22.08.2015 Views

Videha_01_01_2009_Tirhuta

Videha_01_01_2009_Tirhuta

Videha_01_01_2009_Tirhuta

SHOW MORE
SHOW LESS

You also want an ePaper? Increase the reach of your titles

YUMPU automatically turns print PDFs into web optimized ePapers that Google loves.

िव दे ह िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহ िवदेह थम मैिथली ािक्षक ई िका <strong>Videha</strong> Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ जनवरी २००९ (वषर् २मास १३ अंक २५) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्गे, की भेलउ गऽ? चुप, लबरी। सा ँइयो बहुके बातके कहूँ एते घोलफचाभेलै गऽ?”सोनाबती घेओना पसारलिक। िरी िरी कऽ फाटल, सतरह ठामसँ िगरह बाल अपनन ूआ आ अिङया देखओलिक। घरबाली अ बेक मरै छै आ ओ दा-ताड़◌ी पीिबकएबेम भेल रहै छै। घरमे लाल ब ुी नं दै छै। दा पी कऽ सेजपर ओकरगगमे दा ँत गड़◌ा दै छै!“इ!” रजदेबाबहुके मुँहसँ अनायासे बहार भऽ गेलै। भीतर चीनीक गरम पाकजेना टघिर रहल छलै। ओ गग देबलरैनाक हबकबाक कनामे हेरा गेिल।“हे बहीन!..मनसा भोगतओ तँ ई देह लऽ कऽ की करबा।..एक िदन अँिचयापरतऽ सबहक देह जरै छै!”- रजदेबा-बहु समझओलकै। रजदेबामाइद ुरद ुरओलकै। ताबत िडप्टीसऽ रजदेबो घिर ू अएलै। आङनमे ठहाठिह इजोिरयामेचमकैत सोनाबतीक मुँह चमकैत देखलक। नयन िमललै, सोनावती िवहु ँिस देलिक,जेना रजनीगंधा फूल झरझरा गेलै। मोनाण गमैक उठलै। रजदेबा बाजल िकु ं। बस पुछलकै- “की भेलौ गऽ भौजी?” सोनावती फेर सउँ से खेरहादोहरओलिक।...िसिकिलया चौल कएलकै- “सा ँय बदलबे?”“सहे तऽ उपाइ हइ।..तोहर डागदरसनके सा ँय हउ गजै छे।..अतालमे कामकरै हउ। दा, पानी। घरिगरही डेब हउ। भिरमुँह को छौ ंड़◌ीमौगी जरे बोलबो करइ हउ। अपन काम से काम। एहन महाभारथ पुखहमर भागमे कहा ँ?..”िसिकिलयाकें देह जिर गेलै- हइ गोबरके चोत महाभारत कहा ँद ुन! मनसरभसी।अपना सा ँय महकै छिन आ छौ ंड़◌ाक बाप जरे केना रिसया-रिसया, िसिलया बितआइहए।“बहीन, तौ ँ घर जा।..तोहर सा ँयके दोसरकेँ सािर देत ओ? जे अपन साइ ँयोके कसमे रखलक, से मौगी किथके?” आ िसिकिलया रजदेबाक बािह ँ पकड़ि◌घरिदिश घीचय लागिल। रजदेबामाइके िप लहिर गेलै। सोनाबी किनकालथरभसाएिल, फेर बाजिल-“दोस जी!..हम आइ घरे ं जबे..फेन “िनन सऽकूटत।..” ओकर आकृित कातर छलै।17

Hooray! Your file is uploaded and ready to be published.

Saved successfully!

Ooh no, something went wrong!