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ISSN 2229-547X VIDEHA 'िवदेह' ११६ म अंक १५ अ ... - WordPress.com

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िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong><strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>'िवदेह' ११६ म अंक १५ अटूबर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६(ऐ अंकमे अिछ:-१. संपादकीय संदेश२. ग२.१.१. डॉ अणा चौधरी- लघुकथा- छलना २. जगदीश साद म डलक आठ गोटिव हिन कथा२.२. डॉ. अजीत िम- लघुकथा- यथा२.३. कािमनी कामायनी-लघुकथा- कठजीब1


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>२.४. मुी कामत- नाटक- िजदगीक मोल२.५. खुशबू झा- मैिथली कथा संह िजी पढलापर२.६. पूनम मडल-आकाशवाणी दरभंगाक जाितवादी वृिक िवरोधमे िव देह िव चार गो ठी सहकिव समेलन२.७. दुगन द म डल- नेना लेल सुदर िच कथा२.८.. अिमत िम- िवहिन कथा- पिरभाषा २. सदीप कुमार साफी दूटा िवहिन कथा३. राम िव लास साहु दूटा ि◌ वहिन कथा ४. वीरे कुमार यादव-लघुकथा- बाबाकगाछ३. प2


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>३.१. जगदीश च ठाकुर ‘अिनल’- की भेटल आ की हेरा गेल (आम गीत)- (आग)३.२.१. जगदीश साद म डलक लगभग दजन भिर गीत २. िमिहर झा- गजल३. अिमत िम-भगवती गीत/ गजल ४. अ छे लाल शा ी- दूटा किवता३.३.१. कैलास दास-कयूटर २. मोद रंगीले- मछर राज३. शंभु सौरभ- गीत३.४.१. राजदेव म डल जीक दू गोट किव ता २. डॉ॰ शिशधर कुमर “िवदेह”3


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>३.५.१. मुी कामत- िकछु किवता २. बी झा- दूटा गजल३. शाितलमी चौधरी-दुगपूजा ४. नंद िव लास राय३.६.१. पवन कुमार साह २. िबिपन कुमार कण- किव ता-देखु केहेन ईभारत ि◌नमण ३.रामदेव साद म डल ‘झादार’- झा३.७.१. बाल मुकुद पाठक- िकछु गजल २. सदीप कुमार साफी- दूटा किवता३.८.१. िवनीत उपल- गजल २. अिनल मिलक- गजल ३. िकशन कारीगर-(हाय किवता)4


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>४. िमिथला कला-संगीत १. योित झा चौधरी २. राजनाथ िम (िचमय िमिथला) ३.उमेश मडल (िमिथलाक वनपित/ िमिथलाक जीव-जतु/ िमिथलाक िजनगी)बालान कृते-१. िश वकुमार झा ‘िट लू’- िबना रदीफक बाल-गजल २. मुी कामत-िकछु बाल किवता ३. अिमत िम- बाल गजल ४. जगदानद झा मनु- मािटक बासनभाषापाक रचना-लेखन -[मानक मैिथली], [िवदेहक मैिथली-अंेजी आ अंेजी मैिथली कोष (इंटरनेटपर पिहलबेर सच-िडशनरी) एम.एस. एस.यू.एल. सवर आधािरत -Based on ms-sql server Maithili-English and English-Maithili Dictionary.]िवदेह ई-पिकाक सभटा पुरान अंक ( ेल, ितरहुता आ देवनागरी मे ) पी.डी.एफ. डाउनलोडक लेल नीचकिलंकपर उपलध अिछ। All the old issues of Videha e journal ( in Braille, Tirhuta andDevanagari versions ) are available for pdf download at the following link.िवदेह ई-पिकाक सभटा पुरान अंक ेल, ितरहुता आ देवनागरी पमे Videha e journal's all oldissues in Braille Tirhuta and Devanagari versionsिवदेह ई-पिकाक पिहल ५० अंकिवदेह ई-पिकाक ५०म सँ आगक अंक↑ िवदेह आर.एस.एस.फीड एनीमेटरक अपन साइट/ लॉगपर लगाऊ।5


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>लॉग "लेआउट" पर "एड गाडजेट" मे "फीड" सेलेट कए "फीड यू.आर.एल." मेhttp://www.videha.co.in/index.xml टाइप केलासँ सेहो िवदेह फीड ात कए सकैत छी। गूगलरीडरमे पढ़बा लेल http://reader.google.<strong>com</strong>/ पर जा कऽ Add a Subscription बटन िलकक आ खाली थानमे http://www.videha.co.in/index.xml पेट क आ Add बटन दबाउ।Join official Videha facebook group.Join Videha googlegroupsिवदेह रेिडयो मैिथली:कथाकिवता आिदक पिहल पोडकाट साइट -http://videha123radio.wordpress.<strong>com</strong>/मैिथली देवनागरी वा िमिथलारमे निह देिख/ िलिख पािब रहल छी, (cannot see/write Maithili inDevanagari/ Mithilakshara follow links below or contact atggajendra@videha.<strong>com</strong>) तँ एिह हेतु नीचक िलंक सभ पर जाउ। संगिह िवदेहक तंभ मैिथलीभाषापाक/ रचना लेखनक नव-पुरान अंक पढ़ू।http://devanaagarii.net/http://kaulonline.<strong>com</strong>/uninagari/ (एतए बॉसमे ऑनलाइन देवनागरी टाइप क, बॉससँ कॉपी कआ वड डॉयुमेटमे पेट कए वड फाइलक सेव क। िवशेष जानकारीक लेलggajendra@videha.<strong>com</strong> पर सपक क।)(Use Firefox 4.0 (fromWWW.MOZILLA.COM )/ Opera/ Safari/ Internet Explorer 8.0/ Flock 2.0/ GoogleChrome for best view of 'Videha' Maithili e-journal at http://www.videha.co.in/ .)6


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>Go to the link below for download of old issues of <strong>VIDEHA</strong> Maithili e magazinein .pdf format and Maithili Audio/ Video/ Book/ paintings/ photo files. िवदेहक पुरानअंक आ ऑिडयो/ वीिडयो/ पोथी/ िचकला/ फोटो सभक फाइल सभ (उचारण, बड़ सुख सार आ दूवतमं सिहत) डाउनलोड करबाक हेतु नीचक िलंक पर जाउ।<strong>VIDEHA</strong> ARCHIVE िवदेह आकइवयोितरीर पूव महाकिव िवापित। भारत आ नेपालक मािटमे पसरल िमिथलाक धरती ाचीन कालिहसँमहान पुष ओ मिहला लोकिनक कमभिम रहल अिछ। िमिथलाक महान पुष ओ मिहला लोकिनक िच'िमिथला र' मे देखू।गौरी-शंकरक पालवंश कालक मूि, एिहमे िमिथलारमे (१२०० वष पूवक) अिभलेख अंिकत अिछ।िमिथलाक भारत आ नेपालक मािटमे पसरल एिह तरहक अयाय ाचीन आ नव थापय, िच, अिभलेखआ मूिकलाक़ हेतु देखू 'िमिथलाक खोज'िमिथला, मैिथल आ मैिथलीसँ सबिधत सूचना, सपक, अवेषण संगिह िवदेहक सच-इंजन आ यूज सिवसआ िमिथला, मैिथल आ मैिथलीसँ सबिधत वेबसाइट सभक सम संकलनक लेल देखू "िवदेह सूचना संपकअवेषण"िवदेह जालवृक िडसकसन फोरमपर जाउ।"मैिथल आर िमिथला" (मैिथलीक सभसँ लोकप्7


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>ऐ बेर युवा पुरकार(२०१२)[सािहय अकादेमी, िदली]क लेल अहक नजिरमे कोन कोन लेखक उपयुतछिथ ?Thank you for voting!Thank you for voting!ीमती योित सुनीत चौधरीक “अिचस” (किवता संह( 25.56%ी िवनीत उपलक “हम पुछैत छी” (किवता संह( 7.22%ीमती कािमनीक “समयसँ सवाद करैत”, (किवता संह( 5.56%ी वीण कायपक “िवषदती वरमाल कालक रित” (किवता संह( 3.89%ी आशीष अनिचहारक ( गजल संह)"अनिचहार आखर"25.56%ी अणाभ सौरभक “एतबे टा निह” (किवता संह( 6.11%ी िदलीप कुमार झा ( किवता संह) क जगले रहबै "लूटन"6.67%ी आिद यायावरक “भोथर पिसलसँ िलखल” (कथा संह( 5.56%ी उमेश मडलक “िनतुकी” (किवता संह( 12.22%Other: 2%8


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>ऐ बेर अनुवाद पुरकार (२०१३) [सािहय अकादेमी, िदली]क लेल अहक नजिरमे के उपयुत छिथ?Thank you for voting!Thank you for voting!ी नरेश कुमार िवकल ( मराठी उपयास ी िवणु सखाराम खाडेकर) "ययाित"31.3%ी महे नारायण राम ( कॲकणी उपयास ी दामोदर मावजो) "मलीनका"12.17%ी देवे झा बला उपयास ी िदयेदु प)"अनुभव"◌ािलत( 11.3%ीमती मेनका मिलक ( रेिमका थापा -नेपालीक अनुवाद मूल) "देश आ अय किवता सभ"20.87%ी कृण कुमार कयप आ ीमती शिशबाला( जयदेव संकृत ) मैिथली गीतगोिवद - 13.04%ी रामनारायण िसंह ी तकषी िशवशंकर िपल् ) "मलािहन"लैक मलयाली उपयास( 10.43%Other: 0.87%फेलो पुरकार-सम योगदान २०१२-१३ : समानातर सािहय अकादेमी, िदलीThank you for voting!Thank you for voting!ी राजनदन लाल दास 46.6%9


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>ी डॉ अमरे . 32.04%ी चभानु िसंह 19.42%Other: 1.94%1.संपादकीय१समवय २-४ नवबर २०१२ इिडया हैबीटेट सेटर भारतीय भाषा महोसव SAMANVAY 2-4November 2012 IHC INDIAN LANGUAGES' FESTIVAL-समवय २०१२: भारतीय लेखनक उसव:२-४ नवबर २०१२: (इिडया हैबीटेट सेटर भारतीय भाषामहोसव)-एकर साइट अिछ http://samanvayindianlanguagesfestival.org-समवयक छिथ सयानद िनपम आ िगिरराज कराडू-उसवक िनदेशक छिथ- राज िलबरहान-उसवक एडवाइजरी बोडमे छिथ-आलोक राय, के.सिचदानदन, लमण गायकवाड, ओम थानवी, महमूदफाकी, ममता सागर, रिव िसंह, सीतशु यशच, तेमशुला आओ।-आयोजन कमेटीमे छिथ- १.इिडया हैबीटेट सेटरक ोाम टीम, २.पारस नाथ, अनत नाथ।-सहयोगी छिथ, िदली ेस आ ितिलिप बुस।-समवय २०११ मे मैिथलीक ितिनिधव केने रहिथ- गंगेशगुंजन। http://samanvayindianlanguagesfestival.org/2011/gangesh-gunjan/10


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>समवय २-४ नवबर २०१२ SAMANVAY 2-4 November 2012IHC INDIAN LANGUAGES' FESTIVALVenue: Indian Habitat Centre, Lodhi Road, New Delhi -- 110 003http://samanvayindianlanguagesfestival.org/2012/schedule/http://samanvayindianlanguagesfestival.org/2012/arvind-das/http://samanvayindianlanguagesfestival.org/2012/gajendra-thakur/http://samanvayindianlanguagesfestival.org/2012/udaya-narayana-singh/SAMANVAY 2012Venue: Indian Habitat Centre, Lodhi Road, New Delhi -- 110 0032 November 2012Afternoon4.00- 4.30: InaugurationBy Chandrashekhar Kambar, Ratan Thiyam4.45 – 5.45: Opening Session: Boli is BackSpeakers: Ratan Thiyam, Kashinath Singh, Gurvinder Singh, Nilesh MishraModerator: Alok Rai6.00 – 7.00: Opening ReadingNabaneeta Dev Sen, Sitanshu Yashaschandra, Udaya Narayana Singh, MamangDai, Arun Kamal, Arjun Deo Charan, Narender Singh Negi7.15 – 8.15: Evening PerformanceUgana re: Vidyapati by Shovana Narayanan————————————————————————————————————————————————3 Nov 201210.30-11.30: Manipuri: The Idea of NationSpeakers: Yumlembam Ibomcha, Dr. Dhanabir Laishram, Bijoykumar TayenjamModerator: Robin Ngangom11.45-12.15: Interaction: Mapping CitiesKashinath Singh, Laxman Gaikwad, Om Thanvi12.30-1.30 Maithili: Love’s Own LanguageSpeakers: Uday Narayan Singh, Dev Shankar Naveen, Gajendra Thakur11


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>Moderator: Arvind Das2.30 -3.30 Kannada: Tales of Modernities: Small Spaces, Big IdeasSpeakers:Gopalkrishna Pai, Banu Mushtaq, B.T. JahnaviModerator: Mamta Sagar3.45-4.15 InteractionMunawwar Rana4.30-5.30 English: Where’s My Reader?Speakers: Palash Krishna Mehrotra, Biman Nath, S.Hussain Zaidi, MadhuriBanerjeeModerator: Jai Arjun Singh5.45-6.30: Future of Indian Languages Publishing in Digital EraSpeakers:Akshay Pathak, Prem Prakash, Shiva KumarModerator: Rahul Dixit7.00-8.30 Evening Performance: Kashmiri Sufiyana KalamGulzar Ahmad Ganie and party————————————————————————————————————————————————————4 November 201210.00-11.00 Oriya: Reclaiming Language, Space and Body: Women WritingSpeakers: Pratibha Ray, Sarojini Sahoo, Yashodhara Mishra, Aparna MohantyModerator: Paramita Satpathy11.15- 12.15: Folk Performance: Pad DangalJagan, Dhavale and othersIntroduction: Prabhat12.30-1.30 Marathi: The City of No Outsiders MumbaiSpeakers: Arun Sadhu, Hemant DivateModerator: Prakash Bhatambrekar2.30-3.30 Kashmiri: My Reality, My LanguageSpeakers: Shahnaz Rasheed, Gulshan Badrani, Elyas AzadModerator: Nisar Azam14 3.45-4.15: InteractionGirish Kasaravali, Banu Mushtaq, Mamta Sagar4.30-5.30: Hindi: Culture and Power: A Tale of Seven Cities (Allahabad,Benares, Bhopal, Delhi, Kolkata, Lahore, Patna)Speakers: Kashinath Singh, Ashok Vajpeyi, Arun Kamal, Alka Saraogi12


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>Moderator: Neelabh5.45- 6.30: Mind Your LanguageSpeakers: Sneha Khanwalkar, Varun Grover, Ratan Rajpoot, Simran KohliModerator: Vineet Kumar6.30 – 7.00: Award Ceremnoy and ClosingSpeakers: K. Satchidanandan, Raj Liberhan, Paresh Nath, Anant Nath,Satyanand Nirupam, Giriraj Kiradoo7.15 – 8.30: Evening PerformanceSolo by Rabbi Shergill२चीनक लेखक "मो यान (लेखकीय नाम मो यान, वातिवक नाम गुआन मोये) " क सािहय लेल २०१२ कनोबल पुरकार देल जेतिह, वेिडश एकेडमी ११ अटूबर २०१२क ई घोषणा केलक। ेस कॉनफेरेसमेकहल गेल जे "मो यान" लोकगाथा, इितहास आ समकालीन घटनाक िमलनसँ जागल अवथाकआभासी(जागल अवथाक व)वातिवकताक िचित करैत छिथ। मो यान पिहल चीनक नागिरक छिथिजनका सािहय लेल नोबल पुरकार देल जेतिह।पूव चीनक शाडॲग ातमे िहनकर जम भेलिह, मो यान (१९५५- ) क माता-िपता िकसान छलिखह।जखन ओ १२ बखक रहिथ तखन सकृितक ाितक बाद हुनका कूल छोिड़ पिहने खेती आ फेरफैीमे काज करऽ पड़लिह। फेर ओ “जन वतंता सेना”मे चिल गेला, हुनकर पिहल लघुकथा १९८१ई. मे कािशत भेलिह।ओ अपन लेखनमे अपन युवावथा आ अपन जमथलीक वणन करै छिथ, जेना “रेड सोघम- लालवार”मे, ऐपर िफम सेहो बनल, डकैती, जापानी कजा आ बोिनहारक दुखद िथितक ऐमे िववरण अिछ।उपयासक अितिरत हुनकर लघुकथा सभक संह कािशत छिह। मो यानक कहब छिह जे एकटा महानउपयास िलखल जाएब अखन बाकी अिछ।समारोह १० िदसबरक हएत। पुरकारमे ८० लाख ोनर (वेडन) देल जाइत अिछ जे लगभग दस लाखडॉलर (अमेिरका)क बराबर अिछ।३13


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>ऐ बेर मूल पुरकार(२०१२)-िवदेह भाषा समान (िस समानातर सािहय अकादेमी पुरकार) ी राजदेवमडल जीक हुनकर किवता संह "अबरा" लेल देल जा रहल छिह। राजदेव मंडल अबरा-किवता-संहआ हमर टोल (उपयास) िलखने छिथ। अबरा https://sites.google.<strong>com</strong>/a/videha.<strong>com</strong>/videhapothi/Home/Ambara_Rajdeo_Mandal.pdf?attredirects=0सँ आ हमर टोलhttps://sites.google.<strong>com</strong>/a/videha.<strong>com</strong>/videhapothi/Home/HammarTol_Rajdeo_Mandal.pdf?attredirects=0सँ डाउनलोड कएल जा सकैतअिछ। http://www.videha.co.in/ पर भऽ रहल ऑनलाइन वोिटंगमे ऐ पोथीक सभसँ बेशी वोट भेटलै।वोिटंगक पिरणाम ऐ तरह रहल:ी राजदेव मडलक “अबरा” (किवता-संह) 12.67%ी बेचन ठाकुरक “बेटीक अपमान आ छीनरदेवी”(दूटा नाटक) 11.02%ीमती आशा िमक “उचाट” (उपयास) 6.34%ीमती पा झाक “अनुभूित” (कथा संह) 4.68%ी उदय नारायण िसंह “निचकेता”क “नो एी:मा िवश (नाटक) 5.23%ी सुभाष च यादवक “बनैत िबगड़ैत” (कथा-संह) 4.96%ीमती वीणा कण- भावनाक अिथपंजर (किवता संह) 5.23%ीमती शेफािलका वमक “िकत-िकत जीवन (आमकथा) 8.54%ीमती िवभा रानीक “भाग रौ आ बलचदा” (दूटा नाटक) 6.61%ी महाकाश-संग समय के (किवता संह) 5.51%ी तारानद िवयोगी- लय रहय (किवता-संह) 4.96%ी महे मलंिगयाक “छुतहा घैल” (नाटक) 9.64%ीमती नीता झाक “देश-काल” (कथा-संह) 5.51%ी िसयाराम झा "सरस"क थोड़े आिग थोड़े पािन (गजल संह) 7.16%Other: 1.93%14


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>ी राजदेव मडल जीक बधाइ। हुनका ई समान िवदेह नाय उसव २०१३ क अवसरपर देल जाएत।४मैिथलीक बी.पी.एस.सी.सँ हटाबै लेल लालू साद िजमेवार वा मैिथलीक करपंथी ोफेसर सभ िजमेवार-जखन लालू साद पिहल बेर मुयमंी बनल रहिथ तखन बी.पी.एस.सी. नाम आ टाइिटलक संग िबहारशासिनक/ आिथक/ (आ सभवतः वन आिद) सेवाक िरजट सभ िहदी अखबारमे छापने रहए। मैिथलाण सफल उमीदवारसँ ई िलट भरल रहए, झा-झा देिख लोक घबड़ा गेल रहए। की ९०% मासिहसाब छोिड़ मैिथली िलटेरेचरमे आिब सकैत अिछ? बी.पी.एस.सी. मे एल.एस.डलू., भूगोल आिदक माससेहो कोनो कोनो साल बहुत अबै छलै, मुदा एना नै, आ ओइमे कोनो एक टाइिटलक फाएदा नै होइ छलै।मैिथलीक ोफेसर सभक मूयकनमे देखाओल गेल मूखतासँ लालू सादपर चा िदससँ दवाब पड़लिह,हुनकर सामािजक यायक हँसी उड़ाओल गेल आ अततः हुनका बी.पी.एस.सी.सँ मैिथलीक हटाबऽ पड़लिह।आ तखन हुनका ात पड़लिह जे ई तँ मैिथल ाणोक ९०% लोकक हृदएमे कोनो शूल उप नै कऽसकल। जे २-४ सए गोटे शासिनक/ आिथक/ (आ सभवतः वन आिद) सेवामे मैिथलीक कारणसँ गेलिथ,वएह मा जँ कोनो मैिथली पिकाक ाहक बिन जािथ तँ मैिथली पिका सभक ई िथित नै रहत। मुदाऐमेसँ ९९% क आइ मैिथलीसँ कोनो सरोकार नै अिछ। मैिथलीक करपंथी मूखिधराज ोफेसर सभजाितवािदताक कारण मैिथलीक जे नोकसान पहुँचेलिह से इितहास हुनका सभक मा नै करत।५“िवापितक िमिथला सकृितक पिरषद ारा योपवीत संकार आ पाग-ितापन”संकृत आ अवह बला िवापित ठुरः आ किवकोिकल िवापितक बीचक अतर "िमिथला सकृितकपिरषद" आ ओइसँ जुड़ल "िकशोरीकात िम" आिद नै बुिझ सकला वा नै बूझऽ चाहलिह। ऐितहािसकिलिखत तय अिछ जे गोनू झा १०५०-११५० मे भेलाह मुदा उषा िकरण खान संकृत आ अवहबलािवापितसँ हुनकर शााथ करबै छिथ (िहदीक ऐितहािसक उपयास िसरजनहार, भारतीय ानपीठमे)।वीरे झा कहै छिथ जे गोनू झा ५०० साल पिहने भेला आ तारानद िवयोगी गोनू झा क ३०० साल पिहनेभेल मानै छिथ (दुनू गोटेक िहदीमे कािशत गोनू झापर पोथी, मसँ राजकमल काशन आ नेशनल बुकटसँ कािशत) तँ िवभा रानीक गोनू झापर िहदी पोथी (वाणी काशन) मे कुणाल गोनू झाक भव िसंहकरायमे (१४म शतादी) भेल मानैत छिथ। जखन पंजीमे उपलध िलिखत अिभलेखन गोनू झाक संकृत आअवहबला िवापितसँ दस पीढ़ी पिहने अिभलेिखत करैत अिछ, तखन ई हाल अिछ।समानातर परपराक िवापित आ पाग- िवापितक संकृत थमे ठुर िवापित कृता िलखल अिछ/ आओ िवापित ाण छिथ। हमर उेय मैिथली पदावली बला िवापितसँ अिछ, हुनका िकए पाग पिहरा कऽ"हमर िवापित" बना लेल गेल। ई तखन नै भेल जखन िबदापत नाचक मायमसँ आठ सए बख गएराण समुदाय िवापितक िजएने रखलक, मुदा तखन भेल जखन बंगाल िवापित आ गोिवददासकपदावलीक अपन बना लेलक मुदा बंगालेक िवान राजकृण मुखोपायाय सवथम १८७५ ई. मे कहलिह जेिवापित िमिथलाक किव छिथ आ बंगालेक नगेनाथ गुत सवथम कहलिह जे गोिवददास सेहो िमिथलाक15


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>किव छिथ आ जखन ई तय सोझ उठल तँ पिहने तँ सगर बंगाल हुनकापर मार-मार कऽ उठल आ बादमेमािन गेल।राजकृण मुखोपायाय जइ िवापितक िमिथलाक कहने रहिथ ओ पदावलीक िवापितक सदभमे छल,संकृत आ अवहक िवापित ठुरः क बंगाल किहयो अपन नै कहने छल।योितरीरक संकृत धूतसमागम नाटक आ संकृत आ अवहबला िवापितक गोरिवजय नाटक मय देलमैिथली गीत सेहो पदावलीक पुरान परपराक ोतक अिछ आ ऐ दुनू लेखकपर मैिथली पदावलीक भावदेखबैत अिछ।फेर िमिथलाक िवानक सोह एलिह आ िवापितक संकृत-अवह थ, गोिवददास नाा आ िवापित नाापीमे उपलध िववरण दऽ िवापित ठाकुर आ गोिवददास झा (!!!) िनकालल गेल, एतऽ रमानाथ झाकपीक सतही ान आ सीिमत दृिकोण नोकसान पहुँचेलक। फेर अनचोे पाग पिहरा कऽ (िमिथलासकृितक पिरषद- ई संथा भारतक वतंताक बाद िवापितक पाग पिहरा कऽ हुनका ाण घोिषतकरबाक कुकृय केलक) िवापित (मैिथली बला, संकृत बला नै) क "हमर िवापित" ाण वग ारा बनालेल गेल। मुदा कवीर योितरीर सन बहुत रास किव पीमे उपलध छिथ। आ जे नामक अतरिवापितमे आिब जाइ छिह (जखन िक सभ काज लािनंगसँ भेलै तैयो एकटा सबूत बिच गेलै) सेयोितरीरमे िकए नै अबैए।आब आउ गएर ाण ारा गाओल िबदापत, जे योितरीरसँ पूव (सभवतः) नौआ ठाकुर जाितमे भेल रहिथआ तकर माणमे योितरीर ारा वणन राकरमे ऐ किवक चच अिछ।िवापितक कोनो पदावलीक रचनामे अपन संकृत/ अवह लेखक हेबाक चच नै केने छिथ। मुदा हुनकररचना (संकृत आ अवहक िव, जे दोसर िवापितक रचना छी, जे ाण रहिथ) सवहाराक लेल जेदद अिछ से संकृत आ अवहक िवापितमे िकए नै अिछ? संकृत आ अवहक िवापित तँ सवहारासँघृणा करै छिथ आ िलिखत पमे कर ाण छिथ।मुदा पदावलीक िवापित तँ िनछल छिथ, िकछु कर पद कर ाणवादी सपादक लोकिन ाराघोसोआओल गेल अिछ (हायापद पमे)।िपआ देसातर (िवापितक िबदेिसया)क कसेट आब सुधीगणक सम अिछ आ मैिथल िबदेिसया लोकिनकवतमान दुदशाक बीच ई महाकिव िवापितक ित ससमान अिपत अिछ। की ई दद अवह आ संकृतकिवापितमे छिह?पदावली एकटा पैरेलल संकृितक ोतक अिछ। एे समयमे संकृत आ अवह एे लेखक िलख लेत,ओकरा क छै जे अवहमे िलखलापर िवान ओकर उपहास करै छिथ, मुदा ई दद की एकर लेशोमापदावलीक िवापितमे छिह? ओतए तँ उलास आ दद छै, सवहाराक उलास आ दद। ओ िवापित जेसंकृत आ अवह मे िलखलिह ओ राजपिडत छला से िवान रहिथ, हुनका अवहोमे िलखलापर लोकिनदा करिह। मुदा मैिथलीक िवापित जे पैरेलल परपराक अंग छिथ, ओइसँ दूर छला। ई पैरेलल परपराऋगवेदक समयसँ छै (ओइ समयमे नाराशंसी रहै)। ई पैरेलल परपराक िवापित नौआ ठाकुर जाितक रहबेकरिथ, वा ाण जाितक रहबे करिथ, से इितहास ओइपर मौन अिछ।16


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>मुदा लोककथा आ परपरा, िबदापतक सवहारासँ सघन सबध, िबफीक परपरा हुनका गएर ाण िसकरैए। संकृत आ अवहक कोनो पित निहये ओइ िवापितक पदावलीक चच करैए आ निहये पदावलीपदावलीक िवापितक संकृत वा अवह केर रचनाक चच करैए। संकृत आ अवह मुिलम आमणक,जनौ आ मिदर हेबापर दुखी अिछ मुदा पदावली तँ सवहाराक हष, उलास आ संघष अिछ; ओइतरहक हाोस ओतए नै, हुनका समएमे तँ ायः मुिलम िमिथलामे रहबो नै करिथ।आ जखन मैिथलीबलािवापित ाण रहबो करिथ वा नै तहीपर सवाल अिछ तखन पाग पिहरा कऽ कोन सोच हम सभ पैदा कऽरहल छी, "िवापित" हमर छलाह िक नै? की िवापितक ाण नै रहलासँ ओ हमर नै हेताह? की हुनकर"िपआ देशतर" बला माइेशन बला गीत महवहीन भऽ जेतै? की हुनकर शृंगािरक गीतक मा चच कोनोषडयं तँ नै? िवापित सन किवक पाग पिहरा कऽ जाितगत बधनमे बाहब कतेक सही अिछ?"मयकालीन िमिथला"मे िवजय कुमार ठाकुर िलखै छिथ: "िमिथलाक धािमक ेमे एिह सामतवादी युगीनधािमक िवचारधाराक भाव एहन सवयापी छल जे एखनहुँ एिह परपराक िनिलिखत अवशेष समाजमेिवमान अिछ: ...(घ) पाग सेहो तिक िवचारधारासँ सब अिछ।" (पृ.२६)तँ ईहो तं मं िबयाह उपनयन धिर ने रहए िदयौ। िकए ओइ पैरेलल परपराक िवापितक ओइमे सानैिछयिह। आ ई कुकृय िकशोरीकात िमक िमिथला सकृितक पिरषद केलक। ऐ तरहक लोक जैिमिथलाक संकृितक रक, ओ संकृित आ भाषा जँ आइयो बचल छै, तँ ई ओइ संकृित आ भाषाकिवशेषता िछऐ।आ रामलोचन ठाकुर अही ितियावादी "िकशोरीकात िम"क मंचसँ मंच सापे बयान देलिह (उपयासकसंयाक सबधमे) जकर कोनो ऐितहािसक महव नै छै। चेतना सिमितक पिकामे मानेर मनुज सेहो मंचसापे बयानमे जगदीश साद मडलक उपयासक संया मा ४ िलखलिह!!!जगदीश साद मडलक नाममे जँ मडल टाइिटल नै रहैत मा जगदीश साद रहैत तँ रमानाथ झाकअनुयायी हुनका ोिय, अमर-रामदेव झाक अनुयायी हुनका ाण आ "लालदासक मािरका"क लेखक वमजी हुनका कायथ घोिषत कऽ दैतिथ।आ ◌्जँ जगदीश साद मडलक फोटो उपलध नै रिहतै तँ िकशोरीकात िमक ितियावादी िमिथलासकृितक पिरषद जगदीश साद मडलक योपवीत संकार कऽ हुनका पाग पिहरा फेर वएह कुकृयकिरतए जे ओ िवापितक संग एक हजार सालक बाद केलक। आ बेरमाक कोनो बुढ़बा मािटक िढमकाकदेखबैत जगदीश साद "झा/ ठुरः" केर कापिनक घराड़ी, यएह छी, घोिषत कऽ िदतए।मलंिगयाक बेटा, रामदेव झाक बेटा आ ढेर रास छनामीक देल गािड़ सेहो िवदेहमे िबना कट-छटक छपनेअिछ, जे लोक पिढ़ सकए, िकछु गािड़ जे नै छापल जा सकैए, सएह टा नै छपने छी। आ गािरक डरसँअखन धिरक मैिथली आ िमिथलाक इितहासकार ऐ िवषयपर इशारा तँ केलिह मुदा आग नै बढ़ला।त ओ योितरीर(१२७५-१३५०) पूव िवापितये रहिथ से फेर िस होइए। जयदेव (लगभग १२००)कगीत-नृय आ िकरतिनय योितरीर पूव िवापितक पदावली मेल खाइत अिछ, संकृत आ अवहबलािवापितक काय सौवसँ मेल नै खाइत अिछ।17


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>आब पुनः आबी िमिथला सकृितक पिरषदक मंच जतएसँ रामलोचन ठाकुर मंच सापे बयान देलिह। ईपिरषद िवापितक योपवीत संकार नै, मैिथलीक योपवीत संकार केलक। ओकर िवापितक पिहराओलपाग, कोलकातासँ िबयेर मडल आ ीकात मडलक लुत कऽ देलक आ मैिथलीक योपवीत संकारपूण भऽ गेल।संकृत आ अवहबला िवापितक जाितगत करताक बानगी देखी:-कीितलता- जाित-अजाितक िववाह अधम कएँ पारक।पुष-परीामे िवापित कथा कहैत-कहैत लेखकीय वतय दै छिथ िक राजपूतक ी चिरहीन होइतअिछ, ई ओिहना भेल जेना अथववेदमे शूक पीक िबना वीकृितक िकयो हाथ पकिड़ लऽ जा सए बलावतय। संकृत आ अवहबला िवापित जाित-अजाितपर िवशेष बल दै छिथ, रत शुता/ जाित हुनकालेल महवपूण छिह। संकृत आ अवहबला िवापित कहै छिथ- अकुलीन कोनो दयाक अिधकारी नैअिछ!! आ सौदय मा धिनक आ िविश वगक एकािधकार अिछ!! संकृत आ अवहबला (िकशोरीकातिमक िमिथला सकृितक पिरषदक जनौ आ पागबला) िवापित कहै छिथ- जाित सामािजक जीवनमे अितमिनधरक तव अिछ। जे खराप कुलमे जम लैए ओ दु िदमागक सप मा बिन सकैए!! िकशोरीकातिमक िमिथला सकृितक पिरषदक जनौ आ पागबला संकृत आ अवहबला िवापित कहै छिथ- ओ देशजतऽ जाितक िनअम लागू नै होइए से लेछ देश िथक( Aspects of Society and Economy ofMedieval Mithila)- Upendra Thakurअमीर खुसरोसँ पिहने पागक वणन हमरा नै भेटल अिछ।मुदा योितरीर पूव िवापित (पदावलीक लेखक) कहै छिथ:- नृप इिथ काहु करिथ निह साित।पुरख महत सब हमर सजाित॥तािह ारे राजा ककरो दड निह दैत छिथ आ सभटा पैघ लोक एके रंग छिथ।गोिवददासक पो िल छलिह आ एकर समानातर परपरा सेहो नै छल (सभवतः सवण मय चलनककारण ई दुनू चीज छल), से िबदापत नाच जक ओ एतुा मिटमे संरित नै भऽ सकल। गंगेशउपायायक तविचतामिणक चच मुदा वधमान जे हुनका सुकिवकैरवकाननेदुः कहै छिथ, ओ किवता सभकतऽ गेल? पधर िलखैपर ितबध लगेलिह मुदा रघुनाथ िशरोमिण आ हुनकर िशय “उदयन” आ“गंगेश”क कृितक रिट कऽ चिल गेलाह आ नवीपमे नय-याय कूलक थापनाक संगे बंगालसँ िवाथएनाइ बद भऽ गेल।योितरीर पूव िवापित:- कमीरक अिभनव गुत (दशम शतादीक अत आ एगारहम शतादीक ारभ)-थ “ईर यािभा- िवभिषणी” मे िवापितक उलेख करै छिथ।ीधर दासक सदुितकणमृत, - ीधर दास िवापितक पच टा पद उृत केने छिथ जे िवापितकपदावलीक भाषा छी।“जाव न मालतो कर परगास18


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>तावे न तािह मधुकर िवलास।”आ“मुदला मुकुल कतय मकरद”(मयकालीन िमिथला, उपे ठाकुर)योितरीर (१२७५-१३५०) षः कलोल- ॥अथ िवावत वणना॥….. िवदातञो आथान भीतर भउ.तका पछा तेली. मरहठी. िव।दओितनी दुइ िचकइ गा जउन िनहािल अइसिन देषुअह. चउआचिर चीिरएकहो पिरहने …….से कइसन देषु. जइसे यागे सरवतीक गाजमुनाक सवािह। का हो तइसे तािवदाञोतके दुअओ सवािहका हो भउअह . दशञुधी राजा अवधान कराउ. िवदाञोत आथान वइसु.(िवदाञोत (पुख) भीतर भेल, तकर पाछ तेली, मरहठी। िवदओतनी (ी) दूटा रंगक गा यमुनामेनहायिल एहन देखाइए। चािर-चािर आँचरबला चीर एकहकटा पिहरने। से केहन देखू. जेना यागेसरवतीक गाजमुनाक संगबे तेहने ओइ िवदाञोतक दुनू सवािहका। दशञुधी राजाक अवधान करेलक,िवदाञोत थानपर बैसला।अमः कलोलः- ॥अथ राय वणना॥ …िवदाञोत त।िहक गीत. नृय. वा. ताल. घाघर पिरठरइतआह…िवदाञोत लोकिनक गीत, नृय, वा, ताल, घाघर पहीिर कऽ भेल।उगना महादेव: महादेव (उगनापी) िवापितक ऐठाम गीत सुनबा लेल उगना नोकर बिन रहै छलाह।मैिथलीक आिदकिव िवापित (योितरीर पूव) आ िवापित ठुरः (संकृत आ अवहक लेखक आ राजािशविसंहक दरबारी) दुनूसँ सब कऽ उगनाक ई कथा िस भेल।बोिध कायथ: िवापित ठुरःक पुष परीामे िहनक गंगालाभक कथा विणत अिछ। महाकिव िवापित(योितरीर पूव मैिथली पदावली सभक लेखक) क िवषयमे सेहो गंगालाभक ई कथा चिलत छल आ बादमेिवापित ठुरक (संकृत आ अवहक लेखक) िवषयमे सेहो गंगालाभक ई कथा चिलत भेल।िवापित ठुरःक संकृत सािहय िमिथलाक िवान परपराक लोपक बाद सोझ आएल, आ संकृतसािहयमे िवापित ठुरःक कोनो खास चच नै भेटैत अिछ आ बंगालक िवाथक एनाइयो कम भऽ गेलछल, जे अिबतो रहिथ हुनका लेल िवापित ठुरःक संकृत आ अवह सािहय समकालीनक सािहय छलजे खतम होइत िवता परपराक सािहय छल आ सेहो तखन िलखाइये रहल छल, मुदा योितरीर-पूव19


