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Videha ‘िवदेह’

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<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्िवदेह १५ िदसर २००८ वष र् १ मास १२ अंक २४'िवदेह' १५ िदसर २००८ ( वष र् १ मास १२ अंक २४ ) एिह अंकमे अिछ:-एिह अंकमे अिछ:-१.संपादकीय संदेश२.ग२.१.कथा १. सुभाषच यादव २. मर ३.गजे ४.परमेर कापड़ि◌ आ५.शुशा२.२.बी. पीं कोइराला कृत मोिदआइन मैिथली पारण ब ृषेश च लाल२.३.उपास- चमेली रानी- केदारनाथ चौधरी२.४.सगर राित दीप जरय मैिथली कथा लेखनक मे शा ाि-डा.रमान झा ‘रमण‘२.५. 1.आलेख-महेन ् कुमार िम/ 2.दैिनकी-ोित/1


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्२.६. िरपोता र्ज- मज मुि- 1.अवै नागिरकताः िसक् कमीकरणक यास,2.तराई/मधेशक आन ्दोलनः ल ूटमे लटुवा नफ् फा, 3.अवा र्ता र्-डा. राम दयालराकेश/आभाष लाभ, 4.िभुवन िवश ्विवालयारा िमिथलाक्षर फन ्टक िवकास२.७. िजितया/ मकड़ संाित-मज ंमुि२.८. धीरे मिष र्-नव भोर जोहैत िमिथला३.प३.१. १.राम नारायण देव २.िनिमष झा३.२. १.अमरेन ् यादव २.मज मुक् ित३.३.-१.ोित-२.गजे३.४. १. सच् िचदानन ्द यादव २. िवनीत उल ३.िजतमोहन३.५. १.पंकज पराशर, २.भवनाथ दीपक ३.मयान िम ४.स ूय र्नाथ गोप३.६. कुमार मज कप४. ग-प भारती५. बालाना ं कृते६. VI DEHA FOR NON RESIDENT MAI THI LS ( Fest i val s of Mi thiladat e-l ist)-8.१.The Comet -Engl i sh t r ansl at i on ofNovel Sahasr abadhani by j yot iGaj endr a Thakur ' s Mai t hi l i९. मानक मैिथली2


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्िवदेह (िदना ंक १५ िदसर २००८)१.संपादकीय (वष: र् १ मास:१२ अंक:२४)मावर,िवदेहक नव अंक (अंक २४, िदना ंक १५ िदसर २००८) ई पिब्लश भऽगेल अिछ। एिह हेतु ल◌ॉग ऑन क ht t p:// wwwvi . deha. co. i n |४१म आ ४२म ज्ञानपीठ पुरारक घोषणा- िहीक नवीन किवता आोलनकसश किव ी कुँ वर नारायणकेँ ४१म ज्ञानपीठ पुरार (२००५) आको ंकणीक ी रवी केलेकर आ संृतक ी सत शास्ीकेँ संयुपसँ ४२म ज्ञापीठ पुरार (२००६) देबाक घोषणा भेल अिछ।ी कुँवर नारायणक ज १९२७ ई. मे भेलि। अज्ञेय ारा सािदत"तीसरा सक"क सश किव कुँवर नारायणकेँ एिहसँ पिह सािह अकादमीपुरार भेिट चुकल छि।ी रवी केलेकरक ज १९२५ ई.मे भेलि, िहनकर को ंकणी भाषामलक िनमा र्णमे मुख भूिमका रहल छि।ी सत शास्ी संृतमे तीन गोट महाकाक रचना कए छिथ।रवी केलेकर आ सत शास्ीकेँ सेहो सािह अकादमी पुरार भेिटचुकल छि।संगिह "िवदेह" केँ एखन धिर (१ जनवरी २००८ सँ १४ िदसर २००८) ६८देशक ६५४ ठामसँ १,३२,७९७ बेर देखल गेल अिछ (ग ूगल एलेिटडाटा)- धवाद पाठकगण।अपक रचना आऽ ितियाक तीक्षामे।3


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्गजे ठाकुर, नई िदी। फोन-09911382078ggaj endr a@ vi deha. co. i n ggaj endr a@ yahoo. co.i nअंितका काशन की नवीनतम पुकेंकहानी-संहरेल की बात : हिरमोहन झा म. ू सिज १२५.००पे.बै. ७०.००छिछया भर छाछ : महेश ·टारे म ू . सिज २००.००पे.बै. १००.००कोहरे में कं दील : अवधेश ीत म. ू सिज२००.०० पे.बै. १००.००शहर की आिखरी िचिडय़◌ा : काश का म.ूसिज २००.०० पे.बै. १००.००पीले कागज◌़ की उजली इबारत : कैलाश बनवासीम. ू सिज २००.०० पे.बै. १००.००नाच के बाहर : गौरीनाथ म. ू सिज २००.००पे.बै. १००.००आइस-पाइस : अशोक भौिमक म. ू सिज१८०.०० पे.बै. ९०.००उपासमोनालीसा हँस रही थी : अशोक भौिमक म.ूसिज २००.०० पे.बै. ८०.००इितहास, स्ी-िवमश र् और िचंतनिडजार : मीिडया ए पािलिटकस : पु स ूनवाजपेयी म. ू सिज ३००.०० पे.बै. १६०.००एंकर की नज◌ऱ से : पु स ून वाजपेयी म.ूसिज ३५०.०० पे.बै. १७५.००पालकालीन संृित : म ंज ु कुमारी म ू . २२५.००स्ी : संघष र् और स ृजन : ीधरम म ू . २००.००अथ िनषाद कथा : भवदेव पाेय म ू . १८०.००शी काबादल सरकार : जीवन और र ंगम ंच : अशोकभौिमकिकसान और िकसानी : अिनल चमिडय़◌ाभेम का भे मा ँगता कुाड◌़◌ी ईमान :सनारायण पटेल म. ू सिज २००.०० पे.बै. ९०.००कुछ भी तो मानी नही ं : मनीषा कुल म.ूसिज २००.०० पे.बै. १००.००माइोोप (उपास) : राजे कुमार किजयाप ृीपु (उपास) : लिलत अवाद : महाकाशमोड◌़ पर (उपास) : ध ूमकेतु अवाद : णा र्बड◌़कू चाचा : सुनीता जैन म ू . सिज १९५.००मोलाज◌़ (उपास) : िपयैर ला म ूर अवाद :4


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्किवता-संहया : श ैलेय म ू . १६०.००कुआर्न किवताएँ : मज कुमार ीवाव म.ू१५०.००कब लौटेगा नदी के उस पार गया आदमी :भोलानाथ कुशवाहा म. ू २२५.००सुनीता जैना कोई है (कहानी-संह) : श ैलेयएक साथ िही, मैिथली में सियआपका काशनअंितका काशनजीना चाहता हूँ : भोलानाथ कुशवाहा म ू . ३००.००लाल िरज्बबन का फुलबा : सुनीता जैन म ू . १९०.००ल ूओं के बेहाल िद ं में : सुनीता जैन म.ू१९५.००सी-56/य ूजीएफ-4, शालीमार गाडर्न, एकसटे ंशन-IIगािजयाबाद-201005 (उ..)फोन : 0120-6475212फैंटेसी : सुनीता जैन म ू . १९०.००(िवज्ञापन)द:खमय ु अराकचक : ाम चैत म. ू १९०.००5


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ुित काशनसँ१.पंचदेवोपासना-भूिम िमिथला-मौन२.मैिथली भाषा-सािह (२०मशताी)- मश ंकर िसंह३.गुंजन जीक राधा (ग-प-जब ुली िमित)- गंगेशगुंजन४.बत-िबगड़◌ैत (कथा-गसंह)-सुभाषच यादव५.कुम ्–अम र्नक, ख-१आऽ २ (लेखकक िछड़ि◌आयल प,उपास, ग-कथा, नाटक-एकाी,बालाना ं कृते, महाका, शोध-िनबआिदक सम संकलन)- गजेठाकुर६.िवलित कइक युगमे िनब(प-संह)- पंकज पराशर७.हम पुछैत छी (प-संह)-िवनीत उल८. एी: मा िवश- ड◌ॉ.उदय नारायण िसंह“निचकेता”९/१०/११ १.मैिथली-अंजी शकोश,२.अंजी-मैिथली शकोश आऽ३.पी-ब (िडिजटल इमेिजंगआऽ िमिथलाक्षरसँ देवनागरीिला ंतरण) (तीन ू पोथीक संकलन-सादन-िला ंतरण गजेठाकुर, नागे कुमार झाएव ं पीकार िवान झाारा)ुित काशन, रिजडर् ऑिफस:एच.१/३१, ितीय तल, सेर-६३,एडा (य.पी.), ू क◌ॉरपोरेट सहसंपकर् काया र्लय- १/७, ितीय तल,प ूवीर् पटेल नगर, िदी-११०००८.द ूरभाष-(०११) २५८८९६५६-५७फै- (०११)२५८८९६५८Websi t e: http:// wwwshruti . -publ i cat i on.com6


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्e-mai l :publ i cat i on.comshr ut i . publ i cat i on@ shr ut i -(िवज्ञापन)२.संदेश१.ी ो. उदय नारायण िसंह "निचकेता"- जे काज अहा ँ कए रहल छीतकर चरचा एक िदन मैिथली भाषाक इितहासमे होएत। आन भएरहल अिछ, ई जािन कए जे एतेक गोट मैिथल "िवदेह" ई जन र्लकेँपढ़ि◌ रहल छिथ।२.ी ड◌ॉ. गंगेश गुंजन- एिह िवदेह-कम र्मे लािग रहल अहा ँक सेदनशीलमन, मैिथलीक ित समिप र्त मेहनितक अम ृत र ंग, इितहास मे एक टािविश फराक अाय आर ंभ करत, हमरा िवास अिछ। अशेष शुभकामनाआ बधाइक स, सेह|३.ी रामाय झा "रामर ंग"- "अपना" िमिथलासँ संबिधत...िवषय ंवुसँअवगत भेलहु ँ।...शेष सभ कुशल अिछ।7


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्४.ी जे िपाठी, सािह अकादमी- इ ंटरट पर थम मैिथली पािक्षकपिका "िवदेह" केर लेल बाधाई आऽ शुभकामना ीकार क।५.ी फुकुमार िसंह "मौन"- थम मैिथली पािक्षक पिका "िवदेह" ककाशनक समाचार जािन कक चिकत मुदा बेसी आािदत भेलहु ँ।कालचकेँ पकड़ि◌ जािह द ूरदृ िक पिरचय देलहु ँ , ओिह लेल हमरम ंगलकामना।६.ी ड◌ॉ. िशवसाद यादव- ई जािन अपार हष र् भए रहल अिछ, जे नवस ूचना-ािक मे मैिथली पकािरताकेँ वेश िदअएबाक साहिसककदम उठाओल अिछ। पकािरतामे एिह कारक नव योगक हम ागतकरैत छी, संगिह "िवदेह"क सफलताक शुभकामना।७.ी आाचरण झा- को प-पिकाक काशन- ताहूमे मैिथलीपिकाक काशनमे के कतेक सहयोग करताह- ई तऽ भिव कहत।ई हमर ८८ वष र्मे ७५ वष र्क अभव रहल। एतेक पैघ महान यज्ञमेहमर ाप ूण र् आहुित ा होयत- यावत ठीक-ठाक छी/ रहब।८.ी िवजय ठाकुर, िमिशगन िविवालय- "िवदेह" पिकाक अंक देखलहु ँ ,सूण र् टीम बधाईक पा अिछ। पिकाक म ंगल भिव हेतु हमरशुभकामना ीकार कएल जाओ।९. ी सुभाषच यादव- ई-पिका ’िवदेह’ क बारेमे जािन सताभेल। ’िवदेह’ िनरर पिवत-पुित हो आऽ चतुिद र्क अपन सुगंधपसारय से कामना अिछ।१०.ी मैिथलीपु दीप- ई-पिका ’िवदेह’ केर सफलताक भगवतीसँकामना। हमर प ूण र् सहयोग रहत।8


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्११.ड◌ॉ. ी भीमनाथ झा- ’िवदेह’ इटरट पर अिछ तेँ ’िवदेह’ नामउिचत आर कतेक पेँ एकर िववरण भए सकैत अिछ। आइ-कािमोनमे उेग रहैत अिछ, मुदा शी प ूण र् सहयोग देब।१२.ी रामभरोस कापड़ि◌ मर, जनकपुरधाम- "िवदेह" ऑनलाइन देिखरहल छी। मैिथलीकेँ अराष्ीय र् जगतमे पहु ँचेलहु ँ तकरा लेल हािद र्कबधाई। िमिथला र सभक संकलन अप ूव र्। पालोक सहयोग भेटत सेिवास करी।१३. ी राजनन लालदास- ’िवदेह’ ई-पिकाक मामसँ बड़ नीक काजकए रहल छी, नाितक एिहठाम देखलहु ँ। एकर वािष र्क अ ंक जखन ि टिनकालब तँ हमरा पठायब। कलकामे बहुत गोटेकेँ हम साइटक पतािलखाए दे िछयि। मोन तँ होइत अिछ जे िदी आिब कए आशीवा र्ददैतहु ँ , मुदा उमर आब बेशी भए गेल। शुभकामना देश-िवदेशकमैिथलकेँ जोड़बाक लेल।१४. ड◌ॉ. ी मश ंकर िसंह- अहा ँ मैिथलीमे इ ंटरटपर पिहल पिका"िवदेह" कािशत कए अपन अुत माभाषारागक पिरचय देल अिछ,अहा ँक िनःाथ र् माभाषारागसँ िरत छी, एकर िनिम जे हमर सेवाकयोजन हो, तँ सिचत ू करी। इ ंटरटपर आोपा ंत पिका देखल, मनफुित भ' गेल।(c)२००८. सवािधकार र् लेखकाधीन आऽ जतय लेखकक नाम निह अिछ ततय संपादकाधीन।िवदेह (पािक्षक) संपादक- गजे ठाकुर। एतय कािशत रचना सभक क◌ॉपीराइट लेखक लोकिनकलगमे रहति, मा एकर थम काशनक/ आका र्इवक/ अंजी-संृत अवादक ई-काशन/आका र्इवक अिधकार एिह ई पिकाकेँ छैक। रचनाकार अपन मौिलक आऽ अकािशत रचना (जकरमौिलकताक संप ूण र् उरदािय लेखक गणक म छि) ggaj endr a@ yahoo. co. i n आिकggaj endr a@ vi deha. com केँ मेल अटैचमेक पमेँ . doc, . docx, . r t f वा . txtफ◌ॉमे र्टमे पठा सकैत छिथ। रचनाक संग रचनाकार अपन संिक्ष पिरचय आ’ अपन ैन कएल गेलफोटो पठेताह, से आशा करैत छी। रचनाक अंतमे टाइप रहय, जे ई रचना मौिलक अिछ, आऽपिहल काशनक हेतु िवदेह (पािक्षक) ई पिकाकेँ देल जा रहल अिछ। मेल ा होयबाक बाद9


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्यथासंभव शी ( सात िदनक भीतर) एकर काशनक अंकक स ूचना देल जायत। एिह ई पिकाकेँीमित ली ठाकुर ारा मासक 1 आ’ 15 ितिथकेँ ई कािशत कएल जाइत अिछ।महत्प ूण र् स ूचना (१):महत्प ूण र् स ूचना: ीमान ् निचकेताजीक नाटक " एंी: मा िवश" केर 'िवदेह'मे ई-कािशत प देिख कए एकर िंट पमे काशनक लेल 'िवदेह' केर समक्ष "ुित काशन"केर ाव आयल छल। ी निचकेता जी एकर िंट प करबाक ीकृित दए देलि। िंट पहाडर्बाउड (I SBN NO978 . -81-907729-0-7 म ू .१२५/- य.एस. ू ड◌ॉलर ४०) आऽ पेपरबैक( I SBN No . 978-81-907729-1-4 म ू . ७५/- य ूएस.ड◌ॉलर २५/-) मे ुित काशन, १/७,ितीय तल, पटेल नगर (प.) नई िदी-११०००८ ारा छापल गेल अिछ। e-mai l :shr ut i . publ i cat i on@ shr ut i -publ i cat i on. com websi t e: http:// wwwshruti . -publ i cat i on.comमहत्प ूण र् स ूचना:(२) 'िवदेह' ारा कएल गेल शोधक आधार पर १.मैिथली-अंजी श कोश२.अंजी-मैिथली श कोश आऽ ३.िमिथलाक्षरसँ देवनागरी पाुिलिप िलारण-पी-ब डाटाबेशुित पिब्लकेशन ारा िट फ◌ॉम र्मे -१.मैिथली-अंजी शकोश, २.अंजी-मैिथली शकोशआऽ ३.पी-ब (िडिजटल इमेिजंग आऽ िमिथलाक्षरसँ देवनागरी िला ंतरण) (तीन ूपोथीक संकलन-सादन-िला ंतरण गजे ठाकुर, नागे कुमार झा एव ंपीकार िवान झा ारा)महत्प ूण र् स ूचना:(३) 'िवदेह' ारा धारावािहक पे ई-कािशत कएल जा' रहल गजे ठाकुरक'सहबाढ़िन'(उपास), 'ग-गु'(कथा संह) , 'भालसिर' (प संह), 'बालाना ं कृते', 'एकाी संह','महाभारत' 'ब ु चिरत' (महाका)आऽ 'याा व ृा ंत' िवदेहमे संप ूण र् ई-काशनक बाद िंट फ◌ॉम र्मे-कुम ्–अम र्नक, ख-१ आऽ २ (लेखकक िछड़ि◌आयल प, उपास, ग-कथा,नाटक-एकाी, बालाना ं कृते, महाका, शोध-िनब आिदक सम संकलन)- गजेठाकुरमहत्प ूण र् स ूचना (४): "िवदेह" केर २५म अंक १ जनवरी २००९, ई-कािशत तँ होएबे करत, संगमेएकर िंट संरण सेहो िनकलत जािहमे पुरान २४ अंकक चुनल रचना सििलत कएल जाएत।महत्प ूण र् स ूचना (५):मैलोर ंग २५ िदसर २००८ कें सेिमनारक आयोजन एन.एस.डी. कैस,भगवानदास रोड, नई िदीमे आयोिजत कए अिछ।२.ग२.१.कथा १. सुभाषच यादव २. मर ३.गजे ४.परमेर कापड़ि◌ आ५.शुशा10


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्२.२.बी. पीं कोइराला कृत मोिदआइन मैिथली पारण ब ृषेश च लाल२.३.उपास- चमेली रानी- केदारनाथ चौधरी२.४.सगर राित दीप जरय मैिथली कथा लेखनक मे शा ाि-डा.रमान झा ‘रमण‘२.५. 1.आलेख-महेन ् कुमार िम/ 2.दैिनकी-ोित/२.६. िरपोता र्ज- मज मुि- 1.अवै नागिरकताः िसक् कमीकरणक यास,2.तराई/मधेशक आन ्दोलनः ल ूटमे लटुवा नफ् फा, 3.अवा र्ता र्-डा. राम दयालराकेश/आभाष लाभ, 4.िभुवन िवश ्विवालयारा िमिथलाक्षर फन ्टक िवकास२.७. िजितया/ मकड़ संाित-मज ंमुि२.८. धीरे मिष र्-नव भोर जोहैत िमिथलािच ी सुभाषच यादव छायाकार: ी साकेतानसुभाष च यादव, कथाकार, समीक्षक एव ं अवादक, ज ०५ माच र् १९४८, माक दीवानगंज,सुपौलमे। पैक ान: बलबा-मेनाही, सुपौल- मध ुबनी। आरिक िशक्षा दीवानगंज एव ं सुपौलमे।पटना क◌ॉलेज, पटनासँ बी.ए.। जवाहरलाल ह िविवालय, नई िदीसँ िहीमे एम.ए. तथापी.एह.डी.। १९८२ सँ अापन। सम्ित: अक्ष, ातकोर िही िवभाग, भूपे नारायण म ंडलिविवालय, पिमी पिरसर, सहरसा, िबहार। मैिथली, िही, ब ंगला, संृत, उद, ूर् अंजी, ेिनश एव ंंच भाषाक ज्ञान।काशन: घरदेिखया (मैिथली कथा-संह), मैिथली अकादमी, पटना, १९८३, हाली (अंजीसँ मैिथलीअवाद), सािह अकादमी, नई िदी, १९८८, बीछल कथा (हिरमोहन झाक कथाक चयन एव ं भूिमका),सािह अकादमी, नई िदी, १९९९, िबहाड़ि◌ आउ (ब ंगला सँ मैिथली अवाद), िकसुन संक लोक, सुपौल,१९९५, भारत-िवभाजन और िही उपास (िही आलोचना), िबहार राष्भाषा पिरषद, ् पटना, २००१,11


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्राजकमल चौधरी का सफर (िही जीवनी) सारा ंश काशन, नई िदी, २००१, मैिथलीमे करीब सिर टाकथा, तीस टा समीक्षा आ िही, ब ंगला तथा अंजी मे अक अवाद कािशत।भूतप ूव र् सद: सािह अकादमी परामश र् म ंडल, मैिथली अकादमी काय र्-सिमित, िबहार सरकारक सा ंृितकनीित-िनधारण र् सिमित।एकटा अंतसमिदयाकेँ देिखते माथ ठनकल । कतहु ससुरकेँ िकछु भऽ गेलिन ! ओ बहुतिदनसँ दिखत ु रहिथ । डारो जवाब दऽ दे रहिन । हम एक मास पिह देिखआयल रिहयिन । हमर पी सात-आठ मास पिह गेल छलीह । फेर आ बेटीसभ भेंट कऽ अयलिन । सभ ो हुनक म ृुक तीक्षामे रहय ।'कका खतम भऽ गेलिथन’-समिदया बाजल ।'किहया हौ ?'-पत् नी चिकत होइत पुछलिथन आ जा समिदया 'चािर िदन पिह’बाजल ता पीक ंदन शु भऽ गेलिन । ओ कत रहलीह आ बीच-बीचमे अपनउलहन, अपन पछतावा जनबैत रहलीह । बाकी सब शोकाकुल मौनमे डूिब गेल ।ब ुझाइत अिछ ससुर देह ािग एिह चल आयल छिथ आ हमर सभक मन-ाणमेबिस गेल छिथ । चेतनामे हुनक ृित िनरर चिल रहल अिछ ।खाइत-िपबैत,उठैत-बैसैत िदन-राित हुनके चचा र् होइत अिछ। हमरासँ पी केँ िशकायत छिनजे हमरे कार ओ अपन िपतासँ अंितम समयमे भेंट निह कऽ सकलीह । हम किहदे रिहयिन जे ठीक छिथ । आइसँ एक मास पिह ओ ठीके नीक रहिथ । लेिकनएकटा बात हम निह कह रिहयिन । ओ कहऽ वला बात निह रहै । मा एकटाप ूवा र्भास । जखन हुनकासँ िवदा लेबऽ गेल रही तऽ हुनकर आिखमे ँ ताक छिलयिन। ओहो हमर आिखमे ँ ताक छलाह । आ हमरा द ुन ूकेँ ब ुझायल रहय जेना ईताकब अंितम ताकब िथक, जेना आब फेर किहयो भेंट निह होयत ।सएह भेल । ओ चल गेलाह । आब निह भेटताह । लेिकन ओ दृ ि मनमेअख ओिहनाक ओिहना गड़ल अिछ आ हुलकी मारैत रहैत अिछ । अइ अभव िदआहम पी केँ िकछु निह कहिलयिन । गोपनीय निह होइतो ई ततेक व ्यिगत रहैजे एकरा ब ँटबाक इा निह भेल। व ्यिक जीवनमे एहन बहुत रास अभूितहोइत छैक जे ओ ककरो निह कहैत अिछ; जे ओकरे संग चल जाइत छैक।12


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्हमसभ ससुर संग बीतल समय आ संग मोन पाड़◌ैत रहैत छी; एक-दोसरकेँ सुनबैतछी। वा ेह आ मसँ भीजल क्षणकेँ रण करैत पी भाव ुक भऽ जाइतछिथ, कं ठ अव भऽ जाइत छिन आ आिख ँ रा जाइत छिन । ओ बजैत छिथ-'बाब ू किहयो हमरा बेटी निह कहलिन; सभिदन बेटा कहैत रहलाह । पिछला बेरचलैत काल भेंट करऽ गेिलयिन तऽ पुछलिथन-चूड़◌ी निह िपलह ?आब के एतेकिनहािर-िपहािर कऽ देखत जे चूड़◌ी नव अिछ िक पुरान ?’ पी सोगमे डूिबजाइत छिथ ।हमसभ हुनक अंितम अवाक क, उपेक्षा आ िनराशाक चच र् करैत छी । पिरवारकके कतेक सेवा केलकिन, के कतेक अवहेलना, तइपर टीका-िटणी करैत छी आसोचैत छी हमही ं सभ की केिलयिन, िकछु निह ।नह-केशसँ एकिदन पिह सासुर पहु ँचैत छी ।म ृु जे श ूता आ नीरवता छोड़ि◌गेल अिछ, कारोहिट तकरा तोड़◌ैत रहैत अिछ। भोज-भातक गप आ ओिरआनचिल रहल अिछ । हमरा लगैत अिछ ाक कम र्का ंडमे भऽ कऽ लोक सोगिबसिर जाइत अिछ । कम र्का ंडक और को साथ र्कता निह छैक ।हमर एकटा साढू अख आयल छिथ-केश कटे । जिहया समाद गेल हेतिन,तिहये या अिगला िदन कटे हेताह । हमरा सन सी लेल तीन िदन पर केशकटेबाक िवधान अिछ। हमरा चािर िदन पर खबर भेटल रहय आ हम सोच रहीजे केश निह कटेबा लेल एकरा ढाल बनाओल जा सकैत अिछ। लेिकन साढूक म ूड़लमाथ देिख ब ुझायल जेना ई तकर् ठठऽ वला निह अिछ। हम िचित भऽ जाइत छी।एिह लेल निह जे बेलमुंड भऽ गेलापर देखऽ मे नीक निह लागब । केश तऽहम निहए कटायब । तँइ बेलमु हेबाक तऽ े निह अिछ । लेिकन िवरोधबहुत होयत । हम उठू भऽ जायब । एकरे िचा अिछ ।नह-केश िदन ठाकुर भोरे चल आयल अिछ । केशकी चिल रहल छैक । हमद ू-तीन बेर टहिल कऽ एिह कम र्केँ देिख आयल छी । एकबेर एक गोटय पुछबोकेलक—'कटेबै ?’ हम हाथसँ अीकृितक मुा बना घिम ू गेलहु ँ । ओ सोचहोयत बादमे कटेताह । हमर एकटा आर साढू आिब गेल छिथ। आ केश कटवारहल छिथ । एकटा क्षण एहन अबैत अिछ जखन घरक सभ पुखक माथ िछलायलअिछ आ एकमा हम िवषम संा सन बचल छी । आब कतेको गोटय प ूछऽ लागलअिछ-'केश निह कटेबै ?' 'की हेतै ?' कहैत हम टिर जाइत छी ।13


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्आब ककरा-ककरा ब ुझौ घिरयौ ु जे हमरा एिह कम र्का ंडमे िवास निह अिछ।ब ुझेबो करबै तऽ ो ब ुझऽ लेल तैयार होयत ? लेिकन हमर केश सभकआिखमे ँ गड़ि◌ रहल छैक ; अनटेटल आ अनसोहा ँत लािग रहल छैक ।हम दाढ़◌ी बना रहल छी । सोच छी तकर बाद नह कािट लेब । सासुक नजिरहमरा पर पड़◌ैत छिन । बेटीसँ पुछैत छिथन-'द ुा केश निह कटेलिथन ?’ हमरपीकेँ खौ ंत स दैत छिन । हमरा िदस तकैत फुफकार छोड़◌ैत छिथ—'आ गय,पापी छै, पापी । पता निह बाप मरल रहै तबो केश कटे रहै िक निह !'हमरा तामस उठैत अिछ; द ुख होइत अिछ, लेिकन चुप रिह जाइत छी। केश कटाकऽ हमर द ुन ू साढू िनि छिथ । एकटा तऽ पी रहल छिथ आ कख आयोजनतऽ कख सािर-सरहोिजक आनंद उठा रहल छिथ ।केश कटा ले रिहतहु ँ तऽ हमरो लेल सब िकछु आसान आ अकूल रिहतय ।लेिकनिवास आ आाक िखलाफ को काज करब हमरा ब ूते पार निह लािग सकैत अिछ।केश कटे म ृतााकेँ मुि आ भेिट जेतैक आ निह कटे नरक ? एहनिवचार हमरा लेल हााद अिछ । तखन केश कटेबाक कोन तुक? की एिह लेलजे देखू हम हुनक सी छी आ शोकाकुल छी ? स आ सोगक एहन दश र्नहमरा बहुत अिचकर ब ुझाइत अिछ । हमर वश चिलतय तऽ सब कम र् आ भोज-भात ब ंद करबा िदितयै ।सोिच ले छी जे िलिख कऽ चल जायब जे हमर म ृुकबाद ई सभ निह हो ।ब ुझाइत अिछ हमर िपितऔत सारकेँ ो हुलका दे छिन ।ओ धड़धड़◌ायल अबैतछिथ आ हमर डेन पकड़ि◌ घीच ठाकुर लग लऽ अत छिथ—‘ठाकुर, िछलह तऽ ।'ठाकुर आदेश सुिनयो कऽ उठैत निह अिछ। सार हमर कनहामे लटिक जोर लगाकऽ हमरा बैसाबऽ चाहैत छिथ । हम बिझ ू निह पबैत छी जे ओ चौल कऽ रहलछिथ िक गंभीर छिथ ।हम िछटिक कऽ एकटा कुसीर् पर बैसऽ चाहैत छी ।लेिकनजा-जा बैसी तािहसँ पिहनिह ओ कुसीर् खींिच लैत छिथ आ हम खसैत-खसैत बिचजाइत छी । लोक हा ँ-हा ँ ‘ करैत अिछ । हम ोध आ अपमानसँ ितलिमला उठैतछी—‘बहानचोद, चोा, उू !’‘ईह रे ब ूड़ि◌, बिधयार ु बत छिथ !भोज परक पात छीन लेब सार ।'- कहैत ओचल जाइत छिथ।14


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ो कुसीर् पर बैसा दैत अिछ । हम बैिस जाइत छी । भीतरसँ खौलैत। 'कीभेलै ? की भेलै?’—प ूछैत आ ँगनसँ कैक गोटय आिब गेल अिछ। हम उिठ कऽआ ँगन चिल दैत छी ।ैश बैक-रामभरोस कपिड मरनरेश पाछा ं चिल गेल अिछ, बहुत पाछा ं । ायः पचास वष र् पाछा ं ।गामक सहपाठी सभक संगे खेलए ओ । बहाद ुर कर रहैक – वाव ूजी जंगलकातसंलओ छलाह । एक बोिलआ, आदेश चाही, काम फह कइएक दम लैत छल । सेबाब ूजीकें आदेश रहैक – गुजीलग पढ ल जएबाक छै से बहाद ुर लाख िचिचऔलो परनरेशकें कान ्हपर बोिक कन ्हाइ साहुक दलान पर गुजी लग दइए अबैक । ओगेला पर गुजीक का ंच करची अथवा खजूरक छडी ओकर सभ जीद हेरा दैक । ओचुपचाप हाथमहक पाटीपर कािरख पोित कचरासं साफ क चमकाब लागए आ तखनभठासं िलखबाक यास करए – क ख ग घ...।“इस ्स....” गुजीक छडी जखन बािह ं पर पडैक तं ओ लोहिछ जाए । मनहोइ भािग जाइ मुदा... वहाद ुरक डीलडौल आ िपताक आदेश मन पिडतो मनमािर कपाटी पर आिख ं गडा कखरा िलखबाक यास कर लगए ।गुजीक ओिहठाम बटखरा कं ठस ्थ रहैक । ई कं ठस ्थ करब ओकर मजव ूरीरहैक, ओना िहसावमे ओ ओहुना कमजोरी महश ूस करए । चौठचन ्दमे गुजीक संगघंटी बजबैत, काठक डं टाकें बजबैत घरे–घरे घ ुमनाई आ गुजीक डेरापर जागुडचाउरक साद खएनाईक अपन आनन ्द रहैक ।आनन ्द तं पािन निह पड हर हर महादेव बना गाम घ ुमबै काल सेहोअबैक । को सहपाठीकें सौ ंसे देहमे छाउर रगिड देल जाइत छलैक ।माथपर आ बािहमे ं सेहो अशोक पात सभ लपेिट देल जाइत छलैक । माथ पर15


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्जूट आ सनसं जटा तािहपर टीनकें कैंचीसं कािट चान लटका देल जाइक । हाथमेवावाजीके िश ूल आिन क ध देल जाइक । वस–विन जाइक महादेब । छौडासभक हेंज पाछा ं–पाछा ं हाक परैत जाइक – हर, हर महादेव पानी देऊ अिलकतीपुगेन, बढी देउ ! भाव रहैक महादेव पानी दीअ, कम सं निह भेल, बेसी दीअ....। जकरा दरबज ्जा पर जाइक पािन उझिल दैक । मान ्यता रहैक पािन देलापरवषा र्क संभावना बिढ जाइत छैक । वेचारे महादेव बनल बौआ बादमे थर–थरका ंपए, वच् चा सभ ताली िपटैत हंसैक । वाल सुलभ ताडना ओिह समयमे ख ूबचिलत रहैक । नरेश ओिह हेंजमे अगुवा रहय....।नरेशक ठोढ पर अप आप मुस ्की दौिड जाइत छैक । िवतलाहाक्षणक स ्मरण कतौसं गुदगुदा दैत छैक ओकरा । वालशोषणक िव ओहो कतेकआलेख िलिख चुकल अिछ, कतेको सेिमनार मे भाग ल भाषण छािट ं चुकल अिछ ।मुदा नामे ारा कएल ई अपराध शोषण निह रहैक ! नरेश वाल सुलभताक ओक्षण फेरसं स ्मरण करैत िसहिर उठैत अिछ आ कतौ भोितआ जाइछ पुन.......।मुशिकलसं्७–८ वष र्क छल हयत । गामेक स ्कूलमे पढए, मुदा संगितरहैक अप टोल महल ्लाक धीआप ूतासं । ताही म ंडलीमे एकटा छौरी रहैक इजोितया। ओकरे लगुआक वेटी । नीक रहैक िक अधलाह ओकरा तिहया ज्ञान निह रहैक मुदाओकरा संगे इजोिरया राितमे अन ्हिरया–इजोिरया खेलैत ओ ख ूब शन ्न रहल करए। आ ंगमे द ुन ूपयर आगा ं पसािर वैिस , वािहके ं केहुनी लगसं मोिड आगा ं पाछा ंकरैत आ ताही लयमे द ुन ू पयरके सेहो आगा ं पाछा ं करैत पाछा मुंहे घ ुसकैतइजोितया खेलल करए आ गाओल करए–“आगेमाई ककरी के बितआ...” त ओकरा नीकलगैक ।इजोिरया राितमे चानक चाकात बनल गोल घेराकें कौतुहल सं देखैतकाल माय रहस ्यमय बोलीमेसमझबैक – ई हमरा सभक पुरखा सभक वैसार छैइन ्दर भगवान लग । कहै है िनचा ं पािन िवना अकाल पडल छै, पािन िदऔ । आबपािन हयबे करत....। नामे ई बात सत् य लगैक आ आश बन ्हाई जर वषा र्हयत ।तेह समयमे जट–जिटन गीत होइक । टोलक मिहला सभ जटा आजिटन कनए आ गीत गािब–गािब झ ूमए । ओिहमे पुष निह, नाकें छुट रहैक ।नरेश िनयिमत ओकर दश र्क रहए, ओकर संगी इजोितया ओिह म ंडली मे सामेल रहैक,ओ एकटक ओकरा सभकें झिक ू क आगा ं बढैत आ तिहना माथ उठा क पाछा ं अबैतदेखैत रहय..... ।16


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्नरेशकें फेर िकछु मोन पडैछै, ठोढ पर हंसी अबैत–अबैत िक जाइछै। भतखोखिर बिढआक ु अंगनामे वेंग कुिट मैलाक संग पतली फेिक देल जाइ छलआ ओ विढआ ु भिर राित फेकिनहािरकें पुरा खनदानकें उरािह दैत छलैक । वेटी–रोटी करैत रहैत छली । वास ्तवमे वेंट कुिट क तए ओकरे आ ंगनमे फेकल जाइतछलै जे ओ बेसी गािड पिढ सकैत छलीह । राित भिर ज ुआन छौडी सभकध ुमगज ्जिरक संग वालसुलभ उत् सुकतासं पाछा ं – पाछा ं दौगब महज ख ुशी दैत छलै। लगै िदनमे बहाद ुरक घीिसआ क गुजी के चिटसारमे ल जएबाक डरसं मुरातुक ई माहौल स ्वच् छन ्द छैक । वाव ूजीक डर, वहाद ुरके उठा ल जएबाकिचन ्ता । वात व ुझौक िक निह, नरेश रमल रहैत छल ओिह खेलमे ।ओकरा तं तख िकछु ब ुझायल रहै जखन इजोितया ओकर घरकपछुआर बला गाछी आ भुसा घरलग एकटा स ्ताव कए रहैक – नरेश,खेलबे अथ र्त ओकरा ओतेक व ुझल भेलै मुदा ओकर इशारासं आशय व ुझ रहय आ डेरागेल रहैक – निह, हम निह खेलबौ । ठाढे ओ नासकार चिल गेल रहय । जं िकइजोितया ओकरा उमेर सं बेसीक व ुझाइक, ओ वातकें व ुझैक, मुदा नरेश....।पता निह नरेशकें िकए आइ पुरना बात मोन पड लागल छै । ओभोरेसं अपन पोताक उदण ्डपनीसं िफिरशान भेल अिछ । एक तं भोरमे देरीसंउठत, उिठ क पडायत ठेकान निह । स ्कूल जएबाक को जरी जेना निहहोइक । कुण ्डिलया छौडा सभक संगत आ पता निह गुटका, भा ंग, िसगरेट िकं वाआ को नशा खाइत हो ,त मनमे आश ंका उठल छै । खौ ंझायल मोवरण ्डाक ख ुरसीपर बैिस गेल । तख ओकरा व ुझएलै – एक ई िदन अिछ आ एकओ िदन रहय ।फेर भिसया गेल रहय । एख मोन थीर कहा ं भेलैए...।माय जखन ओकरा द ुन ू मोडलहबा टा ंगपर लािद द ुन ू हाथ पकिड घ ुघ ुमनाखेलबै तं िहल ्ला झ ुलबाक मजा ओ लेल करए । गीतकलय संगे झ ुलैत नरेशकवालपन महज देहमे गुदगुदी आ आनन ्द मा उठा सकैत रहय व ुझए िकछु निह ।मुदा जखन ओ टेल ्हगर भेल त मायक नक् कल करबाक मोन होइक ।अपन भाितजकें ओिहना टा ंगपर ध झ ुलब लागय आ पढ लागय–घ ुघ ुमना घ ुघ ुमना, बौआकेंगढा देब द ुन ू कान सोना । ओकरो झ ुलबैत आनन ्द लगैक आ बौआ सेहो हंिस,हंिस क अपन आनन ्दक अभूित करबैत छल । ओना ओकर छोट–छोट पयर–हाथबौआके बेसी काल सम ्भारबाक अवस ्थामे निह रहैक, ओ उतािर दैक तुरते ।17


