ु जका ं निह, िवषिवशाइत दंश। को गदिनक र् निह होइत अिछ- मध ुमाछी !-ब गदिनयेंर् काटब सुभीतगर, ओ सोचलिन। भ म कें छुटकारा95


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्तं भेिट जाइ छैक। आ िदन िदनक िवस िवसाइत भोग-अभूितकअनवरत म जे संप ूण र् अिे के बेचैन कय रहत। देह-ाणकिकछु टा आन वातावरण निह बनब' देत। िघिसयौर कटबैत रहत। ओहीअपन भावक पिरिध आ तकर योजन मे ब रहत। मा बनहु ंटा रिह जाय, तैयो सुकुर, मुदा ओ तं अहा ंक बि ु सं आर सब िकछु केंकािट-बािर क' फराक क' देत। अही ं कें अपन तेहा बना क' छोड़त।लैतरहू।आब एिह मन मे िकछुओ क्षण रिह गेलौ ं िक ओ अहा ं सं अही ं क पिरचयतलब करत। यावत-यावत तैयार भ' क' अहा ं उपयु सोचब आबाजब, तावत-तावत ई बात, अहा ंक मनक ई माम ूली घटना एकटा समाचारबिन जायत। ई समाचार िबना को माम कें रौद आ बसात परसवार भ' क' पहु ंिच जायत ओत' धिर जत' अहा ं सोिचयो सकैत छी।आब बैिस क' कपार पीटैत रहू। ककरा-ककरा आ की-की ब ुझयबैक? आ से जकरा ब ुझयबैक से कतेक द ूर धिर ,की मानत ? जतवामािनयो लेत तकरा सं अहा ंक जीवन कें की सुभीता आ कोन सुख ?ह◌ॅ◌ं, सुख ? की िथक ? केहन होइत छैक ? कोना होइत छैक ?कतवा होइत छैक ? ककरा होइत छैक ?मुदा... मुदा, िकछु छैक तं अवे ई सुख! सुखक अभव अवे छैकएिह प ृी पर-म सं ल' क' सब जीवधारी मे।तें रहैए एकरा पाछा ंाकुल-बेहाल! पर ंतु से केहन छैक-लाल ,पीयर, हिरयर ,उर, कारी-केहन ? अथा र्त् सुखक को र ंगो होइत छैक ? को खास र ंग?-की ाद छैक ? केहन ाद ? को फलक ाद ? चाउर-दािल-गहूमक ाद ? तीमन-तरकारीक ?इनारक टटका जलक ाद ?एकसंगे द ू गोटेक इजोिरयाक चमा बा एका अिरया मे तारा गनवाकाद ? को अनिचार िचड़◌ैक अपिरिचत बोल अकािन चीवाककोिससक ाद? बा भोरे भोरे जौटी बाक िमलिमलाइत आ ं िख जका ंबाड़◌ीक को नाि टा गाछ मे नव पनगल िद ललाओन द ुपी कें देिखअह्लाद होयवाक ाद ?....घन अार मे ककरो कं ठ संअपन नामक96


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्सोधन सुनवाक ?को गंध होइत छैक ? अर-गुलाब सन, बेली-चमेली सन , तेजपातसं छौ ंकल दािल, कढ़◌ी पातक बा औंटवा काल लोिहया लािग गेल द ूध सन,सोायल डाबा सन,-कथी सन ? जौटी बा सन, तुर ंत िबयाहिल स्ी सनआ िक बाध सं घ ुरल हरवाह-गृह सन, यमुना जल मे खीचल न ूआ-वस्सन बा पाकल कदंब सन बा ीकृक सा ंस सन ?सा ंस मे केहन िनसा ं छैक ! कृक सा ंस मे केहन िना ं छिन ? कृमे अप केहन िनसा ं छिन ! कृ िनें छिथ । कृ मा िनसा...।ंबेचैनी राधाक ,बेबस मनक वाह मे,बहैत रहल, यमुना धार सन,राित, रातुक अार काल मे । सब स ूतल अपन-अपन ठाम।धे सब रातुक िवामक ान।िचड़◌ै चुनमुी अपन-अपन खोंता।ंं ंमाल जान अपन थैर-बथान।आ म अपन-अपन चौकी-खाट-मचान !िनसभेर िन मे डूमल जीयैत।मा ई एकटा एकसर मनक िवकल िनयित, चुपचापस ूतल राितक अार मे अपन िनस्ब चलैत रहल-बहैत गेल!राधाक मनक वाह यमुना भ' गेल।एतवो पर र छल , मुदाकहा बा ंचल समयक इहो एह सुभीता,सेहो तं आ ंज ुरक जल भेल।कतबो ये बचा क' रखवा मे कहा भेलहु सकारथ ?सबटा बिह गेल। कनीक काल रहल भभीजल तरही-मा ि ,सेहो अिगले पल ऋतुक उ भावक वेग मे िनठ्ठाहे सुखा गेल।जािन निह ओ आ ंज ुर आ आ ंज ुरक जल कोन क्षण अलोप भेलकोना िबला गेल,97


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्कत' गेल ?स ूय र् लग गेल ? चमा लग गेल िक तारा लग ? वा मािट मे,पोखिर-इनार-धार, को मे फेर सं घिर ु गेल, जा क' मीिल गेल जल-अपन उम सं, उ सं वा भाफ बिन क' बन' गेल मेघ ? कर' गेलबरखा,?जल कत'गेल ? आ ंज ुर भिर जल कत' गेल ?ंई िकछु िवलाप जकाराधाक मनक पिरताप अपनिह अंतर मेमुखर चिल रहल-अपनिह कहैत-अप कें सुत । अप सं सभटा प ूछैत।ई केहन िविच आ सोधन ?अपनिह मन सोर पाड़य अप मन !ंसौ ंसे गाम-टोल अछैत ,टोलक लोक, संब ंधी, सिख-बिहनपाक एिहपसरल समाज आ संसार मे को एकटा मन,एहनअसकरएतेकएकाकािट रहल ाकुल पल-पल जीवन ।अपनिह िवडं बना कें य करैतआसोधन....-"राधा'' ....!!एं ई की भेल कत' सं कोन आकाशवाणी-"आब केहन मन अिछ अहा ंक राधा !''के प ूछल ? बाजल के ? के आयल प ूछ'-कुशलम,ककर िथक ई ाणबेधी वाणी ?द ुल र्भ िक संगीत र िथक ककर ?राितक एिह िनस्ब एका अार मे के बाजल,98


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ककरा भेलैक हमर िचा ?के आयल प ूछय-हालचाल,...अा, तं... ई िथकहुनके ताल ?राधा कें कानमे े ो पुछलकिनहें। िकछुओ संदेह निह,सछैकःं'केहन मन अिछ अहा ंक राधा...'ई िथक स : अभव, को टा म निह।मुदा तखन राधा कें िकयेक लगलिनहें ई िजज्ञासा,पुष-कं ठक नारी-र मे ितिन ?यिद पुछलिनहें कृ तं पछाितसैह करैत स्ी के छल ई जकर र छल ?ई अिछ कोना संभव ?मुदा िथक तं ई स ,संदेह कथमिप निह।स तं होइत अिछ से।रे परजिरत एिह देहक ताप परजमुना जल भीजल पीता ंबरी जका केएना पसिर रहल-ए,आलसे िनिनयाइल बसात...जमुना मे िझलहिर खेलाइत,िनस्ब राित।गंगेश गुंजन/राधा- सातम खेप/ िषत २३ अूबर-२००८.99


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्िबना सव-पीड़◌ाक ज देलि पुक,आकाशसँ शीतल आऽ गम र् पािनक द ू टा धार,कएल अिभषेक बालकक लाल-नील पु कमल,बरिस आकाशसँ।यक्षक राजा आऽ िद लोकिनक भेल समागम,पशु छोड़ल िहंसा पक्षी बाजल मध ुरवाणी।धारक अहंकारक श बनल कलकल,छोड़ि◌ “मार” आनित छल सकल िव,“मार” आगमसँ ब ुाि करत ई?माया-शुोधनक िवलताक सताक,ाण सभसँ सुिन अप ूव र् लक्षण बाक,भय द ूर भेल माता-िपताक तखन जा कऽ,म पु आ द ुन ू गोटे पािब कए।महिष र् अिसतकेँ भेल भान शा मुिन लेल ज,चली किपलवु सुिन भिववाणी ब ु करत ा,वायु मागे र् अएलाह रा वन किपलवुक,बैसाएल िसंहासन शुोधन तुरत,राजन ् आएल छी देखए ब ु ा करत जे बालक।बाकेँ आनल गेल च पैरमे छल जकर,101


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्देिख अिसत कहल हाऽ म ृु समीप अिछ हमर,बालकक िशक्षा ा किरतह ु ँ मुदा व ृ हम अथबल,उपदेश सुनए लेल शा मुिनक जीिवत कहा ँ रहब।वायुमागे र् घ ुरलाह अिसत कए दश र्न शा मुिनक,भािगनकेँ ब ुझाओल पैघ भए बौक असरण करिथ।दस िदन धिर कएलि जात-संार,फेर ढ़◌ेर रास होम जाप,किर गायक दान िसंघ ण र्सँ छािर,घिर ु नगर वेश कएल माया,हाथी-दा ँतक महफा चढ़ि◌।धन-धासँ प ूण र् भेल रा,अिर छोड़ल शुताक मा,िसि साधल नाम पड़ल िसाथ र्।मुदा माया निह सिह सकलीह सता,म ृु आएल मौसी गौतमी कएल शुुषा।उपनयन संार भेल बालकक िशक्षामे छल चतुर,अंतःपुरमे कए ढेर रास वा िवलासक,शुोधनकेँ छल मोन अिसतक बात बालक योगी बनबाक।सुरी यशोधरासँ फेर करबाओल िसाथ र्क िववाह,समय बीतल िसाथ र्क पु राह ुलक भेल ज।उवक संग िबतैत रहल िदन िकछु िदन,102


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्सुनलि चच र् उानक कमल सरोवरक,िसाथ र् इा देखेलि घ ुमक,सौ ँसे रामे आदेश भेल राजाक,ो व ृ द ुखी रोगी रहिथ बाट घाट।सुिन नगरवासी देखबा लेल ,िनकिल आयल पथपर दश र्नक िसाथ र्क,चा कात छल मरम दृ,मुदा तख आएल पथ एक व ृ।हे सारथी स ूतजी के अिछ ई,आिख ँ झा ँपल भौ ँहसँ ेत केश,हाथ लाठी झ ुकल की अिछ भेल?कुमार अिछ ई व ृ,भोिग बाल युवा अवा जायअिछ भेल व ृ आइ,की ई होएत सभक संग,हमहू भए जाएब व ृ एक िदन?सभ अिछ ब ुझल ई खेल,फेर चहु िदस ई सभ करए िकलोल,हिष र्त मुिदत बताह तँ निह ई भीड़,घिर ु चल ू स ूत जी आब,उानमे मोन कतए लाग!103


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्महलमे घ ु िर-िफिर भऽ िचाम,पुिन लऽ आज्ञा राजासँ िनकलल अ,मुदा एिह बेर भेटल एकटा लोक,पेट बढ़ल, झ ुकल लैत िनसास,रोग छल ओऽ प ूछल िसाथ,र्स ूत जी छिथ ई के की भेल?रोग ई कुमार अिछ ई तँ खेल,कख ककरो लैत अिछ अपन अधीन,स ूत जी घ ु भयभीत भेलह ु ँ हम आइ,घिर ु घर िवचिर-िवचिर कय िचन,शुोधन िचित जािन ई घटनाम।आमोद मोदक कए आर ब,रथ सारथी द ुन ू नव कएल ब।फेर एक िदन पठाओल राजकुमार,युवक-युवती संग पठाओल करए िवहार,मुदा तख एकटा याा म ृुक,हे स ूतजी की अिछ ई दृ,सजा-धजा कए चािर गोटे धए का,मुदा तैयो सभ कािन रहल िकए निह जान।हे कुमार आब ई सजाओल म,निह बािज सकत, अिछ ई काठ समान।कािन-खीिज जािथ सम ई लोक,104


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्छोड़ए ओकरा म ृु केलि जे ा।घ ु सारथी निह होएत ई बदा र्श्त,भय निह अिछ एिह बेर,मुदा ब ु िझतो आमोद मोदमे भेर,अज्ञानी सन कोना घ ुमब उान।मुदा नव सारथी घ ुरल निह ार,पहु ँचल उान प ख जकर नाम।युवतीगणकेँ देलक आदेश उदायी पुरोिहत पु,क िसाथ र्केँ आमोद-मोदमे लीन,मुदा देिख इजीत िसाथ र्क अनासि,पुछल उदायी भेल अहा ँकेँ ई की?हे िम क्षिणक ई आयु,बिझतो ु हम कोना गमाऊ,सा ँझ भेल घ ु िर युवतीसभ गेल,स ूय र्क अक संग सा ंसारक अिनताक बोध,पािब िसाथ र् घ ुरल घर िचा म,शुोधन िवचिलत म ंणामे लीन।िकछु िदनक उपरा,मािग ँ आज्ञा बोन जएबाक,संग िकछु संगी िनकिल िबच खेत-पथार,देिख चास देल खेत मरल कीट-पतंग,दिखत ु बैिस उतड़ल घोड़◌ासँ अधः िसाथ,र्105


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्बैिस जोमक गाछक नीचा ँ धए ान,पाओल शाि तख भेटल एक साध ु।छल ओऽ मोक्षक तािकमे म,सुिन ओकर गप देखल होइत अधान।र्गृह ागक आएल मोनमे भाव,बोन जएबाक आब एखन निह काज।घिर ु सभ चलल गृहक लेल,रामे भेटिल का एक,कहल अहा ँ छी जिनक पित,से छिथ िनयेन िनव ृ।िनव ृ शसँ िनवा र्णक संग,सोिच मुिदत िसाथ र् घ ुरल राज सभा,रहिथ ओतए शुोधन म ंीगणक िबच।कहल - लए संास मोक्षक ज्ञानक लेल,क आज्ञा दान हे भूदेव।हे पु कएल की गप,जाऊ पिह पालन क भए गृह,संासक निह अिछ आएल बेर,तखन िसाथ र् कहल अिछ ठीक,तखन द ूर क चािर टा हमर भय,निह म ृु, रोग, व ृावा आिब सकय,धन सेहो क्षीण निह होए संगिह।शुोधन कहल अिछ ई असंभव बात,106


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्तखन हमर िवयोगक क निह पाताप।किह िसाथ र् गेलाह महल िबच,िचित एर-ओर घ ु िम िनकलिल बा,स ूतल छ ंदककेँ कहल ेत वेगमान,कं थक घोड़◌ा अशालासँ लाऊ,सभ भेल िनमे भेर कं थक आएल,चढा िसाथ र्केँ लए गेल नगरसँ द ूर,नमार किपलवु,घ ुरब जखन पाएब ज-म ृुक भेद।सोझा ँ आएल भाव ऋिषक कुटी उतिर िसाथ,र्लेलि रजिटत कृपाण काटल केश,मुकुट मिण आभूषण देल छ ंदककेँ ।अुधार बहल छ ंदकक आ ँ िख,जाऊ छ ंदक घ ु नगर जाऊ,निह िसाथ र् हम निह छी सुम,छोड़ि◌ राम घ ुरल अयोा नगर।घोटक कं थकक आ ँ िखमे सेहो र,तख एक ाध छल आयल,कषाय वस् पिहर रहए कहल िसाथ,र्हमर शु वस् िलअ िदअ ई वस्,अदिल-बदिल द ु गोटे वस् पिहर,छ ंदक देिख केलक णाम गेल घ ु िर।107


