22.08.2015 Views

ISSN 2229-547X VIDEHA 'िवदेह ' १३३ म अंक ०१ ... - WordPress.com

ISSN 2229-547X VIDEHA 'िवदेह ' १३३ म अंक ०१ ... - WordPress.com

ISSN 2229-547X VIDEHA 'िवदेह ' १३३ म अंक ०१ ... - WordPress.com

SHOW MORE
SHOW LESS
  • No tags were found...

Create successful ePaper yourself

Turn your PDF publications into a flip-book with our unique Google optimized e-Paper software.

िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong><strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>‘िवदेह' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३)ऐ अंकमे अिछ:-१. संपादकीय संदेश२. ग२.१. कािमनी कामायनी- लघुकथा-कोन डािर पर केकर खोता२.२.’सगर राित दीप जरय’क ७९ म आयोजन ‘कथा कोसी’ उमेश पासवानक संयोजक वमे औरहामे सप/८० म सगर राित दीप जरय सुपौल िज लाक िनमलीमे उमेश म डलक संयोजकवमे िरपोट पूनममडल२.३. िबदेर ठाकुर- ३टा िवहिन कथा1


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>२.४. जगदीश साद म डल-लघुकथा-चु पा पाल२.५. जगदानद झा ‘मनु’-५ टा िवहिन कथा२.६. अिखलेश कुमार म डल-पँचवेदी२.७.ा कापिड़ केशवलाल बाखं िशरपा समानसँ समािनत िरपोटपूनम मडल२.८. उमेश म डल-लघुकथा-जीिव ते नक३. प३.१. जगदीश च ठाकुर ‘अिनल’-गजल १-४३.२.१. मुी कामत-गीत:- जट-जिटन २. शाितलमी चौधरी-नेताजी2


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>३.३. जगदानद झा ‘मनु’- के पितयाएत३.४. मनोज कुमार मडल-देशी कौआ३.५. कुदन कुमार कण- गजल३.६. जगदीश साद म डल-सुफल काज३.७. राजदेव म डल- दू टा किव ता३.८. सय नारायण-लहकैत समाजिवदेह मैिथली पोथी डाउनलोड साइट<strong>VIDEHA</strong> MAITHILI BOOKS FREE DOWNLOAD SITE3


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>िवदेह ई-पिकाक सभटा पुरान अंक ( ेल, ितरहुता आ देवनागरी मे ) पी.डी.एफ. डाउनलोडक लेल नीचकिलंकपर उपलध अिछ। All the old issues of Videha e journal ( in Braille, Tirhuta andDevanagari versions ) are available for pdf download at the following link.िवदेह ई-पिकाक सभटा पुरान अंक ेल, ितरहुता आ देवनागरी पमे Videha e journal's all oldissues in Braille Tirhuta and Devanagari versionsिवदेह ई-पिकाक पिहल ५० अंकिवदेह ई-पिकाक ५०म सँ आगक अंक↑ िवदेह आर.एस.एस.फीड एनीमेटरक अपन साइट/ लॉगपर लगाऊ।लॉग "लेआउट" पर "एड गाडजेट" मे "फीड" सेलेट कए "फीड यू.आर.एल." मेhttp://www.videha.co.in/index.xml टाइप केलासँ सेहो िवदेह फीड ात कए सकैत छी। गूगलरीडरमे पढ़बा लेल http://reader.google.<strong>com</strong>/ पर जा कऽ Add a Subscription बटन िलकक आ खाली थानमे http://www.videha.co.in/index.xml पेट क आ Add बटन दबाउ।Join official Videha facebook group.Join Videha googlegroupsिवदेह रेिडयो:मैिथली कथा-किवता आिदक पिहल पोडकाट साइटhttp://videha123radio.wordpress.<strong>com</strong>/4


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>मैिथली देवनागरी वा िमिथलारमे निह देिख/ िलिख पािब रहल छी, (cannot see/write Maithili inDevanagari/ Mithilakshara follow links below or contact atggajendra@videha.<strong>com</strong>) तँ एिह हेतु नीचक िलंक सभ पर जाउ। संगिह िवदेहक तंभ मैिथलीभाषापाक/ रचना लेखनक नव-पुरान अंक पढ़ू।http://devanaagarii.net/http://kaulonline.<strong>com</strong>/uninagari/ (एतए बॉसमे ऑनलाइन देवनागरी टाइप क, बॉससँ कॉपी कआ वड डॉयुमेटमे पेट कए वड फाइलक सेव क। िवशेष जानकारीक लेलggajendra@videha.<strong>com</strong> पर सपक क।)(Use Firefox 4.0 (fromWWW.MOZILLA.COM )/ Opera/ Safari/ Internet Explorer 8.0/ Flock 2.0/ GoogleChrome for best view of 'Videha' Maithili e-journal at http://www.videha.co.in/ .)Go to the link below for download of old issues of <strong>VIDEHA</strong> Maithili e magazinein .pdf format and Maithili Audio/ Video/ Book/ paintings/ photo files. िवदेहक पुरानअंक आ ऑिडयो/ वीिडयो/ पोथी/ िचकला/ फोटो सभक फाइल सभ (उचारण, बड़ सुख सार आ दूवतमं सिहत) डाउनलोड करबाक हेतु नीचक िलंक पर जाउ।<strong>VIDEHA</strong> ARCHIVE िवदेह आकइवयोितरीर पूव महाकिव िवापित। भारत आ नेपालक मािटमे पसरल िमिथलाक धरती ाचीन कालिहसँमहान पुष ओ मिहला लोकिनक कमभिम रहल अिछ। िमिथलाक महान पुष ओ मिहला लोकिनक िच'िमिथला र' मे देखू।5


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>गौरी-शंकरक पालवंश कालक मूि, एिहमे िमिथलारमे (१२०० वष पूवक) अिभलेख अंिकत अिछ।िमिथलाक भारत आ नेपालक मािटमे पसरल एिह तरहक अयाय ाचीन आ नव थापय, िच, अिभलेखआ मूिकलाक़ हेतु देखू 'िमिथलाक खोज'िमिथला, मैिथल आ मैिथलीसँ सबिधत सूचना, सपक, अवेषण संगिह िवदेहक सच-इंजन आ यूज सिवसआ िमिथला, मैिथल आ मैिथलीसँ सबिधत वेबसाइट सभक सम संकलनक लेल देखू "िवदेह सूचना संपकअवेषण"िवदेह जालवृक िडसकसन फोरमपर जाउ।"मैिथल आर िमिथला" (मैिथलीक सभसँ लोकिय जालवृ) पर जाउ।२. ग२.१. कािमनी कामायनी- लघुकथा-कोन डािर पर केकर खोता२.२.’सगर राित दीप जरय’क ७९ म आयोजन ‘कथा कोसी’ उमेश पासवानक संयोजक वमे औरहामे सप/८० म सगर राित दीप जरय सुपौल िज लाक िनमलीमे उमेश म डलक संयोजकवमे िरपोट पूनममडल6


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>२.३. िबदेर ठाकुर- ३टा िवहिन कथा२.४. जगदीश साद म डल-लघुकथा-चु पा पाल२.५. जगदानद झा ‘मनु’-५ टा िवहिन कथा२.६. अिखलेश कुमार म डल-पँचवेदी२.७.ा कापिड़ केशवलाल बाखं िशरपा समानसँ समािनत िरपोटपूनम मडल२.८. उमेश म डल-लघुकथा-जीिव ते नककािमनी कामायनीलघुकथा-7


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>कोन डािर पर केकर खोता ।“यै बिहन ,कनी थिम जौथ ,ितलकौड क तवा तैर रहल िछएह,तखन खइहिथ’। बिहन ओसारा प राखलपीढ़ी प बईस गेल छिलह,सोझा परसल थारी राखल छल, िदनक एगारह बािज रहल छल,कदंबक गाछ केऊपर स सुज़ महाराज दुिनया भिरक गाम घरक िहसाब िकताब लेबा लेल मुतैद भेल अपन ताप स चहुिदस के खड़ पात धिर झरका रहल छलिथ। ,आय बटेदार सब स खेत पथारक हाब डीब लईत लईत बड़बेर भ चुकल छल ,ुधा तीव भ गेल छलह,बजली “आब रहय िदऔ एखन ,राित क बना लेब ,एखन अहू आिबजाऊ खेबा लेल ,अहू के भूख लागल हैत’। मुदा ताबेत त पिहनिह स धधकल चूी प चढ़ल लोिहया मेकडूक तेल पपड़ाय लगलै त केराव क घािठ मे पात लटपटा क हबर हबर लोिहया मे खसा चुकलछिलह।हुनक ई तपरता आ अनुराग देिख क ,ओ कनी काल लेल हाथ बािर नेने रहिथ । कनी िवलंब स दुनू गोटेसोझा सोझी बइस क मौन भ अपन भोजन हण करय लागल छिलह ।नबका िड़जन के लोहा लड़ सीमट स बनल घर जे सािबकक खिरहान मे बनल छल,ओ त बिहनकछलह,किनया के बख़रा मे त पुरना खपड़ैल घड़ाडी, मुदा आब कोन,दुहु घर त अपने सन । ओे टा चासबास मुदा रहनीहिर ,जेना बडका पोखिर मे दु टा पोठी माछ । अ पािन कोठी,तोठी मे रखनाय,उसीिनयाकुिटया आब पूरने आँगन मे होय :एा दुगी जे सर कुटुम आबेन त हुनक रहब के बेबथा नबका घर मेहोय । ओहुना मन बहटारय लेल ओ दुनु कखनॲ अिह घर त कखनॲ ओई घर मे िदन व राित कािट लईथ। ओना त चोर चहारक हदस लोकके पिहनहु पईसल रहे ,मुदा आब केकॲ घर िजनक मुिखया बा कुलदीपकपरदेस कमाई करय गेल छलेथ,ओत त िबसेख पे रितजगा भ जाय । आ िहनको दुनु के परान सिदखनिसथुवा मे ब तड़पइत रहह । कहबॲ करिथ ‘धन संपि लुटबा के डर निहं, सुने िछये जे मौगी सब केहाथ पएर कािट क ,की बुढ़ ,की बचा ,सबहक इजतॲ सेहो लुईट लईतछैक’। आ अिह डरे टोलकनबतुिरया िधया पुा सब के बाड़ी मे फड़ल लताम ,नेबॲ ,त कखनॲ केरा, आम ,कटहर ,लीची ,बािट क मोने मॲ न अपन फौज तैयार केने रहैथ जे बेर कुबेर गह केला प आन िकयो आबै वा निहं आबेअिह मे स िकछू नै िकछू त अबसे आयत । आ ओ सब कहबॲ करेन ‘एक बेर हाक देबै त केहनॲ नॴद मेरहबे ,दौगल चिल आयब‘।ओ दुनु घरक बीचोबीच किन पछवाड़ी िदस घसिकक तेसर घर सेहो टुकुर टुकुर ,माय टुगर सनताकैत ठाढ़ छल,मुदा तैयॲ ईर स भरल ओ घर िहनका सब के वीकार निहं केकेह ताही लेल उमहरकरता टाट फा लगा क बड़ पिहनिह ब करी देल गेल छल । ओहो घर अिह दुनु घर प’ अपन व दृिरखने छल फराके स ।8


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>जेठ बैसाख क उिसनित गरमी , कतबॲ पंखा ,कूलर लागल रहै ,मोटका मोटका पद िखड़की प रहै ,मुदानबका घर त राकसक मुंह बिन आिग उगलै , ईट के भी बनल । तखन किनया के मािटक ओसारा बालादिछनबिरया घर ,आहाहा ,एकदम शीतल ,जेना वग , बाड़ी झाड़ी स सीहकेत बसात । त बेसी काल गरमी मेबिहन ओिह ओसारा वाला घर मे नीचा िबछाओल पिटया प ,भात तीमन जे बना बिथ किनया ेम स ,खाक , ओंघडायल रहैत छली । पहाड़ सन िदन काटय लेल लछा के लछा ओझराल गप के पेटार खोललजाय । आ पुरखा ,सर् कुटुम ,बाध बोन ,अड़ोसीया पड़ोिसया केकर कह ,सबहक कम कुकमक कतेकोबेर पुनमूयकन केल जाए । अिह एितहािसक गप गोी मे,दुपहिरया मे बेसी काल टोलक ीगन सेहो सबजुटिथ,आ गामक ात इितहास के पक आ ेपक सिहत ओिह महान घड़ारीके सौजय स नवीन दृि सजनैथ। “भूिपंदर कका के पेलवार त िबलाइए गेलै नै । देिखयौ ,केहेन उजाड़ लागै छह हुनकर डीह ।पिहने जखन हम दुरागमन किर आयल रिहए,काकी के भागक चच घरे घर ,सात टा पूत ,दु टा छोटकाभिरसक कुमार छलह,भिर घर पोता पोती ,काकीए के हुकुमित चलय छल घर मे । किनया देखय त तीनचािरबेर आबैथ, “कनी टा मुंह हमहु देखबै’ तीन बरखक पोथी के िजद ,आ या कोहबर मे आिब क हमर घोघउघािर क देखा दईथ। चुहचुही स भरल ,बड़का नाम गाम बाला कुटुम सब के आवाजाही ,,देिखते देिखतेआब केहेन उजाड़ भ गेलै । बदिल त सौसे गामे गेलै ,भइयारी मे बाट बख़रा होइत गेलै ,िकओ बाड़ीत,िकयो ,गोहाली ,त िकयो खिरहान मे चास बास बना लेलके ,मुदा हुनक पेलबार त उपिटए गेलै जेना एतयस”। “से की कहै छिथह,महाबा के डीह देखथुन ,बड़का बड़का पाग बाला बेटा सब ,ओहेन सुंदर घड़ारीतोिड़ क नबका िड़जन के घर त बनबा लेलिथ , केहेन इटल िबटल सन लगे छैक आब,िकयो इमहर सिखड़की नोचलकेह,िकओ उमहर स दरवजा,बाड़ी के चहरदेवारी ढािह पजेबा पयंत सब उिघ ‘ ल गेलय।लोक के लोक कहे छै जे िबन पूत के डीह िबलिट जाए छै ,हुनक त पूत रिहते उजाड़ भ गेलन। खेत पथारत अपन अपन बेिच लेलिथ ,मुदा सिझया के मकान , ओिहना संझा बाती धिर लेल मुंह तकेत ,नॉर बहबेत ,केताकय एलै घुईरक दसो बरख स’। ओे टा के दुपहिरया ,बुढ़ पुरान , की जुवानॲ सब पुरखा के गप ,दुरखा केगप ,संपि बटबारा के गप ,बुढ़ नब के रास लीला के गप ,ढेर रास गप क िसडही प चढ़ैत उतरेत िदवसकािट रहल छली। ओना आब ओहु ठाम टीवी आिब गेल छले,मुदा बेसी काल िबजली कटले रहैक,आ रहबॲकरे तईओ एहेन गोी के आनंद बुढ़ पुरान के लेल भगवती के बरदाने बुझु । पुरान िदन के पागुर करैतहुनका सब के आंिख मे दोसरे चमक उिठ जाए । जोजो बाबू के िखसा प किनया त हसेत हसेतबेहाल ‘कोना हुनका लोक सब बकलेल कहह ओ बताह नै घताह छलेथ,आबैथ अपन भाऊज स भट करयआ भिर टोल मे आंगने आँगन घुिस क जनी जाित स ठठा करैथ,िकओ कहह ,कनी एक टा गीत सुनाऊ ,आओ ओिह ठाम धुस स बेिस जायथ,घट िहला िहला क ,आंगुर नचा नचा क नचारी,कजरी ,त झुमरी गीतसु किर देथ। सुरॲ केहेन,पच हाथ के धूवा,दप दप गोर ,भाल प लाल िसंदूरक ठोप’।कालक वाह के ास बनल कतबॲ लोक गाम स उपिट क सहर िदस भागौ,गाम मे त लोकबेद रहबे करतेन । आब कीछु सहिर क भीड़ भाड़ स ,समया स ,बेरोजगारी स , गराकाट कंपीटीशन स , मशीनी िजनगी सउिब क गाम सेहो आिब रहल छिथ । िववाहदान ,मुड़न उपनन ,एकादशी के जग ,पूजा हवन ,सब िकछ तयथावत चलेत आिब रहल छल,नब लोक उसाह स जीब रहल छल ,पुरना लोक सब9


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>हाफ़ैत,खीझैत,भोथरायल , भिसयायाल बुि ,कमजोर ,झलफल,झलफल दृि स देिख रहल छल ,नब जुगके ,आ अपन मनोयथा के, कुंठा के ,अचटी ,कुचटी बािज क िनकािल लेत छल । कोनो एक िखसा पहुनका सब के हजार िखसा मॲन पड़े । आ पचासॲ बरख पिहलुका बटखरा स आजुकसमाज के तराजू पतौलेत,केहन छुछ, केहन हीन,कतेक गिहत लगह ,से हुनके सबहक आमा जनेक । ‘देिखयो िबरेन के बेटीके ,चतुरथी स पिहनिह बर संग , पदुवा के िरकसा प िसनेमा देखय मधबी जा रहल छल,त बापेबजलिखन “िरकसा स जेमए त िफम छूिट जेतो ,चल, हम अपन मोटरसायिकल स छोिड़ दैत िछओ,हमरोकोट ज़ेबा के अिछए’। आ बािज क भिर पोख हसली मनोजक माय । “ये बिहन ई कोन अजगुत गपकहलिखन , देखलिखह नै चुनुलाल के बेटी के ,बापक िववाह कराओल बर के छोिड़ क अपन मनमािफक मनसा स दोसर िववाह किर लेलकै ,या ओकर सेहो आब सीना चाकर किर क बजेत छै “ह त कोनजुलुम केलकै ,िपयड़ छले, ओध बाध किर क मारे छले ,त ककरो दरेग ने उठले हमर बेटी लेल आ ओ जौओकरा स िपंड छोड़ा क पडायल त ,लोक् क करेज मे िकएक धाह उठैत छैक’ । आब कहथुन’।किनया के पुबिरया ओसारा िदस स आम राता छल,त ओ सब ओिह ओसारा प निहं बैस क ओिह ससटल कोठरी मे बैसारी करेत छली। कोठरी मे दू टा िखड़की ,एकटा पूब िदस ,एक टा दिछन िदस । दुनु पआधा आधा पतरकी ,छाप बालानूआ के परदा लागल,ओकरो मोिड़ क िकहरॲ घुका दइथ,तखन ओिह बाट सजाए बला लोक सब प नजिर सेहो रखिथ,ई मनसा कोन गामक छै ,िकनको कुटुम त निहं छैन,आ जौ कोनोटोलक एहेन लोग नजिर पिड़ जािथिजनका स आना माना रहह ,त हुनक जतरा भंगटाबेलेल कागद ,वा आचिरक खूंट के बाती सन बािट क ,नाक मे घुसा क जबरदती छीकल जाए ,केक बेर तअिह अपसकुन स लोक सब आपस घुईर जायथ,। आ अिह स ीगन सब के बड़ सता होय । हुनकसबहक िनक जका मोन बहिट जाए ।भोका तारा के देिख क दुनू गोटे उिठ जायथ अपनअपन ओछोन प स ,नहा धो क ,भगवती नीपक ,पूजा पाठ के काज स जाबेत िनवृत होिथ,ताबेत सुज् क चा एक बीत ऊपर िितज मेटंगा सब ठाम हुलकी मारेत रहेत छल । नबका घरक उपरका मंिजल के ील मे बैिस दुनु गोटे टील केिगलास मे चाह पीबैत काल टोल भिर के अवलोकन करैत छली। बिहन त अपन ऊमीर के बड़का िहसासहरे मे काटने छिलह,आब न ाम वािसनी भेिलह,मुदा आदित सब िदन स काक बजबा स पिहनिह उठबा केरही गेल छल। तिहया त आध िछध पूजा किर क िघया पूता लेल जलखई ,पनिपयाइ बनाब मे जुिटजायथ,ओसब खा पीबी क कूल जाय त किनकाल मे घरबला के ऑिफस ज़ेबा के समय भ जाए ,हुनकागेला के बाद घरक झाड़ू पोछा,बाटी भिर कपड़ा धोबैत नीत िदन बारह एक बािज जाय । किहओ ओ एकटा नौकर वा काजबाली नहॴ रखली ,देहो भगवती के कीरपा स तंदुत छल,आ हाथो के बड़ सत,जखनदू पाय ककरो दैतिथन निहं ,तखन िकयो हुनका ओत अपन मुंह बिह क त निहं काज किरतह। मुदा वएहबिहन जखन सासु के सोझा गाम आबैथ त अपन पुबिरया घरक पलंग प िच पडल रहेत छली ,काजबालीसब काम करबै करैक,हुनका जतय िपचय लेल एक नौड़ी फराक स राखल जाय ,जे हुनका नहाबएसोनाबय, नुआ फा सेहो धोबय।10