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्अपन नपनक उछल–कुदक द ूटा घटना मन पिडते सौ ंसे देह सीहिरजाइत छैक । बड मुशिकलसं ् बचल रहैक आिख ं ओकर.. । आ ंगन मे द ुन ू भाइखेलैत रहय । भैया तीर धष बना चलौल करए । एक बेर भेलै ई जे तीरसोझे नरेशकें आिखएमे लगलै–वाम आिखमे ं । सौ ंसे हाहाकार मिच गेलै, माय तबताह भ गेल छलीह । ओकरा कत–कत बेहाल रहैक । गामेक टोटकासं आिखंठीक भेल रहैक । पता निह माय कोन–कोन दैब पीतरकें एिह लेल मािन देछलीह । तिहना एकबेर गछुलीमे आम लुट बेरमे अन ्धाध ुन ्ध दौगल रहय नरेश, तगाछीमे गाडल एकटा ख ुाक क सोझे कपारमे गिर गेल रहैक । माथ सुन ्न भगेल रहैक । मायके जखन पता लगलै त ओ हकासल–िपआसल दौगिल रहय घराडीपर आ ओकरा समेिट क गामक बैध लग लजा उपचार करौ रहैक ।वाल सुलभ जीवन श ैली, गामसं जनकपुर धिरक याा, पढाइ आ िडी सभकअपन–अपन कथा रहैक । धन–खेती जे होइक, िशक्षामे पछुआएल पिरवारकत् येक ओ संघष र् ओकरा भोग पडलै जे एकटा सभ्य समाजक अंग बनबा ले जरीहोइत छैक । आइ जखन उमेरक चािरम हरमे जएबा ले तैयार अिछ ओकरालगैछै ओ फेरसं बचपन िदश लौट चाहैए । िदन राितक षडयन ्, राजनीितकिवुपतता, चन ्दा, अपहरण, हत् या िकं वा िदन िदन बढैत असुरक्षाक भय आ आतंकसंिसत समाजमे तनावक िजनगी जीबाक अथे र्की?मुदा फेरसं ओ स ्वय ं श ्न करैत अिछ की ओ नपनक स ्वच् छन ्द, सहजस ्हसं भरल िकछु साल घिर ू सकत ! चलु ओ िवतलहा वष र् निह घ ूरत ई सत् य िथक,अप तं ओिह युगमे जा सकैछी ! हं, ई संभव छैक । भ सकैछ एना भेतनावमे किम अबैक, मुंहपर चापलुसीक वोल झाडैत, परोक्षमे चिर हत् यालेउताहुल सरसमाजक व ्यित् वक दोगला मुंह देखबाक द ुभा र्ग ्यसं बिच ं त सकै छी ।हमही ं िकए अपनाकें ना बनाली !नरेशकें अप सोचपर हंसी लगै छी । की ई संभव छैक । ओहुनासािठक बाद लोक नपनमे पुनः वेश क जाइए कहा ंदन । ओकरो अवस ्था तंआिबए रहल छैक । चलल जाए एक बेर सएह सही....।नरेशकें जेना सौ ंसे देह हल ्लुक लगैत छैक । वरण ्डासं उठैतअिछ । आ ंगन मे अबैत अिछ । पोता आिब गेल छै । ओकरा डं टबाक इच् छारिहतो ओ चुप रहैत अिछ । ार ंभ एिहसं हुअए तं हजेर् की?िशक्षा अिभयान- गजे ठाकुर18


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्“हे हम डोमाकेँ पढ़◌ा िलखा कए िकछु बनबय चाहैत छी । “ ब ुछन पासवान बाजल। चीगढ़मे िरा चलबैत छिथ । गाममे खेती – बारीमे िकछु निह बचलैक ।छोटका भाय सम जनिमते मिर जाइत रहय से डोमक हाथसँ एकटा छोटका भायकेँजनमलाक बाद माय – बाप बेचलि आऽ फेर पाइ दऽ िकनलि । ई समटा काजओना तँ सा ंकेितक पेँ भेल मुदा एिहसँ ह किटत भऽ गेलैक । आऽ छोटकाभाय जे ब ुधन पासवानसँ १२ बिरख छोट रहए बिच गेलाह । आऽ तािह ारे ओकरासम डोमा किह सोर करए लगलाह । ब ुधन अपन बाप – मायक संग हरवाही करिथमुदा भायकेँ पढ़◌ेबाक ब लालसा रहि । सुत िछअए जे हमरा सभमे किनओपढ़ि◌ – िलिख लेलासँ करी भेिट जाइत छैक । एकरा जर पढायब, चाहे तािहलेल पेट काटय पड़य आिक भीख मा ँगय पड़य ।मुदा गाममे जे ूल रहय ओतय िकओ टा दिलत आिक गरीबक बा निहपढ़◌ैत रहिथ। सरकार एकटा योजना चलेलक , दिलतक बा सभकेँ िबना पाइ लेिकताब बा ँटबाक । िकताब लेबाक लेल घर-घर जाऽ कए यादव जी मार साहेबबा सभकेँ ूल बजेलि , नाम िबना फीसक , मास ूलक िलखओलि । सम हफता –दस िदन अएबो कएल ूल द ुसधटोलीसँ , चमरटोलीसँ , धोिबया टोलीसँ । सभकेँिकताब भेटलैक आऽ सभ साहक-दस िदनक बाद िनपा भऽ जाइ गेलाह । देखा–देखी कमरटोली आऽ हजामटोलीक बा सभ सेहो अएलाह पढ़य, िकताब म ँगनीमेभेटबाक लोभे । मुदा ओतए ई कहल गेल जे अहा ँ सभ पैघ जाितक छी, मुफत,िकताब योजना अहा ँ सन धिनकक लेल निह छैक ।“बाब ू ई काटए बला गप छैक की, छोट-छोटे होइत छैक आऽ पैघ – पैघे ।ेटक आइ तकक सभसँ नीक चीफ-िमिनर कप ूर्री ढाकुर भेल छैक, की निञ छै हौ असीन झा“ ।जयराम ठाकुर असीन जीक केश अपन खोपड़◌ीक टूटल चारसँ हुलकैत स ूय र्क काशक आसनीपरकटैत बजलाह।“ से तँ बाब ू ठीके “ । असीन बजलाह ।से गाममे फेर ाहाण आऽ भूिमहारके छोड़ि◌ आर ो ूलमे पढ़ए बला निह ब ँचल ।अदहरमे सभटा िकताब ई लोकिन िकत गेलाह ।“ हे अदहरसँ बेसीमे निह देब , मानलहु ँ िकताब नव अिछ, मुदा अहा ँ सभकेँ तँ मँगनीयेमे भेटल अिछ “। आऽ द ुसध टोली चमरटोली आऽ धोिबया टोलीसँ सभटा िकताब सहिट कऽ िनकिलगेल ।पता निह डोमा पढ़लक आिक निह।19


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्अपन अपन माय-परमेश ्वर कापिडसबके नव पाल, सम ृ आ संघात् मक पालक सुन ्दर िच बनएबाकबेगरता रहिन । उमटुमाएल त’ बहुतो गोटे रहिथ धिर चुआ िबछुआ, नामी—गरामीसातटा कलाकारके अपन बिम ु ई भार देल गेलिन । भार अबधािर सब एिह िनहुछलकाजमे लािग जाइत गेला ।केओ धर— मुडी, केओ हाथ त’ केओ टा, केओ पयर त केओ बािहँहाथबनाबऽमे तन ्मय भ गेलाह ।देिखते देिर सब सबआग बना बनाक अनलिन ।आिहरेबा । जखिन जे सबके ारा बनाएल पाल मायक आगके एकठामजोिडक देखलिन त ओ आकृित कुपे निह िवुप आ राक्षसी लगैत छल । ई िचदेिखते िनमा र्णक आही संरचनावादी लोक भडिकक आन ्दोलन पर उता भगेल ।असलमें ई नरी िच भेलै िक निह सेहे िववादक िवषय बिन गेल ।भेल िक रहै त जे पयर बनए रहिथ से रहिथ मािटक मितर्कार ू आ पएरएहन सुकोमल मा परी रानीक सुन ्नर पयरसन रहै । माय माये हाइछै । मायकपयर धरती परक लोकक रेहल खेहल आ कम र्ठ पयर होएबाक चाही से रहबे निहकरए । मुँह जे बनए रहिथ से अम ूतर् पेनिटक ् रहैक । आिख ँ िकदन त नाकिनपत् ता । केश दोसरे रके, पशिचमी ् किटके । फडफरायल ठाढ, िकछु लटओम राएल बेहाल । हाथ धातु मितर्कारारा ूबनाएल रहैक त धर काठ मुितर्काराराबनाएल कोकनल, िनरस । लगै जेना मेहन जोदडो र् सभ्यताक वा पाषणकालकउत् खनन कएल गेल हो । तिहना किट आ ओभाग िहन ्दी िफल ्मक आइटम गल र्ककपिच छपिटक ल आएल सनके । बेनन िनल र्ज ।बात िनिव र्वाद छलै जे समरसताके अभावमे ई म ू ितर्प ू र् निह भेलै ।गढिनसब बेमेल बािन उबािन । बेलुरा रहैक ।असफलता पर पछताबा को कलाकारके निह रहैक । अहँकारी हेठी सबकेमनमे । आब ऐ बात पर घोंघाउज कटाउँ ज होइत होइत अरािर आ मािर पीटधिरक बत आिब गेलै । से केना त जेना एखिन पालक ीय मुाकबिलिधरोक िववाद ।20


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्काष ्ठकलाबाला कहिथ हपरा के अद ुस अधलाह कहत, तेकरा हम बिसलेसपाि देबै । पेन ्टर रकमीर्के अपन हठ हमर स ृजनाके िचन ्ह ब ुमके एकरा सबकेदृष िटए ् दम छनिह ् । िचकारके अप राग । पाषाणमुितर्कारक अप ठक ठक। सब अपन बातके इर बानिह, ् िगठर पािर अडल जे मायक िच हमरे कल ्पनाभावना असार बनए ।सह लहके बाते कोन अपना आग ूमे सबके सब अद, िनकम ्मे ब ुमिथ ।घोल घमथ र्न, गे छें टके वैचािरक दश र्न कहैत सब हुडफेर फेर घ ुमए ।अपना अपनीके सब तानिहबला, सुनबाला िनठाहे नइ ।लोकमे सब रके, सब तौ ंतके लोक रहैछ । ओइमेस एगोटे आग ूअएलाह आ थोडथम ्ह लगबैत कालाकार सिहत सबके बम ्बोिधत करैत कहलनिह ् हमरबात पिह ध ्यानस सुत जाऊ । बात हम पयरस सु करैत छी, म ूहँस निह ।पिह पयरेस एिह द ुआरे जे हमरासबके सँस ्कृितमे सबसँ पिह पयरे प ूजल जाइतअिछ । पयरे चिलक केओ अबैत अिछ । पयरेपर केओ ठाढ होइत अिछ ।पयरै लक्ष् मी होइत अिछ । आगत अितिथके पयरे पिव मानल जाइत अिछ ।वेशके पयर देव कहल जाइत अिछ । मा पयरे थम अिछ । कम र्शील भेबन ्दनीय आ ई लक्ष् मीपा अिछ । तािह द ुआरे पयरेस िचक िनमा र्ण शु हुअओ ।छोटकी काकी—कुमार शुशान ्तगामक मािटक सुगन ्ध, गामक बसमे बैिसते लागऽलागल । चौबीस वष र्किवछोडक बाद आइ ई सौभाग ्य भेटल । जौ ं कही चौबीस वष र्क बनवासक बादतहन को अितश ्योि नई, हमरालेल त बनवासे अिछ गाम सँ द ूर । जेना–जेनाआन–आन गामके पार करैत बस अपन गामक लगमे अबैत गेल, तहीना–तहीनादयमे एकटा हटले कारक उम ँगक सँचारके अभूित होबऽ लागल । हौजी, गाममेवेश आ अपन घरक द ूरी दश डेगक, म ूदा द ू िमनट पहाड सन लगैत छल ।उठल डेग िकगेल जिहना एकटा आवाज कानके स ्पश र् कैलक, “छोटकीकाकी गै, पाइ दिह धान कुटबऽ ले ।”एह िबसराह छलिथ हमर छोटकी काकी। पुछलाबाद ओहो अपन पिरचय “छोटकीए काकी” किहकऽ दैत छलीह । हूनक नामत हमरो सबके निह ब ुमल अिछ, लगतीह दाइ म ूदा बजवैत छिलयैनिह ् “छोटकी काकी”नाम सँ। ओना हमर अप नई भऽ पिटदारीक दाइ छलीह “छोटकी काकी”, म ूदा21


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्अप ्पन एतेक िक आिख ँ खिजते ु छोटकी काकीक हँसैत चेहरा देखैत छलहु ँ आ बालसुलभ हठ शु भऽ जाए “छोटकी काकी गै ?”“बउवा ?”“नीन ्नी( चीनी )बला रोटी बनए िक नई ?”“बाब ु हमर िबसराह भऽ गेलहु ँ, िबसिर गेलऊँ , न ्ना हमर अख बना दैत छी ।”वाह रे शब ्दक अम ृत, एतेक मध ुरता !छोटका बबा परदेश कमाइत छलिथ, बड सलज लोक । एही प ृष ्ठभूिममे छोटकीकाकीक िधयापुताक चचा र् नई देिख अप पाठक लोकिन जरे बिमगेल ु हायब िक“भगवा सँ चूक होइत छनिह”, ् म ूदा जौ ं हमर िवचार पुिछ त हम एकरा न ्याय कहबभगवानके, छोटकी काकी सन लोक जे उपमा छिथ स ्हक, मक, हुनकर घेरािसमीत नई होए ता ँए ।सत् ते कहबी छैक, बचपनके घटना जे बच् चाके मानस पटल पर आकीत भऽजाइत छैक ओ मेटौला सँ नई मेटाऽ सकैया ।ित दीदी नइहर आएल छिलह, हमर छोटकी काकी बेचैन, “गै छोटकी काकीिकया बेचैन छें ?”“न ्ना रे ित वऊआ आएल छिथन ्ह ।”“गै छोटकी काकी, ओतेक पैघ आजन, हूनकर माए ित दीदी तखन बऊवाकोना भेलख ुन ्ह ?” मोतीसन बतीसो दा ँत छोटकी काकीक चमकल, कहलीह, “हमरत बऊवे छिथ ।”“िक कहलह ुन ित दीदी ?”“बऊवा रे जतऽ रहैत छिथन ्ह ित बऊवा ओतऽ ताजा माछ नई ं भेटैत छैक” एिहबातक मम र् तखन हमरा ब ुमबामे नई आएल छल, म ूदा वेसी समय सेहो नई लागल ।सुतली राितमे छोटकी काकीके िहंचकी हमरा िभर सँ मकमोिरकऽ जगा देलक ।छोटकी काकी कत छलीह ।22


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्“िकया कत छें छोटकी काकी ?”“नई िकछ, सोना सुित रहू”“नई ं जो कह ऽ ?” र पोछैत अपन अरोध रखलहु ँ ।“न ्ना रे, ित बऊवा कालिह ् जाइ छिथन ्ह, हुनका माछ ख ुअिवतहु ँ । पै ंच छलहु ँ, िकछु पाई बाकसमे रख छलहु ँ, हरा गेल ।”“छोटकी काकी गै नई कान, हम कमाएब त तोर ख ूब पाई देबऊ तू हूनका माछ ख ुवािदयहुन”, भिर पा ँज धऽ कऽ माथ चुिम लेलिथ छोटकी काकी ।वात् स ्ल ्यक छहारीमें समय कोना कटल नई ब ुमाएल । कख काल बाब ुजी, मा ँपरबड तमसािथ, “िबगिड रहल अिछ, देखू ध ्यान िदयऊ”। ई शब ्द, शब ्द नई सँकेतछल, भेंटऽबला सजायके । िकछु िदनमे पिरणाम देखाई देलक, हम िजपर अिडगेल छलहु ँ “नई िक नई ं जाएब”, िज िनरथ र्क नई छल, हमरा िहसाब सँ, बात छलछोटकी काकी सँ द ूर होयबाक । पढऽवास ्ते बेबी दीदी ठाम जएबाक ।“बच् चा के बल कानव ” एिह कहिवके चिरताथ र् करैत, छोटकी काकीके कोरामें माथरािखकऽ ख ूब कानी । र कवैत छोटकी काकी कहिथ,“नई “जाएब त हािकमकोना बनव ?”“हमरा नई बनवाक अिछ हािकम”फेर सँ िहचकी लैत सवाल पुिछ बैिसयैन,“हमरा कोन जरी अिछ हािकम बनऽके?, नीक बला पैन ्ट शट र् पिहरलाकबाद तोही ं त कहैछें िक हमर न ्ना हािकम सनलगैया”, शब ्द रक बान ्ह तोिड देलक, भिर पा ँज कऽ धऽ द ु गोटा फफक् कामािरकऽ कानऽ लगलहु ँ । फेर कहलिथ,“आहा ँके हम ्मर सपत जौ ं नई गेलहु ँ तहम ्मर मरल मुहँ देखब ।” पट सँ कोरा छोिड उठलहु ँ आ स ्थान कऽ गेलहु ँअपना घर िदस, ओइ घर िदस जकरा कालिह ् धिर हम मदनबाब ुक घर किहयैन(हमर बाब ुजीक नाम मदनबाब ु अिछ )।23


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्चािरए डेग आगु बढल छलहु ँ की फेर सँ सुनाई परल छोटकी काकीकआवाज “घ ुरब तख जखन हािकम बिन जाएब ।” मा ँ सँग स ूतब मा ँके आश ्चय र्मेरख छलनिह, ् बेरबेर पुछिथ, “िक भेल बाऊ ?”“नई िकछु, हम जाएब बेबी दीदी ओतऽ पढऽ ।” भ्ा◌ोर सँ भोर बाब ुजी सँगेतैयार भ कऽ िवदाह भेलहु ँ पिढ िलिखकऽ हािकम बनवाक लेल । िवदाह बेरबाब ुजी कहलिथ, छोटकी काकीके गोर लािग कऽ आबऽलेल । हम अपन िहसाबकबहन ्ना बना लेलहु ँ, म ूदा गेलहु ँ नई ।बसमे बैसित काल बाब ुजी कहलिथ, “देख ु वाएह छिथ छोटकी काकी”तका गेल, सत् े छोटकी काकी छलीह । “िकया आएल छिथन ्ह ए ?” बाब ुजी सँपुछिलऐनिह ् । श ्नक जबाव बाब ुजी नई देलिथ, हमरा चाहबो नई करैत छलबाब ुजीक जबाव, िकया त हम ब ुमैत छलहु ँ छोटकी काकीके अएबाक कारण । हँ,ई नई ब ुमल छल जे छोटकी काकीके अनितमबेर ् देिख रहल छी । जौ ं ई ब ुमलरहैत त जतेक देर बस कल छल ओतेक देर कम सँ कम हुनके देिखतहु ँ ।“शुश भाई एतऽ िकया कल छी ?, कखन अएलह ु” चचेरा भाईएक ई शब ्दहमर तन ्ा तोडलक ।जे र छोटकी काकीके सँग रहलापर हमरा सँग छल, हूनका िबदाहभेलाकबाद िवदा भऽगेल छल । अखन..... हूनकर याद फेर सँ आिबगेलछल.....र... ।डटके जलपान- कुमार शुशान ्तएकटा किवताक भाव िनशिचतपसँ ् स ्मरण हायत,“सात समुक जलके स ्याही बनादेलजाए,वनक जँगलके लेखनी,समस ्त धतीर् केँ कागज बनादेलजाए,24


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्तख भगवानक मिहमा प ूण र्पसँ निह िलखल जाऽसकैया”भगवानक मिहमा त छोिड िदय एतबा में त डटकेजलपाक मिहमा नई अटत ।डटकेजलपान हूनक वास ्तिवक नाम छनिह ् िदबसलाल । जे हुनकर कमे र्न भेटलछनिह ् हूनक िकछु मिहमा स ्तुत अइछ,क् ीऋ पिरक्षाक सेंन ्टर गामसँ ७० िक.िम. द ूर एकटा स ्कूल में रहें, आवत–जाबत नईसंभव हाएत ई िवचार कऽक गामक १० टा जे पिरक्षाथीर् छल सबगोटे एके ठाम डेरालेनहु ँ । पिहलबेर अिभभावकके नजरसँ द ूर स ्वच् छ ंद लंगोिटया यार–दोस ्त संगरहबाक मौका भेटल । उम ंग–उत् साह त एते िक बण र् उिचत नई । ओम ्हरअिभभावकके िक फुरौलिन से भगवान जानिथ । देख–रेखलेल संग लगौलिनडटकेजलपानके । एक त राकश म ंडिल उपर स न ्योत से भेट गेल, डेरामेंसमानसब राइखकऽ श होयबाकलेल कोका–कोला िपबाक िनण र्य भेल म ंइिलके ।दोकानपर पहु ँिचते हुकुम भेल दोकनदारके,“दसटा ख ूब ठंढा कोका–कोला दऽ”डटकेजलपान लगा कुल संख ्या छल एग ्यारह, मुदा जािन–ब ूझकऽ म ंगनऊ दशेटा ।आवशु भेल िववेचनएकटा िम “ जा हुनका नइ भेटलिन ”दोसर “ नई–नई हुनका देबो नइ करबिन ”तेसर “ से िकया ?”चौथा “ बड◌़ कडा िनशा होइत छैक अइ में”सब गोटे जािह म ंशासँ गप ्प नार छलहु ँ से पुरा भेल, डटकेजलपान बजलिथ ।डटके “ उबा सब, मा ँए बाप पिरक्षा देबला पढए छनिह ् आ ईसब एतऽ दािपबइ छिथ ”25


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्एक िम “ तोहरा अपन ◌ँबतजभच के शपथ छह, कतौ बिजहऽ नई ”अंग ूठा ाप, ◌ँबतजभच के मतलब नई ब ूझलिथ ताएँबजलिनझगड◌़◌ा नई कएलिथ, एतबे“ िठकछई–२ नइ कहब ” ।िकछुदेर सऽबके िपबैत देख नइ रहलगलनिह, ् पिछ ू बैसलिथ,“ कते कड◌़◌ा होइछैएकर िनशा ?”िम “ नइ प ूछह, झ ूमा देतौ ”डटके “(म ू ंह िबचकबइत) हूँ ह, केहन–२ भा ँग–धतूर के त िसधें घोंिट जाइ िछयिन तई िक झ ूमाओत ?”िम “ कहैत िछओ , भूिलयोकऽ नई िपिवहऽ ”डटके “ एहन बात छइ तहन लबही तरे ”लेलिथ कोका–कोला; मुशिकलसँ ् आधा बोतल िप रहिथ िक लड◌़बड◌़◌ाईत आवाजमेंकहैछिथ “ हमराकान में फहऽहऽहऽ करईया ”एक िम “ हौ, ई कोन िबमारी भेल ”दोसर िम “ िबमारी नई, िहनका िनशा लािग गेल छनिह ् ”हौजी एतवा सुिनते आधा बोतल कोका–कोला हाथमें ओराए लगलिथ रोडपर ।आबत भेल भीड◌़, जे तुरे आएल रहिथ हूनक एकैटा श ्न रहनिह– ् “ िक भ गेलछनिह ् ”“ िनशा लागल छनिह ् ”“ िक लऽ लेलिथ ”26


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्“ कोका–कोला ”“ बड◌़ टिकयाह ं लोक छिथ, ओइसँ को िनशा लगइ छइ ”जइन एतबे जवाब िधरे–िधरे जम ्मा भेल पचासटा लोकसँ सुनलिथ तइन ठाढ भऽ कदेहपर लागल मािट झाड◌़◌ैत बजलिथ,“ उबा सब, झ ूठे िकया बजैजाइत गेले हऽजे िनशा बला िचज छइ से, करा देले बेइज ्जित” ।एकटा िम “ तो ं िकया िचंता करैत छऽ बेइज ्जितके ?, ओकरा करऽ दहक जकरा ठाम इज ्जत छई ” ।“ बोिन िनक भेटल” चचा र् करैत सब गोटे पहु ँचनऊ डेरामें ।आब िनण र्य भेल भोजन लेल जएबाक ।बेरा–बेरी भोजन कऽक आएल जाए ।२ पैयामे भिरपेट भोजन पिहनिहं एकटा होटलमे तय कऽ क एडभान ्स १०पैया जमा सेहो करा चुकल छलहु ँ । होटलके नाम किहकऽ सबसँ पिह भोजनकरबाकलेल पठाओलगेल डटके जलपानकेँ । घन ्टा द ू घन ्टा, चािर घन ्टा भऽगेल म ूदाडटके जलपान अएलिथ निह । िचन ्ता सँ बेसी कौतुहुलतावश हुनक तलाशमे सबगोटेिनकललहु ँ । होटल आगा पहु ँचलहु ँ त फेर सँ नजर पडल िकछु लोकक भीडपर ।पहुिचते देखैत छी जे डटकेजलपान आओइ होटल मािलक बीच गमा र्गरम बहशभऽरहल अिछ ।होटल मािलक “हम कोनहु ँ िकमतपर नई ं ख ुवा सकैत छी”डटके– “अप म नई ख ुएबे, पाई दे िछयौ, फोकटमे नई ं ”बीच बचाव करैत होटल मािलकसँ श ्न पुिछ बिसलहु ँ–“की बात ”जबावमे खाना बनाबऽवला महराज बडका हण ्डाके करछुसँ िपटैत पहु ँचल ओतऽ जतऽहमसब ठाढ छलहु ँ ।दोकानदार–(खाली हण ्डा िदस ईशारा करैत)“आब ब ुमाएल बात”27


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्िकछुदेरक चुप ्पीक बाद, फेरसँभोजनके बात कए छलहु ँ”हाथ जोिडकऽ बजलिथ–“सरकार हम मख ्खकहमसब कहिलयैनिह–“ई ् त ऊचीत नई भेल ! हमसब त एडभान ्स दे छी ”दोकानदार गल ्लामेसँ १२ टका िनकािलकऽ, लगमे आिब हाथमे पकडा देलक आ कानमेंिधरेसँ कहैया–“बारह टका देलहु ँ, १० टका जे अप एडभान ्स दे छलहु ँ से आ सु–ऊ जे सामके होटल अिछ(सामके होटल िदस ईशारा करैत) ओकरा मािलकसँ बडकिसकऽ द ू िदन पिह हमरा मगडा भेल छल, उपरका जे फािजल द ू टका अिछ ओहमरा तरफसँ घ ूसभेल, अई आदिमके कालिहसँ ् ओही होटलमें पठाऊ”दोकानदार सँगे सब िमके हँसैत–हँसैत पेट द ुखाए लागल ।डटकेजलपान अथा र्त िदवसलालजीक एक एकटा काजक वण र्न िलखऽमे जौ ंसमुक पािनके मसी बनादेल जाए त भलेही समु सुखा जाए म ूदा िदवसलालजीककारनामा नई िलखा सकत । धन ्यछिथ....िदवसलालजी !व ृषेश च लाल-ज 29 माच र् 1955 ई. केँ भेलि। िपताः .उिदतनारायण लाल,माताः ीमती भुवरी देव। िहनकर छिठहारक नाम िवेरछि। म ूलतः राजनीितककमीर् । पालमे लोकतलेल िनरर संघष र्कममे १७ बेर िगरफ्तार । लगभग ८ वष र् जेल ।सम्ित तराई–मधेशलोकतािक पाटीर्क राीय उपाक्ष । मैिथलीमे िकछु कथा िविभपपिकामे कािशत । आोलन किवता संह आ बी.पीं कोइरालाकिस लघ ु उपास मोिदआइनक मैिथली पारण तथा पालीमे संघीयशासनितर नामक पुक कािशत । ओ िवेर साद कोइरालाक ितब राजनीितअयायी आ पालक जातािक ं आोलनक सिय योा छिथ। पाली राजनीितपर बरोबिर िलखैतरहैत छिथ।बी. पीं कोइराला कृत मोिदआइन मैिथली पारण ब ृषेश च लाल28


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्हठात् अपन दिडभा आबक योजनक मोन पिड≥ते हम भ गेलहु“ । ायः तखन िदनक एगारह बजैत छलैक हएत । शहरबजारककोलाहल िकछु पहरक हेतु शा भेल छलैक । ेशन श ूसन छल, सडकपरगाडी वा पैदल याी एकाधेटा देखयमे अबैत छलैक आ’ सेहो कखकाल ।चाकात च रौदक साा छल । आकाशमे उपर बहुत उपर चीलसभ उिडरहल छल । दोकानक नीम गाछपर कौआसभ कख–कख आिबकय कुचिर जाइक। कख–कख एकगोट िबलािड दोका–दोका घ ुमैत छडपैत नजिर पडैक। ... हडाहा पोखिरपर स ूय र्क खर रौद अनवरत पिड रहल छल, मुदा अखमेघक छाह पिडते पािन किरा रोसनाई जका कारी भ जाइत छलैक आ’ बसातकछोटको झोंक ओिहमे असं िहलकोिर उठाय पािनके चल बना दैत छलैक ।”हम िमसरजी लग जा क जी करय लगलहु“ — शहर देखय चल ू न.ओ आय र्स बजलाह — बाप रे, एहन रौदमे... ”हम जीपर उतिर गेलहु तखन ओ िदिकआकय एकगोट एा भाडापरलेलि । शहरक प ूरा पिरमाहेतु निह ... नगरदश र्नक पिहल पडावधिरक लेल मािहंएा हमरासभके राजदरबारतक पहुचा देलक । ओिहठाम हमसभ उतिर गेलहु आ’तकरबाद पैदले देखैत–सुत आगा बढलहु। बडीटाके िवशाल लोहाक फाटक लगसहमसभ ओिह लालदरबारके िनहारलहु जकरा बारेमे रेलगाडीमे ओ ब ूढा कहैत रहिथ जेबनाबयमे डेढ करोड लागत पडल छैक । जाधिर तािक सकलहु तकैत रहलहु ओिहिवशाल दरबारके आ’ तिहना ओकर बडकी फूलक बगीचाके जािहमे रिवरक शोभाबढबयबला गाछ तथा फूलसभ रोिप सजाओल गेल छलैक । फाटक लग ठाढबूकधारी िसपाही हमरासभके डपटलक — कथी देखैत छह, भागह एिहठामस की... ”तकरबाद हमसभ हिथसार, घोडसार, असबाबखाना आिद देखलहु।एकस एक चमािरक वुसभ देखैत सुत हमरासभ अमे दिडभाक बजारिदिसपैसलहु । तिहया दिडभा शहर एे ठाम ित निह रहैक — मोहा–मोहा,टोल–टोल आ’ सेहो सभ अलग–अलग छुटल िछिडआयल जका रहैक । एक ठामसदोसर ठाम जायलेल छोटछीन ामीण खके पार करिहं पडैत छलैक — खेत, बारी,ताडक बडका–बडका गाछक पाितसभ आ’ ओिहमे सटल ताडीखानाक एकचारीसभ बीच–29


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्बीचमे बडका–बडका नालीसभमे खदबदाइत गजगज करैत टोल मोहाक गगी ।... शहरक बाब ूसभ खपडाबला िवशाल बलाक बरडामे भारी, चाकर आ’ बडका–बडकाआराम कुसीर्पर, जािहमे आधा शरीर सुताकय आराम कएल जाइत छैक, सुतलद ूपहिरयाक श ू िनहािर रहल छलाह । कख–कख एकाधटा एा अथवा बैलगाडीसडकक मािटके आओर महीन गदा र् बनबैत पास करैत रहैत छल ।दिडभा शहरक िदनभिरक ला मणस आिखमे िविभ नव–नवदृसभ संजोगैत मुदा एकदम थाकल ठेिहआयल साझखन हमरासभ फेरो मोिदआइनलग पहुचलहु। िमसरजी चौकीपर बैिसते ठेहीक कार नमहर सास तनलिन ।मोिदआइन एक बाल्टीन पािन आ’ लोटा दैि◌त कहलकि — अहासभ थािक गेल छी। ... हात–पयर धो क ठेही उता देखू त एिह बौआके, ... बेचारा... ”मोिदआइनक वचन अ ेहप ूण र् रहैक । ततबे िता नजिर आ’भावमे सेहो छल । िमसरजी उिठ हाथमे लोटा लैत बजलाह — हम ककपोखिरिदिस जाइत छी । ओतिह सभ ियास िनव ृत भ जीये आयब । तकराबादहमरा काजस बाहर जयबाक अिछ । ”हमहु पोखिरिदिस जायलेल उठलह ु । मुदा मोिदआइन हमरा रोिकलेलिक — एखन पोखिर जयबाक जरी निह छैक । ... सेहो कुबेरमे । ... आ’फेर अहा थाकलो छी ”हम ओही ठाम पीढीयेपर बैिसकय हाथ–पयर धोयलहु आ’ लगेक अखरेचौकीपर जा क पलथी मािर बैिस गेलह ु । मोिदआइन एकगोट बडका लालटेनलेसलिक आ’ लोहाक एकगोट पातर कडीमे ओकरा लटका देलकैिक । तकरबाद एक–एक क सभ दोकानसभमे इजोत होइत गेलैक । एे रीमे साझ मुािर भगेलैक । कीडा–फिटासभक तीख िन चाभिरक वातावरणके हडहोडय लगलैक ।अारमे हडाहा पोखिर लु भ गेल जेना िनताक कारी ध ुध ुर चिर ओिहपोखिरपर चिढक पसिर गेल होइक । ओिह कारी िनताक चिरपर असंभगजोगनीसभ भक–भक करैत उडय लगलैक । हमरा लागल िकं वा साझक अारहडाहा पोखिरपर कक बेशीये मोटगर भ गेल छलैक । हम कक डेरायल आ’िशिथल रमे पुछिलऐक — मोिदआइन, हडाहा पोखिर साझ होइतिहं ...साझखन क एह कारी भ जाइत अिछ ? ”सभ िदन30


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ओ एकबेर हमरािदिस धिमकय ु देखलिक । अारक कार शायद, हमराब ुझायल जेना ओ बहुत द ूर होय आ’ द ूरिहंस एकटक हमरा िनहािर रहिल होय ।कक दोसरे र लागल । मुदा लगलेक ओकर ेहयु ि वाणीस हम आ भगेलहु —बौआ, हडाहा एकगोट िवशेष कारक पोखिर अिछ ”हम पुछिलऐक — केहन िवशेष कारक... ? ”ओ बाजिल — बहुत ाचीन पोखिर अिछ ई ... ... महाभारतेक समयकिथक । तिहया एतय आट जल रहैक जकरा बीचमे रहैक एकगोट छोट डबडा ”तखन ?”धीरे–धीरे जल फडाइत गेलैक । गामक बढैत आ’ लोकसभजलके कटैत ठेलैत गेल । कालारमे अहूठाम वी बैिस गेलैक । बादमेदिडभाक एख ुनका महाराजक पुरखासभ एकरा अपन िजमदारीमे समावेश क लेलि। ”मोिदआइन एकिह सुरमे सुरआयल बजैित गेिल । हम अ थाकल छलहुतथािप ओकर सुरआयल रस सोिहत जका होइत गेलहु । ओ बजैित गेिल —जिहया ई चाकात झारेझारस घेरल एकटा छोट डबडा जका छलैक, िन अहीपोखिरक मोहारपर बैिसकय एकगोट मलािहन माछ बेचैित छिल । ... मलािहन नाम,ह्–पु, सुिर आ’ आकष र्क छिल । जेना तिहया चिलत रहैक ओकर प ूरा देहचानीक गहनास छाडल रहैत छलैक । ओकर घर कतय रहैक, ओ कतय माछ मारैितछिल से ककरो ज्ञात निह रहैक मुदा ओकर माछ होइक नीक ... तै ं ओकरा ओिहठामबैिसते देरी माछ फटाफट िबका जाइक । ओ हमरा चुपचाप िनसायल टकटकीलगाकय देखैत आ’ सुत देिख बीेमे िक गेिल आ’ पुछलिक — सुत िछऐक,बौआ ”हम कहिलऐक — तखन फेर, मोिदआइन ? ”जेना िक सभ िदन ओ करैित छिल एकिदन ओ माछ ल क पोखिरकमोहारक अपन िनित ानपर आिबकय बैसिल । ओिह िदन ओकर डालामे एकटाबडका रोहु माछ रहैक । तख दिडभा राजाक एकगोट नामी तािक पोखिरमेनहाकय द ुगा र् कवच पाठ करैत ओही द क जा रहल छलाह । ओ लाल धोती, लालकमीज आ’ टोपी सेहो लाले पिहर छलाह । मलािहनक डालीक बडका ज ुआयल रोहु31


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्हुनका ख ूब नीक लगलि । ओ ओिह रोहु माछके िकिन लेलि । एतेकटा बडका माछएे आदमीके िकत देिख मलािहन ब हिष र्त भेिल । ओ हसैित अपन ख ुशी करैित पितजीके कहलकि — आई त अहाक भिर घरक हेतु ई पया र् आ’भिरपोख हएत । ”मलािहन जखन हसिल त ओकर सजल िमलल सुर चमचम करैत दातसभओकर सौय र्के आओर चमका देलकैक । ठोरसभ रसायल आ’ लाल भ गेलैक ।तािक ओिह सुिर नारीके एकटक देिखते रिह गेलाह । तख एकटा चीलतािकक हातक माछके झपिटकय िछिन लेलक आ’ उिड गेल । मुदा माछ भिरगररहैक तै ं चील द ूर निह ल जा सकल । पचासे डेगधिर ल गेल होयतैक िक माछखिस पडलैक । मलािहन फेर एकबेर हसिल । तािक ख ूब िनहािरकय ओिहमलािहनके देखलि । हुनका लगलि जेना हसीक पाछा कायल चेहराक मु भागवेदनास भरल को ाचीन नारीक छलैक खाली हसीयेटा ताजा आ’ अख ुनकाक ... ।”जेना तािकके एकाएक को गीर रह ब ुझा गेल होइ ओमलािहनिदिस तकैत पुछलिख —मलािहन, तो िकएक हसलह ? ... तो के छह ?”मलािहन बाजिल — हम केओ होइ तािहस अहाके की ? हसलहु एिहद ुआरे जे किलयुगमे आदमीयेटा निह िखयायल पशुपक्षी सेहो िखया गेल ।देिखयौक , ओिह एकटा रोहुके चील उडाकय निह ढोऽ सकल । तिहयाक मखसभपरामी आ’ हाथी जका“ शिशाली होइत छलाह । पशुपक्षीसभ सेहो ओह बलुआरहोइत छलैक । महाभारतक कालमे एकटा चील कुस एकगोट योाकशरीरके उठाकय अही ठाम खिधयामे फें क छल । ... कहा कु आ’ कहा“दिडभा कतेक द ूर आ’ सेहो एकगोट योाक भारी शरीर उधैत एतय तकउडब कतेकटाक चील होइत छल हएत तिहया । कतेक बलशाली रहल हएत ”? ”तािक फेर पुछलिख - तो छह के ? तो ईसभ बात कोना ब ुझलहमलािहनक मुान हठात् हेरा गेलैक आ’ मुह िवषादस कारी भ गेलैक। ओ अपन डाला उठा लेलिक — हम केओ होइ तािहस अहाके कोन योजन ...?”32