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्िसाथ र् अएलाह आम सभ भेल चिकत,देिख नानािवध तपा कठोर,निह संतु क भोगिथ पाबय लेल ,अिहोक यज्ञ तपक िविध देिख,िनकिल चलल िकछु िदनमे िसाथ र् आम छोड़ि◌, निह मोक्षक अिछ हमरा खोज,जाऊ तखन अराड मुिन लग िव ंको,नमार मुिन णाम घ ु सभ जाऊ,िसाथ र् िनकिल बढ़ि◌ पहु ँचल आगु।ोितकेँ wwwpoet . r y. comसँ संपादकक च◌ॉयस अवाडर् (अंजी पक हेतु) भेटलछि। हुनकर अंजी प िकछु िदन धिर wwwpoet . r ysoup. com केर मु प ृ पर सेहो रहलअिछ। ोित िमिथला िचकलामे सेहो पार ंगत छिथ आऽ िहनकर िमिथला िचकलाक दश र्नी ईिलंग आट र्ुप केर अंतत ईिलंग ◌ॊडवे, लंडनमे दिश र्त कएल गेल अिछ।िमिथला पेंिट ंगक िशक्षा सुी ेता झासँ बसेरा इ ंीूट, जमशेदपुर आऽ लिलतकला तूिलका, साकची,जमशेदपुरसँ। शनल एशोिसएशन फ◌ॉर ब्लाइड, जमशेदपुरमे अवैतिनक पेँ प ूव र्मे अापन।ोित झा चौधरी, ज ितिथ -३० िदसर १९७८; ज ान -बेवार, मध ुबनी ; िशक्षा- ामीिववेकान िम िडल ूल◌़ िटो साकची गर् हाई ूल◌़, िमसेज के एम पी एम इटर कालेज़, इिरागाी ओपन यिनविस ू र्टी, आइ सी डबू ए आइ (क◌ॉ एकाउेी); िनवास ान- लन, य.के.; ू िपता-ी शुभंकर झा, ज़मशेदपुर; माता- ीमती सुधा झा, िशवीपी। ''मैिथली िलखबाक अास हम अपनदादी नानी भाई बिहन सभकेँ प िलखबामे कए छी। बेसँ मैिथलीसँ लगाव रहल अिछ। -ोितटे नदीमे कािवहारटे नदीमे कर चललौ ं कािवहार108


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ीमरमे उपिरक मिजल ं पर सवारम - म चलैत शीतल बयार॥वुकलाक कते उृ उदाहरणतकनीकी िवकासक क्ष दश र्नतटमे ठाढ़ ऊं च - ऊं च भ भवन॥कलकलाइत जल स डोलैत नावमानव याससऽ अशािसत बहावजगा देलक अपन िबसरल घाव॥कतेक प◌ॉ◌ंछा अिछ अपन ासिक आपदा स आाकिहया हैत बाढ़ि◌क समा शा॥राितक बात तऽ आरो अुतबस म ंक उोष छल िवलुा निहं छल ओहेन भियु॥अथा किहतौ ं अकरा हिरारबीक ितिब स चमकैत धारजेना होय छिठक अर्दीपक भरमार॥१.िवान झा २.अजीत कुमार झा ३.िवनीत उल109


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्१.ी िवान झा पीकार (िस मोहनजी) ज-09.04.1957,पुआ, ततैल, ककरौड़(मध ुबनी), रशाढ़य(पिण ू र्या), िशवनगर (अरिरया) आ’ सम्ित पिण ू र्या।िपता ल धौत पीशास् मार् पीकार मोदान झा, िशवनगर, अरिरया, पिण ू र्या| िपतामह-.ी िभिखया झा। पीशास्क दस वष र् धिर 1970 ई.सँ 1979 ई. धिरअयन, 32 वष र्क वयससँ पी-ब ंधक संवर्न आऽ संरक्षणमे संल। कृित-पी शाखा पुकक िला ंतरण आऽ संवर्न- 800 प ृसँ अिधक अंकनसिहत। गु- पीकार मोदान झा। गुक गु- पीकार िभिखयाझा, पीकार िनरस ू झा िस िवनाथ झा- सौराठ, पीकार ल ूटन झा,सौराठ। गुक शास्ाथ र् परीक्षा- दरभंगा महाराज कुमार जीवेर िसंहकयज्ञोपवीत संारक अवसर पर महाराजािधराज(दरभंगा) कामेर िसंह ाराआयोिजत परीक्षा-1937 ई. जािहमे मौिखक परीक्षाक मु परीक्षक म.म.ड◌ॉ. सर गंगानाथ झा छलाह।ॐ॥ी गशाय नमः॥“ृि च”आिदमे शु छल शुसँ शाि छल।शु केर सा िदग-िदग ा छल।श ूक िवधाता श ूसँ आा छल।श ूसँ ार भए श ूिहसँ िवराम छल।िविधना िवधान कएल रचना संसार कएल।खेत पथार पोखिर ओ जीवक संचार कएल।110


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्िदित ओ अिदितसँ ृिक िवार कएल।कम र् सभक बाि बाि धरतीपर आिन धएल।शुक िवखंडनसँ व ृक िवार भेल।पोखिर ओ झा ंखड़ि◌ पव र्त पहाड़ भेल।नदी-नद तालाब ओ वनित हजार भेल।जीव जम ावर ओ गितमान संसार भेल।च स ूय र् नक्ष ओ वायु वािरद नीर।धरा-गगन धिर ा भेल िवुत ओ समीर।सभतिर पसरल तेज पु चकाचौ ंध गीर।तम-तम करइत िदन द ुपहिरया नयन भरल ओ नीर।जल चर- थलचर- नभचर नाना।अन-अन धएलक बाना।िविवध भेष ओ भाषा नाना।कएलक िनज-िनज गो बखाना।िवष ओ अम ृत संग जनिम गेल।ेह-म-आघात गट भेल।दो-मिहम कुटु अमरबेल।चतिर-चतिर चहु ँओर पसिर गेल।111


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्एक िदिश जनमल चोर-उचा।दोसर िदिश भलमाष सुा।ृि हेतु- समधानल सभटा।भु सभ करिथ हुनक ई िछा।गोङ बिधर बजबैका नार।ेत-ाम सर ओ अजगर।दीघ र्काय ओ द ुर पातर।सभटा रचलैि ओ िवर।भूख रचल ास रचल।म ओ संधान रचल।रोग रचल ािध रचल।औषध अपार रचल।काम भूख दाम भूख वासनाक उभूख।शान-मान-दान भूख भूखक हजार प।ई भूख ओ भूख भूखक िवूप प।भूख मुदा बढ़ि◌ते गेल धधकैत िवकराल प।शाम-दाम-द भेद शासन कुशासन।112


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्काम-ोध-लोभ-मोह िवरचल “महाशन”।राग-ेष-म-वैर पसरल हुताशन।ृि च चलैत रहल वैिदक ऋचा सन।....।घर बनल गाम बनल नगर ओ धाम बनल।जनता जरल सन ता भगवान बनल।देशक खेवैया झ ुठ्ठा बेइमान बनल।भिक भभटपन पा श ैतान बनल।ृि च चलैत रहल वैिदक ऋचा सन।...पाद-िटणी: १.वािरद-मेघ २.समधानल-ओिरयाकऽ ३.िछा-भाव ४.संधान-अेषण,खोज ५.महाशन-िवु६.हुताशन-अि.२.दहेज दानवपु हुनक अिभया छि।मनमे बहुत सेहा छि।बेटी बापक िटक पकड़ि◌कऽ।शोिणत चूषक इा छैि।िवन दामक निहं बेटा िवयाहब।व कुमार रिह जािथ।ापारी छी ापार करब।113


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्व बेटे िवक जािथ।वरक बाप ओ ओढ़ल वैसल।क्षण-क्षणमे फुिचयािथ।जे िकछु मलिन से बड़ कम अिछ।का दाता य ं िवकािथ।कादाता अरमान करिथ।भलमाष भेिट जािथ।माय बु ओ कुटुम वेरागन।ार-ार घिरयािथ।ुकी मा ंगी ओ की निहं मा ंगी।एिहपर निहं िकछु सोच-िवचार।जे फूरय ओ सब िकछु मा ंगी।मा ँगक अ निह, कतऽ उदार।लोल ूप जीव िकछु निहं व ूझय।सब ब ूझय- धनपोषिनहार।अनकर धनपर ल ू िट मचाविथ।संसारक सब चोषिनहार।का दाता भए वेगितर्त।114


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्अंट-श ंट गिछ लेिथ।िमालाप कखनहु ँ निहं िहतकर।तकर करिथ िनले र्ख।िववाह एक धम र् िथक िववाह एक कम र् िथक।धम र्-कम र् रािख सकी समाजक ई मम र् िथक।दहेज एक लोभ िथक दहेज एक रोग िथक।लोभ-रोग छोड़ि◌ सकी हमर ई धम र् िथक। हमर ई धम र् िथक...2.अजीत कुमार झा, गोवराही, द ुहबी-6, धषा, कनकपुर पाल।सम्ित, हानवेल, य ूके.मे अयनकाका काकी दहेज लेलिथका भोरे िबदा भेलाहजीट-जाट आ काि छटापुछलहु ँ का एना कतएकहल जे जाइ काल टोक निञ अबए छी क बजार भेमीठ पकवान आ िमठाई एर काकी घरकेँ नीपलसर सफाई कका चमका रहलकोन अवसर जे एना भ’ की रहलपुछलहु ँ जे काकीसँ कहलिनबौआ आइ घटक आिब रहलअा तँ दोकानक सजावट छी ई115


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ाहकक ागतक तैयारी छी ईसभ िकछु आइ नव तेँ लािग रहलभाइजीयोक मुँह चमिक रहलकाि छटाक’ केश रँगा क’पान चबाबैत कुता र्मे बालजतेक बढ़ि◌या समान ततबे बढ़ि◌या दामबनीमाक राज काक’ ख ूब नीकसँ ब ुझलघटक जी अएला िनहािर क’ देखलाठोिक बजा क’ सभ िकछु परखलाभाइजीपर ओ’ फेर बोली लगेलिथमोल तोल केँ ल’ क’ ख ूब भेल घमथ र्नसवा चािर लाखमे भेल बात पादेखू आज ु हर भैिय िबकेलिथलागिनक स ूद-म ूर सभ उर भेलिजमा-पँजीकेँ ू ख ूब नीकसँ भजओलिथका काकी आइ हमर दहेज लेलिथिनमुख बरद जेका ँ भैा िबकेलिथका काकी आइ हमर दहेज लेलिथ३.िवनीत उल (१९७८- )। आनंदपुरा, मधेपुरा। ारिभक ं िशक्षासँइ ंटर धिर मुंगेर िजला अंतत रणगा ंव आs तारापुरमे। ितलकामा ंझी भागलपुर, िविवालयसँगिणतमे बीएससी (आनस)। र् गु जेर िविवालयसँ जनसंचारमे मार िडी। भारतीय िवाभवन, नई िदीसँ अंगरेजी पकािरतामे ातकोर िडोमा। जािमया िमिया इािमया, नई िदीसँजनसंचार आऽ रचनाक लेखनमे ातकोर िडोमा। न म ंडेला सेंटर फ◌ॉर पीस एंड कनििरजोूशन, जािमया िमिलया इािमयाक पिहल बैचक छा भs सिटिफकेट र् ा। भारतीय िवा भवनक116


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ंच कोस र्क छा।आकाशवाणी भागलपुरसँ किवता पाठ, पिरचचा र् आिद सािरत। देशक ितित प-पिका सभमेिविभ िवषयपर तं लेखन। पकािरता कैिरयर- दैिनक भार, इ ंदौर, रायपुर, िदी स,दैिनक िहंद ुान, नई िदी, फरीदाबाद, अिकं चन भारत, आगरा, देशब ंध , ु िदीमे। एखन राष्ीय सहारा,एडामे विर उपसंपादक।चुनावक गपचुनावक मौसम आिब गेलसबटा ताजे चुनावक मैदान मेठार होइत छिथअपन सितकलेखा-जोखालोकक आग ूरखैत छिथकेकरो एकटा वाहन निहकेकरो अन मकान निहिकयो एह अिछजेकरा लग छैक कुबेर सनक सितमुदा, आम जनताक िदस सहम प ूछैत छीओिह सितकलेख-जोख मे कतेक117


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्सत रहैत छैक कतेक फ़◌ूइसअदालत मे तधम र्ंथक शपथ खाईकेफ़◌ूइस बाजैत जा रहल छैसिदयों से.पू केकरा देत वोटिदी मेएिह बेरएकटा नारा कएख ूब चार-सार भएरहल अिछ'पू काट वोट'मा ईजे चुनाव मे वोटनिह दैत अिछओ 'पू' छैकमा ईजे चुनाव मे वोट118


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्निह दैत अिछहुनका अपन अिधकारकआ कतर्क ज्ञान निह छैकएकर मतलब ई भेलइलेन कमीशन कएपता छैक जे बेसी लोकअपन अिधकार आ कतर् स िवमुख छैकतिह मे िवज्ञापनवा चारक की जरतजेकरा ई ज्ञान निह छैकिक हम िक किरएकरा सलोकतं कएकी फ़कर् परैतओिह, पागल वा िदवािलयाकवोट देबै कए अिधकार निह छैकई लोकतं मे.119


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহनिह क घोषणाजिहया स होश साल छीदेखैत छी हर चुनाव मे हमताजी कएकरैत घोषणाhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्सड़क बनबा देबघर बनबा देबरोजगारक सुिवधाघर-घर पहु ंचा देबआउर त आउरएक टका मे चाउर भेटतआम जनता कएएहन िदवादेखा बैत छी ई ताजे हुनकर सरकार की एताराइतो ं राइत द ु िनया बदिल जाइतसाठ साल भs गेल120


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्भारत कए लोकतं बनलसाठ साल भए गेलताक आासन मेजीयबजाग ू जनता-जनाद र्न जाग ूएक बेर किहयोई ता सभ कएअिह बेर निह िदयोको आासननिह किरयोको घोषणाहुनका स एतबे टा किहयोअहा ंक पाटीर्िपछला बेर तक जेतबाघोषणा करल छैकओिह टा कए प ूरा कए िदयोएतबे टा प ूरा करैतदशको ं बीत जाइत121


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्एक पीढ़◌ीक ता िक करतदोसर पीढ़◌ीक ताउ घोषणा कए प ूराकए सकत िक निहएकरो मे संदेहे छैक.िदए परत वोटलोकतंक लेलई बड़ शम र्नाक छैकजे चुनावक मौसमआबैक संगता वा गधा मेको अंतर निहरिह जाइत छैकजिह उीदवार कएजे दल सिटकट कए ज ुगाड़ लागैत छैकओिह दलक जनार ंग मे र ंगल122


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्लबादा ओढ़ि◌ लइत छैकनिह को भरोसनिह को सानबस जनता कएम ूख र् बनाइबैत छैक ई तािगरिगटो एतेकतेजी स अपनर ंग निह बदलैत छैकजेना त बदलैत छैकपाटीर् वा िसा ंतआब समय आिब गेलता कए िसखा बए परत सबकजनता जखन जागततखन ई गप हेत संभवएकरा लेल अपन अिधकारकयोग कए िदए परत वोट.123


