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िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह

Videha_15_05_2009_Tirhuta

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<strong>िव</strong> <strong>दे</strong> <strong>ह</strong> <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> <strong>Videha</strong> <strong>িবেদহ</strong> <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>Videha</strong> Ist Maithili Fortnightly e Magazine <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong>थम मैिथली पािक्षक ई पिका '<strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong>' ३४ म अंक १५ मई २००९ (वषर् २ मास १७ अंक ३४)http://www.videha.co.in/ मानुषीिम<strong>ह</strong> संस्कृ ताम्उपन ्यासमे अक स ्थल पर आयल अिछ, जतय उपन ्यासकार <strong>ह</strong>ास ्य-रससँ युक् तवातावरणक िनमा र्ण करबामे सफल भेला<strong>ह</strong>् भेला<strong>ह</strong>् अिछ, ओतिड अिशिक्षत मैिथलानी परव ्य ंग ्य से<strong>ह</strong>ो कयलिन अिछ।एकर िकछु चिरतकँ व ्यग ्य ंकार एि<strong>ह</strong> कारेँ स ्तुत कयलिन अिछ जे पाठक पर अपनअिम ट छाप छोड◌़◌ैत छिथ। ‘कन ्यादान’ क घटकराज टुन ्नी झाक स ्वप, बजबाकश ैली एव ं उच् चारण िऋयासँ लोक चीि जाइत अिछ जे घटकैती करबामे प ूण र्अभवी भ’ गेला पर कथा तीन कारेँ िर करैत छिथ ‘’एकटा खनखआ जाि<strong>ह</strong>मेकन ्यागत खनखनाके टाका <strong>ह</strong>ँसोिथ लैत छिथ। दोसर मािन िलय टनटआ जाि<strong>ह</strong>मे बरपक्ष टनटनाक’ <strong>ह</strong>जार पा ँच श ैक तोरा गनबैत छिथ। तेसर मािन िलय ठनठआजाि<strong>ह</strong>मे वर कन ्यागत द ु<strong>ह</strong> ठनठन गोपाल भए काज करैत छिथ। ि<strong>ह</strong>नक खनखआ,टन-टआ, ठनठआ बलाघटकैतीक व ृान ्त सुिनति<strong>ह</strong> पाठक <strong>ह</strong>ँसैत-<strong>ह</strong>ँसैत लोट-पोटभ’ जाइत अिछ। घटक-राज अपन वाक्-पटुतासे से<strong>ह</strong>ो मर ंजन करैत छिथ।घटकराजकेँ घटकैतीक ित ई वैज्ञािनक दृ िकोण <strong>दे</strong>खाय उपन ्यासकार <strong>ह</strong>नका अप ूव र्क्षमता दान कयलिन अिछ। जत एि<strong>ह</strong>सै सफल चिरख कन ्या-दानमे आर को नि<strong>ह</strong>अिछ तकर कारण जे टुन ्नी झा जका ँ अपन पक्षक ितपादन ब ुते नि<strong>ह</strong> भेलिन। ओसामाजिक दोप ितलक-थाक स ्तम ्भ स ्वप िथका<strong>ह</strong>। एकरे फलस ्वप मैिथलसमाज िदन ितिदन जजेिरत भैल जा र<strong>ह</strong>ल अिछ।’कन ्यादान’ एव ं िरागमन अ<strong>िव</strong>स ्मरणीय चिरख झारखण ्डीनाथक िया-कलाप, बाजब-भुकब, चलब-िफरब, खायब-पीयब सभमे <strong>ह</strong>ल ्लुक <strong>ह</strong>ास ्य भेटैत अिछ। झारखण ्डीकेँवास ्तवसे एतबा ज्ञान नि<strong>ह</strong> छिन जे लाल काकीक तारक <strong>िव</strong>पयमे ककरो आग ूमे चचा र्नि<strong>ह</strong> करबाक ितज्ञा क’ एकर पालन करी। डाक् टरक संग <strong>ह</strong>ुनक कथोपकथनक एकअंश थवणीय अिछ ‘’<strong>ह</strong>मरा आङनमे क<strong>िव</strong>्जयत बिझ ू पाता <strong>ह</strong>ै। रामजीक परतापसँकि<strong>ह</strong>यो-कि<strong>ह</strong>यो पेटो फूिल जाता <strong>ह</strong>ै और लोक बेद नीके र<strong>ह</strong>ता <strong>ह</strong>ै।‘’ जतेकबेर‘कन ्यादान’ पाठक ारा बयम पुछला पर <strong>ह</strong>ुनक उर तँ सुन ू—‘’ सरकार ! <strong>ह</strong>मरालोक सभ द ुलारसँ ‘खर’ क<strong>ह</strong>ता <strong>ह</strong>ै, लेिकन असल नाम झारखण ्डी माय-बाप रािखिदया। और उिमरमे सरकार सब भाईसँ छोट <strong>ह</strong>ै।‘’ ‘िरागमन’ मे झारखण ्डीनाथलाल ककाक ओतय ब ुच् ची दाइक िशिक्षका मेम सा<strong>ह</strong>ेबक स ्वागत करबाक <strong>ह</strong>ेतु स ्तुत<strong>ह</strong>ोइत छिथ। मेम सा<strong>ह</strong>ेब <strong>ह</strong>ुनकासँ िजज्ञासा करैत छिथन—‘’ बाथ एि<strong>ह</strong> ठामसँ ब<strong>ह</strong>ुतद ूर <strong>ह</strong>ै। कोस छबेक-सातेकसँ कम नि<strong>ह</strong> पड◌़◌ेगा। बाथ (गाम) मे आपका के र<strong>ह</strong>ता<strong>ह</strong>ै ? ‘614

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