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्तािक िकं िचत अिधकारप ूव र्क िकछु बाजक य किरते छलाह मुदामलािहन अटेरैत आगा बिढ गेिल । तािक आगास बाट घेरैत रह उािटतकरक उेस कडकैत बजलाह — मलािहन, थमह तो के छह से िबना बतओ निहजा सकैत छह तोरा हम निह जाय देबह ।”मुदा ताधिर मलािहन िबला गेिल छिल । त ओतय को मलािहनरहैक ओकर डाली । खाली तािकक कडकैत िन िकछु कालधिर वातावरणमेगुैत रहल आ’ िकछुअ े आगा खसल पडल ओ रोहु माछ बीच–बीचमे चमकैत रहलैक। ”? ”हम अ तास“ पुछिलऐक — तखन फेर की भेलैक,मोिदआइनकी होइतैक ? ओतयस तािक धडफडाइत सोझे राजदरबारगेलाह, राजाके सूण र् व ृता सुलि । आ’ फेर तखन तािकेक सलाहपर एिहखिधयाक उननक िनण र्य भेल रहैक । ओिहमे महाभारत कालक योासभक शरीरकको हाड भेटतैक की से सोिच पाच हजार जन छौ(अिगला अंकमे)उपास- चमेली रानीज 3 जनवरी 1936 ई हरा, िजला दरभंगामे। 1958 ई.मे अथ र्शास्मेातकोर, 1959 ई.मे ल◌ॉ। 1969 ई.मे कैिलफोिन र्या िव.िव.सँ अथ र्ास् मे ातकोर,1971ई.मे सानािसो ं िव.िव.सँ एम.बी.ए. , 1978मे भारत आगमन। 1981-86क बीच तेहरान आैंकफुतर्मे। फेर बई पु होइत 2000सँ लहेिरयासरायमे िनवास। मैिथली िफ ममता गाबयगीतक मदनमोहन दास आ उदयभा िसंहक संग सह िनमा र्ता।तीन टा उपास 2004मे चमेली रानी,2006मे करार, 2008 मे माहुर।चमेली रानी- केदारनाथ चौधरी33


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्रहमान नामक बडीगाडर् बोतल सँ आधा िगलास स ्क◌ॉच ढारलकफेर थम र्स सँ बफ र्िनकािल किमलेलक आ िगलास िवधायकजीक हाथ मे पकड◌़◌ा देलक। िकछु कालपिहलका झंझट सँ िवकल िवधायकजी सम ्प ूण र् िगलासक पेय केँ एकिह सा ंस मे घोंिटगेलाह। फेर प ूव र्वत अपन सुरमादार आिख ँ केँ युवतीक मनचुम ्भी माक स ्थान परकेनित ् किनशिचन ् ्त भेलाह।हम तहिरार जा रहल छी।स ्वामीजी पलथी पर राखल मोटका िकताब सँ नजिर हटा कयुवती केँ जबाबदेलिथन आ फेर श ्न केलिनमुदा ओ अइ मैनाअहा ँ काकेक संग अिह अितकाल मेकतिवदाह भेलऊँ अिछअथा र्त युवतीक नाम मैना आ युवकक नाम काके। ओिह तीन ूक बीच वाता र्लापहोबय लागल। न अपन फुल स ्पीड अथा र्त पा ँच-छः िकलोमीटर ित घंटाक गितमे जा रहल छल। अँजक बनाओल पटरी आ िब बजाओल त् येक वष र्क कोशीकजानलेबा बाढ◌़ि◌। समस ्त इलाका मे अभाव आ दिरताक सााज ्य। भिवष ्य मेको पिरवतर्न होयत तकर द ूर-द ूर तक को आशा निह। धहधह जरैत बाधबोन। कतौ-कतौ गाछ व ृक्षक दश र्न। ओना चा कात तअकाले पसरल रहै।सत् य वा झ ूठ। स ्वामीजीकाके आ मैनाक गप-सप सँ पता चलल जे ओ सबभारदाक सटल कटकी ामक िनवासी छलाह। काके मेिडकल टेस ्ट िदअ पटना जारहल छल। मैना िज पसािर देलक आओर काकेक संग िवदा भगेलीह। ओ सबमौसीक डेरा पर द ू िदन रिह वापस होयत। स ्वामीजी समस ्तीपुर सँ हिरारक बोगीपकड◌़ि◌ कस ्थान करताह।न एक-द ू टीसन कैत आगा ँ बढ◌़ल। ओिह फस ्ट-क् लासक िडब ्बा मे धीरे-धीरे आलस ्य पसिर गेल छलै। सब िकयो गुमसुम। मैना काकेक गरदिन परम ूड◌़ि◌ रख चुपचाप पड◌़ल छलीह। हुनक काजर पोतल आिख ँ बन ्द छलिन। काकेकखकाल एम ्हर-ओम ्हर तािक लैत छल। स ्वामीजी एका भिकताबक पा मेअध ्यात् मक तत् केँ तािक रहल छलाह।मुदािवधायकजी मे को पिरवतर्न निह भेल। हुनक समस ्त वासना जे हुनकसािठ वष र्क उमेरक कारण आिखयेटा ँ मे रिह गेल छलिनमैनाक सौन ्दय र्क िनल र्ज ्जअवलोकन मे व ्यस ्त छल।बारम ्बार िवधायकजीक चचा र् भरहल अिछ। तािह कार ं हुनक जीवनकदेदीप ्यमान इितहास जानब आवश ्यक।34


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्लाडर् कन र्वािलसक चलाओल जमींदारी व ्यवस ्था बहुतो थाक जन ्म देलक। ओिह मेभेल खबास-खबािसनक था। भखरा ंइवाली अपन समयक िस खबािसन छल। ओकराद ूटा बेटी छलै चा आ मा। चा सासुर मे बसैत छल। माक िबयाह पिछलाअगहन मे भेलै िबयाह कपाहुन कलका गेलाह से आब एगारह मासक बाद एकटाबैरन िची पठौलिन बाद समाचार जे कोठीक मलकाइन िबस ्वास देलक हें जे अिगलामास फागुन मे एक महीनाक छुी देत। हम भिरसालक दरमाहा आ िजिनस-परलकफगुआ तक आयब।भखरा ंइबालीक करेज ख ुशी सँ फाटलगलैक। ओ िहसाब जोड◌़लकआबतफगुआक िदन बीस िदनक िभतरे। ओ अपन बेटी मिनया ँक केश मे गमकौआ तेलदेलककाजर केलक आ स ्-पाउडर लगा कओकरा परी बना देलक। फेर मिनया ँकेँ ब ुझबैत कहलकजोजाके बाब ू साहेब सँ एक सय म ंग आ। मास भिरक िसदहाएख कीिन लेब से ठीक। पाहुन कलका सँ पिह एतिह औताह। हुनका अिबतेकी को वस ्तुक कमी रहत!मिनया ँ जखन बाब ू साहेबक दलान पर पहु ँचिल तओ मसनद पर ओंगठल अखबारपढ◌़◌ैत रहिथ। आ ंगन सँ हुनकर तेसर पत् नीजे भागलपुर िजलाक बौ ंसी सँ आयलछलिखनितनकर ककर्श आबाज आिब रहल छलै। ओ अपन द ुन ू सौतीन संगे वाक् युकरहल छलीहगइतोहें की बजै छौहमे छी राजाक बेटी आ तोहें छौ ंदिरदरकबेटी। चुपे रहौ ंनिह तआिब केँ झोंटा िच लेबहौ ं।बाब ू साहेब अथा र्त ठाकुर िलोकीनाथ िसंह। भारत स ्वतंा भचुकल छलैमुदाजमींदारी निह गेल रहैक। बाब ू साहेब तीस-पै ंतीस तौजीक मािलक। महराजकसम ्बन ्धीद ुमहला भवनचाकात कइएक बीघा मे पसरल आमलीचीकटहरजामुन आफूलक बगान। अपन पोखिर आ िपरािभट महादेव मनिदर। ् तीन िबआह केलिन मुदासन ्तानक मुँह एखन तक निह देिख सकल छलाह। आब चािरम िबआहक जोगार मेरहिथ िक भखरा ंइबाली खबािसनक छोटकी बेटीमिनया ँ सोझा मे ठार भगेलिन।अच् छाएक सय टाका चाहीबाब ू साहेब आ ँ िख सँ मिनया ँ केँ तजबीजकरलगलाहमुदा कान पथ रहिथ आ ंगन मे। समय आ अवसरक पारखी बाब ू साहेबकेँ िनश ्चय भगेलिन जे आ ंगन मे पसरल वाक् -यु जल ्दी समाप ्त होबबलानिह। ओ मिनया ँ केँ दलानक भीतरबला कोठरी मे लगेला। ओकरा हाथ पर सयटाका रािख देलिनसंगिह चािरम िबयाहक कल ्पना मे कं पैत संतानक सम ्प ूण र् इच् छाकेँ सेहो मिनया ँक कोिख मे उझील देलिन।मिनया ँ िछड◌़ि◌आयल टा ंग केँ समटैतआ ँचर सँ आिखक ँ काजर केँ पोछैत आमाथक िबन ्दी केँ तकैत जखन अपन आ ँगन मे पहु ँचिल तओकर माय भखरा ंइबालीस ूप मे चाउर फटकै छलै। पुछलकैटाका देलकौ35


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्हँकहैत मिनया ँ मायक हाथ मे सय टाका रािख देलकै आ फेर फूटल चूड◌़◌ी आमसकल आ ंगी िदस सेहो इशारा केलकै।भखरा ंइबाली टाका केँ ख ूट मे बन ्हैत कहलकैजे भेलौ से िबसिर जो।िडगिडिगया िपटैक को काज निह। ई सब क-म होइते रहै छै। मुदाध ्यान दकसुन। ओिह कोढ◌़ि◌याक दलान िदस फेर मुँह निह किरहएँ। पाहुन केँकलका सँ आबै मे आब िद कतेक छैक। पाहुन केँ अिबते सब िकछु सिरयाजेतौकिनशिचन ् ्त रह।मुदापाहुन को कार ं निह आिब सकलाह। बाब ू साहेबक सन ्तानक चरम इच् छामािनया ँक पेट मे पिरलिक्षत होबलागल। आबएहन अवस ्था मे कयले की जासकैत छलै।मिनया ँ ठीक समय पर गोर-नारएकटा सुर बेटा केँ जन ्म देलक। मुदाबेटाकजन ्मकाल ओकरा िकछु भगेलैक। ब ंगाली डाक् टर बाद मे कहलकै जे मिनया ँ िटटनसिबमारीक चलते मिर गेल। िटटनसक को दबाइ निह छै।भखरा ंइबाली जेना-तेना ओिह नाक सेवाक-खेबाक इन ्तजाम केलक। नाटनमनाइत पा ँच-छह वष र्क भेल। भखरा ंइबाली आब शरीर सँ लचिर गेल छल। ओिहम ्मत हँसोित कएक िदन बाब ू साहेबक ओिहठाम पहु ँचिल।ओिह िदन ठाकुर िलोकीनाथ िसंह अपन सतमायक सराधक जयवारी भोज मेबाझल रहिथ। हजारो तहारी पंघित मे बैसल सटासट जीम रहल छल। बासमतीअरबा चाउरक भातआिमल देल राहिरक दाइलसात तरहक तरकारीबेस फूलल-फूलल बड◌़◌ी आ ओिरका सँ परसल देशी घी। ब ुझ ू बहुत िदनक बाद एहन रमनगरभोज हाथ लागल छल।की हल ्ला भेलै। भखरा ंइबाली हाथ नचबैत िचिचया-िचिचया कबािज रहलछलैऔ बाब ू साहेबहम सत् य बजै छी। ई अही ं क जनमाओल बेटा छी।भोज मे ल ूटन झा अदौरी-भाटा परसैत छलाह। ओ दािलक बारीक िबलट झा केँरोिक पुछलिनकिथक हल ्ला छैअँए हौकी बात छैिबलट झा सिवस ्तार सब बात ल ूटन झा केँ ब ुझबैत जवाब देलकिन जे बाब ूसाहेब एकर माण मािग ँ रहलिखन अिछ।उिचते की । िबना माणक ई गप ्प िस कोना हैत। हौमा सँ अदालतचलै छै ।36


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्बािरक अपन काज में व ्यस ्त भगेलाह। भखरा ंइबाली लोहछल नाके पहु ँचापकड◌़ वापस भगेलीह। ओ टोले-टोलगाम-गाम सबकेँ सिवस ्तार स ूचनादएलै। मुदाओ माण निह ज ुटा सकिल।माण तकैत-तकैत भखरा ंइबाली एक िदन अिह धरती केँ त् यािग देलक।ओना आब टोल-पड◌़◌ोस मेफेर गाम-गाम घिम ु भीख मािगं कसमयिबतबलागल। ओ ायः सिदखन ना ंगट रहै छल। तािह कार िकयो ओकर नामकरणकदेलकै ठाकुर ना ंगटनाथ िसंह।िकछु समयक बाद भीख मा ंगैक म मे ना ंगटनाथ झंझारपुर पहु ँचल। झंझारपुरमे िबरो र् अिधआइ छलै। द ू वष र्क बाद बटेर िसंहक िदलबहारट ंकीक आगमनकस ूचना झंझारपुर केँ अपन िगरफ् त मे ल छलै।सब ठाम एकेटा गप ्प। दालमण ्डीक तीन आओर चतुभुर्ज स ्थानक द ूकुल पा ँचनवकी नतर्की इजोतक प ूरा इन ्तजामनवका परदाजंगल-सीन अलग आ महल-सीनअलग। आब आरो की चाहीअइ बेर चौआिनया ँ िटकटबला पाछा ँ बैसत आ अठिनया ँआगा ँ। सबसँ आगा ँ ठीक हरमोिनयम आ तबला मास ्टरक बगल मे थोड◌़◌ेक कुसीर्रहतै जािह पर िजलाक हाकीम ी मे ट ंकी देखताह।बटेर िसंह पिहल िदन लैला-मजनंखेलायत। ूफेर िसरी-फरहादनल-दमयन ्तीकटी पतंगआिद खेलाइत अन ्त मे सुल ्ताना डाकू। ट ंकीक महीना भिरकोाम झंझारपुरबला केँ हिष र्त आ फुलिलत ् के रहत।ओही हरिबरो र् मे ना ंगटनाथ भीख म ंगैत-म ंगैत बटेर िसंहक सोझा मे आिब ठारभगेल।बटेर िसंहक उिमर सािठक धक मे। छपरा िदसका रहिनहार। ओ चौकी परबैसल छल। ओकर खास कर झरोिखया ओकर घीक ु मटर फोड◌़ि◌ रहल छलै।बटेर िसंह िकछु काल तक अपलक ना ंगटनाथ केँ देखैत रहल। फेर झरोिखया केँहुकुम देलकैलौ ंडा को ट ंकी मे भतीर् कर लो।ना ंगटनाथ बटेर िसंहक िदलबहार ट ंकी मे की भतीर् भेल जे ओकर नसीबकपेटार खिज ु गेलैक। नीक आ भिरपेट भोजनसाल-द ू साल जाइत-जाइतना ंगटनाथ केँ पुष बना देलकै।बटेर िसंहक जवानीक िमका छलै पटोरमिण। आब पटोरमिण को पाट निहकरै छैमुदा रहै छै ट ंकीए मे। कखनहँ ु काल जखन बटेर िसंह म ूड मे आबय तँपटोरमिण सँ हँसी-मजाक किलएबस। ना ंगटनाथ पटोरमिणक द ुलआ बिन गेल।37


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्तकर कारण छलै पटोरमिणक गिठया दद र्। ना ंगटनाथ मोन लगा क घंटो पटोरमिणकगिठयाबला स ्थान केँ जा ँत-पीच करै छल आओर पटोरमिणक िहस ्सा सँ सेर भिर द ूधओकरे हाथे िपबैत छल।पिरवतर्न तसमयक िवधान िथक। सालक साल समय िबतैत गेल आगाम-गामनगर-नगर घ ुमैत िदलबहार ट ंकी प ूसा रोड सँ किनकबे पशिचम ् कटोिरया गाममे अपन ख ुा गाड◌़लक। ना ंगटनाथक ट ंकीक त् येक िवभाग पर प ूण र् आिधपत् यरहैकमुदा आमद खच र् पर एख बटेर िसंहक कब ्जा छलैक। पा ंजरक हीजागलकोहासन पेटचोटकल गालआ कं काल बनल बटेर िसंह जखन सबकेँ मिहनाबा ँटय तना ंगटनाथक िमजाज मे पसाही लािग जाइकहे परमेसर! किहया बटेरबामरत।बटेर िसंह मरल। ना ंगटनाथक मददगार भेलैक झरोिखयाक बेटा ननखेसरा।ननखेसरा ना ंगटनाथ केँ ब ुझबैत कहलकैकिहया तक बाट तकब। ई बटेरबात मे कौआक जी पीस कपी अिछ। बाप रौ बाप। एतेक िदन िकयोमक् ख जीबए।राितक अनितम ् पहर छल। मसनद सँ चािपबटेर ं िसंहक इहलीला केँ समाप ्तकदेलक आ कन ्तोर सँ लगभग बीस हजार टाका लए ना ंगटनाथ आ ननखेसरा सरपटभागल। भगैत-भगैत गंगाकात जा कसा ँस लेलक।गंगाकात मे एकटा मलाह िचिचयाित छलैपा ँच पैया खेबा मेगंगा पार जेबामे। आिब जाउनाव ख ुजैबला छै।बीच गंगा मे लहिर भौर मारै छलै। ना ंगटनाथ आ ननखेसरा केँ डर सँ िघग ्घीउिठ गेलैक। ओकरा द ुन ू केँ अपन पाप कम र्क बोध होमलगलैक। बटेर िसंहकबहरायल आिखक ँ पीड◌़◌ा िडम ्हा आगा ँ मे नाचलगलै। आब जे करिथ गंगा माता।वाह रे गंगा माइ। िहनकिहं असीम कृपा सँ द ुन ू गोटे पटनाक रानीघाट परसकुशल पहु ँिच गेल। द ुन ू स ्नान केलकफेर भिरपेट िजलेबी खेलक। एक कातएकान ्त मे जा कआधा-आधा पैया ब ँटलक। फेर ननखेसरा ना ंगटनाथ सँबाजलहम एक कात जाइत छी। तो ं दोसर िदस जो। आब एकर आगा ँ अपन-अपन नसीबक भरोसा।ननखेसराक गेलाक बादना ंगटनाथ िबदा भेल। जेम ्हर-जेम ्हर सड◌़क ओकरालगेलैक ओ जाइत रहल। पैघ शहरचौड◌़◌ा रस ्तालोकक भीड◌़मोटरक पीं-38


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्पा ं। ना ंगटनाथ केँ िकछुओ पता रहैक जे कोन प ूव आ केम ्हर पशिचम।्बसचलैत गेल।िवधाता मक् खक कपार पर भाग ्यरेखा अंिकत के छिथन ्ह। सब काल आ सबदशा मे भाग ्य संगे रहैत छैक। ना ंगटनाथ बौआइत-ढहनाइत एकटा पैघ मैदानमे पहु ँचल। ओतलोकक अपार भीड◌़। सबहक हाथ मे द ूर ंगा झंडामाथ परद ूर ंगाटोपी आ पयर हलचल। ना ंगटनाथ केँ भान भेलैकहो न हो इहो कोटिकए ं होअए।िकछु कालक बाद लोकक भीड◌़ पंक् ितब भएक कात सँ सड◌़क पर स ्थानकेलक। देश का ता कैसा होगुलाब िमिसर जैसा होमेरा छाप कब ूतरछापआिदक नारा आरम ्भ भेल। ना ंगटनाथ ओिह लोकक झ ुण ्ड मे सनिहया ् गेल।थोड◌़◌ेक कालक बादट ंकीक माजल बटेर िसंहक लौ ंडाअपन समस ्त ितभाकेँ उजागर करलागल। िकछुकालक बाद ना ंगटनाथ गुलाब िमिसरक िबन हुडबला जीपपर उल ्टा मुंहे ठार छल आ गरदिनक िसरा केँ फूलौ आगा ँ-आगा ँ बािज रहलछलैदेश का ता कैसा होफेर सम भीड◌़ बजैत छलैगुलाब िमिसर जैसाहो!राित मे एिरगेशन िडपाट र्मेंटक रेस ्ट हाउस मेएकटा पलंग पर थाकल-चूड◌़लगुलाब िमिसर पट पड◌़ल छलाह। आओर ना ंगटनाथ प ूण र् मयोग सँ हुनका जाित ँ रहलछल। पोटरमिणक गिठया जा ँतपीच करैत-करैत ना ंगटनाथ केँ जा ँतैक प ूण र् दक्षतााप ्त भचुकल छलैक। जीवन मे ाप ्त अभव किहयो व ्यथ र् निह होइत छैक।ना ंगटनाथ गुलाब िमिसरक त् येक मा ंसपेशी मे सनिहआयल ् तनाव केँ िवामक सिथित्मे आिन देलक। गुलाब िमिसर केँ िनन ्न भएलै।गुलाब िमिसर ातःकाल जखन उठलाह तप ूरा स छलाह। हुनका आगा ँना ंगटनाथ चाहक कप ठार छल।गुलाब िमिसर मे ताक गुण। एकिह नजिर मे ककरो िचन ्हैक िनपुणता। िबनाको श ्न पुछिबना को पिरचय ाप ्त के ओ अपन नजिर सँ ना ंगटनाथकअवलोकन केलिन आ मो-मोन बजलाहसालावण र्श ंकर लगता है। मेरे काम काहै। इसे साथ मे रखना ठीक होगा।ना ंगटनाथ गुलाब िमिसरक खासम-खास खबास बिन गेल। ना ंगटनाथक जा ँतैक कलामे दक्षता ओकर जीवन केँ उच् च िशखर पर पहु ँचेबा मे मुख ्य कारण बनल।39


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्गुलाब िमिसर जखन मुख ्यम ंा◌ीक कुसीर् पर आसीन भेलाह तना ंगटनाथ आओरभुताबला बिन गेल। पी. ए. केँ के कहएगुलाब िमिसरक पत् िनयो केँ भेंट करैकपरिमशन ना ंगटनाथ सँ िलअ पड◌़◌ैक।एक समयक गप िथक। गुलाब िमिसर पानक पाउज करैत कुसीर् पर बैसलछलाह। हुनक नजदीकी सम ्बन ्धी जे पाटीर्क महाम ंा◌ी सेहो छलअगामी इलेक् शनसँपाटीर्क कैनिडडेटक ् फाइनल िलस ्ट बना रहल छल। तइमे एक सीट पर जीचभगेलै। गुलाब िमिसर अपन बादशाही लहजा मे कहलिनशास ्ा◌ी को िटकट नही ंदेना है। वह पाजी है।महाम ंा◌ी झ ु ंझला कबजलातककरा िटकट देबैकिकयो कटगर व ्यक् ित अिहसीटक दाबेदार निह अिछ। कही तना ंगटनाथ के िटकट दिदअिन।महाम ंा◌ीक व ्य ंग ्य ना ंगटक लेल वरदान बिन गेलै। गुलाब िमिसर महाम ंा◌ी केँजबाब देलिनठीक तो है। इसी साले को िटकट दे दो।ना ंगटनाथ सहजिहिवधायक बिन गेल।ना ंगटनाथक गात मे ठाकुर िलोकीनाथक सोिनतभखरा ंइबालीक पालन-पोषणमुँहपर बटेर िसंहक ट ंकीक डायल◌ॉगहाथ मे पटोरमिणक गिठयाक अजमायल कलाकवीणता आ ताहू पर िवधायकक कुसीर्। सभ बात िवलक्षण। ओ माा िकछुए वष र्कभीतर ान ्सफरपदोितठीका पर जान लेबठीका पर पुल बनबैकअथा र्त् शासनकत् येक दाव-पे ंच मे मािहर भगेल।मुदा ना ंगटनाथ म ंा◌ी किहओ बिन सकल। िवधायक बनलोक बाद ओ गुलाबिमिसरक खबासी मे जीवन यापन करैत रहल।आब िखस ्साक आिद मे आउ। ओिह िदन एका ंत मे गुलाब िमिसर ना ंगटनाथ केँकहलिनजरी भी है और मेरी मजब ूरी भी है। इस काम के िलए इच् छा नही ं रहतेहुए भी तुम ्हारा चुनाव करना पड◌़◌ा। इस तारीख को भारदा से आकर तीन जनतुम ्हें स ूटकेश देगा। उन ती ं स ूटकेसों को न से तुम झंझारपुर लाओगे।वहा ँ स ्टेट प ्लेन रहेगा। उसमें तुम ती ं स ूटकेस लेकर पटना आओगे और सीधो्मेरे पास पहु ँचोगे। तुम िदन-रात पीते हो और लफन ्दरी में भी तुम ्हारा अच् छानाम है। मै ं तुम ्हें सचेत करता हूँ िक काम के वक् त न शराब छुओगे और न हीलफंगा बाला काम करोगे। सुरिक्षत ती ं स ूटकेस मेरे पास आना हैबस। समझेया िफर से समझावें।40


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ना ंगटनाथ नतमस ्तक भगुलाब िमिसर केँ िवश ्वास िदयौलक-हजूरकिनओ िचन ्तानिह। हम अहा ँक आदेशक असारे काज करब। हम तीन ू स ूटकेस संगे सुरिक्षतअहा ँक सेवा मे उपसिथत ् होयब से िनश ्चय ब ुझल जाए।मुदा ना ंगटनाथ केँ अपन ताक आदेश िबसरा गेलिन। वैह िवधायकना ंगटनाथबथ र् पर िचत पड◌़लिगलासक िगलास स ्क◌ॉच िपबैतमैनाक अद ्भुतसौन ्दय र्क पान करबा मे बेकल छलाह। तीन ू स ूटकेस ऊपरका बथ र् पर राखल छलै।ना ंगटनाथक ब ुढ◌़◌ायल शरीर मे सहस ्ा◌ो पंचर छलै। माा िशकोहाबादक झ ुम ्मनिमया ंक सुरमाक तापे ओकर आिखक ँ रोशनी ठीक छलै। संिवधान साधारणतः िवधायककेँ सम ्प ूण र् ान ्त आ खास कअपन क सेवाक काय र्क हेतु आदेश दे छल।मुदा ना ंगटनाथक एक माा लक्ष् य छलै जे कहुना मैना केँ अपन आिलंगन मे लजीवनसाथ र्क करी।ना ंगटनाथक इच् छा पितर्क ू सुअवसर तुर ंते उपसिथत ् भेलै। काके उिठकिडब ्बाक बाथ म मे वेश केलक िक ना ंगटनाथ िचिचया उठलैरहमान।अपन नाम सुिनते रहमान केँ कतर्व ्य बोध भगेलैक। ओ स ्टेनगन ठारभेल। बाथ मजािह मे काके भीतर गेल छलैकेँ बाहर िछटकी लगा कबन ्दकदेलक आ जोर सँ दोसर बडीगाडर् केँ सम ्बोधन करैत बाजलब ूढ◌़◌े महात् मा कोकवर करो।अिगला जे घटना भेलै से माा िकछु सेकेण ्ड मे सब िकछु घिटत भगेलै।ना ंगटनाथ जोश मे आिब मैना के अपन पा ँज मे समेट लेलक। दोसर बडीगाडर्स ्वामीजीक कनपटी मे स ्टेनगनक मुंह सटा किनशाना िफट केलक आ सतकर्भगेल।मुदा ना ंगटनाथक द ुन ू बािह ँ सँ मैना िछहलैत नीचा खसिल आ फेर िछहलैत रहमानकद ुन ू पैरक बीच सँ बाथ मक फाटक तक पहु ँचिल। मैना फाटकक िछटिकनी केँखोिल देलिन। काके िबहािर जका ँ बाहर आयल तअपन द ुन ू हाथक गफ् फा सँरहमानक गरदिन पकड◌़ि◌ ऊपर मुंहे झटका देलकैक। काकेक झटका मे एतेक बल छलैक जे रहमानक माथ भराम दिडब ्बाक छत सँ जा टकरायल। ओकर हाथकस ्टेनगन नीचा खिस पड◌़लै। रहमानक माथक ही चकनाचूर भगेलैक आ ओ बेहोशभकफश र् पर पसिर गेल। एम ्हर मैनाक हाथक कराटेक चाप ना ंगटनाथक गरदिनकनीचा आ कालर बोनक ऊपर पड◌़लैक। एकटा शब ्द भेलैक कड◌़◌ाक। ब ुझागेलैक जे ना ंगटनाथक गरदिनक ही द ू फा ँक मे टूिट गेलैक।41


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्अिह सभ ियाक बीचिह मे स ्वामीजीक िकताब सँ फायर भेलैक। ओिह मे सँिनकलल ब ुलेट दोसर बडीगाडर्क दिहना हाथ केँ िवदीण र् कदेलक। सोिनतक धार बिहगेल। स ्टेनगन फेकैत ओ बफािर तोड◌़◌ैत नीचा बैिस गेल। स ्वामीजी एतबे सँिनशिचन ् ्त निह भेलाह। ओ उिठ कओिह पुस ्तक केँ अितवेग सँ दोसर बडीगाडर्कमाथ पर हार कदेलिन। ओकर िचिचएबाक लाप ब ंद भगेलैक आ ओ मिछ ू र्तभकफश र् पर िचत भगेल।एक क्षणक लेल स ्वामीजीकाके आ मैना ठहिर कतीन ू बेहोश केँ िनहारलिन।न अपना गित सँ जा रहल छलै। फस ्ट िकलासक िडब ्बा मे भेल घटना सँ ककरोको मतलब निह छलैक।आश ्वस ्त भकाके ना ंगटनाथक ऊपरका बथ र् सँ तीन ू स ूटकेस केँ अपन बथ र् परअनलिन। स ्वामीजी अपन झोड◌़◌ा सँ म ूठ लागल एक इ ंचक फलबला ब ्लेड केँ बाहरकेलिन। ब ्लेड एहन तेजगर छलै जे किनकबे यासे गोिहक चमरा सँ बनलतीन ू स ूटकेस द ू फा ँक भकओदिर गेल।स ूटकेस मे सौ-सौ बला ड◌ॉलर केँ ट ब ंडल मे पितयािन सँ सैंतल छलै।स ्वामीजी अपन झोड◌़◌ा सँ द ूटा मजगूत प ्लासिटकक ् बोड◌़◌ा िनकािल तीन ू स ूटकेसकतमाम अमेिरकन डालर भिर लेलिन। स ूटकेसक पे ंदी सँ एगो कागज िनकलल जािहपर िलखल छलैटोटल टेन िमिलयन। अथा र्त् एक करोड◌़ ड◌ॉलर।ू ््स ्वामीजी फेर अपन झोड◌़◌ा सँ फाटल पुरान ओ मािट मे लेटायल बोड◌़◌ा बाहरकेलिन आ मशः द ुन प ्लासिटकक बोड◌़◌ा केँ ठूिस मजब ूत जौउर सँ बनहनदकबानिह देलिन।आब तीन ू अपन-अपन वस ्ा पिरवतर्न मे लािग गेलाह। मैना बाथम गेली।तीन ूक नवीन स देखल जाए। स ्वामीजी केँ ठेहुन तक फाटल धोती माथ पर डालरबला एकटा बोड◌़◌ा आ बगल मे मझोला मैल झोड◌़◌ा। काकेक डा ंर मेधिरयादेह मे हिरयर गंजीगला मे तामक तगमा। मैनाक स सबसँ लाजवाब।श ्याम रंग मे रंगल हुनक सवा र्देहडा ंर मे ठेहुन सँ िबा भिर उठल घघरीउनटामुंहे बान ्हल केस और कन ्हा पर एकटा छोट सन लग ्गा जािह मे घोंपल एकटािबज ्जी।ओ तीन ू अपन-अपन असबाब संगे इत् मीनान सँ चलती न सँ उतिर गेलाह।स ्वामीजी अपन झोड◌़◌ा सँ अपन िकताब िनकािल एक िवशेष पा उनटौलिन। ओिहपा मे कम ्पास िफट छलैक। ओ पशिचम-दिक्षण ्कोनक ठेकान करैत आ ंगुर सँकाके आ मैना केँ इशारा केलिन। तीन ू सामक पगडं डी पकड◌़ि◌ ुत गित सँिबदा भेलाह।42


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्जेठक खर आ चंड रौउदद ुपहिरयाक समय। रौउद मे िचलिमिलया चमकैतरहअए। मक् ख संगे िचड◌़◌ै-चुनमुिनयोक दरस निह। चा कात जीविबहीनसुाहट। एतेक िबकराल रौदक सामना के किरतयसभ छा ंह मे कायल। खेत-खिरहानगाछी मे चलबाक एकटा सरसराहिट।ओ तीन ू बेग सँ चलैत रहल। आग ू मे काकेबीच मे िबज ्जी घोंपल लग ्गाकन ्हा पर ले मैना आ सतकर् स ्वामीजी सबसँ पाछा ँ।करीब तीन-चािर घंटा चललाक ऊपरा ंतआमक गाछीक कात मे एक ठूठ गाछकनीचाएकटा औंघायल चापाकल केँ देिख तीन ू ठहिर गेलाह। काके माथक बोरा केँ एककात रािख हुमैच-हुमैच कचापाकलक हेणिडल ् केँ चलोलिनतखन भुभुआकपािनखसलगलै।तीन ू चुके-चुके चापाकलक पािन िपलिन आ हाथ-पयर धोलिन। मैना अपनडा ँरक बटुआ सँ िबस ्कुट िनकािल कस ्वामीजी आ काके के देलिन आ अप खेलिन।तीन ू िबस ्कुट खा कफेर सँ पािन िपबैत गेला। फेर आिब कएक झमटगर गाछकछाया मे बसैत गेलाह।स ्वामीजी अपन झोड◌़◌ा सँ मोटका िकताब िनकािल ओिह मे सँ िविभ तार केँजोड◌़लिन। एक बह ुत छोट सन हेडफोन कान मे िफट ककसा ंकेितक भाषा मेिरपोट पढ◌़लगलाह।िरपोट केलाक बाद सा ंकेितक भाषा मे हुनका चमेलीरानीक संदेश आ आदेशाप ्त भेलनिह। ् ओ ध ्यान सँ सभ सुिनवायरलेस सेट केँ प ूव र्वत िकताब मे समेिटझोड◌़◌ा मे रािख लेलिन। संदेशक भावाथ र् काके आ मैना केँ कहलिथन ्ह जे जखनओ सभ नट-निटन बिन न सँ उतिर िबदा भेलाह तख बगलक कम ्पाटमेन ्ट सँ एकव ्यक् ित उतिर पाछा ँ करब शु केलक। ओ बराबर पाछा ँ करैत आिब रहल अिछ। ओव ्यक् ित उज ्जर पेन ्टकारी कोट आ नम ्हर ज ुल ्फी रख अिछ। अन ्दाजन ओव ्यक् ित अपन काज मे मािहर आ होिशयार बिझ ु पड◌़◌ैत अिछ। ओकरा सम ्बन ्ध मेअिधक जानकारी निह अिछ।स ्वामीजीक बाजब सिथर ् आ शान ्त छलिन। ओ फेर आगा ँ कहलिनहमर सभहकएख ुनका मिजल ं माा कोस भिर आगा ँ अिछ। रस ्ताक डाइरेक् शन सेहो ठीक अिछ।मुदा चमेली िबिटया केँ कहब छनिह ् जे ओिह किरया कोटबला सँ फिरया ली। यातभौकी दओकरा भुितया कआगा ँ बढ◌़◌ी वा आवश ्यकता भेला पर ओकरा समाप ्तकेलाक बादे अपन ठेकाना मे वेश करी।43


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्भय आ िचन ्ता नामक को भाव ओिह तीन ूक लेल निह छलै। केवल कतर्व ्यकपितर्ू आ चमेलीरानीक आदेशक पालन अभीष ्ट छलै। ओ तीन ू आगा ँ अपन मा परिबदा भेलाह।किनए आगा ँ एकटा पैघ गाछी छलै। गाछीक आरम ्भ मे एकटा िवशालकरीब द ूका मे पसरल पुरान बड◌़क गाछ छलै। तीन ू ओिह बड◌़क गाछतर आिब अपना मेम ंाणा केलिन आ अपन-अपन मोटरी संगे ओिह बड◌़क गाछ पर चढ◌़ि◌ गेलाह।गाछ वेश झोंझिरबला छलैक। ओ तीन ू उपयुक् त स ्थानक तजबीज कअदृश ्यभगेलाह। पाछा ँ करैबला आगा ँ बढ◌़ि◌ जाए तठीकअन ्यथा अही गाछतर ओकराखतम कदी सैह हुनक िनण र्य भेल छलिन।िकछुए िमनट िबतल रहैक की उजरा पेन ्टकिरया कोटबला ओिह िवशाल बड◌़कगाछ तर पहु ँिच गेल। गाछक नीचा पहु ँच कओ अकबका गेल। नाकक थ ुथना सँ चाकात सुंघलक आ फेर अचमिभत ् होइत ओ बड◌़◌ेक नीचा ठार भगेल। गाछकझोंझिर मे कायल तीन ू गोटे दम सध िनचलका व ्यक् ित केँ देिख रहल छल िकएकटा अजीब घटना घिटत भगेलैक।बड◌़क एकटा मोटगर डािर पर स ्वामीजी आ काके अपन-अपन बोड◌़◌ा केँटेक ठार छल। ओिह डािरक छीप पर लग ्गा मे िबज ्जी घोंप मैना दोसरझोंझिर मे कायल छलीह। हुनक िबज ्जीबला लग ्गा ओिह सँ ऊपरका डािरक झोंझिरमे ठेिक गेल रहैक। ऊपरका झोंझिर मे एक जोड◌़ धामन सा ँप छलैक। द ुन ू सा ँपलग ्गा आ लग ्गा मे घोंपल िबज ्जी केँ देिखते खोंिखया कझपटा मारलक। धामनसा ँप िवशाल आकृितक होइत अिछ आ ओिह मे एक छोड◌़ि◌ द ूटा। मैनाक हाथकलग ्गा सा ँपक वजनक कार छुिट गेलिन। हुनका अपन देहक बैलेन ्स सेहोगड◌़बड◌़◌ा गेलिन।बड◌़क गाछक नीचा ठार व ्यक् ितक दाया ं ओ बाया ं द ुन ू कात ओ सा ँप खसल। सा ँपकभय ंकर आकृित देिख ओ बाप-बाप किरतय िक तख ओकर माथ पर मैना खसली।मैनाक घघरी हुनक सम ्प ूण र् म ूड◌़◌ी केँ झािप ँ देलक। ओ मैना केँ -दे मुँहेभरे आगा ँ खसलाह। मैना फुतीर् सँ अपन घघरी केँ हुनक म ूड◌़◌ी सँ अलग कउचिककआगा ँ कूिद गेलीह।मैनाक हालत देिखस ्वामीजी आ काके अपन बोड◌़◌ा संगे धपाधप कूिद गेलाह।स ्वामीजीक हाथ मे कतौ सँ िपस ्तौल आिब गेल।अरेदादा रे दादा। ई कीया हो गया44