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহबदिल गेल वैशालीवैशाली छलपिहलुक गणतंजतिह जनता ाराजनता कए आउरजनता पर शासन छलhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्सिदयों बादजब एक बेर तथागतदेखए लए आइलिखनई भारतवष र् कएशम र् आ तामस सपसीना-पसीना भए गेलएक गोटे स प ूछलिखनिक रौ ई भारतवष र् मेलोकतं छैकहमर समय मे अिह ठाम रहैकवैशाली, जतय छल गणतं124


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्तथागत अपन गप जातकख किरतिथएकटा लोक किह देलिखनहुजूर, एतै लोकतंकए पिरभाषा बदिल गेलआब, ई लोकतं मेजनता कए िबसिर जाऊगोली-बाद ारागोली बाद के आउरगोली बाद परशासन होइत छैकई वैशाली मे.१.व ृषेश च लाल २. पंकज पराशर१.व ृषेश च लाल-ज 29 माच र् 1955 ई. केँ भेलि। िपताः. उिदतनारायण लाल,माताः ीमती भुवरी देव। िहनकर छिठहारक नामिवेर छि। म ूलतः राजनीितककमीर् । पालमे लोकतलेल िनररसंघष र्क ममे १७ बेर िगरफ्तार । लगभग ८ वष र् जेल ।सम्िततराई–मधेश लोकतािक पाटीर्क रा«◌ीय उपाक्ष । मैिथलीमे िकछुकथा िविभ पपिकामे कािशत । आोलन किवता संह आ बी.पीं125


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्कोइरालाक िस लघ ुउपास मोिदआइनक मैिथली पारण तथापालीमे संघीय शासनितर नामक पुक कािशत । ओ िवेर साद कोइरालाकितब राजनीित अयायी आ पालक जातािक ं आोलनक सिय योा छिथ। पालीराजनीितपर बरोबिर िलखैत रहैत छिथ।फेकनाक िदआबाती—ब ृषेश च लालिदआबातीमेफुलझडी, अनार भुइ ँपटकाआ कनफरा र् फटासभसँ कातआिख ँ बचा—बचाकयफेकना तािक रहल अिछ तेलब ुताएल िदआसभमेएक मुिठ भातपरसुअदगर ितलकोरक तआ लोभेँ!क्षणक छनाक...!१चाही सभकेशासन चलबएलाअशासन !२लाल पहाडमहाभारतबला ?ख ूनक ढेरी !३मीत अपहएबि, ओ िकछुअओर छिथ !४‘एकता’ मासभलेल खाली‘एकटा’लेल !५126


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्गढैअिछ शकािबलसभ, बातिचबबैलेल !६सफल भेलअपस ? जरफेरल हैत !७सनकी अिछदोष देखोिनहारधरतीपर !८बिरआतमेिछटल गेल इगाइ छलै !९पुरान मनरचतै युग नव ?नइ हेतै !१०गै ंडाक खाकओकर िशकारककारण िथक !2.ड◌ॉ पंकज पराशरी ड◌ॉ. पंकज पराशर (१९७६- )। मोहनपुर, बलवाहाटचपरा ँव कोठी, सहरसा। ारिक िशक्षासँ ातक धिर गाम आऽ सहरसामे। फेर पटना िविवालयसँएम.ए. िहीमे थम णीमे थम ान। जे.एन.य.,िदीसँ ू एम.िफल.। जािमया िमिलया इािमयासँटी.वी.पकािरतामे ातकोर िडोमा। मैिथली आऽ िहीक ितित पिका सभमे किवता, समीक्षाआऽ आलोचनाक िनब ंध कािशत। अंजीसँ िहीमे ◌ॉद लेवी स्◌ॉस, एबहाडर् िफशर, हकु शाहआ ूस चैटिवन आिदक शोध िनबक अवाद। ’गोवध और अंज’ नामसँ एकटा तं पोथीकअंजीसँ अवाद। जनसामे ’दिनया ु मेरे आगे’ ंभमे लेखन। रघ ुवीर सहायक सािहपरजे.एन.य.सँ ू पी.एच.डी.।ुपद127


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्घरवलाक मािर वा सासुक तेखायल बातपर खौ ंझा कएबोनगाम वाली भौजी का ंख तर आ लऽ कए िवदा होइत छलीह हरक लेलआ गामक ो ो आइ-माइ घ ुरा अत रहिन हुनकािकिरया-सत दैत, होरा-िमनती करैत बौिस ं कऽ बीच बाटसँहरक बाटपर जखन जनिम गेलिन द ू िबतँ तामसे आर भेल धी-प ूतसँ भरल पिरवारक बोनगाम वाली भौजीधारमे डुबबाक लेल बहराइत रहिथन घरसँ दहो-बहो भेलआ तकर बादो ो ो किह-सुिनकेँ हुनका घ ुरा अत छलिन बीच बाटसँएकटा दीघ र् आलापक आरोह उठैत छल नादक ओर धिर टहंकारसँजकर छोर पकड़ि◌केँ घ ुरा लैत छलिन अवरोह केर मानस्ी केर आहत मोनपर सानक लेपन करैत सुदीघ र् सरगमसँअंतरा केर अंतराल भिसआइत चल जाइत अिछ द ूर-द ूर धिरसम ंधक रेिगानमे पािनक द ू ब ु लेल “टा” िदस घीचैतजीवन-रागक तान कोनहुना घ ुरैत अिछ समपरएिह िवषम युग केर अजगुत थाटकेँ मोन पाड़◌ैतआइ मोितयािबसँ आर भेल बोनगाम वाली भौजी128


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्थाहैत छिथन र-धार पार करबाक िनिम साध ंसी पािनमेको िबसरल तराना केर एको क्षणक असरामुदा जीवन पंचमक थालमे लसकल बदिल रहल छिनएक गोट अन आकुल पुकारमेिवलित केर िबसरल तालकेँ मोन पाड़◌ैत आब ओगत रहैत छिथन म ृुशापर पड़ल-पड़लएक...द ू ...तीन...एक...द ू ...तीन...1.धीरे मिष र् 2. धमे र् िवल 3.िजतमोहन झाधीरे मिष र् (१९६७- )मैिथली भाषा, सािह, कला, संृित आिद िविभ क काजमेसमान पेँ िनरर सिय िक पमे िचल जाइत छिथ धीरे मिष र्। िव.सं.२०२४ साल भादब१८ गते िसरहा िजलाक गोिवपुर-१, बीपुर गाममे ज लेिनहार मिष र्क प ूण र् नाम धीरे झािछयिन। सरल आ सु भाषा-श ैलीमे िलखिनहार मिष र् कथा, किवताक अितिर लेख, िनब, अवादआ पकािरताक मामसँ मैिथली आ पाली द ुन ू भाषाक मे सुपिरिचत छिथ। पालक ूली कक्षा१,२,३,४,९ आ १०क ऐिक मैिथली तथा १० कक्षाक ऐिक िही िवषयक पापुकक लेखन सेहो कएछिथ। सािहिक मे िहनक एक सािदत आ एक अनिदत ू कृित कािशत छिन। मिष र् लेखनकअितिर सीत, अिभनय आ समाचार-वाचन सँ सेहो स छिथ। पालक पिहल मैिथलीटेिलिफ िमिथलाक था आ ऐितहािसक मैिथली टेिलृला महाकिव िवापित सिहत अको नाटकमेअिभनय आ िनदेर्शन कऽ चुकल मिष र्केँ पालसँ पिहलबेर मैिथली गीतक कैसेट किलयुगी दिनयाुिनकालबाक य सेहो जाइत छिन। िहनक र सीतमे आधा दजर्नसँ अिधक कैसेट एलबम बाहर भऽचुकल अिछ। कािपुरसँ हेो िमिथला काय र्म ुत कता र् जोड़◌ी पा-धीरेक धीरेक अबाजगामक बा-बा िचैत अिछ। “पव” मैिथली सािहिक पिका आ “समाज” मैिथली सामािजक पिकाकसादन।गजल ३घसाइत आ िखआइत चोख फार भेल छी129


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्गला-गला गात गजलकार भेल छीशकेर महफामे भावक वर-किनया ँ लऽसिदखन हम द ुलकैत कहार भेल छीधधराक धाह मारऽ पोखिर ख ुनाएल अिछयं भलिह ासल महाड़ भेल छीहमरे फुनगी लटकल धानक जयगान-मुदा, हमधिर ितरृत पुआर भेल छीभावक ापार मीत पुछू भेटल कीमलहम दऽ दद र्क अमार भेल छीदिखयाक ु गीत जेँ गबैत अिछ गजल हमरलतख ुद िन र् होइत तेँ पथार भेल छीप-र हर आकार िकए िनरखै छी?िनज आखरमे हम तँ साकार भेल छी130


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्अिबयौ सहभोज करी बन सभ तोड़ि◌कऽमक हम परसल सचार भेल छीगजल-४जँ बिजतहु ँ हम फूिस तँ भगवा छलहु ँअिछ आदित खराब जे िक सा ँच बजै छीदेश दलदल छै भेल फूिट नीितक जे घैलब ुझ ू तकरे सुखएबा लेल आ ँच बजै छीिकयो कतबो कहौक िशवक ताव िछयैहम तँ साकेँ नटुवाक ना ँच बजै छीभलिह झ ू िल जाइ लेल फँसरी सहीतैयो पाकलकेँ कथमिप का ँच बजै छीमुक सुरेक लऽ गजल गढ़ि◌ लेलमुदा द ू आ द ू किहयो नइ पा ँच बजै छी131


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्गजल-५आिब गेल गजलोमे रोशनसँ रोशनीबढ़ि◌ते जेतैक एकर पोषणसँ रोशनीहाथ सैंित मीत हमर म ूहक उदार महामुदा कोना बरतै उोषणसँ रोशनी?आिगएमे जिरकऽ सोना हम चमकै छीदिनयाभिर ु तेँ चतरल शोषणसँ रोशनीभ सागपात खोंटब छोड़ि◌ देल जनकपुरीकिहयो की भेल छै इमोशनसँ रोशनी!ब मोनक घाओमे लगा िदयौ मिष र्पसरत अव म-लोशनसँ रोशनीगजल-६हम कहब कथमिप हिथयार िनकाल ू132


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহक धरगर यौ मीता अखबार िनकाल ूhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्दासक िसड़ि◌सँ जे अइ जकड़◌ाएलज ख ुरचैत ओ असली िवचार िनकाल ूमुहद ुर भेल छी तेँ सभो लुलुअबैएलाल सोिनतसन आखर ललकार िनकाल ूगौरवकेर गीत हमर गभर्िहमे मिररहलआब तकरोलए सा ँठल सचार िनकाल ूटकटकी लगौ िपआसल चकोर लेलथोड़◌े चानिहसन िमठका द ुलार िनकाल ूिण र्म िबहान काि िबहु ँसत जरबस गुजगुज एिह राितसँ अनहार िनकाल ूकेह हो तख्त-ताज जकरालग नतमकओहसन कलमक तरवार िनकाल ू133


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्गजल-७हर सरकारक महा साफ नीयत छैझ ूठ नइ बजैत अिछ, सा ँचक कीयत छैगमलामे धान रोिप धााल यज्ञ करएड खीिच मुसरीधिर खोलैत असलीयत छैजनताक फोड़नसँ तेल कपिच टोइयामे-बारए मशाल, जे इजोतक अहमीयत छैलाख-लाख दीपक ई पसरल काश कहै-आज ुक एिह सुजमे जरे कैफीयत छैकोरािमन लगा-लगा कोरमे सुतओ अिछदेश तेँ द ु छैक, सु बस तबीयत छैसभक मोनमे छैक मा आब एक-हमर -आा की ओकरे िमीयत छै!134


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्गजल-८जीवनकेर डोर छोड़ि◌ हाथक लटाइमेज ु िन पुछू ाद की छै गुीक कटाइमेइतराएब-िछतराएब कहू कोन गुमानपरनािटा शरीरो अिछ भेटल बटाइमेफटैत तँ द ूधे छै, नक जे खािन िछयैखा जाए द ूधमे वा द ूधिह खटाइमेम छोड़ि◌ संसारक र सभ धोखड़ि◌ जाइछोड़◌ू अगधाएब बैिस चकमक चटाइमेकम र्क खड़◌ाम पिहिर शतपथपर चलबासनपु कतहु पाएब निह रामक रटाइमेज आओर म ृु िथकै सिक ृ िवधानटामजा छैक िजनगीक सष र् छटपटाइमे135


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्गजल-९बोल रे मन एकतारा बोलै टनन-टनन-टन-टनधषक ज टार छुटैछै झनन-झनन-झन-झनकतबो घ ुमरैत आबै बदरा अप जाएत िबलाकऽजेना त ताबापर जल होइ छनन-छनन-छन-छनमक िडिबया बचाकऽ राखी सा ँचक आ ँचर तरमेबड़ उकपाती पवन बहैए सनन-सनन-सन-सनजाधिर छौ सा ँसक घी बस ताधिर छौ बजबाकेगनगनाइत रह तेँ रे मीता गनन-गनन-गन-गनतोरे चुीके मलजलसँ िन जे चतरल जाइछौजरा दही ओिह अकाबोनकेँ हनन-हनन-हन-हनतोहर सुर-गजर्नसँ जरिह, ठाढ़ देबाल दरकतैतख चहु ँिदस हँसी खनकतै खनन-खनन-खन-खन136


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्गजल-१०िसहकैत कनकीमे सीटर छी, जसीर् छीमखा-मखा म करी, मोनक मिष र् छीचानक िधयानमे धरती निह छूटए, तेँिडहबारक भगता हम द ूरक दशीर् छीथाहैत आ समधात का ँटोपर जे बढ़◌ैछफाटल बेमाएवला चरणक शीर् छीहर वैदेहीक कुचच र् कएिनहार लेलअँिखफोड़बा टकुआ छी, िजहिघा सड़सी छीग जँ लगैए तँ म ू िन िलअ नाक अहा ँितरिहितया खेतक हम गोबर छी, कसीर् छीिजनगीक कखहरबामे सा ँसक जे माा अिछदिहना िदघीर् निह, बामाक हिष र् छी137


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्गजल-११मुिगीत अल अिछ, जीयब हम अमलेमेरिच-रिच सजाएब ह-गीत मोन-कमलेमेध ूर-ध ूर खेत पड़ल शासनकेर मोिहयानीिनाक अ तैयो उपजाएब गमलेमेदिभजका ू ँ चतरल अिछ जे मोनक कणकणमेउपटत धरखे ओ ध ुरफीक हमलेमे!पिघलत जे बर ्फ़ तखन ढािह देत आिर-ध ूरनािच िलअए नङटे ओ भ एखन जमलेमेशासनकेर भाथीसँ िचनगी अिछ र भेलज ु िटअिबयौ खढ़-पात मेहनितसँ घमलेमेगजलक ई पनही पहीिर बाट चलैत कालपओलहु ँ जे हेआओ तेँ समिप र्त ई िवमलेमे138


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्धमे र् िवल-ज िवम सत २०२३-१२-०४, बीपुर िसरहा,िशक्षा : एम ए( मैिथली/राजनीितशास् ),िडोमा ईन डेभलपमेट जनािलज्म,कािशत र्कृित : एक समयक बात (िव स२०६१ मैिथली हाईकु संह ),रा तकैत िजनगी (िव स २०५०/ किवता संह ),एक सि ृ एक किवता(२०५७/ दीघ र् किवता ),हमर मैिथली पोथी ( कक्षा 1 सं ५ धिरक पाठय पुक ),सम्ित : सभापित,पाल पकार महासंघिकछुछौ ंक१) बदनामी–म आ िसहकेँसरेबजारिनलाम निह कगौरवमयइितहासकेँएना बदनाम निह क ।२) िवज्ञापनजािननिहआदमीकजंगलमेहमकतयहेरा रहल छीअखवारकढ़◌ेरमेहम िजनगीक िवज्ञापनतािक रहल छी ।३) इतख ुलेआमइतिबका रहल अिछदामदऽझट कीिन िदअ139


