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Videha_01_07_2008_Tirhuta

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<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्२७ जून २००८ केँ सािह अकादमी, नई िदीक सभागारमे मैिथली किव सेलनमे अएबाक त िविदतजी ारा भेटल, से ओतए सा ँझ छह बजे पहु ँचलहु ँ। ह◌ॉलक सभटाकुसीर् भरल छल, हम आऽ कैमरामेन द ू गोटे छलहु ँ।ओतए बैिस गेलहु ँ।नजिर घ ुमेलहु ँ तँ एकटा कुसीर् खाली छल, से कैमरामेनकेँ िवदा कए य ं कैमरा लएअमरनाथ माइक पकड़ि◌ घोषणा उोषणा कए रहल छलाह, लागल जेना अशोक चधर िही छोड़ि◌ मैिथली बािज रहल छिथ। सभसँपिह संजीव तमा जीकेँ का-पाठक लेल बजाओल गेल। ओऽ “पीयर पोकार” ् शीष र्क किवताक पाठ कएलि। तािह पर उोषक टीप देलिख जे एिह मोबाइलकयुगमे पोकाडर्क एतेक चरचा पर डाक िवभाग हुनका धवाद देति। फेर उोषणा भेल जे पंकज पराशरजी अपन किवताक पाठ करताह, मुदा ओऽ तावत धिरपहु ँचल निह छलाह, मुदा वीिडयोमे बादमे देखलहु ँ जे ओऽ आयल रहिथ, मुदा यः कतहु एर-ओर चिल गेल रहिथ।से रमण कुमार िसंहजी केँ बजाओल गेल। ओल्ड होममे व ृ आऽ एना िकएक होइत छैक लोक शीष र्क प सुनओलि रमण जी।फेर ीमित सुनीता झाकेँ जे िपाठी जीक िवशेष अरोध पर बजाओल गेल।करबाक।ओऽ अपन किवता िनवेदन िमिथला आऽ भारत देश महान पर सुनओलि। संगे ईहो कहलीह जे ई थम अवसर छि हुनका लेल म ंच पर प पाठफेर म ंजर सुलेमान पढ़लि, मोन पड़◌ैत अिछ गाम, आऽ अिवनाशजी पढ़लि िवापित ृितसमारोहक उपलक्षमे द ू टा किवता- ई हुनकर ब्ल◌ॉग पर सेहो बहुत िदनसँ अिछ।कािमनी कामायनीकेँ गाम मोन पड़लि आऽ िवािपत लोक सेहो।3


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्फेर भात जी अपन संरण सुनओलि आऽ द ुन ूपुकक लोपाप र्ण भेल।िचकार सिचनाथ झा ारा ी भात झा आऽ िविदत जीकेँ िवापितक िच दान कएल गेल, एिह िचमे बैकाउडमेिमिथला िचकलाक योग सेहो देल गेल छल। िविदत जी स छलाह एिह सफल आयोजनसँ, जखन हम बधाइ देिलयि तँ कहलि जे मैिथली आब रोड पर आयत,कोठलीमे निह रहत।एिह अंकमे निचकेताजीक नाटक एंी: मा िवश तेसर कोलक दोसर खेप ई-कािशत भ’ रहल अिछ। ग गेश गुंजन जीक प आऽ िवृत किव रामजी चौधरीकअकािशत प सेहो ई-कािशत भए रहल अिछ।शेष ायी ंभ यथावत अिछ।अपक रचना आऽ ितियाक तीक्षामे। विर रचनाकार अपन रचना हिलिखत पमे सेहो नीचा ँ िलखल पता पर पठा सकैत छिथ।गजे ठाकुर३८९, प◌ॉकेट-सी, सेर-ए, बसकुंज,नव देहली-<strong>१</strong><strong>१</strong>००७०.फै:०<strong>१</strong><strong>१</strong>-४<strong>१</strong>७७<strong>१</strong>७२५ggaj endr a@ vi deha. <strong>co</strong>. i n ggaj endr a@ yahoo. <strong>co</strong>.i n२.संदेश<strong>१</strong>.ी ो. उदय नारायण िसंह "निचकेता"- जे काज अहा ँ कए रहल छी तकर चरचा एक िदन मैिथली भाषाक इितहासमे होएत। आन भए रहल अिछ, ई जािन कए जेएतेक गोट मैिथल "िवदेह" ई जन र्लकेँ पढ़ि◌ रहल छिथ।२.ी ड◌ॉ. गंगेश गुंजन- "िवदेह" ई जन र्ल देखल। स ूचना ौोिगकी केर उपयोग मैिथलीक हेतु कएल ई ु यास अिछ। देवनागरीमे टाइप करबामे एिह ६५वष र्क उमिरमे क होइत अिछ, देवनागरी टाइप करबामे मदित देनाइ सादक, "िवदेह" केर सेहो दािय।३.ी रामाय झा "रामर ंग"- "अपना" िमिथलासँ संबिधत...िवषय ंवुसँ अवगत भेलहु ँ।...शेष सभ कुशल अिछ।४.ी जे िपाठी, सािह अकादमी- इ ंटरट पर थम मैिथली पािक्षक पिका "िवदेह" केर लेल बाधाई आऽ शुभकामना ीकार क।५.ी फुकुमार िसंह "मौन"- थम मैिथली पािक्षक पिका "िवदेह" क काशनक समाचार जािन कक चिकत मुदा बेसी आािदत भेलहु ँ। कालचकेँ पकड़ि◌ जािहद ूरदृ िक पिरचय देलहु ँ, ओिह लेल हमर म ंगलकामना।5


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्६.ी ड◌ॉ. िशवसाद यादव- ई जािन अपार हष र् भए रहल अिछ, जे नव स ूचना-ािक मे मैिथली पकािरताकेँ वेश िदअएबाक साहिसक कदम उठाओल अिछ।पकािरतामे एिह कारक नव योगक हम ागत करैत छी, संगिह "िवदेह"क सफलताक शुभकामना।७.ी आाचरण झा- को प-पिकाक काशन- ताहूमे मैिथली पिकाक काशनमे के कतेक सहयोग करताह- ई तऽ भिव कहत। ई हमर ८८ वष र्मे ७५ वष र्कअभव रहल। एतेक पैघ महान यज्ञमे हमर ाप ूण र् आहुित ा होयत- यावत ठीक-ठाक छी/ रहब।८.ी िवजय ठाकुर, िमिशगन िविवालय- "िवदेह" पिकाक अंक देखलहु ँ, सूण र् टीम बधाईक पा अिछ। पिकाक म ंगल भिव हेतु हमर शुभकामना ीकार कएल जाओ।(c)२००८. सवािधकार र् लेखकाधीन आ’ जतय लेखकक नाम निह अिछ ततय संपादकाधीन।िवदेह (पािक्षक) संपादक- गजे ठाकुर। एतय कािशत रचना सभक क◌ॉपीराइट लेखक लोकिनक लगमे रहति, मा एकर थम काशनक/आका र्इवक/अंजी-संृतअवादक अिधकार एिह ई पिकाकेँ छैक। रचनाकार अपन मौिलक आ’ अकािशत रचना (जकर मौिलकताक संप ूण र् उरदािय लेखक गणक म छि)ggaj endr a@ yahoo. <strong>co</strong>. i n आिक ggaj endr a@ vi deha. <strong>co</strong>. i n केँ मेल अटैचमेक पमेँ . doc, . docx आ’ . txt फ◌ॉमे र्टमे पठा सकैत छिथ। रचनाक संगरचनाकार अपन संिक्ष पिरचय आ’ अपन ैन कएल गेल फोटो पठेताह, से आशा करैत छी। रचनाक अंतमे टाइप रहय, जे ई रचना मौिलक अिछ, आ’ पिहलकाशनक हेतु िवदेह (पािक्षक) ई पिकाकेँ देल जा रहल अिछ। मेल ा होयबाक बाद यथासंभव शी ( सात िदनक भीतर) एकर काशनक अंकक स ूचना देलजायत। एिह ई पिकाकेँ ीमित ली ठाकुर ारा मासक 1 आ’ 15 ितिथकेँ ई कािशत कएल जाइत अिछ।<strong>१</strong>. नाटकी उदय नारायण िसंह ‘निचकेता’ ज-<strong>१</strong>९५<strong>१</strong> ई. कलकामे। <strong>१</strong>९६६ मे <strong>१</strong>५ वष र्क उमे पिहल का संह ‘कवयो वदि’। <strong>१</strong>९७<strong>१</strong> ‘अम ृत पुाः’ (किवता संकलन) आऽ‘नायकक नाम जीवन’ (नाटक)| <strong>१</strong>९७४ मे ‘एक छल राजा’/ ’नाटकक लेल’ (नाटक)। <strong>१</strong>९७६-७७ ‘ावर्न’/ ’रामलीला’(नाटक)। <strong>१</strong>९७८मे जनक आऽ अ एका ंकी। <strong>१</strong>९८<strong>१</strong>‘अरण’(किवता-संकलन)। <strong>१</strong>९८८ ‘िय ंवदा’ (नािटका)। <strong>१</strong>९९७-‘रवीनाथक बाल-सािह’(अवाद)। <strong>१</strong>९९८ ‘अकृित’- आधिनक ु मैिथली किवताक ब ंगलामे अवाद, संगिहब ंगलामे द ूटा किवता संकलन। <strong>१</strong>९९९ ‘अु ओ पिरहास’। २००२ ‘खाम खेयाली’। २००६मे ‘ममपुष एकवचन’(किवता संह। भाषा-िवज्ञानक मे दसटा पोथी आऽ द ूसयसँ बेशी शोध-प कािशत। <strong>१</strong>४ टा पी.एच.डी. आऽ २९ टा एम.िफल. शोध-कम र्क िदशा िनदेर्श। बड़◌ौदा, स ूरत, िदी आऽ हैदराबाद िव.िव.मे अापन। संितिनदेशक, केीय भारतीय भाषा संान, मैस ूर। एंी : मा िवश(चािर-अंकीय मैिथली नाटक)नाटककार उदय नारायण िसंह ‘निचकेता’ िनदेशक, कें ीय भारतीय भाषा संान, मैस ूर(मैिथली सािहक सुिस योगधमीर् नाटककार ी निचकेताजीक टटका नाटक, जे िवगत २५ वष र्क मौन भंगक पात् पाठकक सुख ुत भ’ रहल अिछ।)तेसर कोलक दोसर खेप जारी....िवदेहक एिह तेरहम अंक 01 ज ुलाई २००८ सँ। एंी : मा िवशतेसर कोल दोसर खेप6


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्[ई बात कहैत देरी जेना ‘भगदड◌़’ मिच जाइत अिछ आ पुनः सब ो कुसीर् पर सँ उिठ-उिठ के कतार मे जिट ु जैबाक यास करैत छिथ। ो-ो सबटा कुसीर् केँतह लगैबाक यास करैत अिछ त’ ो सबटाकेँ म ंचक एक कात हँटा कए कतारक लेल जगह बबा मे जिट ु जाइत अिछ....ोहा - गुा आर ंभ क’ दैत छिथ। ताजी माईक पर सँ “हे, सु जाउ” “शा ंत भ’ जाउ” आिद कहै छिथ, मुदा हुनकर बातसभक हा - गुा मे जेना डूिब जाइत छिन। द ुन ू अचर ताजीक देखा-देखी कैक गोटे केँ समझाबै - ब ुझाबैक यास करैछिथ, मुदा ो निह तैयार छिथ िहनका द ुन ूक बात मा लेल। कके देर मे म ंच पर सँ सब िकछु हँिट जाइत अिछ आ पुनःएकटा कतार बिन जाइत अिछ..... पुनः थमे द ृ जका ँ कतहु-कतहु जेना संघष र् चिल रहल होइक गु प सँ। भाषणक म ंचपर मा तीन गोटे छिथ—बीच मे अिभता, बामा िदिस वामपंथी युवा, आ अिभताक दिक्षण िदिस बदरी बाब.... ू चा म ृत सैिनकपुनः कतारक लग ठाढ◌़ छिथ। मा रमणी- मोहन, मिहला आ चोर छिथ म ंचक बीचो-बीच, सबटा अवाक् भ’ कए देखैत।]मिहला : (चोर सँ) हे, अहा ँ सभक एत’ ‘लेडीज’ सभक लेल अलग ‘ू’ निह होइ छैक ?चोर : अलग ‘ू’ ?रमणी-मोहन :हँ-हँ, िकयै निञ ? अहा ँ की एकरा सभक संग धा-मुी करब ? (मिहलाक हाथ ध’ कए) आउ—(एकटा प ृथक ू बनबैत) अहा ँ एत’ ठाढ◌़ भ’ जाउवी.आई.पी. ू िथकै... जेना मिदर ं मे निञ होइ छइ ?चोर : वी. आइ. पी.... एतहु ?वामपंथी : (भाषण म ंच पर सँ उतरैत छिथ) बात त’ ई ठीके बजलाह।ं र् अिभता : (अिधकतर फुतीर् देखबैत वी.आई.पी. ू मे ठाढ◌़ होइत) ई त’ प ृीक मक लेल नव बात निहये िथक... (चोरसँ) तै एिहमे आय िकयै भ’रहल छह ?[तावत ता, हुनक द ुन ू अचर आ वामपंथी युवा मे जेना धा र् भ’ रहल होइक जे के, वी. आई.पी. ू मे पिह ठाढ◌़ हैताह। एकटा अचररमणी-मोहनकेँ पकड◌़ि◌ कए “हे ...अहा ँ ओत’ कोना ठाढ◌़ छी”? कहैत वी. आई. पी. ू केर पाछा ँ आिन कए ठाढ◌़ क’ दैतछिथ। अिभता आ मिहला आपस मे गप-शप आ हँसी मजाक करै लागैत छिथ। रमणी-मोहन म ूड◌़◌ी झ ुकौ ू केर अंत मेठाढ◌़ रहैत छिथ। वामपंथी युवा छलाह अिभताक पाछा ँ ठाढ◌़, हुनकर पाछा ँ बदरी बाब ू आ एकटा अचर—जे बदरी बाब ूक हाथआ पीठ मे आराम द’ रहल छल। आ दोसर अचर ठीक क’ छल- अपनिह मो जे दोसर ू –साधारण म बाला- तकरदेख-रेखक दािय तकरे पर छैक। तै ं ओिह ू मे असंतोष आ छोट-मोट झगड◌़◌ा केँ डािट-डपिट ँ कए ठीक क’ रहल छल।आ हठात् म ंच पर एिह िवशाल पिरवतर्नक िदिस अवाक भ’ कए देखैत चोर को ू मे ठाढ◌़ निह रिह कए भाषण-म ंचक पासे सँद ुन ू कतार िदिस देिख रहल छल।यम आ पाछू-पाछू िचगु वेश करैत छिथ। युवक हाथमे एकटा दंड आ माथ पर मुकुट, पिरधेय छलिन राजकीय,हाव-भाव सँ द ुन ू कतार मे जेना एकटा खलबली मिच जाइत अिछ। कतेको गोटे “हे आिब गेलाह” वैह छिथ, “हे इयैह त’िथकाह !” आिद सुनल जा रहल छल। िचगुक हाथमे एकटा मोट पोथा छलिन जे खोिल-खोिल कए नाम-धाम िमला लेबाकआदित छलिन हुनकर। यमराज िव भ’ कए सव र्थम साधारण मक कतार िदिस देखैत छिथ आ जेना एक मुहूतर्क लेल ओत’थैत छिथ। सब ो शा ंत भ’ जाइत अिछ- सभक बोलती ब ंद—जे अचर कतार केँ ठीक क’ रहल छल—ओहो साधारण मककतारक आगा ँ िदिस कतहु उचे लग घिसया ु कए ठाढ◌़ भ’ जाइत अिछ। यमराज पुनः आगा ँ बढ◌़◌ैत छिथ त’ वी. आई. पी.कतारक पास आबै छिथ—ओत’ ठाढ◌़ सब गोटे हुनका नमार करैत छिथ। वामपंथी युवा अिभता सँ प ूछैत छिथ “ई के िथकाह?” उर मे अिभता जो िकछु कहैत छिथ से प ूण र् पसँ त’ निह होइछ मुदा दबले रेँ बाजै छिथ “िचलहु ँ निह? “ईयैह त’ छिथ यमराज !” वामपंथी युवा घबड◌़◌ा कए एकटा लाल सलाम ठोिक दैत छिथ आ पुनः नमार सहो करैलागैत छिथ। यमराज िहनकर सभक उपेक्षा करैत चोरक लग चिल आबै छिथ भाषण म ंचक लग मे।]यमराज : (चोर सँ) अहा एतय िकयै छी महान ! (हुनक एिह बात पर, िवषेशतया ‘महान !’ एिह संबोधन सँ जेना द ुन कतार मे खलबली मिच जाइतअिछ। एतबा धिर जे चा म ृत सैिनक सँ ल’ कए सब ो एक दोसरा सँ प ूछै लागैत छिथ....“महान ?” “महाा िकयैक कहलाहई ?” “ई से महाा िथकाह की ?” “ई की किह रहल छिथ ? ” त’ ो-ो उर मे… “पता निह !” जािनिकयैक...। भ’ सकैछ… आिद,आिद बाजै लागैत छिथ। पिरवेश जेना अशा ंत भ’ जाइत अिछ यमराज असंतु भ’ जाइत छिथ)आ ! की हा करै जाइ छी सब ? देिख निह रहल छी जे िहनका सँ बात क’ रहल छी ? (हुनकर डा ँट सुिन द ुन अचर ठोरपर आङुर धै “श ्-श ्-श ्-श !” आिद कहैत सब केँ चुप कराबैत अिछ। हठात् जेना खलबली मचल छलैक तिहना सब ोचुपचाप भ’ जाइत छिथ।)चोर : (िवल भ’ कए) महाराज !7


