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Videha_01_02_2009

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िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्३.ी रामाय झा "रामरंग"(आब वगय)- "अपना" िमिथलासँ संबंिधत...िवषय वतुसँ अवगतभेलहुँ।...शेष सभ कुशल अिछ।४.ी जे िपाठी, सािहय अकादमी- इंटरनेट पर थम मैिथली पािक्षक पिका "िवदेह"केर लेल बाधाई आ शुभकामना वीकार करू।५.ी फुलकुमार िसंह "मौन"- थम मैिथली पािक्षक पिका "िवदेह" क काशनक समाचारजािन कनेक चिकत मुदा बेसी आािदत भेलहुँ। कालचकेँ पकिड़ जािह दूरदृिक पिरचयदेलहुँ, ओिह लेल हमर मंगलकामना।६.ी डॉ. िशवसाद यादव- ई जािन अपार हषर् भए रहल अिछ, जे नव सूचना-ाितक क्षेमेमैिथली पकािरताकेँ वेश िदअएबाक साहिसक कदम उठाओल अिछ। पकािरतामे एिहकारक नव योगक हम वागत करैत छी, संगिह "िवदेह"क सफलताक शुभकामना।७.ी आाचरण झा- कोनो प-पिकाक काशन- ताहूमे मैिथली पिकाक काशनमे केकतेक सहयोग करताह- ई तऽ भिवय कहत। ई हमर ८८ वषर्मे ७५ वषर्क अनुभव रहल।एतेक पैघ महान यज्ञमे हमर ापूणर् आहुित ात होयत- यावत ठीक-ठाक छी/ रहब।८.ी िवजय ठाकुर, िमिशगन िविवालय- "िवदेह" पिकाक अंक देखलहुँ, सपूणर् टीमबधाईक पा अिछ। पिकाक मंगल भिवय हेतु हमर शुभकामना वीकार कएल जाओ।९. ी सुभाषच यादव- ई-पिका ’िवदेह’ क बारेमे जािन सता भेल। ’िवदेह’ िनरतरपलिवत-पुिपत हो आ चतुिदर्क अपन सुगंध पसारय से कामना अिछ।१०.ी मैिथलीपु दीप- ई-पिका ’िवदेह’ केर सफलताक भगवतीसँ कामना। हमर पूणर्सहयोग रहत।5


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्मंडल िविवालय, पिमी पिरसर, सहरसा, िबहार। मैिथली, िहदी, बंगला, संकृत, उदूर्, अंेजी, पेिनश एवं ेंच भाषाक ज्ञान।काशन: घरदेिखया (मैिथली कथा-संह), मैिथली अकादमी, पटना, १९८३, हाली (अंेजीसँ मैिथली अनुवाद), सािहय अकादमी,नई िदली, १९८८, बीछल कथा (हिरमोहन झाक कथाक चयन एवं भूिमका), सािहय अकादमी, नई िदली, १९९९, िबहािड़ आउ(बंगला सँ मैिथली अनुवाद), िकसुन संकप लोक, सुपौल, १९९५, भारत-िवभाजन और िहदी उपयास (िहदी आलोचना), िबहारराभाषा पिरषद्, पटना, २००१, राजकमल चौधरी का सफर (िहदी जीवनी) सारांश काशन, नई िदली, २००१, मैिथलीमे करीबसिर टा कथा, तीस टा समीक्षा आ िहदी, बंगला तथा अंेजी मे अनेक अनुवाद कािशत।भूतपूवर् सदय: सािहय अकादमी परामशर् मंडल, मैिथली अकादमी कायर्-सिमित, िबहार सरकारक सांकृितक नीित-िनधरण सिमित।कबाछुओ बेंच पर बैसल ेनक तीक्षा करैत रहय ।'शी-इ-इ।’ वला िससकारी सुिनते ओकर छाती धक िसन उठलैक । िबन देखनिह ओकरा बुझा गेलैक,चपीवला आिब रहल छैक । आिबते नून—लसा जकाँ सिट जेतैक ।चाहे अहाँ केहनो पिरिथितमे रहू, ओ आिबते अहाँक हाथ या कनहा धऽ लेत। ओकर एिह चािल परओकरा खॱत नेस दैत छैक । एक िदन ओ िबख सनक बात किह देने रहै । ओ तइयो अपन चािल निहछोड़लकै ।ई बुिझतो जे चपीवला आिब रहल छैक ओ मिटयेने रहल । पिका पर आँिख गड़ौने सोचलक जे यत आउदासीन देिख कऽ ओ चल जायत । लेिकन निह । ओ आिब कऽ सोझा मे ठाढ़ भऽ गेलैक आ िससकारीपाड़लकै--- 'शी-इ-इ !आब अनठेनाइ असंभव छलै । ओ मूड़ी उठा कऽ चपीवला िदस तकलकै । चपीवला पुरान यार जकाँरभसल दृिएँ तािक रहल छलैक आ नजिर िमलते िन:संकोच हाथ धऽ लेलकैक ।बेंच पर ओकर दुनू कात संात आ पिरिचत यिक्त सभ बैसल रहैक । एहन अव था में च पीवलाकधृ टता बहुत अशोभनीय आ फूहड़ छलैक। चपीवला पर ओकरा बड तामस उठलैक ।'की कऽ रहल छेँ ?’— ओ िटरसलै ।चपीवला कोनो परवाह निह केलकै आ ओ जे टांग पर टांग चढ़ेने बैसल रहय तकरा अलग करबाक जेनाआदेश दैत जाँघ पर हाथ रािख देलकै । देहकेँ ढील छोिड़ देने चपी करबामे ओकरा सुिवधा होइतैक ।8


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्'बेहूदा निहतन !’ <strong>–</strong> जाँघ पर राखल चपीवलाक हाथकेँ जेना ओ कािछ कऽ फेकलकै ।ओकर एिह यवहारसँ चपीवला हतभ निह भेलै, बिक ढीठ जकाँ कहलकै—'एक बेर छूबल देहकेँ फेर छूबऽमे कथीक संकोच ?'चपीवला बहुत पैघ बात किह देने रहैक जे साँच तऽ रहैक, िकतु ओिहसँ ओ लजा आ खॱझा गेल ।ओकरा बुझेलै जेना ओ ी हो आ ई चपीवला ओकर पुरान यार । चपी आ मािलश करायब ओकरा बहुतअ ली बुझेलै ।'देखै निह िछही, कतेक गरमी छैक !’— चपीवलाक बातमे जे धार छलैक तकरा भोथरेबाक लेल ओ एकटाबहाना बनेलक ।'हँ ठीके, गरमी तऽ बहुत छैक ।’— अपन िनराशाकेँ नुकेबाक लेल चपीवला बजलै ।चपीवलाक चिल गेला पर ओ अवहसँ छूटल, मुदा चपीवलाक दीनताक लेल ओकरा अफसोस भेलैक ।ठाम-कुठाम आ समय- कुसमय वला महीन समझ जँ चपीवला मे रिहितऐक तऽ एहनो गरमी मे ओ चपी करासकैत रहय । लेिकन एहन बुिध सँ ओकर पेट निह चलतैक ।ओ एिहना फेर किहयो गाड़ीमे या टेशन पर भेिट जेतैक आ िससकारी पािड़ कऽ चपी करेबाक इशाराकरतैक—शी-इ-इ ! जेना पटेबाक लेल कोनो छॱड़ा कोनो छॱड़ीकेँ कनखी मारैत हो । ई सोिचते चपीवलाकित ओकर िवतृणा बिढ़ गेलैक ।लघुकथा-कुमार मनोज कयप ।जम-१९६९ ई़ मे मधुबनी िजलांतगर्त सलेमपुर गाम मे। कूली िशक्षागाम मे आ उच्च िशक्षा मधुबनी मे। बाय काले सँ लेखन मे अिभरुिच। कैक गोट रचना आकाशवाणी सँ सािरत आ िविभ प-पिका मे कािशत। सित केंीय सिचवालय मे अनुभाग आधकारी पद पर पदथािपत।िववसता9


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्अपन जमभूिम के प््राित मोह ककरा निहं होईत छैक? जािह धरा पर पिहल बेर पायरराखल, जकर धूरा-मािट मे खेल-खेल कऽ समथर् भेलंहु, तकरा प््राित लगाव तऽवभािवके आछ। अपन रायक सीमा मे प््रावेश कईयो कऽ गाम निहं जाई से ने हमरमोन मानत आ ने गाम-पिरवारक लोक। अहु बेर सरकारी याा सँ मुिकल सँ पलखितपािब राितयो भिर लेल गाम जेबाक िवचार कय िबदा भऽ गेलंहु बस धरबाक लेल। भोरेआपसे एबाक छल, तैं कोनो समान लऽ जेबाक दरकारे निहं।सभ गामक चौक पर अहाँ के ओहन िरक्सावला भेट जायत जे चौक सँ बस लग-पासक गामक सवारी उठबैत आछ - आर कतहुँ निहं जायत ओ - कतबो बेगरताहोऊक लोक कें। चौक पर बस रुिकते ओ सभ िरक्सा लऽ कऽ तेना दौड़ैत आछसवारी लेवाक हेतु जेना कोनो ितथर्-थानक पडा। जकरा सवरी भेिट गेलैक से िवजयीआ आन सभ हारल - मुदा पेᆬर सँ आगला प््राितयोिगता लेल डाँड़ बहने।कैकटा िरक्सावला हमरो पाछु दौड़ल, मुदा आई हमरा पायरे जेबाक मोन भऽ रहल छल,तैं मना कऽ देिलयई। समान कोनो छलैहे निहं आ साँझक सोहाओन मौसम, िकयैक निहंआनंद लेल जाय एकर। सभ सँ पैघ बात जे गामक एिह िचर-पिरिचत धुिरयायल रतापर चिल कऽ एक बेर पेᆬर हम अपन िबतल िदन मोन पाड़ऽ चािह रहल छलंहु।आततक मरण बड़ मनभावन भेल करैत छैक।सड़क पार कय हम चलऽ लगलंहु गामक ओिह रता पर जे किहयो बड़ आमीय छलहमर। िकछु आभास भेला पर पाछाँ तकलंहु - एकटा िरक्सवला िनरीह भावें िरक्सा लऽकऽ चल अबैत हमरा पाछाँ। लऽग आिब बाजल -'' हाकीम! तऽ निहंये करबै िरक्सा?जे मोन हुअय से दऽ देब खुशी सँ, मुदा बैस जाऊ हमर िरक्सा पर।'' हम कहिलयै- ''बेकार मे हमरा पाछाँ निहं पड़, आई हमरा पायरे जेबाक ईच्छा भऽ रहल आछ ।घुिर जो तॲ।'' िरक्सावला के आँिख मरल माँछ जेना िथर भऽ गेलै हमरा उपर।कपैत वर मे बाजल- ''ऐं यौ हािकम! अंहु सन हािकम-हुाम जँ पयरे चलऽ लगतै,तऽ हमरा सभ गरीब-गुरबा अपन पिरवारक पेट कोना पोसतै?''हमर पैर एकाएक थमिक गेल। िबना िकछु बजने हम बैिस गेलंहु ओकर िरक्सा पर।10


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्चाहैत अिछ । कोनो ने कोनो िपआस, कोनो ने कोनो पूरा होमयसँ बाँकी कामना भीतरी आकांक्षा ओकरासभकेँ अमर जकाँमृ युलोकमे दृय<strong>–</strong>अदृय रािख घुमा रहल रहैत छैक । ”हम धड़फड़ाकय पुिछ बैसिलऐक — “ तऽ अखनो होयतैक ओ मौगी ?”मोिदआइन तरकारी नीचा उतारैत बाजिल — “ होयतैक उ िलय, अहाँ खाऊ”ओ उिठकय पीढ़ी अनलिक आ’ हमरा बैसयलेल देलिक । एकदम नया थान आ’ पिरवेशमे अपिरिचतसनक मिहलाारा देल गेलदूध, भात, गुड़ आ’ भाँटाक तरुआ खाइत हमरा िकछु कोनादन आ’ असहज जकाँ लागल । असगरपन अनुभव भेल । घर मोनपिड़ गेल । माय<strong>–</strong>बाबु, भाय<strong>–</strong>बिहन सभ केओ याद आिब गेलिथ । अखनतक तऽ सभ केओ खा कऽ सुित रहल होयताह । निहजािन, िमसरजी कखन घुरताह ? आ’ कहु निह अयलाह तखन ? हमर मोन घबड़ाय लागल । हमरा सुतय लेल एकगोटक मलपर नील रक चिर मोिदआइन ओछा देने छिल । एकटा मैल तिकया ओिहपर रखैित ओ चौकीये परसँ हमरािदिस तकलिकआ’ बाजिल — “ बौआ, खाउ ने उ िकया ने खाइ छी ? जदी<strong>–</strong>जदी खाउ । भिरपेट खायब । याऽ देखू, ओछाओन ओछा देलहुँअिछ । अहाँक सुतयलेल ।”हम जदीये खा कऽ उिठ गेलहुँ आ’ हाथ धो कऽ ओछाओनपर पिड़ रहलहुँ । मोिदआइन भाडा़<strong>–</strong>वर्न माँिज आनमे गोिलयाकयरािख देलिक । तकराबाद ओ एकगोट िडिबया लेिसकय चुि लग रािख देलिक आ’ लालटेनकेँ िमझा देलिक । आब ओिहठामचुि लगक एकगोट धुआँ उगलैत लाल धधड़ाबला िडिबयाक क्षीण काश मािहं रहैक । बाहर िनजर्न िनतध राि आ’ असंख् यकीरासभक तीख महॴन आवाज या त छलैक । मोेिदआइन एकबेर कोठरीमे चारुभर घुिमकय देखलिक । शायद सभ िकछु ओकराठीकेठाक लगलैक । ओ बाजिल — “ हँ, तऽ आब सुतू । डर तऽ निह लागत ने, बौआ ?”हम भीतरसँ साहस बटोिरकय कहुना मुड़ी िहलबैत कहिलऐक — “ निह, हमरा डर निह लागत “जाइत<strong>–</strong>जाइत ओ फेर बाजिल — “ हम सटले भीतुरका कोठरीमे छी । जरुरी बुझायत तऽ मोिदआइन किह कऽ सोर करब ।ठीक छ़ै ?”ओकरा जाइते जेना राित आओर िनतध भऽ गेल होइक ।िडिबयाक लाल िशखा कखनो<strong>–</strong>कखनो िहिल जाइक तऽ कोठरीमे सभ िकछु — स पूणर् छाँहसभ सेहो िहलय लगैक । भीतपरकछाँहसभ, ढ़िकयाक, मोटरीक, लाठीक, बोराक छाँहसभ कखनो<strong>–</strong>कखनो दिहन<strong>–</strong>बाम करैक, िहलोिर मािरकय झुलैक तऽ कखनो एेठाम थर् थराय लगैक । िडिबयाक बाती कखनो चट<strong>–</strong>चट कऽ कऽ चरचराइक तथा बातीक मुँहपर कारी िगरह बिन जाइक ।खाली धुआँक मोटगर रािस चारुिदिस चढ़ैत उठैत रहैक । धीरे<strong>–</strong>धीरे हमरा मोनमे डरक स चार होमय लागल । एना एकसर हमकिहयो निह सुतल रही । मलािहनक िखसा ओिहना प ट देखाय लागल । हमर हृदय डरसँ काँपय लागल । देहक सभ रोइयाँकाँट जकाँ ठाढ़ भऽ गेल । तखने लागल जेना बाहरक िनतधता भ भऽ गेलैक आ’ पािनमे केओ छपाकसँ कुदलैक । हमराबड डर भऽ गेल आ’ हम जोड़सँ िचिचअयलहुँ — “ िमसरजी ऽऽऽ उ”मोिदआइन भीतरेसँ पुछलिक — “ की भेल, बौआऽऽऽ ़ “हम कहिलऐक — “ हड़ाहा पोखिरमे केओ छपाकसँ कुदलैक अिछ । ”ओ हमरा अ ठाकय सुतक लेल कहैित बाजिल — “ सुतू, सुतू । पािनमे माछ कुदलैक अिछ “मोदी एकभरसँ खॲिख रहल छल । बुझाइत छलैक जेना ओ अखने मिरये जयतैक । मोिदआइन निह जािन कथी बाजिल आ’मोदीक छातीपर मािलस करय लागिल । मोदी घेिघआइत बजलैक — “ ओह उ बाप रे उ एिहसँ तऽ मिरयो जइतहुँ ऽऽऽ । ”मोिदआइन कनेक िपताइत कहलकैिक — “ मोदी उ राितमे ई की अमल बात बजैत छह । मािलससँ तोरा दम फुुलनाई कम भऽजयतह । कहुना सुित रहह । ”कनेक कालक बाद भीतर कोठरीक हलचल शात भऽ गेलैक । अततः ओसभ शायद सुित रहल छल । मोदीक साँस भारी आ’घेिघआइत चिल रहल छलैक । रातुक भयावह िनतधता, िडिबयाक काशक छोट घेराक बाहर चारुतरफकेर अ हार गुजगुजपिरवेश, िनशाचरी कीरासभक तीख आ’ महॴन विनक गु जन तथा ए हर<strong>–</strong>ओ हर िहलैत, डोलैत आ’ थर<strong>–</strong>थर करैत छाँहसभ । हमफेर भयभीत होमय लगलहुँ । मितकमे बेिर<strong>–</strong>बेिर उप होइत मलािहनक ेता माक क पनाक िचसँ हमर दम फुलय लागल ।िदनभिरक बौअइनीक कारणेँ शरीर ओिहना थाकल आ’ मलीन छल, आँिख भारी छल, झपलाइत छलहुँ मुदा डरसँ िन भऽ निह12


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्। फुलवारी<strong>–</strong>वािटकासभ लगाओल सजाओल गेल । मूिर्कारसभ सु दर आ’ नीक<strong>–</strong>नीक आकषर्क मूिर्सभ गिढ़<strong>–</strong>गिढ़ कऽ िविभथानसभपर ठाढ़ कयलिह । इ थक शोभा आ’ सु दरता इपुरीकेँ सेहो मात करय लागल । नव िनिमर्त नगरमे नव<strong>–</strong>नवव ाभूषणधारीसभ आिबकय रहय लगलाह । गान<strong>–</strong>बाजानसँ नगर बजार रमणीय भऽ गेल । बहुतो हाथी, घोड़ा, सजल<strong>–</strong>बजलबड़का<strong>–</strong>बड़का रथसभ आयल । अ <strong>–</strong>श सँ सुसिजत वीर रक्षकीसभ सेहो आयिल । बािलका नारी िवि मत भए आँिख फािर<strong>–</strong>फािरकय एिह सभ िवराट पिरवर्नकेँ िनहारित रहिल । सड़कपर नािट कुदैित, अपनेसनक अय बाल<strong>–</strong>बािलकासभक हुिलमे एतएसँओतय दौड़ैित नयाँ<strong>–</strong>नयाँ चम कािरक दृयसभक ओ अवलोकन करैित िगेल । मुदा ओकर माय<strong>–</strong>बापक िथित िकछु िभ रहैक ।ओसभ अयत दुिखत रहिथ । घर<strong>–</strong>घराड़ी सभ िकछुक हरण भऽ गेल छलिह । नगर थापनाक ममे बहुतो लोक जन<strong>–</strong>मजूरीमेलािग गेल रहय आ’ कतेक दोसर पेशाकेँ अीकार कऽ नेने रहय । बहुतो मिहलासभ गिणका वृितमे चिल गेिल छिल ़ पेट तऽकहुना येनकेन कारेण पोसा जाइत रहैक मुदा अपन वत खेती<strong>–</strong>पातीमे लािग आयल ओतक पूवर्िनवासी खेितहर वृितबलासभअयत दुिखत आ’ क्षुध छल । तथािप िनयितकेँ वीकारब छोिड़ दोसर कोनो उपाय बाँकी निह रहैक ।एक िदन अभूतपूवर् शोभा<strong>–</strong>िस दूरक आयोजन भेलैक आ’ पा डवसभ नगरमे वेश कयलिथ । ओही िदन ओसभ गृहवेश सेहोकयलिह उ बड हुिल, बड लोक — बड िवशाल आयोजन रहैक उ अनेकन् यज्ञ भेल, ाऽमण आ’ पुरोिहतसभ उच् च क ठसँवेदक पाठ कयलिह ़ अ <strong>–</strong>श क दशर्न भेलैक । उपिथत सैिनक आ’ नागिरकलोकिन पाड वसभक जयजयकार कयलिखह। यज्ञ<strong>–</strong>धूमसँ आच् छािदत आकाश बड़ी कालधिर जय विनसँ कि पत होइत रहल । बािलका नारी अयत कौतुकमय भऽउ सुकतासँ एिह स पूणर् आयोजन आ’ दशर्नक अवलोकन कएलिक । ओ देखलिक जे पा डवसभ अयत सु दर रहिथ आ’ौपदीक रुपक वणर्न तऽ स भवे निह छल । ओहुना हरेक घरमे पिहनिहंसँ एकर चच रहैक । बािलका नारी छिल तऽ बडछोिट मुदा तैयो ओ भाँिप गेिल जे पाँच तापी यु<strong>–</strong>कुशल पुरुष<strong>–</strong>र नसभक िस ािलत ेमपाी हएबाक कारणेँ ौेपदीक नाक, भृकुिटआ’ ीवा गवर्सँ चढ़िल छलैक ।पा डवसभ इ थसँ िदनानुिदन अपन िव तार होइत बढ़ैत रायपर शासन करय लगलाह । इ थ धीरे<strong>–</strong>धीरे एकगोटराजधानीक अपेिक्षत गित धऽ लेलक । ओतक नागिरकसभ अपन<strong>–</strong>अपन वृित आ’ काजमे लािग गेल । नहुँए<strong>–</strong>नहुँए नगरक नूतनतासमा त होमय लगलैक । िवथािपत भऽ गेल पिरवारसभ सेहो एक<strong>–</strong>एक कऽ अपनाकेँ थािपत करैत थायी नागिरकक रुपमेपिरणत होइत गेल । ओहोसभ मशः पूणर् रुपेण नागिरकताक नव वरुपकेँ हण करय लागल छल । नारी बािलकासँ न हरहोइत गेिल । डाँड़मे डराडोिर लऽ कऽ व ख ड बाहय लागिल ।ए हर हितनापुरक दुयोधर्नक दरबार आ’ इर् थक युिधि ठरक दरबारमे भीतरे<strong>–</strong>भीतर िनयित ित पध बिढ़ते चिल गेलैक ।दुयोधर्नकेँ पा डवक उित अस होमय लगलिह ़ ओ हर पा डव सेहो ितरक्षाक तैयारीमे जुिट गेलाह । दुनूमे युे तऽ शुरु निहभऽ गेलैक मुदा सामिरक तैयारीसभ होमय लागल ़ हितनापुर आ’ इ थक बीचमे एककारसँ शीतयुक वातावरण बिन गेलैक। देखाबयलेल उपरसँ दुनू औपचािरकतामे नीके स ब ध रखने रहिथ । दुनू पिरवार सामािजक एवम् धािमर्क अनुानसभपािरवािरक रुपमे सि मिलत भऽ कऽ स प करिथ मुदा तरेतर िदनानुिदन बैर<strong>–</strong>भाव बिढ़ते गेलिह । दुनू िदसक बूढ़<strong>–</strong>पुरानसभ एकराशात करक अनेकन् य न कयलिथ मुदा सफल केओ निह भऽ सकलाह ।(अिगला अंकमे)उपयास- चमेली रानी14


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्जम 3 जनवरी 1936 ई नेहरा, िजला दरभंगामे। 1958 ई.मे अथर्शामे नातकोर, 1959 ई.मेलॉ। 1969 ई.मे कैिलफोिनर्या िव.िव.सँ अथर्था मे नातकोर, 1971 ई.मे सानांिसको िव.िव.सँ एम.बी.ए., 1978मे भारतआगमन। 1981-86क बीच तेहरान आ ैंकफुतर्मे। फेर बबई पुने होइत 2000सँ लहेिरयासरायमे िनवास। मैिथली िफम ममतागाबय गीतक मदनमोहन दास आ उदयभानु िसंहक संग सह िनमता।तीन टा उपयास 2004मे चमेली रानी, 2006मे करार,2008 मे माहुर।चमेली रानी- केदारनाथ चौधरीपुजारीजीक जबाब सुिन दरोगा अइँठल मोछ केँ औरो अइँठलक, फेर अपनासंग आयल िसपाही केँ ताकीतकेलक<strong>–</strong>”कृपलबा! तुम सावधानी से इन दो लोगन पर नजर रख। हम अंदर चेकीन करता हूँ।”दरोगा मंिदरक पाछाँ बनल खोपरी िदस िबदा भेल। कृपलबा नामक िसपाही ससिर क’ पुजारीजी लग आयल।पुजारीजीक आगाँ थार मे राखल पेड़ा पर ओकर आँिख जेना गिर गेलैक। ओ ओहीठाम बैिस रहल, बाजल<strong>–</strong>”ई सरॱ, अपनो मिरहें औरो हमरो जान खतम किरहें। पुजारी बाबा, थार मे की बा? बड़ा गम गमकरेला।”पुजारीजी वामी िदस ताकैत छलाह। दुनू केँ आँिखक भाषा मे गप भ’ रहल छल। िसपाहीक सुिनपुजारीजी हड़बड़ाइत पिटया पर बैिस गेलाह आ कहलिन<strong>–</strong>”परसाद िथकै िसपाहीजी। भोग लगाउ।”पुजारी जी दूटा पेड़ा कृपलबा नामक िसपाहीक हाथ मे रािख देलिथन आ कान केँ दरोगाक गितिविध परपथने चुप भ’ रहलाह। हुनक माथ पर िचताक िसकुरन प झलकै छल।दरोगा पिहले दुनू खोपड़ी केँ बाहर घुिम जाँच-पड़ताल केलक। मूिड़ नमरा क’ चारू कातक हाव-भाव केिनहारलक। फेर आयल ओिह कोठलीक दरबजा लग जािह मे काके आ मैना छलीह।दरोगा सटायल केबाड़ केँ भराम दए खोिल भीतर ढुिक गेल। अदर काके आ मैना कोन अवथा मे छलीह,दरोगा की देखलक से दरोगा जानए। मुदा, दरोगा िचिचयाित आ बफािर कटैत बाहर आयल आओर पलटिनयादैत पुजारीजी लग पहुँच गेल। हँफैत बाजल<strong>–</strong>”हे पुजारी बाबा, ई मंिदर बानु? ई भगवान का लेट बानु?15


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्अदर कोन खेल होत बा। हम जे देखली, राम राम, आब अहाँ से का कहॴ। हमार त’ नजिरए झौआ गेलबा।”गम आ उमस पराकाा पर छलै। दरोगाक शरीर मोट आ भारी-भरकम। ओ काके आ मैनाबला कोठली सँभगैत आयल छल। ओकर सपूणर् देह पसीना सँ लथपथ छलै।पुजारीजी फेर हाथ जोड़ैत बजला<strong>–</strong>”सरकार, कोठली मे हमर बालक आ हुनकर किनआँ। हमर बालकिबआहो ने करैत छल। कतेक परतारने त’ अिह बेर शुक समय मे िदली सँ एलाह। हुनकर िबआहक त’दसो िदन ने भेलिन। कहू त’ अहाँ की कर’ भीतर गेलॱ? िछया, िछया।”<strong>–</strong>”अरे, हमनी का करब? हमनी के ड~यूटी बड़ा बेढंगा बा।” कहैत दरोगाबैसक उपम कर’ लागल। ओपिहने एक हाथ रोपलिन, फेर दोसर हाथ रोिप, देहक बैलेस ठीक केलिन। तखन लूद द’ बैिस गेलाह।पुजारीजी अदाज केलिन जे दरोगाक वजन तीन, साढ़े तीन मन सँ कम निह हेतैक।कृपलबा दुनू पेड़ा केँ मुँह मे ठुिस नेने छल। पेड़ाक साइज बेस पैघ छलै। ओ कहुना क’ पेड़ा घॲटबाकयास क’ रहल छल।दरोगा पिटया पर बसैत देरी पेड़ाबला थार केँ दुनू आँंिखये िनहार’ लागल। ओ बाजल<strong>–</strong>”पेड़ा बानु?”<strong>–</strong>”हँ सरकार! अहॴ सभहक लेल बाबाक परसाद िथक। भोग लगिबयौ।”कहैत पुजारीजी पेड़ाक थार घुसका क’ दरोगाक आगाँ मे क’ देलिथन।<strong>–</strong>”सुगधी त’ बड़ा नीमन बा। गाय का दूध मे बनल ह’ तो?”<strong>–</strong>”हँ सरकार! सामने देिखऔक मुसहर टोली। सदाय भाइ सभ महादेवक भक्त। सभहक दूरा पर मुलतानीगाय। तखन दूधक कौन कमी। खाक’ देखल जाए।”दरोगा एकटा पेड़ा मुँह मे देलक<strong>–</strong>”वाह! वाह!! पुजारीबाबा। सबाद बड़ा अच्छा बा। बहुत िदनन के बादअइसन पेड़ा खाई के मौका िमललबा।”दरोगा थारक सभटा पेड़ा उदरत क’ लेलक। पेड़ा मे पु सँ नवका भांग िमलाओल रहैक। पुजारीक देलपािन सेहो दरोगा पीब गेल। तखने पुजारीजी पुछलिथन<strong>–</strong>”हािकम, ई नट-निटन बला की मजरा िथकै?”16


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्दरोगा पिहने पूरा मुँह बािब ढेकार केलक। फेर बाजल<strong>–</strong>”आब रौआ से का िछपायब। वायरलेस पर अरजेटखबिर आयल बा। ओ नट-निटन बड़का डकैत। कोनो मारवाड़ी के लाखो टाका का जेबर गहना लेकेभागल बा। सॲचली, सरॱ के पकड़ब त’ आधा माल डकार जायब, आधा माल जमा करब। के सारबुिझहेंए? बहुत िदन हो गेइल, कोनो बड़का माल हाथ निहखे आईलबा।”पुजारीजी मोने-मोन बजला<strong>–</strong>‘बस एक घड़ी आओर। भांग जखन िभजतौक तखन नट-निटन केँ तिकहेंए रेसार।’दरोगाक माथ सुद होबए लगलै। ओ डपोरशंख जकाँ चुपे एककात देख’ लागल। िकछु काल पिहले काकेआ मैनाबला दृय ओकर मानस पटल पर िथड़क’ लागल। ओकरा अपन िबयाहक गप मोन पड़’ लगलै।जखन ओ पिहल बेर अपन किनआँक मुँह देखलक<strong>–</strong>कारी, उठल आ मोटका थूथून। Åपरका दाँत िनचलाठोरकेँ छपने, िडग्गासन िपतिरया आँिख। ओकरा िजनगी सँ िवरक्त भ’ गेलैक। ओ संयास लेबा लेल तैयारभ’ गेल।मुदा, एखन जे दृय देखलक। वाह! छौकड़ी राधा रानी त’ छौकड़ा िकसन-कहैया। मन केँ हिषर्त क’देलक।रंग त’ अनलक नवका भांग। िकछुए कालक बाद िभिसड तॲदबला दरोगा पिटया पर िचत पड़ल नाक सँिडगिडिगया बजा रहल छल। थोड़बे हटल कृपलबा बीड़ी मुँह मे दबने बेहोश पड़ल, मॲछ के िचबा रहलछल।ई सब कायर् पूणर् अनुशािसत आ पटुताक संग होिशयार यिक्तक देख-रेख मे भ’ रहल छल। कनेक आओरसांझ जकाँ भेलै त’ कतहु सँ पाँच युवक आ पाँच युवती, कुल दस, कमिरयाबला िपअरका वा पिहरनेकामर केँ कहा पर उठौने आयल। आगतुक युवक-युवतीक उमेर काके आ मैनाबला छलै। सब तिहनाचुत-दुरुत आ शांत।तुरंते पुजारीजी, वामीजी, काके एवं मैना कमिरयाबला ेस मे आ कामर केँ उठौने तैयार होइत गेलाह।डालरबला दुनू बोरा केँ छोट-छोट मोटरी बना क’ सब कमिरयाक कामौर मे लटका देल गेलै। सब वतु ल’क’ कमिरया टोली मे जोर सँ हुंकार देलक पाछाँ कमिरयाक टोली ओिह मंिदर सँ थान केलक। मंिदर मेरिह गेला फॲफ कटैत दरोगा आ िटटहीबसंत िसपाही कृपलबा।कमिरयाक टोली भिर राित चलैत रहल। टोलीक नेतृव केिनहार आ पुजारी बनल अमृतलाल। अमृतलालजािह जाित या संदायक ितिनिधव करै छल ओ पुत दर पुत सँ चोिर िवा मे पारगंत होइ छल।अमृतलाल भुखन िसंहक खास िपयादा रहए। ओ चतुर आ भुखन िसंहक िवासी मातहत छल। किठन17


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्अवसर पर भुखन िसंह अमृतलाल केँ खास िकमक काज करक लेल िनयुक्त करै छलाह। तुत अिभयानमे अमृतलाल अपन िनपुणताक सहज पिरचय द’ रहल छल।अमृतलाल केँ ओिह इलाकाक पूणर् ज्ञान छलैक। तािह कारणे कमिरयाक टोली कोनो गाँव वा शहर मे वेशनिह केलक। बाघ-बोन, गाछी-िबरछी, मरचरही, धारक कछेर होइत भोरहवा मे िनिदर् थान पर पहुँचल।ओतए सभ तरहक इतजाम छलैक। भिर िदनक िवामक बाद कमिरयाक टोली फेर दोसर राितअमृतलालक नेतृव मे चलैत रहल आ भोर होइत चमेलीरानीक अडा पर पहँुिच गेल।वामीजी सभटा डालर सुरिक्षत अजुर्न केँ सुपुदर् क’ चमेलीरानी सँ भेंटकरबाक उेय सँ िबदा भेलाह। रतेमे हुनका चमेलीरानी सँ भेंट भ’ गेलिन।चमेलीरानी झुिकक’ दुनू हाथ जोिड़ वामीजी केँ णाम केलिन आ कहलिन<strong>–</strong>”बजर काका, ददू अहाँ केअिबलब बजौलिन अिछ।”ददू अथत~ भुखन िसंह, चमेलीरानीक धमर्-िपता। वामीजी अथत~ बजर कका भुखन िसंहक दािहनाहाथ। चमेलीरानीक आह पर भुखन िसंह ठाकुर नांगटनाथ िसंह नामक अिभयान मे बजz नाथ केँ पठौनेछलाह।चमेलीरानी बजर कका केँ बड़ आदर करैत छिल। सिदखन िहदी आ अँेजी बाजैवाली चमेलीरानी भुखनिसंह, बजर कका एवं औरो पैघ हती लग मैिथलीए टा बजैत छलीह। चमेलीरानीक यवहार मे नता आकोमलता बजर कका केँ बड़ सोहाइत छलिन।बजर कका चमेलीरानीक णामक ितउर मे हाथ उठा क’ आशीवद देलिन आ कहलिन<strong>–</strong>”काके आ मैनाकसंग काज करबा मे नीक लागल। फेर किहओ हुनका संगे कोनो अिभयान मे जेबा मे हमरा सदता होयत।सब ठीक िबिटया, हम अिबलब िबदा भ’ रहल छी।”बजर ककाक थानक बाद चमेलीरानी ओतए पहुँचली जतए काके आ मैना कमिरयाबला ेस मे चुपचापमूड़ी गारने बैसल छलीह। िकछु िदन पूवर् हुनका दुनू संगे बड़ पैघ अयाचार भेल छलिन तकर वृांत सेहोसुिन ली।ठाकुर नांगटनाथ िसंहक अिभयानक पिहने चमेलीरानीक संसार मे बहुत िकछु पिरवतर्न भेल छलै। पिछला ेनडकैतीक बाद हुनक जे अजुर्न संगे वातलाप भेल छलै से हमरा ज्ञात अिछ। तकर बादे चमेलीरानी खासिकमक िनणर्य लेलिन। ओ अजुर्न सँ िववाह केलिन। िबआहक अवसर पर कीतर्मुखक पाँचो बेटा उपिथतछल। ओिह पाँचॲक समक्ष चमेलीरानी अपन योजनाक पीकरण केलिन। सभहक िवचार मे मेल-िमलापभेलै। सब िमिल क’ सभहक सहयोगे कायर् करबाक हेतु तपर होइत गेलाह।18


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्कलका आ मदzास सँ दूटा पेशल जपानी ेनर केँ आनल गेल। अिह ेनर केँ पैघ तनखाह आ सबतरहक सुिवधा उपलध कराओल गेल। आधुिनक युगक सब आधुिनक उपकरण आनल गेलै। खास थानपर ओइ दुनू जपानी ेनरक देख-रेख मे अयिधक किठन आ पिरमबला ेिनंग आरंभ भेलै। ेिनंग लेिनहारछल कीतर्मुखक पाँचो बेटा आ चमेलीरानी। ेिनंग छह मास तक चलल। पाँचो भाइ अथत~ युिधिर, भीम,अजुर्न, नकुलवा आ सहदेवा संगे चमेलीरानी अपनशरीर एवं मनक पूणर् तैयारी केलिन जे अिगला योजना केँियािवत करबा लेल जरूरी छलै।अही छह मासक भीतरे पाँच सुरिक्षत थानक चयन भेल। येक थान मे दू बीघा जमीन कीनल गेल।फेर ओकर तैयारी कएल गेलै। करीब एक सय छाा-छााा केँ रहबाक लेल अलग-अलग हाWटल,यायामशाला, सुदर मैदान इयािदक संगे भवन पाँचॲ ेिनंग कैप केँ लेल बनाओल गेल। पाँचो ेिनंग कैपकेँ नवीनतम उपकरणक संगे कयूटरीकरण कयल गेल। सपूणर् ात मे चोिर, डकैती, रंगबाजी, अपहरण,गुटबाजी आिदक गृह-उोग पसरल छल। अत: पाँचो ेिनंग सेटरक हेतु पाँच सय युवक-युवती केँ ताकए मेकोनो अरचन निह भेलै। युवक-युवतीक चयन मे अित सावधानी राखल गेलै। सबहक उमेर चौदह सँ बीसवषर्क अदरे रहै तकर यान राखल गेल।आब ओिह पाँचो कैपक उेय, कायर्म आ अपन ातक लेल समपर्ण इयािदक बखान आगाँ कयलजायत। सित काके अथत~ सहदेवा एवं मैनाक संग भेल अयाचार केँ प करी।सहदेवा जािह कैपक इनचाजर् छल ओिह मे मैना ेिनंग ल’ रहल छलीह। ओही ठाम दुनू केँ नैन-मटाभेलै। एकर सूचना तकाल चमेलीरानी केँ देल गेल।चमेलीरानी अिबलब दुनूक िबयाहक ितिथ िनित केलिन। फलाँ तारीख क’ सहदेव वद कीतर्मुख िनवासीिमरचैयाक मैना वद बेनाम िनवासी अनामकक िबयाह होयत। सभ केँ हकार, सभ केँ वागत।पैघ मंडप बनल। सजाबट, खेबा-िपबाक नीक इतजाम, पाँच सयक लगभग गेट। िबयाह भेल। सहदेव आमैना सभकेँ णाम करैत आ आशीवदक मोटरी उठबैत कोहबर िदस थान केनिहए छल िक नांगटनाथ बलायोजनाक सूचना आयल<strong>–</strong>”सूटकेस बैंकाक से चलने वाला है।”योजना मास पूव बिन चुकल छलै। ओिह मे सहदेव केँ काके बिन क’ तथा मैना केँ भाग लेबाक छलैक।अतु, कोहबर मे जेबा लेल तैयार ओ दुनू बजरकका संग िनमर्ली पहुँच गेल। भेलै ने अयाचार?चमेलीरानीक इशारा पािब सहदेव आ मैना हुनक सोझा मे आिब ठार भ’ गेल। हे भगवान! अब कोनहुकुमनामा चमेलीरानी सुनौती से निह जािन।19