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्बाजब आ उच् चरण सँ स ्पष ्ट भगेल जे पाछा ँ केिनहार ब ंगाली छिथ।स ्वामीजीक हाथ मे िपस ्तौल देिख ओ िघिघया उठलहमारा जान ले से पहले सा ँपको मारो।स ्वामीजी अिनश ्चयक सिथित ् मे छलाहपिहले ब ंगाली केँ मारी िक सा ँप केँ मारी।ओिह काल मैना िचिचया उठलीहस ्वामीजी सा ँप पर फायर क।स ्वामीजीक हाथक िपस ्तौल द ू बेर ठा ँयठा ँय केलक आओर ससरैतफुफकारैत द ुन ूधामनक म ूड◌़◌ी िचथड◌़◌ा उड◌़ि◌ गेलै।आब स ्वामीजीक पेस ्तौल ओिह किरया कोटबला िदस घ ुमल। ओ सा ँप मरलाक बादथोड◌़◌ेक अपना केँ सुभ्यस ्त अभव कय छल। ओ पेस ्तौल केँ अपना ऊपरतानल देिखिबना को भय केँ बाजलहमारा पास सभ खबर है। थोड◌़◌ा देरपहले तुमको बायरलेस पर मुझे जान से मार का अ◌ॉडर िमला है। तुम ्हाराकोडेड मैसेज अनकोड होकर मुझको िमल चुका है। ठीकतुम हमको मारेगा औरहम मरेगा। वैसे हम भी तैयार है। हमारा पास इतना ताकत है िक हजारआदमी भी मेरा कुछ नही ं िबगाड◌़ सकता है। लेिकन नही ं तुम मारेगा आउर हममरेगा। मर के पहले हम थोड◌़◌ा बात तुमको कहना चाहता है। उस बात कोसुन लो। तुम ्हारा पास टाइम जास ्ती नही ं है। िफर भी हमारा बात सुन लो।हमारा बात तुमको लाभ देगा। हम तुम ्हारा दोस ्त हैनही ं तो तुम ्हारा आखरीमेसेज के बाद हम तुम ्हारा िपछु-िपछु नही ं आता।स ्वामीजी पेस ्तौल केँ िहलबैत ब ंगाली केँ अपन बात कहबाक इशारा केलिन।काके आ मैना अत् यिधक सावधान भकओिह ब ंगालीक बात सुनलगलाह। ब ंगालीजल ्दी-जल ्दी बाजब शु केलकमेरा नाम िवश ्वनाथ भाचाय र् है। हम ब ंगाली माषहै। िनम र्ली मे मेरा रेडीमेड कपड◌़◌े की द ूकान हैिनहािरका। कपड◌़◌ा का द ूकानमेरा मुखौटा है। असल मे हम पक् का जास ूस है। हम केजीबी के िलए काम करताहै। बै ंक◌ॉक से स ूटकेस चलाभरदा पहु ँचाउसमें कैसा माल हैसभी कुछ का खबरहमको है।हमको इनटरफेयर कर का अ◌ॉडर नही ं है। िफर भीहमारा इलाका मे क् याकुछ होता है उसका खबर रखना हमरा काम है। तुम ती ं का हम िनम र्ली सेफौलो करता है। तुम उस एमएलए आउर उसके दो ं बडीगाडर् को घायलिकयाबेहोश िकयामाल िलयान के नीचे आया तो हम भी न का नीचा आया।िफर जब तुम ती ं जहा ँ थोड◌़◌ी देर का था वहा ँ पहु ँचा आउर नाक से तुमसबका गन ्ध संघा। ू हमको गन ्ध संघ ू का स ्पेशल िनंग है।45


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्उसके बाद हम सारा मैसेज को ान ्समीट कर िदयािफर तुम ्हारा छोड◌़◌ा गन ्धको संघते-स ू ंघते ू तुम ्हारा पीछा िकया। हम जो मैसेज मास ्को ान ्समीट िकयाउसमे तुम ्हारा हुिलयातुम ्हारा स सभी कुछ का कर िदया। हमारा मैसेजमास ्कोिरसीभ िकया आउर उसका कनफरमेशन आ गया। मास ्को उस मैसेज कोिदल ्ली भेजा होगा आउर िदल ्ली पटना को। पटना का इनटेिलजेन ्स अ◌ॉपरेशनथोड◌़◌ा कमजोर है। िफर भी खतरा तो बढ◌़ गया है। तुम ्हारा पास टाइमबहुत कम है।तुम ्हारा िपछु-िपछु आया। दादा ओ दादाइस घाम में तुम लोग िकतना तेजचलता है िजराफ का मािफक। हमको तो िनंग है लेिकन तुम ्हारा कैसा िनंगहैसोच की बात है।हम सोचािफर कीया हुआ सो सु। हम काली मा ँ का प ूजा करता है। कालीमा ँ मेरा सब कुछ है। मा ँ िदमाग में झटका मारा। मेरा िदमाग सोचनाछोड◌़ िदयािफर ठीक होकर सोच लगा। िदमाग में मा ँ बोलता हैअरे! तुमिकसको िपछु करता हैतुम िकसका कसान करता हैये लोग अपना वतन का िदवानाहै। देश को वास ्तेअपना ान ्त को वास ्तेजान हथेली पर रखकर िनकला है।मेरा माथा में सब बात साफ हो गया। िफर माथा बोलाभाचाय र् तुम इनका िकतनाबड◌़◌ा कसान कर िदया। अरे! अभी तक तो सभी पुिलसकुा कामािफकइसको पकड◌़ वास ्ते िनकल चुका होगा। ये हम कीया िकयाभाचाय र् केँ िनम र्लीक लोक भाटाजी कहैत छलैक। भाटाजी फूिट-फूिट ककानयलगलाह। हुनक आिख ँ सँ अुधार बहय लगलिन। तकरा बाद भाटाजी जे कहलिनतकर भाव छलभाटाजीकलकाक एकटा धाकर कम ्य िनस ू ्ट ताक पुा छलाह।इलेक् ◌ॉिनक इन ्जीिनयिर ंग पढ◌़◌ै लेल ओ स देश गेलाह। मेधावी छाा छलाह।हुनका स देश मे अको स ्क◌ॉलरसीप भेटलैन ्ह। ओ संचारक ा मे अकोिकस ्म आ उपयोगी य ंाक आिवष ्कार केलिन। फेर ओ एकगोट रिसयन कन ्या सँिववाह केलिन आ ओही देशक नागिरक बिन सिह मे रहए लगलाह। हुनक ितभा सँभािवत भकेजीबी हुनका अपना मे समेिट लेलक। अित किठन िनंग भेल आ ओकेजीबीक पैघ अ◌ॉिफसर बिन अको देश मे काय र्रत रहलाह। उिमर बढ◌़ला परआ िवशेष कब ंगाली रहलाक कार ं हुनका अपन म ूल देशक म जागृत भेलिन।केजीबीक धान लग अपन आरजू पठौलिन तखन िनम र्ली मे हुनक पोसिट ् ंग भेलिन।िनम र्ली मे ओ बारह वष र् सँ रिह रहलाह अिछ एव ं पिरवार कलका मे रहै छिथन।मोटगर तनखाह भेटैत छिनआिथ र्क दृष िट ् सँ सम ्प छिथ।भाटाजी अपना पर िनय ंाण करैत बजैत गेलाबाबातुम लोग कीया करताहैिकसके वास ्ते करता हैहम अभी नही ं जानता है। लेिकन तुम ्हारा संचारबहुतकमजोर है। आज के युग मे तुम ्हारा काम बहुत अच् छाबहुत सफोस ्टीकेटेड46


ं<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्संचार िसस ्टम का मा ंग करता है। संचार को इम ्ूभ कर मे हम तुम ्हारा मददकरेगा। काली मा ँ का भी अ◌ॉडर है आउर जीवन के अन ्त मे कुछ अच् छा कामकर का इच् छा रखता है। इसी वास ्ते तुमसे िमल का हम िरस ्क िलया। नहीतो तुम ्हारा आिखरी अनकोडेड मैसेज के बाद हम कभी भी अपना लाइफ कोडेनजर मे नही डालते। मा ँ काली का शपथ खाकर बोलता हैमेरा फेथ करो।तुम ्हारे वास ्ते काम करेगायह मेरा अ◌ॉफर है।स ्वामीजी िपस ्तौल केँ काकेक हाथ मे पकड◌़◌ा वायरलेस सेट केँ ठीक केलिन।फेर चमेलीरानी केँ सभटा सिवस ्तार िरपोट दअपन मन ्तव ्य देलिनिबिटयारानीभाटाजी अपन जरत केँ पितर् ू करताह से हमर सोचब अिछ।ायः चमेलीरानी स ्वीकृित देलिथन। स ्वामीजी भाटाजी िदस घ ुमैतबजलाहकन ्टेक् ट िफिरक् वेन ्सीफ. म. अस ्सी हजार दसमलव फोर।ठीक। वेशअहा ँ वापस जा सकैत छीभाटाजी।भाटाजीक मोन फुलिलत ् भगेलिन। ओ मैना िदस तकलिन आ फेर गरदिनहँसोिथ बजलाबाबायहा ँ रास ्ता में मुरही का भी द ूकान नही ं है। प ूरा एिरया ब ंडलहै।मुस ्की छोड◌़◌ैत मैना अपन बटुआ सँ छोट-छोट िबस ्कुट िनकािल भाटाजी केँदेलिन। भाटाजी स होइत वापस अपन रस ्ता पकड◌़ि◌ लेलिन।भाटाजीक कार िबलम ्ब आ हुनकर स ूचनाक कार अन ्देसा। तें ओ तीन ू बहुततेज गित सँ अपन गंतव ्य स ्थानक हेतु िबदा भेलाह।एकटा छोटपुरान आ चहरिदवारी सँ घेरल महादेवक मिदर। ं गाम सँ हटल आआमक गाछ सँ घेरल। मिदरक ं आगा ँ पोखिर आ पाछा ँ द ूटा खोपड◌़◌ीमा घर।मिदरक ं ा ंगण साफ-सुथराफूल पी सँ सजल आ परम पिवा।नट-निटन केँ अिबते पुजारी हड◌़बड◌़◌ा कठार भेलाह। आवश ्यक िनदेर्शदेलिन। िनदेर्श देबाक आतुरता अिह बातक संकेत दैत छल जे सतकर्ता अिनवाय र्बिन गेल अिछ।47


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्िकछुए कालक बादस ्वामीजी िपअर धोतीउज ्जर कुता र् आ लाल गमछा संगेिपुण ्ड चानन आ पैघ िसरक ठोप के मिदरक ं अिगला हन ्ना मे वैह मोटकािकताब केँ अपना आगा ँ रािख द ूगा र् पाठ करहल छलाह।अन ्दर खोपड◌़◌ीमा घरक एक कोठली मे काके बरक पिरधान मे तथा मैना नवकिनआ ँक भेषभूषा मे एकटा खाट पर बैसल गप-सप करहल छलीह। डालरबला द ुन ूबोरा हुनक खाटक नीचा जाजीम सँ झा ंपल राखल छल। ओ सभ िकयो को अनहोनीघटनाक तीक्षा मे प ूण र् तैयार ओ साका ंच छलाह।स ूया र्स ्तक समयअितशय गमीर् आ उमसक कार ं पुजारीजी गमछा सँ घाम पोछैमे व ्यस ्त छलाह। मिदरक ं दिक्षण बिरया द ुआिर पर पुजारी जािह पिटया पर बैसलरहिथ ओकर आगा ँ द ूटा थार राखल छलै। पिहल थार मे फूलफूलक माला आ घसलचानन तथा दोसर थार पेड◌़◌ा सँ भरल।ओहीकाल आशाक अप एकटा भीसण ्ड मोट दरोगा तथा ओकरा संगे एकटाद ुब ्बरपा ंजरक ही जागलिसपाही हहाइत ओतए पहु ँचल। दरोगाक फूलल पेटकवामा कात िपस ्तौल लटकल छलै। िसपाहीक हाथ मे ओकरे सन हकन कतबे ंतचेहरा पर पसीना तथा आिख ँ मे एहन भाव जे ओ एक पन ्िहया सँ अक दरसनिह के होअय।दरोगा अिबते गरिज उठलहई पुजारी बाबा! रौआ बता ँई जे इहा ँ के सबआयल बापुजारीजी द ुन ू हाथ जोड◌़◌ैत ठार भेलाह आ कलपैत स ्वर मेबजलासरकारएतए तिकयो नवीन लोक निह एलाह अिछ। हम पुजारीपाठकेिनहार महात् मा एतए मिह सँ रहै छी। भीतर हमर खोपड◌़◌ी मे हमर बालकआ हुनक किनआ ँ। बस आओर िकओ निह।दरोगा अपन आबाज केँ औरो ककर्श बनबैत बाजलका बोले तारहो पुजारीबाबा। हमरा घसबैनी सँ खबर िमलल बा जे द ू जन नट आ एक जन निटन एम ्हरेआईल बा। उपरका अरजेन ्ट हुकुम बानी। हमरा के ओ नट-निटन के एरेस ्ट करैके बा।पुजारी औरो न होइत चुचकारीबला स ्वर मे दरोगा केँ उरदेलिनसरकारहम अहा ँ केँ िचन ्हैत छी। अहा ँ सन इमानदार हािकम केँ के निहिचन ्हतजिहया सँ अहा ँ थाना पर एलहूँ अिछचोर-उचक् का लापता भगेल। मुदासरकारहमरा पर िवश ्वास कहम अहा ँक शपथ खा ककहैत छी जे को नट-48


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्निटन एम ्हर पयर निह देलक हेंए। ओहुना एतए नट-निटनक कोन काजएततमााएकटा काज भोलेनाथक प ूजा।(अिगला अंकमे)सगर राित दीप जरय मैिथली कथा लेखनक मे शा ाि-डा.रमानझा ‘रमण‘1डा.रमान झा ‘रमण‘सगर राित दीप जरय ( कथा पाठ एव ं पिरचचा) र् आयोजक- तीन वा बेशी बेरभास कुमार चौधरी कमलेश झा पा◌्रदीप ् िबहारी श ्याम दिरहरे रमेश1.मुजफफरपुर 21.01. 1990 1.बहेरा 21. 01. 1995 1.बेगूसराय 13. 01.19911.पटना 10. 10. 1998 1.मिहषी (सह) 13. 4.19972.वाराणसी 18. 7. 1992 2.सुपौल 08. 04. 1995 2.बेगूसराय 13 09 1997 221. 10. 2000 2.सहरसा 18. 7.1998. . .धनबाद3.कोलकाता 28. 12. 1996 3.अन ्दौली 28. 10. 1999 3.खजौली 04. 04.19983.देवघर 08. 01. 2005 3.पिण ू र्या ँ 24. 6.20054.पटना 18. 07. 1997 4.बेनीपुर 20. 09. 2003 4.बेगूसराय 09. 04.20055.बेगूसराय 10. 02.200749


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्सगर राित दीप जरय ( कथा पाठ एव ं पिरचचा र् )-अध ्यक्षता/उदघाटन मे तीन वाबेशी बेरपणिडत ् गोिवन ्द झा राजमोहन झा रमानन ्द रे डा.धीरेन ् डा.रमानन ्द झा ‘रमण‘1.दरभंगा 07. 07. 1990 1.पटना 03. 11. 1990 1.मुजफफरपुर 21. 01.19901.काठमाण ्डू 23. 09. 1995 1.काठमाण ्डू 25. 06.20002.िबराटनगर 14. 04. 1992 2.घोघरडीहा 22. 10. 1994 2.खजौली 04. 04.19982.राजिवराज 24. 01. 1996 2.कोलकाता 22. 01.20033.बोकारो 24. 01. 1993 3.पटना 10. 10. 1998 3.कोलकाता 22. 01.20033.जनकपुरधाम 25. 03. 2000 3.रा ँची 02. 01.20044.जनकपुरधाम 09. 10. 1993 4.मध ुबनी 24. 07. 1999 4.सहरसा 21. 07.20075.सुपौल 08. 04. 1995 5.धनबाद 21. 10. 2000 5.रा ँची 19. 07.20086.कोलकाता 28. 12.19967.दरभंगा 21. 01.20048.पटना 03. 11. 2005सगर राित दीप जरयक अवसर पर आलेख पाठडा.रमानन ्द झा ‘रमण‘ डा.भीमनाथ झा डा.तारानन ्द िवयोगी1.श ैलेन ् आनन ्दककथा याा1.मुजफफरपुर 21. 01. 1990 1.मैिथली कथाक समस ्या िबो 21 01 2001कथाक वतर्मानसमस ्याकोलकाता 22. 01.2003. . मैिथली50


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्2.िवभूित आनन ्दककथा याा2.किटहार 22. 04.19913.पालमे मैिथलीकथा3.िवराटनगर 14. 04.1992सगर राित दीप जरयक अवसर पर पिठतकथाक संहजतय एक सँ बेशी बेर आयोिजत भेल अिछनाम सम ्पादक वष र् 1.पटना 2.जनकपुरधाम 3.बोकारो 4.दरभंगा 5.रा ँची1.श ्वेत प तारानन ्द िवयोगी/रमश 1993 1. 03. 11. 1990 09. 10.199324. 04. 1993 07. 07. 1990 13. 04.20022.कथा कुम ्भ बिनाथझा/तुलानाथिम ु1994 2. 18. 10. 1992 25. 03.200028. 03. 2001 21. 02. 2004 02. 10.20043.कथािदशा महािवशेषा ंकप्रभासकुमार ्चौधरी/गंगेशगुंजन1997 3. 18. 07. 1997 12. 08. 2006 19. 07.20084.भिर राित भोर के..डी.झा/श ्याम दिरहरे दीपिबहारी51


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्1998 . 4. 10. 10. 1998 6.काठमाण ्डू 7.कोलकाता 8.बेगूसराय 9.सहरसा5एकै◌ेसम शताब ्दीकघोषणा परमेश/श ्यामदहरहरे/मोहनयादव2001 5. 01. 12. 2001 23. 09. 1995 28. 12. 1996 1. 13. 01. 1991 18. 7.19986.संधान-4कथा िवशेषा ंकअशोक 2000 6. 16. 11. 2002 25. 06. 2000 22. 01. 2003 2. 13. 08.199721. 07.077.कथा सेतु पा◌्रशान ् ्त 2002 7. 03. 11. 2005 3. 09. 04. 2005 सुपौल4. 10. 02. 2007 09. 01.199301. 12.2007एिह अवसरपर पिठत कथाक कतेको व ्यक् ितगत संह छपल अिछ तथा समस ्त पिठतकथाक संख ्या 1500 सँ अिधक होएत ।2िविभन ्न नामे आयोिजत सगरराितसगर राित दीप जरय- संचालक1.कथा रैली डेओढ स ्थान नाम स ्थान नाम2.क् था सम ्वाद दरभंगा 1.मुजफफरपुर 1.भास कुमार चौधरी 20.भागलपुर20.अशोक52


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्3.कथाचेतना रैली घोघरडीहा 2.पै◌ाटघाट ् 2.अशोक 21.कोलकाता21.रामलोचनठाकुर/नवीन चौधरी4.स ृजनकेरदीपपव र् सुपौल 3.इसहपुर 3.श ैलेन ् आनन ्द 22.बेनीपुर 22.अिजत कुमारआजाद5.गंगासँ िहमालय कठमाण ्डू 4.सरहद 4.िशवश ंकर ीिनवास 23.नवानी 23.मोहन भाराज6.कथा कुम ्भ पव र् बोकारो 5.झंझारपुर 5.िशवश ंकर ीिनवास 24.दरभंगा24.डा.भीमनाथ झा7.कथा कौमुदी बोकरो 6.घोघरडीहा 6.िशवश ंकर ीिनवास 25.देवघर 25.दीप िबहारी8.कथा गंगा पटना 7.काठमाण ्डू 7.रमेश र ंजन 26.प ू िण र्या ँ 26.अिजत कुमार आजाद9.कथा कािरख ख ुटौना 8.राजिवराज 8.रमेश 27.पटना 27.डा.देवश ंकर नवीन10.कथा पव र् रा ँची 9.रा ँची 9.अिजत कुमार आजाद 28.जनकपुर 28.रमेश र ंजन11.भिर राित भोर पटना 10.मध ुबनी 10.सरस 29.जयनगर30.बेगूसराय29.दीप िबहारी30. अिजत कुमार आजाद12.कथा लोिरक बेनीपुर 11.रा ँची 11.सरस 31.जमशेदपुर 31.डा.अशोक अिवचल13.कथा अम ृत कोलकाता 12.मिहषी 12.िशवश ंकर ीिनवास 32.सहरसा 32.अिजतकुमार आजाद14.कथा सेतु भागलपुर 13..तरौनी 13.दीप िबहारी 33.सुपौल 33.अिजत कुमारआजाद15.स ्वण र् दीप दरभंगा, 14.बलाइन 14.िशवश ंकर ीिनवास 34.रा ँची 34. कु.मनीषअरिवन ्द/सरस16.कथा कमला-कथा53


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्सलहेसजयनगर 15.काठमाण ्डू 15.रमेश र ंजन17.कथा बह ुरा बेगूसराय 16.धनबाद 16.अशोक18.कथा संगम ज ्मशेदपुर 17.िबो 17.अशोक19. कथा वषा र् रा ँची 18.हटनी 18.डा.फूलचन ् िम‘रमण‘19.पटना 19. अिजत कुमार आजादसगर राित दीप जरय-तीन सँ बेशी लोकािप र्त पोथीक लेखक/सम ्पादक1.पणिडत ् ी गोिवन ्द झा 2.रमेश 3.डा.तारानन ्द िवयोगीपोथीक नाम स ्थान ितिथ पोथीक नाम स ्थान ितिथ पोथीक नाम स ्थान ितिथ1.सामाक पौती दरभंगा 07. 07. 1990 1.स ्माड◌़ नवानी 21. 07. 1991 हमर युकसाक्ष् यबेगूसराय 13. 01.19912.िवापितकआत् म कथापै◌ाटघाट ् 10. 07. 1993 2.श ्वेतप (सहसम ्पा) जनकपुरधाम 1993 2श ्ष ्वेतप(सहसम ्पा)जनकपुरधाम 19933.नखदप र्ण काठमाण ्डू 23. 09. 1995 3.समानान ्तर पटना 18 07 1997 3मिहषी 13. 04.19974.लाप पटना 01. 12. 2001 4.ितिया सहरसा 18 07 1998 413. 04.1997. . .अितमण. . .हस ्ताक्षर मिहषी54


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्5.आत् मालाप कोलकाता 22. 01. 2003 5.मण ्डन िम अैतमीमा ंसा(सहसम ्पाकाठमाण ्डू 25. 06. 2000 5.िशलालेख मिहषी 13. 04.19976.अतीतालाप पटना 6.एकैसम शताब ्दीकघोषणा प (सह सम ्पापटना 01. 12.20017.पाथर पर दिभ ू दरभंगा 21. 02.20048.कोशी घाटी सभ्यता दरभंगा 21. 02.20044.डा.रमानन ्द झा ‘रमण 5.श ्याम दिरहरे 6.दीप िबहारी1.िमिथला दप र्णपुण ्यानन ्दझा-सबोकारो25. 08. 2001 1.भिर राित भोर सहसम ्पापटना10. 10. 1998 1.भिर राित भोरसह.सम ्पापटना10. 10.19982.बेसाहल दरभंगा 21. 02. 2004 2.एकैसम शताब ्दीकघोषणा प-सह सम ्पापटना 01. 12. 2001 2.मकड.◌ी काठमाण ्डू 25. 06.20003.यद ुवररचनावली55


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्दरभंगा 21. 02. 2004 3.सिरसब मे भूत दरभंगा 21 02 2004 3बे◌ाग ् ूसराय 09. 04.20054.सगर राितदीप जरयकइितहास. . . सरोकारदरभंगा 21. 02. 2004 4.किया-अवाद दरभंगा 21. 02. 2004 4. अक्षरआकेर्स ्ा-अवादबेगूसराय 21. 07.20075.भजारल बेगूसराय 09. 04.20053सगर राित दीप जरय-तीन सँ बेशी बेर लोकाप र्णकता र्1.पणिडत ् ी गोिवन ्द झा 2.भास कुमार चौधरीपोथी ले◌ाखक ् स ्थान ितिथ पोथी ले◌ाखक ् स ्थान ितिथ1.सािहत् यालाप डा.भीमनाथ झा सकरी 22. 10. 1991 1.मोम जका ँ बफ र्जका ँअमरनाथ दरभंगा 07. 07.19902.गामनिहसुतैत अिछ महेन ् मलंिगया जनकपुाधाम 09. 10.19932.िवापितकआत् मकथा गोिवन ्द झा पैटघाट 10. 07.19933.कथा कुम ्भ सं-ब ु. .िनाथ झा घोघरडीहा 22 10 1994 3कोलकाता 28 12 19964.िनवेिदता स ्18. 07.1997ु◌ाधा ंशुशेखर‘चौधरी कोलकाता 28 12 1996 4. . .कथाकल ्प डा.देवकान ्त झा. . .समानान ्तर मेश पटना56


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्5.अितमण डा.तारानन ्द िवयोगी मिहषी 13 04 1997 5बे◌ाग ् ूसराय 19. 09.19976.ितिया मेश सहरसा 18. 07. 1998 3.सोमदेव. . .कुकू.कूआकसौटी चन ्दे्रश7.युगान ्तर िवश ्वनाथ पटना 01. 12. 2001 1.लाप गोिवन ्द झा पटना 01. 12.20018.एक फा ँक रौद योगीराज पटना 16. 12. 2002 2.तीन र ंग तेरहिचडा.सुधाकर चौधरी पटना 16. 11.20029.याी सम स.◌ंषोभाकान ्त पटना 16. 12. 2002 3.उदयास ्त ध ूमकेतु पटना16. 11.200210.मैिथलीबालसािहत् य डा.दमन कुमार झा पटना 16. 12. 2002 4.अिभयुक् त राजमोहनझा पटना 16. 11.200211.िददबल भास कुमार चौधरी दरभंगा 21 02 2004 516. 11.200212.गंगा प.◌ं यन ्नाथ िम दरभंगा 21 02 2004 6ठाकुर ख ुटौना 07. 06.200313.गाछ झ ूल झ ूल जीवकान ्त दरभंगा 21 02 2004 721. 02.2004. . .सव र्स ्वान ्त सकेतानन ्द पटना. . .लाखश ्नअिरत रामलोचन. . .िचतकावर हंसराज दरभंगा14.हम भेटब माकर्ण ्डेय वासी दरभंगा 21. 02. 2004 5.डा.रमानन ्द झा ‘रमण‘15.यद ुवर रचनावली डा.रमानन ्द झा ‘रमण‘ दरभंगा 21. 02. 2004 1.अदहनडा.िशवश ंकरीिनवासकिटहार 22. 04.199116.किया अ.श ्याम दिरहरे दरभंगा 21. 02. 2004 2िमिथला ंचलक लोक57


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्कथाडा.गंगासाद अकेला काठमाण ्डू 25.06.200017लोिरक मिनयार चन ्ेश दरभंगा 21 02 2004 3काठमाण ्डू 25. 06.2000. . .िशरीषक फूल अ.डा अकेला4.राजमोहन झा 4.उगैत स ूय र्क धमक िसयाराम झा ‘सरस‘ दरभंगा 21. 02.20041.मनकआडनमेठाढ◌़ डा.भीमनाथ झा धनबाद 21. 10. 2000 5.अिभज्ञाडा.फूलचन ्िम‘रमण‘ दरभंगा 21. 02.20042..एकैसमशताब ्दीकघोषणा परमेष/श ्यामदिरहरे/मोहनयादव.पटना 01. 12. 2001 6.स ्वास स ्वासमेिवश ्वासिववेकानन ्द ठाकुर रा ँची 02. 10.20053 प ृथा नीता झा भागलपुर 24 08 2002 7बेगूसराय 21. 07.20074.सिरसब मे भूत श ्याम दिरहरे दरभंगा 21. 02.2004. . .अक्षर आकेर्स ्ा अवाद- दीपिबहारी5.हाथीचलय बजार डा.देवश ंकर नवीन दरभंगा 21. 02.20046.िचन ्तन वाह डा.धीरेन ्नाथ िम दरभंगा 21. 02.20047.सरोकार पा◌्रदीप ् िबहारी बे◌ाग ् ूसराय 09. 04.20051.महेन ् कुमार िम2. ोित58


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्पाल रल ्वेक द ुरावस ्था आ सरकारक कानमे तेल- महेन ् कुमार िम, प ूव र् सा ंसदहमरा सब जका ँ भूपिरवेषिठत ् मुलुकमे यातायातक चािर णली मध ्ये जल माकिवकाशकेँ कल ्पना तत् काल केनाई सम ्भव निह । वायुमा अित महग यातायातकसाधन भेलाक कार आम पाली जनता, सव र्साधारणकलेल सम ्भव निह अिछ । सडकमा आशा अप ्निहयो होइत बहुतहद धिर िनमा र्णक प ूवाधार र् तैयार करबाक चेष ्टाअवश ्य कऽलेलगेल अिछ । अूदा िवडम ्वना केहन, िवश ्वक सबसँ सस ्त, आरामदामयी,सुरिक्षत एव ं लोकिय यातायात रेल ्वेसेवा णाली पालसँ िवस ्थािपत होयबाकअवस ्थामे अिछ । इन ्टरट एव ं कम ्प ्युटरक युगमे जनसँख ्याक वि ृ भऽरहलअवस ्थामे एकठामसँ दोसर ठाम शीाितिश पहु ँचवाक आतुरता, तािहक लेल रेलसेवासनक आरामदायी आ सुरिक्षत आधिनक ु ािविधक सुसम ्पन ्न रेल मा उपेिक्षत एवंलावारीश अवस ्थामे अिछ ।अख सँसारक द ूल र्भ ईन ्जन मािटनवन र् र्ारा िनिम र्त न ्यारेगेज रेल ्वेईन ्जन पालमे उपलब ्ध अिछ, म ूदा संचालनमे निह अिछ । बेलायती शासनकालकरेल ्वे ईन ्जनसन १९३७, िवम संवत१९९४ साल सँ संचािलत सेवा आई प ूण र्पेणउपेिक्षत बनल अिछ । बहुतो पाली जनताकेँ जानकारी निह हैतिन जे पालोमेरेल संचालनमे छैक ।१९९०मे सव र्थम सभेर् कऽ १९९२ सँ िनमा र्ण काज ारम ्भभेलिवदेशकलेल काठ ढुवानीमे योग कायलगेल, जखन पालक हिरयोवन समाप ्तहोबऽलागल तत् पश ्चात ई रेल सेवा मानव सेवामे योग होवऽलागल । आज ुकपिरवितर्त अवस ्थामे आवागमनक साधनकेँ पमे स ्थािपत भेल आज ुक पिरवितर्तअवस ्थामे आवागमनक साधनकेँ पमे स ्थािपत भेल । वैज्ञािनक युगमे अन ्य िवकिशतदेश अचमिभत ् सवकाश कएलक, भारतमे आज ुक िदन सबसँ पैघ रेले मन ्ालय छैक। भारतक आिथ र्क् रीढक पमे रेल ्वे स ्थािपत अिछ । जापान, ान ्स आिददेशक रेल सेवामें आश ्चय र्जनक गित कएलक अिछ । एक घण ्टामे ४०० िकलोिमटरक द ूरी तय करैत अिछ । भारतमे वेलायित सााज ्यारा रेलसेवा रम ्भआ िवस ्तार भेल । य ओही समय िव.सं. १९९४मे यु शम ्शेरक शासनकालमे पालसरकार रेल ्वे( एन.जे.जे.आर.) पाल जनकपुर जयनगर रेलसेवा आ (एन.जी. आर.)भारतक रक् सौल होइत वीरगँज अमलेखगँज तक साचािलत रहै, म ूदा बह ुत पिह सँसेवा बन ्द अिछ । आब मा ५१ िक.िम. मा जयनगर िवजलपुरा सँचािलत सेवा59


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्जनकपुर सा िवजलपुरा, २०५९ साल अषाढ २३ गते आएल िभषण बािढक कोप सँिबग ्धी नदी पुल क्षितस ्त भे यहो रेल सेवा प ूण र्पेण बन ्द भऽ २९ िक.िम.मेमा िसमीत अिछ ई सेवा । सरकारक अकम र्न ्यता, लापरवाही तथा उपेक्षाक कारलोहाक लीक मािट सँ भरल अिछ, घासपात जनिमगेल अिछ, ठाम ठाम िनिम र्त याीितक्षालय सेहो ध ्वस ्त भऽरहल अवस ्था छैक । रेलक जमीन सब सेहो अितमणमा निह िलकेपर तरकारी बजार छानल गेल अिछ, म ूदा सरकार आ सम ्बनिधत ् िनकायरेल शासनक ध ्यान एम ्हर निह देखल जा रहल अिछ । वेर वेर जानकारी आतथादा कएलाक बादो को सुनवाइ निह भऽरहल जनताक िसकायत रहल अिछ ।देशक ऐितहािसक धरोहर एव ं तराई मा निह पालक गौरव रेलसेवाजीण र् अवस ्थामे अिछ । ब ुझना जाइत अिछ जे यिह सेवाकलेल को मायबाप निहरहल । अखन धषा महोरी धिर ई रेलसेवा सँचािलत भेल अवस ्थामे एिह मा सँजतेक याी आवत जावत करैत छल ताही अपातमे आन को यातायात एव ंसवारी साधन सा आवत जावत निह होइत अिछ जकर सत् य तथ ्य याीक सँख ्या सँपुष ्टी होइत अिछ । पय र्टनक युगमे रेलसेवा ए उपेिक्षत रहल तािहसँतराईवासीके जनमानसमे केहन भावना उत् पन ्न हायत ?असमान भेदवाभ सँ सीत मानल जाए की निह ? आई जौ ं एहन छोट समस ्यापहाड मे रिहतै तहन की एहीना उपेिक्षत रहैत रेल सेवा ? जनकपुरधाम धािम र्क्स ्थल तथा पय र्टनकलेल आवऽबला याी मध ्ये सवािधक र् भारितीय नागिरक रहैत अिछ,एकिदनमे कमसँ कम पा ँच छौ हजारक सँख ्यामे याी आवत जावत करैत अिछ ।द ूभा र्ग ्यवस महोरी िजल ्लाक मध ्य मे एकमा यातायातक साधन रेले अिछ, ओहोअखन बन ्द अिछ । अन ्य यातायातक सुिवधा नइ रहल क ई सेवा वन ्द भेजनजीवन कतेक भािवत हेतै तकर अमान सहजिहँ कायल जा सकैया । अशिवमारी, उोगव ्यापार, दैिनकजीवनक उपभोग सामीक आभाव तथा य िवयकसमस ्या सा एम ्हरके जनमानस बहुत भािवत भेल अिछ । ाय त् येकिदनक ईसमस ्याकेँ कारण रेलसेवा अिभषाप िस भऽरहल अिछ । नया ँ पालक िनमा०◌ँम र् ै ्जू६ल ् ् ल ् त् थँ ् ज ्न ् प्रितिनिध ् सबहक प ूण र् दाियत् व होइत छनिह, ् की त रेलसेवाफेर सा सञ् चालन कएल जाय या रेलसेवा बन ्द कऽ वैकलिपक ् मा िनमा र्णमे ध ्यानदेिथ । गणतन ्स ्थापनाक महा अिभयानमे एिह क कम योगदान निह रहल ।राजनीित योगदान करऽबला बीर शहीदक पुण ्यभूिम आई उपेिक्षत अिछ । आिथ र्कयोगदानमे सेहो रेलसेवा उल ्लेखिनय काज बरबामे सहायक रहल अिछ ।दाता िम राष ्ट्र्क सरकार तथा जनितिनिधारा रेलसेवा िवस ्तार आसुव ्यवसिथत ् करबामे उत् साहजनक आश ्वासन सेहो भेटल,म ूदा अखन धिर ई काजिकयाक निह सफल भऽरहल अिछ ? भारतीय जनता, राजनी◌ीत् क् ल ्? स ्म ँ◌ीज ् ्क्क् ँईकता र् वेरवेर ई सवाल सदन सँ लकऽ सडक धिर उठा रहल अिछ, भाषण एव ं60


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्साव र्जिनक अिभव ्यक् ित सेहो सँचार माध ्यमसँ जानकारी भेट रहल अिछ । तात् कािलनरेल मनि ् रामिवलास पासवान, वतर्मान रेल मनि ् लाल ू साद यादवजेक अिभव ्यक् ितसेहो साव र्जिनक भेल अिछ िक जयनगर, जनकपुर, िवजलपुरा होइत विद र्बास धिरोडगेज रेलसेवा िवस ्तार कायल जाएत । भारतीय राजद ूतावास सँ सेहो स ्तावआएल िक जनकपुर िवजलपुरा रेल ्वेसेवा िवस ्तार कऽ काठमाण ्डौ धिर महु ँचाएल जायतकरालेल पाल सरकारारा स ्ताप पेश करओ आ तािहमे भारत सरकार प ूण र्सहयोग करत । िकछु साल प ूव र् पाल भारत बीच रेलसेवा िवस ्तारक सन ्दभर्मेिबना िवष ्कष र् वाता र् भाग भेल एिह वाता र् सा प ूवो र् एकटा वाता र् िदल ्लीमे भेल छल ।पिहल आ दोसर चरणक वाता र्मे सहभागी सरकारक िधिनिधक कथन असार ई वैसारउपलब ्धी म ूलक रहल कुटनीितक माध ्यम सँ िनष ्कष र्मे पहु ँचवाक मे द ु पक्ष सहमतभेल ,म ूदा आश ्चय र्क बात जे एतेक वष र् िबत रहल अिछ अखनधिरक ोडगेजक बातछािरदी, सँचािलत रो गेज िलंक आ ३ कडोर लागतक प ूल िनमा र्ण क िकयाक निहभऽरहल अिछ ।पंचायतकालमे सेहो जापान सरकार पाल रेलसेवाक िवस ्तार िनमा र्ण स ्तावरख छलाह, हुनकर शतर् रहिन जे जापा सरकारक रेखदेखमे ई काज हायत,मुदा किमशनक कार ओ स ्ताव पतन भेल । एमाले सरकारक सभय तत् कािलनिनमा र्ण तथा यातायात मनि ् भरत मोहन अिधकारी जनकपुर रेल ्वे आ पालकिवकाश िवषयक गोष ्ठीमे हुनकर अिभव ्यक् ित छलनिह, ् जे जनकपुरधाम सनक पिवस ्थलक पय र्टिकय िवकाशक लेल राषि्य ् सहमितक आवश ्यकता अिछ । िनकटभिवष ्यमे िनमा र्ण तथा यातायात मन ्ालयारा जापान, भारत तथा ान ्स सरकारसपक्ष रेल ्वेसेवाक आधिनकीकरण ु एव ं िवस ्तारकलेल िलिखत स ्ताव पठायब जेितवता ज छलाह । पाली का ँसक मनिगणारा ् वेरवेर िनरीक्षण भेल ओआशाजनक आश ्वासन भेटैत रहल,म ूदा समस ्या अख यथावते अिछ । अवस ्थादयिनय अिछ, पुरान भौितक सँरचना, रेल ्वे ट्र्याक,स ्लीपर, इन ्जनकोच तथा प ूलसबजीण र् अवस ्थामे अिछ । कम र्चारी व ्यवस ्थापन कमजोर रहलाक कारण रेल कम ्पनीकआिथ र्क अवस ्था सेहो बहुत कमजोर अिछ ।हालिहमे पाल आ भारत सरकार बीच भेल सहमित असार जयनगर सँवदीर्बास धिर ७० िकलोिमटर रेल ्वेसेवा िवस ्तार करबालेल भारतक राइट्स नामककम ्पिन सन २००७ ज ुलाईमे सभेर् काज सम ्पन ्न कयलक अिछ । तत् पश ्चात भारतीयरेल सरकारक चीफ इनिजिनयर ् आ सहायक िइजिनयर ् सबहक टोली पुन सवे र् काजसम ्पन ्न कयलक जे काजक प ूण र्ता देवऽमे कम सँ कम पा ँच वष र् लागत, म ूदा श ्नअिछ जे पा ँच वष र्क अविध धिर एिह क अवस ्था िक हायत ? यिह अवस ्थाकेध ्यानमे रखैत पाल सरकार तत् काल सँचािलत लीक आ प ूल िनमा र्ण क रेल सँचालनमे आवओ । बहुत यासकबाद अथ र्मनि ् ११ कडोर पैया देवाक िनण र्य कयलिथ ।यिह यासमे यातायात मनिक ् प ूण र् सहयोग रहलनिह, ् म ूदा ११ कडोर पैया भऽ की61