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्जिक सीिमत अिछ ।किजतमोहन झा घरक नाम "िजतू" जितिथ ०२/०३/१९८५ भेल, ी बैनाथ झा आीमित शाित ं देवी केँ सभ स छोट (ितीय) सुप ू। .रामेर झा िपतामह आ .शोभाका ंत झामामह। गाम-बनगा ँव, सहरसा िजला। एखन मुईमे एक िलिमटेड कं पनी में पद्ािपत।िच :अयन आ लेखन खास कs मैिथली ।पसंद : हर िमिथलावासी के पसंद पान, माखन, और माछ हमरोपसंद अिछ।दिनया ु ँक सभ फूल,ख ुशब, ू आर बहार !अपक िमले इ सभ उपहार !!आसमा ँ के चा ँद, आर िसतारा !एय सब सँ अप क ृ ंगार !!अप ख ुश रही, आवाद रही !ख◌़◌ुशी के एहेंन हुवे फुहार !!हमर एहेंन द ुवा अिछ हजार !दामन अपक कम परे ....जीवन मेंs अपक िमले एतेक ार !!मिजल ं आसान सभटा, मुिल बेन ूर हुवे !िदलक जे भी अिछ तना ओ हमेशा द ूर हुवे !!होठ पर होथक बात हुवे, ख◌़◌ुशी मेंs समटल िजगी !गम भरल परछाई अपक आ ँचल सँ लाखो द ूर हुवे !!फूलक तरह मह्कैत रहू, िसतारा के तरह चमकैत रहू !हमर एतबे द ुवा अिछ अपक लेल ....अप जाते भी रही, हरदम चाह्कैत रहू !!लौटक आयब एक िदन, जर हमर यकी ं न करब !हमर याद आबे तँ आइख अपन किहयो नम करब !!दिनया ु ँ सािजश केs कs ज ुदा के िदए हमरा !िकयो िकछ भी कहे अप भरोसा करब !!फुरसत के ला मेंs ख◌़त िलखब अप कs मुदा !हर िदन अप हमर खतक इ ंतजार करब !!140


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्हाथ मेंs पिहर कं गना छी, आर कान मेंs पिहर बाली !हम िवदेहक लेल अिहना िलखेत रहब, चाहे नव वष र् होई या िदवाली !!१.वैकु झा २. िहमा ंशु चौधरीी बैकु झा,िपता-गीर्य रामच झा, ज-२४ - ०७ -१९५४ (ाम-भरवाड़◌ा, िजला-दरभंगा),िशक्षा-ाोर (अथ र्शास्),पेशा- िशक्षक।मैिथली, िही तथा अंजी भाषा मे लगभग २०० गीत कऽ रचना। गोन ू झा परआधािरत नाटक ''हािशरोमिण गोन ू झा तथा अ कहानी कऽ लेखन। अिह केअलावा िही मे लगभग १५ उपास तथा कहानी के लेखन।(१०/०२/९१)चल ू देखैब अपन गाम अयये बई के किनया ँ देखल अहा ँ द ु िनया ँचल ू देखैब अपन गाम अय- गाम येतूबय जतय महु-आम ये। ये बई...पिहरी तऽ बेल बा ँट ओढ़◌ी नई ओढ़नीघोघमे अहा ँ सँ सुर करनीवैह िथक सीताक गा ँम अय-गा ँम ये।तूबय...भेटत जौ ं पोखिर मिर देखू ओतय141


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्भावहु भै ंसुरसँ छुआई छै जयलै नञ पितक केउ नाम अय- नाम ये।तूबय जतय...भै ंसुर ससुर देवर ब ु िझ नञ पड़◌ै एतयदेखबै पुरिनयों मरौतो काढ़◌ै ओतयपीबै छै भा ँग, नई जाम अय, भा ँग अय।तूबय..जकरा कही रोटी ओ छै सोहारीतीमन कही हम अहा ँ तरकारीपिहरै छै पुख खराम अय- खराम अय।भिरमन किनया ँ घ ुम ू अहा ँ बईआ ँगनसँ ओतय त कोनटामे जे बईचलबै िनहुिर नई, उदाम अय, उदाम अय!तूबय...िसमा २०.०९.९१अिछ भाव पसरल सगरो, िडो ध ुनमे नाचय नङरो।भारत भूषण के रोल एखन, होइछ पस, ककरो-ककरो।अिछ भाव...अिछ देखा रहल अिमताभ नाच, गाबय जिहना हो झ ूठ सा ँच।142


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्अिभीक कपड़◌ा बनल नाप, द ू-द ू िमिल कय भय जाइछ पा ँच।मुा , लोटा, सोटा सँ नई बािच ँ कय होय आब झगड़◌ोअिछ..भारत नाम िबसराय रहल, बाजा एह केिकयाय रहलोताकेँ कान उड़◌ाय रहल, ब ुझ ू ओिहना जे व खसलमुदा सुनत के अहा ँक बात? भय रहल श ंसा तऽ ओकरो।अिछ भाव...हमर सता जाय रहल, पाा सता छाय रहल,संग एक टेब ुलपर बैिस देखू , अिछ खाय रहल भावहु भै ंसुरो।अिछ भाव..दहेज १८.०९.९१ण तऽ कयल बार-बार, पाओल अहा ँक मध ुर ार।संग छोड़ि◌ मझधार, गेलउँ कतय, कतय गेलउँ ।कतय गेलउँ कतय गेलउँगेलउँ कतय कतय गेलउँरे जो हवा तोँ किह कऽ आ, संवाद िकछु जर ला,छी अवला तऽ नारी हम, की यैह छी हमर बला?कहब ई दद र् ककरा हम, कहब सुनत हँसत भला।किहहैं ई जर तू ँ, एहन केना िनठ ुर भेलउँ ।143


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহिनठ ुर भेलउँ िनठ ुर भेलउँकतय गेलउँ कतय गेलउँhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्दहेज तऽ दहेज छै, की मसँ हेज छै।कमलकेँ रौिद ँ कऽ कतउ , की वीर केउ बनल ओ छै।बालु के िदवाल जौ ँ बनल, ढहल ओ छै।क यास ख ुद अपन, दहेज लय की ण केलउँ ।कतय गेलउँ कतय गेलउँगेलउँ कतय कतय गेलउँहोइछ िववाह ार लय, उठबय घरक तऽ भार लय,सोचनहु ँ नञ छल हमर तऽ मन, छोद ्अब अहा ँ तँ कार लय,हवा िठठिक मुसिक कहय, नञ छल असल णय।दोष अिछ तँ ई कार केँ , जगत के भार हम भेलहँुकतय गेलउँ कतय गेलउँगेलउँ कतय कतय गेलउँपरदेश- २७.१२.८९ एव ं ८.१.९०पाहुन बिन िनज गृह ािग अहा ँकतबा िदन रहबै परदेशी।बाबा बाब ू सब छला वैहहोयत बेटा पुिन परदेशी॥144


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्िनज उमके उान क,िमिल शासक लग अिभयान क।होयब गरीब नई ं कोना हम?हमरो मपर अिभमान क॥भूिमक मिहमा गुणगान केदिनया ु ँमे ककरा की भेटल?गुणगान आर मदान कविन वीर जगतमे नाम क।सब िकछु रहैत हम छी गरीब,की बनल रहत एिहना नशीब?पढ़ि◌-पढ़ि◌ बा ठोकर खायतलय नाम अयािचक जल पीब?दिनया ु ँमे ककरा के देलक?यिद देलक तऽ ओ िभक्षा िथक।आित बिन रही अगर सब िदनिथक नई यथाथ, र् नई ं िशक्षा िथक॥जाग ू-आ’ जगा िदयौ सबकेँसुन ू आ सुना िदयौ सबकेँ ।िनज पौष जे नई ं चीि सकलओऽ तऽ जगमे कायरता िथक145


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्सड़क १९.०९.९१हम छी सड़क त भारतकिमिथला हो मास मगध मथ ुरामद ुरै मुई (बई) रोहतक। हम छीकानी हक मीिल कऽ हम सबढेकिर-ढेकिर ओ पीबय आशक,मना रहल अिधकारी उव।जकरा घर लागल छल फाटक,उड़◌ा रहल ओ मजा तऽ महलक,हम छी सड़क त भारतक।के देखैत अिछ हमर ई दशाटायर हो या लोकक आ ँगुर-फिट-फुिट कय भय रहल द ुद र्शा।जनताकेँ तऽ अिछ ई शोचक,हम छी सड़क त भारतक।परत देश छल हमर मान छल,छी िचन हमरा गुमान छल,146


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ान करी िनत हमर शान छलअी ितशत भाग एखनहमरा बनबयमे अिछ चोरक।हम छी सड़क त भारतक।घरबैया जौ ं जािग जाईत अिछ,चोर फुर र् सँ भािग जाइत अिछ,आरो बाजी मािर जाईत अिछ।जनतामे िहत नई शोरक,हम छी सड़क त भारतक।२.िहमा ंशु चौधरी-िपता : गीर्य कामेश्र्वर चौधरी,माताः ीमतीचावती चौधरी,जः िव स २०२०/६/५ लहान, िसरहा,िशक्षाः ातकोर(पाली),पेशाः पकािरता(सम्ित : रािष्य समाचार सिमित ),कृित : की भार सा ंठू ? (मैिथली किवता संह ),िवगत द ू दशकसंपाली आ मैिथली लेखन तथा अिभयानमे िनरर ियाशील आ िविभ संघ संासं आब ।की भार सा ंठू ?.........लाते लातसं घायललाशे लाशसं गाएलसङािक पीडामेकी भार सा ंठू ?.........147


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्थ ुराएल चानीफ़◌ुफ़िडआएल अिहबक फ़डशोकाएल चाउर, पीपाएल आ ंज ुरदकथाक पा जका ंकचोट द' रहल अिछग गमे बेधल भाला-गडा ंसटीसे-टीसे द' रहल अिछफ़◌ाटल िचटल कपडा-लाम ू ंह कतहु, हाथ कतहु स्मे राखल िसगरेटक ठ ुीसनलावािरस भ' गेल इितहासमे बहल रफ़◌ेर एिहबेर सेहो बिह गेलगाएल लाशक भार कोनाक' साठू ?.........अिनकारी अमरौती पी अिछओकरा लेल सम,िशवम आ सुरमक सजर्क बाधकतबाधकत मिर जाए/माहुरे माहुर भ' जाएअायक अमरली/ोपदीक िचरसन नमरैत चिल जाएएहन सनकमे सनकैत ओकर अमरौतीकख बाद फ़◌ेकैए/कख धराप रखैएबाद आ धरापमे पोादाना कत' ताकूजे अनरसा बनाएब आ भार सा ंठब148


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ानभासमे फ़◌ाटल गाछ देिखअिड-िबहािड अएबे करतिवश्र्वासक जयी अङकुिरत भेल अिछपरच बहुतो धोएल सींथक सेरककािणकताक भार कोनाक' साठू ?.........िनयितिबछानपी मशानमे अथ र्हीन भ'अपन लाशक किठयारी यमसन भ' गेल छीइासभमे प ूण िवराम र् लािग गेल अिछतेंएकटा िनयित भ' गेल छीहंसलासं मा नंिहकनएटा पडैत अिछकत कत थािक जाइत छीतखशाि निहिकछु मिवद करएटा पडैत अिछबनाबटी मुी छोडएटा पडैत अिछध कथा !149


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ध यथाथ र् !!तेंजीवन म ृुमे लीन होइत जा रहल अिछजीवन आ म◌ॄु मिजल होइत जारहल अिछमैिथली सािह आ र ंगम ंच क मिहला िवभूितअिणमा िसंह(१९२४- )—समीिक्षका, अवािदका, सािदका।काशन: मैिथली लोकगीत, वसवेर(अ.) आिद। लेडी बोन र् क◌ॉलेज, कलकामे प ूव र् ाािपका।िलली रेज:२६ जनवरी, १९३३,िपता:भीमनाथ िम,पित:ड◌ॉ. एच.एन ् .रे, द ुगा र्गंज, मैिथलीकिविश कथाकार एव ं उपासकार । मरीिचका उपासपर सािह अकादेमीक १९८२ ई.मे पुरार।मैिथलीमे लगभग द ू सय कथा आ पा ँच टा उपास कािशत।िवपुल बालसािहक स ृजन। अक भारतीय भाषामे कथाक अवाद-कािशत। बोध साना।150


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्शाित ं सुमनज 15 िसतर 1942, कािसमपुर, सहरसा, िबहार, कािशत कृित, “ओ तीिक्षत,परछाई टूटती, सुलगते पसी, पसी के िरश्त, मौसम हुआ कबीर, समय चेतावनीनही ं देता, तप रेहे कचनार, भीतर-भीतर आग, मेघ इनील (मैिथली गीत संह),शोध ब ंध: मवगीर्य चेतना और िही का आधिनक ु का, उपास: जल झ ुका िहरन।सान: सािह सेवा सान, किव र सान, महादेवी वमा र् सान। अापन काय र्।शेफािलका वमा र्ज:९ अग, १९४३,ज ान : ब ंगाली टोला, भागलपुर । िशक्षा:एम., पी-एच.डी.(पटना िविवालय),सम्ित: ए. एन. कालेज मे िहीक ाािपका ।कािशतरचना:झहरैत र, िबज ुकैत ठोर । नारी मनक िकेँ खोिल:कण रससँ भरलअिधकतर रचना। कािशत कृित :िवला किवता संह,ृित रेखा संरणसंह,एकटा आकाश कथा संह,यायावरी यााव ृा, भावािलकागीत । ठहरे हुए पल िहीसंह ।151


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्इलारानी िसंहज 1 ज ुलाई, 1945, िनधन : 13 जून, 1993, िपता: ो. बोध नारायण िसंहसािदका : िमिथला दश र्न, िवशेष अयन: मैिथली, िही, ब ंगला, अंजी, भाषा िवज्ञानएव ं लोक सािह। कािशत कृित: सलोमा (आर वाइल्डक ंच नाटकक अवाद1965), म एक किवता (1968) ब ंगला नाटकक अवाद, िवषव ृक्ष (1968) ब ंगलानाटकक अवाद, िवंती (1972), रिचत: मैिथली किवता संह (1973), िही संह।नीरजा रेज: ११ अूबर १९४५,नाम: कामाा देवी,उपनाम:नीरजा रे,जान:नवटोल,सिरसबपाही ।िशक्षा: बी.ए. (आनस) र् एम.ए.,पी-एच.डी.,गृिहणी ।कािशतरचना:ओसकण (किवता िम.िम., १९६०) लेखन पर पािरवािरक, सा ंृितक पिरवेशकभाव।मैिथली कथा धारा सािह अकादेमी नई िदीसँ ातयोर मैिथली कथाकपह टा ितिनिध कथाक सादन ।स ृजन धार िपयासल कथा संह,आगत क्षण लेकिवता संह, ऋतरा कथा संह,ितिव िही कथा संह,१९६० सँ आइधिर सएसँअिधक कथा, किवता, शोधिनब, लिलतिनब,आिद अक प-पिका तथाअिभननमे कािशत ।मैिथलीक अितिर िकछु रचना िही तथा अंजीमेसेहो।उषािकरण खान152


