22.08.2015 Views

ISSN 2229-547X VIDEHA 'िवदेह'१२९ म अंक ०१ ... - WordPress.com

ISSN 2229-547X VIDEHA 'िवदेह'१२९ म अंक ०१ ... - WordPress.com

ISSN 2229-547X VIDEHA 'िवदेह'१२९ म अंक ०१ ... - WordPress.com

SHOW MORE
SHOW LESS
  • No tags were found...

Create successful ePaper yourself

Turn your PDF publications into a flip-book with our unique Google optimized e-Paper software.

िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong><strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>‘िवदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९)ऐ अंकमे अिछ:-१. संपादकीय संदेश२. ग२.१. कािमनी कामायनी- लघुकथा- माटीक मुत२.२. कैलास दास- लघुकथा- ममता२.३. जगदीश साद म डल-लघुकथा-बगवािड़२.४. जगदीश साद म डल- लघुकथा-बेटी, हम अपराधी छी३. प1


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>३.१. जगदीश च ठाकुर ‘अिनल’-गजल १-४३.२. रामदेव साद म डल ‘झादार’३.३. िकशन कारीगर- दूधपीबा नेना३.४. सुिमत िम- भित गजल३.५. जगदानद झा ‘मनु’-गजल १-५३.६. जगदीश साद म डल३.७. राजदेव म डल- तीनटा किव ता2


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>ग-प भारती:मा ऋयृ-िवनीत उपल)हिरशंकर ीवातव “शलभ"- (िहदीसँ मैिथली अनुवादबालान कृते-अिमत िम- १.राित िदवालीक २.जनमिदनक शुभकामनािवदेह नूतन अंक भाषापाक रचनालेखन-िवदेह मैिथली पोथी डाउनलोड साइट<strong>VIDEHA</strong> MAITHILI BOOKS FREE DOWNLOAD SITEिवदेह ई-पिकाक सभटा पुरान अंक ( ेल, ितरहुता आ देवनागरी मे ) पी.डी.एफ. डाउनलोडक लेल नीचकिलंकपर उपलध अिछ। All the old issues of Videha e journal ( in Braille, Tirhuta andDevanagari versions ) are available for pdf download at the following link.िवदेह ई-पिकाक सभटा पुरान अंक ेल, ितरहुता आ देवनागरी पमे Videha e journal's all oldissues in Braille Tirhuta and Devanagari versionsिवदेह ई-पिकाक पिहल ५० अंकिवदेह ई-पिकाक ५०म सँ आगक अंक↑ िवदेह आर.एस.एस.फीड एनीमेटरक अपन साइट/ लॉगपर लगाऊ।3


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>लॉग "लेआउट" पर "एड गाडजेट" मे "फीड" सेलेट कए "फीड यू.आर.एल." मेhttp://www.videha.co.in/index.xml टाइप केलासँ सेहो िवदेह फीड ात कए सकैत छी। गूगलरीडरमे पढबा लेल http://reader.google.<strong>com</strong>/ पर जा कऽ Add a Subscription बटन िलकक आ खाली थानमे http://www.videha.co.in/index.xml पेट क आ Add बटन दबाउ।Join official Videha facebook group.Join Videha googlegroupsिवदेह रेिडयो:मैिथली कथा-किवता आिदक पिहल पोडकाट साइटhttp://videha123radio.wordpress.<strong>com</strong>/मैिथली देवनागरी वा िमिथलारमे निह देिख/ िलिख पािब रहल छी, (cannot see/write Maithili inDevanagari/ Mithilakshara follow links below or contact atggajendra@videha.<strong>com</strong>) तँ एिह हेतु नीचक िलंक सभ पर जाउ। संगिह िवदेहक तंभ मैिथलीभाषापाक/ रचना लेखनक नव-पुरान अंक पढ़ू।http://devanaagarii.net/http://kaulonline.<strong>com</strong>/uninagari/ (एतए बॉसमे ऑनलाइन देवनागरी टाइप क, बॉससँ कापी कआ वड डायुमेटमे पेट कए वड फाइलक सेव क। िवशेष जानकारीक लेलggajendra@videha.<strong>com</strong> पर सपक क।)(Use Firefox 4.0 (fromWWW.MOZILLA.COM )/ Opera/ Safari/ Internet Explorer 8.0/ Flock 2.0/ GoogleChrome for best view of 'Videha' Maithili e-journal at http://www.videha.co.in/ .)4


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>Go to the link below for download of old issues of <strong>VIDEHA</strong> Maithili e magazinein .pdf format and Maithili Audio/ Video/ Book/ paintings/ photo files. िवदेहक पुरानअंक आ ऑिडयो/ वीिडयो/ पोथी/ िचकला/ फोटो सभक फाइल सभ (उचारण, बड सुख सार आ दूवतमं सिहत) डाउनलोड करबाक हेतु नीचक िलंक पर जाउ।<strong>VIDEHA</strong> ARCHIVE िवदेह आकइवयोितरीर पूव महाकिव िवापित। भारत आ नेपालक मािटमे पसरल िमिथलाक धरती ाचीन कालिहसँमहान पुष ओ मिहला लोकिनक कमभिम रहल अिछ। िमिथलाक महान पुष ओ मिहला लोकिनक िच'िमिथला र' मे देखू।गौरी-शंकरक पालवंश कालक मूि, एिहमे िमिथलारमे (१२०० वष पूवक) अिभलेख अंिकत अिछ।िमिथलाक भारत आ नेपालक मािटमे पसरल एिह तरहक अयाय ाचीन आ नव थापय, िच, अिभलेखआ मूिकलाक़ हेतु देखू 'िमिथलाक खोज'िमिथला, मैिथल आ मैिथलीसँ सबिधत सूचना, सपक, अवेषण संगिह िवदेहक सच-इंजन आ यूज सिवसआ िमिथला, मैिथल आ मैिथलीसँ सबिधत वेबसाइट सभक सम संकलनक लेल देखू "िवदेह सूचना संपकअवेषण"िवदेह जालवृक िडसकसन फोरमपर जाउ।"मैिथल आर िमिथला" (मैिथलीक सभसँ लोकिय जालवृ) पर जाउ।5


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>संपादकीय१गजे ठाकुरggajendra@videha.<strong>com</strong>अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।२. ग२.१. कािमनी कामायनी- लघुकथा- माटीक मुत२.२. कैलास दास- लघुकथा- ममता२.३. जगदीश साद म डल-लघुकथा-बगवािड़6


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>२.४. जगदीश साद म डल- लघुकथा-बेटी, हम अपराधी छीकािमनी कामायनीलघुकथा- माटीक मुतचारहु कात कुहेस् क सााय ,मोटका ,मोटका ,उजर ,धप धप, धूस ओढने गाछ िबिरछ ,सोझा के लतामकगाछ जे घर स दस डेग पर िठठुरित ठाढ छल ,आंिखक दशन शित स, बाहिर , , िहमालय के तराई मेबसल अिह छोट सन शहर प,अिहना पिहनहु स ,शरद रानी िबशेख वासय ेम स आिवभूत रहैत रहलछली,आ एखन त, सः हुनके िय समय आ, सााय । ओिह लयंकारी शीतलहरी मे घरक भीतर लोकवेदक हाथ पैर सु भेनाय वाभािवक छल ,मुदा कोढ फाडैत कन िचकार ‘ ‘गै या, गै या” सुिन िकयोनिहं िसरक क’ तर नुकायल रिह सकल छल,धड़ाधिड अड़ोसीया पड़ोिसया के दरवजा खुिल गेल छले।ओढना ,कंबल ,मोफलर ,सौल मे बहल ,छेकल लोग िहम मानव बनल टौवाइत टौवाइत एक दोसर स, ओिहअनुिरत क समाधान पाबए लेल बेकल ,मुदा केकरो िकछू निह बुझल जे िमसेज ठाकुर के िकएक गाडीप, उठा पुठा क, अपताल ल जायल गेल ,वा के एना हाोश किर रहल छल । गप खुजबा मे किन कालत, अवस लागले ,मुदा तखन ककरो िबवास ने भ रहल छल िमसेज ठाकुर त, एना सपनॲ मे निह किरसकैत छली ,तहन केकरो पेट मे पईस क त’ लोग नहॴ देख सकैत अिछ ।असंय सबोधन स संबोिधत मनुख सन हुनको संग समय भेष बदिल क; डेगा डेगी आगा आगाचलैत ,लुका िछपी खेलाइत पाया कातक ओिह राय मे जा क’ नूका रहल छल ।एक बी के घोघ तानने, ओ दस बरखक बहुिरया पच हाथ क ललका नुआ मे लेपटायल भट भटखसैथ, त बेस लाम चाकर सौसक ब बोलक लगाम तुरत हुनक कान मे पड़ह “की खुआ क माए बापपोसलक ,जे दु डेग चललॲ ने होएयै” ।7


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>सासुर मे त जेकर जे िरता नाता होए ,तही स,संबोिधत करेह,मुदा परोछ मे सबहक लेल भानपुर बालीरहैथ,। अपन जम थानक नाम जेना अपन पीठ प’खोदबा क, ीगन सासुर जैत अिछ ,आ,जीवनपयंतओकर वएह नेसान बिन जैत छैक । आब नीक सुभाव रहल ,ठोर मुंह नीक रहल,पीम रहल त’ ओिहगमक मान मरजाद बढल,बिदयल ,मरखाह ,गुमान वाली भेली त, परात उिठ क, िकओ ओिह गामक नाम लेबाके सोिचओ निह सकैत छल ।भानपुर बाली के गोितयो सब हुनक अदय जीवट आ, संघषशील जीवनक चच परोछ म करईत कखनॲने कखनॲ नतमक त’ भ’ जाएत हेताह ,मुदा य मे लोक ओिह लोक क शंसा केनाय उिचत नहॴ बुझेछै ,जेकरा स कोनो कारक लाभ नै होय ।एक सधल नटी सन दु टा खुा पर बहल ज़ोर प पएर ,आंिख एकदम ,सीध मे ,माथ पर चारी पच टाघैल ,,ह , भानपुर बाली एहीना पएर संभािर क, कतेको बेर अिह खूँट स’ ओिह खूँट आ, ओिह खूँट स, अिहखूँट आबैत जैत रहली ,मुदा तखन त’ हुनक धुआ देिख क िदयाद सभक िहय झरिक जाए । पेलवार कनजिर मे ओ अबला कतछिलह ,भिर मुह दत भ’ गेल छलिह,पी देखाय पड ‘लागल छल,आ, माथ प, कनी टाटा सॴघ सेहो देखाय पडय लागल छल । मुदा ओ त बाद मे । ,क’ ट’ किर क’ जोिड जािड क’ चीठी पटरी िलखबा योय सारता ,बेटी के पढ़ािलखा क जज बनेबाके छै की ?फुकते त’ चूिए, बाला जमाना मे ,अतीतक योिढ जे आब नब जमाए लेल पायस बनेबाक सेहोसामथ निह रखैत छल,नवम दसम होइत ,सुखी सप घर देिख अपन माथ क’ बोझ उतािर देल ,आब सासुरमे जे जेकर भाय ,भोगतै िजनगी ओिह भित ।तखन अपन छोट छोट हाथ स ओसारा प’ राखल बडका िसलौट प’ मोटका लोढी स’ मसला िपसइत ,बडकीिदयािदनी स’ नहु नहुं बजैथ “हम सबटा काज किर दैत िछएइह,ई भानस किर लौथ हमारा रानहयनिह आबैत अिछ,बाबू बड िखिसयाय लागैत छिथंह,’ । िदयािदनी मुसुिक क’ रही जायिथ ,ससुर के गािर बातआंिख क’ सोझा नािच उठेक “ई भानस मनुख खेबा जोगर छै ,दािल अनोन ,तरकारी मे एक ढ़ाकी नून ,’।सौस आिग प’ओिडका ल क घी ढ़ारैथ “सोइक बेटी छिथ,सुकुमािर’ ।गोर नािर ,पातर िछतर ,कलसगर ,नीक आंिख नाक ,भानपुर बाली ,पीअर ,हिरयर नुआ के देह मे ऊपरस’नीचा लपेटने िनहुिर िनहुिर क’ ओते बडका टा आंगन मे दुनु सझ झाड़ू बहाड़ू करैत हाफ़य लागैतत’ पनभरनी िबजूरी ल’ग आिब क’ छीन लेह बािन ‘है लभकी किनया ,आह िकए छूबे हीए बािन,हमकिथ ले िहये’। त’ घोघ क, नीचा स’ हुनक दािडमक बीज सन दत चमिक जायह।“िसखबाक चािहनै,तखन नै बुझबे काज कोना होइत छै’।पाबिन ितहार मे जे नब नूआ आबै त पिहने घरक सब ीगन अपन अपन पसी के चुिन लइथ,आबहुनका हिरयर नै नीक लगे ,मुदा उपाय की ,दू नॉर कािन लइथ ,कतेक िदन धिर ओ नूआ ओिहना सदुक8


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>प’ राखल रिह जाए ,सब हुनक अईठी प’ हसैत रहे कोन कोन नै फकड़ा पढल जाए ,हािर क’ हुनका ओ नूआपिहरैए पडैक ।नहु नहु आब हुनको सौख मौज जागय लागल रहह । अपन बडका बडका आंिख मे काजिर लगा क’ नीकजका नूआ पिहरै लागल छिलह । भरल दुपहिरया मे ,अपन कोठिरक दरबजा सटा , नीचा पिटया ओछाक’ सीकी के बडका पौती स’ कजरौटी,पोडर अफगान नो ,अलता ,िटकुली ,िसंदूरक कीया, िकिलपकपा ,ककबा संग बी भिर के एना िनकािल क’ पौती के सोझा ठाढ करैत । अपन बडका बडका केस केजुी स’ िनकािल क नािरकेर् क तेल स बडी बडी काल धिर माथ् क मािलस करैत रहेथ 'फेर ककबास' थकडईत थकडइत पिहने बाम कात के जुी गुथेथ,ओकर नीचा मे ललका फीता के खूब पैघ बडका फूलबनाक ,ज़ोर स पीठ प फेक ,दोसर िदस क जुीगुथेथ, फूल बनाबैथ ,फेर दुनु के एक दोसर मे फसा क बीचमाथ स कनी नीच िलप लगा क खॲपा बनाबिथ। गमछा के एक कोन के लोटा के पािन मे िभजाक' सबुंदानी मे राखल साबुन प रगिड मुह पोिछ आंगुर स नो दुनु गाल प लगा बिढया स पचा क पोडरलगेला के बाद , टीकुली कपार प साटैथ,आिख मे काजर लगाक ,एना के हाथ मे उठा कनी काल धिरअपना के िनहारैथ ,फेर नहॴ जािन की सोची क' मुसुिक क ,सब चीज बोत ओिरया क मौनी मे ध ,कोठी केऊपर रािख अपन पलंग प कनी काल पडल पडल घरक़ धरिन तकेत आंिख मुिन लइत छिलह ,की बेरहटलेल आंगन मे िधया पुता के आवाजाही सु भ’ जाय छल,फेर रतुका भोजनक यॲत ।किहओ जखन अिहटोल,ओिह टोलक ससुर् बािस बेटी सब नैहर आबैथ त’ बडका बाबा के हवेली के नब किनया के देखय एबेकरे जायथ,बडकी दादी हुलिस क’ हुनका सभके अपन ओसारा प’ राखल चौकी प,बैसबा स’ पिहने चरीिबछेनाय निहं िबसरिथ । आ’ किन काल् क गप सप के बाद पछबिरया घरक केबाड लग जाक’ बाजिथ ‘दाय सब एलखीन ह कनी बहरैयॲ घर स’ मुंह देखा िदओ”। छोटकी किनया केबाड लग आबीक; बडका टा घोघ िनकािल ,मुडी गोतने अपन दुनू पएर प बैस रहैथदादी किन झकी क’ देख लैथ फेर ,संतु भाव स ,केबाड खोिल आग बिढ कहिथ “गे फूलो ,तुही देखा दिहनबकी भौजी के मुंह”। अपन िववाहक बाट जोहैत िपितयौत ननिद फूलो चट स घोघ उठा क, मुडी पकिडतीनॲ िदस घुमा दैक । “किनया बड सुिर , केहेन परोडक फक सन उछलल उछलल आंिख, ठाढनाक ,पनमा ठोर ” । किनया के सुदरताई प अपन िवचार परगट किर क जायत काल हुनका सबके दादीआने की भानपुर बाली के सौस् क िवलाप करेज मे छूरा सन गडय लागे “माटी के मुत एक टा गिढ क धदेलक,’ आ’ तेकरा बाद हुनक िवप नैहरक खोईचा छोड़ा क बखानय लगेथ त’ सुननहारॲ के अनसोहातलगे “जाए िदओ,बाप क धन स की होई छै, नीक लोक त भेट गेल” िकओ ने िकयो बिजए उठेक ।गरमी मे सकाले भानस भात भ’ जाए आ’ घरक ीगण सब सेहो नीिफिकर भ; कखनॲ पछबिरया ओसाराप;कखनॲ पुबिरया बाडी बाला दुमुहा हवादार घर मे अपन िकिसम िकिसमक गप क पेटार खोलिथ। टोलभिरक बेटी पुतहु सबहक बाजब, भूकब ,यवहार ,परंग के अपन अपन तराजू प जोखैत ,कखनॲ ओिकलत, कखनॲ जज के मुा मे आिब जायथ। ओिह बइसारी म बुढ पुरिनया सौस लेल जगह नै रहे ,एछहेजुबती सब ;,िबयाहल ,कुमािर, । ओ पािनभरनी, कुिटया िपिसया करिनहािर ,मािलन ,धोिबन ,खबािसन तेकरो9


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>आ , दोसर ठामक बैसारी मे,जतए ,थकुचल ,झुरकुट ,खुरट सौस सबहक गप चले ,टुनटुन बाबुके सुधपिनके;हरेराम कका के माए अपन गरदिन के मोटका हसूली छूबेत ,िमिचया िमिचया क बाजेथ ‘किहओ हमरासब िदस नजिर उठा क, निहं देखलही, तेहेन लजकोटर ओ ,सिदखन माठ झुका क छलेथ’। ‘यै गिरब् कबेटी आनलहु बीयािह क तखन त एहने सन िदन नै देखौता िबधाता।‘ कानक माकडी झूलबईत अनारस बालीबाबी बाजैथ । आ ओिह बइसारी मे जनादनक माय सेहो रहेत “हम सब मुख छल पंच की बुझबई ,कहबीछै जे घोर किलजुग आिब गेले,’।टुनटुन बाबू के जननी नॉर पोिछ बाजेथ “ओ बतहा के की पता छले जेओसारा प राखल लोटा उठा क क’ल स पीबा लेल पािन भरनाय ओकरा एतेक महग पडते ,देह मे त अिहकुलछनी के आिग नेसने रहे छै’।छले त टूटल जमॴदारी ,मुदा एखनॲ बडका िगरहथ ,,जमीन जायदाद गाछी ,माल जाल संगे दस टा िधयापुा बाला नामी घर ,दू तीन टा पूत त’ ऊच िशा ात किर बिढया नौकरी सेहो करय लागल छलिथ।अिह संगक बाद भानपुर बाली के घरबला कोलेजक एक टा छुी मे जखन गाम एलथी ,त’ फेर ओ आपसअपन कोलेजक मुंह देखे नहॴ गेला ,किनया लग जे दु चािर पाय जोडल छल , पेटी मे आ’ देह पर जे सबआभूषण छल संग ध ,दुनु बेती ओिह घर क मधुर छाहिर स िनकिल दुिनया के अथाह महासमुंदर मेदिहया भसीया क अपन बाट ताकय लेल जायत रहल छला ।कतेको बेर एहेन देखल गेले जे साधारण सन बाट ,कखनॲ क तेहन भयौन मोड ल लेत छै ,जे एक िदस उंचपहाड आ’दोसर िदस लॲमहषक खािध। लोकबेद के कहब छै जे अपन बाट मनुख अपने कह बनबेछै ,ओकर बस चिलते त’ ओ िचन चुनमुन गंगाजल स’ धोल रता प,पएर रिखते,मुदा जीबनक रता त’ वैहबनबैत अिछ ,जे जीबन बनेबक ,ओकर संचार करबाक ,आ’ ओकर संहार करबाक भार उठौने अिछ । तखनसुंदर ,सूिचन बाट सेहो कट कूस ,पाथर ,पािन स’ भिर दुसाय भ’ गेले कोना ,से अदृ जानेथ।भानपुरबाली संग िकछू एहेने भेल छले।ओिह जमाना के इंजीिनयरीक पढ़ाई डेढ बरख पिहनिह छोिड घर बालासडक प’ बौआ रहल छलथी। किनया के मोिसयौत बिहनक घरबला अिह मुसीबतक घडी मे सुीव जकाहुनक संग धेने रहल।मास िदन धिरअपन घर क छत हुनको माथ प’ रािख िडिटड वाटर के फैी म नौकरीके सेहो बेबथा करा देलकिह।भानपुर बाली के की नाम छल हेतैह की पता ,मुदा तकालीन िरवाज् क मोतािबक ,पिहलोठ संतान के नामस या के नाम पडी जाए ,असेसरक माय ,बीी के माय । िधया पुा के बेर मे सेहो िबधाता जेना बामबैिस रहल छलथी। मुदा कतेक बरखक बाद एक पर एक तराउपिर चािर टा िधया पुता स भगमान आचिरआ’ घर भिरदेलिखह।आ ओतुा लोग हुनका सोना के म के नाम स िचह लागल छल। घरबला केत’ बुिधए बाम भ गेल रहह । अपन कुल खानदान क’ घमडक संग ओिह अधिखजु िडी के दंश हुनकासनकी सन बना देने छलिह। अपना ऊपर केकरो रोब जतेनाय हुनक पी के तुरते एडी स’ मगजधिर पहुंचा दैक। काय थल प’ िन िदन झंझट होमए लागल । घर आिब क’ भानपुर बाली प’ तामसझाडईथ ‘अहीके चलते हमरा आय ई िदन देखय पिड रहल अिछ ,बड क छल त’ नदी पोखिर मे भिसयाजयतॲ ,जहर माहुर खा सूती रिहतॲ : ितिरया चिर मे फिस क, हम बबद भ गेलॲ”। की किरतिथ भानपुर11


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>बाली ,ब सन बोल सुनैत सुनैत पाथर भ’ गेल छलथी पिहनिह स । बचा चा इसकुल मे पढैत छलेय ।तनखा त’ कोनो खरापो निहं छल ।ितिदन भोर मे काज प’ ज़ेबा काल पित कलह मचबैत ‘अह की बुझबै ,अपने त दिरक बेटीछी, वािभमान की होय छैक। आय हम अपन िहसाब करबा क रहबे ,ने बरदास होइत अिछ कनहा केबोल”। भानपुर बाली आगा बढी क हुनक माय बनी जायथ ‘हमर गप छोड़ू ने ,मुदा अहा केकरो स याचनाकरय थोड़े जाय छी ,मेहनत करे छी,दुिनया करे छै, आब ई कोनो िनिष चाकरी बाला जमाना त रहलेनिहं ,देिखयो बचा सब के िनक इसकुल भेट गेले,सब त अिहं प, आित अिछ ने”।एक बेर केकरो मुंह स कॲ सुनली ,जे सेना मे नीक नौकरी भेटेय छै । एक िदन घरबला के नीक मूडदेिख क बजली त हुनक रौ प आ िचकरनाय सुिन क सब िधया पुा कोठरी के मुंह लग आिब क’ ठाढभ गेले “ हे देखैजाही एकर बुि , तोहिर बाप रहतौ घर मे आ हम जाऊ सेना मे मरय”।मुदा कतेक िदन ,आिखर मे ओ नौकरी स इतीफा द देलिथ। तखन एहने सन िकछू भिवतय के सोिचिवचािर होिसयािर भानपुर बाली पच कोठरी के अपन मकान पिहनिह बनवा नेने छलथी ,एक टा बाईस का केजमीन सेहो कीन लेने छिलह। आब घरबला जखन यागप द देलखीन त जे बकाया पैया भेटलनही,ओिहस खाली जमीन प, दू टा कोठरी िगलेबा प, ठाढ किर क’ जुा के फैी खोललिह। तीन टा कारीगररखली । घरक सबटा काज सप किर सीधे फैी पहुंचिथ । कखनॲ पितदेव के अनेरे ोधदेिख ,कारीगर सब के पोा क चाह पािन िपया क’ बुि स’ काज लईथ। िकछुए काल मे िबजनेस गितपकिड नेने रहेक । दुनु बेटी के कयादान किर गंगा नहा नेने छलैथ । मुदा िबपदा के ई कोना सोहेतह।ओ अपन च चािल फेर स’ तेज किर देली । िकओ कहलकैन सौस बड बीमार,िकओ नै सेबा करे छन ।जे पुतौह सब बड नाम गाम बाली छिलह ,िधया पुा के पढ़ाबए के लाथे अपन अपन घरबला संगे बाहिरजायत रहली । एक टा बेटा त भािगए गेल छलह,मुदा तइयो पच टा पुतौह त बिसते छल ,आय बुढ़ारीमे ,बीमारी मे िकयो काज क नै ।ई सुिन हुनक मॲन कचोट स भरी गेलही,आिखर ओ हमर वामी के म बाबूछिथ,आ शा क िबधान अनुसारे हुनको धमक म िपता , हुनक करतय बोध िहय मे उपात मचबए लागल। सबटा काज छौिड सौस लग आिब गेल रहैथ।ओ रोबदाब बाला धूवा ,मुी भिर के ठठरी बनल िबछौन ससटल,ससुर सेहो दलान प पडल। मास िदन रिह क सब यवथा दुत केली । जखन हुनक मुंह मे ओकौर खुवाबिथ सौस के आंिख स हर हर नॉर बहे लगै ,अपन दुनु हाथ जोिड ओ जेना हुनका स मा मगेथ। भानपुर बाली हाथ पकैड अपन माथ प रािख लइथ। ओछौने प नदी ,लघी होयह , अपने स िबन िघनेनेसाफ करैथ ,दू टा मटकूिड राखीदेलथी,महेशक बेटी के हुनका कोठरी मे सूते के ,आ हुनक सब तरहक िधयानराखय लेल गछबा क ओकर िबयाह दानक सब टा भार गिछ लेलिथ। भनसीया सेहो रािख देलथी ‘हम पायदेब आह दुनू ाणी के सेवा करबै खेबा पीबा मे ,पथ परहेज मे कोनो कोतािह निहं हेबाक चािह । कनी डेरोप हमरा देखनाय जरी अिछ”। आ एक पएरसासुर आ दोसर डेरा प, रखने बरख धिर कािट देने छिलह ।माय बाप संग ,गमक लोग के आमा जुड़ा गेलय,आब हुनक कुल सील क डंका िपटाय लागल ।12


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>िकछू बरखक बाद जुा फैी बंद भ गेले ,घरबला के िचिनया बीमारी आ, लड ेशर दबोिच लेलकही।बेरा बेरी ससुर आ, सौस अपन अपन ठाम जायत रहला । इहॲ सबहक संग ससुरक संपि मे अपन िहसाबटबा लेलथी । मुदा बटाई प, ने लगा क, अपने स’ जन मजूर रािख खेती करबाबए के ठनली। परदेशकजमीन आ मकान बेिच क’गाम स सल शहिर मे जमीन खरीद क’ मकान बना लेलथी जतय िदयाद सबहकसेहो चास बास छलेह। मकान क चा कट छहिर द क सोझा बदक फाटक सेहो गबा लेलथी ,आंच काके ओिह चास बास मे आगा पाछा फल फूल के िकिसम िकिसम क गाछ िबरीछ लगाबा लेलिथ ।गामप बटला के बाद चालीस बीघा जमीन त’ िहसा मे पडबे केलिह,आ ओ पोखरा पाटन बडका हबेली मे छटा कोठरी सेहो िहसा मे भेटलिह। अ पािन, उपजा बाडी बड नीक, गाय भइस पोिसया लगा देने छलथी।साल भिर केअ ओिह ठाम रािख क बाकी खेते स बेच दैथ। बडका लगा बाला उपजाऊ जमीन ,िजनगी नीकजका कटय लागल । आ ई सबटा काज भानपुर बाली जनानी भईयो क’ अपने करैथ ।आब उमिर सेहोभेलिह, आ’बेतहासा रौद बसात सहैत सहैत हुनको देह मे बीमारी पइस गेलही।छोटका बेटा के डाटरी मे नामिलखा गेल छल, माय के सदी खन कहे , “बस कनी िदन िक जाऊ ,चािर बरख आउर ,हम नौकरी धेलउ कीआहा के रानी जका बैसा क’ राखब ,ई बातरस ,ई दम फुली सबटा दूर किर देब । बडकी पुतौह अपने सनकुलसील बाली आनली।बी एड किर रहल छल । पगाई के संगे गृहकाय मे सेहो द ,अपन पिरिथित के बुझएबाली ,पूजा पाठ करय बाली,सौस ससुर् क मान समान देबए बाली ।मुदा पिहने कहल जे िबपदा के ने सोहेले िबन हड हड खट खट के िजनगी ।ओ कोना चािहतेिथ जे आस किकरण कोनो ने कोनो दोग स हुनक िजनगी के इजोत स भिर दैक ।दुिनया भिर के वत । ओिह नरक िनवारण चतुरदसी के परात उठली त घरबला के पलंगक नीचा खसलदेिख स रिह गेिलह ।बेटा पुतौह के मदिद स कहुना किर ओछौन प’ सुथौलथी वास चलइ छल। अपने दौडगेली पड़ोिसया डाटर लग ,ओहो ओिहना भोरका चाहक कप सोझा क टेबुल प रािख झटकारैत संगे चिलअयलैह। नॉरखसेबक काल नहॴ छल ,तुरत एंबुलस मे लािद हुनका निसंग होम मे भरतीकराओल गेल। पाघात क अटैक छल। शरीरक बाम अलंग सून।अिह िबपि मे दुनु हाथ क मोटका सोनक बाला आ’ कगुिरया आंगुरक बराबिर मोट गरा के चेन िबकागेलही। मुदा संतोष छल सी माय हुनक जान त बकिस देलिखन। पिहनहु ओ घरे मे रहैत छला,आबओछौन प ,मुदा आंिखक सोझा त छलेथ ,आस त मन मे रहबे करेह जे आए नै काि,सखरा भगवि केिकरपा स उिठ क अपन पएर प ठाढ त अवस हेता।आब जे साधू ,संत ,बैद,डाटरक अजगुतचमकारक िखसा लोग सुनबे ओ आस् क डोरी पकडने दूर दूर धिर दौगित रहली ।कोन जडी ,कोन बूटी ,कोन तेल मािलस ,जादू टोना ,की सब निह अजमबेत रहली ,मुदा हार निहमानली ,िबसबास जीिवत छलेनह।13


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>अिह मय खबिर भेटलनही जे छोटका बेटा जे अखन पिहले बरख मेिडकल मे छल ,कोनो पहािडन सिववाह किर लेलके । दुख की आ कतेक होयतिह,िकछू िदन भगवती के सोझा िरिरयाती रहली ,मुदा मॲन नैमानलकैह त’ बस पकिड ओतेक दूर बेटा पुतौहक मुंह देखय औ बरखा बूिन के परबाह निहं किर क चिलपडल छिलह। फोन प गप भेल रहह ,सपूत बन बस टड प आिब दुिनया के सोझा माय के िनहुिर कगोड लगलक । होटल मे ल जाक खुआदेलकईह,आ फेर ओिह घूरती बस मे, ओहने मौसम मे रतुका िटकसकटा क चढ़ा देलकह । सोचने रहैथ ,केकरो स िववाह किर लेलके त की ,आब त ओ हमर पुतौहभेली न ,त अपन कणफूल छोटका िडबी मे रािख पस मे ओिरया क ध नेने छलथी,किनया के खाली हाथ कोनादेखब । िकछू टाका सेहो रािख लेलथी ,नब नब िगरहथी छै,ककरा स मगते ।अनहिरया रा ित ,कडकैत िबजुरी ,बरसैत मेघ मे िततित भीजित ,जखन ओ दरबजा खटखटौली,पुतौह के डरेहदास पईसी गेले ,अंदेसा भेलिह,िखडकी स झकिल ,म के देिख िकछू पूछताथ किरतिथ तेइ स पिहनिह घरमे पएर रखैत बडकी पुतौह के भिर पज धिर मोन भिर कनली “केहन भ गेल बन ,अपन डेरो नै लगेल ,आन लोक सन होटल मे खुआ क अिह लय काल मे ,िबन िकछू सोचने रातराती िबदा किर देल।कतबॲ कहिलए कनी किनया के मुंह देखा दे ,कहलक कोन सुरी छै जे देखबै’।कनी िदनक बाद बनक फोन आबए लागले ,जायदाद मे हमर बख़रा द दीय । हम अिह ठाम घर कीनब’।घर मे भूकंप आबी गेले ,चाकात क धरितए टा निह,ऊपर अकास धिर डोलए लगलै। भानपुर बाली केसोझा परसल थारी िनरैठे रहए लगलै ,हाथ पएर मे बघा लागए लगले,माथ टनके ,अनेरे बड बड़ाए लागलछिलह। “कोन कोन िदन देखेता िबधाता ,जायदाद मे िहसा के मतलब जे ई घर बेचू ,गामक जमीन आधाक ,गामक मकान आधा क । तखन कोना किर क जीबनक भवसागर पार करब । तखन लोकबेदसलाह देलकह , बाटल जेते दादा के संपि,बापक अरजल प हुनका अछैतिकओ ने अपन जुईत चला सकैत अिछ आ येह गप बडका बाबू के सरबेटा जे नामी ओिकल छलिथ सेहोकहलिखन ।“अशत बीमार बाप के सेवा करबा के फुरसित नहॴ छन आ, संपित मे बख़रा तुरतचािह, पढ़ाई लेल जे पाय पठा रहल छी ,सेहो बंद क एहेन कपूत के’।मौसम अिह बेर केहेन तडव केने छल। भयंकर ठंड । कमल ,सीरक मे भिर िदन लपेट क त ओबैसयबाली ाणी निहं छली , हाथक बुनल मौज़ा पएर मे ,साया के नीच गरम पैजामा ,कािडगन, ऊपर समोटका पशमीना शौल मे अपना के नीक जका बानिह छेक क हबेला के नान ,पूजा के बाद स इमहारउमहर लुड़ूखुड़ू मे लाइग जायथ । पुतहुक परीा चलैत छलै। सबके चाह द क ,बाहर आँगन मे बोरसी मेआिग सुनगा क रािख देली,कनी काल मे िनधु भ जेतैक त’ घरबला के कोठरी मे रािख,हुनकर मािलसकिरतिथ। ताबैत चाह ल’क बेसकी मे आिब गेिलह ,थर थरी लागए लगलैह त, पद लग रखल हीटर जे14