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>पदावली िसि ात कऽ लेने छल। ओइ कालक गोनू वा िवापितक समय पाग रहबो करए सेहो िनितनै, कारण अमीर खुसरो (१२५३-१३२५) मा एकर चच केने छिथ। िवजय कुमार ठाकुर एकरा सामतवादीतीक आ तं मंसँ सब मानै छिथ। मुिलम आमणक बाद अधीनथ सामतक ई पिहराओल गेल हएतआ ई मुिलम टोपीसँ मेल खाइतो अिछ, आ मा ाण-कायथ मुिलम आमणक बाद िमिथलामे सामतरहिथ (राजपूत नै) आ आइयो अही दू वगक बीच ई किहयो काल िबयाह आिदमे युत होइए।महाकिव िवापित- कवीर योितरीर(लगभग १२७५-१३५०)सँ पूव (कारण योितरीरक थमे िहनक चचअिछ), मैिथलीक आिद किव। संकृत आ अवहक िवापित ठुरःसँ िभ। सभवतः िबफी गामक नौआठाकुर ी महेश ठाकुरक पु (परपरा अनुसार)। समानातर परपराक िबदापत नाचमे िवापित पदावलीक(योितरीरसँ पूवसँ) नृय-अिभनय होइत अिछ।िवापित ठुरः १३५०-१४३५ िवषएवार िबफी-कायप (राजा िशविसंहक दरबारी) आ संकृत आ अवहलेखक। कीितलता, कीितपताका, पुष परीा, गोरिवजय, िलखनावली आिद ंथ समेत िवपुल संयामेकालजयी रचना। ई मैिथलीक आिदकिव िवापित (योितरीर पूव)सँ िभ छिथ।६जगदीश साद मडल- एकटा बायोाफी...भुमहुर आिग जक गामक राजनीित तरेतर जोड़ पकड़ए लागल। भगवती थान अगुआएल। तइ संग एकटाआरो भेल। आरो ई भेल जे खुदरा-खुदरी सभ िक यो सभ- थान (देव थान) अबै-जाइ छलाह मुदा मने-मनबँटाएल छलाह। खाली िड हवारे थान सावजिन क बूझल जाइ छल। जेकर प ट प िब आह, मूड़न, उपनैनइ यािद मे देखल जाइत अिछ । िड हवार थान एकहरे वंशक थािप त कएल अिछ । दुगपूजा एकहरे िद यादकतोड़लक। भेल ई जे एकहरे पिर वार (िद यादी) गामक ाणमे सभसँ नमहर िद यादी अिछ जे दू टोलमेिव भािज त छिथ । उरवािर टोल आ दिछ नवािर टोल। बड़की पोखिर क उरविर यो आ दिछ नविर यो महारपरदुगपूजा होइत अिछ । पोखिर बीचमे सीमा अिछ। गामक सीमा (टोल-टोलक) गजपटे रिह गेल। जना आन-आन गाममे कतौ सड़क सीमा होइए तँ कतौ कूल, से नै भेल। पािन येमे सीमा गड़ा गेल। उरवािर दुग- थानक अगुआइ बेरमा िन वासी मधेपुर लौकक मुख आ जगदरक नथुनी िस◌ ंह केलिन । मुख गामकभिग नमान, तँए एकहरे पिर वारमे गुन-गुनी उठल। मुदा दुनू गोटे माने मुखो आ नथुिन यो िस◌ ंह एकहरेपिर वारसँ दुगक मािट लेलिन । दिछ नवािर टोलक एकहरे अपन थान बूिझ दस-आना छ-आना हुअए लगलाह।आबाजाहीमे बढ़ोतरी भेल। भोज-भात सेहो बढ़ल। ओइ समए बचनू िम जे राजनीित क दृि ट सँ मािट धऽ नेनेछलाह। आिथक िव षमता रहबे करिन । ओना चािर भइक भैयारी छलिन । चा भइ गामक सेसर देहबलामाने हाड़-काठक। मुदा मुकदमामे ओझरा गेल रहिथ । दिछ नवािर टोलक एकहरे पिर वारमे बचनू िम क नीकपइठ रहिन । ओ िद न-राित एकब कऽ दिछ नविर या दुगक मािट सेहो एकहरे पिर वारसँ िल औलिन । एकहरेपिर वार िव भािज त भऽ गेल। ाण बँटा गेला, जइसँ पूजा-पाठक कोनो अभाव किह यो नै भेल अिछ । अही20


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>बीच कपलेर राउतक बाबा मरलिन । पुरोिह त अपन ललकारा भरलिन । लड़ाइ फँिस गेल। लड़ाइ ई फँसलजे एक िद स पुरोिह त अपन शि त देखबए लगलाह तँ दोसर िद स किप लेर अिड़ कऽ ठाढ़ भऽ गेल। मुदापचे-सात िद नक बीच (सराध-मृ युक बीच) इलाका गनगना गेल। मृ यु िद न िव वाद तँ नै उठल मुदा नवचेतना जर जागल। नव चेतना ई जे पाटक भीतर बंधनक पमे िज नगीक पकड़लक, मृ युक समाचारसुिन ते लोकक ढबािह लािग गेल, जना सम ये हरा गेल। िक यो कपड़ा िक नए गेल, िक यो बस कािट चचरीबनबए लागल, िक यो अिछ या खुनए गेल। बजआ करखाना जक कारोबार चलल। मुदा जिह ना एकक पनीक इंजनक पाट दोसर क पनीक लगौने अनेरो खड़खड़ाइत-झड़झड़ात रहैत अिछ तिह ना शुहेसँ हुअएलागल। चचरी बनबैसँ पिह ने बस कटैमे रा-टोकी शु भेल। रा-टोकीक मूल कारण िभ -िभ न जाित किभ -िभ िव िध -िव धान। मुदा संयोग तँ एहेन भेल जे सभ टोलक लोक एकठाम पहुँच गेलाह। जिह ना गजेरीधुआँक गंध लिग ते ेमी िद स आँिख उठा-उठा देखए लगैए तिह ना जइ काजक जे ेमी ओ अपन-अपन ेमीिद स ताकए लगलाह। मुदा ऐ बातपर सभ सहमत जे जइ जाित क काज छी हुनकर महत बेसी होइ। घरबैया(किप लेर तीनू भइ) कुबेरक खजाना खोलने। जइ काजमे जे जरित होइ, पुछैक कोनो खगता नै। अपनगाछी-कलम अिछ , बँसबािर अिछ । तीनटा बस चचरी ले कटल। चचरी बनबै काल केहेन ब ला आ फाहोइ, तइले फेर रा-टोकी उठल। मुदा पाटक भीतर एहेन-एहेन नेता रहिथ जे घरहिट यो रहिथ । तँए हुनकेजुित सँ चचरी बनल। फेर लकड़ी कटैमे झंझट उठल। एकटा शीशोक (जइमे सारी नै भेल रहै) सूखलगाछ। जइसँ काज चिल सकै छल। मुदा भेल ई जे िब ना बुझने-सुझने अपने फुरने दू गोटे फड़ैबला आमेकगाछ कािट कऽ खसा देलक। मुदा कएले िक जा सकैए। सूखल जरनाक सेहो जरत अिछ ये, ओहो शीशोकटाएल। तीन-चािर िद न तक डोम लकड़ी उिघ ते रिह गेल। खैर जे होउ..। मुदा सैकड़ो आदमी एकठामबैिस असमसान देखलक। पसाही जक कोन लुी िक महर उिग कऽ पकिड़ लइत, तेकर ठेकाने ने रहल।एक गोटे असमसानसँ आएल। आन गाम जाइक रहै, दाढ़ी-केश कटा कऽ चिल गेल। दाढ़ी केश तेसर िद नकटाइ छै, तिह ना सीमा टपैक बात सेहो उठल। जना सॱसे गाम रंग-िब रंगक पसाही लािग गेल। कोनो एकमुँहरी गप नै, सभ गिड़ मुड़ाह। केकरो मुँह िक हरो तँ केकरो नगिड़ िक हरो। मुदा ललकाराक मैदानमे तँललकरे जोर पकड़ै छै। तँए िक यो अपना तकक िव तक-कुतक मानैले तैयारे नै। मुदा जिह ना कलकासड़कपर गाड़ीपर गाड़ी, लगले रहै छै तिह ना तते सम या (गप-सपक ममे) उठए लागल जे ग पे-गपमेओझरा जाइ छल। कोनो घटनाक गप कोनो घटनामे िम िल जाए। जिह ना दू देशक बीच लड़ाइमे सीमाकातक लोकक नीन हराम भऽ जाइ छै तिह ना गामक लोकक बीच भऽ गेल। पिह ल िद न बहुतो गोटे नै बूिझपेला, दोसर िद न पता चललिन जे िक छु गोटे जिह ना अपन कुरहिड़ -टगारी लऽ कऽ गेल रहिथ ओ संगे नेनेचिल यो एला, चलिन अिछ जे तेराइत तक सभक छुतका लािग जाइ छै, तँए तीन िद न ओहो सभ िक छु नेकरत। जे सभ कुरहिड़ -टगारी लऽ कऽ आएल रहिथ हुनका जगदीश साद मडल पुछलिखन जे िक अएअनिल ऐ? ओ सभ जबाब देलिखन जे झंझारपुरबला पाटक (लकड़ी कारोबार केिन हार) कुरहिड़ िछ ऐ, आइसमाज दुआरे काज कामै केलॱ, जँ कुरहिड़ बरदा जाइत तखन तँ काजे ब भऽ जइतए। तही बीच एकगोटा बािज उठलाह जे आन गामक कुरहिड़ भेल िक ने, गामक कुरहिड़ क ने छुतका लगतै आिक आनो गामकओजारक छुतका लागत। मुदा कुरहिड़ बला गप ओते नै पकड़लक जते केशबला पकड़लक। रंग-रंगक गपचलए लागल। तेरहा सराध होइत तँ िद याद-वाद सिह त नह-केश िद न केश कटौताह, तँए घरवालीक कोनो21


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>मतलबे नै। समाजमे एक जाित क संग आनो जाित आ एक टोलक संग आनो टोलक लोक रहिथ मुदावैचािर क टकराव टोले-टोल, घरे-घर हुअए लागल। िव िच ि थ ित बिन गेल। जिह ना गाममे झंझट बढ़लतिह ना पंचैित यो बढ़ल। अिध क पंचैित यो बढ़ने झंझट कमबो कएल आ बढ़बो कएल। िक यो बजै छल जेजखन मुरदा जरौला बाद पोखिर मे नहेलॱ, आंगन आिब लोह-पाथर छूलॱ, अपना ऐठाम आिब सोहराइ वािम रचाइ खा नहा कऽ कपड़ा बदिल लेलॱ तखन छुतका कतेटा अिछ जे तैयो लगले रिह गेल। तँ िक यो बजैछल जे केश-का िद याद होइ छै िक आनो हेतइ। तँ िक यो बजै छल जे काि ये दस पैया दऽ कऽ केशबनौने छलॱ, केना कटा लेब। गाममे गपो चलैत आ पराते भने िक छु गोटे केश कटा लेलिन । िब नापनचैित येक पनचैती भऽ गेल जे केशमे िक छु लागल रहै छै िज नकर मन मानए कटाबए, नै मन मानए नैकटाबए। दू िद न एिह ना चलल। तेसर िद न छाउर-झ पी हएत। अखन धिर सभ (समाज) कोनो ि◌ नणए नैकेने छल जे की कएल जाए, मुदा पिर ि थ ित क सामना जर कएल जाएत से तय छल, ई सबहक मनमेरहबे करिन । जखन जे सम या उठत तेकर समाधान तखने करब। जइ िद न छाउर-झ पी छल ओइ िद नघरवारी (किप लेर राउत) एकटा समगक महापा ऐठाम पठौलिन। बेरमामे महापा नै अिछ, कछुबीक पुजबैछिथ । जेहो सभ नै बाजक चाही सेहो सभ महापा किह ि◌ नणए सुना देलिख न जे नै जाएब, कछुबीसँ आिबओ समग बाजल। छाउर-झ पीक समए भेल जाइत रहए। की कएल जाए? िब देर ठाकुर (नौआ) बाजल जेछाउर-झ पीक सभ लूिर हमरा अिछ । हम झँपबा देबै। सएह भेल। राित मे सराध कममे पुरोिह तक (ाण)ओते महत नै होइत अिछ जते महापाक। ि◌नणए िक छु नै भेल, भेल एतबे जे जिह ना महापाक कहिल यिनतिह ना पुरोिह तोक पुिछ िल अनु। सएह भेल। दोसर िद न जखन पुरोिह तक पुछल गेलिन तखन ओहो ओहनेजबाब देलिख न जे नै जाएब। सभ िव चािर ये नेने रहिथ । िद नेमे बेपहर अपनामे बैसार भेल। सवस मिति◌ नणए भेल जे पुरोिह त-पा छोिड़ देल जाए। सराधमे दू काज होइ छै। ि या-कम आ भोज। जे खचि या-कममे हएत ओ भोजेमे लगा िद औ। ओना बरइ सभ गाममे नै छिथ , िक छु गनल-गूथल गाममे छिथ, सभकुटुमैतीमे सघन गूथल छिथ । जिह ना शंख फूिक महाभारत शु भेल तिह ना शंख फुका गेल। चौबगलीगाममे समाचार पसिर गेल। आन-आन गाममे सेहो रंग-िब रंगक सवाल उठए लागल। कतौ उठल जे जँ ि या-कम नै हएत, तँ भोज नै खाएब। कतौ उठल जे िक यो अपन बाप-दादाक करैए तइसँ िक पंचक (भोजखेिन हारक) मुँह छुबा जाएत। कुटुम सभ िज ासा करए अ◌ाबए लगलिन । जे आबिथ हुनकर जबाब होि ह जेसामािज कता टुटने कुटुमैती थोड़े टूिट जाएत। समाज बिन कऽ नै कुटुम बिन कऽ तँ खेबे करब। गामोमेजाित क बीच िव वाद उठल। मृ युक दसम िद न, जइ िद न नह-केश की हएत। िभ नसुरके पहर करीब आठबजे बैसार भेल। बैसार अइले भेल जे अखन धिर क भोज-भात खाजा-मूंगबापर अँटकल छल। लोकक जीवन तर एे िन च छल। ऐठाम खाजा-मूंगबा वा लडू तक पहुँचल छल तँए खान-पानमे धा मारल जाए।तँए रसगु ला-लालमोहनक संग पय त दहीक बेव था हुअए। भोज-भातक ई ि थ ित अखनो थोड़-थाड़ अिछ येमुदा पिह ने िक छु जाित भोजक मामलामे बदनाम छल। एक बरतन चाह बनल, िज नका जते मन फुरलिन सेतते पीलिन । पान चलल, ओना पान बिजत अिछ तैयो । अखन धिर जाित क ओझरी छुिट चुकल छल।एगारहो गामक जाित सहमत भऽ गेलाह जे भोज खाएब। वातावरणमे उठल जे िक यो अपन माए-बापकिक िर या-कम करत आिक अनकर। तइसँ अनका िक जे अनेरे कुटुम-पिर वारसँ मुँह फू ली कऽ लेब। अखनधिर क सोझराएल काज देिख सबहक मन हिर अर। तइपर चाहक झॲक सेहो रहए। तइमे रसगु ला-लालमोहन22


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>आगूएमे अिछ , सभक बुझले जे गौआँसँ अनगौआँ धिर क िह सा बराबरे अिछ । गप शु होइते तीनू बिह न(बेटी) आिब ठाढ़ केलक जे नह-केशक भोज हम करब, जिट ल भऽ गेल, तीनू कहै छै हम करब।अ छा किह तीनू बिह नक िव दा कएल गेल। मुदा ओझरी लिग ते गेल। जखन नमहर भोजक योजना बिन गेलतखन छोटका-छोटकाक तँ रोकए पड़त। कुबेरक भंडार तँ नै िछ ऐ जे जते िनकालब तते बढ़तै। नह-केशभोजमे खाइले केकरा देल जाइ छै ओकरे ने जे किठ यारी गेल रहल। भोज कथीक होइ छै, तँ भतभोज।सभ जाित क बीच तँ भातक चलिन नै छै। तखन? एे काज केिन हारमे दू रीित नीक हएत। होइत-हबाइतनह-केश िद नक भोजे उठाव भऽ गेल। तीनू बिह नक कहल गेल जे भोज नमहर भइये रहल अिछ तेहीमे अहूँसभ जे ि◌ दअ चाहै छी से िम ला िद औ। ओते घरवारीक असान हेतइ। तीनू बिह न राजी भऽ गेलीह। दोसर उठल जे पुरोिह त-महापा नै औताह तेकर की करब। िक यो जाित क पुरोिह त ताकए लगलाह तँ िक योिक छु। मुदा िक छु आन जाित मे शु भऽ गेल मुदा से नै भेल। तँए जाित मे भेटबे ने कएल। िक छु गोटेकिव चार जे जखन ओ सभ (पुरोिह त-पा) एबे नै करताह तखन सोलहो आना छोिड़ िद औ। िक छु गोटेकिव चार जे जखन गामेमे देखै िछ ऐ राम, सदाय, पासवान इ यािद क अपन सभ िक छु छै तखन हमहूँ सभिक अए ने बना ली। तखन िक हुअए? रामअवतार राउतक पुजबैक भार देल गेलिन आ िब देर ठाकुरसहयोगी बिन पुजा देिथ न। पुजौल केना जाए? कोन जरी कोनो चीजक अिछ , से नै तँ केरे पातपरपुजौताह आ दिछ नामे दुनू गोरेक एक-एक जोड़ धोती देल जेतिन । सएह भेल। सराधे िद न (एकादशा) भोजकरैक िव चार भेल। भोज भलै। काफी जस भोजमे भेल। मुदा जाित क बीच जे िर एकशन भेल ओ...।अखन धिर दसो िद न रंग-रंगक बैसार गामसँ आन गाम धिर होइते रहल। अंतमे रतीश बाबूक (नवानी) ि◌नणएभेल, जे जित या आगू पित या नै लगै छै।सन् सतालीस...भारतक वतं िवािणक झडा फहरा रहल छल।मुदा कयूिनट पाटक माननाइ छल जे भारत वतं नै भेल अिछ।असली वतंता भेटब बकी छै...िमिथलाक एकटा गाम…जम भेल रहए एकटा बचाक.. ओही बख ...ओइ वतं वा वतं नै भेल भारतमे...िपताक मृयु...गरीबी.. केस मोकदमा...वंिचतक लेल संघषमे भेटलै वतं भारतक वा वतं नै भेल भारतक जेल....आइ बेरमामे पच-दस बीघासँ पैघ जोत ककरो नै..ओइ गाममे जीिवत अिछ आइयो िकसानी आमिनभर संकृित...23


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>पुरोिहतवादपर ाणवादक एकछ रायक जतऽ भेल समाित..संघषक समाितक बाद िजनकर लेखन मैिथली सािहयमे आिन देलक पुनजगरण...जगदीश साद मडल- एकटा बायोाफी...गजे ठाकुर ारा (अनुवतते...)अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।२. ग२.१.१. डॉ अणा चौधरी- लघुकथा- छलना २. जगदीश साद म डलक आठ गोटिव हिन कथा२.२. डॉ. अजीत िम- लघुकथा- यथा२.३. कािमनी कामायनी-लघुकथा- कठजीब24


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>२.४. मुी कामत- नाटक- िजदगीक मोल२.५. खुशबू झा- मैिथली कथा संह िजी पढलापर२.६. पूनम मडल-आकाशवाणी दरभंगाक जाितवादी वृिक िवरोधमे िव देह िव चार गो ठी सहकिव समेलन२.७. दुगन द म डल- नेना लेल सुदर िच कथा२.८.. अिमत िम- िवहिन कथा- पिरभाषा २. सदीप कुमार साफी दूटा िवहिन कथा३. राम िव लास साहु दूटा ि◌ वहिन कथा ४. वीरे कुमार यादव-लघुकथा- बाबाकगाछ25


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>१. डॉ अणा चौधरी- लघुकथा- छलना २. जगदीश साद म डलक आठ गोटिव हिन कथापटनाडॉ अणा चौधरी, अया, मैिथली िवभाग, मगध मिहला कॉलेज, पटना िविवालय,लघुकथाछलनाओकर नाम छलैक ‘छलना’। हम जखन-जखन ओकर नाम सुनैत छिलयैक तँ आय होइत छल जे एकरमाय-बाप क आर कोनो दोसर नाम निह फुरेलैक ? एक िदन संयोग सँ ओकर माय सँ भिट भेल। हमरारहल निह गेल। देिखते; पुिछये त लेिलयैक- ऐँ यै अहक आरो कोनो दोसर नाम बेटी लेल निह फुराएल ?ओ एकटा दीघ िनःास छोिड़ हमरा िदस िनिममेश दृिएँ तकैत चुपचाप ओतए सँ ससिर गेल। ओकरताकब हमरा नीक निह लागल - हम कने अितभ भए उठलहुँ।िकछु िदनक बाद एक िदन छलना, हमरा सँ भट करए आएल गोड़ लािग पैर लग बैिस गेल। हम कतबोकहिलयैक - उपर सौफा पर बैिस, मुदा किथलए, ओ ओतिह ओिहना बैसल रहल। बड़ी कालक बाद नहुँ-नहुँबाजल-अपना ऑिफस मे हमरा नौकरी निह रखा देब! ब दाइएक काज करब, खुब मन लगाकए काजकरबैक, ककरो िशकाए तक मौका निह देबैक। हम अह क अिता निह होमए देब। एके ससमे ओसमटा बािज गेल वर कने मयम, मुदा उसाह आ उमंग सँ भरल ओकर हृदयक भावना हमरा वंशी जकखॴच रहल छल। ओकर बाजब; ओकर शु-शु उचारण सुिन आयिचिकत भेलहुँ- पुछिलयैक;िकछु, पढ़लो-िलखल छ ? ओ मुड़ी िनहुरौने बाजल हँ, बी.ए. पास छी सुिन जेना हम आकाशसँ खसलहुँ।िवासे निह भए रहल छल ओकर बातक। सोचय लगलहुँ-ीक घरसँ बहराएब, आजुक ी िशाक बात,सरकारक य, मिहलाक उथानक ित लोकक मानिसकता, जागकता, वैीकरणक पराकाा-भक टुटल-देखैत छी ओिहना पैर लग िनहुरल बैसल अिछ, छलना। हमरा अनुमान छल-कहुना ‘क’ ‘ट क पिढ़ लैतहोएत भिरसक। मुदा ई एहन साधारण कद-काठीक छौड़ी एतेक पढ़ल होएत से त’ सपनहुँ मे निह सोचने26


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>छलहुँ। गाम मे पढ़ाई कएने छ ? बाजल-पूना मे बाबू छलिथ, ओतिह उच िवालय सँ मैिक पास कएलहुँमुदा बाबू चिल बसलाह। बाबूक कमाईसँ कहुना घर चलैत छल। तािह पर सँ हमर पढ़ाईक खच हुनका बड़शौक छलिन जे बेटी पिढ़-िलख बडका ऑिफसर बनए। हमहु मने-मन सपना देखैत छलहुँ। मन लगा पढैतछलहुँ जे बाबूक िवास निह टुटैह। मैिक अवल नबर सँ पास कएलहँ◌ु। विजफा भेटल तँ सपिरवार खूबस भेल। मन मे आतिरक सतोष भेल जे हमर पढ़ाईक िचता सँ बाबू फािरग भए जएताह ओिहना हुनकापर अपन सात बिहनक दाियव छलिन। बाबू भाई-बिहन मे सब सँ जेठ। जखन सब छोटे रहिथ-हमरदादाक मृयु भए गेलिन। ता धिर दसमे मे पढ़ैत छलाह - धरक भार आ बिहन सभक िबयाहक समया सँिवचिलत छलाह। पढुआ का पूनाक एक बक मे चपरासीक नौकरी लगवा देलिखह। तािह सँ सातो बिहनयथासाय वर-घर कए िनित भए गेलाह।बाबू पािरवािरक दाियव सँ चैन भए अपन यितगत जीवन िदस असर होइत माय क गाम सँ पूना बजालेलिखन। तीनू गोटा सुख-सुिवधा सँ रहए लगलहँ◌ु-माय घर सहारय, बाबू बक आ हम िनित सँ कॉलेज......एक िदन कॉलेज सँ आिब बैग-बता रिखते छलहुँ िक मकान मालिकन वर सुनलहुँ - कतए छीयै बक सँफोन आएल अिछ- बक मे डकैती भए गेल छैक, िकछु गोटे घायल अिछ, िकछुक मृयु भए गेल छैक।करेज कपए लागल मोन सशंिकत भेल- की भेलैया ? दौड़लहुँ बक िदस। पता लागल बाबूक गोली लागलछिह आ ओ अपताल मे छिथ, खून बहुत बिह गेल छिन, हमर खून देल गेलिन मुदा हमर खून हुनका बचानिह सकलिन। हमर सबहक दुिनय उजिड़ गेल। माए एिह दुःख सँ एखन धिर उबिर निह सकल अिछ।ओकर अतमन मे कतहुने कतहु बाबूक मृयुक एकटा कारण हमहुँ िछयैक। कारण लगैछ जेना माए सोचैतछल-आब तीन-गोटेक छोट-छीन पिरवार, गाम मे रहब-थोड़-बहुत जमीनक उपजा-बाड़ी सँ गुजर-बसर करब।मुदा हमर पढाई आ बाबूक आस, ओकर मोनक बात पूरा निह भए सकलैक। बाबूक लालसा छलिन, हमरखूब-पढब-िलखब आ खूब नीक वर-घर मे िववाह, करएबाक-लगैत अिछ जेना अथभाव मे बिहन सभकिववाहक कमी’ हमर िववाह धनी-गणमाय पिरवार मे कराए पूरा करए चाहैत छलाह। अपन हृदयक टीस कहमर उजवल भिवयक िनमण सँ दूर करए चाहैत छलाह। माएक गाम मे रहबाक इछा क हमर उवलभिवयक िनमण सँ दूर करए चाहैत छलाह। माएक गाम मे रहबाक इछा क मोनमे दािब बक मे नौकरीकिरते रिह गेलाह। के जनैत छल जे िविधक िवधान एहन होएत ? एिह असामियक घटना सँ माए जेनामािटक मूरत भए गेल। मृयुक समाद सँ गमी लािद देलक कोनो ितिया निह, िनिवकार भाव सँ लोककमूँह तकैत रहैत छल। आस-पड़ोसक लोकक यास सँ ओकरा येन-केन कारेण सामाय अवथा मे आनलगेलैक तखन जे ओ दन कएलक से किह निह, सभ लोक भाव-िवहुल भए उठल। कनेक शात भेलाकबाद, ओ हमरा गािर-ाप देमए लागल-ओकर मुँह सँ अितम बहराएल शद छलैक-छलना। अपन एिह नवीननामकरणसँ हमहुँ शत-ितशत सहमत छी कारण निह हमरा पढ़ैक उकंठा रिहतए आ निह बाबूक मोन मेहमर उजवल भिवयक एतेक महवाका त हम सभ माएक इछानुसारगाम चिल गेल रिहत हुँ आ हमरा माएक जीवनक संग एतेक टा छल निह होएत ?ओकर तँ जीवने उजिड़ गेलैक ! एहने आशा िवहीन अधकारमय जीवनक कपनासँ ओ पुनः जेना बौक भए27


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>गेल। एखन ओ सामाय लोक जक िया-कलाप करैछ िकतु िदमाग ओकर सु भए गेल छैक। संग रहैतअिछ मुदा अनभुआर चलैत-िफरैत, िहलैत-डोलैत कठपुतली सन। हम, अवाक भेल बडी काल धिर ओकरएकतरफा बातलाप आ घटना सुनैत रहलहुँ चुपचाप। मोन दुखी अशात अिख भए गेल। तथािप एखनोमोन मे िजासा बनले रहल ओकर नाम की िछयैक?हम पुिछये बैसिलयैक गे तोहर असली नाम की छौक?ओ मुड़ी िनहुरौने उर देलक ‘आशा’।जगदीश साद म डलक आठ गोट िव हिन कथा-उड़हिड़एक तँ ओिह ना जूरशीतलक भोर, चािर ये बजेसँ च कूप बिन इनार अकास-पताल एक केने, िस रिस राइतवस त िस र सजबै पाछू बेहाल, जे जतए से ततैसँ पीह-पाह करैत। तइपर तीन िद नसँ एकटा नवका गपगाममे सेहो उपिक गेल छै। ओ ई जे कपरचनमा उड़हिड़ गेल। रंग-िब रंगक खेरहा-खेरही गाममे िछ टाइत।ओना उपरका जहाज जक ीगणक बीच गप हवाइ भेल मुदा पुखक बीच कोनो सुिन -गुिन नै। तँएकपरचनमाक िप ता-रघुनाथक लेल धैन-सन। माए कुड़बुड़ाइत मुदा सासुक डरे मुँह नै खोलैत। ओना परगामीभेने माइयो आ पि योक मन ओते घबाह नै होइत। होइत तँ ओतए जतए सीमानक आिड़ धारक बािढ़ मेभिस या जाइ छै। कुसमा दादीक माने कपरचनमाक दादीक मनमे िम िस यो भिर हलचल नै। कोनो िक बेटीजाित छी जे अबलट लागत। बेटा धन छी जतए रहत ओतए खुा गािड़ कऽ रहल। िक यो बजैए तँ अपनमँ◌ुह दुइर करैए।28


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>जूरशीतल पाविन , अपने हाथे कुसमा दादी इनारसँ पािन भिर असीरवाद बॅटबे करतीह। तहूमे तेहेन गपपिर वारक उड़ल छि ह जे बटबो जिर ये छि ह । ओना अ हरगरे मनमे उठल रहिन मुदा पहरक ठेकान नैरहलिन । जखन गाममे पीह-पाह शु भेल तखन फुड़फुड़ा कऽ उिठ ला◌ेटा-डोल लेने इनार िद स बढ़ली।मनमे ईहो रहिन जे इनार परक असीरवाद बेसी नीक अंगनाक अपेा होइ छै। तँए सभसँ पिह ने इनारपरपहुँचब जरी बुझलिन । आब िक कुशक जौर आ घट थोड़े रहल मुदा तैयो।इनारसँ डोल ऊपरो ने भेल छलिन आिक नवनगरवाली समिज या-पुतोहु अिब ते देखलिन जे दादी असगरेछिथ तँए अवसरक लाभ उठा ली नै तँ पचताइये कऽ की हएत। उपरागी जक बजली-“उढ़ड़ा एलिन की नै?”नवनगरवालीक बोल कुसमा दादीक िम िस यो भिर नै कबकबौलकिन । मनमे नचैत रहिन जे एके पीढ़ीऊपरक लोकक ने संकोच करैए, हम तँ दू पीढ़ी िछ ऐ। बाल-बोधक उकठपनो गपक जबाब उकठपने जकि◌ दऐ से केहेन हएत। नवनगरवालीक आँिख मे आँिख चढ़बैत बजलीह-“किन य, अह कहुना भेलॱ तँ पोते-पोती भेलॱ। िक छु छी कपरचना तँ बेटा धन छी। जँ ककरो लैयो कऽचिल गेल हेतै तँ सोिच लेने हेतै जे ठाठसँ िज नगी केना िब ताएब। जतए रहत जगरनिथ या ख ती गािड़देतै।”भादवक बख जक कुसुमा दादीक मुँह बरैसते रहिन िक इनारक िक नछिड़ मे कनबािह भेल दुलारपुरवालीठाढ़ छिथ । मुदा ओ दादीक सभ बात सुिन नेने रहिथ । मन िभ न-िभ ना गेल रहिन । तइपर जूरशीतलकउखमज जे टटका-बिस याक िभ रंत िछ हे। टटका नीक आिक बिस या। बिस या नीक आिक तेबिस या। तेबिस यानीक आिक अमविस या। मुदा टटका? नवनगरवालीक प लैत बजली-“सभटा कएल िह नके िछ यिन । दुिन यमे नाओंक अकाल पिड़ गेल छेलै जे कपरचनमा नाओं रखलिख न।”सतैिह या बखक छुटैक आशामे थोड़े छोड़ल जा सकैए। बीचोमे जोगारक जरत अिछ ये। जँ से नै तँिब ल-बाल होइत िक महर-िक महर बिह जाएत से थोड़े बूिझ पेबै। कुसमा दादी दुलारपुरवालीक कहएलगलिख न-“तॲ सभ फुलक नाओं के बेसी पिस न करै छहक, मुदा तॲही कहअ जे जते अपना गाममे फूल अिछ ओकरमू य िक हेबाक चाही। मुदा देखै िक छहक। पोताक नाओं कोनो अधला रखने छी जेहेन चािल -ढािलदेखिल ऐ तेहेन नाउओं रिख देिल ऐ।”दादीक उतारा सुिन नवनगरवाली मुँह चमकबैत बाजिल -29


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>“दादी, अबेर भेल जाइ छै। एक चुक असीरवाद देती तँ दोथु नै तँ अपन राखथु।”अगुआएल काजक पछुआइत देिख दादी डोल नेनिह नवनगरवालीक कहलिख न-“मन तँ होइए जे सॱसे डोल उझिल िद अ मुदा अखैन काजक बेर अिछ । जा तोहूँ घर-अंगना देखहक।”~30


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>महािनभोटक तीन मास पछाित याम आ कमलनाथक भट भेल। ओना एक गामक रिह तो ऐनाहे-ओनाहे स ब धदुनूक बीच भोटसँ पिह ने छल, मुदा मिह ना िद नक दौड़ एते लग आिन देलक जे एे गाछक फल जक बूिझपड़ए लगलै।एक तँ तीन मासक बािक औता गपो-सप आ अपन पाटक हािर आ दोसराक सरकारोक हािल -चाि◌ल पाटलोकक मुँहे सुनब तँ जिर ये अिछ । मािट क बा हपर चैत-बैशाखमे धूरा-गद उिड़ ते अिछ , तहूमे तेहेनघोड़दौड़क समए अिछ जे आरो उिड़ अकासक अ हरौने अिछ ।भोटक हाि◌रसँ कमलनाथक मन झुकल तइ संग पिर वारक तीन पु तक सेवा सेहो हराइत-िब ड़हाित देिखआरो झूिक गेल। खसल मन कमलनाथ बाजल-“भाय, की हाल-चाल अिछ ?”कमलनाथक याम आंिक लेलक। हारल लोकक बीच चढ़ा-उतड़ी होइते छै। खसैत कमलनाथक देिखचढ़ैत याम बाजल-“पूरबते।” यामक उर पािब कमलनाथ भक-चकमे पिड़ गेल। पैछला बात बुझने िब ना आगू केना बढ़ल जाएत।मने-मन सोचए लगल जे पूवतक की अथ भेल। मुदा यामक पूवतक अथ रहए अपन राजनीित । देशक जेहेतइ से देशक लोक जनतै; तइसँ हमरा की। अपन ठीकेदारी, ऑिफ समे हेरा-फेरीक संग समाजमे सराध-िब आह चलैत रहतै, सभ अबाद रहत। ई की सेवा नै भेल? यामक उर नै बूिझ कमलनाथ पुन: दोहरबैत बाजल-“भाय, नै बूिझ पेलॱ?”अपन गोटी लाल होइत देिख याम अगुआएल नेता जक िव चारए लगल जे अगुआएब तँ ओहए न भेल जेअपन िव चारक िच गर बना दोसरक बुझाएब। मुदा लगले मन चकभौर लेलकै। मुँहा-मुँही बाजब आ मुँह घुमाकऽ बाजब एके भेल। ओहए ने कला छी। अनुकूल होइत याम बाजल-31


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>“भाय, भोटक पछाित जना हमरो मन उिड़ या-बीिड़ या गेल। पिह ने जना करै छलॲ से आब कह कएलहोइए। तखन तँ ढीलो-उड़ीसक दवाइ खा-लेब, से केहेन हएत?”~32


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>मेकचोपछुआ पकड़ैत ि◌मिथ लचलक िक सानक अपनो दोख ओतबे छि ह जते सरकारक। िक एक तँ ओहो अपनाकजनतंक िक सान निह बूिझ पेलिन ।पच बीघा जोतक िक सान चुाइ। अ सीक दसकमे गहुमक खेतीक संग सरकारी खादक अनुदान आएल।बीघा भिर गहुमक खेती चुाइ करत। एक बोरा यूिर या आ एक बोरा ोमर खादक पूँजी लगबैक िव चारकेलक। ओना समुिच त खादो आ पौि ट क तवो खेतमे देब जुड़ब-पड़ब परक फुड़ब भेल। लौकक मा यमसँ खाद भेटै छै। पच िद न बरदा चुाइ भी.एल.ड यूसँ फम भरौलक। तीन िद न पछाितकमचािर यो िल िख देलिख न। दू िद न पछाित बी.ओ. सहाएब िल खला पछाित फम लौक ऑिफ स पहुँचत जेआठम िद न भेटतै।फाम जमा केला पछाित घरपर आिब चुाइ चपचपाइत पी सनी लग बाजल-“ऐ बेर अपन गहुमक खेती नीक हएत!”पित क चपचपीमे चपचपा सनी चिप -चिप , गॱिच आइत नजिर दैत बाजिल -“फगुआमे नवके पुड़ी खाएत।”तीस िद स बरक चुाइ गहुम बाउग केलक। प चीस िक लो का उपज भेल।टुटैत उपजाक टुटैत चुाइक मन पीक कहलक-“ऐ बेरसँ नीक पौके भेल। चालीस िक लो का भेल रहए।”सनी- “एना िक अए भेल?”चुाइ- “तेहेन चमरछॲछमे पिड़ गेलॱ जे मेकचो-पर-मेकचो लगैत गेल। जइसँ बाउग करैमे डेढ़ मासपछुआ गेलॱ। तँए उपजा टूिट गेल। ”पित क घाउपर मलहम लगबैत सनी बाजिल -“खेती जुआ िछ ऐ। हािर -जीत चिल ते रहै छै। तइ ले िक हाथ-पएर मािर बैिस जाएब।”33


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>िब सवास भरल पीक बात सुिन संकि प त होइत चुाइ बाजल-“फेर एहेन फेिर मे नै पड़ब।”~34


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>झुटका िव दाइजिह ना हारल नटुआक झुटका िव दाइ होइ छै तिह ना ने हमरो सहए भेल; मनमे अिब ते ोफेसर रतनक िच तनधार ठमिक गेलिन ।िप ताक ा-कम समपन भेलाक तेसरा िद न ो. रतन दरब जाक कुसपर ओंगिठ कऽ बैस; बीतलकाजक समीा करैत छलाह। जिह ना नख-िस ख वणन होइत तिह ना ने िस ख-नखक सेहो होइए। मुदाकाजक समीा तँ मशीन सदृश होइत। जे पाट पाछू कऽ लगौल जाइत खोलबा काल पिह ने खुजैत अिछ ।ो. रतन छगु तामे पड़ल छिथ जे समए कतएसँ कतए ससिर गेल आ....। आब िक थारी-लोटा आकपड़ा-लाक घटबी ओइ तरह अिछ जना पिह ने छल। कहू जे ई केहेन भेल जे एते पैआ लोटा पाछू गमादेलॱ। जँ समाजक बात नै मािन तॱ दोखी होइतो, मानलॱ तँ िक मानलॱ। लोटाक चच हुनका सभक करकचािह यिन । तहूमे तेना लाबा-फरही करए गललाह जे इि टिल या केना देबै, लोहा छी अशु होइए। िन अमत:फूल, िप तिर वा ताम हेबाक चाही। चानी-सोना तँ राजा-रजबारक भेल। िव चार अिन वाय भऽ गेल। फेर एहेन िक अए उठल जे घरही नै दऽ ब चासँ बूढ़ धिर जे पंच औताह सभक होि ह । िस यानोक पिन पीबा ओहएहएत जे धीया-पुताक? तखन तँ लोटासँ लेाटकी धिड़ क ओिर यान क। तहूमे तेहेन अनरनेवा गाछ जकभिर गर गाछ ठाढ़ कऽ केलिन जे हाइ कूलक िश क गंगाधर लोटाक संग धोित यो बँटलिन । तइठाम एकोअलंग नै किर तै; से केहेन होइत।बजारसँ घुमला पछाित जिह ना नीक व तु देखलापर मनमे उमकी उठैत तँ अधला देखलापर डुबकी िल अएपड़ैत, सएह ने भेल। ो. रतनक मन कोसी-कमलाक एकब भेल पािन जक घोर-मा भऽ गेलिन ।िच लहोिर जक झपटैत पीक कहलिख न-“मन िब साइन-िब साइन भेल जाइए आ अहक एक कप चाहो ने जुरैए?”पित क आदेश सुिन सुजीता चाहक ओिर यान केलिन ।चाह दैत सुजीता, पॅजरामे बैिस जट-जटीन जक पुछलिख न-“की भेल जे एना मन िव धुआएल अिछ ?”ओना चाहक चु कीसँ रतनक िब सिब सी कनी कमलिन मुदा िन ड़कटोबिल भऽ कऽ छूटल नै छलिन । ओहीझॲकमे झॲिक देलिख न-35


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>“हएत िक झुटका िव दाइ भेल।”पित क बात सुजीता नै बूिझ सकलीह। बुिझ यो केना सिक तिथ ? मुदा रोड़ाएल दािल क सुगंध जकअनुमानए लगली। मनमे जे कुवाथ भेल छि ह से जाबे खोलता नै ताबे केना बूझब। जँ कोनो तेहेन बातरिह तिन तँ एना सप जक गिच या-गिच या िक अए चिल तिथ । बजलीह-“कनी काल अराम क, हमरो हाथ काजेमे बाझल छलए, ओकरा स हािर लइ छी।”~36