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्चमेलीरानीक ठोर पर मृदुल हँसी। ओ हुकुम देलिखन<strong>–</strong>”अहाँ दुनू हमर कोठली मे जाउ। ओतए सब िकछुकइतजाम छै। एक मास धिर अहाँ दुनू ओिहकोठली मे िनवास करी से हमर आदेश।”सहदेव चुपे रहला। मुदा, मैना दबले मगर देखार, िखिखया उठली। ओ दुनू चमेलीक पेशल कक्ष मे वेशकेलिन।(अिगला अंकमे)डॉ. ेमशंकर िसंह (१९४२- ) ाम+पोट- जोिगयारा, थाना- जाले, िजला- दरभंगा। 24ऋचायन, राधारानी िसहा रोड, भागलपुर-812001(िबहार)। मैिथलीक विर सृजनशील, मननशील आऽ अययनशील ितभाकधनी सािहय-िचतक, िदशा-बोधक, समालोचक, नाटक ओ रंगमंचक िनणात गवेषक, मैिथली गकेँ नव-वरूप देिनहार, कुशलअनुवादक, वीण सपादक, मैिथली, िहदी, संकृत सािहयक खर िवान् तथा बाङला एवं अंेजी सािहयक अययन-अवेषणमेिनरत ोफेसर डॉ. ेमशंकर िसंह ( २० जनवरी १९४२ )क िवलक्षण लेखनीसँ एकपर एक अक्षय कृित भेल अिछ िनःसृत। िहनकबहुमूय गवेषणामक, मौिलक, अनूिदत आऽ सपािदत कृित रहल अिछ अिवरल चिचर्त-अिचर्त। ओऽ अदय उसाह, धैयर्, लगनआऽ संघषर् कऽ तमयताक संग मैिथलीक बहुमूय धरोरािदक अवेषण कऽ देलिन पुतकाकार रूप। िहनक अवेषण पूणर् थ आऽबधकार आलेखािद यापक, िचतन, मनन, मैिथल संकृितक आऽ परपराक िथक धरोहर। िहनक सृजनशीलतासँ अनुािणत भऽचेतना सिमित, पटना िमिथला िवभूित समान (ता-प) एवं िमिथला-दपर्ण, मुबई विर लेखक समानसँ कयलक अिछ अलंकृत।सित चािर दशक धिर भागलपुर िविवालयक ोफेसर एवं मैिथली िवभागायक्षक गिरमापूणर् पदसँ अवकाशोपरात अनवरतमैिथली िवभागायक्षक गिरमापूणर् पदसँ अवकाशोपरात अनवरत मैिथली सािहयक भडारकेँ अिभविर्त करबाक िदशामे संलग्न छिथ,वत सारवत-साधनामे।कृित-मौिलक मैिथली: १.मैिथली नाटक ओ रंगमंच,मैिथली अकादमी, पटना, १९७८ २.मैिथली नाटक पिरचय, मैिथली अकादमी, पटना,१९८१ ३.पुरुषाथर् ओ िवापित, ऋचा काशन, भागलपुर, १९८६ ४.िमिथलाक िवभूित जीवन झा, मैिथली अकादमी, पटना,१९८७५.नायावाचय, शेखर काशन, पटना २००२ ६.आधुिनक मैिथली सािहयमे हाय-यंग्य, मैिथली अकादमी, पटना, २००४७.पािणका, कणर्गोी, कोलकाता २००५, ८.ईक्षण, ऋचा काशन भागलपुर २००८ ९.युगसंिधक ितमान, ऋचा काशन,भागलपुर २००८ १०.चेतना सिमित ओ नायमंच, चेतना सिमित, पटना २००८मौिलक िहदी: १.िवापित अनुशीलन और मूयांकन, थमखड, िबहार िहदी थ अकादमी, पटना १९७१ २.िवापित अनुशीलनऔर मूयांकन, ितीय खड, िबहार िहदी थ अकादमी, पटना १९७२, ३.िहदी नाटक कोश, नेशनल पिलकेशन हाउस, िदली१९७६.अनुवाद: िहदी एवं मैिथली- १.ीपादकृण कोटकर, सािहय अकादमी, नई िदली १९८८, २.अरय फिसल, सािहय अकादेमी,20


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्नई िदली २००१ ३.पागल दुिनया, सािहय अकादेमी, नई िदली २००१, ४.गोिवददास, सािहय अकादेमी, नई िदली २००७५.रक्तानल, ऋचा काशन, भागलपुर २००८.िलयातरण-१. अीयानाट, मनोज काशन, भागलपुर, १९६७।सपादन- १. गवलरी, महेश काशन, भागलपुर, १९६६, २. नव एकांकी, महेश काशन, भागलपुर, १९६७, ३.प-पुप, महेशकाशन, भागलपुर, १९७०, ४.पदलितका, महेश काशन, भागलपुर, १९८७, ५. अनिमल आखर, कणर्गोी, कोलकाता, २०००६.मिणकण, कणर्गोी, कोलकाता २००३, ७.हुनकासँ भेट भेल छल, कणर्गोी, कोलकाता २००४, ८. मैिथली लोकगाथाकइितहास, कणर्गोी, कोलकाता २००३, ९. भारतीक िबलािड़, कणर्गोी, कोलकाता २००३, १०.िचा-िविचा, कणर्गोी,कोलकाता २००३, ११. सािहयकारक िदन, िमिथला सांकृितक पिरषद, कोलकाता, २००७. १२. वुआिड़भिक्ततरिणी, ऋचाकाशन, भागलपुर २००८, १३.मैिथली लोकोिक्त कोश, भारतीय भाषा संथान, मैसूर, २००८, १४.रूपा सोना हीरा, कणर्गोी,कोलकाता, २००८।पिका सपादन- भूिमजा २००२मैिथली भाषाक सािह यमैिथली भाषाक अिधकांश सािहतय मानक मैिथली मे उपल ध अिछ जकरा ‘सािहियक भाषा’, ‘साधुभाषाअथवा िश ट भाषा’ सेहो कहल जाइत अिछ। अिधकांश समयधिर ई एकमा सािहियक अिभ यिक्त क भाषाछन जािह आधार पर एकरा ‘मानक मैिथली’ कहल जाइत अिछ। ई दरभंगा आमघुबनी िजला मे बाजलजाइत अिछ। ‘दिक्षणी मानक मैिथली’ सम तीपुर, बेगूसराय, खगिडया, सहरसा, मेधपुरा आ सुपौल िजलाआिद मे बाजल जाइत अिछ। एिह मे मानक मैिथली सँ िकछु अ तर अिछ। पूव मैिथली पूिणर्या, अरिरया,िकशनगंज, किरहार आिद िजला क के ीय आर पिमी भाग मे अिशिक्षत वगर् सभ मे चलैत अिछ तथामहान दा सँ पूव सेहो िह दू लोकित बजैत छिथ जतय मुसलमान मुख् यत: बाड ला बजैत अिछ। िछकािछकीबोली गंगाक दिक्षण भाग मे बाजल जाइत अिछ। एिह मे खगिडया आ बेगूसराय िजला क पूव भाग, बॉंकािजलाक पिम भाग केँ छोिड क’ संथाल परगनाक उ तरी आ पिमी भाग मे बाजल जाइत अिछ। पिमीमैिथली मुजफफरपुर, पूव च पारण आ पिमी चाचारण िजलाक पूव भाग मे बाजल जाइछ। च पारण आउ तर मुजफफरपुर क बोली भोजपुरी सँ भािवत अिछ। जोलही बोली दरभंगा िजलाक अिधकांश इस् लामधमर्िवल बी अपन पडोसी िह दू क भाषा मैिथली बजैत अिछ, मुदा ओकर बोली थोडे क िवकृत आर अरबी-फारसी श दऍं ूििज्ञत रहैत अिछ।वतर्मान समय मे मैिथलीक दू उपभाषाक नव नामकरण आ नवजागरण भेल अिछ जािह मे थम िथक अंिगकाअितीय िथक बिजका। अंिगका भाषाक नाम पडल अिछ जकरा हम पूव मैिथली कहल अिछ आ डा.सरजाजर् अाहम ियसर्न िछकाछीकी गॅवारी कहलिन।एकर क्षे भागलपुर, गोडा आ देवधर तथा संथालपरगना मानल जाइत अिछ। बिजका ओिह उपभाषाक नाम पडल अिछ जकरा हम पिमी मैिथली कहलहुँअिछ। ई नामकरण ब जी आिलिच्छवी क इितहास क आधार पर कयल गेल अिछ, िक तु आधुिनक पिरे य21


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्मे एिह जाितक नामिनशान निह भेटैत अिछ।मैिथली याकरणक अपन िनजी िवशेषता अिछ। एकर िविश टताक संग मे डा. सर जाजर् अाहम ियसर्न‘िलिग्विटक सव ऑफ इिडया (ख ड-5, भाग-2) (1902), ‘एन इ ोडक् शन टू द मैिथली लैंग् वेज ऑफनौश िवहार (1800) तथा ‘सेभन ामसर् ऑफ द डायलेक् स ए ड सब डायलेक् ट ऑफ द िवहारी लैंग् वेज(1883) मे िव तारपूवर्क िवचार क’ ई मािणत क’ देलिन अिछ जे ई िविता अ य भारतीय भाषािद मेनिह उपल ध भ’ रहल अिछ। मैिथली याकरण मे सवर्नामक तीन रूप युक् म होइत अिछ-‘अपने’, ‘अहॉं’ आ‘तॲ’ वा मोरा, मुदा बाड ला मे दू ‘आपनी’ आ ‘भूिम’ वा ‘तुइ’ आ िह दी मे सेहो दूइए रूप युक् त होइत अिछ‘आप’ आ ‘तुम’। मा भषा-शा क दृिऍं सँ निह, युत याकरण आ श दावलीक िवभ नतािह आिवशेषतािद कारणेँ निह, अ य भाषा-भाषी लोकितक ारा सरलता सँ बुझबाक कारणेँ निह, तयुत अपन एक वत सािहियक आ सां कृितक पर परा हैबाक कारणेँ मैिथली भाषाक वत अित व अिछ। मैिथलीभाषा आ याकरणक स ब ध मे अनेक कायर् भेल अिछ। ओहुना सं कृत आ अंेजी याकरणक आधारमािनक’ मैिथली मे छोट-पैध अनेक याकरण िलखल गेल अिछ, मुदा महावैयाकरण दीनब धु झा (1878-1955) क ‘िमिथला भाषा िवोतन’ (1945) क ऐितहािसक मह व अिछ जकरा सू-शैली मे ओ िलख लिनजे सं कृत-ाकृतक े ठ याकरणािद सँ तुलना कयल जा सकैछ। एिह याकरण केँ आधार मािनक’ गोिव दझा (1923) ‘लघुिवोतन’ (1963) आ ‘उच् चतर मैिथली याकरण’ (1979) क रचना कयलिन। िहनकअ य कृित मे ‘मैिथलीक उगम ओ िवकास’ (1968) आ ‘मैिथली भाषा’ (1909-2000) ‘द फारमेशन ऑफमैिथली लैग् वेज (1960) सविधक उ लेखनीय कायर् कयलिन अदछ।अ य वत सािहियक भाषाक समान मैिथली भाषाक अपन वत ाचीन िलिप िथक जकरा ‘ितरहुता’ वा‘िमिथलाक्षर’ वा मैिथलाक्षर’ वा ‘मैिथली िलिप’ कहल जाइत अिछ। ितरहुता नाससँ ज्ञात होडत अिछ जे ईिलिप ितरहुत देशक अिछ जकर िवकास ‘तीरमुक् त’ वा ‘ितहुर्त’ नामक यवहार हैबाक बाद पूणर्त: ा त कयलगेल अिछ। बौ थ ‘लिलत-िव तर’ मे एिह िलिप केँ ‘वैदेही िलिप’ क नाम पर अिभिहस कयल गेलअिछ। घुमा क’ िलखिनहार पूव वणर्माला साक्षात बाड ली असिमया, मैिथली आ ओिडया िलिपक ोत िथक।व तुत: िमिथलांचल मे उपल ध ाचीन सं कृत थ एही िलिप मे उपल ध अिछ जकरा बाड ला, असिमयाआ ओिडयाक पिडत लोकित केँ पढबा मे सुिवधा होइत छिव। पटना सँ कािशत ‘िमिथलाक्षरक उव ओिवकास’ (1960-61) मे अनेक िक म मे एिह िलिपक तािवक अघ् ययन तुत कयलिन, िक तु दुयग रहलजे पुज्ञतकाकार कािशत निह भ’ सकल। एिह िदशा मे राजे वर झा (1923-1977) ‘िमिथरलाक्षरक उवआ िवकास (1971) िलिखक’ एकर ऐितहािकसकता, ाचीनता, शा ीयता मािणत कयलिन अिछ जे भाषा-पैाािनक दृिसँ एकर सवितशायी मह व िथक। उनैसम शमा दीक म यचिर ई िलिप जीिवत छल, मुदावतर्मान स दभर् मे एकरा लोक िबसिर गेल अिछ आ ओकरा थन पर देवनागरी िलिप यवहार कयल जायलागल अिछ।मैिथली सािह य क इितहासकार लोकित एकरा सामा यत: तीन काल आिदकाल, मघ् यकाल आ आधुिनककाल22


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्मे िवभक् त क’ अघ् ययन कयलिन अिछ। िक तु ओंकर समय सीमाक िनधरण से इितहासकार लोकित मेमनैक् यक सवर्था अभाव अिछ। इितहास-लेखनक आधार-भूत ियाकेँ घ् यान मे रािसक’ एकरा िन न थ कालख ड मे िवभािजत करब ेय कर तीत होइत अिछ:i. आिदकाल 800 ई. सँ 1350 ई. धिर।ii. मघ् यकाल 1351 ई. सँ 1857 ई. धिर।iii. आधुिनक कालi. ििटशकाल 1857 ई. सँ 1947 ई. धिर।ii. वात यो तर काल 1947 सँ अर्पयर् त।सन् 1857 ई. का िसपाही िवोहक प चात् मैिथली सािहतय मे आधुिनक कालक सूपात मानल जासकैछ। ई िवशाल मुगल साा यक अितम वषर् िथक। मुगल शासनक अवसानोपरा त ििटश शासन कालमे जािह सामािजक चेतनाक उदय भेल ओिह मे सन् 1857 ई. प चात् िक्षताअबैत अिछ। एिह सामािजकचेतनाक ितिनिध व नवीन िशिक्षत बुि जीवी वगर् कयलक ले एक भाग अपन ाचीन सं कृित क सुरक्षाकित उ सुकिता देखौलक आ दोसर भाग युग क आलोकक वागत कयलक। एिह सां कृितक अनु ठान मेभारतीय भाषािदक िवकास भेल आ ओकर सािह य स प न आ समृ होइत अिछ।पिमी िशक्षक चार, रेल-तारक यवहार, रचायत शासनक यव था मुण कलाक आिव कार आ सामािजकचेतनाक भाव सािह य पर पडल आ ओ ढ पर परािदकेॅा तोिड क’ नव िदशाक िदस चिल पडल। मैिथलीसािह यक इितहास मे नव-युगक िनमण मे कमी पर च दा झा (1831-1907) आ पिडत लालदास (1856-19) अवदान सविधक मह वपूणर् अिछ। हुनक राजनीितक.सामािजक रचनािदक आधार पर अनुमान कयल जासकैछ जे सन् 1857 ई. क प चात् पिरवितर्त पिरिथितक सहल िया छल। व तुत: च दा झा आलालदास मैिथली सािहतय मे नवयुग अनबा मे समथर् भेलिह। अपन गद् रचनािद ारा ओ लोकित आधुिनकताक ार खोललिन। फेर जिहना-जिहना िमिथला चल से नव आलोक पसरल सािहतय सेहो नव-नूतनिकसलयक संग प लिवत भेल।सवर्थम तँ ओ रह यवादी गीत एवं किवतािदक िथक जकर अ वेषण नेपाल मे तथा काशन बंगाल मे भेल।एकर रचियता िस लोकित छिथ। एिह िस लोकितक स ब ध बौ लोकितक महायान शाखाऍं छलिन। एिहरचना-संहक नाम ‘बौ गान ओ दोहा’ देल गेल अिछ। सन् 1323 बंगा द अथत् सन् 1916 ई. मेमहामहोपाघ् याय डा. हरसाद शा ी (1853-1931) सवर्थम एकर काशन करौने छलाह। एिह मे संहीतकिवता सभक भाषा अित ाचीन अिछ मथा एिह मे ओ िवशेषता िद अिछ जे बाड ला. मैिथली, मगाही आिद23


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्पूवय भषािद मे अिछ। एिह कारणसँ एिह भाषािदक ारिभक रूपक उदाहरण मे रारबल जाइत अिछ। एिहकारण सॅा एिह भाषािदक ारिभक रूपक उदाहरण मे राखल जाइत अिछ। व तुत: ई किवतािद तिहयािलखल गेल जखन आधुिनक पूवय भाषािद अपन ारिभक अव था मे छल। भाषा वैज्ञािनक लोकित एिहिवषय मे एकमत छिथ। अत: एिह किवतािदक भाषा पूवय अथवा मागधी अपभं्रशक पूवय रूप िथक।यिप एिह पर शौरसेनी अपशक सेहो भाव संिक्ष त अिछ। तथािप ई वाभािवक अिछ जे एिह मे ओ सभत व उपलबध अिछ जे मागधी अपशक पूवय रूप िथक। यिप एिह पर शौरसेनी अपशक सेहो भावसंिक्ष त अिछ। तथािप ई वाभािवक अिछ जे एिह मे ओ सभ त व उपल ध अिछ जे मागधी अपंश सँिवकिसत वतर्मान भाषािद मे सेहो पाओल जाइत अिछ। एकरा संगिह ई मानबाक लेल चुर साधन अिछ। ईसंह ाचीन मैिथलीक रूप िथक। एकर रचियता अिधकांश िमिथलाक िनवासी रहल हैताह।बौ गान ओ दोहा मे तीन कारक सािह य उपल ध भ’ ीहल आिछ, जकरा मैिथलीक ारिभक रूप कहलजा सकछ। ओ अिछ: दोहा कोश, चचचचर् िविन चय आ डाकाणर्व। एकर विचता बौ िस आ तािकरहिथ। िहनक भाषा िमिभलाक पूव भागक ाचीन रूप िथक। एिह सामी आिदक आधार पर एकर रचियतालोकितक समय आठम शता दी सँ तेरहस शता दी धिर िन चय कयल जाइत अिछ। िवषयक दृि सँ एिहरचनािदक ओतेक मह व निह जतेक की भाषाक दृिऍं अिछ। एकर भाषा एहन अिछ जकरा आधार परएकरा मैिथली, बाड ला, असिमया, िह दी, मगही आ भोजपुरी आिद येक भाषा-भाषी अपन स पि घोिषतकरैत छिथ। एिह समय भारतीय आयर् भाषा िनमणक िथित मे छल। इएह कारण अिछ जे भाषा-वैज्ञािनकलोकित एिह रचना-समूह मे भारतीय पूव चलक सभ भाषािदक रूप भेटैत अिछ। संगिह-संग ई मानबाक लेलसेहो चुर साधन अिछ जे एिह संह केँ धानत: मैिथलीक रूप िथक। योितरी वर (1280-1340)वणर्र नाकर (1940) मे एकर स पूणर् नामावली द’ देलिन अिछ। पूवय भाषािद मे सवर्थम मैिथलीक योगग भीर सािह यक रूप मे कयल गेल छल। बाड ला आ आसमी मे तँ सािह य-रचनाक यास एक शता दीपाछॉं जा क’ ार भ भेल तथा एकरा लेल मैिथलीक महान किव िवापित ेरक िस भेलिह। एकरअितिरक् त ाचीन अपभं्रश मे किवता िलखबाक पर परा मा िमिथला मे छल आ ई पर परा चौदह मशता दी धिर चलैत रहस। िवापित अपन दू पु तक-‘कीितर्लता’ (1924) आ ‘कीितर्पताका (1960) तथाअनेक छोट किवतािदक रचना मे कयलिन जे दे य-िमित अपंश िशला ‘ाकृत पैडालम’ टीकाकर वंशीधरएिह मे संगृहीत अपंश किवतािदक भाषाकेँ अवहट् कहलिन। डा. सुभ झा एकरा आिदकालीन मैिथलीकहलिन। ओ िलखैत छिथ. ‘ाकृत पैड;लम मे उदाहरण वरूप अनेक श द एवं पद देल गेल अिछ जकरािवषय मे कहल जा ाकैछ जे ओ ाक् मैिथली मे रिचत िथक ओिह मे एहन िकछु निह अिछ जकराआिदकालीन मैिथली कहबासँ वंिचत क’ सकी।‘ राधाकृ ण चौधरी (1924-1984) ‘िमिथलाक सां कृितकइितहास’(1961) क पिरिश ट-ग मे ाकृत पैडलम मे यवहृत 115 श दािदक सूची देलिन अिछ तथा एहराआिदकालीन मैिथलीक थ मानलिन अिछ। तथािप एिह ाचीन भाषाक िवषय मे सुिनित एवं अितम रूपसँिवचार करब आव यक अिछ। वतर्मान पिरे य मे एकरा ाक् मैिथली मानव तकर् संगत अिछ।24


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्दोसर कारक सािह य जे उपल ध भ’ रहल अिछ ओ िथक ‘डाकवचनाबली’। एिह वचनाबली मे थानीयलोक िस िवज्ञाता, योितष एवं कृिष स ब धी वचन, जीवन आ िविवध िवषयक समालोचना भेरैत अिछ। ईजनसामा य मे चिलत अिछ तथा एकर िव तार आसामसॅ ल’ कए राज थान धिर स पूणर् आयर्वतर् मे िव तृतअिछ। एकर रचियताक स ब ध मे िवान लोकित मे मतैक् य निह अिछ तथा अनेक जनुित आिद चिलतअिछ। देशक िभ न िभ न भाग सब मे एकर रचियता लोकितक िभ न-िभ न नाम अिछ। िमिथला मे डाक,घाघ, भ डरी एवं डंक आिद चिलत आिद। ए हर आिबक’ देशक िविभ न भागसॅ एिह वचनावलीक कितपयसंह काया मे आयल अिछ, पर तु एिह मे सँ कोनो, कोनो ाचीन ह तिलिखत ित पर आधािरत निह भ’कए ओिह भू-भाग मे चिलत अनेक मौिखक रूप पर अिछ। एकर फल वरूप येक सं करणक भाषाआधुिनक भ’ गेल अिछ। मैिथलीक हेतु ई सौभाग् यक बात िथक जे डाकक नाम पर चिलत अनेक वचनमैिथल िवान ारा रिचत योितषक ाचीन थािद मे उृत अिछ। जािह मे िकछु तँ चौदहम-प हमशता दीक िथक। एिह उरणािदक भाषा अ य त ाचीन अिछ तथा ‘बौ गान ओ दोहा’ क भाषासँ सा यरखैत अिछ। ओना तँ िमिथला सँ जे वचनाबली कािशत भेल अिछ ओकर भाषा आधुिनकताक छाप नेनेअिछ। मािमिथला आचायर्गण कोनो महान आचायर्क वचन सदृश माणक हेतु डाक वचनािद केँ जे उृतकयलिन अिछ ओिहसँ ओकर मैिथल उव आ ाचीनता िस होइत अिछ। अत: ई कहब पूणर्त: संगत िसहोइत अिछ जे डाक मैिथल रहिथ आ हुनक लोक िस सारबी आिदक भाषा ाचीन मैिथलीिथक।काला तर मे ई स पूणर् भारत मे चिलत भ’ गेल तथा अपन मौिखक पर परा मे नूतन रूप धारण क लेलकअिछ।मा डाके एहन यिक्त निह रहिथ जे एिह कारक लोक िस वणर्नक रचना ाचीन मैिथली मे कयलिन।एतबा तँ िनित अिछ जे सबसँ िवख् यात इएह छिथ। स तर नाकरकत महामहोपाहसाय च डे वर अपन‘कृतिच तामिण’ नामक योितष िनब धक शान थ मे अवह भाषाक अनेक पद माण रूप मे उदृतकयलिन अिछ, जकरा क्षपणक जातक भृगुसंिहंता तथा कापिलक जातक भृत थसँ उदृत कहलिन अिछ।यिप ई थ आब अनुपल ध अिछ, अतएंव ई िनियचत रूप सँ निह कहल जा सकैछ जे उक् त थ ओहीभाषा मे िलखल गेल अथवा ओिह मे कतहु सँ अदृत कयल गेल अंिछ। पर तु डाकवचनावली क रचनाकसमानिह ई सब सेहो जनसाधारण केँ भािवत करबाक लेल िवान लोकित हुनके भाषाक आय लैत रहिथआ चा डे वर सदृश िवान् सेहो माण वरूप ओंकरा उदृत करबा मे कनेको कुिठत निह भेलाह।तेसर कारक जे सािह य उपल ध अिछ ओ लोक िस आख् यान आ गीतक िथक। एिह मे िकछु तँसािहियक िथक। गोपीच दक गीत एही ेणी मे अबैत अिछ। ई गीत ओही समयक िथक जािह समयकडाकक वचन िथक। ई गीत भीखमॉंगिनहारक एक वगर् ारा गाओल जाइत अिछ जकरा गुदिरया गोसांईकनाम देल गेल अिछ। एिह गीतक अितिरक् त लोिरक, सलइेस. िबहुला, मरािया आिदक गीत कथािद एही वगर्किथक। ई सभ रचनािद ाचीन कालक िथक। एिह कथािदक िवशेषता ईहो अिछ जे एकर कथानायक कोनोअवतारी देवता वा अंशी पुरूष निह छिथ। डा. सर जाजर् अाहम ियसर्न एकर संकलनक यास कयने25


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्रहिथ। युग-युगसँ ई जनक ठ मे पीढी-दर-पीढी गुंिजत होइत आिव रहल अिछ। एकर भाषाक पिरशुता किवषय मे कयॲ दावा निह क’ सकैछ। अपन मौिखक पर परा सँ एकर भाषा मे िनित रूपेण पिरवतर्न भेलहैत। एिह रचनािह केँ देिख क’ ई प ट माण भेटैत अिछ जे मैिथली अपंश भाषाकेँ लोकिय रचनाकलेल योग करबाक पर परा मा उपयोगी सािह यक लेल निह, युत मनोरंजनक लेल सेशे-िमिथला मे पूवर्भारतीय अपंश भाषाक आरिभक िथित मे जकर समय भाषा वैज्ञाािनक एक हजार ई. िनधािरत करैतछिथ।डा. सर जाजर् अाहम ियसर्न सवर् थम एहन गीतािद केँ ‘इिडयन ए टीक् वेटी’ ख ड-10 मे कािशतकरौलिन। एकर अितिरक् त ‘समिबहारी फोक सॉंग् स’ (1884), ‘टू भरस स ऑफ द सांग् स आफ गोपी च द’(जे. ए. एस. बी. ख ड 54, भाग-1 अर ‘द वथर् आफ लोिरक’ (कैिज 1929) आिद मे कािशत अिछणेउ लेखनीय अिछ। ए हर आिब क’ लोकगीतक कितपय संह काश मे आयल अिछ जािहसॅा एकर िवकासमे गित आयल अिछ। िमिथला चलक िविभ न जनपद मे मैिथलीक करीब तीस लोक नायक तुित इसदेखल अिछ जािह मे लोक जीवनक वाभािवक अिभ यिक्त भेल अिछ। एिह लोक-नायािद मे गीत, संगीतआ नृ यक िवेणी वािहत भेज अिछ जािह मे लोक जीवनक वाभािवक अिभ यिक्त भेल अिछ। एिह लोक-नायािद मे गीत, संगीत आ नृ यक िवेणी वािहत भेज अिछ जािह मे लोक-जीवनक सार-गिवर्त भावसँस प न, त कालीन युग क वृितक मनोरंजकता दान करबाक हेतु नव-नव आयामक यव था कयलक।काल तर मे इएह सािहियक िवधािदक रूप मे िवकिसत भेल। िविवध मांगिलक अवसर जेना वर्त- यौहार,धािमर्क, सां कृितक लोकोतसव इ यािदक िवशेष पिरिथित मे िविभ न ियािद सँ उूत सामािजक, धािमर्कएवं सां कृितक आ सािहियक चेतनाक पिरणाम िथक मैिथली लाक-नाय।िमिथला और मैिथली सािह यक ऐितहािसक थॲ के अवगाहन सँ ज्ञान होइछ जे िमिथला पर अनेक राजवंशशासन कयलक जािह मे तीन राजवंश क शासक लोकित मे कणट राजवंश (1097-1324), ओइनवारराजवंश (1353-1526) आ ख ड वला राजवंश (1556-1947) मुख छिथ। कणटवंशीय राजा लोकितकछ-छाया मे मैिथली सािहियक सािह यकार लोकित केँ ोत् साहन भेटबाक िया ार भ भेल। योितरी वरठाकुर एही राजवंशक छठम राजा महाराज हिरिसंह देवर (1443-1444) क सभासद रहिथ। ओइनवारवंशक शासनकाल मे मैिथली सािह यक िवकास अ य त दुतगितऍं भेल, कारण एिह राजवंशक राजा लोकितकेँ सािह यक ित अिधक अिभरूिच छलिन जकर फल वरूप सािह य मनीषी लोकितकेँ कतेक राजा लोकितो सािहत कयलिन जािह मे उ लेखनीय छिथ कवी वर च दा झा आ महाकिवलास दास आ सािह य र नाकरमुंशी रघुन दनदास (1860-1945)। ई सािह य मनीषी लोकितक रचनािद मे सवर्था आधुिनकताक शुभार भहोइत अिछ।सवर् थम ामािणम पु तक जे खॉटी मैिथली मे अिछ आ िथक योितरी वर ठाकुरक ‘वणर्र नाकर’ आ‘धूतर्समागम’ (1960)। ई दुनू पु तक चौदहम शता दीक आर भ मे िलखल गेल छल। वणर्र नाकरक िवषयमे सन् 1901 ई. मे बंगाल िए शयािरक सोसायटीक सिचव केँ महामहोपाघ् याय डा. हरसाद शा ी सूचना देने26


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्रहिथ। थमे थम एकर काशन डा. सुनीितकुमार चटज (1890-1977) आ पिडत बबुआजी िम कसंयुक् त स पादक ख मे एकर काशन भेल छल। अपन िरपोटर् मे महामहोपाघ् याय डा. हरसाद शा ी कहनेरहिथ, ‘ई थ का य निह, का योपयोगी थ किह सकैत छी। यिद योितरी वर वा तव मे इच् छापूवर्कका य थ िलिखतिथ तँ एकर वरूप आन रूपक रहैत, मुदा वणर्नक अवसर पािब थकारक सहजकिव व ाय: निह मानलक आ लाख रोकनहु पर सेहो क तुरी मोदक समान कटभ’ गेल। थल- थलकवणर्नकेँ देिखक’ काद बरी भृित सं कृत ग-का यक मरण भ’ जाइत अिछ। एिह काक उ नत ग-सािह य केँ देिखक’ अनुमान होइत अिछ जे एिह सँ चािर-पॉंच शता दी पूवर् िमिथला भाषा मे िनयचये सािह यरचना ार भ भ’ गेल छल। अनेक अनुिच्छट उपमािदक संह. भाषा-उपभाषाक उ लेख ारा भाषा-िवज्ञानस ब धी अनेक सामी, ओिह समयक सामािजक तथा सािहियक िवचारक भ डार, ओिह समयक वणर्न-शैलीइतयािद िवशेषताक िवशद रूप एिह थ मे उपल ध अिछ।ितपा ग थ भावी किव आ क थक लोकितक क हेतु एकपथ दशर्क थ बनायब छल जेना जँनायकक वणर्न करबाक होतॅ कोन-कोन िवषयक उ लेख करब उिचत, जँ नाियका वणर्न करबाक होतँ कोन-कोन िवषयक िनरूपण करब आव यक अिछ। ई थ सातक लोल मे िवभािजत अिछ जेना नग वणर्न,नाियका वणर्न, आ थान वणर्न, ऋतु-वणर्न, यानक वणर्न, भािद वणर्न आ मशान वणर्न। सबसँ मह वकबातईिथक जे ई पु तक ग मे अिछ तथा उ तर भारतक कोनो भाषा सािह य मे एतेक ाचीन थ निहभेहैत अिछ। जखन दोसर-दोसर ा त अपन भाव काशनक लेल कोनो सािहियक माघ् यमक अभाव मेअ धकार मे टापर-टोइया द’ रहल छल, तखन मैिथली एक पूणर् भाषा क रूप मे िवकिसत भ’ गेल छलजािह सँ समाजक वरूप केँ कट कयल जाय सकय। ई कोनो लोकिय भाषाक धान िवशेषता है।वणर्रतनाकर एकर सटीक उदाहरण िथक। योितरी वरक दोसर रचना सं कृत-ाकृत-मैिथली िमित िभािषक नाटक िथक ‘धूतर् समागम’ । ई नाटकजतय मैिथली किवता आ नाटकीय पर पराक ोतक िथक, ओतिहत कालीन समाजक िच अंिकत कयलिनअिछ जिनक चातु:शालक चारू भाग कतहु महॴस बा हल अिछ, कतहु बाछा-बाछीक संगपु ट थ वाली गाचए हर-ओ हर जा रहल अिछ, कतहु दासी सु दर भवनक ागंण मे म द-म द गित सँ अवगाहर्न क’ रहलअिछ।वणर्र नाकर आ धूतर्समागम क रचना नोकभाषाक आलोकमय भिव यक सूचक छल। भाषा-सािहतयक एिहअ युदय आ िवकासक कोनो सािहियक ेरणाक पिरणाम निह कहल जा सकैछ, युत ई तँ सािहियकजडवाद सँ अस तु ट जनताक वाभािवक वृितक काशन छल। भाषा मे फूटैत किव-ितभा जरमन राजालोकित केॅा चम कृत कयलक तखन हुनक संरक्षण एवं ो साहनक फल वरूप भाषा-का यक िवकास भेल। ईिवकास एिह बातकोतक जे लोक भाषा केँ सािहियक गौरव सॅ िवशेष अविध धिर वंिचत निह कयल जासकैछ। जे सामा य जनमानसक यापक भाषा बिनगेल ओिह मे यवहारोपसोगी एवं लिलत दुनू कारकसािहियक सृि अव य हैत। मैिथली सािह यक इितहासक इितहासक अवलोकन कयला सँ एकर प ट बोध27


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्होइछ। व तुत: योितरी परक रचनािद मैिथली गंगाक ‘हरार’ िथक जतय ओ लोक भाषाक सामा य धरातलपर उतिर क’ पूणर् वेग सँ वािहत होमच लागल एकर प चात् उमापित उपाघ् याय सविधक लोकियनाटककार भेलाह जिनक ‘पािरजातहरण’नाटकऍं असमक शंकरदेव (1499-1568) आ यिधक भािवतभेलाह।मैिथली सािह य केँ ई सौभाग् य अिछ जे ओइनवार वंशक शासनकाल मे एक एहन ितभास प न यिक्त वकादुभव भेल जिनक का यितभा अमर भ’ गेल आ ओ मा िमिथला धिर सीिमत निह रहल ; युतपूव चल मे बंगाल, आसाम आ ओिडसा धिर ख् याित अिजर्त कयलक आ सम त भारतवषर् मे लोकियताअिजर्त कयलिन ओ रहिथ िवापित। िहनक ग्र् थक िवषय-वैिवघ् यकेँ देखला सँ ज्ञात होइत अिछ जे ओकेवल किवए निह, युत सवर्तोमुखी ितभासँ समलंकृत सिच्च तक रहिथ। ओ एकिह संग शा कार,राजनीित-िवशारद, इितहासकार, भूवृता त लेखक, अथर्शा ािवद्, नीितशा िवचक्षण, धमर्- यव थापक,िनब धकार, िशक्षक, कथाकार, संगीतज्ञ आपुरूषाथर् पुजारी रहिथ। ई िन न थ सं कृत थािदक रचनाकयलिन यथा- भूपिरमण (1976), शैवसवर् वसार (1815), िलखनावली (1969), दुभभिक्तरिड;णी(1902), शैवसवर् वसार (1980), शैव सवर् वसार पुराण-भूतसंह (1981), गंगावाक् यावली (अकािशत),सं कृत-ाकृत-मैिथली िमित रचनािद मे िभािषक नाटक गोरक्षिवजय (1960) आ मिणम जरी (1966) आअवहटट् रचनािद मे कीितर्लता (1924) एवं कीितर्पताका (1960) िथक । िवशु मैिथली मे ई पदावलीकरचना कयलिन जकर उपल धताक ोत िथक नेपाल, िमिथला पलक अ तगर्त रामभपुर, तरौनी एवं रागतरिड;णी आ बंगालक अ तगर्त क्षणदा गीत िच तामिण, पदामृतसमु, पदक पतरू, कीतर्नाल द आ संकीतर्नामृततथा लोकक ठक पद। एिह पदक संख् या एक हजार पॉंच सयक लगधक अिछ। यिप िहलक अिधरकांशरचनािद काश मे आिब गेल अिछ तथािप गंगावाक् यावली, गयापतलक आ वषर्कृ य पु तकाकार काशन निहभ’ पाओल अिछ। ई पीडा दायक िथित अिछ जे िहनक रचनािद एतेक लोकिस मेल तथािप िहलक समरचनािदक काशन थावली वा रचनावलीक रूप मे अािप कािशत निह भ’ पाओल अिछ।व तुत: एहन ितभास प न महाकिवक कृितकेँ घ् यान मे रािख अािप सािह य िच तक लोकित जतेकअपुस धान आ आलोचना ज्ञतुत कयलिन अिछ ओकरा एकांगी कहल जा सकछ ले ओ पुरूषाथर् किव रहिथजे अपन कृित आिद मे कोनो-ने-कोना रूप सॅ ‘पुरूषाथर्चतु टय’क ितपादण कयलिन अिछ। िहनक स पूणर्कृितक मुख् य उे य अिछ पौरूष। िवापित अपन कृित सभ मे मानवक उदारता, वीरता, धीरता,साहिसकता, िनभकता, प टता, कतर् यपरायणता, बुि आ ज्ञानवर्क सभ साधन पर बल देलिन अिछ जेसामािजक आ सां कृितक वातावरणक िनमण मे समान रूपसँ सहयोग दान क’ समय। जािह मानव मेपयुर्क् त गुणक अभाव अिछ जे हुनका दृि मे अयलिन तकर ओ अपहास कयलिन। पुरूषाथर् चतु टय कदृिएँ िहनक सम कृित िहनक नवो सेषशािलनी ितभाक िवपुल-वैठु यक पिरचय दैत अिछ। लोक मे व-धमर् आ रा -धमर् क सुरक्षा क भावना ओ संचािरत आ ओकरा प लिवत पुिपत करय चाहैत रहिथ। अपन28


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्सम पदावली मे ओ अतीव मृदुलता, जनजीवन मे सुसु त मधुर-भाव केँ जगयबाक क्षमता िमिथलाक जनमानसमे अिभिहंत हैबाक कारणेँ ई सविधक लोकिय भेल।िवापित अपन सािह य-साधनाक माघ् य मे मैिथली-सािह य भंडार केॅा भरबाक लेल अनेक िवधाकरचनाकयलिन। िहनक एक-एक रचना मैिथलीक अमू य-िनिध िथक जािह मे एक भाग ंृखगािरकताकआभास भेटैछ तँ दोसर भाग भिक्तक, मुदािवापितक सम कृित पर जखन यक्ष रूप सॅ िवचार करैत छीतखन प ट भ’ जाइठ जे भारतीय-िच तन-धारासँ भािवत भ’ कए ओ पुरूषाथर्-चतु टयक उदेद यसँ समरचनािद कयते रहिथ।एिह कारेँ िवापित मैिथली-सािह य मे जे पर पराक शुभार भ कयलिन ओकरा परवत किव लोकित अपनाक’रचना कयलिन। िवापितक समसाियक उवं यपरवत किवलो कित एिह सािह यक बहुमू य सेवा कयलिन।िहनक समसामियक किव लोकित मे भवानीनाथ (1375-1450), अमृतकर (1450-1500), च कला(1400-1475), कंसनारायण (1475-1528), गोिव द किव (1450-1530), जीवनाथ (1500), दस-अवधान (1500), नवकिव यशोधर (1500-1550), जीवनाथ (1500), दस-अवधान (1500), सदान द1550), भीषम (1600), चतुभुर्ज (1575-1640), याम सु दर (1500), भीषम (1600), चतुभुर्ज(1575-1640), याम सु दर (1500), हिरदास (1609-1950), गंगाधर (1600) ीिनवास म ल (1640)इ यािद उ लेखनीय छिथ।(अिगला अंकमे जारी)भाग रौ(संपूणर् मैिथली नाटक)- (आगाँ)अंक 1 दृय : 3लेिखका - िवभा रानी29