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>कनी खराप छलै ,कतेक िदन स सोचने रहेथ ठीक करबाबक ,मुदा आय कपकपी बरदास नै भेलिह तजरा लेलखॴह ।किनए काल मे गॲ गॲ के आबाज सुिन पुतौह पढ़ाई छोिड दौडलनिह,ओकरा भेले बाबूजी के कोठरी सवर आिब रहल अिछ। मुदा ओ त बैसकी स आबेत लै, िखडकी के परदा पकडने ओ त नीक जकाझरिक चुकल छिलह सबटा कपड़ा सुडाह ,बाक बंद ,तुरत हुनक उठा क ,सूती चादिर आ,कमल मेलपेिट बडका अपताल ल जायल गेल डाटर नीचा मुंह किर नीरास भ मुडी िहला देलके, नबे ितशतझरकल । तीन िदनक भनक क क उपरत आिखरी मे मािट के मुत मािट जका भखिर गेल छिलह।इहर,मनुखक जाित, िकयो िकयो िबररो उड़ा देलके ,आमया किर लेलिथ,बेटा स परेसानछलिखन ,मुदा ओ उपिथत सपूण समाज िकओ ने पितएलके ,एहेन जीबट ी त बड कम गढैत छिथंहभगबती ।कानेत कानेत पुतौह बजली “हीटर खराप छल ,ओिह मे करट आबैत छलै”।ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।कैलास दासलघुकथा- ममतायुग बदलतै समय निह लगैत अिछ । युग सँगिह मनुय निह बदिल सकल तऽ ओकर बीच मजधार मेछोिडकऽ समय आगा िनकिल जाइत अिछ । एहने भेलिह ममता आ ओकर माय बाबु के । समय अनुसारममताके माय बाबु निह बदलल आ ममता के समय साथ निह देलक ।कहैत अिछ, ‘अभावे झगडाके जिड होइत अिछ ।’ जतए अभाव निह छैक ओतह द निह होइत अिछ ।फेर तऽ बेटी होए वा बेटा सभ एक समान ।२५ वष पिहने जिहया ममता के जनम भेलिह चागाम सोर भऽ गेल रहैक, ‘गुमता बाबा के पोती भेलिह।’ दू पुतासँ ओिह खनदानमे एको गो बेटी निह भेल रहिथ । ओना गुमता बाबा चाउरगामक जिमनदार15


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>सेहो छिथ । बड धुमधामसँ खुशीयाली मनाओल गेल । ममताक छिठहारक िदन चागामा नौतल गेल रहैक। िडिवया दशपैसीक नाच सेहो आएल छल । छिठहारक िदन गुमता बाबा नाचएवालाके सोनाके िसकरी दऽदेने रहिथ ।ममताके बड लार यार आ दुलार सँ लालन पालन भेल रहैक । मुदा भिवय मे की हएतै कोई निह जनैतअिछ । गाममे बेटी बढत िलखत तऽ िबगिड जाएत रहल मनसाय के गुमता बाबा तोडलक । ओ अपनपौती ममता के पढा िलखा कऽ िनक डाटर बनाबए चाहैत छल । मुदा भेल ओकर उटा ?ममता वयं निह बुिझ पािब रहल छल जे एिहमे गती कतए भऽ गेल । ओ अपन िखडकीबाटे लोककेअबैत जाइत देिख रहल छल । एिहसँगिह अपन वतमान आ भिवयक सेहो तौल रहल छल ।जिहया ओ िवालयमे पढैत छलिथ तऽ सभ िवाथ ममतेसँ ितपध करैत छल । चंचल तऽ ओ छलैए,पढएमे सेहो बड तेज रहैक । पच का धिर ओकरा कोई निह थम भेला सँ रोकने छल । मुदा जखनओ छ का मे गेल तऽ दोसर िवालयसँ आएल राजेश सँ ितपध होबए लागल । ितपधक ममेकिहयो काल दुनू गोटे बीच झगडा सेहो भऽ जाइत छल । सात का धिर जाइत—जाइत राजेश थमथान ललौक आ ममता दोसर ।राजेश मिनपुरसँ ममताक गाम घारोपुर मे रहल िवालयमे पढए अबैत छल । देखएमे राजेश तऽ ओतेकसुदर निह रहिथ मुदा पढएमे ओतबे तेज रहिथ ओ एके वषमे ममताक नवर तऽ तोडबे कएलिथ, सँगिहिवालयक िवाथ आ िशक सभक चहेता सेहो बिन गेल रहिथ ।ममता राजेश के देिख कऽ मनेमन खुब जरैत छल । िकछु िदन धिर तऽ राजेशके टोकबो निह कएिह ।ममताक बाहेक राजेशके िवालय के सभ छाछा बजबैत छल आ राजेशो ओकरा सभके पढाईमे कोनोसमया होइत छल तऽ सलाह दैित छल । एिहसँ ममताके आओर बेसी जलन होबए लागल । मुदा एगोइर रहैक ममताके जे राजेश पिहने बजाओत तऽ बजाएब निह तऽ निह । जतबे ममताके राजेशके बजाबएकेमन करए ततबे िपतो लहरए । जेना जेना समय िवतैत गेल ममता राजेशके बजाबएके यास करए लागलमुदा कोनो बहना निह भेटलाक कारण बात निह बिन पािब रहल छल ।संयोगे कहुँ परीा समात भेलाक बाद िवालयक िपकिनक मनाओल गेल । ओना ई िपकिनक िवालयकछाा सभके मा होईत अिछ । छाासभ खाना बनाकऽ िशक सभके िखएबैत अिछ । मुदा राजेशिवालयके सभसँ तेज आ आाकारी भेलाक कारण ओिह िपकिनकमे ओकरो रिहकऽ सहयोग कऽ देवाक लेलछाा आ िशक सभक कहने रहिथ ।ओही ममे ममता िपयाउज कािट रहल छल आ अपन सहेली सभसँ सेहो बात िचत कऽ रहल छल िक हासुउछैटकऽ लािग गेलिह आ धरधरकऽ खुन बहए लागल । खुन देिखकऽ ममताक सहेली सभ बाजल ‘गे केनाहात किट गेलहुँ, िकछु बानहु ला निह अिछ । िकछु देर पािनमे हात रािख लेबे तऽ खुन बद भऽ जएतो।’ किहते छल िक राजेश अपन जेबसँ माल िनकािलकऽ चट दऽ ओकर हात बािह देलक आ हातकेिकछु खानधिर अपने हातमे दबौने रहल ।राजेश के ई बािन देिखकऽ ममताके आँिखमे नोर आिब गेल मुदा िकछु बािज निह सकल । ओिह िदनसँममताक सहेली सभ ओकरा खौझाबए सेहो लागल । कखनो काल ममताक सहेली सभक कहैतछलिथ,‘ममता घमट सँ भरल अिछ मुदा राजेश सभके भले चाहैत अिछ । पढहुँ मे तेज आ यवहारमे िनक16


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>।’एक िदन ममता िवालयके वक बनाबएके िबसिर गेलिथ । जखन कूल आएल तऽ ओकरा मरण भेलिहहम वक बनाबही के िवसिर गेली । टेबुल के तेसर बेच पर राखल झोलामे सँ ममता कपी िनकािलकऽझट दऽ होम वक बनाबए लागल । िकछुओ देरक बाद माटर लस मे आिब गेल । राजेश होम वक कपीसभ िवाथ सभसँ लेबए लागल । मुदा जखन ओ अपन बग खोलए त ओिह मे होम वगवाला कािपए निहछल । ओ सोचए लागल शायद आई घरिह मे तऽ निह भेल गेलहुँ । िकछु खानधिर ठाढ भऽ सोिच रहलछल िक ममता राजेश के कापी देित बाजल ‘सरी ! हम होम वक बनाकऽ निह आएल छलहुँ तएँ अपनेककापी सँ सहयोग लेलीए ।’‘कोई बात निह, मुदा किह देने रहिथ तऽ...’ राजेश कहलक‘आब किहएके लेल ।’ ममता बाजल ।एिहना बातिबचतक मम एसएलसी अबैत अबैत ओ सभ बहुत घिन िम भऽ गेलिथ आ फेर जेना अयेममे होइत अिछ तिहना ओहो सभ िववाहक लेल तयारी शु कऽ देलिह ।ममताक माए बाबुक कहब छल राजेशके माथ पर घडारी बाहेक िकछु जमीन निह अिछ फेर एिह गामकजिमदारक बेटीसँग कोना िववाह करत ।जाितके बात ओतेक निह छल कारण दुनू वजातीय छली । मुदा बाबुक जिमदार अहमके परवाह निहकरिथ ओ दुनू गोटे भािगकऽ िववाह कऽ लेलिथ ।राजेशके पढाईमे तेज होबएके फाइदा सेहो भेटल । भलिह ओ एसएलसीए पास छलिथ मुदा हुनका एकटाकपनीमे जुिनयर एकाउटेट पदमे नोकरी भेट गेल । अपन घरसँ दूरे िकए निह होइक मुदा नोकरीभेटलाक कारण दुनू गोटेके जीवन बिढया जेक चलए लागल ।दुनू गोटे आइए सेहो कऽ लेलिह । भगवानके इछा िकछु आओर छल । राजेश िबमार भऽ गेलिथ ।ममताके िकछु फुराइए निह रहल छल । आब की कएल जाए ? नैहिर सँ तऽ पुरे सबधे तोिड लेने छलिथ। राजेशके गाम पर माएबाबु िजबैत निह छल । भैया भौजी ककरा के होइत छैक । ओ बिढया जेकबुझैत छली । तैयो ममता सभसँ पिहने भैया भौजीसँ सहयोगक याचना कएलिह । मुदा जेना बहुतोभैयाभौजी सँ होइत छैक तिहना िहनको िनराशे भेटलिह । ममता िदयादनी सलाह देलिह, ‘अह अपनबाबुसँ किहयो सहयोग करबाक लेल, ितलको निह लेने िछएिह । ’ममता बुिझ गेली भैसुर आ िदयादनीसँ सहयोगके बात करब कोनो अथ निह रखलक । ममता माएबाबु लगजाए निह चाहैत छली मुदा कोनो िवकप निह भेटलाक बाद गेली । हुनका लागल छल बहुत िदनक बादबेटीके देखलाक बाद कहुँ माएबापके मोन डोिल जाइक मुदा से निह भेल । ओ घरमे बैसहुँ निह कहलिह ।बाबु मुसीके किहकऽ भगा देलिह । जे मुंसी काकाके एक बेर हला करैत छलिथ तऽ तीन बेर हािजरहािजर करैत छलाह से हुनका घरसँ िनकािल देलिह ।ममता राजेशके कोनो हालतमे गमाबए निह चाहैत छली । ओ अतमे राजेश अिफसमे गेली । राजेशकयानेजर सहयोग तकाल निह कएलक मुदा नोकरी देबएके वचन देलिह । राजेशके कहुनाकऽ दवाई आघरक खच हुनक आगा ठाढ छल । ओ हािरकऽ नोकरी करबाक लेल तैयार भऽ गेलिथ ।राजेशके घरमे छोिड ओ नोकरी करिथ आ फेर घर पहुँचते फेरसँ राजेशके सेवा करए लगिथ । यानेजरक17


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>आँिख हुनके पर घुिर रहल छल । ओ बिढया जेक बुिझ रहल छली । मुदा उपाय िकछु निह छलिह ।एक िदन यानेजर िकछु काजसँ हुनका रोिक लेलक फेर हुनकासँ गलत यवहारक यास करए लागल ।हुनका बुझए मे निह आिब रहल छल आब िक कएल जाए । एकिदस यानेजरके बात निह मानला परराजेशक जीवन आ घर पिरवार आ दोसर िदस एिह जीवनके नाम पर एतेक बडका धोखा । ममतायानेजरके आगूमे बहुत कनलिथ तैयो कोनो भाव निह पडल ।एक िदन राजेश के हालात बहुत िबगिर गेल । एिहसँ पिहने शहरक बिढया बिढया लीिनक सभमे राजेश केउपचार करा चुकल छल । मुदा िकछु िदन सुधार रहल तकरबाद फेरसँ ओकर हालात िबगरैत गेल ।ममताक िकछु निह फुरा रहल छल । ओकर िदमाग मे एकेटा बात रहैक जे शहरक बिढया बिढया डाटरसभसँ राजेशक इलाज निह भऽ सकल तऽ आब कह इलाज कराओल जाए । कतहुँ जाएबाक लेल पैसाचाही मुदा अखन तऽ पैसा निह अिछ ।कोन परीा भगवान लऽ रहल छिथ । अब त एके टा भरोसा भगवाने पर । एक बेर सरकारी अपतालमेलऽ जाएल जाए । मुदा अपताल धिर लऽजा कऽ उपचार कराबी ममतासँग पैसा निह छल । मिहनो पुराहोबएमे पच सात िदन बिकए छल । राजेश के हालत देिखक ममता िवलकुल िवचिलत होबए लागल ।ओकरा िकछु निह फुरा रहल छल की क की निह ।एिहसँ पिहने एक िदन कपनीक मािलक िकछु काजसँ ममताके रोिक लेने छल आ ओकरासँग िकछु गलतयवहारक यास सेहो कएने छल । एिह सँ ममता कपनीसँ पैसा मगए निह चािह रहल छल । मुदा कएलकी जाए । ममता िकछु खान धिर चुपचाप सोचैत रहल । फेरसँ अपन साहस जुटाकऽ कपनीमे गेल आराजेशक िथितके बारेमे कहलक ।कपनीक मािलक मुकुराइत बाजल, ‘ममता एखनो अह के िकछु निह िबगरल अिछ । सुदर मा निहअहक अखड प अिछ । अह एक बेर बािह फैलाकऽ त देखु । राजेश आब बेसी िदनक मेहमान निहअिछ । फेर अहक ई सुदरता कोनो कामके निह रिह जाएत ।’‘तब हम की क मािलक’ ममता बाजल ।‘हमर सलाह मानब तऽ अह छोिड िदए राजेश के, अहक लेल हम एकटा पा घर दऽ देब आ नोकरीमेपद सेहो बढा देब, मुदा हमरा सँग रहए पडत ।’ कपनीक मािलक बाजल ।ममता बहुत बडका असमजसमे पिड गेल की क, निह क सोचैत सोचैत हुनकर माथा मे चर देवएलागल । फेर अपन िबखरल साहसक समेिटकऽ ममता बाजल, ‘मािलक ! राजेश के िजते जी कतबो सपितहमरा लेल िकछु निह अिछ । हम एकटा िवयाह मिहला छी । िवयाहल मिहलाक लेल सभ अिमता अपनपुष के लेल होइत अिछ । हम जहर खा सकैत छी मुदा ई कुकम हमरा सँ निह हएत । हमर तलव दऽिदए ।’ कहैत ममता अपन तलव लऽकऽ आिब गेल आ राजेश के सरकारी अपतालमे भन करा देलक ।राजेश के सात िदन धिर अपतालमे रखलक । ओकर बाद दू सय के दवाई डाटर साहेब िलखकऽिडसचाज कऽ देलक आ कहलक ‘ई कोनो बडा रोग निह अिछ, आतमे मल जिम गेल अिछ । िचताकरबाक कोनो हात निह अिछ । सभ िठक भऽ जाएत । हा.. मुदा िकछु िदन धिर राजेशक सुसम दुध िदएनिह िबसरब । िकछुए िदनमे राजेश िठक भऽ गेल । ममता सोचए लागल दुःखके जीवन कतेक किठनहोइत अिछ । सचेमे मानव जीवन कतेक वाथ अिछ । दोसर मे शहरक बहुत ठाममे राजेशक उपचार18


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>निह भेल मुदा छोटिछन सरकारी अपतालमे राजेशक उपचार भेल । ऐकरा हम की बुझी परीा आ पितपीबीच धम सोचैत कानए लागल ।ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।जगदीश साद म डललघुकथा-बगवािड़बगवािड़अदरा अपन चौदहम िद न िब ता काि चिल जाएत। बहुत िद नक पछाित अदराक एहेन जश भेल। जशोकेना ने होइत, पिह ल िद न अिब ते बिर स गेल जइसँ धू-धू जरैत धरतीक असमानी पािन भेिट ते मन ित रिप तभेलै तँ दोसर िद स पिछ ला सात सालक पछाित एहेन आम-कटहरसँ भट भेलै। तहूमे पिछ ला सालक छगाएलमन आमक अभावमे रहने आरो बेसी िस नेहािस त भऽ गेल। दोसर सझ जारन-काठी चुि लग ओिर याफुिल या पित -हराननक अदरा नक अंित म िद न मन पाड़ैत कहली-“काि ए भिर अदरा अिछ , तँए...?”फुिल याक बात सुिन हरानन ओिह ना मनमे औंटए-पौड़ए लगला जिह ना नेबोरस, चीनी आ पािन क औंट-आँिटशबत बना◌ैल जाइ छै। बातक औंटैत-पौड़ैत हरानन बजला-“काि जाए िक परसू जाए, आिक निह य अिब तए-जाइतए तइसँ अपना की। ने आम-कटहर अिछ आ नेखुापर लगहिर गाए-मिहंस। तखन अदराक एने आ गेने की?”हराननक बात फुिल याक आन घरक जिन जाित जक छुलकिन नै बि क पित क िव चारक गौर केलिन । कहै तँठीके छिथ मुदा साल भिर क पाविन छी, बाल-ब चा घरमे केना छोिड़ यो देब। एकबेर छुटने तँ िज नगीए भिरछूिट जेतै। बजली-19


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>“नै पान तँ पानक डंिट ओसँ पाविन नै करब से केहेन हएत?”फुिल याक आह सुिन हरानन सामंजस करैत बजला-“घरमे रहने सभ िद न पाविन ए-पाविन होइ छै आ नै रहने पाविन य फॲक भऽ ओिह ना चिल जाइ छै जिह नाआन िद न जाइ छै।”फुिल या-“हँ, से तँ जाइ छै मुदा पाविन क अपन ‘पं मधुरम् ित लकं’ मधुरम होइ छै।”फुिल याक बात सुिन मु की दैत हरानन बजला-“हँ से तँ होइ छै। मुदा एहनो तँ होइ छै जे सालक साइस नमे अदरो एकटा छी। जे पनरहो िद नअरबा चाउर, दूध-चीनी, आम-कटहरसँ पूजल जाइए आ दोसर एहनो न तँ होइते अिछ जेकरा एको िद नपूजन-पाविन नै होइ छै। तँए िक ओ सालक न नै भेल?”“भेल िक अए ने, मुदा सभक लौल रहै छै िक ने जे आगत-भागत हुअए।”फुिल याक बात ओराएलो ने छेलिन िक िब चेमे हरानन टपकला-“लौलो-लौलमे भेद होइ छै। िक यो अपन सेवा कएल छागड़ बिल चढ़बैए आ िक यो नगद नारायणसँ कीिनचढ़बैए, चढ़बैत तँ दुनू अिछ । मुदा अहॴ कहू जे दुनू एे मोने चढ़बैए?”“जखन घरमे अरबा चाउर नै अिछ , दूधक जोगार नै अिछ , ओहो जे बगवािड़ मे आम-कटहर होइ छलए सेहोछीना गेल, तखन तँ ठीके...। छुछ मुह शंख बाजत?”“हँ से तँ नै बाजत। मुदा...?”सािठ बखक हरानन अपन अंित म हार पिछ ला साल तखन मािन गेला जखन अपन लगौल-सजौलगाछी-कलमक टुकलोसँ बंि◌ चत भेला।िप ता परोछ भेला पछाित हरानन पच बीघा चास, तीन का बास आ आठ का गाछी-कलमक रकछला। ओना चास-वास अरजैमे हराननक कोनो योगदान नै छेलिन मुदा आठ का गाछी-कमल लगबैमे तँछेलिन ह।20


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>दस-बारह बखक जखन हरानन रहए तखने िप ता-पलाल अपन पुरना गाछी उपटबैक िव चारकेलिन । उपटबैक कारण रहिन जे एक तँ आम सभ नीक नै अिछ दोसर जेहो छलै से पुरान भेने या तँफड़बे नै करैत या तँ फड़ला पछाित रोगाइए जाइ छलै। पलालक मनमे उठलिन जे गाछी-कलम िक लोकअपना नापसँ लगबैए जे हम तीस बख जीब तँए आमो गाछ तीसे बख रहत। तीन-तीन-चिर -चिर पु तकगाछी-कलम, पोथी-कलम सभसँ पिर वार सुख करैए। से नै तँ दस बारहे बखक हरानन अिछ तइसँ िक मुदाअपना संगे ओकरो िक छु भार देबै। दुनू बापूतक सीमानपर एकटा गािछ यो रहत। पुरना गाछीक गाछ हटापलाल पच बख जोत-कोर केलिन । अ उपजौलिन । गाछी लगबैसँ पिह ने हराननक कहलिख न जे बौआनीकहा आमक आँिठ बीिछ एकठाम रोिप हअ आ कलम लगबैले सहरगंजा एकठाम। हाथ-हाथ भिर पर रोिपिद हक जे उखाड़ैमे असान हएत। अपन लगौल गाछी-कलम अिध क िब सवासू होइए। समए तेहेन भऽ गेलअिछ जे िब सवास अपन चेहरे बिद ल लेलक। जे नसरी गाछी-कलम, वाड़ी-फुलवाड़ीक बीआ बेचैए ओहो ओहनभऽ गेल अिछ जे कहत सागवानक गाछ िछ ऐ आ भऽ जाइए वौनैया कट। खैर जे होउ, अपन गाछी अपनेलगाएब।सालभिर पछाित आँठीसँ डेढ़-डेढ़, दू-दू हाथक गाछ भऽ गेलै। सरहीक मुसरा कािट , बड़द जकसुरेब बनैले थला उखाड़ए कहलिख न। अपने आगूमे आिब केना खुरपी उनटा-सुनटा चलत तइ ताकमेबैसला। आठे का कलम-गाछी लागत तइमे गाछे केे रोपल जाएत। तहूमे नवका बौना िक म नै, बड़कािक म छेलै। मेल-पच कऽ सरही एक भाग आ कलमी एक भाग लगाएब नीक हएत। सएह केने रहिथ ।अपन खेती-पथारीक िज नगी हराननक तँए झूठ-फूससँ कम भट।एैस बखक अव थामे हराननक बेटा भेलिन । तीन मास पछाित ब चाक माथ न हर हुअए लगलै।साल भिर जाइत-जाइत अस देखैमे लगए लगलै। दुनू परानी हरानन ि◌वचारलिन , कोिख क पिह ल स तानछी। केना छोिड़ देबै। जमीन-ज था लोक िक अए रखैए। से नै तँ जाबे तक जीबैक आशा रहतै ताबे तकतकित यान करबै। तइले जे होउ। खेत-पथार रहौ आिक चिल जाउ। जॱ मनुख बँचत तँ ओहूसँ बेसीअरिज लेत आ जॱ मनु खे ने रहत तँ खेते-पथार कोन काजक। गणेशजी माथ सन ओइ ब चाक माथ भऽगेलै। एनमेन हाथी माथ सदृश।समाजक चलैनानुसार हरानन दुनू िद स बढ़ल। एक िद स गामक डा टरी-इलाज तँ दोसर िद स झाड़-फूक, टोना-टापर। िब मारीक चमे पड़ने दुनू बे तीक जीवनचे बदिल गेलै। एक िद स हरानन भिर -भिरिद न झाड़-फूक केिन हारक भजमे बौआइत तँ दोसर िद स फुिल या घरेक आइ-पाइमे समए गमबए लगली।एक िद स सओनक बून जक खच बरसए लगलिन तँ दोसर िद स खेती-पथारीसँ िव मुख भेने आमदनीहराए लगलिन । छह मास िब तैत-िब तैत तीन बीघा िब का गेलिन । मुदा अखनो आशा ओहने बनल छि ह जिह नाछह मास पिह ने छेलिन । जे िक यो डा टरसँ लऽ कऽ झाड़-फूक केिन हार धिर देखैत ओ िक यो ने कहैत जेरोग नै छूटत। एते बोल-भरोष दैत जे रोग िन ि त भगबे करत। जइ खेतक असँ हराननक पिर वार चलैछेलिन वएह खेत बेिच -बेिच अपनो खाए लगला। ठाकुरक बिर आती जक सभ ठाकुरे-ठाकुर। उिच त-21


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>अ यागतक भजमे अपनो दुनू परानी हरानन सएह बनैत चिल गेला। खेत बीक रहल अिछ आ रोगो बिढ़रहल अिछ । समुमे भँसैत नाव जक कतए जाएत कोनो ठीक नै। िब नु महारक पािन मे एिह ना होइ छै।दस मास पुड़ैत-पुड़ैत ब चा मिर गेलै। ब चा तँ मिर गेलै मुदा पिर वारोक कोनो तन-भगन नै रहएदेलकै। खेतक लूट भऽ गेलै। िक यो उिच त मू य दऽ लेलिन , तँ िक यो हथपच एकक तीन केलिन । घराड़ीछोिड़ हराननक िक छु ने बँचलिन । खाली एतबे जे चास बटाइ करता आ गाछी-कलम ओगरवािह ।बेटो-मृ यु तँ सबहक एे रंग नै होइत। िक यो जनिम ते मिर जाइए तँ िक यो रोग-िव यािध सँ चट-पटामरैए। मुदा तइ संग ईहो ने होइ छै जे िक यो जनमरोगी बिन जीबैए तँ िक यो रोगाएले िज नगीक आन द लुटैतजीबैए। जिह यासँ हरानन बेटाक बेमारीक इलाजक पाछू बढ़ला तिह येसँ दुनू बे तीक मन-मोटाउ सेहो बढ़एलगलिन । मन-मोटाउक कारण रहिन दुनूक दू धारणाक धारा। हराननक मनक पकड़ने जे डा टरी इलाजसँरोग भागत। मुदा फुिल याक मन झाड़-फूकमे पकड़ाएल। जेकर फलाफल डा◌ॅ टर आ झाड़-फूक केिन हारकएलापर प ट देख पड़ैत। जइठाम हरानन डा टरक आइ-पाइ नीक जक करै छला तइठाम फुिल याझड़िन हार-फूकिन हरक। काजक दौरमे पिर वारोक बीच एिह ना होइ छै। िक यो काजक काज बूिझ करैए आिक यो काजक काज बुझैए। भलिहं िक यो काजक आ िक यो अकाजक िक अए ने बिन जाए। िब लाइकझगड़ामे बानर पंच। जखन मंतिर या अबैत तँ घंटो बैस डा टरी इलाजक अदखोइ-बदखोइ करैत। दुनूकबीचक लट-पट-सट-पट दुनू बे ती हराननक िव चारपर सेहो पिड़ ते छेलिन । रोगक कमैत नै देिख दोसर-तेसरसझमे सभ ि◌दन दुनूक बीच एक आखर होइते छेलिन । एक िद स खेत बोहाइत देिख हरानन झाड़-फूककअनुिच त खच बूिझ झपटिथ तँ दोसर िद स फुिल या डा टरी इलाजक। पंच िक यो ने। दुनू पाट लिड़ ए कऽपिड़ येता। जे दसम मासमे ि◌ नमूल भेल।हरानन बोिन हार बटेदार नै िक सान बटेदार बिन नव जीवन धारण केलिन । िज नगी बदलने बहुत िक छुबदलैओ पड़ै छै आ बहुत िक छु अपनो बदिल जाइ छै। हराननक अपन खिड़ हन उसिर गेलिन । खेतकउपजा अदहा-अदही सेहो अपना मोने ने लगा सकै छी ने कािट सकै छी आ आमक बगवािड़ कलमी चािर मेएक आ सरही तीनमे एक भेटतिन । भलिहं कलमीसँ सरहीए िक अए ने न हरो आ गुदगरो हुअए।वस त पंचमीक िद न। सर वती पूजाक संग िक सान हरो ठाढ़ करता। जोड़ा बड़दक बटेदार िक सानरिह तो हरानन हर कतए ठाढ़ करता। िक सान तँ अपन ओजार -हर-कोदािर-खुरपी-हँसुआ- बड़ही ऐठामसँ सानकरा अपना घरमे पूजा करत आिक अपन हाथ आ हाथक ओजार अनका घर? हर ठाढ़ कतए करब,हराननक मनक हॱिड़ देलकिन ! सतंजा अ सतंजा तीमन-तरकारी जक हरानन बेड़ा नै पािब रहला जे िककी छी। अपन रंगे बदिल नेने अिछ । खेतमे मेहनित ओतबे करब मुदा उपजा अिध या हएत। जइ सालरौदी-दाही हएत तइ साल बटेदारक खच जाएत आिक खेतबलाक खेत। मुदा उपाएओ तँ दोसर निह य अिछ ।फेर मन घुमलिन , िक छु खेती जोित -कोिर होइ छै आ िक छु ओहुना-िछ टुआ- सेहो होइ छै, तइमे की नीक?आगू सीमा घेरल अिछ । अिध या। जखन अदहे हएत तखन िक अए ने लागतमे कटौती कएल जाए। ओते तँबँचत हेबे करत िक ने। मुदा जॱ बीए खा जाएब तखन खेती कथीक करब। मक ास म थर गित ए नै ुत22


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>गित ए भेल। जिह ना साओनक झटकीमे पािन क न हर-न हर बुक संगबे हवा भेने आरो दगिन य प पकिड़बिर सैए तिह ना मक ास भेने रंग-िब रंगक रोग म-शि त क धेलक। केतौ मक चोिर तँ केतौ मकबेइमानी, कतौ अनदेखी तँ केतॱ बलजोर!तेसर सालक पंचायत चुनाव हराननक आरो धिक यौलकिन । िज नगीमे दुनू परानी हराननक छल-पंच,गरीब भेनॱ नै छूिब सकलिन । भगवानक लीला बूिझ सभ दुख-सुखक दुनू परानी घॲिट गेला। मनो मािनलेलकिन जे जिह ना बेटा आएल तिह ना गेल। दुिन य थोड़े दोखी बनाएत जे बेटाक तकित यान नै केिलऐ।धम-कम धने ने सुधन कहबैए। की ई हमर सफलता नै जे बेटा लेल अपन सव व गमा लेलॱ। मुदादोखोक तँ एक नै अनेक कारणो छै। जेकर फलो सोझहे अिछ ।तीन गोटे पंचायतक मुिख या लेल उ मीदवार रहिथ । तीनूमे के नीक ओ िव चािर दुनू परानी हराननभोट देलिख न। िज नका हाथे गाछी-कलम बेचने रहिथ आ अखन हुनके बगवार बिन गाछी ओगरवािह करैछला। अपन बगवार बूिझ हराननक अपन भोटर बुझै छला कुलानन। चुनावक हार हराननक कपारपरहड़हड़ा कऽ खसौलिन ।अंगनाक ओसारपर दुनू परानी हरानन अपन द ◌ीन-दुिन यक गप-सप करैत रहिथ । सािठ बखसँ ऊपरेकदुनू बे ती। िज नगीक संगी खाली लभे-मैरेजक नै, चलैत-िफ ड़ैत समाजोक ब धन तँ िछ ऐ? एहेन ि थ ित मे दू-िद लक िद लराजक बास कतए हएत? ओहुना लोक बुझैए जे ओ ड बेटल, ओ ड वाइन आ ओ ड वाइफ बेसीचसगर होइ छै। दुनू परानी फुिल याक अव था चेहराक पे-रंग िब गािड़ देने अिछ । फुिल याक मुँहमे तीनटाचहु बचल आ हराननक सेहो नै। िब नु दतक मुँहसँ अद त ब चा जक गुलावी हँसी हँसैत हरानन फुिल याककहलिख न-“आब ऐ दुिन यमे रहैक मन नै होइए। होइए जे ज दी मिर जैतॱ जे अपनो भार हिट तए आ दुिन यकभार घिट तै।”िज नगीक तीत-मीठ जे फुिल या आ हराननक पित -पीक प िब गािड़ देने छल ओ ठमिक पुन:िज नगीक धार लग पहुँच गेल। एक तँ उमेरक उपजा दोसर संगी बिन संग-संग चलैक। बजली-“कहलॱ तँ बैस बात मुदा एते िद न जे केलॱ से केलॱ। जिह ना अह केलॱ तिह ना हमहूँ केलॱ, मुदाआबो जे ओिह ना पिह लुके जक करब से थोड़े मािन लेब?”फुिल याक बात सुिन हरानन ठमकला। ठमकैक कारण भेलिन पिछ ले जक आब नै जीबए चहै छिथ ।वैचािर क मेल-िम लानक मन बना जीबए चहै छिथ । पुछलिख न-“एना िक अए कड़ुआएल बात बजलॱ?”23