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्रहल छैक ? ११ कडोर मध ्ये ५ कडोर जनकपुरसँ प ूव र् आ ६ कडोर जनकपुर सँपशिचम ् िबजलपुरा धिरक मम र्त िनमा र्णकलेल छुिटयाओल गेल छल तथािप अखन धिरकाज रम ्भक गँधधिर निह आिबरहल अिछ ।यातायतक णलीमे रेलसेवा एकटा एहन णली मािणत भेल अिछ ।जे जतेक लम ्बा ख ूरी धिर िवस ्तार करय ततवे वेसी आरामदायी हायत आ सँगिहओतवे आमदानी होयवाक िनशिचत ् अिछ । सामान ढुवानी, याी आवत जावतमेराजश ्वविक ृ सँगिह रोजगारीक अवसर सेहो ाप ्तक साथसाथ आिह क सवा र्ीनिवकासक प ूवाधार र् सुिनशिचत ् रहत । रेल ्वेसेवा मश पान ्तरीत होइत संस ्थानसँकम ्पिनमे पिरणत भेल ई स ्वायता प ्त कम ्पिनमे सात मन ्ालयक शेयर अिछ,ममानी ढँगसँ िबना म ूल ्यान कयल जायत त कैयक असबके सम ्पित छैक ।कम ्पिन चाहे त अप बलब ूापर रेलसेवा सँचालन कऽ सकैत अिछ । एकटा सक्षमव ्यवस ्थापन, पारदिश र्ताक आवश ्यकता छैक । आशा राखी लोकतानिक ् सरकार एिहशुभकाजमे सहयोग करय, निह त वोिह क जनता आब हाथ पर हाथ धऽ बैसलनिह रहत आ देसर िवकल ्पक खोजीमे ज ुटत, जकर पिरणाम सरकारमे सहभागी दलएव ं सरकारके भोगिहटा परतैक ।आतंकवाद महत् वाका ंक्षाक खेतमे आकुरण होइत अिछमहेन ् कुमार िमप ूव र् सा ंसदआतँक ाणी जगतमे आिदम त् युषा सँ चलैत आिव रहल अिछ । ाणीकेअपन अकार, शी आ काय र्क्षमताक कार आतँकक पिरणम आ कार सभमे िविवधतादेखल जा सकैत अिछ । पुराणादीमे विण र्त देवासुर संामसभ आतँकवादीक ृ ंखलाकेमहागाथा अिछ । मिहषासुरक िया कलाप सँ आतँककीत देवतागण शिक आराधनामेलािग नारी ारा छल पञ् च रचना कऽ ओकरा समाप ्त कयलगेल सँग द ुगा र् सप ्तशीमेविण र्त अिछ । रावणक आतँक समाप ्त करवालैल राम अक जाितक सहयोग लसमाजके मुि देवौलनिह ् । तिहना कं शक उन ्माद अती भेलाक पश ्चात एकटासामान ्य गोपाल कृष ्णक पमे अवतरीत भेलाह ।कहवी छैक, बी बीज व ृक्षक आकुरण निह होइत छैक । अमेिरका केजन ्मओल साम आ ओसामावीन लादेन अमेिरका िव िकयाक आततायी भ गट भेल? इनिदरा ् गा ँधीारा पालीत सन ्त ज र्ल िसंह िभण ्डवाल इनिदराकै ् ा ल लेलक62


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्। ओसामावीन आ ओमार आज ुक युगक िवश ्वके सवािधक र् शि सम ्पन ्न अमैिरकाक िनन ्नआ भूख उडादे अिछ । आतँकवाद किहयो महत् वाका ँक्षाक खेतमे अंकुरण होइतअिछ आ अन ्याय अत् याचार, शोषण आ दमनक वषा र्मै वढैत या त ताही ृ ंखलाकेतोडैत अिछ िक त अप समाप ्त भ जाइत अिछ । संसारक आतंकके इितहासव ्याह पिरणम देखवैत अिछ । िहंसामे ितिहंसा जका ं आतंकवादी सभ मा अपहत् या िहंसा, लुटपाट आ अिगलग ्गी निह करैत छैक दोसर पक्षके सेहो ओह काजकरवालेल वाध ्य करवैत अिछ । संसारक न ्दरत पक्षके गही ं र सं अध ्ययन, मननकयला उपरान ्त एकरा सभहक िया कलापक पिरनती याह मािणत होइत अिछ ।आतंक शब ्द सं को हैजाक कोप आ कठोर अत् याचार आिदसं उत् पन ्नहोव बला भयके वोध करवैत अिछ । आतंकमे वाद जोिडदेलाक बाद एकर अथ र्मष ्यकै डेरा क धमका क या ास ृजना क क िहंसात् मक िवोहक पमे अपनभुत् व स ्थािपत क काज िस करवाक िवचार आ िसान ्त ब ुझना जाइत अिछ ।दोसरके सम ्पित लुटव, घरमे आिग लगाएव, पर स ्ीसंग बलात् कार करब, समाजमेउत् पाद मचाएव एहन द ुष ्कमीर्कै द ुराचारी कहल जाइत अिछ ।तानाशाही चाहे जेकर होउक, जजर्ब ुशक हौउक वा मुसर र्फकै एकरा कौदृष िटए ् नीक निह मानल जायत । का राष ्टक तानाशाही आ दादािगरीके एक न एकिदन िवनाश होयबेटा करैत अिछ । आव ओ युग निह रिहगेल जे लोक ब ुझौकपरमेश ्वरक अकम ्पासं गभर् धारण भैल, ई लौक मान लेल तैयार निह रिहगेल ।ककरोलेल तोपक सलामी आ केओ लाठी,ब ुट आ गरमे गोली खाई, आज ुक मानवसमाजक चैतना एकरा सह लेल तैयार निह अिछ । िवश ्वक को ठाम जे िवोहभेलैक तकर समाधान करवाक काजक दाियत् व वाहक अपना आपके िविशष ्ट निहसमान ्यस ्तरक खण ्डमे राखय तख ई समस ्याक समाधान भ सकैत अिछ । २००७साल सं पालीत, पोिषत आ वढैत आएल समािजक िवोहक स ्तरके माओवादी लगायततथाकिथत जातन ्वादी दलसब तराई समस ्याकै जाइन बिझ ु क अख कायानर््वयनपक्षकै कमजोर बनािवक रख अिछ । िपडीत पक्ष अख िवश ्वस ्त भ निहपािवरहल अिछ । पालक सन ्दभर्मै माओवादी १० वष र्धिर हिथयार उठा जनिवौहकएलो उपरान ्त सबपक्षके समेट निह सकल । संगही आन पाटीर् सैहोिपडीत,उत् पीडीत,राज ्यक संरचना सं दर रह बला वक ित इमान ्दार निह रहल तदौसर िवोहक सम ्भावना अवश ्सम ्भावी अिछ ।िवोहक अक श ैलीआ पती मध ्ये कम सं कम जनआतंक आजनधनक क्षित होइक एह श ैली एव ं आचरण मा िवश ्मे अनािदकालसं समािजकमान ्यता वपैत अिछ । समािजक पानतरण हिथयार निह िवचार सं कायल जाइकतख िटकाउ भ सकैत अिछ । आसुरी ताल या वित ृ एकटा स ्वभािवक कमजोरी63


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्अिछ । सिहष ्ता संस ्कारक उदाीकरण अिछ । मिवज्ञान याह तथ ्यके मान ्यतादैत छैक जकर शस ्त माणसब छैक ।३० वषे र् पञ् चायती शासन स ्वैच् छाचारी, हुकुमी, िनर ंकुश सामन ्ती वितकृछले◌ैक त २०४६ सालक जनआन ्दोलन व ्यावस ्थामे पिरवतर्न लौलक तथािप वितमेृको पिरवतर्न निह दैखलगेल । प ूव र् राजा ज्ञान ्ारा फैर सं व ्याह शासनणालीके पुनरावित ृ कर चाहलक मुदा सफल निह भ सकल । ज्ञान ्क महत् वाका ंक्षाबढैतगेल जकर फलस ्वप देशक जनता गणतन ्ोन ्मुख होइत आई दैशमेगणतन ् स ्थापना भ गेल अिछ । आव जौ को कारक वाधा व ्यवधान उत् पन ्नकरबाक कोिशश कायलगेल त िवोह बढवेटा करत । संिवधानसभा म ूा निह समाधाम ूा अिछ । संिवधान सभाक िववा र्चन पश ्चात मधैशक साथ को दल धोखा देवाकध ृष ्टता करत त पिरणाम अिनष ्टकारी हायत । राष ्ट दोसर दिगतर्कै ू आमन ्णकरत । मधेशक जनता अखनधिर उपेिक्षत, उत् पीिडत रहल, समान अिधकार आसमान पिहचानकलेल लालाइत रहल मधेशक म ूापर यिद राजनीित करबाक ध ृष ्टताकरत त स ्वािभमानी मधेशी जनता फेर िवोहमे उतरत, मधेशी जनता मधेशवादीअिछ, मा मधेशवादी गणतन ्वादी निह । गणतन ्वादी किह जनता भोंट निह देलकआइ िकछु ता कहैत छिथ, “ हामी गणतन ्वादी हौ” ं हुनका “ हामी मधेशवादी” कहमे लाज िकएक ? आबक संिवधान जनआन ्दोलन २०६२।०६३ तथा मधेशआन ्दोलनारा ाप ्त जनािधकारक सन ्दभर्मै एकटा एहन संिवधानक आवश ्यकता छैकजािह संिवधानक माध ्यम सं पालक जनता सही अथ र्मै समावेशी लोकतन ्,ितस ्पधा र्त् मक बहूदिल, बहूभािषक, बहूसा ंस ्कृितक स ्वपक संगिह सम ्बनिधत ् अिधकारसबहक उपभोग क सकय । एकरा संगही एिह दैशमे सयकडो वष र् सं शोिषत रहलमधेशी समुदाय, दिलत, अल ्पसंख ्यक, आिदवासी एव ं जनजाती आव िनमा र्ण हौव बलानया ं संिवधानारा एकटा कण ्ठारिहत समुन ्नत, समावेशी आ िवकाशशील समाजक िनमा र्णभ सकै आ तकर यथाथ र् अभूित अभव जनता क सकय ।ोितकेँ wwwpoet . r y. comसँ संपादकक च◌ॉयस अवाडर् (अंजी पक हेतु) भेटलछि। हुनकर अंजी प िकछु िदन धिर wwwpoet . r ysoup. com केर मु प ृ पर सेहो रहलअिछ। ोित िमिथला िचकलामे सेहो पार ंगत छिथ आऽ िहनकर िमिथला िचकलाक दश र्नी ईिलंग आट र्ुप केर अंतत ईिलंग ◌ॊडवे, लंडनमे दिश र्त कएल गेल अिछ। िमिथला पेंिट ंगक िशक्षा सुी ेताझासँ बसेरा इ ंीूट, जमशेदपुर आऽ लिलतकला तूिलका, साकची, जमशेदपुरसँ।64


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ोित झा चौधरी, ज ितिथ -३० िदसर १९७८; ज ान -बेवार, मध ुबनी ; िशक्षा- ामीिववेकान िम िडल ूल◌़ िटो साकची गर् हाई ूल◌़, िमसेज के एम पी एम इटर कालेज़, इिरागाी ओपन यिनविस ू र्टी, आइ सी डबू ए आइ (क◌ॉ एकाउेी); िनवास ान- लन, य.के.; ू िपता-ी शुभंकर झा, ज़मशेदपुर; माता- ीमती सुधा झा, िशवीपी। ''मैिथली िलखबाक अास हम अपनदादी नानी भाई बिहन सभकेँ प िलखबामे कए छी। बेसँ मैिथलीसँ लगाव रहल अिछ। -ोितभूिमका : एम पी टूरकहै छै जे एक बेर शेर ज◌ॅ◌ं मषक ख ूनक ाद चिख लैत अिछ तऽ ओकरामषक आदत भऽ जाएत छै। सैह हाल छल हमर सबहक।एक बेर जे िटोकश ैक्षिणक याामे जाइत छल तकरा सबमे बेर-बेर जाइके अिभलाषा जािग जाइतछलै।अही कारण सऽ लगभग आधा सऽ लऽ कऽ द ू ितहाई तक िवाथीर् तेहे रहैतछल जे पिहहो आयल रहैत छल। तकर बाद एहे बड होएत छल जे सबतरहक इर ूल क◌ॉीिटशनमे एक दोसर के िचार भेल रहैत छल।से बडकमे लोक एहेन होएत छल जे वुत: नऽब होइत छल।पिहल बेर ज◌ॅ◌ं कनीअमुर्खी रिहतो छल तऽ अिगला बेर सऽ ख ूब ख ुलीकऽ मज़◌ा करैत छल।नब िवाथीर्सबके सहायक सेहो बत छल।हमहु ं आन िवाथीर् जक◌ॉ◌ं बहुत आािदत छलहु ं।टूर लेल चयन भेल से तऽिपछला सालक िरजल्ट िनकिलते देरी पता चिल गेल छल।लेिकन कत जायब सेअिहबेरका वािष र्क परीक्षाके समाि िदन बतायल गेल।जहन पता चलल जेमप ्◌्रादेश जायके अिछ तऽ बहुत ख ुश भेलहु ं।घरक पिरवेशक ई असर छल जेउैन आ अमरकं टक लेल बड उािहत छलहु ं। तािहपर सऽ काा शनल पाकर् केदेखक लालसा सेहो कम निहं छल।पिहल बेर ई अवसर छल। अिहबेरका टुरक लिनिलिखत छल:( 1) िवलासपुर( 2) अमरकं टक( 3) जबलपुर( 4) भेड़◌ाघाट( 5) काा शनल पाकर्( 6) पचमढ़◌ी65


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহ( 7) उैनhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्( 8) इौर तथा( 9) भोपाल1.अवै नागिरकताः िसक् कमीकरणक यास, 2.तराई/मधेशक आन ्दोलनः ल ूटमे लटुवानफ् फा, 3.अवा र्ता र्-डा. राम दयाल राकेश/आभाष लाभ, 4.िभुवन िवश ्विवालयारािमिथलाक्षर फन ्टक िवकासमज कुमार मुि-अवै नागिरकताः िसक् कमीकरणक यासमज मुक् ितपालमे नागरीकता िवतरण बहुतो वष र् पिह सँ चिच र्त िवषय बनल अिछ ।खास कऽ पिहल मधेशवादी दलक पमें जानल जाइत पाल सदभावना पाटीर् अपनस ्थाप कालसँ नागरीकताके अपन मुख मुाक पमे रखैत आएल छल ।जातन ्क आगमनकबाद २०४८ सालमे बनल सरकारक समयमे सेहो नागरीकताकश ्न सदन गम र्ओ छल ।सदभावना पाटीर्क अडान रहैक बह ुतो मधेशी जनतानागरीकतासँ बञ् िचत अिछ, सबके नागरीकता देल जाए । सदभावना पाटीर्क एिहअडानपर जनमोचा र् लगाएतक दलसब एकरा भारतक िवस ्तारवादी नीित कहैत िवरोधकरैत छल । हूनकर सबहक कहब रहैिन जे मधेशीसबके नागरीकता दऽदेलासँपाल िसक् कमीकरण भऽ जायत ।जनआन ्दोलन २०६२/०६३ सँ पिह सेहो नागरीकता िवतरणकलेल आयोगसब बत रहल, अपन ितवेदन ब ुझवैत रहल । को बेर जौ ं नागरीकतादेलोगेल त “ सबै भारतीयहलाई नागरीकता िदयो, देशमा अब िवखण ्डन हुन ्छ”कहैत, िरट दायर कऽ मधेशमे देल जाचुकल नागरीकताके बदर सेहो कराओल गेल।66


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्एकटा िवदेशी नागरीकके पालक नागरीकता देनाई वास ्तवमे बहुत बडकाषडयन ् होइत छैक, देशक हीत िवपरीत काज होइत छैक । देश हीतकिवपरीत काज कयिनहार ककरो नई ं छाडल जएबाक चाही । ताहुमे नागरीकता सनसँवेदनशील िवषयमें त सबहक नजिर रहब ओतबे जरी होइत छैक । मुदा जोरजोरसँ गरजिनहार सबहक मानिसकता एिहबेरक नागरीकता िवतरणक समयमे देखागेल। नागरीकता िवतरणक तथ ्या ँक असार लगभग २४ लाख नागरीकता समुच् चा देशमेिवतरण कायलगेल । जािहमे लगभग ११ लाख तराई मधेशमे आ १३ लाख पहाडिहमालमें । िक वास ्तवमें नागरीकता प ्त के चौिबसो लाख व ्यक् ित नागरीकतालेबाक हकदार रहिथ ? ई एकटा पैघ श ्न अिछ । हँ सदनमे बहुत हँगामाकायलगेल, अपनाके देशक िठकदार कहिनहार देखावटी देशभक् त पाटीर्सबारा । अहुहँगामा सबहक एकिहटा कहब छल जे तराई मधेशमे सबटा भारतीय सबके पालीनागरीकता द कऽ देशके िसक् कमीकरण करबाक तैयारी कायल जाऽरहल अिछ । मुदािक नागरीकता िवतरण कयिनहार अिधकारीमे कएटा व ्यक् ित तराई या मधेशी म ूलकरहिथ ? आ ँगुरपर गनल जा सकैया । अवै पसँ िवतरण कायलगेल नागरीकतामधेशक िवरोधमें बहुत पैघ षडयन ् अिछ । मधेशमें जाऽक गैर मधेशीअिधकारीसबारा जे िकछु माामे िवदेशी सबके मोटगर पाई ल कऽ नागरीकतािवतरण कायलगेल अिछ से मधेशीसबके अप धतीर् मे गुलाम बनयबाक चािल अिछ ।एकर द ू टा पक्ष अिछ, जौ नागरीकता ले िवदेशी भुख ्खे मरत त उदारवादी मधेशीअप िहस ्साक भोजन देबऽमे पाछा नई रहत, आ मानिसक एव ं शारीिरक यातनाकपीडा मेलैत रहत । जौ पाइके बलपर नागरीकता ले को धनिनक ् िवदेशीगाममे रहत त गामक िजमदार बिनकऽ सबके फेरसँ कमैया बनालेत जेना पशिचमी्तराई मधेशमे था सबके पहाड सँ िवस ्थािपत पहाडी सबारा कमैया बनालेल गेल। ताएँ एिह बातपर मधेशीसब सचेत रहिथ आ िवदेशी सबके नागरीकता लेबऽसँसकभर रोकलिथ । मुदा तैयो पाइयक भुखल आ ेष भावनासँ कुिटकुिटकऽ भरलगैर मधेशी अिधकारीसबारा मधेशोमे िकछु नागरीकता अवैपसँ िवतरण कायलगेल।दोसर िदश पहाड आ िहमालमे जे जनसँख ्यो सँ बेसी नागिरकता िवतरणभेल ताइके िवषयपर सदनमे ककरो बकार धिर निह फुटल । कत चिलगेल ओईदेशभक् त ता सबहक देशभक् ित ? ई अिह ष ्ट कऽदैत अिछ जे ओइखोखला देशभक् तसबक िनयित, ओसब िक चाहैत अिछ, आ कत सँ सञ् चािलत अिछ ?वास ्तवमे अवै नागरीकता िवतरण क कऽ पालके िसक् कमीकरण करबाकयाश सोंचल समझलपमें शु भऽगेल अिछ । पालमे लाखोके सँख ्यामें ितब ्बती,भुटानी आ भारतीय(दािजर्िल) नागरीकके नागरीकता द कऽ वै नागरीक बनयबाकखेल शु भऽगेल अिछ, आ तकरा सब मधेश िवरोधी मानिसकताक लोक िभतिरयामोन सँ स ्वागत करैत गदगद भऽ रहल अिछ । एकर कारण एक् किहटा अिछ जे67


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्नागरीकता लेिनहार ितब ्बती, भुटानी आ भारतीय(दािजर्िल) लोकके मुँहकान आायःके भाषा पालक ओइ बेतुक् का देशभक् त ता सबसँ िमलैत ज ुलैत अिछ ।ई िसक् कमीकरण नई ं त िक अिछ ? देशक सम ्प ूण र् सचेत नागरीकके सोंचबाक चाही।तराई/मधेशक आन ्दोलनः ल ूटमे लटुवा नफ् फामज झा मुक् ितसँयुक् त लोकतानिक ् मधेशी मोचा र्क नामपर भेल तराई/मधेशक आन ्दोलनअन ्तोगत् वा सातदलक सरकारके फागुन १६ गते वाध ्य कऽदेलक आ सातदलकसरकारके तरफसँ धान मन ्ी िगिरजासाद कोइराला, तात् कालीन कपा एमालेकमुिखया माधव पाल आ कपा माओवादीक अध ्यक्ष पुष ्प कमल दहाल “ चण ्डक”उपसिथितमे ् आठब ँदे ु सम ्मझौता पपर हस ्ताक्षर कएलक । सम ्मझौता लाग ू कायलजाएत तािह शतर्पर मधेशवादी दलसब तत् काल आन ्दोलन स ्थिगत कएलक आ संिवधानसभाक चुनाव संभव भऽसकल ।तराई/ मधेशक आन ्दोलनके िवखण ्डनकारीक आन ्दोलन, संिवधान सभािवरोधीक आन ्दोलन एव ं राजावादीक आन ्दोलनके आरोप लगौिनहार, देखावटी कऽरहलआ अपनाके गणतन ्वादी कहऽबला एव ं ेषक मानिसकतासँ कुिटकुिटकऽ भरल पालकसञ् चारकमीर्के मुँहपर पैघ झापड लागल जखन शानितप ् ूण र्पसँ तराई मधेशमे संिवधानसभाक चुनाव सम ्पन ्न भेल ।संिवधान सभाक चुनाव सम ्पन ्न भेलाकवादमें जहन संिवधान सभाक पिहलबैसार भेल त तराई/मधेशक िवरोधमे सबिदनसँ मेंहक काज करैत आएलराजतन ्क समापित ् भेल जे तराई/मधेशक जनताके सबसँ पैघ िवजय छल ।जखन संिवधान सभाक काज आगु बढल त मधेशी जनताक भोंटसँ िजितकऽ आएलमधेशी सभासदसब िवगतके सम ्मझौताके सुिनशिचत ् करबाकलेल अन ्तिरम संिवधानमेिलखएबाक मा ँग सिहत सदन अवक काज करऽलागल । अवक काजके फेरसँ,पालके अपन बपौटी सम ्पित ब ुझिनहार िविभन ्न दलक तासब आ संिकण र्तासँ भरलयः छोटसँ पैघ सँचारकमीर्सब( अपवादकपमे िकछु छोिडकऽ) सदन अवककाजके िवदेशीक ईशारापर कराओल जाऽरहल, देशके िवखण ्डनकेलेल कायल जाऽरहललगाएत नाना कारक आरोप लगेबाक शु कऽदेलक । आरो त आरोतराई/मधेशक जनताक भोंटसँ िजितकऽ आएल आन– आन पाटीर्क तराई/मधेशकिठक् काले मधेशी तासबसँ िवरोध करौनाई शु कऽ देलक । ओना िवरोधकमोहराक पमें िकछु ता आगा आिबकऽ अपन मािलकके मन िजतबामे सफल सेहोरहलाह आ मधेशीदलक ता मा मधेशक हीत नई सोचत, हमहु ँसब मधेशेकलेल68


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्लडव, किहकऽ िजतल मधेशवादी दल बाहेकके तासब सेहो अपन पद ब ँचेवाकडरसँ मौ रहऽमे भलमन ्साहत ब ुझलिथ ।एम ्हर, किहयो अञ् चलािधश रहल रापाक ता नरेन ् चौधरी अध ्यक्षरहल था कल ्याणकािरणी सभा थहट स ्वाय देशक मा ँग करैत मधेशीदल आसरकार सँगभेल सम ्मझौताके लागु नई करबाकलेल दबाव स ्वप ज ुलुश,बन ्द आचक् काजामके आयोजना करऽलागल । ओना जौ एिह आन ्दोलनक ता सबहकिवगतके प ृष ्टभूिम देिख त िकछु सोंचबाकलेल िववश भेल जाऽसकैया । अखन एिहआन ्दोलनक अगुवाई कऽरहलछिथ– राजकुमार लेखी, जे एमालेमे बहुत िदनसँ लिगतोिटकट पएवामे असफल रहल अिछ । आब राजनीितक िवश ्लेषकके मानी त एमालेसँराजकुमार लेखीक िटकट पक् का– पक् की अिछ एिह िवरोध दश र्नक बाद । िकशोरिवश ्वास, जे िवशुपसँ मधेशीके पाटीर्क नामसँ जानल जाएबला पाल सदभावनापाटीर्सँ अपन राजनीितक िजवनक शुवात कएलक । माघ आन ्दोलकबाद मधेशीजनािधकार फोरममे सिय भेल, फोरमारा िनष ्कािसत भऽ भाग ्यनाथ गुप ्ताकेअध ्यक्षतामे मधेशी जनािधकार फोरमक दता र् करौलक जकर उपाध ्यक्ष िकछुिदन रहलआ पुनः िनष ्कािसत कऽदेलगेल । एिह थहटके आन ्दोलनसँ हुनको एकटा प ्लेटफाम र्भेंटगेल अिछ, आब देखबाक ई अिछ जे एिह प ्लेटफम र्पर हूनकर गाडी कतेक िदनधिर कतआरो जे हुए, थासब पालक आिदवासी अिछ एिहमे को श ंका निह ।सबके अपन– अपन अिधकार भेंटवाक चाही । म ूदा अपन अिधकारकलेल दोसरकेअिधकारक हनन कायल जाए, कतेक ऊचीत गप ्प अिछ मधेश हुए, तराई हुए, थहटहुए या को अन ्ये नाम िकया नई दऽदेल जाए ओिह ान ्तके जनताकेँ समानअवसर, पिहचान, अिधकारक ग ्यारेन ्टी एव ं स ्वायता भेंटवाक चाही । एकटा बात जेसबके आश ्चय र् कए अिछ– मधेशी चोर देश छोड, एक मधेश एक देश नई थहटचाही ! ई किहकऽ कायलगेल िवरोध दश र्नमें मगर सँघक व ्यानरके, चुरे भावरकलोक सबके । मािनलेल जाए जे मधेश शब ्दके बदिलकऽ तराई या थहट रािखदेलजाए त ताईमें मगरके आ चुरे भावरके कोन तरहक फायदा भेटतैक जौ ं मधेशस ्वाय भऽ जएतैक त झलनाथ खनाल लगाएतके कोन ीसम ्पित हरण कऽदेलजेतैक िकया ओ सब एकर िवरोध कऽरहल अिछ ऊर ताकब जरी अिछ ।सबिदन सँ तराई/मधेशके चरणकेपमे ब ुझ, महेन ्क फूटक नीितअप पहाडसँ तराईमें आिब सोझसाझ आिदवासी थाके सम ्पित हडिपकऽ ओकराहवा आ कमैया ब एिह तरहक शोषक मानिसकताके प ृष ्टपोषक झलनाथसब िकयाचाहतैक जे ओतुक् का था लगाएत आन समुदाय सुखी आ सम ्पन ्न बनय आ जाधिरतराई/मधेशके स ्वायता नई भेटतैक ई सम ्भव निह से ओकरा सबके ब ुमल छैक। अन ्तमे संघीयता या स ्वायता देलो जाए तराई/मधेशके त अपना असारके69


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्बािटकऽ ँ जे किहयो तराई/मधेशक जनता शक् ित सम ्पन ्न आ सामथ र्वान निहं भऽसकय । ओकरा सबके नींक जका ँ ब ुमल छैक जे सम ्प ूण तराई/मधेश या थहटको नामपर एक देश भऽगेल त हमरा सबहक को चारा नई चलत ओतऽ ।दोसरिदस अपनाके जनताके आवाज कहिनहार पालक सँचारकमीर् आ नागिरक समाजलगाएत बििजबीपर ुपैघ श ्न उठाओल जाऽरहल अिछ– सातदलक िशष र्स ्थ ताकसहमित/उपसिथितमे,सातदलक ्सरकारक मुख एव ं राष ्ाध ्यक्ष रहल व ्यक् िताराहस ्ताक्षिरत सम ्मौताके लागु करबाकाल आयोग िनमाण र् आ िविभन ्न बहाना कायल जाितछैक से हूनका सबके नई सुमाित छनिह ् आ भेल सम ्मौताके कायानर््वयनकेसुिनशिचतताक ् मा ँगमे हुनका सबके िवदेशीक ईशारा आ िवखण ्डनके बात सुमाित छनिह्।िक सम ्मौताके सँग भऽरहल मजाकक बाद को सम ूह सरकार या ककरो सँगेवाता र् करत ? माधव पालक सम ्मौतामे रहल सहमित एमालेक सहमित छल कीमाधव पालक व ्यक् ितगत,जे मलनाथ सम ्मौताक पुनःिवचारक बात करैत छिथ?जौ ं से बात छैक त हूनका पाटीर्क नाम सेहो बदिल लेबाक चाही ।एिह बातपरिकया नागिरक समाजके म ँह ू बन ्द भऽगेल अिछ, िकया सँचारकमीर्क कलम ठमिह गेलअिछ ? हूनका सबके ई नई ब ुमल छनिह, ् जे देशक कोन पाटीर् आ ता कत–कतऽसँसञ् चािलत अिछ ?िनशिचत ् पसँब ुमल छनिह, ् म ूदा को व िवषेशकेपकडमें रहल सँचारकमीर्सब अपना असारे िवश ्लेषण करैत अपन मनमजीर् असार नाना ँच कऽरहल अिछ आ आम जनमानसमे िमिडयाक छिवकेँ तहसनहस कऽ रहल अिछ ।बजतैक केँ ? जौ ं एक ठाम को अदना तराई/मधेशक लोक देशक िवखन ्डनकगप ्प करैत छैक त सब िमिडयाक मुख समाचारकपमे ओकरा परसल जाइतछैक,म ूदा सदनसन सवो र्च् चठाममे जहन एकटा ितषिठत ् मधेशी ता सरकारमेसहभािग सबके दोष मािणत करैत देशमे िवखण ्डनके बीजा रोपणक गप ्प करैतछिथ त ओ नािहयोंटा समाचार नई बिन सकैया ?अन ्तोगत् वा जौ ं राष ्मुखारा कायलगेल सम ्मौता लाग ू नईभेल तदेशमे केओ ककरो पर िवश ्वास नई करत आ एतेक पैघ सँकटके ई जन ्मदेत सेसबके बिमतो ु मौन अिछ । आ दोसर बात तराई/मधेशक जनताके ई बात ब ुझनाईजरी अिछ िक तराई/मधेशक जनताके अिधकार सम ्पन ्नता चाही आ स ्वायता चाही। तराई/मधेशक जनता अिधकार सम ्पन ्न नई भऽजाए आ सबिदन दास बनल रहयसे मानिसकतासँ जे अपना घरमे फूट कराओल जाऽरहल अिछ तकरा समयेमे ब ुझनाईजरी अिछ । ओतुक् का जनताके एकैिहटा देश चाही या १०टा, तकर िनण र्यओतिहक जनता करत नई िक फूटाकऽ राज करबाक सोंचिनहारसब । जौ ं अपनाकेमधेशवादी कहऽबला दलसब सेहो को तरहक गलत िनण र्य करैत छिथ त हूनकोसबहक िवरोध होबिहक चाही ।अवा र्ता र्-डा. राम दयाल राकेश/आभाष लाभ.....70


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्सँस ्कृित िवद)सरकारके ध ्यान छिठ पाविनपर देवाक चाही.....डा. राम दयाल राकेश (छिठ पाविन मधेसके संस ्कृित िकयाक मानल जाईत अिछ ?– छिठ पावनके अप मौिलक िवशेषता छइ,, ई पाविन शु होबऽ सँ एकमिहना पिहसँ पाविन कयिनहार सब तैयारी मे लाईग जाईत छिथ । एकर तैयारी आ पुजाकेजौ ं देखल जाय त अईमे िवशु मधेसी संस ्कृित पाउल जाईत अिछ । पाविनकेनहार सँ लक ओईके तैयारीमे लागल हरेक व ्यि ओ संस ्कृितमे िभजल रहल पाओलजाइत अिछ । ओकर साद सँलऽक हरेक सामगी्रमे मधेसक संस ्कृित देखलजाईत छक, ओ पाविनके अवसरमे गावै वाला िविभन ्न ध ुन तथा गीत सब मैिथलसंस ्कृितमे गाओल जाईत अिछ ।ई पाविन िकयाक मनाओल जाईत अिछ ?– एकर अप पिहचान आ िवशेषता छैक । सब पाविन सँ अई पाविनके अपइितहास छैक िकया त को पाविन एसगरे अपना घर पिरवार मे रिहकऽ मनाओलजाइत अिछ मुदा ई एकटा एहन पाविन अिछ जे ख ुला जगहमे साम ू िहक प सँमनाओल जाइत अिछ । अई पावन के मा लोकतान ्ीक पाविन कहल जा सकैय71


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्िकयाक त अई पाविन मे को भेदभाव उच् च नीच, जात भात नई देखल जाइतअिछ । अई पाविनमे स ूय र्के पुजा भेलाके कारण आओर एकर गरीमा के उच् च देखलजा सकैय । स ूय र् जिहना ककरो पर भेदभाव नई क कऽ सम ्प ूण र् जगतकेरोशनी दान करैत अिछ, तिहना छिठ पाविन सब के एक समान प सँदेखैतआईव रहल छैक ।ई पाविन अपना परीवार के सुख समिके ृ लेल तथा कोा रोग व ्यधा नई लागैसे मकामना सँमनाओल जाइत अिछ । भोर आ सा ँझक स ूय र्के िकरणमे एककारके गरीमा होईत अिछ जकरा रोशनी सँ शरीरमे रहल िविभन ्न िवमारी फैलाबवाला िकटा सबके नष ्ट सेहो करैत चम र्रोग सँ बचाबैत अिछ । चम र् रोगके अचुकदवाई मानल जाईत अिछ छिठ पाविन ।छिठ पव र् मे मिहला सब अपना आचरा पर नटुवा िकयाक नचवैत छैथ ?– एकरा एकटा ाके पमे लेल जा सकैय, छिठ माताके ध ्यानमे रािख क कोिकसीमके मकमना केला सँ जौ ं ओ पुरा भ जाईछै त ओई देवता पर आरो ाबैढ जाईछै आ ओिह िकसीमके कौब ुला क क अपना आ ँचर पर नटुवा नचवैत छैथ ।छिठक घाट पर चमार जाईत सब ढोल( डुगडुगीया) बजावैत छिथ, ओकर िक िवशेषताअिछ ?– ओकरो जाितय तथा संस ्कृित पिरचयके पमे लेल जा सकैय, ओ जाईत सब अपनसंस ्कृित आ संस ्कारके बचएबाक लेल ओ काज क रहल अिछ । ओ ढोल बजला सँघाट पर कतेक मध ुरता आ रौनक महशुस होईत रहैत अिछ, ओना त कते लोक सबअजी वाजा बाजा क पावैन मानावैत छैथ मुदा जतेक ढोल पीपही के आवाजमेसंस ्कृित के झलक भेटैत अिछ ओते को बाजामे नई ।72


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्अई पाविन मे स ूय र्के पुजा होईतो पर छिठ माता या छईठ परमेश ्वरीके नाम सँिकयाक जानल जाईत अिछ ?– स ूय र्के अथ र् उषा होईत अिछ, उषा भगवितके पमे पुजलाके कारण एकरा छठीमाताके पमे सम ्बोधन कायल जाइतछैक । ओना त स ्पष ्ट पमे कतौ अई िवषयमे चचा र् भेल अिछ लेकीन िकछ शास ्मे महाभारत के कुनित ् शुमे छिठपाविन के◌े रहैथ ओही िदन सँ छिठ पाविन शु भेल अिछ से कतौ कतौ उल ्लेखपाएल जाईत अिछ ।िदनकर के आ जलके िक सम ्बन ्ध अिछ ?– जल के आ िदनानाथके बहुत गिहर सम ्बन ्ध अिछ, िबना जलके िदनकरके पुजे नईभऽ सकैय हुनका ख ुश करबाक लेल जल चाहबेटा करी । छिठएके उदाहरणके पमेलऽ िलय, ओ पाविन िबना जल के नई भऽ सकैय को जलासय नई भेला परअपना घरमे खिधया खिन क ओइमे जल राईख क पाविन सम ्पन ्न करैत अिछ, िकयाकत िदनानाथे स ूय र् छिथ । एकटा एहो किह सकै िछ िक स ूय र् मे बहूत गमीर् भेला केकारण जल के अघ र् देला सँ ओ िकछ ठन ्ढा होइत छैथ ।लोकतानिक ् गणतन ्मे छिठ पाविनके संस ्कृितके बारे मे अप िक कहब अिछ ?– हम गणतन ् नई किहक लोकतन ्के चचा र् करैत ई कहव िक छिठ एकटा िवशुलोकतानिक ् पावन अिछ, समापाितक ढगं सँ एकरा मनाओल जाइत अिछ । सामिहकूपमे मनबाक सँगिह अई मे को भेद भाव नई होइत अिछ । गरीब सँ लकधनीक तक सब एकरा समान ढगं मनावैत अिछ ।73