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्पा - पिरचयमंगतूिभखारी बच्चा 1िभखारी बच्चा 2िभखारी बच्चा 3पुिलसयाी 1याी 2याी 3छा 1छा 2छा 3पकार युवकपकार युवतीगणपत क्ा30


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्राजू - गणपतक बेटागणपतक बेटीगुंडा 1गुंडा 2गुंडा 3िहज़ड़ा 1िहज़ड़ा 2िकसुनदेवरामआसरेदशर्क 1दशर्क 2आदमीतांबेी - मंगतूक मायपुरुष - मंगतूक िपता31


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्भाग रौ(संपूणर् मैिथली नाटक)अंक 1दृय : 3(काश मंगतू पर। ओ अखबार पिढ़ रहल अिछ। पढ़ैत-पढ़ैत पसेने पसेने भ' जाइतअिछ। ओ मुंह पोछैत, एहर-ओहर देखै छै.. फेर अटिक-अटिक क' पढ़ैत अिछ..)मंगतू :नवयुवती के साथ बलात् .. चार युवक.. नशे में.. भाई भी.. दो िगतार.. दो अभीभी फरार.. (पसेना पोछैत अिछ। हकला क' घबड़ाहिट मे बजैत अिछ) माने.. काि..किवता.. गणपत का.. राजू.. (माथ पकिड़ लेइत अिछ) बहीनक रखवार अपने स'ओकरा परोिस देलकै िगक सोझा.. (िचकरैत अिछ) .. का, गणपत का..32


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्(आवाज सुिन िकछु छा, िकछु याी ओहर अबैत अिछ सभ पूछैत अिछ -- की भेलौ रौ?सपना देखै छही की? िदने मे सपना.. हँ, एकरा करैये के की छै? चौबीसो घंटा, आठोपहर सूतल रहौ,.. हमरा आओर जकाँ निञ छै ने.. िछिछयाइत िफरू।)(मंगतू कािन रहलए। कखनो अखबार स' माथ पीटैत अिछ, कखनो बेबसी मे अपनकेस नोचैत अिछ।)मिरयो निञ जाइ छी हम। एहेन देह, एहेन िजनगी, एहेन समाज.. मिर िकयै निञजाइ छी हम। रे दैब.. आह रे दैब! का यौ, गणपत का..?(भीड़ के काटैत गणपत बिहराइत अिछ। मंगतू ओकरा देखतही भिर पांज ध' लेइतअिछ आ कनैत अिछ। का पीठ-माथ सोहरबैत ओकरा भरोस िदयबैत अिछ।)मंगतू :का.. काि.. काि..गणपत : की भेलौ बेटा?मंगतू :का.. किवता.. काि..गणपत : क' घुरलौ बाऊ। दुनू मे स' िकओ निञ। आँिखए मे राित कटलए।33


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्मंगतू :किवता आब निञ आओत का..(गणपत वाची दृि स' ओकरा देखैत अिछ.. मंगतू अखबार ओकरा िदस बढ़ा देइतछै। गणपत अनपढ़क मुा मे अखबार उनटैत-पुनटैत अिछ.. एकटा याी अखबार ल'क' पढ़ैत अिछ.. खबिर सुिन गणपत थहराक' खसैत अिछ.. मंगतू फेर भिर पाँिजओकरा ध' लइत अिछ।)गणपत : (िविक्षत जकाँ) रौ दैब रौ दैब.. मौगत द' दे रो दैब.. आब हम जीिब क' कीकरब.. (मंगतू के झोिर क') कहै छले ने तॲ जे हम सभ घर-दुआर, बाल-बच्चेदार,पिरवारबला आदमी सभ छी। देख लेले नें? ईहे अिछ घर आ ईहे अिछ िधया-पुता। गैकिवता गै.. हमर सोन सन बेटी गै.. रौ रजुआ.. रौ तोरा नरको मे ठौर निञ भेटतौ रौ..(पुिलसक सायरन बजै छै.. सभ याी ओत' स' हिट क' बस टैंड लग ठाढ़ भ' जाइतअिछ। िकओ घड़ी देखैत अिछ, िकओ मोबाइल करैत अिछ, िकओ चोर नजिर स'मंगतू-गणपत िदस देखैत अिछ, िकओ अखबार स' पंखा करैत अिछ.. छाक एक गोटटोली मे खुसर-फुसर करैत अिछ।)(पिहला दृयबला पुिलस अबैत अिछ.. डंडा डोलबैत..)34


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्पुिलस : रौ, गणपत तॲही छें?गणपत : जी हुजूर।पुिलस : चल थाना..गणपत : हमर कसूर हुज़ूर।पुिलससार निहंतन! बेटी स' धंधा आ बेटा स' भड़ुआिगरी, आ पूछै छें.. चल थाना.. पताचलतौ जे की छौ तोहर कसूर..(पकिड़ क' ठेलैत- ठालैत ल' जाइत अिछ।)मंगतू :साब! साब, िहनका छोिड़ देल जाओ। ई िनदख छिथ।पुिलस : (मंगतू के लात लगबैत) त' तॲही चल। रौ डाँड़ मे छौ बूता छॱड़ी सभ लेल!हट सार!(मंगतू फेर बीच-बचावक यास करैत अिछ। पुिलस डंडा बरसाबइत ओकरा ठेिलदेइत अिछ। मंगतू मुंहक भरे खसल रिह जाइत अिछ। पुिलस गणपत काका के35


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्पकिड़ क' ल' जाइत अिछ। याी, जािह मे िकछु छा सभ सेहो छिथ, िबटर-िबटरतकैत रहैत छिथ। पुिलस के गेलाक बाद)याी 1 : बाप रौ बाप! एहेन कलजुग! बापे बेटीबेच्चा।याी 2 : अहूँ त'! जे पुिलसबाला किह देलकै, पितया लेलहुँ ने!याी 3 : पुिलसक बात आ चूिक पाद एक सन!छा 1 : एतेक घमथर्न क' रहल छी। जहन पुिलस बुढ़बा के पकिड़ क' ल' गेलै, एकरा(मंगतू िदस) एतेक मारलकै, तहन त' निञ फ़ूटल बकार॥ पुिलस के जाइते देरी िकसभक लोल एक-एक हाथ नमगर भ' गेलै।याी 1 : रौ, पुिलसक सोझा बाजक कोनो मतलब छै।छा 2 : त' एखिन बाजबाक कोन अथर्?याी 2 : हे रौ, बूझल जे हम सभ िकछु निञ बाजल। तॲ सभ त' छलें, युवा शिक्त, छाशिक्त! तोहें सभ िकयैक ने बाजलें रे!36


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्याी 1 : (मंगतू िदस) हम सभ त' बाउ रौ, िजनगीक दोग मे फँसल बूँट छी। सेठसाहूकार कैंचीक मय फँसल कापिड़। पुिलस-दारोगा करबाक समय कत'?छा 2 : जहन अपना पर आओत तहन?याी 3 : तहन देखल जेतै।छा 3 : माने अपना पर पड़ल मोसीबत पहाड़, आ आनक फूिस-फािस?याी 1 : तैं ने कहिलयौ रौ भाय जे तॲ आओर त' छें छुा बरिद। ने घर िगरथीकचिर ने नौकरी पातीक झंझिट, ने बाल-बच्चाक िपरसानी। ऊपर स' नेता बनबाक मोकाी-फंड मे। (बस देखैत.. हे हमर बस आिब गेल' कहैत चढ़बाक अिभनय करैत अिछ।चिढ़ गेलाक बाद सोर पािरक' छा के कहैत अिछ -) रौ, मोन रािखहें हमर गप। कीठेकान, छा नेता स' मुख्य मंी आ फेर केंीय मंी भ' जेबें। घरोवालीक िनतार भ'जेतौ। हे ले (पाइ फेंकैत अिछ..) ऊ िभखमंगाक दबाई करबा िदहें।(छा सभ तमतमाएल ठाढ रहैत छिथ, अय याी सभी हंसैत अिछ। िकओ ठहाकापािर क', िकओ मुंह तोिपक! िकओ मुिसिकयाइत पेपर पढ़बाक त' िकओ समय देखबाकअिभनय करैत अिछ। सभक बस एकाएकी अबैत छै, सभ ओिह मे सवार भ' भ' चिल37


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्जाइत अिछ। जाए स' पिहले सभ िकओ चवी, अठी, िसा मंगतू िदस फेंकैत अिछआ छा आओर के इलाज क तगेदा करैत अिछ।)छा 1 : ओह! रहब मोिकल भ' रहल छै! मोन उजबुजाइय ई सभ देिख क'।छा 2 : सपना देखै छी, देखैत रहै छी। किहयो िकओ सपना देखल त' आइ देश आजादभेल। आजाद देश लेल सपना देखल जे सभके जीबाक, रहबाक, काज करबाक समानअिधकार अिछ। िकओ भूखल-िपयासल, बेरोजगार निञ रहत। पढ़ाई रोटीए जकाँ अिनवायर्रहतै। मुदा भेटलै की? आजादीक एतेक बरखक बादो वएह भूख, गरीबी, बेरोजगारी..छाा 1 : ाचार, बेईमानी, साक अपराधीकरण। िजनगी जीबाक िववता..मंगतू :(कने जोरगर आवाज मे, जािह स' छा सभ सुन सकिथ।) रौ हाथ-गोर रिहतहुिकयैक एना बािज रहल छें।(छाक यान ओकरा िदस जाइत छै। ओ सभ ओकरा ल'ग अबैत अिछ)छा 1 : भाई, हाथे-गोर रहला स' समयाक समाधान निञ भ' जाइ छै।38


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्छा 2 : सभ ठाँ पाई चाही, पैरवी चाही। देख भाई, लोक आओर हमरा सभ के कहैछिथ जे हम सभ युवा शिक्त छी, देशक भिवय छी।छा 3 : रौ, वातिवकता त' अिछ जे हमरा आओर के अपने निञ बूझल अिछ अपनभिवय।छा 1 : माय-बाप सपना काढ़ै छिथ जे बेटा सभ पिढ़-िलख क' हमर दुख दूर करत।छा 2 : हम सभ त' हुनकर दुखक भीजल िचपरी मे िचनगी लगाक' आिब जाई छी, रसे-रसे सुनगैइत रहू।छा 3 : करैत रहै छी - अपन अरमानक खून, माय-बापक सपनाक हया। रौ, तॲ त'खाली देहे स' अपािहज छें। ई यवथाक हाथे हम सभ त' तन-मन दुनू स' अपािहजछी।मंगतू :मुदा भाई, ई यवथा की छै। ककर छै, के बदलत?छा 1 : (रोब स') हे, नेता जुिन बन। दू अच्छर अखबार पिढ़क' अपना के धानमंीनिञ बूझ।39


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्(पिहलुका पकार युवक-युवतीक वेश)युवक :अरे वाह, आई त' एकरा लग छा सभ सेहो अिछ। गुड। चलू, एकरो आओरके कवर क' लेइत छी।युवती :हम त' आइ काि रोजे देखै छी, िकओ न िकओ एकरा लग बनले रहैत छै।युवक :ई छैहे तेहेन कमालक चीज। हाथ निञ, पएर निञ, घर-पिरवार निञ, िशक्षा-संकार निञ । तइयो पढुआ छै, अखबार पढ़ै छै। िची-पी िलखै-पढ़ै छै।(दुनू सिट क' ओकरा आओरक गप सुनैत छिथ। छा सभ मंगतू लग स' हिट क'बस टॉप िदस बढ़ैत छिथ।)छा 1 : कह' लेल जे कही। भने ओकरा झलकािर दही। हमर गप मे सेहो तॲ सभदशर्न ताक' लाग। मुदा, कखनो लगैत अिछ जे एकरे जकाँ हम आओर सेहो भेल जाइछी। लोक आओर भेल जाइत अिछ, देश-दुिनया बनल जाइत अिछ।छा 2 : रौ बाप, हे, पिहनहॴ परीक्षा खराब भ' गेल अिछ। आब ई दशर्न-तरसन छाँिट क'माथ निञ खराब कर।40


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्छा 1 : सुन त'! एकरा देिखक' तोरा निञ बुझाइ छौ जे एकर देह-देह निञ, ई समाजआ ओकर यवथा छै। ई समाज, ई यवथाक माथ छै, माथ मे िदमागो छै, जे सोचैतत' छै, मुदा िकुछ करै निञ छै। करबाक लेल सियताक हाथ-गोर चाही, जे एकरे जकाँओकरो निञ छै। तैं एकरे जकाँ पड़ल रहै छै - लोथ भेल।छा 3 : (छा 2 आ 3 माथ ठोकैत छिथ।)गेलौ रौ गेलौ। पूरमपूर गलौ। आब ई हमरा आओर के त' पकेबे करतौ, तोरो आओरके निञ छोड़तौ। (युवक-युवती के देख) नीक भेल। आिब गेलहुँ। सुनू आब अरतूकगप। (दुनू तेजी स' िनकिल जाइत अिछ। छा 1 ओही ठाँ अिछ।)युवक :देखू! पकार छी हम आओर आ पकार जकाँ बितयाइत छिथ ई आओर।युवती :हमरा आओर त' छा सभक संगे ओकरा कवर कर' चाहै छलहुँ।युवक :से त' रिहए गेल।युवती :ई एकटा अिछ ने! एकरे कवर क' लेइत छी।युवक :(िचिढ़क') त' िनकालू साड़ी आ क' िलय' कवर।41


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्युवती :शटअप! फालतू गप निञ करी। हमर संग साथ निञ नीक लगैत अिछ त'अहाँ जा सकै छी। हम अपन काज क' लेब।युवक :ककरा संगे? ऊ लोथक संगे की ई देशक भिवयक संगे।युवती :(िचकरैत) बंद करू ई बकवास। अहाँ जनर्िलट छी। बूझै छी जनर्िलटकमाने? (ओही उेजना मे) जनर्िलट माने उत िवचारक वामी, खुलल िदल आ िदमागवालायिक्त, जनताक िवचार वहन कर' बला, यवथाक छेद मे आंगुर द' क' देखाब' बाला।मुदा अहाँ त' ईय आ ेष स' जरैत संठी छी मा। दुगर्ंध स' भरल तौला। दुिनयाकचौथा आवाजक नाम पर भड़ुआिगरी कर' बला। िछ:।(युवक नाराज भ' क' यवती िदस घूरैत अिछ। युवतीक िचकरब सुिन बाहर गेल दुनूछा घूिर अबैत अिछ। छा 1 पिहनही स' अकबकाएल बेरी-बेरी स' दुनू युवक-युवतीके देखैत अिछ। युवक-युवतीक हाथ घीिच क' मंच क दिहना भाग मे ल' जाइतअिछ। छा सभ मंचक बाम िदस छिथ आ मंगतू बीच मे। मंच पर अयत ममकाश। अचानक युवक-युवती पर हाथ उठबैत छै। सभ चॱिक उठैत अिछ। युवतीखसल अिछ। मंगतू हड़बड़ाक' ओहर बढ़बाक यास करैत अिछ, मुदा खिस पड़ैत42


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्अिछ। छा सभ युवकक चेहरा देिख ओिह ठाँ थकमकाएल रिह जाइत छिथ। पार्वर्स' समवेत वर में ईको साउड इफेक्ट मे ई पंिक्त चलैत अिछ।)िकओ िकछु निञ क' सकैत अिछ।िकओ िकछु निञ किह सकैत अिछ।िबकाएल बजार मे मानवताक मूयबंधक अिछ माथहाथ गोर भांगल, धड़ िशिथलजागू, जागू, तखने होएत िवहाननव सूरज रचत इितहासक नव काल खंड।(काश शनै: शनै: फेडआउट होइत अिछ।)(मयांतर)43


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्(अिगला अंकमे जारी)डॉ. देवशंकर नवीन (१९६२- ), ओ ना मा सी (ग-प िमित िहदी-मैिथलीक ारिभक सजर्ना),चानन-काजर (मैिथली किवता संह), आधुिनक (मैिथली) सािहयक पिरदृय, गीितकाय के रूप में िवापित पदावली, राजकमलचौधरी का रचनाकमर् (आलोचना), जमाना बदल गया, सोना बाबू का यार, पहचान (िहदी कहानी), अिभधा (िहदी किवता-संह),हाथी चलए बजार (कथा-संह)।सपादन: ितिनिध कहािनयाँ: राजकमल चौधरी, अिग्ननान एवं अय उपयास (राजकमल चौधरी), पथर के नीचे दबे हुए हाथ(राजकमल की कहािनयाँ), िविचा (राजकमल चौधरी की अकािशत किवताएँ), साँझक गाछ (राजकमल चौधरी की मैिथलीकहािनयाँ), राजकमल चौधरी की चुनी हुई कहािनयाँ, बद कमरे में कगाह (राजकमल की कहािनयाँ), शवयाा के बाद देहशुि,ऑिडट िरपोटर् (राजकमल चौधरी की किवताएँ), बफर् और सफेद क पर एक फूल, उर आधुिनकता कुछ िवचार, साव िमशन(पिका)क िकिछ अंकक सपादन, उदाहरण (मैिथली कथा संह संपादन)।बटुआमे िबहािड़ आ िबड़(राजकमल चौधरीक उपयास)वतुतः अपन रचनामे कोनो पााक सृजन केलाक बाद जँ रचनाकार ओकर वामी बिन जाइ छिथ, चिराकसहज िवकास निह होअए दै छिथ, तँ ओ रचना सामायतया असफल भ' जाइत अिछ, अपना समयकयथाथर्सँ पृथक रिह जाइत अिछ, रचनाक सय आ नायकक आचरण समाज सापेक्ष निह भ' पबैत अिछ।मुदा राजकमल चौधरीक रचनाक नायक-नाियका आ तकर सहयोगी पूणर् रूपें वता रहैत अिछ, वेच्छाचारीनिह। ओकर चािरिाक िवकासमे राजकमल चौधरीक िनयाण ओतबे रहैत अिछ, जतबा घूमैत चाक परराखल मािट पर कुहार िनयाण रखैत अिछ। अपन ाक माा एतबिह टा िनयाण पािब ओ पाा आरचना महान भ' जाइत अिछ। जेना आिदकथा आ आदोलन महान भेल अिछ; आिदकथाक देवकात आ सोनामामी; आदोलनक कमलजी, भुवनजी, नीलू, िनमर्ला, सुशीला महान भेल छिथ।44


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्आदोलनक मुख पुरुष पाा छिथ--िवणुदेव ठाकुर, मोदनारायण जी, नरे झा, चशेखर बाबू, हेमबाबू, सुदशर्न जी, भुवनजी, कमलजी आिद। िकछु अनाम-सुनाम सामूिहक पाा सेहो छिथ, जे अवसर-बेअवसर अपन वक्तयसँ, आ अपन िया-कलापसँ अपन चिरा आ मानिसक तरक पिरचय दै छिथ।िवणुदेव ठाकुर, मोदनारायण जी आ चशेखर बाबूक उपिथित कथा िवतारमे ठाम-ठीम होइ छिन,मैिथलोिचत वृि आ दुतासँ पिरपूणर् छिथ, एकर अलावा कोनो िवशेष उलेखनीय योगदान िहनका लोकिनकनिह छिन। हेम बाबू सेहो तेहने ासंिगक पाा छिथ, मुदा िनमर्ला सन उत यौवना बेटीक िपता छिथ, िवधुरछिथ। आम-शंसासँ त छिथ, अपन बौिकता पर अपनिह गिवर्त रहै छिथ, बेटीक उ-आधुिनकाक छिवकोनो बेजाए निह लगै छिन, दोसरक नीको काल अधलाह लगै छिन, सुझाव आ उपदेश देबामे अपनाकें दक्षबुझै छिथ, िछावेषी छिथ। मैिथल सिमितक आयोजनमे पचीस टाका चदा द' कए एना मोन बनबै छिथ,जेना भुवनजीकें कीिन लेलिन (पृ-३४)।नरे झा मैिथल सिमितक सिय कायर्क छिथ, भुवनजीक संग रहै छिथ, मुदा परोक्षमे िनदा करबवभाव छिन। िनमर्लाक बासा पर जएबामे मोन लगै छिन, मुदा हुनका दुचिरा कहबामे रस लगै छिन (पृ.३९-४०)। मैिथल जाितक आम वृि--चुगलखोरी आ दुाचरण पर एिह उपयासमे पयत दृि देल गेलअिछ (पृ.१७)। पााक वक्तय आ आचरणसँ चिराक सपूणर् छिव अंिकत करबाक महारत राजकमलचौधरीक लेखनमे सगरो देखाइत रहैत अिछ।सुदशर्नजी सन मातृभाषानुरागीक अवतारणा उपयासमे थोड़बे काल लेल भेल, मुदा ओतबिह कालमेउपयासकार हुनकर िवराट छिव ठाढ़ क' देलिन। परम उसाही, ियाशील आ िवोही यिक्तवक एिह युवकारा कूलमे भाषा सबधी रीित पर वक्तय जारी करब, ितिया देखाएब, एकटा िवराट पिरदृय िदशइशारा करब िथक। कूली िशक्षाक भाषा मायम आ िशक्षक-िशक्षाथक वातलापक भाषा मायम बड़ पैघमहव रखैत अिछ। कूलमे िशक्षक लोकिन जखन मैिथलीमे गप करिन, तँ हुनका ओ अपन िपता, िपतृय,भाइ सन लगैत रहिन। मुदा जखनिह आन बोली-बानीक लोक अयापक बिन कूल अएलिन आ ओ िहदीमेगप करए लगलिन, हठात् ओ अदना बुझाए लगलिन, मातृभाषा िवरोधी लागए लगलिन (पृ. ५४-५५)।मातृभाषा लेल बुिनयादी ाितक संकेत एिह अंशमे देल गेल अिछ। सुदशर्नजीक हृदयमे ाितक आिगएनाधधकै छिन जे बीचिह सभामे िनमर्लाजीसँ बहस क' लेलिन--नइं िनरमल दीदी!...शाितक किवता नइं, माााित हमरा सभकें चाही, आदोलन चाही(पृ. ५३)।... एिह छोट सन उपयासमे ततेक बातकसंकेत देल गेल अिछ, जे सूइक नोक बराबिर फाँक कतहु निह देखाइत अिछ। वतुतः सन् १९४७सँ१९६७ धिरक समय िमिथला लेल िविचा सन छल। वातयोर कालक भारतीय पिरदृयमे मैिथल,मैिथली आ िमिथला ठकमूड़ी लगा क' बैसल छल। िमिथलाक जे सेनानी, सब िकछु छोिड़ संामक िसपाहीबनल छल, तकरा पमिरयाक तेसर बूझल जाए लागल, ओकर कोनो मािन-मोजर निह देल जाइ छल।िमिथलाक जे यिक्त शासनमे गेल, से नंगरडोलाओन धन भ' गेल। ओकरा लेल मातृभाषा मैिथलीक उपेक्षाकोनो अथं उेलनक िवषय निह छल। भाषाक महवसँ ओ पिरिचत निह छल। ओहेन आमकेित जन45


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ितिनिध मातृभाषा आ जनपदीय संकृित लेल कोन संघषर् किरतए?... वातयोर कालीन तीन दशककमैिथली रचनाकारकें ई सब िकछु भारी बोझ जकाँ िनमाहए आ सँवारए पड़लिन। थानीय रूिढ़ िनपटानकजिटल दाियवसँ संघषर् करैत भाषाई जागरूकता उप करबामे, आ आदोलनक छसँ सवर्साधारणकेंसावधान करबामे...तलीन रहब बड़ दुवर्ह काज छल। आदोलन उपयास तािह ममे महवपूणर् भूिमकािनमाहने अिछ।भुवनजी एिह उपयासक अयत उदार, िनिव आ सहज चिराक पाा छिथ। उपयासक मुखर पक्षिथक आदोलन, तकर नायक इएह छिथ। मुदा, जें िक आमकथामक शैलीमे ई उपयास िलखल गेल आकथावाचक कमलजी भ' गेलाह, भुवनजी गौण पिड़ गेल छिथ।बहुत रोचक ढंगें उपयासकार भुवनजीक चिरा ठाढ़ केने छिथ--धीर, गभीर, शात, उदार।...कलकाक पैघ कपनीमे कानूनी सहायक आ यापार संचालक छिथ। मुदा मातृभाषाक ित बल अनुरागछिन। मैिथल सिमित आ मैिथली पिाका लेल समिपर्त यिक्त छिथ, परोपकारी छिथ, मैिथल लोकिन लेलबेस सहायक लोक छिथ। ाम, बस, फैक्ीमे सय-दू सय मैिथलकें नौकरी िदऔने छिथ (पृ. ३४)। नीलूसन अनाथ बािलकाकें बेटी जकाँ रखने छिथ (पृ. १४)। बेस बुझनुक, िचतनशील, युगीन पिरिथितसँ आपिरिथितजय िया-कलापसँ नीक जकाँ पिरिचत छिथ। कमलजी जखन कोनो बात पर ितवाद करैछिथन, तँ भुवन जी कहै छिथ -- ई राजनीित िथकै कमलजी, एिहमे उिचत-अनुिचतक कोनो गप निह कएलजा सकइए। िमिथला-आदोलनक लेल एखन एकटा नेता हमरा सबकें चाही, नामक नेता। जे सभामे गरिजसकए, शासक वगर्क आगाँ धुरझाड़ अंेजी, िहदी, बंग्ला, फारसी िचकिर सकए। लोककें आतंिकत क'सकए, एकटा िबहािड़ सॱसे देशमे उठा सकए।... असली काज त' हम सब करबइ।... िबहािड़मे उड़ैतख'ढ़मे िचनगी त' हम सब लगेबइ (पृ. १५)। मातृभाषा आ जमभूिमक ित एिह तरहें समिपर्त लोक,आदोलनकें सफल करबा लेल सफल मागर्क ज्ञाता, नीित-कुशल लोक, भुवनजीक नजिरमे कोनो पैघ काजलेल योजनापूवर्क काज करबाक पिरदृय एना रचल जाइत अिछ। एहेन िनिव आ नीितज्ञ पुरुषक पीमहान कुरूपा, िनतात अयवहािरक छिथन। समत भय छिवक अछैत जीवन-पिरदृयक एक खड बेरंगछिन, मलीन छिन, ीहीन छिन। एहेन पी संग कोनो सभा सोसाइटीमे निह जा सकै छिथ। कोनो सययिक्तक चौपालमे निह बैिस सकै छिथ...। भुवनजी सन िविश आ िवराट यिक्तव संग उठबा-बैसबाकिललसा िनमर्ला सन सुिशिक्षत, सुदशर्न, उत यौवना ीकें होइ छिन। एहेन उदार देह आ उदार मोनकजवान ीक ित जँ भुवनजी सन पिरिथितक लोक अनुरक्त होइ छिथ, तँ से सहज सभाय िथक। मुदाअही बीच िनमर्लाजीक पिरचय कमलजीसँ होइ छिन आ िनमर्ला आब पुरान गाछक डािरसँ उिड़ कए नव डािरपर बैसए चाहै छिथ, कमलजी िदश हुनकर अनुरिक्त बिढ़ जाइ छिन। भुवनजीकें ई बात पिसन निह छिन,मुदा से यक्त निह करए चाहै छिथ। निह चाहै छिथ, मुदा यक्त भ' जाइ छिन (पृ. ४५)। वातलापक ईचमकार रोचक अिछ।... वतुतः ेम, िता, ऐयर्क मागर्मे िती ठाढ़ हैब बड़ दुखदायी होइत अिछ।46


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्एिह दृयक िवकट-जिटल मनोिवज्ञानक ओझराहिटकें जािह सहजतासँ राजकमल चौधरी िटपने छिथ, सेरोमांचक अिछ।सकल मैिथल समाजमे चच अिछ, जे िनमर्लाजी भुवनजीक ेयसी छिथन, ताही आकषर्णमे भुवनजीहुनकर बासा पर जाएब आएब करै छिथ। मुदा भुवनजी ई यक्त निह होअए देताह, िताक अिछ।लोकक मुँह बद करबा लेल भुवनजी िनमर्लासँ दूरी बढ़ा लेताह, से निह हेतिन। ी देहक उदार छाहिरक अिछ। कोनो आन पुरुखक संगित िनमर्लाकें भेटिन, से भुवनजीकें पिसन निह, मुदा कोना रोकिथन, ओहुनकर पी निह छिथन, घोिषत ेिमको निह। कमलजीक सोझाँ, जे हुनकर बड़ समान करै छिथन, नांगटकोना हेताह?अइ उपयासमे सविधक जिटल यवथा िहनकिह चिरा-िचाणमे अिछ। िववाद, तनाव, दापय,िता, भुव, भय, उदारता, वैराय... सब िकछु िमला कए िविचा सन िथित बनैत अिछ। एक िदशापकिड़ कए जाइत रहू, हुनका नीक आ िक बेजाए सािबत करैत रहू, जाइत-जाइत ओिहमे दोसर दृय आिबकए पिहलुक सूा ओकरा देत। आन पााक संग से िथित निह होइत अिछ। कने-मने नीलूक चिरा-िचाणमे सेहो इएह बात अिछ।कमलजी अइ उपयासक नस-नसमे समाएल छिथ। कथावाचक हेबाक कारणें आन पाा लोकिनकचिरा पर िटपिणयो करैत गेलाह अिछ, मुदा िहनका सबधमे िहनकर िटपणी, उोषणा, वक्तय, वातलापआ आचरणे टा िवलेषण आ मूयांकनक आधार बिन सकैत अिछ। बेस पढ़ल-िलखल, आधुिनक िवचारधारा,वच्छद िचतन पित, चुर ितभा सप बेरोजगार मैिथल युवक छिथ। सािहियक संकारक सृजनशीलआ सांसािरक युग चक सूमतासँ पिरिचत यिक्त छिथ। छ, पाखड, ेष-दुिवधासँ परहेज छिन। क्षुधा,यौन-िपपासा आ आमसुरक्षाकें मनुयक मूल वृि मानै छिथ। बुझनुक, वाक् चतुर आ िजमेदार लोक छिथ।यूशन क' कए भाउज, भतीजीक जीवन-यापन, लालन-पालनक िचता रखै छिथ। सामािजक रीित-कुरीित,ेष-दुिवधा, लोभ-ईय, जीह-जाँघ-पेटक कामनासँ पिरिचत छिथ। ितभा आ वाक् चातुयर्क बलें महानगरमेअिधकांश लोकक नजिरमे समानपूवर्क बसल छिथ। िनमर्ला सन कामातुरा युवती हुनका पर लहालोट होइछिथ, नीलू सन िकशोरी समिपर्त हेबा लेल तपर छिन, मुदा उिचतानुिचतक ज्ञानसँ पिरपूणर् कमलजी नीलूककौमायर् भंग निह करै छिथ। ी-पुरुषक अितिरक्त िनकटता कखनहुँ कोनो पिरिथितमे पिरणत भ' जासकैत अिछ--तािह अदेशासँ कमलजी पिरिचत छिथ, तें नीलू आ अपना बीच भाइ-बिहनक लमण रेखा घीिचदै छिथ।नारी शोषणक ित रोष छिन, ी दमनक ित आोश छिन, देह यापार क' कए गुजर-बसर करै वालीसुशीला सन ीक अतकर्था सुिन कए मोन घोर भ' जाइ छिन। कामेच्छा तृत करबा लेल अनेक पुरुखकोरमे नांगट होइत अथर्-सप ी िनमर्ला, आ पािरवािरक भरण-पोषण हेतु असंख्य कामुक राक्षसक उेजनाशात करैवाली िवप ी सुशीलाक तुलनामक िवलेषण करए लगै छिथ (पृ. ३७-३९)।47


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्छोट वयसमे, जखन िववाहक अथ निह बूझै छलाह, ी पुरुष सबधक ज्ञानो निह छलिन, तखनिहअपन भाउजक बिहन गुलाबसँ िववाह करबाक इच्छा यक्त केलिन (पृ २८); सपूणर् उपयासक जीवनमेभुवनजी सन िनिव, ितित आ गभीर लोकक ित कोनहु आक्षेप अथवा आधार निहओ रहैत, िनमर्लाजीसन पथिमत ीक ित हुनकर अनुरिक्त (पृ. ४५); वकीया होइतहु अनेक पिरिथितवश िनमर्लाजीपरकीया बिन जएबाक घटना (पृ. ३८-४०), नीलू पर िवणुदेव ठाकुरक वासनामक दृि (पृ. १६)...अइतरहक कतोक करणसँ उपयासमे कथावाचक प करै छिथ जे भूख, वासना आ सुरक्षाभाव मानवजीवनक अपिरहायर् आवयकता िथक, अइ अपिरहायर्ताक अपवाद कमलजी वयं सेहो निह छिथ, जकरसंकेत अपन वक्तय आ आचरणसँ दैत रहलाह। ई पिरदृय एक िदश उपयासक आधार कयकें मजगुतकरैत अिछ तँ दोसर िदश कमलजीक वैचािरक दुिनयाँ आ दृढ़ मायताक माण दैत अिछ।आदोलनक ी पााक कैक कोिट अिछ-- समय-च आ समाज यवथाक चाँगुरमे िववश; कामोमादमेमातल, मदोम; िकशोरकालीन उेगमे बहकल, मुदा िकछु-िकछु सावधान। एिहमे एक वगर्क ी छिथबनगाम वाली आ सुशीला। बनगामवाली जीवन संामसँ लड़बा लेल ी देहक सौदा करै छिथ, सौदाकबधन, दलाली; दस पाँच ी रखै छिथ, अपना घरमे जगह, सुिवधा, सुरक्षा दै छिथन, यापार चलै छिन,तकर कमीशनसँ हुनकर जीवन-यापन होइ छिन; दुिनयाँक आन कोनहुँ पिरिथित, पिरवेश, आिथर्क-सामिजक-राजनीितक-नैितक घटना-कुघटनासँ हुनका कोनहुँ सरोकार निह छिन। गँिहकी अबैत रहए, पाइ लेल परपुरुषगमन हेतु सहषर् तैयार ीक संख्या हुनका ओतए बढ़ैत रहए, एिहसँ पैघ बात, सताक बात हुनका लेलिकछु निह िथक। सुशीला रोजगारक अनुसधानमे बौआइत िपताक सतान िथकीह, िजनका अपन माइए अइकाज लेल ेिरत केलकिन आ माइ संगे ओ िविभ वेयालयमे जाए लगलीह। जीवन-यापन हेतु आओर कोनोआधार बचल निह छलिन (पृ. ३६-३९)।दोसर वगर्क ितिनिधव करै छिथ-- िनमर्लाजी। जेना िक कहल भेल जे कोनहु यिक्तक आचारण,ओकर मनोवेगसँ संचािलत होइत अिछ, आ मनोवेगक मानिसक अविथित यिक्तकें द सवगीण वातावरणमेिनिमर्त आ िनदिशत होइत अिछ। िनमर्ला, हेम बाबूक पुी छिथ, हेम बाबू कमाऊ लोक छिथ, मिहनबारीदरमाहा अबै छिन, ओिह दरमाहाक लार-चार, संचय-िनतार करबाक दाियव अथवा अिधकार िनमर्लाजीकेंछिन--कोनो तरहक सामािजक आँकुश अथवा आिथर्क दबावमे निह रहै छिथ। अ-वा आ सामािजकसुरक्षाक कोनो समया निह छिन। मुदा दैिहक उाप छिन, जगिजयार बनल रहबाक आकांक्षा छिन, सबहकआँिखमे बसल रहबाक िलसा छिन। िवधुर िपताक दरमाहा, आ परदेशी पित ारा पठाओल मनीयाडरकमहाबलसँ िनमर्लाजी मैिथल सिमित ारा आयोिजत जनसभामे अपनाकें शो-केसक मूिर् जकाँ सजा क' तुतकरै छिथ। अपन भाषण, भू्र-िवलास, अधरक लाली, कुिटल कटाक्ष, रित-सुरित, अंग-संचालनसँ लोकक मोनमोहैत रहै छिथ आ लोकक शंसाक पाा बनल रहै छिथ। िहनका सुशीला जकाँ बनगाम बालीकखोलीमे खाट निह ओछब' पडै छिन, िनय ित आ अनेक बेर अनेक कामुक पुरुष संग यािभचार निह करएपड़ै छिन। काज दुनू एके रंग करै छिथ, मुदा, जें िक सुशीला लेल देह पूँजी छिन, तें हुनकर करतब48


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्यिभचार कहल गेल आ जें िक िनमर्ला लेल देह साद छिन, तें हुनकर करतब आचार भेल। सुशीला जकाँजँ िनमर्लोजी बेरोजगार िपताक बेटी रिहतिथ, दाियवक बोझ तर दाबल रिहतिथ, दू साँझक नोन रोटीजुटएबा लेल, दू बीत वाखड अनबा लेल देहक अलावा आन कोनो बाट निह रिहतिन, तँ िनमर्ला जीकचटक-मटक कतए जइतिन?... ओना आजुक ी िवमशर्मे छान-पगहा तोड़िनहार वक्तयवीर लोकिन एिहचिराक ित, आ तकर एिह तरहक मूयांकनक ित अनघोल अवय करताह, जे ी, देहसँ बाहरो बहुतिकछु होइत अिछ।...अवय होइत अिछ, मुदा कोनो मादक संगीत सुिन पोन पर तबला बजाएब, आ तबलापर तबला बजाएब, दुनू दू बात होइत अिछ। िनमर्लाजी आ सुशीला जीक चािरिाक िवलेषणमे एिहउपयासमे कामुकताक इएह िवरोधी वरूप, वासनाक इएह िवरोधाभास, नारी समुदायक इएह रूप वैिवयआदोलन उपयासमे भावककें आदोिलत करैत अिछ।(अिगला अंकमे जारी)डॉ.शंभु कुमार िसंहजम : 18 अील 1965 सहरसा िजलाक मिहषी खंडक लहुआर गाममे। आरंिभक िशक्षा, गामिहसँ,आइ.ए., बी.ए. (मैिथली समान) एम.ए. मैिथली (वणर्पदक ात) ितलका माँझी भागलपुर िविवालय,भागलपुर, िबहार सँ। BET [िबहार पाता परीक्षा (NET क समतुय) याख्याता हेतु उीणर्, 1995]“मैिथली नाटकक सामािजक िववर्न” िवषय पर पी-एच.डी. वषर् 2008, ितलका माँ. भा.िविवालय,भागलपुर, िबहार सँ। मैिथलीक कतोक ितित प-पिका सभमे किवता, कथा, िनबंध आिद समय-समयपर कािशत। वतर्मानमे शैिक्षक सलाहकार (मैिथली) राीय अनुवाद िमशन, केीय भारतीय भाषा संथान,मैसूर-6 मे कायर्रत।आलेख:आधुिनक मैिथली नाटकमे िचित : िनधर्नताक समया49