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>सहर ज़ेबा काल कनी क त मॲन मे अवसे होएन ,मुदा ओिह सहरक नाम प त ई राजसीठाठभेटल छल ,ई सोिच अपन िदयािदनी सब प उपेा के दृि फेरैत तगा प बेसी क गाड़ी पकड़बा केलेल मधबी जाय छिलह ।काितकी पूिणमा के िदन दोसर गाम के देवी मंिदर प भागवत कथा के भय आयोजनछल।जगननाथजी स िवान पंिडत सब आयल छलेथ, कतेक िदन पिहनिह स चार भ रहल छल, लोक केउसुकता िहय मे िहलकोर मारय लागले । किहया स िनयारित िनयारित गामक ढेर रास ीगण,पुखक संगओहो दुनु िरकसा प बैिस क नहा सुना क भोरे भोर िवदा भेल रहिथ ।संजोग देिखयो जे ओ सब उमहर गेलिथ,आ इमहर बिहनक कुटुम आिब गेलिखन, दुनु घरक कुंडी मेलटकल ताला देिख क तेसर घरक दुरखा लग ठाढ़ कुटुम के हुलिस क सुआगत करबा लेल ओ दरबजावतह खुिज गेल रहे । भोजन भात किर क पाहून कनी काल िवाम करय लगला त हुनक ी घरकऔर भीतर पइस तेसरा घर स अनुराग बढ़बय लेलअकुलाय लगली । भाई भौज छलखॴन ,इमहरे समिधयौन मेआयल छलाह ,त बिहनो मॲन पड़ी गेल छलेनह । मुदा भौज के त नीक मौका हाथ लगले,ननिद के अतीतकउान मे मण करबके । हुनको ओ किहओ किनओ मोजर नै देने छलिखन ,ततेक गुमान छलह। आ तेसरोघर के आय अपन पीर उिगलबा के परसर भेटले ।आ िखसा के दोसिर छोर कुहारक चाक प गढ़ेबा लेल उम भ फर फर क बहरायत गेल ।तीनो फरीक मे ,बट बख़रा त किहया क नै भ चुकल छल,कहे लेल त आब दुइए फिरकबचला बड़का आ छोटका,मुदा तेसर संसार स थान करबा स पूव अपन ी संग एक टा कंिटरबी सेहो छोिड़गेल छलिथ। ओिह गुडकुिनया दईत िधया के कपार देिख िपी अपना ओ ल गेलिथ, अपन बेटी त निहंदेलथी भगवती,एकरे पालब पोसब, पढायब िलखायब, कयादान करब ,आब माय के कबॲ मॲनछटपटेलिह,सौस सेहो खुा जका ठाढ़ भ गेलिथ ‘ओ आह के बेटी के इंासनक परी बनबय चाहेतछथी,आआह छुछ के िवलाप कय रहल छी”। तखन सबहक िबचारे माय धी दुनू सहर चिल गेल छिलह।बरस िदनप माय त आिब गेली ,िखसा के पेटार नेने मुदा बेटी के त कूल मे नाम िलखा देल गेल रहे ।माय के मॲन जखन बड़ छटपटाय ,त पोट ऑिफस स पोटकाड मंगबा क जोड़ी जािड़ क िलखनायसु करैथ त कनैत कनैत कतेक पहर बीत जाय ।अबल दुबल प िसथुया चोख ,त मोिसबत के मारल के ,अपन रा करय लेल बेिस काल िजा प दुवसा केबास,कराबइए पडेत छल । ढोिढ़या साप के प सेहो अख़्ितयार करय लेल लोकवेद बाय किर दैक।11


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>पान सन जीबन पहाड़ सन िदन काटे लेल गाम घर मे लोक बेद के अकाल नै रहैत छैक।पिहनुका जुगमे त गप सप संग भित भित के काज धंधा सेहो चलेक,कुमािर बेटी के िववाहक लेल िसकी के मौनीबने ,गेआ के खोल प जोड़ा सुगा ,गुलाबक फूल काढ़ल जाए ,जनेऊ काटल जाए चरखा काटल जाय ,मुदातािहया बाजार घरे घर निहं घुसल चल ,आ ने चीनक सुंदर सुंदर समान एना लोकके मोहने छल , ‘एँ ,केआंिख फोड़त अपन, बाजार मे एक स एक िनक चीज भेटे छै’बाला लयंकारी बािढ मे सबिकछू भािसयाएल जा रहल अिछ । आब त िवशु गप ,नबका िशा के भूत ,गाम घरक लोक के कोिढ़ बनारहल अिछ ,तखन अिहना कतेको िखसा के जम होईत छैक आ सोईरीए स पिख लगा ,बंदिखड़की ,दरवजा के अछैत खुजल आकास मे उड़य लागेत छल । ओिह िखसा सब मे किनया के नॉर ससानल िजनगी के कतेक रास दुख रहे ,से कतेको लोक ले करेज मे बरछी सन गड़ैत रहलै।उपजा बाड़ी त हुनकर ,िजनकर,समग , खेत खिरहान छल ,िहनका त मा घड़ािड़, आ ओहो सािबककघर ,बड़का िवशाल जे रहल होय ,मुदा भदबािर मे जानक आफत ,कखनॲ इमहर स चूबे,कखनॲ उमहर सदेवाल खसै,आ एकर मरमित करबय लेल किनया के कतेको मास बरस िदन धिर बिहन के िची प िचीपठाबए पड़े तीन चािर बरख मे िकओ सहिर स आबै,आ जाबेत ओकरा दुत करै,ताबेत कोनो और समयाठाढ़ भ जाए ।एक बेर त बिहन गाम आिब क सबहक सोझा मे हुनका बड़ फझित केलिकन ‘अहा तअिहठाम आराम स बईसल खाय छी,आह की बुझबै सहर मे पैलवार ल क रहे बला के कतेक िफरीशनी सदु चािर होमए पड़े छैक। अह के बेिटयो के िजमेबारी हमी सब उठेने छी ,तईओ अह चैन स हमरा सब केनिह जीब’ देबय चहेत छी ।िहनकर लडेसर बिढगेल छिह। हम त हुनका कोनो काज किहते निहंिछएह, िगरे पड़े छै घर त िगरय िदयौ ,बारह टा कोठरी छै ,जखन सब खिस पड़ते ,तखन देखलजेतै’। ओिह बेर स ओ कतबॲ क होयिह, हुनका िची नैई िलखलखॴह ,’ ‘बुझल जे हमारा िकओ निहंअिछ अिह संसार मे’। आ चारो कात स घर खिस क भुतहा हवेली सन लागै, सझे लालटेम जराक’ दरवजाप रािख देथ,जे खसल पजेबा स बाट बटोिहया के ठेस ने लािग जाय ।खेबा िपबा लेल साल भिर के अ हुनके िदस स देल जाए ,आ बाड़ी झाड़ी मे तीमन तरकारी त उपिजएजाए । मुदा किनयो के अपनघरबाला स बेिस कोढ़ बापक देल गहना गुिरया फाड़े ,चंहार ,निथया ,टीका ,कणफूल ,बाला,अनंत ,डढ़कस,पाजेब , सबटा त बिहन बक मे रखबाबय के नाम उतरबा नेने रहिथ।बाद मे कखनॲओकर चच करैथ, त बिहन के कबौछ सन बोल स सपूण देह मे आिग लेस दै “आब गहना ल क कीकरब ,लग मे राखब त ओहो डकूबा लुइट क ल जायत,भने बक मे रखल छैक’।अगहन मे वा माघ मे ,िकंसयातओ कोनो जाड़े मास छल ,जखन बिहन सपैलवार सहिर स गाम बेटा सबहकउपनेन् करबा लेल गाम आयल छिलह। तिहया त गाम गामे छल आ टोल सेहो समत ऊज स सप ,जनधन स सब डीह भरल । एके दुगी लोक गाम स बहराएल छल ,मुदा गामक मजगुत डोर ओकरा खीचनेरहै। मईया त बरख िदन पिहनिह स अिह शुभ िदन के ओिरओनमे कोलहुक बरद सन राित िदन िबसरललागल रहल छली। आँगन मे ओसारा सब प ओछाओल पिटया सब प पितयानी स राखल राहिड़,ऊडेदकेराव ,तीसी ,मड़ुआ ,मकई ,धान , सिरसब,आने की जतेक अ उपजा क बटेदार द जाईत छल,मईया ओकरा12


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>अपना िहसबे सइतने जा रहल छिलह,दािल दड़रबाक भूसा सिहत छोड़ने छिलह ,आ ओकरा फटकबा झटकबाक पैघ छोट कोठी सब मे रखबय छिलह । तखन एक िदन किनया के मॲन मे अयलंिह, उपनन हेतैक,एतेकलोकवेद ,सर-कुटुम सब औताह,तखन ओ मड़बा प चिढ़ क बआ सब के की भीख देतीह,हुनकर हाथ त ठनठन गोपाल । आ बड़ सोिच िवचािर क मरितया बाली पेटे दस सेर राहड़ी,दस सेर मकई ,पच सेरखेरही ,पच सेर केराव ,थोड़े गहूम ,थोड़े धान बेिच लेलथी । कीछु पाय हाथ मे आबी गेलह त छौओ बआलेल गामे के सोनरबा स सोनक औंठी गढ़बा लेलिथ,ओहो मैना दीदी के नेहोरा पाती करी क ।ई सब कारोबार त ततेक गुत भेल रहै, जे घरक कोनो चार प कोनो कार कौआ सेहो निहं बैसल छल,निहंकोनो कोन सािन मे निढया,गीदड़ बा िबलिड़ए नुकाएलछल,मुदा तैयॲ ई गप जखन उिजएले,ओही घर मे बड़का भुईकंप त आिबए गेल छल ।जखन बिहनक वामी बाध बोन िदस गेला अपन खेत पथार देखय सुनै,त कुिसयारक चोिर के दाग स मुितपाबय लेल बीसेसर हुनका कान मे हुनके आंगनक करनी फुइकी देलकह।आंगन मे पाहुन पड़कक आगमन ारभ भ चुकल छले,किनया अपन कोठरी के पट ब किर के कनेतरहली। हुनकर छुदरपन,हीनता,आ पापक पोथी नेने बिहनक घरबाला ज़ोर ज़ोर स आँगन मे बािच रहलछलेथ ‘अही घर मे आब की उथान होयत ,जखन घरे मे मूस लागल अिछ”।आ दुनु परानी हुनक हाथ केछूल पाईन धिर निहं िपबाक सपथ खेलाह ,जखन िक तिहया सबटा खेत पथार सिझए रहेक।‘दसरथ के अंगनमा मे शुभे हो शुभे’ बड़ ज़ोर ज़ोर स होमय लागल,मुदा काकी शुभे कोना किहतथ ,।उपनेन् के िदन सब कुटुमक उपहास पूण नजिर स बचबा के लेल ओ अपन कोठरी स निहं िनकसलछिलह, तीन िदनक भुखल पीयासल, चारीम िदन झलफल सझ मे ,छौओ बआ लेल बनाओल औठी अपनसौसक हाथ मे रािख पट फेर ब क लेने रहथी। िहनको िजनगी स मोह कौन बाचल रहैक,बेटी के पारघाट लगबय लेल भगवती छिलह । तखन सुतली राित मे छुछ के लाज िलहाज के ितलजिल दइत िनकिलगेली नबकी पोखिर मे भिसयाबय लेल ।कनीए दूर प बुढ़बा कोतबाल उधो टोिक देलकेह’ ‘ कतय जाय छीमलकािन?’ ओ की चीहने हेतेक ओकर आंिख मे त रतौनी रहे ,मुदा उजर नुआ देिख भेलय कोनो दायकाकी हेितह ,आ जौ चुड़ैल हेते त तकरो काट छल ओकरा लग । तही लेल कनी उचगर वर मे ओबाजल छल, आ ओिह वर प लगे के दालान प सुतल िदनेशक आंिख खुिज गेल छल ,माझ बाट प आिबओहो ठाढ़ भ गेला ।िकओ िकछू ने बाजल आ ओ वेत व धािरणी आगा पोखिर आ गाछी िदस बढ़ैत रहलछली। नब शोिणत िदनेश पिहल बेर कोनो भूत वा चुड़ैल के पछोड़ धेलक ,संग मे उधो मन बढेलके ।पोखिरक महाड़ प आिब ओ पलिट क ताकली,दोसर पहिर राित मे आधा चान आकास मे चमेिक रहल छल ,ई तकमतौल बाली काकी छथीन ,िदनेश चॱकल,टोलक झंझट फसाद स पुखॲ सब पिरिचते रहैत छलाह। छपाकके वर स ओकरा सब मे चेतना आएल,आ हुनक पीठे प िदनेश पानी मे छलग लगा देने रहैक13


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>।पोड़ीक हुनका बाहर आनल ,ओ त अचेत भेल । पिहल बेर गामक इितहास मे एहेन िखसा भेल रहैजेिनसाराित मे भगवित पािन मे डुबल ाणी के बचा लेलथ। मुदा िकओ इहॲ बाजल छल‘अखज ने मरै ,छुतहरनै फूटे’। बिहन के डरो पिहनिह बेर भेलन। ाण परबा जेका पुक पुक करय लागल छल ,आय जॱ िकछअधलाह भ जयते ,टोलक लोक िजनगी भिर हुनके उपराग िदतेह। दालान प बैसल झक झक उजरकुरता,सची धोती आ बंडी पिहरने रोआबी मािलक के एक टा अदृट भय सेहो पईस गेल छल । तहन िनबलकपछ मे उठल लोक् क दया माया देिख दुनु बेकती किनया के हाथ पएरजोड़ी क शत केने छलथी ।बेटी के िववाह मे त एक टा दमड़ी नै देबए पडलेह,मुदा मुईला प आिग त जौते देतही,आ कयाक िववाहकतबॲ आदस हॉक, घरबैयाके त बर ताक’ मे ,दौड़ बरहा करेइए पड़े छैक, जेना गीध के िधयान मुइलजानबरक मौस प रहे छै तिहना कोनो कोनो लाथे हुनक बख़रा के जमीन जथा ओ अपन नाम प िलखबा लेनेरहैथ,आ हुनका अिह सब झंझट स मुत किर देने छलेथ ।कतेको बरख बीतले, बिहनक सबटा बेटा के िववाह दान भेलिह ,सब अपन पेलवार बढाबेत आन आनसहिर मे जे गेला ,से आपस मुिड़ क बिहनक अहंकार के बरैत निहं होमय देलिखन, कोनो पुतौह हुनकाअपन नरेटी प हाथ नैराखय देलकेन ।घर वाला के िरटायर भेलोपरत गाम मे अपन नब मकान बना क रहयलागल छिलह,मुदा तखनो हुनक दोसरे धाह छलह । किनया के खसल घर के मरमित करबा देल गेलछल ,मुदा ओकर मािलकाना हक बिहने सब के हाथ मे छल ।कतेको बरख बीमार पड़ी क मािलक जखन गोलोकवासी भेला ,बिहन िनतत एसगवा ।किनया के बेटी बरसदु बरस लेल माय के घुमाबए िफराबय ले ल जायह,सबटा तीथ सेहो करबा देलकैह। देिख देिख क हुनककोढ़ फाड़ेह,आय धिर त ओ दुिनए दारी मे रही गेल छलथी,आब त कोनो बेटो ने हुलिक मारे आब ,हकिहओ काल फोन फान किर लेई त सिझले मुदा ओहो आबे ने खाली बजबे तोही आबी जॉ ,जखन अपनकोिखक जनमल आन भ गेल त आन क जनमल के िकए गािर सराप दइतथी, कहबीओ छै जे जहन बौहलगतौ कान तखन माय हेतॲ आन । पोसने त वेह ओिह बेटी के रहथी,मुदा कतेक िसनेह स से हुनकआमा जनैत रहह।जखन बिहन िवल भ क कनैथ, िहमत जूटा क किनया हुनका लग एनाय सु करी देलथी,आ नहुं नहुंबिहनक खेनाय िपनाय के भार हुनका िबन पूछने किनया अपना माथ प रािख लेलथी । आब त खूनकिरता सेहो एहेन ने हेतै ,आध आध िमल क एक भ जाय छै ,नदी आ नाव ,आहर आ लाठी ,डॉल आरसी ,तिहना बिहन आ किनया,एक दोसरक िजबाक सहारा बनी गेल छलथी ।ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।14


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>’सगर राित दीप जरय’क ७९ म आयोजन ‘कथा कोसी’ उमेश पासवानक संयोजक वमे औरहामे सप/८० म सगर राित दीप जरय सुपौल िज लाक िनमलीमे उमेश म डलक संयोजकवमे िरपोटपूनम मडलसगर राित दीप जरय’क 79म आयोजन ‘कथा कोसी’ नामक वैनरक नीच िद नक 15 जून सं या 6.30बजेसँ शु भऽ 16 जूनक िभ नसर 6 बजे धिर लौकही थाना अ तगत औरहा गामक म य िव ालयक नविन िमत भवनमे ी उमेश पासवानक संयोजक वमे गो ठी सुस प भेल। अिग ला ८०म गो ठी सुपौल िज लाकिनमलीमे हेबाक लेल उमेश म डल ताव आएल जे सवसमित सँ मा य भऽ घोिषत भेल।15


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>ी जगदीश साद म डल एवं ी रामच पासवान जीक संयु त अ यतामे तथा ी वीरे कुमार यादव आ ी दुगगान् द म डलक संयु त संचालनमे ऐ कथा गो ठीक भिर राित क यााभेल। गो ठीक शुभार भ ी ल मी नारायण िसंह एवं ी रामच पासवानजी संयु त पे दीप विल त कऽउाटन केलिन ।िव देह-सदेह-5 िव देह मैिथ ली िव हिन कथा, िव देह सदेह-6 िव देह मैिथ ली लघुकथा, िव देह-सदेह-7िव देह मैिथ ली प, िव देह-सदेह-8 िव देह मैिथ ली नाय उ सव, िव देह-सदेह-9 िव देह मैिथ ली िश शु उ सव तथािव देह-सदेह-10 िव देह मैिथ ली ब ध-िन ब ध-समालोचना नामक पोथीक लोकापण थानीय िव तजन ी संजय16


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>कुमार िसंह, ी रामच पासवान, ी िम िथ लेश िसंह, ी राजदेव म डल, ी ल मी नारायण यादव तथा ीवीरे साद िसंह ारा भेल हाथे भेल।लोकापण सक पछाित दू-श दक एकटा मह वपूण सक सेहो आयोजन भेल जइमे ी रामच पासवान, ी बेचन ठाकुर, ी किप लेर राउत, ी कमलेश झा, ी राजदेव म डल, ी राम िव लास साहु,ी उमेश नारायण कण, ी रामान द झा ‘रमण’, ी शंभु सौरभ, ी जगदीश साद म डल, डॉ िश वकुमारसाद,हेम नारायण साहु, ी अणाभ सौरभ तथा ी उमेश म डल तथा संयोजक ी उमेश पासवान ारा‘सगर राित दीप जरय’ कथा गो ठीक दीघ याा तथा उदेसपर सभागारमे उपि थ त दूर-दूरसँ आएलकथाकार, समीक-आलोचक एवं थानीय सािह य ेमीक म य मंचसँ अपन-अपन मनत य रखलिन । जइमेसगर राित क 75म आयोजनक पात 76म आयोजन जे ी देवशंकर नवीन िद लीमे करेबाक घोषना तँ केनेरहिथ मुदा से नै करा सािह य अकादेमी ारा आयोिज त कथा गो ठीक गिन नेने रहिथ जहू िग नतीकसोझरौल गेल आ तँए ऐ गो ठीक ी उमेश पासवान अपन इमानक पिर चए दैत ७९ म गो ठीक आयोजनकेलिन । ओ कहलिन जे हम सभ अथत् िव देह मैिथ ली सािह य आ दोलनसँ जूड़ल मैिथ ली िव कास ेमीछी। हम सभ ७७म, ७८ म आयोजनक आयोजन कतक प ट पे कहैत एिल यिन जे मुदा हमरा सबहकबात निहय िव भारानी मानलिन आ निह य कमलेश झा मानलिन । मुदा से हमहूँ नै मानब आ सही-सही िग नतीकरब। आ तही दुआरे ऐ गो ठीक आयोजन ७९मे आयोजन तँइ भेल, आयोिज त भेल। हलिक दरभंगासँआएल कथाकार ी हीरे कुमार झाक उकसेला पर रहुआसँ आएल ी िव नय मोहन झा जगदीश, ीदुखमोचन झा आ दरभंगेसँ आएल ी अशोक कुमार मेहता हीरे झाक संग गो ठीक आर भक घंटा भिर कपछाित चिल जाइ गेला।जीिव ते नक (उमेश म डल), िश ाक महत (राम िव लास साहु), िब आहक पिह ल िग रह (दुगन दम डल), बौका डड़ (ल मी दास), बंश (किप लेर राउत), टाटीक बस (राम देव साद म डल ‘झादार’),सगतोरनी (िश वकुमार िम ), पाथर, िप यर, जोगार आ अंेज नैना (अमीत िम ), संत आिक चंठ (बेचनठाकुर), अछोपक छाप (श भु सौरभ), नमोनाइिटस (उमेश नारायण कण), ादशा (सुभाष च ‘िस नेही’),रिड़ न (रोशन कुमार ‘मैिथ ल’), पँचवेदी (अिख लेश कुमार म डल), मुइलो िब सेबिन (जगदीश साद म डल)इ यािद मह वपूण लघु कथा/िव हन कथाक पाठ भेल आ से-स मौिख क िट पणी आ समीा भेल।अछोपक छाप (श भु सौरभ) क समीाक ममे ी रमानद झा "रमण" कथावतुसँ अपन असहमितदेखेलिन आ कहलिन- " नै आब ई गप नै अिछ, एकटा गप एतै देिखयौ, हम रमानद झा "रमण" ोियउच कुलक, आ कतऽ आएल छी! उमेश पासवानक दरबजापर!" ी बेचन ठाकुर ी रमानद झा"रमण"क नव-ाणवादी सोचक िवरोध करैत कहलिन- " लोकक मगजमे अखनो जाित-पाित भरल छै,मैलोरंगक काश झा त ने कहै छिथ जे बेचन ठाकुर भिर िदन तँ केश काटैत रहैए, ई रंगमंच की करत!!ीधरमक सेहो ई गप बुझल छिह। माने मैिथली सािहयकार, समीक आ रंगमंचसँ जुड़ल ाणवादी आनव-ाणवादी सोचक लोकक देखैत ई कहल जा सकैए। २१म शतादीमे ी रमानद झा "रमण"क बयानई देखबैत अिछ जे कोना ओ उमेश पासवानक दरबजापर आिब उपकृत करबाक भावनासँ िसत छिथ।ऐ अवसर पर २७ म िवदेह मैिथली पोथी दशनी सेहो आयोिजत भेल।17