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्यमराज : (चोर िदिस घ ुरैत) हूँ त’ हम की किह रहल छलहु ँ ? (उरक अपेक्षा छिन िचगु सँ)िचगु : भु, अप िहनका सँ आगमनक कारण पिछ ू रहल छिलयिन...यमराज : (मोन पड◌़◌ैत छिन) हँ ! हम कहै छलहु ँ (चोर सँ) अहा ँ एत’ िकयैक ?ँंचोर : (घबड◌़◌ाइत) निञ महाराज, हम त’ कतारे मे छलहु ँ....सब सँ पाछा... ओ त’ एत’ राजनीित केर बात चिल रहल छल ... आ ताजी लोकिन आिबगेल छलाह तै....यमराज : (आय र् होइत) ‘राजनीित’? ‘ताजी’? मा ?(ताजी घबड◌़◌ाबैत गला खखारैत कतार सँ बिहरा कए आगा ँ आिब जाइत छिथ। पाछा ँ-पाछा ँ थरथरबैत द ुन ू अचर सेहो ठाड◌़भ’ जाइत छिथ।)ता : (बाजबाक यास करैत छिथ साहस क’ कए मुदा गला सँ बोली निह िनकलैत छिन) जी… हम छी ‘बदरी-िवशाल’!चोर : इयैह भेला ताजी !(तावत वामपंथी युवा सेहो अगुआ आबै छिथ।) आ ईहो छिथ ताजी--- मुदा र ंमे क लाल !िचगु : (मुी लैत) िहनकर र ंग लाल त’ हुनकर ?(ताजी केँ देखाबैत छिथ)चोर : ओ त’ कहैत छिथ ‘हिरयर’ मुदा...िचगु : (जेना से जा चाहै छिथ) मुदा ?चोर : जे िना करै छइ से कहै छइ र ंग छिन ‘कारी’!ता : निञ, निञ....हम िबुल साफ छी, महाराज, िबुल सफेद....ृवामपंथी : (ितय र्क दिएँ ता केँ दैखैत) ‘हिरयर’ छिथ आ निञ ‘कार’.... मुदा छिन िहनकिह सरकार ! (अंितम श पर जोर दैत छिथ ताजी ोधकअिभि केँ गीड◌़ि◌ जाइत छिथ)िचगु : ब ुझलहु ँ—ई छिथ ता सरकार, अथा र्त् ‘नायक’ आ (अिभता केँ देखा) ई छिथ ‘अिभता’ अथा र्त् ‘अिधनायक’ आओर अहा ँ छी....ता : (वा केँ समा निह होमै दैत छिथ) खलनायक !(यमराज केँ छोड◌़ि◌ सभ ो हँिस दैत छिथ हँसीक धारा कम होइत ब ंद भ’ जाइत अिछ जखन यमराज अपन दंड उठाइशारा करैत छिथ सब शा ंत भ’ जाइत छिथ।)यमराज: (आवाज कम निह भेल अिछ से देिख) देिख रहल छी सब ो ज ुटल छी एत’—ता सँ ल’ कए अ-ता धिर...चोर : उपता, छरता, परता - सब ो !यमराज : मुदा ई निह अिछ जे ओ सभ कतार मे ठाढ◌़ भ’ कए एना धा-मुी िकयै क’ रहल छिथ।ँ अचर 1 : (जा कए घेंट पकड◌़ि◌ कए प◌ॉिकट-मार केँ ल’ आत छिथ—पाछा ँ-पाछा उचा अिहना चिल आबैत अिछ) हे हौ ! बताबह-- िकयैक धा-मुी क’रहल छह ?प◌ॉिकट-मार :हम कत’ धा द’ रहल छलहु ँ, हमरे पर त’ सब ो गरजैत-बरसैत अिछ।8


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्[तावत यमराज (अपन चा पिहिर कए) िचगुक खाता केँ उल्टा-पुल्टा कए दैखै चाहैत छिथ—अचर द ुन ू भाग- दौड◌़ कए कतहु ँ सँ एकटा ऊँ च टूलआिन दैत छिथ । टूल केँ म ंचक बाम िदिस राखल जाइछ, तािहपर िवशालाकार रिजर केँ रािख कए यमराज देखब शु करैछिथ। नंदी-ं गी अगुआ कए हुनक सहायताक लेल द ुन ू बगल ठाढ◌़ भ’ जाइत छिथ—अचर-द ुन ू केँ पाछा ँ िदिस धकेिल कए। निहत’ अचर य केँ मोन छलैक रिजर मे झािक ँ कए देखी जे भाग मे की िलखल अिछ। मुदा धा खा कए अपन सन मुँहबनबैत पुनः ताजीक द ुन ू िदिस जा कए ठाढ◌़ भ’ जाइत छिथ। यमराज अपन काज करै लागैत छिथ। हुनका को िदिसान निह छिन। नंदी अपन जेब सँ एकटा तह लगायल अथवा ‘रोल’ कैल कागज केँ खोलैत छिथ आ जेना अपनिह तीन ू मे एक-एक क’ कए नाम पढ◌़ि◌ रहल छिथ एत’ उपित लोग सभक आ ं गी रिजरक पा उल्टाबैत वणामक र् असार ओ नाम खोिलकए बहार करैत छिथ—तखन यमराज ‘िरकाडर्’ केँ पढ◌़◌ै छिथ, िहनका तीन ू केँ आन को िदिस ान निह छिन।]िचगु : मुदा ई त’ बताऊ- ओना ओत’ कतार बना कए ठाढ◌़ िकयै छी ?प◌ॉिकट-मार :हुजूर जाय चाहै छी....उचा : ई ! लुा निहतन, मोन भेल त’ ‘चलल मुरारी हीरो बनय’.... जैताह...मुँह त’ देखू !िचगु : (थबैत) जाय िदयु िहनकर बात... मुदा ई बताऊ—एत’ कतारक ताय र् की ?चोर : निञ ब ुझलहु ँ...कतार लगायब त’ हमर सभक आदितये बिन गेल अिछ..प◌ॉिकट-मार :(उचा िदिस दैखबैत) आ कतार तोड◌़ब सेहो....ताजी : (जेना आब फुरलिन) ई सब त’ हमर सभक स समाजक िनयमे बिन गेल अिछ... धीरज धरी, अपन बेरी आबय तख अहा ँ केँ सेवा भेटत...अचर 1 :चाहे ओ रेलक िटकट हो...अचर 2 :चाहे िबजली-पािनक िबल...चोर : कतहु फोन क त’ कहत “अब आप ू में हैं”... आ िक बस बाजा बजबै लागत... (प◌ॉिकट-मार टेिलफोनक ‘क◌ॉल होिल्डं ग’ क को सुर केँमुँह सँ बजा दैत छिथ।)िचगु : मुदा एत’ कोन सेवाक अपेक्षा छल ?ताजी : मा ?चोर : निञ ब ुझिलयैक ?अचर 1 : अहा ँ ब ुझल ?अचर 2 : जेना ई सब बात ब ुझै छिथ !चोर : सब बात त’ निहये ब ुझै छी—मुदा ई पिछ ू रहल छिथ, एत’ कोन लू लेल कतार मे ठाढ◌़ छी अहा ँ सभ ?िचगु : हम सैह जा चाहै छलहु ँ... कोन बातक तीक्षा करै छलाह ई सब गोटे ?चोर : (अचर 1 केँ ) अहा ँ बताउ िकयैक ठाढ◌़ छलहु ँ ?अचर 1 : (तोतराबै लागै छिथ) हम..मा...चोर : (अचर 2 सँ) अा त’ अही ं बताउ.... कथी लेल ठाढ◌़ छी एत’ ू मे...?अचर 2 : सब ो ठाढ◌़ छिथ तँ हमहूँ ...अचर 1 : हमर सभक महान ता बदरी बाब ू जखन कतार मे ठाढ◌़ रिह कए तीक्षा क’ सकै छिथ, तखन हम सब िकयैक निह ?9


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्संजय, ास आऽ शुक तीन ू गोटे ८८००-८८०० ेक कए भारतक ोक मा यािद कए सकल छलाह। मा भारत एतेक िवशाल छल जे ेक गोटे सूण र् यािद निह कएसकल छलाह, आऽ तािह दिसँ ृ भारत किहयो २६४०० ोकसँ कम निह छल, जकरा ास िलख छलाह। जय संिहता भारत आऽ महाभारत द ुन ूकेँ कहल जाइत छैक। युपव र् (<strong>१</strong>८ पव र् मे चािर पव र् भी, ोण, कण र् आऽ श पव) र् तेना निञ परर पुरान पव र् सभसँ ज ुड़ल अिछ, जे िबना पिछला पव र् पढ़ अिगलाक को भा ँज निह लगैतछैक। इिलयडक यु <strong>१</strong>० साल धिर चलल छल, आऽ इिलयड मा ◌ॉयक घेरा धिर सीिमत छल, मुदा महाभारत बहुत पिह सँ <strong>१</strong>८ िदका युक कारणसँ शु होइतअिछ।भी पव र् छठम पव र् अिछ, ोण पव र् सातम, कण र् पव र् आठम आऽ श पव र् नवम। तकरा बाद ९ टा पव र् आर अिछ।िकएक तँ कैक बैसारीमे महाभारत केर पाठ सुनाओल जाइत छल तािह ारे ई ाभािवक अिछ जे पुरान पाठ सभ जे भए चुकल छल केर फेरसँ पुनःरण बेर-बेरकएल जाइत छल। तािहसँ ई अथ र् िनकालब जे ई पक अिछ, अनल होयत। तिहना गीता सेहो पाा िवान लोकिनक लेल पक अिछ कारण ओऽ लोकिनभारतीय संृित, सािह आऽ कलाक अभव िवदेशी मानिसकतासँ करबाक कारण गलती करैत छिथ। िवदेशी िवान ई मानबामे क अभव करैत छिथ जे महाभारतओतेक पुरान भेलाक बादो ओतेक व ृहत् अिछ, आऽ इिलयड ओकर सोझा ँ िकछु निह अिछ। से एक गोट पक वेबर ारा कएल गेल िमा ााक आधार पर जयसंिहता केर संकना आयल। मा भारत आऽ महाभारत केर पमे एिह महाकाक िवकासकेँ िबना को कारणसँ जय संिहता, भारत आऽ महाभारत पी तीन चरणमेुत कएल गेल। महाभारत केर सभसँ छोट पमे सेहो २४६०० सँ कम ोक निह छल, आऽ जय संिहता भारत आऽ महाभारतकेँ सििलत पसँ कहल जाइत छल।स्ीधन(अवतर्ते)३.उपाससहबाढ़िन-गजे ठाकुरएिह घटनाक चरचा बहुत िदन धिर होइत रहल। नक आदर अपन नीचा ँक कम र्चारीक बीच एिह घटनासँ बढ़ि◌ गेल छलि, मुदा आब िठकेदार आऽ अिभया लोकिनक बीचन रावण बिन गेल छलाह।सभ टा चीज ठीक-ठाक चिल रहल छल। नक बा सभ गिणत आऽ िवज्ञानक अंकगिणतीय सभ जनबरीसँ माच र् धिर बना लैत छलि। मुदा घरक सभ काज िकएक तँन य ं कए लैत छलाह, नक बा सभ ूल गेनाइ आऽ घर अएनाइक अितिरक् बाहरी दिनयासँ ु अनिभज्ञ छलाह। कतओ घ ुमए जािथ तँ नक संगे, एक तरहेँ ब ुझ ूजे नक बा सभक िक् एकटा िविभ कारसँ िनिम र्त भए रहल छलि। निञ तँ को दो-महीम, निञ तँ को दोक घर अएनाइ-गेनाइ। ओिह समयमेमीिडअम वेभक एकटा जापानी ािजर ं नक घरमे छलि, वैह मर ंजनक एकमा साधन छल। हुनकर बा सभ एकरा रेिडयो कहैत जाइ छलाह, आऽ न ब ुझबैतछलिख जे रेिडयो ब पैघ होइत अिछ, ािजर ं आकारमे छोट होइत अिछ। न जखन करी शु कए रहिथ तँ ब ुश कनीक एकटा रेिडयो गाम लए गेलछलाह। सौ ँसे टोलबैाक भीड़ जिम ु गेल छल रेिडयो सुनबाक लेल। ओऽ जापानी मीिडअम वेभ रेिडयो मझोला आकारक बैटरीसँ चलैत छल, खूब बैटरी खाइत छल ईािजर। ं बैटरी ायशः मिहनाक दस ितिथ धिर चलैत छल। बैटरी एक मिहनामे एक बेर अबैत छल, मिहनबारी िकरानाक वुजातक संग। से नक बा लोकिनकमर ंजनक ओऽ साधन मिहनामे बीस िदन काज निह करैत छल, आऽ तािह लेल बा सभ पलंगक द ुन ू कात द ू टा गोल पो बनबैत छलाह। ई गोल पो ािककएक-दोसरामे ज ुड़य बला खेल सामीसँ बत छल, ई खेल सामी पता निह कतेक िदनसँ घरमे पड़ल छल, ायः गंगा िज क◌ॉलोनीमे ो गोटे दे छलिख।नक द ुन ू बेटा द ुन ू िदिश ककबाक िकसँ खेलाइत छलाह। ए बी सी डी क कचकाराक खेल सामी ब◌ॉल बत छल। खेलक िनअम सेहो िभ छल। मा एक श◌ॉटमेएक गोल पोसँ दोसर गोल पोमे गोल करए पड़◌ैत छल। एिह तरहक कैकटा न ूतन ीड़◌ाक जनक छलाह नक द ुन ू पु।न सामा जीवन तीत कए रहल छलाह, मुदा गंगा पुलक को चरचा हुनकर अरमनमे हुिलमािल शु कए दैत छलि।11


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्(अवतर्ते)४.महाकामहाभारत –गजे ठाकुर(आगा ँ) ------५.उोग पव र्करए लगलाह पा ंडव युक तैयारी िवराट ुपदक संग पािबलगाए कु लग पा ंडव कलाह िशिवर पसािर।द ुयो र्धनकेँ जखन लागल खबिर ओहो कएलक तैयारी,संदेश पठाओल राजा सभकेँ कौरव पा ंडव तखन,अपन पक्षमे करबा लेल यु शु होएत जखन।कुक लीमे सभटा ज ुटान लागल होए शु,यादव गणकेँ पक्ष करबा लए द ुयो र्धन ारका गेल य ं।पहु ँिच द ुयो र्धन गेल देखल क◌ॄ छलाह सुतल ओतए,अजर्न ु सेहो पहु ँचल पैर िदिश बैिस गेल ओऽ ओतए।कृ जखन उिठ देखल अजर्न ु छल ओतए,कहू व की चाही अहा ँ आयल छी एतए।युमे संग अहा ँक हमरा चाही हे नारायण,अजर्नकेँ ु बिजते द ुयो र्धन टोकल अएलहु ँ पिह एतए।कृ कहल हम शस् निह उठाएब युमे,नारायणी सेना चाही वा हमरा करब अँह पक्षमे।द ुयो र्धन नारायणी सेना चुिन भेल संतु ऒऽ,अजर्नकेँ ु नारायण भेटल छल फुित सेहो।पा ंडव मामा छलाह श माीक भाइ जे,आिब रहल युक लेल द ुयो र्धन सुिन गेल ओतए।रामे वा-बात कएल तेहन छल,श कहल अिछ मोन पुरृत करी काज जकर।द ुयो र्धन भेख बना जाए रहल छल ओतए,कट भए मा ँगल युमे होऊ साहा हमर,एिह सभ वाक छी हमही िनमा र्ण कएल।श दए ि पहु ँचलाह जखन कु,12