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>पित क शा त भाव देिख फुिल या सह पौलिन । भिर यबैत बजली-“जखन दुनू बे ती संगीए नै अिग नीय छी तखन एहेन बात िब ना िव चारने िक अए बजलॱ जे मिर जाएब।अहक जीबैक मन नै अिछ? अकिछ गेलॱ तँ मिर जाउ! मुदा हमरा जे मारब से दोखी के हएत?”िव धवो नारी तँ अधमौगैते िज नगी जीबै छिथ । तहूमे फुिल या-हराननक उमेरक दूरी मा साले भिर क।तहूमे साल भिर फुिल या आरो िन चे। गु म भऽ हरानन िव चािर ते रहिथ आिक कुलानन बेधड़क आंगन पहुँचहराननक कहलिख न-“हमरा गाछी भीर काि सँ िक यो नै जइहह। देिख लेिल अ जे केहेन िह तैषी बगवार छह।”जिह ना विन साधनाक समए बमक अबाज साधनाक भंग करैत तिह ना फुिल याक बात िब सिर हराननकुलाननक उर देलिख न-“बेटा चिल गेल से छातीए लगा मारलॱ आ बगवािड़ क जे आमे चिल जाएत तेकर सोच अिछ? जेमन फुड़ए से करब।”हारैत-हारैत हरानन िज नगी हािर चुकल छला। िम िस ओ भिर कलेज िन रा◌ेग कह रिह गेल छेलिन जइसँ हूबाकऽ बिज तिथ जे अही हाथक लगौल गाछी-कलम छी, िह सेदारी टूिट गेल मुदा अखनो ओिह ना मन अिछ जेलोटे-लोटा जिड़ मे पािन देने रिह ऐ।ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।जगदीश साद म डललघुकथा-बेटी, हम अपराधी छीबेटी, हम अपराधी छीसही समैसँ सालभिर पिह ने मनोहरक सेवा मुि त क िच ी ऑिफ समे थ हा देलकिन । थ हबैक कारण रहिनकाजक गजपटी। काजक गजपटीक कारण रहिन मनक संताप। आ◌ॅिफ सक सभ मािन लेलकिन जे मनोहरकमन चिढ़ गेलिन तँए समुिच त काज करए जोग नै रहला। आ◌ॅिफ सेक कुरसीपर बैसल रहिथ आिक चपरासी24


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>आिब हाथमे िच ी थ हा देलकिन । पिह ने तँ नै बूिझ सकला जे सेवामु त भऽ रहल छी मुदा पढ़ला पछाितकेकरोसँ पुछौक जरित नै रहलिन । कोनो लेन-देनक कारण नै बतहपनीक कारण प ट िल खल रहिन ।जिह ना बख होइकाल अनायास मेघ ढनढ़नाए उठैत तिह ना एकाएक मनोहरक मनमे भेलिन । जेकरो कहबैसेहो बताहे बूिझ सुनबो ने करत। तखन कहबे िक अए करबै। अनेरे मुह दूिर करब। मनोहरक मन जेनाबेर-बेर चनकए लगलिन । टुकड़ी-टुकड़ी भेल मनमे उठलिन जे सभटा-कागत-परक छीट-छािट िद ऐ, टेबुल-कुरसीक उनटा-पुनटा िद ऐ आ िन किल जाइ। मुदा मनक लगामक बुिध पाछू िखंचलकिन । बदलैत सोचिव चार केलकिन जे एक तँ िल खतन बताह बनाइए देलक तइपर एहेन काज जॱ करब तँए िथ रोरी-े टीकलसंग भऽ जाएत, तखन बतहपनीक सजाक हकदार बनैमे कते देरी लागत। कुरसीसँ उिठ सोझे घरमुह र तापकड़लिन । डेराक सुिध ए ने रहलिन जे भड़ो-िक राया फिड़ छा िल तिथ। बेसुिध मनमे बेठेकान सोच उठिन आपािन क बुलबुला जक फूिट जाि ह ।गामक सीमा परक बड़क गाछ देखते भकइजोत जक भेलिन । भकइजोतेमे देखलिन जे इएह गामअपन छी। मनमे अपन अिब ते पएर जवाब देलकिन-“आगू नै बढ़ब। गाममे मुँह देखबैबला नै छी।”मुदा तपाएल मुँह लगले पएरक कहलकै-“ईह बूिड़ रे, मुँह देखबैबला नै छी, ई समाज मुँह देखबैबला नइए। सिद काल िव वेक-िव वेकक भग घोिड़ -घोिड़इनारेक िन शएल पािन बना देने अिछ आ ि◌ नलज जक बजैमे लाजे ने होइ छै, सुझबे ने करै छै जे जखनपाइक हाथे िश ा िव काइए ओ िश ा पाइबलाक हएत आिक िब नु पाइबलाक। जइ समाजमे रोग-िवयािध पाइकहाथे छोड़ौल जाइ छै तइ समाजमे िब नु पाइबलाक गित -मित िक हेतै। रौद-बसात, जाड़, पािन -पाथरक र छाकेना करत। अदौसँ अबैत नर-नारीक संब धक बीच जखन दान-दहेज एहेन बड़का मोिन घारक पेटमे फोिड़देने अिछ , जइ टपानमे कते हािथ यो-घोड़ा फँिस जान गामा रहल अिछ । तइ मोिन मे अदना-अदनीक अादेकेतै कएल जा सकैए। मिहंसक आगू वीणक कोन मोल छै।”मोने-मन मनोहर घर िद स बढ़बाक हूबा करिथ मुदा पएर उठैले तैयार नै होि ह । जॱ पएर थोड़े तैयारो होि हतँ आँिख साफे नै। िन च ओंघराएल मनोहरक सभ सुिध -बुिध हरा कऽ िछ िड़ या गेलिन ।मोबाइलक जुग रहने समाचार पसरैमे देिर ए िक अए लागत। गाम-समाजक ब चा-ब चा बूिझ गेल जेमनोहर बताह भऽ गेला, नोकरीसँ िन कािल देलकिन । पे शनो आने-आन लूटतिन ।प नी सुनैनाक पिह ने िब सवास नै भेलिन । आइ धिर क जे पित -ेम मनोहरसँ भेटल छलिन ओ अनकासँ बहुतबेसी छलिन । मुदा जानकीक कच बुिध मािन गेल रहै जे िप ता पागल भऽ गेला, नोकरीसँ भगा देलकिन ।25


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>गामे लोकक जेर संगे दुनू मायधी अथत् सुनैना आ जानकी, िव दा भेली। लोकक बीच रंग-रंगक घौचालचलैत। कोनो नीको मुदा बेसी अधले। घौचाल सुिन दुनू मायधीक मन िव चिल त हुअए लगलिन । बेटीक मुँहसुनैना िन हारैत आ माएक मुँह जानकी। पोखिर घाटपर जिह ना रंग-रंगक चािल रंग-रंगक भुरही-माछ दैततिह ना रंग-रंगक चािल क बात दुनू गोटे सुनैत। कचकूह मन जानकीक तँए बेसी िव चिल ते होइत गेलै। बताहभऽ बाबू छोिड़ पड़ाए जेता, समाज सहजिह हमरा सन-सनक भगाइए रहल अिछ । तखन माएक िक गितहेतै।अधबिट या पछाित सुनैनोक मन मािन गेलिन जे पित पगला गेला। जानकीपर नजिर अँटका मोने-मन सोचएलगली जे बाइस बखक कुमािर बेटीक मुँह िसंह दुआिर पर केना देखब। िक दुिन य उजिड़ रहल छै आिकउजािड़ चढ़ा देलक अिछ ? एको बीत धरती नै बँचल अिछ जतए नोरक धार सुखौल जाएत।जिह ना दंगलक खलीफा पटका चा नाल चीज खसैए तिह ना मनोहर बड़का गाछक िन च िज नगीकअखड़ाहापर चानाल चीत भेल पड़ल मोने-मन सोचिथ , अपन िज नगीक हािर क कारण अपने छी तँए पि न यआ बेिट यो लेल अपराधी छी। मुदा फेर मन कहिन जे अपराध कथी केलॱ जे अपराधी भेलॱ। भवसागरमेडुमल मनोहरक शरीर चेतनशू य भेल रहिन । तखने पि न य आ बेिट यो लग पहुँच मुँह िन हारए लगलिन ।दुनूक मन कहलकिन मुँहक िख कह कहै छि ह जे कोनो रोग छि ह । रणभूिम क हािर क रोग आ िब मारीकरोग अपन बात अपने िच किड़ -िच किड़ कहै छै जे िक छी। मुदा ब मुँह देख मनोहरक छातीपर दुनू गोरेअपन-अपन सती हाथ रखलिन । छातीक धुकधुकी समतूले बूिझ पड़लिन । मुदा आिख र िक छु छिथ तँ एककिप ता दोसराक पित ये छिथ ने। दुनूक अपना-अपना िब सवासमे शंका भेलिन । शंका होइते एक-दोसराक मुँहिद स तकलिन । आँिख -आँिख क बीच पुल-सड़क बनल। सुनैनाक सा वना दैत जानकी बाजिल -“माए, हृदए तँ ओिह ना पिव देखै िछ अिन ।”कदमक गाछक झूला जक दिह ना आस मािर सुनैना कहलिख न-“बेटी, पुखक छातीपर बहुत भार छै। जेकरा माथपर जारनक बोझ आिक अ-पािन क बोझ पड़बे ने कएलओ ओइ बोझ उठबैबला छातीक धकधकी गिन केना सकैए। से नै तँ छातीए डोला कऽ देखहुन जे मुँहसँकेहेन बकार िन कलै छि ह ।”माइक िव चार सुिन जानकी आरो जच-पड़ताल करब नीक बुझलक। जिह ना किल आएल अड़हूल फुलाइतरहैए आिक कलीक अव थामे रहैए तिह ना जानकीक मन छातीसँ ससिर हाथ िद स बढ़ल। केना नै बढ़ैतकहुना अिछ तँ छातीक ऊपरेसँ ने लटकल अिछ । बाजिल -“माए, से नै तँ छातीक धुकधुकीसँ अपनो मन धुकधुकाइते अिछ । हाथक नारी पिह ने देख लहुन।”26


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>नारी तँ नारी छी। एक पुरिख याह। छाती जक दुनू गोटे एेबेर थोड़े पकिड़ सकै छिथ । मुदापिह ने के देखत, दुनूक बीच ओझरी लिग गेलिन । एक पुष हजार प। की मनोहर जानकीयो लेल वएहछिथ जे सुनैना लेल? मुदा िक मनोहर सुनैनाक िछ अिन आ जानकीक नै? तखन? जानकी सुनैनाक कहलक-“माए, छातीक धुकधुकी तँ जोरसँ चलै छै, गनल भऽ जाइए मुदा हाथक नारी आइ धिर कह गनलॱह।”बेटीक बात सुनैनाक सोहनगर लगलिन । ऐठाम िक यो आन अिछ जे अिछ यो ओ तमसगीरे अिछ ,उकटा-चाल करत। बामा हाथसँ तरह थी पकिड़ दिह ना हाथ सुनैना मनोहरक बाजूपर देलिन । आँगुरसँ नारीपकिड़ ते कानमे झड़झड़ाए लगलिन -“सुनैना, बहुत आशा िज नगीसँ केने छेलॱ। मुदा, टूिट कऽ सभटा िछ िड़ या गेल। समाजक डर हमरा नै होइएमुदा अह पी छी तँए कहै छी। बताह बना बतहपनीक फड़मान हाथमे धरा देलक। कमेलहो खेलक आअिग लो कमाइ मारलक। जखने घरसँ िन कलब िध या-पुता जािन -जािन देहपर िक यो गोला फेकत, िक यो कटफेकत, िक यो गोबर माि◌ट फेकत। केकरा िक कहबै, हमरा बातक िक यो कान धड़त। आइ दस बखसँजानकीक िब आहक पाछू पड़ल छेलॱ, मास िद न पूब जवाब भेटल जे वैवािह क संब ध भंग भऽ गेल।”आरो कान लगमे आिन सुनैना मनोहरक हाथ उठा कानमे सटौलिन । धड़धड़ाइत सुनए लगली। हम ओइजुगलासँ पुछै िछ ऐ जे कोन बुिध ए जमाए बना एते सेवा करौलक। बाइस बखक बेटीक मुँह देखल जाएत।जखिन घरक भार उठबैमे अम भऽ गेलॱ अनेरे जीिब ए कऽ िक करब। मुदा पिर वार? सेहो कह रािखपौलॱ। दस बखक अव थामे बेटी क यासँ किन यक प धारण करए लगैए तइठाम जानकीक चच प नी दसबख पूब बारह बखक अव थामे केलिन । अपनो ओइ पाछू पड़लॱ। काजोक अगुताहत निह य बूिझ पड़लिक एक तँ समयानुसार पिर वन हेबेक चाही। बीस-बाइस बखक बि च या समाजक कुमािर बि च या छी तँएसमाजमे केकरा◌े चहु अलगबैक अिध कार नै छै जे ओकरा अलग बुझए। जॱ जमीनो बेिच जानकीक िब आहकइए लइ छी, तँ िक समाज भार उठौत जे एहेन काज आगू नै हएत?िव ि म त भेल सुनैनाक देिख जानकी बाजिल -“माए, कनी हमरो बाबूक नारी देखए दे।”जानकीक बोल सुिन सु गाक लोल सुनैना िन हारए लगली। यएह अव था छी, लोक सती बनैए। यएहअव था छी, लोक बे या बनैए। यएह अव था छी, जइमे लोक मातृ-िप तृ भ त बिन भगवत भजन करैए।मुदा जानकी...?पित क हाथ सुनैना जानकीक हाथमे दैत कान ठाढ़ कऽ मुँह िन च गोिड़ लेलिन । िप ताक क ज पकिड़ तेजानकीक कानमे घनघनाइत आएल-27


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>“बेटी जानकी! हम अपराधी छी। हमरासँ अपराध भेल।”“नै बाबूजी नै, सॱसे दुिन य भलिहं कहए मुदा अपन जुआन नै िन किल सकैए। चौथािर सीमा धिर आिब अहपिर वारक सेवा करैत रहिल ऐ। दुिन य बौक कहए आिक बताह कहए, कहअ िद औ। मुदा अपन इमान कखनोधरमसँ िव चिल त नै हएत। हम िम िथ वाला छी, हमरा वाजूमे शि त अिछ । जिह ना अपन कालखंड इमानदारीसँटपलॱ तिह ना अिग ला खंड हमरो छी। अपना दरब जापर बैस भगवत भजन करैत रहब, देहक िच ता नैकरब। हमहूँ तँ स ताने छी िक ने। बेटा रहैत तँ बिह न बिन भार दैित यिन । मुदा जखन भाए नै अिछ तखनतँ हमहॴ ने बेटा-बेटी भेलॱ। ई हमरो भेल िक ने? िब आह हएत, सासुर बसब मुदा अहक ऐ अव थामेछोड़ब कते उिच त हएत। नीक-बेजाएक भार के उठौत। अपना जीबैत अपन माए-बापक एहेन गित भऽजाि ह जे अनसोहतो-सँ-अनसोहत भऽ जाए, ई दोख केकरा िस र सवार हएत। मुदा समाजो तँ तेहेन अिछजे छातीक कोन बात कोढ़-करेज धिर खोखिड़ -खोखिड़ खाइते आएल आ रहत। हे िश व, एहेन धनुष उठबैकभार जॱ अपने नै लेब तँ िक ई समाज उठा सकैए? िक िम िथ लगना अखनो धिर ई नै बूिझ सकली जे माए-बाप जनमदाते टा नै छिथ िज नगीक हािर -जीतक सूधार सेहो छिथ , जॱ से नै तँ सासु-पुतोहुक िभ खमंगनीबेटी किह िक अए मुड़ी गोतबै छिथ न। जरत अिछ समायानुसार शि त उपका संचय करैक। जाबे तक सेनै हएत ताबे तक पुखक नजिर िन च केना कऽ पािब सकै छी। देखए पड़त अपन भूत आ भिव ष।जाधिर अपन भूत-भिव ष देख नै लेब, अपन-अपन बीतमानक ल मण रेखा खॴच राक भार वयं नै उठा लेबताधिर ऋृिष का, सती-स वी, पित वता आिद -इ यािद श दक साकार िज नगी केना बिन सकत?”जिह ना नट-नटीनक नाचमे दशक चा िद स घेिर बैसैत आ बीचमे दुनू अपन िज नगीक राग अलापिततिह ना समाजक लोकक बीच मनोहर, सुनैना आ जानकी, िज नगीक राग अलािप घर िद स िव दा भेली। आगू-आगू सुनैना-जानकी मनोहरक दुनू हाथ पकड़ने आ पाछू-पाछू िध या-पुतासँ चेतन धिर ।घरक मुड़ेरा देिख ते मनोहर दुनूक हाथ झमािड़ बिह छोड़ा बमिक बजला-“िब सवासघात..., िब सवास घाती छी...। जमाजमे जेहने मनुख रहत तेहने ने बनत। िब सवास देने छल जेबुढ़ाड़ीमे अह गमे खसब। ओ सभ पागल बना देलक।”पुन: झॲकमे-“नै सुनत दुिन य नै सुनह मुदा जाबे घटमे ाण-घटवार रहत ताबे याी कहबे करबै। किह ते रहबै।”सातम दसकमे मनोहर िज ला-कायलयमे िक रानीक नोकरी शु केलिन । समाजक पिह ल िव ाथ जेपिह ल ेणीसँ मैि क पास केलिन । कौलेज लगमे नै रहने आगू पढ़ैक आशा तोिड़ िज नगीक मैदानमे उतरल।28


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>मुदा िर ज टक कागत आँिख क सोझ अिब ते मनमे उपिक गेलै जे जिह ना थम ेणीक फल भेटल तेहनेफलक गाछ रोिप ओकर सेवा टहल िज नगी भिर करैत अपनो आ समाजोक नीक फल खुएबिन ।एक तँ सरकारी कायलयमे काज नै जे पढ़ल-िल खलक अँटाबेस होइत, दोसर कूलो-कौलेज कम रहने लोकपिढ़ यो नै पबैत छल। संयोग नीक बैसलै िज लाक कृिष िव भागमे िक रानीक नोकरी मनोहरक भऽ गेल। जिह नादशमीमे दुग थान सझ िद अए जाइसँ पिह ने सझ-देिन हार अपन-अपन घरक भगवतीक आगू सझ दऽ लइएतखन ने दसनामा देवालयमे जाइए, तिह ना मनोहर नोकरीपर जाइसँ पिह ने माता-ि◌ पताक असीरवाद लऽ लेबजरी बुझलक। खुशी तीनू गोटेक मनमे। मुदा तीनूक तीन रंगक। िक अए ने तीन रंगक होइत। हजारोरंगक फूलमे सुगंध होइ छै, सभक अपन-अपन सुगंध िस रजन कऽ पसारैक हक छै।दलानक ओसारपर सतदेव कोदािर मे प चर लगबैत रहिथ। मनोहरक खुआ आंगनसँ माए असीरवाददेलक। आंगन-दलानक बीच मनोहरक मनमे उठल ओह माएक तँ किह देिल यिन जे नोकरीपर जाइ छी, ओअसीरवादो देलिन जे आब तॲही सभ ने ऐ घरक खुा भेलहक। हम सभ तँ पाकल आम भेलॱ। मुदा से नैजॱ माइक एक प छि ह , िप ताक एक प छि ह तँ तइ बीच एकटा संयु तो प तँ छि ह ह। तँए दुनूगोटेक ओइ पक णाम कऽ असीरवाद लेब। डेिढ़ ए परसँ बाजल-“माए, कनी ए हर आ।”शुभ काजमे िव लमैक दोख अपनापर माए केना लेती। अँइठे हाथे दरब जपर पहुँच बजली-“िक कहलह”िप ता-सतदेवक मनोहर गोड़ लािग बाजल-“बाबू, नोकरी करए जाइ छी।”‘नोकरीपर’ कानमे पिड़ ते सतदेवक मन खुिश या गेलिन । सुगंिध त फूलक फुलवारी आ िब नु सगंधक फुलवारीकहवा जिह ना दोरस रहैत तेना नै बूिझ पड़लिन । असीरवाद दैत सतदेव मनोहरक कहलिन -“बौआ, िड शनरी जक जॱ तीिनए टा श दक कोष बना लेबह तँ मुइला पछाित यो बेर-बेर दशन होइतेरहबह। भरल-पूरल देख आ मा जुड़ाइते रहत।”िस नेह िस त सतदेवक श द सुिन मनोहर सहिम वीकारैत पुछलकिन -“ओ तीन श द िक िछ ऐ?”29


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>“बौआ, झूठ नै बिज हह। दोसर, केकरोसँ एो पाइ डँिड़ हक नै। तेसर, दरब जापर जे मनुख-श लकआबिथ हुनका एक लोटा पािन क आह जर किर हनु।”िप ताक श दक गु-िप त वचन बूिझ तकाल तँ मनोहर गीरह बाि ह रािख लेलक, राखबो जरीछेलै। एगारह बजे आ◌ॅिफ स पहुँचक छेलै। मुदा िप ताक वचनक हा य श दकोषमे नै हहासक डरसँचाइलजकोषमे लऽ अंगीकार केलक।दुरगमिन य किन य जक मनोहर अपन उपि थ ित दज करा, सभक णाम-पाती करैत, कोहवरमेअसकरे कुरसीपर बैस गेल। कोनो काज नै देिख चुनौल तमाकुलक गीरह जक गामक गीरह खोलए लगलतँ भ दऽ िप ताक असीरवाद मन पड़लै। होइतो अिह ना छै जे जखन रॉकैत तैयार भऽ उड़ैक प धारणकरैए तखन धरती छोड़ैसँ पिह ने उनटा जच-पड़ताल होइ छै। मनोहरोक िज नगीक पैछला कोनो बात मन नैपड़लै, पिह ने िप ताक वएह तीनू श द मन पड़लै जे तीन बिन िज नगीक आगूमे ठाढ़ भेल। जॱ अपनक जवाब दइ जोकर नै छी तँ कोनो लजेबाक बात नै जे अपन कमजोरी केना सुहकारी। जाबे तककोनो खेतमे नव िस रासँ जोित नव बीज नै देल जाइ छै ताबे नव फलक आशा केना हएत। कुरसीपर बैसलमनोहरक मनमे िप ताक असीरवादक तीनू श द तीन क गाछ पमे ठाढ़ भेल। कुशल माली जिह ना सभफूलक अपन-अपन पित आनी िह यबैत तिह ना मनोहरो अपन तीनू श दक पित िह याबए लगल। मुदा सतरंगामकान बनौिन हार इंजीिन यर जक गुिन य-परकालसँ नै गुिन, संक प बूिझ िव चारए लगल। ओना िव चारकख डन-म डन जेते बेसी होइ छै ओकर बीज- वप दूधक म खन जक ओते भेटै छै। मुदा मा दू घंटाऑिफ समे रहैक छै। डेरो-डंटा ठीक निह य भेल छै, तीन घंटा र ता कािट गामो जाएब छै। तँए जतेख डन-म डन हेबाक चाही तते तँ नै मुदा तािव क िव चार जर केलक। ओना हनुमानजी जक कखनोअकास मागपर नजिर पड़ै तँ िव हािड़ जक भऽ जाइ, मुदा लगले महावीर जक बदिल िल अए। ‘झूठ नैबाजब।’ कोन बड़का भेल। नाि ह टा अिछ । ने हमरा एक सेलक जीवाणुक इित हास देखक अिछआ ने सोनाक लंका। चौबीस घंटाक िद न-राित मे जे समए संग अबैत जाएत आ िव वेक कहैत जाएत तेतबेकरबाक अिछ । मनमे खुशी भेलै। जिह ना तीन क उरमे एक हल भेने पास न बर चिल अबैततिह ना मनोहरक मनमे पासक आशा जगलै। पास बदिल पासापर दोसर आस मारलक। ‘दोसरक नै डड़ब।’ईहो बड़ भारी कह अिछ ? अपन खचमे कमी-बेसी भेने ने लोक कजदार होइए आिक कजदाता। जॱसरपट चािल पकिड़ चलब तँ िक अए दुनूमे सँ िक यो भट हएत। मुदा समाजक बीच पिर वारक रहबाक छै।सोी सरपट नै देिख मनोहरक मन अँटकल मुदा लगले घोड़ा जक मन हीहीएलै-“खगताक जते तक पचा सकब ओते पचाएब। आ बढ़ता ले समाज अिछ ।”दू-तहाइ अंकक आशा निह य देख मनोहरक मन मािन गेलै जे कोनो बेसी ओझरी निह य अिछ । तेसर ‘दरब जपर एक लोटा पािन ’ पर नजिर पिड़ ते मन ठमिक गेलै। अपने घरसँ तीन घंटाक र ता दूर रहब,दरब जापर बारह बजे िद न आिक बारह बजे राित जॱ िक यो आिब जािथ तखन अपना बुते िक हएत। अखैनमाता-िप ता जीबै छिथ तँ अपन दुआर-दरब जाक मुड़ेरा अकास ठेकेता मुदा परो भेला पछाित की करबै? जॱ30


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>अखैन नै िव चािर बाट पकिड़ लेब तँ बेर-िव पि पड़लापर तँ सहजिह लोकक बुिध हरा जाइ छै, तखनिव चािर पाएब। व क एक-एक सूत िव लगा-िव लगा जखन मनोहर देखए लगल तँ बूिझ पड़लै जे भारीकह अिछ । पीसक हले-हल बनबैक ज मभूिम मातृभूिम भेल, सेवाभूिम कमभूिम भेल। मातृभूिम कमभूिम चलएतेतबे िव चारैक अिछ ।नोकरी भेलाक पनरह बख पछाित मनोहरक माता-िप ता मिर गेल छेलिन । अखैन धिर मनोहर अठवारेगाम-अबै जाइ छल। गामक तसवीर तँ तेना भऽ नै सुधरल मुदा अपना घरसँ खा-पी कऽ ब चा बी.ए. तकपिढ़ सकैए। घंटा िब तैत-िब तैत डा◌ॅ टर ओइठाम पहुँच सकैए। तखन गाम छोड़ब-तोड़ब नीक नै। जिह नामाता-िप ताक समए अबै जाइ छेल तिह ना अिग लो पिर वार सेने रहब। यएह सोिच मनोहर अपन पिर वारक गामेरखलिन ।जोडा बड़दक जोत पिर वार सतदेवक छेलिन । ओना जोड़ा बड़दक जोतक अथ िव कृत भऽ गेलअिछ । िव कृत ई भऽ गेल अिछ जे सए-सए बीघा जमीनबला खुा उसरन कऽ लेलिन ! तक देता े टर-ेसरक मुदा अपने परदेशसँ अगहने-अगहन गाम पहुँचता। से नै, सतदेव मेहनती िग रह त छला। िग रह तीकसभ प सजौने छला। आिद -आदी धिर क कलमी-सरही आमक गाछी पच का छि ह ह। दू का बँसवािड़ ,एक का करजान, पच का घराड़ीयो छि ह ह। तीमन-तरकारीसँ लऽ कऽ वाड़ी-झाड़ी छि ह ह। पािन क अपनबेव था केनिह छिथ । जेहने सासुक चािल -चलिन तेहने पुतोहु-सुनैनोक भऽ गेलिन । िग रहि त यो काजसतदेवक बँटाएले जक रहिन । अढ़ाइ बीघा बाधक खेती अपन रहिन । तीमन-तरकारी, वाड़ी-झाड़ी-फुलवारीकभार प नीक रहिन । जे सुनैनाक हृदैक प बिन गेलिन । मुदा सासु-ससुरक परोछ भेने घरक सोनी भारसुनैने उठा नेने छेलीह। सुनैनाक अ य तर कहिन जे ऐ घरक सो ही कत-धत अपने छी। तेकरा जॱअपना जक नै रािख िब नु आिड़ -मेड़क घर बना लेब तखन िक अए कहै िछ ऐ जे नारी शोषण होइए। िकएहेन नारी नै छिथ जे पुखसँ मािल स करबै छिथ । मुदा से नै ई भेल गप-सप।िज ला कायलयमे िक खाली सरकािर ये काम-काज होइए आिक िज ला भिर क कथा-कुटुमैती, गाए-बड़दमिहंसक खरीद-िव ी, राजनीित कूटनीित , छलनीित , दुिनत सभ कथुक िज ला छी। भलिहं कामकाजी लोककाजक धड़फड़ीमे तािर कोपर जेता मुदा पाछूसँ वारंट नेने औता। मुदा तेतबे तँ नै अिछ , कचहरी जाइ छी,भिर िद न कतए बैस समए गमाएब। तइसँ नीक िक अए ने पूब हवाक गरपर बैस गजाक गंध पसािर सभगजेरीक एकठाम समेटब नीक। एक चेहरा अनेक प दुिन यक नव हाल भऽ गेल अिछ । के अपराधी आके अपराध रोिक िन हार। िव िच ि थ ित अिछ । जॱ दू-तीन-चािर क जोगक िख चड़ी कहब तँ चाउर, दूध,चीनी, मसालाक जोग खीर केना भऽ गेल। जॱ से नै चाउर-दािल -अ लू-पािन क बीच चीिन य दऽ िद ऐ तखनिक भेल। तँए सोझे नोन-चीनीक बात नै अिछ ।िसंचाइ िव भागक बड़ाबाबू छला जुगल िक शोर। आब सेवा ि◌ नवृि भऽ गेला। इलाकाक एके जाित कनै अिध कश जाित क पिज आरीक पेशा सेहो अपनौने। कायलय सभमे अिह ना होइ छै एक िच हारे भेने तीन31


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>िद नमे हजार िच हरबा भऽ जाइ छै। सरकािर ये काजक भाषाक जुगल िक शोर। िन पुणे नै घटकैतीक भाषाकसेहो पाकल पड़ोर। हुनके भजमे मनोहर पिड़ गेला।जखने जानकी एगारहम बख टिप बारहममे पएर रखलक तखने सुनैना मनोहरक जानकीक िब आहकभार सुमझा देलिख न। अखैन धिर मनोहरक कथा-कुटुमैतीक बोध नै। भज लगलिन जे जुगल-िक शोरकहाथमे छपिड़ या पैकार जक सएओ जोड़ा बड़द-गाए रिह ते अिछ । िज ला कायलयमे मनोहरक अपन पिह चानछेलिन । जइसँ काजक बोझो कम रहैत छेलिन । एक िद न चािर बजे छुी होइते जुगल िक शोरसँ भट करैतअपन बात जानकी िब आहक रखलिन । जेना जुगल िक शोरक जीएपर राखल रहिन मनोहरक कहलिख न जेकृ णका त बी.ए. पास कऽ नोकरी लेल बौआइए मुदा लेन-देन दुआरे काज नै भऽ पबै छै। से जॱ अहअपनेसँ जा कऽ किह यिन तँ ओिह ना माने िब नु लेन-देनेक काज भऽ जेतिन आ अहूँक िब आहमे लेन-देनक भारनै पड़त। मनोहरक मन मािन गेलिन जे एक पिर वारक ठाढ़ होइक छै से जॱ कहलासँ भऽ जेतै तँउिच त-उपकार दुनू भेल। अपनो काज ससिर जाएत।बीचमे एकटा बाधा ठाढ़ भेल, ओ ई जे पिह ने नोकरी होइ आिक िब आह। घटकैती भाषमे जुगलािक शोर कहलिख न-“मनोहर बाबू, अहूँ सभ िद न कागतेमे ओझड़ाएल रहलॱ, एतबो ने बुझै िछ ऐ जे जइ घर बेटी जाएत तेकराघरो ने छै। दू-चािर मास कमा कऽ घर बनौत तखन िन चेनसँ िब आह हेतै। अखैन एगारहे-बारहे बखक बेटीअिछ , आब िक कोनो उ जुग-जमाना रहलै, आब तँ बीस-बाइसक चलिन भऽ गेल अिछ । नीको अिछ ।”सोझमित या मनोहर जुगल िक शोरपर सोनी िब सवास कऽ लेलिन । समए िब तैत रहल िब तैत रहल मनोहरिन चेन जे बीस-बाइस बखक बीचक काज टिर गेल। थायी पे जखन कृ णका त बेवि थ त भेल तखन जुगल िक शोर अपन बेटीक िब आह कृ णका तसँपच लाख नगद गिन करा लेलिन । कृ णका तो अपन पूब ज मक कमाइ बुझलक। एक पीमे नोकरी, दोसरपीमे पच लाख संग किन य। के हमरा सन भागम त हएत।जानकी जखन बाइसम बखमे पहुँचल, तखन सुनैना अंित म वारिनंग मनोहरक देलिख न। तखनमनोहरक चिक जगलिन । धम-कम बूिझ मनोहर जुगल िक शोरक गाम पहुँचला। तीन साल पिह ने जुगलि◌कशोर सेवा-ि◌नवृ भेल रहिथ । दरब जापर बैसल जुगल िक शोरक मन मनोहरक िक छु मोट बुझहेलिन । मुदाअपन काज तँ पहाड़ी इलाकामे लोक गदहो चिढ़ कऽ लइए। खैर, हमहूँ कोनो कुटुमैती थोड़े एलॱ जे मान-रोख राखब। काजे एलॱ काज करब जाएब तइ बीच समैए कखन बँचत जे पहुनाइ करब। बुढ़ािड़ यो बािघ नतँ फेर बािघ न िछ ऐ िक ने। मनोहरक देिख ते जुगल िक शोर चपाड़ा दैत अिभ वादन केलकिन -“आउ-आउ मनोहरबाबू, आब तँ भटो दुलव। के हर-के हर...।”32