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>मुँहक खित यानऐ बेर दुगपूजाक नव उ साह अिछ । उ साहो उिच ते, हाले-सालमे मलेमासक िव दािग री भेल अिछ । एक िद नमाघ बीतने तँ आशा फुड़फुड़ाइत पिख झाड़ए लगैत अिछ , भलिहं प चीस िद नक टप-टप पाला खसैत शीत-लहरी आगू िक अए ने हुअए। मुदा से नै, किह यो नावपर गाड़ी चढ़ैए तँ किह यो गाड़ीपर नाव। तहूमे दुनूकबीच, गाड़ी-नावक बीच एहेन रंग-पक िम लानी रहै छै जे दुनू-दुनूक पीठेपर उठबैए आ पेटोमे रखैए। से ऐबेर थोड़े हएत, तते ने लोक रौिदआएल अिछ जे महारेपरसँ कूिद -कूिद उमकत।औझुका िद न भगवतीक मािट लेल जाएत। भोजक पाते देिख धीया-पुता चपचपाए लगैत जे खूब खेबिन ।आिख र भोज होइते िक अए छै। चािर बजे भोरेसँ पीह-पाह शु भऽ गेल। ओना रघुनी भायक बूझल रहिनमुदा तैयो पीह-पाह नीक नै लगैत रहिन । कारण रहए जे िद नक फल भोजन बूिझ िम क-काजक ि याबुझैत। जाबे चौकक हवा पािन पीबए पहुँचैत िक तइसँ पिह ने चाहक चुि पजरल देखलिन ।अपन मनकामना पुरबैत तेतरा दस कप चाहक भोज केलक। भोजन सिर मे भोजैत अपन बात बिज तेअिछ तिह ना तेतरा बाजल-“भाय, े ड डरेबर भऽ गेिल यौ, भगवती दयासँ आब कोनो दुख-तकलीफ पिर वारक नै हेतै।”दोकानक दोसर बचपर बैसल पोखिर या असामी रामेर सेहो बैसल। तेतराक बात जना रामेरक छातीमेछेिद केलक तिह ना रामेरक भेल। झॲक चिढ़ ते बाजल-“बाप जे मड़ूआ लेलकै, से तँ अखैन तक सठाएले ने भेलै हेन...?”रामेरक बात सुिन ते तेतरा लोिढ़ औलक। मुदा कएल िक जाए? दुनूक थोम-थाम लगबैत कहलिख न-“दू घंटा लोकक बातो बुझैमे लगतिन तँए दू घंटा दुनू गोरे घरपर जाउ।”घर ि◌ दस रामेर बढ़ैत बाजल-“बािढ़ मे घर खिस पड़ल, नै तँ अखने बही आिन कऽ पंचक बीचमे फेिक दैित ऐ।”घरमुँहा होइत तेतरा बाजल-37


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>“िक बूिझ पड़ै छै जे बाबेबला सनकी अिछ , झािड़ देबइ। जँ ओकर बािक ये छै तँ मनुख जक फुटमेकहैत।”38


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>कोसिल यासीकसँ खसल मटकूड़ जक सोमन काकाक मन छहॲिछ त भऽ फुटए लगलिन । िब नु भग पीनॱ अफीमकनशा चिढ़ गेलिन । िन ताकैत भेल देहक खरौआ जौड़ीसँ घोरल खाटपर िच तंग पटकलिन । दंगल जक नै जेिक छु हारबो करैए, िक छु जीतबो करैए आ िक छु िख चिड़ यो बनैए। दोसर कारण छलिन । ऊनाइत मनउिध या-उिध या बजैत जे चा बेटाक िप ता छी, पालन-पोशन करै छी तखन िक अए ने बूिझ पेलॱ जे घरमेकोसिल या सेहो बिस रहल अिछ । मनक सीमा टिप बोल िन कललिन -“अनेरे पिर वार-पिर वार करै छी, सिर बखक पसीनाक की मोल रहल। यएह ने जे घरे-पिर वारेमे एहेन मोइनफोिड़ दुिद िश या धार बहए लगल। कुी-का जक जँ दुनू िद स धार बनाएब तँ नारक मुी घुसकबै कालहाथ खड़रेबाक डर रहबे करत।”सोमन काकाक देख घुरनी काकीक मन िम िस यो भिर नै हलचलेलिन । िज नगीक अनेको ोध देखनेछिथ । अनुभवी छिथ । कनी फिड़ ेसँ थममीटर लगा काकी काकाक रोग नपए लगलीह। मुदा पुरनाथममीटरसँ तँ पुरना रोग परेखमे अबैत नवका केना आऔत। सहए भेलिन । ओना सोमन काकाक अपनेठकमुड़ाए गेल रहिथ जे एना िक अए भेल? मुदा तैयो घुरनी काकी बीख उतारैतक मं चलौलिन -“बेसी भीड़ भऽ गेल। मन थीर कऽ कऽ नहा-खा िल अ। खा कऽ जखन अराम करब तखन अपने मन चेनभऽ जाएत।”काकीक खट-मधुर गप सोमन काकाक आरो अमता देलकिन । झटकीक झटका जक झटहा झटिकदेलिख न-“जअ-ित ल आिन उसरैग िद अ। हमहूँ अहक उसरैग दइ छी। कोन भजमे अनेरे पड़ल छी। जइठामौपदीसँ लऽ कऽ रघू बाबू धिर कुरसी जमौने छिथ । तइठाम पार पाएब असान छै।”39


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>हूिस गेलभोज खा बाबा अिब ते रहिथ िक पोता-रमचेलबा मन पड़लिन । तखने देखलिन जे तीमन-तरकारीक मोटरीमाथपर नेने दिछ नसँ अबैत अिछ । मन सहिम गेलिन जे सभ िद न पोताक संग नेने जाइ छलॱ, आ.....।लगले मनमे एलिन जे जे पूत हिर बािह करए गेल, देव-िप तर सभसँ गेल। तइ बीच हाथमे लोटा देिखरमचेलबा पूिछ देलकिन -“कतए गेल छेलह बाबा हौ?”बाबा अवाक भऽ गेला। मुदा, आब तँ ओहए सभ ने करत तँए अनुकूल बना राखब जरी अिछ । िन धोखकहलिख न-“बौआ, तूँ हाटपर गेलह, इमहर िव जो भऽ गेलै, तँए िक किर तॱ?”जिह ना िन धोख बाबा बजलाह तिह ना रमचेलबा बाजल-“बनलह िक ने?”बाबाक मन पिड़ गेलिन । पूवचलक मणीपुरी भोज भोज, जइमे जे व तु जते नीक रहै छै ओ ओते पिह नेपरोिस खुआ दइ छिथ । मुदा अपना ऐठाम तँ अक अ बुझिन हार आगूमे आएल पिह ल अक पूजा करत।बाबा बजलाह-“बौआ, नीक भेलौ जे तॲ नै गेल।”अपन बात सुिन रमचेलबा बाजल-“से िक हौ?”अनुकूल होइत रमचेलबाक देिख बाबा कहलिख न-“धुर हूसा गेल।”अकचकाइत रमचेलबा बाजल-“से िक हौ?”40


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>“िक कहबौ, भात-दािल बड़ पिव बनल छलै, तइपर अ लू-परोड़क तरकारी तेहेन बनल छलै जे देिख येकऽ मन िह लिस गेल। खूब खेलॱ। तेकर बाद जे नीक-नीक िव यास सभ अबै लगल, ओकरा िद स केताकैत।”“तब तँ खूब बनलह?”“अपूछ भऽ गेल।”41


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>गित -गुासोलह बखक पछाित सुखदेव ब बइसँ गाम आएल। पिह लुका सुखदेवा नै जे ठोरनमड़ासँ जानल जाइत छल।ओ सुखदेव जे ब बईक गली-कुचीसँ नोकरी करैत सोलहम िज नगी एयर पोट (िश वाजी टिमनल) पहुँच गेलअिछ । खाली नोकिर ये नै नोकरी तँ ओहनो होइत अिछ जे पािन पीऔिन हार गिल यो-कुचीमे रहैत अिछ आएयरो पा◌ेटमे। ओ सुखदेब जे होटलक मस ला पीसब, टा नै, काजक गित सेहो आ मानिस क गित सेहो तेजकेलक। ेजुएत सुखदेव, आँिफ सर सुखदेव, जीप-कार-कक ाइवर सुखदेव।गाम अिब ते सुखदेव भिज औलक तँ भजपर चढ़ल जे खुशीलाले बाबा टा एहेन रहला अिछ िज नकरसमग नै बहड़ेलिख न। पुरना ढड़क लोक खुशीलाल बाबा। िज नगी ओइठामसँ देखने जइठाम पालकी, महफा,ओसारक ओहार, घरक ओहार चलैत छल। आइ िक देखै छी। मन-िच त मािर अपन कुल-खनदानक जिड़ मेपािन ढारैत जीव रहला अिछ । जइठाम गाम हमरा छोिड़ देलक, आ हम गामक छोिड़ देिल ऐ, एहेन बहैतधारक ि वेणी मोरपर खुशीलाले बाबा टा छिथ । कने िज रेलाक पछाित भट करबिन ।तीन बजेक समय। सुखदेव खुशीलाल बाबा ऐठाम पहुँच गोर लािग अपन पिर चए देलकिन । बैसैक इशारोकरिथ आ सुखदेवक समाचारो सुनिथ । मने-मन खुिश यो होि ह जे अही मािट -पािन क ब बईक िश वाजीटिमनलमे ऑफीसर बनल अिछ । जिह ना सप अपन छ द सुनबैत-सुनबैत पड़ा गेल मुदा गड़ूल देखबे नेकेलिन । तिह ना खुशीलाल बाबा सुखदेवक समाचारमे हरा गेलाह।बजैत-बजैत सुखदेवक बूिझ पड़ल जे भिर सक हम अपने िख सा सुनबए एिल यिन । िव चार रोिकपुछलिख न-“बाबा, अपना िद सक िक हाल-चाल अिछ ?”जिह ना पुरना संगी पािब हृदय खोिल सभ गप करैत तिह ना खुशीलाल बाबा बजलाह-“बौआ, ऐठामक िग रह तक कोनो गित -गुा अिछ । धार मािट दुइर कऽ देलक। कोसी-नहर ठीकेदार खागेल। मौनसूनी बखक रौदी खा गेल। की कहबह।”42


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।डॉ. अजीत िम, मैसूर।लघुकथायथा‘भाग, भाग एिह ठामसँ, निह तँ कोनो दशा बकी निह रखबौक, इह मुँह जे लगैत छिन, भािग जो, निह तँकान-कपाड़ फोिड़ देबौक’-बंगला भाषामे िकछु एहने-एहने वाय सुिनतो हम अयत िथर भए ओिह रोगीक सावना दैत कहए लगलहुँ-‘हे अह घबराउ जुिन, सभ िकछु ठीक भए जाएत। मा िकछु काल िथर भए रहू।’हमर एहन कहला पर ओ आर जोर सँ बपहािर काटए लगलीह, िकछु काल लेल तँ हमरो लागल जे कोनकायमे फँिस गेलहुँ, मुदा फेर अपनाक मनबैत हुनका शात करबाक यास करैत रहलहुँ। मुदा ओहो कोनोएहर-ओहरकेर मािटसँ निह बनिल छलीह, लागल जेना भगवान हुनका बनएबामे अपन सभ कलाक योगकएने छलाह। हमसभ एक िदस आ ओ रोगी दोसर िदस, जे करीब पचीससँ तीस वषक सुदर कायाकएकगोट मिहला छलीह, जिनक यथा देिख सपूण कपाटमेटक लोक यिथत छल, सभ केओ राम-राम,िशव-िशव कए रहल छलाह जे कहुना नीक नहित ओ रोगी खड़गपुरधिर पहुँिच जािथ। आइ लािग रहलछलैक जे खड़गपुर हावड़ासँ सए निह, हजार कीलोमीटर दूर हो। हम एक बेर फेर अपन ान झाक योगकरबाक िनणय कए रोगी लग जाए अयत शात वर हुनका कहिलएिन–‘देखू, हमसभ आब मा िकछुए कालमे खड़गपुर पहुँिच जाएब आ अहक उिचत ितकार ारभ होएत।ओतए नामी डॉटरसभ आिब अहक िचिकसा करताह, जँ याामे जएबाक योय होएब तँ आग चलब, निहतँ ओतिह उतिर आपस अपन घर चिल जाएब। मुदा एिह एक घंटाक लेल हम िकछु दवाइ दैत छी, तकरामुँहमे रािख जँ अह बीस िमनट धिर िकछु निह बाजब तँ तकाल अहक क दूर भए जाएत आ हमसभसेहो गतय धिर पहुँिच जाएब।’43


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>हमर ई कथन काय कएलक, ओ हमर आदेशक पालन ारभ कए देलिन। हम कहिलएिन-‘कनी मुँह खोलू तँ, जीहक उपर क, हँ, हँ, िच भए क पिड़ रहू।’हमर सभ आदेशक ओ शतश: पालन कए रहल छलीह। ठीक एहने समयमे मन पिड़ आएल मैिथलीसािहयक िस एककी ‘छॴक’, जािहमे एकटा बंगाली डॉटर मैिथलक िचिकसा कएल करैत छिथ, एतएहमरा उनटा अवसर भेिट रहल छल। बंगालीक िचिकसा एक मैिथलक हाथ। हम ओिह एककीक िकछुडॉयलागक मरण कए ओतए योगमे आनब ारभ कएल, ‘जुआन’ कहने ‘यौवन’क सदेहक कोनो डर निहछल, त िनित भाव हुनक जच ारभ कएल। हुनक जच कएलाक बाद हम एकटा दवाइ हुनकर मुँहमेदए एकबेर फेर बीस िमनट धिर निह बजबाक आह कएल। िकछु काल धिर तँ ओ िथर रहलीह, मुदाबीच-बीचमे हुनक आह हमरासभक आहत कए रहल छल। भगवानक र जे हमसभ खड़गपुर एही िथितमेपहुँिच गेलहुँ, ओतए पूव सूचना रहबाक कारण रेल िवभागक िकछु िस िचिकसक अपन दल-बलकेर सङउपिथत रहिथ। गाड़ी कतिह ओ सभ ओिह रोगीक लग पहुँिच अपन औजार-पाती सिरआबए लगलाह। ओसभ अपन कायमे लगबे किरतिथ िक रोगी बहुत जोरसँ िचिचआइत गाड़ीसँ नीच उतरबाक लेल गेट िदसदौड़लीह। सभ ह-ह करैत हुनका पाछ लागल, मुदा ओ तँ एकिह छरपानमे लेटफॉम पर उतिर िचिचआइतरहलीह। हुनक एहन िथित देिख िचिकसक दलक सङ-सङ पिरजन दौड़लाह। मुदा ओ रोगी ककरो अपनालग आबए देबाक हेतु तैआर निह, ओ जोर-जोरसँ बंगला भाषामे िकछु िचिचआ रहल छलीह। एक तँअवथता आ दोसर टेशनक चहल-पहल, हुनक कोनो वाय ककरो बुझबामे निह आिब रहल छल। एिहउहा-पोहमे िविच िथित भए गेल, एक िदस गाड़ीक खोलबाक यता तँ दोसर िदस रोगीक असहजता,ककरो िकछु फुिरए निह रहल छलैक। रोगीक पित ारा बीच-बीचमे सहटबाक यासो कएला पर ओ आरोजोरसँ चीकार मािर उठिथ। आब हमरहु रहल निह गेल, नीच उतिर ओिह रोगीक िदस ताकल। हमरातकला पर लागल जेना ओ रोगी अपन यथा हमरासँ बिट रहल होिथ। िकछु आशािवत भए हुनका िदसबढ़लहुँ, ओ िनरपे रिह हमरा िदस तकैत रहलीह। एतबा कालमे हम हुनका लग पहुँिच गेल छलहुँ, आह-अनुरोध करैत ओिह डॉटरक दलक चिल जएबाक हेतु किह रहिल छलीह। हुनक कहब छलिन जे हम एिहडॉटरसभसँ निह देखाएब, ई सभ हमरा मािर देत। हमर सभक एिह वातलापक ममे हुनक पित सेहोलगमे आिब गेल छलाह। रोगी एक झटकामे बिढ़ हुनका चेतौनी देब ारभ कएलिन-“जतबा काल ई डॉटरसभ निह चिल जाएत, हम गाड़ीमे चढ़बे निह करब, हमरा एिह डॉटरसभसँ निहदेखएबाक अिछ। हमरा सङ तँ एहेन सुदर डॉटर छिथ, तिनका छोिड़ आब हम ककरोसँ निह देखाएब।”हुनक एहन कहबाक सङ हमर रोइय ठाढ़ भए गेल, हुनक पित सेहो हमरा िदस िकंकयिवमुढ़ भेल देखएलगलाह। हमरा दुहूक िथित िविच भए गेल छल। हम हुनका बुझबैत कहिलएिन-“देखू, सभ िवभागक अलग-अलग डॉटर होइत छिथ, अह क जे बीमारी अिछ, तकर हम डॉटर निह।ओकर डॉटर तँ ओएह सभ िथकाह, त नीक होएत जे अह हुनकासँ देखबा िलअए।”44


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>“निह, निह, एहन निह भए सकैछ। अह डॉटर छी ने ? बस हम देखाएब तँ अहीँसँ, निह तँ ककरोसँनिह।” एिह बीच गाड़ीक एटेडर सेहो आिब हुनका बुझएबाक यास कएलक-‘एिह डॉटरसभसँ देखा िलअए, ई तँ सङमे चिलए रहल छिथ, जँ आवयकता पड़त तँ ई फेर देखबेकरताह।’ मुदा एिह सभक हुनका पर कोनो भावे निह पिड़ रहल छलिन। ओ अपन िज पर अड़लरहलीह। अतत: रेलवे िवभागक ओिह डॉटर दलमे सँ एकगोटए हमरा सभक सङ भुवनेर धिर लेल सङकए देल गेलाह, जािहसँ बाटमे िवषम िथित अएला पर उिचत ितकार कएल जाए सकए।गप एहन छलैक जे हम हावड़ा-मैसूर पेशल रेलगाड़ीसँ मैसूर जाए रहल छलहुँ। गाड़ी खुजतिहँ हमरअिगला कपाटमेटमे हला-गुला मिच गेल। पछाित पता चलल जे एकटा रोगी ओही गाड़ीसँ भेलोर जाएरहल छिथ, जिनक िथित बड़ गड़बड़ा गेल छिन। हुनका संग चलिनहार यितक संग-संग देखिनहार-सुनिनहार सभ केओ िचितत छलहुँ। ओ िविच कारक रोगी छलीह, क तँ ठीके छलिन, मुदा ओ भगलसेहो खूब कए रहल छलीह, जकर अनुमान ाय: सभ याीक भए रहल छलिन। सभक आय लािग रहलछलिन जे हुनक पिरवार एहन रोगीक लए एतबा दूर िकएक जाए रहल छिथ। ओिह रोगीक एकदम ठीक-ठाकरहैत एकाएक एहन दौड़ा अबैत छलिन, जािहमे ओ अपन सभ िकछु िबसिर घोर कमे पहुँिच जाइत छलीह।हुनक पिरवारक कहब छलिन जे करीब तीन महीनासँ हुनक इएह िथित छिन, गामसँ शहर धिरक ाय: सभनामी-गरामी डॉटरसँ जच भेल, मुदा बीमारीक पता निह चिल सकल। अतत: हािर-थािक भेलोर जाएजच करएबाक योजना बनाओल गेल। एही ममे हावड़ासँ गाड़ी खुजलाक दसो िमनट निह बीतल छलैक िकहुनका ओएह दौरा आिब गेलिन। सभ केओ िचितत भए उठलाह, तखने अपन आग राखल याीगणकिलटमे हमर नामक आग डॉटर लागल देिख ओिह बॉगीक एटेडर हमरा सम आिब किह उठल- ‘सर एकिमनट लीज’एकाएक एटेडरक मुँहसँ बंगलामे एहन वाय सुिन पिहने तँ चौकलहुँ, मुदा फेर ओकरा अनुसार अपन सीटसँउिठ ओकर लगीच गेलहुँ।‘ की यौ की गप छैक’ - हमहूँ मैिथलीमे पूिछ देिलयैक। ओ कनी आर लगीच आिब कमे जोरसँ फेरबंगलामे पूछलक- ‘की अपने डॉटर िछऐक?’हम िकछु उर िदितयैक तािहसँ पूव एकगोट युवक सेहो हमरा सभक बीच आिब अयत िजासु भए हमरउर सुनए लगलाह। हम फेर मैिथलीमे कहिलऐक-‘औजी हम डॉटर तँ छी, मुदा दवाइ-बारीक निह, हम तँ पोथी-पतराबला डॉटर छी।’हमर एहन कहला पर ओिह दुहूक सपना टूटबाक य दशन हमरो भेल। दुहू गोटए माथ पकिड़ लगकसीट पर बैिस गेल, आ हम िकंकयिवमुढ़ भेल हुनका सभक देखैत रहलहुँ। िकछुऐ णक बाद जेना ओिह45


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>एटेडरक कोनो उपाय सुझलैक, ओ अयत तीवताक संग उिठ फेर हमर लगीच आएल आ फुसफुसाइतकिह उठल-‘सर, अपने तँ पोथी-पतराक डॉटर िछऐक, पोथी-पतरातँ सभक माग देखबैत छैक, की अपनहुँ हमरा सभकउिचत बाट देखा सकैत छी?’ओ िनरपे भाव सभ िकछु बािज गेल आ एहर हम भँवर जालमे फँसैत गेलहुँ। हमरा तँ िकछु बुझबामेआिबए निह रहल छल, हम कोन आ कोना बाट देखेबैक, से फुिरए निह रहल छल। एिह बीच तेसर यितसेहो उिठ ठाढ़ भए हमर लगीच आिब एकटक हमरा देिख रहल छलाह। हम तीनूगोटए तीनूक तीामे रहीजे आब ओ बजताह तँ ओ। मुदा सभकेओक ठमुड़ी लािग गेल छल। अतत: हमिहं चुपी तोड़ैत ओिहएटेडरसँ पूिछ बैसिलऐक-‘औ की गप छैक, कनी फिरछाक तँ कहू, जािहसँ ओिह समयाक समाधान ताकल जाए, जािह हेतु अहसभ अयत य छी।’हमर एिह वायक ओिह दुहू यित पर अयत भाव पड़ल। फेर हमरा जे कहलिन से सुिन हमरा तँ बुझूसप सुँिघ लेलक, डेग ने आगू बिढ़ रहल छल आ ने पाछू, ने हँ कहैत बनैत छल आ ने निह कहैत। एहीउहापोहमे फँसल हम िकछु िमनटक हेतु आँिख मुिन बैिस रहलहुँ। एक िदस छल परिहतक मािमला तँ दोसरिदस छल छक आसरा। एकक रा कएने दोसरक अिहत भए रहल छलैक, िकछु फुिरऐ निह रहल छल।एकाएक जेना हृदयक कोनो कोनसँ एकटा उिह आएल आ तिन ठाढ़ भए ओिह दुहू यितक अनुसार ढोगकरबाक िनय कए लेल। हुनका सभक कहब छल जे हम तकाल पोथी-पतड़ा छोिड़ दवाइ-बीरोक डॉटरबिन हुनक रोगीक परीण करी आ तकाल िकछु उपाय ताकी। एतबा सूचना तक तँ हम िनरपे बनलरहलहुँ, मुदा हुनका सभसँ अिम जे सूचना भेटल तािहसँ एिह छ प धरबाक योजना बना लेल। ओ सभकहलिन जे एिह रोगीक क तँ अवय छिन, मुदा तािहसँ बेसी छिन शंकाक बीमारी। जँ हुनका उिचत पबुझाओल जाए तँ हुनक िवषम कक थोड़ेक कालक हेतु रोकल जाए सकैत अिछ। ई सूचना हमरासोचबाक हेतु बाय कएलक जे जखन जीवने एकटा नाटक िथक तँ एिह तरहक नाटक कएने कोनो हजनिह। इएह सभ सोिच हम अपन वीकृित हुनका सभक दए देल आ बाट भिर डॉटर बिन ओिह मानिसकरोगीक उपचार करैत रहलहुँ। एिह ममे कखनो हॴगोली तँ कखनो पचनोल, कखनो कॉफी बाइट टॉफी तँकखनो अपेनलीभक ‘डोज’ दैत काठपाडी टेशन धिर पहुँिच गेल छलहुँ, जतए उतिर ओ रोगी अपनाक पूणठीक मािन अपताल जएबासँ मना कए रहिल छलीह। हमर गाड़ी सीटी देलक आ हम छड़िप अपन गाड़ीधएल। अफरा-तफरीमे ओिह यितक फोनो नबर निह लए सकलहुँ, जािहसँ हुनक बादक िथितक पताचिल सिकतए। एक िदस तँ अपना माथ पर जीतक मुरेठा बाहल देिख गद्-गद् भए रहल छलहुँ, मुदाहृदयक कोनो कोनमे एखनहुँ ई यथा छल जे की हम ठीक कएलहुँ?46


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।कािमनी कामायनीलघुकथाकठजीबनाम त’ हुनक िपता िपतामह बड़ दीव ‘अपूण’ धयने लिखंह ,मुदा कपार , क के अ आ’ केहेन पूण? आ’ शने;शने; लोक वेद हुनक नाम के छोट करैत करैत ,अंत मे पुरनी दाय बना क’ भिर टोल िक भिरगाम लेल जेना िनित किर देलकइ।हुनक आबक रैन बसेरा वा घर जे किह दादे कका के गोहाली छल । ओ त’ आब अपने नै छलाह,काकी छलिखह।त’ हुनके आह प’ ओ जखन अपन िपता के डीह स उपाड़ी फेकल गेली त’ हुनक अनंतधार नॉर के पोछै लेल नबकी काकी अपन आचिर बढ़ोने छलिखह ।अपन झोरा झपटा ,गेआ ,सीरकओछॲन बीछोन टूटलाही फूटलाही कासा ,िपतिड़या बासन उसरगलहा लोटा सब सईत समेट क,रखलिह।आ’ ओिह िदन स ओ हुनक अघोिषत अडा ।भिर टोल मे दु चािर त आँगन एहेन छल जतए हुनक बैसब उठब छल ।मुदा हेम ेम त’ सबस ।बड़कम लोक हुनका अनेरे बइसल वा तमसाइत देखने होयत ।सिदखन कोू के बरद बनल काज मे जुटल,पाईन बुिन के हुनके िचंता, टहटहौवा रौद के हुनके िचंता , रोपिन कटनी के हुनके िचंता ,ससुर बाइसबेटी के भार साठे के हुनके िचंता , दुरगमनीया किनया के अिहब के फड़ बनबए के हुनके िचंता ,भिर गामके नौतल हकारल अिहबाती के तेल िसनुर परसब के हुनके िचंता ,पाहून पड़क के आव भगत के हुनकेिचंता, एतबा निह परसौती के दबाए रानहब ,सोइरी मे िचका िचलकोड़ लेल चमाइन बजाएब ,िकसुनमादोकान स चीज़ वोतआनब केकरो कोनटा लािग क सीआईडी िगिर करब , सत पुछू त’ हुनक िचंताअनंत छल ।नई घर , , नई घराड़ी आगा नाथ नई पाछा पगहा , , तखन माथ प’ एतेक बोझ ,, , ।तखन जे नहॴ करबे पापी पेट , , ।47


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>‘दाय सुने छिथंह , कनी सोनरबा ओत चली जाथु , , ,एखन धिर नंिकरबा के कानक कुंडल नहॴपठेलकई । , ,कखनॲ कोनो गाम बाली बािज उठेक “ये दाय ,कनी डोमबा के ओत जाकय चािर टा सूप ,, कोिनया,डगरा आ’ दुई टा चलनी लेल समाद पठा देथुंह ‘,, मुनेशरा के कहने रिहए मार बाढ़े जरलहबा के अपन ससुरािर मे जाकए बईस रहलई , , कहथीनकनी परसू िभनसरे पठा देतय’। आधा घोघ आधा मोड़त काढ़ने कोनो भौज दूरखा स’ झकैत बजा लईतछिलह ‘दीदी , , एखिन धिर संजुआ के बाबू नै एलखॴन जोगबी से , ,बड़का गाम बला ,जमाए आिब क’लान प’ बईसल छिथह,घर मे िकछू कॲ नै , , ,एक कपचाह देबए से नई दूध ,नई चाहक पि , , ,कनी िकसुनमा के दॲकान मे ई फुलही थारी बंधकी रािख क’िकछू पाए ल’आबौथ आ’ कनमा भरी घी आ’ मखान सेहो ल’ िलहिथ’।आ’ हुनक ई सहयोगामक काज गामे टा मे नहॴ अटकल छल ।दु ई कोश दूर मधबी सहर “दाय,, पर पाहून लेल तुलसी फूल चौर िनघटी गेल छईक, , दुइयॲ सेर ल’ िलहिथ , नािरकेरक तेल , कडुतेल ,हॴग ,िकनको खरपा, टकुआ ,लहठी ,िटकुली ,िसनुर , बग , फुइस फड़क ,लटखुट ,चरखा,बेलना,पापड़, पिटया ,, ,जेठक कड़ कड़कडौआ रौद , , माथ प’ पिथया मे बड़का बोझ रखने , ,िधपईत कारीयाह पिघलल िपच रोड , , , पएर मे नै कोनो ची , , ,घामे पसीने अपयात , , सबहक चीज बोतिकन बैसाही क’ आिन दैत छिलह त’ ओय िदन हुनक बड़ मान, िकयो िकयो िबयेन स’ हॱक सेहो दैन ।िदन त’ िदन ,घोर िनशा रैितयो मे हुनक िनवाथ सेवा लेबा स’ लोक निह हीचूके ।संकराित के दोसरेराित धीवा के पेट मे मोचाड उठलई , , जे ओ छर पी काटय लागल ,, ,घर मे सुतल अिह खाट प’कखनो माए के उठाबै त’ कखनोओिह खाट प’ सुतल काकी के , ,।अलसायल ,ओंघाएल दुनु िबछाऊँन प’ पडल पडल बजलथी ‘कीहोएछो?’ “माए गे बाड़ी जाएब’। आब त’ दुनु के नॴद पड़ेल ।ललटमक टेमी उकसबईत माए बजिलह ‘भरीिदन हुरईत रहेत अिछ आ’ सुतली राित मे िहनका िदशा िफरबा के ज़ोर मारे छैन ।अिह जड़ काल मे,अनहार मे ककरा उठिबए’ ।काकी के तुरंत फुरेलह ‘पुरनी दाय के कहथुन नै’ । “आब के जेतय गोहालीहुनका उठाबै’ । माए कनी ओकताएल सन बजली त’ िपतीयािन हाफ़ी लईत सीरक तर स’ बजली “ िबसरीगेलिखन ईएह त’ कहने रह थीन जे आय कोनो पुख पात लान प’ नै छै ओसारा प सुित रहबई ,कहथूननै’। माए सेहो िसरके तर स’सोर पाड़ली ‘ दाय , ,यई पुरनी दाय , , ,यई मिर गेलहू की िजबते छी’।मुदा हुनक वर बाहिर के घोर अंधकार स’ एकाकार होइत शूय मे िबला गेल छल।इमहर धीवा पेट48


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>पकड़ने अिह कोन स’ ओिह कोन मॲगरी माछ जका तड़फैत, , घरे मे भ’जायत गे , , दे ललटम , ,हमएसगरे जायब , , मुदा ललटमक तीा सेहो नहॴ किर सकलेआ’ िजन जका दौड़ीक बाड़ी के केवाड़ी खोली चुकल छल ।माय हदबदा क’ उठली , , ‘भरी िदन अगििधया पूता के चर मे कनी काल चैन स’ पिड़ओ नही सकैत िछ राइतो मे सेह’ । आ ओसारा प’ आिबभीम जका फॲफ काटेत दाय के देह िहबइत बजली ‘यई िभिशंड़ जका सुतल छी ,, क तेक मोट िनन भ’गेल , कुंभकरंक कान कटू ,’।दाय हबड़ा क’ उिठ बैसली ‘की भेले ,की भेले’ ।त’ माए बजल िखन‘हे ते की अंगोरा , , धीवा अहारे मे भागले बाड़ी िदस , डोलमे पािन लक कनी जाथुन, हैया लीअललटम’ ।बोरा ओढने खािलए पएर भुतहा बाड़ी मे डोल नेने चिल गेल छिलह।दाय के खेनाय कखनॲ अिह आँगन स’ कखनॲ ओिह आँगन स’ भेटय ।ीगन सभक कहबी छल जेओ जीभ के बड़ पातर ,ओना सब कीछू भकोसी जाए छथी ,सब िकछू मे की , , जेना चारी िदनकामटकूिड़ मे सड़ल दही ,ायल खाजा ,बज़्जर भेल ठकुआ ,, आ’ कटहरक को स’ ल’ क’ ओकर कामड़ीनेरहा धिर । आ’ पिच सेहो जायह ।आकड़ पाथर पचाबए वाला जीब ,गज़ब के पाचन शित । दुपहिरयाक’ बइसारी मे ीगन सब हुनक पाचन शित के एक स’ एक उदाहरण दैत हसी ठठा करैत अपन मॲनबहटारई छिलह।भिर िदन काज ‘यै दाय ,कनी हमर राहड़ी राखल छै उलैल , दस सेर लगीच दरिड़ देथुंह कनी,कनी अरबा चौर क िचस सेहो पीस िदहथी कतेक िदन स’ बंभोिलया के बिगया खेबाक मोन करैतछै’.।आ’ दाय टोलक भौजी स’ ल’क’ हुनक पुतहुओ सबहक अड़हैल काज मे दासोदास भेल ।कखन भोरहोए आ’ कखन सझ ,,के जाने ।कखनॲ काल जौ कोनो काज नै त’ जनानी के बइसारी मे कोनो अधलाह काज वा झगड़ा फसाद के गपप’ कोनो पुतहु बािज उठए ‘ई काज पुरिनए दाय के भ’ सकैत अिछ ,’ वा ‘ई लुतरी लाड़ब मे वएह ओतदछथीन’।सेहो परोछ मे नै मुहे प’ ।दाय गुमसुम भ’ जायथ, , कखनॲ “ह ह हम कीएक कहबई , ,सपतखुआ लीय’ ।मुदा हुनका त’ पूतौह सभक टॲट आ’ अपमान सहबा के जेना आदित पड़ी गेल छलैन ।काज ितहारक घर मे दाय के काज पानक ली जका लतरल चलल जाए ।कखनॲ िसनेह स’ त’कखनॲ आदेश स’ ितरकार स’ लोहछल बोल स , “ऐ यै ,देिखयोह त’ िहंकर सौख , , िकदन कहबी छैजे , ,जेकरे दादा ,, मर बािन ,िबसिरओ गेिलये ,उठु ,ई अदौड़ी खोटय अह की बैिस रहलहु बौवािसनसब जका , ,जइयो कनी गुवरबा के कहने आिबओ बीससेर दूध काी भोर स’ भोर पहुँचा दै आँगन मे ,” “ ललबा अखन धिर नै एलई बजार स’ चौक प’दा ता त’ नै पीबए लगलई ,कनी देखथुन त , आ हे जॲ भेटईह त’ किहहथी जे हम ओकरा नानीगामक बाट मॲन पड़ा देबई जखनहमारा स’ पईच लेब आयत” । आ’ पुरनी दाय ,भु ,कनी मोट गर गद49


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>जका अिह ठाम स’ ओिह ठाम गुड़कइत ।मौसम चाहे कहनॲ होय लोक के त’ अपन बेगरता पुर हेबा कचाही।ओय हुईल मािल मे केदन त’ हुनका खाय लेल पुछैह ,आ’ सझे मे खाइतिथ त कोन जुलुम भ’जेतय ।जिहया ककरो आँगन मे काज ितहार रहए ,ओय िदन हुनक मैल नुआ के जबदती हटा क’ साफ सुथरा वनब नुआ अपन आसन जमा लईत छल ,दाय के त’ छिव सेहो बदिल जायह।ओ थुस स’ नई कॲबईसइथ, अपन पएर प’, पीढ़ा प’ चौखटीप’ ,पिटया प ,नब नुआ नई मैल भ जाए । अिह नुआ के एवज मे मास मास िदन धिर राितिदन खटनाइ,अिह बीच जॲ केकरो खड़ सेहो छुबए लगिथ त’ घरक मलकाइन िचिचया उठेथ ‘हे लोक सब देिखयोहच चािल िहनकर , ,नब नुआ देलीयेहभोजन बेर मे दौगल ओितह , आ’ काज क’ बेर दोसरा के आँगन सूईझ रहल छनिह , ,किनओ धाक छईनआिख मे’।आ’ एकर ओकर काज किर क’ पेट भरब के िया सुखद त’ नहीये रहल हेतइक।िहनका हुनका आँगनस थारी गोहाली मे पहुँच त’जाए आ’ के जाने अिह मे कोनो िदन उपासे सुइत रहैत हेती ।लाचार बेसहारा अिनित िजनगी के एक टा बडका ऐब सेहो गहूम मे सूड़ा जका सेनिहयाएल छल हुनकामे ,आंिख बचा क’ कोनो बोत इमहर स’ ओमहर करब के , बड़का चीज क य ,मुदा िकछॲ, , ।आ’ककरो गड पुराण सुनबा काल जखनपंिडत जी क’ वचन चलै ,कोन पाप के कोन दंड भेटैत छै नरक मे , चोरनी के नाम प, दाय िदस तािकतािक क’ ीगन सब मुसके ,एक दॲसरा के बीू कटे ,।एकर आभास भेला के बावजूदॲ दाय िनिवकारभाव स’ अपन बड़का बडका आंिख ,नाक ,कान सब के एक सीध मे रािख क’ कथा वाचक् के चरणकमल मे बकोयान लगौने बइसल ।टोलक कोन मे अपन सहोदर भाय भाउज , एकटा बिहन ,सेहो बाल िवधवा ,, सासुर स’ देउर आयलछलेनह लेब’ त’ अपन जनक् क प ए र छािन कानए लगिलह दहो बहो िक हम आब नहॴ जायब ओिहनगर ,। माए बाबू बेटी के दुख देखबा मे अपना के असमथ बुझेत कनीए िदन मे धरती स’ अलोपभ’गेलिथ ,आ’ भोजाय नामी नी, , भाय घरबाली के मुी मे ,।पिहने त’ सब िकयो संगे रहे छलिथ, कतबॲ गुहािगजी होए ,मुदा ओय िदन नही जािन कोन गप प’ झगड़ाझाटी भेलय ,आ’ पटलपुर वाली हुनक िसकी मौनी, अड़जाल खड़जाल नुआ ,झोरा आिद सबटा िनकािलिदरघु कका के खिरहान मे फक देलिखन ।गोबर स’ घर आँगन नीप क’ गंगाजल छीट डंका के चोट प’ ईउोिषत करी देलथी जे पुरनी दाय ह मरा लेल मुइल छिथ। तहन बास के दईतिह ,नबकी काकी के50