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्जनता गणतन ्के रस ्ता चलनाई श ू कदेलक मुदा सरकार अख ु◌ेपाछा परल अिछ । अख◌ेमधेसी पहाडी बीच , दिलत गैर दिलत बीच, गरीबधनीकके बीच भेदभाव अिछ, िक एकरे गणतन ् कहबै ? नवका पाल बनाबऽलागल ◌ेतागण सबके छिठ पाविन सँ िकछ िसखवाक चािह ।अन ्तवा र्ता ...आभाष लाभ(२०२८ सालमें डा.राजेन ् िवमल आ ीमित िवणा िवमलक सन ्तानक पमें जनकपुरकदेवीचौकक िनवासमें जन ्म लऽ २२ वष र् पिह सँ िनरन ्तर मैिथली गीत सँिगतकआकाशमें ुवतारा जका ँ चमकैत रहऽबला एकटा िमिथलाक बेटा छिथ, गायक आभाषलाभ । बाल ्येवस ्था सँ िविभन ्न म ँच सबपर अपन आवाज सँ दश र्क ोता सबकेदयमें वास कयिनहार आभाष लाभ, मैिथली आ िमिथला सँ सम ्बन ्ध रखिनहारकलेलचीरपिरचीत नाम अिछ । स ्तुत अिछ, गायक आभाष लाभ सँगक भेल बातचीतकमुख आश )१. आभाष जी गीत सँगीतमें किहया सँ लगलहु ँ?किहया सँ लगलहु ँ से त नई ं ब ुझल अिछ, म ूदा बच् चे सँ जनकपुर आ लऽग परोसकगा ँव सबहक एकौटा मञ् च हमरासँ नई छुटैत छल ।२. पिहलबेर आहा ँक रेकडेर्ड गीत कोन अिछ- पिहलबेर हम पाल सँ बहराएल अशोक चौधरीक मैिथली क् यासेट पानस में गीतगए छलहु ँ ।३. मैिथली गीत सँगीतक अवस ्था केहन ब ुझा रहल अिछ?जतेक होयबाक चाही ओतेक सँतोष जनक निह अिछ । नव नव ितभा जाई तरहेंएबाक चाही, नई आिब रहल छैक । दोसर बात अखन िविध एतेक परफेक् टभऽगेल छैक जे पाइ सेहो वड खच र् होइत छैक ।४. की ब ुझाइया, मैिथली गीत सँगीतमें लािगकऽ अखक युगमें बा ँचल जा सकैया74


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्एकदम नीक जका ँ बा ँचल जा सकैया एही मेंलािगकऽ । मैिथलीक बहुतपैघ िछयै । जौ ं मेहनितसँ नीक काज कायल जाए त मैिथलीयो सँगीतक मेंबहुत पाई छै । उदाहरण लऽ सकैत छी, हमरे सबहक क् यसेट “ रे छौ ंडा तोराबज ्जर खसतौ” के जे १५ लाख ित िबकाएल छल । तिहना “ गीत घरघर के”जे जिहया सँ बहरायल तिहया सँ आइयोधिर िबकाइते अिछ । हँ, काज नीकहोयबाक चाही ।५. प ्यारोडीके भाव केहन पिड रहल छैक मैिथली गीत सँगीत पर?प ्यारोडी मौलीकताके साफ साफ खतम कऽ दैत छैक । गीत सँगीतक मेंलागल ष ्टा सबके मवलके तोिडकऽ रािखदे छैक प ्यारोडी गीतसब ।६. प ्यारोडी गीत सँगीत सँ िपण ्ड छुटबाक उपाय कीदेिखयौ, जखन अपन सँगीत या गीत नई हुए तखन प ्यारोडीके िकछु हद धिरपचाओल जाऽ सकैया,म ूदा मैिथलीमे अपन मौलीक सँगीतक आभाव त किहयो नईरहलै । जहातक प ्यारोडी गीत सँगीत सँ िपण ्ड छुटेवाक बात छई त अइमे आमजे ोता सब छिथ, जे वास ्तिवक पमें चाहैत छिथ की अप ्पन मौलीक सँगीतकिवकास होइ, हूनका सबके प ्यारोडी गीतके िनत् साहीत करबाकलेल ताई कारकक् यासेट िकनऽसँ परहेज करऽ पडतनिह ् आ सँचार माध ्यम सबके सेहो ओहन गीतबजेवा सँ बचऽ पडतनिह, ् तख ई सँभव अिछ ।७. पालीय आ भारतीय िमिथलाञ् चलमें मैिथलीक बहुत रास काज भऽ रहल छैक, कीअन ्तर ब ुझाऽ रहल अिछ द ू देशक मैिथलीक काजमेहम त मा एतबा ब ुझैत िछयै जे एकटा हमर सहोदरा िवदेशमे कमाऽरहल अिछ आहम पालमे । द ू ठाम अपना अपना तरहें काज भऽरहल अिछ एतबे ब ुझ ु ।८. अखन सऽभ भाषाक गीतमे िरिमक् सके बािढ आएल ब ुझाित छई, एकरा कोन प सँआहा ँ देखैत िछयै?बहुत नीकबात छई िरिमक् स गीत औनाई । समय असार आधिनकीकरण ु होयबाके चाही। समाजकलेल आ बजारकलेल गीत गौनाई द ू द ूटा बात िछयै, तािहमें गीतसँगीतक व ्यावसायीकरणमे िरिमक् स बहुत नीक सँकेत छई । िरिमक् स गीत बहरेवाकचाही बशतेर् अपन सँस ्कार नई लुप ्त भऽ जाई ताइके ध ्यानमें रखैत ।९. अखनधिर कतेक गीत गएलह ु ँ जे रेकडेर्ड अिछ?75


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्अखनधिर लगभग साढे तीनसय गीत हम गािब चुकल छी जे रेकडेर्ड अिछ ।१०. क् यासेटके अलावा कोन िफल ्ममें अपन स ्वर दे छी आहा ँ ?मैिथलीमे दहेज,ममता,ितम,आिशवा र्द िफल ्ममे, तिहना भोजपुरी िफल ्मसब सजना केआगना, ममता, तहार गिलया आिदमे ।११. स ्टेज शो के सीलसीलामे कतऽ कतऽ गेलहु ँ?अपन देश पालक लगभग सबठामके अलावा, कतार(४बेर),द ूवई(२बेर),मलेिशया,पािकस ्तान,ब ंगलादेश, भारतक िविभन ्न शहरमें अखन धिरजाऽचुकल छी ।१२. नव की आिब रहल अिछ मैिथल ोता सबहक लेल?बहुत जलिदए ् िनिखल राजेन ्क सँगीतमे भेनस क् यासेट सँ िरिलज भऽ रहल अिछ....िभुवन िवश ्विवालयारा िमिथलाक्षर फन ्टक िवकासमैिथली लेखक एव ं अन ्य मैिथली भाषी लोकिनक भावनाकेँसम ्मान करैत िभुवन िवश ्विवालय भाषािवज्ञान केनिय ् िवभाग तथा मदन पुरस ्कारपुस ्तकालय भाषा सञ् चार पिरयोजना अन ्तत यिनकोड ू पर आधािरत जानकी नामकिमिथलाक्षर(ितरहुता) फन ्टक िवकास कयलक अिछ । एिह फन ्टक मादे आब सँसारभिर इमेल िमिथलाक्षरमे पढल जा सकैत अिछ । सँगिह, वेबसाइट परिमिथलाक्षरमे पासामी साखल जा सकैत अिछ ।मुणक किठनाई सँ मैिथली भाषा देवनागरी िलिपमेसामान ्य पसँ िलखल जाइत अिछ आ िमिथलाक्षरक योग बहुत सीिमत मेहोइत जाऽ रहल अिछ । यिनकोडमे ू आधािरत जानकी फन ्टक आगमन सँिमिथलाक्षरक योगक िवस ्तार होयबाक सँभावना बढल अिछ । ओना द ू वष र् पिहनिहँिनजी स ्तरपर िवण झा आ गँगेश गुञ् जन िमिथलाक्षर फन ्टक िनमा र्ण कय रहिथ।मकर सँानित ् अथा र्त तीला सकरा ँइत-/िजितया पाविन-मज झा "मुि"मकर सँानित ् अथा र्त तीला सकरा ँइत-मज झा "मुि"76


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्मकर सँानित ् अथा र्त तीला सकराइ ँत माघ मिहनाकपिहल िदन, ायः माघ मासक १ गतेके मनाओल जाइत अिछ । मकरसँानित ् माघभिर लोक भोरमे स ्नान करैत अिछ । माघ मासकसँानितक ् िदन लोक उडीदक दािल, चाउर,ितलबा, चुल ्लौर आिद दानकरैत अिछ । धनवान लोकसब गोदान, उनीवस ्, कम ्बल, सोन आिदसेहो दान कायल करैछिथ । एिह िदनमे िखच् चिर खएबाक चलन चिलआएल अिछ । आज ुक िदन भगवान भगवतीके चुल ्लौर, ितलबा चढाओलआइत अिछ । बहुतो ठाम िदनमें चूडा,दही,चुल ्लौर आ राितमे भोजनकाएल जाइत अिछ । आ िकछु ठाम चुल ्लौर, ितलबा, चूडा,दही जलपानकऽ द ूपहरक भोजन िखच् चिर सँ सँम ्पन ्न होइत अिछ ।िमिथलाञ् चलमे भेरे स ्नान कऽ कऽ तीलक डा ँठ अथा र्ततीलाठीक आिग तापल करैत छिथ । जौ ं तीलक डा ँठ उपलब ्ध नईहोमय सकल त आिगमे तीलक िकछु दाना धऽ आिग तािप परम ्पराकेिनवाह र् कायल करैछिथ । ताइकेबाद अपना सँ पैघ या कहु ष ्ठाराचाउर, तील आ गुँड िमलािबकऽ बनाओलगेल तील ख ुवािबक अपना ितकेकतर्व ्यबोध कराओल जाइत अिछ, जकरा “ तील बहव” कहल जाइतअिछ ।ई पाविन सँ आयु, आरोग ्य, सम ्पित, प, गुणकापित ् होएबाक सँगिह सब तरहक पापसँ मुक् ित भेटबाक िवश ्वास कायलजाइत अिछ । माघ स ्नानके ब ृहत मन ् सेहो होइत अिछ जे एिहकारक अिछॐ माघमासिमम ं पुण ्य ं स ्नाम ्यहं देव माधव ।77


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्तीथ र्स ्यास ्थ जले िनत् य ं दीदा भगवन हरे ।द ु ◌ःख दिरयनाशाय ीिवष ्स ्तोषणय च ।ातः स ्नानं करोम ्य माघे पाप णाशनम ् ।मकरस ्थे रवौ माघे गोिवन ्दाच् युत ।स ्नानान मे देव यथोक् त फदो भव ।िदवाकर जगन ्नथ भाकर नमोऽस ्तुते ।पिरप ूण र् कुष ्वेदं माघस ्नानं महातम ् ।ओना वैज्ञािनक दृष िटको ् गुँड खएला सँ शरीरमे गमीर्अएबाक कार जाढ मासमे एही पव र्के अित उपयोगी मानल जाइत अिछ।िजितया पाविन- मज झा "मुि"िमिथलामे बहुतो पाविन बड ाप ूव र्क मनाओल जाइत अिछ ।िमिथलाके सा ँस ्कृितक पसँ धनिनक ् कहऽजायबामे एिह पाविनितहार सबहकबहुत पैघ महत् व रहल अिछ । ओना सब पाविन सबहक अपन हटलेमहत् व रहल करैत अिछ, सब पाविनके अपन अपन योजन सेहो ओतबेिवशेष भेल करैत छैक ।78


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्िमिथलामे मनाओल जाएबला एकगोट महत् वप ूण र्पाविन सबमे सँिजितया पव र्के अप तरहक महत् व रहल अिछ । िमिथलाञ् चलमेचिलत अिछ जे केओ पुष कोनहु ँ द ूघ र्टनासँ बािचगेल ँ त कहल जाइतअिछ,माय षडिजितया के छलै तािहसँ बािच ँ गेलै । ई वाक् य स ्पष ्टकरैत अिछ जे िजितया पाविन एकटा बेटाकेलेल हूनक मायारा कायलजाइत अिछ ।भिवष ्य पुराणमे सेहो उल ्लेख अिछ जे पुक िदघा र्युक कामनासँ ईत कायल जाइत अिछ । िजितया पाविन, कृष ्ण अष ्टमीक द ुन ू सा ँझउपवास कऽ भोरमे ितिथ बदललापर पारणा करबाक िवधान रहल अिछ ।िमिथलाञ् चलमे िजितया तसँ एक िदन प ूव र् अिहवात सिसब ् माछ मआअरबिधकऽ खाएल करैत छिथ । तिहना पाविन केिनहार िवधवा लाकिनअवा र् अवा र्इन खाइत छिथ । िभनसरमे जौ ं अष ्टमी निह पडल रहैतछैक त चूडा दही ल ओंगठन करैत छिथ । ताएँ ब ुझाइया ई कहबी बनलछई, िजितया पाबिन बड ध ्यान रखैत छिथ । एिह ितिथमे योग िवशेषभेलापर षडिजितया मनाओल जाइत अिछ, जकरा बहुत पैघ मानल जाइतअिछ । जािह िदनमे दोष कालमे अष ्टमी पडैत छैक ओह िदन तहोइत अिछ, जौ ं द ू िदन दोष कालमे अष ्टमी पडैत अिछ त खोसरिदन िजितया पाविन त करबाक लोकाचार व ्याप ्त अिछ । जािहबेरउदय कालमे अष ्टमी पडैत अिछ तिहया त काएल जाइत अिछ आनवमीमे दोसर िदन पारणा कएल जाइत अिछ ।79


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्अष ्टमी जािह िदन पडैत अिछ तािहिदन त कयिनहार जािह ठामस ्नान करैत छिथ( पोखिर,नदी या इनारपर ) ओकर ा ँगणमे प ूवमुँहेठाढ भऽ तामक अघा र्मे मन ् पिढकऽ स ूय र् भगवानके अघ र् दैत छिथ, एव ंतक सँकल ्प लइछिथ । सँकल ्प कऽ भिरिदन त रिह सा ँझमे गायकगोबर सँ नीिप आ ँगनकेँ शु कऽ एकटा खिधया खिन ु पोखरीक िनमा र्णकायल जाइत अिछ । पोखरीक मोहारपर एकटा पाकिडक ठािढ आिनगािर देल जाइत अिछ, गाछक डािढपर गोबर मािटक िचल ्ह रािखदेलजाइत अिछ । िगदरनीक आकृित बनािबकऽ डािढक नीचामे रािख देलजाइत अिछ । तकरा लगेमे जलसँ भरल कलश राखल जाइत अिछ।कलशमे कुशक िजम ूतवाहनक मितर्क ू िनमा र्ण कऽ राखल जाइत अिछ ।ताइकेवाद समय असारक फलफूलके वेक व ्यवस ्था ककऽ राखलजाइत अिछ । वेमे केरावक आकुरी आ खीराके राखब आवश ्यकमानल जाइत अिछ । सब सामीक ओिरयाओन केलाकबाद ित मिहला सबप ूजा करैत छिथ ।िजितया पाविनके बहुत कठीन पाविन मानलगेल अिछ । ईपाविन केिनहार ित मिहलासब पािन त निहंए िपवैत छिथ, एतऽधिर िकओसब खढोधिर नई खोंटैत छिथ ।धीरे मिष र् (१९६७- )मैिथली भाषा, सािह, कला, संृित आिद िविभ ककाजमे समान पेँ िनरर सिय िक पमे िचल जाइत छिथ धीरे मिष र्। िव.सं.२०२४ सालभादब १८ गते िसरहा िजलाक गोिवपुर-१, बीपुर गाममे ज लेिनहार मिष र्क प ूण र् नाम धीरेझा िछयिन। सरल आ सु भाषा-श ैलीमे िलखिनहार मिष र् कथा, किवताक अितिर लेख, िनब,80


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्अवाद आ पकािरताक मामसँ मैिथली आ पाली द ुन ू भाषाक मे सुपिरिचत छिथ। पालकूली कक्षा १,२,३,४,९ आ १०क ऐिक मैिथली तथा १० कक्षाक ऐिक िही िवषयक पापुकक लेखनसेहो कए छिथ। सािहिक मे िहनक एक सािदत आ एक अनिदत ू कृित कािशत छिन। मिष र्लेखनक अितिर सीत, अिभनय आ समाचार-वाचन सँ सेहो स छिथ। पालक पिहल मैिथलीटेिलिफ िमिथलाक था आ ऐितहािसक मैिथली टेिलृला महाकिव िवापित सिहत अको नाटकमेअिभनय आ िनदेर्शन कऽ चुकल मिष र्केँ पालसँ पिहलबेर मैिथली गीतक कैसेट किलयुगी दिनयाुिनकालबाक य सेहो जाइत छिन। िहनक र सीतमे आधा दजर्नसँ अिधक कैसेट एलबम बाहर भऽचुकल अिछ। कािपुरसँ हेो िमिथला काय र्म ुत कता र् जोड़◌ी पा-धीरेक धीरेक अबाजगामक बा-बा िचैत अिछ। “ पव” मैिथली सािहिक पिका आ “ समाज” मैिथली सामािजकपिकाक सादन।नव भोर जोहैत िमिथला—धीरेन ् मिष र्राज ्य पुनसंरचनाक र् लेल भऽ रहल अभ्यासक असिर देशक सम क सङिहिमिथलामे सेहो व ्यापक देखल जा रहल अिछ । जनता जागक आ उत् सुक अिछ—पालक नव– िनमा र्णमे िमिथला केँ अपन प ृथक आ िवशेष पिहचानक स देखबाकलेल । सौ ँसे देशमे गणतन ् आ सीय व ्यवस ्थाक माङ जोर पकड◌़ि◌रहल अिछ। एहनमे िमिथलावासीमे सेहो एहन भावना जागब आ तकराित सियता देखलजाएब जतबए स ्वाभािवक अिछ, ततबए उत् साहवर्क सेहो । उत् साह देशक स ्वत् वआ स ्वतन ्तामी ओहन नागिरकक लेल जे अपन मािटपािनक ित इमान ्दार छिथ,अपन राषिय ् स ्वािभमानपर गव र् करैत छिथ, जे िमिथलाक स ्विण र्म इितहासकेँ वतर्मानबनएबाक आका ंक्षी छिथ, आ जे यथाथ र्मे पाली जनताक सव र्तोमुखी िवकास आउन ्नितक पक्षपाती छिथ ।भूगोलसँ िमिथलाक अलोिपत होएबाक पीड◌़◌ा हमसभ शताबिदयोसँ ् भोगैत आिबरहलछी । खास कऽ कणाटव र् ंशीय िमिथला राज ्यक पतनक बाद िविभन ्न कालखण ्डमे हमसभयवन, अङरेज, गोखा र्ली आिदक हार िनरन ्तर सहैत आएल अिछ । एतबाउत् पीड◌ऩक बाद जँ को आन सभ्यता वा संस ्कृित रिहतए आ िक को आनठामकलोक रिहतए तँ आइधिर िछन ्निभन ्न होइत स ्तनाब ूद भऽ गेल रिहतए । मुदािमिथला, मैिथल आ मैिथलीक असितत् ् व िनरन ्तर सात सए वष र्सँ चलैत आएल अकोतरहक कुचक मािर सिहतो जीवन ्त अिछ । एकरा पाछा ँ िनशिचत ् पेँ मैिथलसभ्यता– संस ्कृितक सवािधक र् योगदान रहलैक अिछ । सा ँस लेबामे पय र्न ्त अशौकय र्भऽ रहल आइधिरक अवस ्थामे सेहो अपनाकेँ िजयाकऽ रखिनहार मैिथलीक एिहगौरवशाली आधारसभक ित नतमस ्तक होइत हम िकछु पाित ँ गढ◌़ छी—मात छी जे आब रहल नइ द ु िनयाकेर भूगोलमे81


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्तैयो हमसभ बचाकऽ रखलौ ँ जकरा माइक बोलमेसोहर, लगनी, जटाजिटन िक िझिझया– सा ँझ– परातीमेएकहकटा िमिथला जीबैए एकहक मैिथल छातीमेउपयु र् काव ्या ंश भूगोलिवहीनताक घाओमे मलहम लगएबाक आभास दऽ सकैत अिछ,मुदा मा छातीमे जीवैत भूगोल हमरासभकेँ सम ्प ूण र्ता निह िदआ सकैत अिछ ।एहन– एहन किवता गढ◌़ि◌कऽ असलमे कही तँ हमसभ अपनाकेँ परतारल करैत छी। एिह तरहेँ अपनाकेँ परतािरकऽ निह राखल जाए वा जािह बातपर हमसभ गौरवकरैत छी तकरा युग– युगन ्तधिरक लेल जँ िचरस ्थायी करबाक हो तँ आवश ्यक अिछजे खािल छातीमे सैँतल िमिथलाकेँ हमसभ जमीनपर उतारी आ मैिथल भूगोलकेँ पुनःनामकरण करैत उव र्र बनाबी । एकरा लेल देशक एखक राजनीितक वातावरणहमरासभकेँ सवो र्म अवसर दान कए अिछ ।मुदा देशमे जािह तरहक ियाकलापसभ देखल जा रहल अिछ तािहसँ ई निहब ुझाइत अिछ जे हमसभ एिह अवसरक सद ुपयोग करबाक िदशामे पया र्प ्त सचेत आगम ्भीर छी । सव र्थम तँ ई बात अबैत अिछ जे एखनधिरक सरकारसभ वास ्तिवकपमे साधारी वसँ बाहरक लोकक लेल सेहो लोकतन ् आएल छैक से मात–सन अपन चिर देखिबते निह अिछ । ई कटुसत् य हमरासभक सोझा ँ अिछए ।वस ्तुतः देशमे अख ओह राजनीितक दलक दबदबा अिछ जे माघ १९ सँ पिहसंिवधानसभाक नामे सुतदेरी को िबगड◌़◌ैल सा ँढ◌़जका ँ भड◌़िक उठैत छल ।िव.सं. २०४७ सालक संिवधानमे कऽमा– फुलस ्टा◌ॅपधिरमे पिरवतर्न करबाक आवश ्यकता निहदेखिनहारसभ आइ नव संिवधान बनएबाक बीड◌़◌ा उठौ छिथ । एहनमे ओिहव ्यिसभक मानिसकता कतेक बदलल होएतैक से सहजिहँ अमान लगाओल जा सकैतअिछ । जँ माओवादी जनयु निह शु भेल रिहतैक आ एखन जे मुासभ उठलअिछ से निह उठाओल जइतैक तँ िनशिचत ् अिछ जे हमसभ आज ुक ई स ्विण र्मवातावरण निह पिबतहु ँ । मुदा जनयुक माफ र्त मैिथलीसभमे अिधकारक भूख तँमाओवादी जगा देलकैक, मुदा भुखाएलसभकेँ अन ्न देखैतदेरी जािह तरहक कछमछीभऽ सकैत छैक, तकरा व ्यवसिथत ् करबा हेतु को ठोस यत् न कऽ सकबाकअवस ्था माओवादीक सेहो निह छैक ।िमिथलामे भेल पिहचानक आन ्दोलनक ममे आयोिजत एकटा पकार– सम ्मेलनमेमाओवादी ता बाब ुराम भराई बाजल छलाह— ‘ मधेशमे जे चेतना जागल छैकतकर वीजारोपण वा गभाधान र् के कएलक ? मधेश आन ्दोलनक बाप के ?’खासकऽकऽ २०४६ सालक पिरवतर्नक बादक अवस ्थाकेँ देखलापर हमरा जवाबक पमे ईकहबामे कको ििवधा निह होइत अिछ जे माओवादी । मुदा एिहठाम ध ्यानदेबायोग ्य बात ई अिछ जे को योग ्य नागिरकक सम ्प ूण र् िनमा र्णमे बापक वीय र्क82


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्भूिमका अत् यन ्त न ्य ून होइत छैक । मुख ्य भूिमका रहैत छैक— नओ मासधिरगभर्मे रािखकऽ जन ्म देिनहािर आ लालन– पालन कएिनहािर माएक । मुदा द ुभा र्ग ्य,िमिथलासिहत देशक अको , जाित, समुदायमे जागल चेतनाक बाप तँ माओवादीबनल, मुदा आब जखन माए बनबाक समय आएल अिछ तँ देखा चाही जे ई भूिमका ओकतेक कुशलतासँ िनवाह र् करैत अिछ । एिहसँ पिह मधेशक पाटीर् वा सठनसभओहोसभ खािल बाप बनबाक दम ्भ मा देखा सकल । ई बात खास कऽ िमिथलाकभाषा– संस ्कृितजन ्य भावनापर बेरबेर कुठाराघात करैत ओसभ देखा चुकल अिछ ।जँ मधेशी आन ्दोलन/िवोह बाप बनबाक अहारमे मोँछक लड◌़◌ाइ निह बिनतए,एकरा समिटकऽ– सहेिजकऽ चलिनहार एकटा माए भेिटतैक, तँ आइ अवस ्था िकछु िभन ्नरिहतैक ।अवस ्था तैयो िबगड◌़ल निह छैक । सम ्प ूण र् िमिथलावासीक मबल अख ओतबएउच् च छैक । एिह मबलकेँ सकारात् मक आ साथ र्क पिरणामपर अवतरण करएबाकलेल ियाशील होएबाक िजम ्मेदारी हमरेसभपर अिछ । संसद आ सड◌़कसँ जनआवाजब ुलन ्द कएिनहारसभ बेर– बेर ई बात दोहराओल करैत छिथ जे संिवधानसभा सभसँबेसी मधेशी, दिलत एव ं जनजाितएक लेल आवश ्यक अिछ । ओिह आवश ्यकसंिवधानसभा आ तकरा बाद बनल सरकारमे मैिथलसभक उल ्लेख ्य सहभािगता अिछ ।तेँ संिवधानसभाकेँ अपन हकमे उपयोग करबाक िदशामे सभक ियाशीलता आवश ्यकअिछ । रिह गेल बात सशस ् आन ्दोलन कएिनहार जनतानिक ् तराई मुिमोचा र्सभक, हमर िवचारमे ओहोसभ राज ्यसाकेँ समदशीर्ए बनएबाक लेल ई माअप छिथ । जनभावसँ िनरपेक्ष राजनीित हुनकोसभक निह भऽ सकैत छिन ।सुदीघ र् राजनीितक इितहास समिटकऽ बैसल व ्यिसभ एखन ियाशील मोचा र्सभमे छिथ। हुनकासभक आगा ँ इहो चुती छिन जे हुनकेसभक देखािसखी कतेको अवाञ् िछततत् वसभ िमिथलामे पएर पसािररहल अिछ । ओ तत् वसभ हमरासभक म ूल मुाकेँदरिकनार करबाक लेल जी– जानसँ लागल अिछ । एहन अवस ्थाकेँ िवचारैत सेहोअपनाकेँ जनताित उरदायी ब ुझिनहारसभकेँ अपना– अपना िदससँ सेहो सहमितकिवन ्द ु तलाश ैत रहबाक चाही । एम ्हर अन ्य पक्ष सेहो जँ व ्यिगत ईषर्या– ् ेषसँउपर उिठ जनताक ित इमान ्दार भऽकऽ आगा ँ आबए तँ िनशिचत ् अिछ जे सशस ्सम ूहसभ सेहो आिमल पीिबकऽ निह बैसल रहत । एिह काजमे सरकार आ िवशेषकऽ माओवादीक भूिमका िवशेष महत् वप ूण र् भऽ सकैत अिछ । िकएक तँ जेसभ अलगबाट धए छिथ सेसभ अिधका ंश माओवादीएसँ बहराएल छिथ । जँ माओवादीसभगम ्भीरतासँ ई सोचिथ जे जेसभ ओहन िवकट– िवकराल समयमे स छल से आइिकएक अलग भऽ गेल तँ ई समस ्या जल ्दीए सलिट जाएत । ई िवशु पसँिदयाद– वादमे होबऽ वला भावनात् मक हारक कार उत् पन ्न मतिभन ्नता भऽसकैत अिछ । एिहमे अलग िवचार रखिनहार िदयादक बात सुिनकऽ ओकर सम ्मानमा कऽ देल जाए तँ जतऽ कतौ ककरो अहंकेँ ठेस लागल होएतैक, से शान ्त83


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्भऽ जएतैक । शानितक ् जोरक आगा ँ केह कड◌़गर हिथयारकेँ घमऽ पड◌़तैकआ घिम जएतैक से हमर दृढ िवश ्वास अिछ । रहल िमिथलाकेँ साकार प देबाकबात, तँ एिहमे एतबए कहब—जखन जनजन ई िमिथलाक जािग जेतै भाइहेतै सोन मढ◌़ल भोर, राित भािग जेतै भाइ ।३.प३.१. १.राम नारायण देव २.िनिमष झा३.२. १.अमरेन ् यादव २.मज मुक् ित३.३.-१.ोित-२.गजे३.४. १. सच् िचदानन ्द यादव २. िवनीत उल ३.िजतमोहन३.५. १.पंकज पराशर, २.भवनाथ दीपक ३.मयान िम ४.स ूय र्नाथ गोप३.६. कुमार मज कप१.राम नारायण देव २.िनिमष झािमिथला राज ्य- राम नारायण देवउठल मधेशी कयल हु ँकारलऽके रहत, अप ्पन अिधकारजन जनकेँ , एके आवाज84


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्सबहक मा ँग, िमिथला राज ्यअप ्पन भाष, अप ्पन सँस ्कृितअप ्पन अथ र्नीित, अप ्पन राजनीितमधेशी आन ्दोलनक यैह सन ्देशअप ्पन बात, अप ्पन पिरवेशिनरँकुश राजतन ्क भेल अवसानभेंटल लोकतन ्क बरदानमेची—महाकाली उमिडगेल अिछराज ्यशक् ित मुिकगेल अिछउठू बन ्ध ू, उठाउ तरवारभगाउ सामन ्ती राजदरवारगठन क गणतन ्क सरकारक राज ्यक पुन र्सँरचनासमावेसी लोकतन ् आ समापाितक कल ्पनाअप ्पन िवकार, अप ्पन िवचारआव िकयो निह रहत, िशिक्षत वेरोजगारछोडू आपसी मेल, क िवकासक मा खेल85


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्उखािड फेकू, राजाक ताजतखन भेटत अप ्पन स ्वराजजन—जनके एके आवाजसबहक मा ँग, िमिथला राज ्य ।जीवन एकटा द ुह किवताअथ र्हीन शब ्दकअथ र् खोजबाक अिभिलप ्सामेअनायास थिम जाइत अिछ आ ँ िखफाड◌़ि◌ दैित िछयैिनिमष झापन ्नाक पन ्नाचेतनाक शब ्दकोशआ भोगैत छीएकटा पराजयक थकानजतय निह भेटैत छै86


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्जीवनक यथा र्थक अथ र्आ ताएँब ुझाइत अिछजीवन एकटा द ुह किवता छै ।बजैत छैलयात् मक गीतजीवनक मध ुर सीतआ छम...छम...कऽ नचैत सीतसँगअसंख ्य कलात् मक पायरआ स ्फुिटत भऽ जाइत छै जीवन उपवनमेमुदाअनायास फेरबन ्द भऽ जाइत छै सीतक ध ुनथािक जाइत छै पायरमुरझा जाइत छै उपवनक फूलआ ताएँब ुझाइत अिछजीवन एकटा सारहीन सीत छै ।87


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्आन ्नद छैमाछ जका ँजीवन सरोवरमे हेलबउल ्लास छैएकटा गुी जका ँआकाशमे उड◌़बमुदा उड◌़ि◌ निह सकैत अिछहमर आल ्हािदत मोनआ अनायासउल ्लासक धरातलसँद ुितक चान परअनवरत खसैत छै मोनआ डुिब जाइत छैसरोवरमेआ ताएँब ुझाइत अिछगुी जका ँ उड◌़ि◌ निह सकबाकआ माछ जका ँहेिल निह सकबाकिनयितक भोग छै88


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्जीवन ।हाइकुिनिमष झा१)गरम देहिछछैल गेल मोनअम ृत–वषा र् ।२)रामनवमीएलै एहू बेरमुदा राम ।३) छै उत् साहकुचाक छुवनई शरीरमेँ ।४)अपन पीडाआ ँचिरमे कबैहमर माय ।५)छाह खोजैछ89


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহगा◌ाछ ् कािट कािटकऽसभ्य मानव ।http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्६)पा◌ावस ् राितगवै उन ्मुक् त मोनिवरह गीत ।७)नकली हँसीकुटील व ्यवहारआज ुक छौडी ।(१)पीयर पातपतझरक बादतुत् छ होइछ ।(२)लोचन नीरनिह ब ुझै जगत90


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्बहैछ स ्फूतर् ।(३)मक ािरबन ्द भऽ जाइत छैस ्वाथ र्क आग ू ।(४)ख ुलल वेणीिपयाक तीक्षामेख ुल ्ले रहलै ।(५)हम मर91


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्िच देिलयै फूलिवजेता बिन ।(६)पावस राितगवै उन ्मु मोनिवरह गीत ।(७)अन ्तर निहकागज आ दयजखन फटै ।असमिप र्त उन ्माद-िनिमष झा92


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्अहा ँक वएह नयन, वएह मोन आ वएह तनहम देिखरहल छी, सुिनरहल छी आ भोिगरहल छीसमयक लम ्बा अन ्तरालक बाद सेहोआ ँ िख खोलैत आ िमचैत सेहोआ अहा ँ हमर शरीरक अदृश ्य सिरत वाहमेसवा र् समािहत छी, सजिजत ् छी ।ई अभीष ्ट प अही ँ क िथकजकर अपसिथितमे ् हमर िचशुष ्क िसकतातुल ्य भ गेल अिछई शीतल छाहिर अही ँ क िथकजकर अभावमेहरेक िनिमष हमरा लेलनीरस आ उदास वसन ्त बिन गेल अिछ ।अहा ँ पाइन छी हमर िपयासकअहा ँ वसन ्त छी हमर बसातकतएँ एकटा अप ्त उन ्मादनािच रहल अिछ भैरव बिनहमर मानसमे ।93


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्हमर स ्नायुक रोबरोबमेएकटा िवषा ष ्णाबिहरहल अिछआ बिहरहल अिछहमर धमनीक कणकणमेएकटा उन ्मु षा ।बहुत बेर उघािर दिलयै, फािड देिलयैन ृश ंस बिन आवेशसँलज्जाक पदा र्सभआ बन ्द क' देिलयै ितक म ूल ्यसँपाशिवक उन ्मादसभ ।हँआईयो ओिहना स ्म ितमे ृ लटपटायल अिछअहा ँक गरम सा ँसमेगुञ् िजत हमर जीवन संगीतअहा ँक आ ँचिरमे ओझरायल हमर सट र्क बमअनार जका ँ अहा ँक दा ँत पर94


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्िपछरैत हमर जीहअहा ँक ब ्लाउजक हुकसँ खेलैतहमर दसो आ ँगुरआ अहा ँक सुन ्दर छाल परदौडैत हमर ठोर ।तथािप िकएक निह िमझाइत अिछछाितक ई उन ्म मोमबििकएक िनष ्काम निह होइत अिछमोनक उप ्त बोखारसभजेना अहा ँदाक प ्याला होईआ हम चुस ्की ल' रहल छीमदहोस भ' रहल छीअहा ँक स ्वपिनल ् लज्जानत तनमेिनिमष िनिमषमे ।मुदा उफई केहन िवडम ्बनािनत् यशः95


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्एक् केटा िवन ्द ू पर द ुघ र्टना होइत गेलहमर उच् छृल वासनासभअहा ँक दश र्न आ िसान ्तक िशखरसँिनतिदन एक् के रस ्ता घ ु िर जाइत छलअिभशप ्त अहा ँक िवचारहमर अिभश ून ्य मसितष ् ्कके झकझोरैत छल ।शायद कमजोरी हमरा मे छलिक, िग बिन हम यु निह क' सकलौ ं अहा ँक तनसँशायद महानता अहा ँक छलमाला बिन अहा ँ समिप र्त निह भ' सकलौ ं हमर गलासँ ।१.अमरेन ् यादव २.मज मुक् ितकल ्पना आ यथाथ र्-अमरेन ् यादव- िदघवा, सप ्तरी ।िजनगीक हड◌़हड◌़ खटखटसँ द ूरम ृत् युक तगेदासँ अन ्जान बनलिजनगीक अित व ्यस ्त समयसँिकछ पलखित चोराकऽअहा ँक यादक उडनखटोलामेउिड जाइ छी हममक अन ्तिरक्षमे ।96


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्नदीक ओिह पारद ू गिछया तऽरहमर कोरामे औठलहमरासँग हँसैत बजैतखाइत छी अहा ँ सप ्पतखाइत छी हमहूँ सप ्पतअहा ँक तरहत् थीकेँ चुिमकऽखोिस दैत छी हमएकटा गेनाक फूलअहा ँक खोपामे ।तख हमर नाकमे अचानकढकैत अिछ जरल तरकारीक गन ्धआ अकचकाइत उठैत छी हमिमझबय लेल स ्टोभतख हमर नजिर पडैत अिछटेब ुलपर राखल िचठीपरजे कालिहए ् एलै हमर गामसँआ हमर आगा नाचय लगैत अिछभरना लागल खेतबाब ुक फाटल बेमाय97


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्बिहनक कुमािर िसँथभायक पढाइ खच र्आ मायक दम ्मा बेमारी ।हमर मैिथली-अमरेन ् यादवडाक् टर चन ्देश ्वरजी,अहा ँक बाब ुजी िपयौ हेिथन ्हउठौना द ूधअहा ँकेँ पोस हेिथन ्ह भाड◌़◌ापरक माएलेिकन हमरा नओ मिहनाधिर गभर्मेमैिथलीए केलिखन ्ह सम ्हारसोइरी घरमे सेहो मैिथलीए केलिखन ्ह द ुलारहम किनया ँक स ्पश र् िवना जीिब सकैत छीहस ्थमैथ ुनक उत् कष र् िवना जीिब सकैत छीलेिकन मैिथलीक आकाश िवना निहमैिथलीक श ्वासश ्वास िवना निहडाक् टर चन ्देश ्वरजी,हमर खा ँडो, ख ुी आ बलानमे बहै हइ मैिथली ।हमर िदनाभदरी आ सलहेशक दलानमे रहै हइ मैिथली ।98


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्सिमताक ् लडाई- मज मुक् ितपशुपितनाथक देशमे होइछ व ्यिभचार सब भेषमेआन ठाम त बाते छोडू अब ुह लगैया अप देशमे ।कृितक देल ई आ ँ िख,कान ओ बडका नाक आब द ुष ्मन ितत होइयासँसारमे अपन अलग छाप छोड िमिथलावासी,डरपोकक हूलमे सिरक होइया ।अपना समस ्त अिधकार सऽभसँ बनिचत ् होइतो,ब ँचल छी काइल ्हुक आशामेष ्ट शासन ओ ताक लोभ सँ, जकडा रहल अिछ देश, िवदेशीक पाशामे ।एतेक कठीन आ द ूल र्भ मष ्यक जीवन पाओल स ्व समान एही िमिथलामेम ूदा लगैछ जे जन ्मजाते अभागल िथकहु ँ जे द ूद र्शा होइत देखैछी, िमिथलाके अपनआगामे ।र् सम ्प ूण ृ ँगार सँ सुशोिभत जगतक माय ओ िवलक्षणा सीता आई घरसँ िनकाललजाऽरहल अिछिमिथलावासी एम ्हर ओम ्हरक वात सुत, घरक एकटा कोनामे बहाद ुरी देखािब रहलअिछ ।भऽरहल अिछ सस ्ता रँग सँ शोणीत जािहसँ सब छिथ नहाएलकतेक िदन सऽब चुप ्पे रहतै, बैसतइ एना काएल?तािह सँ,एिह सिमताक ् लडाईमे बच मा सँ काज नई चलत99