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्भारत गरीबक देश िथक। एतुका अिधकांश जनता एखनहुँ गाममे रहैत छिथ जे िक कृिष कायर् परिनभर्र छिथ आ बरखा पर। फलवरुप अिनयिमत बरखा सरकारी उपेक्षा ओ अिशक्षा तथा िपछड़ापनक कारणेँगामक लोक गरीबीक जीवन िबता रहल छिथ। यैह गरीब िकसान ओ गामक लोक जखन कमयबा हेतु शहरजाइत छिथ तँ मजदूर वा बोिनहार कहबैत छिथ। ओतहु हुनका सभकेँ नारकीय जीवन जीवाक लेल बायहोम’ पड़ैत छैक। भारतक कुल आबादीक पैंतीस ितशतक लगपास लोक एहन छिथ जे जीवनोपयोगीयूनतम आवयकताक पूितर् करबामे अक्षम छिथ।िनधर्नता मनुक्खकेँ बेवस लाचार आ शिक्तहीन बना दैत अिछ। िनधर्न मनुक्ख िपछड़ल, दीन-हीनबाधात आ सदैव दोसरक दयारपर जीब’ क लेल बाय भ’ जाइत अिछ। मानव जीवनक भयंकर अिभशापिथक िनधर्नता वा गरीबी। जािह मनुक्खकेँ दू-साँझक रोटी निह, पिहर’ क लेल शरीर पर व निह, रहकलेल घर निह, बीमार भेलापर दवाय-दारूक पाय निह, ओ जँ आमाक उच्चताक दावा करत त’ ओ िमयाकिसवाय िकछु निह भ’ सकैत अिछ। ओ वतं कोना भ’ सकैत अिछ ? ओ कोनहुँ बड़का काज कोना क’सकैत अिछ ? ओ अपन िवचारकेँ वतं रूपसँ कोना कट क’ सकैत अिछ ? िनधर्नताक कारणेँ मनुयतंगिदल, तुच्छ, ओछ, कमजोर आ अपन ईच्छाक मार’वला बिन जाइत अिछ।मैिथली नाय सािहय मय एिह समयाक िवलेषण िनथ नाटकमे भेल अिछ।जीवनाथ झाक ‘वीर <strong>–</strong>वीरे’ (1956) भाग्य नारायण झाक ‘मनोरथ’ (1966) बाबूसाहेब चौधरीक ‘कुहेस’(1967) गुणनाथ झाक ‘किनयाँ <strong>–</strong> पुतरा’ (1967) महे मलंिगयाक ‘ओकरा आँगनक बारहमासा’ (1980)निचकेताक ‘नायकक नाम जीवन’ (1971) अरिवद कुमार ‘अू’ क ‘आिग धधिक रहल छै’ (1981)गोिवद झाक ‘अितम णाम’ (1982) गंगेश गुंजनक ‘बुिधबिधया’ (1982) आिद।मनोरथ मे लमीनाथ अपन िनघर्नताकेँ कोसैत छिथ। ओ कहैत छिथ---- “हमर नाम तँदिरनाथ होमक चाही ने िक लमीनाथ। एकठाम नायकार गरीबक धीया-पुताक संबधमे कहने छिथ जे ओकोनो काज सोिच समिझ कए करैत अिछ ओ अपन सुख-सुिवधाकेँ यािग दैत अिछ। एिह पिरेथमे मैिथलीनायालोचक डॉ. ेम शंकर िसंहक कथन छिन--- “आिथर्क दशाक क्षीणताक कारणेँ मनुयकेँ केहनसंकटाप समयाक सामना करय पड़ैछ तकरे िदग्दशर्न एिह नाटकमे होइत अिछ।” 1गरीबीक ई पराकाा छैक जे क्यो खाइत-खाइत मरैत अिछ तँ क्यो कमाइत-कमाइत। एतय समुिचतयवथाक आभाव अिछ। एतय अिधकांश नेनाक िथित एहने अिछ जे जमोपरात रोजी-रोटीक जोगाड़मेलािग जाइत अिछ। ‘नाटकक लेल’ मे एिह समयाकेँ उजागर कयल गेल अिछ---- “कतेको लोक एकिकनारमे पड़ल कूड़ाक ढेरसँ की सबने बीिछ रहल छल, क्यो दू एकटा रोगायल बच्चाकेँ डेंगा रहल छल” 2िनवगर्क यथथ िचणक दृिसँ ‘ओकरा आँगनक बारहमासा’ मैिथली नाय सािहयमे अितीय थान राखैतअिछ। एिह नाटकक केिबदु िथक सवर्हारा वगर्क यातनापूणर् जीवन, वासती पवन, ीमीय िनदाध, बषकिरमिझम हेमतक शीत आ िशिशरक िसहकी समटा गरीबक हेतु, फुिस िथक। एिहमे एकटा गरीब एिरवारक50


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्बारहो मासक दुदय िथितक िचण कयल गेल अिछ, जािहमे काितक मासक एकटा बानगी तुत अिछ-----“काितक हे सिख बोिनयो ने लागै छै,अक निह कोनो बाट यौ।पेटक वाला राम सहलो ने जाइ छै,घर-घर हुलकय राड़ यौ।” 3वतुत: काितक मास खेितहर मजदूरक लेल दुखक मास होइत अिछ। एिह समयमे अाभावभ’ जाइत छैक एहन िथितमे िनवगर् िथित दयनीय भ’ जाइत छैक <strong>–</strong> “दू गोट कोकड़ा पकिबित िपयासलागल हय।” 4 गरीब लोकक लेल खयबाक हेतु भिरपेट अ व आ आवासक एकटा जिटल समया भ’गेल अिछ एिह समया िदस नाटकारक यान जाित छिन--- “अ िबना पेट जिरते हय, बतर िबना िठठुरबेकेली आ घर त’ दखते छी” 5 ो. ेमशंकर िसंह एिह नाटककेँ “िमिथलाक िनवगय समाजक अलबम कहनेछिथ।” 6 “जािह आँगनक बारहमासा एिहमे टेरल गेल अिद तकर विन खाली ओिह आँगनसँ निह आिब रहलअिछ, युत िमिथलाक लाख-लाख आँगनसँ उठैत ओकर रोस, हाहाकार करैत सोझे ममर्केँ बेिध देमयवलाअिछ।” 7आर तँ आर आइ समाजमे एहन गरीबी यात छैक जे गरीबकेँ मुइलाक उपरात कफन िकनबाकलेल टका निह रहैत छैक। “अंितम णाम” मे समाजक एहन दुदय िथितक िचण य िथक--- “ठीकेत’ कहै िछऐ। हमरा आरू गरीब छी मुदा आिन पर दस गोटय िमिल जाय तँ की ने क’ सकैत छी।” 8‘बुिधबिधया’ मे सेहो गरीबीक दृात भेटैत अिछ। देश मे कतेको यिक्तक िथित सोचनीच अिछ।िकछु यिक्त अपन जीवन-यापन िवलािसतापूवर्क ढगसँ यतीत करैत छिथ, मुदा सरकारक यान गरीब लोककिदस निह जाइत छैक। जँ सरकार ारा िकछु यवथा कयलो जाइछ तँ ओकर लाभ गरीब लोक घिर निहपहुँिच सकैत अिछ--- “एकरा देह पर एक बीत व निह, एकर अंग-2 उघार अिछ।” 9समाजक अिधकांश लोक गरीबी रेखाक नीचाँ अिछ। महगी अकाश छुिब रहल अिछ। सामाय लोक अपनपिरवारक हेतु भोजन, व आवास जुटएबामे परेशान अिछ। ‘अंितम णाम’ मे मुरारीक कथन अिछ---“तीन-तीन टा बच्चोकेँ भुखले सुतैत देखैत रहैत छी----घरवालीकेँ फाटल वमे देखैत छी---अहू सँ बेसीिकछु अशुभ भ’ सकैत अिछ।” 1051


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्वतर्मान युगमे सामािजक चेतनाक िनरतर बढ़ैत गितशीलता ओ परंपरागत रूिढ़ यवथाक जड़ताक बीचएकटा भयंकर संघषर् आ तनावक िथित बनल अिछ। आधुिनक सामािजक मैिथली नाटकक मूल-वर एिहकारक िविभ संघषर्, तनाव आ अनेक सामािजक समया आिदसँ भरल अिछ। सामािजक जीवनक यथाथर्कअिभयिक्त नाटककारक सामािजक दृि आ रचना दृि पर आधािरत होइत अिछ। िमिथलांचलक समाजमेआिथर्क िवप जीवनक अतयतता वाभािवकतामे पिरवितर्त भए गेल अिछ।संदभर्1. मैिथली नाटक पिरचय, डॉ. ेम शंकर िसंह, पृ—962. नाटकक लेल, निचकेता, पृ—543. ओकरा आँगनक बारहमासा, महे मलंिगया,पृ--14. वएह, पृ—25. वएह, पृ--466. मैिथली नवीन सािहय, सं. डॉ. बासुकीनाथ झा, पृ--287. वएह, पृ—288. अंितम णाम, गोिवद झा,9. बुिधबिधया, डॉ. गंगेश गुंजन10. अंितम णाम, गोिवद झा,रामाय झा "रामरंग" िस अिभनव भातखडे जीक १ जनवरी २००९ केँ िनधन भऽ गेलिह। डॊ. ग गेशगु जन मृयु पूवर् हुनकासं साक्षाकार लेने छलाह। तुत अिछ ओ अमूय साक्षाकार- पिहल बेर िवदेहमे।52


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्पं0 रामाय झाक इटरयू ।नः1. अपनेक दृि सं िवापित गीत-संगीत परंपरा कें कोन रूप मे देखल-बूझल जयवाक चाही?िवापित-संगीत पिरभािषत कोना कएल जयवाक चाही? एतसंबंधी कोनो वर-िलिप उपलध अिछ ?उर ः हमरा िवचार सँ िवापितक अिधकांश गीत पद; भजनबगायन शैली एवं िकछु गीत ामीण गीतशैलीक अंतगर्त् बूझल जयवाक चाही। उदाहरण वरूप पद-गायन शैली मे-1. नदक नदन कदबक तरुतरिधरे िधरे मुरली बजाव ।2. जय जय भैरिव असुर भयाउिन।एवं अय ृंगार रस सँ सबिधत पद। जेना-क. कािमनी करय असनानेख. सुतिल छलॱ हम घरवा रेग. अबर बदन झपाबह गोरीघ. ससन परस खसु अबर रे, इयािद ।टइ तरहक पद व गीत िमिथला देश मे लगभग 60 व 70 वषर् सं जे गाओल जाइत अिछ एकर धुनअधशीय संगीतक अंतगर्त् एवाक चाही। परतु अइ पदक जे िमिथला मे गायन शैली छैक ओकर एकअलग वरूप छैक। जेकरा ादेिशक संगीत कहवाक चाही। जहांतक लोक संगीत तथा ामीण संगीत संसंबंिधत िवापितक गीत अिछ, जेना-क. आगे माइ हम निह आजु रहब एिह आंगन जो। बुढ़ होयता जमाय,ख. हे भोलानाथ कखन हरब दुख मोर,ग. उगना रे मोर कतय गेलाह,घ. आज नाथ एक वर्त मोिह सुख लागत हे, इयािद ।ई गीत सब लोक संगीतक धुनक अंतगर्त गाओल जाइत अिछ। यिप अहू लोकधुन मे रागक दशर्न छैकमगर राग शा केर अभाव छैक। तें हेतु ई सब गीत लोक संगीत शैली मे अयवाक चाही।उर-1-ए. िवापित संगीतक कोनो िभ वरूप निह अिछ, केवल िवापित गीत िमिथला ादेिशक संगीत53


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्शैलीक अंतगर्त गाओल जाइत अिछ। राग आओर ई अधशीय एवं धुन धान लोक संगीत राग गारा,रागपीलू, राग काफी, राग देस, राग ितलक कामोद इयािद राग सं सबिधत अिछ। अिभाय ई जे जेना सूर,तुलसी, कबीर इयािद संत किवक पद िभ-िभ तरह सं गाओल जाइत अिछ अइसंत किव सबहक कोनोखास अपन संगीत निह छैिह जे कहल जाय जे ई सूर व तुलसी तथा कबीरक संगीत थीक, एही रूप संिवापित संगीतक रूप मे बुझवाक चाही।न-2. िवापित संगीत-परंपराक िवषय मे आइिक िथित पर अपनेक की िवचार-िवलेषण अिछ ?उर-2. िवापित पदक सबध मे हमर ई िवचार अिछ जे िवापितक पद मैिथली भाषा मे अिछ तें हेतुकेवल िमिथला देश मे अइ पदक गायन ादेिशक संगीतक मायम सं होइत अिछ। हॕ, यदा कदा बंगालदेश मे बंगला कीतर्न मे अवय योग हाइत अिछ। कहवाक अिभाय ई जे कोनो ादेिशक भाषा मे िलखलकाय केर गुणवाक आकलन ओइ कायक ृंद व सािहय तथा भाव पर िनभर्र करैत छैक। संगीत आकइकाय के रसमय एवं सॱदयर्वधर्न करइक हेतु परम आवयक तव अवय िथक परतु ाथिमकता पदकिथकइ। मैिथली भाषा अयत सुकोमल भाषा अिछ एवं अइ मे लािलय अिछ ।आर संगीत सुकोमल भाषा मेअिधक आनद दायक होइत छैक।अही हेतु िवापित पद संगीतक मायम सं िमिथलाक संकृित मे िवानजन सं ल’ क’ जनसाधारण तकक मानस के भािवत क’ क’ अपन एक सुदृढ़ परपरा बनौने अिछ एवंिमिथलावासीक हेतु पिरचय प समान अिछ। तें हेतु समत मैिथल समाजक ई परम कतर्य थीक जे अइअमूय धन कें धरोहर जकां जोगा क’ राखी।-3. िवापित-संगीत आओर िवापित-गीत कें एकिह संग बूझल जयवाक चाही बा फराक क’? यिद हं तंिकएक आ कोना ?उर : एिह क उर उपरोक्त पिहल तथा दोसर मांक मे िलखल गेल अिछ।कृपया देखल जाय।न-4. िवापित-संगीतक ितिनिध गायक रूप मे अपने कें कोन-कोन कलाकार मरण छिथ आ िकएक ?उर : िवापित पदक गायक आइ सं िकछु वषर् पूवर् बहुत नीक नीक छलाह, जेना पंचोभक पं0 रामचझा,पंचगिछयाक ी मांगन, तीरथनाथ झा, बिलयाक पं0गणेश झा, लगमाक पं0 अवध पाठक, ी दरबारी ;नटुआ ी अनुिठया ; नटुआ पं0 गंगा झा बलवा, ी बटुक जी, आर पं0 चशेखर खांॅ, अमताक पं0रामचतुर मिलक, पं0 िवदुर मिलक, लहटाक पं0 रामवरूप झा, खजुराक पं0 मधुसूदन झा एवं नागेरचैधरी, बड़ा गांवक पं0 बालगोिवद झा, लखनौरक पं0बैनाथ झा इयािद। वतर्मान मे जे गायक छिथहुनका सबहक नाम अइ कार छिन-पं0 िदनेश झा पंचोभ, ी उपे यादव, अमताक पं0 अभयनारायण54


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्मिलक, पं0 ेमकुमार मिलक इयािद। उपरोक्त जतेक गायकक हम नाम िलखल अिछ ई सब गायकअिधकारपूवर्क िवापितक पद कें गबै वला छलाह एवं वतर्मान मे छिथ। िकयेक तं ई सब िमिथलावासीछिथ। िवापित पदक अथर् भाव पूणर् रूप सं बूिझ क’ तहन करैत छलाह व वतर्मान मे करैत छिथ। तेंहेतु ई सब गायक मरण करवा योग छिथ।न-5. पं0 रामचतुर मिलक, ो0 आनद िम भृि तं इितहास उलेखनीय छिथहे । िकछु अयोगायकक नाम अपने कह’ चाहब ?ओना मिलकजी तथा आनद बाबूक िवापित-गीत गायकी मे की िकछुिवशेष लगैत अिछ जे अय गायक मे निह ?उर ः हम जतेक गायक क नाम िलखल अिछ सब अपना-अपना तर सं नीक छलाह एवं नीक छिथ।िवापितक पद गायन मे राग गायकीक जेना बड़का बड़का आलाप व तान तें गाओल निह जाइत छैक।िवापित पद गायन मे पदक अथर् भाव यान मे रािख सरसतापूवर्क गाओल जाइत छैक। अइ सम्इध मेएक सं दोसर गायकक तुलना करइक आवयकता निह। तथािप पं0रामच झा व ी मांगनजी तथा पं0रामचतुर मिलकजी,ी बटुक जी,पं0 रामवरूप् झा,ी दरबारी इयािद गायक बहुत िस छलाह।चूंिक ोफेसर आनद िमजीकें हम किहयो गायन निह सुनल तथा िमिथलाक गायक पंिक्त मे हुनक नाम हमनिह सुनल तें हेतु हुनका संबंध मे िकछु िलखइ सं असमथर् छी।-6. िवापित-गीत मैिथली लोकगीत ि कोना पहुंचल हेतैक ?एिह िवषय मे अपनेक िवलेषण की अिछ?उर ः िवापित गीत मैिथलीक दू तरहक भाषा मे रचल गेल अिछ।एकटा मैिथलीक पिरकृत भाषामे रचल गेल अिछ जेना-1.नदक नदन कदबक तरुतर2.अबर बदन झंपावह गोरी3. उधसल केस कुसुम िछिड़आयल खिडत अधरे । इयािद। अइ तरहकमैिथलीक पिरकृत भाषा मे जे गीत छैक से लोकगीत ;ामीण अंचलधिर बहुत कम पहुँचलै।जे गीत ामीण भाषाक मायम सं रचल गेल छैक।जेना-1. आ गे माइ हम निह आजु रहब एिह आंगन जं बुढ़ होयता जमाय....2. हे भोलानाथ कखन हरब दुख मोर3. जोिगया भंिगया खाइत भेल रंिगया हो भोला बउड़हवा.4. उगना रे मोर मोरा कतय गेलाह.इयािद।अइ तरहक जे गीत छैक से लोकगीत;ामीण अंचलधिर अिधक सं अिधक पहुँचलए।एक बात आर ई जे55


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्लोकभषाक अिधक समकक्ष छैक तकरा जनाना सब अिधक गबैत छिथ। हमरा बुझने िवापित गीत केंलोकगीत ;ामीण अंचलधिर पहुँचइके यैह कारण थीक। दोसर बात ई जे अपन मातृभाषा वभावतः बहुतिय होइत छैक आर अपना मातृभाषाक मायमसं जे काय रचल जाइत छैक आर ओइ मे लािलय आ आकषर्ण छैक तं ओ अपनिह आप िवान जन संल’ क’जनसाधारण तक चािरत भ’ जाइत छैक। आर िवापित पद तं लौिकक व पारलौिकक दुनू ृदृिसंअयत उच्च कोिटक रचल गेल अिछ, तथा सब तरहक गीत रचल गेल अिछ जेना-भिक्त, भिक्त ृंगार,लौिकक ृंगार, ी राधाकृणकें िवलासक अयत मधुर गीत, भगवान ृंकरक िववाह सं सबंिधतजनसाधारण भाषाकके गीत एवं नचारी, समदाउिन,बटगवनी,ितरहुत इयािद तरहक गीतक रचना केने छिथ जे लोकरंजनके हेतु उच्चकोिटक एवं गायन केवाते बनल छैक। ई तंे िबना यासिहं लोक मानस एवं लोकगीत धिर पहुँिच गेल गेल हेतैक।-7.िवापित पदक मैिथली यवहार-गीत मे िवलय होयवाक िया अपनेक दृियें कोना आ की रहलहेतैक ?उर ः हमरा बुझने इहो 6ठमे सं संबंिधत अिछ। तें ओही पर िवचार कएल जाय।-8. िवापितक पद यिद िमिथलाक सवर्जातीय माने-सभ वगर् आ समाजक लोक मे वीकृत छैक ? तंतकर कारण िवापित-पदक सािहियक गुण बा ओकर सांगीितकता छैक आिक एकरा मे िनिहत कोनो आनतव आ िवशेषता छैक ?उर ः िवापित पद जे िमिथला समाजक सब वगर् मे वीकृत छैक तकर मुख्य कारण िवापित पदकसािहियक गुण एवं सांगीितक गुण दुनू छैक।िमिथला मे किव िवापितक पिहनहुं तथा बादहु मे बहुत किवभेलाह मगर जनसाधारण मे तं हुनकर क्यो नाम तक निह जनैत अिछ। परंतु िवापित एवं िवापित गीत केतं एहेन क्यो अभागल िमिथलावासी हेताह जे निह जनइत हेताह। िवापित पदक चार-सार मे सािहियकव संगीतक गुण के अितिरक्त आन कोनो तव व कारणक जे अपने चच कएल अिछ, अइ सबध मे हमई कहब जे किव िवापित भगवान के परम भक्त छलाहं हुनका भिक्त सं भािवत भ’ क’ भगवान शंकरिजनका घर मे नौकर के काज करैत रहिथन एहेन भक्त किवक कावय मे तं चार-सार हेबाक सब संमहवपुणर् तव एवं कारण हुनका आरायदेवक कृपा बुझवाक चाही। भगवानक भिक्त सं हुनकर हृदयओतोत छलिह तें ओ अपन काय मे िलखैत छिथ-क. बड़ सुख सार पाओल तुअ तीरे ,ख. हे भोलानाथ ;बाबाकखन हरब दुख मोर , इयािद ।56


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ग. खास क’ भगवान राधाकृणक भिक्त व भिक्त-श्ाृंगार रस जे ओ अपना काय मे दरसओ-लिह अिछ ओ अयत हृदयपशर्ाी तथा संगीतमय अिछ।-9.लोकगीत एवं यवहार-गीत मे तवतः की-की भेद मानल जयवाक चाही ?उर ः लोकभाषा एवं लोकधुन मे जे गीत गाओल जाइत छैक तकरा लोकगीत कहल जाइत छैक। आरयवहार गीत क जे अपने चच कएल अिछ इउ सबध मे हमर कहब ई जे एकरा अंतगर्त संगीतक सबशैली आिब जाइत छैक।परंतु हमरा बुझना जाइत अिछ जे यवहा गीत सं अपनेक अिभाय संकार गीत संअिछ। हमरा िवचार सं लोकगीत एवं यवहार गीत दुनूके लोकसंगीत कहल जाइत छैक, अइ मे कोनो िवशेष अंतर नइ छैक।- 10.िवापित-संगीतक वतर्मान जे िनिते िनराश कयिनहार अतः खेदजनक अिछ। अपने कें तकरकारण की सब लगैत अिछ ?जखन िक बंगालक रवी-संगीत-कला मे िवापित संगीत जकां कोनो कारक पतनोमु -खता आइ पयर्तदेखवा मे निह अबैत अिछ । तकरो कारण की आजुक उपभोक्तावाद, जारवाद भू-मडलीकरण माकें मानलजयवाक चाही बा आनो आन ऐितहािसक, समाजा -आिथर्क पिरिथ ित आ सामािजक कारण आ पिरवतर्न कें?उर ःअइ सबध मे हम ई कहब जे संपूणर् भारत मे अपना संकृित के छोड़ै मे जतेक मैिथल अगुआयलछिथ तेना अय कोनो देश निह। जे मैिथल िमिथला सं बाहर अय देश मे आिब गेलाहय सब सं पिहनेओ अपन मातृभाषाक ित उदासीन भ’ जाइत छिथ आ अयंत हषर्पूवर्क ई कहैत छिथ जे हमरा बच्चा के तंमैिथली बाजिह निह अबैत छैक। अपना घर मे मैिथली निह बजैत छिथ। जखन अपना मातृभाषाक ित एहेनउदासीन छिथ तहन अपना संकृित सं अपनिह आप दूर भ’ जेताह। अपना मॉं-बा पके डैडी वममी अय के अटी व अंकल कहैक रेवाज भ’ गेलै अिछ तं िहनका सब सं की आश कयल जाय जे ईअपना संकृितक रक्षा करताह। बंगाली,मासी,पंजाबी,मराठी इयािद देशक लोक सब अपना संकृित केएखनहुं धिर संजोय क’ रखने अिछ। मगर पिमी सयताक भाव सब सं अिधक मैिथल पर छिह ते हेतुिमिथला संकृित मे एहेन हािनकारक पिरवतर्न देखाय पड़ैत अिछ।-11.अपनेक मृित मे कोनो गायकक गायन बा अय कोनो संदभर् हो जेकर वणर्न अपने कर’ चाही?हुनक िवषय मे िकछु सुनयवाक इच्छा हो।वतर्मान समेत आगां पीढ़ीक लाभ हेतैक। संगिह अपनेक िकछुिवशेष अिभमत जे देब’-कह’ चाही।57


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्उर ःहम शाीय संगीतक उपासक छी आर अयंत उदासीन भ‘ किह रहल छी जे अपन िमिथला वतर्मानसमय मे शाीय संगीत सं शूय भ’ रहल अिछ। वतर्मान समय सं पिहने पं0रामचतुर मिलक, पं0 िबदुरमिलक, पं0िसयाराम ितवारी,;चूंिक पं0 िसयाराम ितवारीक िशक्षा अमता गाम मे भेलिह तें हेतु हुनका मैिथलमानइ िछयिन। पं0 च शेखर खां,पं0 रघू झा, ई सब बहुत उच्च तरक गायक छलाह। खास क’क’ पं0रामचतुर मिलक, व पं0 िसयाराम ितवारी तं इितहािसक गायक छलाह ुवपद शैलीक गायन मे।भावी पीढ़ीक िशक्षाथ एवं िजज्ञासु के अइ गायक सबके जानइ के यास व िहनका गायन व कायर्क सबंघमे ृंोध करवाक चाही तािक भावी पीढ़ी लाभािवत एव धु्रुवपद शैली गायनक िवशेषता सं पिरिचत होिथ।जय िमिथला जय मैिथली, जय जय जानकी अब ।जेिह रज मे मडन भेला, हरलिह िशव के दभ ।।आशीष अनिचहार-अहार पर इजोतक किहऒ िवजय निह (आलोचना)शीषर्क पढैते देरी पाठक लोकिन एकर रिचयता के िनराशावादी घोिषत कए देताह आ फतवा देताह जे समाजके एहन -एहन वकतय सँ दूर रहबाक चाही।मुदा हमरा बुझने पाठक लोकिन अगुता गेल छिथ,आ हमकहबिन जे अगुतािथ जुिन। मुदा इहो एकटा सुपिरिचत तय िथक जे लोक के जतेक उपदेश िदऔक ओओतबे तागित सँ ओकर उटा काज करत।मुदा तैओ हम कहबिन जे अगुतािथ जुिन आ ता धिर निहअगुतािथ जा धिर शीषर्क पूणर् वाक्य निह भए जाए।आब अहाँ सभ टाँग अड़ाएब जे शीषर्क त अपना आप मेपूणर् छैहे तखन अहाँ एकरा अपूणर् कोना कहैत िछऐक ? मुदा निह, कोनो वतु बाहर सँ पूणर् होइतो भीतरसँ अपूणर् होइत छैक। इहए गप एिह शीषर्कक संग छैक। अच्छा आब हम अपन िवताक दाबी छोड़ी आआ अहाँ सभ के पूणर् वाक्य के दशर्न कराबी - "अहार पर इजोतक किहऒ िवजय निह, सरकार परजनताक कोनो धाख निह"।मैिथली सािहय मे बहुत रास िबडंबना छैक, वंचना छैक, वंदना छैक अथत सभ िकछु छैक मुदातीन गोट वतु के छोिड़--१) मैिथली मे यंग चुर माा (गुण एवं पिरमाण) मे निह िलखाइत अिछ,२) जँ झॲक- झाँक मे िलखाइतो छैक त तरीय आलोचना निह होइत छैक ,58


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्३) आ जँ भगवान भरोसे तरीय आलोचना अिबतो छैक त हिरमोहन झा के िशखर मािन सभ के भुा बनादेल जाइत छैक ।एिह तीन टा के छोिड़ एकटा आर महान िबडंबना छैक जे आलोचक आलोचना करताह फलाँबाबूक अथवा हुनक कृित के मुदा समुच्चा मैिथली अलोचना मे हिरमोहन बाबू तेना ने घोिसआएल रहता जेपाठक एहन आलोचना के हिरमोहने बाबूक आलोचना बूझैत छिथ।आलोचनाक तर पर मैिथली यंग मे रुपकांत ठाकुर एकटा िबसरल नाम िथक। एकर पुि 2003मे सािहय अकादेमी ारा कािशत पोथी "ली कथाक िवकास" मे ो. िवापित झा ारा िलिखत लेख"मैिथली कथा सािहय मे हाय-यंग" पिढ़ होइत अिछ। ो.झा पृ 168 पर 1963 सँ 1967क मयकािशत हाय-यंगक यौरा दैत रुपकांत ठाकुरक मा 6 गोट कथाक चचर् कएलिथ अिछ ( िकछुआलोचक मा इएह लीिख कात भए गेलाह जे रुपकांत ठाकुर सेहो नीक यंग िलखैत छिथ ) ।एिह केअितिरक्त ने 1963 सँ पिहनेक मे हुनक यौरा मे हुनक नाम छिह ने 1967क पछाित। अथत रुपकांतठाकुर मा 6 गोट हाय-यंगक रचना कए सकलाह। जखन की वातिवकता अिछ जे रुपकांत ठाकुर1930 मे जम-हण कए 1960क लगीच रचनारत भेलाह एवं 1972 मे मृयु के ात भेलाह। कुल िमलाकए ठाकुरजी मा बारह बखर् मे अनेक असंकिलत कथा एवं लेख के छोिड़ हुनक पाँच गोट पोथी कािशतछिह--1) मोमक नाक (कथा संह)2) धूकल केरा (कथा संह)3) लगाम (नाटक)4) वचन वैणव (नाटक)कथाक।5) नहला पर दहला (उपयास)। मा बारह बखर् मे एतेक रचना आ उलेख मा 6 गोटआब अहाँ सभ के थोड़ेक-थोड़ शीषर्कक अथर् लागए लागल हएत। मुदा अहाँ सभ घबराउजुिन । इ शीषर्क ठाकुरेजीक रचना सँ लेल गेल अिछ। मतलब जे भिवयक संकेत कए गेल छिथ।59


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्आब िकछु गप करी मैथली यंग मे राजनीितक यंग पर। कोन िचिड़याक नाम छैक राजनीितकयंगइ हमरा जनैत मैिथली यंगकार निह जनैत छिथ। ओना यंग केकरा कहल जाइत छैक सेहो बूझबकिठन। हमरा जनैत मैिथली मे 93% यंग िलखल जाइत छैक मुदा 93% आलोचक ओकरा हाय मािनआलोचना करैत छिथ। सभ यंगकार ओहीक मारल छिथ, चाहे िशखर-पुरुष हिरमोहन बाबू होिथ वा रुपकांतठाकुर। सुच्चा यंग िलखला पछाितओ हिरमोहन बाबू कहेलाह हाय-यंग साट। अथत हायकार पिहने आयंगकार बाद मे। बाद बाँकी 7% हाय िलखाइत अिछ जकर ितिनिध छिथ पं. चनाथ िम "अमर" ।हँ त फेर आबी हम राजनीितक यंग पर। हमरा जनैत जािह यंग मे अपन समकालीनअथवा पूवर्कािलक राजनीित, शासन-यवथा, ओकर संचालक आिद पर िनशाना साधल गेल हो ओकराराजनीितक यंग कहाल जाइए। ओना इ अकादिमक पिरभाषा निह अिछ।त फेर हम अहाँ सभ के रुपकांत ठाकुर लग लए चली, आ हुनक एक गोट पोथीक पिरचय कराहुनक राजनीितक चेतना के देखाबी। जािह पोथी सँ हम अहाँ के पिरचय कराएब ओकर नाम छैक "मोमकनाक"। एिह यंग-संह मे नौ गोट कथा िथक। पिरचय शुरु करेबा सँ पिहनिह किह दी जे इ कोनो जरुरीनिह छैक जे हम अहाँ के नओ कथा कहब आ ने जरूरी छैक जे संहक पिहल कथा सँ हम शुरू करी।इ िनणर्य हमर यिगत अिछ आ अहाँ एिह सँ सहमत भइओ सकैत छी आ निहओ भए सकैत छी। हँ तहम शुरू करी संहक अंितम कथा "मदर् माने की" सँ। जेना की शीषर्के सँ बुझाइत छैक लेखक अवसएिह मे मदर्क पिरभाषा देने हेिथह। से से, लेखक जखन शुरुए मे कहैत छिथह जे " लोटा ल' क'घरवालीक लहटगर देह पर गदागद ढोल बजौिनहार एहन सुपुरुष कत' भेटत?"। त सभ अथर् प भएजाइत छैक। मुदा लेखक एतबे सँ संतु निह भए आगू कहैत छिथ " मदर् माने कमौआ, आ कमौआ मानेिवयाहल,आ िवयाहल माने बुिड़बक आ बुिड़बक माने बड़द"। सुच्चा मैिथल अिभयि। एखनो अथत 2009धिर मैिथल समाजक इ धारणा छैक जे कमौए मदर् होइत अिछ, आ जहाँ कहॴ कोनो मदर् देखाइ पड़ल लोकओकर िवआह करबाइए कए छोरैए। आ जहाँ धिर गप रहल िबयाहल माने बुिड़बक से त हम निह कहबमुदा बुिड़बक माने बड़द अवय होइत छैक। खाली खटनाइ सँ मतलब। अिधकारक ित िनरपेक्ष। आब हमएिह सँ बेसी निह कहब एिह कथाक संग। बस एतबे सँ लेखकक चेतनाक अनुमान कए िलअ।"ठोकल ठ" मे लेखक ओहन भाितज आ जमाएक दशर्न कराबैत छिथ जिनकर काजे छिहकमीशन खाएब आ एिह लेल ओ अपन िपी एवं ससुरो के निह छोड़ैत छिथह। आ जँ एही कथाक मायमे60


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्अहाँ ताकालीन रजनीितक देखए चाहब त रुपकांत एना देखेताह-"सरकार पर जनताक कोनो धाख निह"।अथत बेशमर्, िनलर्ज, हेहर,थेथर सरकार।भारतक समकालीन िवकास जँ अहाँ देखबाक इच्छा होइत हो त रुपकांत ओहो देखेताह। कनेकपढ़ू "जय गंगा जी" जतए रेलगाड़ी के बढैत देिख लेखक िटपणी करैत छिथ-"कांेसी नेता जकाँ लोक केअपन पेट मे रािख क' ओकर सुख-दुख अथवा उित-अवनित के िबसिर गाड़ी मा आगू बढब जनैत छल।अपना बले निह कोइला आ पािनक बलें। परतु पवदान पर चढ़ल याी कतऽ छलाह?" ई सवाल जतेकभयावह लेखकक समय मे छल ततबे भयावह एखनो अिछ। लेखक सरकारक डपोरशंखी योजनाक लतखुदर्नएही कथा मे करैत छिथ-" कोन टीसन केखन िबतलैक से मोन राखब पंचवषय योजना सभ मे उितककागजी आकड़ा मोन राखब िथक"।बेसी शंसामक उरण देब हमरा अभी निह मुदा तैओ एकटा उरण देबा सँ हम अपना केरोिक निह पािब रहल छी। एही संहक दोसर कथा िथक "फूजल ऊक"।बेसी अपन वक्तय निह किहउरण सुनाबी-"मा सुधारवादी दृि रखला मा सँ सुधार कथमिप निह भए सकैछ"। जँ लेखकक भावनाके बचबैत हम िलखी जे "गितशील िवचार िलखला मा सँ गितशीलता कथमिप निह आिब सकैछ" त इप भए जाएत जे रुपकांत कतए यंग कए रहल छिथह आ केकरा पर कए रहल छिथह।ठाकुर जी एकपक्षीय यंगकार निह छिथ। ओ दूनू पक्ष के हूट सँ मानिसक आ बूट सँ शािरिरकताड़ाना दैत छिथह। तकर माण ओ एिह संहक पिहल कथा जे पोथीक नामो छैक अथत " मोमकनाक" मे देखेलैह अिछ। हुनकिहं शद मे " आजुक युग मे भला आदमीक पिरभाषा उनिट गेल छैक।जनता जनता अिछ जे से सभ मोमक नाक जकाँ लुजबुज। जखन जािह िदस नफगर रहै छैक ितहरे लोकघूिम जाइछ" वतंे भारत निह हमरा िवचारे जबूदीपक जनता सँ लए कए एखुनका भारतीय जनताकचािरिक िवशेषता ई उरण देखबैत अिछ। आ एतेक देखेलाक पछाितओ आलोचक रुपकांतक नाम िबसिरगेल छिथ।भने आलोचक नाम िबसिर गेलिखह मुदा पाठकक मोन मे एखनो धिर रुपकांत ठाकुरक रचनाखिचत छैह। हमरा जनैत कोनो थम आ अंितम सफलता इएह छैक। आ रुपकांत इ सफलता अपनरचनाक मायमें ात केलिह तािह मे संदेह निह।61


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्३.प३.१.ी गंगेश गुंजनक- राधा (नवम खेप)३.२. गजे ठाकुर- 15 टा प३.३. सतीश च झा- दू टा किवता३.४.योित- पनभरनी३.५. पंकज पराशर - सनजीब३.६. िमिथलाक लेल एक ओलिपक मेडल- बी.के कणर्डॉ. गंगेश गुंजन(१९४२- )। जम थान- िपलखबाड़, मधुबनी। एम.ए. (िहदी), रेिडयोनाटक पर पी.एच.डी.। किव, कथाकार, नाटककार आ' उपयासकार।१९६४-६५ मे पाँच गोटे किव-लेखक “कालपुरुष”(कालपुरुष अथत् आब वगय भास कुमार चौधरी, ी गंगेश गुजन, ी साकेतानद, आब वगय ी बालेर तथागौरीकात चौधरीकात, आब वगय) नामसँ सपािदत करैत मैिथलीक थम नवलेखनक अिनयिमतकालीन पिका “अनामा”-जकरई नाम साकेतानदजी ारा देल गेल छल आऽ बाकी चारू गोटे ारा अिभिहत भेल छल- छपल छल। ओिह समयमे ई यास तािहसमयक यथािथितवादी मैिथलीमे पैघ दुसाहस मानल गेलैक। फणीरनाथ “रेणु” जी अनामाक लोकापर्ण करैत काल कहलिह, “िकछु िछनार छौरा सभक ई सािहियक यास अनामा भावी मैिथली लेखनमे युगचेतनाक जरूरी अनुभवक बाट खोलत आऽआधुिनक बनाओत”। “िकछु िछनार छौरा सभक” रेणुजीक अपन अदाज छलिह बजबाक, जे हुनकर ससगर्मे रहल आऽ सुनने62


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्अिछ, तकरा एकर यना आऽ रस बूझल हेतैक। ओना “अनामा”क कालपुरुष लोकिन कोनो रूपमे सािहियक माय मयदाकित अवहेलना वा ितरकार निह कएने रहिथ। एकाध िटपणीमे मैिथलीक पुरानपंथी कायरुिचक ित कितपय मुखर आिवकारकवर अवय रहैक, जे सभ युगमे नव-पीढ़ीक वाभािवक यवहार होइछ। आओर जे पुरान पीढ़ीक लेखककेँ िय निह लगैत छिनआऽ सेहो वभािवके। मुदा अनामा केर तीन अंक मा िनकिल सकलैक। सैह अनामा बादमे “कथािदशा”क नामसँ व.ी भासकुमार चौधरी आऽ ी गंगेश गुंजन दू गोटेक सपादनमे -तकनीकी-यवहािरक कारणसँ-छपैत रहल। कथा-िदशाक ऐितहािसक कथािवशेषांक लोकक मानसमे एखनो ओिहना छिह। ी गंगेश गुंजन मैिथलीक थम चौबिटया नाटक बुिधबिधयाक लेखक छिथ आऽिहनका उिचतवक्ता (कथा संह) क लेल सािहय अकादमी पुरकार भेटल छिह। एकर अितिरक् मैिथलीमे हम एकटा िमयापिरचय, लोक सुनू (किवता संह), अहार- इजोत (कथा संह), पिहल लोक (उपयास), आइ भोर (नाटक)कािशत। िहदीमेिमिथलांचल की लोक कथाएँ, मिणपक नैका- बिनजाराक मैिथलीसँ िहदी अनुवाद आऽ शद तैयार है (किवता संह)। तुतअिछ गुनजीक मैगनम ओपस "राधा" जे मैिथली सािहयकेँ आबए बला िदनमे ेरणा तँ देबे करत सँगिह ई ग-प-जबुलीिमित सभ दुःख सहए बाली- राधा शंकरदेवक परपरामे एकटा नव-परपराक ारभ करत, से आशा अिछ। पढ़ू पिहल बेर"िवदेह"मे गुनजीक "राधा"। -सपादक.गुंजन जी िलिखत रचना सभ डाउनलोड करबाक लेल नीचाँक िलंककेँ िक्लक करू -मैिथली पोथी डाउनलोड Maithili Books Downloadगुंजनजीक राधा (नवम खेप)63


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्िवचार आ संवेदनाक एिह िवदाइ युग भू- मंडलीकरणक िबहािड़मे राधा-भावपर िकछु-िकछु मनोेग, बड़ बेचैन कएने रहल।अनवरत िकछु कहबा लेल बाय करैत रहल। करिह पड़ल। आब तँ तकरो कतेक िदन भऽ गेलैक। बंद अिछ। माने से मनएखन छोिड़ देने अिछ। जे ओकर मज। मुदा वतं निह कए देने अिछ। मनुखदेवा सवारे अिछ। करीब सए-सवा सए पात किहचुकल िछयैक। माने िलखाएल छैक ।आइ-काि मैिथलीक महांगन (महा+आंगन) घटना-दुघर्टना सभसँ डगमगाएल-जगमगाएल अिछ। सुवागतम!लोक मानसकें अिभजन-बुि फेर बेदखल कऽ रहल अिछ। मजा केर बात ई जे से सब भऽ रहल अिछ- मैिथलीयेक नाम परशहीद बनवाक उपम दशर्न-िवयाससँ। िमिथला रायक मायताक आंदोलनसँ लऽ कतोक अयाय लयाभासक एन.जी.ओ.यीउोग माग सेहो। एखन हमरा एतवे कहवाक छल । से एहन कालमे हम ई िवहास िलखवा लेल िववश छी आऽ अहाँकेँ लोकधिर पठयवा लेल राधा किह रहल छी। िवचारी।64