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>छोिड़ए क’ ।गोहाली मे त’ आब गाय बरद छै ने । योय पूत सब ,िकओ कीछू िबगािडओ नै सकेत छल।मुदा सहो भाय लेल हुनकर अनुराग रिह रिह क’ चुबै न , ,छोट छोट भाितज भतीजी सब के इमहरउमहर स चोरएल ,नुकेल समान द’ दैत ।राइत िबराित सबहक आंिख बचा के ओकर आँगनो चलीजािथ।भौज सेहो आब तेहन डाहीन निह रहल छली ।‘नुनु (छोट भाय ) कतदन पड़ा क’ चिल गेलय ,नई खाय के ठेकान नई पीबय के, िधया पूता सबिबलटी रहल छै” ।ककरो ओसारा प बइसी जखन ओ िवलाप करैत त’ लोकक मॲ न िख भ जाए “ऊहफुटली आंिख नै देखेत छनही आ’ िहनक याकुलता देिखयौह”।एक राित पटोर बाली काकी चुपे पएर दािब िहनका पाछा अपन आँगन मे अयली ,त’हॴकर करनी देिखहुनका सौसे देह मे खौता फुिक देल कैन “हे ,हे ।हे दाय , , की करैत छी?” कनी कड़गर सन वर मेबजली ,त’ ओ घबड़ा क’ मड़ुआ के ढेर प’ख़सी पडली आ’ हुनक मुंह स िनकिस गेलह “मड़ुआ चोरबेछी”।िभनसरे सौसे टोल मे हला भ’ गेले ‘दाय मड़ुआ चोरबे छली राित मे’ ।मुदा हुनका लेल धन सन ,ओमजगुत ाणी ,ओमहर इमहर बुलैत टहलेत ,कोनो कोनो काज् क यॲत मे अपना के एना खटबईत जेना ईकथा कोनो आन के भ’ रहल होय ।पराग कका बनारस मे रहेत छला ,माए के देख चािर िदन लेल आयल छ लैथ,नबका धुइस लेह ,, ,बड़ गरम , , ,जाड़क मास ,घर मे अलगी प रखने छलथी ,कतेक ताकल गेल ,धरती िगड़ गेलै कीअकास खा गेलै, कॲ ने भेटलै ।ओ अहुिरया कािट क’ आपस छली गेलाह बनारस । “घर स आिखरलेते के ?’आ’ शक के सुइया सदी खन दाय प’ जा क’ अटकीजाए ,मुदा माण की ?’ आ’ एकटा धाकसेहो ,फुइस अकंड़ नई उठाबी ककरो ,।िकयो इहॲ बाजी उठेक , ‘जाय िदओ गरीब ,अबला छ िथह,पराग बाबू के एकबाल बनल रहौक ’। “मुदा ओ केलिखन की ? ओढ़ेत िबछबइत त िकओ नहॴ देखलख’।“भौजाई के द’ आएल हेती राताराती’। आ’ सब िकओ बईस क’ अपन अपन मगज मारी करी क’ गहीडास छोड़ैत मौन भ जायथ।हुनका खेनाय देबा मे त’ सबके अखरए लगे ।नीत रोगी के पुछै के ,, भाित भाित के फकड़ा पढ़लजाए ।एक िदन क’ पाहून के तवा तीमन ,स चार लगा क’ लोक खुवा देत छै,मुदा नीत िदन ,” । कहुना किर क’ हुनका सोझा थारी पठा दैल जाए छल।केकरो भुखल ने रखबा चािह ,धम के नाम प, कतयके नाम प’ हुनका खेनाय भेटह ।51


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>मुदा ओय िदन जखन दुरगमिनया किनया के पाजेब कोहबरे स’ हेरा गेले तखन त’ हुनक सौस महेशकमाए के तामसे जेना बुी बुी चमकय लगलह ‘ई जुलुम आब ने सहबा जोगर छैक ,महेशक िववाह मनबका नुआ देने छिलयेह” ।ओ अिहना अिगया बेताल छिलह,तुरंत फाड़ बाह वाली ज़नानी । भानस चढ़लचुी प’तेकरा छोिड़ झटा झट बढ़ ली गोहाली िदस ,अपना पीठ प’ चािर ज़नानी के फौज नेने ।चीज क’नाम प’ गेआ खोल मे डोरी लगा क’ एक टा झोरा ,दुई तीन टा नुआ,एक गोट चादरी,केथरी,आ’ एक टाखूब मोटगर सन गेआ ।सब टा मैल िचट ,कखनॲ काल साफ करैत ,इमहर ताकल,ओमहर ताकल ,अिहदोग देखल ,ओई दोग देखल,। मािट मे त गािड़ क’निह रखने छथी,मुदा तेहन कोनो चेह निह देखाय ।एक जन के जे अपना के जासूस क महतारी बुझैत छिलह,के नजिर मोटका गेआ प’अटकल छल ,समतभीड़ के उसाबईत बजली ‘गेआ के देखू नै’ । नेता के आदेश के पालन तुरंत होब लागले ,आय जेनामहान रहयक उदघाटन होबएजा रहल छल ,अिह समाजक सब स’ आ’ पितत ,चोर क’ चािरिक हनन होिब रहल छल ,माणकसंग । गेआ के िसयॲ न खोलल गेल, तेकरा िनचा फेर मुंह ब,,आिखर मे सव समित स’ गेआ केफाड़ी देल गेल ,आब ओत ठाढ़ ज़नानी सबहक आंिख फाटल रही गेलय ,केकर सरौता,केकर पनबा,केरनुआ, केकर आंगी, साया, केकर कुत, ,, मुदा पाजेब कॲ निह िनकललै । दाय ककरो काज स’लोहरबा ओत गेल छलिथ । ताबेत म ढनमनाई त ढनमनाइत ओहो आबी परमान पुर बाली के दु आिर पसुताए लेल बइसी गेल छिलह । गोहाली मे िबरनी के छा जक उमड़ल भीड़ देिख ओहो ओत स’उठीअकचकायल सन ओत आयल छिलह ।आ’ ई लयंकारी दृय देिख ओ जेना ब भ गेल छिलह ,एकदमशूय ,जेना पाथर , , , ।चुप् चा प लद स ‘ओत बैिस रहली ।साात ताड़का बनल महेष् क माए केमुंह स धधकल धधकल अंगोरा िनकिल रहल छल “पाजेब की केिलये? नब नुकूत किनया के छले ,एहेनकोन सौख मौज बुढाढ़ी मे पईस गेल ,पाए के बेगरता छल त’ हमारा किहतहु” । “यए काकी ,सोनरबा केओतय राखी देने हेिथह” आए काी बड़ एनाय जेनाय होय छन। सोनरबा ओत मदना के दौडएल गेल।मुदा ओ एदमे नकारी देलके ,केहनॲ सपत खे बा लेल तैयार , ,।िकयो मुसकी मरेत बाजल “ओ िकएनाक प’ माछी बैसय देतै, , कहबी छईक चोर चोर मोिसयौत”।बािज तािज क’,माथ कपार भंगैत ओ खोजी दल ओिह ठाम स’आपस भ गेल छिलह..त’ लोक केलगलए आब बेचारी मुंह उठा क’ कोना िजबती,कोनो पोखरी , धार मे संिहया जेती वा जहर माहुर खा क’सूती रहती ।िकछू दयामंत सबके हुनक दुगित प’ आंिख झहरय लगलेह ,’सब साय पूत बाली सब जेनादुधक धोल हौक ,अबल दूबल प’िसथूवा चोख”।त’िकछू करेजगर ज़नानी के अपन ऐब नुकबए के बहा भेट गैल ।‘ई त’िसहा चोर िनकलली ,ओय िदनदूध औट क चीन _बारे प’ छोिड़ देने रिहए ,जे कनी सुसुम हेते तखन पौर क’ िसक प’लटका देबै ।मुदाकिनए काल मे नहा क’ आबे छी त’आधा दूध गायब ,दाय ओसारा प,िसलौट प, मसला िपसेत छिलह”।मुदा सत छल जे बीमार िदयादनी के गायक दूध िपनाए हुनका नहॴ सोहाए आ’कखनॲ,िबलाड़ी के नामप,कखनॲ उिधया क। खसबा के अड़ म कनी पैइनफट के अपने पीबी जायथ। ओहर सझ पड़बा स’52


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>पिहने किनया के भाय नैहर स, दौगल एलै ,पाजेब नैहरे मे छूिट गेल रहै ।महेशक माए अिह खबिर के पीबीगेिलह ,एतेक शित त नहॴ छलेह जे जा क’ दाय स माफी मिग लइतथी । ओए राित केकरो घर कथारी दाय छूबॲ नहॴ कयखॴह ।कोना िगड़ल जेते अ ,एहेन कलं ॰बाद ।िभनसर भेने सब देखलक “दाय अपन गेआ के सीबी रहल छिलह । किनए कालक़ बाद टोल मेएकरा ओकरा आँगन जा क कतो दािल ,कॲ िचस ,कुिटया िपिसया मे एना लागी गेल छली जेना िकछूगपे निह भेल होमए ।रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।मुी कामतनाटकिजदगीक मोलथम-दृयराम रतन- बाबू सुतल िछऐ?िभखन- िक कहै छहक बउआ? जागले िछऐ, बाजऽ, बहुत परेशान लािग रहल छहक।राम रतन- बाबू, हम बाहर कमाइ लेल जाइ के सोिच रहल छी। तोहर की िवचार छऽ।िभखन- नै बउआ, हम अतेक िदन तक तोरा नै कतौ जा देिलयऽ। आबो नै जा देबऽ। तोरा िसवा हमराके छै। तोहर माइ तोरा हमरा कोरामे दऽ कऽ दुिनया छोिड़ देलक। तिहयासँ हमर सभ कुछ तूँ छहक।हम तोरासँ एक पल खाितर दूर नै रिह सकै छी।राम रतन- बाबू आब हम १८ बरसक भऽ गेिलऐ। हम अपन याल राखैमे सम छी। हमरा बाहरक दुिनयदेखै कऽ एगो मौका दऽ िदअ, बस एक बेर जा िदअ, फेर अहॴ संगे रहब।53


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>िभखन- नै, अबकी बैशाखमे तोहर िबयाह करै कऽ अिछ। िबयाह किर लऽ, फेर तोरा जतऽ जाय कऽ मनहेतऽ जायहक।राम रतन- बाबू आब माइनो जाउ। िकछु िदनक तँ बात छै। फेर अह जेना कहब हम तिहना करब।िभखन- ठीक छै, अहक हठक आगू हमरा झुकइये पड़तै। ककरा संगे आ कतऽ जेबहक?राम रतन- बाबू, काि फुलचनमा िहमाचल जा रहल छै। हम ओकरे संगे िहमाचल जाएब।िभखन- ठीक छइ, काइले जेबहक तब तँ पाइ कौरीक ओिरयान करऽ पड़तै। कखुनका गाड़ीसँ जेबहक।राम रतन- राितक ११ बजे िनमली सँ गाड़ी पकड़बै। आब हम जाइ छी, अपन कपड़ा-ला साफ करै लऽ।। पटाेप।दोसर दृयिभखन- बउआ हइए..... फूलचन एलऽ।राम रतन- आबैय छी बाबू। कपड़ा िपनहै छी।िभखन- बउआ फूलचन। तूँ तँ ओतै रहै छहक। तोरा तँ ओतौका सभ िकछु कऽ पता हेतऽ।फूलचन- हउ का, तूँ िचंता नै करऽ। राम रतन हमरे संगे रहतै। ओतऽ ओकरा कोनो चीजक तकलीफ नैहेतै।िभखन- तूँ तँ दवाइबला कपनीमे काज करै छहक नऽ! कथीक काज करै छहक?फूलचन- हँ का। दवाइयेबला कपनीमे िछऐ। ओइमे तँ बहुत तरहक काज होइ छै। जे काज भेटल सएहकिर लेलॱ।िभखन- अछा चलऽ, ठीक छै।राम रतन- चल फूलचन!िभखन- बउआ सभ िकछु ठीकसँ लऽ लेलहक नऽ? आ सभ ि◌दन हमरा फोन करैत रिहअ। बाहर जाएछहक, गाड़ी-घोड़ा देख कऽ चलइहक।54


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>राम रतन- ठीक छै बाबू, अह िचंता िबलकुल नै क। अपन याल रखब। समय-समयपर खाना खाइतरहब आ बेसी काज नै करब। हम जदी घुइम-िफर कऽ आिब रहल छी।सबहक थान!।पटाेप।तेसर दृय(िहमाचल पहुँच कऽ)राम रतन- फूलचन, आइ गामसँ एला छऽ िदन भऽ गेलैए। तूँ तँ काम पर चिल जाइ छऽ आ हमरा असगरपहाड़ जक समय लगै यऽ। हमरो कतउ काज लगा दे नऽ।फूलचन- अछा ठीक छै। काि हम अपन मािलकसँ तोरा लऽ बात करबउ।दोसर िदनफूलचन- राम रतन, कािसँ तूँहो चिलयहन हमरा संगे। ८ हजार मािसक तनखुआ पर हम तोरा लऽ बातकेिलयौहँ, मंजूर छउ नऽ। मन लगा कऽ काज करबही तँ अओर तनखुआ बढ़ेतउ।राम रतन- ई तँ हमरा लऽ बहुत खुशीक बात अिछ। अखने हम बाबूक ई शुभ समाचार दै छी।पटाेप।चािरम दृयकपनीक कैनिटंगमे बैठ राम रतन आ फूलचन खाना खाइत गप करैत अिछ।राम रतन- फूलचन अतऽ कोन काज होइ छै। हमरा सँ आइ कोनो काज नै करेनकैए। डॉटरबला कोटपिहरने एगो आदमी एलै आ हमरा एगो गोली िखया कऽ चिल गेलै। कुछो समझमे नै आबै छै, उ हमराकथीक दवाइ देलकैए। ओतऽ चािर-पच गरऽ अओर छेलै, सभक वएह दवाइ देलकैए।फूलचन- अतऽ अलग-अलग िबमारीक दवाइ बनै छै, ओकरे जच खाितर कपनी िकछु लोकक नौकरी पररखै छै, जइमे सँ एगो तुहो छी।राम रतन- ओइ दवाइसँ कोनो हािन तँ नै होइ छै?55


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>फूलचन- नै! अगर हेबे करतै तँ अतऽ डॉटरक आ दवाइयक कोनो कमी छै? जे खच ओकर इलाजमेलगतै सभ कपनी देतै। हमहूँ तँ कतेक साल तक यएह काज केिलऐ, कह िकछु भेलै।एक आदमी- फूलचन, राम रतनक पठाउ, डॉटर साहेब बजेने छै।फूलचन- जी। (रामरतनसँ) जो देखहॴ की कहै छउ।राम रतन डॉटरक चेबरमे जाइत अिछ।राम रतन- साहेब अह बजेलॱ।डॉटर- ई दवाइ खा िलअ आ एतऽ पिड़ रहू, िकछु इजेसन लगेबाक अिछ।दवाइ खा कऽ राम रतन सुइ लइ लऽ मेज पर लेट जाइए!२ घंटा बादडॉटर- राम रतन ओ राम रतन उठू।डॉटर राम रतनक िहलाबैत अिछ आ फेर नज देखऽ लागैत अिछ!डॉटर- ई की, ई तँ मिर गेल। िकयो अिछ, डॉटर खुरानाक बजाउ।डॉटर खुराना- की भेल?डॉटर- सर, एकरा देखू, की भऽ गेलै, नज नै चलै छै।डॉटर खुराना- ओह नो! ई मिर गेल। कोन दवाई देलॱ एकरा?डॉटर-सर ई तीनू।डॉटर खुराना- की अह पागल छी? एक साथ एतेक दवाइ, सेहो पिहले बेरमे। पिहने अह एकरा नॴदकगोली खुएलॱ, तकर बाद एतेक पावरक दू-दू इजेसन दऽ देलॱ?डॉटर-सर आब की हएत?56


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>डॉटर खुराना- हमरा सभ ऐठाम तँ ई रोजक बात अिछ। एकर पिरवारबलाक मुआवजा दऽ कऽ चुप करािदयौ, आ हँ जखन सभ चिल जाए तखन बॉडी बाहर िनकालब। ता तक एकर मरबाक खबर ऐचहरिदवारीसँ बाहर नै एबाक चाही, बुिझ गेलॱ।राितक ९ बजेफूलचन- सर, राम रतन कतऽ अिछ, ओकर छुी नै भेल?डॉटर- आइ एम सॉरी फूलचन, राम रतन आब ऐ दुिनयमे नै रहल। हमरा एकर अफसोस अिछ। ओकरपिरवारबलाक कपनी एक लाख पैया मुआवजाक तौरपर देत। हम ओकरा नै बचा पेलॱ।फूलचन मने-मन सोचैत अिछ-आब हम की जबाब देब काक। केना कहब िक ओकर िजअइ कऽ सहारा िछन गेल। केना िजिथन ओ,हे भगवान, एना केना भऽ गेल।पटाेप!अंितम-दृयफूलचन- हेलो.. का, तूँ जेना छहक तिहना अखने गाड़ी पकिड़ लए। राम रतन बहुत जोर बीमार छऽ।िभखन- बउआ, एक बेर हमरा राम रतन सँ बात करा दए। की भेलैए हमर बाबूक। हम तँ देखनइयो नैिछऐ िहमाचल तँ केना एबऽ।फूलचन- का, हमर छोटका भाइ तोरा लऽ कऽ एतऽ। ओ अखने तोरा घर आिब रहल छऽ, तूँ बस जदीआिब जा।िभखन- हम अबै िछअ बउआ, तूँ हमरा बउआक याल रिखयहक।फूलचन- ठीक छै, आब फोन रखै िछअ।कहैत-कहैत फूलचन कानऽ लगैत अिछदोसर िदन िहमाचल पहुँच कऽिभखन-बउआ........बउआ राम रतन कतऽ छहक?57


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>फूलचन- का पिहले अह िकछो खा िलअ। राम रतन ठीक यऽ।िभखन- पिहले हम अपना बेटाक देखब तब िकछो मुँहमे लेब।फूलचन िभखनक गला पकिड़ कानऽ लगैए आ सभ िकछु बता दइए।िभखन- फूलचन, हमरा बेटाक जीवनक सौदा तूँ ८ हजार मे केलहक। तूँ सभ िकछु जानै छेलहक, तइयोओइ मौतक मुँहमे हमरा बेटाक धकेल देलहक। तूँ हमर सभ िकछु लऽ लेलहक, हमरा िनाण बनादेलहक। हमर बेटाक मौतपर हमरा १ लाखक भीख तोहर कपनी देतऽ, उ ओकरे मुँह पर फेक िदहक।हमरा नै चाही कोनो भीख। आइ हमर बेटा मरल, काि ककरो अओरक बेटा मरत। आिखर ई मौतकखेल िकए खेलल जाइए? जे दवाइक परीण जानवरक ऊपर करबाक चाही ओकरा भोला-भाला गरीबमनुयक ऊपर करैत अिछ। िक अकरा रोकै लेल कोनो कानून नै अिछ?एक घार दनक संगे पटाेपऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।खुशबू झामैिथली कथा संह िजी पढलापरसािहयमे िकछु पढबाक मोन भेल तऽ हम कथे पढैत छी । कखनो काल समाचार बनबैत–बनबैतथािक गेलहुँ तऽ नेटपर कोनो कथा खोजए लगैत छी । युवा पकार सुजीत कुमार झाक कथासंह िजी जखन हमरा भेटल एमएक परीा चलैत समयमे पिढ लेलहुँ । सुजीतक पिहल कथासंह िचड़ै आ दोसर कृित िरपोटर डायरी हम एिह सँ पिहने पिढ लेने छी । कयक िहसाव सँिचडै आ िजीमे खासे अतर निह लागल । मुदा मशः उचाई धऽ रहल छिथ से पढबाक ममेहमरा भेटल । कोनो यितक एक वषमे ३ टा पुतक आएब सािहयक ित सुजीत कतेक समिपतछिथ तकर एिह सँ बडका उदाहरण दोसर निह भऽ सकैत अिछ । फेर जािह प सँ िहनकरपुतक चचमे आिब रहल अिछ िहनका लेल मा निह मैिथली सािहयक लेल सेहो उपलधीक बातअिछ । िजी एिह पुतकक नाम एकटा कथाक कारण पड़ल से हमरा निह लगैत अिछ । िजीक58


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>वारहो कथामे िज भडल अिछ । जँ ओ िजी नाम सँ कथा निह िलख िकतावक नाम मा िलखदेने रिहतिथ तैयो फरक निह पडैत ।१ सय १४ पृक एिह कथा संहमे १२ टा कथा अिछ । पिहल कथा ‘फूल फुलाइएकऽ रहल’संहक नाम सँग पुरा वतुिन बुझाइत अिछ । अहुँमे िज अिछ । कथामे िपंकी अपन अधुरासपनाके टुटैत निह छोिड एकटा दृढ िवासक सँग पुरा कऽ एकटा सचा आ कतयिन पिकपमे ठाढ़ भेल छिथ ।तिहना ‘नव यपारमे’ साधना उपर आधुिनकताक भाव देखाओल गेल अिछ जे अपन पित आ घरदुआरक िजमेवारीकँ◌े िबसिर लब आ राजनीितक िहसा बनल छिथ । ‘खाली घर’, ‘लाल डायरी’,‘िजी’, ‘जादु’, ‘आदश’, ‘अथिहन याा’ आ ‘यथक उडान’ ई सभ कथामे मिहलाक मनोिवानकेिचण बहुत सुदर ढंग सँ कएल गेल अिछ । तिहना ‘िना िक देखावा’ मे अपन कतयकेसमाजक लेल मा िनवह करय बला औपचािरकता बुिझ पितक सेवा करय बाली नकारामकिवचारधाराक मिहलाक िचण कएल गेल अिछ । ‘केहन सजाय ?’ नामक कथामे कामनी मैडमजेहन जुझा मिहला जे अवलाके सवला बनैत देिख खुश होइत छली । ओहन सकारामकिवचारधाराक मिहलाक तुत कएल गेल अिछ तऽ ओ कथामे पु भेलापर गोद लेल वचाक छोिड़देबएबला घटना पिढ रोइया ठाढ कऽ दैत अिछ । ‘मेनका’मे एकटा एहन मिहलाक िचण अिछ जेएकटा बेरंगक जीवन िबता रहल छली मुदा जखन रंग भड़य बला भेटल तऽ ओ अपन रंग उजारयबाली जेहन निह बनबाक ण कएलिह आ अपन बेरंग िजनगीक दोसर याा तय कएलिह । अथतमिहलाारा पीिडत मिहला दोसरकँ◌े पीडा निह देबए चाहलिथ ।अथत पुरा कथा संह मिहला आ मिहलाक आचरण पर केीत अिछ जे एिह समाजक सयताकउजागर करैत अिछ ।एिहमे तुत सभ मिहलाक मोनमे एकटा अलग तुत कएल गेल जे एिह पुषबादी समाजकदेन अिछ । आ ई कापिनक कथा होइतो एकटा कटु सय बातक पोल खोिल दैत अिछ । एिहसंहक मोिलकते इएह अिछ । हम चाहब सुजीतक नय पुतक जिद आबए । खास कऽ मिहलासँ जुड़ल समयासभक आओर गभीरता संग उठैक एकर अपेा हमरा तऽ अिछए । मैिथलीकेपुतक काशन काज दुह भेलाक बादो आफत नेपाल िजी पुतक छापयके य कएलक अिछ। एिहके लेल आफतोके धयबाद देबहे पडत ।ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।59


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>पूनम मडलिव देह िव चार गो ठी एक झलक-आकाशवाणी दरभंगाक जाितवादी वृिक िवरोधमे आ दसटा घोर जाितवादी पिरवारक मैिथलीक मारैकषडयमे आकाशवाणी दरभंगा ारा देल जा रहल सहयोगक िवरोधमे "िवदेह गोी- सह किव समेलन" ७अटूबर २०१२, थान, अशफ दास साहु-समाज मिह ला इटर महािव ालय, िनमली, सुपौल मे सप भेल।लोकमे अपार उसाह देखल गेल।ई तय सोझ मे आएल जे मैिथलीक पिहल जनकिव आ मैिथलीक िभखारी ठाकुरक सेहो डेढ़ साल पिहनेफॉम भरबाओल गेलिह मुदा आकाशवाणी दरभंगा ारा कोनो सूचना तकर बाद नै देल गेलिह। ओ कहलिहजे आकाशवाणी दरभंगा बाहर देबालपर "झा" सािट देबाक मोन होइए।आकाशवाणी दरभंगा मैिथलीक जाितवादी रंगमंच आ सािहयक सारक आ चारक बिन कऽ रिह गेल अिछ।ि◌नमली/सुपौल- थानीय अशफ दास, साहु-समाज इ. मिह ला महािव ालय पिर सरमे िद नक 7 अ टूबरकदुपहर 2 बजेसँ सं या 6:30 बजे धिर किव , कथाकार, गीतकार, अा गौिन हार, रसनचौकी बजेिन हारइ यािद क संग-संग अनेक ोता सबहक जमघट कसबामे दलमिल त केलक।आकाशवाणी दरभंगाक जाित वादी वृि क िव रोधमे आ दसटा जाित वादी पिर वारक मैिथ लीक मारैकषडयंमे आकाशवाणी दरभंगा ारा देल जा रहल सहयोगक िव राधमे िव देह िव चार गो ठी सह किव समेलनसुस प भेल। किव राजदेव म डलक अ यतामे आ पवन कुमार साह एवं दुगन द म डल जीकमंचसंचालनमे पिह ल आ दोसर दुनू सक अथत् िव चार गो ठी आ का य गो ठीक समापन भेल जेकरसंयोजक रहिथ उमेश म डल। एहेन पिह ल बेर देखल गेल जे िम िथ लाक कला-सं कृितक हराएल ेमी अपन-अपन िव चार खुिल कऽ रहखलिन । जेकर दू-टुक िव वरण ऐ तरह अिछ -शंभू सौरभजी- “हक-अिध कार आ कत यक संग लड़ाइ लड़ू तखन जे खोिज रहल िछ ऐ ओकर ाि त अव सहएत।”वीरे कुमार यादव- “अपनामे एकता हेबाक चाही। तखने अिध कारक ाि त भऽ सकत। ओइ वगक लोकअपना सभक सिद योसँ ठिक रहल अिछ ।”60


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>रामदेव साद म डल ‘झादार’- “अपना संग भेल दरभंगा रेिड यो टेशनक फुसलाओल कथा िव तारसँसुनेलि ह ।”राहुल कुमार साहु- “अपने सभ एकता क आ हम सभटा-युवा ित कारी अह सबहक संग छी। अिध काराि त करबाक लेल जे करए पड़तै हम सभ संग रहब।”राम िव लास साहु- “मा सात ित शत लोक मैिथ ली िव कासक हेतु अथत िम िथ लाक सािह ि य क िव कासमे जेकोनो सरकारी वा गैर सरकारी संथा सभ अिछ तइपर क जा केने अिछ । जे िब लकुल अनुिच त अिछ ,अनुिच त ई जे तखन तँ समुिच त िव कास तँ नै हएत। जखन िक सामुिह क िव कास आव यक अिछ ।”मनोज कुमार साहु कहलिन - “अपने सभ अपन लेखनीक तागित क आओर बढ़ाउ आ तखन अिध कार ाि त कलेल संघष क सफलता अव स भेटत, ई हमर शुभकामना।”किप लेर राउत कहलिन - “दरभंगा रेिड यो टेशनक जाित वादी बेव था अिव ल ब हटबाक चाही। वा तवमेतखने िम िथ लाक िव कास हएत। जगदीश साद म डलक जे टैगोर िल टरेचर अवाड भेटलिन , जे मैिथ लीलेल पिह ल अिछ ; से समाचार निह य कोनो दैिनक अखबार (दरभंगा-मधुबनीक)मे छपल आ ने आकाशवाणीयेमेसमाचार-सािर त भेल। जे बहुत िक छु किह रहल अिछ ।”नंद िव लास राय- “मैिथ लीक नामपर जे कोनो फंड सरकार ारा देल जाइए ओ मा मुी भिर लोकक बीचरिह जाइए। माने तेकर फैदा खाली दस ित शत ाणेटा उठबैए। आ◌ेतबे नै, चौक-चौराहापर िम िथ लाकमान-ित ठा मा भोजनेक कहैत रहैए।”कृ ण राम कहलिन - “समाजक ख ड-ख ड कऽ वणवादी बेव थाक तहत बाभन सभ बिट कऽ बेवसाय कऽरहल अिछ ।”61


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>हेम नारायण साहु - “मा मुी भिर लोक अपन आिध प य कायम केने अिछ आ एमहुरका लोक सभक गप-गपदऽ दऽ आ पूजा-पाठ करा कऽ आिथक आ मानिस क लूट करैत रहल अिछ । ओ सभ पैयाक लेल जे-नै-सेहो कऽ सकैए आ कऽ रहल अिछ ।”राम वेश म डल- “हम सभ जगबाक यास कऽ रहल छी आ बूझू जे जािग गेल छी। आब िन ि त अपनअिध कारक पािब लेब।”वीपीन कुमार कण- “जिह ना माताक स मान हेबाक चाही तिह ना मैिथ लीक सेहो। एते िद न अपना सभ बूझू जेभाषाक भरना लगा देने रिह ऐ आब ओ छोड़बैक समए आिब गेल अिछ । कथनी आ करनीमे अंतर खाली नैहेबाक चाही।”उमेश पासवान- “बाभन सभ मैिथ लीक कै जक धेने अिछ । लेिक न आब हमरा सभ छोड़बै नै ढावक जकदौग कऽ जेबै आ छोड़ा लेबै। खाली अपना सभमे एकता हेबाक चाही।”ी जगदीश साद म डल- “िक छुये लोकक ई िक रदानी अिछ जे मा बोिल येपर काज चला रहल अिछ ।देखबै जे मै खेतमे ऊचका मचान बना कऽ नगरा◌े-लु हाक ओइपर बैसा बजबबैत रहैए जे “हैआ आबए दे,के िछ अँ रौ, अखने देखा दइ िछ औ, क....।” अथत् िट टकारी दैत रहल छिथ । मा एक धा देबाकजरित अिछ । पिर णाम सामने आिब जाएत आ समाजक िव कासक असली आ बुिन यादी रा ता सबहकसोझामे आिब जाएत िम िथ लाक िच तन पंचदोवोपासनाक रहल अिछ । कोनो साधारण िच◌ ंतन नै।”नाटककार बेचन ठाकुर- “िक छुए लोक मैिथ लीक बपौती स पित बूिझ श दजालमे फसा कऽ लूट कऽ रहलअिछ । जे हर बहए से खढ़ खाए आ बकरी खाए अचार।”उमेश म डल- “ाणोमे सभ ाण ऐ खेलमे शामील नै छिथ मा पचसँ दस ित शत लोक ई कारनामामैिथ लीक संग कऽ रहल छिथ । अ◌ोहुँमे माने ाणोमे वंिच त सािह य-ेमी स ◌ा छिथ । खाली ऐ पचक62


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>बुझबाक अिछ आ तइपर धा लगेबाक अिछ । मिण पम आ हिर मोहन झाक सािह यक अखन तक जेमूयकण भेल से संबंिध त िव चारधाक पिह चान छी... ।”अ छेलाल शा ी कहलिन - “संगठन हेबाक चाही तखने अिध कारक ाि त भऽ सकत; ऐ जगमे के नै जनैएबाभनक कारनामा।”किव उपे नारायण अनुपम- “ल यपर पहुँिच रहल छी आ पहुँचबे करब।”संचालक य ी पवन कुमार साह आ दुगनंद म डल- “मंच संचालनक ममे अपन उगार य त करैतकहलिन , एहेन-एहेन िव चार गो ठी मासे-मास हेबाक चाही। िम िथ लाक िव कासक बाधापर बहुत रास जाित वादीमुा अिछ जेकरा जँ सािह यकार-िव ान नै बुझताह तँ के....?”अ य राजदेव म डल- “स बिध त िव षयपर अथत् ‘आकाशवाणी दरभंगाक जाितवादी वृिक िवरोधमे आदसटा घोर जाितवादी पिरवारक मैिथलीक मारैक षयमे आकाशवाणी दरभंगा ारा देल जा रहल सहयोगकिवरोधमे’ सभ व ताक व त य सुनलॱ। ऐपर सामुिह क िव चार करैत वैधािन क तिर कासँ डेग उठाएब आव यकअिछ । िव कासक म तखने सोझराएत। नै तँ....!!!!!किव स मेलनक एक झलक-ेम आिद य कुमार- उपेदसा मक किव तक पाठ केलिन ।वीपीन कुमार कण- भारत ि◌ नमण केना भऽ रहल अिछ आ केना हेबाक चाही तकरा उजागर करैत किव ताकपाठ केलिन ।63


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>शंभू सौरभ- लोक गीत सुना दशक दीघक लोट-पोटक ि थ ित बनौलिन । गु जीक िच हुनक किव तामेदेखल गेल।रामदेव . झादार- दूषणसँ मुि त लेल वृा-रोपन कायमपर बल दैत किव ताक पाठ केलिन ।दुगानंद ठाकुर- वष कतए चिल गेल...। तइ कारण फिस लक केहेन दुगित भऽ गेल...। अपना किव ताकमा यमसँ रखलिन ।किव उमेश पासवान- कतए हरा गेल छी यौ भाय सभ; कतए हरा गेल छी।’ कहैत भाव-िव ल भऽ गेलाह।किव नंद िव लास राय- बेटी िव आहमे कतेक सम या उप होइए तेकर नीक िच अपना किव ताक मा यमेरखलिन ।पल वी कुमारी- जगदीश साद म डल िल िख त गीतजिलक साभार करैत जुग-जुग आस लगेने मैइये शीत रौदचटैत एलॱ... गीत गौलिन ।अ छेलाल शा ी- घर-घरमे दुख अिछ पसरल , ऐ दुखमे केना लुटनाहार लूिट रहल अिछ तेकर िच णकेलिन ।बेचन ठाकुर- अखुनका समैक िव िच ताक वणक अपना किव ताक मा यमे केलिथ ।हेम नारायण साहु- िह नक किव तामे केहेन-केहेन जुलुम भऽ रहल अिछ तकर साफ-िन छल िच आएल।64


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>राम िव लास साहु- रौदीक वणक करैत सामाजक आड बरी सबहक िच कण केलिन ।किव किप ले वर राउत, राजदेव म डल, जगदीश साद म डल, पवन कुमार साह, दुगन द म डल इ यािदअनेको किव अपन-अपन नूतन किव ताक पाठ केलिन ।ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।दुगन द म डलनेना लेल सुदर िच कथाीमती ीित ठाकुरक दू गोट िच कथा )पिह ल गोनू झा आ आन मैिथ ली िच कथा, दोसर मैिथ ली िच कथा (मैिथ ली सािह यमे पिह ल बेर ुित काशन नई िद लीसँ कािश त भेल। दुनू िच कथा एक संग ी उमेशम डल जीक मा यमे भेटल। एक-आधटा पा उनटैिब ते मन गद्-गद भऽ गेल। लागल जे आब हम मैिथ लदिर नै सभ कथुसँ स प भऽ रहल छी। सािह यक तँ अनेको िव धा होइ अिछ जइमे कथा एक िव धािथ क तहूमे िच कथा तँ बाल सािह य लेल मुख। िच कथाक मा यमसँ अपन भूलल-िब सरल सं कृित कझलक सेहो भेटैत अिछ । िन ि त पे मैिथ ली सािह यमे एकर अभाव बहुत िद नसँ खटैक रहल छल। जेकराीमती ीित ठाकुर अपन िच कथा मैिथ ल समाजक बीच रािख एकटा असीम ित भाक पिर चय देलिनअिछ ।बुझना जाइ छल जेना हम अपनेक वयं िव सिर गेल छी। िव सिर गेल रही ओइ समैक जइ समैमे मैय अपनपोता-पोती लऽ जा कऽ घूड़ लग बैिस गोनू झाक िख सा सुनबैत छलीह जे अित मनोरंजक आ गोनूक तीवबुिध क पिर चायक छल। तिह ना आनो आनो कथा जेकरा ीित जी िच वत् कऽ हमरा लोकिन क सा◌ेझामेरखलीह। जइमे रेशमा-चूहरमल, नैका बिन जारा, योित पंिज यार, महुआ घटवािर न, राजा सलहेस, छेछण65


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>महराज आ कािल दास छिथ । जे किह यो आम छल, आब लु त ाय :भेल जा रहल छल, ओकरा एकबेर पुन :पिर िच त करौलिन । जइमे लोक जनलक जे रेशमा के आ चूहड़मल के?एतबे नै, ेमक पराका ठाक पिर चयक पमे जे लोकक ठोरपर हीर-रझा वा लैला-मजनू रहैत छल, कीओकरासँ कम िन वाथ ेम रेशमा आ चूहड़मलक छल ई देखेबाकमे साक रहलीह। जतए चुहड़मल दुधवंशीदुसाध जाित क तँ दोसर तरफ रेशमा भुिम हार ाण जाित क बेटी। जखन जुहड़मलक दंगल जीत कऽअबैत देखलक तँ दुनूक भट गंगाक तटपर, ओतिह ेमकथाक ार भ भेल। अथत् ेममे जाित -पाित सँ कोनोलेन-देन नै अिप तु ेम तँ ेम िथ क। ेम कएल नै जाइ छै अपने भऽ जाइ छै। तिह ना नैका बिन जारा सेहोेमेक पराका ठाक पिर चायक छी। भगता योित पंिज यार अपन वीरता आ परामक कारणे पूिज त भेल। आइजँ धमराजक पूजा तँ योित पंिज यार सेहो पूिज त छिथ । धमराजक भ त योित पंिज यार बारह बखकतप याक बाद कंचन काया लऽ कऽ घूिम घर एलाह। माइक कोिख पिव भेल। जे एहेन पैघ भगता ओकराकोिख सँ जनमल।तिह ना महुआ घटवािर न सेहो अपन इ जत बचाबए खाित र कौिश की धारमे जान गमा अपन सती वक अिकंचनबना कऽ रखलीह। राज सलहेसक कथा तँ नाचो पमे िस अिछ । जेकरा ीित जी िच वत् कऽ इित हासबना देलिन । एकटा धरोहरक प दऽ देलिथ । अनिच हार जक छेछन महराज कथाक संग कािल दासकिच कथा आ हुनक यादव कुलमे ज म हएब, हुनक यथथ पिर चए भेल। बहुतोक ई बूझल हेतिन जेकािल दास तँ कण-काय थ छलाह। ऐ लेल सेहो ीित जीक ध यवाद।ीित जीक दोसर रचना मैिथ ली िच कथामे कुल दस गोट कथा विणत अिछ । जइमे राजा सलहेस, बोिधकाय थ, दीना-भदरी, नैका-बिन जारा, िव ापित क आयु अवसान मुख अिछ । ऐ कारे दुनू िच कथा पढ़लापरएहेन लागल जे ई कथा सभ ऐित हािस क महत पाओत। ऐ कारक रचनाक सवथा अभाव सन छल। जेकराीित जी हमरा सबहक सम रािख एकरा धरोहिर वप महत देलिन । ऐ पोथीक नैना-भुटुकाक पिह ल पिस नकहल जा सकैत अिछ । खास कऽ जे ब चा नंदन, वालहंश, वा अ य पोथी पढ़बाक िह सक लगौने छलआब ओ लेिख का ारा रिच त रचनासँ लाभ उठाओत। पोथीक येक िच त या मक आ उे यपरक अिछ ।िच कथाक मा यमसँ ीित जी िम िथ लाक िव लु त ाय भेल िव षय-व तुक कथाक प दऽ जीवंत कऽ देलिन ।मैिथ ली ेमी ऐ तरहक रचनाक नजरअंदाज नै कऽ सकैत छिथ । आबैबला पीढ़ीक लेल ऐ कारक रचना नैमा मनोरंजक अिप तु ेरणादायक सेहो िस हएत। पोथीक सभसँ पैघ बात ई अिछ जे येक िच एकटािव शेष अंदाज आ दशाक तुत करबामे सफल भेल अिछ जे िल खल गेल पित क भाव प ट कऽ रहलअिछ । ाय :सभ जाित क लोकक िच ण ऐ िच कथामे समाएल अिछ । जे ीित जीक सम वयवादी सोचकपिर चायक अिछ । गित शील िव चार तँ सहजिह । िम िथ ला सभ िद नसँ उदारक पिर चायक रहल मुदा िक छुलोक बेवसािय क एवं जाित वादी सोचक लाड़िन बीचमे चलौलिन आ चलाइयो रहल छिथ । हमरा हख भऽ रहलअिछ ऐ िच कथाक लेिख कापर जे एतेक सु दर, सुगम, आ गित शील डेग बढ़ा मैिथ ली सािह यक िव कासमेएकटा बेछप थान बनौलिन अिछ ।हमर शुभकामना सतत रहत जे ीित जी ऐ कारक रचना करैत रहती आ ुित काशन कािश त करैत रहततँ िन ि त प िम िथ ला, मैिथ ली आ मैिथ लामे रहिन हार सभ पूणत :समृ भऽ जेताह।66


