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िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह

Videha_15_03_2009

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<strong>िव</strong> <strong>दे</strong> <strong>ह</strong> <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> <strong>Videha</strong> <strong>িবেদহ</strong> <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>Videha</strong> Ist MaithiliFortnightly e Magazine <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ माचर् २००९ (वषर् २मास १५ अंक ३०) http://www.videha.co.in/ मानुषीिम<strong>ह</strong> संस्कृ ताम्अिछ ।एि<strong>ह</strong> अवसरपर मैिथलीक <strong>िव</strong>ान पिण्त गो<strong>िव</strong>न्द झा कम्प्युटरलेल <strong>िव</strong>शेष रुपे शब्द गढल जएबाक चा<strong>ह</strong>ी मुदा एखनसामान्य शब्दसं काज चिल जाए त नीक । मैिथली एके मीक िनदशक रघुवीर मोची जमीनी शब्द योग करबापरजो दैत क<strong>ह</strong>लिन जे मैिथलीके अपन क्षे <strong>िव</strong>स्तार करबाक चा<strong>ह</strong>ी । कम्प्युटरमे मैिथलीक लेल कएल जार<strong>ह</strong>ल काजकेदूरगामी भाव र<strong>ह</strong>ल ओ क<strong>ह</strong>लिन ।ोजेक्ट संयोजक राजेश रंजन फ़्युलक कम्प्युटर मानकीकरणके कायर्<strong>िव</strong>िधके <strong>िव</strong>षयमा जनतब दैत क<strong>ह</strong>लिन जे इसमुदाय आधािरत ोजेक्ट अिछ । कायर्ममे कम्प्युटरमे बेशी योग <strong>ह</strong>ोब' बला 5 सय 78 शब्दपर ग<strong>ह</strong>न <strong>िव</strong>चार क"मानक पर आम स<strong>ह</strong>मित बनाओल गेल । मैिथली कम्प्युटक लेल शब्द गढबालेल ई पि<strong>ह</strong>ल यास छल ।कायर्म एएन िसन्<strong>ह</strong>ा इिन्स्टच्युट अफ़ इन्स्टीच्युट अफ़ सोसल स्टिजमे भेल छल जाि<strong>ह</strong>मे रामानन्द झा रमण,मो<strong>ह</strong>न भाराज, सुधीर कु मार, जयकाश, राके श रोशन, संगीता सि<strong>ह</strong>तक <strong>िव</strong>ान, अनुवादक आ कम्प्युटर उपभोास<strong>ह</strong>भागी छल ।<strong>िव</strong>की फु एल, <strong>िव</strong>की मैिथली आिद ोजेक्ट इंटरनेटपर चिल र<strong>ह</strong>ल अिछ।मैिथलीक भारतीय ओपेन ऑिफस, मल्टी ोटोकोल मेसेंजर,कं टेंट मैनेजमेंट िसस्टम, स्ाइबस, सनबर् कै लेंर, ई-मेलक्लाइंट, की-बोर् ाइवर, फॉंट, वेब ाउसर, आ िभाषीय िक्शनरी आब आिब गेल अिछ। ई सम्भव भेल अिछटेक्नोलोजी ेवेलपमेंट फॉर इंियन लैंगवेजेज ोाम, सेंटर फॉर ेवेलोपमेंट ऑफ एवांस् कं प्युिटंग आ साि<strong>ह</strong>त्यअकादमीक स<strong>ह</strong>योगक पिरणाम स्वरूप।मैिथली साफ्टवेयर अओजार आ फान्ट नाम्ना एि<strong>ह</strong> सी.ी.पर <strong>िव</strong>ापितक फोटो लागल अिछ।मैिथली भाषाक कतेक ािरपर संस्मरण कृ ितके एि<strong>ह</strong>बेरके साि<strong>ह</strong>त्य एके मी पुरस्कार 2008 <strong>दे</strong>ल गेल अिछ । भारतक राजधानी नयी िदल्लीिस्थत साि<strong>ह</strong>त्य एके मीारा आयोिजत एक समारो<strong>ह</strong>मे <strong>िव</strong>िभन्न 23 भारतीय भाषाक कृ ितके पुरस्कृ त कएल गेल अिछ । साि<strong>ह</strong>त्य एके मीपुरस्कार अन्तगर्त 50 <strong>ह</strong>जार भारतीय नगद आ तापसं सजर्कके सम्मान कएलक । मैिथली भाषाक संस्मरण कृ ित कतेक ािरपरकेलेखक मन्ेर झा के इ सम्मान <strong>दे</strong>ल गेलिन्<strong>ह</strong> । एि<strong>ह</strong> पोथीमे झा अपन शासिनक जीवनक अनुभव स<strong>ह</strong>ेजने छैथ । झा मैिथलीसाि<strong>ह</strong>ित्यक, सांस्कृ ितक अिभयानमे सिय छिथ ।झा मैिथली साि<strong>ह</strong>त्य समृिक लेल पाठक संख्या बढएबापर ध्यान <strong>दे</strong>ल जएबाक चा<strong>ह</strong>ी क<strong>ह</strong>लिन । मन्े·◌ार झा पटना<strong>िव</strong>·◌ा<strong>िव</strong>ालयसं स्वणर्पदक आ राजनीितमे स्नातकोर कएने छैथ । ि<strong>ह</strong>नक अिन्चन्<strong>ह</strong>ार गाम, ब<strong>ह</strong>सल राितक इजोत, कांटक जंगल आ पलाश, चा<strong>ह</strong>ी एकटानोकर जे<strong>ह</strong>न कृ ित कािशत छिन्<strong>ह</strong> । ि<strong>ह</strong>नक जन्म सन ् 1944 मे िब<strong>ह</strong>ारक मधुवनी िजलामे भेल छिन्<strong>ह</strong> ।सन 1972 में झाक थम कृ ित खािध क<strong>िव</strong>ता सं<strong>ह</strong> कािशत भेल र<strong>ह</strong>िन । एखनधिर ि<strong>ह</strong>नक 25 टा कृ ित कािशत भ चुकल छिन्<strong>ह</strong> ।पुरस्कृ त पोथी मैिथलीमे नव आयामक पि<strong>ह</strong>ल आत्म कथा मानल गेल अिछ ।18 फरबरीकेँ राजेन् भवनमे एकल पाठक अवसरपर <strong>ह</strong>ुनकासँ भेँट भेल। गंगेश गुँजन, अिनल िम आ सेे टरी ीवास्तव जी से<strong>ह</strong>ो र<strong>ह</strong>िथ।िमिथला िमि<strong>ह</strong>रमे <strong>ह</strong>ुनक गंगापर क<strong>िव</strong>ता जकर कारण सुधँशु शेखर चौधरीकेँ क्षमा याचना करए पड़ल र<strong>ह</strong>िन्<strong>ह</strong> सँ ओ क<strong>िव</strong>ता पाठ शुरूकएलिन्<strong>ह</strong>।स्व. अिनलचन् ठाकु र जीक जन्म 13 िसतम्बर 1954 ई.केँ किट<strong>ह</strong>ार िजलाक समेली गाममे भेलिन्<strong>ह</strong>। 1982 ई.मे ि<strong>ह</strong>न्दी साि<strong>ह</strong>त्यमे4

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