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्राधा (नवम खेप)िकछु ने उर कतहुसँ सब िकछु पड़ल अिछ शात सब िदश रातुक अतल अहार आिनित िनालीन गामक लोक । सभ टा माल जाल, पंछी पखेरु चुप दबकल । अपन-अपन ठौर आ अपन ठेकानसमय वयं बिन गेल हो जेना सबहक कान एक मा,एकमा, नाक आ एकिह मा आँिख सॱसे आबादीक भऽ गेल हो- जेना एकीकरण,एकिह एक चेतना करण, एकिह बोध एकमा अितवक भाससॱसे सब िकछु भऽ गेल हो जेना आकाशसे बूिझ मनुषकेँ अबल-दुबलचुपचाप आिक सूित गेल हो वयं बिन पताल ! माने सब तारागण समेतक चमा आ रंग,रसकबसात लऽ कऽ आ सूतल आकाश अतल तल मे जा कऽ ओिह पतालिवलक्षण मनक ई वाह आ बुिक िदशा राधा, एहुक निह कोनो टा अिछ उर,भला सोचू जे ई आकाश जाऽ कऽ कोना भऽ जायत पतालयिद सेहो तँ कतऽ जायत पताल, कोन बाटे उतरत ? वा चिल कऽ गेल होयत ? जँ भिरजायत एही अनत आकाशसँ ? दोसर जे, कोना आँटत एतेक टा आकाश ओतनी टाक पतालमे ? के अंटाओत आ फल की तकर !65


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्हँ, से तं अिछ ठीक मुदा हमरा लेल एकदम साफकहाँ कहु देखाइए एकहु टुकड़ी मेघएहु टा, एतय धिर जे किनयॲ लुकझुको तारा, कहु कोनो कात ? कोनो कोन मे ?कहाँ सब टा तँ अिछ भेल अदृय - अंतधन,सोझाँ जे िवशाल िवतारसँ पसरल महा अहार राितकहाँ िकछु अिछ शेष कोनो विन कोनो योित कोनोपशर् कोनो बोध जे वाधीन, किह आ बुझा सकयअहाँक होयबाक अथर् सेहो सदेह आ जीवत ाणक ?कहाँ िकछु कतहु ? सब टा अिछ बिन गेल समुिक योजन योजनक अहार पताल । ककरो िकछुने सूझय, िकछु ने भेटय, तथािप िकछु ने िकछु तकबे करीसे मनुक्खक लुतुक आ अयास तेँ,लागल अनेरे एिह अहारक िसधु सँ खसयबा मेमनक जाल <strong>–</strong> बझवै लेल जािन ने माछ केहन ?समत अितव फाटल पुज सन उिधया रहलकृणक थम पक पुज, सॱसे भेल, भिर पृवी,66


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्अनत पताल धिर, चिल गेल,छूिट गेल अपना हाथ सँ, उिधया रहल ई मनवयं हुनकर थम पक फटल पुज भेल,यिप शद अिछ कंठथ सभ टा िकतुहुनक पिदत उपिथित, हुनक होयवाक िनरतरअनुभूित आभास केर वरूप तँ टूिट गेलई की भेल ? हमरा संगे ई की भेल ?बड़ रही उदास एक िदन अहाँ माधव,कोनो टा ने करैत रही गप शप , खॲटैत मा दूिभ हिरयर,ताहू पर करैत जेना वयं के मने मन गंजन आ पाापी आघात,-‘दूिव भेल तँ दूिर गेल ? अनेरे िकयेक ओकर हो एना दुदर्शाआ सेहो अहाँ सदृशक हाथ सँ ? ई तँ िथक िहंसाएक कारेँ िहंसा, अयाय ! निह ?’भंगठल खेलौना ठीक भऽ गेलापर कोनो नेनाक आकृित पर जेहन,अबैत छैक वगर्सँ चलल काल हषर्क आभा मृदुल नािह टा ठोढ़ पर आ आँिख मे चमक67


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्आनदक,सएह अनमन सएह भऽ गेल रहय अहूंक समाचार ,मन अिछ?केहन दुलर्भ िवहुंसी छल ओ ? सॱसे भुवनक सुखक सू िबहुंसी ! अहाँक, अिछ मन ?तािह िदय िवहुंसी के देिखते हम ताकऽ लगलौँ अपन नूआक खूटबड़े य बड़ उताहुल ।-“की भेलौ राधा?” अहाँक एिह मे रही बाजल जेना ।- खूटमे सिरया कऽ एकरा बािह कऽ धऽ लैत छी, अहाँक ई मुकी, माधव !अनत कालक चुपीक उपरात ; सॱसे सृि जेनाहम सये लैत अहाँक ठोर सँ िवहुंसी अपन आंजुर अभागल सब सँबािह लेने रही खूट मे िवहुँसीक गीरह !बिहतिहं रही िक अहाँ अनचोकिह हमरजुी के घीचैत जोर सँ कहने िबना िकछु-क देबा धिर- जोरे हमर मूड़ी पाछाँ देलॱ झुकाआ कृिम ोध सँ कय गेलॱ हमरे आँिख बाटे हमरे अयंतर मे बलात् वेश,वागत !कहाँ बाँचल रहल हमरा बोध । निह बाँचल ।68


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्अहाँक हाथें घीचल जाइत अपन दुखाइत केशक ।मा एतबे तँ रही कहने आधा तामस आ पूरा नेह सँ-‘करबें सैतानी फेर, हमरा संगे? बाज...बाज मोटकी?’से पूछब बोल निह छल - वयं छल अनंत ितविन <strong>–</strong> िननािदत ाडअपने आप अहाँक ओिह बोल सँ गुंिजत अनुगुंिजत ितगुंिजतअनवरत एिह ियामे बिन गेल छलमहानादक एक टा िलोक यापी आवतर् ! यावतर्’गनगनाय लागल छल हमर सृि !बहुत िकछु तँ अिहना अनेरे होइत अिछ जीवन मे,अनेरेक ओही आवृ पुनरावृ पड़ल पथार मे स सनेह आ मपूवर्कताकय पड़ैत छैक मनुक्ख केँ । मनुक्ख, ताही कृित ियास मा तकबा लेल, जीवन-ाण लेल उपयोगी,तव तकबा लेल आयलपृवी पर । सएह कऽ रहल ।तिहया सँ आइ धिर सएह क रहल । तिहया- तकर बादोबहुत युग धिर किहयो निह भेल िवरत- िवरक्त ने एकहु रती69


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्उदासीन अपन एिह जीवन-गित सँ ।लैत अपन एिह िनयित केँ कौखन ेम, कौखनआदशर्, नैितकता कौखन धमर् धमदेश कौखनआओर निह तँ बेशी काल लोक लजा-मयदा ।एतेक िवतृत आ जिटल भेल चल जाइतमनुक्ख जीवनक अनािद अनत पथार मे सँएतेक रास अकटा िमिसया बीछ कऽ करबफराक आ अपना योग्य अ कऽ लेब अपना िदसअपन पिथया- ढाकी- अथत्अपन वासन मे- केहन मोिकल आ कएकाल अकच्छाह सेहो तँ !मनुक्ख भिर जम िक अक पथारमे सँ इिच्छत अकटा िमिसया िबछबाक लेल ! भेटलछैक लोककेँ एतबे लेल आयु ?-एतबे लेल निह अवये, मुदा इहो छैक आवयक रािधका !एहनो निह बुिझयौ एिह बातकेँ यथर् । कए बेर सुिन गेलाक आ चुप रहलाक बाद, कृण अहाँवभाव सँ एकदम अयािशत धीर-गभीर वरमे एतवा किह कऽ आँगुर सँ सिरया देने रहीहमर तेल िबन भऽ गेल जा जा केशक । एकटा कपार पर लटकल लट।70


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्-जेना ईहो तँ ! सॱसे जमे कतेक रास छैक लोक, कतेक रास गोपी सब । लोक गोपीककतेक रास केश सुदर आ सुदर, बहुत रास.... तिहनाबात, घटना आ धान-पान-मखान संगिह जनमल अनेरेक दूिभ िनफल ली-कमक महाजाल !आिद तकरा बीचिह सं त अपना लेल’ उपयुक्त आनऽ पड़ैत छैक मनुक्ख कें । एिह मेएकहु री निह छैक उदास आ िवरक्त होयबाक बात । बिक उटे एकरा जीवन कें आगाँलऽ जयबा लेल, सुख कें आगाँ बढ़यवा वाते आ दुःख सबकें बीिछ-बीिछ कऽ फराक करैतअपना सुभीताक बाट करवाक वाते सृिक देल एकटा अवसर होयवाक चाही, से एकरउपयोग । एकरे तं राखऽ पड़ैत छैक यान ।यान बड़ मूयवान छैक मनुक्ख-देहक रक्त-वाह मे राधा ! मुदा आयर् जे सेहो निहछैक अंितम अिनवायर् । ओकरो छैक अपन आयु आ अपनिह अथर्, सीमा । मनुक्ख-मनुक्खकमोतािवक छैक तिहना उपयोिगता सेहोओकर । छूटय निह बुिक ई सू । सैह चेतवैतरहैत अिछ हमरा िववेक । सुख तं सुख, जे आनद पयर्त निह होइत अिछ तेहन पोखिर-धार जािह मे सतत िनमर्ल जले टा छल-छल करैत रहय । वािहत होइत रहय । थहलोरहय तं निह भऽ सकैत अिछ ओ एकदमे सेमार-करमी बा अय दृय-अदृय वनपित सभसं सवर्था मुक्त, मा जल शीतल सवर्था मनुयेक उपयोग आवयकता भिर । तें आनदसन आनद ! तकरो मुदा एकटा काल सीमा पर, यथा समय झाड़ऽ<strong>–</strong>पोछऽ पड़ैत छैक ।ओकरा आनद बनल रखवाक वाते समय पर यान सं नान करबऽ पड़ैत छैक, नव धोआव पिहराबऽ पड़ैत छैक । यमुना पयर्ंत सतत् यमुना निह रिह पबैत छैक राधा । ओकरोनहाबऽ पड़ैत छैक । एकरो व बदलऽ पड़ैत छैक-नव धोअल व !सब लोक तें अपने-अपने आनदक माय होइत अिछ । आनद ओकर िशशु-संतान !तकरो लेल करऽ पड़ैत छैक भिर ाण ताकुत राधा ! पोसऽ पड़ैत छैक... से सय । मुदानिह बना दी आनद कें जुआन, पिरपक्व ! कथमिप निह।71


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्जनैत छें अपन आनदकें कदािप जुआन निह होमऽ दी । रखने रही ओकरा कोरा-करेज आबांिह धिर मे समेिट इच्छानुसार दुलार करबा लेल मोहक िशशु ! आनद बच्चे आनद !जवान आनद, भऽ जाइत अिछ िकछु आन बात :बुझबा लेल कहैत छी ई जे हमर िम अिभ छिथ अपन । महान । िहनकर आनद भऽगेलिनहेँ जवान ! तकरे टा आब ई सब उपव छिन भिर जीवन जगत, िनगुर्ण-सगुणक ज्ञान-यान । सएह बनल छिन िहनक सामयर् तेँ सैह बनौने छिन िनरानद । यिप सभकअपन-अपन बाट होइत छैक ! अपन डेग, अपन-अपन गित !हम तँ भऽ गेल रही हतभ !वाह रे कृण ! वाह रे अहांक ज्ञान ! ई केहन गप आ सुझाव ?आनद कें नेने रखने रही... जवान निह होअ दी ...उवक भऽ गेल छिन आनद जवान !(२१.०४.०५)(अिगला अंकमे जारी)गजे ठाकुर15 टा प१.देखैत दुदभीक तान*शािमल बाजाकसुनैत शूयक दृय72


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्कृितक कैनवासकहहाइत समुक िचअहार खोहक िचकलाक पाक शदक्यो देखत निह हमर िच एिह अहारमेतँ सुनबो तँ करत पाक आकांक्षाक वरसागरक िहलकोरमे जाइत नाहक खेबाहिहलकोर सुनबाक निह अवकाशदेखैत अिछ वरक आरोह अवरोहहहाइत लहिरक निह ओर-छोरआकाशक असीमताक मुदा निह कोनो अतसागर तँ एक दोसरासँ िमिल करैत अिछअसीमताक मा छ।घुमैत गोल पृवीपर,चपर घुमैत अनतक छ।मुदा मनुक्ख तािक अिछ लेनेएिह अनतक पिरिधपिरिधकेँ नािप अिछ लेने मनुक्ख।ई आकाश छक तँ निह अिछ िवतार,एिह अनतक सेहो तँ निह अिछ कोनो अत?73


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्तावत एकर असीमतापर तँ करिह पड़त िवास!वरकेँ देखबाकिचकेँ सुनबाकसागरकेँ नाँघबाक।समय-काल-देशक गणनाक।सोहमे छोिड़ देल देखबअहार खोहक िचसोहमे छोड़ल सुनबहहाइत सागरक विन।देखैत छी वर, सुनैत छी िचकेहन ई साधकबिन गेल छिथ शािमल बाजाकदुदभी वादक।*राजथानमे गाजा-बाजावलाक संग िकछु तँ एहेन रहैत छिथ जे लए-तालमे बजबैत छिथ मुदा बेशी एहन रहैतछिथ जे बाजा मुँह लग आिन मा बजेबाक अिभनय करैत छिथ। हुनका ई िनदश रहैत छिह जे गलतीयोसँबाजामे फूक निह मारिथ। यैह छिथ शािमल बाजा।२.ढहैत भावनाक देबालखाह अदृढ़ताक ठाढ़74


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्बालकोनीमे राखल गमलामे तुलसीक गाछतीक मा सहृदयताकआकांक्षाक बखाड़ी अिछ भरलघरमे राखल िहमाल-लकड़ीक छोट मिदरतीक बिन ठाढ़।मोन पाड़ैत अिछ इनार-पोखिरक महार,िविमंगपूलक नील देबालबनबैत पािनकेँ नील रंगकमोनक रंगक अदृय देबालढहैतखाह अदृढ़ताक ठाढ़बहैत।३बी िवशाल केदारनाथअलकनदा मदािकनीक मेलहड़हराइत धार दुनू िमलैतमेघसँ छाड़ल ई ककर िनवास।बदरी गेलाह मीत भाइनिह घुरलिह ओदरी हुनक तािह,75


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्आइ सड़क धिर एतए आओलशीतल पवनक झॲक, खिस रहल भूिम,खलन भेल जतु सबिहक,िहम छाड़ल ई ककर वास।हृदय तंिभत देिख धारपवर्त ेणीक निह अत एतएकिट एकर तीवर्, नीचाँ अिछ धारखसत जे क्यो की होएत तातदुहू कात छाड़ल पवर्तसँ ई,अलकनदे ई सौदयर् अहॴकमदािकनी जे आकाश मयदेखल आइ पृवीक ऊपरहरहड़ाइत ई केहन फेिनलवच्छ िनमर्ल मनुक्ख िनविसत,शीतल पवनक छाड़ल ई सृिनव दृि देलक देखबाक आइ।४पाक जािठ76


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्तबैत दुपहिरयाक भीत पोखिरक महार,पत गाछ-बृच्छ-केचली सुषुम पािन िशक्त,जािठ लकड़ीक तँ सभ दैछ पाक जािठ ई पिहल,कजरी जे लागल से पुरातनताक तीक।दोसर टोलक पोखिर निह अिछ डबरा वैह,िबन जािठक ओकर यज्ञोपवीत निह भेल कारण सएह,सुनैत िछऐक मािलक ओकर अिज छल,पोखिरक यज्ञोपवीतसँ पूवर्िह याण कएल।पाइ-भेने सख भेलिह पोखिर खुनाबी,डबरा चभच्चा खुनेने कतए यश पाबी।देखू अपन टोलक पाक जािठ ई,कंीट तँ सुनैत छी, पािनयेमे रहने होइछ कठोर,लकड़ीक जािठ निह जकर जीवन होइछ थोड़।५िनक जीवन िविचडैिनयाही दुपहिरयाक घामक बीच,सपनाइत, सहबाढ़िनक दानवाकार आकृित,77


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ेयसीपर झपटैत ओकर कंठ मचोड़ैत,ेमी पकड़ैत अिछ सहबाढ़िनक झॲट,पोखिरमे अिछ खसैत ेमीक पएर बािह लेलक झॲटासँ,डैिनयाही दुपहिरयामे पोखिरक झॲटाबला पिनडुबी।तांिक-सहबाढ़िनक झोँझसँ िनकिल,अपन ाणात करैत ेयसीकेँ बचबैत,ेमीक िन अिछ खुजैत रौदसँ घमैत घामसँ नहाएल।घोर िनाक तृित रहैछ मुदा हेराएल।देखैत ओलिपक्समे देशवासीकेँ पछड़ैत,मं-तंयुक्त दुपहिरयामे जागल गुनधुनी बला व,बनैत अिछ सभसँ तीवर् धावक, अखरहाक सभसँ फुितर्गर पहलमान,दमसाइत मािलकक वर तोड़ैत छैक ओकर एकात।कािरख िचित राितक िन,टुटैत-अबैत-टुटैत िन आ वक तारतय,बिन राजनेता करैत देशक समयाक अत,बड थोपड़ी अिछ बजैत यायक डंका गुंजैत,धमर्-जाित-आतंकवाद, समया-समझौता करैत,ाणघातक हारकेँ छातीपर सहैत- िजतइत,78


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्िन अिछ टुटैत, मुदा तकर अछैत,घोर-िना तृितक अनुभूित अिछ छुटैत।िनकेँ आते-आते देलक माहुर् िम,कएलक िनक जीवन िविच।६बंशी पािथ पकड़बाक यास,आकांक्षाक पंखयुक्त अकेँ,बोर देने सफलताक सूक,अनत तीक्षा िनब चुपीक।पािनक तल िथर िनयताक रूप,छोट कीड़ीक गमन उठबैत अिछ सूम िहलकोर,आशाक िवासक ितरूप।बंशी पथने ठाढ़, पािथ पकड़बाक यास,अंधिवासक छोड़, िवज्ञानक ओर,बोर देने ज्ञानक िपड,तीक्षाक अत! शात शाित,सॲस, काछु, हरकाछुसँ िरक्त पािन,िनमताक िनिमर्ितक अंत कएल यािध।बीया-जीरा माछक रोिप,79


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्पााय संगीतक जे रहए षडय,भारतीयताक, भारतक संगीतक वाधीनताक अपहरण,दृिदोषक कारण जतए,राजनैितक नेतृव भेल परािजत,वाधीनता भेल अपहृत,मुदा भातखडेक चिर,रोिक देलक संगीतक पराधीनता,हे रामरंग, अहाँक अिभनव गीतािल,पढ़लहुँ हम सपूणर् आठीके छी अहाँ अिभनव भातखडे,िमिथलाक धरतीक र,कोनो मातवर, नामवरक निह अधीन,अहाँक पचासो बरखक साधना,कंठसँ शासँ वाधीनताक पिरभाषा,हनुमान-भक्त रामरंग अहाँकसपूणर् संगीत-रामायणक आवाद लेने,मोन पड़लिथ तुलसीदास,हुनक ी-शूक ित दुभवपर,अहाँक संगीत रामायणक िवजय,83


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्वाधीनतक नव-नव अथर् दैत,ठीके छी अहाँ अिभनव भातखडे,राग वैदेही भैरव, राग तीर भुिक्त राग िवापित कयाण िमिथलाकेँ देल,राग भूपाली आ राग िबलावलमे मैिथली भाषाक रचना कएल,राग िवापित कयाणक ुत आ िवलिबत खयाल,अहाँक देल संगीत िमिथला वज गीतकेँ देलक नव अथर्,नव अनुभूित,वजक फहरएबाक अथर् अिछ वाधीनता,वाधीनता मनिसक,नाम खिस कए ठाढ़ होएबाक,आ बैशाखी छोिड़ दौगबाक।घृणाक आवाद कएिनहारक मितकक,क्षालन करैत संगीत लहरीसँ,हे सुखदेव झाक पु खजुरा गामक लोक भेटताह तँ कहबिह,रामरंगक मूितर् गाममे लगबाए,निह होमए जाएब उऋण हे बिहन-भाए,वाधीनताक शाखाक करए जाऊ िवतार।रामरंग रिह वाराणसी-यागक गंगा तटपर,कएल वाधीन संगीतकेँ ओ ऋिष,84


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्व अधीन िवचार-बात होएत,तखने होएत ांजिल रामरंगक हे खजुरावासी।युगक अत भेल आइ, माँगनक वरमे गाबए छी,माँगनक-रामरंगक नाम िलअ निह िलअ,मुदा मोन राखू वाधीनताकेँ,िवाससँ िनकलैत आमिवासकेँ,निह बािह राखू मितककेँ िसिड़मे,पएर भने बैशाखीपर रहए,माथ रहए मुदा वाधीन।९िशपीिशपी बिलराजगढ़कहड़ाही पोखिरक,पटनक अकौरक आ नाहर-भगवतीपुरक बौ खोह,अवलोिकतेर ताराक ितरूप उच्चैठक मूितर्,ीगणक गीत सहािद भिर सुिन-सुिन बनलीह काली-भगवती,वैजयतीपुर-जनकपुर आ िमिथलानगरीक उथान,85


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्केलहुँ सभ िमिल ठाढ़ िहनका,गामक बाहर,तखन िवनतीदीन भदरी, छेछन महाराज, गरीबन बाबा, लालमइन बाबा,अमर बाबा, मोती दाइ, गांगो देवी, कृणाराम,सलहेसक मूितर् बनाऊ,चरण रज पूिज मुदा१०अहाँक आँिखक िमलन भेने,दूर होइत अिछ िचता ओिहना,सागर तटपर जेना लहिर लऽ जाइत अिछ,सभटा पात-खा वतु करैछ साफ,सभटा िफिकर, शात वच्छ तट मोनक।अहाँक हँसीमे भऽ जाइत छी,फेकैत अपन सभटा दुःख,दुःखक संगे अपन सभटा महवाकांक्षा,अहाँक ेरणा दैत अिछ सभावना,आमिवास अबैत अिछ फुितर्क संग,अिभलाषाक पूितर्क बढ़बैत आकांक्षा,87


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्िबसरैत अपनाकेँ अहाँक आँिखमे,अहाँक नेहसँ गप करब,मा एतबेअनैत अिछ कतेक सभावना आ पिरणाम,मुदा एकर िवपरीत...११आयर्भक पाटिलपुमे उोषआन िवाक तँ होइत अिछ भेद-िवभेद,मुदा िवज्ञानक तँ अिछ ई सूयर्-च गबाहचायणक व पूणर् केलिह वाह,लीलावती पिढ़ सूयर्-च-तरेगणक दूरी नापलिह,आइ पूणर् सफल भेल पिरम जाए।अिग्न-ोस पूणर् कएल ई अथर्,ा-पाशुपता केर अथर् बुझलिन जाए आइ।१२.यौ शतानद पुरिहतअगहन शुक्ल िववाह पंचमी,88


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्िववाहक सभसँ नीक िदन,पुरिहत शतानद,राम सीताक िववाह कएल सप,खररख वाली काकीक िववाह,सेहो िववाह पंचमीएकेँ भेल,पुरिहत सेहो कोनो पैघे पिडत रहिथ,सीता दाइ कतेक क कटलिह,मरबापर िचकला िलखल रहए िमिथलाक,पिरछन, नैना-जोिगन सभटा भेल,ओिहना जेना भेल रहए सीता दाइक िववाहमे ।बाल-िववाह तँ भेले रहिह खररख वाली काकीक,िववाहोक िदन सभसँ नीक,नैना जोिगन, जोगक गीत,िकछुओ कहाँ बचा सकल,भऽ गेलीह िवधवा।कहैत छिथ हमर संगी,जिहया लऽ जाइत छिथ ओ भौजीकेँ,पेंशनक लेल दानापुर कैट,89


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्िवधवा भौजीकेँ देिख,भीतरे-भीतरे कनैत रहैत छिथ,बाबूकेँ कहलिह जे िवधवा िववाह हेबाक चाही,तँ मािर-मािरकेँ ओ उठलिथ,नेऊराक राजपूत बाबूसाहेबक ई खानदान,बड़ कािबल भेलाह ई,मुदा अिछ बुझल हमरो,कुहरैत रहैत छिथ बापो,मुदा बोझ उठेने छिथ समाजक कुरीितक,उपाय निह छिन कोनो दोसरो।१३.िमिथला रजनक याज्ञवलक्य िवदथ माथव,मल जगकाश-जगतयोितरर्माँगन खबास रामरंग याी हिरमोहन,सुदर झा शाीक पएरमे िसकिड़ बाहल जेलक िच,सीरवज वेदवती मैिथली मैेयीजयमंगला-असुर-अलौली-कीचक-विरजन-बेनू नौला गढ़ सभबिलराजपुरक90


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्बु-महावीरक वसावसक भूिम,िशपी कृषकक क्षे,िखखीर शाही नीलगाएक मण,आँिख लागल सभटामे।हजारक-हजार साल जे भूिम कएलक िनवर्हण,से अिछ पलाएनक भूिम आब,पचास सालमे की भेल जेहजार सालमे निह छल ातलोचनक रागतरंिगणीक चचर् भातखडेमेभातखडेक चचर् रामरंगमे,गंगेश वाचपितक तकर्क बीचकुतक किहयासँ भेलहुँ जाए।याज्ञवक्य ारा गुरुक िशक्षाक यागशुक्ल यजुवदक िनमणक नव अयाय,मुदा पछाितक जाित-मंिडत शा,इितहाससँ तैयो क्षमाक करैत आश!तँ शुरु िकएक निह करैत छीइितहासक नव अयाय।91


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्१४. िपताक विपताक छल आशझूठ बजनाइ पाप,गलत काजक सवर्दा याग,सभ होए समृ,साधारण जीवन उम िवचारक बीच।करैत पालन देखल जे,बुरबक बुझैत अिछ लोकतँ की बदली? अपन िशक्षाक अथर्यािग रता नुदा वैह लयिजिदयाहवला।मुदा बजने की बस करैत रहूसोझाँवलाकेँ बुझए दोयौक,जे छी हम बुरबक।जावत बुझत तावत भऽ जएतैक हािर,िपताक सयकेँ झुकैत देखने रही िथतज्ञतामेतिहये बुझने रही जेयाग निह कएल होएत92


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्रता िजिदयाहवला।१५सरोिजनी नगर माकटक बम िवफोटडटिबनमे राखल बमक िवफोटउड़ैत लोक कार वतु-जातखूनक धार, टटका िनकलल लाल,पुरनाएल गप, खून खरकिट गेल,कारी याह बनलआ एहर िदली नगर फेर आिब गेल पटरीपर!िदलवलाक छी ई नगर तेँ!मुदा िजनका घरमे रोटी कमाएवलाक मृयु अिछ भेलहुनक जीवनक रेलएक दू िदन की भिर िजनगीयोकी आिब सकत पटरीपर।सतीश च झा,राम जानकी नगर,मधुबनी,एम0 ए0 दशर्न शासमित िमिथला जनता इटर कालेन मे याख्याता पद पर 10 वषर् सँ कायर्रत, संगे 15 साल सं अपन93


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्एकटा एन0जी0ओ0 क सेहो संचालन।1. ई जीवन 2.‘‘ अपन भाषा ’’1. ई जीवनभेल यथर् ई जीवन ले के जम जगत मे ।निहं केलहु िकछु काज यथा ई रहल दय मे ।बीतल बचपन उड़ल संग िततली के धेने।कखनो मत मलंग खेल मे जोर लगेने।आिव गेल चुप चाप उतिर के यौवन किहया।चैंक उठल मन भेल भिवयक आहट जिहया।लगा लेलहुं संपूणर् जोर ताकत छल जतवा ।अिछ की कम संघषर् करब पिरवारक सेवा ।अ, व, भोजन के किरते उिचत यवथा ।बीत गेल जीवन के सबटा नीक अवथा ।छै कमर्क ई खेल भाग्य के कोना मेटेबै ।भाग्य वल छै किह के ककरा केना बुझेबै ।िकछु जीवन के दोष देवता छिथ िकछु दोषी।किरते रहलहुं कमर् सतत् िकछु कम आ बेसी।भेटल िकछु समान, मान लय के अिछ भूखल ।होई छै एखनो सुनू, अथर् सँ सबटा ितफल ।कहाँ शिक्त छिन सरोवती के असगर अपना।सबसँ उपर ठाढ़ लमी सबके सपना ।िजनका जतवा अथर् पैघ छिथ जग मे नामी।िबना अथर् सब यथर्, दुखक जीवन अनुगामी।आब सोिच की करब उ उतरल अगुता के।वाणथ मे जायब िकछु संताप उठा के।हम रहलहुं अिभलाषी भव मे मोक्ष मागर् के।चिलते रहलहुं हम िधिसयाक पथ सुमागर् के।की भेटल अिभमान करब जकरा ले के हम।94


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्पेट पोिस के मा बीतेलहुं ई जीवन हम।2.‘‘ अपन भाषा ’’बनल मंच पर शद जोिड़ क’जगा रहल छी झूठक आशा।िबसिर मैिथली मृदुल कंठ सँिचकिड़ रहल छी आनक भाषा।करब याद माईक कोरा मेिनकलल शद पिहल जे मुख सँ।कतेक सुकोमल,िमठगर,रसगर,ई भाषा अिछ बाजू सुख सँ।छी मैिथल संतान कथी लयबािज मैिथली शमर् करै छी ।छोिड़ िपयरगर शद अपन ईअंेजी के ओट धरै छी।निहं जीवन के नव वाह मेअिछ भाषा कखनो अवरोधक।निहं बाजै छी तैं अिछ लयाबना लेने छी दृि अबोधक।बाजब हम सब अपन भाषािलअ’ आई संकप हृ सँ।पसरल जायत अपने िदन. िदनभ’ जायत समृ अभय सँ।पनभरनी -योित झा चौधरीपनभरनी आयल भोरहरबामेछल कनकनी सऽ भरल बसात95


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्केवाड़क खटखटीसऽ नॴद खुजलमेघक आवरणमे काशहीन ातबरतन बासन रखलक बाहरभसा घरके िनपलाक पातडोल सबके लटकेने िवदा भेलपािन भरै लेल इनारक कातपािन उपछैत निहं अघायलकाज लग सोहेलै निहं कोनो बातरोजी रोटीक योजन छलफुत सऽ जाड़के धांगैत लातआवयकता उज म आभूषणअपय त व सहैत ऋतुक आघातमृदुलता आऽ कोमलताक तीक ीकर्यपथ पर देलक कृित के मातपंकज पराशर,डॉ पंकज पराशरी डॉ. पंकज पराशर (१९७६- )। मोहनपुर, बलवाहाट चपराँव कोठी, सहरसा। ारिभकिशक्षासँ नातक धिर गाम आऽ सहरसामे। फेर पटना िविवालयसँ एम.ए. िहदीमे थम ेणीमे थम थान। जे.एन.यू.,िदलीसँ96


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्एम.िफल.। जािमया िमिलया इलािमयासँ टी.वी.पकािरतामे नातकोर िडलोमा। मैिथली आऽ िहदीक ितित पिका सभमेकिवता, समीक्षा आऽ आलोचनामक िनबंध कािशत। अंेजीसँ िहदीमे क्लॉद लेवी ॉस, एबहाडर् िफशर, हकु शाह आ ूसचैटिवन आिदक शोध िनबधक अनुवाद। ’गोवध और अंेज’ नामसँ एकटा वतं पोथीक अंेजीसँ अनुवाद। जनसामे ’दुिनयामेरे आगे’ तंभमे लेखन। रघुवीर सहायक सािहयपर जे.एन.यू.सँ पी.एच.डी.।सनजीबएिह अकादारुण कंीटक बोनमे बौआइत तकैत छी एकटा कोरएकटा नेिहल गाछ सन चतरल तरहथजतय िबसिर सकी जा कए भिवयहीन समय केर सबटा संतापएकटा अदद चाकरीकेँ सुरिक्षत बचौनेँ रहबाक लेलअयक्त आोशकेँ चाँपैत-चाँपैत रक्तक भयंकर चापसँ चािपतएिह नव साायवादी लोकतांिक अिभशािपत एक नागिरककथी लेल जीबैत छीककरा लेल जीबैत छीजीिब कए की करैत छी?डॉक्टरक बताओल पय आ दवाइक सॲगरपर िटकलएिह जीवनक कोन उपयोिगता, कोन साथर्कतामैञा, िकएक उकािसयो लेल कहैत छलेँ सनजीबहमरा सन-सन सहो लोकक मोनमे िनरतर बढ़ल जाइत यथर्ता-बोध97


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्एक अदद चाकरीक लेल जीबैत लोकक मोनमे अपने ित घृणा आ िवरोधजे लोकिन अपयाँत छिथ जीवनोसवक समारोहमेलहालोट छिथ रागामक कायक उपादनमेहुनकर आँिखक रेिटनापर खिचत निह भऽ सकैत छिनआयकरदाताक सूचीसँ बाहर िवशाल जनसमूह केर िपरॱछ मुंहएिह समय केर िविभ तं सबसँ बारंबार पुछैत अिछ लोकिभ-िभ पिरभाषाक कोन याख्यामे िनपा भऽ जाइत अिछहमर मैञाक सनजीबहमर िपताक देल दीघयु हेबाक आशीष?लोक पुछैत अिछ िभ-िभ तं केर याख्याकार सबसँ ई आ मारल जाइत अिछ अचे राोहक नामपरजे िकछु निह पुछैत अिछिकछु निह बजैत अिछओ एक अदद चाकरीक रक्षामे ितल-ितल कए मरैतमृयुक आवाहन करैत अिछ।िमिथलाक लेल एक ओलिपक मेडल- बी.के कणर्98


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्मुऱझाऽल अिछ अपन यिक्तव परसेनहता लगले रहल अपन कािबिलयत परसफल िखलाड़ीक क्षेक शान आ मान देिख कऽएमोन होइया हमरो क्षेक शान आ मान परभेटल रिहताऽ एकोटा मेडल िमिथलाक लेलढुिढ रहल छी िमिथलाक लेल एक ओलिपक मेडलअथक यास करबे करब ककरा जकांिकेटमे गावकर आ तेंदुलकऱशतरंजमे आनद िवनाथन जकांशुिटंगमे अिभनव िबा आ टेिनसमे सािनया िमज जकांकते कहु ककरा ककरा जका़ चािह एकटा मेडलढुिढ रहल छी िमिथलाक लेल एक ओलिपक मेडलके नैऽ जनैऽयैऽ िमिथलामे बािढ अिभशाप बनलयैऽमािहर भेल नेना भुटका सभ खुब हेलैयऽबािढक वरदान तखने बुझब जखनैऽअगला ओलिपकमे मेडिलट वीमर फेपस परकड़त हार बािढ तािड़त एक मैिथलढुिढ रहल छी िमिथलाक लेल एक ओलिपक मेडलिबहारक हार िमिथला पर िहदीक हार मैिथली पऱ99


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ताहु स पैघ मैिथलक हार मैिथली परिबहार आ िहदी सॕ लगाव कोनो कम निहपर िमिथला वा मैिथलीक उपेक्षा अगज सॕ मगज तकहारो झेलब उपेिक्षत रहब जखन क्यो मैिथल़जीत कयऽ लयताह िमिथलाक लेल़ एक ओलिपक मेडलकोशीक देल कसॕ की की नैऽ गवेलहुँराहत काेष सॕ आहत भए अथाह टुअरक नाम कमेलहुँइितहासमे िबलाऽल िमिथला मिहमाके़पुनरिनवणक ाित सुनिग रहलकिहया हैऽत से निह जािन पर एकटा भरोसा अिछ बनलमैिथल जनसॕ िमिथलाक लेल एक ओलिपक मेडलभरोसा दऽय रहल नवतुिरया मैिथल सब किह रहल अिछअथक यास करबे करब िमिथलाक लेल एक ओलिपक मेडल लेबे करब़कला आ संगीत िशक्षाहृदय नारायण झा, आकाशवाणीक बी हाइेड कलाकार। परपरागत योगक िशक्षा ात।िमिथलाक लुताय गीतगभर् सॅ छिठहार धिरसोहर आ खेलउना पर आधािरत संकार गीतक बानगी100


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्िमिथलाक गौरवमयी े संकृित एवं परपरा केॅ सुरिक्षत रखबाक ेय मैिथली लोकगीत कें अिछ।परपराक सूधार पूवर्जलोकिन मैिथल समाजक जन सामाय कें अपन मूल संकृित ओ परंपराक ित उदारबनाबए लेल तदनुकूल लोकगीतक परंपरा िवकिसत कएलिन । कालातर में अनेकॲ िवान गीतकार ने अपनकृित मे मैिथली लोकगीतक भडार के अयत समृ( बनओलिन । देश ,काल और पिरिथित में पिरवतर्नकसंग संग लोकगीतक रचना में सेहो िविवधता आएल । मुदा आदशर् आचार पर आधािरत लोकगीतक परंपरालोककठ में थान पबइत रहल जे आइयो िमिथलाक आचार आदशर् सॅ पिरचय करबइत अिछ ।सवर्िविदत अिछ जेे लोकगीतॲ में कृिमतानिह होइत अिछ । समाज मे चिलत सामाय बेवहारक अिभयिक्तहोइत अिछ । मैिथली लोकगीतक अवलोकन सॅ िमिथलाक सयता ,संकृित , रीित िरवाज ,पवर्योहार,कला ,सािहय सामािजक उित आ मानवीय आकांक्षाक यथाथर् रूप आइयो अनुभव करबा योग्य अिछ ।िमिथला में जम सॅ लऽ कऽ िववाह धिर सब िबध बेवहार गीतक संग सप होइत अिछ ।बारहो मास मे चिलत पवर् योहार वर्त पूजन आिद परंपराक लेल अलग अलग गीत अिछ । )तुक अनुसारमैिथली लोकगीतक अपन िवशेषता रहल अिछ िमिथला में । िववाह ओ उपनयन आिद संकारक गीत मेंखास कार के रागक योग भेल अिछ जे अय़ निह देखल जाइछ । धमर् धान क्षे हेबाक कारणेंिमिथला में ातः जागरण सेहोपराती लोकगीत सॅ होइत रहल अिछ । जहॉ तक मैिथली लोकगीतक कारक अिछ अनेकॲ कारकलोकगीत आइयो लोककंठ में रचल बसलन अिछ। पुकामना ,जम सॅ संबंिधत सामाय यवहार एवंलोकाचारक सहज अिभयिक्त सोहर , खेलउना , छिठहार , पीपर िपलाई , आॅख अॅजाई , बधैया , आिदनाम सॅ चिलत लोकगीत सभ मे अिछ । एिह मे लौिकक एवं भिक्त धान िवषय पर आधािरत गीतकसमावेश अिछ । एक भक्त हृदय ीक पुकामना यक्त करइत सोहर अिछ -पॉच गाछ रोपल आप पॉचे गाछे इमली रे । ललना तइयो ने सोभय बगीचबा एकिह चनन िबनु रे ।।निहरा में छिथ पॉच भइया आओर पॉच भाितज रे । ललना तइयो ने भावए नइहरबा एकिह अमा िबनु रे ।।ससुरा में छिथ पॉच जाउत आओर पॉच जइधी रे । ललना एक निह भाबए सासुरबा अपन होिरला िबनु रे।।गंगा पइसी नहइतहुॅ हिरवंश सुिनतहुॅ रे । ललना सूित उिठ लिगतहुॅ गोर िक दैव सहाय हएत रे ।।ललना एकिह पु दैव दीतिथ िजउरा जुड़िबतहुॅ रे ।।बच्चा जमक समय सव पीड़ा सॅ िवल ीक मनोदशाक वणर्न सेहो वाभािवक लगइत अिछ । एिहसंगक सोहर अिछ है इस संग के सोहर गीत में । सव पीड़ाक वेदना मे ी अपन सासु ,जेठानी आननिदयो कें वाथ आ कठोर बूझऽ लगैत अिछ आओर पु ाितक बाद सभ क कं े िबसिर जाइत अिछ। पु जमक खुशी मे ओकरा सभक बेवहार नीक लगइत अिछ । एिह भाव कें यक्त करइत सोहर अिछ-अपन माए मोरा रिहतइ , मुुंहवां िनहािरतइ ,दरद बॉिट लीतइ हो ।ललना िपया जी के माए िनरमोिहया होिरला होिरला करइ हो ।।अपन भाउज मोरा रिहतिथ डॉड़ लािग बइसतिथ हो ।101