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्युिधिर सुन ू छल भेल हमरा संग अतए।कौरवक पक्षमे यु करबा लए वचन ब,कहू कोन िवध होए साहा अहा ँक व्।युिधिर कहल बन ू सारथी कण र्क आऽ कर्,हतोािहत कण र्केँ गुणगान गािब पा ंडवक।श कौरवक िशिवर िदिश चललाह तखन,यु सिकट अिछ कृ अएलाह जािन सेहो,एतए सुनल ुपदक पुरिहत गेल छल ध ृतराष् लग।संिधक ाव पर देलक ो निह टेर ओतए,द ुयो र्धन कहल रा छोड़◌ू सुइयाक क देख छी?निह भेटत प ृी ओतबो राक तँ छोड़◌ू बात ई।युिधिर कहल ीकृकेँ आध रा छोड़◌ैत छी,जाऊ कृ पा ँच गाम द ुयो र्धन देत जौ ँ राखू ई ाव,ओतबिहमे करब हम सभ भा ँय मायक संग िनवाह।र्साकीक संग कृ हिनापुरक लेल चलला जखन,ौपदी कहलि देखू केश फुजले अिछ ओिहना धिर एखन,कािन कहल सँिध होयत यु िबन ख ुजले रहत वेणी तखन।कृ कहल मानत निह सँिधक गप कखनहु द ुयो र्धन,यु अिछ अिनवाय र् मरथ प ूण र् होयत ौपदीक अहँक।कृ जखन गेलाह हिनापुर सभ स छल,ध ृतराष्, द ुःशासन-द ुयो र्धनक संग ागत कएल।मुदा कृ ओतए निह ठहिर दीदी कुीक लग गेलाह,िवद ुरक गृहमे छलीह ओतए गप िवृत भेल आब।कहल कुी दीदी जाऽ कए कण र्केँ पिरचए िदअ,आिब जाएत ा-पाव लग स ओऽ जािन कए।दोसर िदन सभामे पहु ँचलाह कृ छल ओतए मुदा,13


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्द ुयो र्धन िवचारल बाि राखब कृकेँ अएताह जौ ँ।भी ध ृतरा ोण कृप कण र् शकुिन द ुःशासन ओतए,कृ कहल शकुिनक चौपड़ द ुयो र्धनक िदिशसँ फेकब,अायप ूण र् छल ओिहना ौपदीक अपमान छल करब।िवराट पर आमण पावकेँ सतेबाक उपम बनल,आध रा जौ ँ दए दी तख शािसँ रिह सकैछ सभ।सभ कएल ागत एकर द ुयो र्धन मुदा ोिधत बनल,कृकेँ बबाक आज्ञा देलक भी तमसयलाह बड़।तेज कृक मुखक देिख कौरव भयसँ छल िसहरल।द ुयो र्धन कहल िपता े हमर अंध छलाह से रा निह भेटलि,हुनक पु े हम से अिधकार हिनापुर पर अिछ सुनलहु ँ।पाव अायसँ लए रा करए छिथ तैारी युक,कृ अिछ पाछा ँ ओकर हम तँ रक्षा राक करए छी।कृ कहलि तखन पा ँच गाम िदअ करबाऽ लए िनवाह,र्मुदा द ुयो र्धन कहल राक भाग निह होएत गए आब।कृ बािज जे हे द ुयो र्धन मदा छी बनल अहा,ँपावक शिक्क सोझा ँ नाश िनित ब ुझ ू अहा ँक।कुी बादमे गेलीह कण र्केँ कहल द ुवा र्साक म ं भेटल,पढ़ल स ूय र्केँ रण कए पु हमर भेलहु ँ अहा ँ तखन।णाम कएल माताकेँ कण र् तखन बजलीह सुन ू ई,े पाव छी अहा ँ रा युिधिर देत अहीकेँ ।जखन निह मानल कण र् कुी पुछल माऋणसँ,उबड़ब कोना कण र् बाजल हे माता तखन सुन ू ई।अजर्नकेँ ु छोड़ि◌ चा पावसँ निह लड़ब प ूण र् शिक्येँ,अजर्नकेँ ु मारब तखन बनब पु अहीकेँ ।वा मरब हम पु तैयो पा ँच टा रहबे करत,ई ितज्ञा हम करए छी माता कुी अएलीह घिर।ु14


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्कृ आिब घिर ु पहु ँिच िशिवर पावक जखन,पाव युक कएल िया शु ओतए तखन।सात अिहणी सेना घोड़◌ा, रथ, हाथी, सैिनकक,अजर्न ु भीम साििक ध ृु ुपद िवराट लग।कौरव सेहो एगारह अिहणी सेना कृपाचाय र् श भूिरवा,भी ोण कण र् अामा जयथ कृतवमा र् भगद छल।ध ृु सेनापित पावक भी कौरवक बनल,कण र् शस् निह उठेबाक कएल ितज्ञाभी यावत युमे रहताह गए।भी कहल मारब निह पावकेँ एकोटा,सेनाक संहार करब यथा संभव होएत।ास ध ृतराष्क लग गेलाह कहल ासजी सुन ू,अंध भेल वर हमर कुल संहार देखब निह िकएक।मुदा वीरक गाथा सुनबाक अिछ इा बहुत,ास देल योगसँ िददृ ि संजयकेँ कहल,बैसले-बैसल देिख संजय वण र्न करताह युक,बािज ई ास िबदा भए गेलाह ओतएसँ।६. भी पव र्(अवतर्ते)५कथागजे ठाकुर-बैसाखी“गरमी ताितलक छुीक बाद क◌ॉलेज किहया ख ुजतैक”। एकटा िवाथीर् क◌ॉलेजक एकटा कम र्चारीकेँ पुछ छलाह।“हमरा कपार पर िलखल छैक आिक िटस बोडर् पर जाऽ कए देखबैक”। ओल सनक बोल बाजल ओऽ कम र्चारी जकर नाम गुणदेव छल।“ओहो गुणदेबा भयरे छल। एडिमशन कर् छल, तािह ारे चलतीमे छल”।“निञ यौ। चपरासी छल। एडिमशन कर् तँ मुँहद ुर छल आऽ तािह ारे सभ ओकरे एडिमशन कर् ब ुझैत छलाह”।15


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्रतीश आऽ फूलक बीचमे ई वाा र्लाप चिल रहल छल। बहुत िदनका बाद द ुन ू गोटेकेँ एक दोसरासँ भेँट भेल छलि। ूल आऽ क◌ॉलेजमे संगे-संग द ुन ू गोटे पढ़छलाह। मुदा तकरा बाद सालक साल बीित गेल छल, आऽ आइ चधारी िमिथला क◌ॉलेजमे अपन-अपन बेटाकेँ अिभयािकीक वेश परीक्षा िदअएबाक लेल द ुन ू गोटेआयल छलाह आिक अनायासिह एक-दोसरासँ भेँट भए गेलि। द ुन ू गोटेक बालक परीक्षा ह◌ॉलमे रहिथ से द ुन ू गोटेक लग गप करबाक लेल तीन घा समय छलि।करची कलमसँ िलखना िलखैत-िलखैत रतीश आऽ फूल द ुन ू गोटेक अक्षर सुर भए गेल छलि। रोशनाइक गोटीकेँ गरम पािनमे दए दवातमे दए ओिहमे करची कलमडुबा कए िलखना िलखैत छलाह द ुन ू गोटा। अपन-अपन गामसँ केजरीबाल हाइ ूल पहु ँचैत छ्लाह द ुन ू गोटे। िवज्ञानक ायोिगक कक्षाक क◌ॉपी रतीशक सेहो साफआऽ होइत छलि, मुदा फूलक अक्षर फूल सन सुर होइत छलि। मैिकमे रतीशकेँ थम णी आयल छलि मुदा प ूलकेँ ितीय णी अएलि। आ.एस.सी.केर बाद रतीशतँ इ ंजीिनयिरङमे नाम िलखा लेलि मुदा रतीश पोऑिफसमे िकरानीक करी पकड़ि◌ ले छलाह। आऽ तकर बाद <strong>१</strong>८ साल धिर द ुन ू गोटेकेँ एकदोसरासँ भेँट निह भेल छलि। करी लगलाक बाद फूलक िववाह भए गेलि।“िववाहक बाद की भेल। हम तँ िववाहोमे निह जाऽ सकल छलहु ँ। पिह ओतेक फोन-फानक सेहो चलन निह छल। तािह ारे सकर् सेहो निह रहल”।“करीक बाद छोट भाय आऽ किनया ँकेँ लए करी पर कोिहमा चल गेलहु ँ। छोट भाए एकटा हाथसँ लु रहिथ। दोसर हाथे याससँ िलखैत छलाह। िकछु िदका बादिवकला ंगक लेल आरक्षणक अंतत हुनका सेहो िकरानीमे के सरकारक अंतत करी लािग गेलि, आऽ ओऽ पटना चिल गेलाह। हमर माएकेँ हुनकर िववाहक बड़सौख छलि। मुदा घटको आबए तखन । से कतेक िदका बाद जखन माए हमरा ओिहठाम आएल छलीह, तँ एक गोट मैिथल पिरवार हमरा ओिहठाम घ ुमए लेल आयलरहिथ। हमर मायक वयसक एक गोट मिहला छलीह जे अपन पुतोहुक संग आयल छलीह। गपे-शपमे हुनका पता चिल गेलि, जे एिह घरमे एकटा िवकला ंग सरकारीकरी बला िववाहयो बालक छैक। से ओऽ हठात् अपन पुीक िववाहक ाव सोझा ँ आिन रखलि।हमर माय बजलीह, “बिहनदाइ। अिछ तँ हमर बेटा सरकारी करी करैत मुदा ई पिहनिहये किह देनाइ ठीक ब ुझैत छी जे बादमे अहा ँ निह कही। शील-भाव सभमेको कमी निह छैक, मुदा निह जािन िकएक भगवान एक हाथसँ लु कए देलिख। गाममे लोक सभ लुा-लुा किह कए सोर करैत छैक। शुमे तँ हमरा बरदानिह होइत छल, एिह गप पर झगड़◌ा भए जाइत छल। मुदा बादमे हमहू ई सोिच धैय र् धए लेलहु ँ जे जखन भगवा नजिर घ ुमा लेलि, तँ ककरा की कहबैक”।“से तँ हमरा गप-शपमे ब ुझबामे आिब गेल छल। आऽ तािह ारे ई कथा करबाक साहसो भेल। अहा ँ सँ की कहू। हमर बेटी पेदार अिछ। पैर छोट-पैघ छैक।से सौ ँसे तेहाकेँ ब ुझल छैक। इलाकामे ककरो लग कथाक लेल जायब सेहो िहत निह होइत अिछ। भगवान छिथ, निञ हरे आऽ निहये सासुरमे ो पेदारभेल छल। भगवान भल करिथ, देखबैक हमर बिचयाक ु बा सव र्गुण स होयत”।ई गप सुिनते हमर माय तँ स दए रिह गेलीह। कक काल धिर गुम-सुम रहलाक बाद कहलि जे सोिच कए खबिर पठाएब। घरमे िकछु िदन धिर एिह गप परचरचा भेल आऽ आगा ँ जाऽ कए मायक िवचार भेलि, जे िववाह भए जएबाक चाही। िववाहक उपरा कताक बेर बा खराप भए जाइत छल। तीन चािर बेर एिहनाभेल। हमर भाए तँ मोनकेँ ब ुझा लेलि मुदा, भाबहु िविक्ष जेका ँ भए गेलीह। राित-िदन घरमे उठा-पटकक अबाज पड़◌ोसी सभ सुत छल। मुदा आे-आेओहो मोनकेँ बहटािर लेलि। मुदा दस बरखक बाद भगवानक कृपा जे एकटा बा भेलि, सभ अंग द ु। मुदा एक िदन तेल-कू र लगा कए बाहर हबामे देलिखभाबहु। भाए हमर कहबो कएलि, जे बाकेँ भीतर कए िलअ, मुदा होनी जे कहैत छैक। सा ँझसँ बाकेँ हुकहुी लािग गेलैक। अिगला िदन भोर धिर ओऽ एिहजगकेँ छोड़ि◌ चिल गेल। हमरो पदापन ताधिर पट भए गेल छल, आऽ सभ गोटे संगे रहैत छलहु ँ। मुदा भगवाक लीला। जखन सभ आस छोड़ि◌ दे छल,तखन फेर एकटा बालक भेलि छोट भा ँयकेँ । एिह बेर हुनकर सासु सेहो बाक टहल-िटकोर करबाक लेल आिब गेलिख। आब तँ बेश टगर भए गेल अिछ, -पु को पैअ निह”। फूल बिजते रहलाह।रतीश कहलि-“अहा ँ परेशानीयेमे रहलहु ँ एतेक िदन धिर। मुदा अहा ँकेँ कैकटा बा अिछ, की करए जाइत छिथ से निह कहलहु ँ”।“एकेटा अिछ, से परीक्षा ह◌ॉलमे छिथ, कक कालमे देिखए लेबि। मुदा अहा ँ अपन बाकेँ परीक्षा िदआबए िकएक आयल छी। आइ.एस.सी. पास कए छिथ, बेशचेतनगर भए गेल होएताह”। फूल भाए कहलि।“मुदा अहूँ तँ आएल छी...”।रतीश बजैत चुप भए गेलाह। कारण एक गोट बालक वैशाखी पर चिल फूलक लग आिब ठाढ़ भए गेल छल। परीक्षा खतम भए गेल छल, आऽ रतीशकेँ ई ब ुझबामेबाङठ निह रहलि, जे ई बालक फूलक िछयि। कालक िविच गित, भाए-भाबहु िवकला ंग छि, मुदा ता-िसहर देखेलाक बादो भगवान -पु ना देलिख, आऽफूल सन िलखनहार फूल भाइक लेल िवधनाक कलम निह चललि। मुदा फूल भाए शा ंत-धैय र् धए बेटासँ परीक्षाक िवषयमे पिछ ू रहल छलाह।६. पअ.प िवृत किव . ी रामजी चौधरी (1878-1952)आ. ी गंगेश गुंजनआ.प ोित झा चौधरी16


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्इ.प गजे ठाकुर श ैले मोहन झािवृत किव . रामजी चौधरी (1878-1952)पर शोध-लेख िवदेहक पिहल अँकमे ई-कािशत भेल छल।तकर बाद हुनकर पु ी द ुगान र् चौधरी, ाम-पुर,थाना-अंधरा-ठाढ़◌ी, िजला-मध ुबनी किवजीक अकािशत पाुिलिप िवदेह काया र्लयकेँ डाकसँ िवदेहमे काशनाथ र् पठओलि अिछ। ई गोट-पचासेक प िवदेहमे एिह अंकसँधारावािहक पेँ ई-कािशत भ’ रहल अिछ।िवृत किव- पं. रामजी चौधरी(1878-1952) ज ान- ाम-पुर,थाना-अंधरा-ठाढ◌़◌ी,िजला-मध ुबनी. म ूल-पगुार राजे गो-शाि ।जेना श ंकरदेव असामीक बदला मैिथलीमे रचना रचलि, तिहना किव रामजी चौधरी मैिथलीक अितिरक् जब ुलीमे सेहो रचना रचलि।किव रामजीक सभ पमे रागकवण र् अिछ, ओिहना जेना िवापितक पालसँ ा पदावलीमे अिछ, ई भाव हु ंकर बाबा जे गबैा छलाहसँ िरत ब ुझना जाइत अिछ।िमिथलाक लोक पंच्देवोपासक छिथमुदा िशवालय सभ गाममे भेिट जायत, से रामजी चौधरी महेानी िलखलि आ’ चैत मासक हेतु ठ ुमरी आ’ भोरक भजन (पराती/ भाती) सेहो। जािह राग सभकवण र्न हुनकर कृितमे अबैत अिछ से अिछ:1. राग रेखता 2 लावणी 3. राग झपताला 4.राग ुपद 5. राग संगीत 6. राग देश 7. राग गौरी 8.ितरहुत 9. भजन िवनय 10. भजन भैरवी 11.भजन गजल 12. होली13.राग ाम काण 14.किवता 15. डक होली 16.राग काग ू काफी 17. राग िवहाग 18.गजलक ठ ुमरी 19. राग पावस चौमासा 20. भजन भाती 21.महेशवाणी आ’ 22.भजन कीर्न आिद।िमिथलाक लोचनक रागतरिगणीमे ं िकछु राग एहन छल जे िमिथले टामे छल, तकर योग सेहो किवजी कएलि।ुत अिछ हुनकर अकािशत रचनाक धारावािहक ुित:-18.भजन िवनयसुन ू-सुन ू औ भगवान,अहा ँक िबना जाइ अिछआब अधम मोरा ाण॥कतेक शुरके मनाबल िनिशिदनिकयो न सुनलिन कान,अित दयालु सिन ू अहा ँक शरण अयलहु ँ जािन॥बु व कुटु सभ छिथ बहुत धनवान,हमर द ुःख देिख-देिख हुनकौ होइ छिन हािन।।रामजी िनरास एक अहा ँक आशा जािन,कृपा करी हे नाथ,अशरण जन जािन॥19.17