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ज:१४ अूबर १९४५,कथा एव ं उपास लेखनमे ात।मैिथली तथा िही द ून ूभाषाक चिच र्त लेिखका।कािशत कृित:अंिरत , द ूवा र्क्षत, हसीना म ंज़ि◌ल(उपास), नाटक, उपास।मलता िम ’म’ज:१९४८,जान:रिहका,माता:ीमती व ृा देवी,िपता:पं. दीनानाथ झा,िशक्षा:एम.ए.,बी.एड.,िस अिभी द ू सयसँ बेशी नाटकमे भाग लेलिन ।भंिगमा (नाम ंच) कभूतप ूव र् उपाक्षा, पिकाक सादन, कथालेखन आिदमे कुशल । ’अिरपन’ आिदअक संा ारा पुरृत-सािनत।आशा िमज:६-७-१९५० ई.,कािशत कथा मे मैिथकीक संग िही मे सेहो । सभसँ पैघिवजय मैिथली कथा संह।नीता झाज : २१-०१-१९५३,वसाय:ाािपका । लेखन पर समाजक पररा तथाआध ु िनकताक संार सँ होइत िवसंगितक भाव।कािशत कृित : फिर, कथा संह१९८४, कथानवनीत १९९०,सामािजक असोष ओ मैिथली सािह शोध समीक्षा।153


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ोत्ा चमर्ंम ूल नाम: कुमारी ोत्ा ,उपनाम : ोत्ा आन ,जितिथ: १५ िदसर,१९६३,जान : मआरा, िसंिधया ख ुद , समीपुर,िपता: ी माकर्ेय वासी,माता:ीमती सुशीला झा,काय र् : अयनाापन ।,रचना कािशत : िझिझरकोना (कथा-संह), एसगर-एसगर (नाटक),बीतक संग संकलन एव सादन।एकर अितिरदजर्नािधक कथा ओ किवता िविभ प-पिका में कािशत तथा आकाशवाणीक पटना,भागलपुर, दरभंगा केसँ सािरत।िशक्षा : पटना िविवालयसँ िही सािहमेएम.ए,।सुिता पाठकज:२५ फरवरी, १९६२,सुपौल, िबहार । पिरिचित किवता संह कािशत ।कथावाचक, कथासंह काशनाधीन । राजनीित शास्मे एम.ए.। संगीत, पेिट ं ंगमेिच । मैिथलीक पोथी पिका पर अक रेखािच कािशत । समकालीन जीवन,समय, आ तकर ंदनक कवियी । अक भाषामे रचनाक अवाद कािशत।बालाना ं कृते१.काश झा- बाल किवता २. बालकथा- गजे ठाकुर३. देवीजी: ोित झा चौधरी154


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्काश झा, सुपिरिचत र ंगकमीर्। राष्ीय रक सा ंृितक संा सभक संगकाय र्क अभव। शोध आलेख (लोकना एव ं र ंगम ंच) आऽ कथा लेखन। राष्ीय जूिनयर फेलोिशप,भारत सरकार ा। राजधानी िदीमे मैिथली लोक र ंग महोवक शुआत। मैिथली लोककला आऽसंृितक लेखन आऽ िव फलकपर िवारक लेल ितब। अपन कम र्ठ संगीक संग मैलोर ंगकसंापक, िनदेशक। मैलोर ंग पिकाक सादन। संित राष्ीय ना िवालय, नई िदीक र ंगम ंचीयशोध पिका र ंग-संगक सहयोगी संपादकक पमे काय र्रत।( िमिथलामे सभस’ उपेिक्षत अिछ िमिथलाक भिव ; यानी िमिथलाक बा । मैिथलीभाषामे बाल-ब ुदक लेल िकछु गीतमय रचना अखन तक निह भेल अिछ जकराबा रिटक’ हरदम गावे-गुनगुनावे जािहसँ बा मीमे रहै आ ओकर मानिसकिवकास दृढ़ हुऎ । एिह ठाम ुत अिछ बौआ-बाक लेल िकछु बाल किवता । )१. काश झाबाल-ब ुदकक लेल किवताछैठ परमेसरीआइ छै खड़ना खीर राितमे, दादी सबके देतैजेबैदेखेबैखेबै .ढाकी, केरा,कूड़◌ा ल’ क’, घाट पर हमहूभोरे – भोर स ूरज के ,अरघ हमहूठकुआ, मध ूर, केरा, भुसवा हाउप हाउप155


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्२. बालकथा- गजे ठाकुरछेछनिच ोित झा चौधरीडोम जाितक लोकदेवता छेछन महराज ब बलगर छलाह। मुदा हुनकर संगी साथीसभ कहलकि जे जखन ओ सभ सिहदापुर गेल छलाह, बा ँसक टोकरी आऽ पिटयासभ बेचबाक लेल तखन ओतुा डोम सरदार मािनक चक वीरता देखलि। ओएकटा अखराहा ब रहिथ आऽ ओतए एकटा पैघ सन डं का राखल रहय। जे ओिहडं कापर छोट करैत छल ओकरा मािनकचक पोसुआ सुर, जकर नाम चिटया छलतकरासँ लड़ए पड़◌ैत छलैक। मािनकच ण कए रहिथ िक जे ो चिटयासँ जीतजाएत से मािनकचसँ लड़बाक यो होएत आऽ जे मािनकचकेँ हराएत सेमािनकचक बिहन पनमासँ िववाहक अिधकारी होयत। मुदा ई मौका आइ धिर निहआएल रहए जे ो चिटयाकेँ हराऽ कए मािनकचसँ लड़ि◌ सिकतय।िदन िबतैत गेल आऽ एक िदन अपन पा ँच पसेरीक का लए छेछन महराज सिहदापुरिदश िवदा भेलाह। डं कापर चोट करबासँ पिह छेछन महराज एकटा ब ु ढ़◌ीसँ आिग156


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्मा ँगलि आऽ अपन िचलममे आिग आऽ मेदनीफूल भिर सभटा पीिब गेलाह आऽझ ुमैत डं कापर चोट कए देलि। मािनकच छेछनकेँ देखलि आऽ चिटयाकेँ शोरकेलि। चिटया दौिग कए आयल मुदा छेछनकेँ देिख पड़◌ा गेल। तखन पनमा आऽमािनकच ओकरा ललकारा देलि तँ चिटया दौिग कय छेछनपर झपटल मुदा छेछनओकर द ुन ू पएर पकड़ि◌ चीिर देलिख। फेर मिनकच आऽ छेछनमे दंगल भेल आऽछेछन मािनकचकेँ बजािर देलि। तखन ख ुशी-ख ुशी मािनकच पनमाक िबयाहछेछनक संग करेलि।िदन िबतैत गेल आऽ आब छेछन दोसराक बसिबीसँ बा ँस काटए लगलाह। एिहना एकबेर यादवक लोकदेवता कृारामक बसिबीसँ ओऽ बहुत रास बा ँस कािट लेलि।कृाराम अपन सुबरन हाथीपर चढ़ि◌ अएलाह आऽ आमक कलममे छेछनकेँ पनमा संगसुतल देखलि। सुबरन पा ँच पसेरीक काकेँ स ूढ़सँ उठेलक आऽ छेछनक गरदिनपररािख देलक आऽ अपन भिरगर पएर कापर रािख देलक।३. देवीजी: ोित झा चौधरीदेवीजी :िच ोित झा चौधरीदेवीजी : परीक्षाक तैयारी157


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्परीक्षा लऽग आिब गेल छल।सब िवधाथीर् सब सचेत भऽ रहल छल। लेिकनओिहमेसऽ िकछु तेहे छल जे अितशय िचित छल जािह कारण ओकरा सबके ासेहो िबगड़ि◌ रहल छल। जखन देवीजीके अिह बातक जानकारी भेलैन तऽ ओसबके परीक्षाक तैयारी करैके उिचत तरीका िसखाबक िनण र्य लेली।एक बड़काकोठलीमे सब बा सबके बजौली आ अपन पाठन शु केली।पिह तऽ ओ कहली जेसाल भिर बैसल रिहकऽ अंितम समय मे अधीर भे िकछु निहं होइत छै।तकरबाद ओ मु पसऽ तीन शीष र्क मे अपन िवचार रखली :1 परीक्षाक समय ाक ान: अिहलेल देवीजी िनिलिखत परामश र् देली-( 1)पया र् भोजन क।पढ़◌ाई के िचामे खेनाइ-िपनाइ निह िबस।समय बचाबै लेलदोसर काज ब क जेनािक कतौ घ ुमनाई, अरो लोक स गप करैमे समयिबतौनाई। ( 2) बाहर के कीनल समान निहं खाऊ। ( 3) बीच-बीच मे चलनाई-िफरनाईकरैत रहू।भऽ सकैतऽ योग आ ान क। ( 4) हमेशा आशावादी रहू।मष केमि के क्षमता अपार छै।तै ं िकछु असव निहं छै मष लेल। ( 5) पया र्माामे स ूतू।छऽ सऽ आठ घंटा जर स ूतू।नींदके कमीसऽ एकातामे कमी आबैतछै।२ पाठ रण करक तरीका: ( 1) पाठके रण करैलेल ओकरा ब ुझनाई आवकअिछ।अिहलेल िशक्षक सऽ सहायता िलय।एक दोसर के सेहो सहायता क।गिणतलेल अास आवक छै। ( 2) रण कैल पाठके बेर-बेर द ुहराऊ तऽ ओ िबसरतनिहं। ( 3) एकरसता हटाबै लेल किनक काल एकटा िवषय पढ़लाक बाद फेर दोसरिवषय पढ़◌ु।३ अंितम कालक पढ़◌ाई: ( 1) सब पाठके संिक्ष ट बनाकऽ राख ू आ परीक्षालेल जायसऽ पिह ओकरा पढ़◌ू, ( 2) जे किठन लागैत अिछ तकरा एक जगहिलिखकऽ राख ू आ जायकाल पढ़◌ू, ( 3) रामे सुरक्षाक ान राख ू , आ ( 4) कक्षामेबैिसकऽ किनक काल ऑ◌ंिख मुिनकऽ वा अपन हाथ िदस तािक ान क।अिह सऽएकाता आबैत छै।देवीजीक अिह परामश र् सऽ सब बाक बढ़ि◌या मादश र्न भेल।सब आगामीवािष र्क परीक्षाक तैयारीमे लािग गेल।बा लोकिन ारा रणीय ोक158


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्१.ातः काल मुहूर् (स ूयो र्दयक एक घंटा पिह) सव र्थम अपन द ुन ू हाथ देखबाकचाही, आ’ ई ोक बजबाक चाही।करा वसते लीः करमे सरती।करम ूले ितो ा भाते करदश र्नम ्॥करक आगा ँ ली बसैत छिथ, करक ममे सरती, करक म ूलमे ा ित छिथ।भोरमे तािह ारे करक दश र्न करबाक थीक।२.संा काल दीप लेसबाक काल-दीपम ूले ितो ा दीपमे जनाद र्नः।दीपा शरः ोक्ः साोितन र्मोऽुते॥दीपक म ूल भागमे ा, दीपक मभागमे जनाद र्न (िवु) आऽ दीपक अ भागमेशर ित छिथ। हे संाोित! अहा ँकेँ नमार।३.सुतबाक काल-राम ं ं हन ूमं वैनतेय ं व ृकोदरम ्।शय यः रेिं द ुः नित॥जे सभ िदन सुतबासँ पिह राम, कुमारामी, हन ूमान, ् गड़ आऽ भीमक रण करैतछिथ, हुनकर द ुः न भऽ जाइत छि।४. नहेबाक समय-गे च यमु चैव गोदाविर सरित।नम र्दे िसु कावेिर जलेऽिन ् सििध ं कु॥हे गंगा, यमुना, गोदावरी, सरती, नम र्दा, िसु आऽ कावेरीअपन साि िदअ।धार। एिह जलमे५.उर ं यमु िहमाेैव दिक्षणम ्।159


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्वष ं र् तत् भारतं नाम भारती य सितः॥समुक उरमे आऽ िहमालयक दिक्षणमे भारत अिछ आऽ ओतुका सित भारतीकहबैत छिथ।६.अहा ौपदी सीता तारा मोदरी तथा।पकं ना रेिं महापातकनाशकम ्॥जे सभ िदन अहा, ौपदी, सीता, तारा आऽ मदोदरी, एिह पा ँच साी-स्ीक रणकरैत छिथ, हुनकर सभ पाप न भऽ जाइत छि।७.अामा बिला र्सो हन ूमा ं िवभीषणः।कृपः परशुराम सैते िचरीिवनः॥अामा, बिल, ास, हन ूमान, ् िवभीषण, कृपाचाय र् आऽ परशुराम- ई सात टा िचरीवीकहबैत छिथ।८.साते भवतु सुीता देवी िशखर वािसनीउन तपसा लो यया पशुपितः पितः।िसिः साे सतामु सादा ध ूजर्टेःजावीफेनलेखेव यूिध शिशनः कला॥९. बालोऽहं जगदान न मे बाला सरती।अप ू र् पंचमे वषे र् वण र्यािम जगत्यम ् ॥इ ं िश-मैिथली कोष मैिथली-इ ं िश कोषइिश-मैिथली ंकोष ोजेकेँ आग ू बढ़◌ाऊ, अपन सुझाव आऽ योगदान ई-मेलारा ggaj endr a@ yahoo. co. i n वा ggaj endr a@ vi deha. co. i n परपठाऊ।160


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्मैिथली-इिश ं कोष ोजेकेँ आग ू बढ़◌ाऊ, अपन सुझाव आऽ योगदान ई-मेलारा ggaj endr a@ yahoo. co. i n वा ggaj endr a@ vi deha. co. i n परपठाऊ।भारत आऽ पालक मैिथली भाषा-वैज्ञािनक लोकिन ारा बनाओल मानक श ैलीमैिथलीक मानक लेखन-श ैली१.मैिथली अकादमी, पटना आऽ २.पालक मैिथली भाषा वैज्ञािनक लोकिन ारा बनाओलमानकश ैली।१.मैिथली अकादमी, पटना ारा िनधािरत र् मैिथली लेखन-श ैली1. जे श मैिथली-सािहक ाचीन कालसँ आइ धिर जािह वर्नीमे चिलत अिछ, सेसामातः तािह वर्नीमे िलखल जाय- उदाहरणाथ र्-ाएखनठामजकर,तकरतिनकरअिछअाअखन,अखिन,एखेन,अखनीिठमा,िठना,ठमाजेकर,तेकरितनकर।(वैकिक पेँ ा)ऐछ, अिह, ए।2. िनिलिखत तीन कारक प वैिपकतया अपनाओल जाय:भ गेल, भय गेल वाभए गेल। जा रहल अिछ, जाय रहल अिछ, जाए रहल अिछ। कर’ गेलाह, वाकरय गेलाह वा करए गेलाह।3. ाचीन मैिथलीक ‘’ िनक ानमे ‘न’ िलखल जाय सकैत अिछ यथा कहलिन वाकहलि।161