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।१. अिमत िम- िवहिन कथा- पिरभाषा २. सदीप कुमार साफी दूटा िवहिन कथा१३. राम िव लास साहु दूटा ि◌ वहिन कथा ४. वीरे कुमार यादव-लघुकथा-बाबाक गाछ◌ीअिमत िमिवहिन कथापिरभाषामाएक मोन एकाएक बड खराप भऽ गेल ।गाममे एिह रोगक डटर नै छिथ तँए एकटािमक संग शहर एलौँ ।रिव िदन ,िलिनक बंद ।डाटर साहेबक डेरापर जाएबाकयोजना बनल ।मुदा . . . ।िपछला दू घंटासँ गली-गली भटिक रहल छी ।जालमे फँसल माछ जक मोहला भिरमेअहुिरया कािट रहल छी ।लोक सबसँ पूिछ रहल छी ,मुदा . . .। डटर साहेबकडेरा नै भेटल । मोन खॱझा गेल ।िम बजलिन ,"जानबरसँ पूिछ रहल छी तँए जबाब नै भेटैत अिछ ।"ई सुिन एकटा लड़का िक गेल आ कहल ,"भाइजी एकरे नाम तँ शहर छै ।गामक लोकअगल-बगलक दस गामक लोकक िचहैत अिछ मुदा शहरमे बाय हाथ, दाय हाथक नै िचहै छै। एकलैटमे जमिदन होइ छै आ दोसरमे ा, ककरोसँ कोनो मतलब नै। शहर तँ शमसान िथक जतऽ तिकबिन लोक अपन वाथपूितक लेल तपया कऽ रहल छिथ । िकओ ककरो खोज-खबिर नै लै छिथ, नै तँतपया भंग भऽ जेतै। ईएह तँ िथक शहरक पिरभाषा।"इहर सह-सह करैत मनुखक बीच डेरा खोजबामे असमथ भेलहुँ आ उहर माएकससक डोर टूटल ।67


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>२.सदीप कुमार साफीदूटा िवहिन कथा१साउस पुतोहु-किनय, घरमे छी यै?-की भेलिन माए?-आँइ यै छौँकावाली, एतेक िनचेनसँ िसतै िकए छी यै? दुपहरक काज-राज अिहना पड़ल छै। कनी िहसोकपािन देखा ने िदयौ, िपयासल महीस खुा तोिड़ रहल छै। एतेक कहूँ मनुख सुतए। कतेक नीन आबैएअहक यै।-तँ की क, सुतबो नै क। भिर िदन खटैत-खटैत हाथ-पएर कारी-झामर भऽ गेल। ओहर िचलका तंगकरए, इहर भानससँ तंग। िहनका होइ छै, हम भिर िदन खटैते रही, हमरासँ नै हएत महीसक पािनिपआए। हमर माथ बड़ जोर दुखाइए, डर-िपी सेहो तोड़ने जाइए। एखन हमरासँ िकछु नै हएत कएल।-आँइ यै, एतेक कहूँ पुतोहु बानसबर हुबए। सुिनयौ यै ढुकरीक माए। अह सभ कहबै जे साउसक दोख।हम की बैसल छी। भिर िदन गोरहा पाथैत-पाथैत दुपहर भऽ गेल, एक टाएर गोबर छल हन। एखन तकपूजो नै केलॱ। कखैन खाएब कोनो ठीक नै। ऐ महरानीक देिखयौ जे हमरेपर हाथ-पएर चमकाबैए। बड़काछोटका कऽ आइयक किनय कोनो माने-मतलबे नै राखैए। अपन जएह मोन भेल वएह केलक। के खेनहारकदेखैए, जे ससुर भसुर खेलक की नै, अपन पेट भिर गेल, दोसर आब जेना रहए। अपन भूख तँ चुाफूक, दोसरक भूख तँ माथा दुख।भगवान हमरे बेटाक कपाड़मे ई निसिनय बथाए छल। जाइ छी नहाइलए, एकरासँ मुँह लगाएब तँ अपने मुँह खराब हएत। मुदा एकरा जाबे तक बेटासँ िपटबाएब नै ताबे तक68


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>हमहूँ सुख-चैनसँ नै रहब। हमहूँ ऐ कनिसिनयक देखा कऽ रहब, जँ बेटा वशमे रहत तँ ऐ जनानीक केहनहोइ छै। साउससँ जबाब-सवाल केनाइ सभ हम देखा देबै। महीस जेना नािथ देबै।पुतोहु- देिखयौ यै मकरा काकी। हम सभ सुिन रहल छी। साउस कहूँ पुतोहुपर एतेक आिग-बाउल ढारै अइयै। िखखरी माए, हमर साउस पिहने पुतोहु नै छलै की, जे पुतोहुक एना सताबै छै। जँ ई बुिढया बेटासँहमरा मािर िखया देलकै तँ घरमे यएह रहत की हमहॴ रहब। झटा-केस हम नै उखािड़ लेिलऐ तँ फेर की।साउस- यै, सुिनयौ यै टोल-पड़ोसक लोक सभ। ऐ भत खोखरीक हम कोन आिग-बाउल ढािर देिलऐ जे ईहमर झोटा-केस उखारत। कोनो हमरा िकयो देखनाहर नै अए। आइ आबऽ दही बुढ़बाक, नै िकछु कहलकौतँ फेर की।पुतोहु-ह-ह, देखब ने अह हमर की िबगािड़ लेब। जँ बेसी ओहर-आहर करब तँ हम छोटका भाएक फोनकऽ के नैहरे चिल जाएब। तखन अह अिहना असगरे चुा फुकैत रहब। किहया मरतै ई बुिढ़या, हमराजानपर अिछ।२सगुनठकोकाका-हिषत बाबू। एना माथपर हाथ धेलासँ काज-राज चलैबला नै अिछ। िकएक तँ अपन िमिथलामे भऽएलैए जे परपरा, तेकरा तँ िनभाबैए पड़त। िकएक तँ अखुनका जइ मनसूबे चिल रहल अिछ, तेकरा संगहमरा लोकिनक चलऽ पड़त ने। अछए, खएर बात अपन समाजमे गरीब होइए वा धिनक, मुदा बेटी िववाहकोनो धरानीए भइए जाइत अिछ। तइ लेल घबड़ेबाक कोनो बात नै। सभ बाबा उगना ठीक कऽ देिथन।ठीक छै तँ जाइ छी हिषत बाबू, ठीक छै।हिषत बाबू-आ ठको काका। ह कहू, की कहै छी। देिखयौ जे चढ़ैत शुमे बेटीक कयादान कऽ के हमसभ िदली जदी जाए चहै छी। तइ दुआरे काका हम अहक सलाह िलअ लए आएल छी। जदीसँ कतौभज लगेबै।ठकोकाका-हिषत बाबू। ओना हम सखबारमे एगो लड़का देखने छिलऐ, हमरा बड पसद आएल। लड़काबंगलोरमे इजीिनयिरंगक तैयारी करैत अिछ। बुझबामे आएल, लड़का नीक गोसँ संलन अिछ। भाव-िवचारबड मधुर आ वभािवक सेहो छै। मुदा हिषत बाबू, लड़का कऽ माय-बाप नै अिछ, ओकरा मामा-मामी आनाना-नानी पालने अिछ।हिषत बाबू-ठकोकाका, जँ अह ओ भज लगिबतौँ तखन तँ बुझु जे सभ ठीके-ठाक रिहतै।69


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>ठकोकाका-ओ लड़का बुझु जे अहक सेट भऽ गेल। सगुन ठीक अिछ अहक यौ हिषत बाबू।हिषत बाबू-शुभ लगनमे देरी की। जे नगद लेता अओर लड़का जे लेतिहन। हम सभ देबिन दै लेल। चैनकगलामे देबिन, मोटर साइिकल देबिन। मुदा ओ लड़का हमरा बड पसद आएल। ठकोकका, अह जदीसँ ईचर चलाउ। हमर कयादान भऽ जाए। जदीसँ सगुन लऽ कऽ जाउ, गोर लगै छी।३राम िव लास साहु दूटा ि◌वहिन कथाइमानदारीक पाठननुआँ पुछलक कनुआँसँ- “भैया आइ-काि तँ गामोक कूलमे बड़ सुिव धा पढ़ाइ होइ छै तैयो िव ाथी सभशहरक कलमे िक अए पढ़ै छै?”कनुआँ जबाब देलक- “गामक इ कूलमे इमनदारीक पाठ आ शहरक इ कूलमे रोजगारक पाठ पढ़बै छै।”“से केना?” -ननुआँ पुन: पुछलक।कनुआँ उर देलक- “गामक इ कूलमे एहेन पाठ पढ़बै छै जे कहुना सार भऽ जाए, गाए-भॱस चराबए आनमहर भेलापर हर-फार जोतए, खेती करए। अ उपजा कऽ अपनो खाए आ आनोक िख याबए। ई िछ ऐ नेइमानदारीक पाठ मुदा शहरक इ कूलमे िव ाथ सभक रोजगारक पाठ पढ़बै छै। ओ सभ पिढ़ -ि◌ लिख रोजगारलेल आन-आन शहर चिल जाइ छै। अपन घर-पिर वार आ समाज सेहो छुिट जाइ छै। समाजसँ बेमुख भऽजाइ छै। आब तोहॴ कह जे इमानदारीक पाठ के पढ़तै?”70


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>बौआ बाजलपढ़ल-िल खल बेरोजगार छी मुदा िद न केना कटै छल तकर कोनो सुिध -बुिध नै छल। ऊपरसँ पिर वारक बोझ,आगू पढ़बाक इ छा रिह तो िक छु नै कऽ सकलॱ। एक िद न मनमे फुराएल जे िक छु नेना-भुटकाक पढ़ाएलजाए। अहुना तँ हम बुिड़ आएले छी औरो बुिड़ या जाएब।एक िद न भोरमे बौआ-बु चीक ओसारपर पढ़बै छलॱ। दुनू बेरा-बेरी पुछए आ हम उर दइ छेिल ऐ।अिह ना ि थ ित मे बौआ पुछलक-“लोक एे मेहनतसँ िक अए पढ़ैए, जे पढ़ैए सेहो आ जे नै पढ़ैए ओहो तँ एक ने एक िद न मिर ऐ जाइए?”बौआक हम समझबैत कहिल ऐ-“जीवन-मरण तँ कृित क िन अम छी। ओ िन रंतर होइत रहैत अिछ ।”बौआ फेर पुछलक-“तखनो लोक िक अए पढ़ैए?”“मनुख पिढ़ -िल ख ान अिजत करैए आ ओइ ानसँ अपन िज नगीक सुलभ बना असली िज नगी जीबैए।लोक पिढ़ -िल िख डा टर-इंिज िन यर, औिफ सर, किव लेखक आ उपदेशक इ यािद बनैए। अ छा ई कहह जे तूँकी बनबऽ? ”बौआ बाजल- “हम पिढ़ -िल ख कोनो काज कऽ सकै छी मुदा किव -लेखक नै बनब। सभ कमा कऽ सुख-मौजसँ िज नगी िब तबै छिथ मुदा किव -लेखकक कोनो कमाइ नै होइत छि ह ।”४71


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>वीरे कुमार यादवलघुकथाबाबाक गाछीआमसँ लदल गाछ। िब नु ओगरबाहक गाछी तुलिस या चपक कछेरमे। तुलिस या गाममे अिभ जात वगक लोकसबहक संगे एक घर अोप सेहो छल। राजू मिल क ओइ अछोप पिर वारक पढ़ल-िल खल युवक छल।सरकार आरणक पमे ओही गाम-पंचायतक सुरि त कए लेलक। गामक मुख लोक सभ िव चार कए कऽराजूक मुिख या आ मोिह नीक ित िन िध चुनलक। मोिह नी ओही गामक पैघ शिश बाबूक पु वधु छलीह।मोिह नीक पित भिर -िद न गजा-भग पीबैत, िब नु िध या-पुताक जवािन येमे वग चिल गेल।नव ि◌ नविच त ित िन िध सबहक स मेलन भेल, जइमे पिह ल बेर मोिह नी आ राजूक भट भेल। आ ई भट दुनूगोटेक छातीमे मीलक पथर जक गिड़ गेल। दुनूक मोनमे एक-दोसरक अपनेबाक आग सुनगए लगल।िप िर तक आतुरतामे मोिह नी चैत-बैसाखक रौदमे बाबा गाछी िद स िव दा भेल। बाबा गाछीक बगलमे चपमे राजूमिल क अपन सुगर टहलाबए गेल छल।राजूपर मोिह नीक नजिर पिड़ ते मोहनीक ीित उमिड़ पड़ल। मोिह नी जोरसँ बािज उठल-“राजू, ए हर गाछक छहमे आउ, ओतए रौदमे िक एक खून सुखबै छी?”एतेक सुिन ते राजू दौग कऽ मोिह नी लग आिब गेल। मोिह नी राजूक हाथ पकिड़ कऽ लगमे आनए चालहक,मुदा राजू अपनाक अछूत बूिझ अलग भऽ गेल। मोिह नी एकटा फकड़ा सुनबैत राजूक अपना लगमे खॴचलेलक-“ यास ने मानए धोबी घाट, नीन ने बुझए टुटल खाट आ ीित ने मानए ओछी जात। ”राजूक देहपर मोिह नीक हाथक पशसँ राजूक हृदए शीतल भऽ गेल आ मोनमे भेलै जे ई चम कार केना भऽगेलै जे एतेक पैघ घरक पु-वधुक लगमे हम बैस गेलॱ।72


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>मोिह नी बाजल- “ऐ राजू अह हमरा हृदैमे छी। हम अहक ईरसँ आगू मानै छी। हमर जीवनक संगीबनबाक लेल वीकार क।”एतेक बात सुिन ते राजू बाजल-“ई केना होएत? अह पैघ लोक छी आ हम अछूत। ओना तँ अहक नजिर पिड़ ते हमहूँ ई सूिध िब सिरजाइ छी जे हम अोप छी। मोिह नी बाजल इंसान अछोप नै होइत अिछ । कमसँ लोक ऊँच आ नीच होइतअिछ । बाबा साहेब अ बेदकर जाित सँ अछोप छलाह मुदा ओ अपन िश ा आ कमसँ ऐ समाजक देखौलक जेसमाजक आगूक पित मे हुनक थान छि ह ।”मोहनी आ राजूक ेम-संग बीचेमे कलुबा जे शिश बाबूक मुँह लगुआ आ चािल सँ चुगला छल, िक छु दूरसँ ईखेला देखैत पोखिर िद स जाइत छल।कलुआ अपन नजिर पिड़ ते राजू डरसँ सहिम गेल आ इशारासँ मोिह नीक देखौलक। मोिह नी राजूक िह मतब हैत अलग भऽ गेलीह। आ फेर भेटबाक समए िन ि त केलक।ऐ ेम-संगक चच सॱसे गाममे होमए लागल। िहमत बाि ह कलुआ शिश बाबूसँ ई बात कहैत रहिन ओहीसमैमे गामक औरो पैघ लोक सभ आिब गेल आ शिश बाबूक उतार-चढ़ाउक बात कहए लागल। शिश बाबूबाजलाह-“रजुआक बाप रामा डोमक बोलाबा भेजू।”बोलाबाक लेल गेल धी रामा डोमक सभटा बात बतौलक। रामा डोम दा पीब कऽ म त छल। मािल ककबोलाबापर रामा दौगल आएल आ दुनू हाथ जोिड़ बाजल-“मािल कक जे हुकुम हेतै हम मानब।”कलुआ बाजल- “रे राम तूँ चािर िद नमे ऐ गामसँ आन गाम चिल जो, फेर घुिर कऽ ऐ गाम नै अिब ह।”रामा डोम मािल कक हुकुम मानैत बाजल-“मािल क अहक हुकुमक पालन अव स करब।”ई किह रामा डोम ओइठामसँ िव दा भऽ गेल। घर पहुँिच रामा, पु राजूक थ पड़ मारैत कहलक-“तोरा होश-हवाश नै, एतेक जुलुम िक एक केल।”73


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>राजू कनैत बाजल- “बाबूजी, हमर कोनो दोख नै, हम ि◌ नदष छी। रामाक गु सा शा त भेल।”भोरबाक चािर बिज ते बगलक गामसँ अजान सुिन ते मोिह नी घरसँ भऽ बाबा गाछी आएल। ओही गाछीमे राजूछल। दुनू गोटे गाम छोिड़ चिल गेल।भोर होइते ई खबिर सॱसे गाम आिग जक पसिर गेल। शिश बाबू गामक लोकसँ िव चार केलक आ थानामेअपहरणक रपट िल खैलक जइसँ राजू आ रामाक नाम देलक।ओ हर राजू मोिह नीक संगे कोट मैरेज केलक आ िक छु िद न अनतए रहबाक िन य केलक। तइ बीच गामकलोक सभ रामा डोमक पुिल ससँ पकड़बा देलक। पुिल स मािर -पीट कऽ रामाक जहल पठा देलक। ई खबिरसुिन ते राजू मोिह नीक संग कोटमे हािज र भेल। रामाक जमानत करौलक आ गाम िद स िव दा भेल। राित मेरामा, राजू आ मोिह नी गाम आएल।भोर होइते सॱसे गामक लोक शिश बाबूक दुआिर पर जमघट लगा देलक। िक यो बाजैत-“ई डोमरा छातीपर मुँग दरिर रहल अिछ ।” तँ िक यो बाजए-“एहेन हुलुम किह यो नै भेल रहए।”ऐ तरह चुपचाप शिश बाबू सुनैत रहला। िक छु कालक बाद बजलाह-“हे यौ समाजक लोक सभ पिर वन दुिन यक िन अम छी। काि क ऊँच आइ गहॴर, काि क पैघ आइबरोबिर । बदलैत कालक चसँ िक छु िस खबाक चाही। आब अपना सभक कोनो चारा नै अिछ । मोिह नीि◌ वधवा पुवधु छी, जन-ित िन िध सेहो बना देिल यिन । समाजक सही आ नव िद शा देबाक लेल ित िन िध होइतअिछ । अपना सभ िढ़ वादी िव चारक ित याग क। िव धवा िव वाह होबाक चाही। संगिह ऊँच-नीचक भेद-भावछोड़ू। सभ लोक ईरक संतान छी। िक यो ऊँच-वा-नीच नै होइत अिछ । सभक समान बुझबाक चाही।अंतरजातीय िव आहक सरकार य दऽ रहल अिछ । ऐ अवसरपर समाजक लोकक हम आइ सझकि◌ नमंण दइ छी। सझमे सामािज क िर ित-रेबाजक अनुसार मोिह नी आ राजूक िब आह होएत।”ई सभ ग प कहैत शिश बाबू उिठ गेलाह आ कलुआ केर संग रामा डोमक घर िद स िव दा भेल।सझमे राजू दु हा बिन बिर आतीक संग शिश बाबूक दुआिर पर पहुँचल मोिह नी आ राजूक िब आह भेल। शिश बाबूअपन दोसर टोलक कामत परहक घर-दुआिर आ जमीन मोिह नी आ राजूक देबाक घोषणा केलिन ।74


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>ऐ तरह आधुिन क समता-मूलक लोक जक राजू आ मोिह नी जीवन-बसर करैत ाम-पंचायतक ित िन िध वकरए लगलाह।ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।३. प३.१. जगदीश च ठाकुर ‘अिनल’- की भेटल आ की हेरा गेल (आम गीत)- (आग)३.२.१. जगदीश साद म डलक लगभग दजन भिर गीत २. िमिहर झा- गजल ३.अिमत िम-भगवती गीत/ गजल ४.अ छे लाल शा ी- दूटा किवता75


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>३.३.१. कैलास दास-कयूटर २. मोद रंगीले- मछर राज३. शंभु सौरभ- गीत३.४.१. राजदेव म डल जीक दू गोट किव ता २. डॉ॰ शिशधर कुमर “िवदेह”३.५.१. मुी कामत- िकछु किवता २. बी झा- दूटा गजल ३.शाितलमी चौधरी-दुगपूजा ४.नंद िव लास राय३.६.१. पवन कुमार साह २. िबिपन कुमार कण- किव ता-देखु केहेन ईभारत ि◌नमण ३.रामदेव साद म डल ‘झादार’- झा76


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>३.७.१. बाल मुकुद पाठक- िकछु गजल २. सदीप कुमार साफी- दूटा किवता३.८.१. िवनीत उपल- गजल २. अिनल मिलक- गजल ३. िकशन कारीगर-(हाय किवता)जगदीश च ठाकुर ‘अिनल’की भेटल आ की हेरा गेल (आम गीत)- (आग)िबजली कौखन कऽ अबै छलीिकछु हँसै छली, िकछु कनै छलीसभ बाट अिहया सन शािपतिनत बाट रामकेर तकै छली77


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>िनिशचरक उपवसँ सभठछल यथल सभ िघना गेल,हम सोिच रहल छी जीवनमेकी भेटल आ की हेरा गेल।हम थहाथही करइत रहलहुँअहड-िबहािड़ भोगइत रहलहुँकूकुर, हाथी आ गहुमनसँडरइत रहलहुँ, भगइत रहलहुँबतहा हाथी केर तरबा तरचुी अनिगनती िपचा गेल,हम सोिच रहल छी जीवनमेकी भेटल आ की हेरा गेल।हम देखलहुँ सबहक सोझमेबकरीमे खुा बाहल अिछसॱसे आकाशक बदलामेकागत एक टुकड़ी तानल अिछिनविसत रहबा केर दुख छलमैिथलीक भायमे िलखा गेल,हम सोिच रहल छी जीवनमेकी भेटल आ की हेरा गेल।देखलहुँ हम नवगछुलीकदेखलहुँ हम पुरना गाछीकदेखलहुँ हम गाछक धोधिरकदेखलहुँ हम गाछक बझीकछल हहिर गेल सभ गाछ, मुदाली-फी सभ मोटा गेल,हम सोिच रहल छी जीवनमेकी भेटल आ की हेरा गेल।78


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>मनक जे आलोिकत केलकसे छल इजोत ‘िमिथला िमिहर’क‘िमिथला दशन’ आ ‘मािट पािन’‘भारती’ आ िवापित पवक‘जय जय भैरिव’ केर शं◌ंखनादचेतना-भूिममे समा गेल,हम सोिच रहल छी जीवनमेकी भेटल आ की हेरा गेल।याी, हिरमोहन जगा गेलािनत नऽव पराती सुना गेलाआंगन-आंगन आ घर-घरमेमैिथलीक पूजा िसखा गेला‘जय मैिथली’ कहइत-कहइतछल आँिख हुनक डबडबा गेल,हम सोिच रहल छी जीवनमेकी भेटल आ की हेरा गेल ।ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।१. जगदीश साद म डलक लगभग दजन भिर गीत २. िमिहर झागजल ३. अिमत िम-भगवती गीत/ गजल ४. अ छे लाल शा ी- दूटा किवता79


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>१जगदीश साद म डलकलगभग दजन भिर गीतभीख मिग ......भीख मिग दुिन य िभ खारीदानी िश व कहबै छी यौ।हे यौ भोलानाथदानी िश व कहबै छी यौ।राि◌त-िद न समैट -समटै छी80


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>भीखमंगा कहबै छी यौधिड़ भीख धारा बनै छीधार भीख बहबै छी यौधार भीख......।िख खर िस र अकुर-सकुरचोटी िस र पकड़ै छी यौधार बिन धड़ा-धड़ापहुँच समु धड़ै छी यौ।पहुँच समु......।हे यौ भोला बाबापहुँच समु धड़ै छी यौ।81


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>बकरी खुी......बकरी खुी खुटेस-खुटेसिज नगी पाठ पढ़ै छै।कु ज भवन, लाल िब हारीलीला रिच रास करै छै।लीला रिच ......।रंग-िब रंगक पात खुआरस अमरीत चुसै छै।मन म खन चोिर छोिड़गरदिन बा ह पड़ै छै।मीत यौ, गरदिन ......।बीत रिह तो बकरी जेनासढ़-धाकर कहै छै।मनहाएल-मनहाएल रिह तोउरीित रीित गबै छै।82


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>मीत यौ, उरीित ......।83


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>अमरा अँचार......अमरा अँचार चटै छैमीत यौ, अमरा अँचार चटै छै।अमौर-मौर बिन बनाअिब ते रस बदलै छै।पािन जीह पािब पिन याचहिट चुहुिट धड़ै छै।मीत यौ......।जेहने फड़क रंग-पतेहने ते पातो धेने छै।नमहर-नमहर गीरह-गठिब नु िग रहेक डािर पकड़ै छै।मीत यौ......।चिट ते अचार अम अमिड़84


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>अमरजोत देखै छै।जीवन जन छोिड़ -मोिड़मरण वािण पकड़ै छै।मीत यौ......।85


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>घरे-घरे......घरे-घरे योित दीपगाम अ हार पड़ल छै।घरे-घर समाज किह -किहअध-मरल गाम पड़ल छै।अध-मरल......।इित हास िम िथ ला किहपुर जनक धाम बनल छै।व आठ गीत गािब योित रमान जगै छै। योित रमान......।बिन किन य-पुतरा कठपुतरीमूक नाच नचैत रहै छै।राित -िद न एकब बरहबट बिननािच नाच नचैत रहै छै।86


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>नािच नाच......।87


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>बेटी िक अए......बेटी िक अए बनेलॱ, िश व यौबेटी िक अए बनेलॱ।भूख पेट दुख बिन बनाहमरे िक अए सजेलॱहमरे िक अए......।सिज सािज िस र सजासजाया ता िक अए बनेलॱिक छु ने कामना मनमे ठननेएहेन िक अए बनेलॱ।बेटी िक अए......।मन-मन माली बैसल छैमािल न िक अए बनेलॱमन-मिल न मुँह कािन -कािनबेटी िक अए बनेलॱ।88


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>हे िश वदान हे बमभोलाबेटी िक अए बनेलॱ।89


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>मनक भाव......मनक भाव समेिट -समेिटमनोभाव पनपए लगै छै।सुभाव अभाव कुभाव भवप रंग सजबए लगै छै।प रंग......।महिक मिह परिख िन खािरभवन भव िस रजए लगै छै।उक-भाव लपिक लपाकिब न भावुक सजबए लगै छै।बिन भावुक......।भाव-भावुक रमकी-चमकीभाव लोक िस रजए लगै छै।आनन कानन मानन मािनभवानन कहबए लगै छै।90


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>भवानन......।91


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>ि◌सरजन िस र......िस रजन िस र पकिड़ -पकिड़जिड़ धरती धड़बै छै।पित -पन पित पित याउपवन-वन सजबै छै।भाय यौ, उपवन......।सिज ते वन उफिन उपिनधरती धार बहबए लगै छै।सुध-असुध किह सुिन -सुिनघिट -बिढ़ घाट बनबए लगै छै।भाय यौ, घिट -बिढ़ ......।कोने-कानी कुिट -कुिटधोिब घाट सेहो बनबै छै।िन रजन, िन रमल बिस -बसुहािर -जीत दुिन य कहै छै।92


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>भाय यौ, हािर -जीत......।93


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>दूधक भूखल......किन -किन कािन कहै छै।कमी-कमी कान पकिड़ पेकिड़जिड़ कनु अंग धड़ै छै।भाय यौ, जिड़ कनु अंग धड़ै छै।किन -किन ......।रंग-रंग कनजिर बिन वनरंग-रंग मुँह धड़ै छै।रंग-रंग सुिन गुण-गुिनफलाफल मुँह िछ टकै छै।किन -किन ......।जिड़ कोनो फल फलागमकोनो फुलहिर झड़ै छै।जिड़ -जिड़ कनिक -कनिक कानकलशल डािर कहबै छै।94


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>अपेिछ त, कलशल डािर कहबै छै।किन -किन ......।95


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>संगे-संग......संगे-संग यॲ घरक खुना गेलमीत यौ, एके संग यॲ खुना गेल।मीत यौ, ई गड़बड़ भेल उ गड़बड़ भेल?नै यौ, हँ यौ, हँ यौ, नै यौ, हँ....।संगे-संग......।अदिल नीक बदिल अधलाअदिल -बदिल बदला गेल।गारा गर पकिड़ -पकिड़ , मीतगारा घेघ बनबैत गेल, मीत यौ.....।संगे-संग......।बाम दिह न बनु बुझने-सुझनेछिट बाम बूच छिट या गेल।डाली कसतारा सिज सजबएई अधला भेल, मीत यौ ई अधला भेल।96


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>संगे-संग......।97


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>चोटी छुबै......चोटी छुबै चट-चिट याचिट या चाट िस खै छै।जीनगािन क रंग रभसिज दािद ली गाबै छै।चोटी छुबै......।बून-बून अकास बिन -बिनधड़-धरती छुबैत रहै छै।चूह चुहुट सािट सिट छतीदूध-फूल बनबै लगै छै।चोटी छुबै......।करम-धरम खेल िस र िस रिजनचनी नाच नचैत रहै छै।बाट-बटोही पकिड़ -पकिड़मूंगबा मुँह िव लिह चलै छै98


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>चोटी छुबै......।२गजलिमिहर झासारंगीक तार पर जेना िफरैत उँगरीजूता पर टकुआ संग छै चलैत उँगरीदेश बनल कूडा िडबा फैलल सॱसे गंधकौखन एपायर जेक छै उठैत उँगरीअंग अंग कािन उपर आिन सेहो भरललंकाक छोट रिहतो छैक तनैत उँगरीछौड लपेट माछ के िनकबैत आ तरैतिपठाड सॲ सामा चकेबा के ढोरैत उँगरीछैक गाम अलग कुल पिरवारो अलगहृदय िमलबै छै िसंदूर करैत उँगरी99


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>३१अिमत िमभगवती गीतराित सुनहरी,उगल इजोरीया ,चक-मक चमकत चान यौभऽ कऽ शेर सबार एिथन मैया हमरो गाम यौकाितक एिनन गणपित एिथन ,संगमे सब बिहिनय एिथनललका चुनरी शोभैत हेतै ,पसँ मनमोिहनी हेिथन-2सब िमल करबै हमहू-2बारबार णाम यौभऽ कऽ शेर सबार . . . . . . .िनिमयक छवमे अबे ,बनौिथन अपन डेरा यौगीतो हेतै झािलयो बाजतै ,और बाजतै नगाड़ा यौ-2झूमऽ लागिथन मैया भवानी-2 संग-संग सगरो गाम यौभऽ कऽ शेर सबार . . . . . .क सबहक दूर करिथन ,करिथन नैया पार यौअरहुल फूलक माला बनाबू ,चलू अबे ार यौ-2अतमे जयकारा लगाबू-2 लऽ दुगक नाम यौभऽ कऽ शेर सबार एिथन मैया हमरो गाम यौ-6100


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>२गजलउिठ कऽ बैसल मरदबा एखनी कुछो होतै कीछै समय ई भोरका एखनी कुछो होतै कीसप दू मूँह भरल छै सगर घरमे की करबैबीनपर कठफोड़बा एखनी कुछो होतै कीनोट हमरे लोकक संग हमरे थानेदारोदेश हमरे चोरबा एखनी कुछो होतै कीबाण चललै कोन देखू करेजा छलनी भेलैघावमे छल नेिहया एखनी कुछो होतै कीचान धिर पहुचल मनुख आब तारापर चिल जेतैकाि घर ओतै मुदा एखनी कुछो होतै कीपित िकनको छै गजल हमर भेलै ई कमक फलबादमे िलखबै कता एखनी कुछो होतै की2122-2122-1222-222४101


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>िप ताक नाओं व. िब लट यादवअ छे लाल शा ीगाम- सोनवषकिव ता-िक सानक भेल िप सानदेखू सभ जन महग भेल समानजखन सभसँ स ता िब कैत धान।िक यो अिछ चलैत िच बबैत पानजखन अखन िक सान भेल िप सान।खेल करैत अिछ , बीचक दलालतेजगर चूसँ करैत हलाल।अिछ भड़ैत दूनू जेबीमे मालहाल देिख रहल छी सालक साल।102


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>ठोिक रहल अिछ सभ सम या तालसभ िद न िक सानक बजरल ताल।नै कहैत िक यो िक नको हालकिह यो दाही अिछ किह यो अकाल।नै एकता जाधिर िक सानक भेलचलैत रहत ताधिर एहने खेल।कृिष लागतपर हुअए उिच त दामखुशी हुअए सभ लोक गामक गाम।जखन िक सानपर अिछ देशक ताजसभसँ कमजोर िक एक हुनक अबाज।सरकारक चाही िव शेष िध यानसभ बात जािन रहला भगवान।२103


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>आबो चेत चलूजहन हम मनुख बिन एलॱ ऋृिष -मुिन क देशमेित याग तप या दान परोपकार उे यमे।अखनो नै बाजू सूनू देखू कोनो झूठअस य अ याचार तोिड़ रहल स यक घूठ।देखलॱ यालय-कचहरीमे झूठक बेवहाररािख िम लान केहेन करैत एहेन िव चार। वदेशीसँ वदेशी टाका कमा रहल अिछदेशक जन-धन गित क ण सभ गमा रहल अिछ ।कानून देशक नै मािल क जािन रहल अिछगलती करैत चलती धरैत फािन रहल अिछ ।अंेज भािग गेल मुदा रिह गेल बनल डगरपूखक कृित धूिम ल भेल सगर गाम-नगर। वदेश ेम नै िज नका ओ बनलाह दलालनमक हराम देशक देशक करैत हलाल।कानून जािन मािन गित करैत चलू देसमेजहन हम मनुख बिन ◌ेएलॱ ऋृिष -मुिन क देशमे।ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।104


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>१. कैलास दास-कयूटर २. मोद रंगीले- मछर राज३. शंभु सौरभ- गीत१कैलास दासकयूटरहमर काम अनेक अिछकरैत निह छी करबै◌ै छीसभ े मे हम अबै छी ।हम कयूटर छीहम निह झुठ बजैत छीबजबै तऽ पुछैत छी ।करबै तऽ करैत छी ।सभ े मे हम अबै छी ।िनरर हम दोत निहनिह जनने हमरा लोक बुझैत निह अिछकामक हमर अय निह अिछहम कयूटर छी105


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>हम हँसबए आ खेलबय छीगेम िफम सभ देखबै छी ।सभहक ोबम सोभ करैत छीहम कयूटर छीतेल, मोिवल हमर आहार निहभाई विहन आ साथीसँ सरोकार निहपिरम हमर बाट अिछहमर नाम कयुटर अिछिबजुली पर हम चलैत छीओकरा िबना हम मरल छीहम सभ ेमे अबै छीहम कयूटर छीहमर जे नेह करैत अिछओकरा हम सभिचज दैत छीजे हमरा सँ दूरी रखैत अिछओकरा हमहँ◌ु दूरे रखैत छी२मोद रंगीलेमछर राजजनकपुर शहर पर क सभ गा◌ेटे नाजगुलाम बनू मछरक यएह अिछ काजखुन िपपासु क देखू केहन छै अदाजसलाम ठोकू सभ गा◌ेटे आिब गेल मछर राज106


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>पयटन िदवस नै , मनाउ मछर िदवसमछरसँ कटबैबला हा◌ेउ िववशसुनु मछर संगीत बद क अ◌ावाजसलाम ठोकू सभ गा◌ेटे आिब गेल मछर राजमहलमे रहू या बनाउ झा◌ेपडीसहनशीलता नै अिछ तँ फोड़ू खा◌ेपड़ीिदन भिरक टेसनक अ◌ाउर बढाउ, जखन पड़ैए सझसलाम ठा◌ेकू सभ गा◌ेटे आिब गेल मछर राजऐ शहरमे रहै कऽ अिछ तँ ई सय जािन िलअऐ दुखक िनवारणा केउ नै करत, बात हमर मािन िलअहािर मािन कऽ, देवता जािन कऽ पिहराउ ताजसलाम ठोकू सभ गा◌ेटे अ◌ािब गेल मछर राज३शंभु सौरभ, पता-गाम- भरवाड़ा, िज ला- दरभंगा।गीतचलैत चल चलैत चलपएरसँ पलैत चलतृण, तुषार तृ त कण107


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>मृ यु केर अिद त पल।जलैत चल......।मुा अघाएल रहूकृित तव धैल रहूभावनाक लोलकीपरचेतना डहाएल रहूचलैत चल......।िस नेह भरल दृि ट हो वणमयी सृि ट होकममयी कामनाफुलाएल सदा िश ट हो वसमे हो वर-समरएक गीत, एक वरघटसँ िम ला कऽ घटवायुसँ िम लैत चल।चलैत चल......।बाट अनिच हार छौ108


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>स मुख अ हार छौब धार च बिनकालच ठाढ़ छौछोट हृदए खोह छौवयसो अजोह छौिव षम बाट-घट छैकदौड़ैक बेछोह छौिच तइ जे जीवनकजीबैले योवनककमक आलोकमेममक छीलैत चलचलैत चल......।मानवता कािन -कािनठोिह पािर रहल मिगिज नगीक मोल रेखोल हृदए ािर फािन109


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>का ह परल भार छलमृ युक हँकार छौिह मतसँ काज लेले-ऊँच पहाड़ छौि ित ज दृि ट हीन छैकक पना नवीन छैकत वीण याी बिनिस धुमे िप लैत चलचलैत चल......।ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।१. राजदेव म डल जीक दू गोट किव ता २. डॉ॰ शिशधर कुमर “िवदेह”१दू गोट किव ता-राजदेव म डल जीक110


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>कुहेसकतौ नै िक छु बचल अिछ शेषचाभर पसरल कुहेसकठुआ गेल देह भीजल अिछ केशअधिभ जू सन भेल सभटा भेषघुिर या रहल छी ठामिह -ठामिक यो नै देत अिछ समैपर कामटुटल जा रहल सभ आसऊपरसँ लिग गेल िद शसकुहेस और भऽ गेल सघनइजोत लगैत अिछ टीका सन।खेत-खिर हान, घर, जंगल-झारसभटाक िग◌ ंर गेल अ हारउनिट गेल अिछ जेना माथछूिट गेल सभ संग-साथ।नै भेटैत अिछ बाट111


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>नै अपन घाटलगे-लग औनाइतमन भेल उचाटसभ गोटे धऽ लेने छी खाटदेखा िद अ जाएब कोन बाट।किह या फटत ई कुहेसभेटत अपन घर पिर वेशहे सुज िक िर णक जगाउआबो तँ ऐ कुहेसक भगाउ।112


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>जानवरक बोलीसुनहट बाट अ हार भरलअिछ िक छो गॲिग या रहलदेह थरथराइत मन डरलभूत जक के अिछ अड़लसुनमसान अिछ चाभरने लोग आ ने अिछ घरजानवर ठाढ़ अिछ आिर ऊपरबािज रहल अिछ भऽ चरफर-“हे यौ, ज दी लग आउबोली सूिन नै घबराउकहब आब रह यक गपबोलीक लेल बड केलॱ तपअह देलॱ अपन बोलीहमर पूरा भेल आसानै घबराउ हम देब आबअपन भेस-भाषा।”113


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>जानवरक मुँहसँ मनु खक बोली सूिन रहल छीअचरजमे डुमल अपने माथ घूिन रहल छी।नै सुनब तँए कान मुिन रहल छीिव कासक मक गुिन रहल छी।२एम॰डी॰(आयु॰) – कायिचिकसाडॉ॰ शिशधर कुमर “िवदेह”कॉलेज ऑफ आयुवद एड िरसच सेटर, िनगडी – ािधकरण, पूणा (महारा) – ४११०४४,मृगतृणा मे पािन तकै छीमृगतृणा मे पािन तकै छी,कोना भेटत से अँहॴ कहू ?छह पकड़बा केर इछा अिछ,कोना भेटत से अँहॴ कहू ??अिनरािशपर खाली पएर,िनःसंशय भऽ कोना चलू ?कट भरल सभ बाट-घाट मे,िबनु आहत भऽ कोना चलू ??114