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ललना िपया जी के भाउज िनरमोिहया भानस भानस करइ हो ।।आधा राित बीतल पहर राित आरो िभनसर राित हो ।ललना होइते िभनसर पह फाटल होिरला जनम लेल रे ।।ललना पु फल पाओल से देिख सब दुःख िबसरल रे ।।िमिथला मे जमक थम उसव छिठहार होइत अिछ । एिह उसव मे ननिद आ भाउजक बीच हासपिरहासक जे वाभािवक रूप िमिथला मे अिछ तकर अिभयिक्त खेलउना और बधइया गीत मे अिछ ।ननिद आ भाउजक बीच मधुर संबंध कें यक्त करइत एक खेलउना मे छिठहारक अवसर पर ननिद कंेबजाबऽ लेल पित सॅ आह करइत भावयक्त होइत अिछ -िपया तोर गोर लागूॅ ननदी मॅगा दे ।जब रे ननिदया नगर बीच आएल । पूरी िमठाई बर्र्र्ऱा मीठ लागे ।। िपया तोर गोर लागूॅजब रे ननिदया दुअरे बीच आएल । िबिछया बाजे बड़ा मीठ लागे ।। िपया तोर गोर लागूॅजब रे ननिदया आॅगन बीच आएल । ननदी के बोली बड़ा मीठ लागे ।। िपया तोर गोर लागूॅजब रे ननिदया सोइरी बीच आएल । बेसिर मॉगे बड़ा तीत लागे ।। िपया तोर गोर लागूॅ ननदी मॅगा दे।।आओर भाउज आ ननिदक बीच हास पिरहास एहनो होइत अिछ जािह मे ननिद इनामक मांग करइत अिछ आभाउज ओिह मांग के अपना तकर् सॅ टारबाक कोिशश करइत अिछ ।ननिद- सब गहना में निथया बड़ा महराजा हो राज ।।भाउज- निथया ने लेइ ननिदया हो महराजा हो राज ।।;ननिद बच्चा कंे उठाकऽ चिल दैत अिछ । तखन भाउज कहइत अिछ लय गेलइ बबुआ उठाय हो महराजा हो राज ।दए जाहु ननदी बउआ हमार महराजा हो राज ।।लए जाहु भइया उठाय हो महाराजा हो राज ।ननिद- हम लेबइ भइया के राज हो महाराजा हो राज ।।भाउज- जॱ तोहें लेब ननदी भइया के राज महाराजा हो राज ।की लेतइ बउआ हमार हो महाराजा हो राज ।।भाउजक तकर्क समक्ष ननिद हािर जाइत अिछ तखन ननिद बधैया गबइत अिधकार पूवर्क भाउज सॅ कहैतअिछ -बधइया हम लेबउ भउजी हे ।।अॅउठी आ मुनरी हम निह लेबइ। जड़ाउदार कंगना भउजी हे ।। बधइयाबाली आ कनफूल हम निह लेबइ । मीनादार निथया भउजी हे ।। बधइयाबाजू िबजउठा हम निह लेबइ । घॅुघरूदार पायल भउजी हे ।। बधइयारेसम के सिरया हम निह लेबइ । लहरदार चुनरी भउजी हे ।। बधइया हम लेबइ भउजी हे ।।102


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्मुदा आब एिह सब तरहक गीतक परंपरा लुत ाय अिछ तें इ गीत सभ सेहो लुत भऽ रहल अिछ । एिहसभ गीतक परंपरा लुत भेला सॅ लौिकक परंपरागत संबंधक मधुरता कोन रूप मे भािवत भऽ रहल अिछिवचारणीय अिछ संगिह इहो िवचारणीय अिछ जे ओिह आदशर् कें बचाबऽ के िवकप कोना खोजल जाय ।बालानां कृते- 1. मय-देश याा आ 2. देवीजी- योित झा चौधरी1. मय देश याातेसर िदन :25 िदसबर 1991 :आिहके हमर सबहक याा ातः साढ़े नौ बजे ारभ भेल जखन हमसब नमर्दा एक्सेस सऽ पेारोड िदसिवदा भेलहुं।अिहबेर हमसब अपन गितिविध कम कऽ गाड़ीक गितिविध पर िवशेष यान देने रही।हमर सबहकगाड़ी उलापुर (10:05 a.m.) घुटकू (10:15 a.m.) कलमीटर(10:30 a.m.) करगीरोड(10:40 a.m).बेलगहना(11:00 a.m). टेमनमाड़ा(11:15 a.m). बेलगहना(10:40 a.m.) हॲगसा (11:35 a.m. सऽहोइत पेारोड पहुंचल। ओत सऽ हमसब तुरत अमरकटक लेल रवाना भऽ गेलहुं।लगभग सवा दू बजेहमसब अमरकटक पहुंचलहुं।ओतय हमसब पयर्टक अितिथशालामे रूकलहुं।भोजनोपरात हमर सबहक पिहलपड़ाव छल ‘माइ की बिगया’। ई जगह नमर्दा नद तथा सोनभा नदीक उगम थान अिछ।माई की बिगया के मण मे सबसऽ पिहने िववेकानद सेवाम देखलहुं।अकर थापना 1983 इसर्वीमे भेलछल।अत साधुसब गेरूआ व धारण केने िवराजमान छलैथ।ओतऽ सऽ किनके आगू बढ़लापर नमर्दामूड़ापहुंचलहुं जतय एकटा छोट सन जलकुड छल। यैह कुड नमर्दा नदके मूल उगम थान छल। अतनमर्दा अवतिरत भऽ पुन भूिमगत भऽ जाइत छैथ। ई कुडके नमर्दाक बायकाल मानल गेल अिछ।अिहठाम‘गुलवकावली’ नामक बूटी भेटैत छै जे की आयुवद िवज्ञानमे अमूय छै आर मेकार पवर्तके अितिरक् त माअतै भेटै छै।तकर बाद ी महातीथर् सोन उगम कुड महतजी ी 108 बालकेर िगिर के तपोभूिमअविथत छै।तकर बाद सोन आऽ भा नदीक संगम कुड छै जे भूिमगत भेलाक बाद किनके दूर परिवशाल झरनाक रूप लऽ लैत छै्र। अिह िवशाल जलपातक सुदरताक वणर्न केनाई असभव लािग रहलअिछ।मानव िनिमर्त वाटर फाउटेन अकर सामने बहुत तुच्छ अिछ। शहर मे अतेक वातिवक एवम् मनोरमाकृितक दृय कहां देखऽ भेटैत छै।ऊंच ऊंच वृक्ष ृंखलाक बीच कच्चा सड़क के पार करैत हमर सबहक टाेली आब करीब तीन फीट ऊंचघासक मैदान मे घुसल।फेर सऽ गाछक झुड आयल।गाछ पर चिढ़ कऽ सब फोटो सेहो िखंचेलक लेिकनहमरा लग कैमरा निहं छल से हमेशा पछतावा रहत।एक वृताकार पथ स होएत हमसब ‘जय मां नमर्दे हर’103


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्पहुंचलहुं।अिह ठाम एकटा नमर्दा कुड छै जे एक टा छोट पोखिर के आकारक छै। कहल गेल छै जेनमर्दा अपन बायकालके बाद अिहठाम पुनः अवतिरत होएत छिथ।अत अनेको देवी देवताक मिदर छैनजेनािक गोरखनाथ मिदर ी रोिहणी देवी मिदर ी दशावतार मंिदर नमर्देर महादेव मिदर ी गाैरीशंकरमंिदर ी सूयर्नारायण मंिदर ी ग्यारह रु मंिदर िसेर मंिदर इ यािद।अिह सबहक बाद हम सब घुिरएलहुं अपन थान पर।पता चलल जे आिह हम सब करीब 7 िकलाेमीटर पैरे चललहुं। ई ज्ञात भेलासऽहमर सबहक थकान आर बिढ़ गेल।तकर बाद फेर वैह संग मे खेलनाइ़ अंताक्षरी़ चुटकुला़ गीत नाद आसबसऽ नीक छल माउथआगर्न सुननाई।हमरा सबके खुजल मैदान भेटल छल तािहमे कैप फायर के मजासेहो उठेलहुं।2.देवीजी : सरवती पूजावसंत पंचमी के शुभ िदन आिब रहल छल।सब िवाथ गौँवा सबसऽ चंदा जमा कऽ पूजाकतैयारी केलैथ। अिह पूजा लेल िवालयके ांगण सऽ उम आर कोन थान भऽ सकैत छल।सबाधानायापक सऽ अनुमित लऽ कऽ सरवती जीक ाितमा अनलक। पूजाक तैयारी मे देवीजी िवाथसबहक संगे सतत् उपिथत एवम् कायर्रत रहैथ।पुरोिहत के बजाओल गेल।104


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्पूणर् िविधर्िवधान सऽ देवी सरवतीजीक पूजा अचर्ना भेल। अिह सबमे पुरोिहत सबकेसरवतीजीक मिहमा बतेलिखन। ओ कहलिखनजे माता सरवती िवाके देवी छिथ।ई ेतव धारण करैतछिथ जे साि वकताक ातीक अिछ।िहनकर हाथमे वीणा रहैत छिन तथा हंस पक्षी िहनकर सवारीछैन।िहनकर चािरटा हाथ चािर वेदक ातीक मानल गेल अिछ आर ई चािरटा वेद मे सािह यके तीनू िवधापय़ ग तथा संगीत िनिहत अिछ।एक हाथमे पुतक गक ातीक़ दोसर हाथमे फिटक माला पकातीक़ तेसर हाथमे वीणा संगीतक ाेतक तथा चािरम हाथमे पिव जल सऽ भरल कलश सािह यक तीनूिवधाके शुताक ातीक मानल गेल अिछ।सरवती देवीके सेब फल सबसऽ िय छैन से मानल गेल अिछतथा िहनका मधुक नैवे चढ़ायल जायत छैन। मधुके ज्ञानक सपूणर्ताक ातीक मानल गेल अिछ। फेरमूिर्के िवसजर्न सेहो कैल गेल।अिह ाकारे सब अपन बौिक िवकास के लेल िवाक देवीके पूजा केलैथ।आबै वलासमयमे िविवध ाकारक ाितयोिगता आबैवला छल से सब देवी सरवती सऽ आशीवद लऽ आगामीकायर्मक तैयारी मे लािग गेलैथ।बच्चा लोकिन ारा मरणीय लोक१.ातः काल मुहूर् (सूयदयक एक घंटा पिहने) सवर्थम अपन दुनू हाथ देखबाक चाही, आ’ ई लोकबजबाक चाही।कराे वसते लमीः करमये सरवती।करमूले िथतो ा भाते करदशर्नम्॥करक आगाँ लमी बसैत छिथ, करक मयमे सरवती, करक मूलमे ा िथत छिथ। भोरमे तािह ारेकरक दशर्न करबाक थीक।२.संया काल दीप लेसबाक काल-दीपमूले िथतो ा दीपमये जनादर्नः।दीपाे शरः ोक्ः सयायोितनर्मोऽतुते॥105


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्दीपक मूल भागमे ा, दीपक मयभागमे जनादर्न (िवणु) आऽ दीपक अ भागमे शर िथत छिथ। हेसंयायोित! अहाँकेँ नमकार।३.सुतबाक काल-रामं कदं हनूमतं वैनतेयं वृकोदरम्।शयने यः मरेियं दुःवतय नयित॥जे सभ िदन सुतबासँ पिहने राम, कुमारवामी, हनूमान्, गरुड़ आऽ भीमक मरण करैत छिथ, हुनकर दुःवन भऽ जाइत छिह।४. नहेबाक समय-गे च यमुने चैव गोदाविर सरवित।नमर्दे िसधु कावेिर जलेऽिमन् सििधं कुरू॥हे गंगा, यमुना, गोदावरी, सरवती, नमर्दा, िसधु आऽ कावेरी धार। एिह जलमे अपन सािय िदअ।५.उरं यसमुय िहमाेैव दिक्षणम्।वषर्ं तत् भारतं नाम भारती य सतितः॥समुक उरमे आऽ िहमालयक दिक्षणमे भारत अिछ आऽ ओतुका सतित भारती कहबैत छिथ।६.अहया ौपदी सीता तारा मडोदरी तथा।पचकं ना मरेियं महापातकनाशकम्॥जे सभ िदन अहया, ौपदी, सीता, तारा आऽ मदोदरी, एिह पाँच सावी-ीक मरण करैत छिथ, हुनकरसभ पाप न भऽ जाइत छिह।७.अथामा बिलयसो हनूमां िवभीषणः।कृपः परशुराम सतैते िचरीिवनः॥106


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्अथामा, बिल, यास, हनूमान्, िवभीषण, कृपाचायर् आऽ परशुराम- ई सात टा िचरीवी कहबैत छिथ।८.साते भवतु सुीता देवी िशखर वािसनीउेन तपसा लधो यया पशुपितः पितः।िसिः साये सतामतु सादातय धूजर्टेःजावीफेनलेखेव ययूिध शिशनः कला॥९. बालोऽहं जगदानद न मे बाला सरवती।अपूण पंचमे वष वणर्यािम जगयम् ॥१०. दूवक्षत मं(शुक्ल यजुवद अयाय २२, मं २२)आ ियय जापितॠर्िषः। िलंभोक्ा देवताः। वराडुकृितछदः। षजः वरः॥आ ॑न् ा॒णो ॑वचर्॒सी जा॑यता॒मा रा॒े रा॑ज॒यः शुरे॑ऽइषयो॒ऽितया॒धी म॑हार॒थो जा॑यतां॒ दोग्ॴ धे॒नुवढा॑न॒वाना॒शुः सितः॒ पुर॑िध॒यवा॑िज॒णू र॑थे॒ाः स॒भेयो॒ युवाय यज॑मानय वी॒रो जा॒यतां िनका॒मे-िन॑कामे नः प॒जर्यॲ वषर्तु॒ फल॑वयो न॒ऽओष॑धयः पच्यतां योगेक्ष॒मो नः॑कपताम्॥२२॥माथः िसयः सतु पूणः सतु मनोरथाः। शूणां बुिनाशोऽतु िमाणामुदयतव।ॐ दीघयुभर्व। ॐ सौभाग्यवती भव।हे भगवान्। अपन देशमे सुयोग्य आ’ सवर्ज्ञ िवाथ उप होिथ, आ’ शुुकेँ नाश कएिनहार सैिनक उप होिथ। अपन देशकगाय खूब दूध दय बाली, बरद भार वहन करएमे सक्षम होिथ आ’ घोड़ा विरत रूपेँ दौगय बला होए। ीगण नगरक नेतृवकरबामे सक्षम होिथ आ’ युवक सभामे ओजपूणर् भाषण देबयबला आ’ नेतृव देबामे सक्षम होिथ। अपन देशमे जखन आवयक होयवष होए आ’ औषिधक-बूटी सवर्दा पिरपक्व होइत रहए। एवं मे सभ तरहेँ हमरा सभक कयाण होए। शुक बुिक नाश होएआ’ िमक उदय होए॥मनुयकें कोन वतुक इच्छा करबाक चाही तकर वणर्न एिह मंमे कएल गेल अिछ।एिहमे वाचकलुतोपमालड़्कार अिछ।अवय-॑न् - िवा आिद गुणसँ पिरपूणर् 107


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्रा॒े - देशमे॑वचर्॒सी- िवाक तेजसँ युक्आ जा॑यतां॒- उप होएरा॑ज॒यः-राजाशुरे॑ऽ<strong>–</strong>िबना डर बलाइषयो॒- बाण चलेबामे िनपुणऽितया॒धी-शुकेँ तारण दय बलाम॑हार॒थो-पैघ रथ बला वीरदोग्ॴ-कामना(दूध पूणर् करए बाली)धे॒नुवढा॑न॒वाना॒शुः धे॒नु-गौ वा वाणी वढा॑न॒वा- पैघ बरद ना॒शुः-आशुः-विरतसितः॒-घोड़ापुर॑िध॒यवा॑- पुर॑िध॒- यवहारकेँ धारण करए बाली यवा॑-ीिज॒णू-शुकेँ जीतए बलार॑थे॒ाः-रथ पर िथरस॒भेयो॒-उम सभामेयुवाय-युवा जेहनयज॑मानय-राजाक रायमेवी॒रो-शुकेँ परािजत करएबलािनका॒मे-िन॑कामे-िनययुक् कायर्मेनः-हमर सभकप॒जर्यॲ-मेघ108


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्वषर्तु॒-वष होएफल॑वयो-उम फल बलाओष॑धयः-औषिधःपच्यतां- पाकएयोगेक्ष॒मो-अलय लय करेबाक हेतु कएल गेल योगक रक्षानः॑-हमरा सभक हेतुकपताम्-समथर् होएििफथक अनुवाद- हे ण, हमर रायमे ाण नीक धािमर्क िवा बला, राजय-वीर,तीरंदाज, दूध दए बाली गाय, दौगय बलाजतु, उमी नारी होिथ। पाजर्य आवयकता पड़ला पर वष देिथ, फल देय बला गाछ पाकए, हम सभ संपि अिजर्त/संरिक्षतकरी।Input:(कोकमे देवनागरी, िमिथलाक्षर िकंवा रोमनमे टाइप करू। Input inDevanagari, Roman or Mithilakshara)Language: (पिरणाम देवनागरी, िमिथलाक्षर आ फोनेिटक रोमन/ रोमनमे। Result inDevanagari, Roman, Mithilakshara and Phonetic Roman.)Englishto MaithiliMaithilito EnglishSearchिवदेहक मैिथली-अंेजी आ अंेजी मैिथली कोष (इंटरनेटपर पिहल बेर सचर्-िडक्शनरी) एम.एस. एस.क्यू.एल. सवर्र आधािरत -Based on ms-sql server Maithili-English and English-Maithili Dictionary.१.पी डाटाबेस २.भारत आ नेपालक मैिथली भाषा-वैज्ञािनक लोकिन ारा बनाओल मानक शैली१.पी डाटाबेस-(िडिजटल इमेिजंग / िमिथलाक्षरसँ देवनागरी िलयांतरण/ संकलन/ सपादन-पीकारिवानद झा , नागे कुमार झा एवं गजे ठाकुर ारा)जय गणेशाय नम:109


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्18पुरूषोम सुतो ज्ञानपित: मांडबे ट स हिरकर सुत बाटू दो।। ज्ञान पित सुतो उँमापित सुरपित एकमा बिलयास सँ आडिनसुत बाढ़दौ।। एकमा बियास सँ बीजी वरणीधर। एक सुता पदमनाम ी िनिध ी (1115/0411) नाया:।। पदमनाम सुतो शुक् त(1108/0711) हिरवंश हिर शमर्णो बरेबा स पुरूषोम दौ वरूआली मराढ़ में बीजी िदवाकर: ए सुतोवाध ीहषर्:।। ी हषर्स तित मराढ़वासी बाछ स तित बरूथली वासी।। बाछ सुतो।। आविथक च कर रतनाकर मधुकर साधुकर िवरे वर धीरे वरिगरी वरा: धनौजसँ जनादर्न दौ।। साधुकर सुतो धाम: पिनहारी दिरहरा सँ गंगे वर दौ अपरो देहिर: पिनचोभ सँ िवघ् ने वर दौ।।देहिर सुता गंगे वर दौ।। ठ सुरपित सुता दूबे 1127/ दिरहरा सँ गंगे वर दौ अपरौ देहिर: पिनचोभ सँ िवघ् ने वर दौ।। देहिरसुता दिरहरा सँ गंगे वर दौ।। ठ सुरपित सुता दूबे 1127/ लाक्ष मिहपितय: मंगरौनी मा डर सँ पीता बर सुत दाम दौ मा डर सँबीजी िनयनभ : ए सुतो आिदभ: ए सुतो उदय भ ए सुतो िवजयभ ए सुतो सुलोचन भट (सुनयन यह) ए सुतो यह ए सुतोधमर्जटी िम ए सुतो धाराजही िन न ए सुतोहमजरी िम एसुतो िपुर जरी िम ए सुतं िवघुजरी िम ए सुतो अजय िसह: एसुतो िवजय िसंह ए सुतो ए सुतो आिद बइह: एसुतो महोवराह: ए सुतो सोढ़र जय िसहं तकचायर्र महा व िवा पारड़त महामहोपा याथ: नरिसंह:।।19तकचायर् महा िवाा पारड़त महामहोपा याय नरिसहं (111011061) सुता महामसे 1107110/11 िनिध िशलपािण(1116110/11) कुलधरा:।। महामहो िनिध सुतो ी कुमार पाठक वासी कुलधंर कोड़रावासी िशलपािण मड़रौनीवासी ए सुतोमहािवभाकर: जिजबाल मातृक:।। ए सुता नारायण च कर िव वे वरा: किरअन सँ धमिधकरणीक महामहोपा याय भरथ दौ।।महामहोपा याय नारायण सुता महामहोपाधा देवश मर् हेलन जगतपुर नरदेवा: आदय: परली पालीसँ जयश मर् दो अ यो केउँटी राडढ़ सैधराई दौ।। महामहोउपा देवश मर् सुता महामहो जग नाथ महामहोड़ देवनाथ िम (1116/0811) न दी िम (1118110911गुणे िम िथतकरा:आदयो पोखरौनी टंकवास स् नरिसंह दौ अपरौ छादन सिरसब सॅ देवािद य दौ अ यौ भ डािरसमसँ रूिचकरदौ।। महामहोउ जग नाथ सुता सदुपा याय (191105) अमतू सदुपा याय (1909/0611) िवशो महामहोपा याय वतेशा(1118/02।।) वतेशा गढ़िनरदूितसँ महामह तक िवाधरदौ मेर दीसँ ीधर दौ।। अपरौ पीता बर: चहद पिनचोभ सँ च करदौ।। पीता बर सुतोदाम दामोदर: बेलउँचसँ तीथर्ड़र दौ भरेससँ िव वनाथ दॱ।। (1144110211) दामू सुता बाए़ लय सँमहामहोपा यायरामे वर दौ: बाढ़ लयसँ बीजी पंिडत गंगा ए सुतोभरत: ए सुता सीते पदूम वर्मान हाडका:।। पदूमसुतोकमलपािण। ए सुता रतने वर व वर यवे वर देवे वरा: खौआल सै नयपािण दौ एकहरी सँ सोने दौ व सेवर सुतो(1157/10811) वीरे वर महापहोपा याय रामे वरी आदय: भा डरसँ यामकंठ दौ अ योततैल प डआसँ महामहो िदवाकर दौसोनकिरयाम करमह गसॅ हिरकेश।।110


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्(20)महोपा याय (11600211) रामे वर सुता महो (181101) हे वर महो ल मीघर (531107) महो गंगाधरा: (1631103) मताउनदिरहरा सँ एित दोते।।: मताओन दिरहरा सँ बीजी ीकर: ए सुतो गंगे वर िव वे वरॲ।। गंगे वर सुता िव दये वर हे वर यवे वरपरनाम सव वर पशुपित धम वर िगरी वर गौरी वरा टकबालमाक िगरी वर सुतो देवािद य दुग िद यॲ अलय सँ रित दौ।।देवािद य सुतो रित िबजूको: सिरसब सँभवदेव दौ महोरित सुता ठकुराइिन लिरका देयीका:।। कोइयारसँ भवश मसर् दौ।। ठक् कुरदुबे ीपितसुता ठ (151109) हरपित ठ (84/04) नरपित ठ. च पित . च पित . चाण: सोन करयांम करमहा सँ ीधरदौ सोन िरयाम करमाहासँ ीजी महामहोपा याय वंशधर: ए सुता महामहोहिरहम महामहोहिरकेश म. म. धूतर्राज गोनूका: सकुरीसँमहामहो देयी दौ।। महामहो हिरकेश सुतो (121104) गोिव द नोने को ख डबला सँ िन यान द दौ।। अपरौ (11102) ल मीपितल मीकंठो कुजौली सँ बाछे दौ।। अपरै लािह रूिचकर हिरवंशा: लखनौर सकराढ़ी सँ पिनहथ ढोढं दौ।। रूिचकर सुतो हरदिनितकरौ ख डबलासँ िव वनाथ दौ।। अपरो िगरी वर: मनकी सजातनाम सीत दौ।। िगरी वर सुतागंगे वर भवे वर देवे वरा:लखनौर सकराढ़ीसँ सव वर दौ।। (603106) गंगे वर सुता (211108) नरिसंह ी कसर् केशवा: बेलासक जीवे वर दौ अपरै(20/08 ) वाराह ी धर माधव (291103 351103) रामा: पतौना खौआल सँ आदू दौ।। पतऔना खौआलसँ बीजीमहामहोपा याय जापित सुतो महो वाच पित महो उँमापित।। (127/05) वाच यित सुतो गणपित(21)धनौज सँ िपुरािर दौ।। गणपित सुता शिशधर (211/04) ल मीघर सुरान द धमर्िधकरिणक महामहोपा याय (1103110511)हिरश मर्णा:।। शिशधरसुतो गदाधर: मड़ारसँ (िवदौ ।। अपरौ मिहघर पृ वीघरौ गंगोली सँ देवरूप दौ।। अपरै जयकर िशरू गोनूगंगाधरा: सँ ियकर दौ।। गदाधर सुतो महामहो यपािण महो हिरपािण महुआएं भीखम दौ।। महो हिरपािण सुतो ल मीपािणरतनपािण उदनपुर जिजवाल सँ शाितकर दौ।। अपरौ मिहपािण जयपािण गंगोली सँ माक:।। महामहो रतनपािण सुता महोहरािदस महामहो (131010) भवािद य महामहो यािद य महामहो धरािद या गंगोलीसँ वंशधर दौ।। अपेरे जयािद य महामहो(191109) दैविद य महो गंगािद या िमगुआल सँ च कर दौ।। महामहो जयािद य सुता ल मीकर शुिचकर आचायर् उदयकरा:बनाइिन पाली सँ भोगी वर दौ (20101) शुिचकर सुता छीतू (71106) बीकू आडू का भुतहरी िनरबूितसॅ सुत दौ िदयोयसँ पितगौण।। आड़ सुता महपौर लयसँ गयशमसर् दौ: महथोरे लयपर बीजी बाढ़न ए सुतो िव वनाथ: ए सुतौ गयश मर् गुणाकरौिमगुआलसँ िवरे वर दौ।। गयश म सुतोकारू वेदूकौ सकराढ़ी माकौ।। ीध सुतो (30110) रितध (531106) मिहधेरो नाउनमें मुरािर दौ: शिरायपुर नरउनसँ बीजी मनोधर: ए सुतोबलम: ए सुतो बलम: ए सुतो पनाईत भे वर: केउँटी सउढ़सँ हिरहरदौ।। ए सुतो (10101) रामे वर न दी वरौ अलयसँ देवपित दौ।। न दी वर सुतो गौरी वर गोिव दो करूआनी सकराढ़ीसँ रितकरदौ: करूआनी सकराढ़ी सँ बीजी हरद त: ए सुतो ीकरदशा: (13104) मनोरथा:111


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्(22)दशरथ सुता बिलदेव (81105) राम नरिसहं।। पचहीवासी नरिसहं सुतो शूलपािण: िसंहाम सँजाई दौ।। ए सुतो पदमपािणमहामहोपा याय कारूकौ आदय: सुरगण सँ गोवर्न दौ।। अ यो कोइगर सँद हन दौ।। महामहोपा यायकारू सुतो महो गोिव दमहोितकर महो जगरमहो (14107) हिरहरा: करही सँ हिरवंश दौ।। महोितकर सुतो ल मीकर मधुकरौ सिरसब सँमहो हरािद रूदौ।। सिरसबसँ बीजी रतनपािण ए सुतो चपािण दीधीसँ भीम दौ।। ए गुत ी वस ट ले वर वसु धर रामदेवकाम देवा:चहदपिनचोभसँ िछितशम दौ।। ी व स सुतामहो (11102) देवािद य महो (14107) जयािद य महो हरािद या म दवालज लकीसँ उोतकर दौ।। अपरौ िशवािद य: जलकौर पालीसँ ी व स दौ महो हरािद य सुता ना यपुर सौआल सँ बाछ दौ1103 101।। म. म. धमर् िवधयर्णक हिरशम सुत राजे बढ़े (11102 4101) नाने गडूर जयश मिण: ना यपुर का िसनय:तादयो गढ़ एकहरी सँ धनमुय दौ। अपरौ मड़ार सँ पीथो मिगनेय: 14101 बाछे सुता जयदेव कापिन मधवा गंगोलीसँ भीम सुतशाकलय दौ धोिसयाम सँ धाम दौण अपरौ धाम: अहपूर करमहा सँ सँ नारायण सुत िहंगू दौ।। गौरी वर सुतो दामोदा मुराािर: तकबाल सैरूद दौ: टंकबालसँ बीजी हिरपािण: ए सुतो शंरपयािण: कीितर्पािण: िपहवालसँ मालोदो ।। गंखपािण: नीमावासी।। कीितर्पािणसुतो गोिव द शूलपािण: गोिव द पोरखरौनीकासी।। ए सुतो नरिसंह: पइसरासँ उँमापित दौ।। ए सुतो बरसे वर: बेला सकरादीसँराउल मासो दौ।। अपरौशुक् ल (17106) िभखारी:।। गंगोलीसँ रितदेव दौ ।। अपरै रितदेव दौ।। अपरै हिरहर मुरािरअन नत दामोदर ीनापा:(23)तेरहोत सकराढ़ीसँ रामे वर दौ 110311090 व से वर सुतो रूद: ना यपुर खौआलसँ होिरल दौ 11103511 गड़र सुतोधमिधकरणीक म.म. िवठुआलसँ रैधर सुत मनोधर दौ।। ए सुतो धीरे वर: सुइरीसँ धम यक्षक देवे दौ ।। अपरौ िव ये वर: ।।रूदसुता 2 ोझोली बेलउँच सँ कीितर्शम दौ।। अथ ठोम टेकारी ाम त चतुवदा यायी कामदोवो बीजे।। ए सतापािकपरशुराम िदक्षीत सोमिपाठी कृ ण।। किलगामौ पायर्क परशुराम सुतोीधर बलभो िपाटीसँ कुमर दौ बलभ सुता शारड़ बनमालीउोतकरा: महुआसँ अिग्नहोक धनमय दौ।। शारड़ सुतो राम वामनौ।। वामन कांचगाम वासी।। महामहोपा यायराम िव वपंचक(बेलउँच) वासी। ए सुतो संतोष पिरतोषौ।। स तोष स तित दिक्षण पाटक वासी चाकाम सित।। पिरतोष सुतो हिरहर नारायणोदुखनौरीसकराढ़ीसँ बनमाली सुत हरान द दौ।। अ यौ दिरहरसँ मातृक:।। नारायण सुतो देवे (1130111) भवे को एकहरावािस यो।।। हिरहर सुतो कुश लवौ सकर िन यान द दौ लम त बड़िय ना ना िस गढ़ वासी।। कुश सुतो िशवदाशकीितर्श मणॲ सकराढ़ी सँ ल मीपािण दौ कीितर्श मर् सुता बलाइिन पालीसँ भोगी वर दौ मुरारी (116220) सुता बागे गोगे मांगुकातेरहोत सकराढ़ीसँ जाई दौ।। तेरहोत सकराढ़ीसँ बीजी गंगाराढ़ीसँ बीजी गंगािद य एसुतो भवािद य एसुतो जाई माने कौ गंगोली संपिणडत केशव दौ।।(24) ''4''112


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्जाई सुतो हारू गोगू कौ कुजौली सँ राजू दौ।। कुजौलीसँ बीजी दाितय पु पौदय इ च रू तारापित िदनकर मटकरा।।िदनकर सुता कणर् वासुदेव गंगाधर नरदेव मूल देव।। कणर् सुता हिरहर हिरहन शािब शूलपािण नरिसहं िशवाणा:।। िशवहन सुता (1117110811) शुभंकर जयकर ल मीकर नोने मेधाकर गुणाकरा: मोखिर सँ मधुमन दौ सकुरीसँ महमहो देवीदौ।।मेधाकर सुतो जनक: वनगांव वासी बलाइिन वासी पासीसँ दे टन दौ।। ए सुतो भीम न दी वरौ पकिलया सँ का ह दौ।। न दी वरसुतो (1126090) रूप पचटन प डुआ सँ मुरारी दौ अपरौ िशव: क पिसआ मातृक: िशव सुतो राजूक: कुिरसमा सकराढ़ी सँ यामकंठ दौ।। राजू सुता सुधाकर अमृतकर (12310711) सोमकर िवधुकर च कर शिशकरा: तादयोरेकौरा गंगोलीसँ पिडतकेशव दौ।। सोइिनसँ शंकरदाश ौ।। ठ. (1173110511) च पित सुता महामहो महादेवा परनामक येध महामएं भगीरथा:परनामक मेध महामहो दामोदर म.प. महेशा: रेकौरा सकराढ़ीसँ वीर सुत रूद हौ: रेकौरा अकराढ़ीसँ बीजी किपलान द ए सुतोनयपािण ए सुतो हम वर: बरैवा सँ िलोचन दौ।। ए सुतो गोवर्न ना यपुर अलय सँ हिरपािण दी ।। ए सुतोब धु वर्न: टूनीना नारख् यात: नरधोध टकबालसँ बनमाली दौ।। ए सुता बाटू गोिव द माधना च दौत पालीसँ गंगाधर दौ।। अथ प ली ाम बीजीकिपदेव: ए सुतो सोमदेव ए सुतो वासुदेव: सुतोआिददेव ए सुतोराउल भुगुक: एत यपली।। यम एक य सुतो अिभम यु(06110711 112110411) पुरूषो तमॱ(25)अपरा सुतो हमे वर महे वरौ।। अपरा सुता शंकरदेव बलदेव वरदेव वासुदेवा: मछैटा ामोपायर्का:।। महे वरसुता िकतूर् गुणाकरिदवाकर गव वरा।। िकतर् सुता नाटू साटू िशव छीतर नोनेका: सकराढ़ी सँ नरिसंह दौ।। नादू सुतो च कर:च ोत गामेपाथर्क:।। ए सुता महो (19166) ितकर महामहो शुिचकर आचायर् ल मीकर महो गुणाकरा: तादया य डीह ढिरहरासँ अिभम युदौ।। अ यौ खौआलसँ हिरपािण दौ।। महाम ने गुिचकर सुतो महोगंगोधर गणपित: आदमो गंगोर सँ रजदेव दौ अ यो नहरासँ गांगूदौ।। महो गंगाधर सुतो मही (10104) हलधर धमर्िधकिरिण म.म. (2311010) निरिसंह।। महामहो (20/01) ज्ञदै क् ज्ञ:तादयो मताओन दिरहरासँ शूलपािण दौ अ यो गोरा जिजवालसँ िशवद त दौ।। गोिव द सुता (1351109) होरे चांड़ो सोम(301101) हिर वर गोमा: गढ़ ख डबला सँ कामे वर दौ 01/0511 बैकु ठ सुतो गंगे वर (0609) भोगी वरौगढ़ वािसयॲ।।गंगे वर सुता िसे वर सोमे वर रतने वर नोन देवके ता दया च वारॲ नरवाल माक: अ यो हिरअम माक: ।। िसे वर सुतागढ़वय भगव िशवश मर् िव णुस ण: नीमातक (तनपािणदौ।।भगव सुतो कामे वर गढ़अलयसँ देवश मर् दौ।। (28104) कामे वर सुताफनदहसँ गंगे वर दौ: अविहरख ड भ डािरसम स बीजी कुसुमािद य: ए सुतो ीधर कलपािण:।। ीधर सुता।।(26) ''5''एकादश: तेक: मैनी वासी।। अपरौ विश ठ: सुरगन ऍं सवज आउ दौ।। अपरौ ओहरी करही अपरौ रैधर: ए युतो गंगाधर:फन दह वासी।। ए सुतो लरवाई शिशधरौ।। महो लखाई सुता रतने वर (181106) भवे वर: ज्ञाने वरा: बुजौलीसँ मेधाकरदवै।। अपरौ ह ले वर िबरे वरौ में र दीसँ हिषकेश दौ ह ले वर सुता ंगे वर घने वर रामे वरा: तेरहोत सकराही सँ कुले वर सुतभवने वर दो सकुरीसँ महो नयपािण दौ।। (20/05) गंगे वर सुता सुपरानी बंगोनी सँ सुपट दौ (1101/0411) वी सुता देवधर113


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्मासो मुरािर गांगु िशवदेव:।। देवधरसुता आिददेव (1134110711) िव वरूप पुरूषोम आिददेव सुतो (1107/02) िवकणर्वसु धरौ।। त वसु धर सुतो देवपािण:दिरहरा सें मांगु दौ।। ए सुता शारड़पािण ीपािण शूलपािण वंशीधर धराधर हलधरा:तादया य बलिह।। टंगवालसँ बृह पित दौ।। िमवंश भािगनेभयो।। धराधर सुतो देवािद य: देवहार सरौनीसँ देवनाम दो।।लोहरा ामोपिथक ए सुतो शुज महामहोपा याय सुपरौ रवौआलसँ हिरपािण दौ महामहोपा याय सुपर सुतो त (109/0211) सोमगोमॲ वनिनयामसँ भीखम दौ अपरै साबै वीर (1120/0211) धीर परम चांड़ौका बलिहटसँ रितकर दौ ।। अपरौ गौरी वर:बलिहटसँ (आनयािद सा) चांडो सुता वीर ( 40/0611 451103) न दी गुणेका: उचित सँ अ दू सुत दृ ट य दौ(27)उिचत भ डािरसमसँ बीजी मिहपािण ए सुतो धमर्पािण लखाई कौ।। लरवाईक: सोहरा वासी धमर्पािण उचित वासी।। ए सुतोपदमपािण नरउनसँ ियंकरदौ।। ए सुतो पुरूषोतम सिरसबसँ कामदेव दौ।। ए सुतोअ टू नोने कौ मािलछसँ ल मीकंठ सुत देवकंठदौ।। अ सुतो (112310411) धानू तटवय कौ।। आदयो: गोरा जीजवाल सँ रीपित दौ।। अ यो गुलदी ख डवसासँरतनाकर दौ।। हटवय सुत (1125102111) माधव दामोदर ीधर (1128110711) हलधर केशव: कुजौलीसँ शिशकर शंकरसुत रधु दौ यिहमतसँ हिरहर दौ।। (1143/0611) वीर सुता रू (1130/110311) राजू सोने का: वमिनयामसँ गोनन सुतिकहो दौ: वभिनयामसँ बीजी हिरश मर् ए सुतो झालोक: महजाली मािक: एक सुता शुभंकर जयकर ियंकर चोथेका।।(117510411) शुभंकर सुतो बाहते क: जगितसँ महािनिध दौ।। ए सुतो रामहम कृ ण हजौ।। रामहम सुता भीम जाई जवेकांगू का: सुइरीसँ का ह दौ।। जायी सुता गोर जयपित (1122/10) गणपितय:।। गोर सुतो वीर (111411) गोननो कोड़रामा डरसँ रतने वर दौ अ यो यमुगाम सँ हिरकृर दौ।। गोनन सुता (''27/07'' ''92/09'') मिहपित िकठो ऐंठोका: महवालसँिदवाकर दौ: महबालम बीजी माहवमप या: परना ए सुतो भाकर ए सुतो बनमालीक: ए सुता ओहिर ढेहिर चधरा:।। ओहिरराकर सुतो िदवाकर जीवाकौ हिथयन सकुसँ देवपित दौ।। िकहो। सुता ख डवलासँ रिवकर दौ (''22/01'') िदवाकर भवश मर्गढ़धरा: नीमाटंक सउँथ पािण दौल रतनाकर सुतो पक्षधर: कुरर्समासक राजूदौ।।(28) ''6''पक्षधर सुतो हलधर गशोधरौ दिरहरासँ रतनाकर दौ।। यशोधर सुतो रिवकर पािनयोगसँ कोनदौ ।। रिवकर सुलारू ी करौ गढ़िव ीसँ शंकर दौ बाढ़ िव ी सँ बीजी िव णु श म: ए सुतो हरािद य ए सुतो कमिद य:।। ए सुतो कमर्िद य।। ए सुतोशाितिवािहक देवािद य राजव लम भवािदलो।। यिद िवहदेवािद य सुता पाएधािरक वीरे वर यिक्तव नैवािधक (64/05) धीरे वर यमहासमि धपित महामहनतक गणे वर म डमागीक यटे वर था तिर: हरदयन् सु्रदहानक ल मीछत शुभ ता: त वीरे वर टपपगणे वर शुभद ता: ना यपुर िपालीसँ कामे वर दौ।। अपरौवितर्त धीरे वर अनुमांक जने वरॲ महपौर वासी मा दमभािगनयो हरद तल मीद त: मह पौर वासी यमुगाम किरयर् माने दौ।। हरद त सुतो मुरारीद त: बहेरापीसँ लठावन दौ।। अपरौ उँमापित दतवरूआली मातृक ।। अपरौ शंकरद अलयसँ देवे दौ।। अपरौ महबाक होराइक: गढ़ बे उँचसँ शंकरद दो।। शंकरदा त सुतानरवाल सँ िदवाकर दौ।। रूद सुतो वेणीक: दे हण सो हण ितमे मुरािरय: देहलॲ (09/07) दे हनी वलाइिन वसी सो हनॲ मछाँटा114