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्4. ‘ऐ’ तथा ‘औ’ ततय िलखल जाय जत’ तः ‘अइ’ तथा ‘अउ’ सदृश उारणइ हो। यथा- देखैत, छलैक, बौआ, छौक इािद।5. मैिथलीक िनिलिखत श एिह पे यु होयत:जैह,सैह,इएह,ओऐह,लैह तथादैह।6. ह्र् इकारा ंत शमे ‘इ’ के लु करब सामातः अा िथक। यथा- ादेिख आबह, मािलिन गेिल (म मामे)।7. तं ‘ए’ वा ‘य’ ाचीन मैिथलीक उरण आिदमे तँ यथावत राखल जाय,िकं तु आधिनक ु योगमे वैकिक पेँ ‘ए’ वा ‘य’ िलखल जाय। यथा:- कयल वाकएल, अयलाह वा अएलाह, जाय वा जाए इािद।8. उारणमे द ू रक बीच जे ‘य’ िन तः आिब जाइत अिछ तकरा लेखमे ानवैकिक पेँ देल जाय। यथा- धीआ, अढ़◌ैआ, िवआह, वा धीया, अढ़◌ैया, िबयाह।9. सानािसक तं रक ान यथासंभव ‘ञ’ िलखल जाय वा सानािसक र। यथा:-मैञा, किनञा, िकरतिनञा वा मैआ, ँ किनआ, ँ िकरतिनआ ँ।10. कारकक िवभिक्क िनिलिखत प ा:-हाथकेँ , हाथसँ, हाथेँ, हाथक, हाथमे।’मे’ मे अार सव र्था ा िथक। ‘क’ क वैकिक प ‘केर’ राखल जा सकैतअिछ।11. प ूव र्कािलक ियापदक बाद ‘कय’ वा ‘कए’ अय वैकिक पेँ लगाओल जासकैत अिछ। यथा:- देिख कय वा देिख कए।12. मा ँग, भा ँग आिदक ानमे माङ, भाङ इािद िलखल जाय।13. अर् ‘न’ ओ अर् ‘म’ क बदला असार निह िलखल जाय, िकं तु छापाक सुिवधाथ र्अर् ‘ङ’ , ‘ञ’, तथा ‘ण’ क बदला अारो िलखल जा सकैत अिछ। यथा:- अ,वा अंक, अल वा अंचल, क वा कं ठ।14. हलंत िच िनयमतः लगाओल जाय, िकं तु िवभिक संग अकारा ंत योग कएलजाय। यथा:- ीमान, ्िकं तु ीमानक।15. सभ एकल कारक िच शमे सटा क’ िलखल जाय, हटा क’ निह, संयु िवभिक162


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्हेतु फराक िलखल जाय, यथा घर परक।16. अनािसककेँ चिबु ारा कयल जाय। पर ंतु मुणक सुिवधाथ र् िह समानजिटल माा पर अारक योग चिबुक बदला कयल जा सकैत अिछ। यथा-िहँ केर बदला िहं।17. प ूण र् िवराम पासीसँ ( । ) स ू िचत कयल जाय।18. सम पद सटा क’ िलखल जाय, वा हाइफेनसँ जोड़ि◌ क’ , हटा क’ निह।19. िलअ तथा िदअ शमे िबकारी (ऽ) निह लगाओल जाय।20. अंक देवनागरी पमे राखल जाय।21.िकछु िनक लेल नवीन िच बनबाओल जाय। जा' ई निह बनल अिछ ताबत एिहद ुन ू िनक बदला प ूव र्वत् अय/ आय/ अए/ आए/ आओ/ अओ िलखल जाय। आिक ऎ वाऒ सँ कएल जाय।ह./- गोिव झा ११/८/७६ ीका ठाकुर ११/८/७६ सुरे झा "सुमन" ११/०८/७६२.पालक मैिथली भाषा वैज्ञािनक लोकिन ारा बनाओल मानक श ैलीमैिथलीमे उारण तथा लेखनं्््र्र्१.पमाक्षर आ अार: पमाक्षरात ङ, ञ, ण, न एव म अबैत अिछ। संृतभाषाक असार शक अमे जािह वक अक्षर रहैत अिछ ओही वक पमाक्षरअबैत अिछ। जेना-अ (क वक रहबाक कार अमे ङ् आएल अिछ।)प (च वक रहबाक कार अमे ञ् आएल अिछ।)ख (ट वक रहबाक कार अमे ण आएल अिछ।)सि (त वक रहबाक कार अमे न आएल अिछ।)ख (प वक रहबाक कार अमे म आएल अिछ।)उपयु र् बात मैिथलीमे कम देखल जाइत अिछ। पमाक्षरक बदलामे अिधका ंशजगहपर अारक योग देखल जाइछ। जेना- अंक, पंच, खंड, संिध, खंभआिद। ाकरणिवद पित गोिव झाक कहब छिन जे कव, चव आ टवसँ प ूवअार िलखल जाए तथा तव आ पवसँ प ूव पमाक्षरे िलखल जाए। जेना-163


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्अंक, चंचल, अंडा, अ तथा कन। मुदा िहीक िनकट रहल आधिनक ु लेखक एिहबातकेँ निह मात छिथ। ओलोकिन अ आ कनक जगहपर सेहो अंत आ कं पनिलखैत देखल जाइत छिथ।नवीन पित िकछु सुिवधाजनक अव छैक। िकएक तँ एिहमे समय आ ानक बचतहोइत छैक। मुदा कतोकबेर हलेखन वा मुणमे अारक छोटसन िबु निह भेलासँ अथ र्क अनथ र् होइत सेहो देखल जाइत अिछ। अारक योगमेउारण-दोषक सावना सेहो ततबए देखल जाइत अिछ। एतदथ र् कसँ लऽकऽपवधिर पमाक्षरेक योग करब उिचत अिछ। यसँ लऽकऽ ज्ञधिरक अक्षरक सअारक योग करबामे कतहु को िववाद निह देखल जाइछ।२.ढ आ ढ़ : ढ़क उारण “र ् ह”जका ँ होइत अिछ। अतः जतऽ “र ् ह”क उारणहो ओतऽ मा ढ़ िलखल जाए। आनठाम खािल ढ िलखल जएबाक चाही। जेना-ढ = ढाकी, ढेकी, ढीठ, ढेउआ, ढ, ढेरी, ढाकिन, ढाठ आिद।ढ़ = पढ़◌ाइ, बढ़ब, गढ़ब, मढ़ब, बढ़बा, ु सा ँढ़, गाढ़, रीढ़, चा ँढ़, सीढ़◌ी, पीढ़◌ी आिद।उपयु र् शसभकेँ देखलासँ ई होइत अिछ जे साधारणतया शक शुमे ढ आम तथा अमे ढ़ अबैत अिछ। इएह िनयम ड आ ड़क सभर् सेहो लाग ू होइतअिछ।३.व आ ब : मैिथलीमे “व”क उारण ब कएल जाइत अिछ, मुदा ओकरा ब पमेनिह िलखल जएबाक चाही। जेना- उारण : बैनाथ, िबा, नब, देबता, िबु, ब ंश,बना आिद। एिहसभक ानपर मशः वैनाथ, िवा, नव, देवता, िवु, व ंश,वना िलखबाक चाही। सामातया व उारणक लेल ओ योग कएल जाइत अिछ।जेना- ओकील, ओजह आिद।४.य आ ज : कतहु-कतहु “य”क उारण “ज”जका ँ करैत देखल जाइत अिछ, मुदाओकरा ज निह िलखबाक चाही। उारणमे यज्ञ, जिद, जमुना, ज ुग, जाबत, जोगी,जद, ु जम आिद कहल जाएवला शसभकेँ मशः यज्ञ, यिद, यमुना, युग, याबत,योगी,यद, ुयम िलखबाक चाही।ू ५.ए आ य : मैिथलीक वतर्नीमे ए आ य द ुन िलखल जाइत अिछ।ाचीन वतर्नी- कएल, जाए, होएत, माए, भाए, गाए आिद।नवीन वतर्नी- कयल, जाय, होयत, माय, भाय, गाय आिद।सामातया शक शुमे ए मा अबैत अिछ। जेना एिह, एना, एकर, एहन आिद।एिह शसभक ानपर यिह, यना, यकर, यहन आिदक योग निह करबाक चाही।यिप मैिथलीभाषी थासिहत िकछु जाितमे शक आरोमे “ए”केँ य किह उारणकएल जाइत अिछ।164


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ए आ “य”क योगक योगक सभर्मे ाची पितक असरण करब उपयु मािनएिह पुकमे ओकरे योग कएल गेल अिछ। िकएक तँ द ुन ूक लेखनमे कोसहजता आ द ुहताक बात निह अिछ। आ मैिथलीक सव र्साधारणक उारण-श ैली यकअपेक्षा एसँ बेसी िनकट छैक। खास कऽ कएल, हएब आिद कितपय शकेँ कैल, हैबआिद पमे कतहु-कतहु िलखल जाएब सेहो “ए”क योगकेँ बेसी समीचीन मािणतकरैतअिछ।६.िह, हु तथा एकार, ओकार : मैिथलीक ाचीन लेखन-पररामे को बातपर बलदैत काल शक पाछा ँ िह, हु लगाओल जाइत छैक। जेना- हुनकिह, अपनहु, ओकरहु,तालिह, चोिह, आनहु आिद। मुदा आधिनक ु लेखनमे िहक ानपर एकार एव ं हुकानपर ओकारक योग करैत देखल जाइत अिछ। जेना- हुनके, अप, ताले,चोे, आ आिद।७.ष तथा ख : मैिथली भाषामे अिधका ंशतः षक उारण ख होइत अिछ। जेना-ष (खड़य), षोडशी (खोड़शी), षट्कोण (खटकोण), व ृषेश (व ृखेश), सोष(सोख)आिद।र् ँर्र्र्र्र्र्र्र्८.िन-लोप : िनिलिखत अवामे शसँ िन-लोप भऽ जाइत अिछ:(क)ियायी य अयमे य वा ए लु भऽ जाइत अिछ। ओिहमेसँ पिह अकउारण दीघ भऽ जाइत अिछ। ओकर आगा लोप-स ूचक िच वा िवकारी (’ / ऽ)लगाओल जाइछ। जेना-प ूण प : पढ़ए (पढ़य) गेलाह, कए (कय) लेल, उठए (उठय) पड़तौक।अप ूण प : पढ़’ गेलाह, क’ लेल, उठ’ पड़तौक।पढ़ऽ गेलाह, कऽ लेल, उठऽ पड़तौक।(ख)प ूव र्कािलक कृत आय (आए) यमे य (ए) लु भऽ जाइछ, मुदा लोप-स ूचकिवकारी निह लगाओल जाइछ। जेना-प ूण प : खाए (य) गेल, पठाय (ए) देब, नहाए (य) अएलाह।अप ूण प : खा गेल, पठा देब, नहा अएलाह।(ग)स्ी य इक उारण ियापद, संज्ञा, ओ िवशेषण तीन ूमे लु भऽ जाइतअिछ।जेना-प ूण प : दोसिर मािलिन चिल गेिल।अप ूण प : दोसर मािलन चिल गेल।(घ)वतर्मान कृदक अिम त लु भऽ जाइत अिछ। जेना-प ूण प : पढ़◌ैत अिछ, बजैत अिछ, गबैत अिछ।अप ूण प : पढ़◌ै अिछ, बजै अिछ, गबै अिछ।(ङ)ियापदक अवसान इक, उक, ऐक तथा हीकमे लु भऽ जाइत अिछ। जेना-165


ँ<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्प ूण र् प: िछयौक, िछयैक, छहीक, छौक, छैक, अिबतैक, होइक।अप ूण र् प : िछयौ, िछयै, छही, छौ, छै, अिबतै, होइ।(च)ियापदीय य , हु तथा हकारक लोप भऽ जाइछ। जेना-प ूण र् प : छि, कहलि, कहलहु ँ, गेलह, निह।अप ूण र् प : छिन, कहलिन, कहलौ, ँ गेलऽ, नइ, निञ, ।९.िन ानारण : को-को र-िन अपना जगहसँ हिटकऽ दोसरठाम चिलजाइत अिछ। खास कऽ इ आ उक समे ई बात लाग ू होइत अिछ।मैिथलीकरण भऽ गेल शक म वा अमे जँ इ वा उ आबए तँ ओकर िनानािरत भऽ एक अक्षर आगा ँ आिब जाइत अिछ। जेना- शिन (शइन), पािन(पाइन), दािल ( दाइल), मािट (माइट), काछु (काउछ), मासु(माउस) आिद। मुदातम शसभमे ई िनयम लाग ू निह होइत अिछ। जेना- रिकेँ रइ आ सुधा ंशुकेँसुधाउं स निह कहल जा सकैत अिछ।१०.हल(◌्)क योग : मैिथली भाषामे सामातया हल (◌्)क आवकता निहहोइत अिछ। कारण जे शक अमे अ उारण निह होइत अिछ। मुदा संृतभाषासँ जिहनाक तिहना मैिथलीमे आएल (तम) शसभमे हल योग कएल जाइतअिछ। एिह पोथीमे सामातया सूण र् शकेँ मैिथली भाषासी िनयमअसारहलिवहीन राखल गेल अिछ। मुदा ाकरणसी योजनक लेल अावक ानपरकतहु-कतहु हल देल गेल अिछ। ुत पोथीमे मिथली लेखनक ाचीन आ नवीनद ुन ू श ैलीक सरल आ समीचीन पक्षसभकेँ समेिटकऽ वण र्-िवास कएल गेल अिछ। ानआ समयमे बचतक सिह ह-लेखन तथा तकिनकी दृ िसँ सेहो सरल होबऽवलािहसाबसँ वण र्-िवास िमलाओल गेल अिछ। वतर्मान समयमे मैिथली माभाषीपय र्केँआन भाषाक मामसँ मैिथलीक ज्ञान लेबऽ पड़ि◌रहल पिरमे लेखनमे सहजतातथा एकपतापर ान देल गेल अिछ। तखन मैिथली भाषाक म ूल िवशेषतासभकुित निह होइक, ताहूिदस लेखक-मल सचेत अिछ। िस भाषाशास्ी डा.रामावतार यादवक कहब छिन जे सरलताक असानमे एहन अवा िकह ु आबऽदेबाक चाही जे भाषाक िवशेषता छा ँहमे पिड जाए। हमसभ हुनक धारणाकेँ प ूण र्पसँ स लऽ चलबाक यास कएलह ु अिछ।पोथीक वणिवास र् कक्षा ९ क पोथीसँ िकछु माामे िभ अिछ। िनरर अयन,असान आ िवेषणक कार ई सुधाराक िभता आएल अिछ। भिवमे आनहुपोथीकेँ पिरमािजर्त करैत मैिथली पापुकक वणिवासमे र् प ूण र्पेण एकपताअनबाक हमरासभक य रहत।कक्षा १० मैिथली लेखन तथा पिरमाजर्न महे मलंिगया/ धीरे मिष र् संयोजन-गशसादभराईकाशक िशक्षा तथा खेलकूद मालय, पाम िवकास के,सािठमी, भपुर166