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>रोपल बस आ आम आश अिछ,फड़त कोना से अँहॴ कहू ?सॱसे िवष केर धार बहइए,अिमय कह से अँहॴ कहू ??राित अहिरया, पुनिम बाद पख,चान भेटत कोना - कतए कहू ?धारक गित अितबल पूब िदिश,जायब पिछम कोना कहू ??आइ अह बड़ नीक लगै छीजािन िकए निञ, आइ अह बड़ नीक लगै छी ।जािन िकए निञ, आइ अह बड़ दीव लगै छी ।।जकर राग युग – युग सञो रािजत,जकर बोल िदक् - िदक् मे भािषत,सरस िसंगारिह रस अनुिसिचत, गीत लगै छी ।जािन िकए निञ, आइ अह बड़ नीक लगै छी ।।जकर परस म, उपवन सािजत,िवुत - हास - चपल तव यािचत,जकर हृदय ीतक मोती, से सीप लगै छी ।जािन िकए निञ, आइ अह बड़ नीक लगै छी ।।115


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>मझ जलिध लघु ीप समाने,हीरक - ुित जनु कोयला खाने,जार मास िनिशभाग अहिरया, राित कािशत दीप लगै छी ।जािन िकए निञ, आइ अह बड़ नीक लगै छी ।।जकर िता युग – युग कयलहुँ,जनम-मरण कत’ छािड़ कऽ अयलहुँ,कालक गित िनबध, पर मनमीत लगै छी ।जािन िकए निञ, आइ अह बड़ नीक लगै छी ।।आइ याद हुिनक बहुते आयलआइ याद हुिनक, बहुते आयल ।कऽ गेलमोन, अितशय घायल ।।निञ जािन कतऽ सँ कोन वेग,उिड़तिह – उिड़तिह एिह ठआयल ।संगिह अपना, हुिनकर मोनक,सदभ केहेन, की – की, आनल ।अिछ अनुनािदत मितक – मोन,िकछु चंचल सिन, िकछु िकछु पागल ।।116


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>मृित पटल पर ोितत सिन,छिव हुिनकिह सः अिछ आयल ।पवनक ओ परस अनुराग भरल,जनु ीित हुिनक भिर - भिर लाओल ।वणिह ओ हास ुितगोचर िथक,अिछ जकर मोन अितशय कायल ।।छी बैसल एिह ठ लासिह मे,पर मोन तँ कोसहु चिल आयल ।लेचर वणिह ुितगोचर छी,मन सिकष हुिनक पायल ।लगइत अिछ जेना ओ आइ एतए,संगिह तँ समुख छिथ आयल ।।म संया िलिखत शद अिभेत उचारण१ पािन पाइन, पइन, पैन२ अिछ अइछ३ अिनरािश अिनरािश४ राित राइत117


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>५ अहिरया अहिरया, अहैरया६ पुनिम पुनैम७ गित गइत८ अितबल अितबल, अइतबल९ िदिश िदिश, िदश१० जािन जाइन११ कत’ कते१२ छािड़ छोइड़१३ सिन सइन, सन१४ अितशय अितशय, अइतशयऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।१. मुी कामत- िकछु किवता २. बी झा- दूटा गजल ३. शाितलमीचौधरी-दुगपूजा ४.नंद िव लास राय१118


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>मुी कामत१भेल पुरा आसउमरल ऐलदेखी कारी मेघचिल गेल धानपुबिरया खेत।बंजर भूिम आबपिनया जेतैिमटतै आब अपनो दुखसगरे अ उझला जेतै।बुची लऽ लब आंगी अनबैतोरा लऽ लव साड़ीअबकी जतरामेिनमली बजारक खेबै पकौरी।आइ पुबाइर बाध रोपबैकाि पछबािड़119


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>परसू उरबािड़ आ दिणबािड़चा िदस लहलहेतै खुशहालीसुख-सप हम सब भऽ जएब।२भाइयक नेहजब छोट छेलॱतँ कतेक नेहकरै छल हमरा भइयाहमर एगो लोर परकतेक प बदलै छल भइयाहाथी घोड़ा भालू बिन कऽमनबै छल हमरा भइया।पिहलुक कर हमरा िखया कऽफेर सुगा मैना कऽ िहसासेहो िखयाबै छल भइया।पर आब एगो अलगे प बदललिखन भइयािभन-िभनौजक खेलखेला रहल छिथन भइया।कतनो कनै छीतइयो नै देखै लऽ अबैए भइया।120


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>आब हम नै खेलबै ई खेलरिह नै सकबै भइया किर कऽ बैरभगवान हमरा फेरसँबचा बना दइएहमरा भइया सँ ओ नेह मंगा दइए।३अलहर मेघबजबैए मेघतबला ढोलबरसाबैए पािनिटिपर-िटिपरझनर-झनरराग अनमोल।सन-सन-सनहवा सनसनायतन-मन क ओिथरकाबैत उिड़ जाए।झमिक कऽ आबैएकारी बादलचुमै लऽ121


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>धरतीक चरनकतृत भऽई अर बादलहँसैत िखलिखलाइतयएह आसमानमे पुनःिवलुत भऽ जाए।२बी झागजल१आंिख सँ दहs बहs नोर बहै छल ओ कहलेन धुर पािन रहलआंिख हमर दुहु रंिजत भेल केहन कठोर ओ नै जािन रहलस केर वाहधारा थोड़ भs गेल ाण निह बचल शेष जनुहुनका लेल छल सभ खेल तमाशा हम तरेगन गािन रहलगुदरी िसिब िसिब िदवस हम काटी अजीण नुआ देह म छारलसाग पात तोिरकs जे आनलौ नोरे सँ हम ओकरा छािन रहल122


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>बारह बरख पर ओ एला एक घड़ी छाहॲ निह भेटल हमराहिरबासर आ तीज सबटा केलौ किठन त हम ठािन रहलिवदीण भs गेल मोन किपत भेल काया नोर सँ पोखिर बिन गेलिनदयी छलीतs ओ ओरे सँ छिथ कथी लेल बी अह कािन रहलसरल वािणक बहर वण -२५२आश टूटल भाग फूटलआंिख इनहोरे सँ शीतललेख भायक जनु इहे छलठोढ़ किपत मोन तीतलमिलन भेलै चान उजरराहु गरिसकs सॱस बैसलछन पलक के िखलल फूलोमौिल गेलै पुप कोमलपेट बी नूर बाहलपहर चा कािन काटल२१२२ -२१२२ सभ पित म123


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>३आइ हम बड़ उदास छीनै बुझी िकए हतास छीछह रौद आएत जाएतलागै िकए चैती बतास छीआंिखसँ िन गेल कतएमुहं लगे सुखेल घास छीघर म नै नै बाहर चैननै िनकले उहे भरास छीलािग अिछ जगसँ िवछुधबी नेने अह सयास छीसरल वािणक बहर वण -१०३शाितलमी चौधरी124


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>दुगपूजािसमिसम जाड़क हुलकीओ भोरे क िसतायबअिधराइते सँ भनभनिभनसरबे क जागबिहंग रसूनक बदहीसतसुइया क बाहबनजिर-गुजिरक जतरडायन-जोिगनके दागबफुल चोरीके हो-होबुिढ़याक फौती सरापबभगजोगनीक रोसनीआँिखफािड़ अधकोढ़ी िनहारबलालटेनक भकचोहिमिलजुिल पािथब बनायबनेनतुर के भुसभुसओ दादीक फटकारबिचकैिन-गोबरौरके धवधवघुरघुराक चालबडेरहीक िपछड़ौननेनाक जिहंतिहं नहायबदोहारा तीराक लालीिसंगरहारक गमकबथलकमल फुलडालीकनेल-तरक हबगबबेलप कटक िसबिसब125


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>दुइभक मुरी खोटबबेजी पा केर िगनतीमुिरपा केराक काटबमायक िफसिफस गौरीमंबिहनदायक आरती गायबबाबा केर सतसती लोकहनुमानचिलसा एककंठ खेहारबपानक िबचकी िखलीकतरा सुपारीक खॲसबिपचकल मखाना पर िकरओंकरल मुँगक सादबकुमािरक नववममुीमुी पान िचबायबपायल के झुनमुननाक धिर िसनुर टघारबाणक पीड़हीीर-भोजन खायबदहुँिदश खीरक पािनलका-मछी नाचबबाहल बरदक हुरबकुकुर क दबारबिबजीक कनकटुआछागरक नगिर मोचारबखेसािरक िछमिरघासबोझ पर घोलटबलदहाक झुलापालो पर झुलब126


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>नीलकंठक ढ़पािबढ़िनक मारबरसचोभीक फुदफुदिटकुलीक िशकारबिलय आिब गेलीह मैयाधीयापुताक खेलाअबआउ आबैजाउ गामदुगपुजा मनायब४नंद िव लास रायकिव तावोटपंचायत चुनावक पकड़ने छलचार-सारक बड जोरसभ चौक-चौराहा पर छलरेडीक अ◌ावाजक शोर।बैसल रही हम अपन दलानपर127


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>चुनावक सरगम रहए उफानपरताबित मे हमर हरबाहाजकर नाम अिछ मंगलादेखबा-सुनवामे तँ ओबुिर बक लगैत अिछमुदा अिछ बड चंगला।आएल ओ कहलक-“िग रहत कनी खैनी िद अ।”हम खैनीक िड बी दैत कहिल ऐ-“चुनाबह अपनो खाआ हमरा◌े खुआबह।”ओ खैनी चुनौलकहमरो िद स बढ़ौलकहम एक जूम खैनीढोर तरमे लेलॱ।आ पुछलॱ-“कहऽ मंगल128


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>की छअ समाचारवोट केकरा-केकरा दइलेकरैत छहक िव चार?”ओ बाजल-“की कहू िग रहतिक नडीडेट सभने िद न बुझैएने राित बुझैएआ जखिन -तखिनभोट मंगैलेचिल अबैए।”हम कहिल ऐ-“आन पदक क डीडेट सभमे तँकरए पड़तह िव चारमुदा सरपंचमेमगिन िद आदे छह ठाढ़आदिम यो नीक अिछअनकासँ ठीक अिछ ।”129


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>ओ बाजल-“की कहिल ऐ िग रहतिद आद?परसाल हमर बकरीउखिर कऽ ओकर चािर टा गाछखाए लेने रहए कोबीतइले िब खिन -िब खिन कऽगािर देने रहए हमराओकर मौगीओकर गािर कलागल अिछहमरा बड़ चोटहम ओकरािक ॱ नै देबअपन भोट।”ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।130


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>१. पवन कुमार साह २. िबिपन कुमार कण- किव ता-देखु केहेन ई भारति◌ नमण ३.रामदेव साद म डल ‘झादार’- झा१पवन कुमार साहकिव तािम िथ ला वासीकहबै छी हम िम िथ ला वासीजेकर नै दुिन यमे जोड़।माथ उठा कऽ, घुमिर -घुमिर कऽकहबै छी हम बड़ बेजोर।पलिट कऽ देखू अपन इित हासने बुझाएत कोनो उपहास।131


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>ई ओ माि◌ ट अिछजतए भेल पिह ले लोकतंक वास।हम बुझै छी, लोकतंमे सभ समानफेर बताउ िक एक बनल छी बइमान?जाि◌ त-पाित क भेद छै, अपनेमे िव भेद छै।जाित क नाओंपर लेने छी कमानकी यहए अिछ अपन इमान?एक वाक् एके गामएक पोसाक एके नामदिर -सपक िक कामऊँच-नीक सभ एक-समान।खाउ स पत एक बित यानै बात हुअए किह यो बिस या।एक छी हम छी बेजोड़नै टुटत किह यो ई जोड़।२132


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>िबिपन कुमार कणकिव तादेखु केहेन ई भारत ि◌नमणदेशक आय भेलाह अनायनाि त क राज आि त क गमार।ेम िव हीन भेल िह दु तानदेखु केहेन ई भारत ि◌ नमण।जनता जागक भेल होिश यारनोिन य रानी, गेनहािर क हार।गोपालकडाक हवाइ अिभ यानदेखु केहेन ई, भारत ि◌ नमण।अमेिर का करता िर टेलक बेपारदेशक आन मनमोहन, पवार।133


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>गोल अठी पैया महानदेखु केहेन ई, भारत ि◌ नमण।देशक हार पंजा सरकारोन ठाकरे भेल सरदार।देशोहक एहेन स मानदेखु केहेन ई, भारत ि◌ नमण।देश हीरो खुिशद सलमानराज भैया केलिन टु जीक दान।भेल घोटाला खानक खानदेखु केहेन ई, भारत ि◌ नमण।ऐ युगक नायक अजमल कसाबकॉेसक लेल ई मक जाल।क नाथ मा हे, णव ि◌नधानदेखु केहेन ई, भारत ि◌ नमण।अा, बाबा घोल मचौलकगेल लोकपाल िस मिर या धाम।134


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>आजुक भारतक आ म स मानदेखु केहेन ई, भारत ि◌ नमण।३रामदेव साद म डल ‘झादार’एकटा अनुपम गीतझा-गरीब भूखल कम रहै छै, भूखल बेसी रहै धनवान।गरीब भूख बस सुखल रोटी, अमीर भूखल हीराक खान।गीत-तूमलोग केना कऽ जीिव ते ओतएआपलोग जतए बेमार छै।असंतोषमे माथ दुखाइ छै वाथक चढ़ल बोखार छै।अह बाबू बनू बआरहम छी सेवाले तैयार।मान-स मानमे सभक बरोबिर135


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>जीबैक अिध कार छै।असंतोषमे......।आप उ मोटर गाड़ीसाइिक ल हमरो रहए तैयारी।एक दोसरक घाट उतारनाइदुिन यक बेवहार छै।असंतोषमे......।अह पाबू पुआ-खीरचुा बुझै ने हमरो भीड़इजतसँ दू व तक रोटीहमरो तँ दरकार छै।असंतोषमे......।अह पिह सूट-सफारीफाटए हमरो ने पिढ़ या साड़ीतन झिप हमहूँ जीबीहमरो तँ सरोकार छै।असंतोषमे......।136


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>अह शोभा महल अटारीझोपड़ी हमरो रहै तैयारी।सीर छुपबैले छत होइ ऊपरहमरो तँ दरकार छै।असंतोषमे......।ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।१. बाल मुकुद पाठक- िकछु गजल २. सदीप कुमार साफीदूटा किवता१बाल मुकुद पाठक137


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>गजल१गजलआइ हमर मोन बड खनहन अिछककरोसँ हमरा तँ नै अनबन अिछतआ तरकारी आ पापड बिन गेलदेखूँ चूा पर भातो ले अदहन अिछआिसन एलै बजरखसुआँ गम गेलैठंढा ठंढा पुरबा बहै सनसन अिछफेर दुग मेला हेतै नाच आ लीला हेतैदेखूँ खुला पैसा बाजैत झनझन अिछघर पिरवार मे ितहार के िदन एलैअंगना मे चलैत नेना ढ़नमन अिछकिनये िदनके तँ छै ई पावैनक मजाकाितकक बाद फेर ऊहे अगहन छैसरल विणक बहर , वण 15२फेर आइ आँिखसँ नोर बहाबै छीरिह रिह अहीकँ बात घुराबै छी138


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>कतै छै िसनेह ई कोना हम कहूँचिल आउ एखनो िकयै सताबै छी ।गेलौँ चिल कतौ हमरा िबसिरकँसझेसँ अँहीँ लेल नोर खसाबै छी ।देखूँ कािन कािन सझसँ भोर भेलैभोरे भोर हम मिदरा चढाबै छी ।मिदरोसँ बिढकँ अँहीँ मे नशा येओिह नशा लेल फेरसँ बजाबै छी ।नी नै आबै जौँ सपनो म देखतौँसुतबा ले कतै मोनक मनाबै छी ।हाथ जोिडकँ ई कहौँ हे भगवानिकयै नै अह मुकुदसँ िमलाबै छी ।।सरल विणक बहर ,वण 13३आस टूटल भाग भूटलआँिख इनहोरे सँ शीतलघुिरकँ आबूँ ई िजनगी म139


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>यै छी अह िकयैक सलिसनेह केलौँ तऽ दुख पेलौँकािनय के नै चैन भेटललहर उठल करेजासँलागै िक जेना सस छूटलिक करबै जीके ई िजनगीअहक जौँ ना संग भेटलआस टूटल भाग भूटलआँिख इनहोरे सँ शीतल४गजलआइ हम बड़ उदास छी ,कोना कहौँ ककरासँओिह िदनसँ कानैत छी यौ,अह गेलौँ जिहयासँहे यौ हमर ीतम ,अह एखनो तऽ घर आबूँिदन राित हम एतबे , ाथना करै छी दैबासँचािरये िदन तँ बुिझयौ ,चािर साल सन बीतलअहसँ बितयाइ लेल फोनो मगलौँ अनकासँपछबा के बहलासँ ,बात एगो इयाद आएलचिल गेलौँ नैहर हम तँ ,सल छलौँ अहसँ140


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>चाही नै कपडा ला ,और चाही नै धन दौलतएतबे कहौँ मुकुद चिल आबु,जदी पटनासँसरल वािणक बहरवण-18५गजलिक िलखूँ हम गजल उमर नादान अिछहुनकर दीवाना ई दुिनया जहान अिछपकँ जलवा देखूँ लागै छिथ चान सनगोल गोल गोर गाल पूिणमा समान अिछकेश अहक रेशम सन आँिख मृग जेनाधायल भेलौँ देिखकँ होश नै ठेकान अिछगुलाबी गाल पर नीक लागै ठोरक लालीअहीँमे अिटकल छौड़ासभँकँ जान अिछकमर जे लचकैये देिख मोन बहकैये'मुकुद' के लागे जेना हुनके दोकान अिछसरल विणक बहर ,वण 16२141


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>सदीप कुमार साफीदूटा किवता१माघ क शीतलहरीबाप रे बाप होइए ाण चिल जाएतमन नै होइए ओछैनसँ उठीजवान क ई हाल तँबूढ़क कीभिर माघ िपअब सभ कीपाइनो बरफ भऽ गेलिदन भिर धुइनसँआँिख नै सुजहाएओछाइ-िबछाइ सभ गेल तीितसन-सन-सन-सनपछवा बहैएकेरा पातसँ बुी खसैए142


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>हाथ पएर सभ सु भऽ गेललोचना करए बझीक धधरासुटकल रहैए दलानमे बगराएक मिहनासँ रौद नै भेलआलू गाछ सभ गिल गेलबाप रे बाप, होइए ाण चिल जाएत२रसगुलाक जबारनोत दै छी यौ नोत दै छीरसगुला जबारक नोत दै छीहम आएल छी महरैल गामसँसमुचा गामक नोत दै छीमुिखया जी यौलखन काकाआइ सौँझुका हम नोत दै छीिपयोर छेनासँ बनल रसगुलाकाशी भाइ यौ नोत दै छीपिहल तोरमे पहुँचब सभ गोटएसबेरे सकाल कऽ नोत दै छी143


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>पूरी तरकारी अओर देबतखनतइपर सँ देब रसगुला तोिपनोत दै छी यौनोत दै छीरसगुला जबारक नोत दै छीऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।१. िवनीत उपल- गजल २. अिनल मिलक- गजल ३. िकशन कारीगर- (हायकिवता)१िवनीत उपलगजलनेनामे जखन कानैत रही, तूँ चुप हमरा कराबैत रहीँहम निह मानैत रही तँ तूँ ेमसँ हमरा खुआबैत रहॴ144


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>तोहर आंचर छल ई दुिनया निह हम िकछु जानैत रहीमन दब रहला पर हमरा लोिर गािब कऽ सुताबैत रहॴपहर धिर काज केलाक बाद तूँ दम सािध कऽ सुतैत रहीहमर टुहैक कानबसँ भिर-भिर राित माय जागैत रहॴलोकक उलाहना सुनैकऽ बादो नै कखनो तमसाबैत रहीअपना निह पीिब कऽ ओ दूध हमरा जर िपयाबैत रहॴजमैत संगे देखै छी मायक पिहने ठाढ़ िकयो ओतय रहीआँिखमे भरल नोरक संग उपलक देिख मुकाबैत रहॴसरल वािणक बहर वण -23२अिनल मिलकगजलबहीनक चोटी पकिड क’ खीचीएै गुलक किहयो फोिड िदयैपुजा करैक लेल फेरो हम ओकरा फूलो किहयो लोिढ िदयैकतेक उछर करीएै ओकरा आओर फेरो मेल कतेकखॱझाबय लेल बाउलक घरके किहयो किहयो तोिड िदयैबरख िबतैत अिछ आब त’ राखी की आ भरदूितआ केहन145


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>पिहले ओकर कोनो पाबिन मे कह एना किहयो छोिड िदयैतेरह सँ तीन बननाई रीित छै खून कहूँ पातर होइछैएखन रिह जाइ छै तार टूटले एकरा किहयो जोिड िदयैमाम अबै छलाह पैदले िभजैत कोशो कोश ओिह बरखा मेसोिचते रहलॱ हम जा क' सीनेहक खेत किहयो कोिड िलयैगँगा नओतल जमुना किहते आँिख केहन ओकर चमकैअिह भरदूतीया मे त’ छी ठनने खुशी मे ओकरा बोिड िदयै३िकशन कारीगरलोक करे लूटमार जका(हाय किवता)लोभी बैसल अिछ लोभ मे जॲक जकाओर चािल चलब झपटमार जकासरकारी खरत लेल बेहाल भेललोक करे लूटमार जका.लोभी लोकक भीड़ मे केकरा समझाएब146


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>"कारीगर" बैसल अिछ चुपचाप बौक जकाबेईमान लोक निह ईमानदारी सीखत?लोक करे लूटमार जका.डेग-डेग पर ाचारी भेटतओ जाल िबछौने बैसल अिछचािल चलब ोपट दलाल जकालोक करे लूटमार जका.सरकारी यबथाक हाल बेहालाचारक बढ़ी गेल अिछ मकड़जालएही ओझरी मे ओझराएल कतेक लोकमुदा नेता नाचै अपने ताल.जनताक नाम पर फुिसयािहंक जनसेवानेतािगरी के धंधा चमिक गेलसभ खाए रहल सरकारी मेवाजिहना बाढ़ी मे अपटल माछ कतेक रेवा.बेमतलब के करै िवदेश याािवकिसत योजनाक नाम परबेिहंसाब खच करै जेनासरकारी धन छैक ओर बपौती जका.बाढ़ी-सुखार सँ लोक तबाह भेलमुदा कोनो थाई समाधान निह कराउतहवाई सवण मे नेता जीफुिसयिहक िबिध टा पुराउत.राहत आ बचाव के नाम पररहत पैकेजक बंदरबट भ रहलउजर कुरतावला सभ सँ आगूओर चािल चलब झपटमार जका.147


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।बालान कृते१. िश वकुमार झा ‘िट लू’- िबना रदीफक बाल-गजल २. मुी कामत- िकछु बालकिवता ३. अिमत िम- बाल गजल ४. जगदानद झा मनु- मािटक बासन१िश वकुमार झा ‘िट लू’िबना रदीफक बाल-गजलउगल सुज उठू बौआ भऽ गेलै भोरमा◌ॅझ आङहमे कौआ कौआ बनल मुँह जोरआँिख कची भरल सभ िप पनी सटलमुँह लाले लागय जेना पाकल परोर148


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>झट उठू फट क अह शौच नानबािस भात संग रखने छी गॱचीक झोरघंटी बाजल गुदेव आिब गेलिख नपिह ल काक नेना करय धनधोरनै मोनसँ पढ़ब तँ िक यो मानत केनाजॱ मुखे बौड़ाएब सभ बूझत चोरवागीश मा एक दीन-दुिख याक नाथवण आले तँ की ान दीप हएत गोरईश जेठक क िस नेह छोटसँ राखूिन त राखब िध यान मान माइक कोर(वण- 15)२149


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>मुी कामतिकछु बाल किवताजतराबाबू आिब रहलअिछ जतरालेब अह सँ लब कपड़ाघुरै लऽ जएबअह संगे मेलादेखब ओतऽकठपुतलीक खेलाकीनब हमएगो उड़न जहाजतइ पर बैइठघुमब सगरे संसार।२अंकक मेलचलू खेलब आइ हम एगो खेल150


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>जइमे एक संगे करब कतेक अंकक मेल।1.2.3.4.5.6.7.8.9.दसअइ सँ आगू चलत एगो बस।छुक-छुक नैई तेज दौड़ै यऽएक पर एक एयारहभऽ जाइए।एक पर दू बैठ 12एक पर तीन बैठ 13एक पर चािर बैठ 14एक पर पच बैठ 15एक पर छअ बैठ 16एक पर सात बैठ 17एक पर आठ बैठ 18एक पर नअ बैठ 19दू पर बैठ िजरो बीस भऽ गेलपिहले एक असगर छलआब उीस टा भऽ गेलअिहना एकता अपन जीवनमे अहूँ लाउ151


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>िमल कऽ अपन शित बढ़ाउ।३माय हमरा एगोबिहन आिन दे।चल बजार उबजैबला गुिड़याकीन दे।जे हमरा भइया कहतहर साल हमरा हाथपर राखी बाहतउ चुलबुिलया मुिनया आिन दे।िकए तूँ हमराअसगर रखने छऽहमरासँ बिहनक नेहिछनने छऽतू अपन काहाकोपदी आिन देमाय हमरा एगो बिहन आिन दे।ककर भैया तोरा सतबै छउकोन बात छै जे तोहर152


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>आँिख भरै छउतूँहो तँ ककरो बिहन छीतँ फेर िकए हमराबिहन लऽ कंश बनल छीहमरा तूँ एगो मैका दऽ देमाय हमरा बिहनक िजनगी बािझ देई सोन िचरैया िचिड़या आिन देमाय हमरा एगो बिहन आिन दे।३अिमत िमबाल गजलमिटक कर जोिड़ किरयौ नमन बौआदेख रहलौँ आइ सुर सपन बौआभाग देशक ताग नेहक छी अह यौछी अह गमकैत मैिथल सुमन बौआपािनमे डूिब जीबै छी मगर यौदेख लै ई िव ताकत अपन बौआमािर झगड़ा नै फँसै से मोनमे यौ153


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>शीत शोिणत अपन नै छै जलन बौआचान सन सब गुण अह एखन गढ़ू यौसमय छै एखन बनू नव रतन बौआफाइलातुन2122 तीन बेरबहरे-रमल४जगदानद झा 'मनु'ाम पोट - हिरपुर डीहटोल, मधुबनीमािटक बासनकेदार साद गामक एकटा कुशल कुहार । मािटक बासन जेना घैल, ढाकन, मटकुरी बना अपन जीवनयापन करै छलाह । मािटक बासन बनेनाइ मा हुनक आजीवकाक साधन निह भs कs हुनका लेल एकटासुर कारीगरी छल । अपन काज करैकाल ओ ऐना तनमय भs जाइ छलाह जेना एकटा भत अपनअराय देवताक यानमे अपन तन-मनक सुिध िबसैर जाइत छैक । ओ अपन वं साधनासँ िधरे-िधरे छिठमैयाक सुर व आकिषत हाथी सेहो बनबए लगला । हुनकर बनाएल मािटक बासन आ छिठक हाथीक बडशंसा होइत छल ।िधरे-िधरे गामक पिरवेश बदलए लागल । मािटक बासनक जगह टील आ आन-आन धातु लेबए लागल ।केदार सादजीक आमदनी कम होबए लगलिह मुदा ओ अपन काजक ित िना आ समपणक दुवारेकुहारक काज निह छोिर पएला ।हुनक सुर सुिशल बेटा िबभू नेेसँ अपन पुतैनी काजमे मजल । ई कहैमे कोनो संकोच निह जे ओअपन बाबूओ सँ बीसे । केदार सादजी एिह गपक नीकसँ बुझैत अपन होनहार पुतक गुणसँ मोने-मोन खुस154


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>छलाह आ िचंतीत सेहो । िचंतीत एिह दुवारे की कुहारक काजक िक बतमान छैक आ िक भिबय हेतै सेहुनका बुझल मुदा िबभूक हतकौशल देिख ओकरा एिह काजसँ बाहर केनाइ उिचत निह बुझलाह । िबभूसेहो इकूल पढ़ाइक संगे-संग अपन बाबूक सभटा गुणक अंगीकार केने गेल । अपन बाबूक छिठकहाथीसँ आगू बिढ़ ओ मूितकलामे अपन हतकौशलक उपयोग करै लागल । ओकर बनाएल मूितक चच गामभिरमे होबए लगलै । जतए ओकर बाबूक बनाएल छिठक हाथीक एगारह टाका भेटिह ओतए ओकर बनाएलछोट-छोट किनय- पुतड़ा सभक सय-सबासय टाका भेटअ लगलै । िबभू अपन बाबूक देख-रेखमे मूितकलामेिदनो- िदन आगू बढ़ए लागल । आब ओकर बनाएल माए सरोवती, कृणाटमी, िवकम पूजाक मूितक मगचाकातक बीस गाम तक होबए लगलै मुदा िबभूक बाबू तैयो ओकर बनाएल मूितमे कोनो ने कोनो दोखिनकािल आ ओकरा अओर बेसी नीक मूित बनाबैक ेरणा देिथन । िबभू सेहो हुनक गपक म मािन आगूआरो नीक मूित बनाबएमे लािग जे ।िबभू दसम वगक बाद इकूली पढ़ाइ छोिड़ पूणतः मूितकलामे अपनाक समिपत कए लेलक । अठारहमबरखक पूण बुझनूक भs गेल आब ओकरा नीक बेजएक ान भs गेलै । ओकर मूितक शंषा आब गामनिह, िजला निह राज तरपर होबै लगलै । आब तँ ओकर बनाएल एक-एकटा मूितक दू-दू ितन-ितन हजारटाका भेटए लगलै । मुदा ओकर बाबू एखनो ओकर मूितमे कोनो ने कोनो दोख िनकाइल ओकरा आर सुरमूित बनाबैक िनदश देिथन । पिहले िबभू हुनक गपक म मािन कमी दूर करैक चेामे लािग जाइ छलमुदा आब हुनक गपसँ ओकर मोन कतौ-ने कतौ आहत होइत छलै । मुदा िबरोध करैक सहाश निह तमोनक मािर हुनक बताएल िनदशमे लािग जाइ छल ।जेना-तेना काज आगू बढ़ैत रहल आ ओकर बनाएल गेल मूितक चच आब राजक सीमासँ िनकैल बाहरदतक देबए लगलै । राजसरकारक गृहमंालयसँ िबभूक प एलै जािहमे ओकर बनाएल गेल मुितक अिखलभारतीय मूित दशनीमे राखक यवथा कएल गेल रहैक । सभटा खच राजसरकारक आ िवजेताक देशकसवे मूितकारक समानक संगे-संग एक लाख टाकाक नगद इनाम सेहो । ई प पािब िबभूक बडसंता भेलै । सभसँ पिहले दौरल-दौरल अपन बाबूक एिह गपक सुचना देलक । केदार सादजी सेहो बडसय भेलाह हुनकर जीवन भिरक मेहनत रंग लाइब रहल छल । िबभू राित-राित भिर जािग-जािग कएअपन मागदशक गु बाबू संगे लािग गेल ।एकसँ एक नीक-नीक मूित बनेलक मुदा केदार सादजी सभ मूितमे कोनो ने कोनो कमी िनकाइले देिथन ।केदार सादजीक बताएल कमीक दूर करैक बदला िबभूक मोनमे आब नकारामक वृित घर करए लगले ।हुनक बताएल कमीपर आब ओ सबाल-जबाब करए लागल । काइ ितयोगता लेल मूित भेजैक अंितम िदनआ आइ िबभू अपन बनाएल मूित सभमे सँ एकटा सभसँ नीक मूितक अंितम प देबएमे लािग गेल । केदारसादजी बारीकीसँ ओिह मूितक िनरीण करैत, िबभूक िदमागमे हलचल चिल रहल छल - "ह आब तँ ईकोनो ने कोनो गती बतेबे करता ।"155


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>ततबामे केदार सादजी अपन चुपीक तोरैत बजलाह -"सुर ! आइ तक बनाएल गेल मूित सभमे सबेथ।" कनीक काल चुप रहला बाद फेर -" मुदा ।"मुदा की आब तँ िबभूक मोन िबफैर गेलै - "अबय कोनो ने कोनो कमी गनेता ।"केदार सादजी अपन गपक आगू बढ़ाबैत -" ई जँ एना रिहतेए तँ आरो बेसी नीक, आ ई रंग जँ फलफल रहिथ तँ जबरदत होइते ।"नैहेटासँ िजनक गपक म मािन पूरा करैमे िज-जानसँ लािग जाइ छल आइ हुनक गपक निह पचा पएलक। िबफैर कए बािज उठल -"रहै िदयौ ! अहक तँ एनािहते दोख िनकालए अबैए, अपन बनेएल ढाकन बसनीतँ िकयो एको टाकामे निह िकनैए आ हम केतबो नीक मूित बना िल कोनो ने कोनो दोख अबय िनकाइलदेब ।"िबभूक गप सूिनते मातर केदार सादजीक शत मुा भंग भए सोचनीए भs गेलिन । एकटा नमहर सस लैतिबभूक पीठ ठोकैत बजलाह -"बस बेटा बस ! जिहया यितक अपन पूणताक आभाष भs जाइ छैक ओकरबाद ओकर जीवनक िवकास ओतिहए िक जाइ छैक । पूणताक आभास िदमागक आगू बढ़ैक चेतनामेलकबा लगादै छैक ।"िकछु छन चुप,दुनू गोटे शत । िबभूक आँिखसँ नोर टघरैत जे आइ ई की कए लेलहुँ, ओकरा अपनगतीक ान भs गेलै । केदार सादजी आगू - "हमर सपना छल जे हमर बेटा राजक आ देशक निहवरण दुिनयक सवे मूितकार बनत.....मुदा निह । कोनो गप निह हमराक जनै छल ? िकयो निह ।हमर बेटाक पूरा राज जनैत अिछ एकटा नीक मूितकारक पमे । हमरा लेल बड पैघ गप अिछ । मुदाहमर सपना ------- आब निह पूरा होएत । ई किह ओ ओिह कसँ बाहर भs गेला ।ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।156


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>बचा लोकिन ारा मरणीय लोक१.ातः काल मुहू (सूयदयक एक घंटा पिहने) सवथम अपन दुनू हाथ देखबाक चाही, आ’ ई लोकबजबाक चाही।कराे वसते लमीः करमये सरवती।करमूले िथतो ा भाते करदशनम्॥करक आग लमी बसैत छिथ, करक मयमे सरवती, करक मूलमे ा िथत छिथ। भोरमे तािह ारेकरक दशन करबाक थीक।२.संया काल दीप लेसबाक काल-दीपमूले िथतो ा दीपमये जनादनः।दीपाे शरः ोः सयायोितनमोऽतुते॥दीपक मूल भागमे ा, दीपक मयभागमे जनादन (िवणु) आऽ दीपक अ भागमे शर िथत छिथ। हेसंयायोित! अहक नमकार।३.सुतबाक काल-रामं कदं हनूमतं वैनतेयं वृकोदरम्।शयने यः मरेियं दुःवतय नयित॥जे सभ िदन सुतबासँ पिहने राम, कुमारवामी, हनूमान्, गड़ आऽ भीमक मरण करैत छिथ, हुनकर दुःवन भऽ जाइत छिह।४. नहेबाक समय-गे च यमुने चैव गोदाविर सरवित।नमदे िसधु कावेिर जलेऽिमन् सििधं कु॥हे गंगा, यमुना, गोदावरी, सरवती, नमदा, िसधु आऽ कावेरी धार। एिह जलमे अपन सािय िदअ।157


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>५.उरं यसमुय िहमाेैव दिणम्।वषं तत् भारतं नाम भारती य सतितः॥समुक उरमे आऽ िहमालयक दिणमे भारत अिछ आऽ ओतुका सतित भारती कहबैत छिथ।६.अहया ौपदी सीता तारा मडोदरी तथा।पचकं ना मरेियं महापातकनाशकम्॥जे सभ िदन अहया, ौपदी, सीता, तारा आऽ मदोदरी, एिह पच सावी-ीक मरण करैत छिथ, हुनकरसभ पाप न भऽ जाइत छिह।७.अथामा बिलयसो हनूम िवभीषणः।कृपः परशुराम सतैते िचरीिवनः॥अथामा, बिल, यास, हनूमान्, िवभीषण, कृपाचाय आऽ परशुराम- ई सात टा िचरीवी कहबैत छिथ।८.साते भवतु सुीता देवी िशखर वािसनीउेन तपसा लधो यया पशुपितः पितः।िसिः साये सतामतु सादातय धूजटेःजावीफेनलेखेव ययूिध शिशनः कला॥९. बालोऽहं जगदानद न मे बाला सरवती।अपूण पंचमे वष वणयािम जगयम् ॥१०. दूवत मं(शुल यजुवद अयाय २२, मं २२)आ ियय जापितॠिषः। िलंभोा देवताः। वराडुकृितछदः। षजः वरः॥आ ॑न् ा॒णो ॑वच॒सी जा॑यता॒मा रा॒े रा॑ज॒यः शुरे॑ऽइषयो॒ऽितया॒धी म॑हार॒थो जा॑यत॒ दोॴधे॒नुवढा॑न॒वाना॒शुः सितः॒ पुर॑िध॒यवा॑ िज॒णू र॑थे॒ाः स॒भेयो॒ युवाय यज॑मानय वी॒रो जा॒यत िनका॒मे-िन॑कामे नःप॒जयॲ वषतु॒ फल॑वयो न॒ऽओष॑धयः पयत योगे॒मो नः॑ कपताम्॥२२॥158


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>माथः िसयः सतु पूणः सतु मनोरथाः। शूण बुिनाशोऽतु िमाणामुदयतव।ॐ दीघयुभव। ॐ सौभायवती भव।हे भगवान्। अपन देशमे सुयोय आ’ सव िवाथ उप होिथ, आ’ शुुक नाश कएिनहार सैिनक उपहोिथ। अपन देशक गाय खूब दूध दय बाली, बरद भार वहन करएमे सम होिथ आ’ घोड़ा विरत पदौगय बला होए। ीगण नगरक नेतृव करबामे सम होिथ आ’ युवक सभामे ओजपूण भाषण देबयबला आ’नेतृव देबामे सम होिथ। अपन देशमे जखन आवयक होय वष होए आ’ औषिधक-बूटी सवदा पिरपवहोइत रहए। एवं मे सभ तरह हमरा सभक कयाण होए। शुक बुिक नाश होए आ’ िमक उदय होए॥मनुयक कोन वतुक इछा करबाक चाही तकर वणन एिह मंमे कएल गेल अिछ।एिहमे वाचकलुतोपमालकार अिछ।अवय-॑न् - िवा आिद गुणसँ पिरपूण रा॒े - देशमे॑वच॒सी- िवाक तेजसँ युआ जा॑यत॒- उप होएरा॑ज॒यः-राजाशुरे॑ऽ–िबना डर बलाइषयो॒- बाण चलेबामे िनपुणऽितया॒धी-शुक तारण दय बलाम॑हार॒थो-पैघ रथ बला वीरदोॴ-कामना(दूध पूण करए बाली)धे॒नुवढा॑न॒वाना॒शुः धे॒नु-गौ वा वाणी वढा॑न॒वा- पैघ बरद ना॒शुः-आशुः-विरत159