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>अिग ला ८०म गो ठी सुपौल िज लाक िनमलीमे हेबाक लेल उमेश म डल ताव आएल जे सवसमित सँ मा यभऽ घोिषत भेल।ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।िबदेर ठाकुरिवहिन कथा१यायकूल जाइत काल एकटा लड़कीक ओहे गामक मुिखयाक बेटा अपना हबसक िशकार बना लेलक। ई घटनासुनलाक बाद कुिलया छौड़ा सभ ओकरा बड िपटलकै। ऐ घटनासँ हुनकर बाबूजीक अपन पगरी खसबाकभान भेलै आ अपन बेटाक करतूतपर पद देबाक लेल पचायत नै करबाक घोषणा केलक। मुिखयाक एहनपपात देिख पूरा समाज िमिल कऽ एक िनणय केलक जे याय आिखर याय होइ छै। आ सभक साथउिचत याय हएब आवयक छै, चाहे ओ राजा हुअए या जा। त पचायत हेबाक चाही तथा दोषीक कमअनुसार उिचत सजाय भेटबाक चाही । समाजक आगू मुिखयाक कोनो बस नै चललै। ओ पचायत करबाकलेल िववश भऽ गेल। दोसर िदन भोरे पचायत बैसल आ उिचत याय भेल।२आमलािनकाि िदवाली पाविन। सभ गोटे िदवालीक तैयारीमे जुटल। हरीयाक हाथ कटा गेल छै त हुनकर पीआवयक समान लेल बजार िदस टहलल। पाछु-पाछु हुनकर बेटा सेहो। हरीयाक पिरवार बड गरीब छै।दुकानमे पूजा, आरती आ सादी लेबाक मता नै छिन हुनका सभ लग। मुदा समाजमे नाक बचेबाक हेतुएकटा अगरबी, अबीर, चदन आ पाभिर लडु खिरदलक मुिकलसँ। तइपर सँ हुनकर बचबा हुकालोलीआ फटका लेल बफािड़ तोड़ऽ लागल। पैसा तँ नै रहए ओकरा लग से झ द िकन देतै। दुकनदारसँिवनती केलक तँ ओ कहलक -" पैछला लमीपूजाक पैसा सभ बािकए छौ आ फेर कतेक खाली उधािरए दैतरिहयौ। "दुकनदारक बात सुिन कऽ छपराबाली तँ लजैनी जक लाजसँ घोकैच गेल। ओहर दोसर लोक18


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>सभक सामाी िकननाइ आ बाल-बचा लेल फटका िकननाइ देिख कऽ छपराबालीक आँिखसँ वन नोर बहऽलगलै आ अपन गरीबीपर बड आमलानी भेलै।३अिभशापचौिकएपर सँ काकी कहै छिथन, "बौवा एहरे आउ।"काकीक िपड़ाएल वर सुिन रमलोचना चौकी िदस बढ़ल मुदा आन सु। चा िदस बस कारोहट। ओसमिझ नै पबलिथ ऐ पिरवेशक। आ काकी सहजेसँ बताबऽ लेल राजी नै होएिथन।। तखन ओ कहलिथन-"काकी, की भेल स-स बताबू, अहक हमर सपत भेल।"काकी आँचरसँ अपन नोर पोछैत सवेदनशील भऽ बजलिन- "की कहू बौवा, अनथ भऽ गेलै। बुचीकिववाहक ६ मिहना नै भेल छलै मुदा नरिपशाच सभ उनका ऊपर अयाय कऽ देलकै। दहेजक िकछु टकाबकी रिह गेल छलै, से तइसँ ओकरा मी-तेल धऽ िजदे जरा देलकै ओकर सासुर सभ। कतेको बेर ऐटका लेल तछाड़-मछाड़ भेल रहै मुदा हम सभ जिदए यबथा कऽ दऽ देब, से आासन देलाक बाबजुदोओ दानव सभ हमरा बेटीक साथ एहन कुकम केलक। बजरखसुवा पुिलसक थानामे िरपोट िलखाबऽ गेलौ तँमचवा ओकरो सभक शायद पैसेपर िमला लेलकै। एखन धिर िकछु िनराकरण नै भेलैए।" काकी बैजते-बैजते बेहोस भऽ गेलीह।रमलोचना काकीक सहारैत सोचै छै, समाजक एहन अिभशाप आ कुसंकारक बारेमे। जकरा चपेटामे कतेकोिधया-बसनी बिलदान होइ छै।ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।जगदीश साद म डललघुकथा-चु पा पाल19


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>गोसइ लुक-झुका गेल। ओना छह बिज गेल मुदा सुज अपन िदनक यााक अंितम पड़ावपर अँिटकतिकते छला। पतराएल काज रहने नीलकंठ काका सबेरे-सकाल िनचेन भऽ गेल छला। जिहना पिरवारमोटेलासँ काजो मोटाइ छै आ दुबरेलासँ काजो दुबराइ छै तिहना नीलकंठ काक सेहो भेलिन। ओनापिरवारक संकार आगू बढ़लिन मुदा काज पूरने काजो पतराइए। होइतो तँ तिहना ने छै जे जनम होइतेसंकारोक जनम होइ छै आ अत होइत अतो होइ छै। नीलकंठ काक तेहने सन भेलिन। िकअए नेहेतिन, सोझहे लगीसँ घास खुएलासँ नै ने होइ छै जे आगू ताकब दादा-परदादा देखब आ पाछू ताकब तँनाित -छेड़नाित देखब। बाल-बचाक िब आह-दान भेने माए-बापक िजनगीक मुख कम-धमक पूित होइ छै जइसँबाल-बचाक अपन दाियव पूित करै छिथ। बेटा िब आहक आइ पनरहम िदन छेलिन। पैघ यसँ दुनू परानीमुित पािब जिहना साबुनसँ वक मैल साफ कएल जाइए तिहना माए-बापसँ लऽ कऽ बेटा-बेटीक पिरवारबना िजनगी मैलक कमक साबुनसँ घोइ अपन मनक सफाइ लोक करै छािथ। नीलकंठ काक मनमेउठलिन जे बेटा-िब आहक अंितम िहसाब जोिड़ िकअए ने काजक िवसजन कइए ली। आब िक कोनो ओजुग-जमाना रहल जे तीन-तीन-चािर-चािर मास गरदिनमे उतरी झुिल ते रहल। जे काज महज चािर-पचघंटाक छी। मन गबाही देलकिन जे से नै तँ आइ अंितम िहसाब -िब आहक लाभ-हािन क- कऽ काजकिवसजन कइए लेब। जिहना बोनैया हिरणक ब चा पकड़ाइते चाकात चौका हुअए लगैत तिहना नीलकंठकाक भेलिन। काजसँ िवाम होइते देिख सुिचता काकी हइ-हइ अपन काजक मुड़ी मोिड़ चाहकओिरयानक िवचार मनमे अनलिन। िकअए नै अनती, ओहन जमाना थोड़े छिथ जे पितक िवकलत देिखओइसँ बेसी अपने िवकलतता देखबए लगती। केतली-लोटा नेने कल िदस बढ़ली, मनमे उठलिन पिहने अपनेहइ-हइ पएर धोइ लोटा-केतली अखाड़ब आिक लोटे केटली अखािड़ पािन भिर लेब। मन ततमत करएलगलिन, ओना ऐ उमेरक ई नै भेल, मुदा हर-काजक अपन गित-िविध छै। अपने िजनगीक काज नेदोसराक बाट देखौत। समैसँ पिहने सुिचता काकी चाह बना दिहना हाथे िगलास नेने नीलकंठ काका लगपहुँचली। अखिन धिर नीलकंठ काका मुड़ी िनचे मुह केने छला। मनमे बेटा िब आहक काज घुिर याइतरहिन । चाहक िगलास जखिन सुिचता काकी िनचे दबा बढ़ौलकिन तखिन आँिख पिड़ते काका नजिरउठौलिन। भकुआएल मुँहक सुरखी देिख नजिर-पर-नजिर गड़ौलिन। मुदा काक मन अपन िवचारपर रहिन ।काकीक बूिझ पड़लिन जे भिरसक कोनो दब कएल काज मनक पकड़ने छि ह । मुदा जँ चाह पीबैसँ पिहनेबािज बात लाड़ब तँ भऽ सकैए जे चाह पीब छोिड़ अपने बेथासँ बेिथत भऽ जािथ, तइसँ नीक जे चुपचापहाथमे चाहक िगलास पकड़ा, अपनो चाह अंगनासँ आिन एतै पीबो करब आ पुिछयो लेबिन। तइ बीच दू-चािरघॲट चाहो घॲिट नेने रहता जइसँ मनोक जुआिर कमतिन। ओना उदासो चेहराक केते कारणो अिछ। केतौरौद-बसातक उदासी तँ केतौ कोनो काज नै भेने, केतौ पिर मक नोकसानक उदासी, केतौ धीया-पुता मुइनेउदासी तँ केतौ माए-बाप मुइने। मुदा तँए िक पितक बेथा पी नै सुनिथ। पित-पीक बीच हजारो प अिछहजारो रंग अिछ तँए िक बजा-भुकी ब भऽ जाए। आंगन िदस सुिच ता काकी बढ़ली। एक घॲट चाह पीिव तेनीलकंठ काक मुँह मुिसिकएलिन। मनमे उचरलिन, कहू जे एहेन काजक िक कहबै काज छेलिन डेढ़ सएजोड़ धोती आ तेकर आरो संगी सभ माने पचो टूक कपड़ा संग िवदाइ करब। ओना डेढ़ सए बहुत भेल20


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>मुदा से नै, अज-गज बला पिरवार काक। चािर भइक अपन भैयारी, तेकर नैहर-सासुर, नाित-नाितक,पोता-पोतीसँ लऽ कऽ अपन सासुरक सातो संब धीक, तइ संग बेटाक हाइ कूल-कौलेजक संगीक संगनोकरीक संगी धिर । नीलकंठ काका हृदए खोिल काज केलिन। तँ मनमे उठलिन मुदा लगले जवाबभेटलिन जे जग-जापमे खच होइते छै। जँ से नै होए तँ धनक काजे िक रहत। पेट तँ सागो आ एक लोटापािनयसँ मािनय जाइ छै। मन निच ते रहिन आिक सुिचता काकी मुँहमे चाहक िगलास िभरौने आगूमे बैसली।तही बीच नीलकंठ काका अपन हाथक िगलास चौकीपर रािख हाथक पचो ओंगरी घुमबैत बजला-“कह ते ई केहेन भेल?”नीलकंठ काक सुिन सुिचता काकी अकचकाइते रहली जे िक केहेन भेल। बाघ भेल िक सप भेल सेकेना बुझबै। ओना दुनू परानीक -नीलकंठ काका आ सुिच ता काकी- मन बेटा िबआहसँ एते खुश रहिन जेछोट-छीन केते बातो आ काजो मनसँ हिट गेल रहिन मुदा मनोक तँ अपन संसार छै। संगोक अपन थानोआ महो छइहे। दुनू बेकतीक सिझया काज तँए आरो बेसी मन खुशी रहिन। खुशी हएब उिचतो छलिकएक तँ केतो एहनो होइ छै जे ेमरस पीब, मधुर गीत गािब संतान पैदा होइ छै आ िकछुए िदन पछाितसभ िकछु उनिट जाइ छै, ओइ बेटासँ तँ नीक काज भेले रहािन। ओना चािर भाए-बिहनक बीच एकेटा बेटातीनटा बेटीए छेलिन। जे तीनू बेटा-बेटीसँ जेठे छेलिन जेकर िब आह-दुरागमन पिहने कऽ नेने छला। तीनू बेटीिब आहक दान-दहेज देिख दान-दहेजसँ मने उचिट गेलिन, जइसँ बेटाक ित दान-दहेजक िवचारे मनमे दिबगेलिन। दोसरो कारण भेलिन, एक-एक बेटीक िब आहमे जेते खच भेल तइसँ बेसी जँ बेटीबलाक खच कराएबई तँ सोझहा-सोझही अयाय भेल। मुदा से कह होइ छै, दहेजक दुआरे बेटी िब आहक लोक अगर-मगरकरैत टिप जाइए मुदा बेटा बेरमे िबनु पढ़लो-िलखलक डाटर-इंजीिनयर बना देल जाइए। जिहना बड़दहामेफुिस-फािसक तेजी रहै छै तिहना ने बेटो-बेटीक िब आहमे...। य सन पिव थलमे जँ फुिस-फािसक तेजीनै रहत तँ ओ य शुे केना भेल? खैर जे होइ। जेते तीनू बेटीक िब आहमे खच भेल ओते आमद एकटामेकेना हएत। तइसँ नीक जे मुँहछोहिनय नै करब। हथउठाइ जे हेतइ सएह हेतै। पितक िबपटा बािन -हाथकओंगरी घुमा बजैत- देिख सुिचता काकीक हँसी लगलिन मुदा हँसबो तँ हँसबे छी। केतौ गुदगुदबैए तँ केतौभकभकेबो करैए। काज नफगर रहल घो नफे बुझाए छै आ घटगर रहल तँ नफो घे बुझाए छै।पथड़ाएल केराउक भुजा जक सुिचता काकीक दत तर नीलकंठ काक आोश पड़लिन । मुदा आोशोतँ आोशे छी, कथीक आोश। तँए जाबे उधािर-उधािर नै बजता ताबे बूझब केना? मुदा मुँहक हँसी पेटमेगुरकुिनय किटते रहिन। बजली-“तेहेन झिप -तोिप बजै छी जे ऊपरे-घड़े रिह गेलॱ तँए कनी िब छा कऽ बिजऔ। जखिन दुनू गोटेकसिझया जीवन अिछ तखिन हम हँसी आ अह कानी ई केहेन हएत?”िखसकरक जिहना एोटा िखसा सुिनिनहार भेटला पछाित अपन सुिध-बुिध हरा जाए छै तिहना नीलकंठकाक सुिचताक बोल सुिन भेलिन बजला-21


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>“पिरवारक महान य बेटा-बेटीक िब आह छी, तेहेन य जँ नीक जक सपन भऽ जाए तँ खुशीक बातभेल। तइले देहोक धौजिन आ पाइयोक धौजिन तँ हेबे करत। मुदा तइमे उिचत-अनुिचतक तँ िवचार करएपड़त िकने?”नीलकंठ काक मनक पकड़ैत चुा सुिचता काकी िभड़ौलिन। हुँहकारी भरैत बजली-“ऐमे के नै करत?”जिहना एे भगवान िभ-िभ वप िभ-िभ फूल-पी पािब खुशी होइछ तिहना नीलकंठ काक सेहोभेलिन। सुिचता काकी नजिर -पर-निजर गड़़ा बजला-“उिचत-अनुिचत बेड़ाएब असान अिछ। िजनगीक संगी रहने िक हएत? ई तँ िवचारक संगी भेने ने काजचलत।”नीलकंठ काक बात सुिचता काकीक अकठाइन लगलिन। मनमे उठलिन जे कहू सभ िदन एकठाम रिहसभ िकछु करै छी तखिन एना िकअए बजै छिथ। भिरसक कोनो एहेन उकड़ू सोग ने तँ मनक पकिड़ नेनेछि ह । आन िदन केहेन बिढ़ य हबगब करै छेलॱ आ आइ िक भऽ गेल छि ह । बजली-“कनी नीक जक अपन उदासीक कारण बिजऔ। हम ऊपरे-झापरे रिह गेल छी।”सुिचता काकी िजासा देिख नीलकंठ काका बजला-“उिचत-अनुिचत काजक दू छोर भेल। एक छोर उिचत भेल आ दोसर अनुिचत। मुदा तइसँ थोड़े काजचलत। सुत-सुत िमिल जिहना डोरी बनैए तिहना दुनू अिछ। तेकरा िब िहया कऽ जँ नै सीमा देब तँ काजेभँिस या जाएत। बुझबे ने करबै जे कतए िक भऽ गेलै। पछाित बाजब जे मनमे जे छेलै से भेबे ने कएल।अहॴ कहू जे मनेक िवचारक ने काज प बना केिलऐ तखिन िकअए ने भेल?”नीलकंठ काक िवचार सुिचतो काकीक दमगर बूिझ पड़लिन। माथ कुिड़यबैत बजली-“तखिन केना हएत?”सुिचता काकीक पिघलल मन देिख नीलकंठ काका बजला-“बड़ भारी जाल छै। फुलवारीक फूलमे देखबै जे एके नामक अपरािजत फूल उजरो होइए लालो होइए आकारीओ होइए। सोझहे अपरािजत आिक आने फूल जे रंग-रंगक होइए, कहलासँ थोड़े बूिझ पेबे जे लाल-कारीमे कोन-नीक कोन-अधला भेल?”22


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>नीलकंठ काक िछिड़याएल िवचार सुिन सुिचता काकी समटैत बजली-“अछा छोड़ू एते छान-पगहाक। एक-एक काजक उठा बेड़बैत चलू जे िक नीक-भेल आिक अधला भेल।”पीक िवचार सुिन नीलकंठ काका बजला-“हँ, बड़बिढ़ य िवचार देलॱ। मुदा पिहने ई किह िदअ जे केते काज अढ़ेला पछाित करै छी आ केते अपनेफुड़ने करै छी?”पितक बात सुिन सुिचता काकी अकबका गेली। मने-मने िवचारे लगली जे ई िक भेल? एकरा िक काजकरब नै कहबै। घर-पिरवारक जखिन काज भइए गेल तखिन काज केना ने भेल। भिरसक बुिधये तँ नैघुसुिक गेलिन अिछ, नै तँ एहेन िबनु हाथ-पएरक बोल िकअए भेलिन? एेटा बातमे सेहो मानब उिचत नैहएत। जँ मन घुसकल-फुसकल हेतिन तँ दोसरो-तेसरो बात एहेन बजता। ओना लोकक बेरो-िवपित आकाजो-उदममे मन घुसुिक-फुसुिक जाइ छै। आंिशक पमे की ई झूठ जे िकछु सरकारीओ कमचारी वािशकोक बेटीक िब आह सेहो पितत बनौलकिन। पिरिथितयो रहल जे केते िशक हाइ कूल वा कौलेजसँसेवा-िनवृत भऽ गेला मुदा हाथसँ किहयो वेतन नै उठौलिन। मुदा तँए िक पिरवारमे खच नै छेलिन, एकिशक वा कमचारीक खच तँ छेलिन ह। मनक थीर करैत सुिचता काकी िवचारलिन जे से नै तँ जे बुझैमे नैआएल से पुिछए िकअए ने ली बजली-“िक कहिलऐ अढ़ेलोर आ अपने फुड़ने?”सुिचता काकीक सुिन नीलकंठ काक मनमे उपकलिन, भिर िदनक हराएल जँ सझो घिड़ घर पहुँचजाए तँ ओ हराएब नै भेल। िदन तँ होइते छै बौआइले तखिन बौआएब हराएब केना भेल। बजला-“जखिन कोनो काज अढ़ेला पछाित जे करैए ओ अपन उिहक नै भेल। जँ ओकरा अढ़ाएल नै जाए तखिनओ करत िक? अहॴ कहू?”नीलकंठ काक िवचार सुिन माथक मोटा पटकैत सुिचता काकी बजली-“अह अपनाक एतबे िकअए बुझै िछए जे हमरा कोनो काज करैले नै कहब। जँ से नै कहब तँ केना बुझबैजे हमर बात फंली मानैए आिक नै?”पाशा पलटैत नीलकंठ काक बजला-“जिड़सँ छीप धिरक काजक िहसाब-िकताब करैमे बड़ समए लगत। से नै तँ एेटा काजक िहसाब क।”एकटा सुिन सुिचता काकीक मन हलचलेलिन। ई तँ सोलही एक तरफा भेल औगता कऽ बजली-23