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्सवािधकार र् पाम िवकास के एव ं जनक िशक्षा सामी के, सािठमी, भपुर।पिहल संरण २०५८ बैशाख (२००२ ई.)योगदान: िशवसाद साल, जगाथ अवा, गोरखबहाद ुर िसंह, गशसाद भराई, डा.रामावतार यादव, डा. राजे िवमल, डा. रामदयाल राकेश, धमे र् िवल, पा धी,नीरजकण, र्रमेश रनभाषा सादन- नीरज कण, र्पा झाआब १.मैिथली अकादमी, पटना आऽ २.पालक मैिथली भाषा वैज्ञािनक लोकिन ाराबनाओल मानक श ैलीक अयनक उपरा िन िबु सभपर मनन कए िनण र्य क।ा/अा1. होयबला/होबयबला/होमयबला/ हेब’बला, हेम’बलाहोयबाक/होएबाक2. आ’/आऽ आ3. क’ ले/कऽ ले/कए ले/कय ले/ल’/लऽ/लय/लए4. भ’ गेल/भऽ गेल/भय गेल/भए गेल5. कर’ गेलाह/करऽ गेलह/करए गेलाह/करय गेलाह6. िलअ/िदअ िलय’,िदय’,िलअ’,िदय’7. कर’ बला/करऽ बला/ करय बला करै बला/क’र’ बला8. बला वला9. आङ्ल आ ं10. ायः ायह11. द ुःख द ुख12. चिल गेल चल गेल/चैल गेल13. देलिख देलिक, देलिखन14. देखलि देखलिन/ देखलै15. छिथ/ छलि छिथन/ छलैन/ छलिन16. चलैत/दैत चलित/दैित17. एख अख18. बढ़ि बढि19. ओ’/ओऽ(सव र्नाम) ओ20. ओ (संयोजक) ओ’/ओऽ21. फािग/फािँफाइ ंग/फाइङ22. जे जे’/जेऽ23. ना-कुर ना-कर24. केलि/कएलि/कयलि25. तखन तँ तखनतँ26. जा’ रहल/जाय रहल/जाए रहल167


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्27. िनकलय/िनकलए लागल बहराय/बहराए लागल िनकल’/बहरै लागल28. ओतय/जतय जत’/ओत’/जतए/ओतए29. की फूड़ल जे िक फूड़ल जे30. जे जे’/जेऽ31. कूिद/यािद(मोन पारब) कूइद/याइद/कूद/याद32. इहो/ओहो33. हँसए/हँसय हँस’34. आिक दस/ िकं वा दस/ वा दस35. सासु-ससुर सास-ससुर36. छह/सात छ/छः/सात37. की की’/कीऽ(दीघीर्कारामे विजर्त)38. जबाब जवाब39. करएताह/करयताह करेताह40. दलान िदिश दलान िदश41. गेलाह गएलाह/गयलाह42. िकछु आर िकछु और43. जाइत छल जाित छल/जैत छल44. पहु ँिच/भेिट जाइत छल पहु ँच/भेट जाइत छल45. जबान(युवा)/जवान(फौजी)46. लय/लए क’/कऽ47. ल’/लऽ कय/कएं ँं ँ48. एखन/अख अखन/एख49. अहीकेँअहीकेँ50. गहीरगहीरँ ँ51. धार पार केनाइ धार पार केनाय/केनाए52. जेका जेँ का ँ/जका53. तिहना तेिहना54. एकर अकर55. बिहनउ बहइ56. बिहन बिहिन57. बिहिन-बिहइ बिहन-बहनउ58. निह/59. करबा’/करबाय/करबाए60. त’/त ऽ तय/तए61. भाय भै62. भा ँय63. यावत जावत168


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ू64. माय मै65. देि/दएि/दयि दि/दैि66. द’/द ऽ/दए67. ओ (संयोजक) ओऽ (सव र्नाम)68. तका’ कए तकाय तकाए69. पैरे (on f oot ) पएरे70. ताहुमे ताहूमे71. पुीक72. बजा कय/ कए73. बननाय74. कोला75. िदका िदनका76. ततिहसँ77. गरबओलि गरबेलि78. बालु बाल79. चे िच(अशु)80. जे जे’81. से/ के से’/के’82. एख ुनका अखका83. भुिमहार भूिमहार84. सुगर स ूगर85. झठहाक झटहाक86. छूिब87. करइयो/ओ करैयो88. पुबािर पुबाइँ89. झगड़◌ा-झा ँटी झगड़◌ा-झािट90. पएरे-पएरे पैरे-पैरे91. खेलएबाक खेलेबाक92. खेलाएबाक93. लगा’94. होए- हो95. ब ुझल ब ूझल96. ब ूझल (संबोधन अथ र्मे)97. यैह यएह98. ताितल99. अयनाय- अयनाइ100. िन- िन169


ँ<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्101. िब िबन102. जाए जाइ103. जाइ(i n di f f er ent sense)-l ast wor d of sent ence104. छत पर आिब जाइ105. 106. खेलाए (pl ay) –खेलाइ107. िशकाइत- िशकायत108. ढप- ढ़प109. पढ़- पढ110. किनए/ किनये किन111. राकस- राकश112. होए/ होय होइ113. अउरदा- औरदा114. ब ुझेलि (di f f er ent meani ng- got under st and)115. ब ुझएलि/ ब ुझयलि (under st ood hi msel f )116. चिल- चल117. खधाइ- खधाय118. मोन पाड़लिख मोन पारलिख119. कैक- कएक- कइएक120. लग ल’ग121. जरेनाइ122. जरओनाइ- जरएनाइ/जरयनाइ123. होइत124. गड़बेलि/ गड़बओलि125. िचखैत- (t o test)िचखइत126. करइयो(willing to do) करैयो127. जेकरा- जकरा128. तकरा- तेकराु129. िबदेसर ामे/ िबदेसरे ानमे130. करबयलहु ँ/ करबएलहु ँ/करबेलह131. हािरक (उारण हाइरक)132. ओजन वजन133. आधे भाग/ आध-भागे134. िपचा’/ िपचाय/िपचाए135. नञ/ 136. बा नञ () िपचा जाय170


ं<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्र्र्137. तखन (नञ) कहैत अिछ।138. कतेक गोटे/ कताक गोटे139. कमाइ- धमाइ कमाई- धमाई140. लग ल’ग141. खेलाइ (for playing)142. छिथ छिथन143. होइत होइ144. ो िकयो145. केश (hai r )146. केस ( cour t -case)147. बननाइ/ बननाय/ बननाए148. जरेनाइ149. कुरसी कुसीर्150. चरचा चचा151. कम करम152. डुबाबय/ डुमाबय153. एख ुनका/ अख ुनका154. लय (वाक अितम श)- ल’155. कएलक केलक156. गरमी गमीर्157. बरदी वदीर्158. सुना गेलाह सुना’/सुनाऽ159. एनाइ-गेनाइ160. तेना घेरलि161. नञ162. डरो ड’रो163. कतहु- कही164. उमिरगर- उमरगर165. भिरगर166. धोल/धोअल धोएल167. गप/ग168. के के’169. दरबा/ दरबजा170. ठामू171. धिर तक172. घिरलौिट173. थोरबेक171


ँ<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्174. ब175. तोँ/ तू176. तोँिह( पमे ा)177. तोँही/तोँिह178. करबाइए करबाइये179. एकेटा180. किरतिथ करतिथँिचपहु ँच181. पहु182. राखलि रखलि183. लगलि लागलि184. सुिन (उारण सुइन)185. अिछ (उारण अइछ)186. एलिथ गेलिथ187. िबतओ िबते188. करबओलि/ करेलिख189. करएलि190. आिक िकँिचपहु ँचँ ँ ँ191. पहु192. जराय/ जराए जरा’ (आिग लगा)193. से से’194. हा मे हा (हा ँमे हा िवभिक्मे हटा कए)195. फेल फैल196. फइल(spaci ous) फैल197. होयति/ होएति हेति198. हाथ मिटआयब/ हाथ मिटयाबय199. फेका फें का200. देखाए देखा’201. देखाय देखा’202. सिर सर203. साहेब साहब7.VI DEHA FOR NON RESI DENTS7.1.Or i gi nal Mai t hi l i Poem by Sh. Raml ochan Thakur172


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्t r ansl at ed i nt o Engl i sh by GAJENDRA THAKUR and Or i gi nalMai t hi l i Poem by Sh.Kr i shnamohan Jha t r ansl at ed i nt oEngl i s h by GAJ ENDRA THAKUR7.2.THE COMET- English translation of Gajendra Thakur ' sMai t hi l i Novel Sahasr abadhani t r ansl at ed by Jyot i .Raml ochan Thakur ( 1949- ) Seni or Poet , t heat r e ar t i st, edi t or and cr i t i c of Mai t hi l i l anguage. " I t i hashant a" and " Deshak namchhal son chr ai ", " Apoor va", " Mat i Pani k Geet "(col l ect i on of poems)," Bet al Kat ha"( Sat i r e), " Mai t hi l i Lok Kat ha ( Fol k Li t er at ur e), " AnkhiMunane Aankhi Khol ane" ( Essays).Gaj endr a Thakur ( b. 1971) i s t he edi t or of Mai t hi l i ej our nal “Vi deha”t hat can be vi ewed at ht t p:// wwwvi . deha. co. i n/ . Hi s poem, st or y, novel ,r esear ch ar t i cl es, epi c – al l i n Mai t hi l i l anguage ar e l yi ngscat t er ed and i s i n pr i nt i n si ngl e vol ume by the title“Kur ukShet r am.” He c an be r eached at hi s emai l :ggaj endr a@ ai r t el mai l . i nOriginal Mai t hi l i Poem by Sh.Raml ochan Thakur t r ansl at ed i nt oEngl i sh by GAJENDRA THAKURAddr essed t o t he syst em/ war ni ng-Wi t houtany i ndi cat i onOrAny wai tf or time173


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহThe sl eepi ng vol canohttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्Coul d t hunderanyt i meThe mount ai neerAnyt i me coul d l ag behi ndSh. Kr i shnamohan Jha (1968- ), " Ekt a Her ayal Duni ya",col l ect i on of poems i n Maithili, " Samay Ko Chirkar"collection ofpoems i n Hi ndi . For Hi ndi poems " Kanhai ya Smriti Samman"i n 1998 and" Hemant Smriti Kavita Samman" i n 2003.Gaj endr a Thakur ( b. 1971) i s t he edi t or of Mai t hi l i ej our nal “Vi deha”t hat can be vi ewed at ht t p:// wwwvi . deha. co. i n/ . Hi s poem, st or y, novel ,r esear ch ar t i cl es, epi c – al l i n Mai t hi l i l anguage ar e l yi ngscat t er ed and i s i n pr i nt i n si ngl e vol ume by the title“Kur ukShet r am.” He can be r eached at hi s emai l :ggaj endr a@ ai r t el mai l . i nOriginal Mai t hi l i Poem by Sh.Kr i shnamohan Jha t r ansl at ed i nt oEngl i sh by GAJENDRA THAKURONE DAYI f not t oday t hen t omor r owI f not tomor r ow t hen on a day af t er t omor r ow174


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्I f not on a day after tomor r ow t hen on t wo daysafter tomor r owNot on t wo day s af t er t omor r ow not even af t er amont h…Then af t er a coupl e of year sOne dayYou woul d return to this thresholdAnd t i me and agai n woul d t el l t o your sel f -ThanksThanks! !!Engl i sh Tr ansl at i on of Gaj endr a Thakur ' s( Gaj endr a Thakur( b. 1971) i s t he edi t or of Mai t hi l i ej our nal “Vi deha” t hat can bevi ewed at ht t p:// wwwvi . deha. co. i n/ . Hi s poem, st or y, novel , r esear char t i cl es, epi c – al l i n Mai t hi l i l anguage ar e l yi ng scat t er ed and i si n pr i nt i n si ngl e vol ume by the title “Kur ukShet r am.” He c an ber eached at hi s emai l : ggaj endr a@ ai r t el mai l . i n ) Mai t hi l i NovelSahasr abadhani by Smt . Jyot i Jha Chaudhar y175


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्Jyot i Jha Chaudhar y, Dat e of Bi r t h: December 30 1978,Pl aceof Bi r t h- Bel hvar ( Madhubani Di st r i ct ), Educat i on:Swami Vi vekanandaMi ddl e School , Ti sco Sakchi Gi r l s Hi gh School , Mrs KMPM I nt er Col l ege,I GNOU , I CWAI ( COST ACCOUNTANCY ); Resi dence- LONDON , UK ; Fat her - Sh.Shubhankar Jha, Jamshedpur ; Mot her - Smt . Sudha Jha- Shivipatti. Jyotir ecei ved edi t or ' s choi ce awar d f r om wwwpoet . r y. com and her poems weref eat ur ed i n f r ont page of wwwpoet . r ysoup. com for some per i od.Shel ear nt Mi thil a Pai nt i ng under Ms . Shvet a Jha, Baser a I nst i t ut e,Jamshedpur and Fi ne Ar t s f r om Tool i ka, Sakchi , Jamshedpur ( I ndi a).Shehad been honor ar y t eacher at Nat i onal Associ at i on For Bl i nd,Jamshedpur ( I ndi a). Her Mi t hi l a Pai nt i ngs have been di spl ayed byEaling Ar t Gr oup at Eal i ng Br oadway , London.Sahasr aBar hani : The Comettranslated by JyotiExamination of all art was held in the primar y school s of t hevillage- musi c, dr awi ng, dr ama et c.Ther e wer e l ot s of t al ent edpeopl e i n t he vi l l age who can pl ay dr ums , har moni um et c.Earlier drama was pl ayed i n Dur ga Puj a onl y but l at er on i tbecame t r end of cel ebr at i ng Kr i shnasht ami , Kal i Puj a et c.Har s ha’s Raml eel a par t y had al so per f or med dr ama f or onemont h. Conf l i ct s r ose dur i ng t hat dr ama t oo.Then r aml eela waspl ayed wi t hout i nvi t i ng any dr ama company f r om out si de ever ynow and t hen.However peopl e kept on sponsor i ng Raml eela byout si der . Bear i ng expenses of hi r i ng t he Raml eel a par t y was176


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्termed as hol di ng mal a.Peopl e used t o announce f or sponsor i ngthe drama out of exci t ement f or a moment but l at er onconsi der i ng ent husi asm of t he dr ama par t y and i nt er est ofvillagers a systemat i c col l ect i on of money f or hi r i ng t hedr ama par t y was est abl i shed. Ther e was a cr aze of t he Raml eelai n t hose days and I t oo had dr eam of havi ng my car eer as anar t i st . Wi t h consent of t eacher s we st ar t ed pr act i ci ng dr amaon Sat ur days i n t he school . To sol ve t he pr obl em of f i ndi ngsour ce of good dr ama book I wr ot e a dr ama named “DaanveerDadhi chi ”. I gat her ed t he chi l d-ar t i st s. The chi l d-ar t i st s hadnames t oo casual t o sui t t o t he f amous char act er s of I ndi anmyt hol ogy. Let ’s have a l ook- pot aha, l ul ha, l engr a, pot sur ka,l el ha, dhahi bal a, kanha, anhr a, t ot r aha, bauka, bahi r a et c.Thosenames meant deaf , bl i nd, handi capped et c.The chi l dr en who wer econsidering themsel ves ver y sophi st i cat ed and r espect f ulwer en’t i nt er est ed i n par t i ci pat i on of dr ama.I f someonepr onounced dhahi i n pl ace of dahi ( yogur t ) i n hi s chi l dhoodt hen hi s name was kept dhahi wal a.One chi l d got t hei r namePot aha as he had r unny nose i n wi nt er . I f t he second chi l d t oohad caugh t hen he had name pot sur ka.One chi l d got hi s nameAnhara ( blind) as he couldn’t see t he obj ect and hi t i t dur i ngmovi ng i n dar kness.I f any chi l d st ar t ed speaki ng l at e t hen hebecame Bauka ( dumb ). An i nnocent chi l d got name of Lel ha,i gnor ant t o peopl e got name of Bahi r a( deaf ), i f t he chi l d kepthi s hand st r ai ght af t er wear i ng new Ghar i ( a wat ch made up ofthe Mango l eaf ) i n t he Ghar i Pabani he got t he name l ul ha( handi capped). The st ut t er i ng chi l d got name of Tot al a.Hi shabi t of seei ng wi t h cunni ng eyes or f r i ght eni ng ot her ki ds byfolding eyelids could give him name of Kanha.I f any chi l dwalked limpi ngl y due t o some problemin legs he got t he nameof l angar a ( cr i ppl e).But i f a chi l d bel onged t o a r i ch f ami lyand hi s mot her was qui t e bol d t hen even t hough he had somer eal def ect nobody coul d dar e t o t ease hi m.177