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>मनोहर कहलकिन -“जानकी बाइस बखक भऽ गेल, सएह काजे आएल छी।”अखैन धिर मनोहरक नै बूझल जे कृ ण का तक िब आह जुगल िक शोरेक बेटीसँ भऽ गेलिन । मुदा ई दुिन यकखेल छी जे दुिन यमे रिह तो लोक दुिन यक नै जािन पबैत अिछ । जुगल िक शोरक मनमे भेलिन जे मास िद नपिह ने काज भेल आ आइ ई ताना-मारए दरब जापर चिल आएल। अपना सीमा कुकुरो बताह। जुगल िक शोरसोझे कहलिख न-“ऐठामसँ चिल जाउ, नै तँ पुिल सक बजाएब?”ओना जुगल िक शोरक बात मनोहरक तते कठािन नै लगलिन जते लागक चाही। िक एक तँ अपनदरब जापर उिच त-अ यागत लेल पुिल स आनी, सएह तँ िम िथ लाक दरब जा छी। मुदा पुिल स नाओं सुिनमनोहर भरमे-सरमे घरमुह भेला।तही िद नसँ आ◌ॅिफ सक काजमे उ टा-फेड़ हुअए लगलिन । जइसँ पागल घोिष त कऽ देल गेला।ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।३. प३.१. जगदीश च ठाकुर ‘अिनल’-गजल १-४३.२. रामदेव साद म डल ‘झादार’33


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>३.३. िकशन कारीगर- दूधपीबा नेना३.४. सुिमत िम- भित गजल३.५. जगदानद झा ‘मनु’-गजल १-५३.६. जगदीश साद म डल३.७. राजदेव म डल- तीनटा किव ताजगदीश च ठाकुर ‘अिनल’गजल34


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>1धनसं सुदर तन चाहीतनसं सुदर मन चाहीबाहर-बाहर दुिनय ईभीतर राम भजन चाहीनै चाही मोटर आ बंगलाहमरा नीलगगन चाहीहम पावन आ शात आमाई िधयान सिदखन चाहीिम, मो नै चाही हमरामरण और जीवन चाहीहािन-लाभ हो दुख-सुख होिबछुडन आ’िमलन चाहीसरल वािणक बहर,वण-102.मोटर आ ने महल चाहीकिवता गीत गजल चाहीओ रतापर कट िछटैएओकरा लेल जहल चाहीमिहशासुर अिछ उपातीम दुरगाक दखल चाहीिकए’खािध आ पवत कौ35


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>स’भ खेत समतल चाहीघर दतर वा करखानासभठ लोक कुशल चाहीअिहयाक संताप हरैले’नयनमे गंगाजल चाहीभार चंगेरा मैिथलीक होजागल िमिथलचल चाहीसरल वािणक बहर,वण-103सिदखन कोनो िबयॲतमे बाझल करैए आदमीआदमीक कतेक पतमे बटल करैए आदमीआदमीक िववेक देखलहुं सढ आ मिहशा जकहिरयर जजात बाधक धगल करैए आदमीआदमी केर प देखल िबलाइ आ कुकुर जकआदमीक डरसं एतय भागल करैए आदमीआदमी केर देशमे िकए आदमी केर टान अिछआदमीक पेट पर िकए नाचल करैए आदमीसोचैत छी हम आदमीक सुिवचार क की भ’ गेलैआदमीक पाइसं सतत नापल करैए आदमीआदमी ले’ वैह सिरपहुं आदमी भगवान िथकआदमी केर दुख-दद जे बटल करैए आदमीसरल वािणक बहर, वण-1936


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>4मािट-पािन ले’ देश-कोस ले’ अहक योगदान कीअह उपिथत छी दुिनयामे तकर माण कीअह बािह नेने छी पी अपन दूनू आंिख परआब अह लेल कोनो रास की आ भगवान कीओ नंगटे ठाढ भ’ गेल अिछ ऐ चौबिटया परआब ओकरा लेल कोनो समान की अपमान कीअह जनैत छी लहिर गिन क’ कमाएब पाइअह लेल नोकरी की आ नून-तेलक दोकान कीअह तं बातेसं क’ दै िछऐ सभक लहूलुहानअह ले’ कोनो तीर की आ अह ले’ कोनो कमान कीअह तं नारद छी घुमैत रहै छी तीनू लोकमेअहक लेल बाइक की मोटर की वायुयान कीसाल भिरसं संगे रहै जाइ छी अह दूनू गोटेआब अह सभक लेल पिरछन की चुमान कीसरल वािणक बहर, वण-18ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।37


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>रामदेव साद म डल ‘झादार’झा-झा िब नु ने घरक शोभा, ने हमरा िब नु हएत हवनहमरा िब नु ने मंिद र-मि ज द, और ने देशक संसद भवन।गीत-झासँ नै घृणा कई तँ अनुिच त बात छीिम लै छै जइसँ जगमे शाि ततेकर हम सुआत छी।जइ घर नै छै हमर आदरतइ घर घुसतै दु खक बादलपएर पसारत रोग बेमारी38


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>ओ घर भूतक जमात छीिम लै छै जइ......।की हमरा िब नु तनक शोभाफुटतै िक मोन ऐ िब नु आभाके कहौत हमरा िब नु मानवकेकर ई ओकात छीिम लै छै जइ......।के नै लइ छै ह मर सेवाराजा-रंक-दानव और देवाके िग न सकतै प-रंग हमरसौचैबला बात छैजइसँ िम लै छै......।ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।िकशन कारीगर39


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>(आकाशवाणी िदली)दूधपीबा नेनाआजुके िदन जनमल “कारीगर”खुशी सँ हम कहू कोना?हिषत भेल अिछ मोन हमरदेलहुँ नेहबश अह जे शुभकामना।केखनो के हँसी हमकेखनो अपने मने कानीमेला घूमै काल माए बाबू संगेकरी हम कोनो बहा।आई मोन होइए फेर सँबिन जाए हम दूधपीबा नेनासल छी आई ने मानबहमरा िकन िदयए ने एकटा झुनझुना।दाई के कोरा मे खूम खेलाई40


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>बाबाक कोरा मे हम कानीमामा संगे आिब जो रे बौआसोर करैथ हमर बुरिहया नानी।ओई कोरा सँ ओई कोरा जाईकेखनो क’ कानी केखनो खेलाईफेर झुला गाडी पर बैसी क’अंगने-अंगने घूमलहुँ हम आई।िकयो दुलारैथ िकयो पुचकारैथकान पकिड के उठाबैत-बैसाबैथआउ बौआ एहर आउसभ िकयो हमरा सोर पारैथ।लुा-िछपी हम खूम खेलाईतिह दुआरे बडका बाबू िखिसआइथकतए हेरा गेल दुलआ बौआटुकुर-टुकुर ताकैथ बुरिहया दाई।आइओ सले रहब आ िक हँसब41


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>खेलौना िपप गाडी, आ िक झुनझुना?जमिदन पर पुछलीह हमर माएिकछु ने फुराए, की कहत दूधपीबा नेना।ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।किरयन , समतीपुरसुिमत िमभित गजलहम िनबुि-पापी बैसल कानै छीपु अहीँके जननी मा मगै छीतोहर दुआिर बड भीड हे मैयाकखन देब दशन आब हारै छीअभुजा नवप जगदिबकेदशो िदशा िवभूिषत अह साजै छीममतामयी झट दया-दृि क42


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>नाव भँवरसँ दुःिखयाके उबारै छीअरहुल फूल आ ललका चुनरीअसुर िवनािसनी जगके तारै छी"सुिमत "बालक जुिन ान हे दुगचरण बैिसकऽ गीत अहीँके गाबै छीवण-12ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।जगदानद झा ‘मनु’ाम पोट -हिरपुर डीहटोल, मधुबनीगजल१.गजलघोड़ा जखन कोनो भऽ नगड जाइ छैकिह ओकरा मािलक झटसँ दै बाइ छैमाए बनल फसरी तँ बाबू बोझ छिथनव लोक सभक लेल सभटा पाइ छैघर सेबने बैसल मरदबा छै िकएिचहैत सभ किनयक नामसँ आइ छै43


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>कानूनक रखने बुझू ताकपर जेबाजार भिरमे ओ कहाइत भाइ छैखाए कए मौसी हजारो मूषरीबिन बैसलै कोना कऽ बडकी दाइ छैपोसाकमे नेताक िजनगी भिर रहलजीतैत मातर देशक ‘मनु’ खाइ छै(बहरे रजज, माा म २२१२ तीन तीन बेर (****************************************२.गजलआइ सगरो गाममे हाहाकार छैमचल एना ई िकए अयाचार छैआँिख मुनने बोगला बैसल भगत बिनखून पीबै लेल कोना तैयार छैदेखतै के केकरा आजुक समयमेदेशक िसटम तँ अपने बेमार छैदेखते मुँह पाइक कोना मुँह मोरलकमिग नै लेए खगल सभ बेकार छैभरल िभरमे एखनो धिर एसगर छीकेकरो मनपर ‘मनु’क नै अिधकार छै(बहरे जदीद, माा म – २१२२ -२१२२-२२१२(44


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>****************************************३.गजलअह िपआर क हमरा हमर बसती िपयाअपन बाबूक निह हम आब रहलहुँ िधयाबहुत जतनसँ सोलह बसत सहारलहुँआब निह सहल जाइए हमर टूटेए िहयानेह रखने छी नुका कए कॲढ तर अह लएिक निह जुलूम क हमर तरसेए िजयाआब आँकुर फूटल िपआरक अिछ चा िदसअह जे रोपलॱ करेजामे हमर ेमक िबयाआउ हमरा सहाइर िलअ हमर िसनेिहयाअहक सपत दै छी किरयौ नै ‘मनु’ एना िछया(सरल वािणक बहर, वण-१८(*********************************************४.गजलखाल रंगेल गीदड बड फिर गेलैएहने आइ सभतिर ढंग पिर गेलै45


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>घुिर कऽ इसकूल जे नै गेल िजनगीमेनिघते तीनबिटया सगर तिर गेलैदेखलक भरल पूरल घर जँ कनखी भिरआँिख फटलै दुनू डाहेसँ मिर गेलैसभ अपन अपनमे बहटरल कोना अिछमनुखक मनुख बाते मोन जिरगेलैबीछतै ‘मनु’ करेजाक दरद कोनाजहरक घूंट सगरो पी कऽ भिर गेलै(बहरे मुशािकल, माा म २१२२-१२२२ -१२२२(**********************************************५.गजललुटेए गाम गाबेए िकयो लगनीिकए लागल इना सभक शहर भगनीिकयो नै सोचलक परदेश ओगरलकभऽ गेलै गामपर माए िकए जगनीउठेलहुँ बोझ हम आनेक भिर िजनगीअपन घरमे रहल सिदखन बसल खगनीिबसरलहुँ सुिध सगर कोना कऽ हम हुनकरबनेलहुँ अपन िजनका हम घरक दगनी46


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>अपन जननी जनमक भूिम नै िबसरलभरल बकी तँ अिछ सभठाम ‘मनु’ ठगनी(बहरे हजज, माा म १२२२ तीन तीन बेर सभ पितमे(ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।जगदीश साद म डलजगदीश साद म डलक दूटा अनुपम गीतभगवती गीत-एना िक अए बनेलॱ हे मइयेएना िक अए बनेलॱ।दुिन य रचै-बसैलेदुिन य अह बनेलॱ।भूमा भोग भगा-भगामाइयक कोर छोड़ेलॱ।47


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>हे मइये......।सूखल रोटी अ लू सिन सािनिद न-राित िक अए खुएलॱबकी भगा-भगा कऽरोग-िव यािध पठेलॱएना िक अए......।जामंतो फूल-गाछ िस रिजजामंतो फूल-फल सजेलॱची ह-पहची ह िव स िब सराअगुआ थारी िख◌ ंचलॱ हे मइयेएना िक अए......।बािन वहािर नयन दहािड़बनवासी बना पठेलॱ।कलिप -तड़िप तैयो कहै छीहीआ जोिग जोगेलॱ हे मइयेएना िक अए......।आनक बोझ......48


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>आनक बोझ उठाबै खाित रअपनो बोझ भड़िक गेलै।दिब -दिब , उनिर -उनिरजुे बीच ससड़ैत गेलइ।मीत यौ, अपनो......।पसरल पािन धार तरह थीबीतल-अतल बनैत गेलै।िस र ससिर -ससिर सरअपनो पएर िप छड़ैत गेलै।मीत यौ, अपनो......।रहलै ने सुिध -बुिध िम िस ओमोिस आनी बदलैत गेलै।उजर कागज-कलम किह -सुिनआखर कारी अंकड़ैत गेलै।मीत यौ, आखर......।घूिर घूर घुड़लै जखन49


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>मािर मेघ मारैत गेलै।किट कोदािर कोदरका भऽ भऽप अमावस धड़ैत गेलै।मीत यौ, जुा बिन ससरैत गेलै।मीत यौ, आनक......।ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।राजदेव म डलतीनटा किव ता-ग त यक भरममन भऽ गेल पुलिक तगाबए लगलॱ गीतिम िल गेल मंिज लभऽ गेल हमर जीतजेकरा बुझलॱ मंिज लओ कहलक-“अहक नै अिछ अिक ललटकल छी अधरममे50


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>फँसल छी भरममेजेकरा ताकैले एते याससे धेने अिछ अहॴक आसिक एक बखतक करै छी नाशओ तँ अिछ अहॴक पास।”51


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>दरदक भोरअखन तँ भेलै ददक भोरसझमे देखबै अि त म छोरिच िच आइत मन करै शोरकानब तँ सुिख जाएत नोरतानब तँ छूिट जाएत जोड़डरे धेने छी केकर गोड़थाह नै भेटए थोड़बो-थोड़ताकब दरदक अि त म कोरछोिड़ देत ओ हमर पछोड़।52


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>िकछु िदन अयोयाक रिनवास मे रहैक बाद ऋयृंग अपन ीक संग मािलनी घुरल। मािलनी सं पिमभाग िथत अपन आम कऽ सुयविथत केलक।1 ओिह आम मे वेदक अययनक यवथा करल गेल,जे कतेक रास आचायक देख-रेख मे संचािलत छल।एकर बाद ऋयृंग शाताक संग कौिशकीक कातक कजल वन िथत अपन पुयाम सेहो घुरल। ई विहपुयाम छल, जतय सं गिणका हुनका अंगक राजधानी मािलनी लऽ गेल छल। अंतमुखी युवक ऋयृंगकिबना ई आम सून छल। मन सं वेदक साथक पाठ करय बला ऋयृंग के आबैत लता िहल-िहलकऽवागतािभवादनक मुा मे आिब गेल। िपता िवभाडक अपन पुक अिह उपलिध पर हषफुल छल। शाताजेहन पुवधू कऽ पाकऽ ओ पुलिकत भऽ उठल।अिह पुयाम मे ऋयृंगामक थापना केल गेल, जािह के पिहलुक कुलपित ऋयृंग छल। उर वैिदककाल मे िविवालयक तरक मायता अिह आमके ात छल। तिहयौका आय जाितक शारीिरक,मानिसक, नैितक, आयािमक, भौितक आ सािमक उितक कारण हुनकर िशा णाली छल। रामायणकाल म ऋयृंगाम बड़ चिचत छल। महाभारत मे सेहो एकर संित िववरण भेटैत अिछ। पंिडत रामदीनपडेय िलखैत अिछ जे ऋयृंग अपन युगक महान आचाय छल। िचिकसा शा मे हुनकर अुत वेशछल। महाभारत युग मे ई आम बड़ रास हिरहर छल। युिधिर वनवास काल मे लोमश ऋिषक संग अिहआम मे आयल छल। आम मे दस हजार छा सभोजन, सव आ िनशुक िशा ात करैत छल।2अिह आमक चारी मे भित, शुता आ पिवताक संग धािमक वृिक उदा आ गिरमामय छल। ओसभ दैिनक िया, संयोपासन, वतक अनुपालन आ धम समिवत उसव से हुनक जीवन मे उित,आमिवास, आमबल आ आिमक शित चुर प सं भेटैत छल। आचाय कुल मे अिन-पिरचयक सभिदन पालन, चारीक लेल एकटा धािमक वतक समान छल आ ई आमक अनुशासनक महवपूण अंगछल। आचाय ऋयृंगक कुशल कुलपितव मे ई आम जबूीप म चिचत भऽ गेल। वेद आ ओकर सभटाअंगक संग िचिकसा शाक गहन ान चारी छा सभके देल जायत छल। सिमधा आ मेखला संअपन वतक िनयम सं पालन करैत चारी म, तप आ गुसभक आशीवदक भाव सं अययन मेसफलता ात करैत छल। ऋयृंग आम मे तप चय जीवनक आवयक अंग छल। तप सं हुनका मेआमसंयम, आमिचंतन, आमिवास, आमिवलेषण, याय वृि, िववेक भावना अ आयािमक वृिक उदयहोयत छल।कुलपित ऋयृंग अपने य देवताक साकार प छल। कहल जायत अिछ जे ओ जीवनभिर य केलकआ करौलक। ओ एहन कतेक रास यक संपादन करैलक जकरा लेल मा विह टा सम छल। गृहथकलेल ओिह युग मे पच महायक िवधान छल। ओ य छल, व य, िपतृ य, देव य, भूत य आनृय।355


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>पिहलुका िवान ऋिषक ित ा यत करैत वेद मंक पाठ कऽ अपन बौिक उकष करब आ यािकसमारोहक अवसर पर वायायक यवथा करब यक िवधानक अंतगत छल। िपतरक ा तपण सभिपतृ यक अंतगत संप होयत छल। देवताक लेल अिनक आहुित आ इं, अिन, जापित, सोम, पृवीअिद देवताक नाम अिन मे सिमधा दान करव देव य छल। अिनकारी ेतामाक तुिक लेल भूत यआ अितिथ देवताक सकार नृय छल।वेदक मंा ऋयृंगवेदक महा सावदेिशक आ सावकािलक अिछ। सयताक उषाकाल सं वेद समादृत आ अपौषेय अिछ।अिह देशक ा पवत सं िनकलल पितत पावनी गंगाक संपश पा सं सभटा िव चमकृत आ आािदतभेल अिछ। शुल यजुवदीय ाण ंथ शतपथ ाणक प कथन अिछ,'यावतुं ह वै इमा पृिथिवं िवेन पूण ददत लोकं जयित ििभतावन जयित: भूयसं च अयं च य एवंिवान: अदृ: वायायमधीते, तमात् वायाये अधेयतय:।'शतपथ वाण 11-5-6-11(अथत धनसं पिरपूण पृवीक दान करिह सं जतेक फल भेटैत अिछ, वेदक अययन से सेहो ओतेक फलभेटैत अिछ। ओतबै टा निह, ओकरो से वि़ढ के मनुख अिवनाशशाली अय लोक कऽ ात करैत अिछ।तािह सं वेदक वायाय करब वड़ आवयक आ उपादेय अिछ।)पुरान कालक ऋिष वड़ िनावान आ तप:शील मनुख छल। समािधथ अवथा मे ओ अपन पिरवेशकअितमण कऽ मंक दशन केलक। तािह सं ऋिष वेदमंक ाा नै, ा कहल जायत अिछ। ऋवेदकयेक मंक ा िकयो नै िकयो ऋिष अिछ। हुनकर संया लगभग तीन सौ टा अिछ। अिह मे िकछुऋिषक नाम अिछ4-मधुछद, शुन:शेष, कव, गौतम, अगय, गुसमद, िवािम, ऋषभ, देवव, वामदेव, अि, पृथु, कृण,अपाला, देवल, भृगु, यवन, सुिम, अिनपूय, विहष, सुदास, यृंग, चेता, उवीवा, अधमषण, भाराज,वीतहय, गग, विश, मेधाितिथ, वस, शशकण, नारद, िवमना, नाभाग आिद। ई पुष सभक अलावा ीसेहो मंा छल। अिह मे लोपमुा, गौरी, जुहू, शची, घोषा, लोमशा, िवधारा आिदक नाम उलेखनीयअिछ। ई ऋिष सभ अपन मंमे मूलत: ईरक िदय िवभूितक ित अपन ामक उगार यत केनेअिछ।यजुवदक िवभाजन56


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>चतुवद मे यजुवदक संबंध यानुान से अिछ। अिह मे संकिलत मंक िवषय य िविधक संपादन करबअिछ आ कोन य मे कोन कडक मंक यवहार करबाक चािह, ओकर िविध यजुवद मे देल गेल अिछ।तािह सं वेद कमकड धान अिछ। वषक गणना ते किठन अिछ, मुदा ऋयृंग सं लगभग पच पीढ़ी पिहनेयजुवदक िवभाजन भऽ गेल छल, जे कृण यजुवद आ शुल यजुवदक नाम से जानल जायत अिछ।अिह संबंध मे िवणु पुराणक तृतीय अंशक अयाय पच मे एकटा कथा अिछ। महिष वैशपायन यजुवदजेहन वृक साइस शाखाक रचना केने अिछ। ओकरा अपन िशय के पढ़ौलक। हुनकर परम धािमक आहुनकर सेवा मे तपर रिह बला िशय यावय छल। एकटा काल मे सभटा ऋिष सभ ई िनयमबनौअलिखन जे िकयो ऋिष महामे पर िथत हमर अपन समाज मे शािमल निह होयत ओकर सात राितके भीतर हयाक पाप लागत। अिह तरह जािह काल के ऋिष सभ िनयत केने छल,ओकर वैशपायनअितमण कऽ देलक। एक बाद ओ मादवश अपन भानजाक हया कऽ देलक। एकर बाद ओ अपनिशय सं बाजल, अह सभ कोनो तरहक िवचार नै कऽ हमरा लेल हयाक पाप के दूर करिह बला वतक।अिह पर यावय बाजल, 'भगवन! ई सभ ाण बड़ िनतेज अिछ। हुनक क दैके कोन जरतअिछ? हम असगरे अिह वत अनुान करब। अिह सं वैशपायन तमसा गेल। ओ बाजलिखन, अह ई सभाणक अपमान केने छी। अह जे िकछु हमरा सं पढ़ने छी,ओ छोि़ड िदओ। अह अिह िज े केिनतेज कहैत छी। हमरा अह जेहन आा भंगकारी िशयक कोनो योजन निह अिछ।'िलओ, हम जे िकछु अह से पढ़ने छी, ओकरा घुरा रहल छी'।ई किह यावय िधर सं भरल मूितमान यजुवद वमन कऽ हुनका घुरा देलक आ वेछा सं चिल गेल।यावय के वमन करल यजुुती के दोसर िशय तीतर बिनके हण कऽ लेलक। तािह सं ई सभतैिरीय कहौलक।यावय यजुवदक ाितक इछा सं संयम िच सं सूयनारायणक तुित करलक। भगवान सूय अ पमे गट भऽ कऽ अभी वर मगिह लेल कहलक। तखन यावय हुनका णाम कऽ बाजल, अह हमराओिह यजुुतीक उपदेश िदये जे हमर गु निह जानैत अिछ। हुनकर एहन कहला पर सूय हुनका'अयातयाम' नामक यजुुतीक उपदेश देलक, जकरा हुनकर गु वैशपायन सेहो निह जानै◌ैत छल।मायिदन शाखायावय ओिह वाज ुत के अपन कव आिद पंह िशय के दान करलक। ओिह मे मयिदन महिषारा ात यजुवदक िवशेष शाखा के मायािदन कहल जा लागल। शुल यजुवदक मायािदन शाखाक मंके महिष कायायन महिष कयप के, महिष कयप महिष िवभाडक के आ महिष िवभाडक ऋयृंग केदेलक। ऋयृंग अिह मंक खर दृ छल। अिह मंक सं अे राजा रोमपादक एतय वृि य केने57


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>छल। ऋयृंग अिह शाखाक मंाक संग अिह शाखा वपक ओत-ोत िन छल, जािह सं ओजतय कौ जायत छल, ते हुनकर पदापणक संग ओिह भूिम पर इं देवता वष कऽ दैत छल।5वाजसेनी पु यावय ारा न हय के कारण शुल यजुवदक अिह संिहताक नाम वाजसनेय संिहतापड़ल। अिह कार यजुवदक तैरीय आ वाजसनेय अिह दोनॲ शाखाक िनमण भेल। वाजसनेय संिहता मेराक उित आ ओकर सुख-शितक लेल बड़ रास भावना सभ अिभयत केने अिछ। 'हे िपतृदेवो!नमकार! अहक कृपा से वसंत ऋतु रा के सुखी करय'। 'हे िपतर नमकार! अहक कृपा से देश मेीम अनुकूल रहय'।6ऋतु सभके राक अनुकूल बनाबै आ जल बंधन मे िवशेषता ात करय बला ऋयृंग अपन समय मेमंक िसता ात कऽ चुकल छल। बामीिकक काल मे शुल यजुवदक बड़ भाव छल। ऋयाम मेएकर गहन अययन होयत छल। मुदा ओिह काल तैिरीयक िशालय सेहो कायरत छल। अयोयामे एहनएकटा िशण संथानक उलेख वामीिक केने अिछ। अयोया काड (32-15,16) मे राम लमणक आदेशदैत अिछ, लमण! यजुवदीय तैरीय शाखाक अययन करिह वला वाण के जे आचाय आ संपूण वेदकिवान अिछ, संग ही जािह मे दान ाितक योयता अिछ आ जे माता कौशयाक ित भितभाव रािखितिदन हुनका लग आिव के हुनकर आशीवद दान करैत अिछ, हुनका सवारी, दास, दासी, रेशमी व आजतेक धन सं वाण संतु हुयअ, ओतेक धन खजाना से िदयािवओ।आम यवथारामायण कालक िविभ ऋयामक अययन सं ई ात होयत अिछ जे आम मे गुक वाद आचाय आकुलपितक गणना केल जायत छल। कुलपितक अधीन दूर-दूर ठाम सं आयल सैकड़ॲ छा िवाययन करैतछल। ोियक संा ओिह अयापक वग कऽ देल जाय छल िजनकर तामिसक वृिक परंपरागत वैिदकअययन आ तपया सं शमन भऽ चुकल अिछ। तापसगण तपोिनरत रहैत आ अपना लग आविह वला केिशा दैत छल। ओ वनवासी छल अ हुनकर उपदेश अरयक मे िलिपव अिछ। उपायाय लोक शुक लऽकऽ शा िवशेष वढ़ावैत छल। लिलत कलाक अयापक िशक छल। तुंव असराक गान-िशक छल।एकर अलावा, आम मे पिरवाजक सेहो रहैत छल। ओ िनवृि माग होयत छल। ओ अवकाशक कालघूिम-घूिम कऽ िनवद आ वैरायक जीवनक सवय येयक तरहे चार करैत छल।7 दोसर आमक तरहेअिह ऋयृंगक आम मे अयापक के कोनो वाहल आय निह छल। िशय सं िनयत शुक लै के थाकमाण नै भेटैत अिछ। एतय गु पुरोिहत सेहो होयत छल। अिह सं य याािदकक अवसर पर दानदिणा पयत भेट जायत छल। एकर अलावा, अितिरत आम के कृिष सं सेहो पयत आय होयत छल।आमक छा मे तपवी जना याग आ सिहणुता अपेित छल। नातक वनिह धिर हुनकर नैिक वचयवतक पालन करव अिनवाय छल। अिह आम मे ान-िवानक अजा धारा वहैत छल। िवाथ िपता-पुक परंपरा सं वरावर आवैत रहैत छल। अिह आम मे कतेक रास पिरवारक कतेक पीढ़ी िशा ात58


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>कऽ चुकल छल। अिह आम मे मुिन-िशक अपन ी (मुिन पय:) आ संतान (मुिन दारका:) संग रहैतछल।ाचीन भारतक इं खंडक (पूव भाग) दूटा आम िमिथलाक सीरवज जनकाम आ अंगक उरविरया भागिथत कजल वनक ऋयृंग आम तवक िववेचन, िवलेषण, िचंतन, अनुसंधान आ िनणयक लेल िसछल। तिहयौका भारतक सभ आम मे संािमकताक िशा देल जायत छल। वयं राम विशाम संदोसर िवषयक संग संािमकता मे नातक आ िविमक िसाम से नातकोरक िशा पायल छल। आममे◌े संािमकताक िशा शु (असुर) के संहार शित के चुनौती दैक लेल छा के देल जायत छल। जतय-जतय असुरक सैय छावनी छल ओतय िथत आम मे संािमकताक उचा िशा दैक यवथा छल।ऋयृंग आम आसुरी गितिविध सं दूर एकत देश मे छल। तािह सं अिह आम मे संािमकताक िशाककोनो महव निह छल।यऋयृंग अपने वृि यक अितीय आचाय छल। अपन ससुर अंग नरेश रोमपादक राय मे किहयोअकाल निह पड़य, एकरा लेल ओ शुल यजुवद संिहताक वाजसेनीय मयिदन शाखा सं कतेक रास ऋिष-मुिनकऽ साी रािख सफल वृि य केने छल।वैिदक युग मे यक सवसे वेसी महा छल। य अिन संप होयत छल। उर वैिदक काल मे सेहोयक महव कम निह छल। देवता आ मनुखक वीच संवंध थापना मे यक महवपूण थान छल। उरवैिदक काल धिर कतेक रास य चिलत भऽ गेल छल जिह मे अिनहो, दश, पूणमास, चतुमय,आयण, िनढ़, सौामणी, िपडिपतृ य, सोम य, षोडशी, अितरा, पुषमेध आ पंचमहायक अलावागवामयन, वाजपेय, राजसूय आ अमेध जेहन य तिहयौका भारतीय समाज मे माय छल। य आयकिमलन थल सेहो छल। ऋयृंगाम मे यक संपादनक िवशेष पाठ¬म छल। कजल वनक पुयामवेद विन सं गुंजायमान छल।8सयताक समवयउर वैिदक कल मे भगवान िशवक महा वड़ वढ़ल छल। ओ युग आय आ आयतर जाइतक सिमलन,सिमण आ समवयक युग छल। भगवान िशव आयतर जाइतक अराय देव छल। हुनका दरिकनार कऽसमिवत आय सयता आ संकृितक गठन असंभव छल। एहन िथित मे युगा ऋिष केर भगवान िशविदस आकृ होयव वाभािवक छल। वैिदक जे उपहतु (वंसक) छल, ओ उर वैिदक काल मेकयाणकारी िशव विन गेल। वेद मे सं कतेक रास के उूत मानल गेल अिछ, जे भगवान िशवकयापकता कऽ रेखिकत करैत अिछ। तािह सं अिह के गणपित, कुभकार, कमकार, रथकार, वाजीगरआ िनषाद जेहन दिलत, उपेित आयतर जाइतक वामीक तरहे वीकार करल गेल अिछ। अिह तरहे59