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>“अहूँक बात रहल आ एकटा हमरो अिछ।”“से की?”“सवारी बिरयातीक िहसाबसँ होइ छै तइमे एते गाड़ीक कोन योजन छेलै, जे लऽ गेलॱ?”सुिचता काकीक सुिन नीलकंठ काका बजला-“अछा, अहॴ िवचार िदअ जे पिहने िक िवचारब?”पितक शीतल छाहिर पािब काकी बजली-“पिहने गाड़ीए-सवारीक िवचार क। िकअए पचीसटा गाड़ी लऽ गेिलऐ, जखिन िक डेरहे सए बिरयातीगेिलऐ।”गाड़ीक नाओं सुिन समाजमे जीतक अनुभव नीलकंठ काक भेलिन। अखिन धिर समाजमे िकयो बीसटागाड़ीसँ आगू नै बढ़ल छला तैठाम पच गाड़ी बढ़ैक िता केकरा भेटल। आािदत होइत बजला-“अपन मनोरथ छल जे आगू बिढ़ काज करी। िकअए अहक कोनो तेकर दुख अिछ? िता िक फूटा कऽभेल आिक सिम िल ते भेल।”एक तँ ओिहना सुिचता काकीक मन बेटा िब आहक खुशीसँ उिधयाइत रहिन तैपर पितक मनोरथ सुिन आरोउिधया गेलिन। बजली-“अनकासँ तँ नीक काज जर भेल। देखै िछऐ जे अुआक बोरा जक मनुख गाड़ीमे ठसमठस बिरयातीजाइ-अबैए आ गाड़ीएमे मुँह पेट सभ चलए लगै छै। तइसँ नीक भेल जे जे िकयो गेला अरामसँ एला-गेला।”सुिचता काकीक बोल सुिन नीलकंठ काक मुँहसँ हँसी फुटलिन। पितक हँसी देिख काकीक भेलिन जेभिरसक हमर िनशान उिचत जगहपर लगलिन । अपन बराइ सुिन खुशी हएब मनुखक जमजात संकार रहलअिछ। अपन उिचत जगहक िनशानसँ पितक मुँहक लाबा जक हँसाएब सफल पीक मुख लण तँ भेबेकएल। मुदा नीलकंठ काक हँसीक कारण सुिचता काकीक िनशान नै बिक समाजमे अरामदेह बेसीगाड़ीक बेटाक िब आहक बिरयातीमे लऽ जाएब छेलिन। जेकरा बेटाक अिधक दान-दहेज िब आहमे भेटै छै,समाजमे ओकरे मान भेल िक ने? जँ मान बढ़ल तँ जर अंको बढ़ल हेबे करत। पेटक गुदगुदी असिथरहोइते सुिचता काकी बजली-24


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>“आब, ह-ह हॴ-हॴ छोड़ू। भानसोक बेर भेल जाइए। अखिन पुतोहुक चुिक भार थोड़े देबै। जइ बेथेबेथाएल छी से बेथा िनकालू। जाबे गुर घाउ जक कोनो बेथाक नीक जक नै िनकािल बहा लेब ताबेसड़िन-असाइक डर रिह ते छै। तँए आदो-पात बाजू?”जिह ना िकयो संगीत उच कोटीक मंचपर कलासँ ोताक मुद कऽ सुता दइए तँ केतौ एकात बनमेअसकरे िकयो अपन गुणसँ िनराकार प भगवानक सुन भरत जक नदी गाम बना राज-काज चलबैए तिह नाअपन बेिथत वाणक िनकालैत नीलकंठ काका बजला-“िब आहक आन खरच आ काजपर मन केतौ नै अँटकल अिछ, िकअए तँ चाउर-दािल खच भेल तँ बदलामेलोको, मालो-जाल आ िचड़ैऔ खेलक। गाड़ी-सवारीमे खच भेल तँ ईहो उपराग नै भेटल जे िकनको डाटरऐठाम जाए पड़लिन। मुदा डेढ़ सए जोड़ धोती िमला पचो टूक िवदाइमे जे खच भेल ओ टारनो मनसँ नैहटैए।”जिहना मभुिममे बालु िसबा चमकैत िकछु नै नजिर अबैत तिहना सुिचता काकीक बेटा िब आहक सफलतामनमे छेलिनह चमिक चड़चड़ेली-“रड़ कानए अिहवाती कानए तइ लगल बड़कुमिर कानए, सुहरदे मुह िकअए ने बजै छी जे आने बरक बापजक कननी बेमारी धेने अिछ तँए कनै छी। अपने मने जे केतबो गुर-चाउर िचबबैत कानब तँ िक हमहॴसंगी छी, बिट थोड़े लेब। खैर जे होउ, देह तँ रोगाएल अहॴक अिछ, तँए बेमारीक जिड़ तँ अपने बुझैतहेबै। बाजू, खोिल कऽ बाजू, किन भानसमे देरीए हएत तँ िक हेतै। मनक घाउ जे मेटाएल रहत तँ खाइओआ सुतैओमे िच औत।”सुिचता काकीक िवचार सुिन नीलकंठ काक मनमे भेलिन जे भिरसक लोक ठीके कहै छै राजाक िकदिनिचता आ रानीक िकदिन क। मुदा मनक बेथा नीक जक वएह ने बूिझ पािब सकैए जेकर हाथ-पएर नमहरहेतै। घटको सबहक अजीब गित छै। बर-किनयक घरदेखीमे लगले सिटिफकेट दऽ दइ छिथ जे सीता-रामक जोड़ी अिछ। िवधातो जेना जोड़े लगा पठौलिन। मुदा नै सोलही तँ अठीओ बेथा तँ भगबे करत।सोलही तँ तखिन भगै छै जखिन सुिनिनहार बेथा सुिन बेवसिथत दंगसँ समाधान करै छिथ, मुदा तँए िकअपन बेथा हृदैसँ िनकाललोसँ तँ अदहा किमते अिछ। िकएक ने कमत? लोक नै सुनत तँ नै सुनह मुदाउगलाहा तँ सुनबे करत। बजला-“िवदाइमे केते खच भेल से बूझल अिछ?”ठोरेपर बरी पकबैत सूिचता काकी बजली-“िवदाइ तँ िवदाइ भेल, तइमे हमरा बुझैक िक योजन अिछ। ई काज तँ पुख पाक छी। जे घरसँिनकिल कुटुम-पिरवार धिरक चीन-पहचीन रखै छािथ, सेहो अधला िक भेल। जखिन अधले नै भेल तखिन25


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>िचते िकअए हएत? जखिन िचते नै हएत तखिन मने िकअए बेथाएत? मन हलुक क। अनेरे तरे-तरेगुमसड़ै छी।”नीलकंठ काक मन मािन गेलिन जे मुँहछोहिन छोिड़ िकछु ने भेटत। मुदा मनक बेथाक कथा जँ बािजयो नैलेब तँ ओकरा संग अयाय हएत। बजला-“जे बात सुनैमे नै आबए ओ दोहरा कऽ पूिछ लेब। मुदा जे बुझैमे नै आबए ओहन नै दोहराएब। शुहेसँकहै छी।”अपन भिर याइत आसन देिख सुिचता काकी हाथ-पएर सोझ-साझ करैत बैसली। सोझ-साझक कारण रहिन जेनजिर-नजिरक िमलानी न बे िडीमे नै शत-ितशत हुअए। बजली-“देखू हम िब सराह छी, जँ बीचमे कोनो िब सिर जाइ तँ ओकर मदी नै भेल। मुदा अहूँ, काज केतौ आ बातकेतौसँ नै करब। जिहना-जिहना काज बढ़ैत गेल तिहना-तिहना बातो बढ़बैत चलब।”सुिचता काकीक िवचार नीलकंठ काक दमगर बूिझ पड़लिन। दमगरे िवचार ने दमगर आशा जगबैए।बजला-“डेढ़ सए गोटेक िवदाइ केिलयिन । ओना िकनको ऐ दुआरे नै बेरेिलयिन जे एक काजक एके िवदाइ उिचतबुझलॱ। मुदा तँए िक, िकनको संग कम-बेसी निहय केिलयिन।”पितक बात सुिन सुिचता काकी टपकली-“िकअए, िकयो िकछु उपराग पठौलिन अिछ ?”“उपराग िकअए िकयो पठेता। मुदा मन मािन नै रहल अिछ। किहये दइ छी। डेरहो सए िवदाइ डेढ़ लाखकछल। एक-एक िवदाइक वतुमे एक-एक हजार लगल छल। मुदा आब जखिन पाछू उनिट तकै छी तँ बूिझपड़ैए जे दस-सँ-पनरह गोटे धोतीओ चदिरयोक उपयोग करता बकी िकयो घरनीपा बनौता तँ िकयौ गाड़ी-पोछना!”पितक बात सुिनते सुिचता काकी कुदैक बजली-“अपन मिहंसक िकयो कुरहिर ए नाथत तइले अहक िचता िकअए होइए।”सुिचता काकीक बात सुिनते नीलकंठ काक झड़क उठलिन बजला-“अहॴ सन लोक िब आहमे काजसँ िविध भारी बनबैए। एकटा कहू जे अपन िब आह मन अिछ।”26


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>“मन िकअए ने रहत?”“केते खच बाप केने रहिथ से बूझल अिछ?”“दहेलहा-भसेलहा खनदान बुझै िछऐ जे काजक िहसाब बाप-माएसँ लेब।“एना नै िछ िड़ आउ सबा लाख पैआमे दुनू गोटेक िब आह भेल रहए। जाउ कनी चसगरसँ भानस करब।अिहना बेजाए नीक होइत एलैए।ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।जगदानद झा ‘मनु’- िवहिन कथााम पोट – हिरपुर डीहटोल, मधुबनी१ .हािरसझु पहर फोनक घंटी बाजल । “िन न न िन न न न िन न न न न ...“िबना अपन नाम बतोने िरसीवर उठेलहुँ । कोनो जवाब निह । दोसर कातसँ शत ।मुिकलसँ पह िमनट बाद फेर फोनक घंटी बाजल । दोसर िदससँ फेरो कोनोआवाज निह । शाइद हमर वर पशंद निह हेतै अथवा कएकरो आओरसँ गप करैक हेतै।राितक एगारह बजे फेर फोन आएल, फोन उठेलहुँ, “हेलो ।“किनक कालक चूपीक बाद उहरसँ, “हम मालकी बजै छी, बहुत िदनक बाद फोनकए रहल छी, ठीक तँ छी ने ? सझेसँ ाइ कए रहल छलहुँ मुदा िहमत निहभए रहल छल । ई कहै लेल एतेक राित कए फोन केलहुँ जे हमर याह भए गेल ।““हमरा बुझल अिछ ।““कोना ।““दुबईसँ एला बाद हम अहक गाम गेल रही ओिहठाम कएकरोसँ बुझलहुँ जे दूमिहना पािहले अहक याह दुरागमन दुनू संगे भऽ गेल मुदा ई की महर इंतजारनिह कए पएलहुँ ।““हम बेबस रही .....अहक बचाक पच मिहनासँ अपना पेटमे रखने-रखने,आगू दुिनयक नजिरसँ बचेनाइ असभब छल ।“27


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>“हम किह कए तँ गेल रिह जे छह मिहनासँ पिहले पिहले आिब जाएब िक हमरापरिबास निह रहल ।““एहन गप निह छै, हमर तन एिहठाम अिछ मुदा मोन एखनो अहीँ लग अिछ परच ईसमाज, गाम आ पिरवारक सामने हम हािर गेलहुँ ।““की अहक पितक ई गप सभ बुझल छिन ।““ ह !अहक दऽ निह मुदा बचा दऽ बुझल छिन । ओ देवतुय लोक छिथ, होइबला हमर बचाक सेहो अपन नाम दै लेल तैयार छिथ ) ...किनकाल दुनूकातसँ चुपीक बाद (हम एखन एिह ारे फोन कएलहुँ जे हमरा आब ताकैक वाफोन करैक चेा निह करब ओिह सभक िबतल गप जािन िबसिर जाएब...हुँऽऽहुँऽऽऽ !” कानेक वर संगे िरसीवर राखैक खटखटाहट, फोन बंद ।२ .िडिबया“गे दाइ अहक सभक िधया-पुता कतेक गोर होइए ? राित कए िडिबया बाइर कएसुतै जाइ छीयै की ? हमर मरदाबा तँ िडिबया बुता दै छै ।”३ .िपआस“की यौ ललनजी एना टुकुर टुकुर की तकै छी ?”अपन गामक मुँहलागल भाउजक मुँहसँ ई सुिन ललन एकदमसँ सकपका गेला, िजनकािक बहुत कालसँ घुिर रहल छल ।“निह िकछु निह ।““धूर जाऊ !इनार लग िपआसल जाइ छै की िपआसल लग इनार । अह एहन पिहल मरदछी जकरा लग इनार चिल कए एलैए आ एना टुकुर टुकुर तकने कोनो िपआस िमझाइ छैककी ? िपआस िमझाबैक लेल इनारमे कूदए परैक छै ।“४ .ेम दीवानी“अरे !अरे ! क ई की भऽ रहल छै ! तूँ सभ एक संगे एतेक रास सामूिहक आमदाह! ”“हम सभ ेम दीवानी, ेमक अंितम छोर पावै लेल जा रहल छी मुदा अह28


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>अपवाथ मनुख एिह ेमक निह बुझब अह सभ तँ ेमोमे नफा नुकशानतकै छी ।“िडिबयाक लोऽपर भाइत फितगाक झुडमे सँ एकटा धीरेसँ हमर कानमे भनभनाकए किह िडिबयाक आँचपर जा जिर गेल ।५ .खापिर िधपा कए“यै छोटकी किनय, सुनै छीयै लिलताक वर एलखीह जाउ हुनकासँ कनीक नीकमुँह हँिस बािज िलयौन, खुश भए जेता तँ िटकुली सेनुर लेल िकछु दएओ कएजेता ।““एहन हँसै बजै बला आ खुश होएबला मरदाबाक हम खापिर िधपा कए चेन निह फोिरदेबैन, अपन जमएक बड़ िचंता छिन तँ अपने जा कए िकएक निह खुश कऽ लै छिथ ।”ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।अिखलेश कुमार म डलबेरमा, मधुबनी।िव हिन कथा-पँचवेदीजेकरा लेल चोिर करै सएह कहै चोरा, भोरेसँ मनमे बेर-बेर उठए लगल। केतबो ठेल कऽ बहटाबए चाही सेबहटबे ने करए। तखिन मन भेल जे जिहना केकरो दुखनामा सुनने दुख कमे छै तिहना जँ समाजोक बातक29


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>सुिन आ अपनो बात किहऐ। उिठे कऽ लालकाका लग गेलॱ। देखते पुछलिन - “बौआ मन बड़ झूकल देखैिछअह?”कहिलयिन- “काका, तेहने रगड़ा मनक रगिड़ रहल अिछ जे िक कहॱ। तँए झुकौने छी।”लालकाका पुछलिन- “से िक?”कहिलयिन- “काका, ओना ऐ बातक समाजक पँचवेदीमे उठाएब, मुदा अह घरक गारजन छी तँए पिहने अहॴबुझा िदअ।”अपन बढ़ैत मान देिख लालकाका बजला- “बेस बात मनमे एलह। तेहेन जुग-जमाना भऽ गेल अिछ जे लोकझुठो बातक तेना बढ़ा-चढ़ा कऽ बजैए जे जेना ओकरे राज होइ।”“असिथरसँ बुझा कऽ कहअ”कहिलयिन- “काका, अहॴ कहू जे ई उिचत होइ, जइ समाजक पाग अकासमे टेकने छी तइ समाजकलोकक िकयो खाधुर तँ िकयो भोजनभ कहै?”नीक जक लालकाका नै बुझला। दोहरौलिन- “कनी फिर छा कऽ बाजह ने?काकाक आशा पािब अपनो आशा जगल। कहिलयिन- “काका अखूनका जे िब आहक बिरयाती भऽ गेल अिछतेकरा गामक सभ दुि◌ र कऽ देलक हेन, ओकरे देखा-देखी हमहूँ दुि◌ र कऽ िदऐ से नीक हएत?”िबनु बात बुझने टोकारा दैत लालकाका कहलिन - “से तँ निहय हएत। मुदा बात िक भेलह से ने बाजह?”कहिलयिन- “काका, देखते िछऐ जे अखुनका बिरयातीमे बेसी गोटे ओहने रहैए जे चूड़ा भूजा तड़ल माछ आदूटा बोतल घरवारी िदिस सँ पिबते छाती उघािर कऽ जश दऽ दइ छै, िकछु गोरे सए-दु-सए रसगुला खा पुराजश दऽ दइ छै, मुदा हम तँ तइसँ िभ छी। भोजनक मुय अंग गोरस छी। एक तँ ओहुना घरवारी पचिकलोसँ बेसी दहीक ओिरयान निहय करै छिथ, तेकरा जँ छु छ कऽ दइ िद ऐ तँ हम खाधुर भेलॱ िकसमाजक इजित रखै िछऐ। तइले लोक एना िकअए बजैए।ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।30


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>ा कापिड़ केशवलाल बाखं िशरपा समानसँ समािनत िरपोटपूनम मडला कापिड़ केशवलाल बाखं िशरपा समानसँ समािनतनेपाल भाषा पिरषद मैिथली भाषाक चिचत सािहयकार एवं ा राम भरोस कापिड मरक केशवलाल बाखंिशरपा समान(पुरकार)सँ समािनत कएलक अिछ ।रािूय भाषामेसँ एक मैिथली भाषामे उकृ सािहियक रचनासभ कऽ मैिथली भाषा सािहयक ीवृिक लेलकएने योगदानक कदर करैत पिरषद िस कथाकार केशवलाल कमचायक नाममे थािपत ( केशवलालबाखं िशरपा ) समानसँ हुनका समािनत कएने अिछ । ओिह अवसर पर ा कापिडक दश हजार नगदएवं समानप दान कएल गेल छल ।किवकेशरी िचधर हृदयक १ सय ७म जम जयितक अवसरपर नेपाल भाषा पिरषदक अय फिन रजाचायक सभापितवमे मंगल िदन सप समारोहमे ा मर उत समानसँ समािनत भेल छिथ ।समान हण करैत ा मर मैिथली आ नेपाल भाषाक सबध मयकालेसँ िनरतर रहल आ मैिथली भाषासािहयक अनेको ािचन अिभलेखसभ नेवारी िलपीक िविभ संहमे संिहत रहल बतौलिन ।राय पसँ अयायमे परल अय भाषा संगिह ई दुनू भाषासभ अपन अितवक राक लेल िनरतर संघषरतरहल सेहो बतौलिन । िवम सबत २००७ सालमे थािपत नेवारी भाषा सािहयक अणी संथा नेपालभाषा पिरषदसँ मैिथली भाषाक सािहयकारक दान कएल गेल ई समान पिहल बेर अिछ ।31


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>ओिह अवसर पर नेपाल सबत ११३२क भाषाथुवा पुरकार ा. ेम शाित तुलाधर, २५ हजार राशीकिचधर िसरपा पुरकार गायक भृगुराम े, १५ हजार राशीक ठाकुर लाल िसरपा पुरकार िनवधकारसुरेमान े आ मोतीलाल िसरपा पुरकारसँ अतरािय िभु संघक सेहो समान कएल गेल छल ।ओिह समारोहमे पिरषदक उपाय ा. शुवण शाय, महासिचव नवीराज जोशी, पिरषदका सदय नरेशिवरशाय सिहतक वतासभ मातृभाषाक सािहयमे योगदान देिनहार संघ संथाक राय वेवाता करबाक मगणत अएलाकबादो निह कल ित िचता यत कएने छलिथ ।ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।उमेश म डल, ि◌नमली, सुपौल।लघुकथा32


