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िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह

'िवदेह' ५५ म अंक ०१ अ ैल २०१० (वष र् ३ मास २८ अंक ५५)

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<strong>िव</strong> <strong>दे</strong> <strong>ह</strong> <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> <strong>Videha</strong> <strong>িবেদহ</strong> <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>Videha</strong> Ist Maithili Fortnightly e Magazine <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> थम मैिथली पािक्षक '<strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong>''<strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong>' ५५ म अंक ०१ अैल २०१० (वषर् ३ मास २८ अंक ५५)http://www.videha.co.in/ मानुषीिम<strong>ह</strong> संस्कृ ताम्तीिन टा दाढ़◌ी केश बनवैबला बम ्बैया श ैल ून से<strong>ह</strong>ो िआ ब गेल अिछ । तीन ूमेमि<strong>ह</strong> ले कारीगर। मर<strong>दे</strong> जेकॉ◌ं अपन प ब। मुदा, मरदोसँ बेसी फुरित गरोआ बजबोमे चंगला। दाढ़◌ी कटबैकाल बिझ ु ये पड़त जे उनटा <strong>ह</strong>ाथ पड़◌ैए िआ कसुनटा। <strong>ह</strong>ाथो मर<strong>दे</strong> जेकॉ◌ं मुदा, क गुलगुल बेसी। श ैल ूनक बगलेमे साड़◌ीकबाजार। साि◌ ड़यो सभ अजबे ट ँग अिछ । पुरजीमे रेशमी िल िख -िल िख सटमुदा, पटुआ जेकॉ◌ं छल-छल करैत अिछ । कतौ ओिच ला नि<strong>ह</strong> , एकदम पलीन।ते<strong>ह</strong>न-ते<strong>ह</strong>न पटोर सभ रख अिछ जे ब ुझबे करबै ई भगलपुिर या रेशम छीि◌ क पटुआक। प ्लासिट ् कक मक् ख बना ते<strong>ह</strong>न सजौ अिछ जे बिझ ु पड़त ऑ◌ंिख कइशारासँ दोकान अबैले क<strong>ह</strong>ैए।राम-ि<strong>ह</strong> लोरा, मौतक कुऑ◌ं, <strong>ह</strong>ेिल केप ्टर, जवाइ-ज<strong>ह</strong>ाज, रेलगाड़◌ी, ि◌ दल ्लीकचौकक चिर पि<strong>ह</strong> या, छ<strong>ह</strong> पि<strong>ह</strong> या गाड़◌ीक दौि◌ ड़-बर<strong>ह</strong>ा सभ अिछ । मुदा, जखन न ्य ूमाकेर्ट घिम ु ये लेलौ ं तँ बजार घिम ु ये िल अ। क् यो छपड़◌ीक दोकान ब तँि◌ कयो फाक खँटापर ू बातीक कोरो बना प ्लासिट ् क दऽ घर ब अिछ । ि◌ कयोि◌ तरपाल ट ँग अिछ तँ ि◌ कयो ओि<strong>ह</strong> ना घैला-डाबा इत् यािद मािट क बरतन पसारअिछ । दोकानदारो सभ सुच् चा ामीण। ऐँ ई तँ ि◌ चन ्<strong>ह</strong>रबे दोकानदार सभ छी।पि<strong>ह</strong> लुके दोकान झ ुनझ ुनाबला ब ुढ़बाक छी। चािल सो बख र् उपरेसँ झ ुनझ ुना बेचैए। आबतँ ब ुढ़<strong>ह</strong>ा गेल। द ुन ू परानी द ुन ू िद िश बैिस ताड़क पा झ ुनझ ुना◌े बना र<strong>ह</strong>ल अिछ आखज ुरक पातक पिट या, बीअिन से<strong>ह</strong>ो सजौ अिछ । तोरा तँ कनी कऽ िच न ्<strong>ह</strong>ै िछ य<strong>ह</strong><strong>ह</strong>ौ झ ुनझ ुनाबला।’’‘‘बौआ चसमा लगौ छी तेँ धकचुकाए छ<strong>ह</strong>। पि<strong>ह</strong> चसमा लगवै छलौ ं।ऑ◌ंिख यो नीक छलाए। द ू साल पि<strong>ह</strong> ऑ◌ंिख खराब भऽ गेल। तेँ अ<strong>ह</strong>ीबेर ल<strong>ह</strong>ानमेऑ◌ंिख बलौ ं।’’मुदा, झ ुनझ ुनावाली परेिख कऽ बाजिल - ‘‘बौआ सोनमा रौ। जि<strong>ह</strong> यासँ पर<strong>दे</strong>शखटै लगलेँ ति<strong>ह</strong> यासँ <strong>दे</strong>खिल यौ। तू ँ <strong>ह</strong>मरा िच न ्<strong>ह</strong>ै छेँ ?’’‘‘।’’तो<strong>ह</strong>र मामाघर आ <strong>ह</strong>म ्मर <strong>ह</strong>र एक् केठीन अिछ । अंग-अंग झ ुनझ ु आ िब अिन योपिट या बेचै छी। अ<strong>ह</strong>ीसे गुजर करै छी। आब तँ भगवान सब ि◌ कछु दए <strong>दे</strong>लिन ।द ूटा बेटा-पुतो<strong>ह</strong>ू अिछ । सातटा पोता-पोती अिछ । द ुन ू बेटा घर जोड़◌ैया (राजि◌ मस ्ी) करैए। ख ूब कमाइए आब तँ अप ईटाक घर भऽ गेल। मुदा, द ुन ूपरानी तँ ि◌ जनगी भिर यए<strong>ह</strong> केलौ ं। आब दोसर काज करब से पार लगत। ओना43

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