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>भगवान िशव उपयुत शोिषत, दिलत, उपेित आ अनाय जाइतक उपाय आ आराय देव छल।9 तकालीनतवदश ऋिष अिह आयतर जाइत के आय सयता संकृितक महािसधु मे िवलीन कऽ दैक लेल संकिपतछल। एकरा लेल ओ िशवक सामाय देवक तरहे निह मुदा महादेवक प मे पूजा करलक।अनायक परमपूय आराय देवता रहैत भगवान िशवक िता, महानता आ यापकताक कारण ई छल जे ओअपन ऐय सं देवता के, शित सं असुर के आ योग सं ािण सभके पराभूत केने छल।10 ई िनिववादअिछ जे भारतीय सयता आ संकृितक गठन मे भगवान िशवक िवराट भूिमका अिछ। जॱ िशव के अिह संअलग कऽ देल जाय ते अिह सयता, संकृित के िथत हेवाक लेल कोनो आधार निह भेट सकत।ऋयृंग आमक समत े मे वायक िनवास छल। अथववेदक (11-2-7) अनुसार देवता सभ महादेवके िविभ िदशाक वायक वामी िनयुत केने छल। संभवत: अिह तीकक वप भगवान िवणु एतयविशला पर िशविलंगक थापना केने छल। वराहपुराणक उराधक एकटा पुरा कथा मे अिह तय कऽरेखिकत करल गेल अिछ।िवणु ारा थािपत िशविलंग के ऋयृंग फेर सं पुनजगृत करलक। एकर उलेख िशव पुराणक चतुथ संिहताक सातम लोक मे भेल अिछ। एकर अनुसार, कौिशकी कात िथत िशव धाम मे दधीिचक रणभूिम मेृंगेर, वैनाथेर आ जपेर नामक िशविलंग िस अिछ।'ृंगेर नाावै वैनाथ तथैव च।जयारतथा यातौ यो दधीिचरण थले।'चौवीस हजार लोक वाले वायु पुराणक एकटा अंश िशवपुराण अिछ। ऋयृंग ारा पुनजगृत केल जायवला भगवान िशवक ई इिलंग उर वैिदक काल सं आय धिर मंयुत, मंहीन, ियायुत, ियाहीन,ानी, अानी सभक लेल दशनीय वा पूजनीय अिछ।दूर ठाम धिर फैलल िवशाल विशला सं ई इिलंग जुड़ल अिछ। एखुनका िशविलंग सं तीन गुना वेसीमोट ओ दस फीट नीचा विशला धिर अिछ। िलंगक आंतिरक वप भय आ अुत अिछ। िशव पावतीकअसंय ितमा ओिह पर उकीण अिछ। ऋयृंग अिह िशविलंग के पुनजगृत कऽ आय आ आयतर संकृितकऽ एकाकार कऽ देने छल। ऋयृंग ारा एकरा पुनजगृत करिह के कारण ई इिलंग ृंगेरक (यािसंहेर) नाम सं िवयात भेल।दिाय मे तपयाउर वैिदक काल धिर आय संपूण उर भारत मे पसैर चुकल छल। अे कतेक रास समृ जनपदक सेहोथापना केलक। उर भारत मे कतेक रास ऋयृंग आम थािपत छल। किन-किन असुर दिणापय60


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>िदस िसमटैत गेल। एतय मुयत: हुनकरे शासन छल। तकर वादो आय सयता आ संकृित के दिणायमे पसारैलक उेय सं कतेक रास ऋयाम िमशनरीक तरहे काज कऽ रहल छल। अिह ऋयाम केसमय-समय पर िनरीण करैक दाियव भगवान िशव पर छल। ओ अिह ठाम अवाध आवैत-जायत छल।यािक ओ असुर सभहक सेहो अराय देव छल। राम सवसे पिहलुक आय देवता छल जे दिणाव मे पइरराखलक। ओ एतय कायरत आय ऋयाम के असुर सं अभय कयलक। िनिशचर हीन करॱ मही भुजउठाय ण कीह।उर भारतक ऋिष सेहो दिणाय जा कऽ तप करैत छल। तपक लेल दिणायक ठाम वड़ उपयुतचल। ऋयृंग सेहो दिणायक जे ठाम मे अखड तपया केने छल ओ तप:पूत थल आय ृंगेरी ेकनाम से चिचत अिछ। ृंगेरी ाम, ृंगेरी पवत आ ृंगेरी तालाव आययो ओिह महान तपवीक तपयाकसाी अिछ। हजार वरखक वाद आ शंकराचाय अपन पिहलुक मठ ृंगेरी मे थािपत केने छल आ ओतयसं िदिवजयक लेल अपन अिभयान शु केने छल। शंकराचाय ओिह ठाम पर देखलक जे कृित िवरोधधम ेम, सेवा आ दयाक आगू ाणी कोन तरह अपन वाभािवक धम के िवसुिर के कयाण काज मे िनरतभऽ जायत छल। थाकल-मदल योगी शंकर एकटा वटवृक नीचा वैसल छल। वड़ गम चल। आपसी ेषके िवसुिर के एकटा नेवला आ सप खेल रहल छल। ओतय सप अपन आहर एकटा वग कपा मुंह संपकि़ड पइन मे छोि़ड दैत छल। ओ िविमत भऽ जायत अिछ। ई ऋयृंगक तपया थली छल, जकरमहा आय धिर दृिगोचर होयत अिछ। अे महान ऋयृंगक ित ावनत भऽ कऽ अपन िशय सं कहैछिथन, जतय व मे अपन अंतकरण के लगा दै वला ऋयृंग आय धिर तपया कऽ रहल अिछ। आजतय पश मा सं कयाण दिह वला तुंगभा सुशोिभत होयत अिछ, जतय अयागत पुषक पूजा संकपवृ के सेहो लजावै वला, समत वेद कऽ पढ़य वला, सैकड़ॲ टा य सं स हैय वला शातिचसजन लोक सभ िनवास करैत अिछ।11शंकराचाय अिह तपथलीक तुित करलक आ ओतय िवाहण मे समथ िवान िशय के अपन मुयभायक अययन सेहो करैलक। एतय सं वौ के सेहो शा से परािजत कऽ सनातन धमक पुनथापनाकलेल िदिवजयक लेल चलल छल शंकराचाय। अिभयानक पूव आचाय शंकर ृंगेरी मे अपन पिहलुक मठिनमण कऽ वेदत िवापीठक थापना कएलक। एे सं सनातन धमक चाराथ मीमसक वचारीक समुदायसयास सदाय मे दी◌ा ह करैत छल।12 ऋयृंग सेहो अपन कालक अितीय मीमसक छल। ओ ऋिषकुल आम मे कतेक ऋिषक आमज आ मानस पु के मीमसाक अययन करावैत रहल।ृंगवेरपुर वृतातऋयृंग अपन ताप सं उर पिम गंगाक वाम कात पर सेहो तपया करले छल। ई ठाम िनषादशासकक अधीन छल। आजुक काल मे ई ठाम इलाहावाद-उाव राजमाग पर िथत अिछ। एतय गंगा कातपर एकटा वड़ पैग टील अिछ जकर लगभग आधा िहसा गंगा मे किट चुकल अिछ। यिह ठाम अिछऋयृंगक तपोभूिम ृंगवेरपुर। एतय मंिदर मे ऋयृंग आ म शाताक भय मूित थािपत अिछ। रामायण61


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>मे ृंगवेरपुरक वड़ महव अिछ। अपन वनवासक काल ीराम अपन अनुज आ ीक संग एतय नाव संगंगा पार केने छल। पुरवासी सभक संग भरत जखन राम मे िमलैक लेल िचकूट गेल छल, तखन ओृंगवेरपुर आयल छल। कािलदासक रघुवंश आ भवभूितक उर रामचिरत मे अिह पुय थलक गौरवपूणउलेख अिछ। तुलसीदास एकर िसंगरौरक ाचीन नाम सं उलेख केने अिछ-'केवट कीह वहुत सेवकाईसो जािमनी िसंगरौर गंवाई।'ई ठाम ऋयृंगक तपया भूिम अिछ। ऋयृंग मंिदर सं आध िकमी दूर गंगा मे िवभाडक कुडक नाम संघाट सेहोवनल अिछ।ृंगवेरपुर िनवासी राजा रामद िसंह (18वॴ सदी) आयाम-रामायणक टीक मे एतय ऋयृंग आम हेवाकसंग अिह महिषक जीवनक अयाय वृतात के अिह ठाम सं जोड़वाक य केने अिछ। हमर िवचार संअपन जमभूिमक ित मोह हेवाक कारण राजा एहन केने होयत। ृंगवेरपुर के ऋयृंगक जमभूिममानवाक एितहािसक भूल अिछ यािक महाभारत मे प िलखल अिछ-'एषा देवनदी पुया कौिशकी भरतषभिवािमामौ रय एश चा काशते।आमैव पुयाय: कायपय महामन:।ऋयृंग सुतौ तय तपवी संयतेिय:।'कौिशकीक कात पर जतय िवािमक आम छल, ओतय पुयाम मे महिष कायपक िजतेिय वंशजऋयृंगक आम छल। एक ऋिषक अपन मुय आमक अलावा कतेक ठाम हुनकर उपआम होयतछल।पुयाम मे ादश वषय यऋयृंगक मुय आम कौिशकीक कात पर पुयाम मे छल। ओ जतय-जतय तप करलक ओतय उपामवनौलक। ओ अपन जीवन मे किठन तप आ योग साधनाक संग य के मो ाितक साधना वनैलक। ओसमत भारतक पिव थलक सेहो मण केलक।ओ कतेक रास किठनतम य केलक, जािह मे ादश वषय य सेहो छल। अिह यक वड़ पैग मािमकवणन भवभूित अपन उर रामचिरतक थमक मे केने अिछ।62


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>अयोया मे सभ िदन कोनो नै कोने उसव हैत छल। अिह वीच एकटा िवदेशी अयोया आवैत छल आराजधानी मे उसव नै हैत देिख के एकर कारण जानैल चाहैत अिछ। नट एकर उर दैत अिछ जे उसवनै हैक कारण अिछ जे रामक माता महिष विशक ी अधतीक संग अपन दामाद ऋयृंगक आम मेय देखिह लेल गेल छिथन।'विशािधिता देयो गता रामय मातर:।अधती पुरकृय ये जामातुरामम्।'ई सुिन के ओ िवदेशीक ाकुलता आरो वि़ढ जायत अिछ। ओ पूिछ दैत अिछ जे ई जमाता के अिछ? नटउर दैत अिछ जे राजा दशरथक पुी शाताक पित अिछ ऋयृंग, हुनके कते हैवला य मे भाग लैकलेल रामक माता सव गेल छिथन।'िवभाडक सुताताम ऋयृंग उपयेमेतेन च सातं ादश वािषक स मायं।तदपुरोधात कठोर गभपित वधूं जानकी िवमुयगुजनत: गत:।'ई प अिछ जे रामक माता ऋयृंग के अपन जमाता मानैत अिछ। यिह कारण अिछ जे गभवत सीताके छोि़ड के अपन पुी शाता आ जमाता ऋयृंगक ित अकूत नेहक कारण माता ऋयृंगक अम मेपधारैत अिछ।मुिन अाव सेहो य मे उपिथत छल। ओ अिह महान यक समाचार लऽ कऽ पिहने अयोया घुरैतअिछ। राम शाता के अपन पैग वहीन आ ऋयृंग के अपन पैग वहनोई जेहन समान दैत य कऽ लऽकऽ पूछैत अिछ'िनिव: सोमपीथी आवुंते मेभगवान ऋयृंग आय च शाता।।'राम ऋयृंग के आवुंत (वहनोई) आ भगवान (पैग) आ शाता के पैग वहीन (आय) जेहन समान दैतअिछ।सीता सेहो कुशल पूछैत अिछ,63


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>अिव कुशलं स जमातु अस।एतवे टा नै सीता के ईहो िजासा अिछ जे ऋयृंग के हुनकर याद आवैत अिछ की नै?अहमेव सुमरेित?अाव एकर उर विरत दैत अिछअथ िकम्? (आ◌ैर या?)मु◌ुिन अाव सीताक लेल हुनकर ननद शाता के ई यार भरल संदेश सेहो राम के दैत अिछ जे सीताकगभवथाक काल जिह वतुक इछा हुए, ओ हुनका उपलध कराओल जाय।गभ दोधेअया भवित सोऽवयम िचरात सपादियव।एकर संगे अाव सं संदेश भेजकऽ ऋयृंग सलहज के य मे निह वजावैक कारण वुझावैक संगसंवोधोिचत पिरहास सेहो कऽ लैत अिछवसे! कठोर गभित नािनतािस।वसोऽिप रामभस िनोदाथमेव थािपत:। तपु पूणसंगामायुयित दयाम्।अथत वसे! (वची) गभवती हेवाक कारण अह एतय निह आिव सकलहुं आ वस राम ते अहकमनोरंजनक लेल अयोयामे अिछयै। हम ते अह के पु सं भरल गोदवाली देखव। ऋयृंग ारा राम केवस आ सीता के वसे किहके पुरारव सं प अिछ जे दूनूक ित ऋयृंगक छोट साढ़ आ सलहजकेम छल।13ई ादश वषय महाय कौिशकी तट िथत ऋयृंगक मूल आम मे भेल छल। िकछु िवान एकरा रेवानदी (नमदा) आ समुक संगम थल पर हय के गप करैत अिछ।14 जे संिदध अिछ। ओिह साधन िवहीनयुग मे अपन मूल आम सं हजार मील दूर एतेक वृहद दीघकालीन किठन यक संपादन करव उपयुतनिह जािन पड़ैत अिछ। ओिह ठाम पर अिह यक कोनो िच सेहो निह अिछ। कोनो ठोस विहसय सेहोनिह अिछ जे िस कृ सकय जे य अमुक ठाम पर भेल छल। मुदा ऋयृंगक कौिशकी तट िथत मूलआम अिह महान यक साी अिछ। आमक लग कोशीक कात मे सतोखर गाम वसल अिछ। एतयहजारॲ वरख पुरान सात िवशाल य कुड तालावक प म एखनो अिछ। दू टा कुंड ते कोशी के पेट मेचिल गेल मुदा पच टा एखनो अिछ। िकछु दशक पिहने अिह कुंडक जीणार करय लेल खोदल गेल तेओिह मे राखक वड़ मोट-मोट परत िनकलल छल। परत एतेक मोट छल जे ओ कोनो एक िदन या एकमाहक यक राख निह भऽ सकैत अिछ। ई िनित प सं वरख भिर चलल यक राख होयत। सात64


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>कुंड एक संग रहवाक कारण एकरा सत पुकर कहल जायत छल। कुंड पुकरेक प छल। विह सतपुकर आव सतोखर विन गेल अिछ।ऋयृंग जेहन महान वैािनक ारा संपािदत अिह तरहक य कतेक अथ मे महवपूण अिछ। ई आ◌ैषिधकअनुसंधान, शोध आ परीण सेहो अपन यशाला मे करैत छल। आयुविदक गुण सं युत सिमधाक चयनआ योग, वनपितक गुण-दोष िववेचन आ हुनकर यवहारक गवेषणामक अययनक लेल अिह ठामकअितिरत आ◌ैरो ठाम ओ एिह तरहक महान य करने होयत ते ऋयृंग जेहन महान यािकक लेल असंभवनै। मुदा सभी कोण सं परीणक पात ई िनिववाद अिछ जे ओ ऋयृंग आम (वतमान िसंहेर) मेादश वषय य केने छल, जािह मे आयवतक सभ ऋिष-मुिन भाग लेने छल। संगेसंग अयोया सं रामकमाता, विशक ी अधतीक संग य मे भाग लैक लेल आयल छल। वारह वरख तक अनवरत ई ेवेदमंक समूह गान सं गूंजैत रहल छल।महानदीक गट हेवाकाकृितक जल ा◌ोत के सुयविथत कऽ ओिह सं िसचाईक यवथा करिह मे ऋयृंग िसहत छल।एखुनका छीसगढ़क िसहोवा मे महानदीक उगम अिछ। ऋयृंग सं पिहने अिह नदीक अितव निहछल। िवशाल पथर सं झपल उगम के भगीरथक यास सं ई ऋिष नदी मे अवतिरत केने छल। परीणसं हुनका ात भेल जे िसहोवाक िशला मे अगाध जल ा◌ोत अिछ। जौ जल ा◌ोतक िनकासी आ वहावसुयविथत कऽ देल जाय, ते ई एकटा वड़ पैग नदीक प लऽ सकैत अिछ।ऋयृंग एहने करलक। ओ लोककयाण, लोक रंजन आ लोक मंगलक लेल जनसहयोग सं अिह दुकरकाजक संपादन करलक। अिह कार महानदी कट भेल। िकंवदंित ते ई अिछ जे हुनकर कमंडल मेपुेि यक वचल मंिसत जल छल। ओिह से ऋयृंग महानदीके गट केलक।15 कथा जे भी िहए,िसहोवा एखुनका रायपुर िजला मे अिच। ई दडकारय ेक मुख थान अिछ। िसहोवा पवत िशखर परऋयृंगक मंिदर अिछ आ माता शाताक नाम पर एकटा गुफा सेहो अिछ। ाकृितक वातावरण सं संप ईएकटा दशनीय थल अिछ। महानदीक उगमक रमणीयता ते अकथनीय अिछ। मय देश मे चदा(चदनपुर) मे सदक या भाडक आम अिछ जे िवभाडकक िवगड़ल प अिछ। सोयतकल (शाजापुर) मेऋयृंगक मंिदर सेहो अिछ। वेहट (िजला वािलयर) ऋयृंग गुफा मे हुनकर मूित थािपत अिछ। उजैनमे सेहो ऋयृंगक आम अिछ, जतय वषक लेल हुनकर मूित वनाके अनुान केल जायत अिछ।वंश िवतारऋयृंगक वंश िवतार सेहो भेल अिछ। हुनकर पु सारंग ऋिष छल। ओ वड़ तपोिन छल। ओ वेदकगहन अययन केने छल। हुनकर चािर टा पु भेल। चारो पु उ, वाम, भीम आ वामदेव आजम वचयवत धारण कऽ योग साधनारत भऽ कऽ व मे लीन भऽ गेल। शेष चािर पु वस, धौयदेव, वेददृग आ65


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>वेदवाहु वचय पूवक गृहथ आम मे वेश कयलक। हुनकर वंशज िशखवाल (ृंगीवाल) वा अिछ, जेसंपूण देश मे पसरल अिछ। ओ समृ, िवानुरागी आ उकृ समाजसेवी अिछ।वेदवेा सारंगक पु वसक वंश मे मीमस शाक रचियता जैिमनी भेल।ओना ऋयृंग वैिदक कमकाड आ याकम मे िवशेष द छल। मुदा अिह ऋिषराजक पात वाण ंथआ उपिनषदक रचनाकाल मे ऋिष सभ ारा जीव व संवंधी िवशेष िचंतन मनन अवेषण करैत रहय संवैिदक यािद परंपरा मे िवकृित आ िविभता आिव गेल। तखन महिष जैिमनी य मे पूववत एकपताआनय के उेय सं वेदक माणक मुतािवक, यक िनपण आ ितपादन करैत यािद कमक साथकिववेचन करलक। अपन कामनाक पूितक लेल िविधवत य करव जैिमनीक अनुसार धम अिछ। तािह संओ मीमसाक दशन आरंभ अथातो धम िजासा सू सं केने अिछ।ओना तै वैिदक कमकाडक िवधान मे तिहयौका िवरोधक िनवारण आ वैिदक उितक अथक समुिचत िनपणिदस ुितकाल मे ऋिष सभहक यान गेल छल जकर माण वैिदक संिहता मे युत मीमस आिद संा पदसं भेटैत अिछ। ई दशन कम पर िवशेष वल दैत अिछ आ वेदक अपौषेय आ िनय मानैत अिछ। एकरसािहय संपि सेहो िवशाल अिछ।पचम पिरछेदऋयृंगक समकालीन दोसर चिचत ऋयामरामायणकालक िशखर पुख छल ऋयृंग। हुनकर आम िवाक थायी क छल। एकर अलावा पूरे देशसेहो आम सं भरल-पुरल छल। ओिह मे ान-िवानक अज मंदािकनी वािहत छल। रामायण कालआसुरी शित पर आयक िवजयक जुग छल। ई िवजय अ-श सं संभव नै छल। अिह काल मेआयवत छोट-छोट राय मे वंटल छल। सव राय वतं छल आ सभहक अपन पृथक सेना छल। महिषवनिह सं पिहने िवािम लग सेहो चतुरंिगणी सेना छल। सेना मे हाथी, घोड़ा, रथ, पैदल सभ चल।िचकूट यााक काल भारतक अौिहणी सेना मे नौ हजार हाथी, साठ हजार रथ, दोसर-दोसर आयुधधारीअसंय धनुधर आ एक लाख अारोही सैिनक छल। अिह तरहे रामायणकाल श पिरचालनक युग छल।अिह कारण देश मे पसरल ाय: सभटा आम मे सैय िशा, आयुध पिरचालन, शोध आ िनमणक िशाअिनवाय छल। िसाम, भाराजाम, अगयाम, सुतीण आम, वामीिक आम, विश आम आिद मेसंािमकताक िशाक भरपूर वंध छल।आय सयता आ संकृितक समूल न करिहक लेल रावण मलद, कष आ जनथान मे अपन िवशालसैय छावनी वनैने छल। अिह थान मे आय ऋिष-महिषक वड़ पैग-पैग आम छल जतय रिह के िवाथसव तरहक िशा आ यावहािरक ान हण करैत छल। िवािमक िसाम आ अगयाम मे जखैनकिहयो अययन, िचंतन-मनन, अनुसंधान आ यािद िया होयत छल, तखैन आसुरी छावनी मे तैनात सेना66


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>िव उपिथत करैत छल। ई रास वलवान आ यु कला मे िनपुण छल। वयं िवािम एकरा दशरथकआगू वीकार केने छल-मारीच सुवाहु वीयवतौ सुिशितौरामायण वालकड 20/5एहन वलवान रासक संहारक लेल िसाम मे गहन शोध कऽ िनमण करल गेल दूटा िवा उलेखनीयअिछ। ई दूटा िवा सभ तरहक ानक जननी छल। वला आ अितवला, एकर भाव सं भूख-यासक कनिह होयत छल। राम पिहने आचमन किर के अपना के पिव केलक आ फेर महिष िवािम सं अिह दूनूिवा के हण करलक।अिह कार कतेक रास रहयमई िवा सेहो आम मे सृिजत केल जायत छल।आमक वायुमंडल वैिदक मंक घोष सं गुंजायमान रहैत छल। ई वैिदक मंक पूण फल ात करिह केलेल एकरा शाानुसार यथा वर पढ़िह के िवधान छल। अिजत ात कतो िशिथल या िवमृत न भऽजाय, एकरा लेल ाचीन िशािवद दैिनक वायाय आ अयास णाली िनकाललक। वायाय के अपने मेवयं िशण िविध करव वेसी उपयुत अिछ। मुिन कुमार ऋयृंग छा जीवन मे िपतृ सेवा आ वायाय मेएे िनमन रहैत छल जे हुनक मे काम चेतनाक उदय निह भेल।नातक मे सामािजक कतयक पालन करावैक लेल तकालीन िशािवद ऋणािन ीिण केर िसतकितपादन केलक, जकर समाज मे महवपूण ठाम अिछ। एकर मुतािवक, संसार मे जम लय वला सभ लोकपर देव ऋण, ऋिष ऋण आ िपतृ ऋणक भार आिव जायत अिछ। यक अनुान, शाक वायाय आसंतानोपादन सं मनुख अिह सभ ऋण सं मुत भऽ सकैत अिछ। नातक सभ मे पिव सामािजकउरदाियवक भावना उप करिह के लेल ई िसत वड़ उपादेय छल।ऋयृंगक काल मे दोसर जे महवपूण आम आययत मे संचािलत छल, ओकर संित पिरचय एना अिछ-िसाममलद देश मे आधुिनक वसर लग िवािमक ई चिचत आम छल। एकरा महाम सेहो कहल जायतअिछ। एतय छा सभके अलग-अलग तरहक अ-शक िशा देल जायत छल। एतय नव-नव अ-शक अिवकार आ ओकर परीण सेहो करल जायत छल। आय सयता-संकृितक ई पूव क छल।रावण जेहन महातापी साट सेहो अिह महाम सं सिदखन डरल रहैत छल। यिह कारण छल जे ओएकटा सैिनक छावनी एतय वनैले छल जे मारीच, सुवाहु, ताड़का जेहन महाभट सं संचािलत होयत छल।कष मलदक ी सेहो वड़ वहादुर आ साहसी होयत छल। िवािम भगवान राम के एतय सैिनक िशा67


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>देने छल। संगेसंग ओ कतेक रास नव आ परंपरागत पचपन दुलभ अ देलक आ हुनकर योग करिह केिविध वतौलक।1 कोशी तट पर सेहो हुनकर तपया थल छल। एतय ओ एतेक किठन तपया केने छल,जािह सं सृिक मूल च धिर िहल उठल छल। ओ कोशी तट पर पइन माइट आ वातावरणक अनुसारचीना, मडुआ, खेरही जेहन अनाज आ भस जेहन पशुक िवकास करलक। ओ अपन कालक यात कृिषआ पशु वैािनक सेहो छल।उर वैिदक काल मे आयक वीच ई िववाद भऽ गेल जे िविजत दयु कऽ की करल जाय? जौ ओकर वधकरल जाय ते आयक सेवा चाकरी के करत? जॱ ओकर जीिवत राखल जाय ते समाज मे ओकर की पदहोयत आ दासी-पुक कुटुव मे कोन थान होयत?ई िववाद युक प लऽ लेलक। शाक अनुसार, विश आ िवािम मे अिह समयाक लऽ कऽिवरोधभाव वि़ढ गेल। विश रत शुिक पधर छल आ िवािम दयु सभ के आय वनावैल चाहैत छल।िवािमक अनुसार, आयव जम सं नै गाय मंक जप सं शु भऽ कऽ सय आ ऋत सं ेिरत भऽकऽ योपवीत धारण करिह सं ओकर शुि होयत अिछ। कोनो मनुख अिह कार सं नया जम हण कऽसकैत अिछ। िज विन के आय भऽ जायत अिछ। तिहयौका समाज मे ई उदारवादी रीित विह िसखैनेअिछ। अिह तरहे तिहयौक भारतीय समाज संरचना मे िवािमक वड़ पैग योगदान अिछ। ई हुनकरकौिशकी तटक िचंतन-साधनक ितफल अिछ।2राजा जनकक आममहिष यावय अिह आमक आचाय छल। ई िमिथलाक िवान नरेश सीरवज जनकक देख-रेख मेसंचािलत होयत छल। एतय जागितक रहय, जीवनक िविभ जिटल गुथी, जीवन-मरणक समयाकसमाधान आ ान-िवानक तव के साथक अवेषण करल जायत छल।3 अिह आमक नाम एतेक पसैरगेल छल जे िमिथलाक अमराई के संचािलत गौतम आम फीका छल।भाराज आमई आम याग मे छल। एकरा िविवालयक मायता ात छल। ई सवशित आ साधन संप आमछल। ीराम के मना कऽ भरत सदलवल फेर सं अयोया लऽ जाय के लेल िचकूटक वाट मे यागकभाराज आम मे एक राि िनवास केने छल। वामीकीय रामायणक अयोयाकडक अयाय 89-90 मेएकर वणन अिछ। ई वागत वृतत सं पत चलैत अिछ जे ई आम कतेक साधन संप छल। भाराजिवकम, इं, यम, वण, कुवेर, पृवी, आकाश, नदी, देव, गंधव, असरा, िचरथ वन (जेकर गाछअलंकार सं लदल अिछ), उम अ, भय, भोय, ले आ चोयक चुर माा मे यवथा करैत भगवानसोम आिद देवताक आान कयलक आ देवता सभ हुनकर आदेशानुसार भरत केर वागतक सभ यवथाकयलक। एतवे टा नै, हुनकर योगवल सं मलय अ ददुर नामक पवतक सुगंध युत शीतल हवा सभ68


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>लोकक थकान ह लेलक। आमंित नदी मे मैरेय भिर गेल। सैिनक छक कए एकर रस पान केलक। पचयोजन धिर समतल धरती पर नीलम आ वैदुय मिणक समान कतेक तरहक कोमल घास उिग गेल। आममे वेल, कैथ, कटहल, आंवला, िवजौरा आ आमक घना वृ छल। चािर-चािर कोठली सं युत असंयचवूतरा छल। हाथी, घोड़ाक राखिहके लेल अलग शाला छल। राजपिरवारक लेल सुनर ार युत िदयभवन छल। एतय सव तरहक िदय रस, िदय भोजन आ िदय व छल। भरतक लेल कतेक कारकर सं सिजत महल छल। अितिथक वागत लेल हजार िदयगनाएं छल। एतय असराक नृय आ गीतचिल रहल छल। सभ लोक भरपेट मन जोगर भोजन केलक आ छककय मैरेय केर पान केलक। असराकसंयोग पािव के भरतक सैिनक हम अयोया निह घुरव, अिह दडकारय मे रहव, जेहन परपर गप किररहल छल। मृग, मोर अ मुगक मसक संग मिदरापान कऽ सैिनक झूिम रहल छल। आजवाइन िमलाकऽवनाओल गेल, वराही कंद सं तैयार करल गेल आ आम आिद फल के गरम करल रस मे पकाओल गेलउमोम यंजनक संह, सुगंधमय रसवला दाल आ ेत रंगक भात सं भरल सह वण आिद केर पाओतय सभ िदस राखल छल, जेकरा फूलक वजा सं सजाओल गेल छल। भरतक संग आयल सभ लोकहुनका आयचिकत भऽ के देखलक। आम मे सह सोना के अ पा, लाख यंजन पा आ एक अरवथाली संिहत छल। सात-आठ तणी ी िमलकऽ एक-एक पुख के नदीक मनोहर तट पर उवटन लगके नहावैत छल। पैग-पैग आंिख वाली रमणी अितिथ सभ के पैर दवावैक लेल आयल छल। ओ हुनकरभीजल अंग के सूखल व सं पोिछ के व धारण कराकऽ हुनक वािद पेय िपयावैत छल।महिष भाराज ारा सेना सिहत भरत के करल गेल ई अिनवचनीय आितय सकार अुत आ वक समानछल। अिह वृतत सं ई पत चलैत अिछ जे ई आम कतेक समृ आ साधन संप छल। सैिनक िशाकउेय सं ई आम वनल छल, एहन तीत होयत अिछ।4अगयामनािसक सं 36 िकलोमीटर दिण पूव वतमान अगितपुर मे ई आम छल। एकर कुलपित महिष अगयछल। ई सैिनक िशा, आयुध-अनुसंधान आ व िवाक क छल। ई े जनथान कहल जायत अिछ।महिष अगतक आम ते ओिह युग मे भय आ आदरक समािनत छल। अिह आम मे एतेक िववंसकश-अ तैयार होयत छल जिह सं रासराज रावणक दय मे सिदखन आतंक वनल रहैत छल।रावण अिह डर सं ओतय अपन पैग सैिनक छावन कायम कऽ देने छल। राम रावणक वध पैतामह नामकअ सं केने छल। महिष अगय अपन आम मे रावण-वधक लेल एकर अिवकार केने छल। भगवानराम के ओ अिह उेय सं हुनका भट केने छल। पैतामह अ मे पहाड़ के वेधय के शित छल।5 एकरअितिरत अगय राम के हीरा आ सुवण जड़ल िदय धनुष, सूयक समान देदीयमान अमोघ वाण, तीण आजविलत अिनक समान वाण सं सिदखन भरल रिह वला अय तरकस आ सोनाक यान आ सोनाकमूठ वला तलवार भट दऽ कऽ रास केर संहारक लेल आान केने छल।669


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>अगय आम मे ानक िविभ िवभाग छल। व थान, अिन थान, िवणु थान, मह थान, िवववानथान, वायु थान, वाण थान भृित। व थान मे वेदक अययन होयत छल। अिन थाम मे साम गानहोयत छल। एतय मंोचारणक संग सिमधा आहूत होयत छल। िवणु थान मे राजनीित, अथशा,पशुपालन, आमणकारी आ रणशील आयुधक ान दान करल जायत छल। िववथान थान मे योितषकपढ़ाय होयत छल। िचिकसा िवान सेहो एतय पढ़ौओल जायत छल। गड़ थान मे यातायात, यान आिदके ान उपलध होयत छल। काितकेय थान मे वचारी गुम,पि, वािहनी आिदक संचालनक िशा ातकरैत छल। कौवेर थान मे जल संतरण, पोत संचालन आिद केर िशा देल जायत छल।7महिष अि आमई आम िचकूटक दिण मे संचािलत छल। ई तिहयौका आय सयताक मुय क छल। हतिशप कलामे ई अणी छल। वनवास काल मे महिष अिक ी अनुसूइया सीताजी के एहन िदय व आ आभूषणपिहनेने छल जे िनय नवीन, िनमल आ सुहावना वनल रहैत छल। संगेसंग ओ सीताजी के पितवत धमकसेहो िशा देने छल।8वामीिक आमक संवंध मे इितहासकार मे मत अलग-अलग अिच। ई तमसाक तट पर िथत छल। ईिविवालय अपन काल मे िशाक महान क छल। महाकिव भवभूितक अनुसार, एतय छाा सभ सेहोअययन करैत छल। एतय अलग-अलग शाक संग श/अक सेहो िशा देल जायत छल। एकरमाण वयं रामक पु लव-कुश छल। विश आम अयोया मे िथत छल, जतय भगवान राम िशापाओल।गु गृह गये पढ़न रघुराई, अपकल िवा सव पाई।रामचिरतमानस, वालकाडमहिष विशक दोसर आम िहमालयक तलहटी मे सेहो छल, जकर वणन रघुवंश नामक महाकाय मेकािलदास केने अिछ। अिह आम मे छा संघ सेहो छल, जकर वामीिक मेखलीना महासंघा किह केउलेख केने अिछ। अिह संघक राजसभा मे सेहो भाव छल। नैिमषारय मे महिष शौनक के सेहो चिचतआम छल। एतौका अंतरराीय संगोी सभ वड़ िस छल। अिह मे धािमक, राजनीितक आ वैािनकिवचार पर संवाद होयत छल।9एकर अलावा, महिष सुतीण, महिष शरभंग, महिष मतंग आ महिष जावािलक आम िशाक मुख कछल।-------------70