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>जीिव ते नकसोन-प जिहना आिगक ताउ पािब गलए लगैए तिहना आम लािनसँ गलैत राधामोहन हमथान पहुँचल।तेसिर सझक समए रहै। पिहल सझसँ जे गामक माए-बिह न सभ आिब-आिब कच मािटक िदआरी नेिससझ दैत आएल छेली ओ दोसिर सझ टपैत-टपैत पतरा गेल छेली। यएह सोिच राधामोहन तेसर सझकमेपहुँचल छल जइसँ िकयो देखए नै। िकछु मानेमे मुहूत नीक छलै। एक तँ एकात, दोसर अहार आ तेसिरदेिखिनहारो-सुिनिनहार नै। हमथानक मुहथिर लग आिब राधामोहन अँटिक गेल। अँटिक िक गेल जे पएरठमिक गेलै। चाकात आँिख उठा तकलक तँ अहारमे ने बेसी दूर देखलक आ ने अहार छोिड़ िकछु आनदेखेलै। मन मािन गेलै जे ने िकयो देिखिनहार अिछ आ ने सुिनिनहार। बाहर अहारमे थानक चाकातकुकुर सभ अपन-अपन सीमानक चौकसी नीनभेर भऽ करैत रहए। नीनो केना नै अिब ते, िभनसुरका दुधकढार तँ वएह सभ ने पीबो करैए आ पटका-पटकी करैत नेहबो-थकबो करैए। खेितहर जिहना नीक उपजैतखेतक आिड़यो धिकया खेते बनबए चाहैए आ अधला उपजा भेने नीको खेतक परता-परता परतीए बना दइएजइसँ बाट-बटोही बीचे खेत देने रतो बना बीचे-बीच चलए लगैए तिहना राधामोहन अपन कएल काजकलािनसँ धिकयाइत-धिक याइत देवालय पहुँच गेल। हीयक हारैत आगुमे ठाढ़ केलक। जेना-जेना भीतर वेशकरैत गेल तेना-तेना मनो पिस झैत गेलै। अंतमे एहेन भेलै जे धुँआ बिन अकास उड़त आिक पाथर बिनपािनक पहाड़ बनत तइ गुनधुनमे पिड़ गेल। दुनू हाथ जोिड़ बाजल-“हे बरहमबाबा, अपने यमराजक किहयनु जे जीिव ते नरक पठा दिथ। जिहना अपन िम संग तिहनासंकपोक हयारा छी; हयारा छी।”किह राधामोहन महादेव जक ताडव नाच-नाचए लगल।राधामोहन आ िव समोहन बचेसँ लंगोिटया संगी। एेठाम दुनूक घरो छै। बाध-बोनसँ लऽ कऽ घर-आंगन धिर संगे रहै छल। महािवालयक अभावमे दुनू गोरे मैीक पास कऽ रिह गेल। आन-आन िवषए जेजिहना पढलक से तिहना ससिर गेलै मुदा समाज अययनक िटकाउ िवषय, िटकल रहलै। जइसँ दुनू िमिलअपन पिह चान आ संलपक मजगूत बनबैमे गािर -गरौबिलसँ लऽ कऽ मािर मरौबिल धिर करबो केलक आकएक बेर जहलो गेल आएल अिछ ।जिहना लड़ाइ लिड़ जहल गेिनहार जेल जेनाइक अराम करब बुझैए, सएह अखैन धिर ईहो दुनू गोरेबुझैत आएल छल। एे जाितक राधामोहनो आ िवसमोहनो मुदा दुनूक बीच दू िद यादी। ओना दुनू िदयादीकबीच पुतैनी झगड़ा चिल अबै छलै मुदा दुनूक दोती तेकरा मेटा जक देने छलै। जे पछाित आिब कऽखेनाइ-पीनाइ, बर-बिरयाती सभ चलए लगलै। ओना, नवका तूरक पिछ ला बात ने िकयो कहिनहार आ नेिकयो बुझबो करैत। मुदा जिहना गहॴरगर खािदक ऊपरका खर-पात िछ ल-छािल कऽ भरलापर ऊपरसँ भरल33


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>बुझाइए , मुदा हाथीक के कहए जे िध यो-पुताक पएर चिप जाइ छै तिहना राधामोहन-िव समोहनक िदयादीकबीचक खािद ऊपरसँ तँ िचन बिन गेल छेलै मुदा भीतरसँ िभ तराएले छल।िवसमोहनक िपितयौत भाए मनमोहन मु बइमे बीस बरखसँ नोकरी करैत आएल अिछ । एक पिरवाररहने घराड़ीक बँटवारा भागे भाग भेल छलै, जइमे दुनूक घरो आ बाड़़ीओ-झाड़ी छेलै। ओना दुनू पिरवारकघराड़ी रोड पकड़ैए मुदा िवसमोहनक घराड़ीक बगलमे तीन-बिटया, जैपर दसटा दोकान-दौरी बैिस चौक जकबिन गेल। चौक भेने बजारक मुँह खुगल। एे खेत रिहतो एक भाग मुहथिर बिन गेल आ दोसर गोरथारी।जइसँ दुनूक महतमे घटी-बढ़ी भऽ गेलै। मु बइमे रहने मनमोहनक िवचारमे सेहो बदलाउ एलै। जइसँ नोकरीकरैसँ नीक अपन धंधा मनमे एलै। वाभािवको छेलै, औोिग क शहर मु बइ आ तेतए मनमोहन बीस बरखिब तेने अिछ । मुदा अपन िजनगी तँ तेना ओझरा गेल छै जे सािठ बरखसँ पिहने छोड़त तँ पेशनक के कहएजे आनो-आनो जमा-जुमी डूिम जेतै। तँए मनमोहन अपन िवचारक बेटा ऊपर केि त केलक। िनणए कऽलेलक जे बेटाक औोिग क िशा िदयाएब। ओना उोग तँ रंग-िब रंगक दुिनयमे पसरल अिछ मुदा अपनमनोनुकूल उोग बेसी नीक हौइ छै। सएह केलक।बेटाक पढ़ाइ छोड़लापर मनमोहन सभतूर गाम-आएल। जइबेर गेल रहए तइबेर एोटा दोकान नैबनल छेलै। अखन धानमंी योजनाक सड़क, तीनटा तीनू कोनपर चापाकल आ एक-आध घंटा बैसैकजोगार सेहो बिन गेल जेकरा देिख मु बइक चौराहा मनमोहनक मनमे नािच उठलै। मनमे उिठ ते अनैितक बाटताकए लगल। मनमे एेटा मंशा जे िवसमोहन हमरा िदस चिल जाए आ हम चौक साइड चिल आबी। तीनका चौकक जमीन। लाखक के कहए जे करोड़ोक हएत। करोड़क कारोबार लेल दु-चािर लाख िछटैए पड़ैछै। जाबे से नै हेतै, ताबे िचड़ै-चुनमुनी पछौर केना केना लगल।गाम तँ अखनो वएह गाम छी जे चुड़ा-दहीक संग चीनी िमला तीत-मीठ िगरैत आएल अिछ।फीडपर दस गोटेक कोनो भजे अपना िद स केनाइ, यएह अखुनका पनचैती छी। ई बात मनमे अिब तेमनमोहन गामक खौकार पंचक पिटया घराड़ी उनटबैक योजना मनमोहन बनेलक। सँझुका निढ़ या जिह ना पूसुिनते सभ पुपुआए लगैए तिह ना एक वरमे सभ पंचैित या ाउ ड बना लेलक जे जखिन कानूनी बँटवारा नैिछ ऐ तखिन ओ बँटबरे ने भेल। मौिखक बँटबाराक कोनो मािन नै! भलिहं वेद-शा क अधार-बात िकअए नेहुअए।पच पिरवारक िदयादी िवसमोहनक। असगरे दुनू बापूत िवसमोहन गाममे रहैए आ बकी सभ िद यादमु बइएमे। ओना दुनू बापूत मनमोहन बुफगरो।राधामोहन सेहो पनचैतीमे आएल। निढ़या जेरमे अपनो निढ़ या बिन िव समोहनक संकि प त िम राधामोहन चुपे रहल। अपन िथित कमजोर हा◌ेइत देिख िव समोहनक मन राधामोहनक ओइ नजरीए देखलकजेहेन बिलदान होइत समए छागरक होइ छै। मुदा संकिपत िजनगी। अपन हँसैत अंत देखैक िजासाकरैत िव समोहन राधामोहनक पुछलकै-34


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>“आन जे हुअए। मुदा तूँ तँ संकिपत िजनगीक संगी िछ अँह, मुँह िकअए ब रखलँह?”िव समोहनक मनक बात बुिझतो राधामोहन िदयादी आिड़ ठाढ़ कऽ ओही आिड़ मे अिरया गेल। भगैत-पड़ाइतसंकिपत संगीक देिख िव समोहनक मन संकपक अगुअबैत धधिक गेल, बाजल-“जइ धरतीपर झूठ-फूसमे लोक अपन बिल चढा रहल अिछ तैठाम अपनो जु म अपने नै रोिक पाबी! ई तँिजनगीक धा◌ेखा देनाइ भेल। ई बात सत् जे बिलदान कतए होइ...।बमिक कऽ फेिर बाजल-“हम पनचैती नै मानब। ई धरती हमर बिल मंगैए।”चढ़ा-उतरी बजिनहारक बोन गाम। तेना ललकारा भरलक जे दुनू बापूत मनमोहन, दुनू बापूत िवसमोहनकमािर लिठ यौलक। जे आठम िद न जाइत-जाइत िवसमोहन खतम भऽ गेल।ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।३. प३.१. जगदीश च ठाकुर ‘अिनल’-गजल १-४३.२.१. मुी कामत-गीत:- जट-जिटन २. शाितलमी चौधरी-नेताजी35


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>३.३. जगदानद झा ‘मनु’- के पितयाएत३.४. मनोज कुमार मडल-देशी कौआ३.५. कुदन कुमार कण- गजल३.६. जगदीश साद म डल-सुफल काज३.७. राजदेव म डल- दू टा किव ता३.८. सय नारायण-लहकैत समाजजगदीश च ठाकुर ‘अिनल’36


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>४ टा गजल1एते बाझल िकए रहै छी अपनामे अहअबै छी बडी-बडी राित क’सपनामे अह ।चिल जाउ िदलीए िक मुंबई िक बंगलोररहब एसगर कोना क’ पटनामे अह ।होइए साल भिर पर भट दूनू गोटेकजखन कटनीमे छी हम, सतनामे अह ।भेट जेता शकुनी, दुयधन आ धृतरािमला क’देखबै आब कोनो घटनामे अह ।ओकरा िकए मारै िछऐ मुासं अह भाइजेहने छी तेहने देखब अयनामे अह ।गरमीमे जल तं भइए जाइए अमृतचाहे लोटामे रािख पीबू िक बधनामे अह ।िववाहक िववाहक गिरमा क दानिकए फंसल छी कपडा आ गहनामे अह ।;सरल वािणक बहर, वण-162जंगल आओर पहाड देखलॱ जीवनमे37


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>गुजगुज राित अहार देखलॱ जीवनमे ।मोनक नीलगगनमे िछटकै िबजलोकाममता आ नेह- दुलार देखलॱ जीवनमे ।मन आंगनमे चाधामक दशन भेलमूयक हाट आ बजार देखलॱ जीवनमे ।नृय, गीत,संगीत,चौल और हंसी-ठहानोरक कतेक टघार देखलॱ जीवनमे ।मािर-पीट,दंगा आ फसाद, छीना आ झपटीआदर आओर सकार देखलॱ जीवनमे ।देखलॱ गंगा बहै छली अपने अतरमेपोखिर आ धार- इनार देखलॱ जीवनमे ।सरल वािणक बहर, वण-163अपन कहैए, सुनैए हमरािकछुए लोक िचहैए हमरा ।सूप जं हम त चालिन अिछ ओतैयो मूंह दुसैए हमरा ।जकरे खाितर चोिर केलॱसेहो चोर कहैए हमरा ।एसगरमे तं पएर छुबैएलेाक ल’ग गिरयबैए हमरा ।38


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>कट छीिट क’ गेल बाट परआब हाल पूछैए हमरा ।चोर िचकिड क’ बाजय जखनेतामस तखन उठैए हमरा ।हम मूससं बाघ बनेिलयैउनटो करब अबैए हमरा ।माा-15 येक पतीमे4िथक युक मैदान ई जीवन,कोना बढू हमअपने िमक मृयुक कारण, कोना बनू हमसोझमे तं छिथ दादा-दादी,का-काकी,भैया-भैाजीसभसं खेत-पथारक खाितर कोना लडू हमराज-पाट की करब जखन लोके निह रहतैभीषण नर-संहारक पवत कोना चढू हम ।भीख मिग ब खाएब,लडब निह भैयारीमेहे मधुसूदन गाडीव हाथमे कोना ध हमहे केशव, कृपया हमरा दुिवधासं मुत कहमर बुि नै काज करय, की कोना क हमसरल वािणक बहर, वण-18ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।39


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>१. मुी कामत-गीत:- जट-जिटन २. शाितलमी चौधरी-नेताजी१मुी कामतगीत:- जट-जिटन।जिटन- छोिड़ िमिथला नगिरयाबिध अपन ई पोटिरयातूँ कतए जाइ छँह रे..........!जटबा कतए जाइ छँह रे...........!छोिड़ अपन सजिनयित याग कऽ सभ खुिशय40


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>तूँ कतए जाइ छँह रेजटबा कतए जाइ छँह रे...........!जट- जाइ िछ यौ गेजिटन देश-गे-िवदेशजिटन देश-गे-िवदेशभऽ गेलैए गैर आबअपन देश!साड़ी अनबौ गे जिटनगहना अनबौ गे..................साड़ी अनबौ गे जिटन41


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>गहना अनबौ गेबौआ-बुची ले सेहोनव अंगा अनबौ गे!जिटन- नै लेबो रे जटबािवदेशक सनेसनै लेबो रे जटबािवदेशक सनेसहमरा तँ चाही जटबातो◌ेहर संग आ िस नेह!जाट-नै रोक गे जिटन42


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>हमर तँ◌ू डेगकमेबै नै तँ केनाभरब सबहक पेट!बौआ कनतौ गे जिटनबुची ललेतौ गेबौआ कनतौ गे जिटनबु ी ललेतौ गेजरतौ जे पेट जिटनकोइ नै सोहेतौ गे।जिटन- घुर-घुर रे जटा43


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>सुन-सुन रे जटािज छोड़ रे जटाकोइ नै ललेतौ रे जटाहरे जटबाऽऽऽऽऽऽऽरे मेहनित किर नुन रोटी खेबैमुदा संगे िमिथ लेमे रहबै रे जटा..............!चल-चल रे जटाअपन देश रे जटाअपन खेत रे जटामआ रोटी रे जटा44


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>नुन रोटी रे जटाहे रे जटबाऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽतूँ धान रोपीह हम जलखैलऽ कऽ एबौ रे जटा.................!जटा-सुन-सुन गे जिटनहमर सजनी तूँ जिटनघरक लमी तूँ जिटनहमर िज नगीक गाड़ी तूँ जिटनहमर ानक खान तूँ जिटनहे गे जटनी ई ई ई...।45


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>तूँ जीतलँह हम हारलॱ गे जिटनछोिड़ अपन देशनै केतौ जाएब गे जिटनरहतै िमिथ लेमेसदैव अपन बास गे जिट नहे गे जटनी ई ई ई...।गै दुनू गोरा िमिलमेहनित करबै तँ िज नगी वग हेतैय गे जिटन।जिटन- हमर साजन तूँ जटातोहर सजनी हम जटा46


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>हे रे जटबाऽऽऽ...।दुनू गोरा हँसैतअिहना िज नगी काटब रे जटा....................।२शाितलमी चौधरीनेताजीबाप रे बाप!...करैत छै कोना फड़फड़उड़ैत फतॴगा जकफोिड़ देतय कखन ककर आँिखखोखिर लेतय कखन ककर मुँह47


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>कािट लेतय कखन ककर ससरीमािर देतय तरछेबा लटकल तरकुलागाछ चढ़ल पसीबा जकरहो वा भड़मे जाओक कुलतूर बंशतअपन लबनी भरैक चाही बबाजय के छेबता कटाहबपुतगर लाठीक जोर त मोन छिह टरबताहपंचायत खेलकै, िबलौक खेलकै, बको खेलकैथानो संग िगटिपटक तँ छैक सैह हालजतय धौइधेक जुआइल यवथाफँचइरे नै बजेतै फच-फच गाल!ओह, ललकारामे ओज की?...जेना वयं होइथ लाल-बाल-पाल, सुभाषच बोसकतय की बाजिथ तकर छैक कोन होसधिनकायमे शोभय नेह सन शुवठोढ़य पर साजल फुिस-फास संिवधान, िवधेयक, अयादेश,योजना, पिरयोजना, पंचायतीराज, लोकतं आिदक अिगरिगट तँ धरतै शाखेक नै रंगकखनो सुनटा, कखनो उनटे बहै गंग48


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>जेहने समय-पिरिथती तेहने दशनखन लोिहया, मास, लेलीनवादीखनेमे वधम, संकृित, रावादी,दरैप गेलय मोन तँ िलअ कतैक लेब गिधयेक मंडनकुमारबार बेटाक पिरवार द’ गरीबीरेखामे नौवेक कोिरंगअपन खेत आ बाड़ी पटबै सातटा िबलौिकया पंिपंगसेट-बोिरंगइंिदरा-आवास, वृधापसन, फसल-ितपुितक बँटवारामेिपछुवारक घाम टघिर जाइिह एंड़ीजेना िचौरे-िगक सुभागे खसल हो मरीनेताजी छिथ ओखन भाजपाक महामंीदसे िदन पिहने रहिथ जनु लोकजनशितक अिधसंतरीिकयो कहैत छलाह एहर भेलिह िभतिरया जद-यूसँ सठगठओिहिदन लोिलयाबैत केिसया-पेिनयक करैत छलाह बसराजद केर िमभाई संग छैिह सेहो उठक-बैठकीराजनीितक जोकरलोकिनक संगिह फाटय पानपराग-चुटकीपाटधम, िसत, ककरो सरकारसँ कथीक सरोकारओतिह जयकारा जतय िबलहैय एोठोप पंचमकारमुँह पिरछ बाजताह तँ बुझेता, अहा! कतेक ानीलोकटोिक िदओ मयकाल, तँ लािग जाइिह णिहमे टोक49


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>की करबै, आइकाि रहलै कतेक गोटेक बातेक ठर-ठीकमुदा िवसबास िदयाबए रिह-रिह छुवत माथक टीकभेटत एहने ठोपधारी िहनू जे फुिस बाजत गटगटिमय नमाजी हजारबेर दाढ़ी छुिब खाइत सपतनेताजीतँ कहैत छिथ अपनाक राजनीितक चाणकमुदा भिरगामक लोक कहिह िहनका लाइत खाइत बानरऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।जगदानद झा ‘मनु’ाम पोट - हिरपुर डीहटोल, मधुबनीके पितयाएतके पितयाएतई कएकरा कहुसभक आँिखमेपिस कए कोना रहुसिदखन आँगुरहमरेपर उठल50


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>कतेक परीाआबो सहुजतए ततए हमहीँलूटल गेलहुँघर बाहर सभतिरहमहीँ ठकेलहुँहम नारी निहनरक भोयासबिदन हमहीँिजतल गेलहुँझूे घर-घरपूजल जाइ छीमुड़ी मचौिर हमभोगल जाइ छीआबू रावणबिन भाइ हमर51


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>रामसँ पाछूछुटल जाइ छी |*****ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।मनोज कुमार मडलदेशी कौआमन पिर रहल अिछ ओ िदनजिहया माएक हम छोट नेना रहीमाएक आँचर तर खेलैत-धुपैत रहीमाएक बोल हमर िध यान एक रहै छेलएजखने बजै अँगनामे कौआबुिढ़या दादी बािज उठै छेलीपाहुन एता एना लिग रहल अिछसुिनते मन गद-गद भऽ जाइ छेलएआब तड़ुआ-तरकारी के पुछैए52


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>दही-चीनी सेहो भेटतिदन भिरमे कएक बेर पुिछऐमाए आइ कखिन पाहुन औताआब ओइ िदनक यादेटा रिह गेलदेशी कौआ मिर-मिर गेलकारकौआ िगरीहबासु भऽ गेलआइक कौआ बाजब ई भऽ गेलअमंगलक सनेस दऽ गेलकौआ बिज ते किनय कहै छिथढेप लऽ एकरा भगाउहम पुछिलयिन िक कहै छीिबनु भगौने देशी कौआ भािग गेलकी कारो कौआक िबदाहे कऽ देबकौआ देखब सपना कऽ देब।ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।कुदन कुमार कण53


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>गजल-------------------------------------नजिरमे नजिर तऽ िमलाक देखूदीप नेहके तऽ जराक देखूिदल अखन कली अिछ िय अहकओ कली अह तऽ िखलाक देखूचेहरा अहक चमैक जेतैआँिखम अह तऽ बसाक देखूदोहराक भेटत निह जवानीमोनम उमंग जगाक देखूबरिस पडत सावन जीनगीमहमर लेल प सजाक देखू२१२-१२११२-१२२ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।जगदीश साद म डल54