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>सितः॒-घोड़ापुर॑िध॒यवा॑- पुर॑िध॒- यवहारक धारण करए बाली यवा॑-ीिज॒णू-शुक जीतए बलार॑थे॒ाः-रथ पर िथरस॒भेयो॒-उम सभामेयुवाय-युवा जेहनयज॑मानय-राजाक रायमेवी॒रो-शुक परािजत करएबलािनका॒मे-िन॑कामे-िनययु कायमेनः-हमर सभकप॒जयॲ-मेघवषतु॒-वष होएफल॑वयो-उम फल बलाओष॑धयः-औषिधःपयत- पाकएयोगे॒मो-अलय लय करेबाक हेतु कएल गेल योगक रानः॑-हमरा सभक हेतुकपताम्-समथ होएििफथक अनुवाद- हे ण, हमर रायमे ाण नीक धािमक िवा बला, राजय-वीर,तीरंदाज, दूध दएबाली गाय, दौगय बला जतु, उमी नारी होिथ। पाजय आवयकता पड़ला पर वष देिथ, फल देय बलागाछ पाकए, हम सभ संपि अिजत/संरित करी।160


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>8.<strong>VIDEHA</strong> FOR NON RESIDENTS8.1 to 8.3 MAITHILI LITERATURE IN ENGLISH8.1.1.The Comet-GAJENDRA THAKUR translated by Jyoti Jha chaudhary8.1.2.The_Science_of_Words- GAJENDRA THAKUR translated by the authorhimself8.1.3.On_the_dice-board_of_the_millennium- GAJENDRA THAKUR translated byJyoti Jha chaudhary8.1.4.NAAGPHANS (IN ENGLISH)- SHEFALIKA VERMA translated by Dr. RajivKumar Verma and Dr. Jaya VermaSend your <strong>com</strong>ments to ggajendra@videha.<strong>com</strong>िवदेह नूतन अंक भाषापाक रचनालेखन-इंिलशकोष -मैिथली-/ मैिथलीकोष -इंिलश-ोजेटक आगू बढ़ाऊ, अपन सुझाव आ योगदान ई-मेल ाराggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाऊ।िवदेहक मैिथली-अंेजी आ अंेजी मैिथली कोष (इंटरनेटपर पिहल बेर सच-िडशनरी) एम.एस. एस.यू.एल.सवर आधािरत -Based on ms-sql server Maithili-English and English-MaithiliDictionary.१.भारत आ नेपालक मैिथली भाषा-वैािनक लोकिन ारा बनाओल मानक शैली आ २.मैिथलीमे भाषा सपादनपायम१.नेपाल आ भारतक मैिथली भाषा-वैािनक लोकिन ारा बनाओल मानक शैली१.१. नेपालक मैिथली भाषा वैािनक लोकिन ारा बनाओल मानक उचारण आ लेखन शैली(भाषाशाी डा. रामावतार यादवक धारणाक पूण पसँ स लऽ िनधिरत)161


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>मैिथलीमे उचारण तथा लेखन१.पचमार आ अनुवार: पचमारातगत ङ, ञ, ण, न एवं म अबैत अिछ। संकृत भाषाक अनुसारशदक अतमे जािह वगक अर रहैत अिछ ओही वगक पचमार अबैत अिछ। जेना-अ (क वगक रहबाक कारणे अतमे ङ् आएल अिछ।)पच (च वगक रहबाक कारणे अतमे ञ् आएल अिछ।)खड (ट वगक रहबाक कारणे अतमे ण् आएल अिछ।)सिध (त वगक रहबाक कारणे अतमे न् आएल अिछ।)खभ (प वगक रहबाक कारणे अतमे म् आएल अिछ।)उपयुत बात मैिथलीमे कम देखल जाइत अिछ। पचमारक बदलामे अिधकश जगहपर अनुवारक योगदेखल जाइछ। जेना- अंक, पंच, खंड, संिध, खंभ आिद। याकरणिवद पिडत गोिवद झाक कहब छिन जेकवग, चवग आ टवगसँ पूव अनुवार िलखल जाए तथा तवग आ पवगसँ पूव पचमारे िलखल जाए।जेना- अंक, चंचल, अंडा, अत तथा कपन। मुदा िहदीक िनकट रहल आधुिनक लेखक एिह बातक निहमानैत छिथ। ओ लोकिन अत आ कपनक जगहपर सेहो अंत आ कंपन िलखैत देखल जाइत छिथ।नवीन पित िकछु सुिवधाजनक अवय छैक। िकएक तँ एिहमे समय आ थानक बचत होइत छैक। मुदाकतोक बेर हतलेखन वा मुणमे अनुवारक छोट सन िबदु प निह भेलासँ अथक अनथ होइत सेहोदेखल जाइत अिछ। अनुवारक योगमे उचारण-दोषक सभावना सेहो ततबए देखल जाइत अिछ। एतदथकसँ लऽ कऽ पवग धिर पचमारेक योग करब उिचत अिछ। यसँ लऽ कऽ धिरक अरक सअनुवारक योग करबामे कतहु कोनो िववाद निह देखल जाइछ।२.ढ आ ढ़ : ढ़क उचारण “र् ह”जक होइत अिछ। अतः जतऽ “र् ह”क उचारण हो ओतऽ मा ढ़िलखल जाए। आन ठाम खाली ढ िलखल जएबाक चाही। जेना-ढ = ढाकी, ढेकी, ढीठ, ढेउआ, ढ, ढेरी, ढाकिन, ढाठ आिद।ढ़ = पढ़ाइ, बढ़ब, गढ़ब, मढ़ब, बुढ़बा, सढ़, गाढ़, रीढ़, चढ़, सीढ़ी, पीढ़ी आिद।उपयुत शद सभक देखलासँ ई प होइत अिछ जे साधारणतया शदक शुमे ढ आ मय तथा अतमेढ़ अबैत अिछ। इएह िनयम ड आ ड़क सदभ सेहो लागू होइत अिछ।162


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>३.व आ ब : मैिथलीमे “व”क उचारण ब कएल जाइत अिछ, मुदा ओकरा ब पमे निह िलखल जएबाकचाही। जेना- उचारण : बैनाथ, िबा, नब, देबता, िबणु, बंश, बदना आिद। एिह सभक थानपर मशःवैनाथ, िवा, नव, देवता, िवणु, वंश, वदना िलखबाक चाही। सामायतया व उचारणक लेल ओ योगकएल जाइत अिछ। जेना- ओकील, ओजह आिद।४.य आ ज : कतहु-कतहु “य”क उचारण “ज”जक करैत देखल जाइत अिछ, मुदा ओकरा ज निहिलखबाक चाही। उचारणमे य, जिद, जमुना, जुग, जाबत, जोगी, जदु, जम आिद कहल जाएबला शदसभक मशः य, यिद, यमुना, युग, यावत, योगी, यदु, यम िलखबाक चाही।५.ए आ य : मैिथलीक वतनीमे ए आ य दुनू िलखल जाइत अिछ।ाचीन वतनी- कएल, जाए, होएत, माए, भाए, गाए आिद।नवीन वतनी- कयल, जाय, होयत, माय, भाय, गाय आिद।सामायतया शदक शुमे ए मा अबैत अिछ। जेना एिह, एना, एकर, एहन आिद। एिह शद सभकथानपर यिह, यना, यकर, यहन आिदक योग निह करबाक चाही। यिप मैिथलीभाषी था सिहत िकछुजाितमे शदक आरभोमे “ए”क य किह उचारण कएल जाइत अिछ।ए आ “य”क योगक सदभमे ाचीने पितक अनुसरण करब उपयुत मािन एिह पुतकमे ओकरे योगकएल गेल अिछ। िकएक तँ दुनूक लेखनमे कोनो सहजता आ दुहताक बात निह अिछ। आ मैिथलीकसवसाधारणक उचारण-शैली यक अपेा एसँ बेसी िनकट छैक। खास कऽ कएल, हएब आिद कितपयशदक कैल, हैब आिद पमे कतहु-कतहु िलखल जाएब सेहो “ए”क योगक बेसी समीचीन मािणत करैतअिछ।६.िह, हु तथा एकार, ओकार : मैिथलीक ाचीन लेखन-परपरामे कोनो बातपर बल दैत काल शदक पाछिह, हु लगाओल जाइत छैक। जेना- हुनकिह, अपनहु, ओकरहु, तकालिह, चोिह, आनहु आिद। मुदाआधुिनक लेखनमे िहक थानपर एकार एवं हुक थानपर ओकारक योग करैत देखल जाइत अिछ। जेना-हुनके, अपनो, तकाले, चोे, आनो आिद।७.ष तथा ख : मैिथली भाषामे अिधकशतः षक उचारण ख होइत अिछ। जेना- षय (खड़य),षोडशी (खोड़शी), षकोण (खटकोण), वृषेश (वृखेश), सतोष (सतोख) आिद।163


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>८.विन-लोप : िनिलिखत अवथामे शदसँ विन-लोप भऽ जाइत अिछ:(क) ियावयी यय अयमे य वा ए लुत भऽ जाइत अिछ। ओिहमे सँ पिहने अक उचारण दीघ भऽजाइत अिछ। ओकर आग लोप-सूचक िच वा िवकारी (’ / ऽ) लगाओल जाइछ। जेना-पूण प : पढ़ए (पढ़य) गेलाह, कए (कय) लेल, उठए (उठय) पड़तौक।अपूण प : पढ़’ गेलाह, क’ लेल, उठ’ पड़तौक।पढ़ऽ गेलाह, कऽ लेल, उठऽ पड़तौक।(ख) पूवकािलक कृत आय (आए) ययमे य (ए) लुत भऽ जाइछ, मुदा लोप-सूचक िवकारी निह लगाओलजाइछ। जेना-पूण प : खाए (य) गेल, पठाय (ए) देब, नहाए (य) अएलाह।अपूण प : खा गेल, पठा देब, नहा अएलाह।(ग) ी यय इक उचारण ियापद, संा, ओ िवशेषण तीनूमे लुत भऽ जाइत अिछ। जेना-पूण प : दोसिर मािलिन चिल गेिल।अपूण प : दोसर मािलन चिल गेल।(घ) वतमान कृदतक अितम त लुत भऽ जाइत अिछ। जेना-पूण प : पढ़ैत अिछ, बजैत अिछ, गबैत अिछ।अपूण प : पढ़ै अिछ, बजै अिछ, गबै अिछ।(ङ) ियापदक अवसान इक, उक, ऐक तथा हीकमे लुत भऽ जाइत अिछ। जेना-पूण प: िछयौक, िछयैक, छहीक, छौक, छैक, अिबतैक, होइक।अपूण प : िछयौ, िछयै, छही, छौ, छै, अिबतै, होइ।(च) ियापदीय यय ह, हु तथा हकारक लोप भऽ जाइछ। जेना-पूण प : छिह, कहलिह, कहलहुँ, गेलह, निह।अपूण प : छिन, कहलिन, कहलौँ, गेलऽ, नइ, निञ, नै।164


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>९.विन थानातरण : कोनो-कोनो वर-विन अपना जगहसँ हिट कऽ दोसर ठाम चिल जाइत अिछ। खासकऽ व इ आ उक सबधमे ई बात लागू होइत अिछ। मैिथलीकरण भऽ गेल शदक मय वा अतमे जँव इ वा उ आबए तँ ओकर विन थानातिरत भऽ एक अर आग आिब जाइत अिछ। जेना- शिन(शइन), पािन (पाइन), दािल ( दाइल), मािट (माइट), काछु (काउछ), मासु (माउस) आिद। मुदा तसम शदसभमे ई िनअम लागू निह होइत अिछ। जेना- रिमक रइम आ सुधशुक सुधाउंस निह कहल जा सकैतअिछ।१०.हलत(◌्)क योग : मैिथली भाषामे सामायतया हलत (◌्)क आवयकता निह होइत अिछ। कारण जेशदक अतमे अ उचारण निह होइत अिछ। मुदा संकृत भाषासँ जिहनाक तिहना मैिथलीमे आएल (तसम)शद सभमे हलत योग कएल जाइत अिछ। एिह पोथीमे सामायतया सपूण शदक मैिथली भाषा सबधीिनअम अनुसार हलतिवहीन राखल गेल अिछ। मुदा याकरण सबधी योजनक लेल अयावयक थानपरकतहु-कतहु हलत देल गेल अिछ। तुत पोथीमे मिथली लेखनक ाचीन आ नवीन दुनू शैलीक सरल आसमीचीन प सभक समेिट कऽ वण-िवयास कएल गेल अिछ। थान आ समयमे बचतक सिह हत-लेखनतथा तकनीकी दृिसँ सेहो सरल होबऽबला िहसाबसँ वण-िवयास िमलाओल गेल अिछ। वतमान समयमेमैिथली मातृभाषी पयतक आन भाषाक मायमसँ मैिथलीक ान लेबऽ पिड़ रहल पिरेयमे लेखनमे सहजतातथा एकपतापर यान देल गेल अिछ। तखन मैिथली भाषाक मूल िवशेषता सभ कुिठत निह होइक, ताहूिदस लेखक-मडल सचेत अिछ। िस भाषाशाी डा. रामावतार यादवक कहब छिन जे सरलताकअनुसधानमे एहन अवथा िकहु ने आबऽ देबाक चाही जे भाषाक िवशेषता छहमे पिड जाए।-(भाषाशाी डा. रामावतार यादवक धारणाक पूण पसँ स लऽ िनधिरत)१.२. मैिथली अकादमी, पटना ारा िनधिरत मैिथली लेखन-शैली१. जे शद मैिथली-सािहयक ाचीन कालसँ आइ धिर जािह वनीमे चिलत अिछ, से सामायतः तािहवनीमे िलखल जाय- उदाहरणाथ-ाएखनठामजकर, तकर165


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>तिनकरअिछअाअखन, अखिन, एखेन, अखनीिठमा, िठना, ठमाजेकर, तेकरितनकर। (वैकिपक प ा)ऐछ, अिह, ए।२. िनिलिखत तीन कारक प वैकिपकतया अपनाओल जाय: भऽ गेल, भय गेल वा भए गेल। जा रहलअिछ, जाय रहल अिछ, जाए रहल अिछ। कर’ गेलाह, वा करय गेलाह वा करए गेलाह।३. ाचीन मैिथलीक ‘ह’ विनक थानमे ‘न’ िलखल जाय सकैत अिछ यथा कहलिन वा कहलिह।४. ‘ऐ’ तथा ‘औ’ ततय िलखल जाय जत’ पतः ‘अइ’ तथा ‘अउ’ सदृश उचारण इ हो। यथा-देखैत, छलैक, बौआ, छौक इयािद।५. मैिथलीक िनिलिखत शद एिह पे युत होयत: जैह, सैह, इएह, ओऐह, लैह तथा दैह।६. व इकारत शदमे ‘इ’ के लुत करब सामायतः अा िथक। यथा- ा देिख आबह, मािलिन गेिल(मनुय मामे)।७. वतं व ‘ए’ वा ‘य’ ाचीन मैिथलीक उरण आिदमे तँ यथावत राखल जाय, िकंतु आधुिनक योगमेवैकिपक प ‘ए’ वा ‘य’ िलखल जाय। यथा:- कयल वा कएल, अयलाह वा अएलाह, जाय वा जाएइयािद।८. उचारणमे दू वरक बीच जे ‘य’ विन वतः आिब जाइत अिछ तकरा लेखमे थान वैकिपक प देलजाय। यथा- धीआ, अढ़ैआ, िवआह, वा धीया, अढ़ैया, िबयाह।९. सानुनािसक वतं वरक थान यथासंभव ‘ञ’ िलखल जाय वा सानुनािसक वर। यथा:- मैञा,किनञा, िकरतिनञा वा मैआँ, किनआँ, िकरतिनआँ।१०. कारकक िवभिक िनिलिखत प ा:- हाथक, हाथसँ, हाथ , हाथक, हाथमे। ’मे’ मे अनुवार166


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>सवथा याय िथक। ‘क’ क वैकिपक प ‘केर’ राखल जा सकैत अिछ।११. पूवकािलक ियापदक बाद ‘कय’ वा ‘कए’ अयय वैकिपक प लगाओल जा सकैत अिछ। यथा:-देिख कय वा देिख कए।१२. मग, भग आिदक थानमे माङ, भाङ इयािद िलखल जाय।१३. अ ‘न’ ओ अ ‘म’ क बदला अनुसार निह िलखल जाय, िकंतु छापाक सुिवधाथ अ ‘ङ’ , ‘ञ’,तथा ‘ण’ क बदला अनुवारो िलखल जा सकैत अिछ। यथा:- अ, वा अंक, अचल वा अंचल, कठ वाकंठ।१४. हलंत िच िनअमतः लगाओल जाय, िकंतु िवभितक संग अकारत योग कएल जाय। यथा:- ीमान् ,िकंतु ीमानक।१५. सभ एकल कारक िच शदमे सटा क’ िलखल जाय, हटा क’ निह, संयुत िवभितक हेतु फराकिलखल जाय, यथा घर परक।१६. अनुनािसकक चिबदु ारा यत कयल जाय। परंतु मुणक सुिवधाथ िह समान जिटल माापरअनुवारक योग चिबदुक बदला कयल जा सकैत अिछ। यथा- िहँ केर बदला िहं।१७. पूण िवराम पासीसँ ( । ) सूिचत कयल जाय।१८. समत पद सटा क’ िलखल जाय, वा हाइफेनसँ जोिड़ क’ , हटा क’ निह।१९. िलअ तथा िदअ शदमे िबकारी (ऽ) निह लगाओल जाय।२०. अंक देवनागरी पमे राखल जाय।२१.िकछु विनक लेल नवीन िचह बनबाओल जाय। जा' ई निह बनल अिछ ताबत एिह दुनू विनक बदलापूववत् अय/ आय/ अए/ आए/ आओ/ अओ िलखल जाय। आिक ऎ वा ऒ सँ यत कएल जाय।ह./- गोिवद झा ११/८/७६ ीकात ठाकुर ११/८/७६ सुरे झा "सुमन" ११/०८/७६२. मैिथलीमे भाषा सपादन पायम167


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>२.१. उचारण िनदश: (बोड कएल प ा):-दत न क उचारणमे दतमे जीह सटत- जेना बाजू नाम , मुदा ण क उचारणमे जीह मूधमे सटत (नैसटैए तँ उचारण दोष अिछ)- जेना बाजू गणेश। तालय शमे जीह तालुसँ , षमे मूधसँ आ दत समे दतसँसटत। िनश, सभ आ शोषण बािज कऽ देखू। मैिथलीमे ष क वैिदक संकृत जक ख सेहो उचिरतकएल जाइत अिछ, जेना वष, दोष। य अनेको थानपर ज जक उचिरत होइत अिछ आ ण ड़ जक(यथा संयोग आ गणेश संजोग आगड़ेस उचिरत होइत अिछ)। मैिथलीमे व क उचारण ब, श क उचारण स आ य क उचारण ज सेहोहोइत अिछ।ओिहना व इ बेशीकाल मैिथलीमे पिहने बाजल जाइत अिछ कारण देवनागरीमे आ िमिथलारमे व इअरक पिहने िलखलो जाइत आ बाजलो जएबाक चाही। कारण जे िहदीमे एकर दोषपूण उचारण होइतअिछ (िलखल तँ पिहने जाइत अिछ मुदा बाजल बादमे जाइत अिछ), से िशा पितक दोषक कारण हमसभ ओकर उचारण दोषपूण ढंगसँ कऽ रहल छी।अिछ- अ इ छ ऐछ (उचारण)छिथ- छ इ थ – छैथ (उचारण)पहुँिच- प हुँ इ च (उचारण)आब अ आ इ ई ए ऐ ओ औ अं अः ऋ ऐ सभ लेल माा सेहो अिछ, मुदा ऐमे ई ऐ ओ औ अं अः ऋक संयुतार पमे गलत पमे युत आ उचिरत कएल जाइत अिछ। जेना ऋ क री पमे उचिरतकरब। आ देिखयौ- ऐ लेल देिखऔ क योग अनुिचत। मुदा देिखऐ लेल देिखयै अनुिचत। क् सँ धिर असिमिलत भेलासँ क सँ ह बनैत अिछ, मुदा उचारण काल हलत युत शदक अतक उचारणक वृिबढ़ल अिछ, मुदा हम जखन मनोजमे ज् अतमे बजैत छी, तखनो पुरनका लोकक बजैत सुनबिह- मनोजऽ,वातवमे ओ अ युत ज् = ज बजै छिथ।फेर अिछ ज् आ ञ क संयुत मुदा गलत उचारण होइत अिछ- य। ओिहना अिछ क् आ ष कसंयुत मुदा उचारण होइत अिछ छ। फेर श् आ र क संयुत अिछ ( जेना िमक) आ स् आ र कसंयुत अिछ (जेना िम)। भेल त+र ।उचारणक ऑिडयो फाइल िवदेह आकइव http://www.videha.co.in/ पर उपलध अिछ। फेर क / सँ/ पर पूव अरसँ सटा कऽ िलखू मुदा तँ / कऽ हटा कऽ। ऐमे सँ मे पिहल सटा कऽ िलखू आ बादबलाहटा कऽ। अंकक बाद टा िलखू सटा कऽ मुदा अय ठाम टा िलखू हटा कऽ– जेनाछहटा मुदा सभ टा। फेर ६अ म सातम िलखू- छठम सातम नै। घरबलामे बला मुदा घरवालीमे वाली युतक।168


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>रहए-रहै मुदा सकैए (उचारण सकै-ए)।मुदा कखनो काल रहए आ रहै मे अथ िभता सेहो, जेना से कमो जगहमे पािकंग करबाक अयास रहैओकरा। पुछलापर पता लागल जे ढुनढुन नाा ई ाइवर कनाट लेसक पािकंगमे काज करैत रहए।छलै, छलए मे सेहो ऐ तरहक भेल। छलए क उचारण छल-ए सेहो।संयोगने- (उचारण संजोगने)क/ कऽकेर- क (केर क योग गमे नै क , पमे कऽ सकै छी। )क (जेना रामक)–रामक आ संगे (उचारण राम के / राम कऽ सेहो)सँ- सऽ (उचारण)चिबदु आ अनुवार- अनुवारमे कंठ धिरक योग होइत अिछ मुदा चिबदुमे नै। चिबदुमे कनेकएकारक सेहो उचारण होइत अिछ- जेना रामसँ- (उचारण राम सऽ) रामक- (उचारण राम कऽ/ राम केसेहो)।क जेना रामक भेल िहदीक को (राम को)- राम को= रामकक जेना रामक भेल िहदीक का ( राम का) राम का= रामककऽ जेना जा कऽ भेल िहदीक कर ( जा कर) जा कर= जा कऽसँ भेल िहदीक से (राम से) राम से= रामसँसऽ , तऽ , त , केर (गमे) ए◌े चा शद सबहक योग अविछत।के दोसर अथँ युत भऽ सकैए- जेना, के कहलक? िवभित “क”क बदला एकर योग अविछत।निञ, निह, नै, नइ, नँइ, नइँ, नइं ऐ सभक उचारण आ लेखन - नै169


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>व क बदलामे व जेना महवपूण (महवपूण नै) जतए अथ बदिल जाए ओतिह मा तीन अरकसंयुतारक योग उिचत। सपित- उचारण स प इ त (सपि नै- कारण सही उचारण आसानीसँसभव नै)। मुदा सवम (सवतम नै)।रािय (राीय नै)सकैए/ सकै (अथ पिरवतन)पोछैले/ पोछै लेल/ पोछए लेलपोछैए/ पोछए/ (अथ पिरवतन) पोछए/ पोछैओ लोकिन ( हटा कऽ, ओ मे िबकारी नै)ओइ/ ओिहओिहले/ओिह लेल/ ओही लऽजएब/ बैसबपँचभइयदेिखयौक/ (देिखऔक नै- तिहना अ मे व आ दीघक मााक योग अनुिचत)जक / जेकतँइ/ तैँ/होएत / हएतनिञ/ निह/ नँइ/ नइँ/ नैसौँसे/ सॱसेबड़ /बड़ी (झोराओल)गाए (गाइ निह), मुदा गाइक दूध (गाएक दूध नै।)रहल/ पिहरतैँ170


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>हमहॴ/ अहॴसब - सभसबहक - सभहकधिर - तकगप- बातबूझब - समझबबुझलॱ/ समझलॱ/ बुझलहुँ - समझलहुँहमरा आर - हम सभआिक- आ िकसकैछ/ करैछ (गमे योगक आवयकता नै)होइन/ होिनजाइन (जािन नै, जेना देल जाइन) मुदा जािन-बूिझ (अथ पिरतन)पइठ/ जाइठआउ/ जाउ/ आऊ/ जाऊमे, क, सँ, पर (शदसँ सटा कऽ) तँ कऽ धऽ दऽ (शदसँ हटा कऽ) मुदा दूटा वा बेसी िवभित संगरहलापर पिहल िवभित टाक सटाऊ। जेना ऐमे सँ ।एकटा , दूटा (मुदा कए टा)िबकारीक योग शदक अतमे, बीचमे अनावयक प नै। आकारात आ अतमे अ क बाद िबकारीक योगनै (जेना िदअ, आ/ िदय’ , आ’, आ नै )अपोोफीक योग िबकारीक बदलामे करब अनुिचत आ मा फॉटक तकनीकी यूनताक पिरचायक)- ओनािबकारीक संकृत प ऽ अवह कहल जाइत अिछ आ वतनी आ उचारण दुनू ठाम एकर लोप रहैत अिछ/रिह सकैत अिछ (उचारणमे लोप रिहते अिछ)। मुदा अपोोफी सेहो अंेजीमे पसेिसव केसमे होइत अिछआ चमे शदमे जतए एकर योग होइत अिछ जेना raison d’etre एतए सेहो एकर उचारण रैजौन डेटर171


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>होइत अिछ, माने अपोॉफी अवकाश नै दैत अिछ वरन जोड़ैत अिछ, से एकर योग िबकारीक बदला देनाइतकनीकी प सेहो अनुिचत)।अइमे, एिहमे/ ऐमेजइमे, जािहमेएखन/ अखन/ अइखनक (के निह) मे (अनुवार रिहत)भऽमेदऽतँ (तऽ, त नै)सँ ( सऽ स नै)गाछ तरगाछ लगसझ खनजो (जो go, करै जो do)तै/तइ जेना- तै दुआरे/ तइमे/ तइलेजै/जइ जेना- जै कारण/ जइसँ/ जइलेऐ/अइ जेना- ऐ कारण/ ऐसँ/ अइले/ मुदा एकर एकटा खास योग- लालित कतेक िद नसँ कहैत रहैत अइलै/लइ जेना लैसँ/ लइले/ लै दुआरेलहँ/ लॱगेलॱ/ लेलॱ/ लेलँह/ गेलहुँ/ लेलहुँ/ लेलँ172


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>जइ/ जािह / जैजिह ठाम/ जािह ठाम/ जइठाम/ जैठामएिह / अिह /अइ (वायक अंतमे ा( / ऐअइछ/ अिछ / ऐछतइ/ तिह / तै/ तािहओिह / ओइसीिख / सीखजीिव / जीवी/ जीबभलेहॴ/ भलिह◌ ंत/ तँइ/ तँएजाएब/ जएबलइ/ लैछइ/ छैनिह / नै/ नइगइ/ गैछिन/ छि ह ...समए श दक संग जखन कोनो िव भि त जुटै छै तखन समै जना समैपर इ यािद । असगरमे हृदए आ िव भि तजुटने हृदे जना हृदेसँ, हृदेमे इ यािद ।जइ/ जािह /जैजिह ठाम/ जािह ठाम/ जइठाम/ जैठामएिह / अिह / अइ/ ऐ173


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>अइछ/ अिछ / ऐछतइ/ तिह / तै/ तािहओिह / ओइसीिख / सीखजीिव / जीवी/जीबभले/ भलेहॴ/भलिह◌ ंत/ तँइ/ तँएजाएब/ जएबलइ/ लैछइ/ छैनिह / नै/ नइगइ/गैछिन / छि हचुकल अिछ/ गेल गिछ२.२. मैिथलीमे भाषा सपादन पायमनीचक सूचीमे देल िवकपमेसँ लगुएज एडीटर ारा कोन प चुनल जेबाक चाही:बोड कएल प ा:१.होयबला/ होबयबला/ होमयबला/ हेब’बला, हेम’बला/ होयबाक/होबएबला /होएबाक२. आ’/आऽ174


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>आ३. क’ लेने/कऽ लेने/कए लेने/कय लेने/ल’/लऽ/लय/लए४. भ’ गेल/भऽ गेल/भय गेल/भएगेल५. कर’ गेलाह/करऽगेलह/करए गेलाह/करय गेलाह६.िलअ/िदअ िलय’,िदय’,िलअ’,िदय’/७. कर’ बला/करऽ बला/ करय बला करैबला/क’र’ बला /करैवाली८. बला वला (पुष), वाली ( ी) ९.आल आंल१०. ायः ायह११. दुःख दुख १२. चिल गेल चल गेल/चैल गेल१३. देलिखह देलिकह, देलिखन१४.देखलिह देखलिन/ देखलैह१५. छिथह/ छलिह छिथन/ छलैन/ छलिन१६. चलैत/दैत चलित/दैित१७. एखनो175


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>अखनो१८.बढ़िन बढ़इन बढ़िह१९. ओ’/ओऽ(सवनाम) ओ२०. ओ (संयोजक) ओ’/ओऽ२१. फिग/फाि फाइंग/फाइङ२२.जे जे’/जेऽ २३. ना-नुकुर ना-नुकर२४. केलिह/केलिन /कयलिह२५. तखनतँ/ तखन तँ२६. जारहल/जाय रहल/जाए रहल२७. िनकलय/िनकलएलागल/ लगल बहराय/ बहराए लागल/ लगल िनकल’/बहरै लागल२८. ओतय/ जतय जत’/ ओत’/ जतए/ ओतए२९.की फूरल जे िक फूरल जे३०. जे जे’/जेऽ३१. कूिद / यािद(मोन पारब) कूइद/याइद/कूद/याद/यािद (मोन)३२. इहो/ ओहो176


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>३३.हँसए/ हँसय हँसऽ३४. नौ आिक दस/नौ िकंवा दस/ नौ वा दस३५. सासु-ससुर सास-ससुर३६. छह/ सात छ/छः/सात३७.की की’/ कीऽ (दीघकारातमे ऽ विजत)३८. जबाब जवाब३९. करएताह/ करेताह करयताह४०. दलान िदिश दलान िदश/दलान िदस४१. गेलाह गएलाह/गयलाह४२. िकछु आर/ िकछु और/ िकछ आर४३. जाइ छल/ जाइत छल जाित छल/जैत छल४४. पहुँिच/ भेट जाइत छल/ भेट जाइ छलए पहुँच/ भेिट जाइत छल४५.जबान (युवा)/ जवान(फौजी)४६. लय/ लए क’/ कऽ/ लए कए / लऽ कऽ/ लऽ कए४७. ल’/लऽ कय/कए४८. एखन / एखने / अखन / अखने४९.177


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>अहॴक अहीँक५०. गहॴर गहीँर५१.धार पार केनाइ धार पार केनाय/केनाए५२. जेक जक/जक५३. तिहना तेिहना५४. एकर अकर५५. बिहनउ बहनोइ५६. बिहन बिहिन५७. बिहन-बिहनोइबिहन-बहनउ५८. निह/ नै५९. करबा / करबाय/ करबाए६०. तँ/ त ऽ तय/तए६१. भैयारी मे छोट-भाए/भै/, जेठ-भाय/भाइ,६२. िग नतीमे दू भाइ/भाए/भइ६३. ई पोथी दू भाइक/ भइ/ भाए/ लेल। यावत जावत६४. माय मै / माए मुदा माइक ममता६५. देिह/ दइन दिन / दएिह/ दयिह दिह/ दैिह६६. द’/ दऽ/ दए६७. ओ (संयोजक) ओऽ (सवनाम)178


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>६८. तका कए तकाय तकाए६९. पैरे (on foot) पएरे कएक/ कैक७०.ताहुमे/ ताहूमे७१.पुीक७२.बजा कय/ कए / कऽ७३. बननाय/बननाइ७४. कोला७५.िदनुका िदनका७६.ततिहसँ७७. गरबओलिह/ गरबौलिन /गरबेलिह/ गरबेलिन७८. बालु बालू७९.चेह िचह(अशु)८०. जे जे’८१. से/ के से’/के’179


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>८२. एखुनका अखनुका८३. भुिमहार भूिमहार८४. सुगर/ सुगरक/ सूगर८५. झठहाक झटहाक ८६.छूिब८७. करइयो/ओ करैयो ने देलक /किरयौ-करइयौ८८. पुबािरपुबाइ८९. झगड़ा-झटीझगड़ा-झिट९०. पएरे-पएरे पैरे-पैरे९१. खेलएबाक९२. खेलेबाक९३. लगा९४. होए- हो – होअए९५. बुझल बूझल९६.बूझल (संबोधन अथमे)९७. यैह यएह / इएह/ सैह/ सएह९८. ताितल९९. अयनाय- अयनाइ/ अएनाइ/ एनाइ180


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>१००. िन- िनद१०१.िबनु िबन१०२. जाए जाइ१०३.जाइ (in different sense)-last word of sentence१०४. छत पर आिब जाइ१०५.ने१०६. खेलाए (play) –खेलाइ१०७. िशकाइत- िशकायत१०८.ढप- ढ़प१०९. पढ़- पढ११०. किनए/ किनये किनञे१११. राकस- राकश११२. होए/ होय होइ११३. अउरदा-औरदा११४. बुझेलिह (different meaning- got understand)११५. बुझएलिह/बुझेलिन / बुझयलिह (understood himself)181


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>११६. चिल- चल/ चिल गेल११७. खधाइ- खधाय११८.मोन पाड़लिखह/ मोन पाड़लिख न/ मोन पारलिखह११९. कैक- कएक- कइएक१२०.लग ल’ग१२१. जरेनाइ१२२. जरौनाइ जरओनाइ- जरएनाइ/जरेनाइ१२३. होइत१२४.गरबेलिह/ गरबेलिन गरबौलिह/ गरबौलिन१२५.िचखैत- (to test)िचखइत१२६. करइयो (willing to do) करैयो१२७. जेकरा- जकरा१२८. तकरा- तेकरा१२९.िबदेसर थानेमे/ िबदेसरे थानमे१३०. करबयलहुँ/ करबएलहुँ/ करबेलहुँ करबेलॱ१३१.182


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>हािरक (उचारण हाइरक)१३२. ओजन वजन आफसोच/ अफसोस कागत/ कागच/ कागज१३३. आधे भाग/ आध-भागे१३४. िपचा / िपचाय/िपचाए१३५. नञ/ ने१३६. बचा नञ(ने) िपचा जाय१३७. तखन ने (नञ) कहैत अिछ। कहै/ सुनै/ देखै छल मुदा कहैत-कहैत/ सुनैत-सुनैत/ देखैत-देखैत१३८.कतेक गोटे/ कताक गोटे१३९. कमाइ-धमाइ/ कमाई- धमाई१४०. लग ल’ग१४१. खेलाइ (for playing)१४२.छिथह/ छिथन१४३.होइत होइ१४४. यो िकयो / केओ१४५.केश (hair)१४६.183


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>केस (court-case)१४७. बननाइ/ बननाय/ बननाए१४८. जरेनाइ१४९. कुरसी कुस१५०. चरचा चच१५१. कम करम१५२. डुबाबए/ डुबाबै/ डुमाबै डुमाबय/ डुमाबए१५३. एखुनका/अखुनका१५४. लए/ िलअए (वायक अंितम शद)- लऽ१५५. कएलक/केलक१५६. गरमी गम१५७. वरदी वद१५८. सुना गेलाह सुना’/सुनाऽ१५९. एनाइ-गेनाइ१६०.तेना ने घेरलिह/ तेना ने घेरलिन१६१. निञ / नै१६२.184


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>डरो ड’रो१६३. कतहु/ कतौ कहॴ१६४. उमिरगर-उमेरगर उमरगर१६५. भिरगर१६६. धोल/धोअल धोएल१६७. गप/गप१६८.के के’१६९. दरबजा/ दरबजा१७०. ठाम१७१.धिर तक१७२.घूिर लौिट१७३. थोरबेक१७४. बड१७५. त/ तू ◌ँ१७६. तिह( पमे ा)१७७. तही / तिह१७८.करबाइए करबाइये१७९. एकेटा185


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>१८०. किरतिथ /करतिथ१८१.पहुँिच/ पहुँच१८२. राखलिह रखलिह/ रखलिन१८३.लगलिह/ लगलिन लागलिह१८४.सुिन (उचारण सुइन)१८५. अिछ (उचारण अइछ)१८६. एलिथ गेलिथ१८७. िबतओने/ िब तौने/िबतेने१८८. करबओलिह/ करबौलिन /करेलिखह/ करेलिख न१८९. करएलिह/ करेलिन१९०.आिक/ िक१९१. पहुँिच/पहुँच१९२. बी जराय/ जराए जरा (आिग लगा)१९३.से से’186


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>१९४.ह मे ह (हमे ह िवभिमे हटा कए)१९५. फेल फैल१९६. फइल(spacious) फैल१९७. होयतिह/ होएतिह/ होएतिन /हेतिन / हेतिह१९८. हाथ मिटआएब/ हाथ मिटयाबय/हाथ मिटयाएब१९९. फेका फका२००. देखाए देखा२०१. देखाबए२०२. सिर सर२०३.साहेब साहब२०४.गेलैह/ गेलिह/ गेलिन२०५. हेबाक/ होएबाक२०६.केलो/ कएलहुँ/केलॱ/ केलुँ२०७. िकछु न िकछु/िकछु ने िकछु२०८.घुमेलहुँ/ घुमओलहुँ/ घुमेलॱ२०९. एलाक/ अएलाक२१०. अः/ अह२११.लय/लए (अथ-पिरवन) २१२.कनीक/ कनेक187


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>२१३.सबहक/ सभक२१४.िमलाऽ/ िमला२१५.कऽ/ क२१६.जाऽ/जा२१७.आऽ/ आ२१८.भऽ /भ’ (’ फॉटक कमीक ोतक)२१९.िनअम/ िनयम२२०.हेटेअर/ हेटेयर२२१.पिहल अर ढ/ बादक/ बीचक ढ़२२२.तिहं/तिहँ/ तिञ/ त२२३.किहं/ कहॴ२२४.तँइ/त / तइँ२२५.नँइ/ नइँ/ निञ/ निह/नै२२६.है/ हए / एलीह/२२७.छिञ/ छै/ छैक /छइ२२८.दृिएँ/ दृिय२२९.आ (<strong>com</strong>e)/ आऽ(conjunction)२३०.आ (conjunction)/ आऽ(<strong>com</strong>e)188


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>२३१.कुनो/ कोनो, कोना/केना२३२.गेलैह-गेलिह-गेलिन२३३.हेबाक- होएबाक२३४.केलौँ- कएलौँ-कएलहुँ/केलॱ२३५.िकछु न िकछ- िकछु ने िकछु२३६.केहेन- केहन२३७.आऽ (<strong>com</strong>e)-आ (conjunction-and)/आ। आब'-आब' /आबह-आबह२३८. हएत-हैत२३९.घुमेलहुँ-घुमएलहुँ- घुमेला◌े◌ं२४०.एलाक- अएलाक२४१.होिन- होइन/ होिह/२४२.ओ-राम ओ यामक बीच(conjunction), ओऽ कहलक (he said)/ओ२४३.की हए/ कोसी अएली हए/ की है। की हइ२४४.दृिएँ/ दृिय२४५.शािमल/ सामेल२४६.तैँ / तँए/ तिञ/ तिहं२४७.जॱ/ य/ जँ/२४८.सभ/ सब२४९.सभक/ सबहक२५०.किहं/ कहॴ189