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>ष पिरछेदयृंगक ृंगेर (िसंहेर)िवहार रायक िजला मुयालय मधेपुराक रेलवे टेशन दौरम मधेपुरा कहलावैत अिछ। एतय सं आठिकलोमीटर उर ऋयृंगक ृंगेर आव िसंघेर या िसंहेर थानक नाम सं िस अिछ।लगभग दू सौ वरख पिहने हिरचरण चौधरी नामक एकटा लकड़ीक यवसायी कोशीक जलमाग सं नेपाल संलकड़ी आिन के यवसाय करैत छल। एक वेर हुनका यवसाय मे वेसी लाभ भेल। ओ िशवभत यवसायीृंगेर नाथ (िसंहेर नाथ) केर एकटा भय मंिदर वनैलक। जखन भागलपुर केर िजला आ स यायाधीशकेर एतय ेीय सनातन धम वनाम पंडागण (जय नारायण ठाकुर आ 13 अय) वाद संया 3/1937 चिलरहल छल, ओिह िसलिसला मे हिरचरण चौधरी के पसठ वषय पौ दरवारी चौधरी अपन गवाही मे वाजलछल जे वतमान मंिदरक पूव भिर दीवाल पर वयं हिरचरण चौधरी, पिम भिर दीवाल पर लालजी चौधरीआ उर भिर दीवाल पर िशवू चौधरी के िच अंिकत अिछ। अिह तयक पुि ओ अपन साय मे केनेछल। तािह सं कितपय थानीय वुिजीवी ारा मंिदर मे उकीण अिह िच के वु आ दोसर वौ िभुकेर मानव सरासर भूल अिछ।ऋयृंगक जमभूिम आ कमभूिम हेवाक कारण अिह ेक ाचीन महव अिछ। एतय के कण-कण मेऋयृंग एखनो रमैत अिछ। एतय के मािट अिह ऋिषराजक यािनक वुझल भम अिछ। तािह सं नदी संआछािदत ई े वड़ उवर अिछ। एकर ाचीनता के वुझैक लेल सवसं पिहने ृंगेर नाथ (स्ंि◌ाहेर) केरनदी सभ (कोशी आ ओकर दोसर सभ धार) केर अययन करव आवयक अिछ। कोशीक कतेक रासछाड़न धार सूिख गेल अिछ आ ओकर धार आव िनतेज भऽ गेल अिछ। मुदा भारत सरकारक कोशीिनयंण योजना सं पिहने चीन के गहो नदी सं वि़ढ के अपन िवनाशकारी वाढ़ कोशी जग जािहर छल।देखू जे भोलानाथक नगरी आ ऋयृंगक तपथली मे कोशी आ ओकर छाड़न धारक िथित की छल?कोशी धार भगवान िशव के वड़ िय अिछ। महाकिव कािलदासक अनुसार, कोशीक तट पर साात शंकरवसैत अिछ। तािह सं कोशी शंकरक तरहे तडव करैत अिछ।महाभारत मे कौिशकी तीथक वृहत चच अिछ2, जे अिह देशक सकृितक भूगोल केर रेखिकत करैतअिछ। एकरा जानैक लेल िसंहेर मे वािहत कोशीक िविभ धारक जानकारी आवयक अिछ।371


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>मुय कोशी नदी भीमनगर सं दिण चिलके िशवनगर गामक िनकट दू भाग मे वंिट जायत अिछ। ओतय पूवभिर वला धार से वैवाह (धसान) आ िचलौनी नामक धार वनैत अिछ आ पिम भिर वला धार सं परवाने,ितलावै, वड़हरी आ सोनेह नामक धार अपन वप हण करैत अिच। ितलावै नदी एखन सुपौल िजलाकथुमहा, वसहा, तुलापी, रामनगर, रामपुर आिद गाम के पश करैत िसंहेर थानक चिचत गाम वभनीभेलवा आवैत अिछ। ई गाम रामपुरक अिनकोण मे आ ितलावै के पाव भाग मे अिछ। कहल जायत अिछजे किहयो ई गाम भववावा थानक नाम सं चिलत छल। मुगल साट शाहजहक काल मे भववावा एकटासमाज सेवी छल, िजनकर जम अिह ठाम पर भेल छल। 350 ईपू अिह गाम मे हुनकर मारक छल।ितलावै वभनी भेलवा गाम सं किन नैऋय कोण मे झुिक के िसंहेर थानक मार्ग मे िथत गहिरया नामकगाम आवैत अिछ। अिह गाम मे सोनाय महाराज नामक एकटा धािमक आ समाज सेवी लोकदेवक मारकअिछ, िजनका णाम किर के ितलावै सं आगू वि़ढ जायत अिछ।सोनेह एकटा छोट धार अिछ जे िसंहेर थानक नैऋय कोण िथत दलदली चौर सं वािहत होयत अिछ।ई परवाने धारक एकटा टूटल धार अिछ। ई अपन उगम सं दिण िदस चिल के लंवा दूर तय किर केवंशीरौता गाम मे ितलावै धार मे वेश किर जायत अिछ।परवाने धार पौली सं दिण चिल के िसंहेरक चिचत गाम रामपी मे वेश करैत अिछ, जतय धसान आवरहरीक धार अिह मे िमिलकए एकर जलभंडारक वृि करैत अिछ। परवाने आ धसानक ई संगम िसंहेरआ गौरीपुर सं किन दूर ठाम अिछ। धसानक अलग अितव अिछ मुदा वरहरी परवानेक एकटा उपधारअिछ, जे आव मृत भऽ गेल अिछ। एक चौर सं चिल के वरहरीक धारा परवानेक समानतर दिण भिरचलैत अिछ आ अपने वाम भाग सं डंडारी, चपानगर, वैरवा आिद गामक पश करैत अिछ।परवाने धार रामपी सं चिलके िसंहेर थान आवैत अिछ, जतय ओ भगवान शंकरक चरण पश करैतअिछ। कोशीक िचलौनी धार लालपुर सं दिण चिलके दािहना पाव मे सरोपी गाम के पश करैत अिछ।लालपुर गाम के लगभग दू सौ वरख पिहने भानुदास नामक कुशा वंशीय राजभर सरदार वसैने छल। अिहगामक लग गौरीपुर अिछ। िसंहेर नाथ मंिदर लग िचलौनी दू भाग मे वंिटके समानतर मधेपुरा आवैतअिछ। गौरीपुर सं दिण पूव धारक कात रामपुर नामक गाम अिछ, जतय दू सौ वरख पुरान एकटावथान अिछ।चपारय तीथमहाभारत मे विणत कौिशकी तीथ मे एकटा तीथ अिछ चपारय। ई े तकालीन अंग नरेशक अधीनछल। महाभारत सं पूव अंग देशक राजधानी मािलनी छल। वाद मे राजा रोमपादक पौ चपा नामकएकटा राजाक नाम पर चपा या चपावती कऽ देल गेल।4 महाभारत काल मे ई चपा नगरी चपकक वागसं पिरवृत छल।5 तािह सं अिह चपारय सं चपा रायक अरय भाग वुझवाक चािह। एकरा एखुनका72


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>चपारण िजला वुझवाक भौगोिलक भूल अिछ। छठम शतादीक रचना शित संगम तंक अनुसार िवदेहभूिमक सीमा अिह तरहे देल गेल अिछ,'गडक तीरमारय चपारयातक िशवेिवदेह भू समायाता तैरमुत िभवं सुत।'शित संगम तं 7/27िवदेह भूिम पिम मे गडकी तीर आ पूव मे चपारय धिर पसरल अिछ। िवदेह भूिम िमिथलाक पूव ई ेचपारय अिछ। वतमान चपारण िजला िमिथलाक पिम मे िथत अिछ।महाभारतकार जे चपारय तीथक वणक केने अिछ, ओ तीथ वड़ पुय दान करय वला अिछ। महाभारतकअनुसार, ओतय एक राि रहय सं सहा गाय केर दानक फल भेटैत अिछ।6 ऋयृंगक तपोभूिम कौिशकीतीथ मे वीराम आ कुमारतीथ सेहो अिछ, जे चपकारय तीथक उर भिर के सीमा आ पूव सीमा परिथत मश: वीरपुर आ कुमारखंड के रेखिकत करैत अिछ। ई चपकारय तीथ िसंहेर थान िनिदहोयत अिछ। ई समत े चपा नरेशक अरय भाग छल। एतौका वेसी गाम मे चपा देवीक पूजा होयतअिछ। शंकरपुर मे वरहगाि़डयाक जमॴदार वावू एकदेर िसंह चपा देवीक मंिदर वनाय के ओतय चपाकमूित थािपत केलक, जतय येक वष मेला लागैत अिछ। अय देवी-देवताक अलावा वतर जाइतक मायकुल देव चपावती सेहो अिछ।8 वतरक अला◌ा दोसर कतेक रास जाइत चपादेवीक भगैत गावैत अिछ।तािह सं िसंहेर थानक चपारय तीथ नै मानव एकटा एितहािसक भूल अिछ।परवाने नदी िसंहेर सं दिण िदस चिल के जोतनार गाम के पश करैत अिछ। कौिशकी तीथ मे एकटायोितमर तीथ सेहो अिछ, जतय द मे नहावय सं वड़ पुय भेटैत अिछ। ई जोतनार गाम महाभारतकालीन योितमर तीथ अिछ।9 तहयौका भौगोिलक सायक आधार पर समूचा े चपा राजाक वनभागछल। चपावतीक वनदेवी सेहो कहल गेल अिछ।10 जो एकटरा पौरािणक मायता अिछ। महाभारतकअनुसार ऋिष आ राजाक एकटा दल भास तीथ सं याा शु कऽ कौिशकी तीथ सेहो गेल छल। अिहदल मे भृगु, विश, गालव, कयप, गौतम, िवािम, यजदिन, अक, भाराज, अवरीष आ वालिखयऋिष छल आ राजा मे िशिव, िदलीप, नहुष, अवरीष आिद छल।11 अिह याा वृतत अिह ेकपौरािणकता आ दशनीयता के रेखिकत करैत अिछ।पौरािणक िसंहेर थानिसंहेर थान भगवान शंकरक पावन तपथली अिछ। षोड महाजनपद मे शीषथ जनपद अंग देशक ईमहवपूण तीथथल अिछ। अंग देशक िनमण मे सेहो भगवान िशवक उलेखनीय योगदान अिछ।73


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>दिण मे मदराचल पवत आ उर मे मूजवान पवत धिर पसरल िवशाल वय देश लेषामक वन छल,जतय कदप दहनक पात भगवान िशव समािधथ भेल छल। कोशी के कतेक धार वन मे वहैत छल।वाराह पुराणक उराधक एकटा पुरा कथाक अनुसार, ओिह वन मे भगवान िशव के खोजैत देवराज इंकसंग िवणु आ वा पहुं◌ुचल। भगवान िशव एकटा सुनर हिरणक प मे िवचरण करैत छल। तीनॲ अंतयामदेवता अिह हिरण के देखिह के वुिझ गेल जे ई भगवान शंकर अिछ आ ओ हिरण के पकड़िह मे सफल भऽगेल। इं हिरणक सॴगक अ भाग, वा मय भाग आ िवणु िन भाग पकड़लक। एकाएक सॴग तीन भागमे टूिटके िवभािजत भऽ गेल। तीनो देवताक हाथ मे सॴगक एक-एकटे भाग रहल आ हिरण लुत भऽ गेल।तखनै आकाशवाणी भेल िक आव िशव निह भेटत। देवता सभ अपन-अपन हाथ मे आयल िसंहक भाग केपािव के संतोष कऽ लेलक।कहल जायत अिछ जे िवणु लोक कयाणाथ अपन भागक सॴग के जिह ठाम पर थािपत करलक, ओवतमान िसंहेर (ृंगेर) अिछ। अिह तरहे एकर िसंहेर नाथ नाम साथक भेल।वाराह पुराणक अिह पुरा कथाक अनुसार तीनॲ देवता कोशीक तीर पर भगवान िशव से भट करय लेलपहुंचल छल। अिह तय के कािलदास कृत कुमारसंभव मे प करल गेल अिछ। ओकर अनुसार, कोशीके पात लग भगवान िशवक िनवास अिछ आ देवता सं ओतय भट करयक थान िनिद करल गेलअिछ।12अत: कोशीक तीर पर इं, िवणु आ◌ैर वा का शंकर सं भेट करव पूव िनिद आ िनधिरत ठाम िदसहुनकर आगमनक सूचक अिछ।मुदा वाराह पुराणक अंितम अयायक कथा जे माणक प मे चिलत अिछ, ओ प नै अिछ जे मृग पमहादेवक ृंग मूल पावैक भगवान िवणु ओकरा एतय थािपत केने छल। तािह सं अिह िवषय पर वुपाठक अपने सं िवमश, िवलेषण आ िववेचन करय, यिह उिचत अिछ। िमिथला तव िवमश, पृ 80 मेिवान लेखक महामहोपायाय परमेर झाक सेहो यै मत अिछ।चौवीस हजार लोक वला वाराह पुराण एकटा सतोगुण पुराण अिछ, जिह मे िवणुक वराह अवतार विणतअिछ। महाभारत आ पपुराण ओिह वड़ ेक उलेख तऽ नै अिछ, मुदा अिह ेक थान िनदशक लेलअपन जानकारी केर वेस प करैत अिछ। ओिह मे अतीतकालीन पुरा कथा अिछ, जे जागितक रहयकेर उाटन करैत अिछ। एहन पुराणक िनमल जल मे ेपक शैवाल जाल सेहो कम नै अिछ। ेप मेसंकिलत पुराकथाक तािवक नीर-ीर िववेचन िनप-वु वग कऽ सकैत अिछ।परवत सायकहल जायत अिछ जे िसंहेरक जंगल मे पयत गोचर भूिम छल। एतय दूर-दूर ठामक गोपाल अपन गायकऽ चरावैक लेल आवैत छल। एहन मायता अिछ जे एकटा िवशेष ठाम पर कुंआरी गाय आवैत छल आ74


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>ओकर थन सं दूध टपकैत लागैत छल। ई िसलिसला अनवरत चलैत रहल। एक िदन गोपालक दूधटपकैत दृय अपन आंिख सं देखलक। ओकर वाद कतेक िदन धिर ओ ई देखैत रहल। ओिह िनिद ठामपर ओिह गाय के आिवके आ ओकर थन सं दूध टपका केर ओिह ठाम के िसंिचत करव एकटा कौतूहलछल। ओिह गोपालक िजासावश ओतय सं मािट हटाकऽ देखलक ते ओ िविमत भऽ गेल। एकटा िशविलंगमािटक नीचा झपल छल, जतय गायक धन सं दूध टपकैत छल। ओ गोपालक सेहो िनयिमत अिहिशविलंगक पूजा करय लागल। दोसर सव गोपालक सेहो ओतय भित अचना करय लागल। वाद मे कोनोभत ओतय छोट-सन मंिदर वनैलक। कहल जायत अिछ जे यिह ठाम ओ पूवकालक गोचारण थल अिछआ िसंहेर मंिदरक िशविलंग विह अिछ जेकरा कोनो अनाम गोपालक मािट सं हटा के दशन-पूजन केनेछल।िसंहेरक थानक अलावा देवघर आिद मंिदरक िशविलंगक कथा िकछु एिहने तरहे अिछ। जे भी हुए सभिशविलंगक थापना आ ओकरा खोज िनकलैक ेय गोपाल केर जायत अिछ। मुदा एकर य लाभ दोसरसमुदायक लोक के भेटैत अिछ।िशविलंगक तीन प अिछ, भाविलंग, ाणिलंग आ इिलंग। भाव कलािवहीन, सूप काल आ िदक् संअपिरिछ आ परपर अिछ। एकर साात ा सं होयत अिछ। ाण िलंग कलाहीन आ कला युत दूनूअिछ। वुि सं एकर साात संभव अिछ। इ िलंग कला युत होयत अिछ तािह सं ने सं एकर दशनसंभव अिछ। अिह तीनो के मश: सत, िचत आ आनंद कहल गेल अिछ। परम तव भाव िलंग अिछ,सूम ाण िलंग अिछ आ थूल इ िलंग अिछ। िसंहेवर थान मे थािपत िशविलंग इ िलंग अिछ, जेमंयुत, मंहीन, ियायुत, ियाहीन, ानी, अानी सभक लेल दशनीय आ पूजनीय अिछ।कहल जायत अिछ जे लगभग एक सौ वरख पिहने िसंहेर मंिदर मे थािपत िशविलंगक सव तरफजलढ़रीक िनिमत संगमरमर वैसावैक लेल खोदल गेल छल। मजदूर सभ करीव आठ फीट नीचा खोदलक।ओ िकछु अुत दृय देखलक। िलंगक आंतिरक वप भय आ अुत छल। िशव पावतीक असंय ितमाओिह पर मुित छल। वा प सं तीन गुना मोटा आकार नीचा पसरल छल। एकर िवशालता देखिह केओ चिकत रिह गेल। िकछु मजदूर ते अपन संतुलन सेहो िवसुिर गेल। एहन िथित मे खुदाईक काजथिगत कऽ देल गेल। एकर सयापन िकछु अिभयंता केने अिछ। ओ िशविलंग सं अलग खुदाई केलक तेआठ-दस फीटक गहराई मे एकटा िवशाल चान देखलक जािह सं िशविलंग जुड़ल छल। एकटा िवशालचानक कारण कोशीक उफनावैत धार अिह मंिदर के ित निह पहुंचा सकल। अिह मंिदरक पौरािणकताकदेखैत आय धिर एकर जािहना के तािहना वनरल रहैक ेय अिह चानी आधारिशला के देल जा सकैतअिछ।िकरातक भूिम75


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>अिह मे कोनो मत िभता निह अिछ जे ाचीन काल मे एतय घनघोर जंगल आ नदीक संग पहाड़ सेहो छलजे कितपय भौगोिलक कारण सं धरतीक संग धंिस गेल। एहने ठाम भगवान िशवक लेल उपयुत छलयािक उपिनषदकरक मुतािवक भगवान िशव िनजन जंगल आ पहाड़ मे िनवास करैत छल।14 जंगल,िगिरगर मे रहै वला िकरात जेहन िनवासी मे हुनकर लोकियता वढ़ैत गेल। कालतर मे ओ जगपित आदेवताक ा मानल जा लागल आ ओ आय आ अनाय दूनूक ारा पूिजत हुए लागल।ाचीन काल मे जिह िकयो िवदेशी जाइत भारत पर आमण कऽ अपन िवतार केलक आ अपन रायथािपत केलक हुनकर वणन महाभारत, पातंजिलक महाभाय, मनुमृित आ अयाय मृित ंथ मे अिछ।महाभारतक अनुसार, यवन, शक, पव, िकरात, चीन आिद जाइतक वेश भारत मे भऽ चुकल छल।15मनुक मुतािवक, पौक, िवड़, कवोज, िकरात, दरद, चीन, खश, यवन, शक, पारद आ पव िवदेशीजाइत छल।16 अिह िवदेशी जाइत आय सयता अ◌ा संकृित पर भाव डालैत भारतीय धम आ संकृित मेअपना केर आमसात कऽ देलक। कलतर मे ओ िवदेशी निह रिह गेल। हुनकर पूण प सं भारतीयकरणभऽ गेल। एहने िवदेशी जाइतक एकटा जइत िकरात छल, जकरा ाचीन वण यवथा मे मनु शुक प मेमायता देलक।तिहयौका िहदू समाज जिह समुदायक ितरकर केलक, ओ भगवान िशवक शरण मे गेल। यािक अमरकोशमे िकरात के लेछक एकटा भेद मानल गेल अिछ।17 कुमार संभव (8.29) केर मुतािवक, ई जाइतिहमालयक परवत देश मे रहैत छल। भगवान िशव िहमालयक कैलास िशखर पर रहैत छल तािह सं ईजाइत के भगवान िशव के तादामक कथा जुड़ल अिछ। वायु पुराण (47.48) आ वड पुराण मे हुनकरधारक कात मे रहय वला जाइतक तरहे उलेख करल गेल अिछ। संगेसंग िवणु पुराण (2.3.8) मे एकरिनवास थान पूव भारत मानल गेल अिछ।भले ही भारतीय पुरा सािहय मे अिह जाइत के िवदेशी आ अनाय मानल गेल अिछ, मुदा एकर मूल पुषआय छल। एकर माण हिरवंश पुराणक महाराज सगरक चिरत-वृतत मे प अिछ जे राय मे लोग संिवजयी िय देशतर गेल छल, मुदा ओ अपन वाण पुरोिहत के निह पािव के अपन मूल आय धम सं भेल गेल जािह सं कतेक रास जाइत वाणक वचव के वीकार नै भेल तािह सं लेछ कोिट मे दऽदेल गेल।भागवत पुराणक कद 9 के 23म अयाय मे उिलिखत अिछ जे महाराज ययाितक पु ुक संतानउर िदश जाइके लेछक राजा भऽ गेल। अिह तरहे गतायातक िया चंगुतक काल धिर भेल गेल।एकर अलावा, अिह देशक लोग तिहयौका सैय-वल मे िनयुत भऽ कऽ लेछक देश मे जा के लेछ विनगेल। मुारास नाटकक पंचम अंक मे एकर उलेख अिछ।अिह देश मे वजन (जाइत-युत) कऽ था वड़ पुरान अिच। जॱ केकरो सं ात आ अात, छोट या वड़अपराध भेल अिछ ते धमक ठेकेदार हुनक जाइत सं विहकार कऽ देत छल आ ओकर एा वेसी ितरकार76


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>करैत छल जे ओकर लाख अनुनय-िवनय करिह के वादो ओकर जाइत मे निह घुरावैत छल। नतीजा ई हैतछल जे हुनकर दोसर उदार समुदाय मे शािमल भऽ मूल सनातन धम सं िवथािपत भऽ तथाकिथत लेछ मेशािमल हेवाक कारण हुनकर संया वढ़ैत गेल। हुनका फेर सं सनातन धम मे आनय केर यास निह भेल।हालिक यावय आिद मृितकार एहन तरहक अपराधक ायितक यवथा देने अिछ मुदा ई मृित मेिसमटल रिह गेल। जेकर हाथ मे याय आ धमक यवथा छल हुनकर हठधिमता आ सदा सवथा समाजमे वचव थािपत राखवाक वृित अिह समाज कऽ ीणकाय कऽ देलक।19 िकरात आिद जाइत केर अिहधरती पर वहुलश अिह रहय के रेखिकत करैत अिछ। महाभारत काल मे अिह े पर िकरातक वाहुयछल। गंगा सं उर आ महानदा सं पूरव नेपाल धिर ई जाइत पसरल छल। अिह े मे हुनकर सशतसंकृित फलफूल रहल छल। राजा िवराटक दोसर ी सभ मे एकटा िकरात कया सेहो छल, जे मोरंगवा नेपालक तराई मे रिह वाली छल। िकरात एक शितशाली जाइत छल। तिहयौका िकराताजुन कीितजेहन परवत सािहय मे एकर चच आयल अिछ।20 अिह े मे अयाय जाइतक संग िकरता के सेहोवड़ संघष करय पड़ल।21महाभारत मे अजुन पाशुपता ात करिह िहमालय जाइत अिछ। ओतय भगवान िशव अपन िय भतिकरातक वेश मे भेटैत अिछ। िशव के निह िचह सकय के कारण अजुन ओिह िकरात वेश िशव सं युकरैत अिछ, मुदा हुनका सं परात भऽ जायत अिछ। फेर िशवक वातिवकता के वुिझ अ अिह अवढरदानीके स करिह के लेल अजुन मािटक वेदी वनाके हुनकर अराधना करैत अिछ आ वेदी पर पुप अपणकरैत अिछ। ओ ई देखिह के आयचिकत रिह जाइत अिछ जे जे फूल िशवक लेल ओ मृिका वेदी परचढ़ावैत अिछ ओ ओिह िकरात पर आिव जायत अिछ। आव अजुन िकरात वेश िशव के िचहै मे िवलव नैहोयत अिछ।22 िवमोवशीयम (1.11) मे कािलदास सेहो िलखने अिछ जे पाशुपता ात करिह के लेलअजुन किठन तपया केने छल।भारत मे जखैन िशशुनाग वंश, नदवंश, मौयवंश, शुंग वंश, आं वंश आिद केर राय छल। ओकरसमानतर नेपाल मे लगभग सात सौ वरख धिर िकरातक राय छल। अशोकक धम च िवजय काल मेनेपाल मे िकरात राय यकु छल। वौ धमक अनुुित मे साट अशोक अपन कया चामित आजामाता देवपालक संग नेपाल जाकऽ िकरात शासकक सहायता सं कतेक रास िवहार आ वौ तूप वनैनेछल।23िकरात दवंग आ वतं िवचार वला जाइत छल। सातम शतावद् मे वाणवादी यवथा आ कमकाड केसवथा नकारैक कारण एतौका िकरातक नव नामकरण वतर करल गेल जकर अथ अिछ कुपय आयाय। तिहयौका समाज यवथाकार एकरा संगिठत िहदू समाजक लेल कुपय मानलक। जिह जाइतकसयता संकृित महाभारत सं लऽ कऽ गुत-वण-युग धिर अपन यशोजवल गाथा कहय मे सम हुए,जािह जाइत हजार वरख धिर राय साक संचालन केने हुए, ओ लेछा आ शुे टा नै, समाजक लेलकुपय सेहो भऽ गेल।77


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>यथाकार वण यवथाक वंधन एतेक मजवूत कऽ देलक आ शासक के सदड एकर कायवयनक दाियवसॱपलक जािह सं सामािजक कलिवनीक वाह िथर भऽ गेल। ई सच अिछ जे मनु ारा संचािलत वणयवथा मे ऊंच-नीचक भावना आ भेद-भावक दृि छल, जे परवत िहंदू समाज के जजिरत करय के कारणविन गेल। भगवान वु अिह यवथा पर एतेक वेसी हार करलक जे मरणास अवथा मे आिन के छोि़डदेलक। मुद शुंगक काल मे ई फेर जीिवत भऽ गेल।अलवनी यारहम शतादी मे भेल छल। हुनकर कथन अिछ, ाचीन काल मे कम परायण राजा जनता केकतेक रास ेणी आ कम मे िवभत करिह मे जोड़ दैत छल। संगेसंग हुनक एक-दोसरा सं भट आ मतोड़ैक सं रोकिह के य करैत छल। तािह सं ओ िभ-िभ ेणीक लेक के एक-दोसरा सं संवंध राखिहसं रोिक देलक आ येक ेणीक लोग के िवशेष कारक काज आ िशप सॱप देलक। ओ कोनो लोक केअपन वगक अितमण करिह के लेल अनुा नै दैत छल। जे अपन ेणी सं संतु निह छल, हुनका दंडदेल जायत छल।24 एहने समाजक संवेदनशीलता मारल गेल आ एक-दोसरा सं नै िमलय आ पारपिरकसंपकक अभाव मे हुनकर गितशीलत अव भेल। वाण सेहो यवथाक नाम पर अपन अिधकार केखुिल के दुपयोग केलक। िवराट भारतीय समाज मे रिह के कतेक रास जाइत अिह सं िवमुख भऽ कऽअपन दायरा मे िसमटल चिल गेल। जे किहयो गितशील जाइतक प मे चिचत छल, ओ अंतमुखी वनैतगेल।यारहम सदी मे िनिशहरदेव िकरात वंशी राजा भेल िजनकर राजधानी िनिशहरपुर छल ई वतमान शंकरपुरअंचल अिछ। हुनकर भवन आ दुगक अवशेष एकटा टीलाक प मे अविथत अिछ आ जािह पर एकटामंिदर िनिमत अिछ। मंिदर पिरसर मे राखल गेल राजभवनक मृित िच, नाशीदार तर खड, तरकचौखट आिद पालयुगक तीत होयत अिछ। संभवत: ई िकरातक अंितम राजा छल। हुनकर अराय उगरीमहाराज नामक एकटा िस पुष छल जे गुि़डया (िवेणीगंज िनवासी) कमार जाइत छल। हुनका लोक देवखेदन महाराज सं वैर छल। टगराहा चौर मे ओ मायाक वािघन के भेिज के खेदन महाराजक वध करैनेछल, जे खेदन महाराज के भगैत गीत सं ात होयत अिछ।कनट ेीय नायदेव 1097 ई. मे अिह े पर अपन अिधकार जमा केर सासीन भऽ चुकल छल।आिह काल िसंहेर मे िकरात आ कुषाण वंशक छो-छोट राय छल जे वाद धिर कनटक करद वनलरहल।कुषाण वंशी राजभरकुषाण चाइत चीनक गोवी त मे रहय वला यू-ची जाइतक एकटा शाखा छल। यू-ची जाइतक पचटाशाखा छल, िहऊमी, चाउयग-मी, ही-तुम, ताउ-मी आ कोई-चाउआंग। कोई-चाउआंग के कुषाण कहल जायतअिछ। गोवी त मे हुं-ग-नू जाइत यू-िच जाइत पर आमण कऽ हुनका सभ के गोवी त से िनकािल कऽवाहर कऽ देलक। ई सभ लोक भािग के सरदिरया आयल। मुदा ओतय सं सेहो हुनका सभ के भागय78


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>पड़ल। सरदिरयाक यु-सुन नामक एकटा जाइत हूणक सहायता सं हुनका सभ पर आमण कऽ देलक आओतय सं सेहो िवथािपत कऽ देलक। लगभग 140 ईपू ई सभ वैिया आयल। ओिह काल वैिया मेशकक शासन छल। एिह पर रहैत कुषाण अपन शेष चािर शाखा पर िवजय ात कऽ वेसी शित संपभऽ गेल।ओकर थम राजा कुजूल कैडिफसेस छल, जे शितशाली आ महवाकी छल। ओ पव शासक केपरात कऽ गधार आ सीमात केर अपन अधीन कऽ लेलक। ओ वाद मे वौ धमवलवी भऽ गेल। ओअसी वरख धिर यु मे संलन छल। ओ कुषाण वंशक नीव के आओर मजवूत करलक।एकर वाद ओकर पु िवमकैडिफसेस सासीन भेल। ओ अपन योय िपताक योय पु सािवत भेल। भारतिवजयक सेहरा हुनके िसर वाहल गेल। हुनकर मृयुक वाद हुनकर पु किनक थम आ ओकर वादकिनक ितीय कुषाण वंशक शासक भेल। किनक अपन राजधानी सीमा तक पुषपुर मे वनौअलक। ओअपन भुव पुषपुर से पाटलीपु धिर थािपत केलक।मायताक अनुसार, किनक कठोर संघषक वाद पाटलीपु के परािजत केलक आ वौ िवान अघोष केजमानतक प अपना संगे लऽ गेल। अघोषक संपक मे आिव के ओ सेहो वौ धमवलवी भऽ गेल। ओपिहलुक शैव धमवलवी छल।25 संभावत: अघोष जेहन वौ िवान अपन अिधकार मे लिह के लेल ओमगध पर चढ़ाय केलक। ओ पूव भारत पर अपन अिधकार जमा के शित थािपत केलक। ितरहुतमंडल मे किनकक िछिकत ता-मुा ात भेल अिछ अिह े मे सेहो नवीन शासिनक इकाईक प मेिवभत कतेक रास राज ितिनिधगण कुषाण शासक अधन े िवशेषक साक संचालन करैत छल।कुषाणक पतन आ गुत साायक उदय आ मयवत युग मे दूटा मुख राय सा अितव मे आयल।पिहलुक नाग वंश आ ितीय वाकाटक वंश। अिह दूनू के अितिरत भार िशव वंश कुषा साायकभनावशेष पर सासीन भेल, जकर भुव अिह पूव े मे वेसी छल। िहदू पािलटी (भाग-2 कलका,1924) मे डा. काशी साद जायसवालक अिभमत अिछ िक ई भार िशव नागा, अपने कंधे पर भगवान िशवके भार को ढोते थे। ई विह जाइत अिछ जे कुषाण वंशक पतनक वाद सेहो लगभग दू सौ वरख धिर अिहे मे सासीन छल। कोशी आ दरभंगा मंडल मे विह लोक 15म शतादी धिर कतो-कतो शासक प मेअविथत छल।एहन मायता अिछ जे किनकक पाटलीपु िवजय अिभयानक संग िवहारक कुषाण वहुलश मे वेश केलक।ई उर आ दिण िवहार दूनू िदस पसैर गेल। ई वहादुर आ क सिहणु छल। जा धिर राय सा परिहनकर अिधकार रहल ता धिर ई पक प मे समिलत होयत रहल। िसंहेर थान मे ई वड़ संया मेछल। ओ शैवमत अपनैलक आ कालतर मे िशवक भार ढोयै के कारण ई भार िशव नागा सेहो कहावयलागल। वड़ वाद िशवनागा शद गौण भऽ गेल आ ओ मा भार या राजभरक नाम पर चिचत भऽ गेल।डा. के.पी. जायसवालक अनुसार उर िवहारक अिधकंश ठाम पर गुत युगक उदय सं पूव भार िशव नागा79