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्सम ्प ूण र् मैिथलमे नव चेतना भरैत, सबके लडिहटा पडत ।१.ोित२.गजेजाड◌़ आयल-ोितजाड◌़ आयल अिछ बदरीक संगध ुक कुहराम सऽसब अिछ तंगदृ िक सीमा छोट◌़ धिमल ू सब र ंगशीतलहरी अपन ध ुनमे अिछ मतंगस ूय र्क िनुरता देिख सब अिछ दंगिकयैक निहं करैत अिछ शीतक गव र् भंगब ुी सबके छैन माघ नहायक पारीगा ँती ब बा करैत ूलक तैयारीसंघष र्रत नवयुवक सबहक के करै पुछारीचायक चुी लैत छैन चौक पर बैसारीकिनके देर मे करता सायिकल के सवारीनिहं तऽ पकड◌़ता क◌ॉलेज िदसका टायर गाडीदलानपर घ ूर लागल लोकक ज ुटान भेल100


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्कोन साल बेसी जाड◌़ छल से बखान भेलदेश िवदेशक समाचार शा भऽ सुनल गेलजखन गीतक काय र्म रेिडयो पर आर ंभ भेलिवचारक आदान दान फेर सऽ ार ंभ भेलभोजनक समय जािन सभाक समापन भेलपुरोिहत- गजे ठाकुरलघ ु उोगक पुरोिहतकघर जेना राजा सभक,दा पीिब म ँतल,मुदा सरकारक छि िज,लघ ु उोगकेँ करताह सम ृ,लघ ु उोगकेँ वा लघ ु उोगक पुरोिहतकेँ ,बना कय कनी, लए सरकारी ऋण,ब करिथ कनी,कनी मािलक निह,िनदेशक छी हम,कनीकेँ होइछ घाटा तँमजद ूर छिथ मरैत,101


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्निह िकछु होइछ िनदेशकक,कनी अिछ मरैत।अथ र्शास् बनबैत अिछ कनीकेँ म,आऽ म बछ कनमुँह।वेाविक ृ संसारआब नतर्कीक घर निह,गेल अिछ पैिस राजनीित,धननीित आऽ पय र्टननीित्,आपाली पिहिर चा करैत छिथ चालन वाहनक,नायक म ृकिटकक, होटल वसायी,नव जाित वाक पुरोिहत,आपाली बनिल अलोम वाक शकुला,मुदा गाम एख वैह,िवधवा, दिलत, गरीबीक खेरहा सैह।पीयर आऽ लाल होइतचौबिटयाक बी सभ,लुधकैत, गाड़◌ीक शीसा पोछैत,अखबार पिका बेचैत,नव जाित-वाक दिलत,102


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्बिचया-बा सभक पा ँती।कोरामे बा ले युवा िभखम ंगनी,िनरीह आ ँ िख, पैर खित,खित पएरे बढ़◌ैत आगा ँ।मुदा भ ओिह चौबिटयापरशानसँ भीख म ँगैत अिछ बालगोिवनक झ ु,भीख निह आिशरवादी,पाइ देलहु ँ तँ ठीक निह तँगािरक सादी।औोिगक मे सेहोकोयलाक भीक ध ु ँआसँकारी भूत भेल िमकईहो छिथ नव जाित वाक दिलत।घ ृणाक आादघ ृणामे आादसंवादक अमतवैभक ारिदी-मुईक हाट,103


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्तरकारी मा ँछक बजार,होटलक बनिथ भनिसया,पु-पुीक िववाह दामे जाित गौण,िवधवा-िववाह क्ष,मुदा जखन यैह सभ घ ुरैत छिथ गाम,नील-टीपाल दए नव वाक दिलत,बिन जाइत छिथ पुरातन वाक पिथक,तरकारी बेचिनहार जयबार,औोिगक क कारी मुत,साब ुनसँ रगड़ि◌ चाम,भए जािथ गामक भलमाष,होटलक भनिसया भऽ जाइत छिथ सोइत,सरदारजीक मोहिर र्र कय,पासवानजी भऽ जाइत छिथ दिलत,घ ुरैत काल निहमे फेर सभ िमिलनव वाक आऽ पुरातनक करिथ मेल।न अिछ साक्षीएिह मनिस ैधकअम ूतर् वाक धँसल आ ँ िखक,उजड़◌ा न ूआक थाक, युवा िवधवाक,104


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्आपालीक आऽ म ृकिटक नायक चादक,आऽ बससेनाक।१. सच् िचदानन ्द यादव २. िवनीत उल ३.िजतमोहनआई हम ठाढ◌़ भेल छी- सच् िचदानन ्द यादव,रायपुर– ६, सप ्तरीआई हम ठाढ◌़ भेल छीचौबिटयापर नइ ँ ,बाट तऽ एक् केटा छैमुदा ओकरा कय पडतैजे हमरा एतय अनलकैहम ठाढ◌़ भेल छी ठीक ओिहनाजेना कपड◌़◌ाक दोकानमे पुतरासभिदन नव नव पिहरनमेठाढ◌़ भेल रहै छैआ, िकनयबला देखै छैउन ्टापुन ्टाकऽ ।105


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्३.िवनीत उल (१९७८- )। आनंदपुरा, मधेपुरा।ारिभक ं िशक्षासँ इ ंटर धिर मुंगेर िजला अंतत रणगा ंव आs तारापुरमे।ितलकामा ंझी भागलपुर, िविवालयसँ गिणतमे बीएससी (आनस)। र् गु जेरिविवालयसँ जनसंचारमे मार िडी। भारतीय िवा भवन, नई िदीसँ अंगरेजीपकािरतामे ातकोर िडोमा। जािमया िमिया इािमया, नई िदीसँ जनसंचार आऽरचनाक लेखनमे ातकोर िडोमा। न म ंडेला सेंटर फ◌ॉर पीस एंड कनििरजोूशन, जािमया िमिलया इािमयाक पिहल बैचक छा भs सिटिफकेट र् ा।भारतीय िवा भवनक ंच कोस र्क छा।आकाशवाणी भागलपुरसँ किवता पाठ, पिरचचा र् आिद सािरत। देशक ितित प-पिका सभमे िविभ िवषयपर तं लेखन। पकािरता कैिरयर- दैिनक भार,इ ंदौर, रायपुर, िदी स, दैिनक िहंद ुान, नई िदी, फरीदाबाद, अिकं चन भारत,आगरा, देशब ंध , ु िदीमे। एखन राष्ीय सहारा, एडामे विर उपसंपादक।हम पुछैत छीइितहास साक्षी अिछआय धिर हम अहा ं सको सवाल निह पुछलहु ंको गप निह ब ुझलहु ंमुदा, समय एतेक बदिल गेल106


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्जािह सं हम पुछैत छीनिह त जे रहत तटसमय िलखत हुनको इितहासज सं म ृु धिरसंार आ समािजकताकब ंधन स लोकवेद कजकड़िह छी िकया, हम पुछैत छीहम पुछैत छी, सबकए अपनतरहै िजबाक छैक अिधकारतखन अपन कतर् िबसिर कएदोसरक अिधकारक हनन िकयाहम पुछैत छी, अंगरेज चिल गेलमुदा, अंगरेिजयत लबादा िकया अिछिकया अिछ ासक पढ़ईक िसमिजनका जे नीक लिगते ओ से िवषय पढ़ि◌तेहम पुछैत छी, ना स जीवनक ल107


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्िनधािरत र् िकया निह होइत छैकसमयक पाछु िकया हम चलैत छीसमयक आग ू चलैक मे कोन तकलीफ़हम पुछैत छी, स ूय र् सेहो उगैक काल बदलैत रहैत अिछतखन हम अपन सुतबाक, उठबाक आ खाईकेसमय िकय िनधािरत र् करैत छीिकया िनधािरत र् होइत अिछ आफ़ि◌सक टाइमहम पुछैत छी, गाम-घरक लोकअपन गाम आ अपन िजलाक आग ूक द ु िनयािकया निह देखैत अिछजखन िक िचड़◌ैय-चुनमुन कतय निह जाइत अिछहम पुछैत छी, अठारह साल मेजकरा देशक ता चुक स ूझ छैकओ अपन किरयर आ अपन भिवक स ूझिकया निह रखैत अिछहम पुछैत छी, रामायण आ महाभारत अिह ठाम िलखल गेल108


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्एकरा मे जतेक िखा छैकओकरा स बाहर िकछु निह भ रहल छैकतखन आय र् िकया होइत अिछहम पुछैत छी, ई देशक ताचुनावक काल मे सेवा करैक शपथ खाइयैमुदा, समय बीतलाह पर देश कए खाइयैतखन िहनका लेल अहा ं तामस िकया निह फ़◌ूठैत अिछहम पुछैत छी, जित आ धम, र् गोिर आ कािरजखन भारत स ल कए अमेिरका तकझगड़◌ाक कारण छैकतखन एकरा ख करबा लेल अहा ंक ख ून ठंडा िकया पिर जाइत अिछहम पुछैत छी, दिनयाक ु शाित ं लेलप ूरा द ु िनया एक छैकमुदा, घरक शाित ं लेलहम िकछु निह करैत छीहम पुछैत छी, द ु िनया मे बेरोजगारी109


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्महामािरक प धिर रहल अिछमुदा, अपन रोजगार खोलबाक लेलजर िकया भो जाइत अिछहम पुछैत छी, बाढ़ि◌ आ स ूखाढ़ से छी द ू सा ंझक रोटीक ज ुगाड़ लेल छी पतखन ई शासन कए बदलबाक लेलअहा ं कए वोट देबा मे िदत की होइत अिछहम पुछैत छी, चोरी-ल ूटपाट होइत अिछ रोजपुिलस किर रहैत अिछ अपरािधक खोजतखन अिह सब से सचेत हेबाक मेिकया निह रहैत अिछ आहंक होशहम उलजाित-धम र्-भेदभाव सेउपर उिठ कए पुछैत छीअहा ंक अपन वहारअहा ंक अपन आचारअहा ंक अपन जित110


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्अहा ंक अपन धम र्अहा ंक अपन ानअहा ंक अपन कम र्अहा ंक अपन पेशाअहा ं कए जे लागैत अिछ गलतओकरा बदलिह मेकी होइत अिछमुदा, अिह ठाम करैत छी घोषणाजखैन धिर अहा ं अप निह बदलबतािह धिर निह बदलत समाजनिह बदलत राष्निह बदलत द ु िनया.िजतमोहन झा घरक नाम "िजतू" जितिथ ०२/०३/१९८५ भेल,ी बैनाथ झा आ ीमित शाित ं देवी केँ सभ स छोट (ितीय) सुप ू। .रामेरझा िपतामह आ .शोभाका ंत झा मामह। गाम-बनगा ँव, सहरसा िजला। एखनमुईमे एक िलिमटेड कं पनी में पद्ािपत।िच : अयन आ लेखन खास कsमैिथली ।पसंद : हर िमिथलावासी के पसंद पान, माखन, और माछ हमरो पसंद अिछ।जखन जनता जािग जाइत अिछ !111


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्मुईकेँ अपन कहै वला नज़र िकयेक निञ आबैत छिथ !मुईक द ुन सभ सँ ओ िकयेक निञ टकराबैत छिथ !!की ताज, ओबेराय, मरीन हाउस, मुई मs निञ अिछ !या फेर मुईक ठेकेदार अपन मौत सँ घबराबैत छिथ !!दोसर ाक कहीकेँ अप सभ लोग कs मारैत छिथ !दोसरे ाक लोग सभ मुई पर जान लुटाबैत छिथ !!अप देशक लोग जखन रहैत छैथ ितनका केँ तरहे !ओ किनयोटा वारसँ लकड़◌ीक तरह टुईट कs बीखैर जाइत छिथ !!शमो र् निञ आबैत छैन अपन देशक िनका ता कs !बजैत छला की पैघ-पैघ शहर मs छोट-मोट हादसा होयते रहैत अिछ !!मुईक जंगमे शहीद तँ बहुत जवान भेला मगर !शहर मे खाली चंद शहीदक फोटो लगायल जैत अिछ !!जे द ुन हमरा देश पर करैत अिछ छुप - छुप कs वार !हमर तागन ओकरा कs दावत पर इत सँ बजाबैत छैथ !!सुइन िलय सभ तागन जखन जनता जैग जैत अिछ !तखन कुसीर् ख ुद - ब - ख ुद िनचा भैग जैत अिछ !!१.पंकज पराशर, २.भवनाथ दीपक ३.मयान िम ४.स ूय र्नाथ गोप112


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ड◌ॉ पंकज पराशरी ड◌ॉ. पंकज पराशर (१९७६- )। मोहनपुर, बलवाहाट चपरा ँवकोठी, सहरसा। ारिक िशक्षासँ ातक धिर गाम आऽ सहरसामे। फेर पटना िविवालयसँ एम.ए.िहीमे थम णीमे थम ान। जे.एन.य.,िदीसँू एम.िफल.। जािमया िमिलया इािमयासँटी.वी.पकािरतामे ातकोर िडोमा। मैिथली आऽ िहीक ितित पिका सभमे किवता, समीक्षाआऽ आलोचनाक िनब ंध कािशत। अंजीसँ िहीमे ◌ॉद लेवी स्◌ॉस, एबहाडर् िफशर, हकु शाहआ ूस चैटिवन आिदक शोध िनबक अवाद। ’गोवध और अंज’ नामसँ एकटा तं पोथीकअंजीसँ अवाद। जनसामे ’दिनया ु मेरे आगे’ ंभमे लेखन। रघ ुवीर सहायक सािहपरजे.एन.य.सँ ू पी.एच.डी.।इितहासिफ िनमा र्णमे सहयोग कयिनहारक स ूचीसँजे गायब अिछ- डमी के पमे मािर खाइतचू आ गोलीसँ वािवक पेँ हार सहैतअिभी संग-संग दजर् भिर छौ ंड़◌ी सबजे सुर आ अंगक समित दश र्नमे रहैत अिछ अपा ँततकरा सबहक ान कतय अिछ रजत पटक इितहासमे?नायक केर नपनक संगी बनबाक िनिमजे आयल छल ना सबहक झ ु ंड रजत पटपरआइ कतय छिथ ओ लोकिन?113


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्भिर-भिर राित जािग कए जे ब छल अिभीक पिरधानएकसँ एक कणिय र् गीतमे बाजा बजौिनहार वादक सबकतय अिछ आइ िसमाक इितहासमे?२.खबिर बिनहारसँ िलखिनहार धिरक नाम अिछ अखबारमेमुदा कतहु निह अिछ ओकर सबहक नामजे छापलक भिर राित जािग कए उघलक माथपर खबिरक बोझआ पहु ँचेलक जे घरे-घर, हाथे-हाथदिनया ु भिरक दाशिनक र् सबहक सुदश र्न पोथीक लेलजे लोकिन कयलिन अपन हाथ आ ाक नाश,जािकर हुसैनक तबलाक लेल जे हाथ सानलक मािटआ गढ़लक अपन अँगुरीसँ तालजा आकृिततकर कतय उेख अिछ संगीतक इितहासमे?मकब ूल िफदा हुसेनक लेल ले बलक कू ँ ची-शबलक अक तरहक र ंगओकरा सबहक ान कतय अिछ करोड़◌ो टाकामे नीलाम होइत पेिट ं ंक केरइितहासमे?ई सब अेखनीय ि सब जीिवत छिथजेना ज-ज के क्षुिधत करौट लागल114


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्अपमािनत होइत इितहास िनया ारा...से कहैत छी भाइतखन मुइल लोकक इितहासक कथे कोन?िवलित कइक युगमे िनब(काकुमारीमे महासागरक िमलन देखैत)एतय जमीन केर अ भऽ गेल अिछआ अन जलरािशक फेिनल उिम र्-याामे संग भऽ गेल छिथअाचलगामी स ूय र् हमरा मोनक आकाशमे झमारलकमलामे, कोशीमे, बागमती आ गंडकमेको माघ को काितकक पिण ू र्मा आ संाितमेंान-दान, कवास कयिनहार गा र्का ंक्षी हमर प ूव र्ज सबहकदेहगंधी जल आइ कतय, कोन अवामे अिछ समु?हुनका लोकिनक अिपु अहा ँक कोन कोषमे अिछओ कण ाथ र्ना?आ ओ आकुल हाक कोन तर ंगमे िनब अिछ हवा?युमे हत म आ अ-गज केर ाणा ंतक रजे तलवारक ट ंकारमे िमर होइत कालक वाह बदलैत छल115


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्दलमिलत गाम सबहक रक टघार जिहया नदीक धार बनलतँ कतेक बढ़ल छल अहा ँक अुगंधी नक भंडारआ हाहाकारी आवाज?अशेष जलरािशसँ प ू िरत प ृीक आन-आन भागमे बसल लोकसँपिरचयक लेल कोलंबसी सफलतासँ प ूव र् जे नािवक समा गेलाहअहा ँक िवशाल उदरमेितनका सबहक असफल यााक कलपल र आइकोन अवामे बा ँचल अिछ समु?िव िवजय केर िनिम अमेधक सर ंजाम ज ुटबैतमक िनित म ृुक लेल हिथयारी पुिमाक िनमा र्तािसकं दरी आका ंक्षाकेँ सताक संघष र्मे िनब कऽ रहल अिछकिहयो ईर केर म ृुक जे लोकिन कयँ छलाह घोषणाआइ इितहासक अंत के कऽ रहल छिथ पुिपुिमाक अंतवादी उर-आध ु िनक िसकं दर सबहक खरहूअमेधी वा ंछाक लेल िनाह नरमेधी अिभयानकेँ नाम देलक अिछ-ईरीय आदेशक पालन116


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्लय-कालक इितहास-पुष समु हमरा कहूकतेक वख र्सँ कतेक सता कतेक संृित आ कतेक सााक क्ष गवाह अहा ँकतेक रास िसकर सबहक देखँ छी इितहास!मक ाण लैत म स बत नगर बसबैत िसकर बतबनबैत रहल अिछ प ृीपर इितहासक अार-घरजतय कलपैत स्ीगणक रक टघार अहा ँकेँ घीचैत रहलकिलंगसँ तुगलक आ नािदरशाही धिरर-रिजत ं सताक नछाह समुहमरा इितहासक कारागारसँ ो िनरर हाक दऽ रहल अिछइितहासक कतेक रास हाक अहा ँक दयमे हाहाकार बनलबेटाक लहासपर खसैत मायपितक लहासपर खसैत सैिनक सबहक स्ीक वेदना समािहत कएँअहा ँक खसैत आिब रहल छी लहिर बिन कऽ कइक सदीसँ कटल गाछ जका ँकइक शताीसँ हमरा ो हाक दऽ रहल अिछअंत आकुल रमे बेर-बेर ो हमरासोर कऽ रहल अिछ कहबाक लेल मोनक थामुा आ मोंछक कारणसँ मेटायल अक इितहासक कथा117


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्हमरा कहबाक लेल कतेक िदनसँ कतेक रास हाकहमरा सोर कऽ रहल अिछसाक्षी छिथ आइ अाचलगामी स ूय र् आ यं अहा ँ समुहम आइ सुिन रहल छी कइक सदीक सबटा हाकसताक सबटा ममांतक र् पुकारअिभयान गीत-भवनाथ ‘दीपक’उठह, उठह, उठहचलह, चलह, भलहबढह, बढह, बढहघरक भेदभाव ब ू िझ शु आिब गेलब ुझा िदयौक आन सँग एक ब ु ि भेलिवश ्व म ंच मध ्य हम उिचत जगह लेलिवशद िविवध भेषहिरत भिरत देशजाित–पाित ँ वण र् धम र् भेद–भाव हीनराज–पाट कम र् काज सब अपन अधीनिमक कृषक ब ु िजीव, उमी उदार118


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्िथत एक स ू मध ्य व ्यि शत कारभुि मुि हेतुव ृ आइ एकताक सेतुजत िहत िमलैत मािटँके सकत अर डािट ँ !सब ब ु, सब सचेतपैर पाछु क् यो न देतदेखाय देत शुकेँ भैरवक स ्वपके अलच् छ िनन ्दमे रहत भसैत चूप ?ितहु र्ितक मािटपर रहिनहार भाइ !जन ्म भूिम ाण हेतु ठाढ हुअह आइलाख–लाख कोिट–कोिट केर याणके कहैछ, मैिथलीक ं पु अल ्पाण ?लक्ष् य चीनिह–लेल ् आब िनिध चीनिह ् लेलशु–िम केर भेद–िविध चीनिह ् लेलउठह, उठह, उठहचलह, चलह, चलहबढह, बढह, बढह.....।अहा ँ की छी—मयानन ्द िम119


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्अहा ँ लोभनक नाक काट’बला मया र्दा निञ छीनग ्नताकेँ आवरण दैबला निञ छीसँतुलन राख’बलािफक ै गाइड जका ँ चौबिटयापर ठाढद ुन ू हाथ उठौ अिहँसा निञ छी ।अहा ँ छीकोडोपैरीन खा–खा कऽ तत् काल अपन मथद ुखी केँ दबबऽ बला क्षुब ्ध िहमालय ।अहा ँ छी अपन खणिडत ् रसनाकेँ दािबचुपचाप कान’बला िसन ्ध ु ।वस ्तुतः अहा ँ छी एकटा िबन ्द ुजािहठामसँ अक रेखा तँ खीचल जा सकैछिकन ्तु ओ सबटा द ुजेर् य चानकको िवराट अन ्हार गुफाक अंतहीन घाटीमेजा क’ समाप ्त भ’ जाइत अिछसिरपहु ँ ई श ्न अिछ जे अहा ँ की छी?आत् मा–डाक् टर सुय र्नाथ गोप,िदघवा, सप ्तरीमैिथलीकेँ बेिचकऽपैन ्ट सट र्पर टाईकोट किसकऽ120


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्माथपर ढाका टोपी चढाकऽबगलमे भारतीय द ुतावासक झोरा लटकाकऽएिह युगक सभसँ बडका िवसंगित–डाक् टर सुय र्नाथ गोपएक हाथमे पासपोट–िभसा र् मुिठयबैतदोसर हाथमे िहन ्दीक झण ्डा फहरबैतिहनिहनाईतिगनिगनाईतजारहल छिथमौिरससअन ्तरा र्ष िय ् िहन ्दी सम ्मेलनमे ।कुमार मज कप।ज-१९६९ ई◌़ मे मध ुबनी िजला ंतत सलेमपुर गाममे। ूली िशक्षा गाम मे आ उ िशक्षा मध ुबनी मे। बा काले सँ लेखन मे अिभिच।कैक गोट रचना आकाशवाणी सँ सािरत आ िविभ प-पिका मे कािशत। सम्ितकें ीय सिचवालय मे अभाग आधकारी पद पर पदािपत।गजलधी रातुक ाह आ ँचर मे, अहल भोर के तािक रहल िछ।अपन आ ंगन मे ठाढ़ हम, आई अप घर के तािक रहल िछ ।आहत मोनक घायल तड़पन, पेᆬरो आई कनाबऽ आयल।जतऽ जलन के पीड़◌ा कम हो, ओहन छा ँह के तािक रहल िछ।दोसरा कें िक दोष देबई हम, अप सभ तऽ अंिठये बनला ।याद को बा ँचल रिह जाय, ओहन ठौर के तािक रहल िछ।121


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्बगबाहो अपनिहं हाथें, आई कलम-बाग सभ जारऽ आयल।तड़पन जतऽ तड़िप रिह जायत, ओह कहर के तािक रहल िछ।िबसिर गेल जे याद छलै, से सपना िकयैक याद िदयौलक?र ढ़रकय जािह पलक सँ, एहन आिख ँ के तािक रहल िछ।िनकिल गेलहु ँ आछ सु राह पर, अारेक टा सल केवल।अपन-आन केयो कतह ु निह, आई ओहन दर के तािक रहल िछ।अार- अशोक हेगड़◌ेकड़मे तीन टा कथा संह आ एकटा उपास। िशक्षणसँ अथ र्शास्ी आऽ वसायसँिव बम्धक ी हेगड़◌े अपन दोसर उपासपर काय र् कऽ रहल छिथ।अवाद कमलाकर भ (कड़सँ अजी)- ी भक अवादक अितिर म ूल कड़किवता संह सेहो कािशत छि जकरा २००६ ई.क पुटीणा किवता पुरार भेिटचुकल अिछ।आऽ गजे ठाकुर (अजीसँ मैिथली)।को िदन एना शु निह हेबाक चाही, ओकरा सभिदन लगैत छैक। आऽ एकटा आरएह िदनक ार भेल, र होएबासँ पिह हड़बड़-दड़बड़मे काय र् सभ। द ूधबलाद ूध निह दऽ गेल से ओ बगलमे धरफड़◌ीमे गेलाह पैकेट बला द ूध अनबाक लेल।कमोडपर बैसल ओऽ भोका अखबारक सूण र् िरपोट र् पढ़लि िनकृ ाचारी आऽहुनकर संगी सभक िवषयमे। एकटा िवज्ञापन छल जािहमे एकटा िफ अिभताकहालमे जनमल बाक नामक सुझाव दऽ कऽ पुरार िजतबाक रणा छल। एिह सभजीबाजीमे ओऽ अपन पुकेँ नहेलक आऽ ब्लैकबेरीपर िकछु काय र् स केलक,जलखै सोझा ँ छल आऽ आब एतेक थािक गेल जे बजबाक इो धिर निह रहलैक।ओकर पी कहलकाइक जे मा ँक फोन आयल रहए गप कए िलअु। मा ँ पुिछ रहलछलीह जे ई सभ छुीमे गाम अएताह की? ओकरा आब एतेक धैय र् निह बचलैकजे ओ मा ँसँ गप किर सिकतए। महर किनयासँ झझकािर कए बाजल- “उर हमरेारा देब जरी अिछ। फोनपर अहा ँ गप निह सािर सकैत छलहु ँ?”122


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्किनया ँ िसमे अपन हाथ धो रहल छलीह, “आइ काि अहा ँक संग की भऽ रहलअिछ? अहा ँसँ अहा ँक िब हमरापर गुरे गप निह कऽ सकैत छी? अहा ँ आऽअहा ँ माय..हम िकएक बीचमे आऊ? मोन अिछ तँ हुनका फोन क निह तँ निहक। हम काजपर जेबामे देरी भऽ रहल छी”। पी ओकरा जलखै करैत छोड़ि◌ऑिफस िबदा भऽ गेलीह।जिहना ओऽ रोड धेलक तँ कक घ ुरमी अएलैक। एफ.एम.पर सुनयना ट वन होकऽ रहल छलीह आऽ बड़बड़◌ा रहल छलीह। तरह-तरहक िवज्ञापन, फोनक एनाइ, ईगीत हमरा भाए लेल बजाऊ, ओऽ गीत हमर मी लेल, ओतेक छुर-मुर माध ुरीकतेसर बाक नाम बताऊ, फोरम मालपर सलमान खानक संग आइसीम खएबाक मौकाजीतू.. ओकर घ ुरमी बढ़ि◌ गेलैक। रेिडयो ब कऽ ओ बाहर देखलक, िफक ै जाम,धँआ, ु गरदा, यातायात पुिलस सीटी बजबैत...िपरररर, र् भीतर घ ुसैत गाड़◌ी सभ ाराअवहेलना सहैत, सभ दस गजपर लाल-बी, बी.टी.एस.बस सभ दौगैत भगवाजानिथ कतएसँ आऽ कोना कए, ूटर, िरा, साइिकल, ल◌ॉरी, आऽ एिह सभक बीचब ूढ़ बरद सभ पुरजोड़ लगा कए भरल कटही गाड़◌ीकेँ घीचैत, लोक सभ लहराइतपैसैत अबैत.. ओऽ ई सभ खौ ँझाहिट निह बरदा कए सकल।ड◌ॉ वी.वी.बी.रामाराव (१९३८- ) िहनकर ३४ टा रचना कािशत छि जािहमेमौिलक अंजी आऽ तेलुगु रचना सििलत अिछ।अवाद म ूल लेखक ारा तेलुगुसँ अजी आऽगजे ठाकुर ारा अंजीसँ मैिथली।अभागशीतलहिर सरसरा कए बिह रहल छल। घटाटोप बरखा धमिगर मचे छल।िबरो र्क बाद।123


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ई बीच राितक बादक पहिर छल। घ ु अिरयामे हमर माथक ऊपरका करवस्को सुरक्षा निह छल। कपड़◌ा ब अबाज कए रहल रहए आऽ हम सु सड़कपरसंघष र् कए आगा ँ बढ़ि◌ रहल छलहु ँ। सड़कक स्ीट लाइट काज निह कए रहल छल।हम अपन कोठली कोनहुना पहु ँचलहु ँ मुदा ओतए ताला हथोड़ि◌या देलासँ निह भेटल।हमर थाकल दयसँ बाल मुी एीिलनक वाह केलक आऽ हम शीत घामसँ नहागेलहु ँ। हम केवाड़◌ीकेँ धा देलहु ँ आऽ िकएक तँ ई भीतरसँ ब निह छल से कर र्सँख ुजल। हम भीतर गेलहु ँ आऽ बी जरेलहु ँ। आय, र् बी वासँ जरल। चल ूकमसँ कम ई तँ बचल, हम िनशास लेलहु ँ।सरोिजनी साहूक ओड़ि◌या कथा “द ुःख अपिरिमत” केर मैिथली अवादगोपा नायक (ओड़ि◌यासँ अंजी) आऽ गजे ठाकुर (अंजीसँ मैिथली) ारा।सरोिजनी साहू (१९५६- ), ओड़ि◌या सािहमे पी.एच.डी., बेलपहाड़, झारसुगुड़◌ा,उड़◌ीसामे अापन। मिहला सािहक अणी लेिखका, पा ँच टा उपास आऽ सात टाकथा संह कािशत। १९९२ मे झंकार पुरार आऽ १९९३ मे उड़◌ीसा सािहअकादमी पुरार।गोपा नायकक ज भुवरमे भेलि आऽ ओतिह आरिक जीवन िबतलि।सम्ित ऑफोडर् िविवालयसँ डी.िफल. कए रहल छिथ।द ुःख अपिरिमतकथाक शीष र्क द ुःख अपिरिमत उड़◌ीसाक स आऽ किव भीमा भोइक ऋचासँ लेल गेलअिछ।124


ँ<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ाणीर अरात द ुःख अपिरिमतजा जा केबा साहुये जीवन पाछे नरके पिदथौजगत उधार हेउजीवनक द ुखजीनाइ, काटनाइ, सहनाइ,िकएक?हमरा जरए िदअ होमक ालमेसंसार जीबएद ुःख अपिरिमतपेन निह खिसतए यिद सोनाली एकरा हमरा हाथसँ निह िछिनतए। हमर माय बेर-बेरहमरा कहलि जे पेन ूल निह लऽ जाइ, मुदा पेन एतेक सुर रहए जे हमएकरा अपन संगी सभकेँ देखबए चाहैत रही। सभ िदन हम पेनसँ िकछु काल धिरखेलाइत रही आऽ फेर ओकरा आपस दराजमे ओद ्इया कए रािख दैत छलहँ। ु हमरएकटा काकी एकरा िवदेशसँ अन रहिथ आऽ हमरा ससमे दे रहिथ। हमर मायकहलक जे ई पेन से ब महग रहए। पेन िलखैत काल चमकैत छल। पेनकएक कात एकटा छोट घड़◌ी रहए। हम पेन ूल अन रही मलताकेँ देखबएलेल। ओकरा होइत रहए जे हम पेनक िवषयमे झ ूठ बाजल रही। ओऽ कहरहए जे एहन पेन एिह िवमे निह उपल छैक। आऽ तािह ारे ओकरा देखबएलेल हम एकरा ूल अन रही। हम ओकरा ूलक ीडाक एक कात लए गेलह ुआऽ ओकरा ई पेन देखे रही। हम बीचमे िटिफनमे बाहर खेलाइ लेल निहगेलहु ँ कारण ई अंदेशा रहए जे ो एकरा चोरा निह लए। मलता कहलक जे ईरह ओ ककरो निह बताएत मुदा सोनालीकेँ ओऽ किह देलक। ूलक छुीक बादसोनाली हमरा पेन देखबए लेल कहलक।शीला सुभा देवी (१९४९- ) कैकटा तेलुगु प संह कािशत। १९९७ ई.मे तेलुगु िविवालयसँ उम लेखकक पुरार ा।125


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्जयली पोपुरी, िनजाम क◌ॉलेज, ओािनया िविवालयमे अापन।तेलुगुसँ अंजी अवादगजे ठाकुर (अंजीसँ मैिथली अवाद)।पसीझक का ँटबाड़◌ीमे लगाओल पसीझक का ँट गहना लेलकेना ओऽ सभ पसरैतत अिछ सोहड़◌ैत!चुपचाप ब ुत रा आािदत करैत ान।भीड़-भाड़ सभठामसभ कोणमे का ँटबला पसीझक झाड़सभ, सभ रोकैत ेहक अनव वाहिचन िवखित पड़ि◌ का ँटक मवाणी अव फँिस को झाड़मि उर्पितत चुपचापदय बछ मा एकटा अंगआऽ मौन करैत राज यािक ं पे॥126


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्मुत, बहत निह हवा एकताकतेनाकेँ ठ ुसैतसभक आश कोनहुना िनकसी आकाश।मुदा की अिछ िवृत खेत म?कतए गेल फूलक ारी फुनगैत िमताकिहलबैत अपन माथ आम ंणमे?कतए गेल ओ चाली सभ अपन तुसँ बढ़◌ैत?सभकेँ समेटैत ओ लता-कुक म ंडप कतए गेलछोड़ि◌ मा अशोक आऽ साख ुक व ृक्षजे पसािर रहल आकाश म अपन हाथनीचा ँ देखैत िवकेँघासक पात सन तु?यिद हम मोड़◌ी आऽ घ ुमी घोरैत अपनाकेँ रमेवेधए बला मोथा निह भोकैत अिछ मा पएर वरन ् आ ँ िख सेहो।सभठाम लोक उु ठाममेमानवीय सकर्सँ घ ृणा करैतपिरवितर्त कएलक नगरकेँ सेहो बोनमे।127


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्पसारैत का ँट सभ ठामपिरवितर्त भेल पसीझक झाड़मेसा ँसक फुलब पसरैत चा िदशदोसराक संवेदना निह आबए दैछ िवचारिजनगी भेल उसनाइत खेत सन।इा भागबाक पएर के आगा ँ।आय, र् मिथ निह सकैत छी, औँठा धिर।देिख सकी जौ ँ अपकेँ माभीतरसँ बाहर पसीझक का ँट मा।एन. अणाक ज िनजामाबाद लग एकटा गाममे १९४९ ई.मे देलि।तेलुगुमे पा ँचटा किवता संह कािशत।जयली पोपुरी, िनजाम क◌ॉलेज, ओािनया िविवालयमे अापन।तेलुगुसँ अंजी अवादगजे ठाकुर (अंजीसँ मैिथली अवाद)।ई सेहो अिछ वासअहा ँ निह छी मातमोटा-मोटी ईहो छी वास128


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्एकर गुणषडय जेका ँम ूल जकालेसँ“तैयो अिछ तँ बेटीये” अिछ ई?को पुषक हाथमे तँ जएबाके छैक एक िदनवासमा अमेिरके टा वासक निहक निहनारी सेहो अिछ एकटा ई।अहा ँ एकर अवहेलना कए सकैत छी सुिवधासँ।तैयो कतेक किठनछोड़ब िजनगी भिरक लेल अपन जानपाएब एकटा अनिचारक आ ँगुर?अहा ँ घ ु िर सकैत छी कख कालमुदा बिन मा पाहुन।जख हम पएर राखबकतेक काल धिर अहा ँ रहब पुछब हमर लोककेँ ।“जाऽ धिर हम चाही”इा अिछ कहबाकमुदा ृ ंखला ससरल हमर इापर बहुत पिहनिह।129


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्वास निह अिछ हख र्क वु।छोड़ि◌ ई मा जे समय िबतबढ़◌ैत अिछ ई बत अिछ अास।मोहद खदीर बाब ू (१९७२- ) ूर िजलाक कवालीमे ज। तेलुगुमे तीनटा कथा संह। भाषा सान आऽ कथा पुरारसँ सािनत।जयली पोपुरी, िनजाम क◌ॉलेज, ओािनया िविवालयमे अापन।तेलुगुसँ अंजी अवादगजे ठाकुर (अंजीसँ मैिथली अवाद)।हमरा सभक िचकला िशक्षक हमरा सभक भगवान छिथको ूलमे सभसँ उाही आऽ सभसँ द ु आर ो निह वरन ् सीिनयर होइतछिथ।की! सोिच रहल छी जे एे समयमे हम ककरो उाही आ द ु कोना किह रहलछी! थू अहा ँकेँ कहैत छी।जखन हम सभ अठमामे छलहु ँ तँ द ू टा िियन छौड़◌ा सेहो , एबजर आऽडेिवड दसमामे। ओ द ुन ू एतेक नमगर छल आऽ ओकर सभक जा ँघ तेहेन रहैक मुदातैयो द ुन ू टा हाफ पै ंटमे अबैत रहए।130


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्शेख मोहद शरीफ िस वेमपी शरीफक ज आ देशक कडापािजलामे भेल छल।जयली पोपुरी, िनजाम क◌ॉलेज, ओािनया िविवालयमे अापन।तेलुगुसँ अंजी अवादगजे ठाकुर (अंजीसँ मैिथली अवाद)।ज ुाहमर मायक िनदो र्ष मुखम ंदल अबैत अिछ हमर आिखक ँ सोझा, ँ चाहे आिख ँ ब रहएवा ख ुजल रहए। ओिह मुखक डर हमर िवचिलत करैत अिछ। एख हुनकर डराएलकहल बोल हमर कानमे बजैत रहए-ए। ई िदन रहए ज ुाक जािह िदन मामिस्जदक बीचमे बम िवोट भेल रहए। सभ िदस कोलाहल, टी.वी. चैनल सभपरघबराहिटक संग हा, पाथरक बरखा, आदंक आऽ ख ुनाहिन।बालाना ं कृतेदेवीजी: ोित झा चौधरीदेवीजी :देवीजी परीक्षाक पिरणामबा सबहक मेहनत आिह परीक्षाफल के पमे घोिषत हुअ वलाछल।देवीजी आ अ िशक्षकगण पिरणाम लऽ तैयार छलैथ।धानाापक बा131


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्सबके अपन अिभभावक संगे बजे छलैथ।अर्वािष र्क तथा अ टे सबसऽ बेसी महप ूण र् छल वािष र्क परीक्षाक पिरणाम।देवीजी सबसऽ पिह सवो र् ान पाब वला छाक नाम घोिषत केलीआऽ ओकर श ंसा सिहत ओकरामे कतऽ सुधारक आवकता अिछ तािह सऽअिभभावकके ज्ञात करौली।तकर बाद सामा िवाथीर् सबहक पिरणाम घोिषतभेल।जे सब पिह सऽ नीक के रहैथ ितनका सबके आर नीक करैकेोाहन देल गेल आ जे सब पिह सऽ खराप के रहैथ ितनकासबके बहुत िनंिदत कैल गेलैन।अंत मे एहेन िवाथीर्क पारी आयल जे अीण र् भेल छलैथ।देवीजी हुनक अिभभावकके सेहो िनंदा केली जे ओ सब ोाहन आसुिवधा निह दैत छिथन जािह लेल हुनक बा अीण र् भेलैन।कहल गेल छै-''माता शु िपता बैरी येन बाले पािठत:।मा शोभते सभा मेहंसमे वको यथा॥132