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्महेशवाणीदेख ु देख ु ऐ मैना,गौरी दाइक वर आयल छिथ,पिरछब हम कोना।अंगमे भसम छिन,भाल चमािवषधर सभ अंगमे,हम िनकट जायब कोना॥बाघ छाल ऊपर शोभिन,मुमाल गहना,भूत त संग अयलिन,बिरयाती कोना॥कर िश ूल डाम बघछाला नीन नयनाहाथी घोड़◌ा छड़ि◌ पालकी वाहन बरद बौना॥कहिथ रामजी सु ऐ मनाइन,इहो छिथ परम वीणा,तीन लोकके मािलक थीका,क जमाय अपना॥20.महेशवानीएहेन वर करब हम गौरी दाइके कोना॥सगर देह सा ँप छिन, बाघ छाल ओढ़ना,भ छिन देहमे,िवकट लगिन कोना॥जटामे गंगाजी हुहुआइ छिथ जेना,कमे मुमाल शोभए छिन कोना॥माथे पर चमा िवराजिथ ितलक जेका,ँ18


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्हािथ घोड़◌ा छाड़ि◌ पालकी,बड़द चढ़ल बौना॥भनिथ रामजी सु ऐ मैना, गौरी दाइ बड़◌े भागे,पौलिन कैलाशपित ऐना॥21.भजन िवहागराम िब िवपित हरे को मोर॥अित दयालु कोशल पै भुजी,जानत सभ िनचोर,मो सम अधम कुिटल कायर खल,भेटत निह ो ओर॥ता’ नञ शरण आइ हिरके हे क एक बेर,गिणका िग अजािमल तारोपितत अको ढेर॥द ुःख सागरमे हम पड़ल छी,जौ ँ न करब भु खोज,19


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ् ँ मेरो द ुःख कौन हारावन,छड़ि◌ अहा ँ के और॥िवपित िनदान पड़ल अिछ िनिश िदन नािह सहायक और,रामजी अशरण शरण राख ु भु,कृपा दि ृ अब हेिर॥(अवतर्ते)2. गंगेश गुंजन ी गंगेश गुंजन(<strong>१</strong>९४२- )। ज ान- िपलखबाड़, मध ुबनी। एम.ए. (िही), रेिडयो नाटक पर पी.एच.डी.। किव, कथाकार, नाटककारआ' उपासकार। मैिथलीक थम चौबिटया नाटक बिधबिधयाक ु लेखक। उिचतवा (कथा संह) क लेल सािह अकादमी पुरार। एकर अितिरक् हम एकटा िमा पिरचय,लोक सुन ू (किवता संह), अार- इजोत (कथा संह), पिहल लोक (उपास), आइ भोट (नाटक)कािशत। िहीमे िमिथला ंचल की लोक कथाएँ, मिणपक का-बिनजाराक मैिथलीसँ िही अवाद आ' श तैयार है (किवता संह)।बीच बाट पर खसल लाल गमछाहमरा सं पिह गेनहार लोक देिख , बढ़ि◌ गेल हएतसड़क पर आगा ं। राजधानी जेना ितिदन बढ़ि◌ जाइत अिछअपनिह िपछड़ल देश सभकें छोड़ि◌ क'गित जका ं अम ूर् आगा ं।हम देखिलयैक िचवाक कयिलयैक यको द ुघ र्टनाक िशकार ना जका ं ब ुझायल -हवा मे छटपटाइत-उिधयाइत-ध ूल ध ूसिरत भेल।एक क्षण िक क' उठा लेवाक चाही एकरा, हमरा।मुदा पीठ पर , बामा दिहना पा ंतीक पा ंती गाड़◌ीकसंहार लापी चीार करैत पिथयाक पिथया20


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्सड़कक भड़ भड़ हा पाछा ं सं ठोकर जे मािर दैत।सेकेक दशा ंशो कवाक िवचार कयलौ ं िकय ं भ' जायब, बीच सड़क पर ओिहना थकुचा-थकुचा।उठा िलयैक ओकरा कोरा, मन मे आयलए-एना कोना पड़ल रिह जाय िदयैक असहाय-अनाथ!असंभव बनल जा रहल, राजधानीक खंखार ु सड़क पर।ममता आ िचा आब ?आब ओ गाड़◌ी सभक गुड़कैत पिहया सभ सं आ ंदोिलत हवाकदबाब मे द ुघ र्टना सं चोटायल बीच बाट पर ओंघड़◌ाएलछटपटा रहल अिछ। मोड़◌ाइत-थकुचाइत-उिधयाइत पिरिध मेअसकर िबरड़◌ो जका ं घ ुरमैत।िविच आयल अनचोखे एकटा िवचारओ हमरा सोिवयत स ब ुझाय लागल।आब हमरा से देखाइत रहल ....मुदा से कोना संभव अिछ ?तखन की , िथक ई ढहल ओकर महान जा ?भू-लुंिठत लाल ई ? की ?सोझा ं मे भूिम पर होइत लतख ुद िन र् !सभक लेखे ं धिन सन ,बेशी स लोकिन कें एतवो िफिकर-जे पैर निह पड़वाक चाही कथमिप जा पर ।एतवो निह ान !बहुत आगा ं धिर जा क' भ' पओलहु ं कनीक धीमा, फेर ठाढ़,घ ुमैत पाछा,-चेा, ं फेर चेा मुदा, जाः आब तं ओको गाड़◌ीक पिहया संगे लेपटाइत-लेढ़◌ाइतकतहु आगा ं चिल गेल। आब ?सोचैत छी, म मन म ूड़◌ी झंटैत छी,21


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्छातीफाड़ पछताइत छी-नािभ लग संनाक-ा ंस नली धिर औंनाइत छी,अपन कोन हाथ ?उठा क' माथ सं लगाब' चौहत छी ,िदीक एिह सड़क पर गामक मुरेठा जका ंबा'चाहैत छी ओकरा,सड़क पर खसल ई लावािरस लाल गमछा ।मके पर शोभैत छैक लाल र ंग,जेक प मे रहैत छैक ओकर मान-मया र्दा ।भ से को हाड़तोड़ म संूटीक झमारल बस पर ओंघाइत जाइत मजूरक का पर संउिधया क'खिस पड़ल हो, चिल गेल होइ िखड़की सं बाहर,बाट मे,लेढ़◌ा रहल ललका गमछा-सड़क पर धा ंगल जाइत राक्षस ट्◌्रैिफक सं।आा, झकझोिर एना िकयेक क' गेल , उि हमरा -माथ पर बाि लेबा लेए मुरेठासड़क पर भू-लुंिठत ई रधिर ू वण र् गमछा !ोितकेँ <strong>www</strong>poet . r y. <strong>co</strong>mसँ संपादकक च◌ॉयस अवाडर् (अंजी पक हेतु) भेटल छि। हुनकर अंजी प िकछु िदन धिर<strong>www</strong>poet . r ysoup. <strong>co</strong>m केर मु प ृ पर सेहो रहल अिछ। ोित िमिथला िचकलामे सेहो पार ंगत छिथ आऽ िहनकर िचकलाक दश र्नी ईिलंग आट र् ुप केरअंतत ईिलंग ◌ॊडवे, लंडनमे दिश र्त कएल गेल अिछ।ोित झा चौधरी, ज ितिथ -३० िदसर <strong>१</strong>९७८; ज ान -बेवार, मध ुबनी ; िशक्षा- ामी िववेकान िम िडल ूल◌़ िटो साकची गर् हाई ूल◌़, िमसेज के एम पी एमइटर कालेज़, इिरा गाी ओपन यिनविस ू र्टी, आइ सी डबू ए आइ (क◌ॉ एकाउेी); िनवास ान- लन, य.के.; ू िपता- ी शुभंकर झा, ज़मशेदपुर; माता- ीमतीसुधा झा, िशवीपी। ''मैिथली िलखबाक अास हम अपन दादी नानी भाई बिहन सभकेँ प िलखबामे कए छी। बेसँ मैिथलीसँ लगाव रहल अिछ। -ोितबरखा तू आब किहया जेबै ं22


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्1बरखा तू आब किहया जेबैअक भेलौ सब तोरा स◌ॅ◌ंब ुझिलयौ तू छै बड जरीलेिकन अतीव सव र् विजर्त छैआर कतेक तंग तू करबै ंबरखा तू आब किहया जेबै ं२बे ंग सब फुदिक फुदिक कऽघिस ु रहल घर - ऑ◌ंगन मेंओकरा िखहारैत स◌ॉ◌ंपो आयततरह - तरह के िबमारीक जड़ि◌मड़ सभके ख ुशहाल केलै ंबरखा तू आब किहया जेबै ं३कतौ बाढ़ि◌ स◌ॅ◌ं घर दहाइत अिछकतौ गाछ उखड़ि◌ खिस पड़लकतेक खतरा तोरा संग आयलआन-जान द ुल र्भ तोरा कारणआढ़ि◌ सभ कादो सऽ भरलै ंबरखा तू आब किहया जेबै ं४टूटल फूटल खपरी सऽ छाड़लगरीबक कुिटया कोनाक सहततोहर िनरर प ्◌्रावाहक मािरपशु-पक्षी सेहो आयहीन भेलनञहर के तू सासुर ब ुझलै ं23


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्बरखा तू आब किहया जेबै ं५तोहर जाइत देरी शीतलहरीअन प ्◌्राकोप देखाबऽचाहतमुदा पिह आयत शरद ऋतुकिनके िदनक आनी लऽ कऽपिनसोखा देखेनाई नञ िबसिरहैंबरखा तू आब किहया जेबै ं।*****1. श ैले मोहन झा 2. गजे ठाकुर1. श ैले मोहन झासौभासँ हम ओिह गोन ू झाक गाम, भरवारासँ छी, िजनका सूण र् भारत, हािशरोमिणक नामसँ जत अिछ। वतर्मानमे हम टाटा मोटस र् फाइ िलिमटेड, सलपुरमेबकक पमे काय र्रत छी।चलला मुरारी छौरी फ़◌ँसबय !एक िदनक ग अिछ, हमर िमगण हमरा कहय लगला -श ैले, अा ं के को गल र् फ़◌्रैड निहं?हम कहिलयिन - दोस, ई भारत अिछ, इलैड निहं!अखन गल र् फ़◌्रैड क जरत निहं,अखन त पढय - िलखय के िदन अिछ, म करय के मुहुरत निहं!!सब िम कहय लगला, हम अनाडी छी24


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्जौ ं को छौरी फ़◌ंसाबी, तह हम िखलाडी छीई सब हमरा सहल निहं गेल,िबना ई द ुम र् कय रहल निहं गेलफ़◌ेर की छ्ल? हम ताकय लगलहु ं एकटा फ़◌्रैड,फ़◌्रैड निहं, गल र् फ़◌्रैड......मुदा एकटा मुिश्कल छ्ल -हमरा छौरी सब स लगैत छ्ल ब डरजौ ं हुनक सैडल गेल पिड, त इत जायत उतिरतैयो हमरा मािणत करय के छ्ल, कहुना कय एकटा छौडी पटबय के छ्लत कुिद पडलौ ं मैदान में, या ई कहु शान में,िकयािक, िपटला के बाद ओिह जायब, फ़◌ीिर क मुंह निहं देखायबबलहु ं माथ पर कफन, कय सब डर के करेज में दफनिनकिल पडलहु ं हम बाट में, एक छौरी के ताक मेंसब सं पिह ाथ र्ना कयलहु ं -हे िकशन कैया! आ ंहा ं त अिह कम र् में िखलाडी छीहमरो िखलाडी बना िदअ,हमरा सोलह हजार गोपी निहं, केवल एकटा छौडी फ़◌ंसवा िदअआ ंहाके ब गुणगान करब,फ़◌ंिसते छौरी, सवा पैया के साद चढायबहम सोचलहु ं, शायद आिख ं मारला सं छौरी पटै छैक!हमरा िक ब ुझल छल, आिख ं मारला सं छौरी पीटै छैकभािग कय घर अयलहु ं, आर पिहल सत खेलहु ंफ़◌ेर किहयो आिख ं निहं मारब.25


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्फ़◌ेर सोचलहु ं - पिह बितयायब, फ़◌ेर घ ुमायब तहन फ़◌ंसायबहं, ई ठीक रहत!देखलहु ं एकटा छौरी, त आिख ं हमर फ़रकल....फ़◌ेर की छ्ल? हम कहलौ ं-पोखिर सन आिख ं तोहर, केश जेना मेघ,फ़◌ूल सन ठोढ तोहर, किहयो असगर में त भेट!कहलहु ं हम एतबे की भय गेली ओ लाल,ओ मारलीह एहन थड, भेल गाल हमर लालकनबोज सु भेल हमर, आिख ं भेल अारस ूझय लागल तरेगन, भेल द ुपहिरया में अारसरध ुआ, करमघु, बपटुगरा आर अभागलदेखू कपार हर, ई िवशेषण हाथ लागलएतबे निहं........ओ करय लगलीह हा, जूटय लागल मोहाहम कहलौ ं - ई कोन काज केलहु ं? िकयक गाम के बजेलहु ंनिहं पिटतौ ं हमरा सं, ई आफ़त िकयक बजेलहु ंफ़◌ेर की छल?िपटय लगलहु ं हम आर पीटय लगला गौ ंआ ंमुंह कान तोिड देलक, अधम कय क छोरलकई कोन काल घेरलक, मरय में निहं छल भा ंगठ,हम भािग घर एलहु ं, द ुबारा सत खेलहु ं -फ़◌ेर आिख ं निहं मारब, गीत हम गायब,26


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्फ़◌ेर छौरी निहं फ़◌ंसायब, जान हम गमायब,आर भूिल कय अंजी, हम मैिथल बिन जायब!आर भूिल कय अंजी, हम मैिथल बिन जायब!!2. गजे ठाकुरपुनः ृितिबतल बख र् िबतल युग,िबतल सहाि आब,मोन पाड़ि◌ थाकल की,होयत ृितक शाप।वैह पुनः पुनः घिटत,हािर हमर िवजय ओकर,निह लेलहु ँ पाठ को,ृितसँ पुनः पुनः।सभक योग यावत निह,होएत गए सिलन,हािर हमर िवजए ओकर,होएत कखनहु निह ब।27