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>सुफल काज......सुफल काज जेते िजनगीमेसफल-सुफल कहबए लगै छै।फले-फल वन-वन बनैतबिगया बाग बनए लगै छै।बिगया बाग बनै लगै छै।सुफल काज......।पूस पूसॱट किह-किहमिसया फल पेबए लगै छै।अिधया हत अिधया अदिरपख मिसया पेबए लगे छै।पख मिसया पेबए लगे छै।सुफल काज......।पिखया पख पखिड़ -पखिड़सितया सात सितना लगै छै।अिठ या आिठक आिड़ बिनहपता-सपता बनए लगै छै।55


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>हपता-सपता बनए लगै छै।सुफल काज......।काम-धाम िक धाम-काममन मंिदर मनबए लगै छै।अगिल -बगिल लतिर फिड़अमरली कहबए लगै छै।अमरली कहबए लगै छै।छु छ हाथ मुँहमे जिहनािकछ ने दऽ पािब पबै छै।वेद भेदन भेद ने बूिझकमक फल पबैत रहै छै।कमक फल पबैत रहै छै।सुफल काज......।ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।दू टा किव ता-राजदेव म डल56


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>राजदेव म डलउलहन“सभ तँ रहै छै अहॴक लग-पासहम तँ अबै छी चासे-मासपिड़ गेल िव पित भेलॱ िन राशअकालक कारणे डिह गेल चासिद न अदहा पेट राित उपासमनमे छेलए जे पूरा हएत आसभौजीक ताना सुिन आँिख भरल नोरबेथासँ भरल मनक पोर-पोरएक मुी देलासँ की भऽ जाएत थोरआँिख सँ बिह रहल अिछ दहो-बहो नोरहमर नोर नै बिन जाए अँगोरयौ भैया, एकिद न हमरो हेतै भोरचु पी साधने खसौने छी धाड़ऐ स पित पर छै हमरो अिध कारआगूमे ठाढ़ बालपनक िप यारनाता तोिड़ केना करब तकरार57


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>कनैत जा रहल छी जार-जारमाए रहैत तँ करैत दुलारअपने चास-बासपर करए पड़त आसबाबाक बखारी आ धीयाक उपास।”58


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>आपसी“िज नगी भिर दैत रहलॱ फूलआपस भेिट रहल अिछ शूलमन भऽ गेल िब याकुलिक अए भेटल ई ड डकह केलॱ कोनो भूलदेहलो चीज नै देबहम देने रही फूलक केना लेब?”“हमरा लग वएह अिछ तँ दोसर की देबजबरद तीओ करब तँ आरो की लेब।”“खुिग रहल अिछ मनक राजसुआरथसँ भरल छल हमर काज।”ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।59


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>सय नारायणलहकैत समाज --------केखनो क’ मोन भटिक जाइएकेखनो मोन अटिक जाइएआ केखनो मोन भरिक जाइएमुदा की क ,िकछु ने सोहाइत अिछलोकक िवुप चेहरा ओिहना देखाइत अिछिकयो ने भेटैत अिछ ,ककरा कहबैकके सुनत केकरा पलखैत छैकसमाज वदप ओझरायल छैलूटेरा लुटैत छै ,समाज देखैत छैके बाजत केकर मजाल छैसभ त’ लुटय मे अपने बेहाल छैजे टुकुर टुकुर देखैत छै ,ओ त’ लाचार छैओ की बजतै ओ त’ बेदम छैसस लैत छै बोल िनपंद छैकतौ अकाल छै , कतौ दुिभ छैकतौ ठनका ठनकैत छै ,कतौ व खसैत छैमुदा जे िनुर छै ,शैतान छैओकरा ल’ वो आसान छैओहन लोक किहयो निह सुधरतबैमानी ,शैतानी किहयो निह िबसरतऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।60


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>िवदेह नूतन अंक ग-प भारती१. मोहनदास (दीघकथा):लेखक: उदय काश (मूल िहदीसँ मैिथलीमे अनुवाद िवनीत उपल)मोहनदास (मैिथली-देवनागरी)मोहनदास (मैिथली-िमिथलार)मोहनदास (मैिथली-ेल)२.िछमता- भा खेतानक िहदी उपयासक सुशीला झा ारा मैिथली अनुवादिछमता३.कनकमिण दीित (मूल नेपालीसँ मैिथली अनुवाद ीमती पा धी आ ी धीरे ेमिष)भगता बेङक देश-मण४.तुकाराम रामा शेटक कॲकणी उपयासक मैिथली अनुवाद डॉ. शभु कुमार िसंह ारापाखलोबालान कृतेबचा लोकिन ारा मरणीय लोक१.ातः काल मुहू (सूयदयक एक घंटा पिहने) सवथम अपन दुनू हाथ देखबाक चाही, आ’ ई लोकबजबाक चाही।कराे वसते लमीः करमये सरवती।करमूले िथतो ा भाते करदशनम्॥करक आग लमी बसैत छिथ, करक मयमे सरवती, करक मूलमे ा िथत छिथ। भोरमे तािह ारेकरक दशन करबाक थीक।61


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>२.संया काल दीप लेसबाक काल-दीपमूले िथतो ा दीपमये जनादनः।दीपाे शरः ोः सयायोितनमोऽतुते॥दीपक मूल भागमे ा, दीपक मयभागमे जनादन (िवणु) आऽ दीपक अ भागमे शर िथत छिथ। हेसंयायोित! अहक नमकार।३.सुतबाक काल-रामं कदं हनूमतं वैनतेयं वृकोदरम्।शयने यः मरेियं दुःवतय नयित॥जे सभ िदन सुतबासँ पिहने राम, कुमारवामी, हनूमान्, गड आऽ भीमक मरण करैत छिथ, हुनकर दुःवन भऽ जाइत छिह।४. नहेबाक समय-गे च यमुने चैव गोदाविर सरवित।नमदे िसधु कावेिर जलेऽिमन् सििधं कु॥हे गंगा, यमुना, गोदावरी, सरवती, नमदा, िसधु आऽ कावेरी धार। एिह जलमे अपन सािय िदअ।५.उरं यसमुय िहमाेैव दिणम्।वषं तत् भारतं नाम भारती य सतितः॥समुक उरमे आऽ िहमालयक दिणमे भारत अिछ आऽ ओतुका सतित भारती कहबैत छिथ।६.अहया ौपदी सीता तारा मडोदरी तथा।पचकं ना मरेियं महापातकनाशकम्॥जे सभ िदन अहया, ौपदी, सीता, तारा आऽ मदोदरी, एिह पच सावी-ीक मरण करैत छिथ, हुनकरसभ पाप न भऽ जाइत छिह।62


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>७.अथामा बिलयसो हनूम िवभीषणः।कृपः परशुराम सतैते िचरीिवनः॥अथामा, बिल, यास, हनूमान्, िवभीषण, कृपाचाय आऽ परशुराम- ई सात टा िचरीवी कहबैत छिथ।८.साते भवतु सुीता देवी िशखर वािसनीउेन तपसा लधो यया पशुपितः पितः।िसिः साये सतामतु सादातय धूजटेःजावीफेनलेखेव ययूिध शिशनः कला॥९. बालोऽहं जगदानद न मे बाला सरवती।अपूण पंचमे वष वणयािम जगयम् ॥१०. दूवत मं(शुल यजुवद अयाय २२, मं २२)आ ियय जापितॠिषः। िलंभोा देवताः। वराडुकृितछदः। षजः वरः॥आ ॑न् ा॒णो ॑वच॒सी जा॑यता॒मा रा॒े रा॑ज॒यः शुरे॑ऽइषयो॒ऽितया॒धी म॑हार॒थो जा॑यत॒ दोॴधे॒नुवढा॑न॒वाना॒शुः सितः॒ पुर॑िध॒यवा॑ िज॒णू र॑थे॒ाः स॒भेयो॒ युवाय यज॑मानय वी॒रो जा॒यत िनका॒मे-िन॑कामे नःप॒जयॲ वषतु॒ फल॑वयो न॒ऽओष॑धयः पयत योगे॒मो नः॑ कपताम्॥२२॥माथः िसयः सतु पूणः सतु मनोरथाः। शूण बुिनाशोऽतु िमाणामुदयतव।ॐ दीघयुभव। ॐ सौभायवती भव।हे भगवान्। अपन देशमे सुयोय आ’ सव िवाथ उप होिथ, आ’ शुुक नाश कएिनहार सैिनक उपहोिथ। अपन देशक गाय खूब दूध दय बाली, बरद भार वहन करएमे सम होिथ आ’ घोड़ा विरत पदौगय बला होए। ीगण नगरक नेतृव करबामे सम होिथ आ’ युवक सभामे ओजपूण भाषण देबयबला आ’नेतृव देबामे सम होिथ। अपन देशमे जखन आवयक होय वष होए आ’ औषिधक-बूटी सवदा पिरपवहोइत रहए। एवं मे सभ तरह हमरा सभक कयाण होए। शुक बुिक नाश होए आ’ िमक उदय होए॥मनुयक कोन वतुक इछा करबाक चाही तकर वणन एिह मंमे कएल गेल अिछ।63


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>एिहमे वाचकलुतोपमालकार अिछ।अवय-॑न् - िवा आिद गुणसँ पिरपूण रा॒े - देशमे॑वच॒सी- िवाक तेजसँ युआ जा॑यत॒- उप होएरा॑ज॒यः-राजाशुरे॑ऽ–िबना डर बलाइषयो॒- बाण चलेबामे िनपुणऽितया॒धी-शुक तारण दय बलाम॑हार॒थो-पैघ रथ बला वीरदोॴ-कामना(दूध पूण करए बाली)धे॒नुवढा॑न॒वाना॒शुः धे॒नु-गौ वा वाणी वढा॑न॒वा- पैघ बरद ना॒शुः-आशुः-विरतसितः॒-घोड़ापुर॑िध॒यवा॑- पुर॑िध॒- यवहारक धारण करए बाली यवा॑-ीिज॒णू-शुक जीतए बलार॑थे॒ाः-रथ पर िथरस॒भेयो॒-उम सभामेयुवाय-युवा जेहनयज॑मानय-राजाक रायमे64


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>वी॒रो-शुक परािजत करएबलािनका॒मे-िन॑कामे-िनययु कायमेनः-हमर सभकप॒जयॲ-मेघवषतु॒-वष होएफल॑वयो-उम फल बलाओष॑धयः-औषिधःपयत- पाकएयोगे॒मो-अलय लय करेबाक हेतु कएल गेल योगक रानः॑-हमरा सभक हेतुकपताम्-समथ होएििफथक अनुवाद- हे ण, हमर रायमे ाण नीक धािमक िवा बला, राजय-वीर,तीरंदाज, दूध दएबाली गाय, दौगय बला जतु, उमी नारी होिथ। पाजय आवयकता पडला पर वष देिथ, फल देय बलागाछ पाकए, हम सभ संपि अिजत/संरित करी।िवदेह नूतन अंक भाषापाक रचनालेखन-इंिलशकोष -मैिथली-/ मैिथलीकोष -इंिलश-ोजेटक आगू बढ़ाऊ, अपन सुझाव आ योगदान ई-मेल ाराggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाऊ।१.भारत आ नेपालक मैिथली भाषा-वैािनक लोकिन ारा बनाओल मानक शैली आ २.मैिथलीमे भाषा सपादनपायम65


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>१.नेपाल आ भारतक मैिथली भाषा-वैािनक लोकिन ारा बनाओल मानक शैली१.१. नेपालक मैिथली भाषा वैािनक लोकिन ारा बनाओल मानक उचारण आ लेखन शैली(भाषाशाी डा. रामावतार यादवक धारणाक पूण पसँ स लऽ िनधिरत)मैिथलीमे उचारण तथा लेखन१.पचमार आ अनुवार: पचमारातगत ङ, ञ, ण, न एवं म अबैत अिछ। संकृत भाषाक अनुसारशदक अतमे जािह वगक अर रहैत अिछ ओही वगक पचमार अबैत अिछ। जेना-अ (क वगक रहबाक कारणे अतमे ङ् आएल अिछ।)पच (च वगक रहबाक कारणे अतमे ञ् आएल अिछ।)खड (ट वगक रहबाक कारणे अतमे ण् आएल अिछ।)सिध (त वगक रहबाक कारणे अतमे न् आएल अिछ।)खभ (प वगक रहबाक कारणे अतमे म् आएल अिछ।)उपयुत बात मैिथलीमे कम देखल जाइत अिछ। पचमारक बदलामे अिधकश जगहपर अनुवारक योगदेखल जाइछ। जेना- अंक, पंच, खंड, संिध, खंभ आिद। याकरणिवद पिडत गोिवद झाक कहब छिन जेकवग, चवग आ टवगसँ पूव अनुवार िलखल जाए तथा तवग आ पवगसँ पूव पचमारे िलखल जाए।जेना- अंक, चंचल, अंडा, अत तथा कपन। मुदा िहदीक िनकट रहल आधुिनक लेखक एिह बातक निहमानैत छिथ। ओ लोकिन अत आ कपनक जगहपर सेहो अंत आ कंपन िलखैत देखल जाइत छिथ।नवीन पित िकछु सुिवधाजनक अवय छैक। िकएक तँ एिहमे समय आ थानक बचत होइत छैक। मुदाकतोक बेर हतलेखन वा मुणमे अनुवारक छोट सन िबदु प निह भेलासँ अथक अनथ होइत सेहोदेखल जाइत अिछ। अनुवारक योगमे उचारण-दोषक सभावना सेहो ततबए देखल जाइत अिछ। एतदथकसँ लऽ कऽ पवग धिर पचमारेक योग करब उिचत अिछ। यसँ लऽ कऽ धिरक अरक सअनुवारक योग करबामे कतहु कोनो िववाद निह देखल जाइछ।२.ढ आ ढ : ढक उचारण “र् ह”जक होइत अिछ। अतः जतऽ “र् ह”क उचारण हो ओतऽ मा ढिलखल जाए। आन ठाम खाली ढ िलखल जएबाक चाही। जेना-66


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>ढ = ढाकी, ढेकी, ढीठ, ढेउआ, ढ, ढेरी, ढाकिन, ढाठ आिद।ढ = पढ़ाइ, बढब, गढब, मढब, बुढबा, सढ, गाढ, रीढ, चढ, सीढी, पीढी आिद।उपयुत शद सभक देखलासँ ई प होइत अिछ जे साधारणतया शदक शुमे ढ आ मय तथा अतमेढ अबैत अिछ। इएह िनयम ड आ डक सदभ सेहो लागू होइत अिछ।३.व आ ब : मैिथलीमे “व”क उचारण ब कएल जाइत अिछ, मुदा ओकरा ब पमे निह िलखल जएबाकचाही। जेना- उचारण : बैनाथ, िबा, नब, देबता, िबणु, बंश, बदना आिद। एिह सभक थानपर मशःवैनाथ, िवा, नव, देवता, िवणु, वंश, वदना िलखबाक चाही। सामायतया व उचारणक लेल ओ योगकएल जाइत अिछ। जेना- ओकील, ओजह आिद।४.य आ ज : कतहु-कतहु “य”क उचारण “ज”जक करैत देखल जाइत अिछ, मुदा ओकरा ज निहिलखबाक चाही। उचारणमे य, जिद, जमुना, जुग, जाबत, जोगी, जदु, जम आिद कहल जाएबला शदसभक मशः य, यिद, यमुना, युग, यावत, योगी, यदु, यम िलखबाक चाही।५.ए आ य : मैिथलीक वतनीमे ए आ य दुनू िलखल जाइत अिछ।ाचीन वतनी- कएल, जाए, होएत, माए, भाए, गाए आिद।नवीन वतनी- कयल, जाय, होयत, माय, भाय, गाय आिद।सामायतया शदक शुमे ए मा अबैत अिछ। जेना एिह, एना, एकर, एहन आिद। एिह शद सभकथानपर यिह, यना, यकर, यहन आिदक योग निह करबाक चाही। यिप मैिथलीभाषी था सिहत िकछुजाितमे शदक आरभोमे “ए”क य किह उचारण कएल जाइत अिछ।ए आ “य”क योगक सदभमे ाचीने पितक अनुसरण करब उपयुत मािन एिह पुतकमे ओकरे योगकएल गेल अिछ। िकएक तँ दुनूक लेखनमे कोनो सहजता आ दुहताक बात निह अिछ। आ मैिथलीकसवसाधारणक उचारण-शैली यक अपेा एसँ बेसी िनकट छैक। खास कऽ कएल, हएब आिद कितपयशदक कैल, हैब आिद पमे कतहु-कतहु िलखल जाएब सेहो “ए”क योगक बेसी समीचीन मािणत करैतअिछ।67


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>६.िह, हु तथा एकार, ओकार : मैिथलीक ाचीन लेखन-परपरामे कोनो बातपर बल दैत काल शदक पाछिह, हु लगाओल जाइत छैक। जेना- हुनकिह, अपनहु, ओकरहु, तकालिह, चोिह, आनहु आिद। मुदाआधुिनक लेखनमे िहक थानपर एकार एवं हुक थानपर ओकारक योग करैत देखल जाइत अिछ। जेना-हुनके, अपनो, तकाले, चोे, आनो आिद।७.ष तथा ख : मैिथली भाषामे अिधकशतः षक उचारण ख होइत अिछ। जेना- षय (खडय),षोडशी (खोडशी), षकोण (खटकोण), वृषेश (वृखेश), सतोष (सतोख) आिद।८.विन-लोप : िनिलिखत अवथामे शदसँ विन-लोप भऽ जाइत अिछ:(क) ियावयी यय अयमे य वा ए लुत भऽ जाइत अिछ। ओिहमे सँ पिहने अक उचारण दीघ भऽजाइत अिछ। ओकर आग लोप-सूचक िच वा िवकारी (’ / ऽ) लगाओल जाइछ। जेना-पूण प : पढए (पढय) गेलाह, कए (कय) लेल, उठए (उठय) पडतौक।अपूण प : पढ’ गेलाह, क’ लेल, उठ’ पडतौक।पढऽ गेलाह, कऽ लेल, उठऽ पडतौक।(ख) पूवकािलक कृत आय (आए) ययमे य (ए) लुत भऽ जाइछ, मुदा लोप-सूचक िवकारी निह लगाओलजाइछ। जेना-पूण प : खाए (य) गेल, पठाय (ए) देब, नहाए (य) अएलाह।अपूण प : खा गेल, पठा देब, नहा अएलाह।(ग) ी यय इक उचारण ियापद, संा, ओ िवशेषण तीनूमे लुत भऽ जाइत अिछ। जेना-पूण प : दोसिर मािलिन चिल गेिल।अपूण प : दोसर मािलन चिल गेल।(घ) वतमान कृदतक अितम त लुत भऽ जाइत अिछ। जेना-पूण प : पढैत अिछ, बजैत अिछ, गबैत अिछ।अपूण प : पढै अिछ, बजै अिछ, गबै अिछ।68


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>(ङ) ियापदक अवसान इक, उक, ऐक तथा हीकमे लुत भऽ जाइत अिछ। जेना-पूण प: िछयौक, िछयैक, छहीक, छौक, छैक, अिबतैक, होइक।अपूण प : िछयौ, िछयै, छही, छौ, छै, अिबतै, होइ।(च) ियापदीय यय ह, हु तथा हकारक लोप भऽ जाइछ। जेना-पूण प : छिह, कहलिह, कहलहुँ, गेलह, निह।अपूण प : छिन, कहलिन, कहलौँ, गेलऽ, नइ, निञ, नै।९.विन थानातरण : कोनो-कोनो वर-विन अपना जगहसँ हिट कऽ दोसर ठाम चिल जाइत अिछ। खासकऽ व इ आ उक सबधमे ई बात लागू होइत अिछ। मैिथलीकरण भऽ गेल शदक मय वा अतमे जँव इ वा उ आबए तँ ओकर विन थानातिरत भऽ एक अर आग आिब जाइत अिछ। जेना- शिन(शइन), पािन (पाइन), दािल ( दाइल), मािट (माइट), काछु (काउछ), मासु (माउस) आिद। मुदा तसम शदसभमे ई िनअम लागू निह होइत अिछ। जेना- रिमक रइम आ सुधशुक सुधाउंस निह कहल जा सकैतअिछ।१०.हलत(◌्)क योग : मैिथली भाषामे सामायतया हलत (◌्)क आवयकता निह होइत अिछ। कारण जेशदक अतमे अ उचारण निह होइत अिछ। मुदा संकृत भाषासँ जिहनाक तिहना मैिथलीमे आएल (तसम)शद सभमे हलत योग कएल जाइत अिछ। एिह पोथीमे सामायतया सपूण शदक मैिथली भाषा सबधीिनअम अनुसार हलतिवहीन राखल गेल अिछ। मुदा याकरण सबधी योजनक लेल अयावयक थानपरकतहु-कतहु हलत देल गेल अिछ। तुत पोथीमे मिथली लेखनक ाचीन आ नवीन दुनू शैलीक सरल आसमीचीन प सभक समेिट कऽ वण-िवयास कएल गेल अिछ। थान आ समयमे बचतक सिह हत-लेखनतथा तकनीकी दृिसँ सेहो सरल होबऽबला िहसाबसँ वण-िवयास िमलाओल गेल अिछ। वतमान समयमेमैिथली मातृभाषी पयतक आन भाषाक मायमसँ मैिथलीक ान लेबऽ पिड रहल पिरेयमे लेखनमे सहजतातथा एकपतापर यान देल गेल अिछ। तखन मैिथली भाषाक मूल िवशेषता सभ कुिठत निह होइक, ताहूिदस लेखक-मडल सचेत अिछ। िस भाषाशाी डा. रामावतार यादवक कहब छिन जे सरलताकअनुसधानमे एहन अवथा िकहु ने आबऽ देबाक चाही जे भाषाक िवशेषता छहमे पिड जाए।-(भाषाशाी डा. रामावतार यादवक धारणाक पूण पसँ स लऽ िनधिरत)69