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>२५१.कुनो/ कोनो/ कोनहुँ/२५२.फारकती भऽ गेल/ भए गेल/ भय गेल२५३.कोना/ केना/ क ना/कना२५४.अः/ अह२५५.जनै/ जनञ२५६.गेलिन /गेलाह (अथ पिरवतन)२५७.केलिह/ कएलिह/ केलिन /२५८.लय/ लए/ लएह (अथ पिरवतन)२५९.कनीक/ कनेक/कनी-मनी२६०.पठेलिह पठेलिन / पठेलइन/ पपठओलिह/ पठबौलिन /२६१.िनअम/ िनयम२६२.हेटेअर/ हेटेयर२६३.पिहल अर रहने ढ/ बीचमे रहने ढ़२६४.आकारातमे िबकारीक योग उिचत नै/ अपोोफीक योग फाटक तकनीकी यूनताक पिरचायकओकर बदला अवह (िबकारी) क योग उिचत२६५.केर (पमे ा) / -क/ कऽ/ के२६६.छैिह- छिह२६७.लगैए/ लगैये२६८.होएत/ हएत२६९.जाएत/ जएत/२७०.आएत/ अएत/ आओत२७१190


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>.खाएत/ खएत/ खैत२७२.िपअएबाक/ िपएबाक/िप येबाक२७३.शु/ शुह२७४.शुहे/ शुए२७५.अएताह/अओताह/ एताह/ औताह२७६.जािह/ जाइ/ जइ/ जै/२७७.जाइत/ जैतए/ जइतए२७८.आएल/ अएल२७९.कैक/ कएक२८०.आयल/ अएल/ आएल२८१. जाए/ जअए/ जए (लालित जाए लगलीह।)२८२. नुकएल/ नुकाएल२८३. कठुआएल/ कठुअएल२८४. तािह/ तै/ तइ२८५. गायब/ गाएब/ गएब२८६. सकै/ सकए/ सकय२८७.सेरा/सरा/ सराए (भात सरा गेल)२८८.कहैत रही/देखैत रही/ कहैत छलॱ/ कहै छलॱ- अिहना चलैत/ पढ़ैत(पढ़ै-पढ़ैत अथ कखनो काल पिरवितत) - आर बुझै/ बुझैत (बुझै/ बुझै छी, मुदा बुझैत-बुझैत)/ सकैत/ सकै।करैत/ करै। दै/ दैत। छैक/ छै। बचलै/ बचलैक। रखबा/ रखबाक । िबनु/ िबन। राितक/ रातुक बुझै आबुझैत केर अपन-अपन जगहपर योग समीचीन अिछ । बुझैत-बुझैत आब बुझिल ऐ। हमहूँ बुझै छी।२८९. दुआरे/ ारे२९०.भेिट/ भेट/ भट191


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>२९१.खन/ खीन/ खुना (भोर खन/ भोर खीन)२९२.तक/ धिर२९३.गऽ/ गै (meaning different-जनबै गऽ)२९४.सऽ/ सँ (मुदा दऽ, लऽ)२९५.व,(तीन अरक मेल बदला पुनितक एक आ एकटा दोसरक उपयोग) आिदक बदला व आिद।महव/ महव/ कत/ क आिदमे संयुतक कोनो आवयकता मैिथलीमे नै अिछ। वतय२९६.बेसी/ बेशी२९७.बाला/वाला बला/ वला (रहैबला)२९८.वाली/ (बदलैवाली)२९९.वा/ वात३००. अतरिय/ अतरीय३०१. लेमए/ लेबए३०२.लमछुरका, नमछुरका३०२.लागै/ लगै (भेटैत/ भेटै)३०३.लागल/ लगल३०४.हबा/ हवा३०५.राखलक/ रखलक३०६.आ (<strong>com</strong>e)/ आ (and)३०७. पाताप/ पााप३०८. ऽ केर यवहार शदक अतमे मा, यथासंभव बीचमे नै।192


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>३०९.कहैत/ कहै३१०.रहए (छल)/ रहै (छलै) (meaning different)३११.तागित/ ताकित३१२.खराप/ खराब३१३.बोइन/ बोिन/ बोइिन३१४.जािठ/ जाइठ३१५.कागज/ कागच/ कागत३१६.िगरै (meaning different- swallow)/ िगरए (खसए)३१७.रािय/ राीयDATE-LIST (year- 2012-13)(१४२० फसली साल (Marriage Days:Nov.2012- 25, 26, 28, 29, 30Dec.2012- 5,9, 10, 13, 14January 2013- 16, 17, 18, 23, 24, 31Feb.2013- 1, 3, 4, 6, 8, 10, 14, 15, 18, 20, 24, 25April 2013- 21, 22, 24, 26, 29May 2013- 1,2,3,5,6,9,12,13,17,19,20,22,23,24,26,27,29,30,31June 2013- 2,3193


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>July 2013- 11, 14, 15Upanayana Days:January 2013- 16February 2013- 14, 15, 20, 21April 2013- 22May 2013- 20, 21Dviragaman Din:November 2012- 25, 26, 28, 29December 2012- 2, 3, 14February 2013- 14, 15, 18, 20, 21, 22, 27, 28March 2013- 1April 2013- 18, 22, 24, 26, 28, 29May 2013- 12, 13Mundan Din:November 2012- 26, 30December 2012- 3January 2013- 18, 24February 2013- 1, 14, 15, 20, 28April 2013- 17May 2013- 13, 23, 29194


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>June 2013- 13, 19, 26, 27, 28July 2013- 10, 15FESTIVALS OF MITHILA (2012-13)Mauna Panchami-08 JulyMadhushravani- 22 JulyNag Panchami- 24 JulyRaksha Bandhan- 02 AugKrishnastami- 10 AugustKushi Amavasya / Somvari Vrat- 17 AugustVishwakarma Pooja- 17 SeptemberHartalika Teej- 18 SeptemberChauthChandra-19 SeptemberKarma Dharma Ekadashi-26 SeptemberIndra Pooja Aarambh- 27 SeptemberAnant Caturdashi- 29 SepAgastyarghadaan- 30 SepPitri Paksha begins- 30 SepJimootavahan Vrata/ Jitia-08 OctoberMatri Navami- 09 October195


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>SomvatiAmavasya Vrat- 15 OctoberKalashsthapan- 16 OctoberBelnauti- 20 OctoberPatrika Pravesh- 21 OctoberMahastami- 22 OctoberMaha Navami - 23 OctoberVijaya Dashami- 24 OctoberKojagara- 29 OctDhanteras- 11 NovemberDiyabati, shyama pooja-13 NovemberAnnakoota/ Govardhana Pooja-14 NovemberBhratridwitiya/ Chitragupta Pooja- 15 NovemberChhathi -19 NovemberDevotthan Ekadashi- 24 Novemberravivratarambh- 25 NovemberNavanna parvan- 25 NovemberKartikPoornima- Sama Visarjan- 28 NovemberVivaha Panchmi- 17 DecemberMakara/ Teela Sankranti-14 JanNaraknivaran chaturdashi- 08 February196


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>Basant Panchami/ Saraswati Pooja- 15 FebruaryAchla Saptmi- 17 FebruaryMahashivaratri-10 MarchHolikadahan-Fagua-26 MarchHoli- 28 MarchVaruni Trayodashi-07 AprilChaiti navaratrarambh- 11 AprilJurishital-15 AprilChaiti Chhathi vrata-16 AprilRam Navami- 19 AprilRavi Brat Ant- 12 MayAkshaya Tritiya-13 MayJanaki Navami- 19 MayVat Savitri-barasait- 08 JuneGanga Dashhara-18 JuneSomavati Amavasya Vrata- 08 JulyJagannath Rath Yatra- 10 JulyHari Sayan Ekadashi- 19 JulyAashadhi Guru Poornima-22 Jul197


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong><strong>VIDEHA</strong> ARCHIVE१पिकाक सभटा पुरान अंक ेल -िवदेह ई., ितरहुता आ देवनागरी पमे Videha e journal's all oldissues in Braille Tirhuta and Devanagari versionsिवदेह ईअंक ५० पिकाक पिहल-िवदेह ईम सँ आगक अंक५० पिकाक-२.मैिथली पोथी डाउनलोड Maithili Books Download३मैिथली ऑिडयो संकलन. Maithili Audio Downloads४.मैिथली वीिडयोक संकलन Maithili Videos५ आधुिनक िचकला आ िच /िमिथला िचकला.Mithila Painting/ Modern Art and Photos"िवदेह"क एिह सभ सहयोगी िलंकपर सेहो एक बेर जाउ।६.िवदेह मैिथली िवज :http://videhaquiz.blogspot.<strong>com</strong>/७.िवदेह मैिथली जालवृ एीगेटर :http://videha-aggregator.blogspot.<strong>com</strong>/८.िवदेह मैिथली सािहय अंेजीमे अनूिदतhttp://madhubani-art.blogspot.<strong>com</strong>/९.िवदेहक पूव-प "भालसिरक गाछ" :http://gajendrathakur.blogspot.<strong>com</strong>/१०.िवदेह इंडेस :198


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>http://videha123.blogspot.<strong>com</strong>/११.िवदेह फाइल :http://videha123.wordpress.<strong>com</strong>/१२. िवदेह: सदेह : पिहल ितरहुता (िमिथला़र) जालवृ (लॉग)http://videha-sadeha.blogspot.<strong>com</strong>/१३. िवदेह:ेल: मैिथली ेलमे: पिहल बेर िवदेह ाराhttp://videha-braille.blogspot.<strong>com</strong>/१४.<strong>VIDEHA</strong> IST MAITHILI FORTNIGHTLY EJOURNAL ARCHIVEhttp://videha-archive.blogspot.<strong>com</strong>/१५. िवदेह थम मैिथली पािक ई पिका मैिथली पोथीक आकइवhttp://videha-pothi.blogspot.<strong>com</strong>/१६. िवदेह थम मैिथली पािक ई पिका ऑिडयो आकइवhttp://videha-audio.blogspot.<strong>com</strong>/१७. िवदेह थम मैिथली पािक ई पिका वीिडयो आकइवhttp://videha-video.blogspot.<strong>com</strong>/१८. िवदेह थम मैिथली पािक ई पिका िमिथला िचकला, आधुिनक कला आ िचकलाhttp://videha-paintings-photos.blogspot.<strong>com</strong>/१९. मैिथल आर िमिथला ( मैिथलीक सभसँ लोकिय जालवृ)http://maithilaurmithila.blogspot.<strong>com</strong>/२० ुित काशन .199


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>http://www.shruti-publication.<strong>com</strong>/२१.http://groups.google.<strong>com</strong>/group/videha२२.http://groups.yahoo.<strong>com</strong>/group/<strong>VIDEHA</strong>/२३.गजे ठाकुर इ डेसhttp://gajendrathakur123.blogspot.<strong>com</strong>२४. नेना भुटकाhttp://mangan-khabas.blogspot.<strong>com</strong>/२५.िवदेह रेिडयो किवता आिदक पिहल पोडकाट साइट -मैिथली कथा:http://videha123radio.wordpress.<strong>com</strong>/२६. Videha Radio२७. Join official Videha facebook group.२८. िवदेह मैिथली नाय उसवhttp://maithili-drama.blogspot.<strong>com</strong>/२९.समिदयाhttp://esamaad.blogspot.<strong>com</strong>/३०. मैिथली िफसhttp://maithilifilms.blogspot.<strong>com</strong>/३१.अनिचहार आखरhttp://anchinharakharkolkata.blogspot.<strong>com</strong>/३२. मैिथली हाइकू200


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>http://maithili-haiku.blogspot.<strong>com</strong>/३३. मानक मैिथलीhttp://manak-maithili.blogspot.<strong>com</strong>/३४. िवहिन कथाhttp://vihanikatha.blogspot.in/३५. मैिथली किवताhttp://maithili-kavita.blogspot.in/३६. मैिथली कथाhttp://maithili-katha.blogspot.in/३७.मैिथली समालोचनाhttp://maithili-samalochna.blogspot.in/महवपूण सूचना:(१) 'िवदेह' ारा धारावािहक पे ई-कािशत कएल गेल गजे ठाकुरक िनबध-बध-समीा, उपयास (सहबाढ़िन) , प-संह (सहादीक चौपड़पर), कथा-गप (गप-गुछ), नाटक(संकषण),महाकाय (वचाहच आ असाित मन) आ बाल-िकशोर सािहय िवदेहमे संपूण ई-काशनक बाद िंटफॉममे। कुेम्–अतमनक खड-१ सँ ७ Combined ISBN No.978-81-907729-7-6 िववरणएिह पृपर नीचमे आ काशकक साइट http://www.shruti-publication.<strong>com</strong>/ पर ।महवपूण सूचना (२):सूचना: िवदेहक मैिथली-अंेजी आ अंेजी मैिथली कोष (इंटरनेटपर पिहल बेर सच-िडशनरी) एम.एस. एस.यू.एल. सवर आधािरत -Based on ms-sql server Maithili-English andEnglish-Maithili Dictionary. िवदेहक भाषापाक- रचनालेखन तंभमे।कुेम् अतमनक- गजे ठाकुर201


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>गजे ठाकुरक िनबध-बध-समीा, उपयास (सहबाढ़िन) , प-संह (सहादीक चौपड़पर), कथा-गप(गप गुछ), नाटक(संकषण), महाकाय (वचाहच आ असाित मन) आ बालमंडली-िकशोरजगत िवदेहमेसंपूण ई-काशनक बाद िंट फॉममे। कुेम्–अतमनक, खड-१ सँ ७Ist edition 2009 of Gajendra Thakur’s KuruKshetram-Antarmanak (Vol. I to VII)-essay-paper-criticism, novel, poems, story, play, epics and Children-grown-upsliterature in single binding:Language:Maithili६९२ पृ : मूय भा. . 100/-(for individual buyers inside india)(add courier charges Rs.50/-per copy for Delhi/NCR and Rs.100/- per copy foroutside Delhi)For Libraries and overseas buyers $40 US (including postage)The book is AVAILABLE FOR PDF DOWNLOAD AThttps://sites.google.<strong>com</strong>/a/videha.<strong>com</strong>/videha/http://videha123.wordpress.<strong>com</strong>/Details for purchase available at print-version publishers's sitewebsite: http://www.shruti-publication.<strong>com</strong>/or you may write toe-mail:shruti.publication@shruti-publication.<strong>com</strong>िवदेह: सदेह : १: २: ३: ४ ितरहुता : देवनागरी "िवदेह" क, िंट संकरण :िवदेह-ई-पिका(http://www.videha.co.in/) क चुनल रचना सिमिलत।202


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>िवदेह:सदेह:१: २: ३: ४सपादक: गजे ठाकुर।Details for purchase available at print-version publishers's site http://www.shrutipublication.<strong>com</strong>or you may write to shruti.publication@shruti-publication.<strong>com</strong>२. संदेश-[ िवदेह ई-पिका, िवदेह:सदेह िमिथलार आ देवनागरी आ गजे ठाकुरक सात खडक- िनबध-बध-समीा,उपयास(सहबाढ़िन) , प-संह (सहादीक चौपड़पर), कथा-गप (गप गुछ), नाटक (संकषण), महाकाय (वचाहच आअसाित मन) आ बाल-मंडली-िकशोर जगत- संह कुेम् अंतमनक माद। ]१.ी गोिवद झा- िवदेहक तरंगजालपर उतािर िवभिरमे मातृभाषा मैिथलीक लहिर जगाओल, खेद जे अपनेकएिह महािभयानमे हम एखन धिर संग निह दए सकलहुँ। सुनैत छी अपनेक सुझाओ आ रचनामक आलोचनािय लगैत अिछ त िकछु िलखक मोन भेल। हमर सहायता आ सहयोग अपनेक सदा उपलध रहत।२.ी रमानद रेणु- मैिथलीमे ई-पिका पािक प चला कऽ जे अपन मातृभाषाक चार कऽ रहल छी, सेधयवाद । आग अपनेक समत मैिथलीक कायक हेतु हम हृदयसँ शुभकामना दऽ रहल छी।३.ी िवानाथ झा "िविदत"- संचार आ ौोिगकीक एिह ितपध लोबल युगमे अपन मिहमामय "िवदेह"कअपना देहमे कट देिख जतबा सता आ संतोष भेल, तकरा कोनो उपलध "मीटर"सँ निह नापल जासकैछ? ..एकर ऐितहािसक मूयकन आ सकृितक ितफलन एिह शतादीक अंत धिर लोकक नजिरमेआयजनक पसँ कट हैत।203


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>४. ो. उदय नारायण िसंह "निचकेता"- जे काज अह कए रहल छी तकर चरचा एक िदन मैिथली भाषाकइितहासमे होएत। आनद भए रहल अिछ, ई जािन कए जे एतेक गोट मैिथल "िवदेह" ई जनलक पिढ़ रहलछिथ।...िवदेहक चालीसम अंक पुरबाक लेल अिभनदन।५. डॉ. गंगेश गुंजन- एिह िवदेह-कममे लािग रहल अहक सवेदनशील मन, मैिथलीक ित समिपत मेहनितकअमृत रंग, इितहास मे एक टा िविश फराक अयाय आरंभ करत, हमरा िवास अिछ। अशेष शुभकामनाआ बधाइक स, सनेह...अहक पोथी कुेम् अंतमनक थम दृया बहुत भय तथा उपयोगी बुझाइछ।मैिथलीमे तँ अपना वपक ायः ई पिहले एहन भय अवतारक पोथी िथक। हषपूण हमर हािदक बधाईवीकार करी।६. ी रामाय झा "रामरंग"(आब वगय)- "अपना" िमिथलासँ संबंिधत...िवषय वतुसँ अवगत भेलहुँ।...शेषसभ कुशल अिछ।७. ी जे िपाठी- सािहय अकादमी- इंटरनेट पर थम मैिथली पािक पिका "िवदेह" केर लेल बधाईआ शुभकामना वीकार क।८. ी फुलकुमार िसंह "मौन"- थम मैिथली पािक पिका "िवदेह" क काशनक समाचार जािन कनेकचिकत मुदा बेसी आािदत भेलहुँ। कालचक पकिड़ जािह दूरदृिक पिरचय देलहुँ, ओिह लेल हमरमंगलकामना।९.डॉ. िशवसाद यादव- ई जािन अपार हष भए रहल अिछ, जे नव सूचना-ाितक ेमे मैिथलीपकािरताक वेश िदअएबाक साहिसक कदम उठाओल अिछ। पकािरतामे एिह कारक नव योगक हमवागत करैत छी, संगिह "िवदेह"क सफलताक शुभकामना।१०. ी आाचरण झा- कोनो प-पिकाक काशन- ताहूमे मैिथली पिकाक काशनमे के कतेक सहयोगकरताह- ई तऽ भिवय कहत। ई हमर ८८ वषमे ७५ वषक अनुभव रहल। एतेक पैघ महान यमे हमरापूण आहुित ात होयत- यावत ठीक-ठाक छी/ रहब।११. ी िवजय ठाकुर- िमिशगन िविवालय- "िवदेह" पिकाक अंक देखलहुँ, सपूण टीम बधाईक पाअिछ। पिकाक मंगल भिवय हेतु हमर शुभकामना वीकार कएल जाओ।१२. ी सुभाषच यादव- ई-पिका "िवदेह" क बारेमे जािन सता भेल। ’िवदेह’ िनरतर पलिवत-पुिपतहो आ चतुिदक अपन सुगंध पसारय से कामना अिछ।१३. ी मैिथलीपु दीप- ई-पिका "िवदेह" केर सफलताक भगवतीसँ कामना। हमर पूण सहयोग रहत।204


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>१४. डॉ. ी भीमनाथ झा- "िवदेह" इटरनेट पर अिछ त "िवदेह" नाम उिचत आर कतेक प एकर िववरणभए सकैत अिछ। आइ-काि मोनमे उेग रहैत अिछ, मुदा शी पूण सहयोग देब।कुेम् अतमनक देिखअित सता भेल। मैिथलीक लेल ई घटना छी।१५. ी रामभरोस कापिड़ "मर"- जनकपुरधाम- "िवदेह" ऑनलाइन देिख रहल छी। मैिथलीक अतरीयजगतमे पहुँचेलहुँ तकरा लेल हािदक बधाई। िमिथला र सभक संकलन अपूव। नेपालोक सहयोग भेटत, सेिवास करी।१६. ी राजनदन लालदास- "िवदेह" ई-पिकाक मायमसँ बड़ नीक काज कए रहल छी, नाितक अिहठामदेखलहुँ। एकर वािषक अ ◌ंक जखन िंट िनकालब तँ हमरा पठायब। कलकामे बहुत गोटेक हम साइटकपता िलखाए देने िछयिह। मोन तँ होइत अिछ जे िदली आिब कए आशीवद दैतहुँ, मुदा उमर आब बेशी भएगेल। शुभकामना देश-िवदेशक मैिथलक जोड़बाक लेल।.. उकृ काशन कुेम् अंतमनक लेल बधाइ।अुत काज कएल अिछ, नीक तुित अिछ सात खडमे। मुदा अहक सेवा आ से िनःवाथ तखन बूझलजाइत जँ अह ारा कािशत पोथी सभपर दाम िलखल निह रिहतैक। ओिहना सभक िवलिह देल जइतैक।(पीकरण- ीमान्, अहक सूचनाथ िवदेह ारा ई-कािशत कएल सभटा सामी आकइवमेhttps://sites.google.<strong>com</strong>/a/videha.<strong>com</strong>/videha-pothi/ पर िबना मूयक डाउनलोड लेल उपलधछै आ भिवयमे सेहो रहतैक। एिह आकइवक जे िकयो काशक अनुमित लऽ कऽ िंट पमे कािशतकएने छिथ आ तकर ओ दाम रखने छिथ तािहपर हमर कोनो िनयंण निह अिछ।- गजे ठाकुर)...अहक ित अशेष शुभकामनाक संग।१७. डॉ. ेमशंकर िसंह- अह मैिथलीमे इंटरनेटपर पिहल पिका "िवदेह" कािशत कए अपन अुतमातृभाषानुरागक पिरचय देल अिछ, अहक िनःवाथ मातृभाषानुरागसँ ेिरत छी, एकर िनिम जे हमर सेवाकयोजन हो, तँ सूिचत करी। इंटरनेटपर आोपत पिका देखल, मन फुिलत भऽ गेल।१८.ीमती शेफािलका वम- िवदेह ई-पिका देिख मोन उलाससँ भिर गेल। िवान कतेक गित कऽ रहलअिछ...अह सभ अनत आकाशक भेिद िदयौ, समत िवतारक रहयक तार-तार कऽ िदयौक...। अपनेकअुत पुतक कुेम् अंतमनक िवषयवतुक दृिसँ गागरमे सागर अिछ। बधाई।१९.ी हेतुकर झा, पटना-जािह समपण भावसँ अपने िमिथला-मैिथलीक सेवामे तपर छी से तुय अिछ।देशक राजधानीसँ भय रहल मैिथलीक शंखनाद िमिथलाक गाम-गाममे मैिथली चेतनाक िवकास अवय करत।२०. ी योगानद झा, किबलपुर, लहेिरयासराय- कुेम् अंतमनक पोथीक िनकटसँ देखबाक अवसर भेटलअिछ आ मैिथली जगतक एकटा उट ओ समसामियक दृिसप हतारक कलमबद पिरचयसँ आािदतछी। "िवदेह"क देवनागरी सँकरण पटनामे . 80/- मे उपलध भऽ सकल जे िविभ लेखक लोकिनकछायािच, पिरचय पक ओ रचनावलीक सयक काशनसँ ऐितहािसक कहल जा सकैछ।205


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>२१. ी िकशोरीकात िम- कोलकाता- जय मैिथली, िवदेहमे बहुत रास किवता, कथा, िरपोट आिदक सिचसंह देिख आ आर अिधक सता िमिथलार देिख- बधाई वीकार कएल जाओ।२२.ी जीवकात- िवदेहक मुित अंक पढ़ल- अुत मेहनित। चाबस-चाबस। िकछु समालोचना मरखाह..मुदासय।२३. ी भालच झा- अपनेक कुेम् अंतमनक देिख बुझाएल जेना हम अपने छपलहुँ अिछ। एकरिवशालकाय आकृित अपनेक सवसमावेशताक पिरचायक अिछ। अपनेक रचना सामयमे उरोर वृि हो,एिह शुभकामनाक संग हािदक बधाई।२४.ीमती डॉ नीता झा- अहक कुेम् अंतमनक पढ़लहुँ। योितरीर शदावली, कृिष मय शदावलीआ सीत बसत आ सभ कथा, किवता, उपयास, बाल-िकशोर सािहय सभ उम छल। मैिथलीक उरोरिवकासक लय दृिगोचर होइत अिछ।२५.ी मायानद िम- कुेम् अंतमनक मे हमर उपयास ीधनक जे िवरोध कएल गेल अिछ तकर हमिवरोध करैत छी।... कुेम् अंतमनक पोथीक लेल शुभकामना।(ीमान् समालोचनाक िवरोधक पमे निहलेल जाए।-गजे ठाकुर)२६.ी महे हजारी- सपादक ीिमिथला- कुेम् अंतमनक पिढ़ मोन हिषत भऽ गेल..एखन पूरा पढ़यमेबहुत समय लागत, मुदा जतेक पढ़लहुँ से आािदत कएलक।२७.ी केदारनाथ चौधरी- कुेम् अंतमनक अुत लागल, मैिथली सािहय लेल ई पोथी एकटा ितमानबनत।२८.ी सयानद पाठक- िवदेहक हम िनयिमत पाठक छी। ओकर वपक शंसक छलहुँ। एहर अहकिलखल - कुेम् अंतमनक देखलहुँ। मोन आािदत भऽ उठल। कोनो रचना तरा-उपरी।२९.ीमती रमा झा-सपादक िमिथला दपण। कुेम् अंतमनक िंट फॉम पिढ़ आ एकर गुणवा देिख मोनस भऽ गेल, अुत शद एकरा लेल युत कऽ रहल छी। िवदेहक उरोर गितक शुभकामना।३०.ी नरे झा, पटना- िवदेह िनयिमत देखैत रहैत छी। मैिथली लेल अुत काज कऽ रहल छी।३१.ी रामलोचन ठाकुर- कोलकाता- िमिथलार िवदेह देिख मोन सतासँ भिर उठल, अंकक िवशालपिरदृय आवतकारी अिछ।३२.ी तारानद िवयोगी- िवदेह आ कुेम् अंतमनक देिख चकिबदोर लािग गेल। आय। शुभकामना आबधाई।206


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>३३.ीमती ेमलता िम “ेम”- कुेम् अंतमनक पढ़लहुँ। सभ रचना उचकोिटक लागल। बधाई।३४.ी कीितनारायण िम- बेगूसराय- कुेम् अंतमनक बड नीक लागल, आगक सभ काज लेलबधाई।३५.ी महाकाश-सहरसा- कुेम् अंतमनक नीक लागल, िवशालकाय संगिह उमकोिटक।३६.ी अिनपुप- िमिथलार आ देवार िवदेह पढ़ल..ई थम तँ अिछ एकरा शंसामे मुदा हम एकरादुसाहिसक कहब। िमिथला िचकलाक तभक मुदा अिगला अंकमे आर िवतृत बनाऊ।३७.ी मंजर सुलेमान-दरभंगा- िवदेहक जतेक शंसा कएल जाए कम होएत। सभ चीज उम।३८.ीमती ोफेसर वीणा ठाकुर- कुेम् अंतमनक उम, पठनीय, िवचारनीय। जे यो देखैत छिथ पोथीात करबाक उपाय पुछैत छिथ। शुभकामना।३९.ी छानद िसंह झा- कुेम् अंतमनक पढ़लहुँ, बड नीक सभ तरह।४०.ी ताराकात झा- सपादक मैिथली दैिनक िमिथला समाद- िवदेह तँ कटेट ोवाइडरक काज कऽ रहलअिछ। कुेम् अंतमनक अुत लागल।४१.डॉ रवी कुमार चौधरी- कुेम् अंतमनक बहुत नीक, बहुत मेहनितक पिरणाम। बधाई।४२.ी अमरनाथ- कुेम् अंतमनक आ िवदेह दुनू मरणीय घटना अिछ, मैिथली सािहय मय।४३.ी पंचानन िम- िवदेहक वैिवय आ िनरतरता भािवत करैत अिछ, शुभकामना।४४.ी केदार कानन- कुेम् अतमनक लेल अनेक धयवाद, शुभकामना आ बधाइ वीकार करी। आनिचकेताक भूिमका पढ़लहुँ। शुमे तँ लागल जेना कोनो उपयास अह ारा सृिजत भेल अिछ मुदा पोथीउनटौला पर ात भेल जे एिहमे तँ सभ िवधा समािहत अिछ।४५.ी धनाकर ठाकुर- अह नीक काज कऽ रहल छी। फोटो गैलरीमे िच एिह शतादीक जमितिथकअनुसार रहैत तऽ नीक।४६.ी आशीष झा- अहक पुतकक संबंधमे एतबा िलखबा सँ अपना कए निह रोिक सकलहुँ जे ई िकताबमा िकताब निह थीक, ई एकटा उमीद छी जे मैिथली अह सन पुक सेवा सँ िनरंतर समृ होइतिचरजीवन कए ात करत।207


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>४७.ी शभु कुमार िसंह- िवदेहक तपरता आ ियाशीलता देिख आािदत भऽ रहल छी। िनितपेणकहल जा सकैछ जे समकालीन मैिथली पिकाक इितहासमे िवदेहक नाम वणरमे िलखल जाएत। ओिहकुेक घटना सभ तँ अठारहे िदनमे खतम भऽ गेल रहए मुदा अहक कुेम् तँ अशेष अिछ।४८.डॉ. अजीत िम- अपनेक यासक कतबो श ंसा कएल जाए कमे होएतैक। मैिथली सािहयमे अह ाराकएल गेल काज युग-युगातर धिर पूजनीय रहत।४९.ी बीरे मिलक- अहक कुेम् अतमनक आ िवदेह:सदेह पिढ़ अित सता भेल। अहकवाय ठीक रहए आ उसाह बनल रहए से कामना।५०.ी कुमार राधारमण- अहक िदशा-िनदशमे िवदेह पिहल मैिथली ई-जनल देिख अित सता भेल। हमरशुभकामना।५१.ी फूलच झा वीण-िवदेह:सदेह पढ़ने रही मुदा कुेम् अतमनक देिख बढ़ाई देबा लेल बाय भऽगेलहुँ। आब िवास भऽ गेल जे मैिथली निह मरत। अशेष शुभकामना।५२.ी िवभूित आनद- िवदेह:सदेह देिख, ओकर िवतार देिख अित सता भेल।५३.ी मानेर मनुज-कुेम् अतमनक एकर भयता देिख अित सता भेल, एतेक िवशाल थमैिथलीमे आइ धिर निह देखने रही। एिहना भिवयमे काज करैत रही, शुभकामना।५४ कुेम् अतमनक िवतार -कोलकाता.एम.आइ.आइ -ी िवानद झा., छपाईक संग गुणवा देिख अितसता भेल। अहक अनेक धयवाद; कतेक बरखसँ हम नेयारैत छलहुँ जे सभ पैघ शहरमे मैिथलीलाइेरीक थापना होअए, अह ओकरा वेबपर कऽ रहल छी, अनेक धयवाद।५५.ी अरिवद ठाकुर-कुेम् अतमनक मैिथली सािहयमे कएल गेल एिह तरहक पिहल योग अिछ,शुभकामना।५६.ी कुमार पवन-कुेम् अतमनक पिढ़ रहल छी। िकछु लघुकथा पढ़ल अिछ, बहुत मािमक छल।५७. ी दीप िबहारी-कुेम् अतमनक देखल, बधाई।५८.डॉ मिणकात ठाकुर-कैिलफोिनया- अपन िवलण िनयिमत सेवासँ हमरा लोकिनक हृदयमे िवदेह सदेह भऽगेल अिछ।५९.ी धीरे ेमिष- अहक समत यास सराहनीय। दुख होइत अिछ जखन अहक यासमे अपेितसहयोग निह कऽ पबैत छी।208


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>६०.ी देवशंकर नवीन- िवदेहक िनरतरता आ िवशाल वप- िवशाल पाठक वग, एकरा ऐितहािसक बनबैतअिछ।६१.ी मोहन भाराज- अहक समत काय देखल, बहुत नीक। एखन िकछु परेशानीमे छी, मुदा शीसहयोग देब।६२.ी फजलुर रहमान हाशमी-कुेम् अतमनक मे एतेक मेहनतक लेल अह साधुवादक अिधकारी छी।६३.ी लमण झा "सागर"- मैिथलीमे चमकािरक प अहक वेश आादकारी अिछ।..अहक एखनआर..दूर..बहुत दूरधिर जेबाक अिछ। वथ आ स रही।६४.ी जगदीश साद मंडल-कुेम् अतमनक पढ़लहुँ । कथा सभ आ उपयास सहबाढ़िन पूणपपिढ़ गेल छी। गाम-घरक भौगोिलक िववरणक जे सूम वणन सहबाढ़िनमे अिछ, से चिकत कएलक, एिहसंहक कथा-उपयास मैिथली लेखनमे िविवधता अनलक अिछ। समालोचना शामे अहक दृि वैयितकनिह वरन् सामािजक आ कयाणकारी अिछ, से शंसनीय।६५.ी अशोक झा-अय िमिथला िवकास पिरषद- कुेम् अतमनक लेल बधाई आ आग लेलशुभकामना।६६.ी ठाकुर साद मुमु- अुत यास। धयवादक संग ाथना जे अपन मािट-पािनक यानमे रािख अंककसमायोजन कएल जाए। नव अंक धिर यास सराहनीय। िवदेहक बहुत-बहुत धयवाद जे एहेन सुदर-सुदरसचार (आलेख) लगा रहल छिथ। सभटा हणीय- पठनीय।६७.बुिनाथ िम- िय गजे जी,अहक सपादन मे कािशत ‘िवदेह’आ ‘कुेम् अंतमनक’ िवलणपिका आ िवलण पोथी! की निह अिछ अहक सपादनमे? एिह य सँ मैिथली क िवकासहोयत,िनसंदेह।६८.ी बृखेश च लाल- गजेजी, अपनेक पुतक कुेम् अंतमनक पिढ़ मोन गदगद भय गेल , हृदयसँअनुगृिहत छी । हािदक शुभकामना ।६९.ी परमेर कापिड़ - ी गजे जी । कुेम् अंतमनक पिढ़ गदगद आ नेहाल भेलहुँ।७०.ी रवीनाथ ठाकुर- िवदेह पढ़ैत रहैत छी। धीरे ेमिषक मैिथली गजलपर आलेख पढ़लहुँ। मैिथलीगजल कऽ सँ कऽ चिल गेलैक आ ओ अपन आलेखमे मा अपन जानल-पिहचानल लोकक चच कएनेछिथ। जेना मैिथलीमे मठक परपरा रहल अिछ। (पीकरण- ीमान्, ेमिष जी ओिह आलेखमे ई पिलखने छिथ जे िकनको नाम जे छुिट गेल छिह तँ से मा आलेखक लेखकक जानकारी निह रहबाक ारे,209


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>एिहमे आन कोनो कारण निह देखल जाय। अहसँ एिह िवषयपर िवतृत आलेख सादर आमंित अिछ।-सपादक)७१.ी मंेर झा- िवदेह पढ़ल आ संगिह अहक मैगनम ओपस कुेम् अंतमनक सेहो, अित उम।मैिथलीक लेल कएल जा रहल अहक समत काय अतुलनीय अिछ।७२. ी हरेकृण झा- कुेम् अंतमनक मैिथलीमे अपन तरहक एकमा थ अिछ, एिहमे लेखकक समदृि आ रचना कौशल देखबामे आएल जे लेखकक फीडवकसँ जुड़ल रहबाक कारणसँ अिछ।७३.ी सुकात सोम- कुेम् अंतमनक मे समाजक इितहास आ वतमानसँ अहक जुड़ाव बड नीकलागल, अह एिह ेमे आर आग काज करब से आशा अिछ।७४.ोफेसर मदन िम- कुेम् अंतमनक सन िकताब मैिथलीमे पिहले अिछ आ एतेक िवशाल संहपरशोध कएल जा सकैत अिछ। भिवयक लेल शुभकामना।७५.ोफेसर कमला चौधरी- मैिथलीमे कुेम् अंतमनक सन पोथी आबए जे गुण आ प दुनूमे िनसनहोअए, से बहुत िदनसँ आका छल, ओ आब जा कऽ पूण भेल। पोथी एक हाथसँ दोसर हाथ घुिम रहलअिछ, एिहना आग सेहो अहसँ आशा अिछ।७६.ी उदय च झा "िवनोद": गजेजी, अह जतेक काज कएलहुँ अिछ से मैिथलीमे आइ धिर िकयो निहकएने छल। शुभकामना। अहक एखन बहुत काज आर करबाक अिछ।७७.ी कृण कुमार कयप: गजे ठाकुरजी, अहसँ भट एकटा मरणीय ण बिन गेल। अह जतेक काजएिह बएसमे कऽ गेल छी तािहसँ हजार गुणा आर बेशीक आशा अिछ।७८.ी मिणकात दास: अहक मैिथलीक कायक शंसा लेल शद निह भेटैत अिछ। अहक कुेम्अतमनक सपूण प पिढ़ गेलहुँ। वचाहच बड नीक लागल।७९ ी हीरे . कुमार झा- िवदेह ई-पिकाक सभ अंक ई-पसँ भेटैत रहैत अिछ। मैिथलीक ई-पिकाछैक एिह बातक गव होइत अिछ। अह आ अहक सभ सहयोगीक हािदक शुभकामना।िवदेह210


िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> िवद ेह थम मैिथली पाि क ई प िक ा Videha Ist Maithili Fortnightly ejournal 'वदेह' ११६ म अंक १५ अटू बर २०१२ मास ५ वष)५८ अंक ११६( मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>मैिथली सािहय आदोलन(c)२००४-१२. सविधकार लेखकाधीन आ जतए लेखकक नाम निह अिछ ततए संपादकाधीन। िवदेह- थममैिथली पािक ई-पिका <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong> सपादक: गजे ठाकुर। सह-सपादक: उमेशमंडल। सहायक सपादक: िशव कुमार झा आ मुाजी (मनोज कुमार कण)। भाषा-सपादन: नागे कुमारझा आ पीकार िवानद झा। कला-सपादन: योित झा चौधरी आ रिम रेखा िसहा। सपादक-शोध-अवेषण: डॉ. जया वम आ डॉ. राजीव कुमार वम। सपादक- नाटक-रंगमंच-चलिच- बेचन ठाकुर।सपादक- सूचना-सपक-समाद- पूनम मंडल आ ियंका झा। सपादक- अनुवाद िवभाग- िवनीत उपल।रचनाकार अपन मौिलक आ अकािशत रचना (जकर मौिलकताक संपूण उरदाियव लेखक गणक मयछिह) ggajendra@videha.<strong>com</strong> क मेल अटैचमेटक पम .doc, .docx, .rtf वा .txt फॉमटमे पठासकैत छिथ। रचनाक संग रचनाकार अपन संित पिरचय आ अपन कैन कएल गेल फोटो पठेताह, सेआशा करैत छी। रचनाक अंतमे टाइप रहय, जे ई रचना मौिलक अिछ, आ पिहल काशनक हेतु िवदेह(पािक) ई पिकाक देल जा रहल अिछ। मेल ात होयबाक बाद यथासंभव शी ( सात िदनक भीतर)एकर काशनक अंकक सूचना देल जायत। ’िवदेह' थम मैिथली पािक ई पिका अिछ आ एिहमे मैिथली,संकृत आ अंेजीमे िमिथला आ मैिथलीसँ संबंिधत रचना कािशत कएल जाइत अिछ। एिह ई पिकाकीमित लमी ठाकुर ारा मासक ०१ आ १५ ितिथक ई कािशत कएल जाइत अिछ।(c) 2004-12 सविधकार सुरित। िवदेहमे कािशत सभटा रचना आ आकइवक सविधकार रचनाकार आसंहकक लगमे छिह। रचनाक अनुवाद आ पुनः काशन िकंवा आकइवक उपयोगक अिधकार िकनबाकहेतु ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर संपक क। एिह साइटक ीित झा ठाकुर, मधूिलका चौधरी आरिम िया ारा िडजाइन कएल गेल।िसिरतु211


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