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्7.संृत िशक्षा च मैिथली िशक्षा च(मैिथली भाषा जगननी सीतायाः भाषा आसीत् - हमः उवान- माषीिमह संृताम ्)(आगा ँ)-गजे ठाकुरवयम ् इदानीम ् एकं सुभािषतं ुमःअममक्षर ं नािनाि म ूलमषधम ्।अयोः पुषो नाियोजक द ुल र्भः।वय ं इदानीम ् एकं सुभािषतं ुतवः। त अथ र्ः एवम ् अि।वण र्मालाया ं बहूिण अक्षरािण सि। ताद ृशम ् एकम ् अिप अक्षर ं नाि म ंाय उपयोगः न भवित इित। एवमेव पंचे बहुम ूलािन सि। ताद ृशम ् एकमिप म ूलं नाि औषधाययों न इित। एवमेव पंचे बहुजनाः सि- ते सवे र् अयोाः न। यिद कन ् योजकः िमलित तिहर् ते सवे र् योाः भिवतुम अहर्ि।कथाप ूव ं र् किलंगदेश ं अशोकमहाराजः पालयित । एकदा सह मिणा ं सह िवहाराथं र् बिहतवान ् आसीत्। त मागे र् कािचत् बौ िभक्षुः सह द ृवान ्। सः िभः समीपंगतवान ्। भया त पादारिवयोः िशरः ापिया नमार ं कृतवान ्। िभक्षुः आशीरवादं कृतवान ्। परु एतत् सव र्मिप त म ंी आये र्ण पन ् आसीत्। एतद ् तैन अरोचत्। सः महाराजं प ृवान ्- भोः महाराज। भवान ् एत राज चवतीर् अि। भवान ् िकमथ र्म ् त पादारिवयोः िशरः ािपतवान ्। इित। तदामहाराजः िकमिप न उवान ्। मौनं हिसतवान ्। काचन ् िदनािन अतीतािन एकदा अशोकः मिणं ं उवान ्। भोः मिण। ं भवान ् इदानीम ् एव गा एक अज एका एक म िशरः आनयतु। तदा म ंी अरं गतवान ्। एक ा िशरः आनीतवान ्। मा ंापणं गतवान। त एक अज िशरः आनीतवान ्। तथा एवसानं गतवान ्। त एकः मः म ृतः आसीत्। त िशरः अिप आनीतवान ्- महाराजाय दवान ्। महाराजः उवान ्। भोः एतत् सव र्म ् अिप भवान ् नीा िवीयआगतु। म ंी िवपणीम ् गतवान ्। त कन ् मा ंसभक्षकः अज िशरः ीतवान ्। अः कन ् अलंकारियः ा िशरः ीतवान ्। परु म िशरः कोिप नीतवान ्। अनर ं म ंी िनराशया महाराज समीपम ् आग िनवेिदतवान ्। महाराजः उवान ्- भवतु भवान ् एतद ् िशरः दानपेण ददातु। इित। पुनः म ंी िवपणीम ्गतवान ्। त सवा र्ण उवान ्- भोः एतद ् िशरः दानपेण ददािम। ीकुव र्ु- ीकुव र्ु। परु कोिप न ीकृतवान ्। म ंी आग-महाराजं सव ं र् िनवेिदतवान ्। महाराजःउवान ्- इदानीं ज्ञातवान ् खलु। यावत् जीवामः तावदेव म शरीर महं भवित। जीवाभावे मशरीर ं थं र् भवित। तदा िशरसः अिप महं न भवित। अतःजीिवतकालेएव वय ं यिद सनाना ं ाना ं पादारिबयोः िशरः संा आशीवा र्दं ीकुम र्ः तिहर् जीवनं साथ र्कं भवित। एतत् ुा म ंी समािहतः अभवत्।कथायाः अथं र् ज्ञातवः खलु।साषणम ्रां जिस अिधकारः- इित ितलकः उवान ्।28


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्रा जिस अिधकार अिछ- ई ितलक कहलि।एतदैव वां वय ं पिरवतर्नं कृा वुं शुमः।माता उवती यत् एकातया पठतु।माता कहलि जे एकातासँ पढ़◌ू।िशक्षकः उवान ् यत् ार ं िपदधातु।िशक्षक कहलि जे ार सटा िदअ।अहं वदािम यत् संृतं पठतु।हम बजैत छी जे संृत पढ़◌ू।सेवकं वदित यत् ीपं ालयतु।सेवक कहैत छिथ जे दीप जड़◌ाऊ।इदानीम ् एकम ् अासं कुम र्ः।वैम ् उवान ् यत् फलं खादतु।वै कहलि जे फल खाऊ।वैम ् उवान ् यत् सं वद धम ं र् चर।वै कहलि जे स बाजू धम र् पर चल ू।बालकः शाला ं गित।बालाक पाठशाला जाइत छिथ।अहमिप शाला ं गािम।हम सेहो पाठशाला जाइत छी।29


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्अहं चाय ं िपबािम। अहमिप चाय ं िपबािम।हम चाह िपबैत छी। हम सेहो चाह िपबैत छी।रोगी िचिकालय ं गित। अहमिप िचिकालय ं गािम।रोगी िचिकालय जाइत छिथ। हम सेहो िचिकालय जाइत छी।मम नाम गजेः। अहं िशक्षकः/ युवकः/ देशभः अि।अहं बिमान ु ्/ ीडापटु/ अि।हमर नाम गजे छी। हम िशक्षक/ युवक/ देशभ छी।हम बिमान/ ु ीडापटु/ छी।कृफलके कितचन ् शाः सि।अहं वैः/ कृषकः/ चालकः/ गाियका/ वैज्ञािनकः/ धिनकः/ अापकः/ अि।हम वै/ कृषक/ चालक/ गाियका/ वैज्ञािनक/ धिनक/ अापक छी।भवान ् िशक्षकः अि। अहं िशक्षकः अि।अहा ँ िशक्षक छी। हम िशक्षक छी।अहं नायकः अि। वय ं नायकाः ः।हम नायक छी। हम सभ नायक छी।अहं देशभः अि। वय ं देशभाः ः।हम देशभ छी। हम सभ देशभ छी।अहं भारतीयः अि। वय ं भारतीयाः ः।हम भारतीय छी। हम सभ भारतीय छी।अहं गायकः अि। वय ं गायकाः ः।हम गायक छी। हम सभ गायक छी।30


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्अहं वैः अि। वयं वैाः ः।हम वै छी। हम सभा वै छी।वाता र्-हिरओम ्।-हिरः ओम ्। ीधरः खलु।-आम ्।-अहं लिलतकुमारः वदािम।-अहो लिलतकुमारः। कुतः वदित।-अहं भोपालतः वदािम। भवान ् इदानीं कु अि।-अहं बेल ूर नगरैव अि।-बेङ्ल ूरनगरे कु अि।-िगिरनगरैव अि।-तमा गृहैव अि।-गृहतः ितवान ्। मागे र् अि।-एव ं भवः सवे र् कथं सि।-वय ं सवे र् कुशिलनः। भवः।-वय ं सवे र् कुशिलनः ः।-एव ं कः िवशेषः।-िवशेषः कोिप नाि। कुशल वाता ं र् ज्ञातमेव द ूरभाष ं कृतवान ्। एव ं धवादः।-नमोनमः।चाकलेहः। चाकलेहम ् इि।चाकलेट। चाकलेट लेबाक इा अिछ।आम ्। इामः।हँ। इा अिछ।अ का इित। यिद चाकलेहम ् इित तिहर् अ आगतु।31


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्एतए की इा अिछ। जौ ँ च◌ॉकलेट लेबाक इा अिछ तखन एतए आऊ।यिद अहं त आगािम भवान ् ददाित वा।जौ ँ हम ओतए अबैत छी अहा ँ देब की।आम ्। अवं ददािम।हँ। अव देब।धवादः।धवाद।ागतम ्।ागत अिछ।फलम ् इि।फलक इा अिछ?आम ्। इामः।हँ। इा अिछ।कः फलम ् इित।के फलक इा करैत अिछ।अहम ् इािम।हम इा करैत छी।यिद फलम ् इित तिहर् अ आगतु।जौ ँ फलक इा अिछ तखन एतए आऊ।32


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्यिद अहम ् अैव भवािम तिहर् तत् फलं न ददाित वा।जौ ँ हम एतिह रहैत छी तखन अहा ँ फल निह देब की?न ददािम। यिद फलम ् आवकम ् अ आगतु।निह देब। जौ ँ फल आवक अिछ तखन एतए आऊ।आगािम।अबैत छी।ीकरोतु।ीकार क।धवादम ्।धवाद।ागतम ्।ागत अिछ।िपपासा अि वा।िपयास लागल अिछ की?न िपपासा नाि।निह। िपयास निह लागल अिछ।अि।लागल अिछ।क िपपासा अि।िकनका िपयास लागल छि।33


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्यिद िपपासा अि तिहर् जलं िपबतु।जौ ँ िपयास लागल अिछ तखन जल पीब ू।आगतु। ीकरोतु।आऊ। पीब ू।धवादः।धवाद।यिद ाः आगित तिहर् भवान ् िकं करोित।जौ ँ बाघ आएत तँ अहा ँ की करब।यिद ाः आगित तिहर् अहं ां ताडयािम।जौ ँ बाघ आएत तँ हम ओकरा मारब।यिद ाः आगित तिहर् अहं तैव उपिवशािम।जौ ँ बाघ आएत तँ हम ओतिह बैसल रहब।यिद ाः आगित तिहर् अहं धावािम।जौ ँ बाघ आएत तँ हम भागब।यिद ाः आगित तिहर् अहं शवासनं करोिम।जौ ँ बाघ आएत तँ हम शवासन करब।भवान ् िकम करोित? भवती िकम ् करोित?अहा ँ की करब? अहा ँ की करब?यिद अहं िवदेश ं गािम तिहर् अहं त जनाना ं संृतं पाठयािम।34


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्जौ ँ हम िवदेश जाएब तखन हम लोक सभकेँ संृत पढ़◌ाएब।यिद माता तजर्यित तिहर् अहं िपतरम ् आयािम।जौ ँ माता मारैत छिथ तखन हम िपताक शरणमे जाइत छी।भवः तिहर् योजयि।यिद धनम ् अि तिहर् ददातु।जौ ँ धन अिछ तखन िदअ।यिद विः ृ भवित तिहर् शािन आरोपयतु।जौ ँ बरखा होए तखन फिसल रोप ू।यिद परीक्षा आगित तिहर् सक पठित।जखन परीक्षा अबैत अिछ तखन नीक जेका ँ पढ़◌ैत अिछ।यिद जलम ् अि तिहर् ानं करोित।जखन जल रहैत अिछ तखन ान करैत छिथ।यिद वासं करोिम तिहर् ज्ञानं सादयािम।जौ ँ वास करब तखन ज्ञानक सादन कए सकब।यिद शािम ् इािम तिहर् भगवदगीता ं पठािम।जखन शािक इा होइत अिछ भगवदगीता पढ़◌ैत छी।यिद ज्ञानम ् इित तिहर् वेदं पठतु।जौ ँ ज्ञानक इा अिछ तखन वेद पढ़◌ू।यिद देशसेवा ं करोित तिहर् संतोषः भवित।35


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्जखन देशसेवा करैत छी तखन संतोष भेटैत अिछ।यिद उमा लेखनी अि तिहर् मम कृते ददातु।जौ ँ उम कलम अिछ हमरा लेल िदअ।यिद संृतं पठित तिहर् आनः भवित।जखन संृर पढ़◌ैत छी तखखन आन पबैत छी।(अवतर्ते)८. िमिथला कला (आगा ं) ीमित ली ठाकुर, उ 60 वष, र् ाम- हैँठी-बाली, िजला मध ुबनी।िविभ तरहक भार सभक िच नीचा ँमे देल गेल अिछ।36


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्अवतर्ते)९. पाबिन संार तीथ र्ड◌ॉ फु कुमार िसंह ‘मौन’ (1938- )- ाम+पो- हसनपुर, िजला-समीपुर। पाल आऽ भारतमे ाापन। मैिथलीमे<strong>१</strong>.पालक मैिथली सािहक इितहास(िवराटनगर,<strong>१</strong>९७२ई.), २.ाम(िरपोता र्ज दरभंगा <strong>१</strong>९७२ ई.), ३.’मैिथली’ ैमािसकक सादन (िवराटनगर,पाल <strong>१</strong>९७०-७३ई.), ४.मैिथलीकनागीत (पटना, <strong>१</strong>९८८ ई.), ५.पालक आधिनक ु मैिथली सािह (पटना, <strong>१</strong>९९८ ई.), ६. मच चयिनत कथा, भाग- <strong>१</strong> आऽ २ (अवाद), ७. वाीिकक देशमे (महनार,२००५ ई.)। मौन जीकेँ सािह अकादमी अवाद पुरार, २००४ ई., िमिथला िवभूित सान, दरभंगा, रे सान, िवराटनगर, पाल, मैिथली इितहास सान, वीरगंज,पाल, लोक-संृित सान, जनकपुरधाम,पाल, सलहेस िशखर सान, िसरहा पाल, प ूवो र्र मैिथल सान, गौहाटी, सरहपाद िशखर सान, रानी, बेग ूसराय आऽ चेतनासिमित, पटनाक सान भेटल छि। वतर्मानमे मौनजी अपन गाममे सािह शोध आऽ रचनामे लीन छिथ।पंचदेवोपासक भूिम िमिथला-ड◌ॉ फु कुमार िसंह ’मौन’िहमालयक पाददेशमे गंगासँ उर, कोशीसँ पिम एव ं गकसँ प ूव र्क भूभाग सा ंृितक िमिथला ंचलक नामे ात अिछ। िमिथला ंचलक ई सीमा लोकमा, शास्सम्म्त ओऽपरिरत अिछ। सथाणक अंतःसाक असारे आय र्लोकिनक एक प ूवािभमुखी र् शाखा िवदेह माथवक मे सदानीरा (गक) पार कऽ एिह भूिमक अि संार कऽबिसवास कएलिन, जे िवदेहक नामे ितित भेल। कालारमे एकर िवार सुिवदेह, प ूव र् िवदेह, ओऽ अपर िवदेहक पेँ अिभज्ञात अिछ। िवदेहक ओऽ ाथिमक लकपमे पिम चारणक लौिरयाननगढ़क पिहचान सुिनित भेल अिछ। आज ुक लौिरयाननगढ़ ाचीन आय र् राजा लोकिन एव ं बौलोकिनक ूपाकार समािधल सभक संगमबनल अिछ। कालमे अिह इक्षवाकु आय र्व ंशक िनिम पु िमिथ िमिथलापुक ापना कयलिन। ाचीन बौसािहमे िवदेहकेँ राष् (देश) ओऽ िमिथलाकेँ राजधानीनगर कहलगेल अिछ। अथा र्त् िमिथला िवदेहक राजधानी छल। मुदा ओिह भ िमिथलापुरीक अिभज्ञान एखन धिर सुिनित निह भेल अिछ। तथािप ाचीन िवदेहक सूण र् जनपदकेँआइ िमिथला ंचल कहल जाइछ।ओऽ िमिथला ंचलक भूिम महान अिछ, जकर माथेपर तपी िहमालयक सतत वरदह हो, पाददेशमे पुतोया गंगा, पार्वािहनी अम ृत कलश धािरणी गंडक ओऽ कलकलिननािदनी कौिशकीक धारसँ क्षािलत हो। एिह नदी माक जनपदकेँ प ूव र् मकालीन ऐितहािसक पिरवेशमे तीरभुि अथा र्त् ितरहुत कहल गेल, जकर सािितक ं म ूलमे धम र्ओऽ दश र्नक गा ंभीय, र् कलासभक रागाक उष, र् ज्ञान-िवज्ञानक गिरमा ओऽ भाषा-सािहक सम ृ परराक अंतः सिलला अंत र्वािहत अिछ। एिह सभक साक्षात् िमिथलाकश ैव-शा, वैव, गाणप, सौर (स ूय ) र् ओऽ बौ-जैनक आा के एव ं ऋिष-मुिनक साधना पररामे उपल अिछ। कारारसँ ओिह ल सभकेँ सा ंृितक चेतनाकऐितहािसक लक संज्ञा देल जाऽ सकैछ, जकर आइ-काि पय र्टनक दिसँ ृ मह बढ़ि◌ गेल अिछ।िमिथलाक िसि ओकर पाि पररा, दाश र् िनक-याियक िचन, सािह-संगीतक रागाक पिरवेश, लोकिचक बहुआयामी िवार, धािम र्क आाक ल, ऐितहािसक धरोहरआिदक कार िवशेष अशीलनीय अिछ। जनक-याज्ञवल्, किपल, गौतम, कणाद, म ंडन, उदयन, वाचित, कुमािरल आिद सदृष िवभूित, गागीर्, मैयी, भारती, लिखमा आिदसन आदश र् नारी चिरत, ोितरीर, िवापित, िवनयी, चा झा, लाल दास आिद सन आलोकवाही साधक लोकिनक सादे एिह ठामक जीवन-जगतमे आािक सुखाभूितओऽ सारत चेतनािदक मिणका ंचन संयोग देखना जाइछ। िमिथला आा िवाक के मानल जाइछ।37