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्वासी ितमे जलकर मुरारी बहराढ़ीवादी ए सुतो देवपािण च पित।। देवपािणसुतो हािरल देहिर: आदय: सुरगनसँ गोबर्न दौ।।(29)अ यो िभ न मातृक:।। होिरल सुता ल मीकंठ जयकंठ िशितकंठ सोखे (09/04) लड़ावन यामकंठ हेलना: तादयो सिरसबसँकामदेव सुत कानह दौ अ यो खैआलसँ बाछे दौ।। जयकंठ सुतो थानािरक रित: पवौलीसँ वीर दौ (05/04) िवकणर् सुतो गणपितवाच पित।। वाच पित पबौली गामोपाथर्क: ए सुतौ हरद त।। बापरौ आदय सुरगन सँ गोबर्न दौ अ य जेहोरी सकरदीसँऐलौदो।। हरद त सुता वीर देवे ीद ता: वीर सुतो मसे (14/03) गंगारभ द हिरदाशदै।। जलवंशा राजवासी दामोदरो बीजी एसुतो माधव बा वौ।। माधव स तित भ दवाल वासी ए सुतो जानु ुितपरम िलोचन:।। जानू सुता भुिमन द दाजू अच् युतमधरा:।। दाजू सुतो हिरदाश:।। हिरदाश सुता सँ दौ।। थाीक ठरिन सुतो ठ. वासुकी: गढ़ िनखूितसँ भगपर दौ।। िनि नसँबीजी िपाठी रू: ए सुता महामहवक सुरे वर रतने वर नोने देवे का: सरौनी मातृक: सरौनी मातृक:।। महामहक सुरे वरसुताशाित िविहक हिरहर िवाधर देवधरा: डीह राउढ़सँ छीतर दौ।। महामहतक िवधाधर सुता जगर नाने रतनधर देवधरा बुधौरासकराढ़ी में गणपित दौ।। छतौनीसँ माधव छौ।। महामहतक जगर सुती ल मी शम कीितर्श मर्णॲ िसंहाम रतने वर दौ दुवादएपार पुर मकएढ़ीसँ अन त दौ।। ठ. वासुकी सुता गोिव द नरहिर (10/01) जनादर्ना: त हनपुरसँ राकर दौ : त हनपुरसँ बीजीिव णु श म: ए सुता शुक् ल जान रतने वर क्षमोदरा: त दामोदर सुतोलोिरक: बेलासकएढ़ीसँ मासोदौ।। ए सुतो च करधमकी।। कुजौलीसँ िवकणर् दौ।। च कर सुतो लग श मर् (तनाकरौ डीह दिररासँ ल मे वर दौ।। रतनाकर सुता पोखरामबसहासँ राम सुत देवे दौ।। सुइरीसँ कीितर्दाश दौ।। ठ. (25/02) नरहिर सुता िव व मर (30/04) िवरपू (25/04) गदाधरा:गढ़मा डर सँ नागे दौ(30) ''7''(02/01) महामहो िनिधसुतो ी कुमार पाठक वासी गंभीरसँ च कर दौ।। ए सुतो दूबे (26/02) चौबेकौ टकबालसँ रतनपािणिदिश िमान द दौ।। (09/05) दूबे सुतो घृितकर: केउँटराम प डोसी सँ रूद दौ।। ए सुतो रिवकर: अलयसँ गोिवनद दौ।।एक सुतो गुणी वर (11/06) कोने वाणेकौ ितसउँन सँ जगर सुत नारायण दौ िनमऍ दुभग् य दौिह दौ।। बागे सुतोशतूक: गढ़यमुगामसँ जीवे वर दौ गढ़यमुगाम बीजी ीकर: ए सुतो हिरकर: ए सुतो जीवे वर: सकराढ़ीसँ पदमपािण दौ।। जीवे वर सुतोआउिन माउिन: अथरी दिरहरा सँ नरिसंह दो: दिरहरासँ बीजी कमल पािण: ए सुता देवधर धरणीधर माहव (किन ठा) अपरौ(14/07) िच तामिण: (15/07) देवधर सुतो कुसुम (11/03) रेच ो कुसुमे सुता सागर पुराई सीध का: ।। सागर सुतो पाईदामोदरा।। दामोदर सुतो बसाईक: ए सुतो राम: ए सुतो नरिसहं।। नरिसहं।। सुता िदधो से कमिद य दौ।। ठ. िव व मर सुतोनाथू (70/02) बाटू कौ (52/01) खौआलसँ िबकू सुत रघुपित दौ (03/06) िबकू सुतो रघुपित: गंगोरसँ भोरे दौ: गंगोर सँ बीजीशा वत: ए सुतो दामोदर: ए सुता रघु माधव च पारा: छतौनी सँ ृंगार दौ।। च घर सुतो िबनू िवनू कौ प डुआ स राम दौ।।(19/04) िवदू सुता िव वनाथ (16/09) ी नाथ जग नाथ देवनाथा: सतलखासँ मिहधर दौ।। ी नाथ सुतो गुणीनाथ: राढ़ीकोइगार सें शाित दौ ए सुतो भोरेक: शीशे पालीसँ ऐलौदौ।। भोरे सुता (17/01) िशवनाथ भवनाथ देवनाथा: छतौनी वासी115


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्सठवालसँ देवश मर् िदिश कुसुमाकर दौ छतौनीसँ परमे वर ौणा (23/01) रघुपित सुतोहिरपित: (25/04) नरउनसें कोने दोनरउनसँ बीजी महामहोपा याय मिहधर: ए सुता ी धर मनोबर ल मीधरा:।। ीधर सुतो उदयकर ियंकर ियंकरें।। कुमुदीमातृको।। अपरो िलोचन:।। उदयकर सुतारतनाकर पु याकर रूिचकरा: लखनौर सक मातृ: रतनाकर सुता पदमाकर मिकर।(31)शुिचकर कीितर्करा: मिकर सुतो जयश मर् हिरश मीणौ।। व सवाल वािस यो।। बुधौरा सकराढ़ी िितकर दौ।। (11/06)हिरश मर् सुतो िितश मर्: पचही जिजवालसँ ल मी वर दौ जािनवालसँ बीजी द डपािण: ए सुतो रतनपािण हषर्पािण:।। रतनपािण सुताशूलपािण गोवर्न महेव वर शीरू शारड़ा।। शूलपािण स तित पतखौिर वासी।। (09/01) गोवर्नो गोरा वासी।। महे वरसुतोउे वर: पचही वासी।।। ए सुता (17/03) गौरी वर शुक् ल का ह सु रेवर सोमे वपरा:।। का ह सुतो ल मी वर हिर वरौ: सरौनीसँ सवन द दौ।। ल मी वर सुतो पदमपािण: पचही सकराढ़ीसंकारूदौ।। ितसउँत सँ छौ।। िितश मर् सुतो डालू (08/02) कोनेकौ करमहा सँ नोने दौ।। (02/06) नोने सुता कीितर्श मर् (143/06) रामश मर् मांगू का: आदय: मेर दी सँ कुसुमाकर दौ।।अ यो सुरगन सँ िवरे वर दौ।। मेर दीमँ बीजी जनादर्न: सुतौ बैकु ठ ऋिषकेश सुता भानू पु याकर िदवाकर गुणाकर: पर पर िभ नमातृका:।। पु याकर सुता दृिगत सँ का ह दौ (14/05) कोन सुतो उदयकर (23/06) ी करौ बिलयाससँ भीख दौ।।(01/02) शुक् ल हिरवंश सुता (09/03) सुता रितकर सोमकर ल मीकर (10/65) साधुकर िदवाकर शुंभकरा: आदय िसधौलीसँसुरे वर दौ।। अपरैय हड़री ख उवाससँ चे वर दौ।। अ यो गढ़ बेलउँच सँ चणाई दौ।। िदवाकर सुतो िभखेक: ितसउँतसँहे वर दौ ितसउँतसँ बीजी िव व मर: ए सुता हिरहर ह ले वर (14/05) नारायण (10/05) पदमनाम गोधन जीवन िदवाकरा:आदय सिरसब सँ रामदौ।। अ यौ करनैठा सकराढ़ीसँ रतनपािण दौ।। हिरहर सुतो डालूक: िव की से मधुकर दौ।। डालूहे वर: मा डर सँ च कर दौ।। हे वर सुतो मोती क(32) ''8''मा डर से नारायण दौ।। (11/03) िभखे सुता रूपुर सिरसब सँ वीर सुत महादेव दौ वरूआलीसँ रामे वर दौ।। एवम ठ.महोदेवािद मातृक चम।। महामहोपा याय ठ. भगीरथा परनामक मेध सुतोमहामहोपा याय ठ. रामभ: नाउन से उितपित शुत शोरेदौ (08/04) डालू सुता मधुकर (27/02) च कर (24/07) िदवाकरा: मड़ार सँ सोम सुत यरे वर दौ।। पचदही िसंहम सँधाम दौ।। मधुका सुतो रूिचकर िव वे वरौ (5/07) करिहया पिनचोभ सँ सॲसे दौ।। करितया पिनचोभसँ बीजी च डे वर: ए सुतोिभखेक: ए सुतो गॲिढ: केउँटराम प डौलीसँ प डौलीसँ हे वर दौ त हनपुर सँ महादेव दॲ।। गॲिढ सुतो सॲसेक: सुइरी सँ गुणकरसुत मधुकर दो।। सॲसे सुतो िितकर हारू कौ बेला सक जीवे वर दौ।। 03/011 रामौ बलिह टंकबाल मातृक: ए सुतौ मधुकरचाड़ौ।। मधुकासुतौ राउल मासौकौ बेलावासी पचही जिजवालसँ महे वर दौ राहुल मासौ सुता िलोचन कृ ण नारायणा: कोइयार सँहर वर दो।। िलोचन सुवा हरद पुरोिहत गोपाल साधुकरा: बुधौरासँ बुधौरासँ भोनू दौ।। हरद त सुतो चाण गोननो पिनचोभ सँसहसदेव दौ।। पिनचोभसँ बीजी मधुमन: ए सुताधू जिट वाच पित वृह पित भोजदे य:।। त धू जर्िट स नतित तिल माामोपायर्क:।। (16/02) वाच पित सि तत वीरपुर ामॱ पायर्क:।। ए सुतो रिव श मर्: ए सुतो महादेव ए सुता सहदेव ीदेव116


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्आिददेवा:।। सहदेवसुता सािह देहिर आडूका: से सँ दौ गोनन सुतो जीवे वर धरे वरी बरूआलीसँ चा द दौ।। जीवे वसुतोिगरी वर:(33)ख डबलासँ जाई दौ (07/05) दामोदार सुतो महोदिध: पाली मातृक:। ए सुतौ िव वनाथ गोननौ।। दौ अपरौ होरेक: दिरहरासँिव वरूप दौ।। होरे सुतो जाई भवनाथो।। ग भीर होरा वािसयॲ ।। जाई सुता माितध सँ देहिर दौ।। मािलछ सँ बीजी व से वरए सुतौ हलै वर दिडका: सुरगन मातृक:।। ए सुतो पुरूषोम देहिर: ख डबसासँ कापिन माधव दौ।। देहिर सुतो करूणाकर:थुरी जालय सँ धाम दौ।। (55/04) रूिचकर सुतो रितपित: तकवाल सँ िशरू दौ टकबाल से बीजी हिरकंठ: ए सुतौ ल मीकंठ:प डुआ सँ शंकर दौ।। ए सुतो बाढ़क: देउरीसँ ी नाथ दौ।। ए सुतौ माधव (25/01) केशवौ नरवालसँ यशुदौ भ दवालपिरसरासँ कृ ण श मर् दौ।। बृहद हनपुरासँ िव णुकर क तत: माधव सुतो िशरू मांगु कौ जलकौर दिरहरासँ अ इ सुत सॲढ दौगाउल फरमहा सॅ पागु छौ।। िशरू सुता (24/08) रूद रित िव वे वरा: मा डर सँ सुधाकर दौ (02/05) सदुपा याय (27/02)िवशोसुतौ (28/05) हिरका सुधाकरो पालीसँ हलधर दौ (06/08) दे हन सुतो गंगाद ह ले वरौ िवलय सँ हिर दौ गंगाद सुताधारे वर शंकर भोगी वर यवे वर (12/01) मोती वरा: िसंहामसँ महोदिध पौ देहिर सुत गदाधर दौ।। धारे वर सुतो धीरे वर:दिरहरासँ देव स तित देवे वर दौ।। ए सुता हलधर देवधर ल मीधर (14/02) ी धरा: जगितसँ धारे वर दौ: जगितसँ बीजीजयकर ए सुतो सगर: ए सुता जलसेन िलोचन अरिव दा।। जलसेन सुता मधुकर गोधब ीकर दे हन जीव धरा:।। गोधनसुनो िसे वर गंगे वरौ।। िसेश् वर सुता कृ ण धारे वर रूे वरा: जगित वास य:।। धारे वर सुतो बोधी कोने को केउँटी एडढ़सँ हिरहर दौ(34) ''9''केउँटी राउढ़ बीजी मसबास बासूक: ए सुतो िसंगारूक: ए सुतोवाराह:।। ए सुता ी व स जगद ी धरा: ीधर सुता िव वापरल मीधर शिशधर मिहधर हिरहरा: िसंहाम सैगंगािद य दौ।। हिरहर सुता धोिसयामसँ ितन दन दौ। हलधर सुतो (42/01)सोसेक: सुपटानी गंगोलीसँ गोम देगो। (05/07) गोम सुतो जीवेक: एकमा विलयास सँ रितकर दौ।। (08/07) रितकार सुतािदखोसँ सा हू दौ।। (19/02) सुधाकर सुता मनोरथ (36/06) हिर का ह सोमा बहेराढ़ी सँ रिव दॲ (07/01)।। लड़ावन सुतोराम सुपनो रूपुर सिरसबसँ वीर दौ।। राम सुतो (27/01) रिव: डीह दिरहरा स िव व भर दौ िपहवालसँ ल मीपित दौिह दे(19/08) रिव सुतो पुरेक: मा डसँ िवभू दौ (07/01) अपरा दूबे सुता गुणाकर शाितकरणीक (22/07) पौखू िमकरा: मछेटापालीसँ ी कंठ दौ।। अपरौ सुपेक घुसौनसँ राम सुपे सुतो िवभूक: िद योयसॅ जग नाथपुर वासी सुरे वर दौ (10/10) िवभू सुतोगोरा जिजवाल सँ भवद त दौ 1108/03) गोबर्न सुतो कापिन ाण: भ डािसकस कंठ दौ कोधुआसँ गोिव द ौ।। कापिनसुता भवद गंगाद जयदता: सकराढ़ीसँ शारड़ दो।। मांडल भवद सुता दूबा सकश लभश मर् दौ।। ी कर सुता जनकबैकु ठ धारे वरा:।। जनक सुतो ऐलो बीठू को बरैबासँ का ह दौ ऐलो सुता आिददेव जीवधर व के वरा: जी सुताअन त रिवसुपेका इबावािसन् या: च डी बेहद दिमसँ िवािनिध मिह िनिध दौ।। रिव सुता शुिचकर गुणाकर शुंभकर लभश मर्णा: बलिहिस117


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्िशवािदत लभश मर् सुतो रामश मर्: गढ़ बेल ल मीपािण सुत पांचू दौ।। एवम रितपित मातृक चं।। ।।रितपित (48/05) सुतागोरे होरे बासू शशुका: बहेराढ़ी सँ जनदर्न(35)सुत गणपित दौ (07/08) (32/08) जनादर्न सुतो गणपित: शिरायपुर न उनसँ हिर वर दौ (03/08) रामे वर सुतो योगी वरच वरॲ (65/03) िवरपुर पिनचोभ सँ रतने वर दो (08/08) वाच पित सुतो हिरश मर् ए सुतो (18/03) देवश मर् ए सुतो थानूक:ए सुतौ गौरी वर ए सुतौ महे वर वीरपुर वासी ए सुतोकामे वर: ए सुवौरतने ततैल प डुआ में गुणाका दौ।। ए सुतौ िव वनाथ(17/04) िवकू कौ तदयो रेकौरा गंगोली स जाटू दौ अ यौ त हनपुरसँ लौिरक दौर अपरा सुता करूआनी सकराठी सँ जगदरदौ सिरसबसँ राम ौ (08/07) (2/108) साधुकर सुतो िमकर (16/03) च डे वरौ ितसउँतसँ पिडत सुपाई दौ।। 08/09।।नारायण सुतो पिडत सुपाईक: पतऔना खौआ गदाघर दौ।। ए सुता भड़ारसँ ीिनवास दौ।। हिर वर (25/05) सुताचा दोविलयास सँ िशवािद य दौ।। चा दो बिलयास सँ बीजी पुरूषोम ए सुतामहादेव जयदे महे वरा:।। जयदेव सुतो सुि निधएसुतौ महािनिध ए सुतो जयिनिध रतनपुर ितलयसँ हिरहर दौ।। जयिनिध सुवा अभयिनिध राजिनिध सु ल मी करा: तदयोबभिनपाम सँ राम दौ।। सुपर कोयलीसँ रिव भािगनेयो।। अ यौ महुआ मातृकी।। अभयिनिध सुता रतने वर रामे वर परमे वर:गंगो देवरूप दौ।। रतने वर सुता सूयर्कर देव गौरी वर शंकर गदाधरा: तादयो िदनारी सरीसन सँ राम दो।। अपरैबिनिनयामसँ िनितश दौ।। सूयर्कर सुता (44/06) रूिचकर िशव (13/02) गंगािद य महो (28/03) हरािद य का ह कामे वरा:मछैटा पाली से गणे वर दौ शोधवाल गंगोलीसँ गंगे वर दौ।। िशवािद य सुता होरे पुराई धारू भवाई दुगिद य(36) ''10''धोिसयामसॅ जग नाथ सेतु ी रंग दौ लाहीसँ ी धर दौ।। (49/07) गणपित सुता रिवकर अमरू कमलू का: बेलकुँच महािद रूदौ (04/07) िशवदाश सुतोदुगिद य (14/05) तीयर्करौ डीह दिरहरासँ िवकणर् सुतन दन दौ सुरगन सँ राय दृिकेश ौ।।दुगिद य सुतो धरािद य किपले वरौ कुजौली सँ रूिचकर दौ सिरसबसँ बीर दौ।। धरािद य सुता एकादश महो (16/05) धमिद यमहो (30/09) जयिद य महो (22/06) गयािद य महो महािद य महो जीवािद य (19/06) महो (25/05) महो रूािद य (25/05)पझपुर मकिलयसॉं सीधू सुत बाछे दौ िचलकौ दिर भव ौ अपरे सुता (तना िद य नहो िमािद य महो (20/02) महो ाणािद या:(33/16) भरेहासँ गणपित दौ सोहन ज लकीसँ समश मर् छौठा अपरौ रूक् मािद य परनामक बाट (35/02) बाटु प लाला लहरागंगोली में बारू दौ।। महो महािद य सुवा िव वनाथ (50/02) दूबे (66/02 दूबे मोखे चौबे का: मा डर सँ गोपाल दौ।। 02/10)अपरा निरिसंह सुतो चोथू मोथू कौ ।।चौथू सुतो देहिर: जिजबालयाक: ए सुतो देवदाश रामपित:।। देवदाश सुतो रतने वर एसुतो सुधन सथवई कौ ना यपुर अलय सँ पौखू भािगनेयो ।। सुपन सुतो गणे वर नर देवौ सँ दौ।। नरदेव सुतो स जन गोपालौअलयसँ शूल पािणदौ।। गोपाल सुतोहिरिर नरिसहॲ सरपरब ख डबला सँ होरे सुत परमे वर दौ बलहा बिलयाससँ महादेव दौ।।नरदेव सुतो स जन गोपालौ अलय सँ शत पािण दौ।। गोपाल सुतोहिरहर नरिसंहो सरपाब ख डबलासँ होरे सुत परमे वर दौबलहा बिलयाससँ महादेव दो।। एवम शोरे मातृक च शोरे सुताबुधवाल सँ का ह दौ बुधवालसँ बीजी वायुदेव: ए सुतो िवभाकर118


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्भाकरौ।। भाकर सुतोधारे वर हिरपुर वासी ए सुताधम वर बागन होगा गंगोली गणपित दो बामनसुता पुराश कौशलदूबे िहरू कासुइरीसँ ितह त ज्ञाकर दौ।। पुराश सुल मधुक (38/08) सूयर्कर उदयकरा: खौआल सँ रतनपािण दौ(37)मधुकर सुतो सटुपा याय मानूक: एकमा ख डबला सँ सुये दौ।। (09/01) अपरा िव वनाथ सुतो सुपे गांगुकोदिक्षण ख डकटाईसँ भीम दौ।। सुपे जादू मितसर (20/07) शु लाखू का: करमहासँ ल मीपित दौ।। (02/06) लक्षमीपित सुतासिरसवसँ देवािद य दौ (03/02) देवािद य सुता (12/07) सुता रवआ य सँ नोन दौ (003/105) (33/04) नोने सुत: (16/05)का ह: गंगोर सँ शक प दौ।। सदुपा याय (191/03) भानू सुता (45/06) गणे वर (22/07) गुणी वर महो गंगे वर (35/01)रूिचकर (43/04) रितकरा: एकमा विलयास सँ भीखे दौ (08/01) उपरा भीखे सुता िच तामिण िदनमिण (19/09) िहरमिणधरामणय: िलाठी धुसौत सँ िलोचन दौ।। िलाठी धुसौत से बीजी नरिसंह ए सुतो के व: ए सुता ल मीकंठ याम कंठ सुपटा:छौनी सँ िवभू दौ।। ल मी कंठ सुता च कर भवे नर व ता आदयो गोधोली सॅ ीधर भािगनेयो।। अ योछिहमतसँ राम दौ।।भवे वर सुतो िलोचन: दिर गौिढ दौ िलाचन सुता नाउन सँ हिरश मर् दौ (08/08) जिज ल मी व छो ।। महो गंगे वर सुतोहेलूक गढ़ मा डरसँ जीवे वर दौड़ (07/02) कोने गुणी वर सुतो जीने वर पवौली सँ पुराश दै (07/03) वापट सुता यशोधरजगर (17/05) हलधरा: कुसमाल सँ मिणधर दौ।। अपेरे उदयकर गुणाकर पदमकरा: फन दहसँ लखाईातृ शिशघर दौ।।यशोधरा सुतो िितकर पुराशो: नीमातक बलासँ जग नाथ सुत भवनाथ दौ कुजौलीसँ पहका दौ वसुआलसँ भवदाश तुत: पुराश सुतोदेवश मर् ितसउत खुशे दौ।। अपरौ मोहन दामकौ एकमा पिलयासँ आन द कर दौ मरेहासँ लड़ावन छौणा अपरॱ वीठू पु याकरौएकराढ़ीसँ हरपित दौ।। जीवे वर सुता टकबालसँ गोपाल दौ।। अपरा जीवे वर सुतो सॲसेक : बुधवाल (59/07) सँ मानू दौ।।जसान द टकबाल सँ बीजी:(38)पॉंखूक: ए सुतो ी िनवास: ए सुतो हिरहर: उदनपुर िजवास आविथक माने दौ।। ए सुतो बाछेक: गढ़ यमुगामसँ हिरकर दौ।।सुतो गोपाल: िमगुआससँ जाटू सुत िमतूदौ सोइिनसँ शंकरदाश छौणाएकािक गोपाल सुता (46/04) नारायण हिर बासुदेवा:नरवालसँ िदवाकर पौ मिणकर सुत होरे दौ िभखौनी किलगामासँ कमलपािण दौ।। अपरौ सुपेक: हड़री ख डबलासँ गोन द ौ।।तेलू सुतो का ह: दिरहरा सँ पदमकर दौ (07/04) रेच सुतो योगु म डनौ ।। योग सुता आिनधर मनोधर चतुभूर्जा चतुभुर्ज सुतापुराक मसवास देवधरा: पाली सँ ीपािण दौ।। पराक ी प या: परनामा सुतो यश पित िसंहासनसँ मनोधर दौ ए सुतो महामहोरितपित नहॴ रामित महो (12/10) जानपितय: ।। गोधूिल अलयसँ शंरपािण दौ।। हमपुरािदधोय सोम छौठ।। महामहो रितयितसुता महामहो सुरपित महामहो इ पित महामहो महो धृितपितय: जाती मराड़ से लोचन च कर दौ िपहवासँ सीधू दौिहन दौ।।महामरी सुरपित सुता महो िकित म महो ितश मर् नहॴ हिरश मर्िम िमश मर्णा: आो महुआसँ धीतू दौ दिरहरासँ गंगे वरदौ।।अ योकरही भ डािरसमसँ देववंश सुतनयवंश दौ महामहो िितशम ता रिवकर गांगु िदवाकरा: तादयो यमुगाम सँ जीवे वर दौ।।अ यो वित गाम सँ इशर वाट सुत जादू दौ।। दिवकर सुता शुभकर (34/05) गुणाकर जाकर (24/09) कुसुमाकर पदमासर119


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्नदामसँ महादेव सुत सुधाकर दौ दूबा सक मितदेव दौ।। (38/01) पकर सुतो बाटू (73/07) हरीक: त हनपुर सँ गढवय दौ(07/08) शुक् ल जान सुतो महादेव: चा डीटक वालसँ सोम दौ।। महादेव सुता सोमदेव नरदेव गंगदेवा: कुजौली मनोरथ दौ।।सोमदेव सुतो च वर बर्मानौ।। च वर सुतो यवे वर(39)(21/09) वीरे वरी: जालयसँ ीपित दौ।। यवे वर सुतो गढ़वयक: मिहयानीसँ तारापित दौ।। गढ़वय सुता हिर रिव रतना: पालीसँिछताई दौ।। (09/07) मोती वर सुतो रतनाकर: दिर का ह दौ।। ए सुतो िछताई कौ (43/02) िहताई को िस भुनाम वरमहासँशंकर दौ।। िछताई सुतो भावकर: पदमपुर पकिलयासँ बाछ दौ।। पदम पुर पकिलयासँ बीजी बासुदेव:ए सुता महादेव गंगदेवरामदेव कामदेवा: रामदेव सुतो िशितकंठ याम कंठौ।। िशितकंठौ ।। िशितकंठ सुतो िसधूक ामुगाम माक: ए सुतो गणपितबाहरे कौ अपेरो िगरी वर पाली सुइरीसँ अिभ नद दो।। बाछे सुवा भाइ मासे च करा: िचतकौर सँ भव दौ।। माडबेहर सँ का हछौ।। का ह सुता हिर िशव शंकर: उदनपुर जिजपाल सँगुणु दौ।। उदनपुर जिजवालसँ बीजी आवम क मानेक: ए सुता िशिनकंठरित कंठ मुयर कंइ होर कंठ अन त कंठ मिण कंठा तादयो सझौरा सकाढ़ीसँ दौ।। अपरै बरेबासँ शंकर दौ।। िशितकंठ सुताधीर वीर भासे गोपाल हिरहरा: तेर होता सँ नारायण दौ।। देयाम सँ जाकर पौड़ ी कर सुत हिरकर दौ अनयौ के धौनीटकबालसँ गुणकर भा िगनेयो: गोपाल सुो का ह: बनाइिन पाली सँ धीरे वर दौ ए सुता गोिव द (20/09) नारू पुराई रामा: तदयोजगितसँ गणपित दौ अ लो करूआनी सकराहीसूं नाइदो ।। बेलमोहरन नाउन सू तपक सुत काियर् गंगादाश दौ. पुराई सुतो बैजूशंकरॲ ( 38/04) उिचत हखय दौ।। अपरौ डालूक झॲट पाली दिरहरासँ रिवद त दै। (11/05) जानपित झॲटवाली वासी ए सुतामहो िशवपित कृ णपित वासुदेवा: सिरम छीतू दौ हिरअ ब दो बीजी दीिक्षत झॉंड़क: ए सुतौयािक िलोचन: एअतौ िवािनिधदेविनिध।। देविनिध सुतोिवाधर छीतू िस नामा: व डवलासँ नीलढंठ दौ।। सुता हिरहर (16/08) माधव गोिव दा सुइरीसँबहलचनुा।।(40) ''12''सुइरीसँ बीजी शेखर ए सुता रतनपािण वासुदेव लखपितय:।। वासुदेव सुतोशंकर:।। ए सुता आमेध कुमार शार उपािणय: ।।शारड़ पािण सुतौ और बहन च ो बहलच सुता सँ दौ।। िशवपित सुता डालू िवशो होरे हरप त जादू का: आदया छादन सिरसबसँ गयन दौ।। अपरौगंगौर सँ बराहनाथ दौिह हो होरे सुतो रिवद त: गाउल करमाहासँ ीदेव दौ।। रिवद त सुता गांगु का हगोपाला: कोइयार संहारू ।। अपरा सुता करमहासँ आउ ि दौ (02/06) गौरी सुतो अमॉं इक: ना यपुर (बौआल सँ जगदेव दौ।।ए सुतो आउिन बलिहरसँ देवकंठ दौ।। ए सुतो डारू क: धोिसवाम सँ पराशर दौ।। किलमासँ िदवाकर छॱप (38/02) डालू सुतागोरी गुणेहे वर परनामक आमांउका बरूआली से रूिचकर दौ (01/0511) च कर सुतो िव वनाथ: क जुाम सकराढ़ीसँ जग नाथदो गोिव द वनपािन चोमसँ न दन सुत गंगे वर छौ। िव वनाथ सुतो (25/08) मेरी िसंहसन संभव दौ।। ए सुतो रूिचकर दिहमतसँराम सुत इबे दौ भ डािरसमसँ हिरहर रूिचकर सुता सिरसब सँ नाने दौ अपरौ देवािद य सुतोकरूणाकर : करूआनी एक रािढसँ म.म. उ कारू दौ।। करूणाकर सुतो रतनाकर जाकररॱ दहुलासँ ीहषर् दौ।। रतनाकर सुतो हिरकर: कटाई संमीम दौ।।120


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्हिरकर सुतो नाने क: सरौनी संलीक दौ।। नारे सुतो विद य पुरािद यौ जालयसँ राम दौ।। ज लकी (जालप) सँ बीजी बा धन:एसुता खड़गपर चघर शंखघर जीवघरा: एतै मातृक कृ ण: खड़घर सुता िवाघर कीितर्घर गंगाधरा मेर दी मादक िवधाधर सुतोद़ि रूिचकरौ िवजनपुर दिर सँ वेद दो।। हिरहर सुतो चघर शंख धरा जीवधरा: एते माक कृ ण।। खडगपर सुता िवधारकीितर्घर गंगा धरा मेर दी मादक िवधाधर सुतो हिरहर रूिचकरो िवजनपुर पिर सं वेद दो।। हिरहर सुतो ीपित: ए सुतोिव वे वर: मिटयानीसँ तारापित दौ।। ए सुतोभवे वर रामे वरौ वरूआली मा डर सँ म म उ शंकर दौ म म उ रामे वर सुतामहमहतक गणित महामतक रितधर सदुण (24/02) मिहधरा: आदया पबौली सँ मिहपािण सुत यूबेदै अ यो एक धृितका दौ।।गुणेसुता अफेल (224/05) लाखन रिवय 391/07) पालसँ हलधरदौ।। (10/04) अपरौमहो टपबर सुतो।(41)मुरारी एकहरासँ िदवाकर दौ (04/06) देवे सुतो रतने वर : मझौरा सकराढ़ीसँ ीकंठ सुत नीलकंठ दौ पवौती संवाच पितअपरेसु त सोम धमर्िम वर यियसँ िलोचन दौ महुआसँ बर्मान दौ।। रतने वर युवा िदवाकर रूिचकर (227/07) शुिचकरमितकर िम हिरकरा: मड़ार सँ ी हषर् दौ।। िदवाकर सुतो थाना तिरक सुधाकर रितकरौ िवलयसँ बराह सुत देवश मर् दौभ डािरसमसँ धिर वर ौणा। अपरा सुता तेरहोत सकराढ़ी सँ कुले वर सुत भवे वर दौ सकुरीसँ ल मी हैंा मुरारी सुतो पौखूक:तेरहोत सकराढ़ीसँ गाजो दौ (03/09) मनोरथ सुता वनमाली विश ट गोिव द शुभकरा: अपरौ शकषर्ण शुभंकर सुता भागीरथिदवाकर तनपित नाई का: तोहोत वािस य।। िसंहाम सैिवापित छौ. भागीरथ सुतो कुले वर: ए सुता रामे वर योगी वर भवे वरपरमे रा: रामे वर सुनी जीवधर िपतधरौ महुआ सँ महादेव दौ।। जीवधर सुतॲ गाजांक केउँटी िवषय सँ ल मीकर दौ।। ढेढवाल 2वलय सँ नयदेव दौ।। गाजो सुतो गणपित: अलय सँ यशाकरदौ अलय सँ बीजी धरनी धर धाउन िसनामा।। ए सुतामनोरथककअमारका:।। मनोरथ सुता िितकर ीधर वावन रामा: वावन सुतो शंख पुरूषोित।। गोधूिल वािसयॲ पुरूषोम सुतेभोगी वर: पदमपुर पकिलयासँ राम दौ।। ए सुतो यशोधर देव धरौ करूआनी एकराढ़ीसँ म.म. उ कारू दौ करहीसँ नमवंश दौ।।यशोधरा सुतोसरूक नाउन सँ मिहधर दौ अपरा सुता खौआतसँ रूिपािण सुतखांजो दौ ख डबला सँ होरे क्षै।। पौखू सुतागणे वर न दी वर वीर गोिव द हिर वर पतऔना (वौआल सँ नरिसंह दो (03/04) भवािद य सुतो रित: वमिनयामसँ यवे दौ।। रितसुतो डालूक: सरौनीसँ हाउँ दौ।। डालू शिशधर नरिसंहॲ त तदयो नगवाड़ धोसोतसँ रित दौ(42) ''13''अ तयोभ डािरसमसँ िसरिट दौ।। नरिसहं सुतो नारायण दामोदरौ मुगेनी िदथोयसँ कुमर सुत साठू दौ मूलहरीसँ ब लभदाश दौ।।गोिव द सुता होिर नाने भरैवा चा दो बिलयाससँ धारू दौ (10/10) गंगािद य सुता भबाई मंगलधरा परनामा।। भवाईं िम,िशवािदस द तकपु: यमुगामसँ िदनकर दौ अ तयो धोिसयामसँ ीरंकदौ मंगलधर सुतो धारूक: कन दहसँ परान सुत हद दौ यमुगामसँ चतुभुर्त धारू सुतो चाको रतनपािण: कुरहिर करमहासँ धने वर दौ।। गाउल करमहासँ बीजी मुरारी।। रासुता जगर ऐमधरमनोधरा:।। हेमधर सुतो मिहपार ए सुतो हिरहर ए सुतो रितदेव जगदेव ी देव वासुदेवा: तादयो पिनहारी दिरहरासँ बिवराजिमसर दौ।। अत शिरायपुर नाउनसँ बलभ दौ।। ी देव सुतो च डे वर िव ववरै।। च डी वर सुता ाणे वर न दी वर महे वर121


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्म वरा: कुरहिरवािसयॲ योग बेहद कुसखान गोिव दौ।। रामे वर सुता। िगरी वर धने वर मित वर देवे वरा: यमुगामसँ बासुदेव दौधने वर सुतो गुणी वर: बेलमोहन नाउनसँ नारायण दौ।। कीितर्कर सुतो भीखर धाने कौ।। भीखन रतने वर सुता ा ान डगरूद ब वरा ना यपुर िव फीसँ गुणे दौ।। द ब वर सुतो पीता बर गोिव दवन पिनचोम लखन सुत ल मीरकर दौ।। ए सुतो िभरखेक:मािलछ माक: ।। ए सुतो नारायण गोिव दो उपमा य गोे गढ़ एकहरी सँ हिरहर दौ। क् विचत गुरू भे वर दौ।। नारायण सुतोल मीपित: म वाल पिरसरासँ नयश मर् दौ।। एवम रामभ मातृक च।।२.इंिग्लश-मैिथली कोष / मैिथली-इंिग्लश कोषइंिग्लश-मैिथली कोष ोजेक्टकेँ आगू बढ़ाऊ, अपन सुझाव आ योगदान ई-मेल ाराggajendra@yahoo.co.in वा ggajendra@videha.co.in पर पठाऊ।मैिथली-इंिग्लश कोष ोजेक्टकेँ आगू बढ़ाऊ, अपन सुझाव आ योगदान ई-मेल ाराggajendra@yahoo.co.in वा ggajendra@videha.co.in पर पठाऊ।भारत आ नेपालक मैिथली भाषा-वैज्ञािनक लोकिन ारा बनाओल मानक शैलीमैिथलीक मानक लेखन-शैली1. नेपालक मैिथली भाषा वैज्ञािनक लोकिन ारा बनाओल मानक उच्चारण आ लेखन शैली आऽ 2.मैिथलीअकादमी, पटना ारा िनधिरत मैिथली लेखन-शैली1.नेपालक मैिथली भाषा वैज्ञािनक लोकिन ारा बनाओल मानक उच्चारण आ लेखन शैलीमैिथलीमे उच्चारण तथा लेखन१.पचमाक्षर आ अनुवार: पचमाक्षरातगर्त ङ, ञ, ण, न एवं म अबैत अिछ। संकृतभाषाक अनुसार शदक अतमे जािह वगर्क अक्षर रहैत अिछ ओही वगर्क पचमाक्षर अबैतअिछ।जेना-अ (क वगर्क रहबाक कारणे अतमे ङ् आएल अिछ।)पच (च वगर्क रहबाक कारणे अतमे ञ् आएल अिछ।)122


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्खड (ट वगर्क रहबाक कारणे अतमे ण् आएल अिछ।)सिध (त वगर्क रहबाक कारणे अतमे न् आएल अिछ।)खभ (प वगर्क रहबाक कारणे अतमे म् आएल अिछ।)उपयुर्क्त बात मैिथलीमे कम देखल जाइत अिछ। पचमाक्षरक बदलामे अिधकांश जगहपरअनुवारक योग देखल जाइछ। जेना- अंक, पंच, खंड, संिध, खंभ आिद। याकरणिवदपिडत गोिवद झाक कहब छिन जे कवगर्, चवगर् आ टवगर्सँ पूवर् अनुवार िलखल जाए तथातवगर् आ पवगर्सँ पूवर् पचमाक्षरे िलखल जाए। जेना- अंक, चंचल, अंडा, अत तथा कपन।मुदा िहदीक िनकट रहल आधुिनक लेखक एिह बातकेँ निह मानैत छिथ। ओलोकिन अत आकपनक जगहपर सेहो अंत आ कंपन िलखैत देखल जाइत छिथ।नवीन पित िकछु सुिवधाजनक अवय छैक। िकएक तँ एिहमे समय आ थानक बचतहोइत छैक। मुदा कतोकबेर हतलेखन वा मुणमे अनुवारक छोटसन िबदु प निहभेलासँ अथर्क अनथर् होइत सेहो देखल जाइत अिछ। अनुवारक योगमे उच्चारण-दोषकसभावना सेहो ततबए देखल जाइत अिछ। एतदथर् कसँ लऽकऽ पवगर्धिर पचमाक्षरेक योगकरब उिचत अिछ। यसँ लऽकऽ ज्ञधिरक अक्षरक स अनुवारक योग करबामे कतहुकोनो िववाद निह देखल जाइछ।२.ढ आ ढ़ : ढ़क उच्चारण “र् ह”जकाँ होइत अिछ। अतः जतऽ “र् ह”क उच्चारण होओतऽ मा ढ़ िलखल जाए। आनठाम खािल ढ िलखल जएबाक चाही। जेना-ढ = ढाकी, ढेकी, ढीठ, ढेउआ, ढ, ढेरी, ढाकिन, ढाठ आिद।ढ़ = पढ़ाइ, बढ़ब, गढ़ब, मढ़ब, बुढ़बा, साँढ़, गाढ़, रीढ़, चाँढ़, सीढ़ी, पीढ़ी आिद।उपयुर्क्त शदसभकेँ देखलासँ ई प होइत अिछ जे साधारणतया शदक शुरूमे ढ आ मयतथा अतमे ढ़ अबैत अिछ। इएह िनयम ड आ ड़क सदभर् सेहो लागू होइत अिछ।३.व आ ब : मैिथलीमे “व”क उच्चारण ब कएल जाइत अिछ, मुदा ओकरा ब रूपमे निहिलखल जएबाक चाही। जेना- उच्चारण : बैनाथ, िबा, नब, देबता, िबणु, बंश, बदना आिद।123