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्Ok , my drama ‘Danveer Dadhi chi ’ was t o be pl ayed on nextSat ur day by t hat gr oup of chi l d-ar t i st s.( cont i nued)VI DEHA MAI THI LISANSKRI T TUTORतेषाम ् िबुना ं पुनः रणं िकं िचत् कुम र्ः।अहम ् िकित् काय ं र् करोिम-अकबर माः ः अि।नवदेहा ं माः दीघ र्ः अि।मम वेणी दीघा र् अि।मम उरीयम ् दीघ र्म ् अि।अहं बहु जानािम िकित् वदािम।एषः व ृक्षः उतः/ वामनः अि।पुषः उतः/ वामनः अि।कः उतः/ वामनः अि।इदानीम ् वण र् वाचकानाम ् पिरचयम ् संपादयामः।-शुक वण र्ः हिरतः।-शुक वण र्ः कः?-पण र् वण र्ः कः?178


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহ-पण र् वण र्ः हिरतः।-पु वण र्ः पीतः।-सेमी पु वण र्ः पीतः।-काक वण र्ः कृः।-कृफलक वण र्ः कृः।प वण र्ः ेतः।दंत वण र्ः ेतः।क्षीर वण र्ः ेतः।आस वण र्ः रः।ाद ुफल वण र्ः रः।अंतः रम ् अि।र वण र्ः कः।र वण र्ः रः।वस् वण र्ः नीलः।िभः वण र्ः नीलः।आकाश वण र्ः नीलः।http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ष्जे र् यः वणा र्ः सि।–हिरतः/ ेतः/ कासायः वण र्ःच वण र्ः नीलः।क कः वण र्ः- केश वण र्ः कृः। ीकृ नीलः।179


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহ् ््््् ् ं्् ंhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्(वण र्म ूलशः पु.)अहम ईद ृश फलम इािम।अहं ताद ृश फलं न इािम।मम समीपे ईद ृश घटी अि।मम समीपे ताद ृश घटी नाि।भवाः समीपे कीद ृश घटी अि।मम समीपे ताद ृश घटी नाि।कािप गृहे ईद ृश किपः अि वा।भवाः गृह किपः ईद ृश/ ताद ृश शम करोित वा।ओ महामकर्टः।इदानीम अहं वु दर् िभ-िभ नाम वदािम।ताद ृश वु भवताम गृहे अि वा नाि वा।इित वदु-मम गृहे ताद ृश पाािलका/ लेखनी अि।ईद ृश कणं कािप (काः अिप) समीपे नाि।इदानीम एकं न ूतनम अंश जानीमः।सीपः ीडानं गित। ीडित।सीपः ीिडतुम ीडानः गित।बालक पिठतुम िवालय गित।180


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्िकमथ र्म ्?खािदतुम ्- जानीतुम ्- वुम ्पीबित-पातुम ्गित-गुम ्आगित-आगुम ्उिित-उातुम ्उपिवशित- उपवेुम ्जानाित- ज्ञातुम ्करोित- कतुर्म ्ुित- ोतुम ्वदित- वुम ्ददाित- दातुम ्पित- ुम ्इदानीम ् अिवध अासं कुम र्ः।-बालकः िवालय ं गित।-बालकः िवालय ं गुम ् इित।-रमेशः िकेट ीडित।-रमेशः िकेट ीिडतुम ् इित।-मुकेशः वदित।181


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহ्््् ््््http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्-मुकेशः विदतुम इित।चालयित- चालयतुमशुखः गृहे वासम करोित।शुखः गृहे वासम कतुर्म इित।वासुदेवः देहलीम गित।धरित-धतुर्मगायकः गीतम गायित।सुभािषतम ्मावत् परदारेषु परेषु लोवत्आवत् सव र्भूतेषु यः पित सः पितः।ुत सुभािषत अथ र्ः एवम ् अि।सव र्दा पितः उदारदृया पित। पितः इुे सनः। सनः अभिगनीः। मिहलाः।कथम ् पित। अ भिगनीः सः मातरः इेव िचयित। तथादृष्ा एव पित।एवमेव बहुनाम ् समीपे धनम ् संपद ् भवित। सनः कया दृष्ा पित। सः तत्धनं परेषा ं धनं मिकाम ृ ् इव पित। तत धनं मिका ृ समाना। इेव िचयित।एवमेव ािणनः जीवि। पे। ाणीना ं िवषये सन वहारः कथं भवित।यदा िवषये म ृद ुतया/ तया वहार ं करोित। तथैव सव र्ािणिभः सः वहार ंकरोित। एव ं पित दृ िः सव र्दा िवशाला भवित। तादृशः एव पितः इितउते।182


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्कथाएकः ामः- ामे एकः सुषः- सः बहु सनः- सः जीवनाथं र् धन संहं नकृतवान ्। िभक्षाटनव ृा जीवनं करोित । िभक्षाटनं करोित- जीवनं करोित।धनसंहं न करोित। ितिदनं तपः करोित। ातःकाले/ माे/ राौ/ एव ं तदातदा तपः करोित। मनसः संारः भवित। तत कारणतः त मनः शुंसािकम ् अि। एका शिः आगता- तपसः भावेन ् त मनसः एका शिःआगता। का सा शिः- अनाः मनिस अथवा अन मनिस यः भावः भवित तम ्भाव ं सः सनः ज्ञातुम ् शोित। सः सुषः तपसः भावेन ् एव तत सव ं र्ज्ञातुम ् शोित । एकदा सः अं ाम ं गित। सः ामः द ूरे अि। मागे र्आयासः भवित। समीपे एकं कुटीर ं पित। त गित। ािमनं प ृित- कृपयािकित् जलं ददातु। यजमानः आगित- जलं ददाित। यदा िकित् िपबित तमनिस िकमिप भवित। सः िचयित। जलं पया र्म ्। गािम। इित राम ्करोित। तदा गृह ामी वदित- भोः। न गतु। िकित् क्षीरम ् ददािम।क्षीर ं ीकरोतु। परु एषः सनः वदित- व। अहं गािम। परु गृहामीबहु आहं करोित- अः गित-क्षीरम ् आनयित। बहु आह कारणतः सःसनः ितित। क्षीर ं गृाित। सनः ीकृतवान ्। आहकारणतः। परुहेन ् िकं िचदेव ् क्षीर ं पीतवान ्। तदा एव त मनिस एक िवध ंदनं अभवत्। सःगृहािमनं प ृवान ्- भवतः गृहे धेः अि वा। गृहामी वदित- आम ् अि।पुनः सुषः प ृित- एकवार ं ुम ् इािम। अु। आगतु। इित सुष ंगृहामी नयित। सुषः धें पित। धेः के ब ंधनम ् अि। धेः बिहमन ्माम ् अिप पित। तदा गृहामी प ृित। िकमथं र् भवान ् तथा पित। तदा िकमिपनाि- इित सुषः वदित। तदा पुनः एषः गृहामी आहं करोित- वदतु-वदतु। अु। इित सं वदित। एषा धेः भवदीया धेः न ्। कुतित्चोिरता धे:। सं वा न वा। तदा गृहािमनः मुखं ानं भवित। सं। परुभवान ् कथं ज्ञातवान ्। तदा एषः वदित- सुषः- भोः गृहािम। भवान ् क्षीर ंदवान ्। तदा मम मनिस िवकारः समुः। मम मनिस- अहं चोरयािम- इितभावः उः। तदथ र्म ् अहं गों गा सव ं र् दृवान ्। परु यदा चौय र्म ् करणीयमेवइित महती इा अभवत्। अहं गुम ् रा ं कृतवान ्। एवम ् आहार भावः मनसःउपिर भवित। चोरः यिद आहार ं ददाित- म अिप चौय र्ब ु िः भवित। एवमेव183


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्एतिन ् संदभेर् अभवत्। अहं िचितवान ्। एषा धेः चोिरता धेः। तदथं र् मममन अिप चौय ं र् करणीयम ्- इित बिः ु उा। सं वा न वा। एषा धेः चोिरतावा न वा। तदा गृहाम ानः दोषम ् अीकरोित। सम ् इतः परम ् अहम ् एता ंधेः मम गृहे ापयािम- एत यजमानाय प र्यािम- इित वदित। प र्यित च।् ENGLI SH संृतम मैिथलीDo you know whenthe exami nat i onbegi ns?परीक्षारः कदा इितज्ञातं िकम ्?Yes , t he t i me -t abl e came j ustyest er day.I s t her e any gapbet ween t wopaper s?आ ं , वेलापिका ः एवआगता।पयोः मे अवकाशःअि िकम ्?अहा ँकेँ ब ुझल अिछ परीक्षाकिहयासँ शु होएत?हँ, टाइम-टेब ुल काियेआएल।द ू परीक्षाक बीच िवरामअिछ की?ू Onl y t wo days. केवलं िदनय अि। मा द िदनक अिछ।The exami nat i onhas beenpost poned.परीक्षा अ नीता।परीक्षाक ितिथ आगा ँ बढ़ि◌गेल अिछ।्ूHow i s t heसता कथम अि? तैयारी केहन अिछ?pr epar at i on?I don’ t r emember पिठतं िकमिप न रािम हम जे पढ़◌ैत छी सेanyt hi ng t hat I भोः।एकोरी मोन निह रहैतr ead.अिछ?The por t i ons oft he t hi r d paperतीय-प पाा ंशः एवन समाः।तेसर पक पामकिकछु अंश सेहो बा ँकीhave not beenअिछ।compl et ed.The admi ssi on car d वेशपं परःवेश-प परस देलwi l l be gi ven day लप्ते।जाएत।after tomor r ow.What t i me i s t he परीक्षासमयः कः? परीक्षाक समय की अिछ?exami nation?From 8 t o 10 i nthe mor ni ng.ातः अतःदशवादनम ्।भोरमे ८ सँ १० बजेधिर।Whi ch exami nation िकं परीक्षा-कें ावती कोन परीक्षा-के अहा ँकेँ184


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्््््cent r e di d you भवती?भेटल?get ?The cent r e i s near कें मम गृह समीपेmy house.अि।How was t heपं कथम आसीत्?quest i on-paper ?I t was very easy. अतीव-सुलभम आसीत्। ब हुक रहए।It was veryबहु िम आसीत्। ब भारी रहए।difficult.It was alright. सामाम आसीत्। सामा रहए।The t i me was not समयः अपया र्ः अभवत्।enough.Ther e was noेषु िवकः एव नopt i on among t he आसीत्।quest i ons.के हमर घरक लगेमेअिछ।प केहन रहए?समय पया र् निह रहए।मे िवक सेहो निहछलए।ं्I coul d not wr i t e अहं य उर लेिखतुंanswer s of t wo न शवती।quest i ons.The pr act i cal -exam ािक्षक-परीक्षा समाा।i s over .The exami ner f or ािक्षक-परीक्षायाःpr act i cal -exam was परीक्षकः उमः आसीत्।a ni ce man.How was t he v i v a- मौिखक-परीक्षा कथमvoce?अभवत्?Not ver y good. सक् न आसीत्। नीक निह रहल।When wi l l t he फिलता ंशः कदा किटतःresult beभिवित?decl ar ed?Ther e’ s st i l l one इतोऽिप एक मासःmont h.अि।It will beअिम-साहे किटतःdecl ar ed i n t he भिवित।next week.How many per cent ितशतं कित अाःmar ks di d you ााः?हम द ू टा क उर निहिलिख सकलहँ।ुायोिगक परीक्षा समाभेल।ायोिगक परीक्षाक परीक्षकनीक लोक रहिथ।मौिखक परीक्षा केहनरहल?पिरणाम किहया धिरआएत?एख एक मास अिछ।अिगला साह भऽ सकैएिनकलत।कतेक ितशत अंकअहा ँकेँ भेटल?185


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्get ?I got 80% mar ks. मम ८०% अाःआगताः।He has f ai l ed i none subj ect .I l ost t he f i r str ank by t wo mar ks.Hi s r esul t hasbeen wi t hhel d.She i s appl yi ngf or r eval uat i on oft hi s paper .Two mont h’ shol i days f r om nowon.Next year I wi l lst udy wel l .सः एकिन ् िवषयेअीण र्ः।अयेन मम थम-ानंगतम ्।त फिलता ंशः िनःअि।सा एत पपुनम ूर्ानाथ र्म ् आवेदनंकिरित।इतःपर ं मासयिवरामः।अिमवषे र् अहं सक्अयनं किरािम।हमरा ८०% अंक भेटलओऽ एक िवषयमे अीण र्भऽ गेल।द ू अंकसँ हम पिहल ानसँविचत ं रिह गेलहु ँ।ओकर पिरणाम रोिक लेलगेल।ओऽ अपन उर-पकफेरसँ परीक्षण लेलआवेदन दे अिछ।एखनसँ द ू मासक िवरामअिछ।अिगला साल हम नीक जेका ँपढ़ब।(c)२००८. सवािधकार र् लेखकाधीन आ’ जतय लेखकक नाम निह अिछ ततयसंपादकाधीन। िवदेह (पािक्षक) संपादक- गजे ठाकुर। एतय कािशत रचना186


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ नवम्बर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक २२)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्सभक क◌ॉपीराइट लेखक लोकिनक लगमे रहति, मा एकर थम काशनक/आका र्इवक/ अंजी-संृत अवादक ई-काशन/ आका र्इवक अिधकार एिह ई पिकाकेँछैक। रचनाकार अपन मौिलक आऽ अकािशत रचना (जकर मौिलकताक संप ूण र्उरदािय लेखक गणक म छि) ggaj endr a@ yahoo. co. i n आिकggaj endr a@ vi deha. com केँ मेल अटैचमेक पमेँ . doc, . docx, . r t f वा. txt फ◌ॉमे र्टमे पठा सकैत छिथ। रचनाक संग रचनाकार अपन संिक्ष पिरचय आ’अपन ैन कएल गेल फोटो पठेताह, से आशा करैत छी। रचनाक अंतमे टाइपरहय, जे ई रचना मौिलक अिछ, आऽ पिहल काशनक हेतु िवदेह (पािक्षक) ईपिकाकेँ देल जा रहल अिछ। मेल ा होयबाक बाद यथासंभव शी ( सात िदनकभीतर) एकर काशनक अंकक स ूचना देल जायत। एिह ई पिकाकेँ ीमित लीठाकुर ारा मासक 1 आ’ 15 ितिथकेँ ई कािशत कएल जाइत अिछ।(c) 2008सवािधकार र् सुरिक्षत। िवदेहमे कािशत सभटा रचना आ' आका र्इवक सवािधकारर्रचनाकार आ' संहका र्क लगमे छि। रचनाक अवाद आ' पुनः काशन िकं वाआका र्इवक उपयोगक अिधकार िकनबाक हेतु ggaj endr a@ vi deha. co. i n परसंपकर् क। एिह साइटकेँ ीित झा ठाकुर, मध ू िलका चौधरी आ' रि िया ारािडजाइन कएल गेल।िसिरु187

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