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्आज ुक िमिथला ंचलक संृित उर िबहारमे अवित वाीिकनगर (भै ँसालोटन, पिम चारण) सँ म ंदार (बा ँका, भागलपुर) धिर, चतरा-वाराह (कोशी-अंचल, पाल) सँजनकपुर-धषा (पाल) धिर ओऽ कटरा (चामुा, मुजफ्फरपुर), वनगा ँव-मिहषी, जयम ंगला (बेग ूसराय), वारी-बसुदेवा (समीपुर), किपलेर-कुशेर-ितलकेर (दरभंगा),अिहयारी-अकौर-कोथ(मध ुर् ुबनी), आमी(अिकाान, सारण), हिरहर (सोनपुर, सारण) वैशाली आिद धिर स ूब अिछ। एिह सभ धािम र्क तीथ र्ल सभक पिरवेक्षणसँ मािणतहोइछ जे िमिथला ंचल पंचदेवोपासक अिछ। कालारमे एिहसँ बौ ओऽ जैन ल सभ सेहो अंतमुर् भऽ आलो भूभागकेँ गौवाित र् कयलिन।पंचदेवोपासक क अथ र् भेल- गश, िवु, स ूय , र् िशव ओऽ भगवतीक । एिहमे स ूय र् सव र्ाचीन देव छिथ एव ं िशव सव र्ाचीन ऐितहािसक देवता छिथ। िवा ंतकगशक प ूजन ाथिमक पेँ कयल जाइछ एव ं माप ूजनक संदभर्मे भगवती अपन तीन ू पमे लोकपिजत ू छिथ अथा र्त् द ुगा, र् काली, महाली एव ं सरती। भगवती शिकआिद ोत छिथ, जिनकामे सि, ृ पोषण ओऽ संहार (लय) तीन ू शि िनिहत अिछ। मुदा लोकक लेल ओऽ काणकािरणी छिथ। धनदेवी लीक पिरकना वैव धम र्कउष र् कालमे भेल छल एव ं ओऽ िवुक सेिवका (अनंतशायी िवु), िवुक शि (ली नारायण) एव ं देवािभिष (गजली) भगवतीक पमे अपन पक िवारकयलिन। ओना तँ ली ओऽ सरतीकेँ िवुक पर्देवीक पमे पिरकना सव र्ापक अिछ। ली ओऽ गशक प ूजन सुख-समिक ृ लेल कयल जाइछ। ाचीन राजकीयापक सोहावटीमे ायः गश अथवा लीक मितर् ू उीण र् अिछ।पंचदेवोपासना वुतः धािम र्क सावक तीक अिछ। िमिथला ंचलमे एिह पा ँचो देवी-देवताक तं िवह सेहो ा होइछ। भारतीय देवभावनाक िवारक म ूलमेभगवती छिथ, जे कतहु समाकाक पमे पिजत ू छिथ तँ कतहु दशमहािवाक पमे। समाका वुतः सात देवता सभक शि छिथ- ाणी (ा), वैवी (िवु),माहेरी (महेश), इाणी (इ), कौमारी (कुमार काितर्केय), वाराही (िवु-वाराह) ओऽ चामुा (िशव)। एिह समाकाक अवधारणा दानव-संहारक लेल संयु शिक पमेकयल गेल छल, जे आइ धिर िप पेँ लोकपिजत ू छिथ। मुदा एक फलक पर समाकाक िशा ंकनक आर कुषाणकालमे भऽ गेल छल। चामुाकेँ छोड़ि◌ सभटादेवी िभुजी छिथ। सभक एक हाथमे अम्तकलश एव ं दोसर अभयमुामे उीण र् अिछ। िमिथला ंचलक लोकजीवनमे जनपदीय अवधारणाक असार स माकाक नामावलीिभ अिछ। मुदा िबिढ्क्षया माइ (ेा, आिदमाता, मा) सभमे समान पेँ ितित छिथ। य समाकाक ऐितहािसक र िशा ंकन एिह भूभागसँ अा अिछ,मुदा दशमहािवाक ऐितहािसक मितर् ू सभ भीठभगवानपुर (मध ुबनी) एव ं गढ़-बआरी (सहरसा)मे उपल अिछ।<strong>१</strong>०. संगीत िशक्षा-गजे ठाकुररामाय झा “रामरग” (<strong>१</strong>९२८- ) िवान, वागयकार, िशक्षक आऽ म ंच सादक छिथ।रामरगजीसँ गप शप। (६ ज ुलाई २००८)गजे ठाकुर: गोर लगैत छी। ा केहन अिछ।रामर ंग: ८० बरख पार केलहु ँ। संगीतमे बहटरल रहैत छी।गजे ठाकुर: संगीतक तँ अपन फराक भाषा होइत छैक। मैिथली संगीत िवापित आऽ लोचन सँ शु भए अहा ँ धिर अबैत अिछ। मैिथलीमे अहा ँ िलखनिहओ छी।रामर ंग: अपन िमिथलासँ सित हम तीन रागक रचना केलहु ँ अिछ, जकर नाम ऐ कारसँ अिच्ह।<strong>१</strong>.राग तीरभुि, राग िवापित काण तथा राग वैदेही भैरव। ऐ तीन ू रागमेसँ तीरभुि आर िवापित काणमे मैिथली भाषामे खयाल बनल अिछ। हमरसंगीत रामायणक बालकामे रागभूपाली आर िबलावलमे सेहो मैिथली भाषामे खयाल छैक। आर सीत रामायणक प ृ ३ पर िबलावलमे ी गशजीक वनातथा प ृ २० पर राग भूपालीमे ी श ंकरजीक वना अिछ। प ृ ८७ पर राग तीरभुिमे िमिथला देशक वना अिछ आर प ृ <strong>१</strong>२० पर राग वैदेहीभैरवक (िहीमे) रचना अिछ। “अिभनव गीतालीक पंचम भागमे २६५ आर २६६ प ृ पर िवापित काण रागमे िवलित एव ं ुत खयाल मैिथली भाषामेअिछ। िमिथला आऽ मैिथलीमे हम उपरो सामी बनओ छी।गजे ठाकुर: मुदा प ूण र् रागशास् िवापित काणक, तीरभुिक वा वैदेही भैरवक निञ अिछ। मैिथलीमे आरो रचना अहा...ँरामर ंग: बहुत रचना मोन अिछ, मुदा के सीखत आऽ के लीखत। हाथ थरथराइत अिछ आब हमर।गजे ठाकुर: कमसँ कम ओिह तीन ू रागक रचना शास् िलिख दैितयैक तँ हम पुकाकार छािप सिकतहु ँ।रामर ंग: जे रचना सभ हम दे छी ओकरा छािप िदऔक। हाथ थरथराइत अिछ , तैयो हम तीन ूक िवस्ुत िववरण पठायब, िलखैत छी।गजे ठाकुर: णाम।रामर ंग: िनकेना रहू।38


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्“हे लोहार भाञ,िदअ हा ँस , ू काटब घास, ख ुआयब गाय, पािब द ूध,िपआयब िसंहकेँ , ओऽ मारत हिरण,भेटत हिरणक िसंघ, तािहसँ कोरब मािट,मािटसँ कुार बनओताह चुा, भरब गाजल,धोब ठोर, आऽ खायब फुीक बा”।लोहार कहलि, “हमरा लग द ू टा हा ँस ू अिछ, एकटा कारी आऽ एकटा लाल। जे पिस परए लए िलअ”।कौआकेँ ललका हा ँस ू पिस पड़लैक। ओऽ हा ँस ू धीपल छल, जहा ँ कौआ ओकरा अपन लोलमे दबओलक, छरपटा कए मिर गेल।2.देवीजी िवाथीर् बनल मालीएकटा बा छलै जे छलै बड़◌ा ख ुरापाती।िवालय आबैत काल ओ राक सब फूल पात च आबै छलै।िवालयमे सेहो फूलक गाछ के इच कऽराइख दैत छल।अतब ्◌ै◌ा निह ओ आ बा सबके उकसाबै छल।ओकर संगी साथी सब सेहो संगतक प ्◌्राभावे बड उपवी भऽ गेल।तंग भऽ िवालय के मालीप ्◌्राधानापक लग अपन समा बाजल ''महोदय हम बा सबहक ख ुरापात सऽ बड तंग छी।हर िदन भिरक िमहनत ई सब क्षण भिर मे मिटयामेट कऽ दैत अिछ आहर बातक मोजर सेहो निह दैत अिछ।् ताही पर प ्◌्राधानाापक ओकरा आासन देलिखन ''हम एिह पर अव काय र्वाही करब।हम एहन बा सभके दंिडतकरब।्जखन देवीजी के अिह बातक खबिर लगलैन तऽ ओ यम ् माली स◌ॅ◌ं बात क बालक के पता केलीह फेर ओकरा सभके बजा कऽ पुछलिखन ''अह◌ॉ सभ एहेनकाज िकयैक करै छी। बेचारा माली रौद बसात मे काज करैत अिछ आ अह◌ॉ सभ उारे ओकर पिरणाम निह आबैत छै। अह◌ॉ◌ं सभके निह ईा होइत अिछिवालय के सुर बनाब के।् तािह पर िकयो बजलै ''हमरा सभके िततली पकड़नाई नीक लागैत अिछ आ िततली सभत फूले पर बैसैत छै।् आब देवीजीकेफसादक जड़ि◌ ज्ञात भेलैन।ओ प ्◌्राधानाचाय र् स◌ॅ◌ं आदेश पािब सभ बा सभके छुटी वला िदन िवालय बजेलिखन। माली सेहो आयल।देवीजी खेले खेलमे सभके बागवानी िसखेलिखन। सभके िमलकऽ काज केनाइ ततेक नीक लागल जे क्षण भिरमे सभ टूटल मरल गाछ सभ हटा नब फूलकगाछ लािग गेल। देवीजी सभके कहलिखन जे ज◌ॅ◌ं ई गाछ सबके िकयो तोड़त निह त किञये िदनमे अिह मे सुर सुर पु लागत जािह स◌ॅ◌ं आकिष र्त भऽिततली के जमौड़◌ा लागत।संगिह देवीजी िततली के पकड़ स◌ॅ मना केलिखन।ओकरा सुरता द ूर स देख के िशक्षा देलिखन।सभ बा आह्लािदत छल तै ं उात बकऽ देलक। प ्◌्राधानाचाय र् अिह पिरवतर्न स◌ॅ◌ं प ्◌्राभािवत भेला।40


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्िकछुए िदन बाद गाछमे फूल लाग लगलै।आ संगिह िततलीक आगमण सेहो बढ़ि◌ गेल। आब खाली समय िनकाइल कऽ देवीजी संग बा सभ ओिह द ृक आनलेब लागल।उपवी बा सभस◌ॅ◌ं सकाराक काज करबाबऽ लेल देवीजीके सभस◌ॅ◌ं प ्◌्राश ंसा भेटलैन।------------------------------बा लोकिन ारा रणीय ोक<strong>१</strong>.ातः काल मुहूर् (स ूयो र्दयक एक घ ंटा पिह) सव र्थम अपन द ुन ू हाथ देखबाक चाही, आ’ ई ोक बजबाक चाही।करा वसते लीः करमे सरती।करम ूले ितो ा भाते करदश र्नम ्॥करक आगा ँ ली बसैत छिथ, करक ममे सरती, करक म ूलमे ा ित छिथ। भोरमे तािह ारे करक दश र्न करबाक थीक।२.संा काल दीप लेसबाक काल-दीपम ूले ितो ा दीपमे जनाद र्नः।दीपा शरः ोक्ः साोितन र्मोऽुते॥दीपक म ूल भागमे ा, दीपक मभागमे जनाद र्न (िवु) आऽ दीपक अ भागमे शर ित छिथ। हे संाोित! अहा ँकेँ नमार।३.सुतबाक काल-राम ं ं हन ूमं वैनतेय ं व ृकोदरम ्।शय यः रेिं द ुः नित॥जे सभ िदन सुतबासँ पिह राम, कुमारामी, हन ूमान, ् गड़ आऽ भीमक रण करैत छिथ, हुनकर द ुः न भऽ जाइत छि।४. नहेबाक समय-गे च यमु चैव गोदाविर सरित।नम र्दे िसु कावेिर जलेऽिन ् सििध ं कु॥हे गंगा, यमुना, गोदावरी, सरती, नम र्दा, िसु आऽ कावेरी धार। एिह जलमे अपन साि िदअ।५.उर ं यमु िहमाेैव दिक्षणम ्।वष ं र् तत् भारतं नाम भारती य सितः॥समुक उरमे आऽ िहमालयक दिक्षणमे भारत अिछ आऽ ओतुका सित भारती कहबैत छिथ।६.अहा ौपदी सीता तारा मोदरी तथा।पकं ना रेिं महापातकनाशकम ्॥जे सभ िदन अहा, ौपदी, सीता, तारा आऽ मदोदरी, एिह पा ँच साी-स्ीक रण करैत छिथ, हुनकर सभ पाप न भऽ जाइत छि।७.अामा बिला र्सो हन ूमा ं िवभीषणः।कृपः परशुराम सैते िचरीिवनः॥अामा, बिल, ास, हन ूमान, ् िवभीषण, कृपाचाय र् आऽ परशुराम- ई सात टा िचरीवी कहबैत छिथ।८.साते भवतु सुीता देवी िशखर वािसनी41


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्उन तपसा लो यया पशुपितः पितः।िसिः साे सतामु सादा ध ूजर्टेःजावीफेनलेखेव यूिध शिशनः कला॥९. बालोऽहं जगदान न मे बाला सरती।अप ू र् पंचमे वषे र् वण र्यािम जगत्यम ् ॥<strong>१</strong>२. पी ब ंध-गजे ठाकुरपी ब ंधपंजी-संाहक- ी िवानंद झा पीकार (िस मोहनजी)ी िवान झा पञीकार (िस मोहनजी) ज-09.04.1957,पुआ, ततैल, ककरौड़(मध ुबनी), रशाढ़य(पिण ू र्या), िशवनगर (अरिरया) आ’ सम्ित पिण ू र्या। िपता ल धौतपीशास् मार् पीकार मोदान झा, िशवनगर, अरिरया, पिण ू र्या| िपतामह-. ी िभिखया झा | पीशास्क दस वष र् धिर 1970 ई.सँ 1979 ई. धिर अयन, 32 वष र्कवयससँ पी-ब ंधक संवर्न आ' संरक्षणमे संन। कृित- पी शाखा पुकक िला ंतरण आ' संवर्न- 800 प ृसँ अिधक अंकन सिहत। पी नगरिमक िलारण ओ'संवर्न- लगभग 600 प ृसँ ऊपर(ितरहुता िलिपसँ देवनागरी िलिपमे)। गु- पीकार मोदान झा। गुक गु- पीकार िभिखया झा, पीकार िनरस ू झा िसिवनाथ झा- सौराठ, पीकार ल ूटन झा, सौराठ। गुक शास्ाथ र् परीक्षा- दरभंगा महाराज कुमार जीवेर िसंहक यज्ञोपवीत संारक अवसर पर महाराजािधराज(दरभंगा)कामेर िसंह ारा आयोिजत परीक्षा-1937 ई. जािहमे मौिखक परीक्षाक मु परीक्षक म.म. ड◌ॉ. सर गंगानाथ झा छलाह।ितीय छिठव ृ िपतामह राधानाथ झाक सुर माड़िर विलयास म ूलक इपित झाक बालक धनपित झा होएताह से एिह कारे गणना – धनपित-=<strong>१</strong>, जमाय=राधानाथ= २, तिनक बालककं टीर=पीतार=४, शिशनाथ-का=६तीय छिठ(अवतर्ते)<strong>१</strong>३. संृत िमिथला –गजे ठाकुरयाज्ञवल्42