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>अिह उपािध केर ोतक अिछ आ राय उपािध राजवंशी हेवाक माण अिछ। राय का अथ होयत अिछराजा।वसंतपुरक वड़ भूभाग मे राजा वसंतक गढ़क अवशेष पसरल अिछ, जािह मे ओकर गौरवशाली अतीतककथा जुड़ल अिछ। कालतर मे िसंहेर सं तीन कुषाण वंशीय राजकुमार ीदेव, िवजलदेव आ कपदेवमश; ीनगर (मधेपुरा), िवजलपुर (पंचगिछया) आ कप (सोनवष) मे अलग-अलग अपन राजधानीवनैलक।28 ीनगर मे राजा ीदेव िनिमत िवशाल गढक अवशेष अिछ। अिह गाम मे एहन दूटा अवशेषअिछ। दूनू पर मंिदर अिछ जतय भगवान िशव थािपत अिछ। मुय अवशेषक ऊंचाई 12 सं 15 फीटधिर अिछ। अिह अवशेषक उर भागक मंिदर पिरसर मे सैकड़ॲ तर खंड पड़ल अिछ जािह पर कोनोअनाम मूितकार वड़ कुशलत, िना आ शालीनता सं दुलभ नाशी केने अिछ। अवशेष के एकटा तरतंभ (िशलालेख) पर मकरवज जोगी 100 अंिकत अिछ। अिह पर गहन गवेषण आ पुरातािवक सवणकआवयकता अिछ।मधुवनी िजलाक अधराठाड़ गाम मे गंगासागर पोखिर पर िथत मंिदरक एकटा तर तंभ कर सेहोमकरवज जोगी 700 अंिकत अिछ। अिह िमिथला तव िवमश मे कोनो वौ िभु सं संवंिधत मानल जायतअिछ।29 भऽ सकैत अिछ जे मकरवज योगी नाथ पंथी आ सहजयान सदायक कोनो योगी हुए।िनषादक धरतीअयाय उपेित समुदाय मे िनषाद जाइत सेहो छल, जािह पर भगवान िशवक िवशेष कृपा छल। अथववेद(6.39.3) मे भगवान आिदम जाइतक संग िनषादक वामीक प मे वीकार करल गेल छल। चमधारण करिह के कारण िशव के कृितवासन कहल गेल अिछ। संभवत: िनषाद सं संवंध हेवाक कारण िशवके चम पिरधान धारण करय वला मानल गेल अिछ।तिहयौका समाज मे चतुवणक अितिरत अनुलोम ितलोम जेहन अंतजतीय िववाहक कारण कतेक रासजाइत आ ओकरा सं कतेक रास उपजाइतक िवकास भऽ चुकल छल। वोधायन एहने वणसंकर जाइत केवायक संा देने अिछ।30 अिह सू मे वोधायन िनषाद जाइत चच केने अिछ, जेकरा मुतािवक वाणपुख आ शू ी सं िनषादक उपित भेल अिछ।31 मुदा गौतम धम सू (4.14) केर अनुसार िनषादवाण िपता आ िय माता से भेल अिछ, जे उम संकरताक पिरचायक अिछ।िवणु पुराण मे ते एकर उवक एकटा अुत कथ कहल गेल अिछ, जकर मुतािवक ऋिष सभ पुहीन मृतराजा वेनक जघ केर पुक लेल यपूवक मंथन करलक। ओकर जघ के मथय सं एकटा पुख उपभेल, जे जलल ठूंठक समान कािर, वड़ नाट आ छोट मुह वला छल। ओ अित चतुर भऽ कऽ ओिह सभवाण सं वाजल, हम की करी? वा कहलक, िनषीद (वैठ)। तािह सं ई िनषाद कहलायल। ओिह संउप लोग िवयाचल िनवासी पापपरायरण िनषाद गण भेल।3281


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>कौरव आ पडवक दादा शातनु धीवर(मछुआरा) जथक पुी योजनगधा (सयवती) सं याह केने छल।अिह िववाहक पूव योजनगधा महिष विशक पौ पराशरक संयोग सं कृण ैपायन के जम देने छल, जेअपन कालक महाना आचाय भेल आ महिष वेदयासक नाम सं िवयात भेल। आिदकिव वामीिक के िकछुलोग याध (िनषाद) मानैत अिछ। मुदा दूनू वाण छल। रामायण आ महाभारत एकर साय अिछ।रामायण मे वामीिक दू ठाम पर अपन पिरचय वयं दैत अिछ। राम ारा संपािदत अमेघ यक कालवामीिक अिह य मे सीता कऽ लऽ कऽ आवैत अिछ आ राम के अपन पिरचय दैत अिछचेतसोअहं दशमपुौ (उरकड 96/19)अथत हम चेताक दसव पु छी।एक दोसर ठाम वामीिक परो प सं अपन रामायण म अपन पिरचय देने अिछ।इित संिदय वहुशो मुिन ाचेतसतदावामीिक परमोदारतणी मासीमहा (उरकड 93/17)अथत अिह तरहे महायशवी चेताक पु वामीिक दूनू िशयक िशा दऽ कऽ चुप भऽ गेल छल।चेता वक पु छल। मनुमृित (1.34.35) केर अनुसार वा जाक सृजनक कामना सं घोर तप ाराशु मे जाक पित दस महिष के उप केलक। ओ महिष मरीिच, अि, अंिगरा, पुलय, पुलह, तु,चेता, विश, भृगु आ नारद अिछ। वामीिक अिह दस महिष मे एकटा चेताक पु छल। तािह संहुनकर वाण हेवाक मे कोनो संदेहक गुंजाइश निह अिछ।आयाम रामायण (अयोया काड, सग6, लोक 65, 66) मे राम आ वामीिकक वन मे िमलय केर संगअिछ। वामीिक राम के अपन िवषय मे वतावय अिछ, हम जम से िज छलहुं मुदा हमर आचरण शूजेना छल। शू ी सं हमरा अिजतेिय ारा कतेक रास पु उप भेल। चोरक संग रहैक कारण हमसेहो चोर भऽ गेलहुं।कद पुराण मे सेहो उलेख अिछ जे ओ वाण छल आ हुनकर नाम अिन शम छल। मुदा िशकार (याकम) आ दयुकम मे ओ िलत छल। वाद मे सतिषक कृपा सं ओ महिष वामीिक विन गेल छल। 40ओिह तरहे वेदयास सेहो वाण छल नै िक शू। महाभारतक आिद पव मे हुनकर जमक कथा अिछ। ओमहिष पराशरक पु छल। हुनकर म सयवती एकटा असराक कया छल। राजा उपिरचर अिह कयाकपालन-पोषणक भार मलाहक मुिखया जथ केर सॱपने छल। ओ नाव चलावैक लेल तट पर जायत छिलजतय हुनकर िमलन ऋिष पराशर सं भेल। संपूण कथ महाभारत (आिदपव 63.70-86) मे अंिकत अिछ।83


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>पराशर महिष विशक पौ छल। सयवती सं जम लऽ कऽ कृण ैपायन (वेदयास) गुण, जाइत आवणक दृि सं महिष पराशरक वंश मे आवैत अिछ। पराशरक पु भला कोन आधार पर शू कहल जायतअिछ?समान यवसाय परक जाइत मे कतेक उपजाइतक ितरोिहत भऽ जायके पात िनषादक वाइस उपजाइतएखनो अितव मे अिछ। ई उपजाइत अिछ, कोवट, कैवत, चौरा, तीवर, धीवर, वेलदार, िवद, मलाह,सुरिहया, वनपर, गोढ़ी, खुलवट, कौल, जेठौत, परवितया, चौदहा, राजवंशी, लहेिरया, मिहषी, मुिरयारी, केवटआ धोवी।िनषादक अिह उपजाइत मे कैवत आ गोढ़ी िसंहेरक कमरगामा, दुलार, तरहा, चपानगर, डंडारी, वभनी,गहिरया, टोका जीवछपुर, जलवार, महुली आिद गाम मे वहुलश मे रहैत अिछ। ई संप कृषक अिछ आराजनीित मे िहनकर वचव अिछ। ई एखनो भगवान िशवक उपासक अिछ।मूित थापनायेक वरख आषाढ़ पूिणमा केर कौिशकी मे नव जल उतरैत अिछ। जलधारा तीव गित सं आगू वढ़ैतअिछ। येक वरख आषाढ़ पूिणमा के इितहास ण भिर एतय िक के प पलाश अिपत कऽ जायतअिछ। लागैत अिछ, शूय मे वेद वनी गूंिज रहल अिछ। नै जानय किहया सं ृंगेरक कौिशकीक जलपीयर भऽ गेल। तिहया सं कोशी पाड, पडुआ या परवान धार विन गेल।ृंगेर थान मे ऋयृंग एखनो जीिवत अिछ। ीमागवत सुनावैत शुकदेवजी कहैत अिछ'गालवो दीितमान रामो ोण पु: कृपतथा।ऋयृंग िपतामाकं भगवान वादरायण:।।इमे सतषयत भिवयित वयोगत:।इदािन मासते राजव वे वे आम मडले।।'(गालव, दीितमान, राम, अथामा, कृपाचाय, ऋयृंग, महिष वेदयास ई सातॲ ऋिष आठम सावण मवतरमे सत ऋिष पद पर आढ़ होयत)अिह लोक सं ई िस भऽ गेल अिछ जे ऋयृंग आव आवय वला आठम सावण मवतर मे सत ऋिष मे◌ेसे एकटा पद अवय ह कऽ अिह कौिशकी अंचल के फेर सं मिहम मंिडत करत।ऋयृंगक मूितक थापना84


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>ऋयृंगक तपोभूिम िसंहेर थान मे अिह ऋिषराजक भय ितमाक अभाव खटकैत छल। ऋयृंग वंशोवफारिवसगंज (अरिरया) िनवासी गोलोकवासी मोहनलाल जी पाडेयक आमज ी गोपाल पंिडत (िसखवालवाण) कुचामण िसटी िजला नागौर (राजथान) िनवासी ारा संगमरमर िनिमत ऋयृंगक भय ितमा अपनमाता ीमित पावती देवीक आदेशानुसार मंिदर पिरसर मे थािपत करैलक। अिह ितमाक ाण-िता-अनुान वैिदक मंोचारणक संग िदनक 20 जून, 2002 (गंगा दशहरा) के संप भेल। मंिदरक िवकासमे ई एकटा नव अयाया जुि़ड गेल।िसहेर मेलाएतय येक वरख फागुन िशवराि मे वड़ मेला लागैत अिछ। जखैन कोशीक िवभीिषकाक कारण अिह ेमे यातायातक घोर असुिवधा छल, पूिणमा आ भागलपुर सं एकर संवंध टूिट जायत करैत छल तखैन अिहऐितहािसक मेलाक वड़ उपयोिगता छल। वैलगाड़ी पर सवार भऽ कऽ दूर-दराजक लोग अपन रसद-पइनकसंग अिह मेला मे आवैत छल, अपन िशिवर लगावैत छल, मेलाक आनंद लैत छल आ साल भिरक लेलअपन घरेलू उपयोगक वतु कीनैत छल। एतवेटा नै, पिहने ई मायता चिलत छल जे वावा (भगवान िशव)केर िववाह भऽ जाय केर वाद लोक अपन वाल-वचा सभहक िववाह तय करैत छल। एतदथ फागुनमहािशवराि के कय आ वरक देखा-देखी आ संवंध तय भऽ गेलाक संग याहक लेल उपयोगी समानकखरीद-फरोत सेहो अिह मेला मे होयत छल आ दहेज मे दैक लेल मवेशी सेहो मेला मे कीनन जायत छल।अपन दूरक कुटुव से भट-मुलाकात सेहो अिह मेलाक िविश ठाम छल। तहैयौका काल मे अिह मेलाकआिथक टा नै सकृितक महव सेहो वड़ छल। कोशीक वाढ़, मलेिरया आ दोसर ाकृितक आपदा संजूझैत लोकक लेल ई एकट उलेखनीय िवाम थल छल, जतय आिव के िकछु िदनक लेल लोक अपनक कं िवसुिर जायत छल, आगूक योजना वनावैत छल, आ अपन िजजीिवषा के तरंिगत कऽ जयभोलानाथ, जीयव के फेर आयव, जेहन ाथना कऽ घुरैत छल।ई मेला सदी सं उलास आ आनंदक संगम रहल अिछ। वावा भोलेनाथक पूजा-अचनाक वाद मािट खोिदकेर वनायल चूा पर अपने सं भोजन वनायव, िदन भिर मेल घूमव, िटकुली-िसनूर सं लऽ कऽ दोसर घरेलूसामान कीनव आ रात मे पा लाल िथयेटर कंपनीक नौटंकी देखव मेला दशनाथ सभहक िदनचय छल। ईिथयेटर कंपनी उरदेश सं ाय: सभ वरख आवैत छल। एकर संथापक पा लाल अपने एकटा कुशलकलाकार छल। लैला मजनूं, शीरी फरहाद, सुलताना डाकू, भत पूरन मल, माया मछदर, अमर िसंह राठौरआिद हुनकर े आ चिचत नाटक छल जकर अिह मेला मे सफल मंचन होयत छल। नगारेक आवाज परवहरेतवील मे सभ कलाकार अपन भूिमका के गािव के तुत करैत छल। मंमुध दशक पा सं अपनसाधारणीकृत कऽ अपूव आनंद, ेम, कणा, राग-िवराग, आोश आिद भावक अनुभव करैत छल। अिहिथयेटरक ई एकटा िविश गुण छल।गलढर सं चौठारी धिर चािर िदन धर मधेपुरा कचहरीक हािकम-हुाम अिह मेलाक कैप करैत छल। सीिरजइंटीयूशनक चुनल गेल काउट कैलाश पित मंडल िशक नेतृव मे मेला आ मंिदर पिरसरक िविध85


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>यवथाक संचालन करैत छल। अनुमंडल मुयालय सं आरी वल आ चौकीदारक ड¬◌ूटी सेहो मेला मे रहैतछल। कतेक वरख मेलाक अंत मे हैजा आ आगलगी सं जान आ सामान के ित सेहो भेल अिछ।सभ रिववार आ वुधवार के हाट मे िव-वाक अलावा अिह मेला मे भरपूर कमाई कऽ एतौका दुकानदारभगवान िशवक साद वुिझ वरख वाद अगुलका मेलाक तीा करैत छल। मुदा, धीरे-धीरे समय वदिलगेल। यातायातक सुिवधा सं लोकक पारपिरक दूरी कम भऽ गेल। अिह ेक कतेक गाम शहर विन गेलजतय घरेलू उपयोगक सामान वहुलश मे भेटय लागल। पिहने भगवान िशवक दरवार मे जतेक य मुडनआ मनौतीक लेल ओयत छल आव वुिवादक िवतारक कारण ओिह मे गुणामक कमी आिव गेल। आवएतवै टा जर भेल अिछ जे सभ साल हजार याह अिह मंिदर पिरसर भे हुए लागल। िसनेम िथयेटरकमहव के िकछु कम कऽ देने अिछ, मुदा िथयेटरक रंगीनी िदन-ितिदन वढ़ैत गेल। पा लालक मयिदतिथयेटर आव नै अिछ। हुनकर थान रौता कपनी, शोभा िथयेटर आिद लऽ लेने अिछ। आव मयिदतमनोरंजनक थान अलीलता हण कऽ लेने अिछ। यै कारण अिछ जे शासन के िविध यवथा आवआओर कड़ा करय पड़ैत अिछ आ समय-समय पर असामािजक तव सं मुकावला सेहो।अिह मेला मे सकस आ मौतक कुआं सेहो दशक के वड़ आकिषत करैत अिछ। सरकार ारा कृिष, उोगआ अयाय नव-नव उपकरणक दशनीक संग जनसंपक िवभाग, खादी ामोोग आिदक टाल मे दशककभीड़ रहैत अिछ। जीप, ैटरक वाहुयक कारण आव हाथीक उपयोिगता कम भऽ गेल अिछ मुदा मवेशी मेघोड़ा, बैल,भस आ वकरी सभहक खरीद-िवी होवत अिछ। सरकारी तर पर ई मेला पंह िदन धिर, मुदाओना एक माह धिर चलैत अिछ।(मश:)ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।बालान कृतेअिमत िम- १.राित िदवालीक २.जनमिदनक शुभकामना86


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>१राित िदवालीककारी-कारी राित डेराओनमुदा चमिक गेल दीप हजारमछर झडकाबैत हुा-पातीवाहा भेल कुरीतक संसारपाडल अिरपन मझ आँगनरगल देबाल, चौकिठ, केबारपुरना झगड़ापर पडल गदभेलै नव जीवनक संचारमधुर-िमठाइ, पूजा पाठमेलागल सभक घर-पिरवारसंग चुू-मुू, मुा-टुालगा देलक फटाक पथारराित िदवालीक सब िदन आबैसब िदन सजै मतीक बजारसब िदन आबिथ लमी मैयासब िदन राखब खोिल केबार२.जनमिदनक शुभकामनाजनमिदन जे रामक एलैबनलै अगबे मधुर-िमानपात-पात हँिस-हँिस कऽ झूमैनाचै मोर, छेडै कोइली तान87


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>किनय-मिनय लडू बटिथठुमिक-ठुमिक कऽ चलिथ भगवानजखने रामके मधुर मुकी छूटलकपल रावण देलक पतनुकानमातृ-िपतृ भत, मयदा पुषोतमबाल-गोपल बनब ओहने महानसब साल आिब मेटाबू सघन तमजनमिदनक शुभकामना अिछ भगवानऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।बचा लोकिन ारा मरणीय लोक१.ातः काल मुहू (सूयदयक एक घंटा पिहने) सवथम अपन दुनू हाथ देखबाक चाही, आ’ ई लोकबजबाक चाही।कराे वसते लमीः करमये सरवती।करमूले िथतो ा भाते करदशनम्॥करक आग लमी बसैत छिथ, करक मयमे सरवती, करक मूलमे ा िथत छिथ। भोरमे तािह ारेकरक दशन करबाक थीक।२.संया काल दीप लेसबाक काल-दीपमूले िथतो ा दीपमये जनादनः।दीपाे शरः ोः सयायोितनमोऽतुते॥88


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>दीपक मूल भागमे ा, दीपक मयभागमे जनादन (िवणु) आऽ दीपक अ भागमे शर िथत छिथ। हेसंयायोित! अहक नमकार।३.सुतबाक काल-रामं कदं हनूमतं वैनतेयं वृकोदरम्।शयने यः मरेियं दुःवतय नयित॥जे सभ िदन सुतबासँ पिहने राम, कुमारवामी, हनूमान्, गड आऽ भीमक मरण करैत छिथ, हुनकर दुःवन भऽ जाइत छिह।४. नहेबाक समय-गे च यमुने चैव गोदाविर सरवित।नमदे िसधु कावेिर जलेऽिमन् सििधं कु॥हे गंगा, यमुना, गोदावरी, सरवती, नमदा, िसधु आऽ कावेरी धार। एिह जलमे अपन सािय िदअ।५.उरं यसमुय िहमाेैव दिणम्।वषं तत् भारतं नाम भारती य सतितः॥समुक उरमे आऽ िहमालयक दिणमे भारत अिछ आऽ ओतुका सतित भारती कहबैत छिथ।६.अहया ौपदी सीता तारा मडोदरी तथा।पचकं ना मरेियं महापातकनाशकम्॥जे सभ िदन अहया, ौपदी, सीता, तारा आऽ मदोदरी, एिह पच सावी-ीक मरण करैत छिथ, हुनकरसभ पाप न भऽ जाइत छिह।७.अथामा बिलयसो हनूम िवभीषणः।कृपः परशुराम सतैते िचरीिवनः॥अथामा, बिल, यास, हनूमान्, िवभीषण, कृपाचाय आऽ परशुराम- ई सात टा िचरीवी कहबैत छिथ।89


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>८.साते भवतु सुीता देवी िशखर वािसनीउेन तपसा लधो यया पशुपितः पितः।िसिः साये सतामतु सादातय धूजटेःजावीफेनलेखेव ययूिध शिशनः कला॥९. बालोऽहं जगदानद न मे बाला सरवती।अपूण पंचमे वष वणयािम जगयम् ॥१०. दूवत मं(शुल यजुवद अयाय २२, मं २२)आ ियय जापितॠिषः। िलंभोा देवताः। वराडुकृितछदः। षजः वरः॥आ ॑न् ा॒णो ॑वच॒सी जा॑यता॒मा रा॒े रा॑ज॒यः शुरे॑ऽइषयो॒ऽितया॒धी म॑हार॒थो जा॑यत॒ दोॴधे॒नुवढा॑न॒वाना॒शुः सितः॒ पुर॑िध॒यवा॑ िज॒णू र॑थे॒ाः स॒भेयो॒ युवाय यज॑मानय वी॒रो जा॒यत िनका॒मे-िन॑कामे नःप॒जयॲ वषतु॒ फल॑वयो न॒ऽओष॑धयः पयत योगे॒मो नः॑ कपताम्॥२२॥माथः िसयः सतु पूणः सतु मनोरथाः। शूण बुिनाशोऽतु िमाणामुदयतव।ॐ दीघयुभव। ॐ सौभायवती भव।हे भगवान्। अपन देशमे सुयोय आ’ सव िवाथ उप होिथ, आ’ शुुक नाश कएिनहार सैिनक उपहोिथ। अपन देशक गाय खूब दूध दय बाली, बरद भार वहन करएमे सम होिथ आ’ घोड़ा विरत पदौगय बला होए। ीगण नगरक नेतृव करबामे सम होिथ आ’ युवक सभामे ओजपूण भाषण देबयबला आ’नेतृव देबामे सम होिथ। अपन देशमे जखन आवयक होय वष होए आ’ औषिधक-बूटी सवदा पिरपवहोइत रहए। एवं मे सभ तरह हमरा सभक कयाण होए। शुक बुिक नाश होए आ’ िमक उदय होए॥मनुयक कोन वतुक इछा करबाक चाही तकर वणन एिह मंमे कएल गेल अिछ।एिहमे वाचकलुतोपमालकार अिछ।अवय-॑न् - िवा आिद गुणसँ पिरपूण 90


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>३.व आ ब : मैिथलीमे “व”क उचारण ब कएल जाइत अिछ, मुदा ओकरा ब पमे निह िलखल जएबाकचाही। जेना- उचारण : बैनाथ, िबा, नब, देबता, िबणु, बंश, बदना आिद। एिह सभक थानपर मशःवैनाथ, िवा, नव, देवता, िवणु, वंश, वदना िलखबाक चाही। सामायतया व उचारणक लेल ओ योगकएल जाइत अिछ। जेना- ओकील, ओजह आिद।४.य आ ज : कतहु-कतहु “य”क उचारण “ज”जक करैत देखल जाइत अिछ, मुदा ओकरा ज निहिलखबाक चाही। उचारणमे य, जिद, जमुना, जुग, जाबत, जोगी, जदु, जम आिद कहल जाएबला शदसभक मशः य, यिद, यमुना, युग, यावत, योगी, यदु, यम िलखबाक चाही।५.ए आ य : मैिथलीक वतनीमे ए आ य दुनू िलखल जाइत अिछ।ाचीन वतनी- कएल, जाए, होएत, माए, भाए, गाए आिद।नवीन वतनी- कयल, जाय, होयत, माय, भाय, गाय आिद।सामायतया शदक शुमे ए मा अबैत अिछ। जेना एिह, एना, एकर, एहन आिद। एिह शद सभकथानपर यिह, यना, यकर, यहन आिदक योग निह करबाक चाही। यिप मैिथलीभाषी था सिहत िकछुजाितमे शदक आरभोमे “ए”क य किह उचारण कएल जाइत अिछ।ए आ “य”क योगक सदभमे ाचीने पितक अनुसरण करब उपयुत मािन एिह पुतकमे ओकरे योगकएल गेल अिछ। िकएक तँ दुनूक लेखनमे कोनो सहजता आ दुहताक बात निह अिछ। आ मैिथलीकसवसाधारणक उचारण-शैली यक अपेा एसँ बेसी िनकट छैक। खास कऽ कएल, हएब आिद कितपयशदक कैल, हैब आिद पमे कतहु-कतहु िलखल जाएब सेहो “ए”क योगक बेसी समीचीन मािणत करैतअिछ।६.िह, हु तथा एकार, ओकार : मैिथलीक ाचीन लेखन-परपरामे कोनो बातपर बल दैत काल शदक पाछिह, हु लगाओल जाइत छैक। जेना- हुनकिह, अपनहु, ओकरहु, तकालिह, चोिह, आनहु आिद। मुदाआधुिनक लेखनमे िहक थानपर एकार एवं हुक थानपर ओकारक योग करैत देखल जाइत अिछ। जेना-हुनके, अपनो, तकाले, चोे, आनो आिद।७.ष तथा ख : मैिथली भाषामे अिधकशतः षक उचारण ख होइत अिछ। जेना- षय (खडय),षोडशी (खोडशी), षकोण (खटकोण), वृषेश (वृखेश), सतोष (सतोख) आिद।94


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>तिनकरअिछअाअखन, अखिन, एखेन, अखनीिठमा, िठना, ठमाजेकर, तेकरितनकर। (वैकिपक प ा)ऐछ, अिह, ए।२. िनिलिखत तीन कारक प वैकिपकतया अपनाओल जाय: भऽ गेल, भय गेल वा भए गेल। जा रहलअिछ, जाय रहल अिछ, जाए रहल अिछ। कर’ गेलाह, वा करय गेलाह वा करए गेलाह।३. ाचीन मैिथलीक ‘ह’ विनक थानमे ‘न’ िलखल जाय सकैत अिछ यथा कहलिन वा कहलिह।४. ‘ऐ’ तथा ‘औ’ ततय िलखल जाय जत’ पतः ‘अइ’ तथा ‘अउ’ सदृश उचारण इ हो। यथा-देखैत, छलैक, बौआ, छौक इयािद।५. मैिथलीक िनिलिखत शद एिह पे युत होयत: जैह, सैह, इएह, ओऐह, लैह तथा दैह।६. व इकारत शदमे ‘इ’ के लुत करब सामायतः अा िथक। यथा- ा देिख आबह, मािलिन गेिल(मनुय मामे)।७. वतं व ‘ए’ वा ‘य’ ाचीन मैिथलीक उरण आिदमे तँ यथावत राखल जाय, िकंतु आधुिनक योगमेवैकिपक प ‘ए’ वा ‘य’ िलखल जाय। यथा:- कयल वा कएल, अयलाह वा अएलाह, जाय वा जाएइयािद।८. उचारणमे दू वरक बीच जे ‘य’ विन वतः आिब जाइत अिछ तकरा लेखमे थान वैकिपक प देलजाय। यथा- धीआ, अढैआ, िवआह, वा धीया, अढैया, िबयाह।९. सानुनािसक वतं वरक थान यथासंभव ‘ञ’ िलखल जाय वा सानुनािसक वर। यथा:- मैञा,किनञा, िकरतिनञा वा मैआँ, किनआँ, िकरतिनआँ।१०. कारकक िवभिक िनिलिखत प ा:- हाथक, हाथसँ, हाथ, हाथक, हाथमे। ’मे’ मे अनुवार97


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>सवथा याय िथक। ‘क’ क वैकिपक प ‘केर’ राखल जा सकैत अिछ।११. पूवकािलक ियापदक बाद ‘कय’ वा ‘कए’ अयय वैकिपक प लगाओल जा सकैत अिछ। यथा:-देिख कय वा देिख कए।१२. मग, भग आिदक थानमे माङ, भाङ इयािद िलखल जाय।१३. अ ‘न’ ओ अ ‘म’ क बदला अनुसार निह िलखल जाय, िकंतु छापाक सुिवधाथ अ ‘ङ’ , ‘ञ’,तथा ‘ण’ क बदला अनुवारो िलखल जा सकैत अिछ। यथा:- अ, वा अंक, अचल वा अंचल, कठ वाकंठ।१४. हलंत िच िनअमतः लगाओल जाय, िकंतु िवभितक संग अकारत योग कएल जाय। यथा:- ीमान्,िकंतु ीमानक।१५. सभ एकल कारक िच शदमे सटा क’ िलखल जाय, हटा क’ निह, संयुत िवभितक हेतु फराकिलखल जाय, यथा घर परक।१६. अनुनािसकक चिबदु ारा यत कयल जाय। परंतु मुणक सुिवधाथ िह समान जिटल माापरअनुवारक योग चिबदुक बदला कयल जा सकैत अिछ। यथा- िहँ केर बदला िहं।१७. पूण िवराम पासीसँ ( । ) सूिचत कयल जाय।१८. समत पद सटा क’ िलखल जाय, वा हाइफेनसँ जोिड क’ , हटा क’ निह।१९. िलअ तथा िदअ शदमे िबकारी (ऽ) निह लगाओल जाय।२०. अंक देवनागरी पमे राखल जाय।२१.िकछु विनक लेल नवीन िचह बनबाओल जाय। जा' ई निह बनल अिछ ताबत एिह दुनू विनक बदलापूववत् अय/ आय/ अए/ आए/ आओ/ अओ िलखल जाय। आिक ऎ वा ऒ सँ यत कएल जाय।ह./- गोिवद झा ११/८/७६ ीकात ठाकुर ११/८/७६ सुरे झा "सुमन" ११/०८/७६२. मैिथलीमे भाषा सपादन पायम98


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>२.१. उचारण िनदश: (बोड कएल प ा):-दत न क उचारणमे दतमे जीह सटत- जेना बाजू नाम , मुदा ण क उचारणमे जीह मूधमे सटत (नैसटैए तँ उचारण दोष अिछ)- जेना बाजू गणेश। तालय शमे जीह तालुसँ , षमे मूधसँ आ दत समे दतसँसटत। िनश, सभ आ शोषण बािज कऽ देखू। मैिथलीमे ष क वैिदक संकृत जक ख सेहो उचिरतकएल जाइत अिछ, जेना वष, दोष। य अनेको थानपर ज जक उचिरत होइत अिछ आ ण ड जक(यथा संयोग आ गणेश संजोग आगड़ेस उचिरत होइत अिछ)। मैिथलीमे व क उचारण ब, श क उचारण स आ य क उचारण ज सेहोहोइत अिछ।ओिहना व इ बेशीकाल मैिथलीमे पिहने बाजल जाइत अिछ कारण देवनागरीमे आ िमिथलारमे व इअरक पिहने िलखलो जाइत आ बाजलो जएबाक चाही। कारण जे िहदीमे एकर दोषपूण उचारण होइतअिछ (िलखल तँ पिहने जाइत अिछ मुदा बाजल बादमे जाइत अिछ), से िशा पितक दोषक कारण हमसभ ओकर उचारण दोषपूण ढंगसँ कऽ रहल छी।अिछ- अ इ छ ऐछ (उचारण)छिथ- छ इ थ – छैथ (उचारण)पहुँिच- प हुँ इ च (उचारण)आब अ आ इ ई ए ऐ ओ औ अं अः ऋ ऐ सभ लेल माा सेहो अिछ, मुदा ऐमे ई ऐ ओ औ अं अः ऋक संयुतार पमे गलत पमे युत आ उचिरत कएल जाइत अिछ। जेना ऋ क री पमे उचिरतकरब। आ देिखयौ- ऐ लेल देिखऔ क योग अनुिचत। मुदा देिखऐ लेल देिखयै अनुिचत। क् सँ धिर असिमिलत भेलासँ क सँ ह बनैत अिछ, मुदा उचारण काल हलत युत शदक अतक उचारणक वृिबढल अिछ, मुदा हम जखन मनोजमे ज् अतमे बजैत छी, तखनो पुरनका लोकक बजैत सुनबिह- मनोजऽ,वातवमे ओ अ युत ज् = ज बजै छिथ।फेर अिछ ज् आ ञ क संयुत मुदा गलत उचारण होइत अिछ- य। ओिहना अिछ क् आ ष कसंयुत मुदा उचारण होइत अिछ छ। फेर श् आ र क संयुत अिछ ( जेना िमक) आ स् आ र कसंयुत अिछ (जेना िम)। भेल त+र ।उचारणक ऑिडयो फाइल िवदेह आकइव http://www.videha.co.in/ पर उपलध अिछ। फेर क / सँ/ पर पूव अरसँ सटा कऽ िलखू मुदा तँ / कऽ हटा कऽ। ऐमे सँ मे पिहल सटा कऽ िलखू आ बादबलाहटा कऽ। अंकक बाद टा िलखू सटा कऽ मुदा अय ठाम टा िलखू हटा कऽ– जेनाछहटा मुदा सभ टा। फेर ६अ म सातम िलखू- छठम सातम नै। घरबलामे बला मुदा घरवालीमे वाली युतक।99


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>रहए-रहै मुदा सकैए (उचारण सकै-ए)।मुदा कखनो काल रहए आ रहै मे अथ िभता सेहो, जेना से कमो जगहमे पािकंग करबाक अयास रहैओकरा। पुछलापर पता लागल जे ढुनढुन नाा ई ाइवर कनाट लेसक पािकंगमे काज करैत रहए।छलै, छलए मे सेहो ऐ तरहक भेल। छलए क उचारण छल-ए सेहो।संयोगने- (उचारण संजोगने)क/ कऽकेर- क (केर क योग गमे नै क , पमे कऽ सकै छी। )क (जेना रामक)–रामक आ संगे (उचारण राम के / राम कऽ सेहो)सँ- सऽ (उचारण)चिबदु आ अनुवार- अनुवारमे कंठ धिरक योग होइत अिछ मुदा चिबदुमे नै। चिबदुमे कनेकएकारक सेहो उचारण होइत अिछ- जेना रामसँ- (उचारण राम सऽ) रामक- (उचारण राम कऽ/ राम केसेहो)।क जेना रामक भेल िहदीक को (राम को)- राम को= रामकक जेना रामक भेल िहदीक का ( राम का) राम का= रामककऽ जेना जा कऽ भेल िहदीक कर ( जा कर) जा कर= जा कऽसँ भेल िहदीक से (राम से) राम से= रामसँसऽ , तऽ , त , केर (गमे) ए◌े चा शद सबहक योग अविछत।के दोसर अथँ युत भऽ सकैए- जेना, के कहलक? िवभित “क”क बदला एकर योग अविछत।निञ, निह, नै, नइ, नँइ, नइँ, नइं ऐ सभक उचारण आ लेखन - नै100