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>१.२. मैिथली अकादमी, पटना ारा िनधिरत मैिथली लेखन-शैली१. जे शद मैिथली-सािहयक ाचीन कालसँ आइ धिर जािह वनीमे चिलत अिछ, से सामायतः तािहवनीमे िलखल जाय- उदाहरणाथ-ाएखनठामजकर, तकरतिनकरअिछअाअखन, अखिन, एखेन, अखनीिठमा, िठना, ठमाजेकर, तेकरितनकर। (वैकिपक प ा)ऐछ, अिह, ए।२. िनिलिखत तीन कारक प वैकिपकतया अपनाओल जाय: भऽ गेल, भय गेल वा भए गेल। जा रहलअिछ, जाय रहल अिछ, जाए रहल अिछ। कर’ गेलाह, वा करय गेलाह वा करए गेलाह।३. ाचीन मैिथलीक ‘ह’ विनक थानमे ‘न’ िलखल जाय सकैत अिछ यथा कहलिन वा कहलिह।४. ‘ऐ’ तथा ‘औ’ ततय िलखल जाय जत’ पतः ‘अइ’ तथा ‘अउ’ सदृश उचारण इ हो। यथा-देखैत, छलैक, बौआ, छौक इयािद।५. मैिथलीक िनिलिखत शद एिह पे युत होयत: जैह, सैह, इएह, ओऐह, लैह तथा दैह।६. व इकारत शदमे ‘इ’ के लुत करब सामायतः अा िथक। यथा- ा देिख आबह, मािलिन गेिल(मनुय मामे)।७. वतं व ‘ए’ वा ‘य’ ाचीन मैिथलीक उरण आिदमे तँ यथावत राखल जाय, िकंतु आधुिनक योगमे70


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>वैकिपक प ‘ए’ वा ‘य’ िलखल जाय। यथा:- कयल वा कएल, अयलाह वा अएलाह, जाय वा जाएइयािद।८. उचारणमे दू वरक बीच जे ‘य’ विन वतः आिब जाइत अिछ तकरा लेखमे थान वैकिपक प देलजाय। यथा- धीआ, अढैआ, िवआह, वा धीया, अढैया, िबयाह।९. सानुनािसक वतं वरक थान यथासंभव ‘ञ’ िलखल जाय वा सानुनािसक वर। यथा:- मैञा,किनञा, िकरतिनञा वा मैआँ, किनआँ, िकरतिनआँ।१०. कारकक िवभिक िनिलिखत प ा:- हाथक, हाथसँ, हाथ, हाथक, हाथमे। ’मे’ मे अनुवारसवथा याय िथक। ‘क’ क वैकिपक प ‘केर’ राखल जा सकैत अिछ।११. पूवकािलक ियापदक बाद ‘कय’ वा ‘कए’ अयय वैकिपक प लगाओल जा सकैत अिछ। यथा:-देिख कय वा देिख कए।१२. मग, भग आिदक थानमे माङ, भाङ इयािद िलखल जाय।१३. अ ‘न’ ओ अ ‘म’ क बदला अनुसार निह िलखल जाय, िकंतु छापाक सुिवधाथ अ ‘ङ’ , ‘ञ’,तथा ‘ण’ क बदला अनुवारो िलखल जा सकैत अिछ। यथा:- अ, वा अंक, अचल वा अंचल, कठ वाकंठ।१४. हलंत िच िनअमतः लगाओल जाय, िकंतु िवभितक संग अकारत योग कएल जाय। यथा:- ीमान्,िकंतु ीमानक।१५. सभ एकल कारक िच शदमे सटा क’ िलखल जाय, हटा क’ निह, संयुत िवभितक हेतु फराकिलखल जाय, यथा घर परक।१६. अनुनािसकक चिबदु ारा यत कयल जाय। परंतु मुणक सुिवधाथ िह समान जिटल माापरअनुवारक योग चिबदुक बदला कयल जा सकैत अिछ। यथा- िहँ केर बदला िहं।१७. पूण िवराम पासीसँ ( । ) सूिचत कयल जाय।१८. समत पद सटा क’ िलखल जाय, वा हाइफेनसँ जोिड क’ , हटा क’ निह।71


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>१९. िलअ तथा िदअ शदमे िबकारी (ऽ) निह लगाओल जाय।२०. अंक देवनागरी पमे राखल जाय।२१.िकछु विनक लेल नवीन िचह बनबाओल जाय। जा' ई निह बनल अिछ ताबत एिह दुनू विनक बदलापूववत् अय/ आय/ अए/ आए/ आओ/ अओ िलखल जाय। आिक ऎ वा ऒ सँ यत कएल जाय।ह./- गोिवद झा ११/८/७६ ीकात ठाकुर ११/८/७६ सुरे झा "सुमन" ११/०८/७६२. मैिथलीमे भाषा सपादन पायम२.१. उचारण िनदश: (बोड कएल प ा):-दत न क उचारणमे दतमे जीह सटत- जेना बाजू नाम , मुदा ण क उचारणमे जीह मूधमे सटत (नैसटैए तँ उचारण दोष अिछ)- जेना बाजू गणेश। तालय शमे जीह तालुसँ , षमे मूधसँ आ दत समे दतसँसटत। िनश, सभ आ शोषण बािज कऽ देखू। मैिथलीमे ष क वैिदक संकृत जक ख सेहो उचिरतकएल जाइत अिछ, जेना वष, दोष। य अनेको थानपर ज जक उचिरत होइत अिछ आ ण ड जक(यथा संयोग आ गणेश संजोग आगड़ेस उचिरत होइत अिछ)। मैिथलीमे व क उचारण ब, श क उचारण स आ य क उचारण ज सेहोहोइत अिछ।ओिहना व इ बेशीकाल मैिथलीमे पिहने बाजल जाइत अिछ कारण देवनागरीमे आ िमिथलारमे व इअरक पिहने िलखलो जाइत आ बाजलो जएबाक चाही। कारण जे िहदीमे एकर दोषपूण उचारण होइतअिछ (िलखल तँ पिहने जाइत अिछ मुदा बाजल बादमे जाइत अिछ), से िशा पितक दोषक कारण हमसभ ओकर उचारण दोषपूण ढंगसँ कऽ रहल छी।अिछ- अ इ छ ऐछ (उचारण)छिथ- छ इ थ – छैथ (उचारण)पहुँिच- प हुँ इ च (उचारण)आब अ आ इ ई ए ऐ ओ औ अं अः ऋ ऐ सभ लेल माा सेहो अिछ, मुदा ऐमे ई ऐ ओ औ अं अः ऋक संयुतार पमे गलत पमे युत आ उचिरत कएल जाइत अिछ। जेना ऋ क री पमे उचिरतकरब। आ देिखयौ- ऐ लेल देिखऔ क योग अनुिचत। मुदा देिखऐ लेल देिखयै अनुिचत। क् सँ धिर असिमिलत भेलासँ क सँ ह बनैत अिछ, मुदा उचारण काल हलत युत शदक अतक उचारणक वृि72


िवद ेह Videha www.videha.co.in िवद ेह थम मैिथली पािक ई पि का www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' १२१ म अंक ०१ जनवर २०१३ (वष ६ मास ६१ अंक १२१) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>नाओं मभूिम तिह ना सचमुच मरलो अिछ । ने अपना सभ सन मौसम सुहावना आ ने गाछ-िब रीछक आन द।मुदा राजाघराना आ औोिग क घरानाक बसने कलो-कारखाना आ आरामदेह गािड़ यो-सवारी।ओना ठीक-ठीक नै बूझल छलिन मुदा चा कात जे छहरदेवाली देने रहै ओ दस िक लो मीटरसँ बेिस येमेबूिझ पड़लिन। बीचमे िस मटक कारखाना बनल। पािन , िब जलीक बेव थाक खास बेव था सेहो। कारखानासँदिछ न नमगर चौड़गर पहाड़ छै। जइमे सँ डायनामािट सँ तोिड़ पाथर अबै छै। ओना तीन हजारसँ ऊपरिम क कायरत मुदा िब ना ठौर-ठेकानक। िक छु गोटे छिथ िज नका दरमहो नीक छि ह आ आनो आन सुिव धाछि ह मुदा अिध कश िम कक िज नगीक कोनो ठौर-ठेकान नै छि ह । ने कमचारीक रहैले आवासक बेव था छैआ ने नीक मजूरीक।कारखानाक जे मु य बंधक छलाह ओ सेवा-ि◌ नवृि आइ.ए.एस छलाह। कारखानाक भीतरे नीक आवासकबेव था छलिन । दरमहो नीक। िम िथ लचलक दुभ य ईहो अिछ जे सेवा-िन वृि नीक-नीक पदािध कािर यो आअ यापको दोहरा-दोहरा नोकरी करए लगलाह अिछ । आँइ यौ, अहले वानथ आम/ स यास अव थाकिह या आओत आिक अबै-ने देबइ! जइठाम िमिथ -मािल नक एहेन ि थ ित रहत तइठाम भगवान मािल क छोिड़के हेताह? कच मािट क एकटा िद आरी बना िल अ। फाटल-पुरान साड़ी फािड़ टेमी बना िल अ। कड़ू तेलकमालीमे मखा िद औ आ सझू पहर िड हवार थानमे लेिस िद औ आ एकटंगा दऽ दुनू हाथ जोिड़ मिग िल अ जेिव ा िद अ, धन िद अ, समग िद अ!!मु य बंधकक देिख मनमे उठलिन जे िक सेवा-ि◌ नवृि क पछाित जे नोकरी केिन हार छिथ ओइसँ टाचारकबल भेटै छै।चौथाइयोसँ कम कमचारीक स् थायी नोकरी भेटल छलिन । िज नका िक छु-िक छु सुिव धो छलिन । बाकी तीन-चौथाइ ठीकेदारक अ तगत काज करैत। ओना दरमाहा कम जर छलिन मुदा गामक बोिन यातसँ बेसीछलिन ह। काजक ढंगो बेवहािर क। जना दूटा सुपर-बाइजर छलाह। दुनूक बीच एकटा मोटर साइिक ल।चौबीसो घंटा कारखाना चलैत अिछ । जइ सुपार-बाइजरक यूटी समा त भेलिन ओ मोटर साइिक लसँ डेराजेता, ओही गाड़ीसँ जइ गाड़ीसँ यूटी करैबला सुपर-बाइजर आएल छलाह। तँए यूटीक िह साव लेिन हारसंगी भऽ जाइ छलिन । तँए सभ अपन यूटीक पा छलाह।दोखरा बालु सभठाम एके रंग नै। कतौ-कतौ मेही बालु सेहो छै जेकरा खेतीक उपयोगमे आनल गेल छै।बहुत तरमे पािन (लेअर) तँए बोिर◌ ंगो महग। गहुम, बदाम, चीिन या बदाम, बाजरा, ता◌ेरक खेती ठाम-ठीम रहै।अपना सभ जक ने रंग-रंगक पशु आ ने पी। गोिट पंगरा-मोर। अपना ऐठाम जेरक-जेर कौआ, मेना,बगरा-बुगरी अिछ से नै। वातावरणो अनुकूल नै। ने रहैले गाछ-िब रीछ आ खाइक रंग-रंगक व तु आ नेपीवैक पािन क बेव था। गोिट -पंगरा गाइयो मुदा खढ़-पािन क अभाव जेर बनौने । िभ नस पहरक ै टरपर73


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>क जेना रामक भेल िहदीक को (राम को)- राम को= रामकक जेना रामक भेल िहदीक का ( राम का) राम का= रामककऽ जेना जा कऽ भेल िहदीक कर ( जा कर) जा कर= जा कऽसँ भेल िहदीक से (राम से) राम से= रामसँसऽ , तऽ , त , केर (गमे) ए◌े चा शद सबहक योग अविछत।के दोसर अथँ युत भऽ सकैए- जेना, के कहलक? िवभित “क”क बदला एकर योग अविछत।निञ, निह, नै, नइ, नँइ, नइँ, नइं ऐ सभक उचारण आ लेखन - नैव क बदलामे व जेना महवपूण (महवपूण नै) जतए अथ बदिल जाए ओतिह मा तीन अरकसंयुतारक योग उिचत। सपित- उचारण स प इ त (सपि नै- कारण सही उचारण आसानीसँसभव नै)। मुदा सवम (सवतम नै)।रािय (राीय नै)सकैए/ सकै (अथ पिरवतन)पोछैले/ पोछै लेल/ पोछए लेलपोछैए/ पोछए/ (अथ पिरवतन) पोछए/ पोछैओ लोकिन ( हटा कऽ, ओ मे िबकारी नै)ओइ/ ओिहओिहले/ओिह लेल/ ओही लऽजएब/ बैसबपँचभइयदेिखयौक/ (देिखऔक नै- तिहना अ मे व आ दीघक मााक योग अनुिचत)74


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>जक / जेकतँइ/ तैँ/होएत / हएतनिञ/ निह/ नँइ/ नइँ/ नैसौँसे/ सॱसेबड /बडी (झोराओल)गाए (गाइ निह), मुदा गाइक दूध (गाएक दूध नै।)रहल/ पिहरतैँहमहॴ/ अहॴसब - सभसबहक - सभहकधिर - तकगप- बातबूझब - समझबबुझलॱ/ समझलॱ/ बुझलहुँ - समझलहुँहमरा आर - हम सभआिक- आ िकसकैछ/ करैछ (गमे योगक आवयकता नै)होइन/ होिनजाइन (जािन नै, जेना देल जाइन) मुदा जािन-बूिझ (अथ पिरतन)पइठ/ जाइठ75


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>आउ/ जाउ/ आऊ/ जाऊमे, क, सँ, पर (शदसँ सटा कऽ) तँ कऽ धऽ दऽ (शदसँ हटा कऽ) मुदा दूटा वा बेसी िवभित संगरहलापर पिहल िवभित टाक सटाऊ। जेना ऐमे सँ ।एकटा , दूटा (मुदा कए टा)िबकारीक योग शदक अतमे, बीचमे अनावयक प नै। आकारात आ अतमे अ क बाद िबकारीक योगनै (जेना िदअ, आ/ िदय’ , आ’, आ नै )अपोोफीक योग िबकारीक बदलामे करब अनुिचत आ मा फॉटक तकनीकी यूनताक पिरचायक)- ओनािबकारीक संकृत प ऽ अवह कहल जाइत अिछ आ वतनी आ उचारण दुनू ठाम एकर लोप रहैत अिछ/रिह सकैत अिछ (उचारणमे लोप रिहते अिछ)। मुदा अपोोफी सेहो अंेजीमे पसेिसव केसमे होइत अिछआ चमे शदमे जतए एकर योग होइत अिछ जेना raison d’etre एतए सेहो एकर उचारण रैजौन डेटरहोइत अिछ, माने अपोॉफी अवकाश नै दैत अिछ वरन जोडैत अिछ, से एकर योग िबकारीक बदला देनाइतकनीकी प सेहो अनुिचत)।अइमे, एिहमे/ ऐमेजइमे, जािहमेएखन/ अखन/ अइखनक (के निह) मे (अनुवार रिहत)भऽमेदऽतँ (तऽ, त नै)सँ ( सऽ स नै)गाछ तरगाछ लग76


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>सझ खनजो (जो go, करै जो do)तै/तइ जेना- तै दुआरे/ तइमे/ तइलेजै/जइ जेना- जै कारण/ जइसँ/ जइलेऐ/अइ जेना- ऐ कारण/ ऐसँ/ अइले/ मुदा एकर एकटा खास योग- लालित कतेक िद नसँ कहैत रहैत अइलै/लइ जेना लैसँ/ लइले/ लै दुआरेलहँ/ लॱगेलॱ/ लेलॱ/ लेलँह/ गेलहुँ/ लेलहुँ/ लेलँजइ/ जािह / जैजिह ठाम/ जािह ठाम/ जइठाम/ जैठामएिह / अिह /अइ (वायक अंतमे ा( / ऐअइछ/ अिछ / ऐछतइ/ तिह / तै/ तािहओिह / ओइसीिख / सीखजीिव / जीवी/ जीबभलेहॴ/ भलिह◌ ंत/ तँइ/ तँएजाएब/ जएबलइ/ लै77


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>छइ/ छैनिह / नै/ नइगइ/ गैछिन/ छि ह ...समए श दक संग जखन कोनो िव भि त जुटै छै तखन समै जना समैपर इ यािद । असगरमे हृदए आ िव भि तजुटने हृदे जना हृदेसँ, हृदेमे इ यािद ।जइ/ जािह /जैजिह ठाम/ जािह ठाम/ जइठाम/ जैठामएिह / अिह / अइ/ ऐअइछ/ अिछ / ऐछतइ/ तिह / तै/ तािहओिह / ओइसीिख / सीखजीिव / जीवी/जीबभले/ भलेहॴ/भलिह◌ ंत/ तँइ/ तँएजाएब/ जएबलइ/ लैछइ/ छैनिह / नै/ नइ78


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>गइ/गैछिन / छि हचुकल अिछ/ गेल गिछ२.२. मैिथलीमे भाषा सपादन पायमनीचक सूचीमे देल िवकपमेसँ लगुएज एडीटर ारा कोन प चुनल जेबाक चाही:बोड कएल प ा:१.होयबला/ होबयबला/ होमयबला/ हेब’बला, हेम’बला/ होयबाक/होबएबला /होएबाक२. आ’/आऽआ३. क’ लेने/कऽ लेने/कए लेने/कय लेने/ल’/लऽ/लय/लए४. भ’ गेल/भऽ गेल/भय गेल/भएगेल५. कर’ गेलाह/करऽगेलह/करए गेलाह/करय गेलाह६.िलअ/िदअ िलय’,िदय’,िलअ’,िदय’/७. कर’ बला/करऽ बला/ करय बला करैबला/क’र’ बला /करैवाली८. बला वला (पुष), वाली ( ी) ९.आल आंल79


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>१०. ायः ायह११. दुःख दुख १२. चिल गेल चल गेल/चैल गेल१३. देलिखह देलिकह, देलिखन१४.देखलिह देखलिन/ देखलैह१५. छिथह/ छलिह छिथन/ छलैन/ छलिन१६. चलैत/दैत चलित/दैित१७. एखनोअखनो१८.बढ़िन बढइन बढिह१९. ओ’/ओऽ(सवनाम) ओ२०. ओ (संयोजक) ओ’/ओऽ२१. फिग/फाि फाइंग/फाइङ२२.जे जे’/जेऽ २३. ना-नुकुर ना-नुकर२४. केलिह/केलिन /कयलिह२५. तखनतँ/ तखन तँ२६. जारहल/जाय रहल/जाए रहल80


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>२७. िनकलय/िनकलएलागल/ लगल बहराय/ बहराए लागल/ लगल िनकल’/बहरै लागल२८. ओतय/ जतय जत’/ ओत’/ जतए/ ओतए२९.की फूरल जे िक फूरल जे३०. जे जे’/जेऽ३१. कूिद / यािद(मोन पारब) कूइद/याइद/कूद/याद/यािद (मोन)३२. इहो/ ओहो३३.हँसए/ हँसय हँसऽ३४. नौ आिक दस/नौ िकंवा दस/ नौ वा दस३५. सासु-ससुर सास-ससुर३६. छह/ सात छ/छः/सात३७.की की’/ कीऽ (दीघकारातमे ऽ विजत)३८. जबाब जवाब३९. करएताह/ करेताह करयताह४०. दलान िदिश दलान िदश/दलान िदस४१. गेलाह गएलाह/गयलाह४२. िकछु आर/ िकछु और/ िकछ आर81


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>४३. जाइ छल/ जाइत छल जाित छल/जैत छल४४. पहुँिच/ भेट जाइत छल/ भेट जाइ छलए पहुँच/ भेिट जाइत छल४५.जबान (युवा)/ जवान(फौजी)४६. लय/ लए क’/ कऽ/ लए कए / लऽ कऽ/ लऽ कए४७. ल’/लऽ कय/कए४८. एखन / एखने / अखन / अखने४९.अहॴक अहीँक५०. गहॴर गहीँर५१.धार पार केनाइ धार पार केनाय/केनाए५२. जेक जक/जक५३. तिहना तेिहना५४. एकर अकर५५. बिहनउ बहनोइ५६. बिहन बिहिन५७. बिहन-बिहनोइबिहन-बहनउ५८. निह/ नै82