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्४.ममे पड़ल लोकममे पड़ल लोकक वण र्न मवैज्ञािनक दिकोणसँ ृ किव कए छिथ।५.हमर गामकिव ९ टा शकेँ <strong>१</strong>० टा पा ँतीमे िलख छिथ, दोसर पेँ कही तँ ’मोनमे” ई एकटा श अिछ मुदा किव मोन आऽ मे केँ द ू पाितमे ँ दए गामक द ृ उपित कए देछिथ।६. माधव हम पिरणाम िनरासािवापितक जोनापुर (िदी) आगमनक संग लए किव िवापितक किवताक शस्क बहे अपन पक शस् सक्षम पेँ चला रहल छिथ।शिहीन साक दिहीन-चारण ृटहंकारसँ उठबैत७.काहुक केओ निह करए पुछारेिवापितकेँ तुर ंत कयल जायदेशसँ बाहर...सदावले माभूिमक बदलामेकािमनीक ना ंगट देहक आनव अगािमनी राधाक को बाधा निह मानबाककरैत अिछ रसप ूण र् वण र्न८.बोधगया ९.पुनिन र्ासन <strong>१</strong><strong>१</strong>. वैशाली <strong>१</strong>२.िवर <strong>१</strong>३.सारनाथ ब ुक संग लए उठाओल गेल अिछ।<strong>१</strong>०.सैिनकोपाानमे सैिनकक मथा एिह पमे आयल अिछिबसफीयो वला पंिडतजी तँ महाराजे टा िलखलिन..45


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्द ुमािर = भयर शुिवमद र् = िवनगािहनी = िवचरण करएबालीसायक = वाणसुकर = सुरिपिसत = का ँच मौसपारणा = िरभसे = आनित करएबालीकृशा = अिचुम्मान = चुन करैत अिछपिरुित = न करैत अिछआड़ = लालभािग = वगोए = का कएसुधाए = अम ृतकुशेशय = शतप कमलअधबोली = असंप ूण र् वाखखन = क्ष-क्षणउिचक = चिकत भावेँआरित = पीड़◌ाअनािन = अज्ञानीद = झगड़◌ाहेरैत = देखैतमनिसज = कामदेवगौरव = गुताखीन = क्षीणअओके = दोसराकलहु = लघ ुपरगास = काश48


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्पुछिस = पुछैत छहपरस = श र्झ ुरए = ाकुल होइत अिछअुद = मेघधा = संदेहपुतिल = मितर्ूइु = चमामिह = प ृीमाझ = मिखन = क्षीणमध ु = पु रसउपेिख = उपेक्षा करकेतअर = तवरलेख = उेखपिरहिर = छोड़करतोिरए = तोहरपािछिल = पाछा ँकसिन = सद ृशअछिलहु ँ = हम छलहु ँछाजत = शोिभत होएतघोिसनी – ािलनबथ ु = वुअरतल = अररव = हारािह = राधातािपिन = ालाबय = वाणीधरिन = प ृीइिथ = एकर51


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्जोितअ = ोितषमुरछइ = म ूा र्आइित = अधीनतामहते = महावतसँनव = झ ुकैत अिछएहो = ईबटमारी = रामे लुटनाइतुलाएल = बढ़◌ाओलपसार = दोकानपढ़ओंक = बोहनीकुंगया ँ = गमार (कुगामक)आिज = लगा देबआग = अगोए = का कएइुमुखी = चमुखीतहु = तािह परसँपिरहिरहह = ािग देबसारी = सािरकासेचान = बाजभािम-भािम = मण कएिवरडा = िवडालसुरते = काम-ीड़◌ाकािहअ अवधािर = िवासप ूव र्क कहैत अिछअर नारी = नारीक दयरोखए = रोषगंजए = गंजनर ंजए = ससाह = ओऽतरासे = भए52


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्पष = किठनसोस = शुचेतन = समथ र्आिथ = अिछसारी = संगद ूषिल = द ुःखिनमाल = िनमा र्अंसुक = वस्वा ँलभु = वभनठल = नपरबोध = बोधपा ंगुर = पैरक आ ंगुरिखित = िक्षितगीभ = ीवाअसए = पातापअरब = हम सािर सकबिवरमा = िवराम-लएहो पय = इस पर भीजार = जलाकरनखत = नक्षज ुगुितिह = तकर्सँदोहाए = शपथर = अरागगअ = गुतरिपसुन = चुगलखोरअझओहल = ओझरायलकनकँ = ककर ऊपरबािर = बचा कएफुलधािल = फूल धारण कए53


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्कैतवे = छलसँअह = िदनसपजत = सपरजवथ ु = वुमोि = मोतीधिल = केशपाशधोएल = ािपत कएलअििर = अंगीकार करबपुिनमा ँ = पिण ू र्मािविभनावए = अलग कए सकैत अिछआनन = मुखितिमशिर = अंधकारक बैरीचालक = रकबम = उगिल रहलभीभ = भआवोनओल = अकवल = ाससप = सिनिसअर = िनशाचरभुअम = भुजमउजोर = काशझाप = डुबनाइमेंद ुर = घनमुिदर = मेघपाउस = पावसिनसा = िनशािनिबल = िनिवड़िनचोल = साड़◌ीजािमक = हरी54


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्थैरेज = ैय र्थोइआ = ापियारञिन = राििसरिह = शोभामेअिसलाइ = ान भऽ गेलाइवालँभू = ामीमुसए = चोिर करबाक लेलछैलिर = छिलयाकअरिथत = याचनासँजड़◌ाइअ = ठा किवरत रस = जकर ाद खतम भए गेलअचेतन = म ूख र्कके = िकएकलाघव = अनादरिचिट-गुड़◌े = गुड़-चीटीचुपड़िल = ाजलओले लोथे = बहा करलो उपराझाल = शुदरिन = दरािरअसेिख = अशेषअसहित = असहनशीलत = तभाझिह = मखीनी = क्षीणझपावह = ढ़कैत होएपिररि = आिलन कएफुजिल = खिज ु गेलघोषिस = घोषणानखर = नख55


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्पा ँच पा ँच गुन दस गुन चौगुन आठ द ुगुन = ५*५*<strong>१</strong>०*४*८*२=<strong>१</strong>६०००नखर = नखछा ँद = शोभािहया = दयसदय = सहायकाक = कृाकिनरसाओल = नीरस कएलसिखता = सािक्षत कएलकरवाल = तलवारका ँढ़ = िनकलैत अिछकार = कारीउजागिर = उरपिरपििह = ितपक्षीकेँपयगड = ौढ़मध ुमिखका = मध ुमिक्षकाउधारल = उार कएललागर = युपुरहर = िववाह अवसर पर मा ंगिलक कलशमािकनी = गाजलकेसु = िकं शुकिवथ ुरलहु = पसािर देलिभित = दीवािरपौञनाल = कमलनालरात = लालऐपन = अिरपनहथोदक = होदकिवध ु = राक ठकानकनए-केआ = चा+केरा = कनक+कदलीजैतुक = दहेज56


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्िडिठ = दिृतुलइिलहु ँ = शीतासँअब = लगओनाइबोल छड़ = िमावादीमि = मन कएिवथरओ = पसिर जायपाड़िर = गुलाब = पाटलीभोपित = हमरा लेलवाउिल = पगलीिवध ुुद = राहुसेरी = शरणाथीर्परतक = कोिकलमतेँ = मिक रहिस बोिर = की हामे बािज रहल छीबालिह तोिर = अहा ँक िमकाकेँभर बादर = मेघसँ भरलझि = रिह-रिह जोरसँसघ खर = ती आऽ घन खरडाहुिक = जोरसँथेघा = टेक कएपख = पक्षिपआ = ियतमपा = लेपतथ ुहु = ओिहमे सेहोदर = अप ूव र्अपद = िबना कारणकसाती = ती वेदनाअवथा = अवापसाइल = पसारल57


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्रासे = रोषबालभु = वभआएत = अधीनसप ू = सूण र्िदगर = द ूर देशमेअझाए = ओझरलआिधन = अधीनपलिल = भेलखेब = क्षमाजल आजिर ु = जलािलसुसेरा = सुर आयगोए = का कएसम्म = अतिकर्तकराडहार = कड़◌ुआर (तकड़◌ा पकड़ि◌ यमुना पार करब)लहु-लहु आखरे = लघ ु-लघ ु अक्षरतामरस = कमलघनसार = कप ूर्रवेपथ ु = कमस ृण = िचनसुदित = सुर दा ँतबालीसुित = ुितजित = जतेकघिमअ = फूँकल जाइत अिछआनइित = परवशतादीब = शपथबड़इ = बहुतदेव देयािसिन = झाड़-फूँक करए बाली स्ीजिटला = ककर्शाफुकिर = िचकिर58


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्बहुिर = पुवध ूअा = िचबेसर = नाकक आभूषणयिया = वीणा बजाबए बलाय = वीणाफोटा = ठीकासमत = सतमौिल = मकमेमुसरेँ = म ूसलजेमाओव = भोजननवइते = उतरैतपिडचा ँ = पिटआमाड़व = मड़बाउगारल = घेिरकए पकड़बआ ँजल = अंजनडाढ़ल = द कएलगौह = खोह/ गुफािबलुिवअ = बा ँटल जाएमउल = मुकुटडाढ़ित = जिर जायतु = दाढ़◌ी (मुँह बला खए बला निह)अधँगँ = अधा र्गअ = अिधकअभरन = पिहरबाक वस्बड़◌ाव = श ंसातौ ँ = तथािपिनसाकर = चमासिरस = सद ृशता ंतल = उ59


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्सैकत = बाल ूहब = होएतिनध ुवन = संभोगआरा = आनकहाओिस = कहबैत छिथराजमराल = राजहंससार = हाथीसारवदन = गश(अवतर्ते)मैिथलीक मानक लेखन-श ैली1. जे श मैिथली-सािहक ाचीन कालसँ आइ धिर जािह वर्नीमे चिलत अिछ, से सामातः तािह वर्नीमे िलखल जाय- उदाहरणाथ र्-ाअाएखनठामजकर,तकरतिनकरअिछअखन,अखिन,एखेन,अखनीिठमा,िठना,ठमाजेकर, तेकरितनकर।(वैकिक पेँ ा)ऐछ, अिह, ए।2. िनिलिखत तीन कारक प वैिपकतया अपनाओल जाय:भ गेल, भय गेल वा भए गेल।जा रहल अिछ, जाय रहल अिछ, जाए रहल अिछ।कर’ गेलाह, वा करय गेलाह वा करए गेलाह।3. ाचीन मैिथलीक ‘’ िनक ानमे ‘न’ िलखल जाय सकैत अिछ यथा कहलिन वा कहलि।4. ‘ऐ’ तथा ‘औ’ ततय िलखल जाय जत’ तः ‘अइ’ तथा ‘अउ’ सद ृश उारण इ हो। यथा- देखैत, छलैक, बौआ, छौक इािद।5. मैिथलीक िनिलिखत श एिह पे यु होयत:जैह,सैह,इएह,ओऐह,लैह तथा दैह।6. ह्र् इकारा ंत शमे ‘इ’ के लु करब सामातः अा िथक। यथा- ा देिख आबह, मािलिन गेिल (म मामे)।7. तं ‘ए’ वा ‘य’ ाचीन मैिथलीक उरण आिदमे तँ यथावत राखल जाय, िकं तु आधिनक ु योगमे वैकिक पेँ ‘ए’ वा ‘य’ िलखल जाय। यथा:- कयलवा कएल, अयलाह वा अएलाह, जाय वा जाए इािद।8. उारणमे द ू रक बीच जे ‘य’ िन तः आिब जाइत अिछ तकरा लेखमे ान वैकिक पेँ देल जाय। यथा- धीआ, अढ़◌ैआ, िवआह, वा धीया, अढ़◌ैया,िबयाह।9. सानािसक तं रक ान यथासंभव ‘ञ’ िलखल जाय वा सानािसक र। यथा:- मैञा, किनञा, िकरतिनञा वा मैआ, ँ किनआ, ँ िकरतिनआ ँ।10. कारकक िवभिक्क िनिलिखत प ा:-हाथकेँ , हाथसँ, हाथेँ, हाथक, हाथमे।’मे’ मे अार सव र्था ा िथक। ‘क’ क वैकिक प ‘केर’ राखल जा सकैत अिछ।60


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्11. प ूव र्कािलक ियापदक बाद ‘कय’ वा ‘कए’ अय वैकिक पेँ लगाओल जा सकैत अिछ। यथा:- देिख कय वा देिख कए।12. मा ँग, भा ँग आिदक ानमे माङ, भाङ इािद िलखल जाय।13. अर् ‘न’ ओ अर् ‘म’ क बदला असार निह िलखल जाय(अपवाद-संसार सार निह), िकं तु छापाक सुिवधाथ र् अर् ‘ङ’ , ‘ञ’, तथा ‘ण’ क बदला अारो िलखल जासकैत अिछ। यथा:- अ, वा अंक, अल वा अंचल, क वा कं ठ।14. हलंत िच िनयमतः लगाओल जाय, िकं तु िवभिक संग अकारा ंत योग कएल जाय। यथा:- ीमान, ् िकं तु ीमानक।15. सभ एकल कारक िच शमे सटा क’ िलखल जाय, हटा क’ निह, संयु िवभिक हेतु फराक िलखल जाय, यथा घर परक।16. अनािसककेँ चिबु ारा कयल जाय। पर ंतु मुणक सुिवधाथ र् िह समान जिटल माा पर अारक योग चिबुक बदला कयल जा सकैतअिछ।यथा- िहँ केर बदला िहं।17. प ूण र् िवराम पासीसँ ( । ) सिचत ू कयल जाय।18. सम पद सटा क’ िलखल जाय, वा हाइफेनसँ जोड़ि◌ क’ , हटा क’ निह।19. िलअ तथा िदअ शमे िबकारी (ऽ) निह लगाओल जाय।20.ाअा1. होयबला/होबयबला/होमयबला/ हेब’बला, हेम’बलाहोयबाक/होएबाक2. आ’/आऽ आ3. क’ ले/कऽ ले/कए ले/कय ले/ल’/लऽ/लय/लए4. भ’ गेल/भऽ गेल/भय गेल/भए गेल5. कर’ गेलाह/करऽ गेलह/करए गेलाह/करय गेलाह6. िलअ/िदअ िलय’,िदय’,िलअ’,िदय’7. कर’ बला/करऽ बला/ करय बला करै बला/क’र’ बला8. बला वला9. आङ्ल आ ं10. ायः ायह11. द ुःख द ुख12. चिल गेल चल गेल/चैल गेल13. देलिख देलिक, देलिखन14. देखलि देखलिन/ देखलै15. छिथ/ छलि छिथन/ छलैन/ छलिन16. चलैत/दैत चलित/दैित61


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्17. एख अख18. बढ़ि बढि19. ओ’/ओऽ(सव र्नाम) ओ20. ओ (संयोजक) ओ’/ओऽ21. फािग/फािँफाइ ंग/फाइङ22. जे जे’/जेऽ23. ना-कुर ना-कर24. केलि/कएलि/कयलि25. तखन तँ तखनतँ26. जा’ रहल/जाय रहल/जाए रहल27. िनकलय/िनकलए लागलबहराय/बहराए लागलिनकल’/बहरै लागल28. ओतय/जतय जत’/ओत’/जतए/ओतए29. की फूड़ल जे िक फूड़ल जे30. जे जे’/जेऽ31. कू िद/यािद(मोन पारब) कू इद/याइद/कू द/याद32. इहो/ओहो33. हँसए/हँसय हँस’34. आिक दस/ िकं वा दस/ वा दस35. सासु-ससुर सास-ससुर36. छह/सात छ/छः/सात37. की की’/कीऽ(दीघीर्कारामे विजर्त)38. जबाब जवाब39. करएताह/करयताह करेताह40. दलान िदिश दलान िदश41. गेलाह गएलाह/गयलाह42. िकछु आर िकछु और43. जाइत छल जाित छल/जैत छल44. पहु ँिच/भेिट जाइत छलपहु ँच/भेट जाइत छल62


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्45. जबान(युवा)/जवान(फौजी)46. लय/लए क’/कऽ47. ल’/लऽ कय/कए48. एखन/अख अखन/एख49. अही ं केँअही ँ केँ50. गही ं रगही ँ र51. धार पार केनाइ धार पार केनाय/केनाए52. जेका ँ जेँ का ँ/जका ँ53. तिहना तेिहना54. एकर अकर55. बिहनउ बहइ56. बिहन बिहिन57. बिहिन-बिहइ बिहन-बहनउ58. निह/59. करबा’/करबाय/करबाए60. त’/त ऽ तय/तए61. भाय भै62. भा ँय63. यावत जावत64. माय मै65. देि/दएि/दयि दि/दैि66. द’/द ऽ/दएिकछु आर शमानक मैिथली_३तका’ कए तकाय तकाएपैरे ( on f oot ) पएरेताहुमे ताहूमेपुीक63


