22.08.2015 Views

िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह

Videha_15_03_2009

Videha_15_03_2009

SHOW MORE
SHOW LESS

You also want an ePaper? Increase the reach of your titles

YUMPU automatically turns print PDFs into web optimized ePapers that Google loves.

<strong>िव</strong> <strong>दे</strong> <strong>ह</strong> <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> <strong>Videha</strong> <strong>িবেদহ</strong> <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>Videha</strong> Ist MaithiliFortnightly e Magazine <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १५ माचर् २००९ (वषर् २मास १५ अंक ३०) http://www.videha.co.in/ मानुषीिम<strong>ह</strong> संस्कृ ताम्अबैत अिछ। उपन्यासक िस्थितमे तँ ई सवार्िधक भावी <strong>ह</strong>ोइत अिछ। कथा <strong>िव</strong>स्तारआ घटना <strong>िव</strong>कासमे कथोकथन जते बेसी <strong>ह</strong>ो, उपन्यास ओतबे जीवन्त <strong>ह</strong>एत। एतबाधिर अवश्य जे कथोपकथनक सम्वाद, भाषण नि<strong>ह</strong> भ’ जाए, से भेलासँ उपन्यासकरोचकता आ भाव आ<strong>ह</strong>त <strong>ह</strong>ोइत अिछ। <strong>ह</strong>मरा जनैत ओ उपन्यास सवार्िधक रोचकआ भावकारी <strong>ह</strong>ोइत अिछ, जकर पाा आपसमे बेसी काल गप-शप करैत कथाकेंगित दैत अिछ। उपन्यासकारकें कथाभूिममे जते कम जाए पड़िन, भाव तते बेसीबल <strong>ह</strong>एत। मुदा ई गप-शप लर नि<strong>ह</strong> <strong>ह</strong>ो, से ध्यान राख’क िथक। सम्वादमेपााक मनोभाव आ आचरणक संके त <strong>ह</strong>ो। अथार्त ् नाटकीय शैलीक उपन्यासिलखब एकटा पैघ जोिखमक काज िथक, जे उपन्यासकें संिक्ष, दी, रोचक आभावकारी बनबैत अिछ। ओना एकटा <strong>िव</strong>कराल जोिखम संग लागल र<strong>ह</strong>ैत अिछ --कौशलमे कनेको चूक भेल तँ सब गुर गोबर।एि<strong>ह</strong> मािमलामे राजकमल चैधरीक दुनू उपन्यास--आन्दोलन, आिदकथा--भूत सफल उपन्यास िथक। दू िभन्न <strong>िव</strong>षय, दू िभन्न मनोभावक उपन्यासमेकथानककें <strong>िव</strong>स्तार दैत कथोपकथन, घटना <strong>िव</strong>शेषक पिरिस्थित आ वातावरणिनमार्णमे अपूवर् सफलता ा के लक अिछ। पााक आवेग, ेरणा, भावना, घटना<strong>िव</strong>शेष पर ओकर ितिया आ पारस्पिरक भावक झाँकी दुनू उपन्यासक कथोपकथनमे<strong>ह</strong>रदम <strong>दे</strong>खाइत र<strong>ह</strong>ैत अिछ। छोट-छोट वाक्य आ कथन खण्क कारणें ई भावआओर रोचक भेल अिछ आ उपन्यासमे िनखार आएल अिछ। आन्दोलनमे सुशीलासन वेश्यासँ कमलजीक वातार्लाप(पृ. 38-39), िनमर्लाजीसँ भेंट-घाँटक मा<strong>दे</strong> कमलजीआ नीलूक वातार्लाप(पृ. 48), भाषणक रूपमे <strong>दे</strong>ल गेल वव्यक अछैत सुदशर्नजीक43

Hooray! Your file is uploaded and ready to be published.

Saved successfully!

Ooh no, something went wrong!