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>५९. करबा / करबाय/ करबाए६०. तँ/ त ऽ तय/तए६१. भैयारी मे छोट-भाए/भै/, जेठ-भाय/भाइ,६२. िग नतीमे दू भाइ/भाए/भइ६३. ई पोथी दू भाइक/ भइ/ भाए/ लेल। यावत जावत६४. माय मै / माए मुदा माइक ममता६५. देिह/ दइन दिन / दएिह/ दयिह दिह/ दैिह६६. द’/ दऽ/ दए६७. ओ (संयोजक) ओऽ (सवनाम)६८. तका कए तकाय तकाए६९. पैरे (on foot) पएरे कएक/ कैक७०.ताहुमे/ ताहूमे७१.पुीक७२.बजा कय/ कए / कऽ७३. बननाय/बननाइ७४. कोला७५.िदनुका िदनका७६.83


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>ततिहसँ७७. गरबओलिह/ गरबौलिन /गरबेलिह/ गरबेलिन७८. बालु बालू७९.चेह िचह(अशु)८०. जे जे’८१. से/ के से’/के’८२. एखुनका अखनुका८३. भुिमहार भूिमहार८४. सुगर/ सुगरक/ सूगर८५. झठहाक झटहाक ८६.छूिब८७. करइयो/ओ करैयो ने देलक /किरयौ-करइयौ८८. पुबािरपुबाइ८९. झगड़ा-झटीझगड़ा-झिट९०. पएरे-पएरे पैरे-पैरे९१. खेलएबाक84


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>९२. खेलेबाक९३. लगा९४. होए- हो – होअए९५. बुझल बूझल९६.बूझल (संबोधन अथमे)९७. यैह यएह / इएह/ सैह/ सएह९८. ताितल९९. अयनाय- अयनाइ/ अएनाइ/ एनाइ१००. िन- िनद१०१.िबनु िबन१०२. जाए जाइ१०३.जाइ (in different sense)-last word of sentence१०४. छत पर आिब जाइ१०५.ने१०६. खेलाए (play) –खेलाइ१०७. िशकाइत- िशकायत१०८.ढप- ढ़प85


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>१०९. पढ़- पढ११०. किनए/ किनये किनञे१११. राकस- राकश११२. होए/ होय होइ११३. अउरदा-औरदा११४. बुझेलिह (different meaning- got understand)११५. बुझएलिह/बुझेलिन / बुझयलिह (understood himself)११६. चिल- चल/ चिल गेल११७. खधाइ- खधाय११८.मोन पाड़लिखह/ मोन पाड़लिख न/ मोन पारलिखह११९. कैक- कएक- कइएक१२०.लग ल’ग१२१. जरेनाइ१२२. जरौनाइ जरओनाइ- जरएनाइ/जरेनाइ१२३. होइत१२४.गरबेलिह/ गरबेलिन गरबौलिह/ गरबौलिन86


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>१२५.िचखैत- (to test)िचखइत१२६. करइयो (willing to do) करैयो१२७. जेकरा- जकरा१२८. तकरा- तेकरा१२९.िबदेसर थानेमे/ िबदेसरे थानमे१३०. करबयलहुँ/ करबएलहुँ/ करबेलहुँ करबेलॱ१३१.हािरक (उचारण हाइरक)१३२. ओजन वजन आफसोच/ अफसोस कागत/ कागच/ कागज१३३. आधे भाग/ आध-भागे१३४. िपचा / िपचाय/िपचाए१३५. नञ/ ने१३६. बचा नञ(ने) िपचा जाय१३७. तखन ने (नञ) कहैत अिछ। कहै/ सुनै/ देखै छल मुदा कहैत-कहैत/ सुनैत-सुनैत/ देखैत-देखैत१३८.कतेक गोटे/ कताक गोटे१३९. कमाइ-धमाइ/ कमाई- धमाई१४०. लग ल’ग87


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>घूिर लौिट१७३. थोरबेक१७४. बड१७५. त/ तू ◌ँ१७६. तिह( पमे ा)१७७. तही / तिह१७८.करबाइए करबाइये१७९. एकेटा१८०. किरतिथ /करतिथ१८१.पहुँिच/ पहुँच१८२. राखलिह रखलिह/ रखलिन१८३.लगलिह/ लगलिन लागलिह१८४.सुिन (उचारण सुइन)१८५. अिछ (उचारण अइछ)१८६. एलिथ गेलिथ१८७. िबतओने/ िब तौने/िबतेने१८८. करबओलिह/ करबौलिन /90


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>२४४.दृिएँ/ दृिय२४५.शािमल/ सामेल२४६.तैँ / तँए/ तिञ/ तिहं२४७.जॱ/ य/ जँ/२४८.सभ/ सब२४९.सभक/ सबहक२५०.किहं/ कहॴ२५१.कुनो/ कोनो/ कोनहुँ/२५२.फारकती भऽ गेल/ भए गेल/ भय गेल२५३.कोना/ केना/ क ना/कना२५४.अः/ अह२५५.जनै/ जनञ२५६.गेलिन /गेलाह (अथ पिरवतन)२५७.केलिह/ कएलिह/ केलिन /२५८.लय/ लए/ लएह (अथ पिरवतन)२५९.कनीक/ कनेक/कनी-मनी२६०.पठेलिह पठेलिन / पठेलइन/ पपठओलिह/ पठबौलिन /२६१.िनअम/ िनयम२६२.हेटेअर/ हेटेयर94


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>२६३.पिहल अर रहने ढ/ बीचमे रहने ढ२६४.आकारातमे िबकारीक योग उिचत नै/ अपोोफीक योग फाटक तकनीकी यूनताक पिरचायकओकर बदला अवह (िबकारी) क योग उिचत२६५.केर (पमे ा) / -क/ कऽ/ के२६६.छैिह- छिह२६७.लगैए/ लगैये२६८.होएत/ हएत२६९.जाएत/ जएत/२७०.आएत/ अएत/ आओत२७१.खाएत/ खएत/ खैत२७२.िपअएबाक/ िपएबाक/िप येबाक२७३.शु/ शुह२७४.शुहे/ शुए२७५.अएताह/अओताह/ एताह/ औताह२७६.जािह/ जाइ/ जइ/ जै/२७७.जाइत/ जैतए/ जइतए२७८.आएल/ अएल२७९.कैक/ कएक२८०.आयल/ अएल/ आएल२८१. जाए/ जअए/ जए (लालित जाए लगलीह।)२८२. नुकएल/ नुकाएल२८३. कठुआएल/ कठुअएल95


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>२८४. तािह/ तै/ तइ२८५. गायब/ गाएब/ गएब२८६. सकै/ सकए/ सकय२८७.सेरा/सरा/ सराए (भात सरा गेल)२८८.कहैत रही/देखैत रही/ कहैत छलॱ/ कहै छलॱ- अिहना चलैत/ पढैत(पढै-पढैत अथ कखनो काल पिरवितत) - आर बुझै/ बुझैत (बुझै/ बुझै छी, मुदा बुझैत-बुझैत)/ सकैत/ सकै।करैत/ करै। दै/ दैत। छैक/ छै। बचलै/ बचलैक। रखबा/ रखबाक । िबनु/ िबन। राितक/ रातुक बुझै आबुझैत केर अपन-अपन जगहपर योग समीचीन अिछ । बुझैत-बुझैत आब बुझिल ऐ। हमहूँ बुझै छी।२८९. दुआरे/ ारे२९०.भेिट/ भेट/ भट२९१.खन/ खीन/ खुना (भोर खन/ भोर खीन)२९२.तक/ धिर२९३.गऽ/ गै (meaning different-जनबै गऽ)२९४.सऽ/ सँ (मुदा दऽ, लऽ)२९५.व,(तीन अरक मेल बदला पुनितक एक आ एकटा दोसरक उपयोग) आिदक बदला व आिद।महव/ महव/ कत/ क आिदमे संयुतक कोनो आवयकता मैिथलीमे नै अिछ। वतय२९६.बेसी/ बेशी२९७.बाला/वाला बला/ वला (रहैबला)२९८.वाली/ (बदलैवाली)२९९.वा/ वात३००. अतरिय/ अतरीय96


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>३०१. लेमए/ लेबए३०२.लमछुरका, नमछुरका३०२.लागै/ लगै (भेटैत/ भेटै)३०३.लागल/ लगल३०४.हबा/ हवा३०५.राखलक/ रखलक३०६.आ (<strong>com</strong>e)/ आ (and)३०७. पाताप/ पााप३०८. ऽ केर यवहार शदक अतमे मा, यथासंभव बीचमे नै।३०९.कहैत/ कहै३१०.रहए (छल)/ रहै (छलै) (meaning different)३११.तागित/ ताकित३१२.खराप/ खराब३१३.बोइन/ बोिन/ बोइिन३१४.जािठ/ जाइठ३१५.कागज/ कागच/ कागत३१६.िगरै (meaning different- swallow)/ िगरए (खसए)३१७.रािय/ राीयDATE-LIST (year- 2013-14)(१४२१ फसली साल)97


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>Marriage Days:Nov.2013- 18, 20, 24, 25, 28, 29Dec.2013- 1, 4, 6, 8, 12, 13January 2014- 19, 20, 22, 23, 24, 26, 31.Feb.2014- 3, 5, 6, 9, 10, 17, 19, 24, 26, 27.March 2014- 2, 3, 5, 7, 9.April 2014- 16, 17, 18, 20, 21, 23, 24.May 2014- 1, 2, 8, 9, 11, 12, 18, 19, 21, 25, 26, 28, 29, 30.June 2014- 4, 5, 8, 9, 13, 18, 22, 25.July 2014- 2, 3, 4, 6, 7.Upanayana Days:February 2014- 2, 4, 9, 10.March 2014- 3, 5, 11, 12.April 2014- 4, 9, 10.June 2014- 2, 8, 9.Dviragaman Din:November 2013- 18, 21, 22.December 2013- 4, 6, 8, 9, 12, 13.February 2014- 16, 17, 19, 20.March 2014- 2, 3, 5, 9, 10, 12.98


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>April 2014- 16, 17, 18, 20.May 2014- 1, 2, 9, 11, 12.Mundan Din:November 2013- 20, 22.December 2013- 9, 12, 13.January 2014- 16, 17.February 2014- 6, 10, 19, 20.March 2014- 5, 12.April 2014- 16.May 2014- 12, 30.June 2014- 2, 9, 30.FESTIVALS OF MITHILA (2013-14)Mauna Panchami-27 JulyMadhushravani- 9 AugustNag Panchami- 11 AugustRaksha Bandhan- 21 AugKrishnastami- 28 AugustKushi Amavasya / Somvari Vrat- 5 SeptemberHartalika Teej- 8 September99


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>ChauthChandra-8 SeptemberVishwakarma Pooja- 17 SeptemberAnant Caturdashi- 18 SepPitri Paksha begins- 20 SepJimootavahan Vrata/ Jitia-27 SepMatri Navami-28 SepKalashsthapan- 5 OctoberBelnauti- 10 OctoberPatrika Pravesh- 11 OctoberMahastami- 12 OctoberMaha Navami - 13 OctoberVijaya Dashami- 14 OctoberKojagara- 18 OctDhanteras- 1 NovemberDiyabati, shyama pooja-3 NovemberAnnakoota/ Govardhana Pooja-4 NovemberBhratridwitiya/ Chitragupta Pooja- 5 NovemberChhathi -8 NovemberSama Poojaarambh- 9 NovemberDevotthan Ekadashi- 13 November100


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>ravivratarambh- 17 NovemberNavanna parvan- 20 NovemberKartikPoornima- Sama Visarjan- 2 DecemberVivaha Panchmi- 7 DecemberMakara/ Teela Sankranti-14 JanNaraknivaran chaturdashi- 29 JanuaryBasant Panchami/ Saraswati Pooja- 4 FebruaryAchla Saptmi- 6 FebruaryMahashivaratri-27 FebruaryHolikadahan-Fagua-16 MarchHoli- 17 MarchSaptadora- 17 MarchVaruni Trayodashi-28 MarchJurishital-15 AprilRam Navami- 8 AprilAkshaya Tritiya-2 MayJanaki Navami- 8 MayRavi Brat Ant- 11 MayVat Savitri-barasait- 28 MayGanga Dashhara-8 June101


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>Harivasar Vrata- 9 JulyShree Guru Poornima-12 Jul<strong>VIDEHA</strong> ARCHIVE१पिकाक सभटा पुरान अंक ेल -िवदेह ई., ितरहुता आ देवनागरी पमे Videha e journal's all oldissues in Braille Tirhuta and Devanagari versionsिवदेह ईअंक ५०पिकाक पिहल -िवदेह ईम सँ आगक अंक५०पिकाक -http://sites.google.<strong>com</strong>/a/videha.<strong>com</strong>/videha/https://sites.google.<strong>com</strong>/a/videha.<strong>com</strong>/videha-archive-part-i/https://sites.google.<strong>com</strong>/a/videha.<strong>com</strong>/videha-archive-part-ii/२.मैिथली पोथी डाउनलोड Maithili Books Downloadhttp://sites.google.<strong>com</strong>/a/videha.<strong>com</strong>/videha-pothi३मैिथली ऑिडयो संकलन. Maithili Audio Downloadshttp://sites.google.<strong>com</strong>/a/videha.<strong>com</strong>/videha-audio४.मैिथली वीिडयोक संकलन Maithili Videoshttp://sites.google.<strong>com</strong>/a/videha.<strong>com</strong>/videha-video५ आधुिनक िचकला आ िच /िमिथला िचकला.Mithila Painting/ Modern Art and Photoshttp://sites.google.<strong>com</strong>/a/videha.<strong>com</strong>/videha-paintings-photos/"िवदेह"क एिह सभ सहयोगी िलंकपर सेहो एक बेर जाउ।102


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>६.िवदेह मैिथली िवज :http://videhaquiz.blogspot.<strong>com</strong>/७.िवदेह मैिथली जालवृ एीगेटर :http://videha-aggregator.blogspot.<strong>com</strong>/८.िवदेह मैिथली सािहय अंेजीमे अनूिदतhttp://madhubani-art.blogspot.<strong>com</strong>/९.िवदेहक पूव-प "भालसिरक गाछ" :http://gajendrathakur.blogspot.<strong>com</strong>/१०.िवदेह इंडेस :http://videha123.blogspot.<strong>com</strong>/११.िवदेह फाइल :http://videha123.wordpress.<strong>com</strong>/१२. िवदेह: सदेह : पिहल ितरहुता (िमिथला़र) जालवृ (लॉग)http://videha-sadeha.blogspot.<strong>com</strong>/१३. िवदेह:ेल: मैिथली ेलमे: पिहल बेर िवदेह ाराhttp://videha-braille.blogspot.<strong>com</strong>/१४.<strong>VIDEHA</strong> IST MAITHILI FORTNIGHTLY EJOURNAL ARCHIVEhttp://videha-archive.blogspot.<strong>com</strong>/१५. िवदेह थम मैिथली पािक ई पिका मैिथली पोथीक आकइवhttp://videha-pothi.blogspot.<strong>com</strong>/१६. िवदेह थम मैिथली पािक ई पिका ऑिडयो आकइव103


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>http://videha-audio.blogspot.<strong>com</strong>/१७. िवदेह थम मैिथली पािक ई पिका वीिडयो आकइवhttp://videha-video.blogspot.<strong>com</strong>/१८. िवदेह थम मैिथली पािक ई पिका िमिथला िचकला, आधुिनक कला आ िचकलाhttp://videha-paintings-photos.blogspot.<strong>com</strong>/१९. मैिथल आर िमिथला ( मैिथलीक सभसँ लोकिय जालवृ)http://maithilaurmithila.blogspot.<strong>com</strong>/२० ुित काशन .http://www.shruti-publication.<strong>com</strong>/२१.http://groups.google.<strong>com</strong>/group/videha२२.http://groups.yahoo.<strong>com</strong>/group/<strong>VIDEHA</strong>/२३.गजे ठाकुर इ डेसhttp://gajendrathakur123.blogspot.<strong>com</strong>२४. नेना भुटकाhttp://mangan-khabas.blogspot.<strong>com</strong>/२५.िवदेह रेिडयो किवता आिदक पिहल पोडकाट साइट -मैिथली कथा:http://videha123radio.wordpress.<strong>com</strong>/२६. Videha Radio२७. Join official Videha facebook group.२८. िवदेह मैिथली नाय उसव104


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>http://maithili-drama.blogspot.<strong>com</strong>/२९.समिदयाhttp://esamaad.blogspot.<strong>com</strong>/३०. मैिथली िफसhttp://maithilifilms.blogspot.<strong>com</strong>/३१.अनिचहार आखरhttp://anchinharakharkolkata.blogspot.<strong>com</strong>/३२. मैिथली हाइकूhttp://maithili-haiku.blogspot.<strong>com</strong>/३३. मानक मैिथलीhttp://manak-maithili.blogspot.<strong>com</strong>/३४. िवहिन कथाhttp://vihanikatha.blogspot.in/३५. मैिथली किवताhttp://maithili-kavita.blogspot.in/३६. मैिथली कथाhttp://maithili-katha.blogspot.in/३७.मैिथली समालोचनाhttp://maithili-samalochna.blogspot.in/105


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>महवपूण सूचना: The Maithili pdf books are AVAILABLE FOR free PDFDOWNLOAD AThttps://sites.google.<strong>com</strong>/a/videha.<strong>com</strong>/videha/http://videha123.wordpress.<strong>com</strong>/http://videha123.wordpress.<strong>com</strong>/about/िवदेह:सदेह:१: २: ३: ४:५:६:७:८:९:१० "िवदेह"क िंट संकरण: िवदेह-ई-पिका(http://www.videha.co.in/) क चुनल रचना सिमिलत।106


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>सपादक: गजे ठाकुर।Details for purchase available at publishers's (print-version) site http://www.shrutipublication.<strong>com</strong>or you may write to shruti.publication@shruti-publication.<strong>com</strong>िवदेहमैिथली सािहय आदोलन(c)२००४-१३. सविधकार लेखकाधीन आ जतए लेखकक नाम निह अिछ ततए संपादकाधीन। िवदेह- थममैिथली पािक ई-पिका <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong> सपादक: गजे ठाकुर। सह-सपादक: उमेशमंडल। सहायक सपादक: िशव कुमार झा आ मुाजी (मनोज कुमार कण)। भाषा-सपादन: नागे कुमारझा आ पीकार िवानद झा। कला-सपादन: योित झा चौधरी आ रिम रेखा िसहा। सपादक-शोध-अवेषण: डा. जया वम आ डा. राजीव कुमार वम। सपादक- नाटक-रंगमंच-चलिच- बेचन ठाकुर।सपादक- सूचना-सपक-समाद- पूनम मंडल आ ियंका झा। सपादक- अनुवाद िवभाग- िवनीत उपल।रचनाकार अपन मौिलक आ अकािशत रचना (जकर मौिलकताक संपूण उरदाियव लेखक गणक मयछिह) ggajendra@videha.<strong>com</strong> क मेल अटैचमेटक पम .doc, .docx, .rtf वा .txt फॉमटमे पठासकैत छिथ। रचनाक संग रचनाकार अपन संित पिरचय आ अपन कैन कएल गेल फोटो पठेताह, सेआशा करैत छी। रचनाक अंतमे टाइप रहय, जे ई रचना मौिलक अिछ, आ पिहल काशनक हेतु िवदेह(पािक) ई पिकाक देल जा रहल अिछ। मेल ात होयबाक बाद यथासंभव शी ( सात िदनक भीतर)एकर काशनक अंकक सूचना देल जायत। ’िवदेह' थम मैिथली पािक ई पिका अिछ आ ऐमे मैिथली,संकृत आ अंेजीमे िमिथला आ मैिथलीसँ संबंिधत रचना कािशत कएल जाइत अिछ। एिह ई पिकाकीमित लमी ठाकुर ारा मासक ०१ आ १५ ितिथक ई कािशत कएल जाइत अिछ।(c) 2004-13 सविधकार सुरित। िवदेहमे कािशत सभटा रचना आ आकइवक सविधकार रचनाकार आसंहकक लगमे छिह। रचनाक अनुवाद आ पुनः काशन िकंवा आकइवक उपयोगक अिधकार िकनबाकहेतु ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर संपक क। एिह साइटक ीित झा ठाकुर, मधूिलका चौधरी आरिम िया ारा िडजाइन कएल गेल।107


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई प िका ‘िवद ेह ' १३३ म अंक ०१ जुलाइ २०१३ (वष ६ मास ६७ अंक १३३) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>िसिरतु108

Hooray! Your file is uploaded and ready to be published.

Saved successfully!

Ooh no, something went wrong!