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्बजा कय/ कएबननायकोलािदका िदनकाततिहसँगरबओलि गरबेलिबालु बाल ूचे िच(अशु)जेजे’से/ केसे’/के’एख ुनकाअखकाभुिमहार भूिमहारसुगरस ूगरझठहाक झटहाकछूिबकरइयो/ओ करैयोपुबािरपुबाइझगड़◌ा-झा ँटीझगड़◌ा-झािटँपएरे-पएरेपैरे-पैरेखेलएबाकखेलेबाकखेलाएबाकलगा’होए- होब ुझलब ूझलब ूझल (संबोधन अथ र्मे)यैहयएहताितलअयनाय- अयनाइिन- िनिबिबनजाए जाइजाइ(i n di f f er ent sense)-l ast wor d of sent enceछत पर आिब जाइ64


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्खेलाए (pl ay) – खेलाइिशकाइत- िशकायतढप- ढ़पपढ़- पढकिनए/ किनये किनराकस- राकशहोए/ होय होइअउरदा- औरदाब ुझेलि ( di f f er ent meani ng- got under st and)ब ुझएलि/ ब ुझयलि (under st ood hi msel f )चिल- चलखधाइ- खधायमोन पाड़लिखमोन पारलिखकैक- कएक- कइएकलग ल’गजरेनाइजरओनाइ- जरएनाइ/जरयनाइहोइतगड़बेलि/ गड़बओलििचखैत- ( to test)िचखइतकरइयो(will<strong>in</strong>g to do) करैयोजेकरा- जकरातकरा- तेकरािबदेसर ामे/ िबदेसरे ानमेकरबयलहु ँ/ करबएलहु ँ/करबेलहु ँहािरक (उारण हाइरक)ओजनवजनआधे भाग/ आध-भागेिपचा’/ िपचाय/िपचाएनञ/ बा नञ () िपचा जायतखन (नञ) कहैत अिछ।65


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्कतेक गोटे/ कताक गोटेकमाइ- धमाइ कमाई- धमाईलग ल’गखेलाइ (f orplay<strong>in</strong>g)छिथ छिथनहोइत होइोिकयोकेश ( hai r )केस (<strong>co</strong>ur t -case)बननाइ/ बननाय/ बननाएजरेनाइकुरसी कुसीर्चरचाचचा र्कम र्करमडुबाबय/ डुमाबयएख ुनका/ अख ुनकालय (वाक अितम श)- ल’कएलककेलकगरमीगमीर्बरदीवदीर्सुना गेलाह सुना’/सुनाऽएनाइ-गेनाइतेना घेरलिनञडरोड’रोकतहु- कही ंउमिरगर- उमरगरभिरगरधोल/धोअल धोएलगप/गके के’दरबा/ दरबजाठाम66


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्धिर तकघिरूलौिटथोरबेकबतोँ/ तू ँतोँिह( पमे ा)तोँही/तोँिहकरबाइएकरबाइयेएकेटाकिरतिथकरतिथपहु ँिच पहु ँचराखलि रखलिलगलि लागलिसुिन (उारण सुइन)अिछ (उारण अइछ)एलिथ गेलिथिबतओिबतेकरबओलि/ करेलिखकरएलिआिकिकपहु ँिच पहु ँचजराय/ जराए जरा’ (आिग लगा)से से’हा ँ मे हा ँ (हा ँमे हा ँ िवभिक्मे हटा कए)फेल फैलफइल( spaci ous) फैलहोयति/ होएति हेतिहाथ मिटआयब/ हाथ मिटयाबयफेका फें कादेखाए देखा’देखायदेखा’सिरसरसाहेबसाहब67


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्<strong>१</strong>७. VI DEHA FOR NON RESI DENT MAI THI LSVI DEHA MI THI LA TI RBHUKTITI RHUT---Basar h seal shows t hat i n Ti r abhukt i , t he Kumaumat ya was ent r ust ed wi t h t he di st r i ct admi nistration to thepr ovi nci al gover nor s cal l ed upar i ka.The Panchobh <strong>co</strong>pper -pl at e gr ant deed of Ramagupt a appear s t o <strong>co</strong>nt i nue t he domi nance of Lat er Gupt as over t heSout her n par t of t he pr ovi nce . Sangr amagupt a gr ant ed a vi l l age Vani pama i n di st ri ct Jambuvani t o a Br ahmanacal l ed Kumira Swami of Sandi l ya Got r a,. l ear ned i n Yaj ur veda and bel ongi ng t o Kol a chanul a.Af t er t he Gupt as, Mi thila formed a par t of Har sha' s Empi r e whi ch i ncl uded Lor d of Fi ve I ndi es have been<strong>in</strong>terpreted as, Lor d of Punj ab, Kanyakubj a, Mi t hi l a, Bengal and Or i ssa.Har s ha l ef t no son t o succeed hi m, Ar j una or Ar unusva, i nchar ge of Ti r abhukt i , cl ai med i mper i al st at us and f or cednei ghbour i ng pr ovi nces t o submi t to him. Madhavagupt a who became i ndependent , must have r esi st ed t he pr et ensi ons ofAr j una. A chi nese mi ssi on was goi ng t o Magadha and Ar j una at t acked t he mi ssi on. Thi s assaul t br ought about thei nvasi on of hi s ki ngdom by t he Ti bet an ar my swooped down upon Ti r hut , t he ki ngdom of Ar j una and st or med hi scapi t al and al so ot her t owns of t he ki ngdom. He was capt ur ed and i t was qui t e possi bl e t hat Ti r abhukt i wasbr ought under Ti bet an i mper i al i sm ai ded by t he Nepal ese ar my. Ki ng of Ti bet ,est abl i shed hi s sway over Mi t hi l a, al ong wi t h Nepal . Ti bet an r ul e i n Ti r hut l ast ed onl y f or about hal f a cent ur y A.D. 647-8 t o 703 AD . .Ar j una at t acked a Chi nese mi ssi on killed most of t he member s of t he mi ssi on and pl under ed t hei r pr oper t y.Wanthi uen-t se f l ed t o Nepal , secur ed 7, 000 sol di er s f r om Nepal and 1200 f r om Ti bet and r et ur ni ng t o I ndi an pl ai ns,di sast r ousl y def eat ed and i mpr i soned Ar j una and t ook hi m a captive to Ch<strong>in</strong>a.Gopal a : The pal as of Bengal ext ended t hei r i nf l uence over t he whol e of East er n I ndi a.The Pal as i nscr i pt i ons ofear l i er t i mes do not al l ude at al l t o any gl or i ous and l egendr y descent as t hey wer e Buddhi st s.The f oundat i onof t he Pal a dynast y i n Bengal goes back t o Gopal a, put an end t o t he st at e of anar chy whi ch pr evai l ed i n Bengalaf t er t he deat h of Sasanka.Gopal a i s al so cr edi t ed wi t h t he f oundat i on of t he Nal anda Vi har a , r educed Magadha al so under hi s power .Dhar mapal a ( c, 783-818 A. D.) r eal l y r ai sed t he gl or y of Pal as t o I mper i al hei ght s, Mi t hi l a was an i nt egr al par t ofits central struct ur e bei ng di r ect l y admi ni st er ed by t he ki ng hi msel f . Dhar mapal a f ought wi t h t he Pr at i har as andmade hi msel f t he r eal mast er of Kanauj and i nst al l ed hi s pr ot ege chakr ayuddha t o t he t hr one as a vasal r ul er .The Kar nat as and t he Lat as ar e ment i oned among r oyal of f i cer s i n t he Nal anda I nscr i pt i on of Dhar mapal a.Devapal a ( c. 818-850 A D.) <strong>co</strong>nt i nued hi s hol d over Mi thila, Mudgagi r i ( Munger ) became an i mpor t ant admi nistrativecent r e.Badal pillar <strong>in</strong>scription of Narayanapala- the vict or i es of the time of Devapal a ar e cr edi t ed t o t he her edi t ar ymi nisterial family, Darbharai and hi s gr andson Kedar a Mi shra who were Mai t hi l . Devapal a's r ei gn i s t he hi gh wat ermar k of t he Pal a i mper i al i sm.Bhagal pur I nscr i pt i on def i ni t el y uses t he word Tr i bhukt i f or Monghyr .68


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्Vi gr ahapal a I i s t he sams as Sur apal a ment i oned i n t he Hadal Pi l l ar i nscr i pt i on of Gur avami sr a,,because i t i s t heonl y name ment i oned bet ween Devapal a and Nar ayanpal a, and agai n i n t he Bhagal pur gr ant .Nar ayanpal a ( c. 863-916 A. D.) agai n Pal a domi nat i on over Mi thila. gr ant ed f r om Mudgagi r i ( Monghyr ) a vi l l age i nTi r abhukt i t o t he Shr i ne of Si va.The Bhagal pur <strong>co</strong>pper Pl at e of Nar ayanapal a - Gur av amigra was hold<strong>in</strong>g a high office-t hat of a dut aka of a r oyalgr ant . Af t er hi s accessi on Nar ayanapal a became r e<strong>co</strong>nci l ed wi t h t he mi nist er i al f ami ly and par doned Gur avami sraf or t he par t t hat he or hi s f at her mi ght have pl ayed dur i ng t he i nt er nal t r oubl es i n t he f ami ly.The Di ghwa-Dubaul i pl at e was i ssued by Mahendr apal a -a village gr ant about 40 Kms . Sout h east of Gopal aganj i nt he Sar an Di st r i ct - , hol d of Mahendr apal a over Nor t h Bi har . Hi s l ast known dat e i s 907-08 AD . .Mahi pal a' s aut hor i t y over Ti r abhukt i i s pr oved by t wo i dent i cal i ma ges i nscr i pt i ons f ound i n t he vi l l age ofImadpur i n t he Muzaf f ar pur .I n 1019 A. D. Kal achur i Gangeyadeva was r ul i ng over Ti r hut , and t her ef or e Mahi pal a I must r e<strong>co</strong>nquer ed i t f r omKal achur i s .Nanyadevaof Mi thila who came t o t he t hrone i n 10 th cent ur y AD." Gaudadl i vaj a" -t he <strong>co</strong>r r ect r eadi ng bei ng " Gar udadhvaj a", f ew possi bi l i t y of i dent i f yi ng Gat i geyadeva ofTi r abhukt i wi t h t he Kal achur i Ki ng. Ganga or Gahga-deva, son of Nanyadeva ( 1097-1147 A. D.).Mi thila mi ght have passed i nt o t he hands of some ot her rul er t han t he Pal as.Ramapal a at t empt ed a par t i al r ej uvenat i on. Chedi s of Tr i pur i , t he Kar nat a' s of Mi thila,the Raivartas of NorthBengal . t he Rasht r akut a of Pi t hi ( i n Bi har ), t he Chandi si s of Kanauj and t he Senas of East er n Bengal hammer ed att he Pal a ki ngdom, which ultimat el y di sappear ed by 12t h cent ur y A. D.Ramapal a ( c. 1084-1130) <strong>co</strong>nquer ed Mi thila fromRaja k<strong>in</strong>g of Kaivartas.Vai dyadeva' s Kanaul i <strong>co</strong>pper -pl at e r ef er t o t he <strong>co</strong>nquest of t he l and of Rampal a's f at her by t he expr essi on" Janakabhu " and not t hat of Mi thila.Dhar mapal a f ounded t he f amous Vi kr amasila Vihara .The Hi st or y of t he 84 Si ddhas and t hat of t he cel ebr at ed Mai t hi l i poems cal l ed Char i apadas cl ear l y show howval uabl e t he i nf l uence of t he Pal a r ul er s was i n t he hi st or y of Buddhi sm and i t s t hought .By st or m<strong>in</strong>g the capi t al of t he Par amara Ki ng Bhoj a I , dest royi ng t he Kal achuri Ki ng Karma , t he Chal ukya ki ngSomesvar a I paved t he way f or t he Kar nat i c domi nat i on i n Nor t h I ndi an pol i t i csl i ke Gahadaval as of Kanauj ( or Kashi ), t he Senas of Bengal and Nanyadeva of Mi thila.Vijayasena ( c 1095-1158 A. D.) made an at t empt t o <strong>co</strong>nquer Mi t hi l a al so.Nanyadeva cl ai med t o have br oken t he power ofGanda and Venga- Nanyadeva' s son Gangedeva, cl ai med t o be t he l or d of Gauds , en<strong>co</strong>unt er of Vi j ayasena andNanyadeva was i ndeci si ve and t hat Vi j ayasena' s at t empt t o br i ng under hi s domi nat i on,t he whol e of t he basi c Pal aEmpi r e met with a failure <strong>in</strong> so far as Mi t hi l a was <strong>co</strong>ncer nedVal l al asenaVal l al asena ( c. 1158-1179 A. D.)-Val l al a Char i t a - domi nat i ons of Val l al asena <strong>co</strong>mpr i sed f i ve pr ovi nce, vi z., Vanga,Var endr a, Radha, Bagdi and Mi thila.Lakshmanasenu ( c. 1179-1205 A. D) was per haps one of t he gr eat est Ki ngs of Bengal . Hi s <strong>co</strong>ur t was ador ned by emi ment69


<strong>Videha</strong> ÕिवदेहÕ थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>१</strong> जुलाई २००८ (वषर् <strong>१</strong> मास ७ अंक <strong>१</strong>३)<strong>http</strong>://<strong>www</strong>.<strong>videha</strong>.<strong>co</strong>.<strong>in</strong>/मानुषीिमह संस्कृ ताम ्poet s- Umapat i dhar a Mai t hi l , Govar dhanucl r ar ya was cer t ai nl y a Mai t hi l . Vi dyapat i r e<strong>co</strong>r ds t he st or y of an act or whodi ed whi l e i mper sonat i ng Rama ' s vi r aha bef or e hi s <strong>co</strong>ur t , an-era i n Mithila after him- one Lakhanackanda i n t heRagat ar angi ni of Lochana.Chr oni cl e of one Mukunda Sena i s pr eser ved i n Nepal Dur bar Li br ar y.Kar nat a ki ngs wer e i n t he moder n pr ovi nce of Bi har f r om even t he 6t h Cen. A. Dbr , ought wi t h hi m Kar nat i c pandi t s t opr opagat e t hei r cul t ur e. Nanyadeva br ought schol ar s r l dhar adasa, t he aut hor of t he Sadukt i kar pamrita.A great. schol ar and Vi dyagur u of Vachaspat i , Tr i l ochana mi ght have <strong>co</strong>me t o Mithil a al ong wi t h t he Ki ngs of Kar nat a .( c) २००८ सवािधकार र् सुरिक्षत। (c)२००८.सवािधकार र् लेखकाधीन आऽ जतय लेखकक नाम निह अिछ ततय संपादकाधीन।'िवदेह' (पािक्षक) संपादक- गजे ठाकुर। एतय कािशत रचना सभक क◌ॉपीराइट लेखक/संहका र् लोकिनक लगमे रहति, मा एकर थमकाशनक/आका र्इवक/अंजी-संृत अवादक अिधकार एिह ई पिकाकेँ छैक। रचनाकार अपन मौिलक आऽ अकािशत रचना (जकर मौिलकताक संप ूण र् उरदािय लेखकगणक म छि) ggaj endr a@ yahoo. <strong>co</strong>. i n आिक ggaj endr a@ vi deha. <strong>co</strong>. i n केँ मेल अटैचमेक पमेँ . doc, . docx आऽ . txt फ◌ॉमे र्टमे पठा सकैतछिथ। रचनाक संग रचनाकार अपन संिक्ष पिरचय आऽ अपन ैन कएल गेल फोटो पठेताह, से आशा करैत छी। रचनाक अंतमे टाइप रहय, जे ई रचना मौिलकअिछ, आऽ पिहल काशनक हेतु िवदेह (पािक्षक) ई पिकाकेँ देल जा रहल अिछ। मेल ा होयबाक बाद यथासंभव शी ( सात िदनक भीतर) एकर काशनक अंककस ूचना देल जायत। एिह ई पिकाकेँ ीमित ली ठाकुर ारा मासक 1 आऽ 15 ितिथकेँ ई कािशत कएल जाइत अिछ।रचनाक अवाद आ' पुनः काशन िकं वा आका र्इवक उपयोगक अिधकार िकनबाक हेतु ggaj endr a@ vi deha. <strong>co</strong>. i n पर संपकर् क। एिह साइटकेँ ीित झा ठाकुर,मधिलका ू चौधरी आ' रि िया ारा िडजाइन कएल गेल।िसिरु70

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