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्अथा र्त् एहेन माता-िपता शु होएत अिछ जे अपन बा के निहंपढ़◌ाबैत अिछ। अनपढ़ बा िवानक सभामे ओिहना लागैत अिछ जेनाहंसक बीच बगुला।देवीजी एहेन बा सबके हतोािहत निह हुअ कहलिखन।कहलिखनजे असफलता सफलताक सीढ़◌ी होइत छै तै ंिलय आ आग◌ॉ◌ं िमहनत क।अपन असफलता सऽ िशक्षातकर बाद िवालय ब रहक घोषणा भेल।अिगला साल २ जनवरीसऽ सबके आब लेल कहल गेल।बीचक अवकासमे सब बा सबके ितिदनदैिनकी िलखक काय र्देल गेल। तदोपरा अपन संगी साथी पिरवार संगेसौहाप ूव र्क छुी मनाबक शुभकामना दैत िशक्षक सब िवदा लेला।बा लोकिन ारा रणीय ोक१.ातः काल मुहूर् (स ूयो र्दयक एक घंटा पिह) सव र्थम अपन द ुन ू हाथ देखबाकचाही, आ’ ई ोक बजबाक चाही।करा वसते लीः करमे सरती।करम ूले ितो ा भाते करदश र्नम ्॥करक आगा ँ ली बसैत छिथ, करक ममे सरती, करक म ूलमे ा ित छिथ।भोरमे तािह ारे करक दश र्न करबाक थीक।२.संा काल दीप लेसबाक काल-दीपम ूले ितो ा दीपमे जनाद र्नः।दीपा शरः ोक्ः साोितन र्मोऽुते॥दीपक म ूल भागमे ा, दीपक मभागमे जनाद र्न (िवु) आऽ दीपक अ भागमेशर ित छिथ। हे संाोित! अहा ँकेँ नमार।133


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्३.सुतबाक काल-राम ं ं हन ूमं वैनतेय ं व ृकोदरम ्।शय यः रेिं द ुः नित॥जे सभ िदन सुतबासँ पिह राम, कुमारामी, हन ूमान, ् गड़ आऽ भीमक रण करैतछिथ, हुनकर द ुः न भऽ जाइत छि।४. नहेबाक समय-गे च यमु चैव गोदाविर सरित।नम र्दे िसु कावेिर जलेऽिन ् सििध ं कु॥हे गंगा, यमुना, गोदावरी, सरती, नम र्दा, िसु आऽ कावेरीअपन साि िदअ।धार। एिह जलमे५.उर ं यमु िहमाेैव दिक्षणम ्।वष ं र् तत् भारतं नाम भारती य सितः॥समुक उरमे आऽ िहमालयक दिक्षणमे भारत अिछ आऽ ओतुका सित भारतीकहबैत छिथ।६.अहा ौपदी सीता तारा मोदरी तथा।पकं ना रेिं महापातकनाशकम ्॥जे सभ िदन अहा, ौपदी, सीता, तारा आऽ मदोदरी, एिह पा ँच साी-स्ीक रणकरैत छिथ, हुनकर सभ पाप न भऽ जाइत छि।७.अामा बिला र्सो हन ूमा ं िवभीषणः।कृपः परशुराम सैते िचरीिवनः॥अामा, बिल, ास, हन ूमान ् , िवभीषण, कृपाचाय र् आऽ परशुराम- ई सात टा िचरीवीकहबैत छिथ।134


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्८.साते भवतु सुीता देवी िशखर वािसनीउन तपसा लो यया पशुपितः पितः।िसिः साे सतामु सादा ध ूजर्टेःजावीफेनलेखेव यूिध शिशनः कला॥९. बालोऽहं जगदान न मे बाला सरती।अप ू र् पंचमे वषे र् वण र्यािम जगत्यम ् ॥१०.िवक थम देशभिक् गीत(शु यज ुवे र्द अाय २२, म ं २२)आ ि जापितर ्ॠिषः। िलंभोक्ा देवताः। राड ुृितः। षड्जः रः॥आ ◌॑न ् ा◌॒ ◌॑वच र्◌॒सी जा◌॑यता◌॒मा रा◌॒ष् रा◌॑ज◌॒ः शुरे◌॑ऽइषो◌॒ऽिता◌॒धी म◌॑हार◌॒थोजा◌॑यता ं◌॒ दोग्ीं धे◌॒वो र्ढा◌॑न◌॒ड्वाना◌॒शुः सिः◌॒ पुर◌॑ि◌॒यो र्वा◌॑ िज◌॒ू र◌॑थे◌॒ाः स◌॒भेयो◌॒युवा यज◌॑मान वी◌॒रो जा◌॒यता ं िनका◌॒मे-िन◌॑कामे नः प◌॒जर्ों वष र्तु◌॒ फल◌॑वो न◌॒ऽओष◌॑धयःपा ं योगेक्ष◌॒मो नः◌॑ कताम ्॥२२॥माथा र्ः िसयः सु प ूणा र्ः सु मरथाः। शूणा ं ब ु िनाशोऽु िमाणामुदयव।ॐ दीघा र्युभर्व। ॐ सौभावती भव।हे भगवान ्। अपन देशमे सुयो आ’ सव र्ज्ञ िवाथीर् उ होिथ, आ’ शुुकेँ नाश कएिनहार सैिनकउ होिथ। अपन देशक गाय ख ूब द ूध दय बाली, बरद भार वहन करएमे सक्षम होिथ आ’ घोड़◌ािरत पेँ दौगय बला होए। स्ीगण नगरक करबामे सक्षम होिथ आ’ युवक सभामे ओजप ूण र्भाषण देबयबला आ’ देबामे सक्षम होिथ। अपन देशमे जखन आवक होय वषा र् होए आ’औषिधक-ब ूटी सव र्दा पिरप होइत रहए। एव ं मे सभ तरहेँ हमरा सभक काण होए। शुकबिक ु नाश होए आ’ िमक उदय होए॥मकें कोन वुक इा करबाक चाही तकर वण र्न एिह म ंमे कएल गेल अिछ।एिहमे वाचकलुोपमालड़◌्कार अिछ।अय-135


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्◌॑न ् - िवा आिद गुणसँ पिरप ूण र् रा◌॒ष् - देशमे◌॑वच र्◌॒सी- िवाक तेजसँ युक्आ जा◌॑यता ं◌॒- उ होएरा◌॑ज◌॒ः-राजाशुरे◌॑ऽ–िबना डर बलाइषो◌॒- बाण चलेबामे िनपुणऽिता◌॒धी-शुकेँ तारण दय बलाम◌॑हार◌॒थो-पैघ रथ बला वीरदोग्ीं-कामना(द ूध प ूण र् करए बाली)धे◌॒वो र्ढा◌॑न◌॒ड्वाना◌॒शुः धे◌॒-गौ वा वाणी वो र्ढा◌॑न◌॒ड्वा- पैघ बरद ना◌॒शुः-आशुः-िरतसिः◌॒-घोड़◌ापुर◌॑ि◌॒यो र्वा◌॑- पुर◌॑ि◌॒- वहारकेँ धारण करए बाली यो र्वा◌॑-स्ीिज◌॒ू-शुकेँ जीतए बलार◌॑थे◌॒ाः-रथ पर िरस◌॒भेयो◌॒-उम सभामेयुवा-युवा जेहनयज◌॑मान-राजाक रामेवी◌॒रो-शुकेँ परािजत करएबला136


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्िनका◌॒मे-िन◌॑कामे-िनययुक् काय र्मेनः-हमर सभकप◌॒जर्ों-मेघवष र्तु◌॒-वषा र् होएफल◌॑वो-उम फल बलाओष◌॑धयः-औषिधःपा ं- पाकएयोगेक्ष◌॒मो-अल ल करेबाक हेतु कएल गेल योगक रक्षानः◌॑-हमरा सभक हेतुकताम ्-समथ र् होएििफथक अवाद- हे ण, हमर रामे ाण नीक धािम र्क िवा बला, राज-वीर,तीर ंदाज, द ूध दएबाली गाय, दौगय बला जु, उमी नारी होिथ। पाजर् आवकता पड़ला पर वषा र् देिथ, फल देयबला गाछ पाकए, हम सभ संपि अिजर्त/संरिक्षत करी।Engl i sh Tr ansl at i on of Gaj endr a Thakur ' s (Gaj endr a Thakur ( b.1971) i s t he edi t or of Mai t hi l i ej our nal “<strong>Videha</strong>” t hat can be vi ewed atht t p:// wwwvi . deha. co. i n/ . Hi s poem, st or y, novel , r esear ch ar t i cl es,epi c– all in Maithili language are lying scattered and is in print in single volume by the title“KurukShetram.” He can be r eached at hi s emai l :ggaj endr a@ ai r t el mai l . i n ) Mai t hi l i Novel Sahasr abadhani by Smt . Jyot iJha Chaudhar y137


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्Jyot i Jha Chaudhar y, Dat e of Bi r t h: December 30 1978,Pl aceof Bi r t h- Bel hvar ( Madhubani Di st r i ct ), Educat i on:Swami Vi vekanandaMi ddl e School , Ti sco Sakchi Gi r l s Hi gh School , Mrs KMPM I nt er Col l ege,I GNOU , I CWAI ( COST ACCOUNTANCY ); Resi dence- LONDON , UK ; Fat her - Sh.Shubhankar Jha, Jamshedpur ; Mot her - Smt . Sudha Jha- Shivipatti.Jyotir ecei ved edi t or ' s choi ce awar d f r om wwwpoet . r y. com and her poems weref eat ur ed i n f r ont page of wwwpoet . r ysoup. com for some per i od.Shel ear nt Mi t hi l a Pai nt i ng under Ms . Shvet a Jha, Baser a I nst i t ut e,Jamshedpur and Fi ne Ar t s f r om Tool i ka, Sakchi , Jamshedpur ( I ndi a).Her Mi t hi l a Pai nt i ngs have been di spl ayed by Eal i ng Ar t Gr oup atEal i ng Br oadway, London.Sahasr aBar hani : The Comettranslated by JyotiThe t i me spent i n my vi l l age proved t o be very preci ousmemor i es f or me . I was abl e t o r un so f ast i n wooden shoes.Inever sl i pped whi l e r unni ng i n r ai n, i n muddy ways . Whensl i pper s wer e i nt r oduced t hen many peopl e wer e f al l i ng downand usi ng hot wat er bags t o soot h pai n.I of t en r ecal l ed t hosei nci dent s- f i r e, st andi ng on queue f or ker osene oi l , sugarbal l s, r ubber bal l s, f i ght bet ween t wo vi l l ages dur i ng f i shi ng,cr owd t o see t he f l ood, gat her i ng of peopl e and di scussi on f orsmal l t hi ngs, memor i es of mango gr oves;woul d t hose t hi ngschange by t i me?138


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्“Uncle! I have not applied that irritating thing on his skin”. I started crying whilegiving clarification. Some boys had poured kabkabauch on Banai’s body when he wasasl eep.Ever y one was r et ur ni ng f r om t he mango or char d whent hey saw t hi s pl ant . Ver y soon boys st ar t ed di scussi ng aboutt he af f ect s of Kabkabauch – a plant whose leaves can create irritation ifrubbed on skin. No one was ready to try this so when Banai was f oundsl eepi ng boys t r i ed t hat on hi m. All boys ran away and I was caught asI was coming behind them unaware of the fact. Uncle didn’t believe my clarification andhe had given me punishment. He had also instructed me to stay with his group andwal k ar ound t he f i el ds i nst ead ofl ear ni ng mi schief.pl ayi ng wi t h t hose boys andIt was time of f l ood.Vi ewi ng t he si ght of f l ood i n a boat andhunting Silli was ver y advent ur ous.The Gover nment banned t hehunt i ng of t hat ani mal l at er on. But I was mi ssi ng my f r i endsand I was l ost i n t he i magi nat i on of f un my f ri ends woul d behavi ng by pl ayi ng and r unni ng her e and t her e.That was myfirst day with my uncl e.Unt i l af t er noon,I was i n t he ant i ci pat i on t hat I woul d haveto go with my uncl e on t he second day t oo so I t r i ed my bestto hide my di st ress i n f ront of my f r i ends and nar r at ed t hemthe stories of my t r i p i n l ast day ver y i nt er est i ngl y.Butconsidering my f ai nt ed expr essi on my uncl e asked me i f I wasi nt er est ed i n goi ng wi t h t hem. I had not deni ed di r ect l y butsai d t hat I l i ked t o st ay at home . Then uncl e showed pi t y andleft me wi t h my f r i ends wi t h t he condi t i on t hat I woul d not doany mi schi evous act .( cont i nued)139


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহ९. मानक मैिथलीhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्इ ं िश-मैिथली कोष मैिथली-इ ं िश कोषइ ं िश-मैिथली कोष ोजेकेँ आग ू बढ़◌ाऊ, अपन सुझाव आऽयोगदान ई-मेल ारा ggaj endr a@ yahoo. co. i n वाggaj endr a@ vi deha. co. i n पर पठाऊ।मैिथली-इ ं िश कोष ोजेकेँ आग ू बढ़◌ाऊ, अपन सुझाव आऽ योगदानई-मेल ारा ggaj endr a@ yahoo. co. i n वा ggaj endr a@ vi deha. co.i nपर पठाऊ।भारत आऽ पालक मैिथली भाषा-वैज्ञािनक लोकिन ारा बनाओल मानकश ैलीमैिथलीक मानक लेखन-श ैली१.मैिथली अकादमी, पटना आऽ २.पालक मैिथली भाषा वैज्ञािनक लोकिनारा बनाओल मानक श ैली।१.मैिथली अकादमी, पटना ारा िनधािरत र् मैिथली लेखन-श ैली140


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्1. जे श मैिथली-सािहक ाचीन कालसँ आइ धिर जािह वर्नीमेचिलत अिछ, से सामातः तािह वर्नीमे िलखल जाय- उदाहरणाथ र्-ाएखनठामजकर,तकरतिनकरअिछअाअखन,अखिन,एखेन,अखनीिठमा,िठना,ठमाजेकर, तेकरितनकर।(वैकिक पेँ ा)ऐछ, अिह, ए।141


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्2. िनिलिखत तीन कारक प वैिपकतया अपनाओल जाय:भ गेल,भय गेल वा भए गेल। जा रहल अिछ, जाय रहल अिछ, जाए रहलअिछ। कर’ गेलाह, वा करय गेलाह वा करए गेलाह।3. ाचीन मैिथलीक ‘’ िनक ानमे ‘न’ िलखल जाय सकैत अिछ यथाकहलिन वा कहलि।4. ‘ऐ’ तथा ‘औ’ ततय िलखल जाय जत’ तः ‘अइ’ तथा ‘अउ’ सद ृशउारण इ हो। यथा- देखैत, छलैक, बौआ, छौक इािद।5. मैिथलीक िनिलिखत श एिह पे यु होयत:जैह,सैह,इएह,ओऐह,लैहतथा दैह।6. ह्र् इकारा ंत शमे ‘इ’ के लु करब सामातः अा िथक।यथा- ा देिख आबह, मािलिन गेिल (म मामे)।7. तं ‘ए’ वा ‘य’ ाचीन मैिथलीक उरण आिदमे तँ यथावतराखल जाय, िकं तु आधिनक ु योगमे वैकिक पेँ ‘ए’ वा ‘य’ िलखलजाय। यथा:- कयल वा कएल, अयलाह वा अएलाह, जाय वा जाएइािद।142


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्8. उारणमे द ू रक बीच जे ‘य’ िन तः आिब जाइत अिछ तकरालेखमे ान वैकिक पेँ देल जाय। यथा- धीआ, अढ़◌ैआ, िवआह, वाधीया, अढ़◌ैया, िबयाह।9. सानािसक तं रक ान यथासंभव ‘ञ’ िलखल जाय वा सानािसकर। यथा:- मैञा, किनञा, िकरतिनञा वा मैआ, ँ किनआ, ँ िकरतिनआ ँ।10. कारकक िवभिक्क िनिलिखत प ा:-हाथकेँ , हाथसँ, हाथेँ, हाथक,हाथमे। ’मे’ मे अार सव र्था ा िथक। ‘क’ क वैकिक प‘केर’ राखल जा सकैत अिछ।11. प ूव र्कािलक ियापदक बाद ‘कय’ वा ‘कए’ अय वैकिक पेँ लगाओलजा सकैत अिछ। यथा:- देिख कय वा देिख कए।12. मा ँग, भा ँग आिदक ानमे माङ, भाङ इािद िलखल जाय।13. अर् ‘न’ ओ अर् ‘म’ क बदला असार निह िलखल जाय, िकं तु छापाकसुिवधाथ र् अर् ‘ङ’ , ‘ञ’, तथा ‘ण’ क बदला अारो िलखल जा सकैतअिछ। यथा:- अ, वा अंक, अल वा अंचल, क वा कं ठ।143


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्14. हलंत िच िनयमतः लगाओल जाय, िकं तु िवभिक संग अकारा ंतयोग कएल जाय। यथा:- ीमान, ् िकं तु ीमानक।15. सभ एकल कारक िच शमे सटा क’ िलखल जाय, हटा क’ निह, संयुिवभिक हेतु फराक िलखल जाय, यथा घर परक।16. अनािसककेँ चिबु ारा कयल जाय। पर ंतु मुणक सुिवधाथ र्िह समान जिटल माा पर अारक योग चिबुक बदला कयल जासकैत अिछ। यथा- िहँ केर बदला िहं।17. प ूण र् िवराम पासीसँ ( । ) स ू िचत कयल जाय।18. सम पद सटा क’ िलखल जाय, वा हाइफेनसँ जोड़ि◌ क’ , हटा क’निह।19. िलअ तथा िदअ शमे िबकारी (ऽ) निह लगाओल जाय।20. अंक देवनागरी पमे राखल जाय।144


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्21.िकछु िनक लेल नवीन िच बनबाओल जाय। जा' ई निह बनल अिछताबत एिह द ुन ू िनक बदला प ूव र्वत् अय/ आय/ अए/ आए/ आओ/ अओिलखल जाय। आिक ऎ वा ऒ सँ कएल जाय।ह./- गोिव झा ११/८/७६ ीका ठाकुर ११/८/७६ सुरे झा "सुमन"११/०८/७६२.पालक मैिथली भाषा वैज्ञािनक लोकिन ारा बनाओल मानक श ैलीमैिथलीमे उारण तथा लेखन१.पमाक्षर आ अार: पमाक्षरात ङ, ञ, ण, न एव ं म अबैतअिछ। संृत भाषाक असार शक अमे जािह वक अक्षर रहैतअिछ ओही वक पमाक्षर अबैत अिछ। जेना-अ (क वक रहबाक कार अमे ङ् आएल अिछ।)प (च वक रहबाक कार अमे ञ् आएल अिछ।)ख (ट वक रहबाक कार अमे ण ् आएल अिछ।)सि (त वक रहबाक कार अमे न ् आएल अिछ।)145


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ख (प वक रहबाक कार अमे म ् आएल अिछ।)उपयु र् बात मैिथलीमे कम देखल जाइत अिछ। पमाक्षरक बदलामेअिधका ंश जगहपर अारक योग देखल जाइछ। जेना- अंक, पंच,खंड, संिध, खंभ आिद। ाकरणिवद पित गोिव झाक कहब छिन जेकव, चव आ टवसँ प ूव र् अार िलखल जाए तथा तव आ पवसँप ूव र् पमाक्षरे िलखल जाए। जेना- अंक, चंचल, अंडा, अ तथा कन।मुदा िहीक िनकट रहल आधिनक ु लेखक एिह बातकेँ निह मात छिथ।ओलोकिन अ आ कनक जगहपर सेहो अंत आ कं पन िलखैत देखलजाइत छिथ।नवीन पित िकछु सुिवधाजनक अव छैक। िकएक तँ एिहमे समय आानक बचत होइत छैक। मुदा कतोकबेर हलेखन वा मुणमेअारक छोटसन िबु निह भेलासँ अथ र्क अनथ र् होइत सेहोदेखल जाइत अिछ। अारक योगमे उारण-दोषक सावना सेहोततबए देखल जाइत अिछ। एतदथ र् कसँ लऽकऽ पवधिर पमाक्षरेकयोग करब उिचत अिछ। यसँ लऽकऽ ज्ञधिरक अक्षरक स अारकयोग करबामे कतहु को िववाद निह देखल जाइछ।२.ढ आ ढ़ : ढ़क उारण “र ् ह”जका ँ होइत अिछ। अतः जतऽ “र ्ह”क उारण हो ओतऽ मा ढ़ िलखल जाए। आनठाम खािल ढ िलखलजएबाक चाही। जेना-ढ = ढाकी, ढेकी, ढीठ, ढेउआ, ढ, ढेरी, ढाकिन, ढाठ आिद।ढ़ = पढ़◌ाइ, बढ़ब, गढ़ब, मढ़ब, ब ुढ़बा, सा ँढ़, गाढ़, रीढ़, चा ँढ़, सीढ़◌ी, पीढ़◌ीआिद।146


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्उपयु र् शसभकेँ देखलासँ ई होइत अिछ जे साधारणतया शकशुमे ढ आ म तथा अमे ढ़ अबैत अिछ। इएह िनयम ड आ ड़कसभर् सेहो लाग ू होइत अिछ।३.व आ ब : मैिथलीमे “व”क उारण ब कएल जाइत अिछ, मुदा ओकरा बपमे निह िलखल जएबाक चाही। जेना- उारण : बैनाथ, िबा, नब,देबता, िबु, ब ंश, बना आिद। एिहसभक ानपर मशः वैनाथ, िवा,नव, देवता, िवु, व ंश, वना िलखबाक चाही। सामातया व उारणक लेलओ योग कएल जाइत अिछ। जेना- ओकील, ओजह आिद।४.य आ ज : कतहु-कतहु “य”क उारण “ज”जका ँ करैत देखल जाइतअिछ, मुदा ओकरा ज निह िलखबाक चाही। उारणमे यज्ञ, जिद, जमुना,ज ुग, जाबत, जोगी, जद, ु जम आिद कहल जाएवला शसभकेँ मशः यज्ञ,यिद, यमुना, युग, याबत, योगी, यद, ु यम िलखबाक चाही।५.ए आ य : मैिथलीक वतर्नीमे ए आ य द ुन ू िलखल जाइत अिछ।ाचीन वतर्नी- कएल, जाए, होएत, माए, भाए, गाए आिद।नवीन वतर्नी- कयल, जाय, होयत, माय, भाय, गाय आिद।सामातया शक शुमे ए मा अबैत अिछ। जेना एिह, एना, एकर, एहनआिद। एिह शसभक ानपर यिह, यना, यकर, यहन आिदक योग निहकरबाक चाही। यिप मैिथलीभाषी थासिहत िकछु जाितमे शकआरोमे “ए”केँ य किह उारण कएल जाइत अिछ।147


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ए आ “य”क योगक योगक सभर्मे ाची पितक असरण करबउपयु मािन एिह पुकमे ओकरे योग कएल गेल अिछ। िकएक तँद ुन ूक लेखनमे को सहजता आ द ुहताक बात निह अिछ। आमैिथलीक सव र्साधारणक उारण-श ैली यक अपेक्षा एसँ बेसी िनकट छैक।खास कऽ कएल, हएब आिद कितपय शकेँ कैल, हैब आिद पमे कतहु-कतहु िलखल जाएब सेहो “ए”क योगकेँ बेसी समीचीन मािणत करैतअिछ।६.िह, हु तथा एकार, ओकार : मैिथलीक ाचीन लेखन-पररामे कोबातपर बल दैत काल शक पाछा ँ िह, हु लगाओल जाइत छैक। जेना-हुनकिह, अपनहु, ओकरहु , तालिह, चोिह, आनहु आिद। मुदा आधिनकुलेखनमे िहक ानपर एकार एव ं हुक ानपर ओकारक योग करैतदेखल जाइत अिछ। जेना- हुनके, अप, ताले, चोे, आ आिद।७.ष तथा ख : मैिथली भाषामे अिधका ंशतः षक उारण ख होइतअिछ। जेना- ष (खड़य), षोडशी (खोड़शी), षट्कोण (खटकोण),व ृषेश (व ृखेश), सोष (सोख) आिद।८.िन-लोप : िनिलिखत अवामे शसँ िन-लोप भऽ जाइत अिछ:(क)ियायी य अयमे य वा ए लु भऽ जाइत अिछ। ओिहमेसँपिह अक उारण दीघ र् भऽ जाइत अिछ। ओकर आगा ँ लोप-स ूचक िचवा िवकारी (’ / ऽ) लगाओल जाइछ। जेना-प ूण र् प : पढ़ए (पढ़य) गेलाह, कए (कय) लेल, उठए (उठय) पड़तौक।148


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्अप ूण र् प : पढ़’ गेलाह, क’ लेल, उठ’ पड़तौक।पढ़ऽ गेलाह, कऽ लेल, उठऽ पड़तौक।(ख)प ूव र्कािलक कृत आय (आए) यमे य (ए) लु भऽ जाइछ, मुदालोप-स ूचक िवकारी निह लगाओल जाइछ। जेना-प ूण र् प : खाए (य) गेल, पठाय (ए) देब, नहाए (य) अएलाह।अप ूण र् प : खा गेल, पठा देब, नहा अएलाह।(ग)स्ी य इक उारण ियापद, संज्ञा, ओ िवशेषण तीन ूमे लु भऽजाइत अिछ। जेना-प ूण र् प : दोसिर मािलिन चिल गेिल।अप ूण र् प : दोसर मािलन चिल गेल।(घ)वतर्मान कृदक अिम त लु भऽ जाइत अिछ। जेना-प ूण र् प : पढ़◌ैत अिछ, बजैत अिछ, गबैत अिछ।अप ूण र् प : पढ़◌ै अिछ, बजै अिछ, गबै अिछ।(ङ)ियापदक अवसान इक, उक, ऐक तथा हीकमे लु भऽ जाइतअिछ। जेना-प ूण र् प: िछयौक, िछयैक, छहीक, छौक, छैक, अिबतैक, होइक।अप ूण र् प : िछयौ, िछयै, छही, छौ, छै, अिबतै, होइ।(च)ियापदीय य , हु तथा हकारक लोप भऽ जाइछ। जेना-149


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्प ूण र् प : छि, कहलि, कहलहु ँ , गेलह, निह।अप ूण र् प : छिन, कहलिन, कहलौ, ँ गेलऽ, नइ, निञ, ।९.िन ानारण : को-को र-िन अपना जगहसँ हिटकऽ दोसरठामचिल जाइत अिछ। खास कऽ इ आ उक समे ई बात लाग ूहोइत अिछ। मैिथलीकरण भऽ गेल शक म वा अमे जँ इवा उ आबए तँ ओकर िन ानािरत भऽ एक अक्षर आगा ँ आिब जाइतअिछ। जेना- शिन (शइन), पािन (पाइन), दािल ( दाइल), मािट (माइट),काछु (काउछ), मासु(माउस) आिद। मुदा तम शसभमे ई िनयम लाग ूनिह होइत अिछ। जेना- रिकेँ रइ आ सुधा ंशुकेँ सुधाउं स निह कहलजा सकैत अिछ।१०.हल(◌्)क योग : मैिथली भाषामे सामातया हल (◌्)क आवकतानिह होइत अिछ। कारण जे शक अमे अ उारण निह होइतअिछ। मुदा संृत भाषासँ जिहनाक तिहना मैिथलीमे आएल (तम)शसभमे हल योग कएल जाइत अिछ। एिह पोथीमे सामातयासूण र् शकेँ मैिथली भाषासी िनयमअसार हलिवहीन राखल गेलअिछ। मुदा ाकरणसी योजनक लेल अावक ानपर कतहु-कतहुहल देल गेल अिछ। ुत पोथीमे मिथली लेखनक ाचीन आ नवीनद ुन ू श ैलीक सरल आ समीचीन पक्षसभकेँ समेिटकऽ वण र्-िवास कएल गेलअिछ। ान आ समयमे बचतक सिह ह-लेखन तथा तकिनकी दृ िसँसेहो सरल होबऽवला िहसाबसँ वण र्-िवास िमलाओल गेल अिछ। वतर्मानसमयमे मैिथली माभाषीपय र्केँ आन भाषाक मामसँ मैिथलीक ज्ञानलेबऽ पड़ि◌रहल पिरमे लेखनमे सहजता तथा एकपतापर ानदेल गेल अिछ। तखन मैिथली भाषाक म ूल िवशेषतासभ कुित निह150


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्होइक, ताहूिदस लेखक-मल सचेत अिछ। िस भाषाशास्ी डा.रामावतार यादवक कहब छिन जे सरलताक असानमे एहन अवा िकहु आबऽ देबाक चाही जे भाषाक िवशेषता छा ँहमे पिड जाए। हमसभहुनक धारणाकेँ प ूण र् पसँ स लऽ चलबाक यास कएलहु ँ अिछ।पोथीक वणिवास र् कक्षा ९ क पोथीसँ िकछु माामे िभ अिछ। िनररअयन, असान आ िवेषणक कार ई सुधाराक िभता आएलअिछ। भिवमे आनहु पोथीकेँ पिरमािजर्त करैत मैिथली पापुककवणिवासमे र् प ूण र्पेण एकपता अनबाक हमरासभक य रहत।कक्षा १० मैिथली लेखन तथा पिरमाजर्न महे मलंिगया/ धीरे मिष र्संयोजन- गशसाद भराईकाशक िशक्षा तथा खेलकूद मालय, पाम िवकास के,सािठमी,भपुरसवािधकार र् पाम िवकास के एव ं जनक िशक्षा सामी के, सािठमी,भपुर।पिहल संरण २०५८ बैशाख (२००२ ई.)योगदान: िशवसाद साल, जगाथ अवा, गोरखबहाद ुर िसंह, गशसादभराई, डा. रामावतार यादव, डा. राजे िवमल, डा. रामदयाल राकेश,धमे र् िवल, पा धी, नीरज कण, र् रमेश रनभाषा सादन- नीरज कण, र् पा झा151


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्आब १.मैिथली अकादमी, पटना आऽ २.पालक मैिथली भाषा वैज्ञािनकलोकिन ारा बनाओल मानक श ैलीक अयनक उपरा िन िबु सभपरमनन कए िनण र्य क।ा/अा1. होयबला/होबयबला/होमयबला/ हेब’बला, हेम’बलाहोयबाक/होएबाक2. आ’/आऽ आ3. क’ ले/कऽ ले/कए ले/कय ले/ल’/लऽ/लय/लए4. भ’ गेल/भऽ गेल/भय गेल/भए गेल5. कर’ गेलाह/करऽ गेलह/करए गेलाह/करय गेलाह6. िलअ/िदअ िलय’,िदय’,िलअ’,िदय’7. कर’ बला/करऽ बला/ करय बला करै बला/क’र’ बला8. बला वला9. आङ्ल आ ं10. ायः ायह11. द ुःख द ुख12. चिल गेल चल गेल/चैल गेल152


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्13. देलिख देलिक, देलिखन14. देखलि देखलिन/ देखलै15. छिथ/ छलि छिथन/ छलैन/ छलिन16. चलैत/दैत चलित/दैित17. एख अख18. बढ़ि बढि19. ओ’/ओऽ(सव र्नाम) ओ20. ओ (संयोजक) ओ’/ओऽ21. फािग/फाि ँ फाइ ंग/फाइङ22. जे जे’/जेऽ23. ना-कुर ना-कर24. केलि/कएलि/कयलि25. तखन तँ तखनतँ26. जा’ रहल/जाय रहल/जाए रहल27. िनकलय/िनकलए लागल बहराय/बहराए लागल िनकल’/बहरै लागल153


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्28. ओतय/जतय जत’/ओत’/जतए/ओतए29. की फूड़ल जे िक फूड़ल जे30. जे जे’/जेऽ31. कूिद/यािद(मोन पारब) कूइद/याइद/कूद/याद32. इहो/ओहो33. हँसए/हँसय हँस’34. आिक दस/ िकं वा दस/ वा दस35. सासु-ससुर सास-ससुर36. छह/सात छ/छः/सात37. की की’/कीऽ(दीघीर्कारामे विजर्त)38. जबाब जवाब39. करएताह/करयताह करेताह40. दलान िदिश दलान िदश41. गेलाह गएलाह/गयलाह42. िकछु आर िकछु और154


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्43. जाइत छल जाित छल/जैत छल44. पहु ँिच/भेिट जाइत छल पहु ँच/भेट जाइत छल45. जबान(युवा)/जवान(फौजी)46. लय/लए क’/कऽ47. ल’/लऽ कय/कए48. एखन/अख अखन/एख49. अही ं केँ अही ँ केँ50. गही ं र गही ँ र51. धार पार केनाइ धार पार केनाय/केनाए52. जेका ँ जेँ का ँ/जका ँ53. तिहना तेिहना54. एकर अकर55. बिहनउ बहइ56. बिहन बिहिन57. बिहिन-बिहइ बिहन-बहनउ155


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्58. निह/59. करबा’/करबाय/करबाए60. त’/त ऽ तय/तए61. भाय भै62. भा ँय63. यावत जावत64. माय मै65. देि/दएि/दयि दि/दैि66. द’/द ऽ/दए67. ओ (संयोजक) ओऽ (सव र्नाम)68. तका’ कए तकाय तकाए69. पैरे (on f oot ) पएरे70. ताहुमे ताहूमे71. पुीक72. बजा कय/ कए156


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्73. बननाय74. कोला75. िदका िदनका76. ततिहसँ77. गरबओलि गरबेलि78. बालु बाल ू79. चे िच(अशु)80. जे जे’81. से/ के से’/के’82. एख ुनका अखका83. भुिमहार भूिमहार84. सुगर स ूगर85. झठहाक झटहाक86. छूिब87. करइयो/ओ करैयो157


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्88. पुबािर पुबाइ89. झगड़◌ा-झा ँटी झगड़◌ा-झािटँ90. पएरे-पएरे पैरे-पैरे91. खेलएबाक खेलेबाक92. खेलाएबाक93. लगा’94. होए- हो95. ब ुझल ब ूझल96. ब ूझल (संबोधन अथ र्मे)97. यैह यएह98. ताितल99. अयनाय- अयनाइ100. िन- िन101. िब िबन102. जाए जाइ158


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्103. जाइ(i n di f f er ent sense)-l ast wor d of sent ence104. छत पर आिब जाइ105. 106. खेलाए (pl ay) –खेलाइ107. िशकाइत- िशकायत108. ढप- ढ़प109. पढ़- पढ110. किनए/ किनये किन111. राकस- राकश112. होए/ होय होइ113. अउरदा- औरदा114. ब ुझेलि (di f f er ent meani ng- got under st and)115. ब ुझएलि/ ब ुझयलि (under st ood hi msel f )116. चिल- चल117. खधाइ- खधाय159


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्118. मोन पाड़लिख मोन पारलिख119. कैक- कएक- कइएक120. लग ल’ग121. जरेनाइ122. जरओनाइ- जरएनाइ/जरयनाइ123. होइत124. गड़बेलि/ गड़बओलि125. िचखैत- (t o test)िचखइत126. करइयो(willing to do) करैयो127. जेकरा- जकरा128. तकरा- तेकरा129. िबदेसर ामे/ िबदेसरे ानमे130. करबयलहु ँ/ करबएलहु ँ/करबेलहु ँ131. हािरक (उारण हाइरक)132. ओजन वजन160


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्133. आधे भाग/ आध-भागे134. िपचा’/ िपचाय/िपचाए135. नञ/ 136. बा नञ () िपचा जाय137. तखन (नञ) कहैत अिछ।138. कतेक गोटे/ कताक गोटे139. कमाइ- धमाइ कमाई- धमाई140. लग ल’ग141. खेलाइ (f or playing)142. छिथ छिथन143. होइत होइ144. ो िकयो145. केश (hai r )146. केस (cour t -case)147. बननाइ/ बननाय/ बननाए161


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्148. जरेनाइ149. कुरसी कुसीर्150. चरचा चचा र्151. कम र् करम152. डुबाबय/ डुमाबय153. एख ुनका/ अख ुनका154. लय (वाक अितम श)- ल’155. कएलक केलक156. गरमी गमीर्157. बरदी वदीर्158. सुना गेलाह सुना’/सुनाऽ159. एनाइ-गेनाइ160. तेना घेरलि161. नञ162. डरो ड’रो162


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्163. कतहु- कही ं164. उमिरगर- उमरगर165. भिरगर166. धोल/धोअल धोएल167. गप/ग168. के के’169. दरबा/ दरबजा170. ठाम171. धिर तक172. घ ू िर लौिट173. थोरबेक174. ब175. तोँ/ तू ँ176. तोँिह( पमे ा)177. तोँही/तोँिह163


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्178. करबाइए करबाइये179. एकेटा180. किरतिथ करतिथ181. पहु ँिच पहु ँच182. राखलि रखलि183. लगलि लागलि184. सुिन (उारण सुइन)185. अिछ (उारण अइछ)186. एलिथ गेलिथ187. िबतओ िबते188. करबओलि/ करेलिख189. करएलि190. आिक िक191. पहु ँिच पहु ँच192. जराय/ जराए जरा’ (आिग लगा)164


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्193. से से’194. हा ँ मे हा ँ (हा ँमे हा ँ िवभिक्मे हटा कए)195. फेल फैल196. फइल(spaci ous) फैल197. होयति/ होएति हेति198. हाथ मिटआयब/ हाथ मिटयाबय199. फेका फें का200. देखाए देखा’201. देखाय देखा’202. सिर सर203. साहेब साहब(c)२००८. सवािधकार र् लेखकाधीन आ’ जतय लेखकक नाम निह अिछ ततय संपादकाधीन।िवदेह (पािक्षक) संपादक- गजे ठाकुर। एतय कािशत रचना सभक क◌ॉपीराइटलेखक लोकिनक लगमे रहति, मा एकर थम काशनक/ आका र्इवक/ अंजी-संृत अवादक ई-काशन/ आका र्इवक अिधकार एिह ई पिकाकेँ छैक। रचनाकारअपन मौिलक आऽ अकािशत रचना (जकर मौिलकताक संप ूण र् उरदािय लेखक गणकम छि) ggaj endr a@ yahoo. co. i n आिक ggaj endr a@ vi deha. com केँमेल अटैचमेक पमेँ . doc, . docx, . r t f वा . txt फ◌ॉमे र्टमे पठा सकैत165


<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ िदसम्बर २००८ (वषर् १ मास १२ अंक २४)িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्छिथ। रचनाक संग रचनाकार अपन संिक्ष पिरचय आ’ अपन ैन कएल गेल फोटोपठेताह, से आशा करैत छी। रचनाक अंतमे टाइप रहय, जे ई रचना मौिलकअिछ, आऽ पिहल काशनक हेतु िवदेह (पािक्षक) ई पिकाकेँ देल जा रहल अिछ।मेल ा होयबाक बाद यथासंभव शी ( सात िदनक भीतर) एकर काशनक अंककस ूचना देल जायत। एिह ई पिकाकेँ ीमित ली ठाकुर ारा मासक 1 आ’ 15ितिथकेँ ई कािशत कएल जाइत अिछ।(c) 2008 सवािधकार र् सुरिक्षत। िवदेहमेकािशत सभटा रचना आ' आका र्इवक सवािधकार र् रचनाकार आ' संहका र्क लगमेछि। रचनाक अवाद आ' पुनः काशन िकं वा आका र्इवक उपयोगक अिधकारिकनबाक हेतु ggaj endr a@ vi deha. co. i n पर संपकर् क। एिह साइटकेँ ीितझा ठाकुर, मध ू िलका चौधरी आ' रि िया ारा िडजाइन कएल गेल।िसिरु166

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