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्एिहसभक थानपर मशः वैनाथ, िवा, नव, देवता, िवणु, वंश, वदना िलखबाक चाही।सामायतया व उच्चारणक लेल ओ योग कएल जाइत अिछ। जेना- ओकील, ओजह आिद।४.य आ ज : कतहु-कतहु “य”क उच्चारण “ज”जकाँ करैत देखल जाइत अिछ, मुदा ओकराज निह िलखबाक चाही। उच्चारणमे यज्ञ, जिद, जमुना, जुग, जाबत, जोगी, जदु, जम आिदकहल जाएवला शदसभकेँ मशः यज्ञ, यिद, यमुना, युग, याबत, योगी, यदु, यम िलखबाकचाही।५.ए आ य : मैिथलीक वतर्नीमे ए आ य दुनू िलखल जाइत अिछ।ाचीन वतर्नी- कएल, जाए, होएत, माए, भाए, गाए आिद।नवीन वतर्नी- कयल, जाय, होयत, माय, भाय, गाय आिद।सामायतया शदक शुरूमे ए मा अबैत अिछ। जेना एिह, एना, एकर, एहन आिद। एिहशदसभक थानपर यिह, यना, यकर, यहन आिदक योग निह करबाक चाही। यिपमैिथलीभाषी थारूसिहत िकछु जाितमे शदक आरभोमे “ए”केँ य किह उच्चारण कएल जाइतअिछ।ए आ “य”क योगक योगक सदभर्मे ाचीने पितक अनुसरण करब उपयुक्त मािन एिहपुतकमे ओकरे योग कएल गेल अिछ। िकएक तँ दुनूक लेखनमे कोनो सहजता आदुरूहताक बात निह अिछ। आ मैिथलीक सवर्साधारणक उच्चारण-शैली यक अपेक्षा एसँ बेसीिनकट छैक। खास कऽ कएल, हएब आिद कितपय शदकेँ कैल, हैब आिद रूपमे कतहु-कतहुिलखल जाएब सेहो “ए”क योगकेँ बेसी समीचीन मािणत करैत अिछ।६.िह, हु तथा एकार, ओकार : मैिथलीक ाचीन लेखन-परपरामे कोनो बातपर बल दैत कालशदक पाछाँ िह, हु लगाओल जाइत छैक। जेना- हुनकिह, अपनहु, ओकरहु, तकालिह, चोिह,आनहु आिद। मुदा आधुिनक लेखनमे िहक थानपर एकार एवं हुक थानपर ओकारक योगकरैत देखल जाइत अिछ। जेना- हुनके, अपनो, तकाले, चोे, आनो आिद।124


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्७.ष तथा ख : मैिथली भाषामे अिधकांशतः षक उच्चारण ख होइत अिछ। जेना- षय(खड़य), षोडशी (खोड़शी), षकोण (खटकोण), वृषेश (वृखेश), सतोष (सतोख) आिद।८.विन-लोप : िनिलिखत अवथामे शदसँ विन-लोप भऽ जाइत अिछ:(क)ियावयी यय अयमे य वा ए लुत भऽ जाइत अिछ। ओिहमेसँ पिहने अक उच्चारणदीघर् भऽ जाइत अिछ। ओकर आगाँ लोप-सूचक िच वा िवकारी (’ / ऽ) लगाओल जाइछ।जेना-पूणर् रूप : पढ़ए (पढ़य) गेलाह, कए (कय) लेल, उठए (उठय) पड़तौक।अपूणर् रूप : पढ़’ गेलाह, क’ लेल, उठ’ पड़तौक।पढ़ऽ गेलाह, कऽ लेल, उठऽ पड़तौक।(ख)पूवर्कािलक कृत आय (आए) ययमे य (ए) लुत भऽ जाइछ, मुदा लोप-सूचक िवकारीनिह लगाओल जाइछ। जेना-पूणर् रूप : खाए (य) गेल, पठाय (ए) देब, नहाए (य) अएलाह।अपूणर् रूप : खा गेल, पठा देब, नहा अएलाह।(ग)ी यय इक उच्चारण ियापद, संज्ञा, ओ िवशेषण तीनूमे लुत भऽ जाइत अिछ। जेना-पूणर् रूप : दोसिर मािलिन चिल गेिल।अपूणर् रूप : दोसर मािलन चिल गेल।(घ)वतर्मान कृदतक अितम त लुत भऽ जाइत अिछ। जेना-पूणर् रूप : पढ़ैत अिछ, बजैत अिछ, गबैत अिछ।अपूणर् रूप : पढ़ै अिछ, बजै अिछ, गबै अिछ।(ङ)ियापदक अवसान इक, उक, ऐक तथा हीकमे लुत भऽ जाइत अिछ। जेना-पूणर् रूप: िछयौक, िछयैक, छहीक, छौक, छैक, अिबतैक, होइक।अपूणर् रूप : िछयौ, िछयै, छही, छौ, छै, अिबतै, होइ।(च)ियापदीय यय ह, हु तथा हकारक लोप भऽ जाइछ। जेना-125


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्पूणर् रूप : छिह, कहलिह, कहलहुँ, गेलह, निह।अपूणर् रूप : छिन, कहलिन, कहलौँ, गेलऽ, नइ, निञ, नै।९.विन थानातरण : कोनो-कोनो वर-विन अपना जगहसँ हिटकऽ दोसरठाम चिल जाइतअिछ। खास कऽ व इ आ उक सबधमे ई बात लागू होइत अिछ। मैिथलीकरण भऽ गेलशदक मय वा अतमे जँ व इ वा उ आबए तँ ओकर विन थानातिरत भऽ एक अक्षरआगाँ आिब जाइत अिछ। जेना- शिन (शइन), पािन (पाइन), दािल ( दाइल), मािट (माइट),काछु (काउछ), मासु(माउस) आिद। मुदा तसम शदसभमे ई िनयम लागू निह होइत अिछ।जेना- रिमकेँ रइम आ सुधांशुकेँ सुधाउंस निह कहल जा सकैत अिछ।१०.हलत(्)क योग : मैिथली भाषामे सामायतया हलत (्)क आवयकता निह होइत अिछ।कारण जे शदक अतमे अ उच्चारण निह होइत अिछ। मुदा संकृत भाषासँ जिहनाक तिहनामैिथलीमे आएल (तसम) शदसभमे हलत योग कएल जाइत अिछ। एिह पोथीमे सामायतयासपूणर् शदकेँ मैिथली भाषासबधी िनयमअनुसार हलतिवहीन राखल गेल अिछ। मुदायाकरणसबधी योजनक लेल अयावयक थानपर कतहु-कतहु हलत देल गेल अिछ।तुत पोथीमे मिथली लेखनक ाचीन आ नवीन दुनू शैलीक सरल आ समीचीन पक्षसभकेँसमेिटकऽ वणर्-िवयास कएल गेल अिछ। थान आ समयमे बचतक सिह हत-लेखन तथातकिनकी दृिसँ सेहो सरल होबऽवला िहसाबसँ वणर्-िवयास िमलाओल गेल अिछ। वतर्मानसमयमे मैिथली मातृभाषीपयर्तकेँ आन भाषाक मायमसँ मैिथलीक ज्ञान लेबऽ पिड़रहलपिरेयमे लेखनमे सहजता तथा एकरूपतापर यान देल गेल अिछ। तखन मैिथली भाषाकमूल िवशेषतासभ कुिठत निह होइक, ताहूिदस लेखक-मडल सचेत अिछ। िस भाषाशाीडा. रामावतार यादवक कहब छिन जे सरलताक अनुसधानमे एहन अवथा िकहु ने आबऽदेबाक चाही जे भाषाक िवशेषता छाँहमे पिड जाए। हमसभ हुनक धारणाकेँ पूणर् रूपसँ सलऽ चलबाक यास कएलहुँ अिछ।पोथीक वणर्िवयास कक्षा ९ क पोथीसँ िकछु माामे िभ अिछ। िनरतर अययन,126


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्अनुसधान आ िवलेषणक कारणे ई सुधारामक िभता आएल अिछ। भिवयमे आनहु पोथीकेँपिरमािजर्त करैत मैिथली पायपुतकक वणर्िवयासमे पूणर्रूपेण एकरूपता अनबाक हमरासभकयरहत।कक्षा १० मैिथली लेखन तथा पिरमाजर्न महे मलंिगया/ धीरे ेमिषर् संयोजन- गणेशसादभराईकाशक िशक्षा तथा खेलकूद मालय, पायम िवकास के,सानोिठमी, भक्तपुरसविधकार पायम िवकास के एवं जनक िशक्षा सामी के, सानोिठमी, भक्तपुर।पिहल संकरण २०५८ बैशाख (२००२ ई.)योगदान: िशवसाद सयाल, जगाथ अवा, गोरखबहादुर िसंह, गणेशसाद भराई, डा.रामावतार यादव, डा. राजे िवमल, डा. रामदयाल राकेश, धम िवल, रूपा धीरू, नीरजकणर्, रमेश रनभाषा सपादन- नीरज कणर्, रूपा झा2. मैिथली अकादमी, पटना ारा िनधिरत मैिथली लेखन-शैली1. जे शद मैिथली-सािहयक ाचीन कालसँ आइ धिर जािह वर्नीमे चिलत अिछ, सेसामायतः तािह वर्नीमे िलखल जाय- उदाहरणाथर्-ाएखनठामजकर,तकरतिनकर127


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्अिछअाअखन,अखिन,एखेन,अखनीिठमा,िठना,ठमाजेकर,तेकरितनकर।(वैकिपक रूपेँ ा)ऐछ, अिह, ए।2. िनिलिखत तीन कारक रूप वैक्लिपकतया अपनाओल जाय:भ गेल, भय गेल वा भएगेल। जा रहल अिछ, जाय रहल अिछ, जाए रहल अिछ। कर’ गेलाह, वा करय गेलाह वाकरएगेलाह।3. ाचीन मैिथलीक ‘ह’ विनक थानमे ‘न’ िलखल जाय सकैत अिछ यथा कहलिन वाकहलिह।4. ‘ऐ’ तथा ‘औ’ ततय िलखल जाय जत’ पतः ‘अइ’ तथा ‘अउ’ सदृश उच्चारण इ हो।यथा- देखैत, छलैक, बौआ, छौक इयािद।5. मैिथलीक िनिलिखत शद एिह रूपे युक्त होयत:जैह,सैह,इएह,ओऐह,लैह तथा दैह।6. र्व इकारांत शदमे ‘इ’ के लुत करब सामायतः अा िथक। यथा- ा देिख आबह,मािलिन गेिल (मनुय मामे)।7. वतं व ‘ए’ वा ‘य’ ाचीन मैिथलीक उरण आिदमे तँ यथावत राखल जाय, िकंतुआधुिनक योगमे वैकिपक रूपेँ ‘ए’ वा ‘य’ िलखल जाय। यथा:- कयल वा कएल, अयलाह128


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्वा अएलाह, जाय वा जाए इयािद।8. उच्चारणमे दू वरक बीच जे ‘य’ विन वतः आिब जाइत अिछ तकरा लेखमे थानवैकिपक रूपेँ देल जाय। यथा- धीआ, अढ़ैआ, िवआह, वा धीया, अढ़ैया, िबयाह।9. सानुनािसक वतं वरक थान यथासंभव ‘ञ’ िलखल जाय वा सानुनािसक वर। यथा:-मैञा, किनञा, िकरतिनञा वा मैआँ, किनआँ, िकरतिनआँ।10. कारकक िवभिक्क िनिलिखत रूप ा:-हाथकेँ, हाथसँ, हाथेँ, हाथक, हाथमे। ’मे’ मेअनुवार सवर्था याय िथक। ‘क’ क वैकिपक रूप ‘केर’ राखल जा सकैत अिछ।11. पूवर्कािलक ियापदक बाद ‘कय’ वा ‘कए’ अयय वैकिपक रूपेँ लगाओल जा सकैतअिछ। यथा:- देिख कय वा देिख कए।12. माँग, भाँग आिदक थानमे माङ, भाङ इयािद िलखल जाय।13. अर् ‘न’ ओ अर् ‘म’ क बदला अनुसार निह िलखल जाय, िकंतु छापाक सुिवधाथर् अर्‘ङ’ , ‘ञ’, तथा ‘ण’ क बदला अनुवारो िलखल जा सकैत अिछ। यथा:- अ, वा अंक,अचल वा अंचल, कठ वा कंठ।14. हलंत िच िनयमतः लगाओल जाय, िकंतु िवभिक्तक संग अकारांत योग कएल जाय।यथा:- ीमान्, िकंतु ीमानक।15. सभ एकल कारक िच शदमे सटा क’ िलखल जाय, हटा क’ निह, संयुक्त िवभिक्तकहेतु फराक िलखल जाय, यथा घर परक।129


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्16. अनुनािसककेँ चिबदु ारा यक्त कयल जाय। परंतु मुणक सुिवधाथर् िह समान जिटलमाा पर अनुवारक योग चिबदुक बदला कयल जा सकैत अिछ। यथा- िहँ केर बदलािहं।17. पूणर् िवराम पासीसँ ( । ) सूिचत कयल जाय।18. समत पद सटा क’ िलखल जाय, वा हाइफेनसँ जोिड़ क’ , हटा क’ निह।19. िलअ तथा िदअ शदमे िबकारी (ऽ) निह लगाओल जाय।20. अंक देवनागरी रूपमे राखल जाय।21.िकछु विनक लेल नवीन िचह बनबाओल जाय। जा' ई निह बनल अिछ ताबत एिह दुनूविनक बदला पूवर्वत् अय/ आय/ अए/ आए/ आओ/ अओ िलखल जाय। आिक ऎ वा ऒ सँयक्त कएल जाय।ह./- गोिवद झा ११/८/७६ ीकात ठाकुर ११/८/७६ सुरे झा "सुमन" ११/०८/७६आब 1.नेपालक मैिथली भाषा वैज्ञािनक लोकिन ारा बनाओल मानक शैली आऽ 2. मैिथलीअकादमी, पटनाक मानक शैलीक अययनक उपरात िन िबदु सभपर मनन कए िनणर्यकरू।ा / अा130


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्1.होयबला/ होबयबला/होमयबला/ हेब’बला,हेम’बला/ होयबाक/होएबाक2. आ’/आऽ आ3. क’ लेने/कऽ लेने/कएलेने/कयलेने/ल’/लऽ/लय/लए4. भ’ गेल/भऽ गेल/भयगेल/भए गेल5. कर’ गेलाह/करऽगेलह/करए गेलाह/करयगेलाह6. िलअ/िदअिलय’,िदय’,िलअ’,िदय’7. कर’ बला/करऽ बला/करय बला करैबला/क’र’ बला8. बला वला9. आङ्ल आंग्ल10. ायः ायह11. दुःख दुख12. चिल गेल चलगेल/चैल गेल61. भाय भै62. भाँय63. यावत जावत64. माय मै65.देिह/दएिह/दयिहदिह/दैिह66. द’/द ऽ/दए67. ओ(संयोजक) ओऽ(सवर्नाम)68. तका’ कएतकाय तकाए69. पैरे (onfoot) पएरे70. ताहुमे ताहूमे71. पुीक72. बजा कय/कए73. बननाय74. कोला75. िदनुकािदनका121. जरेनाइ122. जरओनाइ-जरएनाइ/जरयनाइ123. होइत124. गड़बेलिह/गड़बओलिह125. िचखैत- (totest)िचखइत126.करइयो(willing todo) करैयो127. जेकरा-जकरा128. तकरा-तेकरा129. िबदेसरथानेमे/ िबदेसरेथानमे130. करबयलहुँ/करबएलहुँ/करबेलहुँ131. हािरक(उच्चारणहाइरक)132. ओजन वजन181. पहुँिच पहुँच182. राखलिहरखलिह183. लगलिहलागलिह184. सुिन(उच्चारण सुइन)185. अिछ(उच्चारण अइछ)186. एलिथ गेलिथ187. िबतओनेिबतेने188. करबओलिह/करेलिखह189. करएलिह190. आिक िक191. पहुँिच पहुँच192. जराय/ जराएजरा’ (आिग लगा)193. से से’194. हाँ मे हाँ(हाँमे हाँ िवभिक्मेहटा कए)195. फेल फैल196.फइल(spacious)फैल197. होयतिह/होएतिह हेतिह198. हाथमिटआयब/ हाथमिटयाबय199. फेका फेंका200. देखाए देखा’131


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्13. देलिखह देलिकह,देलिखन14. देखलिह देखलिन/देखलैह76. ततिहसँ77. गरबओलिहगरबेलिह78. बालु बालू133. आधे भाग/आध-भागे134. िपचा’/िपचाय/िपचाए201. देखाय देखा’202. सिर सर203. साहेब साहब204.गेलैह/ गेलिह15. छिथह/ छलिहछिथन/ छलैन/ छलिन79. चेहिचह(अशु)135. नञ/ ने136. बच्चा नञ205.हेबाक/होएबाक16. चलैत/दैत80. जे जे’(ने) िपचा जाय206.केलो/ कएलोचलित/दैित81. से/ के137. तखन ने207. िकछु न17. एखनो अखनो18. बढ़िह बढिहसे’/के’82. एखुनका(नञ) कहैतअिछ।िकछु/ िकछु नेिकछु19. ओ’/ओऽ(सवर्नाम) ओ20. ओ (संयोजक)अखनुका83. भुिमहार138. कतेक गोटे/कताक गोटे208.घुमेलहुँ/घुमओलहुँओ’/ओऽ21. फाँिग/फािभूिमहार84. सुगर सूगर139. कमाइ-धमाइ कमाई-209. एलाक/अएलाकफाइंग/फाइङ85. झठहाकधमाई210. अः/ अह22. जे जे’/जेऽ23. ना-नुकुर ना-नुकरझटहाक86. छूिब140. लग ल’ग141. खेलाइ (for211.लय/ लए(अथर्-पिरवर्न)24.केलिह/कएलिह/कयलिह25. तखन तँ तखनतँ26. जा’ रहल/जायरहल/जाए रहल27. िनकलय/िनकलएलागल बहराय/बहराए87. करइयो/ओकरैयो88. पुबािर पुबाइ89. झगड़ा-झाँटीझगड़ा-झाँिट90. पएरे-पएरेपैरे-पैरेplaying)142. छिथहछिथन143. होइत होइ144. क्यो िकयो145. केश (hair)146. केस (courtcase)212.कनीक/ कनेक213.सबहक/सभक214.िमलाऽ/ िमला215.कऽ/ क216.जाऽ/जा132


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्लागल िनकल’/बहरै91. खेलएबाक147. बननाइ/217.आऽ/ आलागल28. ओतय/जतयखेलेबाक92. खेलाएबाकबननाय/ बननाए148. जरेनाइ218.भऽ/भ’ (’फॉटक कमीकजत’/ओत’/जतए/ओतए29. की फूड़ल जे िकफूड़ल जे30. जे जे’/जेऽ31. कूिद/यािद(मोनपारब)कूइद/याइद/कूद/याद32. इहो/ओहो33. हँसए/हँसय हँस’93. लगा’94. होए- हो95. बुझल बूझल96. बूझल(संबोधन अथर्मे)97. यैह यएह98. ताितल99. अयनाय-अयनाइ149. कुरसी कुस150. चरचा चच151. कमर् करम152. डुबाबय/डुमाबय153. एखुनका/अखुनका154. लय(वाक्यक अितमोतक)219.िनअम/िनयम220.हेक्टेअर/हेक्टेयर221.पिहल अक्षरढ/ बादक/बीचक ढ़222.तिहं/तिहँ/तिञ/ तैं223.किहं/कहॴ34. नौ आिक दस/नौ100. िन- िनदशद)- ल’224.तँइ/ तइँिकंवा दस/नौ वा दस101. िबनु िबन155. कएलक225.नँइ/नइँ/ निञ35. सासु-ससुर सास-ससुर36. छह/सात छ/छः/सात37. कीकी’/कीऽ(दीघकारातमेविजर्त)38. जबाब जवाब39. करएताह/करयताहकरेताह40. दलान िदिश दलान102. जाए जाइ103. जाइ(indifferent sense)-last word ofsentence104. छत परआिब जाइ105. ने106. खेलाए(play) <strong>–</strong>खेलाइ107. िशकाइत-केलक156. गरमी गम157. बरदी वद158. सुना गेलाहसुना’/सुनाऽ159. एनाइ-गेनाइ160. तेनानेघेरलिह161. नञ162. डरो ड’रो226.है/ हइ227.छिञ/ छै/छैक/छइ228.दृिएँ/ दृियेँ229.आ (come)/आऽ(conjunction)230. आ(conjunction)/आऽ(come)133


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्िदशिशकायत163. कतहु- कहॴ231.कुनो/ कोनो41. गेलाह108. ढप- ढ़प164. उमिरगर-गएलाह/गयलाह109. पढ़- पढउमरगर42. िकछु आर िकछु110. किनए/165. भिरगरऔरकिनये किनञे166. धोल/धोअल43. जाइत छल जाित111. राकस-धोएलछल/जैत छलराकश167. गप/गप44. पहुँिच/भेिट जाइत112. होए/ होय168. के के’छल पहुँच/भेट जाइतहोइ169. दरबजा/छल113. अउरदा-दरबजा45.जबान(युवा)/जवान(फौजी)46. लय/लए क’/कऽ47. ल’/लऽ कय/कए48. एखन/अखनेअखन/एखने49. अहॴकेँ अहीँकेँ50. गहॴर गहीँर51. धार पार केनाइ धारपार केनाय/केनाए52. जेकाँ जेँकाँ/जकाँ53. तिहना तेिहना54. एकर अकर55. बिहनउ बहनोइऔरदा114. बुझेलिह(differentmeaning- gotunderstand)115. बुझएलिह/बुझयलिह(understoodhimself)116. चिल- चल117. खधाइ-खधाय118. मोनपाड़लिखह मोनपारलिखह170. ठाम171. धिर तक172. घूिर लौिट173. थोरबेक174. बड175. तोँ/ तूँ176. तोँिह( पमेा)177. तोँही/तोँिह178. करबाइएकरबाइये179. एकेटा180. किरतिथकरतिथ134


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्56. बिहन बिहिन57. बिहिन-बिहनोइ बिहन-बहनउ58. निह/नै59.करबा’/करबाय/करबाए60. त’/त ऽ तय/तए119. कैक-कएक- कइएक120. लग ल’गEnglish Translation of Gajendra Thakur's (Gajendra Thakur (b. 1971) is the editor ofMaithili ejournal “Videha” that can be viewed at http://www.videha.co.in/ . His poem, story, novel,research articles, epic <strong>–</strong> all in Maithili language are lying scattered and is in print in singlevolume by the title “KurukShetram.” He can be reached at his email:ggajendra@airtelmail.in )Maithili Novel Sahasrabadhani by Smt. Jyoti Jha ChaudharyJyoti Jha Chaudhary, Date of Birth: December 30 1978,Place of Birth- Belhvar(Madhubani District), Education: Swami Vivekananda Middle School, Tisco Sakchi Girls HighSchool, Mrs KMPM Inter College, IGNOU, ICWAI (COST ACCOUNTANCY); Residence-LONDON, UK; Father- Sh. Shubhankar Jha, Jamshedpur; Mother- Smt. Sudha Jha- Shivipatti.Jyoti received editor's choice award from www.poetry.com and her poems were featured in frontpage of www.poetrysoup.com for some period.She learnt Mithila Painting under Ms. Shveta Jha,Basera Institute, Jamshedpur and Fine Arts from Toolika, Sakchi, Jamshedpur (India). HerMithila Paintings have been displayed by Ealing Art Group at Ealing Broadway, London.135


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्SahasraBarhani:The Comettranslated by JyotiWalking to the office, always thinking about something etc. had become routineof Nand. Earlier he used to read some books but he left that habit too. He wasnot spending time in reading books with his children as well. Visiting villagetwice in a year in Holi and in Durga Puja was also changed in visiting villageonly once on the occasion of the Durga Puja. But Nand never missed tocelebrate Holi in village although apart from his family. While going to villageNand started visiting one uncle somehow related to his family.(continued)महवपूणर् सूचना (१):महवपूणर् सूचना: ीमान् निचकेताजीक नाटक "नो एंी: मा िवश" केर 'िवदेह' मे ई-कािशत रूप देिखकए एकर िंट रूपमे काशनक लेल 'िवदेह' केर समक्ष "ुित काशन" केर ताव आयल छल। ी निचकेता जी एकर िंटरूप करबाक वीकृित दए देलिह। िंट रूप हाडर्बाउड (ISBN NO.978-81-907729-0-7 मूय रु.१२५/- यू.एस. डॉलर४०) आऽ पेपरबैक (ISBN No.978-81-907729-1-4 मूय रु. ७५/- यूएस.डॉलर २५/-) मे ुित काशन, १/७, ितीय तल,पटेल नगर (प.) नई िदली-११०००८ ारा छापल गेल अिछ। 'िवदेह' ारा कएल गेल शोधक आधार पर १.मैिथली-अंेजी शदकोश २.अंेजी-मैिथली शद कोश ुित पिलकेशन ारा िट फॉमर्मे कािशत करबाक आह वीकार कए लेल गेल अिछ।संित मैिथली-अंेजी शदकोश-खड-I-XVI. लेखक-गजे ठाकुर, नागे कुमार झा एवं पीकार िवानद झा, दाम-रु.५००/- ित खड । Combined ISBN No.978-81-907729-2-15 e-mail:shruti.publication@shruti-publication.com website: http://www.shruti-publication.com136


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्महवपूणर् सूचना:(२). पी-बध िवदेह डाटाबेस िमिथलाक्षरसँ देवनागरी पाडुिलिप िलयातरण- ुित पिलकेशन ारा िट फॉमर्मेकािशत करबाक आह वीकार कए लेल गेल अिछ। पुतक-ाितक िविधक आऽ पोथीक मूयक सूचना एिह पृ पर शी देलजायत। पी-बध (िडिजटल इमेिजंग आ िमिथलाक्षरसँ देवनागरी िलयांतरण)- तीनू पोथीक संकलन-सपादन-िलयांतरण गजे ठाकुर, नागे कुमार झा एवं पीकार िवानद झा ारा ।महवपूणर् सूचना:(३) 'िवदेह' ारा धारावािहक रूपे ई-कािशत कएल जा' रहल गजे ठाकुरक 'सहबाढ़िन'(उपयास), 'गप-गुच्छ'(कथा संह) , 'भालसिर' (प संह), 'बालानां कृते', 'एकाी संह', 'महाभारत' 'बु चिरत' (महाकाय)आ 'याा वृांत'िवदेहमे संपूणर् ई-काशनक बाद िंट फॉमर्मे। - कुरुक्षेम्<strong>–</strong>अतमर्नक, खड-१ आ २ (लेखकक िछिड़आयल प,उपयास, गप-कथा, नाटक-एकाी, बालानां कृते, महाकाय, शोध-िनबध आिदक सम संकलन)- गजेठाकुरमहवपूणर् सूचना (४): "िवदेह" केर २५म अंक १ जनवरी २००९, ई-कािशत तँ होएबे करत, संगमे एकर िंट संकरण सेहोिनकलत जािहमे पुरान २४ अंकक चुनल रचना सिमिलत कएल जाएत।महवपूणर् सूचना (५):सूचना: िवदेहक मैिथली-अंेजी आ अंेजी मैिथली कोष (इंटरनेटपर पिहल बेर सचर्-िडक्शनरी) एम.एस.एस.क्यू.एल. सवर्र आधािरत -Based on ms-sql server Maithili-English and English-Maithili Dictionary. िवदेहकभाषापाक- रचनालेखन तंभमे।अंितका काशन की नवीनतम पुतकेंसिजदमीिडया, समाज, राजनीित और इितहासिडज़ाटर : मीिडया एड पॉिलिटक्स: पुयसून वाजपेयी 2008 मूय रु. 200.00राजनीित मेरी जान : पुय सून वाजपेयीकाशन वषर् 2008 मूय रु.300.00पालकालीन संकृित : मंजु कुमारी काशन वषर्2008 मूय रु. 225.00ी : संघषर् और सृजन : ीधरम काशनपेपरबैक संकरणउपयासमोनालीसा हँस रही थी : अशोकभौिमक काशन वषर् 2008 मूयरु.100.00कहानी-संहरेल की बात : हिरमोहन झाकाशन वषर् 2007 मूय रु.70.00137


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्वषर् 2008 मूय रु.200.00अथ िनषाद कथा : भवदेव पाडेय काशन वषर्2007 मूय रु.180.00उपयासमोनालीसा हँस रही थी : अशोक भौिमककाशन वषर् 2008 मूय रु. 200.00कहानी-संहरेल की बात : हिरमोहन झा काशन वषर्2008 मूय रु.125.00छिछया भर छाछ : महेश कटारे काशन वषर्2008 मूय रु. 200.00कोहरे में कंदील : अवधेश ीत काशन वषर्2008 मूय रु. 200.00शहर की आिखरी िचिडय़ा : काश कातकाशन वषर् 2008 मूय रु. 200.00पीले कागज़ की उजली इबारत : कैलाशबनवासी काशन वषर् 2008 मूय रु.200.00नाच के बाहर : गौरीनाथ काशन वषर् 2008मूय रु. 200.00आइस-पाइस : अशोक भौिमक काशन वषर्2008 मूय रु. 180.00कुछ भी तो रूमानी नहॴ : मनीषा कुलेछिछया भर छाछ : महेश कटारेकाशन वषर् 2008 मूय रु.100.00कोहरे में कंदील : अवधेश ीतकाशन वषर् 2008 मूय रु.100.00शहर की आिखरी िचिडय़ा : काशकात काशन वषर् 2008 मूय रु.100.00पीले कागज़ की उजली इबारत :कैलाश बनवासी काशन वषर् 2008मूय रु. 100.00नाच के बाहर : गौरीनाथ काशनवषर् 2007 मूय रु. 100.00आइस-पाइस : अशोक भौिमककाशन वषर् 2008 मूय रु.90.00कुछ भी तो रूमानी नहॴ : मनीषाकुले काशन वषर् 2008 मूयरु. 100.00भेम का भेरू माँगता कुाड़ी ईमान: सयनारायण पटेल काशन वषर्2007 मूय रु. 90.00शी कायआलोचना138


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्काशन वषर् 2008 मूय रु. 200.00बडक़ू चाचा : सुनीता जैन काशन वषर् 2008मूय रु. 195.00भेम का भेरू माँगता कुाड़ी ईमान :सयनारायण पटेल काशन वषर् 2008 मूयरु. 200.00इितहास : संयोग और साथर्कता :सुरे चौधरीसंपादक : उदयशंकरिहंदी कहानी : रचना और पिरिथित: सुरे चौधरीसंपादक : उदयशंकरकिवता-संहसाधारण की ितज्ञा : अंधेरे सेसाक्षाकार : सुरे चौधरीसंपादक : उदयशंकरया : शैलेय काशन वषर् 2008 मूय रु.160.00जीना चाहता हूँ : भोलानाथ कुशवाहा काशनवषर् 2008 मूय रु. 300.00कब लौटेगा नदी के उस पार गया आदमी :भोलानाथ कुशवाहा काशन वषर् 2007 मूयरु. 225.00लाल िरबन का फुलबा : सुनीता जैन काशनवषर् 2007 मूय रु.190.00लूओं के बेहाल िदनॲ में : सुनीता जैन काशनवषर् 2008 मूय रु. 195.00फैंटेसी : सुनीता जैन काशन वषर् 2008मूय रु. 190.00दु:खमय अराकच : याम चैतय काशन वषर्2008 मूय रु. 190.00कुआर्न किवताएँ : मनोज कुमार ीवातवबादल सरकार : जीवन और रंगमंच: अशोक भौिमकबालकृण भट्ïट और आधुिनक िहंदीआलोचना का आरंभ : अिभषेकरौशनसामािजक िचंतनिकसान और िकसानी : अिनलचमिडय़ािशक्षक की डायरी : योगेउपयास139


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्काशन वषर् 2008 मूय रु. 150.00मैिथली पोथीिवकास ओ अथर्तं (िवचार) : नरे झाकाशन वषर् 2008 मूय रु. 250.00संग समय के (किवता-संह) : महाकाशकाशन वषर् 2007 मूय रु. 100.00एक टा हेरायल दुिनया (किवता-संह) :कृणमोहन झा काशन वषर् 2008 मूय रु.60.00दकचल देबाल (कथा-संह) : बलराम काशनवषर् 2000 मूय रु. 40.00सबध (कथा-संह) : मानेर मनुज काशनवषर् 2007 मूय रु. 165.00पुतक मंगवाने के िलए मनीआडर्र/ चेक/ ाटअंितका काशन के नाम से भेजें। िदली सेबाहर के एट पार बैंिकंग (at par banking)चेक के अलावा अय चेक एक हजार से कमका न भेजें। रु.200/- से यादा की पुतकॲपर डाक खचर् हमारा वहन करेंगे। रु.300/-से रु.500/- तक की पुतकॲ पर 10% कीछूट, रु.500/- से ऊपर रु.1000/- तक15% और उससे यादा की िकताबॲ पर20% की छूट यिक्तगत खरीद पर दी जाएगी।अंित का , मै िथ ली ै मा िस क , सपादक-अनलकांतअंितका काशन,सी-56/यूजीएफ-4,शालीमारगाडर्न, एकसटेंशन-II,गािजयाबाद-माइोकोप : राजे कुमारकनौिजयापृवीपु : लिलत अनुवाद :महाकाशमोड़ पर : धूमकेतु अनुवाद : वणमोलारूज़ : िपयैर ला मूर अनुवाद :सुनीता जैनकहानी-संहधूँधली यादें और िससकते ज़ख्म :िनसार अहमदजगधर की ेम कथा : हिरओमएक साथ िहदी, मैिथली में सियआपका काशनअंितका काशनसी-56/यूजीएफ-4, शालीमार गाडर्न,एकसटेंशन-IIगािजयाबाद-201005 (उ..)फोन : 0120-6475212मोबाइल नं.9868380797,9891245023ई-मेल:antika1999@yahoo.co.in,antika.prakashan@antika-140


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्201005 (उ..),फोन : 0120-6475212,मोबाइलनं.9868380797,9891245023,prakashan.comhttp://www.antikaprakashan.comआजीवन सदयता शुक भा.रु.2100/- चेक/ाट ारा “अंितका काशन” क नाम सँपठाऊ। िदलीक बाहरक चेक मे भा.रु. 30/-अितिरक्त जोड़ू।(िवज्ञापन)बया, िह दी छमाही पिका, सपादक-गौ री ना थसंपकर्- अंितका काशन,सी-56/यूजीएफ-4,शालीमारगाडर्न, एकसटेंशन-II,गािजयाबाद-201005 (उ..),फोन : 0120-6475212,मोबाइलनं.9868380797,9891245023,आजीवन सदयता शुक रु.5000/- चेक/ाट/ मनीआडर्र ारा “ अंितका काशन ”के नाम भेजें। िदली से बाहर के चेक में 30रुपया अितिरक्त जोड़ें।141


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ुित काशनसँ८. नो एी: मा िवश- डॉ. उदय नारायणिसंह “निचकेता”१.पंचदेवोपासना-भूिम िमिथला- मौन२.मैिथली भाषा-सािहय (२०म शतादी)-ेमशंकर िसंह३.गुंजन जीक राधा (ग-प-जबुलीिमित)- गंगेश गुंजन४.बनैत-िबगड़ैत (कथा-गप संह)-सुभाषच यादव९/१०/११ 'िवदेह' ारा कएल गेल शोधक आधार पर१.मैिथली-अंेजी शद कोश २.अंेजी-मैिथली शद कोशुित पिलकेशन ारा िट फॉमर्मे कािशत करबाक आहवीकार कए लेल गेल अिछ। संित मैिथली-अंेजीशदकोश-खड-I-XVI. लेखक-गजे ठाकुर, नागेकुमार झा एवं पीकार िवानद झा, दाम-रु.५००/- ित खड । Combined ISBNNo.978-81-907729-2-15३.पी-बध(िडिजटल इमेिजंग आऽ िमिथलाक्षरसँदेवनागरी िलयांतरण)- संकलन-सपादन-५.कुरुक्षेम्<strong>–</strong>अतमर्नक, खड-१ आऽ २िलयांतरण गजे ठाकुर, नागे(लेखकक िछिड़आयल प, उपयास, गप-कथा, नाटक-एकाी, बालानां कृते,महाकाय, शोध-िनबध आिदक समसंकलन)- गजे ठाकुर६.िवलिबत कइक युगमे िनब (प-संह)- पंकज पराशर७.हम पुछैत छी (प-संह)- िवनीतउपलकुमार झा एवं पीकार िवानद झाारा ।ुित काशन, रिजटडर् ऑिफस:एच.१/३१, ितीय तल, सेक्टर-६३, नोएडा(यू.पी.), कॉरपोरेट सह संपकर् कायलय-१/७, ितीय तल, पूव पटेल नगर, िदली-११०००८. दूरभाष-(०११) २५८८९६५६-५७ फैक्स- (०११)२५८८९६५८Website: http://www.shruti-publication.com142


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्e-mail: shruti.publication@shruti-publication.com(िवज्ञापन)(c)२००८-०९. सविधकार लेखकाधीन आ’ जतय लेखकक नाम निह अिछ ततय संपादकाधीन। िवदेह(पािक्षक) संपादक- गजे ठाकुर। एतय कािशत रचना सभक कॉपीराइट लेखक लोकिनक लगमे रहतिह,मा एकर थम काशनक/ आकइवक/ अंेजी-संकृत अनुवादक ई-काशन/ आकइवक अिधकार एिह ईपिकाकेँ छैक। रचनाकार अपन मौिलक आऽ अकािशत रचना (जकर मौिलकताक संपूणर् उरदाियवलेखक गणक मय छिह) ggajendra@yahoo.co.in आिक ggajendra@videha.com केँ मेलअटैचमेटक रूपमेँ .doc, .docx, .rtf वा .txt फॉमटमे पठा सकैत छिथ। रचनाक संग रचनाकार अपनसंिक्षत पिरचय आ’ अपन कैन कएल गेल फोटो पठेताह, से आशा करैत छी। रचनाक अंतमे टाइप रहय,जे ई रचना मौिलक अिछ, आऽ पिहल काशनक हेतु िवदेह (पािक्षक) ई पिकाकेँ देल जा रहल अिछ। मेलात होयबाक बाद यथासंभव शी ( सात िदनक भीतर) एकर काशनक अंकक सूचना देल जायत। एिहई पिकाकेँ ीमित लमी ठाकुर ारा मासक 1 आ’ 15 ितिथकेँ ई कािशत कएल जाइत अिछ।(c)2008 सविधकार सुरिक्षत। िवदेहमे कािशत सभटा रचना आ' आकइवक सविधकार रचनाकार आ'संहकक लगमे छिह। रचनाक अनुवाद आ' पुनः काशन िकंवा आकइवक उपयोगक अिधकार िकनबाक143


िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ फरबरी २००९ (वषर्२ मास १४ अंक २७) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्हेतु ggajendra@videha.co.in पर संपकर् करू। एिह साइटकेँ ीित झा ठाकुर, मधूिलका चौधरी आ'रिम िया ारा िडजाइन कएल गेल।िसिरतु144

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