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>व क बदलामे व जेना महवपूण (महवपूण नै) जतए अथ बदिल जाए ओतिह मा तीन अरकसंयुतारक योग उिचत। सपित- उचारण स प इ त (सपि नै- कारण सही उचारण आसानीसँसभव नै)। मुदा सवम (सवतम नै)।रािय (राीय नै)सकैए/ सकै (अथ पिरवतन)पोछैले/ पोछै लेल/ पोछए लेलपोछैए/ पोछए/ (अथ पिरवतन) पोछए/ पोछैओ लोकिन ( हटा कऽ, ओ मे िबकारी नै)ओइ/ ओिहओिहले/ओिह लेल/ ओही लऽजएब/ बैसबपँचभइयदेिखयौक/ (देिखऔक नै- तिहना अ मे व आ दीघक मााक योग अनुिचत)जक / जेकतँइ/ तैँ/होएत / हएतनिञ/ निह/ नँइ/ नइँ/ नैसौँसे/ सॱसेबड /बडी (झोराओल)गाए (गाइ निह), मुदा गाइक दूध (गाएक दूध नै।)रहल/ पिहरतैँ101


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>हमहॴ/ अहॴसब - सभसबहक - सभहकधिर - तकगप- बातबूझब - समझबबुझलॱ/ समझलॱ/ बुझलहुँ - समझलहुँहमरा आर - हम सभआिक- आ िकसकैछ/ करैछ (गमे योगक आवयकता नै)होइन/ होिनजाइन (जािन नै, जेना देल जाइन) मुदा जािन-बूिझ (अथ पिरतन)पइठ/ जाइठआउ/ जाउ/ आऊ/ जाऊमे, क, सँ, पर (शदसँ सटा कऽ) तँ कऽ धऽ दऽ (शदसँ हटा कऽ) मुदा दूटा वा बेसी िवभित संगरहलापर पिहल िवभित टाक सटाऊ। जेना ऐमे सँ ।एकटा , दूटा (मुदा कए टा)िबकारीक योग शदक अतमे, बीचमे अनावयक प नै। आकारात आ अतमे अ क बाद िबकारीक योगनै (जेना िदअ, आ/ िदय’ , आ’, आ नै )अपोोफीक योग िबकारीक बदलामे करब अनुिचत आ मा फॉटक तकनीकी यूनताक पिरचायक)- ओनािबकारीक संकृत प ऽ अवह कहल जाइत अिछ आ वतनी आ उचारण दुनू ठाम एकर लोप रहैत अिछ/रिह सकैत अिछ (उचारणमे लोप रिहते अिछ)। मुदा अपोोफी सेहो अंेजीमे पसेिसव केसमे होइत अिछआ चमे शदमे जतए एकर योग होइत अिछ जेना raison d’etre एतए सेहो एकर उचारण रैजौन डेटर102


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>होइत अिछ, माने अपोॉफी अवकाश नै दैत अिछ वरन जोडैत अिछ, से एकर योग िबकारीक बदला देनाइतकनीकी प सेहो अनुिचत)।अइमे, एिहमे/ ऐमेजइमे, जािहमेएखन/ अखन/ अइखनक (के निह) मे (अनुवार रिहत)भऽमेदऽतँ (तऽ, त नै)सँ ( सऽ स नै)गाछ तरगाछ लगसझ खनजो (जो go, करै जो do)तै/तइ जेना- तै दुआरे/ तइमे/ तइलेजै/जइ जेना- जै कारण/ जइसँ/ जइलेऐ/अइ जेना- ऐ कारण/ ऐसँ/ अइले/ मुदा एकर एकटा खास योग- लालित कतेक िद नसँ कहैत रहैत अइलै/लइ जेना लैसँ/ लइले/ लै दुआरेलहँ/ लॱगेलॱ/ लेलॱ/ लेलँह/ गेलहुँ/ लेलहुँ/ लेलँ103


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>जइ/ जािह / जैजिह ठाम/ जािह ठाम/ जइठाम/ जैठामएिह / अिह /अइ (वायक अंतमे ा( / ऐअइछ/ अिछ / ऐछतइ/ तिह / तै/ तािहओिह / ओइसीिख / सीखजीिव / जीवी/ जीबभलेहॴ/ भलिह◌ ंत/ तँइ/ तँएजाएब/ जएबलइ/ लैछइ/ छैनिह / नै/ नइगइ/ गैछिन/ छि ह ...समए श दक संग जखन कोनो िव भि त जुटै छै तखन समै जना समैपर इ यािद । असगरमे हृदए आ िव भि तजुटने हृदे जना हृदेसँ, हृदेमे इ यािद ।जइ/ जािह /जैजिह ठाम/ जािह ठाम/ जइठाम/ जैठामएिह / अिह / अइ/ ऐ104


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>अइछ/ अिछ / ऐछतइ/ तिह / तै/ तािहओिह / ओइसीिख / सीखजीिव / जीवी/जीबभले/ भलेहॴ/भलिह◌ ंत/ तँइ/ तँएजाएब/ जएबलइ/ लैछइ/ छैनिह / नै/ नइगइ/गैछिन / छि हचुकल अिछ/ गेल गिछ२.२. मैिथलीमे भाषा सपादन पायमनीचक सूचीमे देल िवकपमेसँ लगुएज एडीटर ारा कोन प चुनल जेबाक चाही:बोड कएल प ा:१.होयबला/ होबयबला/ होमयबला/ हेब’बला, हेम’बला/ होयबाक/होबएबला /होएबाक२. आ’/आऽ105


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>आ३. क’ लेने/कऽ लेने/कए लेने/कय लेने/ल’/लऽ/लय/लए४. भ’ गेल/भऽ गेल/भय गेल/भएगेल५. कर’ गेलाह/करऽगेलह/करए गेलाह/करय गेलाह६.िलअ/िदअ िलय’,िदय’,िलअ’,िदय’/७. कर’ बला/करऽ बला/ करय बला करैबला/क’र’ बला /करैवाली८. बला वला (पुष), वाली ( ी) ९.आल आंल१०. ायः ायह११. दुःख दुख १२. चिल गेल चल गेल/चैल गेल१३. देलिखह देलिकह, देलिखन१४.देखलिह देखलिन/ देखलैह१५. छिथह/ छलिह छिथन/ छलैन/ छलिन१६. चलैत/दैत चलित/दैित१७. एखनो106


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>अखनो१८.बढ़िन बढइन बढिह१९. ओ’/ओऽ(सवनाम) ओ२०. ओ (संयोजक) ओ’/ओऽ२१. फिग/फाि फाइंग/फाइङ२२.जे जे’/जेऽ २३. ना-नुकुर ना-नुकर२४. केलिह/केलिन /कयलिह२५. तखनतँ/ तखन तँ२६. जारहल/जाय रहल/जाए रहल२७. िनकलय/िनकलएलागल/ लगल बहराय/ बहराए लागल/ लगल िनकल’/बहरै लागल२८. ओतय/ जतय जत’/ ओत’/ जतए/ ओतए२९.की फूरल जे िक फूरल जे३०. जे जे’/जेऽ३१. कूिद / यािद(मोन पारब) कूइद/याइद/कूद/याद/यािद (मोन)३२. इहो/ ओहो107


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>३३.हँसए/ हँसय हँसऽ३४. नौ आिक दस/नौ िकंवा दस/ नौ वा दस३५. सासु-ससुर सास-ससुर३६. छह/ सात छ/छः/सात३७.की की’/ कीऽ (दीघकारातमे ऽ विजत)३८. जबाब जवाब३९. करएताह/ करेताह करयताह४०. दलान िदिश दलान िदश/दलान िदस४१. गेलाह गएलाह/गयलाह४२. िकछु आर/ िकछु और/ िकछ आर४३. जाइ छल/ जाइत छल जाित छल/जैत छल४४. पहुँिच/ भेट जाइत छल/ भेट जाइ छलए पहुँच/ भेिट जाइत छल४५.जबान (युवा)/ जवान(फौजी)४६. लय/ लए क’/ कऽ/ लए कए / लऽ कऽ/ लऽ कए४७. ल’/लऽ कय/कए४८. एखन / एखने / अखन / अखने४९.108


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>अहॴक अहीँक५०. गहॴर गहीँर५१.धार पार केनाइ धार पार केनाय/केनाए५२. जेक जक/जक५३. तिहना तेिहना५४. एकर अकर५५. बिहनउ बहनोइ५६. बिहन बिहिन५७. बिहन-बिहनोइबिहन-बहनउ५८. निह/ नै५९. करबा / करबाय/ करबाए६०. तँ/ त ऽ तय/तए६१. भैयारी मे छोट-भाए/भै/, जेठ-भाय/भाइ,६२. िग नतीमे दू भाइ/भाए/भइ६३. ई पोथी दू भाइक/ भइ/ भाए/ लेल। यावत जावत६४. माय मै / माए मुदा माइक ममता६५. देिह/ दइन दिन / दएिह/ दयिह दिह/ दैिह६६. द’/ दऽ/ दए६७. ओ (संयोजक) ओऽ (सवनाम)109


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>६८. तका कए तकाय तकाए६९. पैरे (on foot) पएरे कएक/ कैक७०.ताहुमे/ ताहूमे७१.पुीक७२.बजा कय/ कए / कऽ७३. बननाय/बननाइ७४. कोला७५.िदनुका िदनका७६.ततिहसँ७७. गरबओलिह/ गरबौलिन /गरबेलिह/ गरबेलिन७८. बालु बालू७९.चेह िचह(अशु)८०. जे जे’८१. से/ के से’/के’110


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>८२. एखुनका अखनुका८३. भुिमहार भूिमहार८४. सुगर/ सुगरक/ सूगर८५. झठहाक झटहाक ८६.छूिब८७. करइयो/ओ करैयो ने देलक /किरयौ-करइयौ८८. पुबािरपुबाइ८९. झगड़ा-झटीझगड़ा-झिट९०. पएरे-पएरे पैरे-पैरे९१. खेलएबाक९२. खेलेबाक९३. लगा९४. होए- हो – होअए९५. बुझल बूझल९६.बूझल (संबोधन अथमे)९७. यैह यएह / इएह/ सैह/ सएह९८. ताितल९९. अयनाय- अयनाइ/ अएनाइ/ एनाइ111


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>१००. िन- िनद१०१.िबनु िबन१०२. जाए जाइ१०३.जाइ (in different sense)-last word of sentence१०४. छत पर आिब जाइ१०५.ने१०६. खेलाए (play) –खेलाइ१०७. िशकाइत- िशकायत१०८.ढप- ढ़प१०९. पढ़- पढ११०. किनए/ किनये किनञे१११. राकस- राकश११२. होए/ होय होइ११३. अउरदा-औरदा११४. बुझेलिह (different meaning- got understand)११५. बुझएलिह/बुझेलिन / बुझयलिह (understood himself)112


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>११६. चिल- चल/ चिल गेल११७. खधाइ- खधाय११८.मोन पाड़लिखह/ मोन पाड़लिख न/ मोन पारलिखह११९. कैक- कएक- कइएक१२०.लग ल’ग१२१. जरेनाइ१२२. जरौनाइ जरओनाइ- जरएनाइ/जरेनाइ१२३. होइत१२४.गरबेलिह/ गरबेलिन गरबौलिह/ गरबौलिन१२५.िचखैत- (to test)िचखइत१२६. करइयो (willing to do) करैयो१२७. जेकरा- जकरा१२८. तकरा- तेकरा१२९.िबदेसर थानेमे/ िबदेसरे थानमे१३०. करबयलहुँ/ करबएलहुँ/ करबेलहुँ करबेलॱ१३१.113


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>हािरक (उचारण हाइरक)१३२. ओजन वजन आफसोच/ अफसोस कागत/ कागच/ कागज१३३. आधे भाग/ आध-भागे१३४. िपचा / िपचाय/िपचाए१३५. नञ/ ने१३६. बचा नञ(ने) िपचा जाय१३७. तखन ने (नञ) कहैत अिछ। कहै/ सुनै/ देखै छल मुदा कहैत-कहैत/ सुनैत-सुनैत/ देखैत-देखैत१३८.कतेक गोटे/ कताक गोटे१३९. कमाइ-धमाइ/ कमाई- धमाई१४०. लग ल’ग१४१. खेलाइ (for playing)१४२.छिथह/ छिथन१४३.होइत होइ१४४. यो िकयो / केओ१४५.केश (hair)१४६.114


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>केस (court-case)१४७. बननाइ/ बननाय/ बननाए१४८. जरेनाइ१४९. कुरसी कुस१५०. चरचा चच१५१. कम करम१५२. डुबाबए/ डुबाबै/ डुमाबै डुमाबय/ डुमाबए१५३. एखुनका/अखुनका१५४. लए/ िलअए (वायक अंितम शद)- लऽ१५५. कएलक/केलक१५६. गरमी गम१५७. वरदी वद१५८. सुना गेलाह सुना’/सुनाऽ१५९. एनाइ-गेनाइ१६०.तेना ने घेरलिह/ तेना ने घेरलिन१६१. निञ / नै१६२.115


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>डरो ड’रो१६३. कतहु/ कतौ कहॴ१६४. उमिरगर-उमेरगर उमरगर१६५. भिरगर१६६. धोल/धोअल धोएल१६७. गप/गप१६८.के के’१६९. दरबजा/ दरबजा१७०. ठाम१७१.धिर तक१७२.घूिर लौिट१७३. थोरबेक१७४. बड१७५. त/ तू ◌ँ१७६. तिह( पमे ा)१७७. तही / तिह१७८.करबाइए करबाइये१७९. एकेटा116


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>१८०. किरतिथ /करतिथ१८१.पहुँिच/ पहुँच१८२. राखलिह रखलिह/ रखलिन१८३.लगलिह/ लगलिन लागलिह१८४.सुिन (उचारण सुइन)१८५. अिछ (उचारण अइछ)१८६. एलिथ गेलिथ१८७. िबतओने/ िब तौने/िबतेने१८८. करबओलिह/ करबौलिन /करेलिखह/ करेलिख न१८९. करएलिह/ करेलिन१९०.आिक/ िक१९१. पहुँिच/पहुँच१९२. बी जराय/ जराए जरा (आिग लगा)१९३.से से’117


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>१९४.ह मे ह (हमे ह िवभिमे हटा कए)१९५. फेल फैल१९६. फइल(spacious) फैल१९७. होयतिह/ होएतिह/ होएतिन /हेतिन / हेतिह१९८. हाथ मिटआएब/ हाथ मिटयाबय/हाथ मिटयाएब१९९. फेका फका२००. देखाए देखा२०१. देखाबए२०२. सिर सर२०३.साहेब साहब२०४.गेलैह/ गेलिह/ गेलिन२०५. हेबाक/ होएबाक२०६.केलो/ कएलहुँ/केलॱ/ केलुँ२०७. िकछु न िकछु/िकछु ने िकछु२०८.घुमेलहुँ/ घुमओलहुँ/ घुमेलॱ२०९. एलाक/ अएलाक२१०. अः/ अह२११.लय/लए (अथ-पिरवन) २१२.कनीक/ कनेक118


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>२१३.सबहक/ सभक२१४.िमलाऽ/ िमला२१५.कऽ/ क२१६.जाऽ/जा२१७.आऽ/ आ२१८.भऽ /भ’ (’ फॉटक कमीक ोतक)२१९.िनअम/ िनयम२२०.हेटेअर/ हेटेयर२२१.पिहल अर ढ/ बादक/ बीचक ढ़२२२.तिहं/तिहँ/ तिञ/ त२२३.किहं/ कहॴ२२४.तँइ/त / तइँ२२५.नँइ/ नइँ/ निञ/ निह/नै२२६.है/ हए / एलीह/२२७.छिञ/ छै/ छैक /छइ२२८.दृिएँ/ दृिय२२९.आ (<strong>com</strong>e)/ आऽ(conjunction)२३०.आ (conjunction)/ आऽ(<strong>com</strong>e)119


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>२३१.कुनो/ कोनो, कोना/केना२३२.गेलैह-गेलिह-गेलिन२३३.हेबाक- होएबाक२३४.केलौँ- कएलौँ-कएलहुँ/केलॱ२३५.िकछु न िकछ- िकछु ने िकछु२३६.केहेन- केहन२३७.आऽ (<strong>com</strong>e)-आ (conjunction-and)/आ। आब'-आब' /आबह-आबह२३८. हएत-हैत२३९.घुमेलहुँ-घुमएलहुँ- घुमेला◌े◌ं२४०.एलाक- अएलाक२४१.होिन- होइन/ होिह/२४२.ओ-राम ओ यामक बीच(conjunction), ओऽ कहलक (he said)/ओ२४३.की हए/ कोसी अएली हए/ की है। की हइ२४४.दृिएँ/ दृिय२४५.शािमल/ सामेल२४६.तैँ / तँए/ तिञ/ तिहं२४७.जॱ/ य/ जँ/२४८.सभ/ सब२४९.सभक/ सबहक२५०.किहं/ कहॴ120


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>२५१.कुनो/ कोनो/ कोनहुँ/२५२.फारकती भऽ गेल/ भए गेल/ भय गेल२५३.कोना/ केना/ क ना/कना२५४.अः/ अह२५५.जनै/ जनञ२५६.गेलिन /गेलाह (अथ पिरवतन)२५७.केलिह/ कएलिह/ केलिन /२५८.लय/ लए/ लएह (अथ पिरवतन)२५९.कनीक/ कनेक/कनी-मनी२६०.पठेलिह पठेलिन / पठेलइन/ पपठओलिह/ पठबौलिन /२६१.िनअम/ िनयम२६२.हेटेअर/ हेटेयर२६३.पिहल अर रहने ढ/ बीचमे रहने ढ२६४.आकारातमे िबकारीक योग उिचत नै/ अपोोफीक योग फाटक तकनीकी यूनताक पिरचायकओकर बदला अवह (िबकारी) क योग उिचत२६५.केर (पमे ा) / -क/ कऽ/ के२६६.छैिह- छिह२६७.लगैए/ लगैये२६८.होएत/ हएत२६९.जाएत/ जएत/२७०.आएत/ अएत/ आओत२७१121


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>.खाएत/ खएत/ खैत२७२.िपअएबाक/ िपएबाक/िप येबाक२७३.शु/ शुह२७४.शुहे/ शुए२७५.अएताह/अओताह/ एताह/ औताह२७६.जािह/ जाइ/ जइ/ जै/२७७.जाइत/ जैतए/ जइतए२७८.आएल/ अएल२७९.कैक/ कएक२८०.आयल/ अएल/ आएल२८१. जाए/ जअए/ जए (लालित जाए लगलीह।)२८२. नुकएल/ नुकाएल२८३. कठुआएल/ कठुअएल२८४. तािह/ तै/ तइ२८५. गायब/ गाएब/ गएब२८६. सकै/ सकए/ सकय२८७.सेरा/सरा/ सराए (भात सरा गेल)२८८.कहैत रही/देखैत रही/ कहैत छलॱ/ कहै छलॱ- अिहना चलैत/ पढैत(पढै-पढैत अथ कखनो काल पिरवितत) - आर बुझै/ बुझैत (बुझै/ बुझै छी, मुदा बुझैत-बुझैत)/ सकैत/ सकै।करैत/ करै। दै/ दैत। छैक/ छै। बचलै/ बचलैक। रखबा/ रखबाक । िबनु/ िबन। राितक/ रातुक बुझै आबुझैत केर अपन-अपन जगहपर योग समीचीन अिछ । बुझैत-बुझैत आब बुझिल ऐ। हमहूँ बुझै छी।२८९. दुआरे/ ारे२९०.भेिट/ भेट/ भट122


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>२९१.खन/ खीन/ खुना (भोर खन/ भोर खीन)२९२.तक/ धिर२९३.गऽ/ गै (meaning different-जनबै गऽ)२९४.सऽ/ सँ (मुदा दऽ, लऽ)२९५.व,(तीन अरक मेल बदला पुनितक एक आ एकटा दोसरक उपयोग) आिदक बदला व आिद।महव/ महव/ कत/ क आिदमे संयुतक कोनो आवयकता मैिथलीमे नै अिछ। वतय२९६.बेसी/ बेशी२९७.बाला/वाला बला/ वला (रहैबला)२९८.वाली/ (बदलैवाली)२९९.वा/ वात३००. अतरिय/ अतरीय३०१. लेमए/ लेबए३०२.लमछुरका, नमछुरका३०२.लागै/ लगै (भेटैत/ भेटै)३०३.लागल/ लगल३०४.हबा/ हवा३०५.राखलक/ रखलक३०६.आ (<strong>com</strong>e)/ आ (and)३०७. पाताप/ पााप३०८. ऽ केर यवहार शदक अतमे मा, यथासंभव बीचमे नै।123


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>३०९.कहैत/ कहै३१०.रहए (छल)/ रहै (छलै) (meaning different)३११.तागित/ ताकित३१२.खराप/ खराब३१३.बोइन/ बोिन/ बोइिन३१४.जािठ/ जाइठ३१५.कागज/ कागच/ कागत३१६.िगरै (meaning different- swallow)/ िगरए (खसए)३१७.रािय/ राीयDATE-LIST (year- 2012-13)(१४२० फसली साल (Marriage Days:Nov.2012- 25, 26, 28, 29, 30Dec.2012- 5,9, 10, 13, 14January 2013- 16, 17, 18, 23, 24, 31Feb.2013- 1, 3, 4, 6, 8, 10, 14, 15, 18, 20, 24, 25April 2013- 21, 22, 24, 26, 29May 2013- 1,2,3,5,6,9,12,13,17,19,20,22,23,24,26,27,29,30,31June 2013- 2,3July 2013- 11, 14, 15124


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>Upanayana Days:January 2013- 16February 2013- 14, 15, 20, 21April 2013- 22May 2013- 20, 21Dviragaman Din:November 2012- 25, 26, 28, 29December 2012- 2, 3, 14February 2013- 14, 15, 18, 20, 21, 22, 27, 28March 2013- 1April 2013- 18, 22, 24, 26, 28, 29May 2013- 12, 13Mundan Din:November 2012- 26, 30December 2012- 3January 2013- 18, 24February 2013- 1, 14, 15, 20, 28April 2013- 17May 2013- 13, 23, 29June 2013- 13, 19, 26, 27, 28125


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>July 2013- 10, 15FESTIVALS OF MITHILA (2012-13)Mauna Panchami-08 JulyMadhushravani- 22 JulyNag Panchami- 24 JulyRaksha Bandhan- 02 AugKrishnastami- 10 AugustKushi Amavasya / Somvari Vrat- 17 AugustVishwakarma Pooja- 17 SeptemberHartalika Teej- 18 SeptemberChauthChandra-19 SeptemberKarma Dharma Ekadashi-26 SeptemberIndra Pooja Aarambh- 27 SeptemberAnant Caturdashi- 29 SepAgastyarghadaan- 30 SepPitri Paksha begins- 30 SepJimootavahan Vrata/ Jitia-08 OctoberMatri Navami- 09 OctoberSomvatiAmavasya Vrat- 15 October126


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>Kalashsthapan- 16 OctoberBelnauti- 20 OctoberPatrika Pravesh- 21 OctoberMahastami- 22 OctoberMaha Navami - 23 OctoberVijaya Dashami- 24 OctoberKojagara- 29 OctDhanteras- 11 NovemberDiyabati, shyama pooja-13 NovemberAnnakoota/ Govardhana Pooja-14 NovemberBhratridwitiya/ Chitragupta Pooja- 15 NovemberChhathi -19 NovemberDevotthan Ekadashi- 24 Novemberravivratarambh- 25 NovemberNavanna parvan- 25 NovemberKartikPoornima- Sama Visarjan- 28 NovemberVivaha Panchmi- 17 DecemberMakara/ Teela Sankranti-14 JanNaraknivaran chaturdashi- 08 FebruaryBasant Panchami/ Saraswati Pooja- 15 February127


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>Achla Saptmi- 17 FebruaryMahashivaratri-10 MarchHolikadahan-Fagua-26 MarchHoli- 28 MarchVaruni Trayodashi-07 AprilChaiti navaratrarambh- 11 AprilJurishital-15 AprilChaiti Chhathi vrata-16 AprilRam Navami- 19 AprilRavi Brat Ant- 12 MayAkshaya Tritiya-13 MayJanaki Navami- 19 MayVat Savitri-barasait- 08 JuneGanga Dashhara-18 JuneSomavati Amavasya Vrata- 08 JulyJagannath Rath Yatra- 10 JulyHari Sayan Ekadashi- 19 JulyAashadhi Guru Poornima-22 Jul128


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong><strong>VIDEHA</strong> ARCHIVE१पिकाक सभटा पुरान अंक ेल -िवदेह ई., ितरहुता आ देवनागरी पमे Videha e journal's all oldissues in Braille Tirhuta and Devanagari versionsिवदेह ईअंक ५०पिकाक पिहल -िवदेह ईम सँ आगक अंक५०पिकाक -http://sites.google.<strong>com</strong>/a/videha.<strong>com</strong>/videha/https://sites.google.<strong>com</strong>/a/videha.<strong>com</strong>/videha-archive-part-i/https://sites.google.<strong>com</strong>/a/videha.<strong>com</strong>/videha-archive-part-ii/२.मैिथली पोथी डाउनलोड Maithili Books Downloadhttp://sites.google.<strong>com</strong>/a/videha.<strong>com</strong>/videha-pothi३िडयो संकलनमैिथली ऑ. Maithili Audio Downloadshttp://sites.google.<strong>com</strong>/a/videha.<strong>com</strong>/videha-audio४.मैिथली वीिडयोक संकलन Maithili Videoshttp://sites.google.<strong>com</strong>/a/videha.<strong>com</strong>/videha-video५ आधुिनक िचकला आ िच /िमिथला िचकला.Mithila Painting/ Modern Art and Photoshttp://sites.google.<strong>com</strong>/a/videha.<strong>com</strong>/videha-paintings-photos/"िवदेह"क एिह सभ सहयोगी िलंकपर सेहो एक बेर जाउ।६.िवदेह मैिथली िवज :http://videhaquiz.blogspot.<strong>com</strong>/७.िवदेह मैिथली जालवृ एीगेटर :129


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>http://videha-aggregator.blogspot.<strong>com</strong>/८.िवदेह मैिथली सािहय अंेजीमे अनूिदतhttp://madhubani-art.blogspot.<strong>com</strong>/९.िवदेहक पूव-प "भालसिरक गाछ" :http://gajendrathakur.blogspot.<strong>com</strong>/१०.िवदेह इंडेस :http://videha123.blogspot.<strong>com</strong>/११.िवदेह फाइल :http://videha123.wordpress.<strong>com</strong>/१२. िवदेह: सदेह : पिहल ितरहुता (िमिथला़र) जालवृ (लॉग)http://videha-sadeha.blogspot.<strong>com</strong>/१३. िवदेह:ेल: मैिथली ेलमे: पिहल बेर िवदेह ाराhttp://videha-braille.blogspot.<strong>com</strong>/१४.<strong>VIDEHA</strong> IST MAITHILI FORTNIGHTLY EJOURNAL ARCHIVEhttp://videha-archive.blogspot.<strong>com</strong>/१५. िवदेह थम मैिथली पािक ई पिका मैिथली पोथीक आकइवhttp://videha-pothi.blogspot.<strong>com</strong>/१६. िवदेह थम मैिथली पािक ई पिका ऑिडयो आकइवhttp://videha-audio.blogspot.<strong>com</strong>/१७. िवदेह थम मैिथली पािक ई पिका वीिडयो आकइवhttp://videha-video.blogspot.<strong>com</strong>/130


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>१८. िवदेह थम मैिथली पािक ई पिका िमिथला िचकला, आधुिनक कला आ िचकलाhttp://videha-paintings-photos.blogspot.<strong>com</strong>/१९. मैिथल आर िमिथला ( मैिथलीक सभसँ लोकिय जालवृ)http://maithilaurmithila.blogspot.<strong>com</strong>/२० ुित काशन .http://www.shruti-publication.<strong>com</strong>/२१.http://groups.google.<strong>com</strong>/group/videha२२.http://groups.yahoo.<strong>com</strong>/group/<strong>VIDEHA</strong>/२३.गजे ठाकुर इ डेसhttp://gajendrathakur123.blogspot.<strong>com</strong>२४. नेना भुटकाhttp://mangan-khabas.blogspot.<strong>com</strong>/२५.िवदेह रेिडयो किवता आिदक पिहल पोडकाट साइट -मैिथली कथा:http://videha123radio.wordpress.<strong>com</strong>/२६. Videha Radio२७. Join official Videha facebook group.२८. िवदेह मैिथली नाय उसवhttp://maithili-drama.blogspot.<strong>com</strong>/२९.समिदयाhttp://esamaad.blogspot.<strong>com</strong>/131


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>३०. मैिथली िफसhttp://maithilifilms.blogspot.<strong>com</strong>/३१.अनिचहार आखरhttp://anchinharakharkolkata.blogspot.<strong>com</strong>/३२. मैिथली हाइकूhttp://maithili-haiku.blogspot.<strong>com</strong>/३३. मानक मैिथलीhttp://manak-maithili.blogspot.<strong>com</strong>/३४. िवहिन कथाhttp://vihanikatha.blogspot.in/३५. मैिथली किवताhttp://maithili-kavita.blogspot.in/३६. मैिथली कथाhttp://maithili-katha.blogspot.in/३७.मैिथली समालोचनाhttp://maithili-samalochna.blogspot.in/महवपूण सूचना: The Maithili pdf books are AVAILABLE FOR free PDFDOWNLOAD AT132


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>https://sites.google.<strong>com</strong>/a/videha.<strong>com</strong>/videha/http://videha123.wordpress.<strong>com</strong>/http://videha123.wordpress.<strong>com</strong>/about/िवदेह:सदेह:१: २: ३: ४:५:६:७:८:९:१० "िवदेह"क िंट संकरण: िवदेह-ई-पिका(http://www.videha.co.in/) क चुनल रचना सिमिलत।सपादक: गजे ठाकुर।Details for purchase available at publishers's (print-version) site http://www.shrutipublication.<strong>com</strong>or you may write to shruti.publication@shruti-publication.<strong>com</strong>िवदेह133


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पा िक ई पिक ा 'वदेह'१२९ म अंक ०१ मई २०१३ (वष ६ मास ६५ अंक १२९) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>मैिथली सािहय आदोलन(c)२००४-१३. सविधकार लेखकाधीन आ जतए लेखकक नाम निह अिछ ततए संपादकाधीन। िवदेह- थममैिथली पािक ई-पिका <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong> सपादक: गजे ठाकुर। सह-सपादक: उमेशमंडल। सहायक सपादक: िशव कुमार झा आ मुाजी (मनोज कुमार कण)। भाषा-सपादन: नागे कुमारझा आ पीकार िवानद झा। कला-सपादन: योित झा चौधरी आ रिम रेखा िसहा। सपादक-शोध-अवेषण: डा. जया वम आ डा. राजीव कुमार वम। सपादक- नाटक-रंगमंच-चलिच- बेचन ठाकुर।सपादक- सूचना-सपक-समाद- पूनम मंडल आ ियंका झा। सपादक- अनुवाद िवभाग- िवनीत उपल।रचनाकार अपन मौिलक आ अकािशत रचना (जकर मौिलकताक संपूण उरदाियव लेखक गणक मयछिह) ggajendra@videha.<strong>com</strong> क मेल अटैचमेटक पम .doc, .docx, .rtf वा .txt फॉमटमे पठासकैत छिथ। रचनाक संग रचनाकार अपन संित पिरचय आ अपन कैन कएल गेल फोटो पठेताह, सेआशा करैत छी। रचनाक अंतमे टाइप रहय, जे ई रचना मौिलक अिछ, आ पिहल काशनक हेतु िवदेह(पािक) ई पिकाक देल जा रहल अिछ। मेल ात होयबाक बाद यथासंभव शी ( सात िदनक भीतर)एकर काशनक अंकक सूचना देल जायत। ’िवदेह' थम मैिथली पािक ई पिका अिछ आ ऐमे मैिथली,संकृत आ अंेजीमे िमिथला आ मैिथलीसँ संबंिधत रचना कािशत कएल जाइत अिछ। एिह ई पिकाकीमित लमी ठाकुर ारा मासक ०१ आ १५ ितिथक ई कािशत कएल जाइत अिछ।(c) 2004-13 सविधकार सुरित। िवदेहमे कािशत सभटा रचना आ आकइवक सविधकार रचनाकार आसंहकक लगमे छिह। रचनाक अनुवाद आ पुनः काशन िकंवा आकइवक उपयोगक अिधकार िकनबाकहेतु ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर संपक क। एिह साइटक ीित झा ठाकुर, मधूिलका चौधरी आरिम िया ारा िडजाइन कएल गेल।िसिरतु134

Hooray! Your file is uploaded and ready to be published.

Saved successfully!

Ooh no, something went wrong!